Heart Touching Story on Faith in Hindi
डॉ. पटनायक दिल्ली के सबसे बड़े हार्ट सर्जन में से एक थे, ये कहना गलत नहीं होगा कि उनके जैसा डॉक्टर वहां कोई नहीं था, काम में सबसे अनुभवी और जमीनी स्तर से जुड़े हुए वो बहुत ही विनम्र इंसान थे । एक बार डॉक्टर्स के बड़े समूह को अपने अनुभव उनके साथ बांटने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया । डॉ. पटनायक 2 वर्षों से अमेरिका में अपनी सेवाएँ दे रहे थे और जब पता चला कि उन्हें दिल्ली जाकर डॉक्टर्स के एक बड़े ग्रुप को संबोधित करना है और इस ग्रुप को बताना है कि वो गाँव-गाँव तक अपनी सेवाएँ कैसे पहुंचा सकते हैं, गाँव के लोगों को हॉस्पिटल से कैसे जोड़ सकते हैं और गांवों में हॉस्पिटल का निर्माण कर मुफ्त में अपनी सेवाएँ जन-जन तक कैसे पहुंचा सकते हैं । उन्हें जब इस बात का भी पता चला कि दिल्ली से कुछ दूर एक गाँव में डॉक्टर्स की मीटिंग रखी गई है तब वे बहुत खुश हुए क्योंकि डॉ पटनायक दिल्ली के अलावा कई गावों में अपनी मुफ्त सेवाएँ दे चुके थे और उन्हें गांवों के लोग बहुत मानते थे ।
उन्होंने अपनी फ्लाइट टिकिट बुक की, अपना सामान पैक किया और अगले ही दिन दिल्ली के लिए रवाना हो गए । देर शाम को उनकी फ्लाइट लैंड हुई, मौसम ने अपना रुख बदला हुआ था, आसमान से एक-दो बूंद टपकती पानी कब छोटे-छोटे ओले में बदल गए पता नहीं चला । मौसम बहुत ज्यादा ख़राब था । दिल्ली से एक जूनियर डॉ. शर्मा और उनका ड्राईवर मोहन उन्हें लेने के लिए एयरपोर्ट पर उपस्थित थे । अगली सुबह एक छोटे-से गाँव में डॉ. पटनायक को संबोधित करना था इसलिए उन्हें उसी रात ही उस गाँव के लिए निकलना था । कुछ देर इंतजार करने के बाद भी मौसम की स्थिति वैसी ही थी । डॉ. शर्मा ने मोहन से पूछा, “यदि आप गाड़ी चला सकें और रास्ते में किसी तरह की कोई असुविधा न हो तो क्या हम इस मौसम में भी यहाँ से निकल सकते हैं”
“हाँ, मैं कोशिश करूंगा लेकिन गाँव जाने के लिए हमें कच्चे रास्तों से होकर जाना पड़ेगा इसलिए अभी हम धीरे-धीरे आगे बढ़ सकते हैं।”- मोहन ने कहा ।
मोहन ने गाड़ी निकाली और तीनों गाँव की तरफ आगे बढ़ने लगे । रास्ता और मौसम दोनों बहुत ख़राब था इसलिए वे धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे । कुछ दुरी तय करने के बाद जब वे एक गाँव से गुजर रहे थे तब मोहन को महसूस हुआ कि उसके गाड़ी का एक टायर पंचर हो गया, उसनें गाड़ी रोकी और नीचे उतरकर बारिश में भीगते हुए उसनें टायर को चेक किया, टायर पंचर था ।
उस गाँव में बहुत अँधेरा था, मौसम खराब होने के कारण वहां बिजली नहीं थी लेकिन मोहन ने देखा कि पास ही के एक घर से रोशनी आ रही थी । मोहन ने डॉ. पटनायक और डॉ. शर्मा से कहा कि सर गाड़ी का टायर पंचर है और टायर बदलने में समय लग सकता है, इसलिए गाड़ी से उतरकर हमें पास के घर में अभी कुछ समय रुकना होगा, क्योंकि ऐसे बारिश में टायर बदलना भी संभव नहीं होगा ।
दोनों डॉक्टर्स गाड़ी से नीचे उतरे और पास के ही घर की तरफ जहाँ से रोशनी आ रही थी आगे बढ़ने लगे । उन्होंने घर का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई । उन्होंने इस बार फिर दरवाजा खटखटाया और अबकी बार दरवाजे पर एक बूढ़ी अम्मा थीं जो बहुत उम्र की लग रही थीं ।
“माँ जी, हम शहर से आ रहे हैं, मौसम बहुत खराब है और यहाँ हमारी गाड़ी भी खराब हो गई है, यदि कुछ समय तक आप हमें यहाँ रुकने दें तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी ।” – डॉ. शर्मा ने बूढ़ी अम्मा से कहा ।
