आओ ! हम अनुशासन सीखें ।
थोडा सा योगासन सीखें ।।
स्वच्छ वायु भर, निज प्राणों में ।
तन-मन का अनुपालन सीखें ।।
स्वच्छ भोजन पानी पी हम ।
कैसे करते हैं जीवन यापन सीखें ।।
ध्यान-योग को साध-साध कर ।
आओ, हम पद्मासन सीखें ।।
सूर्य प्राणायाम शुद्ध है सबसे ।
जिसनें इसको सीख लिया है ।।
मानो, वह भाग्यवान है जबसे ।
आओ, हम गरुड़ासन सीखें ।।
योग-ध्यान, सम्मान ‘ह्रदय’ का ।
सु-शक्ति है जीवन लय का ।।
मन के भीतर, उद्यांत भाव भर ।
सु वाणी का आच्छादन सीखें ।।
कैसा है? तन-मन का विज्ञान ।
ज्ञान और विज्ञान का अनुमान सीखें ।।
स्वच्छ-वायु भर निज प्राणों में ।
तन-मन का अनुपालन सीखें ।।
आओ थोड़ा-सा योगासान सीखें…
किशनलाल कंकरवाल
एम. ए. योग-प्रशिक्षित, से.नि.शि.
रायगढ़ (छ.ग.)