Inspiring hindi article Archives - HamariSafalta.com https://www.hamarisafalta.com/tag/inspiring-hindi-article भारत की सबसे प्रेरणादायक हिंदी ब्लॉग Mon, 01 Oct 2018 03:48:30 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://www.hamarisafalta.com/wp-content/uploads/2017/08/hs.png Inspiring hindi article Archives - HamariSafalta.com https://www.hamarisafalta.com/tag/inspiring-hindi-article 32 32 121486502 इन 5 बातों को कहने से बचिए Success Tips in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2017/05/success-tips-in-hindi-%e0%a4%87%e0%a4%a8-5-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%87%e0%a4%82.html https://www.hamarisafalta.com/2017/05/success-tips-in-hindi-%e0%a4%87%e0%a4%a8-5-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%87%e0%a4%82.html?noamp=mobile#respond Tue, 09 May 2017 03:44:04 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1038 पावरफुल लोग हमेशा कुछ ख़ास बातों को कहने से बचते हैं.. आइये आप भी जानिये इन बातों को.. यह असम्भव है पावरफुल व्यक्ति किसी भी काम को कभी असंभव नहीं मानता. वह आगे बढ़ने के लिए सच्चे दिल से प्रयास करता है और मुश्किल काम को भी संभव करके दिखाता है. वह हर काम के बारे में यही कहता है कि मैं इसे कर सकता हूँ.. इससे लोगों के बीच में सन्देश जाता है कि वह पावरफुल है और कुछ […]

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पावरफुल लोग हमेशा कुछ ख़ास बातों को कहने से बचते हैं.. आइये आप भी जानिये इन बातों को..

यह असम्भव है

पावरफुल व्यक्ति किसी भी काम को कभी असंभव नहीं मानता. वह आगे बढ़ने के लिए सच्चे दिल से प्रयास करता है और मुश्किल काम को भी संभव करके दिखाता है. वह हर काम के बारे में यही कहता है कि मैं इसे कर सकता हूँ.. इससे लोगों के बीच में सन्देश जाता है कि वह पावरफुल है और कुछ भी कर सकता है..

 

मैं अकेला काम करता हूँ

पावरफुल लोग इस बात को समझते और जानते हैं कि इस दुनिया में हर एक चीज आपस में जुडी हुई है. और अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता.  वे दूसरों के साथ मिलकर काम करते हैं और अपने काम को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं.

 

यह समस्या मेरी नहीं है

ज्यादातर लोग स्वकेंद्रित होते हैं और किसी भी तरह की समस्या आने पर खुद का बचाव करने लगते हैं लेकिन पावरफुल लोग जिम्मेदारी लेते हैं और सबकी मदद करने के लिए तैयार रहते हैं..और  इसी के कारण लोग उनके साथ जुड़ते चले जाते हैं..

 

सच कहूँ तो

इस तरह के वाक्यांश यह दर्शाते हैं कि आप झूठ भी बोल सकते हैं.. पावरफुल आदमी जानता है कि उसके शब्दों पर हर समय गौर किया जाता है इसलिए वह कभी जाहिर नहीं करता कि वह झूठ बोल सकता है..इससे लोगों का विश्वास उस पर बना रहता है. पावरफुल लोग कभी भी किसी बात को मनवाने के लिए कोई शर्त नहीं रखते ..

 

इसमें मैं क्या कर सकता हूँ

कमजोर लोग ही इस तरह के वाक्यों का उपयोग करते हैं.. पावरफुल लोग बदलाव के लिए कोशिश करते हैं. वे कठिन परिस्थितियां देखकर घबराते नहीं हैं. वे दूसरों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. और किसी काम से कन्नी नहीं काटते.. वे कभी अपनी सीमा तय नहीं करते..

धन्यवाद !

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हार को जीत में बदलने के 5 सिद्धांत Success Tips in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/11/5-principles-to-change-defeat-into-victory-best-success-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/11/5-principles-to-change-defeat-into-victory-best-success-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 17 Nov 2016 03:19:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/11/17/5-principles-to-change-defeat-into-victory-best-success-tips-in-hindi/ दोस्तों लाइफ में हमें कई बार हार का सामना करना पड़ता है, और यह जरूरी भी नहीं कि हम हर बार जीतें।  लेकिंन हर बार जीतने के लिए हम आखिर दम तक कोशिश जरूर कर सकते हैं। सफलता और असफलता में फर्क इस बात का होता है कि असफलता, बाधा, निराशाजनक स्थितियों और हतोत्साहित करने वाली बातों के प्रति आपका रवैया क्या है। ऊपर लिखे वाक्य का साधारण अर्थ यह है कि आप हारने के बाद क्या उठ खड़े होते […]

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दोस्तों लाइफ में हमें कई बार हार का सामना करना पड़ता है, और यह जरूरी भी नहीं कि हम हर बार जीतें।  लेकिंन हर बार जीतने के लिए हम आखिर दम तक कोशिश जरूर कर सकते हैं।

सफलता और असफलता में फर्क इस बात का होता है कि असफलता, बाधा, निराशाजनक स्थितियों और हतोत्साहित करने वाली बातों के प्रति आपका रवैया क्या है।

ऊपर लिखे वाक्य का साधारण अर्थ यह है कि आप हारने के बाद क्या उठ खड़े होते हैं, या बस हारने की तैयारी ही करते हैं, मतलब जब आप असफल होते हैं तो आप अपनी उस बुरी परिस्थिति में खुद की सफलता के लिए कोई ठोस कदम लेते हैं कि नहीं….

आइये इस पोस्ट में हम एकदम शोर्ट में हार को जीत में बदलने वाली इन पांच सिद्धांतों के बारे में बात करेंगे जो आपके जीतने के लेवल को बढ़ाएगी।।।

१. अपनी असफलता का पूरी गहनता के साथ अध्ययन करें, ताकि आप सफलता की राह पर बढ़ सकें।  जब आप हारें, तो उस हार से सबक सीखें और फिर अगली बार जीतने की तैयारी करें।

ये इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि आपको आईने के सामने खुद से बात करने का साहस करना होगा, आपको हीरो बनना होगा… अपनी हार की जिम्मेदारी खुद  पर लेनी होगी, यदि आप इसके लिए दूसरों को ब्लेम करेंगे तो सफलता के रास्ते पर चढ़ना मुश्किल हो जाएगा…. इसलिए पीठ दिखाने की बजाये पूरे साहस के साथ अपनी जीत के लिए तैयारी कीजिये।

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२. अपने खुद के रचनात्मक आलोचक बनने का साहस रखें।  अपनी गलतियाँ और कमजोरियां खोजें और फिर उन्हें सुधारें।  इससे आप प्रोफेशनल बन जाएँगे।

ऊपर लिखे शब्दों का साधारण अर्थ यदि समझें तो इसका मतलब है, खुद की कमजोरियों को हमेशा खोजते रहें, उन्हें सुधारने के लिए हमेशा अपना वक्त निकालें और खुद पर हँसने का साहस रखें।  जब आप खुद के सामने खुद की कमजोरियों पर हँसते हैं, तब आप उसे सुधारने के लिए भी तैयार रहते हैं तब आपको वाकई लगता है कि आप “कर सकते हैं ” इसलिए खुद के वक्त निकालिए, आपको अपने अंदर सिर्फ अच्छाईयां नजर आती हैं, लेकिन जो बुराइयां आपके अंदर हैं, जो आपको कमजोर बनाती  हैं उन्हें खोजना और जड़ से उखाडना भी आपको ही है…..

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३.  किश्मत को दोष देना बंद कर दें।  अपनी हर असफलता का विश्लेषण करें।  यह पता लगाएं कि आखिर गलती कहाँ हुई थी।  याद रखिये तक़दीर को दोष देने से कोई व्यक्ति वहाँ नहीं पहुंचा, जहाँ वह पहुंचना चाहता था।

इस दुनिया में किश्मत है भी या नहीं इस बड़े से विवाद में पड़ना मेरे लिए सबसे बड़ी मूर्खता होगी, लेकिन हाँ मैं इतने यकीन से कह सकता हूँ कि आपके द्वारा दिल से किया गया एक प्रयास आपकी असफलता को कहीं पीछे छोड़ सकता है, यदि आप पूरे धैर्य के साथ सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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४.  लगनशीलता के साथ प्रयोगशीलता का समन्वय कर लें।  अपने लक्ष्य से भटकें नहीं, बल्कि अपने लक्ष्य को बनाये रखें।  लेकिन इसका मतलब यह हरगिज नहीं है कि आप पत्थर की दीवार से अपना सिर टकराते रहें।  नई शैलियों का प्रयोग करें।  प्रयोगशील बनें। 

 यदि आप अपने क्षेत्र में बार-बार असफल हो रहे हों, और आप अपने काम करने के तरीके को ही नहीं बदलना चाहते हों तो आप सफलता के लिए कितनी दूरी तक जा सकता हैं…. यकीनन हर कोई आपको हमेशा की तरह फ़ैल होते हुए ही देखेगा, इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आप उस काम को ही छोड़ दें। 

साधारण शब्दों में आपको बस इतना देखना है कि फ़ैल होने के पीछे कौन सी गडबडियां हैं।  आपको बस उन गडबडियों को सुधारना है, आपको काम करने के तरीके में बस बदलाव लाना है।  हमेशा बदलाव के लिए तैयार रहना है।  जब आप बदलाव के लिए तैयार रहते हैं तो आप कुछ बड़ा करने के लिए तैयार रहते हैं।  इसलिए हमेशा अपने लक्ष्य के लिए नए रास्ते खोजिये, क्योंकि भेड़ चाल सबको चलनी आती है। 

Must Read:- भेड़ चाल से बाहर आने के लिए बेहतरीन हिंदी पोस्ट- क्यों बने हम भीड़ का हिस्सा

५.  याद रखें, हर स्थिति का एक अच्छा पहलु होता है।  इसे खोजें, अच्छे पहलु को देखें और आप एक बार फिर उत्साह से भर जायेंगे। 

जब आप किसी के अंदर पोजिटिव चीजों को देखते हैं या कहीं भी पोजिटिव खबर सुनते हैं तो आपके आँखों में एक अलग सी चमक ही होती है, तो आप खुद के लिए इतना नकारात्मक क्यों हो जाते हैं।  मैं मानता हूँ कि आप सैकड़ों, हजारों बार फ़ैल हुए होंगे या हारे होंगे लेकिन हारने की एक वजह से आप जीतने के दस तरीके निकाल सकते हैं।  वाकई ये इतना मुश्किल भी नहीं है।  आप बस अपने अंदर के उजले पहलुओं को देखिये, जीत के लिए तैयारी शुरू कर दीजिए, सामने कितना भी बड़ा प्रतियोगी होगा आप उसे हरा देंगे। 

बस खेल में उतरिये, जीतने के लिए तैयार रहिये और जीत जाइए… 

 Must Read:- सफलता में रूकावट 6 खतरनाक – C

 नोट:- यह आर्टिकल The Magic of Thinking Big किताब से प्रेरित है, जिसके लेखक डेविड जे. श्वार्ट्ज हैं .



                                                                                                                        धन्यवाद !

 

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“अगर” नाम के बूढ़े द्वारा बनाये जाने वाले 55 प्रसिद्ध बहाने जो आपको असफल बनाते हैं https://www.hamarisafalta.com/2016/11/excuse-bahana-success-inspirational-hindi-post-bahana-par-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2016/11/excuse-bahana-success-inspirational-hindi-post-bahana-par-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Wed, 16 Nov 2016 17:31:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/11/16/excuse-bahana-success-inspirational-hindi-post-bahana-par-hindi-article/ दोस्तों, इस दुनिया में ज्यादातर लोग अपने बहानाबाजी के कारण सफल नहीं हो पाते, और बाद में अपनी किश्मत को कोसते हैं… बहाना बनाने की बीमारी लोगों के अंदर बढती जा रही है, वे अपनी असफलता के सारे कारणों से वाकिफ होते हैं और अपने साथ एक ठोस और कोरा बहाना तैयार रखते हैं कि आखिर वे असफल क्यों हुए? ये दुनिया केवल एक चीज ही जानती है- क्या आपने वाकई में सफलता हासिल की है? इस पोस्ट में एक […]

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दोस्तों, इस दुनिया में ज्यादातर लोग अपने बहानाबाजी के कारण सफल नहीं हो पाते, और बाद में अपनी किश्मत को कोसते हैं… बहाना बनाने की बीमारी लोगों के अंदर बढती जा रही है, वे अपनी असफलता के सारे कारणों से वाकिफ होते हैं और अपने साथ एक ठोस और कोरा बहाना तैयार रखते हैं कि आखिर वे असफल क्यों हुए?

ये दुनिया केवल एक चीज ही जानती है- क्या आपने वाकई में सफलता हासिल की है?

इस पोस्ट में एक चरित्र विश्लेषक ने सबसे आम बहानों की लिस्ट बनाई है.. जा आप इस पोस्ट को पढ़ें तो बड़ी ही सावधानी से खुद की जांच करें और यह तय करें कि आप स्वयं इनमें से कितने बहाने बनाते हैं..

  •  अगर मेरे पास पैसा होता…..
  • अगर मेरे पास पत्नी और परिवार होता…..
  • अगर मेरे पास अच्छी शिक्षा होती…..
  • अगर मुझे कोई नौकरी मिल गयी होती…..
  • अगर मेरा स्वास्थ्य अच्छा होता…..
  • अगर मेरे पास समय होता…..
  • अगर समय बेहतर होता…..
  • अगर दूसरे लोग मेरी फीलिंग्स को समझ पाते…..
  • अगर मेरे चारों तरफ की परिस्थितियां भिन्न होतीं…..
  • अगर मैं अपनी जिंदगी को दुबारा जी सकता…..
  • अगर मैं इस बात से नहीं डरता कि “लोग क्या कहेंगे”…..
  • अगर मुझे अवसर दिया गया होता…..
     
  • जरूर पढ़ें:-  बहाने बनाना छोडिये, बर्बादी से नाता तोडिये  
  • अगर मेरे पास  अब एक अवसर होता…..
  • अगर दूसरे लोगों ने मुझे “इस हालत में नहीं पहुँचाया होता”…..
  • अगर मुझे रोका नहीं गया होता…..
  • अगर मैं अधिक युवा होता…..!
  • अगर मैं वह कर सकता जो मैं चाहता हूँ…..
  • अगर मैं अमीर पैदा हुआ होता…..
  • अगर मैं “सही लोगों” से मिल पाता……
  • अगर मुझमें वह प्रतिभा होती जो कुछ लोगों के पास है……
  • अगर मेरे पास पर्याप्त “प्रेशर” होता…..
  • अगर दूसरे लोग सिर्फ मेरी बात सुन लेते…..
  • अगर मेरे पास खुद का बिजनसे होता…..
  • अगर मेरे पास मेरा “अतीत” न होता…..
  • अगर मैं किसी दूसरे इलाके में रह रहा होता…..
  • अगर मैंने अपना पैसा नहीं गँवाया होता…..
  • अगर मुझे इतनी कड़ी मेहनत नहीं करनी होती……
  • अगर यह सच नहीं होता कि “जो होना है वह होगा”…..
  • अगर मैं गलत सितारे के तले पैदा न हुआ होता…..
  • अगर किश्मत मेरे खिलाफ नहीं होती…..
  • अगर मुझे खुद पर भरोसा होता…..
  • अगर मेरा परिवार इतना फिजूलखर्ची न होता…..
  • अगर लोग इतने गूंगे न होते…..
  • अगर मेरी शादी किसी सही व्यक्ति से हुई होती…..
  • अगर मेरे पास इतनी सारी चिंताएं न होतीं…..
  • अगर हर आदमी ने मेरा विरोध न किया होता…..
  • अगर मैं यह जानता होता कि कैसे करना चाहिए…..
  • अगर मैं असफल न हुआ होता…..
  • अगर मैं कर्ज से बाहर निकल पाता…..
  • अगर मुझे बस एक “ब्रेक ” मिल गया होता…..
  • अगर मेरी प्रतिभाएं लोगों को पता चल जातीं…..
  • अगर मैं इतना मोटा या दुबला-पतला न होता…..
  • अगर मैं सिर्फ मुक्त होता…..
  • अगर मैं किसी बड़े शहर में रह रहा होता…..
  • अगर मेरे पास कुछ लोगों जैसा व्यक्तित्व होता…..
  • अगर मैं सिर्फ शुरू कर पाता…..
  • अगर मेरी फैमिली मुझे समझ पाती…..
  • अगर मुझमें दिलेरी होती…..
  • अगर मैंने पिछले अवसरों का लाभ उठाया होता…..
  • अगर लोग मुझ पर इतने हावी नहीं होते…..
  • अगर मुझे घर  न संभालना होता और बच्चों की देखरेख न करनी होती….
  • अगर मैं कुछ पैसे बचा सकता …..
  • अगर बॉस मेरी तारीफ़ करता…..
  • अगर कोई मेरी मदद करता

जरूर पढ़ें:-  हार न मानिए आगे बढिए और जीतिए

“अगर”   यह सबसे बड़ा बहाना है जिसे मैं 55 वें नम्बर पर दर्शाना चाहूँगा…? यदि आप अपनी बोलचाल में “अगर” शब्द किसी भी अपने वाक्य के शुरू में बोल रहे हैं तो मैं आपके सफलता के बारे में चिंतित हूँ….

अपनी असफलता के लिए सफाई देने के लिए आज के समय में बहाने बनाना एक राष्ट्रीय शौक बन चूका है…

अल्बर्ट हबार्ट ने कहा था कि ,  “लोग अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए बहाने बनाकर खुद को जान बूझकर धोखा देने में इतना अधिक समय क्यों बर्बाद करते हैं… अगर इसका कोई भिन्न उपयोग किया जाए तो यही समय उस कमजोरी को सुधारने के लिए पर्याप्त होगा और तब बहाने बनाने की कोई जरूरत नहीं होगी”….

दोस्तों यदि आप अपने सफलता के दरवाजों को बंद करना चाहते हैं तभी बहाना बनाइए, तब आपको असफलता की ऊँचाइयों को छूने से कोई नहीं रोक सकता लेकिन इसका उलटा भी उतना ही सही है…

बहाना बर्बादी है, और ऊपर दिए गए बहानों का इस्तेमाल करके आप खुद को कमजोर कर रहे हैं…

हम जल्दी ही इसका अगला भाग इस साईट पर प्रकाशित करेंगे जिससे आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी और आप सफलता के शिखर तक पहुंचेंगे….

नोट:- यह Inspirational Hindi Article , Think and Grow Rich by Nepoleon Hill की किताब से प्रेरित है…..

जरूर पढ़ें:-  बहाने बनाना छोडिये, बर्बादी से नाता तोडिये

धन्यवाद !

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ऐ दुनिया, आज मेरे बेटे का स्कूल में पहला दिन है- Best Inspirational Letter in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/11/best-inspirational-letter-in-hindi-abraham-lincoln-inspirational-letters-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/11/best-inspirational-letter-in-hindi-abraham-lincoln-inspirational-letters-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 03 Nov 2016 14:21:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/11/03/best-inspirational-letter-in-hindi-abraham-lincoln-inspirational-letters-hindi/ ऐ दुनिया, मेरे बच्चे का हाथ थाम लो, आज स्कूल में इसका पहला दिन है. कुछ देर को इसके लिए हर चीज नई और अजनबी होगी, इसलिए मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इसके साथ नरमी से पेश आयें. आप तो जानते ही हैं कि इसका संसार अब तक घर तक ही सीमित था. इसने अपनी चहार दिवारी के बाहर कभी झाँका नहीं था. यह अब तक घर का राजा रहा है. अब तक इसकी चोट पर मरहम लगाने और […]

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ऐ दुनिया, मेरे बच्चे का हाथ थाम लो, आज स्कूल में इसका पहला दिन है. कुछ देर को इसके लिए हर चीज नई और अजनबी होगी, इसलिए मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इसके साथ नरमी से पेश आयें. आप तो जानते ही हैं कि इसका संसार अब तक घर तक ही सीमित था. इसने अपनी चहार दिवारी के बाहर कभी झाँका नहीं था. यह अब तक घर का राजा रहा है. अब तक इसकी चोट पर मरहम लगाने और इसकी ठेस लगी भावनाओं को प्यार का लेप लगाने के लिए मैं हमेशा मौजूद था…

लेकिन अब बात दूसरी होगी. आज सुबह यह सीढ़ियों से उतरकर अपना नन्हा हाथ उत्साह के साथ हिलाएगा और अपनी बड़ी साहसिक यात्रा शुरू करेगा. जिसमें शायद संघर्ष भी होगा, दुःख भी होगा और निराशा भी होगी..

इस संसार में जीने के लिए इसे विश्वास, प्यार और साहर की जरूरत होगी, इसलिए ऐ दुनिया, मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इसके नन्हें हाथों को पकड़कर वे सब सिखायेंगे जो इसे जानना चाहिए.. सिखाएं जरूर लेकिन हो सके तो प्यार से…

मैं जानता हूँ कि इसे एक दिन यह समझना पड़ेगा कि सभी लोग अच्छे नहीं होते – स्त्री-पुरूष सच्चे नहीं होते… इसे यह भी सिखाएं कि संसार में हर धूर्त के लिए एक अच्छा इंसान भी है.. जहाँ एक दुश्मन है तो वहां एक दोस्त भी है… इसे शुरू में यह सीखने में मदद करें कि बुरे और धांस जमाने वाले लोगों को ठिकाने लगाना सबसे आसान ही…

इसे किताबों की खूबियों के बारे में बताएं और पढने के लिए प्रेरित करें… कुदरत के छिपे सौन्दर्य जैसे – आसमान में उड़ते पंछी, गुनगुन करते भौरें और हरीभरी वादियों में खिले फूलों को करीब से देखने और जानने के लिए इसे पूरा समय दें … इसे यह भी सिखाएं कि बेईमानी की जीत से हार जाना कहीं अच्छा है… इसे तब भी अपने विचारों पर विश्वास रखना सिखाएं जब सब कह रहे हों कि वह गलत है…

मेरे बच्चे को वह शक्ति दें जिससे वह भीड़ का हिस्सा न बनकर भेडचाल न चले जबकि सारा संसार चल रहा हो. इसे यह तो सिखाएं कि वह दूसरों की बातें सुने लेकिन हर बात सच्चाई के तराजू पर परखे और उनमें से सिर्फ अच्छाई को ही अपनाएँ…

अपनी अन्तरात्मा की आवाज को सोने-चांदी के सिक्कों से न तोले.. इसे यह सिखाएं कि वह लोगों के कहने में न आये और अगर वह अपनी सोच में खुद को सही पाता है तो वह अपने सही इरादों पर डटा रहे और संघर्ष करे… इसे नरमी से सिखाएं लेकिन ऐ दुनिया, इसे बिगाड़ें मत और कमजोर न बनाएँ क्योंकि लोहा आग में तपकर ही फौलाद बनता है…

वैसे तो ऐसा कर पाना एक बहुत बड़ी बात है, मगर ऐ दुनिया, फिर भी आप ऐसा करने की कोशिश जरूर करें… आख़िरकार वह एक बहुत प्यारा बेटा है….

हस्ताक्षर

-अब्राहम लिंकन

* ‘पलपिट हेल्पस’ से उद्धृत, फरवरी 1991, एपल सीड्स में कोटेड, ग्रन्थ 10, नम्बर 1, 1994…

You Can Win – Hindi Translation जीत आपकी किताब से प्रेरित….

अब्राहम लिंकन का यह पत्र भी जरूर पढ़ें 

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अपने अंदर के रावण को आज ही मारें । Dussehra Special by Kiran Sahu https://www.hamarisafalta.com/2016/10/dussehra-special-by-kiran-sahu-dussehra-hindi-inspirational-article-kiran-sahu.html https://www.hamarisafalta.com/2016/10/dussehra-special-by-kiran-sahu-dussehra-hindi-inspirational-article-kiran-sahu.html?noamp=mobile#respond Tue, 11 Oct 2016 06:28:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/10/11/dussehra-special-by-kiran-sahu-dussehra-hindi-inspirational-article-kiran-sahu/ दोस्तों, आज दशहरा है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।  आज के दिन भगवान श्रीराम ने दशानन रावण का वध करके बुराई को खत्म किया था।  आइये हम सब भी आज के दिन अपने अंदर छिपे बुराइयों का अंत करें और अपने अंदर के रावण को मारें।   मैं अपने अंदर बहुत से बुराइयां देखता हूँ, और शायद कहीं न कहीं ये बुराइयां आपके अंदर भी हो सकती हैं, मुझे लगता है कि मैं इन […]

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दोस्तों, आज दशहरा है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।  आज के दिन भगवान श्रीराम ने दशानन रावण का वध करके बुराई को खत्म किया था।  आइये हम सब भी आज के दिन अपने अंदर छिपे बुराइयों का अंत करें और अपने अंदर के रावण को मारें।

 

मैं अपने अंदर बहुत से बुराइयां देखता हूँ, और शायद कहीं न कहीं ये बुराइयां आपके अंदर भी हो सकती हैं, मुझे लगता है कि मैं इन बुराइयों को एकदम से खत्म नहीं कर सकता और हमारे अंदर कई बुरी आदतें होती हैं जिन्हें एकदम से खत्म नहीं किया जा सकता।

जब भी मैं कम्प्यूटर पर काम करने के लिए बैठता हूँ और अपने काम को कर रहा होता हूँ उस बीच यदि  मेरी माँ का भी कॉल आ जाता है तो मैं उस पर झुंझला उठता हूँ।  वो हमेशा मुझसे कहती है कि अपने बच्चे का हाल-चाल पूछना हर माँ की पहली जिम्मेदारी होती है, ये सुनकर मैं उस पर और भी चिल्ला बैठता हूँ। लेकिन यदि उसी बीच मेरे किसी क्लाइंट का Whatsapp या Call आ जाता है तो उसे मैं बड़े ही प्यार से बात करता हूँ।  मेरे अंदर ऐसी ही कई बुराइयां हैं जो मुझे अपने चाहनेवालों के दिल को ठेस पहुंचाने का कारण बनती हैं।

मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ लेकिन इसके बावजूद उस पर चिल्ला बैठता हूँ, माँ भी मुझसे बहुत ही ज्यादा प्यार करती है, हर उस माँ की तरह जो अपने बच्चों को उनसे भी ज्यादा प्यार करती है।  माँ यदि दुखी भी हो जाए तो मैं उसे मना सकता हूँ लेकिन क्लाइंट satisfied न हो तो मुझे अपने बिजनेस में बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

इन बातों से आप समझ या जान चुके होंगे कि मेरे अंदर चिडचिडापन और स्वार्थ की भावना है, जो एक बहुत बड़ी बुराई का सूचक है।  और जिसे यदि मैं जल्दी खत्म नहीं कर पाया तो मुझे इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

दोस्तों, इस दुनिया में प्यार से बढ़कर और कोई भी चीज नही है, यदि आपको अपने रिश्ते बेहतर करने हैं, अपने चाहनेवालों को खुश रखना है तो जितना हो सके खुशियाँ  ही बाँटिए।  किसी पर चिल्लाने से पहले विचार कीजिये कि क्या वाकई इससे सामने वाले तक आपकी अच्छी इमेज पहुंचेगी। क्या किसी  के दिल को ठेस पहुंचाकर आप सफलता के चरम सीमा तक पहुँच सकते हैं?

हम सब के अंदर बुराइयों का भंडार छिपा हुआ है लेकिन एक बात हमेशा याद रखिये ‘बुराई का कद कितना भी ऊंचा हो, वह सत्य से हमेशा छोटा होता है ‘

रावण बहुत विद्वान थे, लेकिन उनके  घमंड की चिंगारी ने ही उन्हें खत्म कर दिया।  आपके अंदर की बुराइयों को यदि आप नहीं मारेंगे तो वह आपको खोखला करती चली जायेगी।  आपके अंदर जो भी बुरी आदतें हैं, जो भी बुराइयां हैं उनमें से एक बुराई का अंत आज ही कर दें, मेरे अंदर बहुत सी गलत आदतें हैं जो मुझे कभी-कभी डिमोटिवेट  कर देती हैं और मैं बिलकुल नहीं चाहूँगा और आप भी ऐसा कभी नहीं चाहेंगे कि आपकी बुराइयां आपके सक्सेस में बाधा बनें, अपने रिश्तों में रूखापन लाये या किसी भी तरह से आपको अंदर से कमजोर या खोखला करे।  इसलिए आज का दिन बहुत खास है, आज हम अपने अंदर के रावण को मार सकते हैं, चाहे वो हमारे घमंड को खत्म करना हो,  या अपने अंदर की ईर्ष्या को खत्म करना हो , या अपने गुस्से को मारना हो! चाहे जो भी हमारे अंदर बुराइयां हैं हम उसे खत्म करने का प्रयास करें और आज तो अपनी एक बुरी आदत को जरूर मारें ताकि आप एक बेहतर इंसान बनने में सफल साबित हो सकें।

मैं आज अपनी कमजोर करने वाली ज्यादा से ज्यादा बुराइयों को खत्म कर रहा हूँ जो किसी न किसी तरह से

मुझे असफल बनाने में सहयोग दे रही है और मेरे रिश्तों में कड़वाहट भर रही है।  आइये आप भी आज के दिन मेरी तरह अपनी बुराइयों को मारें और अपने अंदर की अच्छाइयों को बढाते जाएँ जिससे एक दिन ऐसा आएगा जब आपके अंदर की अच्छाईयाँ, आपके बुराइयों को खुद पर कभी हावी होने नहीं देंगी और आपकी बुराइयां धीरे-धीरे खत्म होती चली जायेंगी।

आज से मेरी माँ जो मुझे इतना प्यार करती हैं उन्हें मेरी  मैं शिकायत करने का मौका नहीं दूँगा और मेरी इस बुरी आदत को आज ही मैं छोड़ रहा हूँ  … 


आज के दिन आप अपनी कौन-सी बुराई को मार रहे हैं ? मुझे hamarisafalta@gmail.com पर लिख भेजें …

धन्यवाद !

