समझौता मत कीजिये (Don’t Compromise)-
दोस्तों, समझौता एक इंजेक्शन की भांति होता है, जो सहायक भी हो सकता है और तकलीफदेह भी..। यदि किसी कार्य में हम असफल हो गए, हमें सफलता नही मिली और हमने परिस्थितियों से समझौता कर लिया तो हमारी क्या कीमत रह जायेगी? आप किसके लिए हैं? क्या समझौता करने के लिए? अपनी अंतरात्मा की
आवाज के विपरीत किसी भी दुसरी बात पर समझौता मत कीजिये। स्टीव जॉब्स का कहना था कि बाजार में पिछडना मंजूर है लेकिन गलत चीज भेजना कतई मंजूर नही है। बात साफ़ है कि आप किसी कार्य को नही करना चाहते तो स्पष्ट रूप से मना कर दीजिए उसे मन का बोझ बनने मत दीजिए।
निंदा मत कीजिये (Don’t Criticize)-
निंदा एक बहुत बड़ी बीमारी के समान है, इससे हमेशा हम लोगों को खोते हैं, पाते हैं। यदि कोई घटना जो आपसे सम्बन्ध न रखती हो उसकी निंदा न करें। बिना आवश्यकता अपना कीमती समय निंदा करने में न बिताएं। यदि करनी भी हो तो प्रशंसा या प्रोत्साहन के बीच में करें। और यदि निंदा बहुत जरूरी है तो व्यक्ति की जगह कार्य की करें। लोग आपको निंदा करने के लिए प्रेरित करेंगे ऐसी स्थिति में अस्पष्ट सा जवाब देकर बच जाएँ। यदि आपको विवादों से बचना है तो बिना मांगे किसी को राय न दें, यही उलझनों से बचने का एक अच्छा रास्ता भी है।
शिकायत मत कीजिये (Don’t Complain)-
हर व्यक्ति में अलग-अलग गुण मौजूद हैं, सब आपकी तरह ही सोचें या बने ये जरूरी नही! हमेशा शिकायत करते रहना, दुखी रहने का सबसे बड़ा कारण है, इसलिए हर जगह व्यक्ति, वस्तु या सिस्टम की निंदा मत करते रहिये। यदि गलतियाँ खोजनी है तो अपने अंदर खोजिये, और अपनी कमजोरियों को निखारने का प्रयास कीजिये। शिकायती व्यक्ति अपने लाइफ में कभी लोकप्रिय नही होता।
राय/ गॉसिप संभलकर दें (Don’t Comment)-
किसी के बारे में कमेन्ट करना लोगों के व्यवहार का एक हिस्सा बनता जा रहा है, आप कुछ अच्छा करने के लिए भी निकलें तो लोग तीखे कमेन्ट करना नहीं छोड़ते। अक्सर हम किसी को शुभचिंतक समझकर किसी व्यक्ति के बारे में अपना नजरिया या राय व्यक्त कर देते हैं, बिना ये सोचे कि यदि ये बात सामने वाले तक पहुच गई तो क्या होगा, और जब 100 में से 99 बार शुभचिंतक हमारे द्वारा किये गए छोटे से कमेन्ट या राय को सामने वाले आदमी तक पंहुचा देते हैं, उस समय आपको जवाब देना मुश्किल पड़ जाता है। हमारे द्वारा किया गया छोटा सा गॉसिप/राय भी आगे चलकर कितनी बड़ी मुश्किल खड़ी कर देगा, ये हम नही जानते। इसलिए किसी भी बात पर अनावश्यक राय देने से बचें इससे आप अच्छे रिश्ते खोने से बचेंगे।
विवाद मत कीजिये (Don’t Confront)-
विवादों से हमारे हाथ में जो रहता है हम उसे भी गँवा बैठते हैं, अच्छी दोस्ती, अच्छा रिश्ता, अच्छी नौकरी ये सारी चीजें हम विवादों के कारण खो बैठते हैं। विवाद करने वाले सबकी नजरों में अलोकप्रिय हो जाते हैं, उन्हें लोग किसी भी रूप में स्वीकारने से कतराते हैं। छोटी-छोटी बातों पर झगडा बढ़ना स्वाभाविक हो जाता है, इसलिए विवाद को यदि आगे बढ़ने नहीं देना, तो अपनी गलती स्वीकारने से न झिझकें।
नियंत्रण का प्रयास मत कीजिये (Don’t Control)-
दोस्तों, दूसरों को मौका देना बहुत बडप्पन का काम है। अपने परिवार में अक्सर इसी बात पर नाराजगी देखने को मिलती है कि परिवार के कुछ लोगों को इतना दबा कर रखा जाता है कि उनसे पूछा भी नहीं जाता वो आखिर क्या बनना चाहते हैं! आपका सपना पूरा हो गया इसका मतलब यह नही कि आप दूसरों के विचारों पर कण्ट्रोल रखें, दूसरों को भी अपने सपने पूरा करने का मौका दें, सबको अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीने का हक है, सामने वालों की भावनाओं को भी समझें। यदि आप हर दुसरे व्यक्ति को कण्ट्रोल में रखना चाहेंगे तो आप कभी सफल व्यक्ति नही बन सकते।