लघु कहानी Archives - HamariSafalta.com https://www.hamarisafalta.com/tag/लघु-कहानी भारत की सबसे प्रेरणादायक हिंदी ब्लॉग Mon, 15 Jul 2019 04:44:26 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://www.hamarisafalta.com/wp-content/uploads/2017/08/hs.png लघु कहानी Archives - HamariSafalta.com https://www.hamarisafalta.com/tag/लघु-कहानी 32 32 121486502 गधा और बैल | गुण अवगुण पर प्रेरणादायक हिंदी कहानी https://www.hamarisafalta.com/2019/07/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%95-%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80.html https://www.hamarisafalta.com/2019/07/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%95-%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80.html?noamp=mobile#respond Mon, 15 Jul 2019 04:44:26 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2399 गुण अवगुण पर प्रेरणादायक हिंदी कहानी दो विद्वान मित्र एक प्रतिष्ठित सेठ के यहाँ उनके निमंत्रण पर पूजा-पाठ करने के लिए गए। सुबह के समय उनमें से एक विद्वान मित्र पूजा करने के लिए जाता था। एक सुबह सेठ जी ने विनम्र स्वभाव के साथ हाथ जोड़कर विद्वान से कहा, महाराज जी आपके मित्र तो बहुत ही नेक इंसान हैं। इतना सुनते ही उसने सेठ को जवाब देते हुए कहा, ‘वह तो निरा बैल है।’ किसी भी चीज की जानकारी […]

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गुण अवगुण पर प्रेरणादायक हिंदी कहानी

दो विद्वान मित्र एक प्रतिष्ठित सेठ के यहाँ उनके निमंत्रण पर पूजा-पाठ करने के लिए गए। सुबह के समय उनमें से एक विद्वान मित्र पूजा करने के लिए जाता था। एक सुबह सेठ जी ने विनम्र स्वभाव के साथ हाथ जोड़कर विद्वान से कहा, महाराज जी आपके मित्र तो बहुत ही नेक इंसान हैं। इतना सुनते ही उसने सेठ को जवाब देते हुए कहा, ‘वह तो निरा बैल है।’ किसी भी चीज की जानकारी नहीं है उसे। मेरे साथ रहता है इसलिए उसे थोड़ा-बहुत सम्मान मिल जाता है।
अगली सुबह जब दूसरा मित्र हवन करने के लिए आया, तब सेठ ने वही बात उस विद्वान मित्र के सामने भी कही। इस पर दुसरे मित्र ने भी जवाब देते हुए कहा, ‘वह तो निरा गधा है। वह तो मेरे साथ इसलिए है ताकि मेरा सामान ढो सके। उसे मैंने अपनी सेवा करने के लिए अपने साथ रखा हुआ है।’
सेठ जी को दोनों मित्रों का ऐसा जवाब सुनकर बहुत ही आश्चर्य हुआ।
एक शाम जब दोनों की पूजा समाप्त हो गई और वे एक साथ खाना खाने के लिए सेठ जी के यहाँ आए तब सेठ ने दोनों की थाली में हरी घास रख दी और उनसे कहा, महाराज इस भोजन को स्वीकार करें।
दोनों मित्र गुस्से से आग-बबूला हो उठे। इसके बाद सेठ जी ने उनके सामने हाथ जोड़ते हुए कहा, महाराज! आप दोनों मित्रों ने ही एक दुसरे को गधा और बैल बताया है। और मुझे लगता है कि आप हरी घास, गधे और बैल के लिए प्रिय भोजन होना चाहिए।
दोनों मित्र इस बात के लिए बहुत शर्मिंदा थे और उन्हें बहुत पछतावा हो रहा था।

दोस्तों यदि हर व्यक्ति अपने अंदर अवगण देखना और दूसरों में गुण देखना शुरू कर दे तो वह इस प्रकार के व्यवहार से बच सकता है। हमें दूसरों में कमियां या गलतियां खोजना बंद कर देना चाहिए। आप खुद में कितनी गलतियां या कमियां खोज निकालते हैं और उन्हें सही करते हैं ये मायने रखता है।

कृपया इस छोटी-सी प्रेरणादायक लघु कथा पर अपने विचार कमेंट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं। किसी भी प्रकार की सुझाव व शिकायत के लिए हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें।

धन्यवाद 🙂

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डाकू खड़गसिंह का आतंक | बच्चों के लिए प्रेरक कथा https://www.hamarisafalta.com/2019/05/story-for-kids-in-hindi-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be.html https://www.hamarisafalta.com/2019/05/story-for-kids-in-hindi-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be.html?noamp=mobile#respond Thu, 30 May 2019 02:22:55 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2353 Story for Kids in Hindi | बच्चों के लिए प्रेरक कथा | बाल कथा | लघु कहानी बहुत समय पहले की बात है एक बार खड़गसिंह नाम का एक डाकू अपने राज्य में लूट-मार करके अपने घर जा रहा था।  वह जंगल से होता हुआ अपने घर की तरफ आगे बढ़ ही रहा था कि उसे पत्थर पर लेटे हुए एक साधू-महात्मा नजर आए। खड़गसिंह उस साधू के पास गया और बोला- “क्या तुम्हें मुझसे डर नहीं लगता! तुम्हें पता […]