                                                                                                                          किरण साहू 

HamariSafalta.Com
के सभी पाठकों को
दशहरा महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!
 

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How to Start a Startup Business in Hindi- 3 Principles https://www.hamarisafalta.com/2016/09/how-to-start-startup-business-3-principles-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/09/how-to-start-startup-business-3-principles-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 13 Sep 2016 09:38:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/09/13/how-to-start-startup-business-3-principles-in-hindi/ नमस्कार दोस्तों, Peter Thiel एक Billionaire Entrepreneur,  Venture Capitalist और Founder हैं, PAYPAL के। उन्होंने स्टार्टअप बिजनेस के ऊपर stanford university में एक Lecture दिया था, उस Lecture में उन्होंने स्टुडेंट्स को कुछ principles बताए थे जिससे कि वे Students भी उनकी तरह बिलियन डॉलर का बिजनेस बना सकते हैं.   ब्लेकमास्टर नाम के एक स्टूडेंट ने उस Lecture की एक डिटेल नोट्स बना ली थी।  ये नोट्स उनको इतनी काम की लगी कि वो कॉलेज के बाहर भी फैलने […]

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नमस्कार दोस्तों,

Peter Thiel एक Billionaire Entrepreneur,  Venture Capitalist और Founder हैं, PAYPAL के।

उन्होंने स्टार्टअप बिजनेस के ऊपर stanford university में एक Lecture दिया था, उस Lecture में उन्होंने स्टुडेंट्स को कुछ principles बताए थे जिससे कि वे Students भी उनकी तरह बिलियन डॉलर का बिजनेस बना सकते हैं.

 

ब्लेकमास्टर नाम के एक स्टूडेंट ने उस Lecture की एक डिटेल नोट्स बना ली थी।  ये नोट्स उनको इतनी काम की लगी कि वो कॉलेज के बाहर भी फैलने लगी।  तब पीटर ने ब्लेकमास्टर के साथ काम करके उस नोट्स को और भी improve किया, और उसकी एक Book भी बना दी, ताकि उनकी City या Country के लोग ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग उनकी Knowledge का फायदा उठा पायें.

आज हम HamariSafalta.com के सभी पाठकों के साथ उसी किताब के कुछ Principles share करेंगे जो आपको Startup Business में आगे लाने में Help करेगी।

                 Principle No.1 Go from Zero to One.

एक ऐसे टाइम पर जब गाड़ी के लिए घोड़ों का इस्तेमाल किया जाता था, उस टाइम आप यदि लोगों को और तेज घोड़े लाकर देते या बेहतर घोडा गाड़ी बनाकर बिजनेस करते तो आप जो Progress करते तो उसे बोलते हैं :-  One (1) to N

लेकिन यदि आप लोगों को घोड़ा गाड़ी के बजाये traveling का कोई नया तरीका दे देते, एक कार बनाकर जैसे कि हेनरी फोर्ड ने किया तब उस Progress को कहते हैं Zero (0) to 1

अगर आपको Successful बनना है और अपनी लाइफ में कुछ बड़ा अचीव करना है तो 0 to 1 जाओ जिसे हम Vertical progress भी बोलते हैं.  कुछ ऐसा करने की कोशिश कीजिये जो पहले कभी भी नही हुआ हो!

क्योंकि जो चीज पहले से बनी हुई है और आप उसे ही कॉपी कर रहे हो, वो भी उसमे थोड़े-बहुत changes लगाकर तो आप 1 से N जा रहे हैं, जिसे हम Horizontal Progress भी कहते हैं।  लेकिन ये करने के बाद आपको Success मिलने के Chance बहुत कम हो जाते हैं।  और यदि गलती से आपको थोड़ी सक्सेस मिल भी जायेगी तो वह बहुत बड़ी नहीं होगी और ज्यादा टाइम तक भी नहीं टिकेगी।

Business world में हर बड़ा Achievement बस एक बार होता है,

दुनिया का अगला बिल गेट्स ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं बनाएगा।

अगला मार्क जुकरबर्ग एक सोशल नेटवर्क नहीं  Create करेगा।

और अगला लैरी पेज एक नया सर्च इंजन नहीं बनाएगा।

इन सबको बहुत बड़ी सक्सेस मिली क्योंकि ये सभी  0 से 1 गए, पर अगर आप इन्हें Exactly copy करने का Try करेंगे तो आप बस 1 से N जा पायेंगे जो कि एक बेस्ट ओप्शन बिलकुल भी नहीं है …

जरूर पढ़ें:- एक Successful Startup Business कैसे बनाएँ?  How to Build a Successful Startup Business in Hindi?  

           Principle No.2 Become a Monopoly  Avoid Competition

हम ऐसे समाज में रहते हैं जहाँ Competitionको बहुत Encourage मिलता है. हमारा एजुकेशन सिस्टम बच्चों को बचपन से ही Compete करना सिखाता है. पहले वो Marks के लिए एक-दूसरे से Compete करते हैं, फिर जॉब के लिए और फिर यदि कोई नहीं मिलता तो अपने पडौसी के साथ ही Compete करने लगते हैं।

पडौसी से ज्यादा अच्छी कार रखना, उससे बड़ी टी.वी रखना, ये सब स्टुपिड चीजें competition बन जाती हैं.

पर सच तो ये है कि Competition आपको mostly हर चीज के लिए loss ही देगा.

Business में भी Competition जहर जैसा होता है,

Peter बताते हैं कि Competition और Capitalism opposite हैं… एक Profit generate करने से related है और दूसरा profit को खत्म करने से related है..

आपके बिजनेस मार्केट में जितना ज्यादा competition होगा, उतना कम आप profit कमा पायेंगे, फिर चाहे आपका बिजनेस कितना भी बड़ा क्यों न हो!

Example:-

US की Airline company करोड़ों और अरबों में पैसे बनाती है, पर फिर भी 2012 में वो कम्पनी एक पेसेंजर पे बस 37 Cent का Profit कमा पाई थी।    अब आइये इसे compare करते हैं Google से:-

Google ने उसी साल total 50 Billion बनाये थे, जबकि Airlines ने 160 Billion.  लेकिन गूगल ने 50 Billion में 21% का Profit बनाया था. जो कि Airlines की Company के profit से 100 गुना ज्यादा था.

ऐसा इसीलिए हुआ क्योंकि Airlines कम्पनी एक दूसरे से Compete करने के चक्कर में अपने टिकिट के दाम कम कर रही थी.  लेकिन दूसरी तरफ गूगल अकेले ही अपना ज्यादातर अपना मार्केट Dominate का रहा था, बिना किसी से Profit के लिए Compete करे..

आज के टाइम पर यदि हम सारे Airlines company के profit को एक कर दें फिर भी गूगल उनसे तीन गुना ज्यादा का फायदा कमाता है.

गूगल ऐसा कर पाता है क्योंकि गूगल का सर्च इंजन Monopoly है और इस चीज में कोई भी उसका कोई भी बड़ा Competitor नहीं है ..

अगर आपको इंटरनेट में कुछ भी सर्च करने के लिए कहा जाए तो आप बिना सोचे गूगल ही करेंगे.. क्योंकि आपको पता है कि इसके लिए गूगल ही बेस्ट है..

ठीक इसी तरह आपको भी कोई बड़ी सक्सेस चाहिये तो आपको भी Monopoly create करनी चाहिए, आपके प्रोडक्ट या सर्विस की जिसमे आपसे बेटर कोई दूसरा ओप्शन हो ही न लोगों के पास..

   Principle NO. 3 Start with a Niche Market & then Dominate 

Amazon एक ऎसी वेबसाइट है जहाँ A to Z आपको सब सामान मिल जाएगा. पर Amazon ने अपनी शुरुआत ऐसे नहीं की थी .. Start में Amazon ने एक छोटे से मार्केट पर Concentrate किया, वो मार्केट था बुक्स पढ़ने वाले लोगों का..

इससे पहले तक किताबें सिर्फ Book stores पर मिला करती थीं. जिसके बाद बहुत सी बुक्स, बहुत खोजने पर भी लोगों को मिल नहीं पाती थीं. और Book publishers को बहुत loss होता था. उसके बाद Amazon ने एक Online book store बनाकर 0 to 1 Progress लाया. इससे बहुत लोगों का बहुत फायदा हुआ.

Books के बिजनेस में सफल होने के बाद Amazon ने और दूसरे बुक्स से रिलेटेड प्रोडक्ट्स जैसे- सी.डी., डी.वी.डी. बेचना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे अपना हर मार्केट को डोमिनेट कर दिया..

हमेशा एक बात याद रखिये कि एक बड़े से तालाब में एक छोटी-सी मछली, जिसे दूसरी बड़ी मछलियाँ कभी भी आराम से खाकर खत्म कर दे वो बनने से बेहतर है कि आप एक छोटे-से तालाब की बड़ी मछली बनो और फिर बड़े तालाब में जाओ ..

जब आप ये सारी बातें याद रखकर Start up करेंगे तो आपके सफल होने के chances बहुत बढ़ जायेंगे …

दोस्तों यह पूरी आर्टिकल एक बेहतरीन किताब  Zero to One  से प्रेरित है जिसके Author

Peter Thiel   हैं..

उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो और यह भी आशा करते हैं कि इन 3 Principles का Use आप अपनी Real Life में भी करेंगे…औरअपने बिजनेस को आगे लाने में सहायक साबित होंगे

कृपया इसका एनिमेटेड विडियो जरूर देखें … और इस बेहतरीन  यूट्यूब चैनल को जरूर सबस्क्राइब कीजिये…

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Relationship को बेहतर बनाने के लिए 5 Love Languages https://www.hamarisafalta.com/2016/09/the-5-love-languages-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/09/the-5-love-languages-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 09 Sep 2016 07:38:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/09/09/the-5-love-languages-in-hindi/ THE 5 LOVE LANGUAGES IN HINDI नमस्कार दोस्तों, एक आदमी जो बहुत अमीर था, लेकिन वह फिर भी कभी खुश नहीं दिखता था. ये देखकर एकदिन Author ने उससे पूछ लिया, कि तुम्हारे पास तो Basically सब कुछ है फिर तुम क्यों ऐसे Sad और Tension में दीखते हो? तब उस आदमी ने कहा- ये लग्जरी कार, बंगलो, पैसे होना क्या फायदे का!  जब मेरी Wife और मेरी Family ही मुझसे प्यार नहीं करती.. इंसान की जो सबसे डोमिनेटिंग इमोशन्स […]

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THE 5 LOVE LANGUAGES IN HINDI

नमस्कार दोस्तों,

एक आदमी जो बहुत अमीर था, लेकिन वह फिर भी कभी खुश नहीं दिखता था. ये देखकर एकदिन Author ने उससे पूछ लिया, कि तुम्हारे पास तो Basically सब कुछ है फिर तुम क्यों ऐसे Sad और Tension में दीखते हो?

तब उस आदमी ने कहा- ये लग्जरी कार, बंगलो, पैसे होना क्या फायदे का!  जब मेरी Wife और मेरी Family ही मुझसे प्यार नहीं करती..

इंसान की जो सबसे डोमिनेटिंग इमोशन्स हैं – Love & Fear.. और हमारा Personally मानना है कि Love की Feeling, Fear से ज्यादा Powerful होती है..

प्यार एक कमजोर इंसान को इतना Powerful बना सकता है कि वह अकेला पहाड़ तोड़कर उसमे से रास्ता बना दे..

और दूसरी ओ़र से Healthy अमीर इंसान को इतना कमजोर बना दे कि वह खुद के हाथ से खुद का खाना तक न खा सके..

हर इंसान को अपनी लाइफ में प्यार की बहुत ज्यादा जरूरत होती है.. भले ही आपके पास सब कुछ हो लेकिन आपको कोई प्यार करने वाला नहीं होगा तो यह दुनिया आपको बेकार लगेगी.. और भले ही ये बात हम बोलें या न बोलें लेकिन हम सब अंदर से यह चाहते हैं कि हमें at least हमारे लाइफ के कुछ खास लोगों से बहुत सारा प्यार मिले..जैसे – अपने Parents से अपने बच्चों का प्यार, अपनी लाइफ पार्टनर का प्यार और end में अपने दोस्तों का प्यार…

Author Gary Chapman जो कि Marriage, Family और Relationship expert हैं वो बताते हैं कि हर इंसान के अंदर एक Emotional Love tank होता है, जो किसी और किसी चीज से नहीं बस उन कुछ खास लोगों के प्यार से भरता है .. जब तक वो प्यार उन्हें दिखता और मिलता रहता है तब तक वो Emotionally & Mentally stable रहते हैं. in short वो खुश रहते हैं .. But जब वो प्यार मिलना बंद होने लगता है तब वो Love tank खाली होने लगता है, तब इंसान Emotionally & Mentally unstable होने लगता है, उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता और वो frustrated होने लगता है.. और at the end जब टैंक पूरी तरह से खली हो जाती है तब Relationship में सारी बड़ी प्रोब्लम्स आने शुरू हो जाती हैं.. जैसे- लड़ाई, sadness और बाकी बुरी चीजें जो ज्यादातर प्यार को धीरे-धीरे खत्म कर देती है..और Relationship को भी..

हम सबको खुश रहने के लिए जरूरी है कि वो Emotional love tank थोडा तो हमेशा बना रहे पर Sadly आजकल ज्यादातर लोगों को वो प्यार मिल नहीं पाता जो वो Expect करते हैं.. अब इसका reason ये नहीं है कि वो खास लोग हमसे प्यार नहीं करते बल्कि एक सबसे बड़ा reason ये है कि ज्यादातर लोगों के प्यार की लैंग्वेज हमसे अलग होती है.. जो हमें समझ नहीं आती. और इसीलिए कभी हमें उनका प्यार feel नहीं हो पाता…

Example- हम सबकी एक Primary Mother language होती है जिसे हम अपनी mother tongue भी बोलते हैं ..जो हमें सबसे ज्यादा बोलने और समझने में comfortable लगती है.. हो सकता है कि हमें कोई दूसरी Secondary language भी आती हो जैसे- English, Marathi, Sanskrit पर still हमें सबसे ज्यादा अच्छे से ज्यादा समझ हमारी mother tongue ही आती है..

ठीक इसी तरह हम सबकी प्यार की भी अलग-अलग Primary language होती है. जो हमें सबसे ज्यादा अच्छे से समझ आती है. और यही primary language हमारे emotional tank को बहुत ही अच्छे से full कर सकती है..

प्यार की Total 5 Language होती है और अगर आप चाहते हैं कि आपका, आपकी family और पार्टनर के साथ relationship कभी खराब न हो और बस अच्छा होते जाए तो आपको इन 5 languages का पता होना चाहिए..

आपको पता होना चाहिए कि इन 5 languages में से आपकी वो कौन सी language है जो उनकी Primary language है.. जो उन्हें सबसे अच्छा फील कराती है .. और ये पता करने के बाद आपको उनकी language में ही अपना प्यार उनको एक्सप्रेस करना चाहिए..जिससे उनका वो इमोशनल टैंक भी हमेशा full रहेगा..

So Let’s begin…

                             LOVE LANGUAGE NO.1    Words of Affirmation

एक Husband और Wife में बहुत झगडे होते थे, Husband अपने हिसाब से Wife को खुश करने के लिए सब कुछ करता था, वो मेहनत से काम करके wife को पैसे लाकर देता, कभी-कभी घर के काम करके वो अपने wife का हाथ बटा देता था, जिसके लिए उसकी wife हमेशा उसकी respect किया करती थी.. लेकिन इसके बाद भी Wife को यह feel नहीं हो पाता था कि उसका Husband उससे प्यार करता है . इस बात से husband को बहुत चिढ़ होती थी लेकिन यहाँ wife की कहीं गलती नहीं थी..  ये बात सच थी कि Husband सब कुछ करता था पर Problem ये थी कि वो अपनी wife को ये नही बोलता था कि वो उससे कितना प्यार करता है…क्यों पर करता है…

वो उसकी कभी तारीफ़ नहीं करता था, उसे लगता था कि ये सब चीजें फिल्मों में ही अच्छी लगती हैं पर real life में इन सब चीजों की जरूरत नहीं होती…

उसे लगता था कि main प्यार तो बस अपनी family के needs को पूरा करना होता है, जो कि वो हमेशा करता था..

अब ये बात इतनी ही stupid है जितना किसी मलयालम बोलने वाले इंसान को हिंदी में समझाने की कोशिश करना और फिर इस बात से गुस्सा भी होना कि आपके इतना अच्छा हिंदी बोलने के बाद भी वो बात उसे समझ क्यों नहीं आई…

Similarly सच तो ये था कि उसकी wife को प्यार feel करने और समझने के लिए वो बातें ही सबसे important थीं, उसकी wife की primary love language थी Words of Affirmation. पर उसका husband दूसरी ही language में उसका प्यार एक्सप्रेस कर रहा था..

Words of Affirmation मतलब अच्छी चीजें बोलना जो तुम्हारे Partner को build करे. और उसे अच्छा feel कराये.

example: I LOVE YOU बोलना..

क्यों तुम उन्हें इतना प्यार करते हो ये बताना..और उसे हमेशा ये बताते रहना.. बोलकर या लिखकर या कैसे भी करके.,,.

उन्हें Encourage करने वाली बातें बोलना, Compliments देना और उन्हें हर छोटी बड़ी बातों के लिए Appreciate करना..

जिन लोगों की ये Primary love language होती है उन्हें जब भी आप Words of Affirmation बोलेंगे उन्हें बहुत अच्छा feel होगा.. और तभी उन्हें आपका Real प्यार feel हो पायेगा.. पर जब तक आप उन्हें ऎसी सिम्पल सी बातें नहीं बोलते तब उन्हें आपका प्यार feel नहीं हो पायेगा..और न ही उनका love tank भरेगा..

                           LOVE LANGUAGE NO.2    Quality Time.

जिन लोगों की Primary love language ये होती है उन्हें यदि आप बोलोगे कि you look ब्यूटीफुल या बताओगे कि How much you love than.. तब उन्हें अच्छा तो लगेगा पर इससे उनको आपका real प्यार feel नहीं होगा!

बल्कि उन्हें वो प्यार फील होगा जब उनके साथ Quality time spend करोगे. और Quality time spend करने का मतलब यह नहीं कि बस एक ही घर में साथ रहकर कैसे भी करके टाइम स्पेंड कर देना, T.V. देखते-देखते बातें करना या मोबाइल पर लगे रहकर उनकी बातें सुनना. ये सब नही!

बल्कि Quality time means अपना पूरा Undivided Attention बस उनको देना, उनके साथ उस Movement में present होना..  बातें करना और वो चीजें करना जो उनको पसंद हो!

जैसे May be साथ में Cooking या Painting करना …etc..

जब आप उनके साथ Quality time spend करेंगे तो उन्हें वो love feel होगा और तभी वो खुश रहेंगे…

                           LOVE LANGUAGE NO.3    Receiving Gifts

Gifts मिलना किसको पसंद नहीं है! पर जिन लोगों की Primary love language ये होती है वो आपसे ये Expect भी करते हैं कि आप कभी-कभी at least उन्हें एक Gift तो दो..

Gifts, actual में बहुत स्पेशल होते हैं क्योंकि ये सामने वाले को ये feel कराते हैं कि आप उनके बारे में सोचते हो और वो लेते टाइम भी आप उन्हीं के बारे में सोच रहे थे.. जब भी कभी वो आपका गिफ्ट देखेंगे उन्हें ये याद आएगा कि आपने उन्हें याद किया था जो कि बहुत ही अच्छी फीलिंग होती है उनके लिए..

अब अगर आप ये सोच रहे हो कि मैं कहाँ हमेशा गिफ्ट्स दे सकता हूँ, मेरी तो Financial condition अच्छी नहीं है … तो पहली बात आपको किसी ने नहीं कहा कि गिफ्ट्स, महंगे होना जरूरी है या ऐसा कुछ…

Actual में लोगों को Love feel कराना आपकी सोच से कहीं सस्ता होता है कुछ चोकलेट, एक गुलाब का फूल या कोई सिम्पल सा कार्ड या कोई छोटी-मोटी गिफ्ट्स आपके पार्टनर का या फैमली मेंबर का पूरा दिन बना सकती है..

और अब यदि आप financial अच्छे हैं तो आप जरूर अच्छे गिफ्ट्स देना चाहिए लेकिन at the end आप ये याद रखें कि Gifts की Value पैसों से तौली नहीं जायेगी.. बल्कि उसके पीछे की फीलिंग्स ही होगी जो लोगों को खुश करेगी..

हमने बहुत बार देखा है कि सस्ते से गिफ्ट्स लोगों के बहुत पास होते हैं जिन्हें वो किसी महँगी गिफ्ट्स से ज्यादा संभाल कर रखते हैं.. और बहुत बार तो गिफ्ट्स का तो materialistic होना भी जरूरी नहीं.. कभी-कभी आपके टाइम और आपके Efforts ही उनके लिए गिफ्ट्स हो सकते हैं..

इसीलिए एक आदत बना लें और अपने उन खास लोगों को Special जिनकी love language ये है उन्हें तो at least छोटे-मोटे गिफ्ट्स देते रहो.. ये आपके Relationship बहुत स्ट्रोंग कर देंगे..

                           LOVE LANGUAGE NO.4    Acts of Service

पहली Language में हमने आपको Husband और wife कि स्टोरी बताई थी उसमें Husband अपनी Wife को उस language में अपना प्यार बताना चाह रहा था वो थी Acts of Service..   जिनकी Primary language ये होती है, वो बस इन बातों से खुश नहीं रहेंगे कि आप उनके लिए गिफ्ट्स लेकर आते हो या उनकी हमेशा तारीफ़ करते हो बल्कि आपको उन्हें आपके लिए real love तब feel होगा जब आप कुछ काम करके उन्हें अच्छा feel कराओगे..

उन्हीं कामों में उनकी हेल्प करोगे, घर की जिम्मेदारी को अच्छे से निभाओगे.. और जरूरत पड़ने पर जिम्मेदारियों को शेयर करोगे..

काम करने से तात्पर्य है जैसे – खाना बनाना, घर को साफ़ रखना, पैसे कमाकर देना, घर की जरूरतों को पूरा करना.. बच्चों की जरूरतों को पूरा करना… etc..

                           LOVE LANGUAGE NO.5    Physical Touch

आजकल हमारी Thinking इतनी खराब हो चुकी है कि Physical touch word सुनते ही ज्यादातर लोगों के मन में कुछ गलत वर्ड्स ही आये होंगे..इसीलिए हम पहले ही क्लियर कर देना चाहेंगे कि Sexual होना ही Physical touch नहीं होता… बल्कि ये एक Pure language है, अपने प्यार को दिखाने के लिए..

एक माँ को जब अपने बच्चों के ऊपर प्यार आता है तो वह अपने बच्चे को सीने से लगा लेती है जो कि एक Physical touch है

जब हम कुछ बुरा feel कर रहे होते हैं और जब कुछ बुरा होता है हमारे साथ तब हम अपने दोस्तों या चाहने वालों को Emotional होकर गले लगा लेते हैं.. Because तब हमें प्यार की जरूरत होती है.. और Physical touch एक बहुत ही स्ट्रोंग तरीका है प्यार Feel करने का…

इसी तरह जिन लोगों की Primary language ये होती है वो चाहते हैं कि आप उन्हें Hug करो, गले लगो, साथ में बैठकर टी.वी. देखना, हाथ पकड़कर घूमना ये सब चीजें भी आपका प्यार show कराएंगी..

कुछ बच्चे जिनकी Primary love language ये होती है उन्हें मारने से पहले पहले सौ बार सोचना चाहिए क्योंकि मारना भी एक Physical touch है..लेकिन एक Negative way में…जो उन्हें मानसिक रूप से बहुत ज्यादा डिस्टर्ब कर सकती है..

इसलिए पता करें कि ऊपर दिए गए 5 Primary Love language में आपके खुद की और अपने चाहने वालों की primary language क्या है और फिर उसी लैंग्वज में उन्हें प्यार फील कराओ.. ताकि उनका Emotional Love Tank भर सके.. कभी-कभी आप इन सब पांच Love language का use कर सकते हैं लेकिन आपको हमेशा सबसे ज्यादा अपने Primary love language का use करना चाहिए क्योंकि वही आपके Relationship को बहुत अच्छा रखेगा..

दोस्तों यह पूरी आर्टिकल एक बेहतरीन किताब  THE 5 LOVE LANGUAGES  से प्रेरित है जिसके Author

Gary D. Chapman हैं..

उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो और यह भी आशा करते हैं कि इन 5 LOVE LANGUAGES का Use आप अपनी Real Life में भी करेंगे…

कृपया इसका एनिमेटेड विडियो जरूर देखें … और इस बेहतरीन  यूट्यूब चैनल को जरूर सबस्क्राइब कीजिये…

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हर क्षेत्र में सफल होने के लिए जरूरी है 80-20 Principle https://www.hamarisafalta.com/2016/08/80-20-principle-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/08/80-20-principle-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 17 Aug 2016 04:35:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/08/17/80-20-principle-in-hindi/                                         काम कम, परिणाम ज्यादा 80-20 Principle  Vilfredo Pareto एक Italian economist थे जो 1897 में इंग्लैण्ड के Wealth Distribution और इनकम के बारे में पढ़ रहे थे।  ये पढते ही उन्हें एक अजीब बात पता चली कि इंग्लैण्ड की ज्यादातर जमीन और पैसे बस थोड़े से ही लोगों के हाथ में थी।  in fact बस 20% लोग ही इंग्लैण्ड की 80% […]

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                                        काम कम, परिणाम ज्यादा 80-20 Principle 

Vilfredo Pareto एक Italian economist थे जो 1897 में इंग्लैण्ड के Wealth Distribution और इनकम के बारे में पढ़ रहे थे।  ये पढते ही उन्हें एक अजीब बात पता चली कि इंग्लैण्ड की ज्यादातर जमीन और पैसे बस थोड़े से ही लोगों के हाथ में थी।  in fact बस 20% लोग ही इंग्लैण्ड की 80% जमीन और पैसे के मालिक थे।

ये बात पता चलने के बाद उन्होंने इस बारे में और रिसर्च की तो उन्हें पता चला कि ये प्रिंसिपल न कि दूसरे देशों और दूसरे टाइम में भी सच थी बल्कि ये बात पैसे को छोड़कर दूसरी चीजों के लिए भी सच थी।

जैसे कि- उनकी खुद की गार्डन में जहाँ पर 80% मटर बस 20% Peapod से निकल रही थी।  तभी ये Principle बना जिसे हम Pareto Principle या 80-20 Principle भी कहते हैं जो कि Scientifically हर चीज में Apply होता है।

Including – Business, Relationship, Study, Health etc..

ये Principle कहता है कि आपके 80% Results जो आपको मिलते हैं वो बस आपके 20% काम की वजह से आते हैं।

ये Principle हमारी Normal सोच से बिलकुल उलटी है। हमें लगता है हम जितने ज्यादा एक्शन लेंगे, हमें उतने रिजल्ट्स मिलेंगे।

लेकिन सच तो यह है कि हमारे थोड़े से ही एक्शन्स ही हमें ज्यादातर सही रिजल्ट्स देते हैं।  ये Principle आने के बाद बहुत से लोगों ने अलग-अलग चीजों पर रिसर्च किया और Almost हर चीज में इस Principle को काम करता पाया।

Example- 20% Road पर 80% Traffic होता है.

20% कपड़े हम 80% Time पहनते हैं.

20% जमीन 80 % Food और मिनिरल देती है.

20% बादल से 80% बारिश होती है.

20% Authors की Books 80% बिकतीं हैं.

20% Blogs 80% पढ़े जाते हैं

इसके Numbers थोड़े-बहुत आगे पीछे हो सकता है लेकिन यह Principle हर जगह यही बोलता है कि कम चीजें ज्यादा Output देती है .

                                      80-20 Principle को कैसे Apply कर सकते हैं?

80-20 Principle हमें यह नहीं सिखाता कि हमे काम नहीं करना चाहिए या ऐसा कुछ… बल्कि ये हमें सिखाता है that हमें वो काम करना बंद करना चाहिए या उन पर कम फोकस करना चाहिए जो हमें बहुत कम रिजल्ट्स दे रहा है और वो काम ज्यादा करना चाहिए जो हमें ज्यादा रिजल्ट्स दे रहा है।

बिजनेस के लिए यदि बात की जाए तो, ये Law पहले बिजनेस रिलेटेड चीजों के लिए ही उपयोग किया जाता था But बाद में फिर ये प्रिंसिपल सब चीजों के लिए Use होने लगा.

Startups में ज्यादातर लोग ये गलती करते हैं कि वे अपनी टाइम, एनर्जी, और पैसे उन चीजों  के लिए ज्यादा Use कर देते हैं जिनमे Staring में ज्यादा इतना काम करने की जरूरत नहीं होती..

जैसे कि – कम्पनी का Logo कैसे होने चाहिए!   वेबसाइट का Design कैसा होना चाहिए!   etc..etc…

ये सब चीजें जरूरी हैं पर इन सब चीजों से ही लोग Attract होकर आपका Product या Service Use नही करेंगे और न ही इन सब चीजों से आपको Results मिलेंगे … बल्कि Starting में आपका Main Aim होना चाहिए कि अपने प्रोडक्ट या सर्विस को अच्छे से और अच्छा बनाना ताकि वो लोगों की लाइफ और Easy या अच्छी कर सके. और ये सब करने के बाद आपको मार्केटिंग या दूसरी चीजें करनी चाहिए..और वो भी बस 20% प्लेटफोर्म या चीजों पर ध्यान रखते हुए जहाँ पर आपको Maximum Response मिल रहा है..

कुछ और बातें जो आपको हेमशा याद रखनी चाहिए वो ये है कि

आपके 20% Clients —– आपके 80% Profit का हिस्सा होंगे..

वैसे

20% Clients  ——–  80% Complain करने वाले होंगे…

इसलिए आपको इन 20% लोगों में अच्छा फोकस करना चाहिए… और at the End सब कुछ करने से अच्छा बस उन 20% कामों में फोकस करो जो आपको 80% Results दे रहा है..

