आत्मविश्वास बढ़ाने के 5 आसान तरीके …
दोस्तों, सफलता प्राप्त करने के लिए Self Confidence की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है. इस पोस्ट में हम ऐसे 5 आसान तरीकों के बारे में बात करेंगे जो आपका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कारगर साबित होंगे…
- आगे की बेंच पर बैठें और सामने नजर आयें- जब मैं स्कूल में था तो मैंने एक चीज गौर की थी… ज्यादातर स्टूडेंट, पीछे के बेंच से बैठते हुए आगे तक जाते थे.. मतलब बेंच के भरने का सिलसिला पीछे से शुरू होता था… और ज्यादातर स्टूडेंट पीछे की लाईन में ही इसलिए बैठते थे ताकि “वह शिक्षक की नजरों से बच सके या शिक्षक की नजरों में न आ सके..”
ऐसा नहीं है कि स्कूल में ही इस टाइप के बेंच भरने का तरीका देखने को मिलता है. गौर से आप देखें तो ऐसा सिस्टम आज स्कूल, कॉलेज, बिजनेस मीटिंग, ग्रुप डिस्कशन, etc.. ऐसी बहुत सारी जगहों पर देखने को मिलती हैं…और वो सभी लोगों की नजरों में इसलिए नहीं आना चाहते क्योंकि कहीं न कहीं उनके अंदर आत्मविश्वास की बहुत कमी होती है…
क्या करें जिससे आत्मविश्वास बढ़े? – हमेशा आगे की बेंच पर बैठने का प्रयास कीजिये.. आगे बैठने के लिए आपको कुछ दिन इसकी Practice करनी होगी… आगे बैठने के लिए आप अपने टीचर, बॉस, प्रोफेशर इनकी नजरों में थोड़ा रहते हैं लेकिन हमेशा यह याद रखिये कि सफलता के लिए लोगों की नजरों में रहना बहुत ही ज्यादा जरूरी है… आप जब भी पीछे की बेंच पर बैठेंगे, आपका डर रेगुलर बढ़ता जायेगा और आपका आत्मविश्वास हमेशा कमजोर पड़ता जायेगा.. यदि आपको अपने अंदर के डर को खत्म करना है तो उस डर से लड़ना सीखना पड़ेगा इसलिए आगे की बेंच पर बैठने का प्रयास करिये, यही वो जरिया है जिससे आप अपने अंदर आत्मविश्वास विकसित कर सकेंगे….
- नजरें मिलाकर बात करने का अभ्यास करें- किसी भी व्यक्ति के बॉडी लैंग्वज से उसके व्यव्हार का पता चल जाता है.. बॉडी लैंग्वेज में आँखों का प्रयोग आपके आत्मविश्वास बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो सकते हैं.. कोई व्यक्ति आँखों का किस तरह से प्रयोग करता है इसे जानकर हमें भी काफी ज्यादा जानकारी मिल सकती है..अगर कोई व्यक्ति आपसे बात करते हुए आपकी तरफ नजर नहीं करता है, आँखें मिलाकर बात नहीं करता है तो आप यह जान सकते हैं कि उसके अंदर आत्मविश्वास की बहुत कमी है.. ऑंखें न मिलाकर बात करने से कुछ तथ्य हमारे सामने आ सकते हैं-
- क्या यह व्यक्ति डरा हुआ है, और डरा हुआ है तो किस बात से डरा हुआ है?
- कहीं ये मुझे धोखा तो नहीं देगा, इस वजह से मुझसे नजरें मिलाकर बात नहीं कर रहा..
- ये आखिर मुझसे क्या और कौन-सी बातें छिपाने की कोशिश कर रहा है?
- आखिर इसके इरादे क्या हैं?
- क्या मैं इस पर विश्वास कर सकता हूँ?
ज्यादातर Eye contact से जो लोग झिझकते हैं उनसे दो बातों का पता चलता है
१. मैं आपसे डरा फील करता हूँ.., मैं आपके सामने आते ही खुद को अनकंफर्टेबल महसूस करता हूँ.., ये भी हो सकता है कि मैं आपसे हीन अनुभव करूँ….
