Motivational Poem in Hindi by Amul Naik
किस सोच में पड़े हो, किस्मत पे क्यूँ अड़े हो,,
रखो हिम्मत तुम खुदपर अपने डर से क्यूँ डरे हो।।
तुम ख़ुद क्या हो ये जमाना जानता है,
तेरे ज़िद की ताकत तो ख़ुदा भी मानता है,
रख हिम्मत ख़ुद में किस्मत बदल दे तू,,
ये है हुनर तुझमे ये तू ख़ुद भी जानता है।
ये जानते हुए भी,तुम क्यूँ झुके हो,,
किस सोच में पड़े हो, किस्मत पे क्यूँ अड़े हो,,
रखो हिम्मत तुम खुदपर अपने डर से क्यूँ डरे हो।।
चींटी की ताकत को हाथी भी जानता है,
जड़ की मजबूती को माटी भी जानता है,
तेरे अंदर के साहस को सुन ले ज़रा,,
धड़कन के आवाज को छाती भी जानता है।
इतना जानने के बाद भी तुम रुके हो,,,,,,
किस सोच में पड़े हो, किस्मत पे क्यूँ अड़े हो,,
रखो हिम्मत तुम खुदपर अपने डर से क्यूँ डरे हो।।
Anup Naik
Raigarh Chhattisgarh
Mob. : +91-98930 24995
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मेरा नाम अनुप नायक है । मैं जलगढ़ (सरिया) गाँव रायगढ़ जिले का रहने वाला हूँ । मेरा मानना है कि शब्दों को तुकबंदियों में जमाना और एक सार्थक लय देने की कला सब में होती है, बस प्रयास की जरूरत है । इसी कड़ी में मेरा कविता लिखने का एक प्रयास आपके सामने है । पढ़िए और जरूर बताइये की यह प्रयास सफलता प्राप्त करेगी या नहीं ।
We are grateful to Mr. Anup Naik Ji for sharing this short motivational poem in hindi. Thanks Anup.
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