Hi Friends, Business Start up को लेकर एक बहुत बड़ा misconception जो सबको होता है और मुझे भी था वो ये है कि एक Successful Business Start करने के लिए मुझे एक जबरदस्त आईडिया चाहिए, ऐसा आईडिया जिसे मैं खूब मेहनत के साथ Execute करूँ तो वो मुझे Billionaire या कम से कम Multimillionaire तो बना ही दे. कुछ ऐसा ही जैसे Mark Zuckerberg के Facebook का आईडिया…, Youtube पर विडियो शेयर करने का आईडिया जो PAYPAL के तीन Employees ने सोचा था… और बाकी सारी Billion डॉलर कंपनी का वो एक जबरदस्त आईडिया जो उनको करोड़पति बना देता है. पर सच तो ये है कि ये सब एक myth है. Youtube पहले एक ऑनलाइन डेटिंग साईट थी न कि विडियो Sharing साईट. Facebook से पहले Mark Zuckerberg ने एक Hot or Not game type Website बनाई थी जिसका नाम Facmash था. फेसबुक उनका पहला आईडिया नहीं था .
99% Times लोगों का पहला आईडिया उन्हें इतनी सक्सेस नहीं देता बल्कि वो सक्सेस उस आईडिया को यूजर के Requirement के हिसाब से Replace or Modify करने के हिसाब से मिलती है.
आपको पता होना चाहिए कि स्टार्टअप एक ब्रिलियंट आईडिया पर काम करके रातों रात अमीर बनने को नहीं कहते बल्कि स्टार्टअप उसे कहते हैं इसमें आपको बहुत सी Extreme Uncertainty को हैंडल करना पड़े.
Startup एक Experiment जैसा होता है, जिसमें हमें चीजों को टेस्ट करके बार-बार सीखना होता है. और वो भी अपने Competitors से जल्दी.
एक ऐसा Experiment जिसमें हमें आउटपुट क्या मिलेगा इसके बारे में कुछ पता नहीं होता …
WHY DO MOST OF THE STARTUP FAIL?
Crayegg company के co-founder नील पटेल जो कि एक ऑनलाइन मार्केटर हैं. और USA के काफी Successful Entrepreneur में से एक हैं.. उन्होंने एक बार मिलियन डॉलर का फंड्स उठाया, अपने एक ब्रिलियंट आईडिया पर काम करने के लिए .. वो आईडिया सबको काफी पसंद आया था, Investors को भी … आईडिया एक ऐसा प्रोडक्ट बनाने का था जो कम्पनिस के सोशल मीडिया ट्राफिक के प्रोब्लम्स को सोल्व कर सके. उनकी टीम ने पूरा एक साल और पूरे एक मिलियन डॉलर उस प्रोडक्ट को अच्छे से बनाने के लिए लगा दिए. और जब उन्हें लगा कि प्रोडक्ट अब अच्छी तरह लॉन्च के लिए रेडी हो गया है, उन्होंने खुशी-खुशी उसे लॉन्च कर दिया … पर हैरानी की बात ये थी कि लॉन्च करने के बाद किसी एक कंपनी ने भी उनका प्रोडक्ट खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. क्योंकि किसी भी कंपनी को ऎसी चीज खरीदने की जरूरत महसूस नहीं हो रही थी, वो अपने पुराने तरीके में ही काम करने में खुश थे. So नील पटेल और उनकी टीम का एक पूरा साल खूब सारी मेहनत और मिलियन डॉलर बर्बाद हो गया, एक ऐसा प्रोडक्ट बनाने में जिसको किसी की जरूरत ही नहीं थी.
हमने आपको ये स्टोरी बताई क्योंकि ज्यादातर स्टार्ट अप फ़ैल होने का रिजन यही है …
स्टार्टअप में लोग एक आईडिया सोचते हैं जो उन्हें काफी अच्छा लगता है, फिर उस आईडिया को रियलिटी बनाने के लिए वो खूब मेहनत से सारी टेक्निकल चीजों पर काम करते हैं … अपना टाइम, मनी और पूरी एनर्जी लगा देते हैं. एक ऐसा प्रोडक्ट Efficiently बनाने के लिए जो किसी को चाहिए ही नहीं!