                           80-20 Principle For Social Life & Happiness

पहले मुझे लगता था कि मेरे जितना ज्यादा दोस्त रहेंगे मेरे लिए उतना अच्छा होगा और इसीलिए मैं सबसे दोस्ती करता था और सबके साथ Time Spend करने की कोशिश करता था..  बहुत बार उन लोगों के साथ भी जिनके साथ मुझे खास मजा भी नहीं आती थी… But ऐसा करते हुए मुझे Realize हुआ कि ऐसा करके मैं अपना बहुत-सा टाइम Waste कर रहा हूँ और Because of this कि मैं दूसरी चीजें नहीं कर पा रहा जो मुझे करनी चाहिए…जैसे- Books पढ़ना या लिखना… Regular Post डालना..etc…

Actually हमारा दिमाग ऐसे Programmed है जिससे हमें लगता है कि

ज्यादा मतलब बेहतर…  MORE  = BETTER

लेकिन ये सच नही है ..

According to this Principle आपका 80% Happiness और Fulfilment सिर्फ 20% दोस्तों की वजह से आती है।   इसीलिए बहुत सारे ठीक-ठाक दोस्त बनाने और उन सबके साथ टाइम स्पेंड करने से अच्छा है आप बस उन 20% लोगों या दोस्तों के साथ Time Spend करो जो आपको सच में अच्छा Feel कराते हैं…और जिनके साथ टाइम स्पेंड करके आपको भी मजा आती है… ये आपका काफी टाइम बचायेगा, बाकी दूसरी चीजों पर फोकस करने के लिए…

                                         80-20 Principle For Studying

मेरा एक दोस्त था जो सारे दिन और कभी-कभी पूरी रात जागकर पढाई करता था और दूसरी तरफ में एक और दोस्त था जो दिन-रात मिलाकर Around 4-6 घंटे ही पढाई करता था..  But जब रिजल्ट्स आते थे तब मेरे दूसरे दोस्त के Marks पहले दोस्त के बराबर या उससे ज्यादा ही रहते थे, वो समझाता था कि वो ज्यादा पढाई नहीं करता लेकिन मेरा पहला दोस्त इसका यकीन नहीं करता था..लेकिन मुझे पता था कि वो सच बोल रहा है..

मेरा दूसरा दोस्त पहले दोस्त से ज्यादा स्मार्ट नहीं था पर वो अनजाने में ही 80-20 Principle  का Use करता था..

सिर्फ 2 चीजों को लेकर जिससे कम पढ़ने के बावजूद भी उसके अच्छे रिजल्ट्स आते थे-

  1. Regarding What to Study?

पहली चीज जिसमे वह 80-20 Principle का Use करता था, वो ये था कि पढ़ना क्या-क्या है?

मेरा पहला दोस्त End-end में सब Questions पढ़ने की कोशिश करता था, जिसकी वजह से सब पढ़ने के बाद भी उसे अच्छे से एक भी Answer अच्छे से याद नही रहता था.. और पेपर में भी वह Answers अच्छे से नहीं लिख पाता था…

जबकि दूसरा दोस्त,  पिछले Question Paper और Teachers से जो Important Questions रहते थे वो पता कर लेता था…फिर उन्हें ही एकदम अच्छे से याद कर लेता था और उसके बाद दूसरे Questions पर फोकस करता था….

  1. Regarding The Time of Study…

दूसरी चीज जिसमे वह 80-20 Principle का Use करता था, वो था पढाई के टाइम को लेकर

पहला दोस्त दिन भर रात भर पढ़ने की कोशिश करता था पर क्योंकि इंसान एकसाथ अचानक से किसी एक चीज पर ज्यादा टाइम से फोकस नही रख सकता इसीलिए पढते टाइम उसका भी फोकस दूसरी चीजों पर बार-बार जाता रहता था जिससे कई घंटे पढ़ने के बाद भी उसकी Quality Study नहीं हो पाती थी..

दूसरे दोस्त को पता था कि वो सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक पढ़ पाता है और उसके बाद नहीं!

तो वह उसी टाइम पर अपने पूरे फोकस के साथ वह अच्छे से पढता था बाकी सारी चीजें साइड करके जैसे -मोबाइल/गेम/व्हाट्सएप/फेसबुक आदि…

वो भी काफी बीच में ब्रेक भी लेता था जब उसे लगने लगता था कि उसका फोकस खत्म हो रहा है और फिर कुछ और चीजें करके जैसे घर के बाहर एक Walk लेकर या कुछ और करके जिससे उसे फ्रेश फील हो! वह करके वो फिर पढ़ना स्टार्ट करता था…इन्हीं कुछ चीजों की वजह से उसका रिजल्ट कम पढकर भी दूसरे दोस्त से अच्छे आते थे..

आपका काम है कि आप 20% सच करो अपने हर काम में और उसे ही एकदम अच्छे से करो .. ये करने से आपको आधे टाइम में डबल रिजल्ट्स मिलेंगे और आधा टाइम फ्री भी मिलेगा जिसे आप दूसरी Important चीजों के लिए Use कर सकते हो.. और खुश रह सकते हो!

दोस्तों यह पूरी आर्टिकल एक बेहतरीन किताब THE 80/20 PRINCIPLE से ली गयी है जिसके Author Richard Koch हैं..

उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो और यह भी आशा करते हैं कि इस आर्टिकल के जो भी पोइंट्स आपको पसंद आये हों उसका Use आप अपनी Real Life में भी करेंगे…

कृपया इसका एनिमेटेड विडियो जरूर देखें … और इस बेहतरीन  यूट्यूब चैनल को जरूर सबस्क्राइब कीजिये…

Thanks!
Also Read:- एक Successful Startup Business कैसे बनाएँ?  How to Build a Successful Startup Business in Hindi?

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Winners जो कुछ ऐसे होते हैं Three Inspirational Winners in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/08/three-inspirational-winners-in-hindi-success-related-hindi-pos.html https://www.hamarisafalta.com/2016/08/three-inspirational-winners-in-hindi-success-related-hindi-pos.html?noamp=mobile#respond Sun, 14 Aug 2016 11:49:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/08/14/three-inspirational-winners-in-hindi-success-related-hindi-pos/                          Winners जो कुछ ऐसे होते हैं Motivational Article in Hindi दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको तीन ऐसे प्रेरक विजेता बताने वाले हैं जिससे आप सब भी Winner शब्द का सही अर्थ जान पायें, यह पोस्ट हमने शिव खेड़ा जी की किताब You Can Win से ली है ओलम्पिक में भाग लेना जीवन की एक बहुत बड़ी घटना मानी जाती है. लारेंस लेमिएक्स (Lawrence Lemieux) ओलम्पिक में नाव की रेस (Race) के दौरान मुसीबत में फंसे अपने एक […]

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                         Winners जो कुछ ऐसे होते हैं Motivational Article in Hindi

दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको तीन ऐसे प्रेरक विजेता बताने वाले हैं जिससे आप सब भी Winner शब्द का सही अर्थ जान पायें, यह पोस्ट हमने शिव खेड़ा जी की किताब You Can Win से ली है

  1. ओलम्पिक में भाग लेना जीवन की एक बहुत बड़ी घटना मानी जाती है. लारेंस लेमिएक्स (Lawrence Lemieux) ओलम्पिक में नाव की रेस (Race) के दौरान मुसीबत में फंसे अपने एक प्रतियोगी की मदद करने के लिए रूक गए. सारी दुनिया देख रही थी. अपने जीतने की इच्छा से ज्यादा दूसरे के जीवन की रक्षा करने को उन्होंने प्राथमिकता दी.

हांलाकि वे नौका-दौड में नहीं जीते, फिर भी विजेता थे.. सारी दुनिया के राजा और रानियों ने उनका सम्मान किया, क्योंकि उन्होंने ओलम्पिक की भावना को जीवित रखा…

  1. रूबेन गोन्जेलिस (Reuben Gonzales) रैकेटबॉल की विश्व चैम्पियनशिप फायनल मैच खेल रहे थे. फाइनल खेल में मैच पॉइंट पर, गोंजेलिस ने एक बहुत अच्छा Shot खेला.. रैफरी और लाइन्समैन, दोनों ने उनके शोट को सही बताया और उन्हें विजेता घोषित कर दिया.. मगर गोंजेलिस ने थोडा रुकने और हिचकने के बाद, पीछे मुड़कर अपने प्रतिद्वंदी से हाथ मिलाते हुए कहा, “शोट गलत था ” नतीजा यह हुआ कि वे सर्विस हार गए और मैच भी…

हर कोई हैरान रह गया.. कौन सोच सकता था कि एक खिलाडी, जिसके हक में सारी बातें हों, हार को इस तरह गले लगा लेगा… जब पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो गोंजेलिस ने जवाब दिया, “अपने जमीर को बनाये रखने के लिए मेरे पास यही एक रास्ता था..”

वह मैच हार गए, लेकिन फिर भी एक विजेता थे…

  1. कुछ सेल्समैनों के एक ग्रुप ने मीटिंग के लिए शहर से बाहर जाते समय अपने परिवार वालों से कहा कि वे शुक्रवार की रात को खाने के समय तक आ जायेंगे. लेकिन जैसा कि इस तरह के दौरों में होता है, एक के बाद एक काम होने की वजह से मीटिंग निश्चित समय पर खत्म नही हो सकी.

उन्हें देर हो चुकी थी, और उन्हें जहाज पकडना था.. वे भागते-भागते जहाज छूटने से कुछ ही मिनट पहले एयरपोर्ट पहुंचे, टिकिट उनके हाथों में था और वे आशा कर रहे थे कि जहाज शायद अभी न उड़ा हो!

इसी भाग-दौड में उनमे से एक मेज से टकरा गया, जिस पर फलों का एक टोकरा रखा था.. सारे फल इधर-उधर बिखर गए और खराब हो गए, लेकिन उनके पास रूकने का समय नही था.. वे दौड़ते रहे और जहाज के अंदर पहुंचकर उन्होंने चैन की सांस ली, सिर्फ एक को छोड़कर…

उसने अपने सथियों से विदा ली और लौट आया.. उसने जो कुछ देखा, उससे उसे अहसास हुआ कि उसने बाहर आकर ठीक किया है..  वह उस गिरी हुई मेज के पास गया, और उसने उस मेज के पीछे एक दस साल की अंधी बच्ची को देखा, जो अपनी रोजी-रोटी के लिए फल बेचती थी..

उसने कहा, ” मुझे उम्मीद है कि हमने तुम्हारा दिन खराब नहीं किया है.” उसने 10 डॉलर जेब से निकालकर उस लड़की को दे दिए, और कहा, “यह तुम्हारा नुकसान पूरा कर देगा.”

इसके बाद वह चला गया.. लड़की यह सब कुछ तो देख न सकी; लेकिन दूर जाते कदमों की धीमी पड़ती आवाज को सुनकर उसने जोर से आवाज लगाई, “क्या आप भगवान हैं?”

उस सेल्समैन का जहाज तो छूट गया, लेकिन क्या वह विजेता नहीं था? यकीनन था…

कोई बिना मेडल के भी विजेता हो सकता है.. और यदि जीत को सही नजरिये से न देखा जाए, तो वह मेडल जीतने के बाद भी हारा हुआ हो सकता है…

धन्यवाद!

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अत्यधिक प्रभावी लोगों के 7 की आदतें… 7 Habits Of Highly Effective People in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/07/7-habits-of-highly-effective-people-inspirational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/07/7-habits-of-highly-effective-people-inspirational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 11 Jul 2016 14:08:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/07/11/7-habits-of-highly-effective-people-inspirational-article-in-hindi/ नमस्कार दोस्तों, हम कितने भी Motivational Videos देख लें या Motivational Articles पढ़ लें, हमारा Motivational या excitement level एक टाइम आने के बाद खतम हो ही जाता है. और end में हम सब कुछ वैसी ही करने लगते हैं जैसा normally हमारी हमेशा की आदत होती है. लोग ज्यादातर अपनी आदतों से मजबूर होते हैं और अपने हिसाब से ही काम करते हैं चाहे कोई कितना भी समझा ले. Actually इंसान बने ही ऐसे हैं कि हमारे लिए हमारी आदतों […]

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नमस्कार दोस्तों,

हम कितने भी Motivational Videos देख लें या Motivational Articles पढ़ लें, हमारा Motivational या excitement level एक टाइम आने के बाद खतम हो ही जाता है. और end में हम सब कुछ वैसी ही करने लगते हैं जैसा normally हमारी हमेशा की आदत होती है. लोग ज्यादातर अपनी आदतों से मजबूर होते हैं और अपने हिसाब से ही काम करते हैं चाहे कोई कितना भी समझा ले. Actually इंसान बने ही ऐसे हैं कि हमारे लिए हमारी आदतों को बदलना बहुत मुश्किल होता है. पर ये याद रखें आपकी सही आदत ही आपके SUCCESS and FAILURE के बीच का सबसे Important factor बनेगी. So सबसे पहले हमें ये पता होना चाहिए कि कौन-सी Habits हमें अपने अंदर develop या change करनी चाहिए.

आज हम आपको इस पोस्ट में सात ऐसी habits बताएंगे जो आपको Effective बनाएगी.

तो चलिए शुरू करते हैं:-

HABIT 1. BE PROACTIVE

एक Restaurant में एक महिला के ऊपर एक कॉकरोच आकार बैठ जाता है. वो एकदम डर जाती है, पैनिक होकर चिल्लाने लगती है. और उछल-उछलकर अपने दोनों हाथों से उसे दूर फेंक देने की कोशिश करती है.

इतने में हाथ लगने से वो कॉकरोच एक दूसरी महिला पर गिर जाता है. और वो भी पैनिक होकर Same उस पहली वाली महिला की तरह बिहेव करने लगती है. जिससे पास में खड़ा वेटर उनकी मदद करने जाता है .. इधर-उधर फेंकने में अब कॉकरोच वेटर पर आकर बैठ जाता है. but वेटर चिल्लाने और पैनिक होने की बजाये सीधा खड़ा होता है .. कॉकरोच के अपने शर्ट पर चलने को अच्छे से observe करता है और जब उसे confidence feel होता है तब वो फ़ौरन उसे अपनी उंगली से पकड़ लेता है. और restaurant के बाहर फेंक देता है.

ये स्टोरी को हम author के Proactive और Reactive के Concept से relate कर सकते हैं.

यहाँ वेटर एक PROACTIVE इंसान था जिसने उन महिलाओं की तरह Situation पर react करने की बजाए सोचकर solution निकाला और उसके According proper action लिया.

Reactive & Proactive होने में बहुत अंतर है ….

Reactive लोग हर चीज में दूसरों को Blame करते हैं.

जैसे:-

उनका देश तरक्की नहीं कर रहा क्योंकि सरकार अच्छी नहीं है!

वो तरक्की नहीं कर रहे क्योंकि उनका बॉस अच्छा नहीं है.

वो खुश नहीं हैं क्योंकि लोग अच्छे नहीं  हैं.

और अंत में अगर कुछ न मिले तो वो अपनी किश्मत को ही Blame करने लगते हैं.

उन्हें लगता है चीजें कंट्रोल करना उनके हाथ में नहीं है… सब हालत और किश्मत का खेल है. … पर Actually में उनकी सोच ही सबसे बड़ी main problem है.

वो usually ऐसे sentences use करते हैं:-

जैसे–  मैं कुछ नहीं कर सकता!

क्या करूँ मैं बचपन से ही ऐसा हूँ!

वो मुझे बहुत गुस्सा दिलाता है!

जबकि PROACTIVE लोग अपनी फीलिंग्स का कंट्रोल दूसरों को देने के बजाये खुद सँभालते हैं.

वो अपने हर एक Action की जिम्मेदारी खुद लेते हैं.  हालात और किश्मत को ब्लेम करने की बजाये वो Situation को वो किस तरह से better करते हैं इस बारे में सोचते हैं. और Action लेकर उसे सही भी करते हैं.

आप हमेशा उन चीजों पर फोकस कीजिये जिन्हें आप चेंज कर सकते हैं. न कि उन चीजों पर आप चेंज नहीं कर सकते.

HABIT 2, BEGIN WITH THE END IN MIND 

Imagine कीजिये कि आप funeral  (अंतिम संस्कार) में गए हैं लेकिन ये बाकी funeral  से अलग है because जब आप देखते हैं तो पता चलता है कि काफिन में आपकी बॉडी है और वो आपके खुद के  funeral है. उस टाइम आप अपने आप के लिए क्या-क्या बोलना चाहेंगे. ये एक बहुत ही impactful question है. क्या आप वो सारी चीजें अभी कर रहे हैं जो आप अपने आपको देखकर तब बोलना पसंद करेंगे.

Example- अगर आप चाहते हैं कि आप बोल सकें कि मैं एक बहुत ही अच्छा दोस्त था तो क्या अभी आप एक बहुत ही अच्छा दोस्त जैसा व्यवहार कर रहे हो!

यदि आप ऐसे इंसान की तरह याद रहना चाहते हैं जिसने लाइफ में बहुत कुछ अचीव किया और सबकी बहुत मदद की तो क्या आप अभी कुछ ऐसा कर रहे हैं जिससे आप Surely ऐसा कुछ कह सकोगे ..

हम चाहते हैं कि आप ऐसा कुछ पूछें कि वो क्या चीजें हैं जो आपको मरने से पहले कैसे भी अचीव करनी ही है both personally or professionally … और फिर जितना जल्दी हो सके उसके लिए काम करना स्टार्ट कर दें.

HABIT.3 PUT FIRST THING FIRST

हमें जो काम जरूरी है वो काम सबसे पहले करना चाहिए .. अब ये आदत बोलने में बहुत सिम्पल है पर सबसे मुश्किल भी यही है.

Mostly हमें जितना लगता है हम उतने बीजी होते नहीं!  ऐसा कितनी बार होता है कि हम बेवजह अपने Whatsapp msg चेक करते हैं, Youtube पर वीडियो या फिर टी.वी देखकर टाइम पास करने लगते हैं.  और कुछ नहीं तो बेवजह की बातें सोचने लगते हैं. जबकि हमे कई जरूरी काम खतम करने बाकि होते हैं.  ये सबसे common  आदतों में से एक है जो हमसे हमारी बहुत सी टाइम वेस्ट करती है. और हमें कभी एक एवरेज इंसान से ऊपर उठने नहीं देती.

so अगर आपको अपनी लाइफ में कुछ करना है तो हर रोज वो काम सबसे पहले खत्म करो जो आपको आपके गोल्स तक पहुँचने में हेल्प करेगा. उसके बाद दूसरे बचे काम को महत्व दो…

HABIT 4. THINK WIN WIN

मान लीजिए hamarisafalta.com की तरह एक दूसरी कोई मोटिवेशनल वेबसाइट है और दोनों वेबसाइट पर हजारों रीडर्स रेगुलर विजिट करते हैं.  अब यदि मुझे आपकी वेबसाइट के बारे में पता चलता है और मैं आपके आर्टिकल्स पढता हूँ, मुझे आपके आर्टिकल्स पसंद आते हैं so मैं आपको मेरी वेबसाइट को पढ़ने के लिए इनवाईट करता हूँ.

और अपने रीडर्स को आपकी वेबसाइट के बारे में बताता हूँ जिससे मेरे रीडर्स आपकी साईट के भी रीडर्स बन जाते हैं. और इसी तरह आप भी मुझे आपकी वेबसाइट के लिए इनवाईट करते हो और आपके रीडर्स भी मेरे साईट के रीडर्स बन जाते हैं. … इसे कहा जाता है एक WIN WIN Situation create करना. जिसमे दोनों साइड का फायदा निकले न कि बस किसी एक का.

अच्छा यदि मैं  आपसे Jealous होकर कि आप मेरे Competitor हो, एक गलत नाम से आपकी साईट पर बुरे-बुरे कमेन्ट करता, ये सोचकर कि इससे आपका कुछ नुकसांन होगा और indirectly मेरा कुछ फायदा होगा… तो क्या आपको लगता है कि मेरा सच में कुछ फायदा होता… Obviously ऐसा नहीं होता.  because मैं यहाँ एक WIN-LOOSE Situation create करने का try कर रहा होता जिससे hardly किसी long term के लिए अच्छा हो सकता है.

Actually हमारी मानसिकता ही कुछ ऐसी बनी है कि हमें लगता है, कि हमारे जीतने के लिए किसी और का हारना जरूरी है या फिर उसे मिल गया तो मुझे नहीं मिलेगा… जिसे SCRACITY MENTALITY कहते हैं..

हमें ये MENTALITY दिमाग से निकालकर ऐसा सोचना चाहिए कि हर इंसान के लिए बहुत कुछ है यहाँ…. जो कि ABUNDANCE MENTALITY होती है.

So अब से कोई भी situation में कोई भी deal करते वक्त एक WIN-WIN Situation करने की ही कोशिश करो. जिससे सबका फायदा हो!

HABIT 5. SEEK FIRST TO BE UNDERSTAND THEN TO BE UNDERSTOOD 

समझिए कि एक दिन आप एक चश्मे वाले के पास जाते हैं. और बताते हैं कि आपको दो दिन से बराबर दिख नही रहा है! ये सुनकर दुकानदार अपना पहना हुआ चश्मा निकालकर आपको दे देता है और बोलता है लो इसे Try करो..ये मेरे लिए काफी सालों से अच्छे से काम कर रहा है. so आप वो चश्मा पहनते हो और वो और भी खराब दिखने लगता है.

अब ऐसा होने के बाद कितने चांसेस है कि आप वापिस उस चश्मे वाले के पास कभी जायेंगे… शायद ही कभी!

लेकिन actually में हम सब भी उस चश्मे वाले की तरह ही हैं, जब हम लोगों से बात करते हैं तो उनके प्रोब्लम को को अच्छे से समझने से पहले ही उन्हें सोल्यूशन देना या लदना स्टार्ट कर देते हैं. हम  येEasily बोल देते हैं कि कोई हमारी feelings नहीं समझता पर खुद भी कभी सामने वाली की फीलिंग्स नहीं समझते …सोचते भी हैं कि इस बात को कि सामने वाले ने क्या कहा और वो ऐसा कैसे कह सकता है जबकि main question ये होना चाहिए कि उसने ऐसा क्यों कहा? और उसकी फीलिंग्स क्या थी ये बोलते हुए .. so Next time जब आप किसी से बात करें तो उनकी बात बस reply देने की उद्देश्य से न सुने बल्कि उन्हें समझने की कोशिश करें. और सबसे महत्वपूर्ण तब फील होने दें कि आप सचमुच समझते हैं उनकी फीलिंग्स को!

जब आप ऐसा genuinely लोग आपको भी समझना स्टार्ट कर देंगे.

HABIT 6. SYNERGY 

अगर आप दो प्लांट को साथ में लगाते हो तो उनकी जड़ साथ में मिलकर मिटटी की quality बढाती है. जिससे दोनों प्लांट को ग्रोथ बेटर होती है उन दो प्लांट की तुलना में जो कि अलग-अलग जगह पर लगाए गए हों…

SYNERGY  की हैबिट हमें हमेशा एक साथ as a Team  मिलकर काम करने के लिए इनकरेज करती है…

Example-  दो आदमी एक पेड़ से सेब तोड़ने की कोशिश कर रहे थे पर काफी कोशिश करने  के बाद भी दोनों उस तक पहुँच नहीं पा रहे थे क्योंकि सेब थोड़े ऊपर थे फिर दोनों ने सोचकर Decide किया कि एक आदमी दूसरे के कंधे पर चढ़कर सारे सेब तोड़ लेगा और उन्होंने सारे सेब तोड़ लिए..

इस उदहारण की तरह जब हम लोगों के साथ सिनार्जईस करते हैं तब हम अपनी Capability को जितना चाहे उतना बढ़ा सकते हैं. जिससे हमें हमारे गोल्स को पूरा करने में काफी आसानी हो जायेगी.

HABIT 7. SHARPEN THE SAW

एक आदमी बहुत देर से एक पेड़ को काटने की कोशिश कर रहा था वो एकदम थक चूका था और उससे पेड़ कट ही नहीं रहा था .. पास के ही एक लकडहारे ने यह देखा तो वह उसके पास गया और उसे सलाह दी कि उसे पहली अपनी आरी तेज कर लेना चाहिए.. ये बात सुनकर उस आदमी ने उससे कहा पर ये करने में तो बहुत टाइम जायेगा!

अभी यह जवाब शायद आपको स्टूपिड लगे पर हम भी usually ऐसा ही करते हैं

हम Exercise के लीयते दिन के तीस मिनट नहीं निकाल सकते ताकि हमारी हेल्थ अच्छी रहे.

15 मिनट कोई बुक नहीं पढ़ सकते ताकि हमारी Knowledge बढे.

और तब हम कम्प्लेंन भी करते हैं कि हमारी जिंदगी  अच्छी क्यों नहीं है ?

Habit नम्बर 7 खुद को हमेशा बेहतर बनाने पर फोकस करती है.

अपने टाइम का सबसे अच्छा use हमें खुद को इस चार एरिया में बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए.

  1. PHYSICAL
  2. MENTAL
  3. SOCIAL
  4. SPIRITUAL.

ये HABIT बाकि छः हैबिट को सराउंड करती है और हमें उन सबको फोलो करना पोसिबल कराती है .हमारी सबसे कीमती एसीट को बेहतर बनाकर जो कि हम खुद हैं.

ये सभी बातें हमने एक किताब The 7 Habits of Highly Effective People

से पढ़ी है जिसके लेखक R. Stephen Covey  हैं..

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Also Read:- एक Successful Startup Business कैसे बनाएँ?  How to Build a Successful Startup Business in Hindi? 

How to Get Rich Hindi Article अमीर कैसे बनें? हिंदी प्रेरक लेख

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नमस्कार दोस्तों,

आज हम आपको बताएंगे एक KEY REASON. क्यों कुछ ही लोग बहुत अमीर बन पाते हैं और ज्यादातर लोग गरीब या फिर मिडिल क्लास रह जाते हैं.

रॉबर्ट नाम का एक लड़का था, जिसके दो बाप थे.. आप कुछ गलत मत समझिए, पहला उसका खुद का था और दूसरा उसके दोस्त का बाप था, जिसे वह अपना मुह बोला बाप मानता था.. पहले वाले ने PHD की थी और दूसरे ने कभी 8th Class भी पास नहीं की थी. दोनों बहुत स्मार्ट और हार्ड वर्किंग थे पर दोनों की सोच बहुत अलग थी. और दोनों ही रॉबर्ट को अलग-अलग बातें सिखाते थे..

पहले बाप बोलता था कि “पैसा सारे फर्साद की जड़ है”

और दूसरा बोलता था कि “पैसा न होना सारे फर्साद की जड़ है”

पहला, रॉबर्ट को हमेशा महँगी चीजें सोचने से मना करता था..और कहता था कि “वो हमारी हैसियत के बाहर है.”

दूसरा उसे कहता था कि “वो सोचे और अलग-अलग रास्ते ढूंढे जिससे वो सारी महँगी चीजें खरीद सके. ये करने से उसका दिमाग तेज होगा और नए आईडियास भी मिलेंगे.”

पहला उसे कहता, “खूब मेहनत कर, अच्छे से पढ़ लिख ताकि तुझे बड़ी कंपनी में नौकरी लगे और तू बड़ा इंसान बन पाए.”

दूसरा कहता था, “तू खूब पढ़ मेहनत कर, पर खुद की कंपनी खोल ताकि तू खूब सारी नौकरियां लोगों को दे पाए.

रॉबर्ट के पास एक एडवांटेज था, उसने अपने दोनों बापों को अपनी अलग-अलग सोच के साथ बढते और उनकी तरक्की देखी.. उसने अपना दिमाग लगाया और अपनी दूसरे बाप की बातें मानी और फोलो की. जो की बाद में Miami फ्लोरिडा का सबसे अमीर इंसान बना और उसकी सिखाई बातों से उसने खुद करोड़ों कमाए जबकि उसका पहला बाप जिंदगी भर गरीब रह गया.. सबसे इम्पोर्टेंट बातों में से एक बात जो रॉबर्ट ने अपने अमीर बाप से सीखी वो थी, FINANCIAL LITERACY..

जिसका मतलब है ASSETS और LIABILITIES के बीच का Difference जानना.

अब आप ध्यान दीजिए, ये नोर्मल कॉमर्स में सिखाये गए मीनिंग्स से थोडा अलग है.  रॉबर्ट ने काफी Easy words में उसका मीनिंग बताया है. जिसे आप नीचे देख सकते हैं:-

ASSETS कोई वो चीज होती है जो आपको पैसे बनाकर दे या आपके जेब में पैसे डाले.

और

LIABILITIES वो चीजें होती हैं जो आपके जेब से पैसे ले ले या आपके पैसे खत्म करे ..

अमीर लोग इसीलिए अमीर होते हैं  Because वो अपने ASSETS बनाते हैं .. जबकि मिडिल क्लास लोग बस LIABILITIES पर खर्च करते हैं.

मिसाल के तौर पर

राजू और मोहन नाम के दो दोस्त थे .. दोनों सेम पोजिशन और सेम सैलेरी पर काम करते थे.

जब भी उनको सैलेरी मिलती तो मोहन अपने उन पैसों से नए कपडे, नया गैजेट्स, फोन, बाईक या कार ऐसी चीजें खरीदता था जो उसे अमीर जैसा फील कराती थी पर वो ये नहीं समझता था की ये सारी चीजें LIABILITIES हैं जो उसके पैसे उससे ले रही है न की बस वो उन्हें खरीदता है तब बल्कि आगे भी मेंटेनेंस वगैरह के लिए.. जिसकी वैल्यू वक्त के साथ कम हो जायेगी. और न ही वह उससे आगे कुछ पैसों का प्रोफिट देगी. But राजू ऐसा नहीं था वो ये सारी चीजें नहीं खरीदता था जब तक की उसके लिए बहुत जरूरी न हो वो चीज खरीदना..

