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गाँव चला कोई – Heart Touching Poem on Lockdown

Heart Touching Poem on Lockdown in Hindi

देख अपने लाल की हालत, भारत माँ भी रोई ।
भूखा पेट,पाँव में छाले, लिए गाँव चला कोई ।।
कांधे में बच्चे उठाये, तपे धूप में चलते जाए ।
गरम सड़क में छाले जलते, नीर नयन से बहते जाए ।।
हे!दाता इतना बता, ये त्रास खतम कब होई ।
भूखा पेट, पाँव में छाले, लिए गाँव चला कोई ।।
हे!पद के सत्ताधारी,तुम्हें पीड़ा की नहीं जानकारी।
अहसास करो तुम पीड़ा को, तपन जलन और भूखमारी ।।
भारत देश की राजनीति, क्यों कुम्भकर्ण सी सोई ।
भूखा पेट, पाँव में छाले, लिए गाँव चला कोई ।।
हे!सरकार सहारा दो, तिनके को किनारा दो ।
अपने कंधे शीश झुकाकर, आँसू पोंछ सहारा दो ।।
महाभारत के इस रण में, किशन बनो रे कोई ।
भूखा पेट, पाँव में छाले, लिए गाँव चला कोई ।।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Anup Naik

Raigarh Chhattisgarh

Mob. : +91-98930 24995

मेरा नाम अनुप नायक है । मैं जलगढ़ (सरिया) गाँव रायगढ़ जिले का रहने वाला हूँ ।
मेरा मानना है कि शब्दों को तुकबंदियों में जमाना और एक सार्थक लय देने की कला सब में होती है, बस प्रयास की जरूरत है । इसी कड़ी में मेरा कविता लिखने का एक प्रयास आपके सामने है । पढ़िए और जरूर बताइये की यह प्रयास सफलता प्राप्त करेगी या नहीं ।

 

We are grateful to Mr. Anup Naik Ji for sharing this heart touching poem on lockdown in hindi. Thanks Anup.

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Heart Touching Poem on Lockdown गाँव चला कोई By Anup Naik.

Image courtesy : Khabar NDTV.

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