4 Best Inspirational Poem in Hindi
1. तेज नदी की धार है ।
उफान ले रहा है पानी,तेज नदी की धार है ।
इस किनारे बैठा तू,नाव है पतवार है ।।
सोच ये कि क्या करूँ,नाव उतारूँ पानी में ?
चुनौती न स्वीकार करूँ,तो धिक है इस जवानी में ।।
देख लहर ये हँस रही,देख तेरी बेबसी ।
तू दिखा दे उस लहर को,तेज अंतर्मन बसी ।।
ये तूफां है इक छलावा,तेरे आगे कुछ नहीं ।
न किसी से डरने वाला,बढ़ता जा तू रुक नहीं ।
उतर गये जो तुम रण में,रण जीत के आना तुम ।
चाहे तूफां तेज आये,अब नहीं घबराना तुम ।।
जो कोई न कर सका,वो तुमको कर जाना है ।
सीना ठोंक के दुनिया को,नाम तेरा बतलाना है ।।
ललकार भरके आगे बढ़,मंजिल तेरी उस पार है।
उफान ले रहा है पानी,तेज नदी की धार है ।।
2 .ख़ुद में ये विश्वास जगा
ताक़त है अंदर तुझमें तो,ख़ुद में तू ये आस जगा ।
तू कर सकता है,कर लेगा,ख़ुद में ये विश्वास जगा ।।
जगा दे तेरे ख़्वाब वो सारे,घुट घुट अंदर मर रहे ।
जगा दे अंदर की ज्वाला को,जलने से जो डर रहे ।।
जगा के सारे तंतर मंतर,दिखा दे अपना जादू तू ।
समय जा रहा रेत की भाँति,कर ले उसको काबू तू ।।
अब शांत बैठना छोड़ के तू,तांडव कर,त्रिनेत्र जगा ।
सपनों को पूरा करने का,फिर से तू विश्वास जगा ।।
तू कर सकता है,कर लेगा,ख़ुद में ये विश्वास जगा ।
ताक़त है अंदर तुझमें तो,ख़ुद में तू ये आस जगा ।।
3. शिखर तक तू जायेगा
शून्य में तू खड़ा अभी है,शिखर तक तू जाएगा ।
हीरा जैसा घिसता जा,जरूर निखर तू जाएगा ।।
थक गया है,स्वास लेके,खुद में तू विश्वास जगा ।
चुनौती फिर स्वीकार कर,एक दफा,प्रयास लगा ।।
काँटो से कैसा डर तुझे,लगने हैं तो लग जाये ।
रुकना नहीं ये सोच ले तू,चाहे हड्डी गल जाये ।।
आँखों में सपने भर कर अब,क्या करना है ये ठान लिया ।
सपनों के पूरे होते तक,नहीं रुकना है ये मान लिया ।।
कष्ट मिले या मुश्किल हो,सबकुछ अब सह जाना है।
आँखें नम हो रक्त बहे,अब सहकर ही रह जाना है ।।
ठान लिया अब कर दिखा,जो सोचा है वो पायेगा ।
शून्य में तू खड़ा अभी है,शिखर तक तू जायेगा ।।
हीरा जैसा घिसता जा, जरूर निखर तू जायेगा ।।
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4. होता हूँ अकेले तन्हाई में गुनगुनाता हूँ
होता हूँ अकेले तन्हाई में गुनगुनाता हूँ,
गुज़रे लम्हें मुश्किलों के साज़ सजाता हूँ ।
नमकीन सी पानी जब उबलती है आँखों से,
तब मंज़र ए ख़्वाब की, ख़ुद को याद दिलाता हूँ ।।
रुख्सत करेगी आज से यादें वो दर्द की,
हिम्मत भरी है दिल में भी, ख़ुद को बताता हूँ ।
तू चल रहा जिस राह में काँटे नहीं होंगे,
ये झूठ कहके ख़ुदको, हिम्मत दिलाता हूँ ।
बीच राह में चलकर मुशाफिर थक भी जाये तो,
चमकती धूप को भी मैं,मुशाफिर शब बताता हूँ ।
मैं गैर हूँ अपनों में इसका भी गम नहीं,
मैं मिलता हूँ गैरों से तो, अपना बताता हूँ ।
जो पैदाइशी मिल जाये रुतबे में मज़ा नहीं,
भले जूते हों फ़टे मेरे,उनसे प्यार जताता हूँ ।
देखें हैं मंज़र ख्वाब में हकीकत हो भी जाएंगे,
मेरी हसरतों की ज़िद को,सबको बताता हूँ ।
होता हूँ अकेले तन्हाई में गुनगुनाता हूँ ।।
होता हूँ अकेले तन्हाई में गुनगुनाता हूँ ।।
Anup Naik
Raigarh Chhattisgarh
Mob. : +91-98930 24995
मेरा नाम अनुप नायक है । मैं जलगढ़ (सरिया) गाँव रायगढ़ जिले का रहने वाला हूँ ।
मेरा मानना है कि शब्दों को तुकबंदियों में जमाना और एक सार्थक लय देने की कला सब में होती है, बस प्रयास की जरूरत है । इसी कड़ी में मेरा कविता लिखने का एक प्रयास आपके सामने है । पढ़िए और जरूर बताइये की यह प्रयास सफलता प्राप्त करेगी या नहीं ।
We are grateful to Mr. Anup Naik Ji for sharing this 4 Best Inspirational Poem in Hindi. Thanks Anup.
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