वो पैसे जमा करता था और ASSETS पर खर्च करता था जैसे की स्टोक्स, बोंड्स, रियल स्टेट्स, अपनी खुद की स्किल्स बढाने के लिए या कुछ सीखने के लिए जो उसे आगे और पैसे बनाकर दे.. दो साल बाद राजू करोड़पति बन गया जबकि मोहन वैसे का वैसा अपनी कम सैलेरी को कोसता रह गया.. और कहता था कम सैलेरी उसके मिडिल क्लास होने का रिजन है…

एक गरीब इंसान का CASH FLOW कुछ इस तरह का होता है:-

उस पैसे मिलते हैं:——-> और वो पैसे जरूरी चीजों में खर्च हो जाते हैं…….

एक मिडिल क्लास का CASH FLOW थोडा-सा अलग होता है:-

उसे पैसे मिलते हैं:——-> वो उसे जरूरी खर्चों और LIABILITIES में खर्च कर देता है…….

इन्हीं दो कारणों से मिडिल क्लास फैमिली और गरीब में ज्यादा फर्क नही है..

मोस्टली मिडिल क्लास लोगों को लगता है की उनका घर उनका ASSETS है. पर ऐसा नहीं है .. आपका घर आपको पैसे बनाकर नहीं देता Unless आपको उसको भाड़े पर दो..

जबकि अमीर लोगों का CASH FLOW कुछ ऐसा होता है:-

उन्हें पैसे मिलते हैं:———> वो उस पैसे से अपने Assets बनाते हैं.. ————> और फिर उससे बने पैसों से वो खर्चा करते हैं…

इसीलिए वो अमीर होते जाते हैं. क्योकि उनके इनकम के सोर्स बढते जाते हैं..

अगर आपको अमीर बनना है तो ये बात हमेशा याद रखें अच्छे से

“इस बात से फर्क नहीं पड़ता की आप कितना कमा रहे हैं, बल्कि आप उन पैसों को कहाँ और कैसे खर्च कर रहे हैं. ये इम्पोर्टेंट है” 

सबसे पहले तो आपको CONSUMER की सोच से बाहर आकर INVESTOR की सोच अपनानी पड़ेगी… लोग कम्प्लेन करते हैं की उनकी खराब कंडीशन का रिजन उनकी कम सैलेरी है और सैलेरी बढ़ेगी तो वो आराम से रहेंगे पर प्रोब्लम ये है की

इनकम बढ़ने के बाद लोगों के खर्चे और बढ़ जाते हैं…. क्योंकि ज्यादा पैसा अच्छी चीजें खरीदने को मजबूर करता है… जैसे एक अच्छी मोबाइल, कार, घर जो की फिर से बस LIABILITIES है. जो की कभी आपको अमीर बनने नहीं देगी..

ये सभी बातें हमने एक किताब Rich Dad Poor Dad से पढ़ी है जिसके लेखक ROBERT T. KIYOSAKI हैं..

 

धन्यवाद!

Also Read:- एक Successful Startup Business कैसे बनाएँ?  How to Build a Successful Startup Business in Hindi?

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  Hi Friends, Business Start up को लेकर एक बहुत बड़ा  misconception जो सबको होता है और मुझे भी था वो ये है कि एक Successful Business Start करने के लिए मुझे एक जबरदस्त आईडिया चाहिए, ऐसा आईडिया जिसे  मैं खूब मेहनत के साथ Execute करूँ  तो वो मुझे Billionaire या कम से कम Multimillionaire तो बना ही दे. कुछ ऐसा ही जैसे Mark Zuckerberg के Facebook का आईडिया…, Youtube पर विडियो शेयर करने का आईडिया जो PAYPAL के तीन Employees ने सोचा था… और बाकी सारी Billion डॉलर कंपनी का वो एक जबरदस्त आईडिया जो उनको करोड़पति बना देता है. पर सच तो ये है कि ये सब एक myth है.  Youtube पहले एक ऑनलाइन डेटिंग साईट थी न कि विडियो Sharing साईट. Facebook से पहले Mark Zuckerberg  ने एक Hot or Not game type Website बनाई थी जिसका नाम Facmash था. फेसबुक उनका पहला आईडिया नहीं था .

99% Times लोगों का पहला आईडिया उन्हें इतनी सक्सेस नहीं देता बल्कि वो सक्सेस उस आईडिया को यूजर के Requirement के हिसाब से Replace or Modify करने के हिसाब से मिलती है.
आपको पता होना चाहिए कि स्टार्टअप एक ब्रिलियंट आईडिया पर काम करके रातों रात अमीर बनने को नहीं कहते  बल्कि स्टार्टअप उसे कहते हैं इसमें आपको बहुत सी Extreme Uncertainty को हैंडल करना पड़े.

Startup एक Experiment जैसा होता है, जिसमें हमें चीजों को टेस्ट करके बार-बार सीखना होता है. और वो भी अपने Competitors से जल्दी.
एक ऐसा  Experiment जिसमें  हमें आउटपुट क्या मिलेगा इसके बारे में  कुछ पता नहीं होता …

WHY DO MOST OF THE STARTUP FAIL?

Crayegg company के co-founder नील पटेल जो कि एक ऑनलाइन मार्केटर हैं. और USA के काफी Successful Entrepreneur में से एक हैं.. उन्होंने एक बार मिलियन डॉलर का फंड्स उठाया, अपने एक ब्रिलियंट आईडिया पर काम करने के लिए .. वो आईडिया सबको काफी पसंद आया था, Investors को भी … आईडिया एक ऐसा प्रोडक्ट बनाने का था जो कम्पनिस के सोशल मीडिया ट्राफिक के प्रोब्लम्स को सोल्व कर सके. उनकी टीम ने पूरा एक साल और पूरे एक मिलियन डॉलर उस प्रोडक्ट को अच्छे से बनाने के लिए लगा दिए. और जब उन्हें लगा कि प्रोडक्ट अब अच्छी तरह लॉन्च के लिए रेडी हो गया है, उन्होंने खुशी-खुशी उसे लॉन्च कर दिया … पर हैरानी की बात ये थी कि लॉन्च करने के बाद किसी एक कंपनी ने भी उनका प्रोडक्ट खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. क्योंकि किसी भी कंपनी को ऎसी चीज खरीदने की जरूरत महसूस नहीं हो रही थी, वो अपने पुराने तरीके में ही काम करने में खुश थे. So नील पटेल और उनकी टीम का एक पूरा साल खूब सारी मेहनत और मिलियन डॉलर बर्बाद हो गया, एक ऐसा प्रोडक्ट बनाने में जिसको किसी की जरूरत ही नहीं थी.

हमने आपको ये स्टोरी बताई क्योंकि ज्यादातर स्टार्ट अप फ़ैल होने का रिजन यही है …

स्टार्टअप में लोग एक आईडिया सोचते हैं जो उन्हें काफी अच्छा लगता है, फिर उस आईडिया को रियलिटी बनाने के लिए वो खूब मेहनत से सारी टेक्निकल चीजों पर काम करते हैं … अपना टाइम, मनी और पूरी एनर्जी लगा देते हैं. एक ऐसा प्रोडक्ट Efficiently बनाने के लिए जो किसी को चाहिए ही नहीं!

याद रखें कोई भी प्रोडक्ट बनाने के लिए आपको अपने आप से यह Question नहीं करना चाहिए कि “आप ऐसा प्रोडक्ट बना सकते हो कि नहीं!” बल्कि main Question यह होना चाहिए कि “आपको ऐसा प्रोडक्ट बनाना चाहिए कि नही!”

ज्यादातर वो फ़ैल होते हैं कि वे COVENTIONAL MANAGEMENT (पारंपरिक प्रबंधन) पर काम करते हैं .. that is, मार्केट रिसर्च करना, एक अच्छी Stratagy बनाना और फिर एक Great Product डिलीवर करना..  ये Approach अच्छा है पर स्टार्ट-अप्स के लिए नहीं!

क्योंकि एक Startup का अपने प्रोडक्ट के लिए मार्केट Assume करना पोसिबल नहीं है, बिना उस प्रोडक्ट को लॉन्च किया…

Startup से अपने प्रोडक्ट का रिस्पोंस मार्केट में Assume नही कर सकते, जबतक कस्टमर्स actual में वो प्रोडक्ट use न करें.

ये सारे Reasons बहुत से Startups के Failure का reason बन  जाते हैं ..  पर अच्छी बात यह है कि इस Failure को avoid किया जा सकता है..

LEAN STARTUP METHODOLOGY हमें इस प्रोब्लम का सोल्यूशन देता है और startup का कीमति टाइम और पैसा वेस्ट होने से बचाता है.

BUILD
MEASURE
LEARN

इस प्रिंसिपल के हिसाब से आपको एक Minimum Viable Product बनाना चाहिए.

फिर उस प्रोडक्ट को ट्रायल के तौर पर लॉन्च करके कस्टमर्स के Responce & Reaction MEASURE करना चाहिए and at the End LEARN करना चाहिए कि Ideas क्या रियल में काम कर रहे हैं, जैसा उन्हें करना चाहिए या फिर आपको कोई चेंजेस करना चाहिए कस्टमर्स के बेटर रिस्पोंस के लिए.. आपको इस साइकल को रिपीट करते रहना चाहिए जब तक आपको मार्केट और आपके कस्टमर्स से अपने प्रोडक्ट के लिए Desired responce नहीं मिलता…

Easy words में कहें तो मिनिमम वायबल प्रोडक्ट वो होगा जिसमे आप अपने प्रोडक्ट्स के दो या तीन Key-points डालेंगे..जो सबसे ज्यादा Attractive है, और आपको लगता है कि वो आपके कस्टमर्स को पसंद आयेंगे…

फिर आप कम से कम पैसों में उस प्रोडक्ट को तैयार करो, जो बस टेस्ट करने के Purpose से हो! जिसे आप MEASURE कर सको कि आपके Key-points काम कर रहे हैं कि नहीं! और लोग उस पर कितना अच्छा रिस्पोंस दे रहे हैं… और ये MEASURE भी आपको cheapest और fastest way में करना चाहिए.. याद रखें आपका मिनिमम वायबल प्रोडक्ट आपका फाइनल प्रोडक्ट नहीं है. ये बस टेस्ट करने के लिए है, आपके आईडिया और प्रोडक्ट को..

So उसे सिम्पल और सस्ता बनाएँ बस अपनी क्रिटिकल पोइंट्स को कवर करते हुए जो आपके अच्छे फीडबैक के लिए जरूरी हो! और आपको प्रोडक्ट और सेल्स के बारे में भी सीखने के लिए मदद करे.

अब जब आप responce को अच्छे से Measure कर लेंगे तो आपके पास दो ओप्शन होंगे:-

  1. PIVOT
  2. PERSEVERE

यदि आपके Key assume को Positive responce मिल रहा है तो आपको PERSEVERE करना चाहिए.. मतलब उस आईडिया पे ही चलना चाहिए और अपने प्रोडक्ट को उस आईडिया के साथ ही और बेटर बनाने पर फोकस करना चाहिए..

पर यदि आपको जैसा रिस्पोंस चाहिए था वैसा नहीं मिला तो आपको PIVOT करना चाहिए .. मतलब Maybe आप अपने आईडिया को दूसरी तरीके से Execute करें. या दूसरी ऑडिएंस टारगेट करें,  या कुछ ऐसा चेंजेस करें जो आपको रिजल्ट्स दे…

Example:-

Kevin Systrom नाम के आदमी ने Burbn नाम का एक चैकिन एप बनाया था. जिसमें Mafia Wars नाम के कुछ एलिमेंट्स थे .. उसमे एक फोटो निकालने का एक एलिमेंट भी था .. वो थोड़े परेशान थे क्योंकि Burbn को Desired responce नहीं मिल रहा था क्योंकि एप काफी भरा-भरा लगता था और Kevin को पता था कि ये यूथ सक्सेस नहीं बन सकता है…

पर MEASURE & LEARN करने के बाद उन्हें पता चला कि Burbn के सारे फीचर्स में से एक फीचर्स जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जा रहे थे वो फोटो लेने का फीचर था..

ये पता चलने के बाद Kevin ने अपने को-फाउंडर माइक क्रीगर के साथ एक बड़ा रिस्क लेते हुए Burbn के सारे फीचर्स निकाल दिए & बस फोटो लेने के फीचर्स को रखा और उसको बेहतर बनाने पर काम करने लगे .. ये PIVOT करने के बाद Burbn एक बहुत ही पोपुलर एप बन गया जिसे आप सब Instagram के नाम से जानते हैं.

इसी तरह आपको भी अपने डिजायर्ड रिजल्ट मिलने से पहले काफी सारे Exeperiment करने पड़ सकते हैं.  ज्यादातर स्टार्टअप शुरू होते हैं और कुछ टाइम बाद पूरी तरह से गायब हो जाते हैं .. क्योंकि उन्हें पूरी मेहनत के बावजूद जब बेहतर रिजल्ट नहीं मिलते तो वे हार मानकर Quit कर देते हैं. या कुछ Never Quit बोलकर सेम चीजें बार-बार करते हैं. और उम्मीद करते हैं कि उन्हें बेहतर रिजल्ट मिलेंगे.. पर अलग रिजल्ट नहीं मिलते और आखिर में पैसे खत्म हो जाने पर वे भी गायब हो जाते हैं.

ये दोनों ही सही तरीके नहीं हैं. Mostly उन्हें सक्सेस के लिए बस PIVOT करने की जरूरत होती है, जिसके बारे में वो नहीं सोचते….

एक चीज जो आपको हमेशा ध्यान रखनी होगी कि स्टार्टअप की सक्सेस के लिए आप कितनी  PIVOTS Handle कर सकते हैं, आपके पैसे खत्म होने से पहले..

इसलिए हमेशा ध्यान रखिये कि आपके कस्टमर्स ही King होते हैं, और  आपके सारे Decision और Action उन्हें खुश करने के लिए होने चाहिए न कि खुद को या अपनी टीम को…

और आपको कभी सक्सेस नहीं मिल सकती कुछ ऐसा बनाकर जो आपके कस्टमर्स को चाहिए ही नही!

ये कॉन्सेप्ट्स THE LEAN STARTUP Book से Inspire है जो स्टार्टअप्स के लिए एक बहुत ही बेहतरीन बुक है…

 

कृपया इसका एनिमेटेड विडियो जरूर देखें … और इस बेहतरीन  यूट्यूब चैनल को जरूर सबस्क्राइब कीजिये…

धन्यवाद!

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जब मैं छोटा था तो मेरे लिए हर एक चीज Possible थी. बड़े से बड़े पेड़ पर चढ़ जाता था बिना यह जाने या सोचे कि पेड़ कितना ऊँचा है. और उस वक़्त बिना किसी डर के, बिना किसी के साथ के मैं उसे आसानी से कर जाता था. उस वक़्त मेरे दिमाग में बस एक आईडिया होता था कि पेड़ पर कैसे चढ़ना है और एक बहुत बड़ा Belief होता था जिसके Through हम ये सोचते ही थे कि पेड़ पर किसी भी हालत में चढ़ना ही है और हम उस ऊँचाई तक पहुंचकर ही दम लेते थे ..

लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया, मेरे अन्दर कुछ छोटे-बड़े चेंजेस आने शुरू हो गये.

जब स्कूल में होता और किसी एक सब्जेक्ट में भी मार्क्स कम आ जाते तो मैं बहुत रोता, किसी विषय में फ़ैल हो जाने पर यही सोचता “कि मैं इसे कभी नहीं कर सकता”

जब कोई दोस्त आगे निकल जाता तो उस वक़्त लगता “कि मुझसे यह कभी नहीं होगा”

जैसे ही स्कूल, कॉलेज की पढाई खत्म हुई मुझे लगा कि कोई बिजनेस कर लेते हैं लेकिन उस वक़्त भी एक बड़ी रूकावट थी .. मुझे लगा कि “यह इतना आसान नहीं है…”

और जब मैं एक बिजनेस में Involve हुआ, उसी समय दिमाग में एक बेहतरीन आईडिया ने जन्म लिया. और जब मैंने उस आईडिया को अपने पार्टनर्स के साथ शेयर किया तो सबने कहा हमें इसके लिए किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना.

उस एक आईडिया में वो सारी चीजें शामिल थीं जिससे गरीब क्षेत्रों में, मैं लोगों को जॉब देख सकूँ, कोई बेरोजगार न रहे, सब लोगों के पास अपने आवश्यकता की चीजें उपलब्ध हों और उस एक आईडिया की बदौलत कुछ ऐसा हो कि पूरा देश या दुनिया मुझ पर गर्व महसूस करे.

उस एक आईडिया की वजह से सबका विकास हो, जिससे हम दुनिया को कुछ नया दे सकें .. इन सबके बावजूद उस समय भी मेरे दिमाग में बस एक चीज ही चल रही थी “कि अभी भी मैं Sure नहीं हूँ कि ऐसा कुछ होगा”

उस आईडिया के बारे में मैं बस सोचता ही रहता है लेकिन कुछ Doubts के कारण मैं उस Idea को Reality में Convert नहीं कर पाया.

लेकिन कुछ सालों बाद जब मैंने अखबार का पन्ना पलटा मेरे सामने एक सख्स की तस्वीर थी जिसे Entrepreneur of the Year के लिए सम्मानित किया गया था और वह बस उस एक आईडिया के कारण जो कभी मेरा आईडिया हुआ करता था … उसे, उस एक आईडिया के लिए ही बहुत बड़े-बड़े पुरूस्कार मिले और वह उस साल का हीरो साबित हुआ.

मुझमे और उस Entrepreneur में क्या फर्क था ?

सिर्फ इतना कि उसने उस आईडिया को Reality में कन्वर्ट करने के लिए उसने Action लिया..

यदि आपको पता न हो तो मैं बता दूँ कि उस एक आईडिया के लिए उसे Creative Young Entrepreneur of the Year से नवाजा गया और वह इसका हक़दार था.

उस Entrepreneur की जीत का सबसे बड़ा कारण यही था कि उसने  ACTION लिया….

यही आईडिया जब मैं बच्चा होता, तब यदि आये रहता तो क्या मैं ACTION लेता?

आपका भी जवाब इसके लिए यही होगा “कि हाँ जरूर लेता क्योंकि उस समय मेरे Believe इतने मजबूत होते कि मैं बिना ACTION लिए चैन से बैठता नहीं!

अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा, बस मुझे अपने आईडिया को हकीकत में बदलने की जरूरत है

क्योंकि यह बिलकुल हो सकता है …..जब मैं BELIEVE करूँ….

क्योंकि अब मैं समझ चुका हूँ कि Creativity हमेशा एक BELIEVE से ही स्टार्ट होती है…

दोस्तों, हम अपने-अपने क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं, ज्यादातर लोग भी चाहते हैं कि वे Entrepreneur of the Year की पहचान को कायम रखें या Entrepreneur of the Year में अपना नाम शामिल करें… इसके लिए उनके पास Idea भी रहता है उस आईडिया को Reality बनाने के लिए एक स्टेप आगे बढ़कर वे प्लान भी बहुत सारे बनाते हैं लेकिन आखिर में अपने Believe को कमजोर कर देते हैं और इसके लिए Action नहीं लेते.. यदि आप सचमुच Entrepreneur of the Year बनना चाहते हैं या अपने लेवल पर Success, Achieve करना चाहते हैं तो उस बच्चे की तरह बनिए जो सिर्फ यह देखता है कि उसे, उस ऊंचाई तक पहुंचना है जो उसका Last Step है.. जब तक आप अपने Last Step तक नहीं पहुँच जाते तब तक अपने हर एक स्टेप को क्लियर करते जाइए.. BELIEVE कीजिये कि आप कर सकते हैं और आप कर जायेंगे, क्योंकि आपके पास वो दमदार आईडिया है, जिसके लिए आपके पास प्लान है, या इस ऊंचाई तक पहुँचने का  वो जूनून है, जहाँ बिना पहुंचे आप चैन से बैठ नहीं सकते, आप अभी भी ठीक उस बच्चे की तरह ही हैं जिसका विश्वास ही उसकी सफलता निर्धारित करती है, आप भी उस बच्चे की तरह ही हैं जो यह नहीं देखता कि पेड़ कितना बड़ा या ऊँचा, जो सिर्फ यह देखता है कि उसे उसकी मंजिल तक पहुंचना है, चाहे कोई उसका साथ दे या नहीं!

इसलिए आज से ही अपने BELIEVE के साथ आगे बढ़ना शुरू कीजिये, और उस बच्चे की तरह कितने बड़े से बड़े Target को Achieve कर लीजिये…

Thank You So Much…

Note:- इस आर्टिकल में हमने “मैं” शब्द का प्रयोग किया है जिसे लेखक ने सिर्फ Writing के Purpose से लिखा है .. “मैं” शब्द का उपयोग लेखक ने स्वयं के लिए नहीं किया है…

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बस थोडा-सा एक्सट्रा आपकी सफलता दोगुनी कर सकता है! Inspirational Hindi Article https://www.hamarisafalta.com/2016/05/just-a-little-extra-can-double-your-success-inspirational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/05/just-a-little-extra-can-double-your-success-inspirational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sun, 15 May 2016 10:12:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/05/15/just-a-little-extra-can-double-your-success-inspirational-article-in-hindi/ दोस्तों, हमारी लाइफ में Extra Word का एक बहुत ही बड़ा रोल है. यदि हमें जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल करना है तो हमें अपनी लाइफ को कुछ एक्सट्रा देना होगा.  आपने एक चीज जरूर नोटिस की होगी, आजकल किसी भी प्रोडक्ट में आपको कुछ एक्सट्रा दिया जा रहा है, मतलब यदि आप कोई तेल खरीदते हैं तो उसके साथ आपको एक पावडर मुफ्त मिलता है, साबुन के साथ कंघी, टी.वी. के साथ मोबाइल, और नए कार खरीदने पर बाहर […]

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दोस्तों, हमारी लाइफ में Extra Word का एक बहुत ही बड़ा रोल है. यदि हमें जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल करना है तो हमें अपनी लाइफ को कुछ एक्सट्रा देना होगा.  आपने एक चीज जरूर नोटिस की होगी, आजकल किसी भी प्रोडक्ट में आपको कुछ एक्सट्रा दिया जा रहा है, मतलब यदि आप कोई तेल खरीदते हैं तो उसके साथ आपको एक पावडर मुफ्त मिलता है, साबुन के साथ कंघी, टी.वी. के साथ मोबाइल, और नए कार खरीदने पर बाहर घूमने या छुट्टी मनाने का मौका.. मतलब आजकल बड़ी-से-बड़ी कम्पनियाँ अपने प्रोडक्ट की बिक्री के लिए उसके साथ कुछ न कुछ Extra जरूर देती हैं और यदि आप इसका सर्वे करेंगे तो आप पायेंगे कि ज्यादातर आजकल वही प्रोडक्ट  बिकतीं हैं जो कुछ एक्सट्रा प्रोडक्ट भी उसके साथ मुफ्त देती हैं..

हमारी लाइफ भी बिलकुल इसी तरह की है, बिना Extra Qualities के हमारा मोल भी कम होता जा रहा है, इसके लिए बहुत ही जरूरी है कि हम अपनी लाइफ को कुछ एक्सट्रा दें..

हमारी पूरी लाइफ, पैदा होने से लेकर मरने तक Competition की तरह चलती जाती है.. यहाँ हर क्षेत्र में प्रतियोगिता है. और इस प्रतियोगिता में वही Winner बनता है जो सबसे सक्षम खिलाडी होता है.. और आपकी लाइफ में वही सक्षम खिलाडी है जो कुछ Extra देने या Extra करने के लिए तैयार रहता है. यदि आप एक Employee हैं तो यह सोच सकते हैं कि मैं ऐसा क्या Extra करूँ जिससे मुझे Promotion मिले.. यदि आप किसी बिजनेस के Founder हैं तो आप यह सोच सकते हैं कि मैं ऐसा क्या Extra दूँ जिससे मेरे ग्राहकों में बढोत्तरी हो.. हर एक कार्य को पूरा करते हुए यह भी जरूर सोचिये कि इसमें और कौन से विचारों को शामिल किया जा सकता है!

थोडा-सा Extra Interest, थोडा-सा Extra Idea, थोडा-सा Extra Work ही इस दुनिया में मनुष्यों के बीच फर्क पैदा करते हैं…

बस थोडा-सा Extra दीजिए और इसके बदले आपको क्या मिलेगा आप जल्दी ही जान जायेंगे..

थोडा-सा Extra प्यार देकर आप दूसरों को अपना बना सकते हैं, थोडा-सा Extra Idea और Extra मेहनत के साथ आप अधिक धन कमा सकते हैं.. बस दूसरों के मुकाबले थोड़ी-सी Extra पढाई करके आप सामान्य से सफल छात्र बन सकते हैं……

यदि आप अपने ग्राहकों को Extra Features, Extra Service दे रहे हैं तो वो आपसे हेमशा लंबे समय तक जुड़े रहेंगे और अपनी तरफ से नए Customer भी Refer करेंगे…

मोहनसिंह ओबोरॉय की लाइफ से जुडी इस कहानी को देखते हैं जो हमें कुछ Extra देने की सीख देता है

 मोहनसिंह ओबोरॉय हमेशा अपनी लाइफ में कुछ एक्सट्रा देने में विश्वास करते थे.. उनकी फिलोसफी थी “बस एक कदम और…” जब वे युवा थे तो उनकी सबसे बड़ी कोशिश थी कि वे सरकारी नौकरी करें लेकिन उनकी सारी कोशिशें व्यर्थ चली गयीं और वो एक दिन शिमला के एक होटल में नौकरी की तलाश में जा पहुंचे.

मोहनसिंह ओबोरॉय जी ने होटल के मैनेजर से कहा- “सर मुझे नौकरी की आवश्यकता है, आप मुझे जो भी काम देंगे मैं उसे ईमानदारी से करने के लिए तैयार हूँ”

सौभाग्वश उन्हें उस होटल में एक क्लर्क की नौकरी मिली, जिसका कार्य था कि मोहनसिंह ओबोरॉय जी को सुबह-सुबह होटल के ग्राहकों के कमरों में गर्म पानी उपलब्ध कराना है. उन्हें यह भी देखना था कि हीटर को कोयले की गर्म सप्लाई अच्छी तरह मिलती रहे. उनके इस कार्य का समय सुबह 4 बजे से शुरू होता था लेकिन वे लगभग 3 बजे से ही कार्य पर पहुंच जाते थे और बारीकी से सब जांचने के बाद गर्म पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करते थे..

इस एक अतिरिक्त कार्य से न तो उनकी कभी तनख्वाह बढती थी और न ही वे नाम कमाने के उद्देश्य से ऐसा करते थे लेकिन पूर्ण समर्पण की भावना ही उनकी सबसे बड़ी आदत थी.. इस समर्पण के ही आदत ने मोहनसिंह ओबोरॉय जी का एक अपना साम्राज्य खड़ा कर दिया..उनके बारे में आप विकिपीडिया पर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं..

दोस्तों यदि आपको आम से खास बनना है तो आप सब भी आज से बस थोडा-सा एक्सट्रा की आदत डालिए.. यकीन मानिए आपको वो सब मिलेगा जिसकी आप ख्वाहिश रखते हैं.  आज से ही खुद से ईमानदारीपूर्वक यह सवाल करें कि आज आपने थोडा-सा एक्सट्रा के लिए क्या किया?  यदि आप जीवन में बड़े लेवल तक पहुंचना चाहते हैं तो थोडा-सा एक्सट्रा देने के लिए हमेशा तैयार रहिये नहीं तो आपको सब आम बनकर ही जीता हुआ देखेंगे…

बस थोडा-सा एक्सट्रा आपकी सफलता दोगुनी कर सकता है!

                                                                                                                     धन्यवाद!

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असफल बनाने वाले इन 5 वाक्यों को तलाक दे दीजिए https://www.hamarisafalta.com/2016/05/five-sentences-interruption-in-the-success-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/05/five-sentences-interruption-in-the-success-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 02 May 2016 10:57:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/05/02/five-sentences-interruption-in-the-success-in-hindi/ दोस्तों, यदि हम लोगों की भाषाओँ पर गौर करें तो हम उनके अंदर की हिचकिचाहट और डर को पढ़ सकते हैं. इंसान खुद के बारे में क्या सोचता है, वह कितना सकारात्मक है, कितना साहसी है, कितना बातों से वह डरता है ऎसी बहुत सी चीजें उसके भाषा और आदतों में झलकने लगता है. कुछ ऎसी भी लाईने हैं जो हमें कमजोर करती हैं, जो हमें प्रगति के शिखर तक पहुँचने नहीं देतीं .. ऐसे ही पांच वाक्यों के बारे […]

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दोस्तों, यदि हम लोगों की भाषाओँ पर गौर करें तो हम उनके अंदर की हिचकिचाहट और डर को पढ़ सकते हैं. इंसान खुद के बारे में क्या सोचता है, वह कितना सकारात्मक है, कितना साहसी है, कितना बातों से वह डरता है ऎसी बहुत सी चीजें उसके भाषा और आदतों में झलकने लगता है. कुछ ऎसी भी लाईने हैं जो हमें कमजोर करती हैं, जो हमें प्रगति के शिखर तक पहुँचने नहीं देतीं .. ऐसे ही पांच वाक्यों के बारे में आज हम इस पोस्ट में चर्चा करने वाले हैं जो हमें कामयाब होने नहीं देते और यदि हमने इन वाक्यों को तलाक दे दिया, इन वाक्यों को हमेशा के लिए छोड़ दिया उस दिन से ही हम अपने भीतर गजब का सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे और उस दिन से हमारी लाइफ पूरी तरह से बदल जायेगी…

                                                      लोग क्या कहेंगे

बहुत से लोग इसलिए अपनी जिंदगी में रिस्क नहीं लेते क्योंकि उन्हें  हमेशा डर रहता है की यदि मैं असफल हो गया तो “लोग क्या कहेंगे”

यही कारण है की लोग दूसरों के डर से नयी-नयी चुनौतियाँ हाथ में  नहीं लेते, आगे बढ़कर पहल नहीं करते इसलिए ज्यादातर ऐसे लोगों के हाथों से अवसर निकल जाता है.