२. सामने वाले से आँखें न मिलकर बात करने से इस बात का खुलासा भी हो सकता है कि
आप अपराधबोध से ग्रस्त हैं….., आपने कुछ ऐसा कर दिया जिसे बताने से आप डर रहे हैं और आपको लगता है कि सामने वाला आपकी सच्चाई जान लेगा तो उसे बहुत दुःख होगा…. यदि मैंने आपसे नजरें मिलाकर बात की तो आप मेरे दिल को समझ जायेंगे और मेरे बारे में बहुत कुछ जान जायेंगे….
नजरें मिलाकर बात न करने से आप कभी भी खुद की इमेज सामने वाले के सामने अच्छी नहीं कर सकते… नजरें दूसरी ओ़र करके बातें करने से आप सामने वाले तक यह सन्देश भेजते हैं कि आप डरे हुए हैं, आपके अंदर आत्मविश्वास की बहुत ही ज्यादा कमी है ….
इसलिए यदि आपको अपने अंदर के डर को मारना है तो नजरें मिलाकर सबसे बात करना होगा इससे आपके आत्मविश्वास में गजब का बदलाव आएगा…
अपनी आँखों में आत्मविश्वास को झलकने दीजिए, आपकी आँखें बिना बोले बहुत कुछ कह जाती हैं इसलिए आँखों में डर को कभी न आने दें और ये सिर्फ तभी होगा जब आप नजरें मिलाकर बात करेंगे न कि नजरें झुकाकर अपने कांफिडेंस लेवल को गिरने देंगे…
- आपके चलने की स्पीड आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी:- सुस्त चाल इस बात का प्रतीक है कि आपके अंदर Self-Confidence की कमी है… जो व्यक्ति थोड़े से प्रयास के बाद हार मान लेता है, खुद को चोट खाया हुआ पाता है वह मरा-मरा चलता है, सुस्त चलता है.. उसमें आत्मविश्वास का बहुत अभाव होता है..
मैंने ऐसे बहुत से लोग देखे हैं जो अपनी लाइफ से, अपने जॉब से खुश नहीं हैं और मैंने पाया है कि उनके चलने की स्पीड बहुत ही कम होती है क्योंकि वे अपनी लाइफ से खुश नहीं होते, थके हुए होते हैं..
याद रखिये औसत लोग “औसत” चाल चलते हैं … उनकी स्पीड हमेशा औसत ही होती है और उनके चेहरे से यह साफ़ झलकता है कि “मुझे खुद पर किसी भी प्रकार का नाज नहीं है, मैं हार हुआ हूँ…’
यदि आपको अपने आत्मविश्वास के लेवल को बढ़ाना है तो अपने चलने की गति को बढ़ाना होगा.. आम लोगों से तेज चलना होगा… आपकी चाल में आपको फुर्ती लानी होगी.. आत्मविश्वास से भरी चाल इस बात का प्रतीक है कि आप जिस महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए जा रहे हैं उसमें आपको जरूर सफलता मिलेगी … आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अपने कन्धों को सीधा कर लीजिए, सिर को ऊपर उठा लीजिए और थोड़े तेज कदमों से आगे की तरफ बढ़ चलिए… आप हमेशा पायेंगे कि आपका आत्मविश्वास पहले से बहुत ज्यादा बढ़ चूका है और आपके अंदर गजब की फुर्ती आ गयी है….
