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Decision Making in Business in Hindi

बिजनेस में सारा खेल आपकी डिसीजन मेकिंग की क्षमताओं का है । सही डिसीजन सही समय पर ले पाए तो आपकी चांदी है , वरना कितने ही संसाधन जुटा लें , कुछ नहीं कर पाएंगे । डिसीजन मेकिंग को बेहतर बनाने के लिए इसे एक प्रक्रिया के तौर पर लें , जिसके लिए आपको कई स्टेप्स फॉलो करने हैं ।

किसी पुराने बिजनेस पार्टनर से अलग करना या किसी नई कंपनी का अधिग्रहण कर लेना….किसी पुरानी नीति को हटा देना या किसी नीति विशेष पर टिके रहना । ऐसे कितने ही फैसले Entrepreneurs को बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए लेने पड़ते हैं कई बार देखा जाता है कि बिजनेस पर्सन्स अपने मौजूदा स्थिति का सही तरह से आकलन ही नहीं कर पाते हैं और जल्दबाजी में गलत फैसला ले लेते हैं । ऐसा होने देने से बचने के लिए अपनाएं डिसीजन टेक्निक्स ।

आपके साथ हम इन स्टेप्स को नीचे साझा कर रहे हैं :

क्या है मुद्दा

बिजनेस में डिसीजन मेकिंग में सबसे बड़ी समस्या तब आती है , जब आपको यह स्पष्ट ही नहीं होता कि आपको किस मुद्दे पर फैसला लेना है और अपने आप को इस मुद्दे के किस हिस्से तक सीमित रखना है । जो भी आपकी समस्याएं हैं , उसे सबसे पहले अपने सामने लिखकर रखें , उस पर गौर करें कि क्या यही वह चीज है , जिसे आप अपने इस फैसले के जरिए बदलना चाहते हैं ?

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लक्षण नहीं, पकड़ें जड़

बिजनेस में जिस भी समस्या से आप दो-चार हो रहे हैं , उसके लक्षणों पर ही गौर न करते रहें । लक्षण आप देख चुके हैं तभी तो आपको समस्या की मौजुदगी के बारे में पता है । अब आपको इस समस्या की जड़ पर गौर करना है । आपको देखना है कि इसके कारण क्या-क्या हैं ? इन कारणों को भी अपने सामने लिखें । इससे आप समझ पाएंगे कि आपको किस-किस चीज से निपटना है ? तब आपकी अप्रोच सही दिशा में जाएगी ।

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न हो शंका

बिजनेस में डिसीजन मेकिंग में उस समय स्थिति अपंग जैसी हो जाती है, जब आप ‘क्या होगा यदि’…..वाली स्थिति में फंस जाते हैं । इस स्थिति में आप अपने हर कदम को नकारात्मक परिणाम से जोड़कर ही देखते रहते हैं और इसी में उलझते जाते हैं । कोई भी फैसला नहीं ले पाते । इस स्थिति से बचने के लिए इन विकल्पों से जुड़ी संभावनाओं पर तर्कसंगत तरीके से गौर करें । यदि खुद स्थिति समझने में समस्या आये तो सलाह लें । तब आप सहजता से फैसला ले पाएंगे ।

Decision Making in Business in Hindi बिजनेस डिसीजन मेकिंग पर लेख 

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चर्चा है जरूरी

फैसला लेते समय अपने टीम के साथियों से विचार विमर्स कर लेना अच्छा रहता है, क्योंकि तब आपको कई लोगों के ओपीनियन मिल जाते हैं । डिसीजन मेकिंग की यह प्रक्रिया फैसला ले लिए जाने तक सीमित नहीं रहती । इसे बेहतर बनाने के लिए प्रभावी क्रियान्वयन भी आपको सूनिश्चित करना होगा । इसलिए समय-समय पर इसके क्रियान्वयन के मुद्दे पर भी टीम के बीच चर्चा करते रहें , ताकि प्रक्रिया अंत तक सफल भी हो , सिर्फ कागजों में न रह जाए ।

समस्या का हल खोजते समय उसके हर पहलू पर अच्छी तरह से गौर करें ।

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अब सोचें हल

एक बार समस्या और इसकी वजहें स्पष्ट हो जाने के बाद आप आसानी से इसके हलों  के बारे में विचार कर सकते हैं । हल सोचते हुए अपने सामने मौजूद विकल्पों पर गौर करें । इन विकल्पों पर विचार करते हुए अपने मुल्य लक्ष्य को ध्यान में जरुर रखें । कोई ऐसा विकल्प न चुन लें , जो आपके लक्ष्य से ही मेल न खाता हो  । इस दौरान आप अपने साथियों की मदद ले सकते हैं , लेकिन लक्ष्य को पूरी तरह से स्पष्ट रखना बेहद जरूरी है ।

