PERSONAL DEVELOPMENT Archives - HamariSafalta.com https://www.hamarisafalta.com/category/personal-development भारत की सबसे प्रेरणादायक हिंदी ब्लॉग Mon, 04 Oct 2021 01:22:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://www.hamarisafalta.com/wp-content/uploads/2017/08/hs.png PERSONAL DEVELOPMENT Archives - HamariSafalta.com https://www.hamarisafalta.com/category/personal-development 32 32 121486502 असफल होने के 5 कारण https://www.hamarisafalta.com/2021/10/%e0%a4%85%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2-%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-5-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a3.html Mon, 04 Oct 2021 01:21:03 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2813 असफल होने के 5 कारण Hello दोस्तों आज के इस ब्लॉग में मै आपसे उन कारणों के विषय में बात करने जा रही जिसकी वजह से लोग सफलता पाने से चूक जाते हैं. इस दुनिया में 7.9 बिलियन लोग रहते हैं लेकिन उनमे से जो सफल व्यक्ति है वो दुनिया की जनसंख्या का 1% भी नहीं है. ऐसा क्यों? इसके कुछ कारण है और इन्ही की वजह से लोग उन टॉप के 1% में नहीं आ पाते. असफल होने के […]

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असफल होने के 5 कारण

Hello दोस्तों आज के इस ब्लॉग में मै आपसे उन कारणों के विषय में बात करने जा रही जिसकी वजह से लोग सफलता पाने से चूक जाते हैं. इस दुनिया में 7.9 बिलियन लोग रहते हैं लेकिन उनमे से जो सफल व्यक्ति है वो दुनिया की जनसंख्या का 1% भी नहीं है. ऐसा क्यों? इसके कुछ कारण है और इन्ही की वजह से लोग उन टॉप के 1% में नहीं आ पाते. असफल होने के 5 कारण.

इससे पहले मै आपको अलग अलग प्रकार के लोगों के बारे में बताना चाहती हूं:

  1. Low focus and Low energy: इस तरह के लोगों की life में न clear focus होती है न ही energy किसी लक्ष्य को पाने की जो सफलता के लिए ज़रूरी है.
  2. Low focus and high energy: ज़्यादातर लोग इस category में आते हैं. ऐसे लोग एक साथ बहुत साड़ी चीजें करते हैं और नका focus किसी एक चीज़ पर नहीं होता. अंत में उन्हें कुछ हासिल नहीं होता.
  3. High focus and low energy: ऐसे लोग किसी काम को करने की सोच तो लेते हैं लेकिन करते नहीं. ये लोग बस दूसरों के अन्दर कमियां ढूंढने में अपना समय गवां देते.
  4. High focus and high energy: सिर्फ 10% लोग इस category में आते हैं जिनके पास सही focus के साथ साथ एक जूनून भी होता है किसी काम को कर दिखाने का. ऐसे लोग किसी भी हाल में सफल होकर रहते हैं.
असफलता के 5 कारण
असफलता के 5 कारण

यदि आप सफल होना चाहते हैं तो पहले खुद को पहचानिए की आप कौनसी category में आते हो फिर खुद को चौथी category में लाने का प्रयत्न कीजिये.

अब मै कुछ ऐसे कारणों पर बात करूंगी जिनकी वजह से लोग सफल नहीं हो पाते.

  1. अपनी पहली असफलता से निराश हो जाना: बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो अपनी पहली असफलता से निराश होकर हार मान लेते हैं और दोबारा कोशिश नहीं करते. उन्हें हमेशा यह डर लगा रहता है की वे दुबारा fail हो जायेंगे उस काम में.
  2. अपने कामो को कल पर टालना: जो लोग किसी काम को करने की सोचते तो हैं लेकिन उसको कल पर टालते हैं उन्हें सफलता हाथ नहीं लगती. हर काम समय पर होना ज़रूरी है.
  3. अपने comfort zone से बाहर न आना: जो लोग सोचते हैं की मै ये करूंगा, मै वो करूँगा लेकिन वह करते कुछ नही. उन्हें सिर्फ अपने comfort zone में रहना होता और बाद में लोगो के सामने बहाने बनाते.
  4. जिनके पास कोई लक्ष्य ही नहीं हो: ऐसे लोग जिन्हें पता ही नहीं है की life में करना क्या है वह किसी एक चीज़ पर focus नहीं कर पाते. ऐसे लोग आकाश की तरफ छोड़े गए बान की तरह होते जिनकी अपनी कोई दिशा नहीं होती. ऐसे दिशाहीन लोग ज़िन्दगी में कभी सफल नहीं हो पाते.
  5. दुसरो की असफलता पर आलोचना करना : बहुत से लोग दुसरो की असफलता को देख कर उन्हें प्रोत्साहित करने की जगह उनकी खिल्लियाँ उड़ाते हैं. जबकि उन्होंने खुद कभी कोशिश भी नही की थी. ऐसे लोग सिर्फ दुसरो की आलोचना करने में अपनी ज़िन्दगी बिता देते हैं.
  6. जो कड़ी मेहनत नहीं करते: किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसके पीछे कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन बहुत से लोग मेहनत करने से कतराते हैं जिसकी वजह से उन्हें वह result देखने को नहीं मिलता जो वो actual में देखना चाहते हैं.

    इसीलिए कहा जाता है- “कड़ी मेहनत सफलता की चाभी है”.

Thanks 🙂

Priya Paul.

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How to Be More Productive in Hindi प्रोडक्टिव कैसे रहें https://www.hamarisafalta.com/2021/06/how-to-be-more-productive-in-hindi-by-priya-paul.html Tue, 22 Jun 2021 03:40:34 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2803 How to Be More Productive in Hindi हमने पिछले ब्लॉग में खुद को productive कैसे रखना है इसके बारे में बात की थी लेकिन और भी कई पहलू हैं जिन पर हमें काम करना है। ये जिंदगी की ट्रेनिंग है जो हर किसी को करनी पड़ती है एक successful life पाने के लिए। पूरे दिन productive रहने का पहला चरण था खुद के समय का हिसाब रखना, लिस्ट बनाना। इसकी बात हम कर चुके हैं। अगर आपने पहला ब्लॉग नही पढ़ा है तो उसको पढ़ने के बाद आगे के steps follow करें। अपनी priorities सेट करना   यदि आपको अपने अधिकांश समय का अच्छे से उपयोग करना है तो आपको अपनी priority list बनानी पड़ेगी। Priority का मतलब यह है की आप जो भी काम […]

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How to Be More Productive in Hindi

हमने पिछले ब्लॉग में खुद को productive कैसे रखना है इसके बारे में बात की थी लेकिन और भी कई पहलू हैं जिन पर हमें काम करना है। ये जिंदगी की ट्रेनिंग है जो हर किसी को करनी पड़ती है एक successful life पाने के लिए।

पूरे दिन productive रहने का पहला चरण था खुद के समय का हिसाब रखना, लिस्ट बनाना। इसकी बात हम कर चुके हैं। अगर आपने पहला ब्लॉग नही पढ़ा है तो उसको पढ़ने के बाद आगे के steps follow करें।

अपनी priorities सेट करना 

 यदि आपको अपने अधिकांश समय का अच्छे से उपयोग करना है तो आपको अपनी priority list बनानी पड़ेगी। Priority का मतलब यह है की आप जो भी काम कर रहे हो, एक बार खुद से सवाल पूछो की क्या ये काम मेरे लिए इस समय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है? यही आपका जवाब हां रहे तो बेशक उस काम को continue रखो। लेकिन यदि आपका जवाब ना हो तो तुरंत उस काम को छोड़ कर जो आपकी priority लिस्ट में ऊपर हो उसको करो। ऐसा करने से आप वैसे कामों से जो आपका समय बर्बाद करते हैं, बचे रहेंगे। और आपका जरूरी काम समय पर हो जायेगा।

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एक स्पष्ट लक्ष्य का होना 

आपकी जिंदगी में लक्ष्य का होना ठीक उसी तरह महत्वपूर्ण है जैसे छोटे बच्चे के लिए मां। बच्चा उस समय खुद कुछ नही कर पाता, उसके माता पिता ही उसका सहारा होते हैं बिल्कुल उसी प्रकार यदि आपकी life में लक्ष्य नहीं है कुछ करने की, कुछ पाने की, कुछ कर के दिखाने की… फिर आपका जीवन व्यर्थ है।

जब आप कोई काम करोगे और आपको खुद ज्ञान नही है की आप उस काम क्यों कर रहे हों फिर आपको अपने काम के प्रति कोई रुचि का अनुभव नही होगा। आप बिना रोशनी के अंधेरी सड़क पर चल रहे होंगे। उसी जगह जब आपके अंदर कुछ करने की आग होगी तब कुछ भी हो जाए आप उस काम को पूरा कर है लोगे। क्योंकि जब आप कुछ ऐसा काम करते हो जो आपके लिए valuable हो तो आपको अपने काम से प्यार हो जायेगा।

समय का सही से उपयोग करना

आपके पास दिन में 8 घंटे की नींद लेने के बाद भी 17–18 घंटे मिलते हैं। क्या आपको याद है की आप अपने समय को कहां गुजारते हो? कल क्या–क्या किया? Last week क्या–क्या किया? आपको अपने समय की कद्र नहीं होती है पर वही समय आपको बहुत कुछ दे सकता है यही आप इसको सही जगह उपयोग करना जानते हो। हमारे जीवन का हर एक क्षण बहुत महत्वपूर्ण है।

इसमें आप जो चाहे वो कर सकते हो, तो क्यों न हम इस समय को सही जगह उपयोग करें!

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बेकार की चीजों का त्याग करना

आपको यह समझना होगा की जो काम आपको भविष्य में कोई काम नहीं आने वाली उसपे समय व्यर्थ करना मूर्खता है। आप खुद इतने समझदार तो होंगे ही की आपको ज्ञान हो कौन सा काम आपको आगे help करने वाला है और कौन सा नहीं। तो अपना समय काफी सोच समझ कर उपयोग करना ही बुद्धिमानी है।

आप पढ़ रहे हैं : How to Be More Productive in Hindi खुद को प्रोडक्टिव कैसे रखें 

खुद को train करना 

 जैसे जैसे हम जिंदगी में आगे बढ़ते जाते हैं हमारे काम और priorities बदलते जाती है। हमें ठीक उसी प्रकार खुद को भी बदलना पड़ता है। खुद को हर एक परिस्थिति के अनुसार train करना पड़ता है ताकि समय कैसा भी रहे हम उसमे से खुद का बेस्ट output निकाल पाएं।

 

ऐसे blogs और articles पढ़ने के लिए जुड़े रहिए हमारी सफलता की वेबसाइट से।

How to be more productive in hindi के इस आर्टिकल पर अपने सुझाव, सवाल अथवा शिकायत भेजने के लिए मुझे priyapaul@hamarisafalta.com पर मेल करें ।

Thanks 🙂

PRIYA PAUL

 

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खुद को Productive कैसे रखें ! https://www.hamarisafalta.com/2021/06/how-to-be-more-productive-in-hindi.html Mon, 21 Jun 2021 07:53:25 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2786 How To Be More Productive in Hindi Hello दोस्तों, आज मैं आप लोगों से इस आर्टिकल पर एक महत्वपूर्ण विषय पे बात करने वाली हूं। जैसा कि आपको टाइटल से पता लग गया होगा कि मैं यहां प्रोडक्टिविटी को main मुद्दा रखूंगी पर इसके साथ ही साथ और भी बहुत सारे पहलू हैं जिनका कभी ज़िक्र नहीं होता और न ही हम उनका ध्यान रखते हैं। आज इन्हीं पहलुओं पर मैं बात करने जा रही हूं। खुद को observe करना  […]

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How To Be More Productive in Hindi

Hello दोस्तों, आज मैं आप लोगों से इस आर्टिकल पर एक महत्वपूर्ण विषय पे बात करने वाली हूं। जैसा कि आपको टाइटल से पता लग गया होगा कि मैं यहां प्रोडक्टिविटी को main मुद्दा रखूंगी पर इसके साथ ही साथ और भी बहुत सारे पहलू हैं जिनका कभी ज़िक्र नहीं होता और न ही हम उनका ध्यान रखते हैं।
आज इन्हीं पहलुओं पर मैं बात करने जा रही हूं।

खुद को observe करना 

अच्छा, आप ये सोचो की कभी आपने खुद को observe किया है? जैसे आपके दिन का schedule, आपके काम का समय, students के पढ़ने का समय, कब आप सबसे ज्यादा energy के साथ काम करते हो? यह नहीं किया तो एक बार खुद को observe करने की कोशिश कीजिए। सबसे पहला स्टेप यही है खुद को जानना।

Must Read : सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें | टाइम मैनेजमेंट टिप्स


To do list तैयार करना 

अब जब आपको अपने दिन के अधिकांश समय का ज्ञान है तो आप रोज सुबह या रात को एक पेन और पेपर लेकर TO DO LIST बना लेना। To do list क्या होता है? Well, जब आप अपने पूरे दिन को पहले से प्लान करते हो कि कौन से समय परआपको क्या करना है और उसको एक लिस्ट एक रूप में कागज़ पर लिख लेते हो तो उसको हम to do list कहते हैं।

इस लिस्ट में आप अपने दिन के सबसे important या मुश्किल काम को ऐसे स्लॉट में डाल सकते हो जब आपको सबसे सदा फुर्तीला अनुभव होता है या आपकी जिस समय efficiency सबसे ज्यादा होती है। और आप आसान या interesting कामों को उस स्लॉट में डाल सकते हो जहां efficiency सबसे कम होती है। ऐसे में आप कम मेहनत में ज्यादा काम कर पाओगे।

काम को implement करना

अब आपने तो कामों की लिस्ट बना ली है पर सबसे मुख्य काम है उसको अमल में लाना। अब वो कैसे करना है? हम इंसान कोई भगवान नहीं हैं जो भविष्य को देख सकते हैं , पर हां हम 85–90% अपना भविष्य खुद के दम पर बना सकते हैं। वैसे ही जैसे आपने to do list में लिखा था उनको अपनी तरफ से यथासंभव पूरा करने की कोशिश करिए। यदि बीच में कहीं कोई और काम आ जाए तो आप उसको एक buffer slot में डाल सकते हैं और important काम को प्राथमिकता दे सकते हैं।
Buffer स्लॉट में सामान्यतः हम वैसे कामों को डालते हैं जो या तो समय से पूरे नहीं हुए या कोई और काम बीच में आ गया।

 

आप पढ़ रहे हैं : How To Be More Productive in Hindi – खुद को प्रोडक्टिव कैसे रखें 


दिन के अंत में Analyse करना

आपने अपने list के अनुसार काम किया या नहीं यह भी जांच करना आपकी जिम्मेदारी है। आपको हर दिन सोने से पहले to do list वाला पेपर एक बार check जरूर करना चाहिए। जितने काम खत्म कर लिए सबको टिक मार्क और जो बचे हुए होंगे पहले तो वहां लिखिए कि किस वजह से वह काम नहीं हो पाया और अगले दिन अपनी गलती बिना दोहराए आगे बढ़ना है।



ये तरीका आपकी productivity को दोगुनी कर देगी। ऐसे ही और भी बहुत सारे तरीके हैं जिन्हें मैं अगली पोस्ट में बताऊंगी। ऐसे पोस्ट और आर्टिकल्स पढ़ने के लिए हमारी सफलता की वेबसाइट से जुड़े रहिये।

How To Be More Productive in Hindi इस लेख पर अपने सवाल अथवा सुझाव भेजने के लिए मुझे priyapaul@hamarisafalta.com पर मेल करें ।


Thanks 🙂
Priya Paul 

 

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Kiran Sahu on Bill Gates in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2021/05/kiran-sahu-on-bill-gates-in-hindi.html Thu, 20 May 2021 08:50:54 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2772 Kiran Sahu on Bill Gates in Hindi If you are born poor its not your mistake, but if you die poor its your mistake. अगर आप गरीब पैदा हुए हैं तो यह आपकी गलती नहीं है लेकिन अगर आप गरीब मर जाते हैं तो इसमें आपकी गलती है । बिल गेट्स का यह Quote मेरे सबसे पसंदीदा Quotes में से एक है । लोगों के पास बहानों की कोई कमी नहीं होती, यदि वो फेल हो रहे होते हैं तो […]

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Kiran Sahu on Bill Gates in Hindi

If you are born poor its not your mistake, but if you die poor its your mistake.

अगर आप गरीब पैदा हुए हैं तो यह आपकी गलती नहीं है लेकिन अगर आप गरीब मर जाते हैं तो इसमें आपकी गलती है ।

बिल गेट्स का यह Quote मेरे सबसे पसंदीदा Quotes में से एक है । लोगों के पास बहानों की कोई कमी नहीं होती, यदि वो फेल हो रहे होते हैं तो उसका Blame दूसरों पर थोंप देते हैं, किस्मत को दोष देते हैं और वे हमेशा पैसों का रोना रोते हैं ।

Life आपको अपनी हालात को सुधारने के लिए कई बार मौका देती है, अगर आप बहानों का बोझ लिए खुद को दबाते रहेंगे, अगर आप अपनी गलतियों के लिए दूसरों को ही जिम्मेदार ठहराते रहेंगे तो आप यह उम्मीद कैसे कर सकते हैं कि आप अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा भी कर सकते हैं ।

इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने गरीबी से ऊपर उठकर अपनी Life में कुछ बड़ा Achieve किया है, जिन्होंने अपने दम पर अपने सपनों की उड़ान भरी है । आप यदि कोने में बैठकर अपने Past का रोना रोते रहेंगे तो इससे काम नहीं चलने वाला । जिंदगी आपको अपनी परिस्थिति सुधारने के लिए मौका दे रही है, आपको यकीन करना होगा कि आप अपनी परिस्थिति सुधार सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं ।

बिल गेट्स जो दुनिया के सबसे अमीर इंसान में से एक हैं उन्होंने खुद के दम पर ही अपनी जिंदगी में इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है । वो मेहनत करते गए, चीजों को बेहतर बनाते गए और आगे बढ़ते गए । उन्होंने अपनी लाइफ में हर वो चीज महसूस किया है जो आप अभी कर रहे हैं, यदि वे बचपन से ही बहुत अमीर होते तो उनका यह Quote कभी हमारे सामने नहीं आता ।

अपनी लाइफ को चुनौतियों के लिए तैयार रखिये और अपनी परिस्थिति को बेहतर बनाने के लिए तैयार हो जाइए क्योंकि आप गरीब मरने के लिए पैदा नहीं हुए हैं ।

kiran sahu on bill gates in hindi
kiran sahu on bill gates in hindi

Must Read : सफलता के लिए 2021 में इन 4 बातों को गाँठ बाँध लें

Your most unhappy customers are your greatest source of learning.

