प्रेरणा के प्रकार – प्रेरणा कैसे काम करती है – पूरी जानकारी

प्रेरणा के प्रकार और प्रेरणा कैसे काम करती है – पूरी जानकारी

प्रेरणा एक ऐसी प्रेरकशक्ति है, जो हमारे काम या भावनाओं में जोश भरने का काम करती है । किसी व्यक्ति की सफलता के पीछे Motivation का बहुत बड़ा Role होता है । यह हमारे अन्दर काम करने की लगन को पैदा करती है । यह एक बहुत Powerful ताकत है जो हमारी जिंदगी बदल सकती है ।

जब हम यह समझ लेते हैं कि Motivation कैसे काम करती है या कैसे उत्पन्न होती है तब हम अपनी मंजिल तक बहुत आसानी से पहुँच सकते हैं, अपने असली मकसद को हासिल कर सकते हैं और उन सभी व्यक्तियों को भी प्रेरित कर सकते हैं जो सफलता के लिए कड़ी संघर्ष कर रहे हैं और Demotivate हो चुके हैं ।

प्रेरणा के प्रकार

Motivation दो तरह की होती है :

  • आंतरिक प्रेरणा (Internal Motivation)
  • बाहरी प्रेरणा (External Motivation)

 

Internal Motivation आंतरिक प्रेरणा

एक व्यक्ति ने जिसने गरीबी से उठकर अपनी मेहनत से करोड़ों का बिजनेस खड़ा किया था, अचानक ही किसी कारणवश उसे अपने बिजनेस को बंद करना पड़ा, उसे अपने बिज़नेस में बहुत नुकसान का सामना करना पड़ा । बैंक से भी उसने लाखों रूपये कर Loan लिया था, उसका भुगतान करने में भी वह असमर्थ रहा । यह कहना गलत नहीं होगा कि वह एक रात में ही सड़क पर आ गया । एक सुबह जब वह अपने शहर के गार्डन में उदास बैठा था, उसने पाया कि एक बूढ़े व्यक्ति का हाथ उसके कंधे पर है । एक बूढ़ा व्यक्ति उसके सामने खड़ा था और उससे उसकी परेशानी का कारण पूछ रहा था ।

उस आदमी ने बूढ़े व्यक्ति को अपनी सारी बातें बताई कि कैसे गरीबी से उठकर वह इतना अमीर बना था और आज लौटकर वह एक गरीब की ज़िन्दगी ही जी रहा है, उसकी हालत पहले से काफी बदतर थी ।

बूढ़े व्यक्ति ने उसे अपनी कहानी बताई कि उसके साथ भी एक बार यही वाकया हुआ था और उसने यह बताया कि कैसे वह फिर से अपनी अमीरी का सफ़र तय कर सकता है । उस बूढ़े व्यक्ति ने उस आदमी को 1 करोड़ का चेक देते हुए कहा कि तुम यह पैसे अपने पास रखो और फिर से एक नई शुरुआत करो । जब तुम्हारा बिजनेस चल पड़े तो मुझे ये रकम वापिस कर देना, मैं हर सुबह इस गार्डन में टहलने आता हूँ, जिस दिन तुम इस चेक से भी ज्यादा पैसे कमा लो और पहले से भी ज्यादा अमीर बन जाओ उस दिन तुम मुझे मिलने के लिए आना और अपनी कहानी मुझे बताना ।

इतना कहकर वह बूढ़ा व्यक्ति वहां से चला गया ।

वह व्यक्ति चेक को हाथ में पकड़े सोचता रह गया, कि एक अनजान आदमी ने उसकी मदद क्यों की? वह बूढ़ा व्यक्ति उस नौजवान पर एक विश्वास छोड़कर गया था. उस नौजवान से ज्यादा उस बूढ़े व्यक्ति को उस आदमी पर भरोसा था । Motivation की आग उस आदमी के अन्दर पैदा हो चुकी थी. बूढ़े व्यक्ति की कही बातें वह अपने मन में बार-बार दोहरा रहा था. अब उसे अपने अन्दर से आने लगा था कि उसे कुछ करना है और अपनी गरीबी को लात मारकर फिर से अमीरी का सफ़र तय करना है और इतना पैसे कमाना है जितना कि उसने कभी नहीं कमाया था ।

बिना किसी डर के वह व्यक्ति अपने पुराने बिजनेस को बचाने में लग गया, वह इस बात को जानता था कि यदि भविष्य में उसे ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ी तो यह चेक उसके पास है । वह बूढ़े व्यक्ति को अपना प्रेरणास्रोत बनाकर जी-तोड़ मेहनत करने लगा और 2 साल के अन्दर ही उसने वह कर दिखाया जो उसने खुद भी नहीं सोचा था और वह अपने शहर का सबसे अमीर आदमी बन गया । उसने अपने बिजनेस का विस्तार किया और अरबों-खरबों का नया बिजनेस भी बनाया, वह भी बिना उस चेक की सहायता के । उसने उस चेक का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि अपने दम पर, अपनी आंतरिक प्रेरणा के कारण जो उस बूढ़े व्यक्ति से उसे मिली थी, ये सब कर दिखाया ।