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धन्यवाद 🙂

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इन 10 CEO से जानते हैं स्मार्ट वर्क की अच्छी आदतों के बारे में https://www.hamarisafalta.com/2019/06/smart-work-good-habit-hindi-lekh-%e0%a4%85%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9b%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%a6%e0%a4%a4.html https://www.hamarisafalta.com/2019/06/smart-work-good-habit-hindi-lekh-%e0%a4%85%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9b%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%a6%e0%a4%a4.html?noamp=mobile#respond Sat, 01 Jun 2019 03:12:59 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2360 स्मार्ट वर्क | अच्छी आदत  हर व्यक्ति चाहता है कि वह स्मार्ट वर्क करे। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने अन्दर कुछ ख़ास आदतों को अपनाएं। आइये इस लेख में हम जानते हैं देश-दुनिया की नामी कम्पनियों के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर से स्मार्ट वर्क के लिए कुछ ख़ास टिप्स।   चीजें लिखना शुरू करें राजू वनपला (फाउंडर वे टू एसएमएस) Image Courtesy : YourStory Way2SMS के Founder वनपला का कहना है कि वे Personal development किताबों की बजाय […]

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स्मार्ट वर्क | अच्छी आदत 

हर व्यक्ति चाहता है कि वह स्मार्ट वर्क करे। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने अन्दर कुछ ख़ास आदतों को अपनाएं। आइये इस लेख में हम जानते हैं देश-दुनिया की नामी कम्पनियों के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर से स्मार्ट वर्क के लिए कुछ ख़ास टिप्स।

 

चीजें लिखना शुरू करें

राजू वनपला (फाउंडर वे टू एसएमएस)

Image Courtesy : YourStory

Way2SMS के Founder वनपला का कहना है कि वे Personal development किताबों की बजाय स्टार्टअप फाउंडर्स के ब्लॉग्स पढ़ना पसंद करते हैं। स्टार्टअप्स stories पढ़कर उन्हें लगता है कि एक कम्पनी को कैसे मैनेज किया जा सकता है और कम्पनी को आगे बढ़ाने के लिए किन लोगों को hire किया जाना चाहिए। राजू वनपला कहते हैं, मैं जीवन से जुड़ी हर चीज को एक नोटबुक में लिखता हूँ। मैं एक वीक में एक नोटबुक लिखकर पूरा ख़त्म कर देता हूँ। इस नोटबुक में हर तरह की बातें लिखी होती हैं। इससे मुझे खुद के लक्ष्यों को रिव्यु करने में बहुत मदद मिलती है। मैं यह देख पाता हूँ कि जो मेरे लक्ष्य हैं वह मुझसे कितने दूरी पर हैं और मैं यह क्लियर कर पाता हूँ कि मैं लक्ष्य तक पहुँचने में कौन-कौन सी गलतियाँ कर रहा हूँ और उन गलतियों को कैसे सुधारा जा सकता है। आजकल नोट्स बनाने के लिए जरूरी नहीं कि आप कोई डायरी का सहारा लें, आप अपने फ़ोन में डेली नोट्स लिखकर सेव कर सकते हैं, इसके लिए बहुत सारे एप्स आपको अपने फ़ोन के ऐप स्टोर में मिल जाएँगे।

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बाहरी लोगों से भी रखिए संपर्क

Image Courtesy : livemint.com

पेप्सिको इंडिया के पूर्व सीईओ डी. शिवकुमार कहते हैं कि हर व्यक्ति के पास 24 घंटे होते हैं, पर हर एक सीईओ को इसका बहुत अच्छी तरह इस्तेमाल करना होता है। इसलिए कंपनी का मैनेजर होने के नाते आपको अपने मीटिंग्स की जानकारियां समय-समय पर जुटा लेनी चाहिए। आपको समय-समय पर कंपनी के बाहर के लोगों के साथ भी बातचीत करनी चाहिए। इससे आपको काम के बारे में सही तरीके से फीडबैक मिल पाता है।

काम को बांटना सीखिये

मैप माई जीनोम के सीईओ आनु आचार्य कहती हैं कि मैं ऑफिस बहुत जल्दी पहुँच जाती हूँ। काम करने के दौरान मैं कॉल्स अटेंड नहीं करती। मैं काम बांटना पसंद करती हूँ। क्योंकि मुझे लगता है कि हर एक ऑफिस में कोई न कोई व्यक्ति ऐसा जरूर होता है जो उस काम को आपसे बेहतर कर सके। मैं कम्पनी के लिए रिक्रूटमेंट खुद ही करती हूँ।

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दिन की जल्दी शुरुआत कीजिए

गोदरेज कंज्यूमर के मैनेजिंग डायरेक्टर विवेक गंभीर कहते हैं कि अगर मैं ट्रेवलिंग नहीं करता तो सुबह 8 बजे ही ऑफिस पहुँच जाता। मैं टू डू लिस्ट से काम को मैनेज करने की कोशिश करता हूँ। मैं काम के दौरान ईमेल्स चेक नहीं करता। रविवार को बीते हुए हप्ते की घटनाओं के बारे में विचार करता हूँ। फीडबैक के लिए मैं रेगुलर रूप से अपने टीम मेम्बर्स से बात करता हूँ।

