जिंदगी बदलने वाली तीन प्रेरणादायक हिंदी कहानियां Part-1

                               सच्ची कीमत 

एक समय की बात है संत रामदास और उनका एक शिष्य सुबह-सुबह भ्रमण पर निकले । शिष्य ने अपने गुरूजी से पूछा- गुरूजी! आप इतने इतने बड़े संत महात्मन हैं, फिर भी ऐसे साधारण वस्त्र क्यों पहनते हैं? इन वस्त्रों से यह बिलकुल भी नहीं लगता है कि आप इतने ज्ञानी हैं!

इस बात पर गुरूजी ने शिष्य को एक अंगूठी दी और मुस्कुराते हुए कहा कि मैं तुम्हारे सवाल का जरूर जवाब दूँगा लेकिन उससे पहले तुम्हें यह अंगूठी किसी व्यापारी को बेचकर आनी पड़ेगी, इस अंगूठी के बदले व्यापारी से एक अशरफी जरूर लेकर आना ।

शिष्य ने गुरूजी की बात मान ली और उस अंगूठी को वह बेचने के लिए निकल पड़ा । थोड़े समय पश्चात् जब वह वापिस लौटा और उसने बताया कि कोई भी व्यापारी इस अंगूठी के बदले एक अशरफी देने के लिए तैयार नहीं हुआ तब गुरूजी ने कहा कि कोई बात नहीं ! तुम इस अंगूठी को किसी जौहरी के पास बेचकर आओ ।

लेकिन इस बार भी शिष्य अंगूठी को लेकर गुरू के पास वापिस आ गया और उसने बताया कि सभी जौहरियों ने इस अंगूठी को लेने से मना कर दिया और उन सबने कहा कि इस अनमोल अंगूठी को हम सब मिलकर भी खरीद नहीं सकते इसके लिए तो लाखों अशरफियाँ भी कम हैं ।

ये बात सुनते ही गुरूजी मुस्कुराकर बोले- यही तो तुम्हारे प्रश्न का उत्तर है, जिस प्रकार सिर्फ ऊपर से देखकर इस अनमोल अंगूठी के कीमत का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता ठीक उसी प्रकार किसी व्यक्ति को उसके वस्त्रों से नहीं आँका जा सकता ।

जीवन को बदलने वाला मंत्र :– इंसान की पहचान उसके कर्मों से होती है न कि वस्त्रों से…।

 

 

                            बेटी और सेब 

एक बार पिताजी अपनी बेटी को बाजार घुमाने के लिए ले गए, बाजार में तरह-तरह की चीजें थीं, तभी बेटी की नजर सेब से भरे एक ठेले पर पड़ी । बेटी ने पिताजी से सेब दिलाने के लिए कहा क्योंकि बेटी बहुत छोटी थी और पिताजी नहीं चाहते थे कि उसकी बेटी इसके लिए जिद करने लगे इसलिए पिताजी ने तुरंत दो सेब खरीद लिए । तुरंत ही बेटी ने दोनों सेब अपने एक-एक हाथों में ले लिया ।

उसके पिता ने उससे पूछा कि- बेटी क्या तुम मेरे साथ एक सेब बाँट सकती हो?

यह सुनते ही बेटी ने एक सेब का टुकड़ा खा लिया ।  इससे पहले कि पिता कुछ और बोलता बेटी ने दूसरे सेब का टुकड़ा भी खा लिया ।

यह देखकर उसके पिता को बहुत दुःख हुआ, वह मन ही मन सोचने लगा कि उसने अपनी बेटी को कैसे संस्कार दिए हैं ! शायद कुछ गलत संस्कार की वजह से उसकी बेटी के अंदर लालच की भावना पैदा हो गयी है..

पिता मन में इस प्रकार की बातें सोच ही रहा था कि बेटी ने उसकी तरफ एक सेब बढाते हुए कहा- कि पापा आप यह सेब खाइए, ये बहुत ही मीठा और रसीला है ।

इस  पर पिता को कुछ कहते नहीं बना, उसे बहुत ही बुरा महसूस हो रहा था कि उसने बिना कुछ सोचे समझे  अपनी बेटी के बारे में गलत राय कैसे बना ली !

हांलाकि वह अपनी बेटी का यह प्यार देखकर बहुत खुश भी था लेकिन उसे पछतावा भी हो रहा था…

जीवन को बदलने वाला मंत्र:बिना किसी चीज को सोचे समझे जल्दबाजी में कभी भी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए ।

 

                                 घमंड 

एक बार एक कॉलेज में सेमिनार करवाया गया । सेमीनार में एक ज्ञानी शिक्षक लेक्चर के लिए आया और उसने सभी स्टुडेंट्स से पूछा- क्या आपको पता है कि मैं किस टॉपिक पर बात करने के लिए यहाँ उपस्थित हूँ ? सभी स्टुडेंट्स ने कहा कि उन्हें इस बारे में नहीं पता!

इस पर शिक्षक उनसे नाराज हो गया और वहाँ से जाने लगा । कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें समझाया और काफी विनती करने के बाद वह शिक्षक स्टेज पर आया और फिर से उसने वही सवाल दोहाराया । इस बार सभी स्टुडेंट्स ने हाँ में जवाब । लेकिन वह ज्ञानी शिक्षक फिर से नाराज हो गया और सेमिनार छोड़कर चला गया ।

बहुत मिन्नतें करने के बाद वह ज्ञानी शिक्षक इस बार फिर से स्टेज पर आया और उसने वही प्रश्न दोहराया लेकिन इस बार स्टुडेंट्स ने उससे कहा कि सर हम सब अज्ञानी हैं और आपकी बातें हमें समझ नहीं आतीं । इसलिए कृपया अपना कीमती ज्ञान हम पर खर्च न करें, यह कहकर सभी छात्र उस हाल से चले गए, और वह ज्ञानी शिक्षक अकेला खड़ा रह गया साथ ही उसका घमंड भी चूर-चूर हो गया

जीवन को बदलने वाला मंत्र: इंसान को  अपनी लाइफ  में कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए वरना वह अकेला रह जाता है । 

 

       जिंदगी बदलने वाली तीन प्रेरणादायक हिंदी कहानियां Part-2 जल्दी प्रकाशित किया जाएगा  

धन्यवाद ! 

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