आज इस वर्तमान समय में भी लोग खुद को एक नया लुक देने से कतराते हैं, उन्हें लगता है की यदि मैंने यह हेयरकट करवाई तो लोग मेरा मजाक उडायेंगे! ,मतलब आज भी लोग नया हेयरकट कराने, खुद को एक अच्छा लुक देने और अपने पसंदीदा कपडे पहनने से भी डरते हैं और सब इस एक शब्द के कारण की “लोग क्या कहेंगे”

दोस्तों याद रखिये कुछ करने का सबसे अच्छा और बेहतर समय आज ही का दिन है, यदि कुछ करना है तो कर जाइए.. लोगों को कहने दीजिए जो वो कहना चाहते हैं .. क्योंकि हर बात में गलतियाँ निकालना, किसी को मुफ्त राय देना और किसी के बारे में भला-बुरा कहना इस समाज के बहुत बड़े वर्ग का निःशुल्क रोजगार है..

यदि आप लोगों की ही सोचते रह गए तो आगे कदम बढ़ाना संभव नहीं होगा.

ये लोग बहुत ही जल्दी पलट जाते हैं, मतलब जैसे ही आप सफलता की सीढियां चढ़ते गए उनके मुंह से शब्द निकलते जायेंगे की ‘ हमें तो पहले से पता था की यह लड़का/लड़की काफी होनहार है, वह शुरू से ही ब्रिलियंट था, उसका आईडिया कमाल का था, हम तो पहले से जानते थे की वो लाइफ में कुछ बड़ा करने ही वाला था..’

दोस्तों, सही दिशा में मेहनत करते आगे बढते जाइए और पूरी ताकत के साथ, पूरे जुनून से काम कीजिये .. लोगों को भूल जाइए., ऐसे शब्दों को कभी मत दोहराइए जो आपको कमजोर करते हों..बस अपने लक्ष्य की ओर बढते चले जाइए.. लोगों को अपना काम करने दीजिए और आप बस अपने काम में आगे बढते चले  जाइये.

इस आर्टिकल को पढते हुए सोचिये की ऐसे कितने कार्य हैं जिन्हें आपने इस डर से छोड़ दिया की लोग क्या कहेंगे.. यदि आपने उस वक्त लोगों के कुछ कहने वाली बात को न सोचा होता तो आज आपकी लाइफ कुछ और और खास ही होती… लेकिन अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है,, आप आज उठ सकते हैं, आज जाग सकते हैं और दुनिया वालों की नजरों में जो राय आपके लिए है उसे गलत साबित कर सकते हैं.. तो सोचिये मत बस अपने दिमाग से इस एक लाईन को अभी तलाक दे दीजिए की “लोग क्या कहेंगे”

                                              मेरी किश्मत ही खराब है 

किश्मत होती है या नहीं यह मैं नहीं जानता पर मुझे इतना जरूर पता है की इस दुनिया में वही सबसे बड़ा किश्मतवाला है जो एक इंसान है..

मैंने कई ऐसे लोगों को देखा है जो अपनी असफलता के लिए बहाने बनाते हैं, उन्हें लगता है की उनके पास किसी न किसी चीज की कमी है और वो खुद को हमेशा बद्किश्मत बताते हैं. उन्हें लगता है की वो इसलिए ही सफल नहीं हो रहे क्योंकि उनके पास चीजों का अभाव है, या वो जो काम करना चाहते हैं उसके लिए उनके पास साधन नही है… और वो इसी एक गलत सोच को लेकर खुद को बद्किश्मत साबित करते हुए सिर पकडकर बैठे रहते हैं.

और मैं ऐसे लोगों को भी जानता हूँ जो कुछ साधन न होने के बावजूद भी खुद को किश्मत वाला समझते हैं.. उन्हें लगता है की किश्मत ऊपर से लिखाकर हमारे पैदा होते वक्त नहीं आती.. उन्हें किश्मत पर यकीन जरूर है क्योंकि वो सब जिन्दा हैं और कुछ करने के लिए दूसरों की तरह बहाने नहीं बना रहे और न ही घर की चार दीवारी में सिर पकडकर बैठे हुए यह नहीं सोच रहे हैं की उनके साथ कुछ अच्छा नहीं हो रहा है.. वो इसलिए ही खुद को किश्मत वाला समझते हैं क्योंकि उनके अंदर कर्म करने की ताकत मौजूद है और वो न सिर्फ खुद के बारे में सोचते हैं बल्कि उनके सामने खुद से पहले जिम्मेदारियां सामने खडी रहती हैं.

सही दिशा में मेहनत करने वाले को भले ही तुरंत सफलता न मिले पर इतनी गारंटी है की वह आखिर में असफल जरूर नहीं होगा.. मतलब कभी न कभी सफलता उसके कदम जरूर चूमेगी.

याद रखिये चाहे आपकी किश्मत बुरी हो या अच्छी, आप चाहे जो भी समझें लेकिन आगे बढ़ने के लिए आपको मेहनत तो करनी ही पड़ेगी क्योंकि मैंने आजतक ऐसा कोई आदमी नही देखा जिसने बिना मेहनत के कुछ हासिल किया हो.. किसी भी सूरत में आपके मेहनत का महत्व कम नहीं होगा, चाहे कुछ भी हो जाए डटना तो आपको हर हाल में होगा…

इसलिए सीधे-सीधे और खरे शब्दों में कहा जाए तो किसी कोने में बैठकर रोने की बजाये, किश्मत चमकने या किसी लौटरी लगने का ही इंतजार करने की बजाये, ढोंगी-पाखंडी बाबाओं का चक्कर काटने की बजाये, उँगलियों में अलग-अलग रंगों के पत्थर पहनने की बजाये, आप चुपचाप उठिए और पूरी ताकत और समर्पण के साथ अपने कार्य में पूरे जोश के साथ जुट जाइए..

भाग्य और किश्मत को अपना कार्य करने दीजिए और आप बस अपना कार्य करते चले जाइए…

फिर से अपनी इस भाषा पर ध्यान दीजिए और आपको अभी भी लगता है की आपकी किश्मत खराब है या कुछ सही नही हो रहा है तो मैं आपको सार शब्दों में बता दूँ की आप सिर्फ और सिर्फ बहाने बना रहे हैं और खुद को धोखा रहे हैं.

यदि आज भी आपने किश्मत वाले इस बहाने का साथ नहीं छोड़ा तो वो दिन दूर नहीं जब कई अवसर आपके हाथों से निकलते चले जायेंगे और बस आप अपने आंसू पोंछते रह जायेंगे..

                                                                  कल कर लूँगा 

कुछ लोग जो मैंने बहुत देखे हैं, वो अपनी जिम्मेदारियों से भागते फिरते रहते हैं, उन्हें कुछ भी काम सौंपा जाए वो तुरंत उस काम को झटक देते हैं और एक शब्द में बोल देते हैं की मैं आज बहुत ही ज्यादा व्यस्त हूँ, कल कर लूँगा..

मतलब वो अपने सारे काम कल पर टाल देते हैं ..

खास बात यह है की ऐसे लोगों का “कल” कभी नही आता.  ऐसे लोगों को काम सौंपने के पहले ही आपके मन में शंका पैदा हो जाती है की वह काम होगा की नही!

ऐसा नही है की वो काम नही करते या काम करने में असमर्थ होते हैं लेकिन उनके अंदर अजीब-सा ढीलापन होता है.. वह दोस्तों के साथ गप्पे मारकर, बिस्तर पर लेटकर, टी.वी. देखते हुए, मोबाइल पर गेम खेलते हुए ही अपना सारा दिन बर्बाद कर देंगे लेकिन जब उनसे कार्य के प्रगति के बारे में पूछा जाएगा तो उनके पास कोई जवाब नहीं होगा.

ऐसे लोगों से पूरी दुनिया भरी पडी है. कुछ लोग तो ऐसे भी रहते हैं जो काम याद नहीं रख पाते जिसके कारण रात-दिन दूसरों से डांट सुनना पड़ता है.. यदि आपकी भी ऎसी आदत है तो संभल जाइये.. अपनी जिम्मेदारी से मुंह मत मोड़िये, खुद को धोखा मत दीजिए. जो आप अपनी लाइफ में करना चाहते हैं वो आप तब कर पायेंगे जब आप काम को समय रहते ही पूरा कर लें.. यदि आप बार-बार अपने काम कल पर टालते जायेंगे जो जीवन में ज्यादा दूर तक जाना संभव नहीं हो पायेगा…

                                                                         मूड नहीं है!!!


मूड नहीं है वाली भाषा का विकास कहाँ से हुआ उसके इतिहास में मैं नहीं जाना चाहते लेकिन आज इस एक शब्द ने हमारी एक पीढ़ी पर एक बहुत गलत असर डाला है..

मूड नही है वाले इसी एक बहाने के कारण हम आज के काम को कल पर टालते हैं .. पता नही यह मूड कौन सी बला है जिसके लिए हम अपने आपको धोखा देते हैं जबकि हमें पता है की यह हमारे काम में ढीलापन ला देगा जिससे पछताने के सिवाए और कुछ भी नहीं मिलने वाला..

दोस्तों जो काम जरूरी है उसके लिए किसी मूड की क्या जरूरत.. एक बार काम स्टार्ट कर दीजिए मूड अपने आप बन जाएगा..

चाहे मूड हो या न हो जो काम जरूरी हैं उन्हें करके खत्म कर दें,.. यदि आप मूड बनने का इंतजार करते रहेंगे तो कोई आपसे आगे निकल जाएगा क्योंकि सफलता के रास्तों पर चलने वाले व्यक्ति कभी भी सही टाइम का इंतजार नहीं करते उनके लिए हर टाइम सही ही होता है जिसका वो लभी लेना ही जरूरी समझते हैं.. उनके लिए मूड नाम का शब्द किसी बेकार शब्द के समान होता है.. सफलता के शिखर तक पहुँचने वाले लोग मूड के ऊपर निर्भर नहीं रहते हैं .. आप क्यों किसी मूड का इंतजार कर रहे हैं. काम शुरू तो करिये.. आपका काम कब खत्म हो जायेगा आपको पता तक नहीं चलेगा और इस बीच आप मूड नहीं है का प्रयोग भी नहीं करेंगे..

आप भी बस कार्य शुरू कर दें और देखें की इसका कितना गजब का रिजल्ट आता है.. कुछ ही दिनों बाद आपको यह एहसास होना शुरू हो जायेगा की मूड आपके लिए महत्वहीन हो चूका है और अब जब चाहें तब कार्य सकते हैं .. तो आज ही मूड नही है वाले इस शब्द को अपनी डिक्शनरी से बाहर निकाल दें..

                                                      

                                      मुझसे यह नहीं हो सकता/मैं यह नहीं कर सकता..



अधिकांश लोग स्वयं के ऊपर जरा सा भी यकीन नहीं करते, और स्वयं के ऊपर विश्वास नहीं करने के कारण ही अपने अविश्वास की वजह से वे हीनभावना से इतना ग्रस्त रहते हैं की जिम्मेदारियों से बस पीछा छुडाते ही नजर आते हैं.

इस दुनिया में ऐसा कोई भी कार्य नहीं जिसे एक इंसान नहीं कर सकता .. इस दुनिया में ऐसा एक भी व्यक्ति है जो किसी कार्य को करके उसमें सफल हो रहा है तो उसे आप भी खेलते खेलते ही सही लेकिन पूरा कर सकते हैं.

मुझसे यह नहीं होगा/ मैं यह नहीं कर सकता जैसे शब्द असफलता के लिए पहले कदम रखने के समान हैं..

यदि आप शुरूआती दौर में ही मुझसे यह नहीं होगा करके खुद को बोलते हैं तो आप आधी से ज्यादा लड़ाई तो पहले ही हार जाते हैं लेकिन इसके विपरीत उतनी ही सही बात यह है की यदि आप बोलते हैं की इस दुनिया में कोई कर सकता है तो आप भी कर सकते हैं तो आप सचमुच अपनी लाइफ में उन ऊँचाइयों को जरूर छुएंगे जहाँ आप पहुंचना चाहते हैं.

यदि आपको नकारात्मकता का साथ छोडना है तो सबसे पहले यह निश्चय कर लीजिए की आप इस वाक्य को कभी भी नहीं दोहराएंगे और एक नया वाक्य अपनी लाइफ और सक्सेस के लिए उपयोग में लायेंगे की “दुनिया में कोई और कर सकता है तो खेल-खेल में आप भी उसे कर सकते हैं”

मुझे लगता है की हर वह दिन शुभ होता है जिस दिन कोई विचार इंसान के दिल को छू जाए और उसमें बदलने की इच्छा पैदा हो जाए..

इसलिए आज इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद मन के किसी भी कोने में कोई हुक उठी हो तो उसे जाया मत कीजिये.. आपकी लाइफ का हर एक समय बहुत ही कीमती है इसलिए खुद को कमजोर करने वाली बातों से तकरार करना ही फायदेमंद है…

धन्यवाद!

जरूर पढ़ें:-

बहाने बनना छोडिये बर्बादी से नाता तोडिये 

हार न मानिए आगे बढिए और जीतिए 

यह वरदान है या फिर अभिशाफ़ 

विजेता हमेशा क़दमों के निशान छोड़ जाते हैं

बेहतर जिंदगी के उसूल 

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जैसा नजरिया, वैसा संसार Article on Viewpoint in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/03/article-on-viewpoint-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/03/article-on-viewpoint-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 21 Mar 2016 06:32:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/03/21/article-on-viewpoint-in-hindi/ दोस्तों, दुनिया को खुली आँखों से देखने के लिए हर इंसान का अपना एक नजरिया होता है.. गुलाब के ही पौधे में किसी को एक सुन्दर का मनमोहक फूल नजर आता है तो वहीँ किसी को सिर्फ कांटे.. जो व्यक्ति जैसा सोचता है, दुनिया उसे वैसी ही नजर आती है.. कुछ लोग हमेशा समस्याओं को देखते हुए आगे बढ़ते का सपना देखते हैं तो कुछ लोगों को हर ओर अवसर दिखाई देता है.. हमने ऐसे लोगों को भी देखा है […]

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दोस्तों, दुनिया को खुली आँखों से देखने के लिए हर इंसान का अपना एक नजरिया होता है.. गुलाब के ही पौधे में किसी को एक सुन्दर का मनमोहक फूल नजर आता है तो वहीँ किसी को सिर्फ कांटे.. जो व्यक्ति जैसा सोचता है, दुनिया उसे वैसी ही नजर आती है.. कुछ लोग हमेशा समस्याओं को देखते हुए आगे बढ़ते का सपना देखते हैं तो कुछ लोगों को हर ओर अवसर दिखाई देता है.. हमने ऐसे लोगों को भी देखा है जो लोग अपने जन्मदिन पर भी दुखी होते हैं, वे सोचते हैं कि उनकी  उम्र कम हो गई.. तो कुछ लोग बहुत ही ज्यादा खुश होते हैं कि एक जबरदस्त और शानदार साल बीता और अब एक शानदार साल सामने है… अपनी सोच के अनुसार ही चीजें नजर आती हैं और वैसी ही घटती हैं…

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आइये नजरिये को समझने के लिए एक Short Hindi Kahani के साथ आगे बढ़ते हैं-

चार अंधे व्यक्ति एक राजा के दरबार में गए.. राजा ने उन्हें एक हाथी के सामने खड़ा कर दिया और कहा- जिसका आप सब लोग स्पर्श कर रहे हैं, उसका वर्णन कीजिये!

जो व्यक्ति पूंछ की तरफ खड़ा हुआ था उसने कहा कि हाथी एक रस्सी की तरह होता है, एक व्यक्ति जो हाथी के पैरों की तरफ खड़ा था उसने कहा कि हाथी एक पेड़ के मोटे तने की तरह होता है.. जो व्यक्ति सूँड़ की तरफ खड़ा हुआ था उसने कहा कि यह हाथी तो सांप की तरह होता है… जो व्यक्ति पेट की तरफ खड़ा हुआ था वह बोलने लगा नही-नहीं हाथी तो मोटे से दीवार की तरह होता है और चारों व्यक्ति बहस में उलझ पड़े…

फ्रेंड्स इस कहानी का सर यह है कि हर व्यक्ति, हर वस्तु या किसी घटना को अपने नजरिये से देखता है.. एक ही व्यक्ति किसी के लिए बुरा हो सकता है तो किसी के लिए बहुत अच्छा! एक ही वस्तु या किसी मुद्दे के बारे में विभिन्न लोगों के भिन्न-भिन्न राय हो सकते हैं.. इसलिए हमेशा अपने नजरिये पर काम कीजिये. यदि आपका नजरिया सुख और ख़ुशी तलाशने वाला होगा तो सुख और ख़ुशी स्वयं ही आपके तरफ आकर्षित होने लगेंगी.. और स्वयं ही आपका साथी बन जाएँगी…

उसी तरह इसके विपरीत यदि आपका नजरिया दुःख ढूंढने वाला होगा तो आप हमेशा दुखी रहेंगे और दुःख कभी भी आपका पीछा नहीं छोड़ेगा…

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नजरिये से सम्बंधित एक बहुत ही पुरानी कहानी जिसे हम बचपन से सुनते आ रहे हैं उस कहानी को आगे दोहराना चाहेंगे-

जूतों की एक प्रसिद्ध कम्पनी ने अफ्रीका में अपना कारोबार फैलाने के लिए एक सैल्समैन को बाजार का जायजा लेने के लिए भेजा.

सेल्समैन ने वहां पहुंचकर देखा कि अधिकतर लोगों के पैर में जूते नहीं थे.. निराश होकर उसने कंपनी को रिपोर्ट भेजी और कहा कि एक बुरी खबर है, यहाँ कोई जूते नहीं पहनता..

इसके ठीक बाद कम्पनी ने दुसरे सेल्समैन को रिपोर्ट लेने के लिए भेजा और राय जाननी चाही..

कुछ समय बाद उत्साहित सेल्समैन की रिपोर्ट कम्पनी को प्राप्त हुई जिसमे लिखा था- बहुत ही अच्छी खबर है, वहां पर अच्छा बिजनेस चलने की पूरे संभावना है, हमें खूब मुनाफा होगा..यहाँ के लोग जूते नहीं पहनते,  हमें बस एक बार उन्हें जूतों का महत्व समझाना है…

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दोस्तों, नजरिया हमारी सफलता पर बहुत बड़ा फर्क डालती है.. हमें स्वयं को, अपने परिवार और मित्रों को हमेशा सकारात्मक सोच देना चाहिए… धन-दौलत देने वाले माता-पिता से ज्यादा श्रेष्ठ वे माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चों में सही नजरिये का विकास कर पाते हैं..  किसी भी क्षेत्र में पूर्ण राय बनाने के पूर्व, अलग कोण से सोचिये और फिर जाकर निर्णय लीजिये.. सुख ढूंढने की आदत बनाइये.. मुसीबतों में अवसर ढूंढने का प्रयास करिए… क्योंकि सिर पकड़कर बैठे रहने से कुछ हासिल नहीं होने वाला..

यदि नजरिया नेगेटिव है तो आप अपने पास सब कुछ होते हुए भी परेशान ही रहेंगे. याद रखिये दुनिया में सबको बदलने का असफल प्रयास करने से कई गुना ज्यादा सरल है, अपने आप को बदल लेना.. खुद को बदल लेना…

ज्यादातर लोग अपने क्षेत्र में इसलिए सफल नहीं हो पाते क्योंकि वे हमेशा नकारात्मक पहलु पर ही अपने नजरें गड़ाते हैं.. यदि आपको अपने जीवन में सफल होना है तो आपको अपने अन्दर सकारत्मक नजरिया विकसित करना होगा… सफलता का प्रतिशत तब तक नहीं बढेगा जब तक आप अपने अन्दर सकारात्मक नजरिया वाला बीज नहीं बो देते….

भविष्य में नजरिया से सम्बंधित बेहतरीन हिंदी पोस्ट हमारी सफलता पर पब्लिश की जाएँगी…

नोट- यह आर्टिकल उज्जवल पाटनी जी की किताब जीत या हार रहो तैयार’ से प्रेरित है..

                                                               धन्यवाद!

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सफल बोलचाल के 6 शक्तिशाली नियम https://www.hamarisafalta.com/2016/03/six-powerful-rules-for-successful-spoken-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/03/six-powerful-rules-for-successful-spoken-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sun, 20 Mar 2016 17:14:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/03/20/six-powerful-rules-for-successful-spoken-in-hindi/         सफल बोलचाल के छः शक्तिशाली नियम   Success और Failure  से जुड़े शब्दों की दुनिया के शक्तिशाली नियम आज हम आपके साथ इस पोस्ट में शेयर करने जा रहे हैं जिसे प्रख्यात लेखक डॉ. उज्जवल पाटनी जी ने अपनी किताब “जीत या हार रहो तैयार” में लिखी है… ध्यान रहे, यह पोस्ट थोड़ी लम्बी है लगभग 1500 शब्दों की इसलिए आप चाहें तो इस पेज को बुकमार्क करके रख सकते हैं या इस साईट का हमारी […]

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        सफल बोलचाल के छः शक्तिशाली नियम

 

Success और Failure  से जुड़े शब्दों की दुनिया के शक्तिशाली नियम आज हम आपके साथ इस पोस्ट में शेयर करने जा रहे हैं जिसे प्रख्यात लेखक डॉ. उज्जवल पाटनी जी ने अपनी किताब “जीत या हार रहो तैयार” में लिखी है…

ध्यान रहे, यह पोस्ट थोड़ी लम्बी है लगभग 1500 शब्दों की इसलिए आप चाहें तो इस पेज को बुकमार्क करके रख सकते हैं या इस साईट का हमारी सफलता का एंड्राइड एप डाउनलोड करके इस पोस्ट को ऑफलाइन भी पढ़ सकते हैं … एंड्राइड एप डाउनलोड लिंक 

इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को सफलता के शिखर पर जाने के लिए इस क्षेत्र में महारत हासिल करनी पड़ेगी.. आज टीमवर्क का ज़माना है, इसमें यह बहुत ही जरूरी है कि आप अपनी बातें रखें और इसके लिए यह भी आवश्यक है कि दुसरे आपको स्वीकार करें … ये नियम आपको हमेशा बताएँगे कि आखिर टीमवर्क में शब्दों की ताकत क्या कर सकती है!

नए कॉर्पोरेट कल्चर में सीनियर-जूनियर, बड़ा-छोटा आदि श्रेणियां कुछ भी मायने नहीं रखतीं.. आज सबको यह स्वतंत्रता है कि वह खुलकर अपने विचार शेयर कर सकता है.. आज सारे लोग बिना किसी औपचारिकता के अपनी बात रखते हैं तो अक्सर विचारों में टकराव होना स्वाभाविक हो जाता है.. विचारों की विभिन्नता और बहस के बीच व्यक्ति को हमेशा अपनी बातें परखने की कला आनी चाहिए जिससे तर्क भी सिद्ध हो जाए और किसी को व्यक्तिगत आघात भी न हो… आज हम आपके साथ इस पोस्ट में उज्जवल पाटनी द्वारा लिखी यह आर्टिकल शेयर करेंगे जिसमें सफल बोलचाल के ये 6 शक्तिशाली नियम आपको दूसरों के सामने बिना विवाद खड़ा किये अपनी बात रखने का रास्ता बतायेंगी…

  1. बोलने के पहले हमेशा सोचिये

सुनने में यह बात कितनी सहज लगती है, ऐसा लगता है कि आखिर इस उपदेश में नया क्या है.. मित्रों, दुनिया में अधिकांश विवाद और स्कैंडल इसलिए होते हैं क्योंकि इंसान भावावेश में या लापरवाही में ऎसी बातें कह जाता है जो उसे नहीं कहनी चाहिए थी.. गुस्से में, विवाद के दौरान या कभी मजाक में अक्सर मुंह से पहले शब्द निकलते हैं और उसके दिमाग बाद में सोचता है…शब्दों का अर्थ कोहराम मचा देता है इसलिए हमेशा पहले सोचिये फिर बोलिए.. यदि मन में जरा-सा भी संशय हो तो मौन रह जाइये लेकिन गलत बोलकर आफत मोल लेना कभी भी समझदारी वाली बात नहीं होगी… वैसे आजकल इस संसार में कम बोलने वाले को गंभीर और गरिमामय माना जाता है और ज्यादा बोलने वाले को बातूनी और मुंहफट… कम बोलने वाला मुर्ख आदमी भी विद्वान की तरह प्रतीत होता है.. इसलिए जब भी आपके  मन में कडवाहट भरी हो, जब आप आवेश में हों, उस वक्त इस नियम का पालन कीजियेगा नहीं तो मेहनत से संजोये नाजुक रिश्ते टूटने में वक्त नहीं लगेंगे…

एक बुद्धिमान आदमी भाषण करने से पहले चिन्तन करता है और एक मुर्ख इंसान भाषण कर देता है और फिर चिंतन करता है कि उसने क्या कुछ कह दिया….

  1. गलती हो जाए तो तुरंत स्वीकार करना सीखें

यदि कभी किसी कार्य के दौरान कोई गलत तथ्य आपके मुंह से निकल जाए, कोई गलत शब्द आप लापरवाही में कह दें, कोई गलत संबोंधन आप अज्ञानता में दे दें तो उसे तुरंत स्वीकार कर लें… अक्सर इन्सान जब कोई गलती करता है तो उसके बाद वह फिर तीन गलतियाँ और करता है:->

  1. अपनी गलती छुपाता है…
  2. अपनी गलतियों पर बहस करता है…
  3. अपनी गलती कभी स्वीकार नहीं करता…

ऐसी परिस्थिति में वह प्रसंग या विवाद इलास्टिक की तरह खिंच जाता है जो काफी अपमान और नुकसान देता है…  तुरंत माफ़ी मांग लेना या अपनी गलती स्वीकार कर लेना की कायरता नहीं है बल्कि बहुत बड़ी बुद्धिमत्ता की निशानी है..  आपकी स्वीकोरोक्ति आपके अपमान के सारे दरवाजे बंद कर देती है…

भूल स्वीकार करने का कार्य सिर्फ और सिर्फ साहसी और चरित्रवान लग ही कर सकते हैं.. गलती हो जाने पर विवाद को वहीँ रफा-दफा कीजिये, बात आगे बढ़ी तो दूर तक जाएगी और आगे संभाले नहीं संभलेगी…

Also Read:- Successful Speaker के 7 गुण 

  1. आप क्या कहते हैं…. से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है आप कैसे कहते हैं…

कुछ लोगों के बात करने की टेक्निक इतनी तीखी और अमान्जंक होती है कि वे सामान्य बात भी यदि कह रहे हों तो लगता है कि वे डांट रहे हैं… ऐसे लोगों को कभी पता भी नहीं चलता कि इन्होने कब किसे चोट पहुंचा दी…

यदि आपका सबसे चहेता या प्रिय व्यक्ति आपसे कहे- “मैं अच्छी तरह जानता हूँ, आप इस ऊँचाई तक कैसे पहुंचे हैं!” आप इस बात से आहत नहीं होंगे क्योंकि आपको लगेगा कि यह लाइन एक प्रशंसात्मक लाइन है..आपको लगेगा कि सामने वाला आपकी मुश्किलों, संघर्षों और बाधाओं के बारे में आपसे बात कर रहा है जिनको हराकर आपने सफलता हासिल की है.. परन्तु लाइन कोई चुभने वाले अंदाज में कहे तो आपको लगेगा कि जरूर सामने वाला व्यक्ति यह कहना चाह रहा है कि यहाँ तक तुम जुगाड़ से, रिश्वत से, या अनैतिक तरीकों से पहुंचे हो…

शब्द आखिर वही है लेकिन पहले व्यक्ति के लिए आपके मन में आदर भाव बढ़ जायेगा और दुसरे व्यक्ति के लिए मन में दुश्मनी का भाव आ जायेगा …

इसलिए हमेशा यह जरूरी है कि हम मंतव्य के अनुसार बोलने का तरीका भी सीखें… शब्दों में भावनाएं भी संप्रेषित होनी चाहिए… नीचे लिखी लाइन को आप विभिन्न शैलियों में सामान शब्दों के साथ कैसे-कैसे व्यक्त कर सकते हैं देखिये–

           क्या मुझमें और तुममें प्यार का रिश्ता हो सकता है

  1. सवालिया ..
  2. प्यार का रस्ताव..
  3. गुस्सा…
  4. तिरस्कार…
  5. एक सोचनीय मुद्दा…

इस एक लाइन के पांच से भी ज्यादा अर्थ निकल सकते हैं..  चंद शब्दों की यही लाइन दो दिलों को मिला भी सकती है और जुदा भी कर सकती है… इसलिए अपने लहजे पर हमेशा ध्यान दीजिये और सफलता प्राप्त करने के लिए बोलने की शैली को संतुलित बनाइये…

  1.  बहस का अंत हमेशा गरिमा से कीजिये..

