एक व्यक्ति ऊँचे पहाड़ से पत्थर काटकर, उसे बाजार में बेचा करता था, यही उसके रोजगार का साधन था.. एक दिन जब वह पत्थर काटने घर से निकला तो उसने एक राजा को सैनिकों के साथ आते हुए देखा, राजा को देखते ही उसके मन में इच्छा जागृत हो उठा कि काश! मैं भी राजा होता तो मैं भी ऐसे ऐशो-आराम से रहता.. ऐसी इच्छा करते ही एक आकाशवाणी हुई, और उसकी छोटी-सी कुटिया राजमहल में बदल चुकी थी.. पत्थर काटाली बहुत खुश हुआ और राजभोग की भोग-विलाश में डूब गया.. एक दिन वह शोभा-यात्रा में जाने के लिए अपने महल से निकला, उसने पाया कि धुप से उसका चेहरा काला हो रहा है, वह क्रोध से ऊपर देखकर चिल्लाने लगा कि राजा से बड़ा तो यह सूरज है! उसने सूरज होने की इच्छा की और पहले की तरह ही एक आकाशवाणी हुई तथा वह सूरज बन गया.. सूरज बनकर आकाश में जाते ही उसने अपना कहर शुरू कर दिया और धरती को अपने धुप से जलाने लगा, लेकिन एक दिन बादल ने उसे पूरी तरह से ढँक लिया, बादल को देखकर वह उसे श्रेष्ठ और ताकतवर कहने लगा.. साथ ही उसने बादल बनने की इच्छा की और वह बादल बन गया.. बादल बनकर भी उसकी बुरी प्रवृत्तियां नहीं बदलीं और उसने अपनी वर्षा से सभी को जलमग्न कर दिया.. और बहुत हंसने लगा कि मुझसे ज्यादा सर्वश्रेष्ठ कोई नहीं है, मैं ही बड़ा हूँ लेकिन अचानक उसने देखा कि विशाल पहाड पर उसकी वर्षा का कोई असर नहीं हो रहा है, उसे लगा कि मुझसे बड़ा तो यह पहाड़ है और उसने पहाड़ बनने की इच्छा की जिससे अब वह पहाड़ बन गया.. वह सोचने लगा कि वही इस दुनिया में सबसे बड़ा है और बड़े अभिमान से वह खुद से अपने डींगों का बखान करने लगा.. एक दिन उसे महसूस हुआ कि कोई उसके पत्थरों को काट रहा है, उसने देखा कि एक पत्थर काटाली उसका टुकड़ा कर रहा है… वह बहुत दु:खी हुआ और उसे अपनी गलतियों का एहसास हुआ और उसने फिर से पत्थर काटाली बनने की इच्छा जाहिर की और वह पत्थर काटाली बन गया एवं अपने आगे का जीवन हंसी खुशी बिताने लगा..
मित्रों इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि भगवान ने इस संसार में जो भी चीजें बनाईं हैं उनमें कमियां कुछ भी नहीं हैं लेकिन हम अपनी शक्तियों पर कभी भरोसा ही नहीं करते.. हम जो चाहे बन सकते हैं बशर्ते हमारी इच्छा-शक्ति पर हम जोर दें और जो इच्छा रखें उसे हासिल करने में दिन-रात एक कर दें, एक दिन ऐसा आएगा जब हमारे पास इच्छा-शक्ति से सब कुछ हासिल करने का जूनून साथ होगा और सफलता की गाथाएं हम लिखते जायेंगे साथ ही जो भी सोचेंगे वो बन जायेंगे…
Ananta Bag
Odisha,bolangir,bangomunda,pitamahul
We are grateful to Mr. Ananta Bag ji for sharing this beautiful hindi story based on will power.
Thanks Ananta !