प्यासा कौआ – Hindi Kahani – Latest Edition

प्यासा कौआ – Hindi Kahani

जब मैं स्कूल में था, क्लास 5th तक अपने क्लास रूम की दीवारों पर बहुत सारे stories की पेंटिंग्स बनी होती थी।  उनमें से एक प्यासा कौआ की कहानी आज मैं विवेक पाठक, MeraJazbaa.com की तरफ से आप सभी के साथ यहाँ शेयर करना चाहता हूँ। यह कहानी आपने अपने बचपन में कहीं पढ़ी या सुनी जरूर होगी लेकिन इस कहानी के अगले भाग के बारे में शायद ही आप जानते होंगे।

तो चलिए इस कहानी के बारे में पूरा जानते हैं और समझने का प्रयास करते हैं कि यह हमारी असल जिंदगी को कैसे प्रभावित करती है।

जगंल में एक कौआ पानी की तलाश में भटक रहा था. काफी खोजनें के बाद उसे एक घड़ा दिखाई दिया, जिसके अदंर थोड़ा-सा पानी था। कौआ, ने दिमाग लगाया और उसमें कंकड़ ड़ालना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे पानी ऊपर आ गया और पानी से अपनी प्यास बुझाकर वह उड़ गया……

आगे की कहानी जो आप नहीं जानते होंगे! आइये जानते हैं उसके बाद क्या हुआ ? 

उसके अगले दिन, कौआ के सामनें फिर से वहीं समस्या पैदा हो गई। लेकिन इस बार घड़े में थोड़ा भी पानी नहीं था। अब कौआ बेचैन हो गया. उसे यहाँ-वहाँ काफी खोज-बीन करने के बाद एक पहाड़ी के पीछे एक झरना बहते दिखाई दिया, मगर उस झरने का पानी एक गहरी खाई में नीचे तेजी से गिर रहा था। पानी के पास जानें का मतलब मौत को दावत देना था। यदि, कौआ नहीं जाता तो प्यास से मारा जाता। कौआ, एक पत्थर पे बैठ गया और काफी देर तक सोचता रहा….तभी उसकी नज़र झरने से अलग होती लहर पर पड़ी, जो एक बडे़ से पत्थर से टकराती और बाहर समतल में खड़े पेड़ों की जड़ो को छूकर, पुन: वह पानी खाई में गिर जाता। उसने घडे़ वाली रणनीति अपनाई और एक-एक कंकड़ लाकर उस पानी को रोकने की कोशिश करने लगा। लेकिन जब तक वह दुसरा कंकड़ लाता, तब तक पहला वाला बह जाता…. उसके बार-बार प्रयत्न करने के बाद भी उसे सफलता नहीं मिलीं.

वह थक कर फिर सोचनें लगा….कुछ देर बाद उसने प्यासे ही जगंल में उड़ान भरी और उसने कई सारें कौओं को अपनी इस परेशानी के बारे में बताया. सभी कौओं ने उसकी बात सुनी मगर कुछ कौएं, उसकी बात से सहमत नहीं हुए और उसका मजाक उड़ाने लगें. मगर कुछ कौओं ने उस पर विश्वास किया और उसके साथ चल दिये.

अब उस कौए की एक टीम बन चुकी थी जो, उसके बतायें अनुसार कार्य कर रहीं थी. अब वह एक साथ कई कंकड़ डालतें, जिससे उन कंकड़ो का वजन पानी से ज्यादा हो जाता और वह कंकड़ वहाँ रूक जाते. धीरे-धीरे बहुत सारे कंकड़ वहां जमा हो गये और देखते ही देखते वहाँ कंकड़ो की एक बाउंड्री खडी़ हो गयी. अब जब भी वह छोटी-सी लहर उस पेड़ से टकराती तब कुछ पानी उस कंकड़ बनी बाउंड्री में जमा हो जाता.

कौआ और उसकी टीम की मेहनत रंग लाई. अब वह लाइफ टाइम पानी पी सकतें थे।

जिन कौओं ने साथ नहीं दिया था, अब वह अपने व्यवहार पर पछता रहें थे।

चलिए इस कहानी को अपनी Life में Implement करके देखते हैं

मान लीजिएं, कौआ की जगह आप हैं और घड़ा आपकी नौकरी है और उसमें थोड़ा सा पानी आपकी सैलरी हैं। आस-पास बिखरें पड़े कंकड़, दिन हैं।

अब इसकों एक साथ मिलाकर देखतें हैं…

यह ठीक कौआ की पहली स्थिति की तरह हैं. जहाँ आप नौकरी की तलाश में भटकतें हैं। उसके बाद थोड़ी-सी सैलरी प्राप्त करने के लिए कंकड़ रूपी एक-एक दिन मेहनत करके डालतें हैं। उसके बाद अपनी जरूरतों की प्यास बुझातें हैं. यह आपको निरतंर करना पडे़गा.