आपके सबसे असंतुष्ट कस्टमर आपके सीखने का सबसे बड़ा श्रोत हैं।

Business में आपने देखा होगा कि सभी बड़ी कम्पनियां अपने हर ग्राहक को खुश करने के लिए हर वो चीज करने के लिए तैयार होती हैं जिससे उनकी कम्पनी का ग्रोथ होता रहे ।

यदि आप किसी टेलिकॉम इंडस्ट्री को देखेंगे तो इसे आप आसानी से समझ सकते हैं, जब आप अपने Present Telecom Operator से स्विच करके दुसरे Operator में जाने के लिए Port का Request भेजते हैं तो उस Company से कुछ ही देर में कॉल आना शुरू हो जाता है और वो आपको बहुत सारे Offers Provide करने लगते हैं क्योंकि कोई भी कम्पनी ये नहीं चाहती कि उसका Customer उसे छोड़कर कहीं दुसरी Company में Switch कर जाए ।

यदि आपके ग्राहक आपकी Services से संतुष्ट नहीं हैं तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए । Bill Gates ने जब अपनी Company की शुरुआत की थी तब  उनके सामने बहुत सारे Challenges थे, Steve Jobs की Company Apple मार्केट में Monopoly Create करके रखी हुई थी, ज्यादा से ज्यादा लोग Apple के Computers Use कर रहे थे, लेकिन Bill ने देखा कि Apple की Pricing बहुत ज्यादा थी, और इस Price Range से कम पर यदि Customers को अच्छे Computers वो Available करा पायें तो उनके लिए इससे Best और क्या हो सकता था !

बहुत सारे लोग Apple से Microsoft में भी Switch कर गए । Bill ने जब से अपनी कंपनी शुरू की है तब लेकर आज तक अपने ऑपरेटिंग सिस्टम में उन्होंने बहुत से बदलाव किए हैं और उसे Upgrade करते गए हैं । यदि आप अपने Customers के Feedback को ध्यान नहीं देते, उनकी बातों को नजरअंदाज करते हैं तो एक दिन ऐसा भी आ सकता है जब वो दूसरी जगह Shift कर जाएं ।

आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप अपने Customers से कितना Engage हैं, उनसे अपनी Services के लिए बार-बार Feedback लेते रहिये, उन्हें खुश करने के लिए आप अपनी Services में कैसे बदलाव ला सकते हैं यह आपको जानना होगा । आपकी सेवाओं से जितने भी ग्राहक खुश नहीं हैं तो वो आपको एक Signal दे रहे हैं कि आप अपनी Services में कैसे बदलाव करें । आप जितना उनसे सीखेंगे आपके जीतने की Possibility उतनी ही ज्यादा होगी ।

Must Read : टेलीफोन Short Inspirational Story in Hindi

It’s fine to celebrate success but it is more important to heed the lessons of failure.

सफलता की ख़ुशी मानना अच्छा है पर उससे ज़रूरी है अपनी असफलता से सीख लेना।

जब हमें किसी काम में Success मिलती है तो हम अपने दोस्तों के साथ Party करते हैं या किसी तरह से Celebration करते हैं । यह अच्छा है इससे हमें और प्रेरणा मिलती है और आने वाले कामों को हम और बेहतर ढंग से करते हैं, यह एक तरह से अच्छा है लेकिन उससे भी जरूरी चीज है कि हमें अपने Failure से सीखना चाहिए ।

जब हम गलती करते हैं तो हमें जो सबसे बड़ी चीज मिलती है वो है- अनुभव । गलती करके ही हम किसी चीज का अनुभव ले सकते हैं या फिर हम दूसरों की गलती से भी सीख सकते हैं । सीखना हर उस इंसान के लिए जरूरी है जो बड़ी सफलताएँ हासिल करना चाहता है । जब हम Fail होते हैं तो हमारे सामने एक मौका होता है कि हम अपनी गलती को दुबारा न दोहरायें, उस गलती से सीखें और आगे बढ़ जाएं ।

लेकिन ऐसे कम लोग ही हैं जो अपनी गलती से सीखते हैं, जब वो गलती करते हैं तो उसे वे बार-बार Repeat करते हैं और कई लोग ऐसे भी होते हैं जो उस गलती को इतना Repeat करते हैं जब तक कि वो  उनकी आदत में शामिल नहीं हो जाता ।

हम सभी को पता है कि Goals बनाकर हम अपनी Success के लिए आसान Steps ले सकते हैं लेकिन Goals के लिए जो चीजें जरूरी होती हैं वो हम करते नहीं हैं, बार-बार अपनी बुरी आदतों को हमारी Success के बीच ले आते हैं और गलतियों को दोहराते जाते हैं । यह बात बहुत ज्यादा मायने रखती है कि हमें अपनी लाइफ में हर उस चीज से सीखना चाहिए जो हमें आगे बढ़ने या ऊपर उठने में हमारी मदद करे ।

अपनी Faliure से डरने के बजाए उससे सीखिये, गलतियों से सीखना आपको एक कदम आगे ले जाने के लिए जरूरी है । अपनी Failure से सीखिये और Success को गले लगाइए ।

Kiran Sahu on Bill Gates in Hindi इस पर अपने विचार भेजने के लिए हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें.

Thanks 🙂

Kiran Sahu.

 

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सफलता की सबसे बड़ी बीमारी ? https://www.hamarisafalta.com/2021/04/short-inspirational-hindi-article.html Wed, 28 Apr 2021 11:23:56 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2757 Short Inspirational Hindi Article कोई नया स्टार्टअप शुरू करने के लिए Ideas की कमी नहीं होती, लोग एक प्रॉब्लम को पकड़ते हैं, उसे सॉल्व करते हैं और एक बेहतरीन स्टार्ट अप की शुरुआत हो जाती है । जब कोई Startup Successful हो जाता है, तो बहुत सारे लोग इस बात को कहने से पीछे नहीं हटते कि ये मेरा आईडिया था जो सामने वाले ने कॉपी किया है । Actually Ideas कभी कॉपी नहीं होते, ये सब Action लेने के […]

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Short Inspirational Hindi Article

कोई नया स्टार्टअप शुरू करने के लिए Ideas की कमी नहीं होती, लोग एक प्रॉब्लम को पकड़ते हैं, उसे सॉल्व करते हैं और एक बेहतरीन स्टार्ट अप की शुरुआत हो जाती है । जब कोई Startup Successful हो जाता है, तो बहुत सारे लोग इस बात को कहने से पीछे नहीं हटते कि ये मेरा आईडिया था जो सामने वाले ने कॉपी किया है । Actually Ideas कभी कॉपी नहीं होते, ये सब Action लेने के ऊपर डिपेंड करता है ।

मान लीजिये, मैं कोई नया काम शुरू करना चाहता हूँ और इसके लिए मेरे पास एक जबरदस्त आईडिया है लेकिन मैं हमेशा सही समय के इंतजार में हूँ और इसे शुरू न करने के लिए मैं खुद से बहुत सारे बहाने बनाता हूँ और कुछ दिनों बाद मुझे पता चलता है कि मेरे उसी आईडिया का इस्तेमाल करके किसी ने वो काम शुरू कर दिया है और आज की तारीख में वो एक सफल इंसान है तो मैं यह नहीं कह सकता कि सामने वाले ने मेरे आईडिया को कॉपी किया है ।

short inspirational hindi article
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यहाँ पर बात आती है टालमटोल की । हम किसी भी Important काम को शुरू करने से पहले सही समय का Wait करते हैं, जबकि वो सही समय कभी नहीं आता । अपने जरूरी कामों को कल पर टालना, आपके भविष्य को अँधेरे में धकेलने के समान है । आप जहाँ हैं, जिस परिस्थिति में हैं, आपके पास जो सुविधाएँ हैं आप उसी से अपने कामों की शुरुआत कर सकते हैं । जब आप आगे बढ़ेंगे तो सभी चीजें अपने आप ही बेहतर होती चली जाएंगी । आपको बस एक बार शुरुआत करने की देर है ।

टालमटोल कर आप सिर्फ खुद को धोखा दे सकते हैं, यदि आपको खुद पर विश्वास है, अपने Ideas पर भरोसा है तो आप जो करना चाहते हैं उसे शुरू कीजिए, हर दिन टालमटोल कर आप सिर्फ समय बर्बाद कर रहे हैं और दूसरों को Ideas Copy करने के लिए ब्लेम कर रहे हैं । टालमटोल आपकी सफलता की सबसे बड़ी बीमारी है और आज ही इसे आपको खत्म करना होगा और इसका इलाज शुरू करना होगा ।

आत्मविश्वास बढ़ाने के 5 आसान तरीके Self-confidence Hindi Article

सफलता की सबसे बड़ी बीमारी इस प्रकार के Short Inspirational Hindi Articles पढ़ने के लिए www.hamarisafalta.com पर विजिट करें ।

Thanks 🙂

Kiran Sahu

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जॉब सीकर की मानसिकता कब तक ? https://www.hamarisafalta.com/2021/04/job-seeker-mindset-hindi.html Thu, 15 Apr 2021 02:34:57 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2744 Job Seeker Mindset Hindi – Kiran Sahu बचपन से लेकर बड़े होने तक बड़ों के मुंह से बस एक ही बात सुनने को मिलती है, अच्छे से पढ़ लिख जाओ ताकि कहीं ढंग की नौकरी मिल जाए । बचपन से ही हमारे माइंड की कंडिशनिंग कुछ इस तरह की जाती है कि बड़े होने तक हम इस झूठ को सच मानने लगते हैं कि नौकरी ही सब कुछ है । आज पूरा विश्व कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा […]

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Job Seeker Mindset Hindi – Kiran Sahu

बचपन से लेकर बड़े होने तक बड़ों के मुंह से बस एक ही बात सुनने को मिलती है, अच्छे से पढ़ लिख जाओ ताकि कहीं ढंग की नौकरी मिल जाए । बचपन से ही हमारे माइंड की कंडिशनिंग कुछ इस तरह की जाती है कि बड़े होने तक हम इस झूठ को सच मानने लगते हैं कि नौकरी ही सब कुछ है ।

आज पूरा विश्व कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है, इस बीच हमारे देश में लाखों लोगों ने अपनी नौकरी से हाथ धोया है और पुरे विश्व में करोड़ों लोग अपनी जॉब से निकाले गए हैं । अब बात आती है कि जिन लोगों ने अपनी नौकरी से हाथ धोया, वो अभी क्या कर रहे होंगे! आपको जानकार हैरानी होगी कि 90% से ज्यादा लोग किसी दूसरी नौकरी के तलाश में हैं और इनमें बहुत-से लोग ऐसे भी हैं जो अपनी बची हुई सेविंग्स में गुजारा कर रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं कि कब कोरोना का यह संकट दूर हो और उन्हें अपनी जॉब फिर से मिल सके ।

रिस्क न लेना सबसे बड़ा रिस्क है

लोगों को लगता है कि जॉब और बिजनेस की तुलना में जॉब में कोई रिस्क नहीं है, आराम से अपना काम करो, टाइम पर सैलरी पाओ, और धीरे-धीरे आपका ग्रोथ होता रहे । लोगों के अनुसार बिजनेस में रिस्क ज्यादा है, यदि फैल हुए तो लोग क्या कहेंगे! दुनिया हँसेगी, फंडिंग प्रॉब्लम, एक से बढ़कर एक चैलेंजेस, स्ट्रगल… बिजनेस में लोग बहुत सारे प्रॉब्लम्स गिनाने लगते और इसे एक बड़े रिस्क की तरह देखते हैं, इसलिए ज्यादातर लोग रिस्क लेने से बचते हैं पर वो कहते हैं न “रिस्क न लेना सबसे बड़ा रिस्क है ।” यदि लोग थोड़ा-सा हिम्मत करके Out of the box सोचें तो वो अपनी सोच से कितना ज्यादा कर सकते हैं, इसका उन्हें अंदाजा भी नहीं होता ।

जरूर पढ़ें : सबसे बड़ा रिस्क Motivational Hindi Kahani

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कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलें

जॉब करने वाले ज्यादातर लोग अपनी नौकरी से खुश नहीं होते, लेकिन वे इस बात से हमेशा खुश रहते हैं कि महीने के आखिर में उनकी सैलरी क्रेडिट होती है जिससे वे अपनी जरूरतें पूरी कर सकें, उनकी लाइफ जैसे चल रही होती है वो उसी के साथ समझौता कर लेते हैं । उन्हें लगने लगता है कि जो भी उनकी जिंदगी में चल रहा है सब सही है, लाइफ जैसे कट रही है कटने दो… यही कंफर्ट ज़ोन है । वे एक कदम भी आगे बढ़ाने के बारे में नहीं सोचते क्योंकि उन्होंने बचपन से ही यह सुन रखा होता है कि जॉब लगने के बाद लाइफ सेट हो जाती है । लेकिन अपने कंफर्ट ज़ोन से निकलकर कुछ ऐसा करना जिससे आप दूसरों के लिए जॉब के अवसर तैयार कर सकते हैं, ऐसी सोच आपको बहुत दूर तक लेकर जा सकती है ।

पेरेंट्स के लिए एक अनुरोध

सभी पेरेंट्स के लिए उनके बच्चे खास होते हैं, हर बच्चे में कुछ न कुछ खूबी जरूर होती है । आज टेक्नोलॉजी हर दिन बदल रही है, समय बदल रहा है और ऐसे में अब सोच को भी बदलने की बहुत ज्यादा जरूरत है । सभी पेरेंट्स से मैं यही कहना चाहूँगा कि अपने बच्चों को जॉब क्रियेटर बनने के लिए प्रोत्साहित कीजिए, उन्हें बताइए कि वो दूसरों को रोजगार देकर इस देश में एक बड़ा बदलाव ला सकता है । यदि आपकी वजह से किसी के घर में चूल्हा जल रहा है, आप किसी को रोजगार देकर देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं, भले ही आप दो लोगों को ही जॉब दे रहे हैं लेकिन उन दो लोगों के पीछे जो परिवार पल रहा है उनकी दुआएं भी आपको ही मिलेंगी ।

कुछ छोटा करने के लिए ये जिंदगी बहुत बड़ी है लेकिन कुछ बड़ा करने के लिए ये जिंदगी बहुत छोटी है ।

 

जीवन आसान नहीं होता, इसे आसान बनाना पड़ता है…

 

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Kiran Sahu

 

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ज़िन्दगी का कोहरा Daily Motivation in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2021/04/daily-motivation-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2021/04/daily-motivation-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 13 Apr 2021 06:57:20 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2714 Daily Motivation in Hindi ज़िंदगी में हमें बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है । कई बार समझ नहीं आता कि ज़िंदगी हमें कहाँ ले जाना चाहती है । आज ही हम खुशी के मारे झूम रहे होते हैं तो कल मुंह लटकाए कोने में सिर पकड़कर रो रहे होते हैं । क्या-क्या नहीं कराती ये ज़िंदगी, कभी हंसाती तो कभी रुलाती है ये ज़िंदगी । बहुत सारे लोग कठिन समय में टूट जाते हैं, उन्हें समझ नहीं आता […]

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Daily Motivation in Hindi

ज़िंदगी में हमें बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है । कई बार समझ नहीं आता कि ज़िंदगी हमें कहाँ ले जाना चाहती है । आज ही हम खुशी के मारे झूम रहे होते हैं तो कल मुंह लटकाए कोने में सिर पकड़कर रो रहे होते हैं । क्या-क्या नहीं कराती ये ज़िंदगी, कभी हंसाती तो कभी रुलाती है ये ज़िंदगी ।

बहुत सारे लोग कठिन समय में टूट जाते हैं, उन्हें समझ नहीं आता कि उनके साथ ही कुछ सही क्यों नहीं हो रहा है ! उन्हें लगने लगता है कि लाइफ में वो हारने के लिए ही पैदा हुए हैं, लाइफ बार-बार उनके सामने नए चैलेंजेस रख देती है और उन्हें समझ नहीं आता कि वो क्या करें ।

ठंड के मौसम में सुबह-सुबह जब आप निकलते हैं तो आपने देखा होगा कि कोहरा किस तरह सब तरफ फैला होता है, आप रास्तों को देख नहीं पाते, कोहरा इतना ज्यादा होता कि आपको कुछ भी ठीक से दिखाई नहीं देता लेकिन जब आप चलना शुरू करते हैं, आगे बढ़ना शुरू करते हैं, तो रास्ता दिखना शुरू हो जाता है । जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं आपको लगने लगता है कि कोहरा का प्रभाव खत्म हो रहा है और कदमों को बढ़ाते हुए आप अपनी मंजिल तक पहुँच जाते हैं । लेकिन याद रखिए कोहरा अभी भी सब तरफ फैला होता है, आप पीछे या आसपास देखते हैं तो भी खुद को कोहरे से घिरा हुआ ही पाते हैं लेकिन जब आप एक दिशा निर्धारित कर चलना प्रारम्भ करते हैं तो ये आपके कदम बढ़ाने के साथ हटते चला जाता है ।

daily motivation in hindi जिंदगी का कोहरा
daily motivation in hindi जिंदगी का कोहरा

