दोस्तों आज मैं आप सभी पाठकों के लिए एक इमोशनल खत लेकर आया हूँ जिसमें हमारी जिंदगी को सुन्दर और बहुत ही खूबसूरत बनाने के बारे में बताया गया है। यह खत एक दादाजी ने अपने पोते के लिए लिखा है। कृपया इस खत को खुले मन से पढ़ें, मेरी तरह ही ये आपके दिल को भी छू जाएगी।
प्यारे मुन्ना, इस दुनिया में तुम्हारा स्वागत है। यह बहुत ही सुन्दर, अनोखी और प्यारी जगह है। और तुम्हें इसे और भी सुन्दर और भी प्यारी बनाने के लिए भेजा गया है। भेजा किसने है? यह आज तक कोई नहीं जान पाया है! और शायद जानकर कुछ हासिल भी नहीं होगा। इसलिए ऐसे सवालों पर तुम अपना समय बर्बाद मत करना। हम सबके पास एक सीमित समय होता है, और जितना भी हो कम ही होता है। इस दुनिया में इतना कुछ है देखने को, जानने को, महसूस करने को कि तुम्हारे पास थोड़ा भी वक्त नहीं है बर्बाद करने को। संभावनाएं असीम है, तुम कुछ भी बन सकते हो, कुछ भी कर सकते हो, इस दुनिया को बदल सकते हो। हर दिन कुछ नया करना, कुछ नया सीखना, कुछ नया सोचना। और कभी किसी काम को लेकर मन में दुविधा हो तो याद रखना ना करके पछताने से कहीं अच्छा है करके पछताना क्योंकि अगर कुछ काम करने कुछ न भी मिला तो तजुर्बा मिलेगा और वो बहुत कीमती होता है। हर चीज का तजुर्बा करना, लेकिन किसी भी चीज की आदत मत डालना। तजुर्बे तुम्हें सही और गलत में फर्क करना सिखाएंगे। गलतियां करने से बचना पर गलतियां करने से डरना मत! गलतियां वही करते हैं जो कुछ करते हैं . अपनी गलतियों की जिम्मेदारी लेना, उन्हें सुधारना, दूसरों की गलतियों को माफ़ करना, उन्हें उसे सुधारने का मौका देना। कोई जान बूझकर कोई गलती नहीं करता, कोई जान-बूझकर बुरा बर्ताव भी नहीं करता। किसकी जिंदगी में क्या चल रहा है ये कोई भी नहीं जानता। इसलिए सबको वही मौके देना जो खुद को दोगे, सबसे उतनी ही नरमी बरतना जितना खुद पे बरतोगे। सबकी इज्जत करना। सब पे भरोसा करना और सबसे प्यार करना। इस दुनिया में प्यार की बहुत कमी है बेटा! और सबको इसकी बहुत जरुरत है। तुम्हें भी होगी। मांगने में हिचकिचाना मत और दिखाने में झिझकना मत। जिंदगी बहुत छोटी है, शर्म के लिए संकोच के लिए आये न आये जी-खोलकर नाचो, गला फाड़के गाना, मन भरके खाना, खुलके हंसना और जोर से रोना। बस शरीर से ही बड़े होना, मन से नहीं। जिस दिन अंदर से ये बचपना गया, ये मासूमियत गयी उस दिन समझो जिंदगी गयी। भविष्य के बारे में सोचना, पर चिंता मत करना। बीते दिनों को याद करना पर उनमें खो मत जाना। जिंदगी में कुछ अच्छे दिन आएंगे कुछ बुरे। अच्छे दिनों में घमंड मत करना और बुरे दिनों में हताश न होना। सफलता का सारा श्रेय खुद को मत देना और असफलता का जिम्मा दूसरों पर मत थोपना। बस आगे बढ़ते जाना। खुशियां बांटते जाना और ये जरूर याद रखना, कि तुम्हें यहाँ सिर्फ एक ही कारण से भेजा गया है कि तुम इस दुनिया को और भी सुन्दर और भी प्यारी जगह बना सको।
ढेरों आशीर्वाद के साथ तुम्हारा दादा
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