मंज़िल की ओर – Motivational Poem in Hindi

मंज़िल की ओर…

सफर   जारी   है   मंज़िल   को   पाने   की।
जंग   से   लड़ना   ही   रीत   है   जहां   की।।
बैठे   रहने   से   कुछ   भी   नसीब   नहीं ।
नसीब    के  भरोसे   अकर्मण्यों    ने   ज़िन्दगी   जियी।।
कर    पूजन   कर्म   का   तू।
मन   में   रख   कर   हौंसला । ।
हौंसला   यदि   हो   बुलन्द।
तय   होगा   हर   फासला।।
ज़िन्दगी   समय   से   है , समय   ही   ज़िन्दगी ।
यूं   न   जाने   दो   समय   को  ,  नहीं   मिलेगी   कोई   ख़ुशी।।
कर   हर   काम   समय   पर   ,  ज़िन्दगी   तुम्हे   आसमान   पर   ला   देगी ।
सफलता   की   सीढिया   कदमों   पर   झुका   देगी।।
लड़ो   ज़िन्दगी   की   हर   एक   जंग   से ।
न   हारो   वक़्त   रूपी   तुरंग   से।।
पल   पल   अनमोल   है   ज़िन्दगी   की ।
केवल   परिश्रम  हो   तो   मिलेगी   हर   ख़ुशी।।
मंज़िल   को   पाना   आसान   नहीं ।
पर   मंज़िल   को   ही   छोड़   देना   हल   नहीं । ।
पार   कर   राहों   के   कांटो   को ।
बढ़ते   रहो   मंज़िल   की   ओर।।

धन्यवाद!

Priya Paul.

Class – 11th.

Ghatsila, Jharkhand.

 

We are grateful to Priya Paul for sharing very inspiring poem Manzil Ki Oar.  Thanks Priya 🙂

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