हमारी लाइफ भी कुछ इसी तरह की है, हम हजारों मुश्किलों, परेशानियों से घिरे हुए हैं हमको लगता है कि परेशानियाँ कभी खत्म ही नहीं होंगी लेकिन जब हम एक रास्ता चुनकर आगे बढ़ना शुरू कर देते हैं, तो हमारे सामने से मुश्किलें खूद-ब-खूद हटती चली जाती हैं । हम कोहरे की तरह हमेशा मुश्किलों और कठिनाइयों से घिरे रहेंगे लेकिन जब हम एक दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर देंगे तो रास्ता हमें मंजिल की तरफ जरूर लेकर जाएगा इसलिए हिम्मत रखिये और आगे बढ़ते चले जाइए ।

यहाँ क्लिक कर यह भी जरूर पढ़ें : 4 Best Inspirational Poem in Hindi

 

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Kiran Sahu

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वर्क फ्रॉम विलेज Work From Village in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2021/04/work-from-village-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2021/04/work-from-village-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 12 Apr 2021 08:27:22 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2708 Work From Village in Hindi अब तक तो वर्क फ्राम होम की बातें ही सुनाई दे रही थीं। लेकिन कुछ महीनों से वर्क फ्राम विलेज भी सुनाई देने लगा है। हुआ यूं कि एक दोस्त को जब उसके जन्म दिन पर फोन कर हाल-चाल पूछा-तो उसका कहना था कि आजकल गांव में रहकर खेती संभाल रहा हूं और आफिस का काम भी देख रहा हूं। मेरा पूछना स्वाभाविक था, यह कैसे संभव है? तब उसने बताया कि आपके पास अपना […]

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Work From Village in Hindi
अब तक तो वर्क फ्राम होम की बातें ही सुनाई दे रही थीं। लेकिन कुछ महीनों से वर्क फ्राम विलेज भी सुनाई देने लगा है। हुआ यूं कि एक दोस्त को जब उसके जन्म दिन पर फोन कर हाल-चाल पूछा-तो उसका कहना था कि आजकल गांव में रहकर खेती संभाल रहा हूं और आफिस का काम भी देख रहा हूं। मेरा पूछना स्वाभाविक था, यह कैसे संभव है? तब उसने बताया कि आपके पास अपना लेपटॉप है और गांव में नेट कनेक्टिविटी है, तो फिर समझ लो, आपने फतह कर ली। अभी जिस तरह के हालात हैं, उससे यही लगता है कि एक तरफ जिंदगी सिमट रही है, तो दूसरी तरफ फैल भी रही है। इसी सिमटने और फैलने के बीच ही जिंदगी कहीं मुस्करा भी रही है।
कुछ महीनों तक घर पर काम करते हुए लोग बोरियत महसूस करने लगे, तो वे गांवों की ओर चल पड़े हैं। इससे उन्हें एक तरफ अपनी पुश्तैनी खेती-बारी को देखने का अवसर मिला, तो दूसरी तरफ वे ग्रामीण जीवन को करीब से देखने भी लगे। यहां आकर उन्हें वास्तविक जीवन का आनंद मिलने लगा। अब तक शहरी जीवन के आदी हुए लोगों को अब जो जीवन देखने को मिला, वह काफी रोमांचित कर देने वाला लगा। अहा! यहां तो कितना खुला-खुला है सब-कुछ। दूर तक केवल हरियाली और सायं-सायं चलती हवाएं। जानवरों का झुंड, मजदूरों के बीच होने वाले संवाद, मानों जीवन में रस घोलने लगे। शाम को पशुओं को घर लौटने की आवाज, इसी समय को शायद गोधूलि बेला कहते हैं ना? दूर कहीं बांसुरी की मीठी तान, ऐसा लगता है मानों हम किसी दूसरी ही दुनिया में आ गए हैं। किताबों में गांवों के बारे में जो पढ़ते थे, वह सब कुछ अब साकार हो रहा है।
यह भी सच है कि अब गांव के भीतर भी छोटे-छोटे शहर उगने लगे हैं। गांव में राजनीति भी बहुत होने लगी है। शहरी सभ्यता से ओत-प्रोत युवा बुजुर्गो की बात नहीं मानते। सबके सामने उन्हें जलील करने में भी उन्हें शर्म नहीं आती। अपराध भी पैर पसारने लगे हैं। गांव कई गुटों में बंटा हुआ है। रसूखदार अपनी साख जमाए रखने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। बेबस-लाचार किसान की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार द्वारा चलाई जाने वाली तमाम योजनाएं यहां दूसरे ही रूप में दिखाई देती हैं। सरकारी अधिकारी ऐसे काम करते हैं, जैसे वे सरकार के कारिंदे न होकर गांव वालों के साहूकार हों। सरकारी मदद को वे ऐसे देते हैं, जैसे वे व्यक्तिगत रूप से उन्हें मदद कर रहे हैं। दूसरी तरफ शहर से आई बहू गरीब बच्चों को शिक्षा दे रही है। कहीं अंगरेजी क्लासेस चला रही है, तो कहीं लजीज व्यंजन बनाने की शिक्षा दी जा रही है। यह भी गांव का एक रूप है। जीवन के इस रूप को अब तक नहीं देखा था, जो अब देखने को मिला।
आप पढ़ रहे हैं : Work From Village in Hindi by Dr. Mahesh Parimal 
इस बीच कुछ अच्छी खबरें भी मिली हैं। जैसे कोरोनावायरस महामारी के कारण अधिकांश भारतीय वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। लेकिन इससे उनके काम करने के घंटे में बढ़ोत्तरी हो गई है। वर्कप्लेस सॉफ्टवेयर डेवलपर अटलासियन (Atlassian) की ओर से 65 देशों में किए गए अध्ययन में यह सामने आया है कि पूरी दुनिया में लोग जल्दी लॉग-इन करते हैं और वर्किंग आवर्स के काफी देर बाद लॉग-ऑफ होते हैं। अध्ययन के अनुसार इस साल की शुरुआत के मुकाबले अप्रैल और मई में भारतीयों के औसत वर्किंग आवर्स में 32 मिनट की बढ़ोतरी हुई है। इसी प्रकार ऑस्ट्रेलिया और अमेरिकियों के वर्किंग आवर्स में भी 32 मिनट की बढ़ोत्तरी हुई है।
स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, वर्क फ्रॉम होम के दौरान इजराइल के लोगों के वर्किंग आवर्स में सबसे ज्यादा 47 मिनट की बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि दक्षिण अफ्रीका के लोगों के वर्किंग आवर्स में 38 मिनट की बढ़ोत्तरी हुई है। स्टडी रिपोर्ट में इस बात का संकेत भी मिला है कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान अधिकांश लोग सुबह और शाम के समय ज्यादा काम करते हैं, जबकि दोपहर के समय काम की उत्पादकता घट जाती है। इससे इस बात का भी संकेत मिलता है कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान कर्मचारी एक्स्ट्रा फ्लेक्सिब्लिटी का लाभ लेते हैं। लेकिन इससे पहले के मुकाबले फ्री टाइम में अतिक्रमण होता है। अध्ययन से पता चलता है कि महामारी के दौरान घर और ऑफिस की सीमाएं खत्म हो गई हैं।
जो भी हो, पर कोरोना ने हमें पूरी दुनिया को देखने का एक अलग ही नजरिया दे दिया। यह सिद्ध हो गया कि अब लोग अदृश्य रहकर भी देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैँ। अपना काम करने और करवाने के लिए किसी को सामने आने की आवश्यकता नहीं है। सब कुछ डिजिटल हो गया है। घर पर बैठकर इंसान पूरी दुनिया पर नजर रख सकता है। सोशल मीडिया में यदि कोई सक्रिय है, तो उसकी यह सक्रियता ही उसके काम आती है। इससे दूर रहने वाला इंसान आज हाशिए पर है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि लोगों में भले ही दूरियां बढ़ गई हैं, पर लोग दिल से एक-दूसरे के काफी करीब भी आ गए हैं। इसके लिए आखिर किसे धन्यवाद कहा जाए-कोरोना ही को ना?
डॉ. महेश परिमल 
403,Bhawani Parisar
Indrapuri BHEL
BHOPAL 462022
Mob.09977276257

http://dr-mahesh-parimal.blogspot.com/
http://aajkasach.blogspot.com/

We are grateful to Dr. Mahesh Parimal Ji for sharing this Work From Village in Hindi – Heart Touching Article with us. Thank you so much sir…

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कुछ तो लोग कहेंगे…Morning Motivation in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2021/04/kuch-toh-log-kahenge.html https://www.hamarisafalta.com/2021/04/kuch-toh-log-kahenge.html?noamp=mobile#respond Sun, 11 Apr 2021 03:46:15 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2702 Kuch toh Log Kahenge By Kiran Sahu ज्यादातर लोग Life में कुछ भी बड़ा Achieve नहीं कर पाते और इसके पीछे एक सबसे बड़ा कारण होता है “लोग क्या कहेंगे!” रामू और उसकी पत्नी मीना अपने घोड़े पर बैठकर सफर के लिए निकले थे, रास्ते में कुछ लोगों ने उनसे कहा – कैसे निर्दयी लोग हैं, घोड़े की जान लेकर रहेंगे! ऐसा भी कोई करता है, दो लोग एक छोटे-से घोड़े पर… जैसे ही रामू ने यह सुना वह घोड़े […]

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Kuch toh Log Kahenge By Kiran Sahu

ज्यादातर लोग Life में कुछ भी बड़ा Achieve नहीं कर पाते और इसके पीछे एक सबसे बड़ा कारण होता है “लोग क्या कहेंगे!”

रामू और उसकी पत्नी मीना अपने घोड़े पर बैठकर सफर के लिए निकले थे, रास्ते में कुछ लोगों ने उनसे कहा – कैसे निर्दयी लोग हैं, घोड़े की जान लेकर रहेंगे! ऐसा भी कोई करता है, दो लोग एक छोटे-से घोड़े पर… जैसे ही रामू ने यह सुना वह घोड़े से उतरकर पैदल चलने लगा। कुछ दूर सफर करने के बाद रास्ते में उन्हें कुछ औरतें दिखीं जिन्होंने मीना से कहा, बेचारा पति पैदल चल रहा है और देखो इस महारानी को जो घोड़े पर कितनी शान से बैठी है और सफर का आनंद ले रही है… मीना ने जब यह सुना तो उसनें अपने पति को घोड़े पर बैठने के लिए कहा और वह पैदल चलने लगी ।  कुछ दूरी तय करने के बाद उसे कुछ और लोग मिले जिन्होंने रामू से यही बात दोहराई – कैसा आदमी है जो अपनी पत्नी को पैदल चलने दे रहा है और खुद घोड़े पर शान से राजा की तरह बैठा हुआ है ।  यह सुनने के बाद रामू फ़ौरन घोड़े से नीचे उतर गया और अब दोनों पैदल चलने लगे ।

अब रामू और मीना दोनों खुश थे कि लोग उन्हें कुछ नहीं कहेंगे लेकिन कुछ दूर चलने के बाद कुछ लोगों ने उनसे कहा, देखो ये दोनों कैसे गधे हैं जो घोड़े की सवारी न करके पैदल चल रहे हैं, घोड़े ने क्या किस्मत पाई है ।

Must Read सफलता की कहानियां असफलताओं से भरी हैं – बहाना बर्बादी है

दोस्तों, आपने एक गाना तो सुना ही होगा “कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना, छोड़ो बेकार की बातों में बीत न जाए रैना ।” आप कुछ भी काम करेंगे लोग आपको हजारों तरह की बात बोलेंगे, अपनी-अपनी राय देंगे, और लोगों को फ्री में सलाह बांटने की बड़ी बीमारी होती है और आजतक इसका कोई वैक्सीन Market में Available नहीं है ।

यदि आप इस वजह से कुछ नहीं कर रहे कि लोग क्या कहेंगे तो आप अपनी Life में कभी भी कोई बड़ा मुकाम हासिल नहीं कर सकते । जब आप कोई नया काम शुरू करते हैं, जिसमें आपको विश्वास होता है कि आप सफल हो सकते हैं लेकिन चंद लोगों की बातों को सुनकर जब आप अपने हौसले को कमजोर करते हैं तो इसमें आपकी ही गलती है । इस बात को याद रखिये कि जब आप सफल होने के लिए Struggle कर रहे होते हैं तो आपकी मुलाक़ात ऐसे प्राणियों से होगी जो आपकी टांग खींचेंगे, आपको आगे बढ़ने से रोकने के लिए उनके शब्द आपको कमजोर कर सकते हैं लेकिन आपको उन्हें Ignore करके आगे बढ़ना होगा ।  इस बात को गाँठ बांधकर चलना होगा कि Life में ऐसे नमूने आएँगे ही लेकिन सफल आपको होना है किसी दुसरे को नहीं !

kuch toh log kahenge

आप पढ़ रहे हैं : Kuch toh Log Kahenge by Kiran Sahu.

Ignore करना सीखिये

Life में बहुत सी चीजों को नजरअंदाज करना होता है । हर मोड़ पर हमें एक से बढ़कर एक ज्ञान देने वाले मिलेंगे, कुछ लोग अपने अनुभवों को आपके साथ Share करेंगे, कुछ लोग आपकी टांग खींचेंगे, कुछ लोग एक लक्ष्य लेकर चलेंगे कि आपको वो हमेशा नीचा दिखाएँगे, आपको कमजोर बनायेंगे लेकिन आपको Ignore करना सीखना होगा । लोगों की बातों को Mind से मत लगाइए, हाँ कुछ लोग होंगे जो उनके अनुभवों को आपके बीच रखेंगे, आप उनसे सीख सकते हैं लेकिन जरूरी नहीं कि उनकी Life में जो हुआ आपके साथ भी वही चीज हो । सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि आपको जो सही लगता है, आप वो कीजिए । आप दूसरों के अनुभवों से सीखिए लेकिन कुछ चीजों को Ignore करके आगे बढ़ना भी जरूरी है ।

Must Read : जीवन का उद्देश्य | Purpose in Life – Hindi

Kuch toh Log Kahenge इस लेख पर अपने विचार हम तक पहुँचाने के लिए कृपया  hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें ।

Thanks 🙂

Kiran Sahu.

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मरने से पहले कुछ करना है… https://www.hamarisafalta.com/2021/04/best-motivational-article-in-hindi-kiran-sahu.html https://www.hamarisafalta.com/2021/04/best-motivational-article-in-hindi-kiran-sahu.html?noamp=mobile#respond Sat, 10 Apr 2021 06:19:03 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2699 Best Motivational Article in Hindi  स्टीव जॉब्स ने कहा था, मौत ही इस जिंदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है, आजतक इससे कोई भी नहीं बचा, मौत ही है जो पुराने को बदलकर नए का रास्ता खोलती है और इस वक्त हम सब नए हैं पर कुछ ही दिनों में हम सभी भी पुराने हो जाएँगे और रास्ते से साफ़ हो जाएँगे । उनकी कही ये बातें शत प्रतिशत सच है, वो हमें डरा नहीं रहे हैं बल्कि उस सच्चाई से […]

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Best Motivational Article in Hindi 

स्टीव जॉब्स ने कहा था, मौत ही इस जिंदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है, आजतक इससे कोई भी नहीं बचा, मौत ही है जो पुराने को बदलकर नए का रास्ता खोलती है और इस वक्त हम सब नए हैं पर कुछ ही दिनों में हम सभी भी पुराने हो जाएँगे और रास्ते से साफ़ हो जाएँगे ।

उनकी कही ये बातें शत प्रतिशत सच है, वो हमें डरा नहीं रहे हैं बल्कि उस सच्चाई से रूबरू करा रहे हैं किसे कोई भी झुठला नहीं सकता । मैं जब भी कोई अख़बार खोलता हूँ तो ज्यादातर कुछ ऐसी न्यूज़ पढ़ने को मिलती है जिसमें किसी के मरने की खबर छपी होती है । कुछ पल के लिए तो मैं सहम जाता हूँ क्योंकि अभी तक मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे मेरी छवि स्ट्रोंग हो… मैंने अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं किया है कि लोग मेरे मरने पर मुझे याद कर सकें । मन में हमेशा एक सपना लिए चल रहा हूँ कि मरने से पहले कुछ करना है ।  ये लाइफ हमें बड़ी मुश्किल से मिली है, अपना एक अलग पहचान बनाना, दुनिया के लिए कुछ छोड़कर जाना, दूसरों के लिए जीना, अपने आपको जानना, लाइफ को समझना… कितना कुछ है अभी करने को और ऐसे में मौत कब आ जाए किसी को पता नहीं चलता… लाइफ हमें बार-बार कुछ बड़ा करने के लिए मौके देती है, वो बार-बार इशारा करती है, हमें आगे बढ़ाने के लिए जिंदगी धक्का देती रहती है लेकिन हम अपने अन्दर की आवाज को दबा देते हैं, जो अन्दर से आवाज निकल रही होती है उसे हम सुनना भी नहीं चाहते, हम अपने सपनों का गला घोंट रहे होते हैं । याद रखिये इस दुनिया में किसी को भी नहीं मालूम कि वह रात को आँख बंद करने के बाद सुबह की सूरज देख पाएगा भी या नहीं । किसी को नहीं मालुम कि उसकी लाइफ का The  End कब हो जाए इसलिए हर दिन को एन्जॉय करो, खुलकर जियो, जो करना चाहते हो, जो बनना चाहते हो वो बनों । दूसरों के विचारों के शोर में खुद के विचारों को मत दबाओ ।

Must Read : कैसे पायें बड़ी से बड़ी सफलता ? Success Mantra in Hindi

समय की कीमत को समझो…

जब हम सुबह उठते हैं, तो सबसे पहले यही सोचते हैं कि आज का दिन बेहतर होगा, हमें एक नया अवसर मिला है और इसका हम खुलकर उपयोग करेंगे लेकिन जैसे ही आप अपनी दिनचर्या में लौटते हैं तो आपको महसूस होता है कि अभी तो आपके पास ऐसे बहुत से दिन बाकी हैं, आप जो करना चाहते हैं उसके लिए कल तो है ही… आप आज को बेहतर बनाने के बारे में भूल जाते हैं लेकिन सुबह उठते ही आपने खुद से कहा था कि आज का दिन आपके लिए बेहतर होगा । कोई भी चीज पहले से बेहतर नहीं होती, हमें हर चीज को बेहतर बनाना होता है । हम समय की कदर नहीं करते और सोचते हैं कि हमें इस दुनिया में बहुत लम्बे समय तक रहना है और समय ऐसे ही बीतते जाता है और मौत के शैय्या पर लेटे हम रो रहे होते हैं ।

best motivational article in hindi
 

आप पढ़ रहे हैं Best Motivational Article in Hindi में – मरने से पहले कुछ करना है…

मरने के बाद क्या होगा ?

