प्रसन्न रहें और सफल बनें
आज सफलता पाने के लिए लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं । मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानता हूँ जिन्होंने कड़ी मेहनत करके सफलता पाई और जब वो सफल हुए तो उनकी प्रसन्नता गायब हो गयी। उनकी लाइफ से ख़ुशी जैसे गायब ही हो गयी, पता ही नहीं चला कि उन्होंने कब से हँसना या मुस्कुराना बंद कर दिया और यदि हँसते भी होंगे तो उन्हें किसी Laughter शो का सहारा लेना पड़ रहा होगा। जब हम किसी चीज को पाने के लिए संघर्ष करते हैं तो अन्दर की जो हमारी ख़ुशी होती है वो धीरे-धीरे कम होने लगती है क्योंकि संघर्ष करते हुए हम खुद को तनाव से जोड़ लेते हैं और लगने लगता है कि सफलता पाना ही सब कुछ है और यदि फेल हो गये तो लाइफ बर्बाद हो जाएगी। जैसे-जैसे व्यक्ति सफलता की सीढियों पर कदम रखना शुरू करता है, उसके अन्दर तरह-तरह के बदलाव होने शुरू हो जाते हैं। बात-बात पर चिढ़ जाना, किसी पर चिल्ला उठना, छोटी-छोटी बातों पर सामने वाले से रूठ जाना और बाद में अपनी लाइफ को कोसना…
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आपने बॉलीवुड और हॉलीवुड की movies में गौर किया होगा कि बॉलीवुड फिल्म में जो हीरो होते हैं वो परेशानी आने पर एकदम से टूट जाते हैं और दुखी होकर अपनी स्टोरी को आगे बढ़ाते हैं लेकिन हॉलीवुड में ऐसा नहीं होता, वहां हीरो को आप हर सिचुएशन में हंसता हुआ, कॉमेडी करते हुए देखेंगे जो अपनी लाइफ को सीरियसली नहीं लेता, और अन्दर से प्रसन्न रहता है, उनका सोचना होता है कि जो होगा अच्छा ही होगा। इसलिए लोग हॉलीवुड फिल्मों को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि वहां स्ट्रेस को कम और प्रसन्न लोगों को ज्यादा दिखाया जाता है।
हम सभी अपनी लाइफ के हीरो हैं, यदि हम किसी काम को खुश होकर, प्रसन्न होकर करते हैं तो हम खुद को और ज्यादा पसंद करने लगेंगे जिससे दुसरे लोग भी हमें ज्यादा से ज्यादा पसंद करेंगे। याद रखिए एक तनावग्रस्त व्यक्ति को जो स्ट्रेस में रहना पसंद करता है उसे कोई दूसरा पसंद नहीं करता लेकिन जो प्रसन्न रहना, और उत्साह के साथ जीवन जीना पसंद करता है उसे सभी पसंद करते हैं। आप कौन-सी कैटेगरी में आते हैं वह देखिये।
एक व्यक्ति जिसके पास करोड़ों अरबों की दौलत है और दूसरा जिसे दो वक्त का खाना मुश्किल से नसीब होता है। पहला व्यक्ति कभी भी अन्दर से खुश नहीं रहता, चाहे उसके पास बहुत पैसे हैं लेकिन दूसरा हर पल में हँसता मुस्कुराता अपनी लाइफ से खुश रहता है। आपको क्या लगता है कि दोनों में कौन सबसे ज्यादा अपनी जिंदगी जी रहा है या इस दुनिया में ज्यादा दिन तक कौन जीएगा। जब आप प्रसन्न होते हैं तो आप अपनी उम्र को बढ़ा रहे होते हैं। वो गरीब आदमी जिसके पास भले ही कुछ नहीं है लेकिन यदि वो प्रसन्न है, तो वह इस दुनिया में लम्बे समय तक जीएगा। और दूसरा व्यक्ति जिसके पास बहुत पैसे तो हैं लेकिन वो यदि प्रसन्न नहीं है, हँसता-मुस्कुराता नहीं, तनाव में रहता है तो यकीन जानिये आज नहीं तो कल वह किसी बड़ी बीमारी से ग्रस्त हो सकता है और पूरी लाइफ खुद को कोसते हुए ही जी सकता है।
याद रखिए, आप प्रसन्न रहकर अपनी लाइफ में जो चाहे वो पा सकते हैं, बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल कर सकते हैं लेकिन यदि आप ऐसा सोचेंगे कि सफलता ही आपके लिए सब कुछ है, पर अन्दर से आप खुश नहीं रहेंगे, सफल होकर प्रसन्नता प्राप्त करने की सोचेंगे तो आप बहुत गलत सोच रहे हैं।
प्रसन्न रहने, खुश रहने की आदत डालिए, छोटी-छोटी बातों को Happy movement बनाइए, टेंशन लेने के लिए आप हजारों बहाने ढूंढ लेते हैं, और खुद को उससे जोड़ लेते हैं… चलिए प्रसन्न रहने के लिए एक बहाना ढूंढिए, हांलाकि इसके लिए किसी बहाने की जरूरत नहीं लेकिन जब आप टेंशन में रहने के लिए खुद को धकेलते हैं और अपना सिर दर्द करवाते हैं तो अब आपको ख़ुशी की तरफ खुद को धकेलना होगा । ऐसी सफलता किसी काम की नहीं जो आपको तनाव से जोड़ी रहे। प्रसन्न रहें और सबको खुश रखें क्योंकि यही जीवन का सही अर्थ है।
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