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सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करें

फ्रेशडेस्क के फाउंडर गिरीश मथरूबूथम कहते हैं कि मैं टेनिस खेलता हूँ।  इस दौरान मेरे पास किसी का भी कॉल आये मैं नहीं उठाता।  जब मैं गैरजरूरी काम करता हूँ तब सारे कॉल्स का जवाब देता हूँ ।  मैं अपने काम के दौरन कभी भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करता।  डेस्कटॉप पर भी सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बचता हूँ।  सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल बहुत जरूरी है।  यदि आप अपने काम के दौरान फेसबुक पर हैं तो उसी में कब घंटों बीत जाएँगे पता नहीं चलेगा और आप फेसबुक के बाद ट्वीटर, instagram, youtube इन सब पर बारी-बारी से स्विच करके अपने समय को बर्बाद करते जाएँगे।  इसलिए बेहद जरूरी है कि आप अपने सोशल मीडिया से बचें और ज्यादा से ज्यादा अपने काम पर फोकस करें।

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 बेसिक्स से हमेशा जुड़े रहें

आईनॉक्स लेईसर के सीईओ आलोक टंडन कहते हैं कि मैं एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हूँ। मौजूदा नौकरी से इसका दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। पर फिर भी मैं अपनी पुरानी किताबें पलटकर देखता हूँ। इससे मुझे बहुत ज्यादा ख़ुशी मिलती है और मैं खुद को हमेशा जमीन से जुड़ा हुआ पाता हूँ। अगर व्यक्ति अपने बेसिक्स से जुड़ा हुआ रहता है तो उसे काम के दौरान किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। अगर व्यक्ति खुद को भूलकर हवा में उड़ता है तो बहुत जल्दी ही जमीन पर धड़ाम से गिरता है। जमीन से जुड़कर काम करने वाला व्यक्ति जीवन में बहुत तेजी से तरक्की करता है।

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कैलेण्डर का इस्तेमाल करें

अंकुर वारीको, ग्रुप ऑन इंडिया के सीईओ का कहना है कि मैं एक कैलेण्डर पर्सन हूँ। मैं 20 वर्षों से कैलेण्डर मैंटेन करता आ रहा हूँ। नोटबुक से एक्सलशीट और उसके बाद मैं गूगल कैलेण्डर का इस्तेमाल करने लगा। ग्रुपऑन इंडिया के एम्पलॉइज़ इमेल्स एक्सचेंज नहीं करते। अगर कोई व्यक्ति मुझे emails पर अप्रोच करता है तो मैं उसे कैलेण्डर भेज देता हूँ। इससे हर व्यक्ति को पता लग जाता है कि मैं कलेंडर का इस्तेमाल करता हूँ। मैं रिव्यु मीटिंग्स नहीं लेता, क्योंकि मैं बीते हुए पर चर्चा नहीं करता।

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बातें ध्यान से सुनिए

फ्यूचर जनरल लाइफ इंश्योरेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर मुनीश शारदा कहते हैं कि मैं लोगों की बातें ध्यान से सुनने की कोशिश करता हूँ। इससे बिजनेस के बारे में कई चीजों के बारे में पता लगता है। मैं लोगों के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाए रखने के लिए उन्हें जन्मदिन और शादी की सालगिराह की शुभकामनाएँ देता हूँ।

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लोगों की पहुँच में रहिए

जीवीके ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर जीवीके रेड्डी कहते हैं मैं हर काम समय पर करता हूँ।  इससे कम्पनी में समय की पाबंदी का सन्देश जाता है।  समय पर काम पूरा करने पर आपको किसी तरह का तनाव नहीं होता। दिन की शुरुआत में मैं कम्पनी के सभी डिपार्टमेंट के हेड्स के साथ मीटिंग्स करता हूँ और सभी को प्रोजेक्ट्स के बारे में गाइड करता हूँ। मैं दिन भर ऑफिस के लोगों की पहुँच में रहता हूँ। वे मुझे आसानी से अपनी परेशानियाँ बता सकते हैं।

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स्टिकी नोट्स करें इस्तेमाल

स्नैपडील के सह-संथापक रोहित बंसल कहते हैं कि मैं सुबह उठकर emails चेक करता हूँ। 15 मिनट में मैं पूरे दिन की प्लानिंग करता हूँ। लैपटॉप पर स्टिकी नोट्स का इस्तेमाल करता हूँ। इससे मुझे चीजों को याद रखने में मदद मिलती है। छुट्टियों में मैं परिवार को पूरा समय देने की कोशिश करता हूँ। इसके अलावा मैं नए लोगों से भी मिलता हूँ, ताकि मेरा नजरिया विस्तृत बना रहे। ये लोग मेरे बिजनेस से जुड़े नहीं होते।

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यह लेख पत्रिका के एक भाग से प्रेरित है जिसके संकलनकर्ता पत्रिका टीम है।

 

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