मौत के सबसे बड़े रहस्य से आज तक परदा नहीं उठा, कोई नहीं जानता कि मौत के बाद क्या होता है लेकिन किसी के मरने के बाद दुनिया में क्या होता है ये सब जानते हैं । आपके साथ जितने भी लोग जुड़े हैं चाहे वो आपके परिवार वाले हों, दोस्त हों, रिश्तेदार हों वो सब गम में डूबे हुए रहते हैं, रो रहे होते हैं मरने वाले को याद कर रहे होते हैं लेकिन आपने कई जगह यह भी सुना होगा कि किसी के मरने के बाद कहीं पर जश्न का माहौल चल रहा होता, लोग मरने वाले से कह रहे होते हैं “अच्छा हुआ जो मर गया”

किसी की मौत के बाद दुनिया ऐसे ही चलती जाती है, दुनिया कभी रूकती नहीं लेकिन आपने इस दुनिया के लिए जो कुछ छोड़ा हुआ रहते है उससे लोग आपको याद करते हैं, आपकी कमी हमेशा महसूस करते हैं । क्या आपने अभी तक अपने परिवार के लिए कुछ बेहतर किया है, क्या आपने समाज के लिए कुछ किया है, क्या आपने अभी तक कुछ ऐसा किया है कि लोग मरने के बाद आपको आपके काम के लिये याद कर सकें ।

Must Read : सफलता के लिए सबसे जरूरी क्या है ?

अपने परिवार के साथ वक्त बिताइए, खुशियाँ बाँटिये, कुछ ऐसा कीजिए कि लोग आपको कभी न भूलें, अपने दायरों को बढ़ाइये, बड़ा सोचिये, कुछ ऐसा करिए जो आपने इससे पहले कभी नहीं किया क्योंकि मौत के बारे में कोई नहीं जानता कि ये कब आपके दरवाजे पर दस्तक दे दे इसलिए मरने से पहले कुछ तो कीजिए ।

Best Motivational Article in Hindi का यह Post आपको कैसा लगा कृपया कमेन्ट करके हमें जरूर बताएं, अथवा हमें hamarisafalta@gmail.com पर अपने सुझाव भेजें ।

बहुत बहुत धन्यवाद 🙂

किरण साहू

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सफलता के लिए 2021 में इन 4 बातों को गाँठ बाँध लें https://www.hamarisafalta.com/2021/01/2021-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be.html https://www.hamarisafalta.com/2021/01/2021-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be.html?noamp=mobile#respond Thu, 14 Jan 2021 06:25:23 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2677 2021 में सफलता के लिए इन बातों का ध्यान रखिये  मैं चाहता हूँ कि 2021 के हर दिन को हम Productive बनाएं, हर दिन का पूरा इस्तेमाल करें और कुछ ऐसा करें कि यह साल आपकी लाइफ का सबसे Best Year साबित हो । आज मैं आप सभी के साथ 4 ऐसी बातें Share करना चाहता हूँ, जिसको आप अपनी Life में Apply करके अपनी लाइफ को Better बना सकते हैं और इस साल अपनी सफलता की दर को दोगुना […]

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2021 में सफलता के लिए इन बातों का ध्यान रखिये 

मैं चाहता हूँ कि 2021 के हर दिन को हम Productive बनाएं, हर दिन का पूरा इस्तेमाल करें और कुछ ऐसा करें कि यह साल आपकी लाइफ का सबसे Best Year साबित हो । आज मैं आप सभी के साथ 4 ऐसी बातें Share करना चाहता हूँ, जिसको आप अपनी Life में Apply करके अपनी लाइफ को Better बना सकते हैं और इस साल अपनी सफलता की दर को दोगुना कर सकते हैं ।

अपनी आदतों पर काम कीजिए

एक सफल इंसान की क्या चीज उसे सफल बनाती है इसका एक Word में यदि उत्तर देना हो तो वो होगा उसकी आदतें । हमारी Habits हमारे Future को बनाती हैं । आज की आदतें हमारे कल के भविष्य को गढ़ती हैं । यदि 2021 में अच्छा Perform करना है, तो हमें अपनी आदतों पर काम करना होगा । हम ऐसी कौन-सी चीजें हैं जिसे सुधार सकते हैं या छोड़ सकते हैं जो हमें अपने लक्ष्य से दूर करती है । वो आदतें कुछ भी हो सकती है जैसे अपनी स्मार्टफोन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करना, सोशल मीडिया से चिपके रहना, YouTube पर Unwanted Recommended Videos स्क्रोल करना…etc…

यदि आपको एक सफल इंसान बनना है तो अभी से अपनी उन आदतों पर गौर कीजिए जो आपकी Productivity को कम करती है, आपको अपनी दिशा से भटकाती है और आप ऐसे ही एक-एक दिन को Waste करते जाते हैं ।

Must Read : 10 Larry Ellison Inspirational Quotes in Hindi

जैसी संगत वैसी रंगत

आप किसी भी Successful Person को देख लें वो उन लोगों के साथ ही रहते हैं जो सफल हैं । यदि आपका Dream एक बड़ा आदमी बनने का है लेकिन आप गली में बैठे ऐसे लोगों के साथ गप्पे मारते अपना वक्त बिता रहे हैं जिनकी सोच आपसे बिलकुल अलग है, जो छोटा सोचते हैं, और बड़े सपने देखने से डरते हैं तो आपको ऐसे लोगों से बचना चाहिए । आपको अभी एक लिस्ट बनाना होगा कि आप इस साल किन लोगों से दूरी बनायेंगे । जो लोग आपके सपनों पर हँसते हैं, और जिन्हें आपका मजाक बनाने में खुशी मिलती है उन लोगों से खुद को दूर रखना ही बेहतर है । अभी के समय में सफल लोगों के संपर्क में आना बहुत आसान है । आपको इन्टरनेट पर वो सारे लोग मिल जाएँगे जिनसे आप जुड़ सकते हैं, उनके अनुभवों से सीख सकते हैं, उन्हें फॉलो कर सकते हैं ।

Must Read : सफलता के लिए 20 गोल्डन थॉट्स

बड़े सपने देखिये लेकिन ढिंढोरा मत पिटिए

जब आप कुछ नया करना चाहते हैं या कोई ऐसा सपना देखते हैं जिसे आप पूरा कर सकते हैं तब उसे दूसरों को बताने से आपको हमेशा बचना चाहिए । आपका सपना आपकी आँखों में होना चाहिए न कि आपकी जुबान पर । लोगों को आपको निचा दिखाने का बहाना चाहिए होता है, वो हमेशा इस पल का इंतजार कर रहे होते हैं कि वो कब आपको Demotivate करें और आप अन्दर से कमजोर पड़ जाएं ।

जब आप लोगों को अपनी Dreams के बारे में बताते हैं और यदि आप किसी तरह से फेल हो जाते हैं तो ऐसा कोई भी बन्दा नहीं होता जो आपकी टांग नहीं खींचता । हर कोई आप पर हँसता है । इसलिए आपको जो कुछ भी अचीव करना है खुद को बताइए, रोज खुद से अपने सपनों के बारे में बात कीजिए, बस याद रखिये कि अपने सपनों के बारे में आपको खुद को ही बताते रहना है, जब आप उसे पूरा कर लेंगे तो लोगों को खुद ब खुद पता चल जाएगा ।

Must Read : Anti-Virus आपके दिमाग के लिए कितना जरूरी है !

टालमटोल से बचना जरूरी है

कल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में परलय होएगी बहुरि करेगा कब

हम सब बचपन से यह पढ़ते आ रहे हैं इसके बावजूद अपने जरूरी कामों को कल पर टालते हैं । जो जरूरी है उस काम को अभी पूरा कीजिए । काम को कल पर टालना आपके वर्क लोड को बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं है । आप कब तक खुद को धोखा देते रहेंगे, टालमटोल कर आप खुद को धोखा ही दे रहे हैं जबकि आपको पता है कि वो काम आपको आज नहीं तो कल करना ही है । कल पर काम को टालना बंद कीजिये और अपने आज को बनाने में जुट जाइए, क्योंकि एक-एक दिन करके ही आपका भविष्य सुनहरा होते जाएगा ।

 

सफलता के लिए 2021 में इन 4 बातों को गाँठ बाँध लें, इस लेख पर अपने विचार hamarisafalta@gmail.com पर मेल कर हम तक जरूर पहुँचायें…

 

धन्यवाद 🙂

किरण साहू

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फ़ादर फ़ॉरगेट्स – हर पिता यह याद रखे https://www.hamarisafalta.com/2020/07/%e0%a4%b9%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%af%e0%a4%b9-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%b0%e0%a4%96%e0%a5%87.html https://www.hamarisafalta.com/2020/07/%e0%a4%b9%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%af%e0%a4%b9-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%b0%e0%a4%96%e0%a5%87.html?noamp=mobile#respond Fri, 17 Jul 2020 14:00:59 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2572 हर पिता यह याद रखे – डब्ल्यू. लिविंगस्टन लारनेड  सुनो बेटे! मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ।  तुम गहरी नींद में सो रहे हो।  तुम्हारा नन्हा सा हाथ तुम्हारे नाजुक गाल के नीचे दबा है।  और तुम्हारे पसीना-पसीना ललाट पर घुँघराले बाल बिखरे हुये हैं।  मैं तुम्हारे कमरे में चुपके से दाखि़ल हुआ हूँ, अकेला।  अभी कुछ मिनट पहले जब मैं लाइब्रेरी में अख़बार पढ़ रहा था, तो मुझे बहुत पश्चाताप हुआ।  इसीलिये तो आधी रात को मैं तुम्हारे पास […]

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हर पिता यह याद रखे – डब्ल्यू. लिविंगस्टन लारनेड 

सुनो बेटे! मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ।  तुम गहरी नींद में सो रहे हो।  तुम्हारा नन्हा सा हाथ तुम्हारे नाजुक गाल के नीचे दबा है।  और तुम्हारे पसीना-पसीना ललाट पर घुँघराले बाल बिखरे हुये हैं।  मैं तुम्हारे कमरे में चुपके से दाखि़ल हुआ हूँ, अकेला।  अभी कुछ मिनट पहले जब मैं लाइब्रेरी में अख़बार पढ़ रहा था, तो मुझे बहुत पश्चाताप हुआ।  इसीलिये तो आधी रात को मैं तुम्हारे पास खड़ा हूँ, किसी अपराधी की तरह।

जिन बातों के बारे में मैं सोच रहा था, वे ये हैं, बेटे : मैं आज तुम पर बहुत नाराज हुआ।  जब तुम स्कूल जाने के लिये तैयार हो रहे थे, तब मैंने तुम्हें खूब डाँटा… तुमने टॉवेल को चहरे पर केवल एक बार थपकाया था।  तुम्हारे जूते गंदे थे, इस बात पर भी मैंने तुम्हें कोसा।  तुमने फर्श पर इधर-उधर चीज़ें फेंक रखी थीं… इस पर मैंने तुम्हें भला-बुरा कहा।

नाश्ता करते वक़्त भी मैं तुम्हारी एक के बाद एक ग़लतियाँ निकालता रहा।  तुमने डाइनिंग टेबल पर खाना बिखरा दिया था।  खाते समय तुम्हारे मुँह से चपड़-चपड़ की आवाज़ आ रही थी।  मेज़ पर तुमने कोहनियाँ भी टिका रखी थी।  तुमने ब्रेड पर बहुत सारा मक्खन भी चुपड़ लिया था।  यही नहीं जब मैं ऑफिस जा रहा था और तुम खेलने जा रहे थे और तुमने मुड़कर हाथ हिलाकर ‘‘गुडबाय, डैडी’’ कहा था, तब भी मैंने भृकुटी तानकर टोका था, ‘‘अपने कन्धों को तानकर रखो!’’

शाम को भी मैंने यही सब किया।  ऑफिस से लौटकर मैंने देखा कि तुम दोस्तों के साथ मिट्टी में घुटने टेके कंचे खेल रहे थे।  तुम्हारे कपड़े गंदे थे, तुम्हारे मोज़ों में छेद हो गये थे।  मैं तुम्हें पकड़कर ले गया और तुम्हारे दोस्तों के सामने तुम्हें अपमानित किया।  मोज़े महँगे हैं – जब तुम्हें ख़रीदने पड़ेंगे तब तुम इनका ज्यादा ध्यान रखोगे! ज़रा सोचो तो सही, एक पिता अपने बेटे का इससे ज़्यादा दिल किस तरह दुखा सकता है?

क्या तुम्हें याद है जब मैं लाइब्रेरी में पढ़ रहा था तब तुम रात को मेरे कमरे में आये थे, किसी सहमे हुये हिरण के बच्चे की तरह।  तुम्हारी आँखें बता रही थीं कि तुम्हें कितनी चोट पहुँची है।  और मैंने अख़बार के ऊपर से देखते हुये पढ़ने में बाधा डालने के लिय तुम्हें झिड़क दिया था, “कभी तो चैन से रहने दिया करो।  अब क्या बात है?” और तुम दरवाजे़ पर ही ठिठक गये थे।  तुमने कुछ नहीं कहा।  तुम बस भागकर आये, मेरे गले में बाँहे डालकर मुझे चुमा और ‘‘गुडनाइट’’ करके चले गये।  तुम्हारी नन्ही बाँहों की जकड़न बता रही थी कि तुम्हारे दिल में ईष्वर ने प्रेम का ऐसा फूल खिलाया था जो इतनी उपेक्षा के बाद भी नहीं मुरझाया।  और फिर तुम सीढि़यों पर खट-खट करके चढ़ गये।

हर पिता यह याद रखे

तो बेटे, इस घटना के कुछ ही देर बाद मेरे हाथों से अख़बार फिसल गया और मुझे बहुत आत्मग्लानि हुई।  यह आदत मेरे साथ क्या कर गई? ग़लतियाँ ढूँढने की, डाँटने-डपटने की आदत सी पड़ती जा रही है मुझे।  अपने बच्चों के बचपने का मैं यह पुरस्कार दे रहा हूँ।  ऐसा नहीं है, बेटे, कि मैं तुम्हें प्यार नहीं करता, पर मैं एक बच्चे से ज़रूरत से ज़्यादा उम्मीदें लगा बैठा था।  मैं तुम्हारे व्यवहार को अपने समय के पैमाने से तौल रहा था।

और तुम बहुत ही प्यारे हो, उतने ही अच्छे और सच्चे हो।  तुम्हारा नन्हा सा दिल इतना बड़ा है जैसे चौड़ी पहाडि़यों के पीछे से उगता सूरज।  तुम्हारा बड़प्पन इसी बात से साबित होता है कि दिन भर डाँटते रहने वाले पापा को भी तुम रात को ‘‘गुडनाइट किस’’ देने आये।  आज की रात और कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है, बेटे।  मैं अँधेरे में तुम्हारे सिरहाने आया हूँ और मैं यहाँ घुटने टिकाये बैठा हूँ, शर्मिंदा!

यह एक कमज़ोर पश्चाताप है; मैं जानता हूँ कि अगर मैं तुम्हें जगाकर यह सब कहूँगा, तो शायद तुम नहीं समझोगे।  पर कल से मैं सचमुच तुम्हारा प्यारा पापा बनकर दिखाऊँगा।  मैं तुम्हारे साथ खेलूँगा, तुम्हारी मजेदार बातें मन लगाकर सुनूँगा, तुम्हारे साथ खुलकर हँसूँगा और तुम्हारी तकलीफ़ों को बाँटूँगा।  आगे से जब भी मैं तुम्हें डाँटने के लिये मुँह खोलूँगा, तो इसके पहले अपनी जीभ को अपने दाँतों में दबा लूँगा।  मैं बार-बार किसी मंत्र की तरह यह दोहराऊंगा, “वह तो अभी बच्चा है… छोटा सा बच्चा!”

मुझे अफ़सोस है कि मैंने तुम्हें बच्चा नहीं, बड़ा मान लिया था।  परंतु आज जब मैं तुम्हें सिकुड़कर और थके हुए पलंग पर सोया देख रहा हूँ।  बेटे, तो तुझे एहसास होता है कि तुम अभी बच्चे ही तो हो।  कल तक तुम अपनी माँ की बाँहो में थे, उसके कंधे पर सिर रखे।  मैंने तुमसे बहुत ज़्यादा उम्मीदें की थीं, बहुत ज़्यादा!


