रामपुर नामक गाँव मेँ एक बुढ़ा आदमी रहता था, वो हर रात को अपनेँ झोपड़ी के बाहर निकलकर Street light के सामने जाकर कुछ न कुछ खोजता रहता। एक दिन वह बुढ़ा आदमी रात को सड़क के किनारे कुछ खोज रहा था, तभी कुछ लोगोँ ने उससे पुछा- “बाबा आप रोज रात को क्या
चीज खोजते रहते हैँ। और अभी भी आप कुछ खोज रहे हैँ, वो क्या है?”
बुढ़े आदमी ने जवाब दिया-” बेटा मेरे हाथ की घड़ी गुम गई है, मैँ उसे ही खोज रहा हूँ।”
सब लोगोँ को उस पर दया आ गई और बाकि लोग भी उसकी मदद करने लगे।
कई घण्टे बीत गये लेकिन घड़ी किसी को भी नहीँ मिली।
एक आदमी ने उनसे पुछा” बाबा आपकी घड़ी किस तरफ गिरी थी, आपको कुछ याद है।”
बेटा मेरी घड़ी अंधेरे झोपड़ी मेँ गिरी है, बुढ़े आदमी ने कहा।
मदद कर रहे लोगोँ को बहूत गुस्सा आया।
एक आदमी नेँ उनसे ऊँचे स्वर मेँ कहा-
“आप पहले नहीँ बताते, खामखाँ हमारा समय बर्बाद कर दिया। जो चीज आपको अपनेँ झोपड़े मेँ ढुँढनी चाहिये उसे आप इस Street light के नीचे क्योँ ढुँढ रहे हैँ??”
बुढ़े आदमी नेँ हँसते हुए कहा- “बेटा यहाँ पर बहूत उजाला है, और मेरे झोपड़े मेँ बहूत अंधेरा। इस वजह से मैँ अपना सामान यहाँ ढुँढ रहा हूँ।”
इससे क्या होगा- उस आदमी ने कहा।
बुढ़े आदमी ने अपनी क्रिया का सारांश समझाते हूए कहा-
“देखो बेटा! आज की युवा पीढ़ी भागदौड़ मेँ लगी है। आज के युवा सिर्फ यह देख रहे हैँ कि ज्यादा लाइट कहा जल रही है। उन्हेँ जानना चाहिये कि कौन सी फील्ड मेँ वो अच्छा कर सकते हैँ और उन्हेँ उसी फील्ड मेँ अपना भविष्य बनाना चाहिये। लेकिन आज की परिस्थिति कुछ उलट सी गई है। आज की युवा पीढ़ी तो सिर्फ यह देख रही है कि किस फील्ड मेँ अच्छा पैसा है, भले ही उनका दिल अलग काम मेँ अंधेरे झोपड़ी मेँ छिपा है पर वो उसे बाहरी प्रकाश मेँ खोज रहे हैँ।
Dear Friends, really आज मेरी Generation के हर Youngster के साथ ये Problem create हो रही है। उनका Interest, उनकी सोँच, उनके दिल का काम अपनी जगह पर अटका तो है पर दुसरे लोगोँ की चमक को देखकर न जाने क्योँ वो अपना कैरियर दुसरी जगह मोड़ लेते हैँ चाहे उनमेँ उनका Interest हो या नहीँ और चाहे वो अपनेँ दिल का मनपसंद काम हो या नहीँ।
इसलिये दोस्तोँ आप भी अपना कैरियर अपनेँ Interest के हिसाब से ही बनाईये। और अपने दिल के काम को बाहर के पैसे रूपी प्रकाश मेँ मत ढुँढिये…।