सफलता के लिए आत्म प्रेरणा और सकारात्मक नजरिया।
इंसान के अन्दर एक बड़ी शक्ति होती है जिसे हम परमात्मा कह सकते हैं। यह हमारे अन्दर Internal Power की तरह काम करती है, और हमेशा से मौजूद रहती है। आइये इसे हम दो प्रेरक कथाओं के साथ आगे बढ़ाते हैं और इन्हें समझने की कोशिश करते हैं।
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पहली कहानी
एक समय की बात है एक शेरनी का बच्चा जंगल में खेल रहा था। उसकी माँ सोई हुई थी। जंगल के पेड़-पौधों से उसका मन मोहित हो गया, वह पेड़-पौधों को निहारते हुए अपनी माँ से बहुत दूर निकल आया। बच्चा घबराया हुआ था और अपनी माँ को रोते हुए पुकार रहा था तभी उसकी नजर एक भेड़ पर पड़ी। उस भेड़ के बच्चे कुछ दिन पहले ही मर चुके थे। शेरनी के बच्चे को रोते-बिलखते देख ममता भेड़ उसे अपने घर ले आई और उस शेरनी के बच्चे को बड़े दुलार से पालने लगी। दिन बीतते गये और भेड़ का प्यार उस पर निरंतर बढ़ता गया। कुछ समय बाद वह शेरनी का बच्चा भेड़ से भी ऊंचा हो गया। वह उसे देखकर कभी-कभी डर भी जाती थी। एक बार अचानक उस जंगल में दूसरा शेर भी आ पहुंचा, वह पर्वत की चोटी पर चढ़कर गर्जन करने लगा। उसकी दहाड़ को सुनते ही भेड़ काँप उठी लेकिन उस शेरनी के बच्चे पर उस गर्जन की अलग ही प्रतिक्रिया हुई, उसके मन में सागर की कहरों की तरह कुछ उमड़ने लगा। शेर की दहाड़ से उसकी प्रकृति का एक ऐसा अंग छू गया जो कल तक अदृश्य था। उसे महसूस होने लगा कि उसके अन्दर भी ऐसी कोई शक्ति मौजूद है, जिसका अभी तक उसे ज्ञान या आभाष नहीं था। वह भी ऊँचे स्वर में बड़े ही जोर से दहाड़ने लगा। अपनी भेड़ माता पर उसनें करुणा नजर डाली और एक लम्बी छलांग के साथ पर्वत पर चढ़े शेर के पास पहुँच गया।
शेरनी के बच्चे ने, अपने आपको भेड़ का बच्चा ही समझ रखा था, उसकी कल्पना में भी कभी यह नहीं आया था कि वह भेड़ की अपेक्षा ज्यादा शक्तिशाली है। एक समय था जब वह कुत्तों के भौंकने पर भी दुबक जाया करता था, लेकिन जब उसे अपने वास्तविक स्वरुप का ज्ञान हुआ तब वह शेर के सामने भी डंटकर खड़ा हो गया। शेर की दहाड़ सुनने पहले उसके अन्दर शेर के नहीं बल्कि भेड़ के गुण थे, लेकिन दुसरे शेर के आवाज से उसके अन्दर का सिंहत्व भी जाग गया, आख़िरकार अब वह उस जंगल का राजा था।
दोस्तों, हर व्यक्ति में उसका सिंहत्व होता है, कभी न कभी ऐसा अवसर जरूर आता है, जब हम अपने अंतःकरण की आवाज सुनते हैं और जब यह हमारे अन्दर की पराक्रम को ललकारती है तब हमारे अन्दर कुछ ऐसे भाव जाग उठते हैं कि हम कदम बढ़ाने के लिए खुद को रोक नहीं पाते। आपने ऐसी लोगों की कहानियां पढ़ी या सुनी होंगी जो बहुत गरीबी से लड़ते हुए दुनिया के सबसे अमीर बने हैं, गरीब माहौल में पले-बढ़े होने के बावजूद भी व्यक्ति बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल करता है, यह आत्मप्रेरणा के कारण ही संभव हो पाता है। जिस दिन आप अपने अन्दर की शक्ति को पहचान लेंगे, उस दिन से आपकी जिंदगी में बड़े परिवर्तन होने शुरू हो जाएँगे।
दूसरी कहानी
एक समय की बात है, बरगद के पेड़ पर एक चील रहता था, पेड़ के ठीक नीचे एक जंगली मुर्गी ने अपना घोसला बनाया हुआ था। एक दिन अचानक किसी तरह से चील का एक अंडा मुर्गी के घोसले पर जा गिरा और बाकी मुर्गी के अण्डों के साथ मिल गया। समय पर अंडा फूटा। चील का वह बच्चा अंडे से निकलने के बाद यह सोचता हुआ ही बड़ा हुआ कि वह एक मुर्गी है। वह वैसे ही काम करता, जैसे बाकी मुर्गियां किया करती थीं, दाना चुगना, कुडकुडाना, वो वही किया करती थीं। एक दिन जब वह दाना चुग रहा था, तब उसनें चील को उड़ते हुए और अपनी माँ मुर्गी से बोला, – माँ ये आसमान में कौन-सी चिड़िया इतनी ऊपर उड़ रही है?
मुर्गी ने कहा, वह सुन्दर चिड़िया एक चील है, तुम कभी भी उसकी तरह ऐसे आसमान में नहीं उड़ सकते। चील के बच्चे ने यह मान लिया कि वह एक मुर्गी का ही बच्चा है, ऐसी सोच रखकर वह ऐसे जिंदगी जीता हुआ ही मर गया।
दोस्तों, हमारी जिंदगी में भी यही बातें लागू होती हैं, हम इस दुनिया में जीतने के लिए पैदा हुए हैं लेकिन दूसरों के कहने से हम खुद को कमजोर समझने लगते हैं, हम खुद को मुर्गी का बच्चा समझकर ही दाने चुगते हुए अपनी जिंदगी बर्बाद कर देते हैं, जबकि हम चील की तरह आसमान छूने और उड़ने के लिए पैदा हुए हैं। जब आप अपनी लाइफ में कामयाब होते हैं तो दुसरे लोग आप पर कीचड़ उछालते ही हैं, आपको बस ऐसे लोगों से बचने की कोशिश करनी चाहिए, जब आप फालतू लोगों के साथ उलझने में अपना समय बर्बाद नहीं करते तब आप जीत जाते हैं।
सकारात्मक नजरिया
आप सकारात्मक और नकारात्मक लोगों की आसानी से पहचान कर सकते हैं। उनके सम्पर्क में आने से आपकी शख्सियत खुशनुमा हो जाती है, आपके अन्दर भी कुछ करने का जोश भर जाता है। आप अपनी लाइफ को और भी बेहतर तरीके से एन्जॉय कर सकते हैं। दुसरे व्यक्ति आपको अपना आदर्श कह सकते हैं और वे आपसे प्रेरणा ले सकते हैं। इससे आपके रिलेशन में मिठास आता है, लोग आपसे जुड़ना चाहते हैं क्योंकि वे आपके संपर्क में आकर एक पॉजिटिव एनेर्जी को फील करते हैं।
कोशिश करें कि आप हर व्यक्ति में और खुद में पॉजिटिव चीजें ही खोजें, आपको अपनी लाइफ में तभी पॉजिटिव रिजल्ट मिलेगा जब आपका नजरिया सकारात्मक होगा। आप अपने अन्दर सकारात्मक नजरिया विकसित करके सफल हो सकते हैं।
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धन्यवाद 🙂