 

हर पिता यह याद रखे, यह लेख डेल कार्नेगी की किताब How to Win Friends & Influence People के हिंदी अनुवाद लोक व्यवहार किताब से ली गई है जो बातचीत की कला सिखाने और जीवन में आगे बढ़ने में मदद के लिए एक बेहतरीन किताब है। यदि आपने यह किताब नहीं पढ़ी है तो मैं Recommend करूँगा कि आप डेल कार्नेगी की यह बुक जरूर पढ़ें।

बहुत-बहुत धन्यवाद 🙂

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खुशियां बांटिए अफवाहें नहीं – Inspirational Hindi Kahani https://www.hamarisafalta.com/2020/03/share-happiness-not-rumors-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2020/03/share-happiness-not-rumors-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 30 Mar 2020 14:31:19 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2510 Share Happiness not Rumors in Hindi दोस्तों, इस आर्टिकल को शुरू करने से पहले बचपन की एक पुरानी कहानी पर लौटते हैं। आसमान गिरा जंगल में सभी जंगली-जानवर बहुत प्यार से रहते थे। वे सारे सुख – दुःख एक दूसरे के साथ बांटते थे।  एक दिन मोनू नाम का एक खरगोश नारियल के पेड़ के नीचे आराम कर रहा था।  जैसे ही उसने झपकी ली, दो बड़े से नारियल के फल उसके सिर के ठीक ऊपर गिर पड़े।  मोनू फ़ौरन […]

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Share Happiness not Rumors in Hindi

दोस्तों, इस आर्टिकल को शुरू करने से पहले बचपन की एक पुरानी कहानी पर लौटते हैं।

आसमान गिरा

जंगल में सभी जंगली-जानवर बहुत प्यार से रहते थे। वे सारे सुख – दुःख एक दूसरे के साथ बांटते थे।  एक दिन मोनू नाम का एक खरगोश नारियल के पेड़ के नीचे आराम कर रहा था।  जैसे ही उसने झपकी ली, दो बड़े से नारियल के फल उसके सिर के ठीक ऊपर गिर पड़े।  मोनू फ़ौरन उठ खड़ा हुआ, उसे ऐसा लगा जैसे धरती फटने वाली हो, आसमान गिर रहा हो।  वो वहां से भागता हुआ जोर-जोर से चिल्लाने लगा, “भागो-भागो धरती फट रही है, आसमान गिर रहा है।” वो ऐसा चिल्लाता हुआ वहां से जंगल की तरफ आगे बढ़ने लगा।
उसके दूसरे खरगोश साथियों ने ये खबर सुनी और बिना किसी जांच-पड़ताल के वे सब भी मोनू के साथ चिल्लाते हुए जंगल में आगे बढ़ते चले गए।  अब अन्य जानवर जिनमें हिरन, भालू, शेर, जिराफ, सभी शामिल थे मोनू के साथ “भागो-भागो धरती फट रही है, आसमान गिर रहा है।” चिल्लाते हुए आगे बढ़ रहे थे।  ये बात जंगल में आग की तरह फ़ैल गई और सभी जानवर शहर की तरफ भागने लगे।  उस जंगल में गोपी नाम का एक समझदार सियार रहता था।  सभी को भागता हुआ देख उसने हिरन से पूछा, “आप सब इस तरह अचानक कहाँ भाग रहे हैं ? ” हिरन ने कहा, “मुझे तो भालू ने बताया कि हम पर संकट छाया है, आसमान गिर रहा है और धरती फट रही है इसलिए हम सब भाग रहे हैं।” ओह्ह गोपी ने भागते हुए भालू से पूछा, आप सब कहाँ भाग रहे हैं!!! भालू ने भी इस बारे में सटीक उत्तर नहीं दिया और अन्य जानवरों की ओर इशारा कर दिया।  घूम-फिरकर अंत में बात मोनू खरगोश पर आकर रुकी।  मोनू खरगोश से  गोपी सियार ने पूछा “आपको कैसे पता चला कि धरती फट रही है आसमान गिर रहा है!” मोनू ने जवाब दिया – “जब मैं नारियल के पेड़ के नीचे सो रहा था तब मैंने ऊपर से आसमान गिरने की आवाज सुनी और मुझे लगा धरती फट रही है।” मोनू यह बात सुनते ही समझ गया कि आखिर माजरा क्या है।  वो सभी जानवरों को लेकर उस नारियल के पेड़ के नीचे जा पहुंचा।  पेड़ के नीचे नारियल के फल गिरे हुए थे।  गोपी ने मोनू के साथ सभी जानवर को समझाते हुए कहा कि कोई आसमान नहीं गिर रहा ! कोई धरती नहीं फट रही ! नारियल गिरने पर मोनू डर  गया, उसे लगा कि  आसमान गिर रहा है और नारियल गिरने की आवाज उसके कानों में ऐसी पड़ी कि उसे लगने लगा धरती फटने वाली है।  बिना किसी पुष्टि के वह अनजाने में डरता हुआ आप सबको साथ में लेकर भागने लगा।

जब सब जानवरों ने यह बात सुनी तो सब ठहाका मारकर मोनू पर और खुद पर हंसने लगे, सभी को अपनी गलती का एहसास हो रहा था।  सबने गोपी सियार का धन्यवाद किया और अपने-अपने काम में लग गए।

दोस्तों इस कहानी की तरह ही हम सब भी अफवाहों से घिरे पड़े हैं।
आज सोशल मीडिया का जमाना है, हर किसी के फ़ोन में व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर जैसे ऐप इन्सटाल्ड हैं। हमारे फ़ोन पर कोई सन्देश आता है, हम बिना उस सन्देश की पुष्टि किये उसे आगे फॉरवर्ड कर देते हैं। उसे दूसरे लोगों के साथ साझा करते हैं, बिना यह सोचे कि एक गलत मैसेज से या बिना पुष्टि किया गया एक गलत सन्देश हमारे देश में दंगे करवा सकता है, लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़का सकता है, एक दूसरे के प्रति नफरत पैदा कर सकता है। हमारे द्वारा शेयर किये गए एक गलत मैसेज से या अफवाह को साझा करने से सब तरफ पैनिक सिचुएशन क्रिएट हो सकता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा सब तरफ खुशियां बांटिए, अफवाहों से दूर रहिए। आज हमारे पास डिजिटल शक्ति है, हम इसका कैसे इस्तेमाल करते हैं और क्या-क्या कर सकते हैं आप जानते ही होंगे लेकिन इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करना, गलत जानकारी लोगों तक पहुँचाना, बिना संदेशों की सही पुष्टि के उसे आगे फॉरवर्ड करना बहुत हद तक नुकसानदेह हो सकता है। जिस प्रकार मोनू खरगोश से बात करके अफवाह को दूर किया गया है, हम उसी प्रकार से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे अफवाहों को दूर नहीं कर सकते क्योंकि १३० करोड़ की आबादी वाले देश में अफवाह बहुत तेजी से स्प्रेड होता है और अफवाह कहाँ से फैला है उस तक पहुँच पाना सभी के लिए एक बड़ा चैलेन्ज हो सकता है इसलिए कृपया अफवाहों से दूर रहें। पैनिक सिचुएशन पैदा करने वाले संदेशों को फॉरवर्ड मत करें, ज्यादा से ज्यादा खुशियां बाँटें और खुश रहें। Share Happiness not Rumors…

पढ़ें एक से बढ़कर एक प्रेरणादायक हिंदी लेख 

कृपया कमेंट करके हमें जरूर बताएं कि Share Happiness not Rumors खुशियां बांटिए अफवाहें नहीं का यह लेख आपको कैसा लगा!

बहुत-बहुत धन्यवाद 🙂
किरण साहू

 

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Anti-Virus आपके दिमाग के लिए कितना जरूरी है ! https://www.hamarisafalta.com/2020/03/how-important-is-anti-virus-for-your-brain-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2020/03/how-important-is-anti-virus-for-your-brain-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 28 Mar 2020 12:22:55 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2501 Anti-Virus is Important For Your Brain in Hindi दोस्तों आज मैंने आपके साथ कोरोना वायरस को लेकर एक कहानी शेयर की थी। मुझे उम्मीद है कि आपने वो कहानी पढ़ी हो। आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रहा है, सब तरफ और हर समय बस एक ही बात चल रही है – कोरोना…। ये वायरस भले ही हमारी बॉडी में नहीं है लेकिन यह सबके माइंड में कुछ इस तरह बैठा है कि हम इसके अलावा कोई दूसरी चीज […]

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Anti-Virus is Important For Your Brain in Hindi

दोस्तों आज मैंने आपके साथ कोरोना वायरस को लेकर एक कहानी शेयर की थी। मुझे उम्मीद है कि आपने वो कहानी पढ़ी हो। आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रहा है, सब तरफ और हर समय बस एक ही बात चल रही है – कोरोना…। ये वायरस भले ही हमारी बॉडी में नहीं है लेकिन यह सबके माइंड में कुछ इस तरह बैठा है कि हम इसके अलावा कोई दूसरी चीज सोच भी नहीं रहे। सारे न्यूज़ चैनल्स, न्यूज़ पेपर्स, इन्टरनेट हर तरफ इसी वायरस का जिक्र है। मैं जानता हूँ कि अभी के समय में इससे बचना कितना जरूरी है, हम घरों में रहकर और सोशल डिस्टेंसिंग से इसे अपनी बॉडी में आने से रोक सकते हैं लेकिन ये तो हुई बॉडी के लेवल की बात पर हर दिन कोरोना के नेगेटिव न्यूज़ से अपने माइंड के अन्दर इसके वायरस को जाने से कैसे बचें क्योंकि कंप्यूटर में एक सिद्धांत जिसे हम GIGO (Garbage in Garbage Out) कहते हैं उसके अनुसार हम अपने माइंड को जैसे विचार देते हैं वो उसी के According एक्ट करता है। यदि हम दिमाग में कचरा भरें तो कचरा ही बाहर आएगा, यदि अच्छी चीजें फीड की जाए तो अच्छी बातें ही बाहर आएंगी।

21 दिनों के इस लॉकडाउन में क्या हम खुद से कोरोना पर ही बात करेंगे! या कुछ ऐसी चीजें भी करेंगे जिससे खुद की लाइफ में पॉजिटिव बदलाव आए। 21 दिनों में हम क्या कुछ नहीं कर सकते! अच्छी लाइफ चेंजिंग बुक्स पढ़ सकते हैं, अच्छे movies देख सकते हैं, अच्छे videos से सीख सकते हैं, अच्छी ब्लॉग रीड कर सकते हैं। कुछ नया सीख सकते हैं, घर पर रहकर अपने फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते हैं। क्वालिटी टाइम से मेरा मतलब ऐसा नहीं है कि फैमिली के हर आदमी के हाथों पर फ़ोन हो और वो अपने-अपने मोबाइल पर कोरोना की ही जानकारी पढ़ें या देखें बल्कि इसका मतलब है सब अपने फ़ोन से दूर हैं और अपने-अपने थॉट्स एक-दुसरे से शेयर कर रहे हैं।

अभी कोरोना के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है, ये बात आप सब जानते ही होंगे लेकिन आपके माइंड को सही दिशा देने के लिए बहुत सी ऐसी किताबें हैं जो आपको पूरी तरह से बदलने की ताकत रखती हैं लेकिन इसका चॉइस भी आपके हाथ में है! आपको अपनी लाइफ बदलनी है या फिर आप कोरोना की खबरों से ही खुद को चिपका हुआ पाना चाहते हैं।

मैं कुछ महीनों से ब्लॉगिंग पर एक्टिव नहीं था, क्योंकि मैं already एक business रन कर रहा हूँ जहाँ मुझे बहुत कम टाइम मिल पाता है, इसलिए मैंने अपने थॉट्स आपके साथ शेयर नहीं कर पा रहा था लेकिन इस लॉकडाउन में मुझे फिर से मौका मिला है कि मैं अपनी ब्लॉगिंग कंटिन्यू करूँ और आपके लिए कुछ वैल्यू क्रियेट करूँ।

इन 21 Days में मैं क्या कर रहा हूँ ?

  • मैं खुद को अपग्रेड करने के लिए Books पढ़ रहा हूँ।
  • रेगुलर ब्लॉग अपडेट कर रहा हूँ।
  • दूसरों को ब्लॉगिंग में हेल्प कर रहा हूँ।
  • नए वेब प्रोजेक्ट्स बना रहा हूँ।
  • अपने बिजनेस को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने के लिए प्रोजेक्ट बना रहा हूँ।
  • माँ को रसोई में खाना बनाने में मदद कर रहा हूँ।
  • दादा-दादी के साथ इन्टरनेट पर धार्मिक कथाएँ देख रहा हूँ।
  • बुक लिख रहा हूँ।
  • ऑनलाइन नॉवेल पर काम कर रहा हूँ।
  • भगवद्गीता पढ़ रहा हूँ।

ऐसे बहुत से काम हैं जो इन 21 दिनों में किये जाने वाले हैं और अभी एक अवसर है हम सबके पास कि हम कुछ बेहतर करें और घर पर रहकर अपनी लाइफ को सकारात्मकता और आध्यात्मकिता की तरफ लेकर जाएं। ये सारी चीजें एक तरह से मेरे दिमाग को खुराक दे रही हैं और मैं इसे कंटिन्यू और रेगुलर कर रहा हूँ ताकि ये एक आदत का रूप ले और मैं इसे हमेशा कर सकूं।

 

इन 21 दिनों में मैं क्या नहीं कर रहा !

  • घर से बिलकुल बाहर नहीं निकल रहा।
  • पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग।
  • सोशल मीडिया और बेकार की ख़बरों से बचना।
  • बार-बार मोबाइल पर व्हाट्सऐप चेकिंग बंद।

दोस्तों हर वायरस के लिए भी  एक Anti-Virus भी होता है। इस समय आपके लिए ऐसा कौन-सा Anti-Virus है जो आपके दिमाग में कोरोना का कचरा भरने नहीं देगा। आप ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे आप खुद को अपग्रेड कर सकें। Anti-Virus आपको खुद बनाना है और आपकी लाइफ को नेक्स्ट लेवल पर लेकर जाना है।

 

बहुत बहुत धन्यवाद 🙂

किरण साहू

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ब्लॉगिंग – The End ? https://www.hamarisafalta.com/2020/03/blogging-the-end-hindi-%e0%a4%ac%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%89%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%97.html https://www.hamarisafalta.com/2020/03/blogging-the-end-hindi-%e0%a4%ac%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%89%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%97.html?noamp=mobile#respond Fri, 27 Mar 2020 03:30:15 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2492 Blogging The End ? ब्लॉगिंग का अंत ? दोस्तों, जनवरी 2014 को मैंने इस ब्लॉग की शुरूआत की थी, सोचा था कि इस साईट को भारत के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले प्रेरणादायक हिदी ब्लॉग में शामिल करूँगा और वेबसाइट के शुरूआत से ही मैं इस कोशिश में था। रेगुलर कॉन्टेंट अपडेट करना और अच्छे से अच्छे लेखों को शामिल करना मेरा मकसद था। इस साईट के आर्टिकल्स ने सैकड़ों हजारों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। मैं […]

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Blogging The End ? ब्लॉगिंग का अंत ?

दोस्तों, जनवरी 2014 को मैंने इस ब्लॉग की शुरूआत की थी, सोचा था कि इस साईट को भारत के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले प्रेरणादायक हिदी ब्लॉग में शामिल करूँगा और वेबसाइट के शुरूआत से ही मैं इस कोशिश में था। रेगुलर कॉन्टेंट अपडेट करना और अच्छे से अच्छे लेखों को शामिल करना मेरा मकसद था। इस साईट के आर्टिकल्स ने सैकड़ों हजारों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। मैं समझता हूँ  कि इस साईट की सहायता से किसी एक व्यक्ति के जीवन में भी पॉजिटिव changes आता है तो मैं अपने जीवन को सार्थक समझूंगा।

मैं जानता हूँ कि मैंने “हमारी सफलता”  के पाठकों को निराश किया है, मैं उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया और इसका मुझे बहुत दुःख है। कई महीनों से ब्लॉगिंग से दूर रहना, साईट पर किसी तरह का कोई अपडेट न देना और आपके सवालों या कमेंट्स का रिप्लाई न दे पाना, और आपसे न जुड़ पाना मेरी बड़ी गलतियों में से एक है और अब से मैं अपनी गलतियों को न दोहराने और उन्हें सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।

जरूर पढ़ें :यह वरदान है या फिर अभिशाप

लम्बे समय तक ब्लॉगिंग से दूर – कोई बड़ी Reason ?

जब से मैंने ब्लॉगिंग शुरू किया, तब से लेकर आज तक मैंने सैकड़ों दुसरे bloggers को भी उनकी साईट से सम्बन्धित हेल्प की है, चाहे वो तकनीकी से सम्बंधित समस्याओं के लिए हो या फिर उनके आर्टिकल्स से सम्बन्धित… दुसरे bloggers की टेक्निकल problems को solve करने में मेरा काफी समय जाता था इसलिए मैंने कुछ Paid सेवाएँ भी शुरू की जिसके कारण मेरा ज्यादातर फोकस तकनीकी चीजों पर ही रहा और मैंने ब्लॉगिंग कम कर दी। लेकिन लिखने का कीड़ा खत्म नहीं हुआ, हांलाकि मैं ब्लॉगिंग से दूर था पर इस बीच मैंने कुछ कहानियाँ लिखीं और जल्दी ही मेरी किताब भी आपके सामने आ सकती है जिस पर मैं बहुत दिनों से काम कर रहा हूँ।

एक सबसे बड़ा कारण जिससे मैं ब्लॉगिंग से दूर रहा वो था मेरा बिजनेस। मैंने MealV.Com भारत की पहली ऑनलाइन स्ट्रीट फ़ूड सेवा शुरू की, जिसके द्वारा हम अपने लोकल एरिया में ऑनलाइन चाय, स्नैक्स व खाना डिलीवर करते हैं साथ ही हम अलग-अलग स्ट्रीट फ़ूड वेंडर्स/पार्टनर्स तैयार कर रहे हैं… इसके सम्बन्ध में एक पूरा पोस्ट आपके लिए इस वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा ताकि आप भी अपने लोकल एरिया में इस प्रकार का कोई नया स्टार्टअप शुरू कर सकें और एक अच्छे बिजनेस की शुरुआत कर सकें।

क्या ब्लॉगिंग का अंत आ गया है ?