अब कौआ की दुसरी रणनीति के तहत, अपनी Life में Implement करके देखते हैं.

बहता हुआ झरना रिश्की व्यवसाय हैं।  झरने से अलग होकर बह रही लहर एक अवसर हैं. पेड़ की जड़ों को छूकर गिर रहें पानी को रोकना New business ideas हैं. कंकड़ आपका परिश्रम हैं। अन्य कौएं, आपकी टीम हैं. जो कौएं, साथ नहीं दियें वो आलोचक हैं और प्राप्त होने वाला पानी आपकी प्राँफिट हैं. चूकि यह निरतंर फल प्राप्त होने वाली प्रक्रियाएं हैं, इसलिए इसे आप Business modal भी कह सकतें हैं.

पुन: एक साथ जोड़कर देखतें हैं …..

आप बहतें हुए झरना रूपी व्यवसाय में रिश्क लेते हैं। झरने से अलग होकर बह रही लहर एक आपके लिए अवसर हैं. पेड़ की जड़ो को छू रहें पानी को रोकना, आपके Business का Idea हैं. अब आप कंकड़ रूपी अपनी मेहनत लगाते हैं, मगर आपकी मेहनत कम पड़ती  हैं, तब आप एक मजबूत टीम बनाते हैं. जैसे उस कौआ ने बनाई, ठीक उसी तरह….

जब आप कोई नया काम शुरू करते हैं तो, कुछ लोग आपका मजाक उड़ाने लगतें है. वह आपके सच्चे आलोचक हैं. जैसे कहानी में कौआ के साथ, कुछ कौओं ने उसका मजाक उड़ातें हुए साथ जाने से मना कर दिया था. मगर वह कौआ, अन्य कौओं की टीम बनाकर जुटा रहा और सफलता हासिल की.

अंत में आपको भी सफलता हाथ लगेगी. चूकि यह निरंतर होने वाली प्रक्रियाएं हैं इसलिए यह आपका बिजनेस कहलायेगा.

जब आप Business Modal तैयार कर लेते हैं. तब आपको रोज कार्य करने की आवश्यकता नहीं पड़ती. Tata company के मालिक ‘रतन टाटा’ किसी फैक्ट्री में जाकर स्वंय काम नहीं करतें, बल्कि उनका Business modal उनके लिए काम करके Profit देता हैं.

 

 

 

 

 

 

Vivek Pathak 

Founder & CEO

MeraJazbaa.com

Website : www.merajazbaa.com

Email : merajazbaamail@gmail.com

विवेक पाठक मेरा जज्बा डॉट कॉम के संथापक हैं, वे अपनी कहानियां और जीवन बदलने वाले लेखों को उनकी वेबसाइट www.merajazbaa.com पर प्रकाशित करते हैं और इस सहायता से वे हजारों-लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाना चाहते हैं. यदि आप उनके लिखे लेख पढना चाहते हैं तो कृपया आज ही MeraJazbaa.com पर जाएँ और उनके जीवन बदलने वाले लेखों से उनके साथ जुड़ें।

———————— 

कृपया इस कहानी पर अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं। साथ ही आप अपने सुझाव हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करके भी भेज सकते हैं। यह कहानी विवेक पाठक जी द्वारा लिखी गई है, यदि आप उनसे जुड़ना चाहते हों या कोई सुझाव या सवाल पूछना चाहते हों तो कृपया उन्हें merajazbaamail@gmail.com पर संपर्क करें।

धन्यवाद 🙂

सफलता के लिए अपनाएँ स्वामी विवेकानंद जी की 6 बातें श्री नरेंद्र मोदी जी के 7 प्रेरक कथन Narendra Modi Inspiring Thoughts in Hindi बिल गेट्स के 6 इन्स्पाइरिंग थॉट्स सचिन तेंदुलकर के 6 बेस्ट मोटिवेशनल थॉट्स इलोन मस्क के 8 बेस्ट इंस्पायरिंग थॉट्स Elon Musk Quotes in Hindi