“क्यों नहीं, आप सब अंदर आइए मैं आपके लिए चाय बनाती हूँ।” – बूढ़ी अम्मा ने जवाब देते हुए कहा ।
“ये बिस्तर पर यह छोटा बच्चा क्यों कराह रहा है, इसे क्या हुआ ?” – डॉ पटनायक ने बच्चे की कराह सुनी और बूढ़ी अम्मा से पूछा ।
“अब क्या बताएं साहब, गाँव में हॉस्पिटल की सेवाएँ नहीं हैं, हर छोटी-बड़ी बीमारी के लिए शहर जाना पड़ता है । यह मेरा इकलौता पौता है । शुरुआत में इसे खांसी थी, धीरे-धीरे इसकी छाती में दर्द होने लगा और जब मैंने इसके इलाज की प्रक्रिया पता की तो मुझे पता चला कि मेरा पोता एक बहुत बड़ी बीमारी से जूझ रहा है । इसके हार्ट में बड़ी समस्या है । कुछ डॉक्टर्स ने बताया कि दिल्ली के एक मशहूर डॉक्टर हैं जो आजकल अमेरिका में रहते हैं और कभी-कभी ही दिल्ली आते हैं । वही इसका इलाज कर सकते हैं । इलाज में भी बहुत खर्च है । मेरे पास इतने पैसे नहीं कि मैं अपने पोते का इलाज करा सकूँ । गरीबी और हॉस्पिटल न होने के चलते ही मैं अपने बेटे और बहु को भी नहीं बचा सकी, वो भी बीमारी से लड़ते हुए ही चल बसे । मेरे पोते के साथ ऐसा न हो, और वो जल्दी स्वस्थ हो जाए इसलिए मैं रोज हर समय भगवान के सामने दीए जलाए रखती हूँ, ताकि भगवान मेरे इस चिराग को बुझने न दें । मैं हर जो भगवान से प्रार्थना करती हूँ कि जब भी डॉ पटनायक दिल्ली आएं तो मुझे किसी के माध्यम से पता चल सके और मैं उनसे मेरे पोते की जान बचाने की भीख मांग सकूँ । अब सब मैंने भगवान पर छोड़ दिया है साहब… ऐसा कहकर बूढ़ी अम्मा रोने लगीं ।”
ये सब बातें जब डॉ. शर्मा, ड्राईवर मोहन ने सुना तो उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक दिख रही थी, डॉ. शर्मा बूढ़ी अम्मा के पास गए और उन्होंने उनका हाथ पकड़ते हुए कहा, “माँ जी आप जिन डॉ. पटनायक की बात कर रही हैं वो आपके सामने ही खड़े हैं।” डॉ. पटनायक ने बूढ़ी अम्मा से उनके गाँव वाले कार्यक्रम के बारे में पूरी बात बताई और यह भी विश्वास दिलाया कि उनके पोते का वो मुफ्त में इलाज करेंगे और गाँव-गाँव तक चिकित्सा की सेवाएँ पहुंचाएंगे ।
यह सुनने के बाद बूढ़ी अम्मा को विश्वास हो गया कि इस दुनिया में विश्वास कितना जरूरी है, और उस भगवान पर विश्वास कितना जरूरी है जो आपकी दिल से निकली दुआओं और प्रार्थनाओं को कबूल करते हैं ।
अगली सुबह सभी डॉक्टर्स को डॉ. पटनायक ने संबोधित किया और उन्हें गाँव-गाँव में हॉस्पिटल और चिकित्सा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास जो वो सब कर सकते हैं इसके लिए कहा । बूढ़ी अम्मा के पोते का इलाज हुआ और वो अब स्वस्थ है, गाँव-गाँव तक डॉक्टर्स पहुंचे और हॉस्पिटल खुलने लगे ।
दोस्तों इस कहानी से हम क्या सीख सकते हैं
उस भगवान पर भरोसा रखिये जो आपके साथ कभी गलत होने नहीं देगा । वो किसी न किसी रूप में आकर आपका साथ देगा । अपनी हिम्मत को टूटने मत दीजिये ।
Afzal Imam
Blog : www.fixxgroup.in
मै (अफजल इमाम) एक student और part time ब्लॉगर हुँ। मेरे ब्लॉग का नाम “fixxgroup.in” है। यहाँ आप motivational story, quotes, education और career से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी हिंदी मे पा सकते हैं।
We are grateful to Afzal Imam Ji for sharing this Heart Touching Story on Faith in Hindi.