रिजल्ट पाने के बस थोड़ा सा अपने चलने की गति को बढ़ाकर देखिये वाकई इसमें गजब का बदलाव आयेगा…
- बड़ी मुस्कराहट, कुछ ज्यादा पाने और आत्मविश्वास बढ़ाने का जरिया है- एक छोटी-सी मुस्कराहट आपके चेहरे पर रौनक ला देती है.. ज्यातर लोग यह भी कहते हैं कि उन्हें मुस्कराहट से सच्ची ताकत मिलती है और उन्हें पहले से पता होता है कि मुस्कराहट आत्मविश्वास की कमी को दूर करने का सबसे बढ़िया दवा है.. ज्यादातर लोगों को इन बातों पर यकीन नहीं होता क्योंकि वे डरे हुए रहते हैं और मुस्कुराना नहीं चाहते…
बड़ी मुस्कराहट हमेशा आपका आत्मविश्वास बढाती है, यह आपका डर भगाती है, आपकी चिंता दूर करती है और आपकी निराशा को खत्म कर देती है…
इतना ही नहीं, एक सच्ची मुस्कान सिर्फ आपके आत्मविश्वास को ही नहीं बढ़ाती या सिर्फ आपके मन की बुरी भावनाओं को ही नहीं हटाती… सच्ची मुस्कराहट से आपके प्रति लोगों का विरोध भी पिघल जाता है और यह तत्काल होता है….अगर आप किसी को बड़ी-सी मुस्कान देते हैं तो सामने वाला व्यक्ति आपसे गुस्सा हो ही नहीं सकता… हमेशा बड़ी मुस्कुराहट देने का प्रयास करें… आप महसूस करेंगे कि एक बार फिर खुशी के दिन लौट आये हैं. लेकिन आपको मुस्कुराने में किसी प्रकार की कंजूसी नहीं करनी… आधी मुस्कुराहट से कोई काम नहीं चलने वाला, आधी मुस्कुराहट से सफलता की गारंटी देना पोसिबल नहीं…तब तक मुस्कुराइए जब तक आपके दांत न दिखने लगे.. बड़ी मुस्कराहट ही सफलता की पूरी गारंटी दे सकती है… मुस्कुराहट की पॉवर इतनी शक्तिशाली होती है कि आपके मन में फिर से उत्साह झलक पडता है….आत्मविश्वास सब कुछ हासिल करने का सबसे बड़ा जरिया है और इस जरिये को बरकरार रखने का सबसे बड़ा माध्यम मुस्कराहट है……….. इसलिए आज से ही बड़ी मुस्कान के साथ आगे बढ़ें और बस मुस्कुराते हुए काम करते रहें, सबसे मिलते रहें… आपका आत्मविश्वास हमेशा बढ़ता चला जाएगा……..
- बोलने की आदत डालिए- स्कूल, कॉलेज, ट्रेनिंग मीटिंग, बिजनेस चर्चा, इन सबमें एक चीज गौर करने वाली बात होती है, बहुत ही कम लोग डिस्कशन में भाग लेते हैं, डिस्कशन के दौरान बहुत लोगों का मुँह ही नहीं खुलता … ऐसा बिलकुल नहीं कि उनके पास अच्छे विचार प्रेसेंट करने के लिए मौजूद नहीं होते…या वे बोल नहीं सकते इसका कारण तो बस यह होता है कि उनके पास आत्मविश्वास की बहुत कमी होती है…
जितने बार आप चुप रहेंगे, उतने बार आप असफल होंगे और आप स्वयं को उतना ही अक्षम और हीन समझते जायेंगे..
चुप रहने वाला व्यक्ति अपने बारे में कुछ इस तरह की बातें सोचता है- “मेरा विचार शायद काम का नहीं है .. अगर मैं कुछ कहूँगा तो शायद मेरे टीम के लोग मेरा मजाक उडाएं और मुझे बेवकूफ समझें..इसलिए बेहतर होगा कि मैं चुपचाप ही बैठा रहूँ… इसके अलावा टीम में मुझसे बेहतर और एक से बढ़कर एक लोग हैं जो मेरी बातों को रिजेक्ट कर सकते हैं…
यह बहुत ही महत्वपूर्ण वाक्य है – “हर बार जब चुप्पा व्यक्ति बोलने में असफल रहता है तो वह आत्मविश्वास को खत्म करने वाले जहर की एक और खुराक गटक लेता है.. अपने आप पर विश्वास उतना ही कम हो जाता है…”
अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए हमेशा बिजनेस मीटिंग, स्कूल, कॉलेज, इन सबमें खड़े होकर बोलने का प्रयास करें.. सभी बातचीत में शामिल होकर अपना मत रखने की कोशिश कीजिये … कोई सवाल पूछिए, अपना सुझाव दीजिए.. सबसे पहले बोलने की आदत डालिए, अपने अंदर के झिझक तो तोड़िये… पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़े होकर अपना मत रखिये… मुर्ख समझे जाने का डर बाहर निकाल दीजिए, मजाक उड़ाने वाली बात भूल जाइए… हमेशा ग्रुप के लीडर का ध्यान अपनी ओ़र आकर्षित करने का प्रयास कीजिये… लोगों के ध्यान को अपनी ओ़र आकर्षित करने के लिए आपको बोलना ही होगा … यदि आत्मविश्वास बढ़ाना है तो बोलने के तरीके ढूंढिए और पूरे आत्मविश्वास से सफलता पाइए…………
धन्यवाद!
नोट- यह आर्टिकल बड़ी सोच का बड़ा जादू किताब से प्रेरित है जिसके लेखक डेविड जे. श्वार्ट्ज हैं…