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डेडलाइन तय करें और सफलता पाएँ – टाइम मैनेजमेंट

डेडलाइन तय करें और सफलता पाएँ – टाइम मैनेजमेंट

टाइम मैनेजमेंट में डेडलाइन की अहम भूमिका है। डेडलाइन मतलब आखिरी समय-सीमा। एक्चुअल में डेडलाइन पुराने जमाने में किसी जेल के चारों ओर खिंची गई उस लाइन को बोला जाता था, जिसके आगे जाने पर या लाइन पार करने पर कैदियों को गोली मार दी जाती थी। आजकल डेडलाइन पार करने पर आपको मौत के घाट तो नहीं उतारा जाता लेकिन इससे आपकी मान-सम्मान और तरक्की के अवसर जरूर घट जाते हैं। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि हम डेडलाइन को गंभीरता से लें और इसके महत्व को समझें।

हमें हमेशा यह सोचना चाहिए कि हम कोई कार्य कितने समय तक ख़त्म कर सकते हैं। डेडलाइन का सिंपल मीनिंग है कि हमें अपने काम को पूरा करने की आखिरी तारीख तय कर लेनी चाहिए। डेडलाइन तय करना एक सबसे अच्छी आदतों में शामिल है, जिसकी सहायता से हम अपनी लाइफ में और भी ज्यादा तेजी से तरक्की कर सकते हैं।

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डेडलाइन हमारी कार्यक्षमता कैसे बढ़ाता है :

स्पष्ट लक्ष्य : लाइफ में ज्यादातर लोग कुछ बड़ा नहीं कर पाते और आम जीवन जीते हुए ही मर जाते हैं इसका सबसे बड़ा कारण है कि उनकी लाइफ में कोई स्पष्ट लक्ष्य नहीं होता, उन्हें यह पता ही नहीं होता कि आख़िरकार करना है क्या! डेडलाइन से एक स्पष्ट लक्ष्य मिल जाता है, जिससे हम और भी ज्यादा तेजी से काम कर सकते हैं। Example : हमें सात दिनों के अन्दर एक 150 पेज की किताब ख़त्म करनी है। इसमें हमने एक डेडलाइन तय कर दिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए हमें सात दिनों में एक किताब खत्म करनी है। इसमें हमने एक स्पष्ट लक्ष्य बनाया है, जिसमें हमने एक किताब को चुना है, वह आपकी कोई भी पसंदीदा किताब हो सकती है। जिसको आपने एक निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने की ठानी है। चूँकि आपका लक्ष्य स्पष्ट है इसलिए आप इसे बहुत जल्दी या कहें तेजी से पूरा कर लेंगे।

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प्लान : डेडलाइन को पूरा करने के लिए प्लानिंग की बहुत जरूरत है। कई बार स्पष्ट लक्ष्य होने के बावजूद भी हम डेडलाइन पर वह काम खत्म नहीं कर पाते। इसकी बड़ी वजह यह है कि हम लक्ष्य प्राप्ति के लिए कोई प्लान नहीं बनाते। किसी भी बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्लानिंग की बड़ी आवश्यकता है। Example : आपका लक्ष्य है कि आपको 7 दिनों में 150 पेज की एक किताब खत्म करनी है। लेकिन आप इस बात को समझते हैं कि किताब को पढ़कर खत्म करना कोई बड़ी नहीं है। आपको बहुत सारी चीजें समझनी होंगी, लेखक आपसे कहना क्या चाहता है यह आपको जानना होगा। सिर्फ पन्ने पलटने से आप यह नहीं कह सकते कि आपने कोई किताब पढ़ी है। सही तरह से अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपको प्लानिंग करनी होगी। कई बार लक्ष्य बनाते ही हमारे सामने रुकावटों आनी शुरू हो जाती हैं, और हम उस लक्ष्य से हट जाते हैं और हमारा मन दुसरे कामों के लिए भटकना शुरू हो जाता है। लक्ष्य को पूरा करने और डेडलाइन पर काम खत्म करने के लिए हमें एक प्लान बनानी होगी, बिना योजना है हम कभी भी समय-सीमा पर अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगे। इसके लिए आपको योजना बनानी होगी, जहाँ आपको हर बात क्लियर करनी होगी कि आप किस समय क्या काम करेंगे। आपको अपनी दिनचर्या में झांकना होगा और देखना होगा कि वो कौन-सी रुकावटें हैं जो आपको अपने लक्ष्य से दूर कर रही हैं और इसके लिए आपके पास वो कौन-सी योजनाएँ हैं जिससे आप अपने लक्ष्य के करीब पहुँच सकते हैं।