याद रखें कोई भी प्रोडक्ट बनाने के लिए आपको अपने आप से यह Question नहीं करना चाहिए कि “आप ऐसा प्रोडक्ट बना सकते हो कि नहीं!” बल्कि main Question यह होना चाहिए कि “आपको ऐसा प्रोडक्ट बनाना चाहिए कि नही!”
ज्यादातर वो फ़ैल होते हैं कि वे COVENTIONAL MANAGEMENT (पारंपरिक प्रबंधन) पर काम करते हैं .. that is, मार्केट रिसर्च करना, एक अच्छी Stratagy बनाना और फिर एक Great Product डिलीवर करना.. ये Approach अच्छा है पर स्टार्ट-अप्स के लिए नहीं!
क्योंकि एक Startup का अपने प्रोडक्ट के लिए मार्केट Assume करना पोसिबल नहीं है, बिना उस प्रोडक्ट को लॉन्च किया…
Startup से अपने प्रोडक्ट का रिस्पोंस मार्केट में Assume नही कर सकते, जबतक कस्टमर्स actual में वो प्रोडक्ट use न करें.
ये सारे Reasons बहुत से Startups के Failure का reason बन जाते हैं .. पर अच्छी बात यह है कि इस Failure को avoid किया जा सकता है..
LEAN STARTUP METHODOLOGY हमें इस प्रोब्लम का सोल्यूशन देता है और startup का कीमति टाइम और पैसा वेस्ट होने से बचाता है.
BUILD |
MEASURE |
LEARN |
इस प्रिंसिपल के हिसाब से आपको एक Minimum Viable Product बनाना चाहिए.
फिर उस प्रोडक्ट को ट्रायल के तौर पर लॉन्च करके कस्टमर्स के Responce & Reaction MEASURE करना चाहिए and at the End LEARN करना चाहिए कि Ideas क्या रियल में काम कर रहे हैं, जैसा उन्हें करना चाहिए या फिर आपको कोई चेंजेस करना चाहिए कस्टमर्स के बेटर रिस्पोंस के लिए.. आपको इस साइकल को रिपीट करते रहना चाहिए जब तक आपको मार्केट और आपके कस्टमर्स से अपने प्रोडक्ट के लिए Desired responce नहीं मिलता…
Easy words में कहें तो मिनिमम वायबल प्रोडक्ट वो होगा जिसमे आप अपने प्रोडक्ट्स के दो या तीन Key-points डालेंगे..जो सबसे ज्यादा Attractive है, और आपको लगता है कि वो आपके कस्टमर्स को पसंद आयेंगे…
फिर आप कम से कम पैसों में उस प्रोडक्ट को तैयार करो, जो बस टेस्ट करने के Purpose से हो! जिसे आप MEASURE कर सको कि आपके Key-points काम कर रहे हैं कि नहीं! और लोग उस पर कितना अच्छा रिस्पोंस दे रहे हैं… और ये MEASURE भी आपको cheapest और fastest way में करना चाहिए.. याद रखें आपका मिनिमम वायबल प्रोडक्ट आपका फाइनल प्रोडक्ट नहीं है. ये बस टेस्ट करने के लिए है, आपके आईडिया और प्रोडक्ट को..
So उसे सिम्पल और सस्ता बनाएँ बस अपनी क्रिटिकल पोइंट्स को कवर करते हुए जो आपके अच्छे फीडबैक के लिए जरूरी हो! और आपको प्रोडक्ट और सेल्स के बारे में भी सीखने के लिए मदद करे.