सैकड़ों लोग मुझसे पूछते हैं कि आप जैसे पुराने bloggers जब ब्लॉगिंग से दूर हैं और अब जब सब जगह YouTube का ही जलवा है तो क्या ब्लॉगिंग का अंत आने वाला है! मेरा सीधा और सरल उत्तर होता है, ब्लॉगिंग जीवन पर्यन्त साथ चलेगा और इसका कभी अंत नहीं हो सकता।

हांलाकि लोग आज YouTube Videos पर ज्यादा समय बिता रहे हैं, और Videos के माध्यम से नॉलेज गेन कर रहे हैं लेकिन ब्लॉगिंग का अपना ही एक अलग महत्व है। जो लोग इस बात को समझते हैं कि लाइफ में पढ़ना कितना जरूरी है वो लोग जानते हैं कि जब आप पढ़ते हैं तो आपकी इमेजिनेशन पॉवर काम करना शुरू कर देती है, आप पढ़ते हुए खुद को उस जगह पर पाते हैं लेकिन जब आप Videos Format में कोई कंटेंट watch करते हैं तब आपके सामने हर एक चीज प्रदर्शित होती है और आपका माइंड उन चीजों को व्युज्व्लाइज नहीं कर पाता।

जितने लोग भी सफल हैं और सफल होना चाहते हैं वो हर दिन अपनी सफलता की दर को कई गुना बढ़ाने के लिए खूब पढ़ते हैं इसलिए ब्लॉगिंग का फ्यूचर हमेशा ब्राइट है।

गूगल ने बताया है कि हमारे देश में अंग्रेजी के मुकाबले हिंदी में अच्छे गुणवत्ता वाले लेखों की बहुत कमी है। Internet पर अंग्रेजी में 70% अच्छे क्वालिटी कंटेंट उपलब्ध हैं वहीँ हिंदी में सिर्फ 5 से 6 % ही अच्छे लेख उपलब्ध हैं। यही समय है जब आप इस बड़े गेप को भरकर आगे बढ़ सकते हैं और ब्लॉगिंग में सफलता का परचम लहरा सकते हैं। अच्छे लेखों से इन्टरनेट पर अपनी पहचान कायम कीजिए, कभी भी ये मत सोचिये कि ब्लॉगिंग का अंत आ गया है, अभी तो शुरुआत हुई है, आपको अच्छे से अच्छे लेख अपने ब्लॉग में शामिल करने हैं और एक दिन ऐसा आएगा जब आपके लेखों से हजारों-लाखों लोगों की लाइफ में वैल्यू आएगी और आपके आर्टिकल्स उनके जीवन की दिशा बदल रहे होंगे।

जरूर पढ़ेंअसफलता के 20 प्रमुख कारण

क्या मैं ब्लॉगिंग कंटिन्यू करूँगा ?

आज से हमारी सफलता डॉट कॉम पर हर दिन आपको नए आर्टिकल्स पढ़ने को मिलेंगे और हम नियमित रूप से इस साईट को अपडेट करेंगे साथ ही हम इसके एंड्राइड ऐप को भी फिर से कंटिन्यू करेंगे ताकि नए लेखों को आप सीधे अपने फ़ोन पर प्राप्त कर सकें। मैं हमारे पाठकों को निराश नहीं करूँगा और अब से हम नियमित रूप से नए लेख प्रकाशित करेंगे और आपको शिकायत का मौका नहीं देंगे। उम्मीद है हम सब मिलकर इस साईट को फिर से उसी मुकाम पर लेकर जाएं, जो सपना हमने इस साईट के लिए देखा था उसे मिलकर पूरा करें और सब एक साथ, एक होकर सफलता की तरफ अपने क़दमों को बढ़ाएं….

बहुत-बहुत धन्यवाद

किरण साहू

 

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Mentally Preparation For Success in Hindi

सफलता की तैयारी का सबसे पहला कदम अपना माइंडसेट ऐसा बनाना है , जो आपको सफलता की ओर लेकर जाता हो ।

‘मन के हारे हार है और मन के जीते जीत ‘ वाला कथन भले ही पुराना हो लेकिन यह आपकी सफलता में आपकी माइंडसेट की भूमिका के मामले में आज भी प्रासंगिक है । आपकी अप्रोच ही किसी क्षेत्र में आपकी सफलता या विफलता को तय करती है । तो आज जानिए कुछ ऐसी ही अप्रोचेज़ के बारे में , जो आपको बिजनेस तो क्या , जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए  बेहद मददगार साबित होंगी । इसे हम अपनी लाइफ में अप्लाई करने की कोशिश करते हैं

अक्सर आप पढ़ते होंगे कि इन्सान जैसा सोचता है , वह वैसा ही बनता जाता है । यदि किसी की सोच पॉजिटिव है तो उसकी अप्रोच में भी उसका असर झलकने लगता है और वह अवसरों की तलाश करने लगता है । लेकिन अगर किसी का माइंडसेट ही निगेटिव है तो उसे हर काम में खामियां ही दिखाई देती हैं । उसे लगातार विफलता का डर सताता रहता है । इस अप्रोच के चलते या तो वह कोई प्रोजेक्ट हाथ में लेता ही नहीं है या फिर विफलता का सोच-सोच कर उसे अच्छी तरह पूरा करने का प्रयास ही नहीं कर पाता । बिजनेस में सफलता के लिए जरूरी है आप लक्ष्यों , क्षमताओं व भविष्य को लेकर आशान्वित रहें ।

क्या आप हैं सही ?

आपकी सोच और अप्रोच इस बात पर निर्भर करती है कि प्रोजेक्ट को हाथ में लेते हुए या किसी भी टारगेट को तय करते हुए आप अपने आप से क्या बातें करते हैं ? कहा जाता है कि आप खुद के सफल होने या विफल होने के बारे में से जो भी बात खुद से  करते हैं , वह अक्सर सही ही साबित होती है । सामने आई चुनौतियों को लेकर खुद को बरगलाने के बजाय उन्हें स्वीकार करके उनसे उबरने का निश्चय जताएगें , तो जीत निश्चित तौर पर आपकी ही होगी।

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खुद पर है भरोसा

सफलता की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए जरूरी है कि आप अपनी क्षमतायों को एकजुट करें । अब ये क्षमताएं आपकी अपनी अंदरूनी भी हैं और टीम मेंबर्स की भी । टीम मेंबर्स को मोटिवेट तब कर पाएंगे , जब खुद आत्मविश्वास से भरे हुए दिखेंगे । सबसे पहले तो खुद अपनी क्षमतायों पर भरोसा जताएं । अपनी पिछली विफलता को हावी होने देने के बजाय , खुद अपने प्लान पर विचार करते हुए अपने आप को इस दिशा में कदम बढाने के लिए तैयार करें । इस तरह से आप बाकियों को भी अपने साथ लेकर चलने में सक्षम हो सकेंगे ।

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स्वीकारें उतार-चढ़ाव

बिजनेस में बने रहने के लिए और लगातार बढ़ते रहने के लिए स्वीकृति कि अप्रोच सबसे जरूरी है । यह सबसे पहले स्वीकार करें कि बिजनेस में हर दिन एक सा नहीं रहने वाला है । अगर आपने अब तक विफलता ही देखी है या अब तक अगर आपके हाथ हमेशा सफलता ही लगी है तो कोई जरूरी नहीं कि कल भी ऐसा ही होने वाला है । आपको यहाँ अपने बेस्ट की उम्मीद तो रखनी है लेकिन किसी भी वर्स्ट (बुरे) के लिए तैयार भी रहना है । इससे आप ज्यादा निर्भय रहेंगे ।

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अंधेरे में तीर न चलायें

भले ही कई लोगों को अचानक सफलता मिल चुकी हो , लेकिन अपने आप को ऐसे भाग्यशालियों की कतार में मानते हुए अंधेरे में तीर न चलायें । सफलता की तैयारी के लिए जरूरी है कि आपके सामने लक्ष्य स्पष्ट हों । आपको पता होना चाहिए कि आपको क्या हासिल करना है ? लक्ष्य तय होने पर ही आप अपनी टीम के सामने इसे रख पाएंगे । इसलिए सफलता के सिर्फ ख्वाब न देखें , प्लानिंग भी करें , वर्ना टीम का विश्वास आप पर से हिलने लगेगा ।

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जल्दबाजी नहीं चलेगी

एक-दो महीनें में कोई खास Income न होती देखकर स्टोर बंद करते हुए आपने कईयों को देखा होगा । यही नहीं किसी रणनीति के तुरंत प्रभावी न  होने पर उसमें जल्दी-जल्दी बदलाव करने वाले भी कई लोग मिल जायेंगे । यह अप्रोच बिजनेस के लिए अच्छी नहीं है । आपको बाज़ार को समझना होगा और खुद को इसमें स्थापित होने के लिए थोड़ा वक्त भी देना होगा ।एक जगह छोड़ दूसरी जगह भागने की होड़ न ही करें ।

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आप पढ़ रहे हैं : Mentally Preparation For Success in Hindi

बन गए बिजनेसमैन

बिजनेस में नकारात्मक ठहराव उस समय में आना शुरू हो जाता है , जब आप यह मानकर बैठ जाते हैं कि अब मेरा बिजनेस स्थापित हो गया है । हर दम नया करते रहने की बेकार मेहनत अब कोई जरुरी नहीं रह गई । खुद को बाज़ार में हमेशा प्रासंगिक बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप बिजनेस में समय के साथ कुछ न  कुछ  नयापन लेते रहें , वरना Competitors को आप पर हावी होते देर नहीं लगेगी ।

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डर का करें सामना

आखिर क्यों आप किसी ऐसे ही फिल्ड में उतरना चाहते हैं , जहां नियमित रूप से एक बंधा बंधाया रेवेन्यु आना ही है ? आप क्यों कोई ऐसा क्षेत्र चुनने की हिम्मत नहीं जुटा पाते , जिसमे आपकी मास्टरी है लेकिन उसका मार्किट अभी ज्यादा स्थापित नहीं है । विफलता को लेकर जो डर आपके मन में बैठे हुए हैं , उनका सामना करें । शायद आप दुनिया को कुछ नया दे दें ।

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जलन नहीं लगन हो

किसी छोटे से लेकिन यूनिक बिजनेस को आसमान की बुलंदियों पर ले जाने वालों की सबसे अहम अप्रोच यह होती है कि उनमें अपने काम को लेकर लगन होती है , किसी दूसरे की सफलता को देखकर कभी जलिए नहीं । बिजनेस में अगर लॉन्ग टर्म सक्सेस चाहते हैं तो अपने आप में जलन नहीं , बल्कि लगन की भावना लाएं । इससे आप शांत तो रहेंगे ही साथ ही नई चीजे भी सीखेंगे ।

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बिजनेस में अपनाएं डिसीजन टेक्निक https://www.hamarisafalta.com/2019/08/decision-making-in-business-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2019/08/decision-making-in-business-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 22 Aug 2019 04:26:16 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2437 Decision Making in Business in Hindi बिजनेस में सारा खेल आपकी डिसीजन मेकिंग की क्षमताओं का है । सही डिसीजन सही समय पर ले पाए तो आपकी चांदी है , वरना कितने ही संसाधन जुटा लें , कुछ नहीं कर पाएंगे । डिसीजन मेकिंग को बेहतर बनाने के लिए इसे एक प्रक्रिया के तौर पर लें , जिसके लिए आपको कई स्टेप्स फॉलो करने हैं । किसी पुराने बिजनेस पार्टनर से अलग करना या किसी नई कंपनी का अधिग्रहण कर […]

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Decision Making in Business in Hindi

बिजनेस में सारा खेल आपकी डिसीजन मेकिंग की क्षमताओं का है । सही डिसीजन सही समय पर ले पाए तो आपकी चांदी है , वरना कितने ही संसाधन जुटा लें , कुछ नहीं कर पाएंगे । डिसीजन मेकिंग को बेहतर बनाने के लिए इसे एक प्रक्रिया के तौर पर लें , जिसके लिए आपको कई स्टेप्स फॉलो करने हैं ।

किसी पुराने बिजनेस पार्टनर से अलग करना या किसी नई कंपनी का अधिग्रहण कर लेना….किसी पुरानी नीति को हटा देना या किसी नीति विशेष पर टिके रहना । ऐसे कितने ही फैसले Entrepreneurs को बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए लेने पड़ते हैं कई बार देखा जाता है कि बिजनेस पर्सन्स अपने मौजूदा स्थिति का सही तरह से आकलन ही नहीं कर पाते हैं और जल्दबाजी में गलत फैसला ले लेते हैं । ऐसा होने देने से बचने के लिए अपनाएं डिसीजन टेक्निक्स ।

आपके साथ हम इन स्टेप्स को नीचे साझा कर रहे हैं :

क्या है मुद्दा

बिजनेस में डिसीजन मेकिंग में सबसे बड़ी समस्या तब आती है , जब आपको यह स्पष्ट ही नहीं होता कि आपको किस मुद्दे पर फैसला लेना है और अपने आप को इस मुद्दे के किस हिस्से तक सीमित रखना है । जो भी आपकी समस्याएं हैं , उसे सबसे पहले अपने सामने लिखकर रखें , उस पर गौर करें कि क्या यही वह चीज है , जिसे आप अपने इस फैसले के जरिए बदलना चाहते हैं ?

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लक्षण नहीं, पकड़ें जड़

बिजनेस में जिस भी समस्या से आप दो-चार हो रहे हैं , उसके लक्षणों पर ही गौर न करते रहें । लक्षण आप देख चुके हैं तभी तो आपको समस्या की मौजुदगी के बारे में पता है । अब आपको इस समस्या की जड़ पर गौर करना है । आपको देखना है कि इसके कारण क्या-क्या हैं ? इन कारणों को भी अपने सामने लिखें । इससे आप समझ पाएंगे कि आपको किस-किस चीज से निपटना है ? तब आपकी अप्रोच सही दिशा में जाएगी ।

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न हो शंका

बिजनेस में डिसीजन मेकिंग में उस समय स्थिति अपंग जैसी हो जाती है, जब आप ‘क्या होगा यदि’…..वाली स्थिति में फंस जाते हैं । इस स्थिति में आप अपने हर कदम को नकारात्मक परिणाम से जोड़कर ही देखते रहते हैं और इसी में उलझते जाते हैं । कोई भी फैसला नहीं ले पाते । इस स्थिति से बचने के लिए इन विकल्पों से जुड़ी संभावनाओं पर तर्कसंगत तरीके से गौर करें । यदि खुद स्थिति समझने में समस्या आये तो सलाह लें । तब आप सहजता से फैसला ले पाएंगे ।

Decision Making in Business in Hindi बिजनेस डिसीजन मेकिंग पर लेख 

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चर्चा है जरूरी

फैसला लेते समय अपने टीम के साथियों से विचार विमर्स कर लेना अच्छा रहता है, क्योंकि तब आपको कई लोगों के ओपीनियन मिल जाते हैं । डिसीजन मेकिंग की यह प्रक्रिया फैसला ले लिए जाने तक सीमित नहीं रहती । इसे बेहतर बनाने के लिए प्रभावी क्रियान्वयन भी आपको सूनिश्चित करना होगा । इसलिए समय-समय पर इसके क्रियान्वयन के मुद्दे पर भी टीम के बीच चर्चा करते रहें , ताकि प्रक्रिया अंत तक सफल भी हो , सिर्फ कागजों में न रह जाए ।

समस्या का हल खोजते समय उसके हर पहलू पर अच्छी तरह से गौर करें ।

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अब सोचें हल

एक बार समस्या और इसकी वजहें स्पष्ट हो जाने के बाद आप आसानी से इसके हलों  के बारे में विचार कर सकते हैं । हल सोचते हुए अपने सामने मौजूद विकल्पों पर गौर करें । इन विकल्पों पर विचार करते हुए अपने मुल्य लक्ष्य को ध्यान में जरुर रखें । कोई ऐसा विकल्प न चुन लें , जो आपके लक्ष्य से ही मेल न खाता हो  । इस दौरान आप अपने साथियों की मदद ले सकते हैं , लेकिन लक्ष्य को पूरी तरह से स्पष्ट रखना बेहद जरूरी है ।

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बिजनेस में अपने मन से आलोचना के डर को निकालें https://www.hamarisafalta.com/2019/08/remove-fear-of-criticism-from-your-mind-in-business-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2019/08/remove-fear-of-criticism-from-your-mind-in-business-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 21 Aug 2019 06:48:06 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2434 Remove fear of criticism from your mind in business in hindi बिजनेस में आपको कई बार आलोचना का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन इससे डरे नहीं । बिजनेस में विभिन्न टीम मेम्बर्स या सीनियर्स की ओर से आने वाली आलोचनाओं का डर न पालें । इन्हें स्वीकार करें । बिजनेस में ऐसे कई मौके आयेंगे , जब आपको आपकी किसी policy , Sales के प्रदर्शन, Leadership या किसी अन्य बात को लेकर टीम मेम्बर्स या पार्टनर्स की आलोचना का […]

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Remove fear of criticism from your mind in business in hindi

बिजनेस में आपको कई बार आलोचना का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन इससे डरे नहीं ।