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Story for Kids in Hindi | बच्चों के लिए प्रेरक कथा | बाल कथा | लघु कहानी

बहुत समय पहले की बात है एक बार खड़गसिंह नाम का एक डाकू अपने राज्य में लूट-मार करके अपने घर जा रहा था।  वह जंगल से होता हुआ अपने घर की तरफ आगे बढ़ ही रहा था कि उसे पत्थर पर लेटे हुए एक साधू-महात्मा नजर आए। खड़गसिंह उस साधू के पास गया और बोला- “क्या तुम्हें मुझसे डर नहीं लगता! तुम्हें पता भी है, मैं कौन हूँ! सारे शहर और राज्य के लोग मेरे नाम से कांपते हैं, मैं ही वो खड़गसिंह हूँ जिसनें हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया और मेरे क्रोध से सभी परिचित हैं।” वह अपने बारे में एक छोटा-सा परिचय साधू के सामने दे रहा था। लेकिन इन सब बातों का साधू पर कोई भी असर नहीं पड़ा और वे ज्यों के त्यों उस पत्थर पर ही लेटे रहे।

आपको कम सुनाई देता है क्या, सूना नहीं मैं कौन हूँ और क्या करता हूँ! – खड़गसिंह फिर से चिल्लाते हुए बोला।

साधू ने कहा, “तुम खून खराबा क्यों करते हो!”

ताकि मैं इस राज्य पर कब्ज़ा कर सकूँ और एक दिन मेरे आतंक से देश भी काँपे। – डाकू खड़गसिंह बोला।

फिर इससे क्या होगा? – साधू ने पूछा।

मेरे पास सभी सुख सुविधाएं होंगी, सब लोग मुझसे डरेंगे, मेरे आगे सिर झुकाएँगे, मेरे पास बड़े-बड़े घर, नौकर-चाकर, सम्पत्ति, गहने, और सभी ऐसो आराम की चीजें होंगी। – डाकू ने कहा।

फिर इससे क्या होगा! – साधू ने पुनः प्रश्न किया।

डाकू ने उत्तर देते हुए कहा कि ये सब करने के बाद मैं सुकून और शांति के साथ रहूँगा।

साधू ने जवाब देते हुए कहा, – “खड़गसिंह, तुम इतना सब करने के बाद शांति और सुकून से रहोगे, लेकिन मैं तो अभी भी वैसे ही आराम से रह रहा हूँ, अभी भी मैं शांति और सुकून के साथ अपना जीवन यापन कर रहा हूँ।” साधू ने पत्थर पर लेटे-लेटे ही उत्तर देते हुए कहा और दूसरी करवट लेकर सोने लगा।

यह जवाब सुनकर डाकू खड़गसिंह को पहली बार यह अहसाह हुआ कि वह एक मूर्खतापूर्ण और गलत अभियान पर निकला है। उस दिन के बाद से उसने अपना अभियान हमेशा के लिए त्याग दिया। वह इस बात को अब समझ चूका था कि सुकून और आराम पाने के लिए उसका रास्ता कभी उचित नहीं था। वह हिंसा, क्रोध, किसी को डराकर कभी भी शांति हासिल नहीं कर सकता।

 

दोस्तों शांति का मार्ग दूसरों को दुःख देकर, किसी की खुशियों में आग लगाकर आप कभी हासिल नहीं कर सकते हैं। किसी को डरा-धमकाकर किसी का प्यार नहीं पाया जा सकता। क्रोध, हिंसा, दुश्मनी ये सब गलत भावनाएं हैं, इससे आप कभी सुखी नहीं होंगे और दूसरों को भी हमेशा दुःख का सामना करना होगा।

कृपया आप हमें बताएं कि आपने इस बाल-कथा से क्या सीखा? अपने सुझाव, कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं अथवा हमें hamarisafalta@gmail.com पर अपनी प्रतिक्रिया, शिकायत, सुझाव, प्रश्न मेल करें।

धन्यवाद 🙂

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थॉमस एडिसन की प्रेरणादायक कहानी https://www.hamarisafalta.com/2018/12/%e0%a4%a5%e0%a5%89%e0%a4%ae%e0%a4%b8-%e0%a4%8f%e0%a4%a1%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a4%a8-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%95-%e0%a4%95.html https://www.hamarisafalta.com/2018/12/%e0%a4%a5%e0%a5%89%e0%a4%ae%e0%a4%b8-%e0%a4%8f%e0%a4%a1%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a4%a8-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%95-%e0%a4%95.html?noamp=mobile#respond Sat, 22 Dec 2018 07:49:27 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2222 थॉमस एडिसन की प्रेरणादायक कहानी यह उन दिनों की बात है जब थॉमस एडिसन स्कूल में पढ़ाई किया करते थे। एक दिन जब वे स्कूल से घर आए तब उनके हाथ में एक लेटर था। उन्होंने वो लेटर अपने माँ को देते हुए कहा, कि माँ इसमें क्या लिखा है, यह लेटर मेरे स्कूल वालों ने मुझे दिया है और उन्होंने कहा है कि इसे अपनी माँ को जोर-जोर से पढ़ने के लिए कहना। माँ ने वह पत्र खोला और […]