अब जब आप responce को अच्छे से Measure कर लेंगे तो आपके पास दो ओप्शन होंगे:-
- PIVOT
- PERSEVERE
यदि आपके Key assume को Positive responce मिल रहा है तो आपको PERSEVERE करना चाहिए.. मतलब उस आईडिया पे ही चलना चाहिए और अपने प्रोडक्ट को उस आईडिया के साथ ही और बेटर बनाने पर फोकस करना चाहिए..
पर यदि आपको जैसा रिस्पोंस चाहिए था वैसा नहीं मिला तो आपको PIVOT करना चाहिए .. मतलब Maybe आप अपने आईडिया को दूसरी तरीके से Execute करें. या दूसरी ऑडिएंस टारगेट करें, या कुछ ऐसा चेंजेस करें जो आपको रिजल्ट्स दे…
Example:-
Kevin Systrom नाम के आदमी ने Burbn नाम का एक चैकिन एप बनाया था. जिसमें Mafia Wars नाम के कुछ एलिमेंट्स थे .. उसमे एक फोटो निकालने का एक एलिमेंट भी था .. वो थोड़े परेशान थे क्योंकि Burbn को Desired responce नहीं मिल रहा था क्योंकि एप काफी भरा-भरा लगता था और Kevin को पता था कि ये यूथ सक्सेस नहीं बन सकता है…
पर MEASURE & LEARN करने के बाद उन्हें पता चला कि Burbn के सारे फीचर्स में से एक फीचर्स जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जा रहे थे वो फोटो लेने का फीचर था..
ये पता चलने के बाद Kevin ने अपने को-फाउंडर माइक क्रीगर के साथ एक बड़ा रिस्क लेते हुए Burbn के सारे फीचर्स निकाल दिए & बस फोटो लेने के फीचर्स को रखा और उसको बेहतर बनाने पर काम करने लगे .. ये PIVOT करने के बाद Burbn एक बहुत ही पोपुलर एप बन गया जिसे आप सब Instagram के नाम से जानते हैं.
इसी तरह आपको भी अपने डिजायर्ड रिजल्ट मिलने से पहले काफी सारे Exeperiment करने पड़ सकते हैं. ज्यादातर स्टार्टअप शुरू होते हैं और कुछ टाइम बाद पूरी तरह से गायब हो जाते हैं .. क्योंकि उन्हें पूरी मेहनत के बावजूद जब बेहतर रिजल्ट नहीं मिलते तो वे हार मानकर Quit कर देते हैं. या कुछ Never Quit बोलकर सेम चीजें बार-बार करते हैं. और उम्मीद करते हैं कि उन्हें बेहतर रिजल्ट मिलेंगे.. पर अलग रिजल्ट नहीं मिलते और आखिर में पैसे खत्म हो जाने पर वे भी गायब हो जाते हैं.
ये दोनों ही सही तरीके नहीं हैं. Mostly उन्हें सक्सेस के लिए बस PIVOT करने की जरूरत होती है, जिसके बारे में वो नहीं सोचते….
एक चीज जो आपको हमेशा ध्यान रखनी होगी कि स्टार्टअप की सक्सेस के लिए आप कितनी PIVOTS Handle कर सकते हैं, आपके पैसे खत्म होने से पहले..
इसलिए हमेशा ध्यान रखिये कि आपके कस्टमर्स ही King होते हैं, और आपके सारे Decision और Action उन्हें खुश करने के लिए होने चाहिए न कि खुद को या अपनी टीम को…
और आपको कभी सक्सेस नहीं मिल सकती कुछ ऐसा बनाकर जो आपके कस्टमर्स को चाहिए ही नही!
ये कॉन्सेप्ट्स THE LEAN STARTUP Book से Inspire है जो स्टार्टअप्स के लिए एक बहुत ही बेहतरीन बुक है…
कृपया इसका एनिमेटेड विडियो जरूर देखें … और इस बेहतरीन यूट्यूब चैनल को जरूर सबस्क्राइब कीजिये…
धन्यवाद!
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