आप एक प्रोफेशनल हों या किसी भी संस्था में कार्यरत हों, आपका परिवार छोटा हो या संयुक्त परिवार हो, आप किसी क्लब का हिस्सा हों या किसी सामाजिक गतिविधियों का हिस्सा हों, यह तय मानकर चलिए कि जहाँ चंद बुद्धिमान लोग होंगे वहां विवाद होगा… किसी भी प्रकार की चर्चा या विवाद का अंत ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप अपने संबंधों को खो दें … इसलिए हमेशा इन बातों का ध्यान रखें:-

  1. आपकी बहस व्यक्ति के विचार से हो रही है न कि व्यक्ति से…
  2. हर बहस जीतना जरूरी नहीं है, कई बार हारकर भी जीत हासिल होती है…
  3. कोई बहस इतनी लम्बी नहीं हो सकती कि आप चाहकर भी खत्म न कर सकें..
  4. सार्वजनिक जगहों पर यदि बहुत आवश्यक न हो तो दूसरों को बहस में शर्मिंदा करने से बचें…हराएँ भी लेकिन सम्मानपूर्वक निकल जाने दें..
  5. बहस मुद्दागत है, व्यक्तिगत नहीं… बहस के अगले दिन पुनः उस व्यक्ति को “हैलो” कहना आपके शक्तिशाली होने की पहचान है…
  6. योजनाबद्ध मौन आपकी जीत की संभावनाओं को कई गुना बढ़ा सकता है… हमेशा…
  7. किसी भी टाइप की रिपोर्ट प्रस्तुति, प्रश्नोत्तर सत्र या बहस में अपनी बात सशक्त ढंग से सत्य तथ्यों के साथ रखिये… दूसरों पर ध्यान मत दीजिये…
  8. किसी भी बहस में शरीर की अक्षमताओं, रंग, जाति, क्षेत्र, धर्म, या लिंग जैसे विषयों पर कट्टर आपेक्ष न लगायें अन्यथा बहस का एक बुरा अंत हो जायेगा… साथ ही आपकी छवि का भी…

बहस की शुरूआत तो मुर्ख से मुर्ख व्यक्ति भी कर सकता है लेकिन सकारात्मक अंत करने के लिए बेहद बुद्धिमत्ता की जरूरत होती है…

जरूर पढ़ें:- भाषण के पूर्व अभ्यास के सरल तरीके 

  1. गड़े मुर्दे उखाड़ना बंद कीजिये

गरिमापूर्ण बहस करना सबके बस की बात नहीं होती… लोग बहस में जीतने के लिए या अपनी बात सिद्ध करने के लिए पुराने मुद्दों को बीच में ले आते हैं.. पुरानी बातें बीच में लाने से सामने वाला बन्दा भी उत्तेजित हो जाता है और आपकी सही बातों को मानने से इंकार कर देता है.. विवाद बढ़ जाता है और पुराने घाव हरे हो जाते हैं… पुरानी बातों को बीच में लाने से आपका प्रभाव कम हो सकता है और साथ ही बात मूल मुद्दे से भटक सकती है… और आगे ऎसी बातें भी सामने आ सकती हैं जिनसे आपकी भी पोल खुल जाए…. हर बहस वर्तमान में ही होनी चाहिए और वर्तमान में ही खत्म होनी चाहिए … न तो उसमे पिछला दिन आना चाहिए और न ही वो अगले दिन तक जानी चाहिए….

  1. दूसरों को असहमत होने का पूरा अधिकार है…

यदि आपके प्रियजन, आपके सहकर्मी या अन्य साथी लोग आपकी बातों से सहमत नहीं हैं तो आपको उत्तेजित होने का कोई हक नहीं बनता है.. यदि दुसरे आपका विरोध कर रहे हैं तो तर्कपूर्ण ढंग से उन्हें समझाने का प्रयास किया जा सकता है… यदि वे फिर भी आपसे सहमत नहीं हो रहे हैं तो उन्हें असहमत होने का पूरा अधिकार है…

हमें इस बात को भी स्वीकारना होगा कि हर बार हमारी बात तर्कपूर्ण और सत्य नहीं हो सकती.. इसलिए यह जरूरी नहीं कि हर बार सब हमसे सहमत हों… इंसान की तरक्की का आधार सहमती नहीं बल्कि असहमति है… यदि असहमति नहीं होता तो दुनिया में आज नये नये आविष्कार संभव नहीं हो पाते. एक प्रकार से देखा जाए तो कमजोर व्यक्ति असहमत नहीं हो सकता क्योंकि उसके लिए स्वतंत्र विचारधारा चाहिए.. बात करने का साहस चाहिए और दुसरे बात अस्वीकार कर सकते हैं यह सहन करने की हिम्मत चाहिए… इसलिए हर असहमत होने वाले व्यक्ति को कभी भी अपना विरोधी या दुश्मन मत समझिये क्योंकि हो सकता है उसी विरोधी में सफलता की चाबी छुपी हो……

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भाषण के पूर्व अभ्यास के सरल तरीके 

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अथक परिश्रम का जीवंत उदाहरण- बुकर टी. वाशिंगटन https://www.hamarisafalta.com/2016/02/booker-t-washington-biography-in-hindi-booker-t-washington-success-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2016/02/booker-t-washington-biography-in-hindi-booker-t-washington-success-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Tue, 02 Feb 2016 04:49:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/02/02/booker-t-washington-biography-in-hindi-booker-t-washington-success-hindi-article/ बुकर टी. वाशिंगटन दासता, निर्धनता और गरीबी के माहौल में पैदा हुए थे. अमरीका के गोरे लोग नीग्रो लोगों की हँसी उड़ाया करते थे..और उन्हें घृणा की नज़रों से देखते थे.. ऐसे ही निराशजनक वातावरण में वे बड़े हुए थे. उन्हें शिक्षा प्राप्ति की कोई आशा नहीं थी. लेकिन श्वेत लोगों के बच्चों को स्कूल जाते देख वाशिंगटन के मन में भी पढ़ने की तीव्र इच्छा जागी.. आरम्भ में उसे किसी शिक्षक से कोई सहायता नहीं मिली… अपनी माता द्वारा […]

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बुकर टी. वाशिंगटन दासता, निर्धनता और गरीबी के माहौल में पैदा हुए थे. अमरीका के गोरे लोग नीग्रो लोगों की हँसी उड़ाया करते थे..और उन्हें घृणा की नज़रों से देखते थे.. ऐसे ही निराशजनक वातावरण में वे बड़े हुए थे. उन्हें शिक्षा प्राप्ति की कोई आशा नहीं थी. लेकिन श्वेत लोगों के बच्चों को स्कूल जाते देख वाशिंगटन के मन में भी पढ़ने की तीव्र इच्छा जागी.. आरम्भ में उसे किसी शिक्षक से कोई सहायता नहीं मिली… अपनी माता द्वारा दी गयी पुस्तक से उन्होंने स्वयं ही वर्णमाला सीखी.. कुछ ही महीनों में वह उस पूरी पुस्तक से परिचित हो गए… और आख़िरकार तीव्र इच्छा ने उन्हें कीर्ति के शिखर तक पहुंचा ही दिया. उनके बहुमुखी ज्ञान की कहानी वास्तव में उत्साह तथा प्रेरणा जगाती है.. यह एक ऐसे महापुरूष की कहानी है, जिसने गरीबी तथा रंगभेद के कारण कष्ट उठाया, जिसने असाधारण धैर्य तथा असहिष्णुता के साथ अनेक दुःख-कष्ट सहे और कठोर कमरतोड़ मेहनत के बल पर जीवन में उन्नति की.. उनकी महानता-प्राप्ति के उदाहरण से सभी विकासशील व्यक्ति तथा राष्ट्र अपने उत्थान के लिए प्रेरणा ग्रहण कर सकते हैं.. कोई दुर्लभ सम्मान न मिलने पर वे अपना संतुलन खो बैठते थे.. वे निस्वार्थ सेवा के शिखर तक पहुँचे और अपने नीग्रो भाइयों की मुक्ति के लिए दिन-रात कार्य में लगे रहे.. इस महान नेता के विचार तथा कार्य सारे विश्व के लिए आदर्श हैं. समाज-कल्याण के विषय में सोचने वाला प्रत्येक व्यक्ति, सभी मानवीय गुणों के भंडार-रूप वाशिंगटन के जीवन का अध्ययन करके रोमांचित होगा… उनका जीवन ऐसे अनेक उदाहरण प्रस्तुत करता है, जिनसे पता चलता है कैसे लगन, धैर्य, स्वचेष्टा तथा आध्यात्मिक शक्ति के द्वारा मनुष्य अत्यंत शक्तिशाली बाधाओं का भी सामना कर सकता है..

उनका कहना है,

“मैंने सीखा है कि सफलता जीवन में प्राप्त पदवी से नहीं, बल्कि उन बाधाओं से नापी जाती है जिन्हें पार करके एक व्यक्ति सफल हुआ है..”

वे लोग ही सर्वाधिक सुखी हैं, जो दूसरों के लिए अधिक प्रयास करते हैं, जो लोग दूसरों की जरा भी सहायता नहीं करते, वे ही सबसे ज्यादा दुखी हैं..

वाशिंगटन ने अपने कष्टों की बात भूलकर और अपने आय की चिंता छोड़कर अपनी जाति के लोगों को शिक्षित करने के लिए दिन-रात चेष्टा की.. उन्होंने स्कूल खोले और बच्चों को पढ़ाया… वे अलग से ट्यूशन भी पढ़ाते थे.. फिर उन्होंने तुसेनी नामक स्थान पर एक शिक्षालय बनाया… उनके अथक परिश्रम और उत्साह के कारण कुछ वर्षों में ही वह स्कूल सुप्रसिद्ध हो गया.. और वहाँ दूर-दूर से बच्चे आने लगे..

केवल 20 वषों में ही स्कूल के पास 2300 एकड़ की भूमि हो गयी और वहाँ 700 एकड़ में खेती की जाती थी.. छात्र ही खेतों में कार्य करते थे.. भवनों का निर्माण भी उन्होंने स्वयं किया… सामान्य शिक्षा के साथ ही बच्चों को कृषि तथा उद्योगों का प्रशिक्षण भी दिया जाता था.. वहाँ धार्मिक शिक्षा का भी प्रावधान था.. इस दलित नेता ने अपने स्कूल के उदहारण द्वारा यह दर्शाया कि शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को नौकरी की खोज में दफ्तरों की ख़ाक छानने वाला भिखारी बनाना नहीं है… उन्होंने उन लोगों को उद्यम, स्वाधीनता, उत्साह, तथा परिश्रम की नींव पर अपना जीवन गढ़ने की प्रेरणा दी…

उनका कहना था-

“जो हमारे दैनंदिन जीवन से किसी-न-किसी  रूप में जुड़ी न हो, वह शिक्षा नहीं है…”

शिक्षा ऎसी कोई चीज नहीं है, जो हमें शारीरिक श्रम से बचाती हो.. यह शारीरिक श्रम को सम्मान दिलाती है.. अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षा एक ऐसा साधन है, जो सामान्य लोगों का उत्थान करके उन्हें स्वाभिमान तथा सम्मान दिलाती है…”

‘मैंने ऐसा नियम बना लिया है कि मैं अपने कार्य को अपने ऊपर प्रभुत्व नहीं ज़माने देता.. मैं हमेशा उससे आगे रहता हूँ और उसे नियंत्रण में करके अपने अधीन रखता हूँ… कार्य के सभी अंगों पर पूर्ण प्रभुत्व-बोध से एक तरह का दैहिक-मानसिक तथा आध्यात्मिक आनंद मिलता है, जो काफी संतोषजनक व प्रेरणादायी है… मेरा अनुभव बताता है कि यदि कोई इस योजना के अनुसार चलना सीख ले तो उसे कार्य के द्वारा एक ऐसी शारीरिक ताजगी तथा मानसिक ऊर्जा प्राप्त होगी जो उसे स्वस्थ तथा सबल बनाये रखने में सहायक होती है… मेरा विश्वास है कि जब कोई इतना उन्नत हो जाता है कि वह आने कार्य से प्रेम करने लगे तो इससे अति मूल्यवान ऊर्जा की प्राप्ति होती है…’

‘मेरा विश्वास है कि यदि कोई मनुष्य प्रतिदिन सर्वश्रेष्ठ कार्य करने का संकल्प कर ले, मतलब प्रतिदिन शुद्ध निःस्वार्थ भाव से आजीविका हेतु कर्म करने की चेष्टा करे, तो उसका जीवन निरंतर आशातीत उत्साह से परिपूर्ण हो जायेगा…’

‘मैंने ख्याति की कभी लालसा नहीं की.. मैंने ख्याति को सदैव भलाई का साधन माना.. मित्रों से मैं प्रायः कहता हूँ कि यदि मेरी ख्याति भलाई करने का साधन बने, तो मुझे संतोष होगा… मैं इसे धन के समान सत्कार्य में लगाना चाहता हूँ…’

‘दासता के जाल में फँसे किसी भी दुर्भाग्य से पीड़ित राष्ट्र या समुदाय के लिए मेरे ह्रदय में पीड़ा होती है.. मेरी जाति को गुलाम बनाने वाले गोरे लोगों से मुझे जरा भी घृणा नहीं है.. रंगभेद के भाव से ग्रस्त अभागे व्यक्ति पर मुझे दया आती है…’

‘अनेक स्थानों पर लोगों से मिलकर मैंने देखा है कि दूसरों के हितार्थ सर्वाधिक कर्म करने वाले ही सबसे अधिक सुखी हैं और सबसे कम करने वाले ही सर्वाधिक दुखी हैं… मैंने सीखा है कि निर्बल को दी गयी सहायता, देने वाले को सबल बनाती है और दीनों को सताने वाले दुर्बल हो जाते हैं…

“यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन का प्रत्येक दिन अत्यंत उपयोगी रूप से बिताने का निर्णय ले अर्थात वह इस प्रकार कर्म करने का प्रयास करे कि इससे उसकी पवित्रता, निःस्वार्थता तथा उपयोगिता में अधिक-से-अधिक वृध्द हों तो उसका जीवन सदा उत्साह तथा प्रेरणा से परिपूर्ण रहेगा… चाहे वह श्वेत हो या फिर काला.. मुझे उस व्यक्ति पर दया आती है, जिसने दूसरे लोगों के जीवन को उपयोगी तथा सुखी बनाने से उत्पन्न होने वाले संतोष तथा आनंद का अनुभव नहीं किया”

दोस्तों ये थे अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण तथा प्रेरणा आलोक से जाज्वल्यमान शब्द, जो वाशिंगटन के प्रत्यक्ष अनुभव से प्राप्त हुए थे….

धन्यवाद!

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भाषण के पूर्व अभ्यास के सरल तरीके speech preparation tips in hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/01/preparing-for-speech-best-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/01/preparing-for-speech-best-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 22 Jan 2016 17:13:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/01/22/preparing-for-speech-best-tips-in-hindi/ दोस्तों, गणतंत्र दिवस आने वाला है और इस अवसर पर हमारे पास बहुत सारे Request आये हैं कि स्पीच के पहले किस टाइप से तैयारी करनी चाहिए कि श्रोतायें आपकी तालियों से हौसला अफ़जाई करें.. यह पोस्ट विशेष रूप से उन लोगों के लिए लिखा जा रहा है जो आज या कल स्टेज पर जाकर अपने भाषण से लोगों को दिल जीतना चाहते हैं… यदि आप स्टेज पर पहली बार जाने वाले हैं या एक नये स्पीकर हैं तो आप […]

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दोस्तों, गणतंत्र दिवस आने वाला है और इस अवसर पर हमारे पास बहुत सारे Request आये हैं कि स्पीच के पहले किस टाइप से तैयारी करनी चाहिए कि श्रोतायें आपकी तालियों से हौसला अफ़जाई करें.. यह पोस्ट विशेष रूप से उन लोगों के लिए लिखा जा रहा है जो आज या कल स्टेज पर जाकर अपने भाषण से लोगों को दिल जीतना चाहते हैं…

यदि आप स्टेज पर पहली बार जाने वाले हैं या एक नये स्पीकर हैं तो आप अपने भाषण के Starting, Middle (मध्य) और End के Part को अच्छे से डिजाईन कर लीजिए… अब आपने एक अच्छा भाषण तैयार कर लिया है…

स्टेज पर जाकर स्पीच देने से पहले कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखें-

  • भाषण की तिथि से कुछ दिन पहले से ही इसके लिए प्रेक्टिस शुरू कर दें.. इससे आपको अपनी गलतियाँ सुधारने के लिए काफी टाइम मिलेगा और आप रोजमर्रा के कार्यों में भी अपना ध्यान लगा पायेंगे…
  • अपने भाषण को उसी तरह से लिखें जिसे आप सबके सामने खड़े होकर बोलना चाहते हों! भाषण को हमेशा विस्तार से लिखें ताकि आपके मुँह से सही शब्द ही बाहर निकलें…
  • भाषण को कभी भी मन में अभ्यास न करें. हमेशा बोलकर ही स्पीच की तैयारी करें.. याद रखिये आपका छोटा-सा कमरा ही आपका मंच है, और आपके सभी फ्रेंड्स, और फैमिली मेम्बर आपके श्रोता हैं…
  • शुरूआती दौर में अपने हाव-भाव पर नहीं, बल्कि सिर्फ अपने भाषण पर ध्यान दें.. हर बार अपने स्पीच का End करके ही रिहर्सल करे…

पॉकेट कार्ड का प्रयोग करें-

  • भाषण के दो-तीन दिन पहले छोटे पॉकेट कार्ड बनाइये.. ये कार्ड लगभग 3×5 इंच के बनाये जाते हैं ताकि ये आपकी हथेली में फिट हो सके…
  • इन पॉकेट कार्ड की क्रम से नम्बरिंग कर लें..
  • मोटे-मोटे अक्षरों में आप इन पर मुख्य टॉपिक को सीरियल नम्बर से लिख लें..
  • यदि आप भाषण के समय कुछ भी भूल गए तो ये पॉकेट कार्ड आपके लिए संकटमोचन का कार्य करेंगे..
  • यदि आपको सिर्फ टाईटल भी याद आता गया तो आप अपनी स्पीच को बिना रुके बोल पायेंगे..
  • यदि आपका यह पहला भाषण हो तो आप अपने पॉकेट कार्ड में मुख्य बिंदु के साथ कुछ उपबिंदु भी लिख सकते हैं..
  • भाषण के 2-3 दिन पहले पूरा अभ्यास पॉकेट कार्ड की सहायता से करना चाहिए..

अपने आवाज को रिकॉर्ड करते हुए अभ्यास करें:-

  • अपने स्पीच को रिकॉर्ड करें जिससे आपको पता चलेगा कि आपके उच्चारण में कितनी गलतियाँ हैं और आप इसे सुधार पायेंगे..
  • आपको पता चलेगा कि आप अपने आवाज में कितना उतार-चढ़ाव ला रहे हैं.. या आप एक सुर में बोल रहे हैं या नहीं इसकी जानकारी होगी..
  • आप बहुत जोर से या तेज आवाज में तो नहीं बोल रहे हैं!

जो भी मिस्टेक आपको अपने रिकॉर्डिंग में नजर आएगी उसे आप सुधार सकते हैं जिससे मंच के सामने आप बेहतर प्रदर्शन कर सकें..

हाव-भाव का करें अभ्यास:-

  • किताब को पढ़ने या रटने जैसा न बोलें.. पूरे दिल से स्पीच दें जिससे आपके हाव-भाव स्वयं ही स्पष्ट होते चले जायेंगे..
  • ज्यादा से ज्यादा सहज रहें… हाव-भाव के चक्कर में कृत्रिम न बने..
  • आइने के सामने ज्यादा अभ्यास करने से आपके अंदर बनावटी बातें पैदा हो जाती हैं इसलिए बहुत ज्यादा आईने के सामने भी अभ्यास न करें..

भाषण के एक दिन पहले क्या करें?

  • पॉकेट कार्ड का Use करते हुए स्पीच की Final रिहर्सल कर लें..
  • प्रेक्टिस ऎसी करें जैसे आपको हजारों श्रोता सुन रहे हैं और आप ऐसी कल्पना के साथ अभ्यास करें कि जैसे ही आप अपनी स्पीच समाप्त करेंगे लोग तालियों से आपके भाषण की तारीफ करेंगे..
  • यदि आपके पास खुद का विडियो कैमरा है तो आप उसके सामने एक बार जरूर प्रेक्टिस करें ताकि आपकी सभी गलतियाँ आप स्वयं देख सकें और उसे सुधार सकें..
  • प्रेक्टिस के ये स्टेप शुरूआत में आपको थोड़े लंबे जरूर लगेंगे लेकिन जैसे-जैसे आपका एक्सपीरियंस बढ़ता जायेगा ये प्रेक्टिस उतने ही शोर्ट होते चले जायेंगे…

दोस्तों इतना सब करने के बाद आप 80% जंग तो जीत ही चुके हैं और आपकी अच्छी प्रस्तुति निश्चित है.. इसलिए आज से ही भाषण की तैयारियां शुरू कर दें और अपना बेस्ट देकर आयें…

All the Best…

धन्यवाद!
——Successful Speaker के 7 गुण—-

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आत्मविश्वास बढ़ाने के 5 आसान तरीके Self-confidence Hindi Article https://www.hamarisafalta.com/2016/01/five-easy-ways-to-increase-confidence-in-hindi-success-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2016/01/five-easy-ways-to-increase-confidence-in-hindi-success-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Thu, 21 Jan 2016 14:32:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/01/21/five-easy-ways-to-increase-confidence-in-hindi-success-hindi-article/ आत्मविश्वास बढ़ाने के 5 आसान तरीके … दोस्तों, सफलता प्राप्त करने के लिए Self Confidence की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है. इस पोस्ट में हम ऐसे 5 आसान तरीकों के बारे में बात करेंगे जो आपका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कारगर साबित होंगे… आगे की बेंच पर बैठें और सामने नजर आयें- जब मैं स्कूल में था तो मैंने एक चीज गौर की थी… ज्यादातर स्टूडेंट, पीछे के बेंच से बैठते हुए आगे तक जाते थे.. मतलब बेंच के […]

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आत्मविश्वास बढ़ाने के 5 आसान तरीके …

दोस्तों, सफलता प्राप्त करने के लिए Self Confidence की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है. इस पोस्ट में हम ऐसे 5 आसान तरीकों के बारे में बात करेंगे जो आपका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कारगर साबित होंगे…

  1. आगे की बेंच पर बैठें और सामने नजर आयें- जब मैं स्कूल में था तो मैंने एक चीज गौर की थी… ज्यादातर स्टूडेंट, पीछे के बेंच से बैठते हुए आगे तक जाते थे.. मतलब बेंच के भरने का सिलसिला पीछे से शुरू होता था… और ज्यादातर स्टूडेंट पीछे की लाईन में ही इसलिए बैठते थे ताकि “वह शिक्षक की नजरों से बच सके या शिक्षक की नजरों में न आ सके..”

ऐसा नहीं है कि स्कूल में ही इस टाइप के बेंच भरने का तरीका देखने को मिलता है. गौर से आप देखें तो ऐसा सिस्टम आज स्कूल, कॉलेज, बिजनेस मीटिंग, ग्रुप डिस्कशन, etc.. ऐसी बहुत सारी जगहों पर देखने को मिलती हैं…और वो सभी लोगों की नजरों में इसलिए नहीं आना चाहते क्योंकि कहीं न कहीं उनके अंदर आत्मविश्वास की बहुत कमी होती है…

क्या करें जिससे आत्मविश्वास बढ़े? – हमेशा आगे की बेंच पर बैठने का प्रयास कीजिये.. आगे बैठने के लिए आपको कुछ दिन इसकी Practice करनी होगी… आगे बैठने के लिए आप अपने टीचर, बॉस, प्रोफेशर इनकी नजरों में थोड़ा रहते हैं लेकिन हमेशा यह याद रखिये कि सफलता के लिए लोगों की नजरों में रहना बहुत ही ज्यादा जरूरी है… आप जब भी पीछे की बेंच पर बैठेंगे, आपका डर रेगुलर बढ़ता जायेगा और आपका आत्मविश्वास हमेशा कमजोर पड़ता जायेगा.. यदि आपको अपने अंदर के डर को खत्म करना है तो उस डर से लड़ना सीखना पड़ेगा इसलिए आगे की बेंच पर बैठने का प्रयास करिये, यही वो जरिया है जिससे आप अपने अंदर आत्मविश्वास विकसित कर सकेंगे….

  1. नजरें मिलाकर बात करने का अभ्यास करें- किसी भी व्यक्ति के बॉडी लैंग्वज से उसके व्यव्हार का पता चल जाता है.. बॉडी लैंग्वेज में आँखों का प्रयोग आपके आत्मविश्वास बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो सकते हैं.. कोई व्यक्ति आँखों का किस तरह से प्रयोग करता है इसे जानकर हमें भी काफी ज्यादा जानकारी मिल सकती है..अगर कोई व्यक्ति आपसे बात करते हुए आपकी तरफ नजर नहीं करता है, आँखें मिलाकर बात नहीं करता है तो आप यह जान सकते हैं कि उसके अंदर आत्मविश्वास की बहुत कमी है.. ऑंखें न मिलाकर बात करने से कुछ तथ्य हमारे सामने आ सकते हैं-
  • क्या यह व्यक्ति डरा हुआ है, और डरा हुआ है तो किस बात से डरा हुआ है?
  • कहीं ये मुझे धोखा तो नहीं देगा, इस वजह से मुझसे नजरें मिलाकर बात नहीं कर रहा..
  • ये आखिर मुझसे क्या और कौन-सी बातें छिपाने की कोशिश कर रहा है?
  • आखिर इसके इरादे क्या हैं?
  • क्या मैं इस पर विश्वास कर सकता हूँ?

ज्यादातर Eye contact से जो लोग झिझकते हैं उनसे दो बातों का पता चलता है

१. मैं आपसे डरा फील करता हूँ.., मैं आपके सामने आते ही खुद को अनकंफर्टेबल महसूस करता हूँ.., ये भी हो सकता है कि मैं आपसे हीन अनुभव करूँ….

२. सामने वाले से आँखें न मिलकर बात करने से इस बात का खुलासा भी हो सकता है कि

आप अपराधबोध से ग्रस्त हैं….., आपने कुछ ऐसा कर दिया जिसे बताने से आप डर रहे हैं और आपको लगता है कि सामने वाला आपकी सच्चाई जान लेगा तो उसे बहुत दुःख होगा…. यदि मैंने आपसे नजरें मिलाकर बात की तो आप मेरे दिल को समझ जायेंगे और मेरे बारे में बहुत कुछ जान जायेंगे….

नजरें मिलाकर बात न करने से आप कभी भी खुद की इमेज सामने वाले के सामने अच्छी नहीं कर सकते… नजरें दूसरी ओ़र करके बातें करने से आप सामने वाले तक यह सन्देश भेजते हैं कि आप डरे हुए हैं, आपके अंदर आत्मविश्वास की बहुत ही ज्यादा कमी है ….

इसलिए यदि आपको अपने अंदर के डर को मारना है तो नजरें मिलाकर सबसे बात करना होगा इससे आपके आत्मविश्वास में गजब का बदलाव आएगा…

अपनी आँखों में आत्मविश्वास को झलकने दीजिए, आपकी आँखें बिना बोले बहुत कुछ कह जाती हैं इसलिए आँखों में डर को कभी न आने दें और ये सिर्फ तभी होगा जब आप नजरें मिलाकर बात करेंगे न कि नजरें झुकाकर अपने कांफिडेंस लेवल को गिरने देंगे…

  1. आपके चलने की स्पीड आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी:- सुस्त चाल इस बात का प्रतीक है कि आपके अंदर Self-Confidence की कमी है… जो व्यक्ति थोड़े से प्रयास के बाद हार मान लेता है, खुद को चोट खाया हुआ पाता है वह मरा-मरा चलता है, सुस्त चलता है.. उसमें आत्मविश्वास का बहुत अभाव होता है..

मैंने ऐसे बहुत से लोग देखे हैं जो अपनी लाइफ से, अपने जॉब से खुश नहीं हैं और मैंने पाया है कि उनके चलने की स्पीड बहुत ही कम होती है क्योंकि वे अपनी लाइफ से खुश नहीं होते, थके हुए होते हैं..

याद रखिये औसत लोग “औसत” चाल चलते हैं … उनकी स्पीड हमेशा औसत ही होती है और उनके चेहरे से यह साफ़ झलकता है कि “मुझे खुद पर किसी भी प्रकार का नाज नहीं है, मैं हार हुआ हूँ…’

यदि आपको अपने आत्मविश्वास के लेवल को बढ़ाना है तो अपने चलने की गति को बढ़ाना होगा.. आम लोगों से तेज चलना होगा… आपकी चाल में आपको फुर्ती लानी होगी..  आत्मविश्वास से भरी चाल इस बात का प्रतीक है कि आप जिस महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए जा रहे हैं उसमें आपको जरूर सफलता मिलेगी … आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अपने कन्धों को सीधा कर लीजिए, सिर को ऊपर उठा लीजिए और थोड़े तेज कदमों से आगे की तरफ बढ़ चलिए… आप हमेशा पायेंगे कि आपका आत्मविश्वास पहले से बहुत ज्यादा बढ़ चूका है और आपके अंदर गजब की फुर्ती आ गयी है….

रिजल्ट पाने के बस थोड़ा सा अपने चलने की गति को बढ़ाकर देखिये वाकई इसमें गजब का बदलाव आयेगा…

  1. बड़ी मुस्कराहट, कुछ ज्यादा पाने और आत्मविश्वास बढ़ाने का जरिया है- एक छोटी-सी मुस्कराहट आपके चेहरे पर रौनक ला देती है.. ज्यातर लोग यह भी कहते हैं कि उन्हें मुस्कराहट से सच्ची ताकत मिलती है और उन्हें पहले से पता होता है कि मुस्कराहट आत्मविश्वास की कमी को दूर करने का सबसे बढ़िया दवा है..   ज्यादातर लोगों को इन बातों पर यकीन नहीं होता क्योंकि वे डरे हुए रहते हैं और मुस्कुराना नहीं चाहते…

बड़ी मुस्कराहट हमेशा आपका आत्मविश्वास बढाती है, यह आपका डर भगाती है, आपकी चिंता दूर करती है और आपकी निराशा को खत्म कर देती है…

इतना ही नहीं, एक सच्ची मुस्कान सिर्फ आपके आत्मविश्वास को ही नहीं बढ़ाती या सिर्फ आपके मन की बुरी भावनाओं को ही नहीं हटाती… सच्ची मुस्कराहट से आपके प्रति लोगों का विरोध भी पिघल जाता है और यह तत्काल होता है….अगर आप किसी को बड़ी-सी मुस्कान देते हैं तो सामने वाला व्यक्ति आपसे गुस्सा हो ही नहीं सकता…   हमेशा बड़ी मुस्कुराहट देने का प्रयास करें… आप महसूस करेंगे कि एक बार फिर खुशी के दिन लौट आये हैं. लेकिन आपको मुस्कुराने में किसी प्रकार की कंजूसी नहीं करनी… आधी मुस्कुराहट से कोई काम नहीं चलने वाला, आधी मुस्कुराहट से सफलता की गारंटी देना पोसिबल नहीं…तब तक मुस्कुराइए जब तक आपके दांत न दिखने लगे.. बड़ी मुस्कराहट ही सफलता की पूरी गारंटी दे सकती है… मुस्कुराहट की पॉवर इतनी शक्तिशाली होती है कि आपके मन में फिर से उत्साह झलक पडता है….आत्मविश्वास सब कुछ हासिल करने का सबसे बड़ा जरिया है और इस जरिये को बरकरार रखने का सबसे बड़ा माध्यम मुस्कराहट है……….. इसलिए आज से ही बड़ी मुस्कान के साथ आगे बढ़ें और बस मुस्कुराते हुए काम करते रहें, सबसे मिलते रहें… आपका आत्मविश्वास हमेशा बढ़ता चला जाएगा……..