बिजनेस में विभिन्न टीम मेम्बर्स या सीनियर्स की ओर से आने वाली आलोचनाओं का डर न पालें । इन्हें स्वीकार करें ।

बिजनेस में ऐसे कई मौके आयेंगे , जब आपको आपकी किसी policy , Sales के प्रदर्शन, Leadership या किसी अन्य बात को लेकर टीम मेम्बर्स या पार्टनर्स की आलोचना का सामना करना पड़ सकता है । ऐसी स्थिति पैदा होने पर अपना आपा खोने या खुद का जबरन बचाव करने से अच्छा है कि इसे प्रैक्टिकल तरीके से हैंडल करें । आलोचनाओं से मत डरिये, जब आप आलोचनाओं से डरते हैं तब चीजें खुद ब खुद तकलीफदेह होनी शुरू हो जाती हैं, जब आप आलोचनाओं से नहीं डरते तो आप अपने लिए बेहतर राह का चुनाव करते हैं ।

आलोचना का कारण

आलोचना पर गौर करते हुए यह जरुर जान लें कि यह आलोचना आखिर किस वजह से हो रही है ? कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई एक व्यक्ति दुसरे की खामी निकालने के लिए ही ऐसा कर रहा हो ! यह पता लगाने के बाद आप समझ पाएंगे कि आलोचना सकारात्मक ढंग से की जा रही है या सिर्फ कमियां निकालने के लिए । इससे बेहतर समझ बना पायेंगे ।

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सुनें पूरी बात

बहुत से लोग अपनी आलोचना सुनने की शुरूआत में ही आपा खो बैठते हैं और इससे मिलने वाली किसी नई राह तक पहुँच ही नहीं पाते । ऐसा बिलकुल ना करें । सामने वाली की पूरी  बातें सुनें ।

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सोचें निष्पक्ष होकर

बहुत बार आपकी आलोचना करने वाले लोग आपकी नीतियों की गहरी खामियां गिनवा जाते हैं । इस पर निष्पक्ष होकर सोचें । यदि वाकई यहाँ कमजोरी ह तो क्यों न इस कमजोरी को दूर किया जाए ।

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रखें जरुर बात

यदि आलोचना करने वाले से सहमत नहीं हैं तो अपना पक्ष रखें । हो सकता है सामने वाले को समझने में गलती लगी हो । अगर आप आलोचना के आधार पर कुछ सुधार लेट हैं, तो उन्हें बताएं।

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कामयाब होने के लिए 5 खास गुर Success Tips in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2019/08/5-best-success-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2019/08/5-best-success-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 21 Aug 2019 04:32:22 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2430 5 Best Success Tips in Hindi अरबपती रे डालियो बता रहे है कि किस तरह से व्यक्ति कुछ खास आदतों को अपनाकर अपने जीवन में तेजी से सफलता प्राप्त कर सकता है । रे डालियो का नाम वॉलस्ट्रीट में काफी इज्जत से लिया जाता है । वह मैनेजमेंट को लेकर एक अलग ही अप्रोच काम में लेते हैं । उन्होंने अपनी कंपनी ब्रिजवाटर Associates को दुनिया का सबसे बड़े हेज फंड में तब्दील कर दिया । इसकी संपत्ति 160 बिलियन […]

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5 Best Success Tips in Hindi

अरबपती रे डालियो बता रहे है कि किस तरह से व्यक्ति कुछ खास आदतों को अपनाकर अपने जीवन में तेजी से सफलता प्राप्त कर सकता है ।

रे डालियो का नाम वॉलस्ट्रीट में काफी इज्जत से लिया जाता है । वह मैनेजमेंट को लेकर एक अलग ही अप्रोच काम में लेते हैं । उन्होंने अपनी कंपनी ब्रिजवाटर Associates को दुनिया का सबसे बड़े हेज फंड में तब्दील कर दिया । इसकी संपत्ति 160 बिलियन डॉलर है । डालियों अपनी कम्पनी को रेडिकल ट्रांसपेरेंसी थ्योरी पर चलाते हैं । कम्पनी में सभी मीटिंग्स और Interviews को रिकॉर्ड करके सुरक्षित रखा जाता है । जरूरत होने पर कोई भी Employee किसी विषय पर अपना पक्ष रख सकता है । ब्रिजवाटर के हर Employee को उनके द्वारा लिखे गये 123 पेज के मेन्युअल की कॉपी दी जाती है । आइये जानते हैं , उन खास आदतों के बारे में जिन्हें डालियो सफलता के लिए बहुत जरूरी मानते हैं ।

लक्ष्य के लिए सबकी राय लें

बचपन से ही डालियो ने निवेश करना शुरू कर दिया था । वह फौर्च्युन मैग्जीन में आने वाले कुपन्स को काटते थे और फौर्च्युन 500 companies की वार्षिक रिपोर्ट्स के लिए भेजते थे । इससे उनकी बाज़ार के प्रति समझ काफी बढ़ गई । वह लक्ष्य प्राप्ति के लिए सबकी मदद लेने में विश्वास करते हैं। एम्प्लाइज को मैनेज करते समय भी वह सबकी बातों को ध्यान से सुनते हैं । वह कहते हैं कि लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास से काम लेना चाहिए ।

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समझदार लोगों के साथ रहें

डालियो कहते हैं कि वह समझदार लोगों के साथ रहना पसंद करते हैं । वह कहते हैं कि आपको प्रेरित करने वाला इन्सान कोई भी हो सकता है । ज्ञान कहीं से मिल सकता है । इसलिए किसी व्यक्ति या वस्तु को बेकार नहीं समझना चाहिए । जब आप नई–नई चीजों को अपने जीवन में उतार लेते हैं तो सफलता की संभावना भी बढ़ने लगती है । आपको अपनी सोच को खुला रखना चाहिए । इससे आपका विकास होता है ।

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खुद के लिए काम करें  

डालियो कहते हैं कि इंसान को हमेशा खुद के लिए काम करना चाहिए । दुसरे लोगों को खुश करने के लिए काम करने से कभी फायदा नहीं होता । सफल होने के लिए इंसान को मोटिवेशन की जरूरत होती है । यह मोटिवेशन खुद के लिए काम करने से ही मिलता है । अगर आप खुद को खुश रखने के लिए काम करेंगे तो जीवन में कभी भी निराश नहीं होंगें ।

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गलतियों से सीखें

डालियो कहते हैं कि जब भी मुझे विफलता मिलती है तो मैं पता करता हूँ कि गलती कहाँ हुई । गलती पता लगने के बाद मैं आसानी से खुद में सुधार कर सकता हूँ । इससे भविष्य में सही फैसले लेने में भी मदद मिलती है । अगर आप अपनी विफलता का सही तरीके से विश्लेषण नहीं कर पाएंगे तो आपको कभी भी सफलता नहीं मिल पाएगी ।

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हर निर्णय पर करें विचार

डालियो ब्रिजवाटर को इतना सफल इसलिए बना पाए, क्योंकि कोई भी निर्णय लेने से पहले वह रिस्क को काफी कम कर लेते थे । वह कहते हैं कि कई बार आप तय नहीं कर सकते कि चींजे किस दिशा में आगे बढेंगी, तब आपको खुद को नेगेटिव प्रभावों से बचाकर रखना चाहिए । खुद को बड़ी मुश्किल में डालने वाले फैसले लेने से बचिए ।

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हर दिन को प्रोडक्टिव बनाने के लिए करें ये खास जतन https://www.hamarisafalta.com/2019/08/how-to-be-productive-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2019/08/how-to-be-productive-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 21 Aug 2019 03:25:47 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2427 How to be Productive in Hindi दिन को प्रोडेक्टिव बनाने का मतलब होता है कि आप कम से कम समय में अच्छे से अच्छा कम कर सकें और एक Smart तरीके से कम कर सकें । देखा जाता है कि हममें से कई लोगों के सामने एक बहुत बड़ी समस्या आती है कि हम पूरा दिन काम तो करते हैं लेकिन किसी भी काम को सही तरीके से अंजाम नहीं दे पाते । विशेषकर जब बिजनेस के शुरूआती दिनों में […]

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How to be Productive in Hindi

दिन को प्रोडेक्टिव बनाने का मतलब होता है कि आप कम से कम समय में अच्छे से अच्छा कम कर सकें और एक Smart तरीके से कम कर सकें । देखा जाता है कि हममें से कई लोगों के सामने एक बहुत बड़ी समस्या आती है कि हम पूरा दिन काम तो करते हैं लेकिन किसी भी काम को सही तरीके से अंजाम नहीं दे पाते । विशेषकर जब बिजनेस के शुरूआती दिनों में हमे अक्सर इस बात का एहसास होता है कि दिनभर काम करने के बाद भी हम उस दिन का टारगेटको  हासिल नही कर सके । नतीजा यह निकलता है कि आप लक्ष्य से भटक जाते हैं और परेशानियों का समाधान करने कि बजाय उनसे भागने लगते हैं । यदि आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप अपने प्रत्येक दिन को खास और सफल बना सकते हैं ।

ऑर्गनाइज तरीके से करें कार्य

अपने काम को सक्सेसफुल बनाने के लिए सही प्लानिंग और चिंतन बहुत जरुरी है । जैफ बेजोस, वॉरेन बफे या फिर बिल गेट्स इन सभी का मानना है बिजनेस की सफलता का राज हर दिन तय किये जाने वाले लक्ष्यों से जुड़ा रहता है । इसलिए किसी बड़े लक्ष्य तक पहुचने के लिए सबसे जरूरी है आप हर दिन के लिए निश्चित लक्ष्य तय करें । सफलता के लिए प्लानिंग और चिन्तन की बहुत आवश्यकता होती है । इसके लिए एक मीटिंग करें, उन सभी लोगों के साथ जिनके साथ आप काम करते हैं । उन्हें सुगठित करें और इस मामले पर बातचीत करके इसका हल निकालें ।

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उत्साहित रहें

जीवन में उत्साहित रहना भी बेहद जरूरी है । उत्साहित रहने के लिए जरूरी है कि आप लम्बे समय तक एक ही कार्य न करें । इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आप अपने काम को बदल लें, हमारा मतलब आपके काम करने के तरीकों को बदलना है, ऐसे तरीके ढूंढें जिससे आप अपने काम को बेहतर बना सकते हों साथ ही काम का शेड्युल बनाते समय यह ध्यान दें कि आपके हर दिन का कार्य अलग हो ताकि कार्य के प्रति जोश बना रहें ।

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टारगेट को करें फ़ोकस

अपने दिन को प्रोडेक्टिव बनाने के लिए सबसे ध्यान देने वाली बात यह रहती है कि हमें एक ही चीज पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए । एक समय में एक ही काम पर फ़ोकस करना चाहिए, भले ही दिन में हमें चार काम होते हों परन्तु जिस काम को आप जिस समय कर रहे हो उस समय उसी एक चीज पर अपना शत प्रतिशत ध्यान केन्द्रित कीजिये। क्वालिटी वर्क करने के लिए जरूरी है कि तय किये हुए लक्ष्य से आपका ध्यान भटकना नहीं चाहिए । यकीन मानिए कि ऐसा करने से अब जो रिजल्ट आप पाएंगे वो पहले से बेहतर होगा ।

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स्वास्थ्य का सही रहना जरूरी

जीवन में जिस प्रकार काम बहुत जरूरी होता है ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन में स्वास्थ्य भी बहुत जरूरी होता है । अगर आप किसी दिन थोड़े-बहुत बीमार हैं तो उस दिन काम पर ज्यादा ध्यान ना दें क्योंकि आप उस दिन भी काम पर ज्यादा ध्यान देते है तो, ना तो आपका काम ही ठीक से हो पायेगा और ना ही आप स्वस्थ्य हो पाएंगे । इसीलिए पहले आप आराम करें और जब बिलकुल ठीक हो जाएँ उसके बाद काम को करना शुरू करें।  आप अपने सेहत को गंवाकर सफल भी हो जाएँगे तो ऐसी सफलता किस काम की । स्वास्थ्य है तो आप हैं और आप हैं तो सब है.. इसलिए पहले अपने हेल्थ का ध्यान  रखें, स्वस्थ होने पर सफलता के लिए किया गया हर प्रयास आपको बेहतर परिणाम देगा।

नोट : यह लेखक पत्रिका से प्रेरित है ।

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स्मार्ट वर्क | अच्छी आदत 

हर व्यक्ति चाहता है कि वह स्मार्ट वर्क करे। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने अन्दर कुछ ख़ास आदतों को अपनाएं। आइये इस लेख में हम जानते हैं देश-दुनिया की नामी कम्पनियों के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर से स्मार्ट वर्क के लिए कुछ ख़ास टिप्स।

 

चीजें लिखना शुरू करें

राजू वनपला (फाउंडर वे टू एसएमएस)

Image Courtesy : YourStory

Way2SMS के Founder वनपला का कहना है कि वे Personal development किताबों की बजाय स्टार्टअप फाउंडर्स के ब्लॉग्स पढ़ना पसंद करते हैं। स्टार्टअप्स stories पढ़कर उन्हें लगता है कि एक कम्पनी को कैसे मैनेज किया जा सकता है और कम्पनी को आगे बढ़ाने के लिए किन लोगों को hire किया जाना चाहिए। राजू वनपला कहते हैं, मैं जीवन से जुड़ी हर चीज को एक नोटबुक में लिखता हूँ। मैं एक वीक में एक नोटबुक लिखकर पूरा ख़त्म कर देता हूँ। इस नोटबुक में हर तरह की बातें लिखी होती हैं। इससे मुझे खुद के लक्ष्यों को रिव्यु करने में बहुत मदद मिलती है। मैं यह देख पाता हूँ कि जो मेरे लक्ष्य हैं वह मुझसे कितने दूरी पर हैं और मैं यह क्लियर कर पाता हूँ कि मैं लक्ष्य तक पहुँचने में कौन-कौन सी गलतियाँ कर रहा हूँ और उन गलतियों को कैसे सुधारा जा सकता है। आजकल नोट्स बनाने के लिए जरूरी नहीं कि आप कोई डायरी का सहारा लें, आप अपने फ़ोन में डेली नोट्स लिखकर सेव कर सकते हैं, इसके लिए बहुत सारे एप्स आपको अपने फ़ोन के ऐप स्टोर में मिल जाएँगे।

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बाहरी लोगों से भी रखिए संपर्क

Image Courtesy : livemint.com

पेप्सिको इंडिया के पूर्व सीईओ डी. शिवकुमार कहते हैं कि हर व्यक्ति के पास 24 घंटे होते हैं, पर हर एक सीईओ को इसका बहुत अच्छी तरह इस्तेमाल करना होता है। इसलिए कंपनी का मैनेजर होने के नाते आपको अपने मीटिंग्स की जानकारियां समय-समय पर जुटा लेनी चाहिए। आपको समय-समय पर कंपनी के बाहर के लोगों के साथ भी बातचीत करनी चाहिए। इससे आपको काम के बारे में सही तरीके से फीडबैक मिल पाता है।

काम को बांटना सीखिये

मैप माई जीनोम के सीईओ आनु आचार्य कहती हैं कि मैं ऑफिस बहुत जल्दी पहुँच जाती हूँ। काम करने के दौरान मैं कॉल्स अटेंड नहीं करती। मैं काम बांटना पसंद करती हूँ। क्योंकि मुझे लगता है कि हर एक ऑफिस में कोई न कोई व्यक्ति ऐसा जरूर होता है जो उस काम को आपसे बेहतर कर सके। मैं कम्पनी के लिए रिक्रूटमेंट खुद ही करती हूँ।

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दिन की जल्दी शुरुआत कीजिए

गोदरेज कंज्यूमर के मैनेजिंग डायरेक्टर विवेक गंभीर कहते हैं कि अगर मैं ट्रेवलिंग नहीं करता तो सुबह 8 बजे ही ऑफिस पहुँच जाता। मैं टू डू लिस्ट से काम को मैनेज करने की कोशिश करता हूँ। मैं काम के दौरान ईमेल्स चेक नहीं करता। रविवार को बीते हुए हप्ते की घटनाओं के बारे में विचार करता हूँ। फीडबैक के लिए मैं रेगुलर रूप से अपने टीम मेम्बर्स से बात करता हूँ।

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सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करें

फ्रेशडेस्क के फाउंडर गिरीश मथरूबूथम कहते हैं कि मैं टेनिस खेलता हूँ।  इस दौरान मेरे पास किसी का भी कॉल आये मैं नहीं उठाता।  जब मैं गैरजरूरी काम करता हूँ तब सारे कॉल्स का जवाब देता हूँ ।  मैं अपने काम के दौरन कभी भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करता।  डेस्कटॉप पर भी सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बचता हूँ।  सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल बहुत जरूरी है।  यदि आप अपने काम के दौरान फेसबुक पर हैं तो उसी में कब घंटों बीत जाएँगे पता नहीं चलेगा और आप फेसबुक के बाद ट्वीटर, instagram, youtube इन सब पर बारी-बारी से स्विच करके अपने समय को बर्बाद करते जाएँगे।  इसलिए बेहद जरूरी है कि आप अपने सोशल मीडिया से बचें और ज्यादा से ज्यादा अपने काम पर फोकस करें।

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 बेसिक्स से हमेशा जुड़े रहें

आईनॉक्स लेईसर के सीईओ आलोक टंडन कहते हैं कि मैं एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हूँ। मौजूदा नौकरी से इसका दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। पर फिर भी मैं अपनी पुरानी किताबें पलटकर देखता हूँ। इससे मुझे बहुत ज्यादा ख़ुशी मिलती है और मैं खुद को हमेशा जमीन से जुड़ा हुआ पाता हूँ। अगर व्यक्ति अपने बेसिक्स से जुड़ा हुआ रहता है तो उसे काम के दौरान किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। अगर व्यक्ति खुद को भूलकर हवा में उड़ता है तो बहुत जल्दी ही जमीन पर धड़ाम से गिरता है। जमीन से जुड़कर काम करने वाला व्यक्ति जीवन में बहुत तेजी से तरक्की करता है।