2 साल बाद जब वह उस गार्डन में बूढ़े व्यक्ति से मिलने के लिए गया तो उसने जो देखा वह चौका देने वाला था । दीवार पर उस बूढ़े व्यक्ति की पोस्टर लिखी हुई थी और बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ था कि “यह बूढ़ा व्यक्ति पागल है जो खुद को करोड़पति कहता फिरता है, जहाँ भी यह व्यक्ति नजर आये कृपया पागलखाने में संपर्क करें।“

 

आंतरिक प्रेरणा, हमें अन्दर से प्रेरित करती है । हम अनजाने में सही लेकिन खुद को इतना Motivate कर सकते हैं जिसकी कोई हद नहीं । इस कहानी में सन्देश दिन के उजाले की तरह साफ़ है, वह व्यक्ति जानता तक नहीं था कि चेक असली है या नहीं, लेकिन बावजूद इसके वह चेक के बारे में न सोचकर उस बूढ़े व्यक्ति की बातों से इतना प्रेरित महसूस करने लगा था जिसके कारण ही वह बड़ी से बड़ी सफलताएँ हासिल कर सका ।

 

यदि आप बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपनी प्रेरणा को पहचानने और उसे बहुत Powerful बनाने की जरूरत है ।

2 Most Important INTERNAL MOTIVATION :

  • मान्यता ।
  • जिम्मेदारी ।

जब हमारे द्वारा किये गये काम की सराहना होती है, लोग हमारी प्रशंसा करते हैं, हमें आदर देते हैं, हमारा मान-सम्मान देते हैं और हमसे जुड़ाव महसूस करते हैं तो इस आतंरिक प्रेरणा मान्यता के अंतर्गत आती है ।

जार्ज ग्रिटर ने कहा है “जिम्मेदारी जब हमारी दिली इच्छा भी बन जाती है, तो उससे संतोष और ख़ुशी मिलती है।” जब हम अपनी जिम्मेदारी समझने लगते हैं तो प्रेरणा अपना काम करना शुरू कर देती है । हमें प्रेरित होने के लिए कुछ भी करने की जरूरत नहीं पड़ती, जिम्मेदारी उठाने पर सब कुछ अपने आप ही हो जाता है ।

 

External Motivation बाहरी प्रेरणा

बाहरी प्रेरणा से तात्पर्य है कि हम बाहरी वातावरण को देखकर खुद को प्रेरित महसूस करते हैं । यह बाहर से हासिल होती है । जैसे- पैसा, किसी चीज को खोने का डर, सोसाइटी की नजरों में ऊपर उठना…etc..

जब गधे को एक सामान से लदी गाड़ी खीचनी होती है तो गधे के सामने एक मीठी गाजर लटका दी जाती है । गधा, लटकती गाजर को देखते हुए सामान को खींचना शुरू कर देता है । समय-समय पर गधे को थोड़ी-सी गाजर खाने के लिए आपको देनी रहती है, वरना उसका उत्साह ख़त्म हो जाएगा । उसे थोड़ी-सी गाजर खिलाएं और उसके सामने लटकाकर छोड़ दें । गधा गाजर को देखते हुए ही सामान खींचता रहेगा । इस प्रकार की प्रेरणा बाहरी प्रेरणा है, इससे हम लम्बे समय तक अपने काम को नहीं कर सकते । इससे संभव है कि हम जल्दी सफल हो जाएँ लेकिन लम्बे समय तक अपनी सफलता को बरकरार रखना संभव नहीं होगा ।

 

Self Motivation आत्मप्रेरणा

हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ न कुछ उपलब्धि हासिल करना चाहता है, एक मकसद के साथ जो व्यक्ति कुछ करने के लिए आगे बढ़ना चाहता है वही है आत्मप्रेरणा । मतलब यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लोग कोई भी काम किसी दुसरे के प्रेरणा या प्रशंसा की वजहों से नहीं बल्कि अपने खुद की वजहों से करना चाहते हैं । सही मायने में ऐसी प्रेरणा ही मजबूत होती है ।

आपको अपने अन्दर के आत्मविश्वास को जगाना है । हमारे अन्दर का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है । आप बस अपनी जिम्मेदारियों को समझें, अपने रिश्तों में मीठास लायें, एक क्वालिटी लाइफ जीयें । जब आप अन्दर से खुश होते हैं, किसी के सामने बनावटी चेहरा नहीं बनाते, तब यकीन जानिये आप अन्दर से खुद को प्रेरित कर रहे होते हैं ।

 

दूसरों को और स्वयं को प्रेरित करना है तो इन बातों का ध्यान रखें :

इज्जत दें (खुद को भी और दूसरों को भी ।)

काम को interesting बनाएं

मदद करना सीखें लेकिन हमेशा हेल्प लेने वाला न बनकर हेल्प करने वाला बनें ।

दूसरों के कामों की सराहना करें ।

एक अच्छा वक्ता बनें लेकिन दूसरों की बातें हमेशा ध्यान से सुनें ।

मान्यता देना सीखें

धन्यवाद 🙂

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