  1. बोलने की आदत डालिए- स्कूल, कॉलेज, ट्रेनिंग मीटिंग, बिजनेस चर्चा, इन सबमें एक चीज गौर करने वाली बात होती है, बहुत ही कम लोग डिस्कशन में भाग लेते हैं, डिस्कशन के दौरान बहुत लोगों का मुँह ही नहीं खुलता … ऐसा बिलकुल नहीं कि उनके पास अच्छे विचार प्रेसेंट करने के लिए मौजूद नहीं होते…या वे बोल नहीं सकते इसका कारण तो बस यह होता है कि उनके पास आत्मविश्वास की बहुत कमी होती है…

जितने बार आप चुप रहेंगे, उतने बार आप असफल होंगे और आप स्वयं को उतना ही अक्षम और हीन समझते जायेंगे..

चुप रहने वाला व्यक्ति अपने बारे में कुछ इस तरह की बातें सोचता है- “मेरा विचार शायद काम का नहीं है .. अगर मैं कुछ कहूँगा तो शायद मेरे टीम के लोग मेरा मजाक उडाएं और मुझे बेवकूफ समझें..इसलिए बेहतर होगा कि मैं चुपचाप ही बैठा रहूँ… इसके अलावा टीम में मुझसे बेहतर और एक से बढ़कर एक लोग हैं जो मेरी बातों को रिजेक्ट कर सकते हैं…

यह बहुत ही महत्वपूर्ण वाक्य है – “हर बार जब चुप्पा व्यक्ति बोलने में असफल रहता है तो वह आत्मविश्वास को खत्म करने वाले जहर की एक और खुराक गटक लेता है.. अपने आप पर विश्वास उतना ही कम हो जाता है…”

अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए हमेशा बिजनेस मीटिंग, स्कूल, कॉलेज, इन सबमें खड़े होकर बोलने का प्रयास करें.. सभी बातचीत में शामिल होकर अपना मत रखने की कोशिश कीजिये … कोई सवाल पूछिए, अपना सुझाव दीजिए.. सबसे पहले बोलने की आदत डालिए, अपने अंदर के झिझक तो तोड़िये… पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़े होकर अपना मत रखिये… मुर्ख समझे जाने का डर बाहर निकाल दीजिए, मजाक उड़ाने वाली बात भूल जाइए… हमेशा ग्रुप के लीडर का ध्यान अपनी ओ़र आकर्षित करने का प्रयास कीजिये… लोगों के ध्यान को अपनी ओ़र आकर्षित करने के लिए आपको बोलना ही होगा … यदि आत्मविश्वास बढ़ाना है तो बोलने के तरीके ढूंढिए और पूरे आत्मविश्वास से सफलता पाइए…………

धन्यवाद!

नोट- यह आर्टिकल बड़ी सोच का बड़ा जादू किताब से प्रेरित है जिसके लेखक डेविड जे. श्वार्ट्ज हैं…

 

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स्वामी विवेकानंद जयंती पर विशेष https://www.hamarisafalta.com/2016/01/swami-vivekananda-inspirational-quotes-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/01/swami-vivekananda-inspirational-quotes-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 12 Jan 2016 07:58:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/01/12/swami-vivekananda-inspirational-quotes-article-in-hindi/ दोस्तों, आज 12 जनवरी है।  राष्ट्रीय युवा  दिवस और स्वामी विवेकानंद जयंती।  हम सब युवाओं के लिए आज का दिन बहुत ही Special है। Youth के लिए स्वामी विवेकानंद जी ने जो बातें कहीं हैं, उनकी सारी बातें हमें सफलता के शिखर तक पहुंचा सकती हैं यदि हम उन्हें अपनी असल जिंदगी में उतारना सीख जाएँ।  स्वामी विवेकानंद जी के Quotes मुर्दों में जान फूँक देने वाले होते हैं, उनकी बातें Youth को Inspire करतीं हैं। आज 12 January से […]

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दोस्तों, आज 12 जनवरी है।  राष्ट्रीय युवा  दिवस और स्वामी विवेकानंद जयंती।  हम सब युवाओं के लिए आज का दिन बहुत ही Special है। Youth के लिए स्वामी विवेकानंद जी ने जो बातें कहीं हैं, उनकी सारी बातें हमें सफलता के शिखर तक पहुंचा सकती हैं यदि हम उन्हें अपनी असल जिंदगी में उतारना सीख जाएँ।  स्वामी विवेकानंद जी के Quotes मुर्दों में जान फूँक देने वाले होते हैं, उनकी बातें Youth को Inspire करतीं हैं।

आज 12 January से हम हमारी सफलता  पर विद्वानों, महापुरूषों के Quotes को अपनी Language में Describe करने का प्रयास करेंगे। इसलिए इसकी शुरुआत हम स्वामी विवेकानंद जयंती के शुभ अवसर पर स्वामी जी के Quotes के साथ ही करना चाहेंगे।

औरों से उत्तम बातें सीखकर उन्नत बनो।  जो सीखना नहीं चाहता वह तो पहले से मर चूका है।
-स्वामी विवेकानंद।

लगातार आगे बढ़ने के लिए सीखना बहुत जरूरी है।  दूसरों से ज्यादा से ज्यादा सिखने के लिए प्रयत्नशील रहिये।  हर इंसान से हम कुछ न कुछ नया सीखते हैं।  दूसरों के अनुभव से हम सीख सकते हैं, किसी की सफलता और किसी की असफलता से हर दिन कुछ नया सीखने को मिल सकता है।  दूसरों से अच्छी बातें सीखने के लिए हमें हमेशा आगे रहना चाहिए।  जो सीखना चाहता है, जिसने सीखना जारी रखा है उसके लिए सफलता के दरवाजे खुले रहेंगे लेकिन जो यह समझता है कि वही सबसे बड़ा ज्ञानी है, उसके लिए कुछ नया सीखना या दूसरों की अच्छाइयों से सीख लेना समय की बर्बादी है तो वह खुद अपने असफलता की तैयार में लगा हुआ रहता है।  याद रखिये – सीखना बंद तो जीतना बंद।  यह बात हर क्षेत्र के लिए कही गयी है।

साहस न छोडो,  शुद्ध अमृत अप्राप्य हो तो कोई कारण नहीं कि हम विष खा लें।
-स्वामी विवेकानंद।    

सफलता प्राप्त करने के लिए साहस का होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।  आपने सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत कोशिश की पर आप सफल नहीं हुए, इसका मतलब यह नहीं कि आप बिस्तर पर सिर्फ सोये रहेंगे।  रोते रहने से, उदास होकर बैठे रहने से आपके हाथ कुछ नहीं लगने वाला।  एक बार फिर से अपनी ताकत के साथ उठिए, आगे बढ़ने के लिए आपके पैर लडख़ड़ायेंगे, लेकिन पूरे साहस के साथ, पूरे जूनून के साथ आप चलते जाइए, बिना थके और बिना रुके आप कब अपने मंजिल तक पहुँच जाएंगे, इसका आपको पता तक नहीं चलेगा।

 धैर्यहीन व्यक्ति कभी भी सिद्ध नहीं हो सकता।
-स्वामी विवेकानंद।

यदि किसी विद्वान से पूछा जाए कि एक सबसे छोटे वाक्य में यदि उसे सफलता का रहस्य बताना हो तो वह कहेगा- धैर्यवान बनो।  दोस्तों जिसके पास धैर्य है वह जीवन में जो भी चाहे वह प्राप्त कर सकता है। धैर्यहीन होना असफलता की कामना करने के समान है।  धैर्य के साथ बस एक-एक कदम चलते जाइए, यह मत देखिये कि कदम कितनी छोटी है या रास्ता कितना लम्बा है, बस धीरज रखिये क्योंकि आपकी सफलता धैर्य  के साथ डंटे रहने पर ही डिपेंड करेगी।

हर एक काम में सफलता प्राप्त करने से पहले सैकड़ों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जो उद्यम करते रहेंगे वो आज या कल सफलता को देखेंगे।
-स्वामी विवेकानंद।

जिस दिन आपने सफलता के सपने देखने शुरू किये उस दिन से ही सैकड़ों-हजारों रुकावटें आपके रास्ते का काँटा बनकर खड़ी होंगी, मुसीबतें हमेशा आपको आगे बढ़ने से रोकेंगी लेकिन आपको सभी परेशानियों, कठिनाइयों का डटकर सामना करना है।  जैसे-जैसे आप प्रयत्न करते जाएंगे, परिश्रम करते जाएंगे परेशानियां साइड होती चली जाएँगी।  सफलता के रास्ते पर पड़े सभी कांटे हट जाएँगी और लगातार परिश्रम और अपनी कठिन मेहनत से सफलता का दरवाजा आपके लिए खुल जायेगा।

हम जितना ज्यादा बाहर जाएँ और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे। 

               -स्वामी विवेकानंद।

जो इंसान खुद के बारे में सोचने से पहले दूसरों की भलाई के बारे में सोचता है, जिसका लक्ष्य कभी भी स्वार्थीपन नहीं होता, जो स्वयं के लिए इसलिए जीना चाहता है ताकि उसकी जिंदगी दूसरों की सेवा में लगा सके, हमेशा दूसरों का भला कर सके।  ऐसे इंसान का मन हमेशा शुद्ध होता है, उसके मन में कभी किसी चीज के लिए लालच नहीं आती और ऐसे इंसान के ह्रदय में भगवान वास करते हैं।

 एक विचार लो, उस विचार को अपनी जिंदगी बना लो।  उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर एक हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। यही सफलता प्राप्त करने का रहस्य है। 

                 -स्वामी विवेकानंद।

एक लक्ष्य निर्धारित कीजिये, उसी लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कीजिये।  अपना पूरा फोकस उस लक्ष्य हासिल करने में लगाइये।  लगातार सोते-जागते, उठते-बैठते उस लक्ष्य के बारे में सोचिये, उसके लिए सपने देखना शुरू कीजिये।  याद रखिये विचार ही जिंदगी बनाते हैं, आपके सोचने का नजरिया ही आपकी कामयाबी तय करता है। यदि आपके विचार को हकीकत में तब्दील करना है तो उसके लिए आपको Action लेना होगा।  मन-मष्तिष्क को कंट्रोल में करना  होगा,आपका मन हमेशा भागने की कोशिश करेगा लेकिन आपको उसे नियंत्रित करके रखना होगा।  शरीर के हर एक पार्ट को उस विचार के पीछे लगाना होगा।  आपके खुद से किये गए सफल होने की कमिटमेंट के बाद  आपके सामने बहुत सारे अन्य विचार भी आएंगे लेकिन यदि आपको सफलता प्राप्त करनी है तो सिर्फ एक लक्ष्य और एक विचार के साथ ही आगे बढ़ना होगा और अन्य विचारों को मष्तिष्क से किनारे करना होगा।  लक्ष्य और विचार स्पष्ट होने चाहिए ताकि आपको अपनी सही दिशा का पता चल सके।

उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। 

                                            -स्वामी विवेकानंद

यदि आप हिम्मत हारकर बैठ गए हैं, उदास होकर आंसू बहा रहे हैं तो उठ जाइए, जाग जाइए अपने उसी लक्ष्य को निहारिये, भले ही कितनी ठोकरें आपने क्यों न खाई हो लेकिन दोबारा फिर से एक नई शुरूआत कीजिये।  इस बार आप रुकेंगे नहीं, थकेंगे नहीं और तब तक डटे रहेंगे जब तक आप अपनी मंजिल तक न पहुँच जाएँ।  लक्ष्य प्राप्त किये बिना थक कर बैठ जाना आपके सपने को कभी पूरा नहीं होने देगा।  हिम्मत के साथ उठिए और इस बार सफल होकर दिखाइए।

 बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं। 

                             -स्वामी विवेकानंद।

हमारी लाइफ इतनी भी लम्बी नहीं कि हम अपने लिए ही जीते चले जाएँ।  अपने लिए ही जिंदगी को जीना सही मायने में जिंदगी को काटना है इसका मतलब यह नहीं कि सचमुच आप अपनी लाइफ को एन्जॉय कर रहे हैं। असल बात यह है कि आपके कारण किसी दूसरे की आँखों में झलकने वाली ख़ुशी आपके लाइफ की सबसे बड़ी ख़ुशी है।  हम पहले से ही खुद के बारे में ही सोचते आ रहे हैं इसलिए इस ख़ुशी का अंदाजा हमें मालूम नहीं है लेकिन जिस दिन हम दूसरों के लिए जीना सीख जाते हैं बस उस दिन समझ जाते हैं की यही है असली जिंदगी।

 जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे।  यदि तुम खुद को कमजोर समझते हो तो तुम कमजोर बन जाओगे लेकिन अगर तुम खुद को ताकतवर समझते हो तो तुम ताकतवर हो जाओगे। 

                       -स्वामी विवेकानंद।

पूरी दुनिया इस सोच के दम पर ही चलती है।  हम आज जो कुछ भी हैं या कल जो कुछ भी बनेंगे वो सब हमारी सोच का परिणाम है।  आपके सोचने का तरीका ही आपकी सफलता तय करता है इसका उल्टा आपके सोचने का तरीका ही आपकी असफलता को डिफाइन करता है।  यदि आप पॉजिटिव सोचते हैं तो रिजल्ट पॉजिटिव आएगा और यदि नेगेटिव सोचते हैं तो रिजल्ट नेगेटिव।  ये एक साईंस भी है, क्योंकि हम जैसा सोचते हैं उसकी के अकॉर्डिंग एक्ट करते हैं।  Negative thinking के साथ आगे बढ़ेंगे तो उसका Result Failure की तरफ जायेगा और Positive thinking के साथ आगे बढ़ेंगे तो उसका Result Success के रास्ते तक हमें लेकर जायेगा।

यदि हम  अपने सोच में या सोचने के तरीके में थोड़ा-सा भी बदलाव करें तो हमारी लाइफ बदल सकती है।  Thinking Power है जड़ है हमारी सफलता और असफलता का।  इसलिए आप जैसा सोचेंगे आप वैसा ही रिजल्ट पाएंगे।  अच्छा Feel करेंगे, अच्छा सोचेंगे तो आपके साथ अच्छा ही होगा लेकिन Negative Feel करेंगे, नेगेटिव  सोचेंगे तो आपके साथ वही होगा जो आप नहीं चाहते।

दोस्तों, आज Youth को इन विचारों की बहुत ही ज्यादा जरूरत है।  हम स्वामी विवेकानंद जी के जन्मोत्सव पर यही कामना करते हैं की आने वाली पीढ़ी और आज के सभी युवा पीढ़ी उनके विचारों के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे और सफलता हासिल करेंगे।

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स्वामी विवेकानंद जी के इन कथनों को भी जरूर पढ़ें :-

सफलता के सोपान -स्वामी विवेकानंद। 

 सफलता के सोपान भाग -२ 

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जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पाठ Best Motivational Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2015/11/motivational-article-in-hindi-the-most-important-lessons-of-life-in-hindi-jiwan-ka-sabse-mahatwapoorn-path-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2015/11/motivational-article-in-hindi-the-most-important-lessons-of-life-in-hindi-jiwan-ka-sabse-mahatwapoorn-path-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Thu, 19 Nov 2015 06:25:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/11/19/motivational-article-in-hindi-the-most-important-lessons-of-life-in-hindi-jiwan-ka-sabse-mahatwapoorn-path-hindi-article/                                                            जो चाहिए, वो बाँटना सीखिये। Friends, हमारी Life एक बूमरैंग की तरह होती है। Actually  हम जो भी Words दूसरों के लिए use करते हैं, वो एकदिन घूमकर हमारे पास आता ही है। हम जो भी इस दुनिया को देते हैं, एक दिन वह कई गुना होकर हमारे पास लौट आता […]

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                                                           जो चाहिए, वो बाँटना सीखिये।

Friends, हमारी Life एक बूमरैंग की तरह होती है। Actually  हम जो भी Words दूसरों के लिए use करते हैं, वो एकदिन घूमकर हमारे पास आता ही है। हम जो भी इस दुनिया को देते हैं, एक दिन वह कई गुना होकर हमारे पास लौट आता है।  इसलिए हमें सबके साथ वैसा ही व्यवहार  करना चाहिए, वैसी ही नरमी बरतनी चाहिए, जैसा हम खुद के लिए उम्मीद करते हैं।

जीवन का सबसे बड़ा सिद्धांत यही है, कि आप जो बोयेंगे, एकदिन वही आपको काटना पड़ेगा।  जो भी चीजें आप अपने लिए सबसे ज्यादा चाहते हैं, उसे सबसे ज्यादा बाँटिये। यदि आप दूसरों से सम्मान पाना चाहते हैं, तो आपको दिल खोलकर दूसरों का सम्मान करना होगा।  लेकिन यदि आप दूसरों का तिरस्कार करेंगे तो बदले में आपको भी वही मिलेगा।

यदि आप चाहते हैं कि मुश्किल परिस्थितियों में दूसरे आपका साथ दें, तो आप उनकी मुश्किलों में उनके साथ खड़े रहिये। यदि आप प्रशंसा करेंगे, तो वही आपको मिलेगा।  यही तो जीने का नियम है, लेकिन बड़ी दुःख की बात है कि ज्यादातर लोग इसे अमल में नहीं ला पाते।

इसे एक छोटी-सी कहानी से समझने का प्रयास करते हैं-

एक माँ, अपने नन्हें पुत्र की साथ पर्वत की चढ़ाई कर रही थी, अचानक पुत्र का पैर फिसल गया और वो गिर पड़ा। चोट लगते ही वो जोर से चिल्लाया- आह… ह.ह.ह.ह…..माँ.…।  पुत्र चौंक पड़ा क्योंकि पहाड़ से ठीक वैसी ही आवाज लौटकर आई।

अचम्भा से उसने प्रश्न किया- कौन हो तुम?

पहाड़ों से फिर से आवाज आई- कौन हो तुम?

पुत्र चिल्लाया- मैं तुम्हारा मित्र हूँ!

आवाज आई- मैं तुम्हारा मित्र हूँ!

किसी को सामने न पाते हुए पुत्र गुस्से से चिल्लाया- तुम डरपोंक हो!

आवाज लौटी- तुम डरपोंक हो!

पुत्र आश्चर्य में पड़ गया, उसने अपनी माँ से पूछा- ये क्या हो रहा है?

वो जोर से चिल्लाई- तुम एक चैम्पियन हो, और एक अच्छे बेटे!

पहाड़ों से आवाज लौटी- तुम एक चैम्पियन हो, और एक अच्छे बेटे!

उन्होंने दोबारा चिल्लाया- हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं।

आवाज लौटी- हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं।

बच्चा ने दोबारा वही पुछा- ये क्या हो रहा है?

तभी माँ ने उसे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पाठ पढ़ते हुए कहा- बेटा, आम शब्दों में लोग इसे इको कहते हैं लेकिन असल में यही जिंदगी है।  जिंदगी में आपको जो कुछ भी मिलता है, वो आपका ही कहा या फिर किया हुआ होता है।  जिंदगी तो सिर्फ हमारे कार्यों का आईना होती है।

यदि हमें अपनी टीम से श्रेष्ठता की उम्मीद रखना है, तो हमें खुद में श्रेष्ठता लाना होगा। यदि हम दूसरों से प्यार की उम्मीद करते हैं, तो हमें दूसरों से दिल खोलकर प्यार करना होगा।  आखिर में, जिंदगी हमें हर वो चीज लौटाती है, जो हमने दिया है।

बच्चा माँ की बातें बड़े प्यार से सुन रहा था और उसने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पाठ भी आज पढ़ लिया।

“जीतने का सबसे सरल रास्ता है कि आप दूसरों को उनकी जीत में मदद करें।

यदि आप जीतना चाहते हैं, तो दूसरों की सफलता के हितैषी बनिए।

यदि आप प्यार पाना चाहते हैं, तो प्यार बाँटिये।

जो आप देंगे वो कई गुना लौटकर आपके पास आएगा।”

-डेल  कारनेगी।  

दोस्तों, हम Successful बनने के लिए अलग-अलग Field में Race लगा रहे हैं। लेकिन किसी भी Field में Successful होने के लिए ये बहुत ही Important है, कि लोग हमें पसंद करें, क्योंकि लोग जिन्हें पसंद करते हैं उन्हीं के साथ वो काम करना चाहते हैं।  इसके लिए  कि हम दूसरों के लिए अपना सारा समय दें या फिर उनके लिए जान लूटा दें।  इसके लिए तो बस हमारा Behavior बढ़िया होना चाहिए।  किसी की प्रशंसा या किसी के लिए ख़ुशी जाहिर करने के पहले हमें एक बार भी सोचना न पड़े लेकिन किसी चीज पर गलत Comment देने, गुस्सा करने, चिड़चिड़ाने से पहले दस बार सोचें।  बिना आवश्यकता के तर्क-कुतर्क करना, वाद -विवाद में पड़ना, खुद के लिए और दूसरों के लिए भी बहुत गलत है।  इसलिए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होकर आगे बढ़िए, मुस्कुराईये, प्यार दीजिये, प्रशंसा कीजिये और बस आगे बढ़ते चले जाइए।

मुझे लगता है, कि लोग उन्हीं लोगों के साथ रहना, काम करना और अपने सीक्रेट शेयर करना पसंद करते हैं जो खुद को आपके साथ थोड़ा बेहतर महसूस करते हैं।  यदि सामने वाला आपके साथ अच्छा Time spend करके खुश होगा, तो आपको बदले में उससे वही मिलेगा। इससे आपके प्रशंसक भी बढ़ेंगे और आवश्यकता पड़ने पर आपके काम भी आएंगे। इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आप अपना दिल भी बड़ा रखें ताकि यदि आपसे कभी कोई गलती हो जाये तो आप उस गलती को स्वीकारने का साहस कर सकें, माफ़ी मांगने में आपको झिझक महसूस न हो और यदि दूसरे, आपको किसी कारण ठेस पहुंचा दें तो आप उन्हें माफ़ करने का साहस कर सकें। 

Friends, इन बातों को गांठ बांध लीजिये-

१. जिंदगी में आप जो कुछ भी पाना चाहते हैं, वही बांटना सीखिये।

२. आज से जितना हो सके प्यार, प्रशंसा, सम्मान, ख़ुशी, क्षमा, ज्ञान बांटना शुरू कीजये।  आप देखेंगे कि लोकप्रियता का ग्राफ कितनी तेजी से आगे बढ़ता चला जायेगा। क्योंकि बदले में ये सब हजार गुना लौटकर आपके पास आएगा।

३. यदि आपके साथ कोई रहना नहीं चाहता, कोई आपसे बुरा व्यवहार कर रहा है, आपका अपमान कर रहा है तो आप दूसरों पर दोष थोपने का साहस नहीं कर सकते क्योंकि ये आपके करनी का ही फल है।  क्योंकि आप जैसा बीज बोयेंगे वैसा ही फल काटेंगे।

४. असफलता का श्रेय आप अपने रूखे व्यवहार को भी दे सकते हैं।

                                                                                         धन्यवाद!

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अब्राहम लिंकन का पत्र https://www.hamarisafalta.com/2015/09/abraham-lincoln-inspirational-letters.html https://www.hamarisafalta.com/2015/09/abraham-lincoln-inspirational-letters.html?noamp=mobile#respond Tue, 01 Sep 2015 11:24:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/09/01/abraham-lincoln-inspirational-letters/ अब्राहम लिंकन का पत्र तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, जिन्हें गुलामों का मुक्तिदाता भी कहा जाता है, जिन्होंने देश  को विभाजित होने से बचाया, गरीब परिवार में जन्में थे. लिंकन प्रारंभ से ही मेहनती, सरल स्वभाव के और बुद्धिमान थे. आजीविका चलाने और पढ़ाई के लिए उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कभी भी किसी काम को छोटा नहीं समझा. कहा जाता है कि अमेरिका में कई महान नेता पैदा हुए किन्तु दासों और कमजोर वर्गों के प्रति […]

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अब्राहम लिंकन का पत्र

letter

तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, जिन्हें गुलामों का मुक्तिदाता भी कहा जाता है, जिन्होंने देश  को विभाजित होने से बचाया, गरीब परिवार में जन्में थे. लिंकन प्रारंभ से ही मेहनती, सरल स्वभाव के और बुद्धिमान थे. आजीविका चलाने और पढ़ाई के लिए उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

उन्होंने कभी भी किसी काम को छोटा नहीं समझा. कहा जाता है कि अमेरिका में कई महान नेता पैदा हुए किन्तु दासों और कमजोर वर्गों के प्रति पिता समान व्यव्हार करने वाले लिंकन जैसा कोई नेता पैदा नहीं हुआ.

राष्ट्रपति लिंकन ने यह पत्र अपने पुत्र के शिक्षक को लिखा था. यह पत्र एक ऐतिहासिक दस्तावेज है.

प्रिय गुरूजी,

मैं अपने पुत्र को शिक्षा के लिए आपके हाथों सौंप रहा हूँ. आपसे मेरी अपेक्षा यह है कि इसे ऐसी शिक्षा दें जिससे यह सच्चा इंसान बन सके.

सभी व्यक्ति न्यायप्रिय नहीं होते, और न ही सब सच बोलते हैं. यह तो मेरा बच्चा कभी-न-कभी सीख ही लेगा. पर उसे यह अवश्य ही सिखाएं कि अगर दुनिया में बदमाश लोग होते हैं तो अच्छे नेक इंसान भी होते हैं. अगर स्वार्थी राजनीतिज्ञ हैं तो जनता के हित में काम करने वाले देशप्रेमी भी हैं. उसे यह सिखाएं कि अगर दुश्मन होते हैं तो दोस्त भी होते हैं. मुझे पता है कि इसमें समय लगेगा. परन्तु हो सके तो उसे जरूर यह सिखाएं कि मेहनत से कमाया एक पैसा भी, हराम से मिली नोटों की गड्डी से कहीं अधिक मूल्यवान होता है.

उसे हारना सिखाएं और जीत में खुश होना भी सिखाएं, हो सके तो उसे राग-द्वेष से दूर रखें और उसे अपनी मुसीबतों को हंसकर टालना सिखाएं. वह जल्दी से जल्दी यह सब सीखे कि बदमाशों को आसानी से काबू में किया जा सकता है.

अगर संभव हो तो उसे किताबों की मनमोहक दुनिया में अवश्य ले जाएँ, साथ-साथ उसे प्रकृति की सुंदरता, नीले आसमान से उड़ते आजाद पक्षी, सुनहरी धुप में गुनगुनाती मधुमख्खियाँ और पहाड़ के ढलानों पर खिलखिलाते जंगली फूलों की हँसी को भी निहारने दें. स्कूल में उसे सिखाएं की नक़ल करके पास होने से फैल होना बेहतर है.

चाहे सभी लोग उसे गलत कहें, परन्तु वह अपने विचारों में पक्का विश्वास रखे और उन पर अडिग रहे. वह भले ही लोगों के साथ नेक व्यव्हार करे और बदमाशों को करारा सबक सिखाए.

जब सब लोग भेड़ों की तरह एक ही रास्ते पर चल रहे हों, तो उसमें भीड़ से अलग होकर अपना रास्ता बनाने की हिम्मत हो.

उसे सिखाएं कि वह हरेक बात को धैर्यपूर्वक सुनें फिर उसे सत्य की कसौटी पर कसे. और केवल अच्छाई को ही ग्रहण करे.

अगर हो सके तो उसे दुःख में भी हँसने की सीख दें, उसे समझाएं कि अगर रोना भी पड़े, तो उसमें कोई शर्म की बात नहीं है. वह आलोचकों को नजरअंदाज करे और चाटुकारों से सावधान रहे. वह अपनी शरीर के ताकत के बूते पर भरपूर कमाई करे, परन्तु अपनी आत्मा और ईमान को कभी न बेचे. उसमें शक्ति हो कि चिल्लाती भीड़ के सामने भी खड़ा होकर, अपने सत्य के लिए जूझता रहे. आप उसे ऐसी सीख दें कि मानव जाति पर उसकी असीम श्रद्धा बनी रहे.

मैंने अपने पत्र में बहुत कुछ लिखा है. देखें इसमें से क्या करना संभव है…..

आपका शुभेच्छु

अब्राहम लिंकन.

                                पिता का दिल को छूने वाला पत्र अपने पुत्र के नाम..