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फोकस : डेडलाइन हमारे फोकस को डगमगाने नहीं देता। यह हमारे दिमाग पर ध्यान केन्द्रित रखता है जिससे हम उसे समय-सीमा में पूरा करने के नए-नए तरीके सोच सकें।

Image Credit : pixabay.com

आपने कभी न कभी यह महसूस किया ही होगा कि जब आपको डेडलाइन दे दी जाती है मतलब आपसे कहा जाता है कि यह काम आपको अमुक समय तक करना ही है तो आपकी हर इन्द्रिय सक्रिय हो जाती है, इससे हमारे भीतर एड्रीनलिन का स्त्राव होता है और हमारा आलस भाग जाता है। आप पूरी तरह से सक्रिय हो जाते हैं और अपना पूरा ध्यान केन्द्रित करते अपने काम में जुट जाते हैं। डेडलाइन से हम अपने काम के प्रति ज्यादा सजग रहते हैं, देर रात तक काम करते हैं, चाहे हमें कम सोना पड़े और आख़िरकार उस काम को समय रहते खत्म करके ही दम लेते हैं।

डेडलाइन एक खूंखार कुत्ते के समान है, सामान्य स्थिति में 10 मिनट में आप 1 किलोमीटर दौड़ते होंगे लेकिन इमेजिन कीजिए जब एक खूंखार कुत्ता आपको दौड़ा रहा हो तब आप 5 मिनट में ही 1 किलोमीटर की दूरी तय कर लेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके पीछे खूंखार कुत्ता होगा, यदि आप तेज़ नहीं दौड़ेंगे तो वह आपको काट खाएगा। इसलिए डेडलाइन एक खूंखार के समान है जो हमें जल्दी और तेज़ी से काम करवा लेती है।

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बड़ी-बड़ी e Commerce कम्पनियां आज डेडलाइन के कारण ही अपने सामानों को बड़ी तेजी से बेच पा रही हैं, याद कीजिए आपने लास्ट शॉपिंग कब की थी! जब Amazon, Flipkart, Myntra जैसी साईट पर धमाकेदार deals आती हैं तब वो सभी प्रोडक्ट्स के लिए एक निश्चित टाइम लिमिट रखते हैं, उनका डेडलाइन होता है कि वे 2 दिन के सेल में लाखों प्रोडक्ट्स बेचें, हम डेडलाइन का ध्यान रखते हैं और ऑफर्स खत्म होने से पहले अपना पसंदीदा प्रोडक्ट खरीदते हैं। बिजली बिल का भुगतान करने वाले इस बात को बखूबी समझ सकते हैं, क्योंकि यदि बिल सही समय पर पूरी नहीं हुई तो panalty के साथ घर की बिजली भी गुल हो सकती है।

कई लोगों को लगता है कि डेडलाइन से काम की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है, उनकी बातें कुछ हद तक सही हो सकती हैं लेकिन यह तभी सही है जब आप आखिरी मिनट पर काम शुरू करें। उदाहरण के लिए किसी सेल्समेन को एक महीने में अपने 100 बेस्ट प्रोडक्ट बेचनी है लेकिन 25 दिन बर्बाद करने के बाद जब उसे होश आएगा और वह उस वक्त काम में जुटना चाहेगा तब उसे हर दिन 20 प्रोडक्ट्स बेचने होंगे और यह एक बहुत मुश्किल कार्य हो सकता है। और दूसरी तरफ अगर वह पहले दिन से ही इस काम में जुट जाता तब उसे हर दिन 3-4 प्रोडक्ट्स ही बेचने होते हैं जो कि उसके लिए तुलनात्मक रूप से बहुत ही आसान होता।

हमें डेडलाइन के महत्व को पहचानना होगा, इसका use करना होगा क्योंकि इससे हम अपनी कार्यक्षमता को तेजी से बढ़ा सकते हैं।

कृपया Time Management in Hindi के डेडलाइन वाले इस भाग पर अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं अथवा हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें। ध्यान रहे, यह लेख टाइम मैनेजमेंट की किताब से प्रेरित है जिससे लेखक डॉ. सुधीर दीक्षित जी हैं।

धन्यवाद 🙂

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