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थॉमस एडिसन की प्रेरणादायक कहानी

यह उन दिनों की बात है जब थॉमस एडिसन स्कूल में पढ़ाई किया करते थे। एक दिन जब वे स्कूल से घर आए तब उनके हाथ में एक लेटर था। उन्होंने वो लेटर अपने माँ को देते हुए कहा, कि माँ इसमें क्या लिखा है, यह लेटर मेरे स्कूल वालों ने मुझे दिया है और उन्होंने कहा है कि इसे अपनी माँ को जोर-जोर से पढ़ने के लिए कहना। माँ ने वह पत्र खोला और उसे पढ़ने लगीं। पढ़ते-पढ़ते माँ की आँखें नम हो गयीं। उन्होंने अपने बेटे थॉमस एडिसन को गले से लगा लिया। थॉमस ने पूछा, माँ इसमें लिखा क्या है? माँ ने जोर-जोर से लेटर को पढ़ना शुरू किया, थॉमस इसमें लिखा है कि आपका बेटा एक जीनियस है, थॉमस एक कमाल का बच्चा है, सुपर इंटेलिजेंट है और इस बच्चे को हम अपने स्कूल में नहीं पढ़ा सकते, क्योंकि हमारे यहाँ पर इतने अच्छे टीचर्स नहीं हैं। इसलिए हम एडवाइस देते हैं कि आप इस बच्चे को अपने घर पर ही पढ़ाएं।

उस दिन के बाद से थॉमस को उसकी माँ ने घर पर ही पढ़ाया। थॉमस ने भी मन लगाकर पढ़ाई की। और एक दिन ऐसा आया जब थॉमस इस दुनिया के सबसे बड़े इन्वेन्टर बन गये। 1093 पेटेंट उनके नाम थे। उन्होंने ही बल्ब का इन्वेंशन किया और एक सफल बिजनेसमेन भी बने। वे सफलता की चरम सीमा तक पहुँच चुके थे, इसी बीच उनकी माँ का स्वर्गवास हो गया। एक दिन वे अपने घर की साफ़ सफाई में व्यस्त थे, तभी उन्हें उनके बचपन का वह लेटर मिला जो उनके टीचर ने अपनी माँ को देने के लिए दिया था। उन्होंने उस लेटर को खोला और पढ़ना शुरू किया, उस लेटर में लिखा था- आपका बच्चा थॉमस मानसिक रूप से कमजोर है, हम इसे इस स्कूल में नहीं पढ़ा सकते, कृपया आप इसे घर पर ही रखें। यह पढ़ते ही थॉमस की आँखों में आंसू आ गए। उस समय उन्हें लगा कि उनकी माँ ने कितना बड़ा काम या कहें कितना बड़ा उपकार किया है। यदि उनकी माँ ने लेटर में जैसा लिखा था वही पढ़ देतीं तब शायद थॉमस एडिसन, वो थॉमस एडिसन नहीं बन पाते और इतने सारे इन्वेशन संभव ही नहीं हो पाते।

दोस्तों, हम कई बार लोगों को ऐसे शब्द कह देते हैं, जिससे वे अन्दर तक टूट जाते हैं। उन्हें विश्वास दिलाना चाहिए, यकीन मानिए शब्दों में बहुत ताकत होती है। इस बात को मानिए कि अच्छी बातें शेयर करने से, अच्छे शब्दों का इस्तेमाल करने से हमारे अन्दर और आसपास में सकारात्मक बदलाव आता है। याद रखिए, यदि सीढ़ियाँ किसी को ऊपर ले जाती हैं तो वह किसी को नीचे भी लेकर आती हैं। इस दुनिया में बहुत कुछ आपकी सोच और शब्दों पर भी निर्भर करता है। इस बात में बड़ी सच्चाई है कि शब्दों में बहुत ताकत होती है, हम कई बार लोगों को कुछ ऐसी बातें भी कह देते हैं जिससे वे अन्दर तक टूट जाते हैं और हम कई बार कुछ लोगों को ऐसी बातें भी कह देते हैं कि वो सफलता की ऊँचाइयों को छू लेते हैं, माउंट एवरेस्ट तक चढ़ जाते हैं। अपने शब्दों पर गौर करें, दूसरों को प्रोत्साहित करें, अच्छी बातें कहें, क्योंकि इससे आप दूसरों के अन्दर साहस भरने का काम करते हैं।

कृपया इस Short Inspiraitonal Hindi Kahani पर अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुँचाएँ अथवा हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें।

धन्यवाद 🙂

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