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जानिये स्टीव जॉब्स में क्या था.. https://www.hamarisafalta.com/2014/12/steve-jobs-inspiring-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2014/12/steve-jobs-inspiring-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 20 Dec 2014 16:13:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/12/20/steve-jobs-inspiring-article-in-hindi/ जानिये स्टीव जॉब्स में क्या था- दोस्तों, स्टीव जॉब्स को खूबियों से भरा इंसान हम मान सकते हैं। उनमे ऐसे-ऐसे गुण ढूंढे गए हैं जो आप और हम सबके लिए बहुत प्रेरणादायी साबित हो सकते हैं। आइये देखते हैं उनमे क्या था- स्टीव अपने काम से कभी भी संतुष्ट न होने वाले एक ऐसे व्यक्ति थे जिनमे हमेशा अपने काम के प्रति जूनून देखने को मिलता था।  विजनरी, क्रियेटिव और जीनियस, सबको मोटिवेट करने वाले। नामुनकिन को मुमकिन करने का […]

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जानिये स्टीव जॉब्स में क्या था-

दोस्तों, स्टीव जॉब्स को खूबियों से भरा इंसान हम मान सकते हैं। उनमे ऐसे-ऐसे गुण ढूंढे गए हैं जो आप और हम सबके लिए बहुत प्रेरणादायी साबित हो सकते हैं। आइये देखते हैं उनमे क्या था-

  • स्टीव अपने काम से कभी भी संतुष्ट न होने वाले एक ऐसे व्यक्ति थे जिनमे हमेशा अपने काम के प्रति जूनून

देखने को मिलता था।  विजनरी, क्रियेटिव और जीनियस, सबको मोटिवेट करने वाले।

  • नामुनकिन को मुमकिन करने का साहस रखने वाले।
  • काम के अलावा परिवार के प्रति लगाव रखने वाले। अंतिम समय में भी उनकी पत्नी और तीनो बच्चे उनके पास थे। स्टीव अपने पिता पॉल जॉब्स और बहन मोना को भी बहुत चाहते थे।
  • वह एक अच्छे दोस्त थे, उन्होंने कभी भी मुसीबत के समय अपने दोस्त का साथ नही छोड़ा।
  • स्टीव जूनून, साहस और विश्वास का दूसरा नाम थे। एप्पल से निकाले जाने के बाद NeXT और PiXAR की सफलता इसका बहुत बड़ा उदाहरण है।
  • हमेशा दूसरों से अलग सोचना और उसे हकीकत बनाना। उनका तो नारा ही था Think Different.. वे जो भी सोचते थे लोग वहाँ तक सोच भी नही पाते थे।
  • छोटी से छोटी बात भी उनकी नजरों से बच नही पाती थी। वह हर बटन, हर कॉर्नर देखते थे। पॉवर कार्ड के रंग और पैकेजिंग कार्ड बोर्ड के मामले में भी वह गलती नही करते थे, मेनू के फॉण्ट के चलते तो कभी कभी उनकी नींद तक उड़ जाति थी।
  • काम के प्रति इतना ज्यादा लगाव था कि उन्होंने अंतिम समय तक केवल तीन मेडिकल छुट्टियाँ लीं। बीमारी के समय भी हॉस्पिटल से एप्पल के कर्मचारियों को सन्देश भेजते थे कि मैं जल्दी ही वापस आने आ रहा हूँ।
  • वे एक साथ कई मोर्चों पर सोचते थे। रिसर्च, मैनुफैक्चरिंग, कंज्यूमर्स जैसे कई मोर्चों से एक साथ जूझते थे।
  • हर मुश्किल को चुनौती की तरह देखा, जिससे उनका सर्वश्रेष्ठ सामने आ सका।
  • स्टीव बेहतरीन आविष्कारक और प्रवर्तक थे। उनमे पहल करने की क्षमता थी।

उनकी पहल करने के कारण ही एप्पल की स्थापना हो सकी।

  • वो हमेशा दूर की सोचने में विश्वास रखते, वक्त से 50 साल आगे की सोचते थे। बहुत कम शब्दों में बताते थे कि आपको कैसा सोचना चाहिए?
  • उन्होंने वर्तमान में भविष्य को देखा और उसे साकार करने का साहस किया। गजब का आत्मविश्वास था इसलिए वो शुन्य से शिखर तक पहुचे..।
  • एप्पल के यूजर्स उनके लिए भगवान के समान थे। शायद यही कारण था कि वे अपने मेल पर आने वाले ग्राहकों से सवालों का जवाब स्वयं देते थे।
  • दुनिया के ऐसे सपूत थे जो हमेशा लीक से हटकर चले। जिसने कभी भीड़ का अनुसरण नही किया।
  • जॉब्स ज्यादा से ज्यादा उम्मीद करने वाले थे, वे हमेशा अपने कर्मचारियों से कहते थे कि 48 घंटों का काम 24 घंटों में करो और वो स्वयं दिन-रात मेहनत करने में लगे रहते थे ताकि उनका काम समय पर पूरा हो सके।
  • उनके पास कभी दम न तोड़ने वाला भरपूर विश्वास था। जब सारी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही थी। उस समय जॉब्स कहते थे, मंदी कैसी मंदी? वे कहते थे एप्पल के प्रोडक्ट खरीदने के लोग लाइन में लगे हैं। फिर मंदी का सवाल ही नही उठता।
  • काम का अलग ही ढंग उन्होंने फोकस ग्रुप, ग्रुपथिंकिंग या अपनी कमेटी के फैसलों में अपने आपको कभी नही बाँधा। वे सब फैसला खुद ही लिया करते थे।
  • वह एक ऐसे सितारे थे जिसके पीछे पूरी आकाश गंगा घुमती थी.. वह अपने आपमें आकाश थे क्योंकि सब कुछ वे स्वयं में समेटे हुए थे।

दोस्तों स्टीव जॉब्स में ऐसी बहुत सारी खूबियां थी और शायद इसी वजह से एप्पल अपने आपमें एक मिशाल बने खड़ा हुआ है.. हमे स्टीव से बहुत कुछ सीखने को मिला है, आज भी वो हम सबके बीच में हैं, उनकी कही बातें हम कभी नही भूलेंगे.. हम प्रयास करेंगे कि स्टीव जॉब्स के जीवन परिचय के बारे में यहाँ एक आर्टिकल पब्लिश किया जाये.

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स्टीव जॉब्स की पांच बातें जो बदल सकती हैं आपकी दुनिया… https://www.hamarisafalta.com/2014/11/steve-jobs-motivational-article-in-hindi_14.html https://www.hamarisafalta.com/2014/11/steve-jobs-motivational-article-in-hindi_14.html?noamp=mobile#respond Fri, 14 Nov 2014 02:33:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/11/14/steve-jobs-motivational-article-in-hindi_14/   स्टीव जॉब्स एक महान कर्मयोगी Best Motivational Article of Steve Jobs in Hindi दोस्तोँ आज हम आप सब के साथ Steve Jobs की कुछ प्रेरणादायक बातेँ प्रस्तुत कर रहे हैँ। Steve Jobs तकनीकी के क्षेत्र मेँ एक बहुत बड़े आविष्कारक थे, साथ ही वो एक  महान प्रेरक प्रवर्तक के रूप मेँ भी उभरे। उन्होँने समय-समय पर जो प्रेरणादायक बातेँ कही हैँ, वह आज हम सभी युवाओँ के लिये प्रेरणास्रोत बन सकती है। आज आप सभी के सामनेँ उनकी प्रेरणास्प्रद […]

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स्टीव जॉब्स एक महान कर्मयोगी
Best Motivational Article of Steve Jobs in Hindi
दोस्तोँ आज हम आप सब के साथ Steve Jobs की कुछ प्रेरणादायक बातेँ

प्रस्तुत कर रहे हैँ। Steve Jobs तकनीकी के क्षेत्र मेँ एक बहुत बड़े

आविष्कारक थे, साथ ही वो एक  महान प्रेरक प्रवर्तक के रूप मेँ भी उभरे।

उन्होँने समय-समय पर जो प्रेरणादायक बातेँ कही हैँ, वह आज हम सभी युवाओँ

के लिये प्रेरणास्रोत बन सकती है। आज आप सभी के सामनेँ उनकी

प्रेरणास्प्रद बातोँ का कुछ अंश हम प्रस्तुत कर रहे हैँ-

(1.)”आपका समय सीमित है, इसलिये इसे किसी और की जिँदगी जीकर व्यर्थ मत
कीजिये, बेकार की सोँच मेँ मत फँसिये। दुसरोँ के विचारोँ की शोर मेँ
अपनेँ अंदर की आवाज को, अपनी Intution को मत डुबनेँ दीजिये।”

Steve का यह कथन कितना सत्य है। गुजरा हुआ हर पल हमारी जिँदगी से कुछ न

कुछ चुरा ले जाता है और इसका हमेँ पता तक नहीँ चलता। यदि हम इसी तरह अपना

समय तालमतोल मेँ बिताते रहे, एक-एक पल खोते रहे तो एक दिन हमारे अंतर्मन

से आवाज आ ही जायेग कि ‘अरे! हमनेँ तो जिँदगी मेँ कुछ किया ही नहीँ,

जिँदगी को कभी खुलकर जीया ही नहीँ और हमारी आधी जिँदगी बेकार के दोस्तोँ

के साथ मौजमस्ती मेँ ही बीत गई। मनुष्य चाहे तो हर असंभव को संभव सिध्द

कर सकता है,

कहा भी गहा है, मनुष्य अपनेँ भाग्य का निर्माता स्वयं है। हमारे अंदर

अनंत शक्तियाँ छिपी हैँ, सब कुछ हमारे भीतर है, फिर भी हम क्योँ घबराते

हैँ। हमेँ किसके सहारे की जरूरत है, और हम क्योँ दुसरोँ के विचारोँ का

बोझ ढो रहे हैँ। Steve नेँ जो कहा वो शत् प्रतिशत सच है कि अपनी

अंतर्त्मा की आवाज सुनोँ, आखिर तुम्हारा अन्तर्मन जो कह रहा है, उसी की

सुनोँ और आखिर वही करो जिसमेँ तुम्हारी रूचि है और जहाँ तुम अपनी पुरी

ऊर्जा लगा सकते हो। यदि आज तुम अपने अंदर की आवाज को नहीँ सुन पाओगे तो

पछताने के अलावा और कुछ बाकि नहीँ रहेगा, इसलिये  यही सही है कि आप अपनेँ

अंदर की आवाज को स्वतंत्र रहनेँ दीजिये।

(2.) मेरे पास इकलौती चीज है, जो मुझे संघर्ष करनेँ की प्रेरणा देती रही, वह था मेरे अपनेँ लिये किये गये कार्य से प्यार

Steve नेँ कहा है-

आप Really क्या पसंद करते हैँ ये आपको जानना होगा, जितना अपनेँ Love को

Find करना जरूरी है, उतना ही उस काम को जानना जरूरी है जिसे आप सचमुच

Enjoy करते होँ। आपका काम आपकी जिँदगी का एक बड़ा हिस्सा होगा और Truely

satisfied होनेँ का सिर्फ एक ही तरीका है कि आप वो करेँ जिसे आप सचमुच एक

बड़ा काम समझते होँ। और बड़ा काम करनेँ का सिर्फ एक ही तरीका है कि आप वो

करेँ जो करना आप Enjoy करते होँ।

यदि आपको अभी तक वो काम नहीँ मिला है तो आप रूकिये मत उसे खोजते चलिये

जैसा कि दिल से जुड़ी हर चीज मेँ होता है, वो जब आपको मिलेगा तब आपको पता

चल जायेगा और जैसा कि किसी अच्छी Relationship मेँ होता है वो समय के साथ

और अच्छा होता जायेगा। इसलिये खोजते रहिये, रूकिये मत..@

Steve को Struggle की प्रेरणा अपनेँ काम से ही मिली, उनका हमेशा से यही

मानना था “कार्य दैवीय है” तो फिर आप इससे क्योँ भाग रहे हैँ। यदि काम

करना है तो लगे रहना होगा, डँटना होगा, अपनी क्षमताओँ का भरपुर प्रयोग

करना होगा और जब तक आप जब तक आप अपनेँ काम मेँ सफल न हो जायेँ, और जब तक

आप कार्य पुरा खतम न हो जाये तब तक अपनेँ को किसी भी प्रकार का ढील मत

दीजिये। रूकिये मत, यदि आप आगे बढ़ते जायेँगे तो यकीनन आपकी थकान दुर होती

चली जायेगी।

‘धीरे से डण्डा मारिये और गिल्ली को ऊपर उठाने का प्रयास कीजिये और जब

गिल्ली ऊपर उठ जाये तब उसे डण्डे से गगनगामी कर दीजिये।’ जो अपनेँ काम से

प्यार करते हैँ, वो लाखोँ मुसीबतोँ के बावजुद अंत मेँ जीतते ही हैँ।

Steve Jobs काम पर टुट पड़नेँ वाले, काम का नया रास्ता खोजनेँ वाले और

अपने काम से आखिर दम प्यार करनेँ वाले जिंदादिल व्यक्ति थे। Apple से

निकालने के बाद उन्होँने Next और Pixer मेँ सफलता पाई, कारण अपनेँ काम पे

जी जान लुटाना। उनका मानना था, “इस दुनिया मेँ ऐसा कोई भी कार्य नहीँ जो

इंसान के लिये असंभव हो। आपके दिल और दिमाग मेँ अपनेँ काम को लेकर जुनुन,

लगन और आत्मविश्वास होनी चाहिये। अपने काम को लेकर हमेशा यही विश्वास

होनी चाहिये कि आप इसे बखुबी पुरा कर सकते हैँ। यही काम से प्यार करनेँ

का असली मकसद है।

(3.) दुसरोँ से अलग सोँचिये और भीड़ से अलग नजर आईये।

दोस्तोँ Steve का यही सबसे बड़ा मंत्र रहा ‘अलग ढंग से सोचो और अलग ही नजर

आओ।’ वे कहते थे यदि जीतना है, आगे बढ़ना है और सफल होना है तो आपको अलग

ढंग से हटकर ही सोँचना होगा।

इसके लिये आपको अकेले ही चलना होगा। आजतक इस दुनिया मेँ जितनेँ भी

महापुरूष हुए हैँ, सबके सफलताओँ की शुरूआत अकेले ही हुई है। वो हमेशा

दोहराते थे- आप सब किसका Wait कर रहे हैँ? यहाँ आपको जितानेँ के लिये कोई

दुसरा नहीँ आयेगा, आपको खुद का साथ चुनना होगा। मंजिल आपके ठीक सामने है

इसलिये अभी से आपको अपनेँ कदम बढ़ानेँ होँगे। आप क्योँ पीछे मुड़कर देख रहे

हैँ, भले ही अभी कोई आपके साथ नहीँ पर वो दिन भी दुर नहीँ जब दुनिया आपकी

मुट्ठी मेँ होगी। इसीलिये अभी अकेले ही आपको आगे बढ़कर जीतना होगा।

यह जिँदगी आपको सिर्फ समय काटनेँ के लिये और सिर्फ भीड़ का हिस्सा बनने के

लिये ही नहीँ मिली है। इसलिये परिँदोँ की तरह पुरे स्वतंत्र होकर जिँदगी

को जीयेँ। परेशानियाँ तो आती जाती रहती हैँ, इसमेँ निराश होकर बैठने की

क्या जरूरत है! उठ खड़े होईये, अपनेँ निर्णय स्वयं लीजिये। आपको ये बात

समझनी होगी कि भीड़ कोई भी निर्णय नहीँ ले सकता, भीड़ के साथ चलोगे तो धुल

ही खाओगे और कुछ भी नहीँ कर पाओगे।

इसलिये ये निर्णय मैँ आप पर छोड़ता हूँ कि आपको भीड़ का हिस्सा बनना है या

फिर अपनी अलग पहचान बनानेँ के लिये भीड़ से हटकर सोचना है।

(4.) सबसे महत्वपूर्ण अपने दिल और अन्तर्ज्ञान पर अमल करने का साहस करेँ। किसी तरह उन्हेँ पहले से ही पता होता है कि आप सही मेँ क्या बनना चाहते हैँ। बाकी हर चीज गौण है।

Steve नेँ पुरी जिँदगी का दर्शन आज Youth के सामनेँ रख दिया। वे हमेशा

कहते थे- तुम्हेँ वाकई कहाँ जाना है और क्या बनना है ये तो तुम्हारी

आत्मा को ही पता है, फिर जो तुम्हारा दिल चाह रहा है उसे तुम अन्तर्मन तक

क्योँ पहुँचने नहीँ दे रहे हो।

तुम्हारे अंदर लक्ष्य पहले से ही निश्चित होता है इसलिये जैसा मैनेँ किया

ठीक तुम भी अपने मन की दिशा मेँ चलनेँ का साहस करो। वो करो जो तुम वाकई

करना चाह रहे हो, याद रखो जब तक तुम खुद को धोखा देते रहोगे, अपनेँ दिल

की बात को छुपाते रहोगे तब तक आगे नहीँ बढ़ सकते। और जिस दिन तुम अपने दिल

की आवाज सुनोगे, अपनेँ दिल का काम करोगे, सफलता तुम्हारा हाथ थाम चुकी

होगी….।

(5.)Stay Hungry Stay Foolish

हम सब युवाओँ के लिये एक बेहतरीन संदेश है Stay Hungry और Stay Foolish..

Stay Hungry:-
इसका मतलब है आपकी भुख कभी शांत न हो। नई चीजेँ खोजने की भुख आपमेँ हमेशा रहे।
स्टीव नेँ कहा है यदि आपनेँ किसी जानकारी या तथ्य पर पुरी तरह से विश्वास
कर लिया तो आपकी अगली खोज बंद हो जाएगी। आप कूप मण्डूक ही बने रहेँगे।
यदि आपनेँ अपनी खोज पर विश्वास नहीँ किया तो निश्चित है कि आप आगे खोज
करेँगे। खोज से नई- नई बातेँ सामने आती जायेँगी। उसका असर गहरा होता
जायेगा। यदि मैनेँ Apple- I की खोज को ही अंतिम खोज मान लेता और और कुछ
नया करनेँ के लिये आगे नहीँ आता, भुख को मार देता तो आज iPhone, iPad
आपके हाथ मेँ नहीँ होती।

Stay Foolish

Stay Foolish से मेरा मतलब है ,कभी भी अपने को बहुत ज्ञानी नहीं समझना। चाहे कोई कितना भी जानकर हो… बुद्धिमान हो… ज्ञानी हो…, लेकिन अगर उसने खुद को ऐसा मान लिया तो उसी दिन से उसकी लर्निंग खत्म हो जाती है।  स्टीव कहते हैं कि आप हमेशा जिज्ञासु बने रहिये। आप जो काम कर रहे हैं, वही काम करने का और भी अच्छा तरीका हो सकता है उन्हें   तलाशते रहिये। सीखने के लिए हमेशा तैयार रहिये  …. भूखे रहिये  ।

Stay Hungry….. Stay Foolish

Young Steve Jobs
—————————————————————-

श्री गोपाल भैया जी(Mr. Gopal Mishra) का विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहेंगे जिन्होंने इस आर्टिकल को पूरा करने में अपना सहयोग दिया और हमारी सफलता के लिए अपना कीमती समय निकाला…

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एक बार मेरी तबीयत खराब हो गई थी जिसके चलते मुझे Doctor के पास जाना
पड़ा। जब मैँ उसके कैबिन मेँ गया तो मेरी नजर सबसे पहले मेज पर रखे एक

Notice board पर पड़ी उसमेँ लिखा था- “मेरा समय अमुल्य है” मुझे थोड़ा अचम्भा हुआ और मैँ सोचनेँ लगा क्या इन्हीँ का समय कीमति है,
बाकि लोगोँ का नहीँ? पर इस बात को मैनेँ बार- बार सोँचा और दोबारा वो
वाक्य पढ़ा फिर मुझे लगा यह तो एक महत्वपुर्ण कथन है।
मुझे इसका अर्थ कुछ इस तरह समझ आया कि जो लोग अपना समय वाकई मुल्यवान
समझते हैँ, वे दुसरोँ का समय नष्ट नहीँ करना चाहते। आखिर यह एक छोटा सा
वाक्य उन लोगोँ के लिये एक Warning notice थी जो अपनेँ कीमति समय को नहीँ
समझते, जो समय की अहमियत नहीँ पहचानते साथ ही दुसरोँ का समय नष्ट करनेँ
मेँ भी किसी प्रकार से हिचकिचाहट का बोध नहीँ करते।
एक छोटा सा Calculation करते हैँ, एक वर्ष मेँ कुल 8760 घंटे होते हैँ,
अब थोड़ा रूकिये और सोचिये कि आप अपना समय कैसे बिताते हैँ। Means, कितना
Time Rest को, कितना Time खानेँ को और कितना Time अपनेँ मनोरँजन को देते
हैँ।
ये सब बातेँ एक कागज पर Note जरूर कीजिये। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आपके पास कितनी अधिक फुरसत है।
Regular के गप्पोँ मेँ Waste होनेँ वाले एक या दो घण्टोँ का समय काफी
मुल्यवान है और उसको अनेकोँ प्रकार से हम Use मेँ ला सकते हैँ।
हर Parents अपनेँ बच्चोँ को अच्छा एजुकेशन देना चाहते हैँ लेकिन कई
बच्चोँ के Parents एजुकेटेड नहीँ होते उसमेँ बच्चोँ की भी एक छोटी सी
Responsibility बनती है कि जो Time वो T.V. देखने या दोस्तोँ से चैटिँग
और गपशप मेँ अपना एक दो घण्टे Waste करते हैँ वो लोग अपनेँ घर मेँ जो पढ़े
लिखे नहीँ हैँ या अपनेँ आसपास जहाँ के लोग अशिक्षित है उन्हेँ चैटिँग और
गपशप से टाईम निकालकर शिक्षित बनानेँ का प्रयास करेँ। क्योँकि आज एक
सुनहरा समय है कुछ बदलनेँ का। याद रखिये व्यर्थ बिताया हूआ समय कभी वापिस
लौटकर नहीँ आता।
बाद मेँ जरूरत पड़नेँ पर आदत सुधर जायेगी ऐसा सोँचकर हम अपनेँ वर्तमान समय
को बिना सोचे समझे व्यर्थ गँवानेँ का जोखिम नहीँ उठा सकते। हमारे Life का
Time limited है और यह इतनी लंबी भी नहीँ कि हम इसे टालमटोल मेँ बिता
देँ।
सादा जीवन जीनेँ वाले सतर्क व्यक्ति के पास व्यर्थ के कामोँ के लिये समय
ही नहीँ होता। हम बेकार की Gossips मेँ Time waste क्योँ करेँ। अपनेँ Daily रूटिन के कामोँ के लिये एक Time
table बनाईये और ईमानदारी और दृढतापुर्वक पालन कीजिये।
आस्लर के शब्दोँ को मत भुलिये- “अभी से सतर्क न हुए तो बाद मेँ पछताना पड़ेगा”।
दान्ते ने भी कहा है- बीत रहा आज फिर वापस नहीँ लौटेगा।

उमर खैयाम जी के इन बातोँ को याद कीजिये-
“हमारा जीवन पक्षी केवल थोड़ी ही दुर तक उड़ सकता है।
इसनेँ पंख फैला दिये हैँ, देखो जल्दी से इसकी दिशा सोच लो”।

दोस्तोँ समय बड़ी तेजी से निकल रहा है, हमारे पास बस यही वर्तमान समय और
बस आज का दिन है।
एक बार किसी व्यक्ति नेँ जार्ज बर्नार्ड शा से पुछा-‘आप अपनी दाढ़ी साफ
क्योँ नहीँ करते?’ उन्होँने कहा-” इससे समय बर्बाद होता है। प्रतिदिन 4
मिनट बचाकर मैनेँ अब तक अपनी Life के 10 महीनेँ बचा लिये हैँ।
दोस्तोँ इसका मतलब यह नहीँ कि दाढ़ी बनाने वाले सर्वदा अपनेँ समय का
सदुपयोग ही करते हैँ।
यह एक ऐसे विद्वान का कथन है जो समय की कीमत को समझते थे और यथासंभव
उन्होँने अपने समय का एक मिनट भी व्यर्थ जाने नहीँ दिया। हमारे पास जो
अमुल्य समय है वही हमारी एक मात्र संपत्ति है। अंतरिक्ष मेँ हमारी गति 30
K.M./Sec. है। हमेँ भुतकाल की सभी चिँतायेँ छोड़कर अपनी सारी चेष्टायेँ अपनेँ तात्कालिक
कार्य को ही ठीक-ठीक पुरा करनेँ मेँ लगानी होगी तभी हमारी Life मेँ एक
ताजगी, उत्साह और आलोक की अनुभुति होगी और तब दिन दिन करके वर्ष बीतेगा
और प्रतिक्षण किया गया हमारा सुकर्म एकत्र होकर ज्ञान तथा सदाचरण का एक
विशाल भंडार बन जायेगा।
इसलिये दोस्तोँ समय के महत्व को समझिये।
ये वाक्य आपकी जिँदगी मेँ काफी बदलाव ला सकते हैँ।
आईये इन वाक्योँ को देखते हैँ-

यदि एक साल की कीमत समझनी हो तो उस छात्र से पुछिये जो वार्षिक परीक्षा
मेँ फैल हो गया हो।

यदि एक मिनट की कीमत समझनी हो तो उससे पुछिये जिसकी ट्रेन छुट गई हो।

यदि एक सेकण्ड की कीमत समझनी हो तो उससे पुछिये जो मरते-मरते बचा हो।

यदि एक मिली सेकण्ड की कीमत समझनी हो तो उससे पुछिये जिसे ओलंपिक मेँ
स्वर्ण पदक की जगह रजत मिला हो।
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Hello Friends,

आज का Generation पुरी तरह से Competition पर Based है, और इसके कारण कोई भी ऐसा आदमी नहीँ होगा जिसके अंदर तनाव न हो। आप चाहे कितनी भी बड़ी पोस्ट पर क्योँ न होँ, कितनेँ भी बड़े आदमी क्योँ न होँ लेकिन कहीँ न कहीँ कोई एक छोटा सा तनाव जरूर होगा।

Friends आज हमारा Topic एक ऐसे Theory पर Based है जिसको अपनाकर आप अपनी Success मेँ आनेँ वाली उन छोटी छोटी बाधाओँ को जीत सकते हैँ जो आपको Dipration मेँ ले जाते हैँ।

So Friends आज हम आपके लिये B.M.D. का सिध्दांत लेकर आये हैँ। आप सोँच रहे होँगे कि BMD क्या है। BMD means “बोझ मत डालेँ।”

(1.) आपनेँ अपनेँ Sir को Email किया, उन्होँने कोई Reply नहीँ दिया। आपनेँ मन पर बोझ डाल दिया।

(2.) दोस्त बाहर पढ़नेँ चले गये और आपको बताया नहीँ। आपनेँ मन मेँ बोझ ले लिया।

(3.) आप T.V. देख रहे थे, भैया नेँ Channel बदल दिया, आपनेँ दिमाग मेँ बोझ ले लिया।

(4.) आपके Friends नेँ Party मेँ आपको नहीँ बुलाया। आपनेँ दिमाग मेँ बोझ डाल दिया।

(5.) आपको Birthday मेँ कोई Gift नहीँ मिला आपनेँ बोझ ले लिया।

(6.) आपनेँ Toothpaste मांगा लेकिन गलती से मम्मी नेँ Face wash दे दिया, आपनेँ दिमाग मेँ बोझ ले लिया।

(7.) Office मेँ Computer ठीक से काम नहीँ कर रहा था, आपनेँ मन मेँ बोझ ले लिया।

(8.) आप College देर से पहुँचे, Professor नेँ थोड़ी सुना दी। आपनेँ मन मेँ बोझ ले लिया।

(9.) पत्नी नेँ नई साड़ी/सलवार खरीदी लेकिन आपको नहीँ बताया।

आपनेँ मन मेँ बोझ ले लिया।

(10.) आपनेँ अपनेँ Friend को Facebook पर Friend request भेजा, उसनेँ Accept नहीँ किया। आपनेँ दिमाग मेँ बोझ ले लिया।

(11.) खानेँ मेँ नमक कम थी, आपनेँ बोझ ले लिया।

(12.) आपकी Shirt प्रेस नहीँ थी। आपनेँ बोझ ले लिया।

(13.) आपनेँ Call किया लेकिन किसी नेँ फोन नहीँ उठाया। आपनेँ बोझ ले लिया।

(14.) आपको किसी नेँ मोटा/पतला बोल दिया। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(15.) आपने लिप्ट माँगा लेकिन नहीँ मिला। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(16.) आपनेँ Meeting रखी लेकिन कोई Time पर नहीँ पहुँचा। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(17.) आपनेँ Sir को प्रणाम बोला लेकिन कोई Responce न मिला। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(18.) शाम को खाना कम पड़ गया। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(19.) Annual function मेँ बुलाया लेकिन आगे Seat नहीँ मिली। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(20.) आपके Joke पर कोई नहीँ हँसे, आपनेँ मन पर बोझ ले लिया।

(21.) आपकी पति/पत्नि नेँ गाना नहीँ सुनाया। आपनेँ मन पर बोझ ले लिया

😡

Friends ऊपर लिखे बातेँ और इससे जुड़ी हजार बातेँ लगभग हर एक इंसान के साथ तो होती ही हैँ। और ऐसी घटनाये ही आगे चलकर तनाव मेँ Convert होती हैँ। यदि आदमी ऐसे छोटे छोटे बातोँ पर बोझ डालकर गुस्सा करनेँ लग जाये तो हमेशा वो तनाव की स्थिति मेँ ही बना रहेगा।

और ऐसा आज हर घर, हर परिवार मेँ देखनेँ को मिलता है। आज आदमी न चाहकर भी इसी छोटी छोटी बातोँ को लेकर तनाव मेँ ही रहता है। और यदि इसको जल्दी खत्म नहीँ किया गया तो ये एक दिन आदत मेँ अपना रूप Divert कर देती है।

इसलिये इस छोटी सी Problem को यदि बड़ा नहीँ करना है तो “बोझ मत डालेँ” (BMD) सिध्दांत को आज ही अपनेँ Life मेँ Set कीजियेगा।

Friends “जो हो गया सो हो गया. जो बीत गया सो बीत गया”, So अब आपको छोटी छोटी बातोँ को मन मेँ लादकर उबलते नहीँ रहना है। गुस्सा करके अपना Health खराब नहीँ करना है। यदि आप वाकई मेँ सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैँ और अपना संयम खोना नहीँ चाहते। तो आप अपनेँ Mind मेँ बोझ मत डालेँ। BMD theory को अपनेँ Life मेँ Use करते ही आप समझ जायेँगे कि सचमुच आपके तनाव घट रहे हैँ, और आप स्वयं को पहले से बहुत ही Better Feel करेँगे। आपको बहुत ही हल्का महसुस होगा।

इस Article को पढ़नेँ के बाद आप स्वयं से ये Promise जरूर कीजियेगा कि छोटी छोटी बातोँ पर गुस्सा करके स्वास्थ्य खराब करनेँ के बजाये अब से बोझ मत डालेँ (BMD) सिध्दांत का पालन कर अपनेँ तनाव को कम करेँगे। कुछ भी हो लेकिन दिमाग पर बोझ नहीँ डालना है।

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