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कैलेण्डर का इस्तेमाल करें

अंकुर वारीको, ग्रुप ऑन इंडिया के सीईओ का कहना है कि मैं एक कैलेण्डर पर्सन हूँ। मैं 20 वर्षों से कैलेण्डर मैंटेन करता आ रहा हूँ। नोटबुक से एक्सलशीट और उसके बाद मैं गूगल कैलेण्डर का इस्तेमाल करने लगा। ग्रुपऑन इंडिया के एम्पलॉइज़ इमेल्स एक्सचेंज नहीं करते। अगर कोई व्यक्ति मुझे emails पर अप्रोच करता है तो मैं उसे कैलेण्डर भेज देता हूँ। इससे हर व्यक्ति को पता लग जाता है कि मैं कलेंडर का इस्तेमाल करता हूँ। मैं रिव्यु मीटिंग्स नहीं लेता, क्योंकि मैं बीते हुए पर चर्चा नहीं करता।

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बातें ध्यान से सुनिए

फ्यूचर जनरल लाइफ इंश्योरेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर मुनीश शारदा कहते हैं कि मैं लोगों की बातें ध्यान से सुनने की कोशिश करता हूँ। इससे बिजनेस के बारे में कई चीजों के बारे में पता लगता है। मैं लोगों के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाए रखने के लिए उन्हें जन्मदिन और शादी की सालगिराह की शुभकामनाएँ देता हूँ।

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लोगों की पहुँच में रहिए

जीवीके ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर जीवीके रेड्डी कहते हैं मैं हर काम समय पर करता हूँ।  इससे कम्पनी में समय की पाबंदी का सन्देश जाता है।  समय पर काम पूरा करने पर आपको किसी तरह का तनाव नहीं होता। दिन की शुरुआत में मैं कम्पनी के सभी डिपार्टमेंट के हेड्स के साथ मीटिंग्स करता हूँ और सभी को प्रोजेक्ट्स के बारे में गाइड करता हूँ। मैं दिन भर ऑफिस के लोगों की पहुँच में रहता हूँ। वे मुझे आसानी से अपनी परेशानियाँ बता सकते हैं।

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स्टिकी नोट्स करें इस्तेमाल

स्नैपडील के सह-संथापक रोहित बंसल कहते हैं कि मैं सुबह उठकर emails चेक करता हूँ। 15 मिनट में मैं पूरे दिन की प्लानिंग करता हूँ। लैपटॉप पर स्टिकी नोट्स का इस्तेमाल करता हूँ। इससे मुझे चीजों को याद रखने में मदद मिलती है। छुट्टियों में मैं परिवार को पूरा समय देने की कोशिश करता हूँ। इसके अलावा मैं नए लोगों से भी मिलता हूँ, ताकि मेरा नजरिया विस्तृत बना रहे। ये लोग मेरे बिजनेस से जुड़े नहीं होते।

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यह लेख पत्रिका के एक भाग से प्रेरित है जिसके संकलनकर्ता पत्रिका टीम है।

 

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समय की कमी का बहाना बनाना छोड़ें https://www.hamarisafalta.com/2019/05/time-management-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2019/05/time-management-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 31 May 2019 04:03:30 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2356 Time Management Hindi Success अचीव करने के लिए हमें अपनी Life में Time Management को Important देना होगा। Time को सही तरह से Utilize करके आप भी एक सफल इंसान बन सकते हैं। जीवन में सफल होना कोई बड़ी बात नहीं है, इस दुनिया में सब कुछ संभव है और आसान है। जब हमारा टाइम मैनेजमेंट बेहतर होता है तब हम सफलता की तरफ अपने कदमों को बड़ी तेजी से बढ़ा रहे होते हैं। आपने एक चीज नोटिस की होगी […]

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Time Management Hindi

Success अचीव करने के लिए हमें अपनी Life में Time Management को Important देना होगा। Time को सही तरह से Utilize करके आप भी एक सफल इंसान बन सकते हैं।

जीवन में सफल होना कोई बड़ी बात नहीं है, इस दुनिया में सब कुछ संभव है और आसान है। जब हमारा टाइम मैनेजमेंट बेहतर होता है तब हम सफलता की तरफ अपने कदमों को बड़ी तेजी से बढ़ा रहे होते हैं। आपने एक चीज नोटिस की होगी कि एक मोटी किताब जिसके सैकड़ों हजारों पन्ने हैं, जब हम उस किताब के आकार को देखते हैं तो हमारा मन बार-बार उस किताब को ignore करना चाहता है। हम उस किताब से छुटकारा पाना चाहते हैं, बस उसके आकार को देखकर हम पढ़ना नहीं चाहते! कई बार तो हमारे मन में ऐसे विचार भी आते हैं कि उस मोटे-से किताब को देखकर हम पढ़ने के विचार को ही साइड कर देते हैं या कहूँ त्याग देते हैं। लेकिन यदि हमारा टाइम मैनेजमेंट बेहतर हो तो न सिर्फ हम उस किताब को पढ़ना शुरू कर देंगे बल्कि एक निश्चित समय से पहले वह किताब पूरी पढ़कर खतम भी कर देंगे। आजकल आपने बहुत सारे लोगों के मुंह से ऐसे वाक्य तो सुने ही होंगे, ‘क्या करें समय की बहुत कमी है, टाइम ही नहीं मिलता’ ऐसे वाक्य ही हमारी सफलता में एक बड़ी रुकावट का रूप लेते हैं और बाधा बनते हैं। यदि हम ऐसे वाक्यों के इस्तेमाल से बच जाएं तो यकीनन हम बड़ी तेजी से आगे बढ सकते हैं, क्योंकि समय का बहाना बनाना हमें बर्बाद कर सकता है और हमारी प्रगति में रुकावट साबित हो सकता है। इस बात को हमेशा याद रखिए, “इस लाइफ में हमें टालमटोल जैसे बहानों से हमेशा बचना चाहिए बल्कि टाइम मैनेजमेंट कर सफलता की तरफ अपने कदम बढ़ाना चाहिए।”

आपका दिन आपके हाथ में है

अगर आपने सुबह जल्दी उठने की एक अच्छी आदत बना ली है तो आपको बहुत-बहुत शुभकामनायें क्योंकि आपने आधी जंग तो ऐसे ही जीत ली।  जल्दी उठकर आप अपने दिन को कंट्रोल में कर लेते हैं।  जो भी काम आपको अपने पूरे दिन में करनी है उसकी एक List बनाकर उसके अनुरूप ही काम कर सकते हैं।  दिन की शुरुआत में की गयी प्लानिंग आपको अपने टाइम का सही इस्तेमाल करने में मदद करेगी और आप अपने समय को अच्छे से मैनेज करते हुए पूरे दिन काम कर सकते हैं।  यदि आप खुद को पूरे दिन पॉजिटिव रखना चाहते हैं जो कि संभव है तो आपको हर दिन की शुरुआत में सुबह-सुबह मोर्निंग वाक पर निकलना होगा, योग-प्राणायाम से रिश्ता जोड़ना होगा।  सुबह-सुबह की ताजी हवा से फ्रेश ऑक्सीजन आपकी बॉडी को मिलेगा जिससे आपके अन्दर सेरेटोनिन हार्मोन पैदा होगा जिससे आपके मस्तिष्क में पॉजिटिव थॉट्स ही ज्यादा से ज्यादा आयेंगे और आप आप दिन भर खुद को फ्रेश रख सकेंगे।  माइंड में पॉजिटिव थॉट्स का बने रहना आपको ताजगी से भर देगा।

कुछ महान लोगों से टाइम मैनेजमेंट के गुण सीखते हैं

कुछ महान लोग ऐसे भी हैं जो हमेशा अपने समय को मैनेज करते हुए चले और न सिर्फ टाइम को मैनेज किया बल्कि उन्होंने कभी भी समय के लिए बहाना नहीं बनाया।  आइए कुछ महान लोगों के उदाहरण देखते हैं।

  • ईश्वरचंद विद्यासागर जब अपने कॉलेज के लिए निकलते तो रास्ते में दुकानदार और अन्य लोग अपनी घड़ियाँ सेट करते थे। सभी लोगों को पता था कि ईश्वरचंद जी समय के बहुत पाबन्द हैं और वे कभी न तो लेट होते हैं और न जल्दी पहुँचते हैं। वे समय से एक भी मिनट आगे-पीछे नहीं चलते थे।
  • अमेरिका के सुप्रसिद्ध गणितज्ञ चार्ल्स फेफर्मन रोज केवल एक घंटा ही गणित सीखने का नियम बनाकर चलते थे। इस नियम पर वे अपनी आखिरी साँस तक डटे रहे और उन्होंने गणित में महारत हासिल की।
  • हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सुबह दातुन करते वक्त श्रीमदभागवद गीता का एक श्लोक नियमित रूप से याद किया करते थे। उन्होंने गीता के 13 अध्यायों को कंठस्थ याद कर लिया था।
  • गौरव चौधरी जी जिन्हें आप सब टेक्नीकल गुरूजी के नाम से भी जानते हैं, वो भी समय के बहुत पाबन्द व्यक्ति हैं। दिन में उनके 2 विडियो नियमित रूप से उनके यूट्यूब चैनल पर पब्लिश होते हैं।

ऐसे बहुत से लोग हैं जो समय को मैनेज करते हुए आज सफल व्यक्तियों के शीर्ष स्थान पर हैं। हर व्यक्ति के पास दिन में चौबीस घंटों का ही समय होता है और भगवान में इसमें न्याय किया है। हर व्यक्ति को समय बराबर रूप से बांटा है। समय का सही उपयोग आपको सफल बना सकता है वहीँ समय का दुरूपयोग आपको वही जीवन जीने के लिए मजबूर कर सकता है जो हमेशा से आप जीते आ रहे हैं। सुबह देर तक सोने से आपके इरादे कमजोर हो सकते हैं, मंजिलों को हासिल करने वाले और जीत का जज़्बा लेकर चलने वाले लोग कभी भी देर तक नहीं सोया करते। वे आगे बढ़ते हुए सूरज को जगाते हैं और सूरज के जागने से पहले जाग जाते हैं और वो लोग पीछे रह जाते हैं जिन्हें सूरज जगाता है।

रोबिन शर्मा के 20-20-20 नियम का पालन करें

लेखक रॉबिन शर्मा जी ने अपनी किताब ‘द फाइव ए एम क्लब’ नामक किताब में 20-20-20 नियम को समझाया है। जिसमें वे कहते हैं कि यदि हम हर सुबह 5 बजे उठकर दिन के पहले घंटे में 20 मिनट व्यायाम करें, 20 मिनट दिन की प्लानिंग, और अंत के 20 मिनट को कुछ अच्छा पढ़ने में लगाते हैं तो हम दिन की एक बेहतर शुरुआत करने के लिए तैयार हैं और हम खुद को उस दिन के लिए तैयार कर लेते हैं। आपको भी यदि एक सफल इंसान बनना है तब अपने टाइम को मैनेज करना आना चाहिए साथ ही हमेशा आपको समय की कमी के बहानों से बचना चाहिए।

याद रखिए कि इतिहास वही व्यक्ति रचता है जो कभी बहाने नहीं बनाता और ‘लेकिन’ नाम के शब्दों के इस्तेमाल से बचता है।

 

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धन्यवाद 🙂

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आपके अंदर कितना है Josh ! | Inspirational Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2019/05/how-is-the-josh-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2019/05/how-is-the-josh-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 24 May 2019 13:32:05 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2336 आपके अंदर कितना है Josh ! How is the Josh in Hindi पिछले साल एक मूवी आई थी जिसमें एक संवाद काफी ज्यादा मशहूर हुआ, ‘हाऊ इस द जोश।’ युवाओं के लिए यह संवाद प्रेरणा स्रोत का काम कर सकता है। काम में नियमित रूप से जुड़े रहने के लिए आंतरिक उत्साह और उल्लास की बहुत आवश्यकता होती है। सवाल यह है कि आखिर ये जोश आता कहाँ से है ? कुछ लोग दिन भर जोश और उसी एनर्जी के […]

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आपके अंदर कितना है Josh ! How is the Josh in Hindi

पिछले साल एक मूवी आई थी जिसमें एक संवाद काफी ज्यादा मशहूर हुआ, ‘हाऊ इस द जोश।’ युवाओं के लिए यह संवाद प्रेरणा स्रोत का काम कर सकता है। काम में नियमित रूप से जुड़े रहने के लिए आंतरिक उत्साह और उल्लास की बहुत आवश्यकता होती है। सवाल यह है कि आखिर ये जोश आता कहाँ से है ? कुछ लोग दिन भर जोश और उसी एनर्जी के साथ काम कैसे करते हैं ! वहीँ कुछ लोग थोड़ा-सा काम करके परेशान हो जाते हैं। यदि जीवन में सफलता की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं, तो आपको खुद को पहचानना होगा और अपने जोश को बनाए रखना होगा। आपको अपनी रूचि को समझना होगा। अगर आप मनपसंद काम करेंगे तो कभी भी नहीं थकेंगे। इस तरह आप अपनी रूचि के अनुसार कड़ी मेहनत करते हुए अपनी मंजिल तक पहुँच जाएंगे। आइये इस लेख में जोश को बरकरार रखने के कुछ तरीकों के बारे में जानते हैं –

अपने काम से प्यार करें

सबसे पहले आपको अपने काम को अच्छी तरह से समझना होगा। जब आप अपने काम को अच्छी तरह से समझ लेते हैं तो फिर मन में उसके प्रति कोई भी डर या भ्रम की स्थिति नहीं रहती है। आपको जो भी काम करना है उससे पूरी तरह से परिचित हो जाएं। जीवन में ऐसा कोई काम न करें, जिसमें आपकी रूचि न हो क्योंकि जिस काम में आपकी रूचि नहीं होती, उसे आप हमेशा अधूरे मन से करते हैं।

हारी बाजी जीत सकते हैं

आपने कई बार गौर किया होगा कि खेल के मैदान पर हर खिलाड़ी वार्मअप करता है। वह मन ही मन जीतने की कल्पना करता है। अगर आप जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो जीत के बारे में सोचना शुरू करें। अपने जोश के बदौलत आप हारी हुई बाजी भी जीत सकते हैं। अपनी जोश के बदौलत ही आप अपनी टीम को लक्ष्य पाने के लिए तैयार कर सकते हैं।

जोश से मिलेगी सफलता

आप अपने मन में इस बात को बैठा लें कि अगर जीवन में आगे बढ़ना है तो जोश बहुत काम आता है। बिना जोश के आपके मन में निराशा के भाव पैदा होने लगेंगे और आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे। आपको बार-बार विफलता मिलेगी, पर यदि आपके मन में जोश कायम है तो सफलता मिलने तक आप लगे रहेंगे। उस चींटी के बारे में सोचें जो बार-बार गिरने पर भी दीवार पर चढ़कर ही मानती है।

टाइम मैनेजमेंट पर फोकस करें

हर व्यक्ति दिन के किसी न किसी ख़ास समय में ऊर्जावान होता है। कुछ लोग सुबह के समय सबसे मुश्किल कामों को आसानी से पूरा कर लेते हैं, तो कुछ रात के समय में कठिन कार्यों को करना पसंद करते हैं। आपको खुद को समझना होगा और पता लगाना होगा कि आपके अंदर सबसे ज्यादा प्रोडक्टिविटी कब रहती है। उस समय आपको सबसे ज्यादा क्रिएटिव काम करने चाहिए। बाकी समय आपको अपने रूटीन पर काम करने चाहिए। आपको पूरे दिन की प्लानिंग कर लेनी चाहिए। आपके पास हमेशा ‘टू डू लिस्ट’ होनी चाहिए। इससे आपका समय भी ख़राब नहीं होता है।

यह लेख राजस्थान पत्रिका से प्रेरित है।

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सफलता के लिए अपनी प्रोडक्टिविटी कैसे बढ़ाएं? https://www.hamarisafalta.com/2019/04/7-things-successful-people-do-to-increase-their-productivity-at-work-in-hindi-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a5%80.html https://www.hamarisafalta.com/2019/04/7-things-successful-people-do-to-increase-their-productivity-at-work-in-hindi-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a5%80.html?noamp=mobile#respond Thu, 18 Apr 2019 02:38:37 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2311 सफलता के लिए अपनी प्रोडक्टिविटी कैसे बढ़ाएं? 7 आसान तरीके इस दुनिया में ज्यादा प्रोडक्टिव इंसान बनने के ढेरों नुस्खे मौजूद हैं। कोई भी आपको ‘टू डू लिस्ट’ बनाने के लिए कहेगा या फिर ’30 मिनट इन्क्रिमेंट’ की जानकारी देगा। कुछ ऐसे भी प्रोडक्टिव तरीके होते हैं जो अन्य के मुकाबले ज्यादा बेहतर होते हैं और आपका समय भी बचा सकते हैं। आज के समय में अपनी प्राथमिकताओं को सपाट रखना मुश्किल हो गया है। सभी के पास टाइम कम […]

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सफलता के लिए अपनी प्रोडक्टिविटी कैसे बढ़ाएं? 7 आसान तरीके

इस दुनिया में ज्यादा प्रोडक्टिव इंसान बनने के ढेरों नुस्खे मौजूद हैं। कोई भी आपको ‘टू डू लिस्ट’ बनाने के लिए कहेगा या फिर ’30 मिनट इन्क्रिमेंट’ की जानकारी देगा। कुछ ऐसे भी प्रोडक्टिव तरीके होते हैं जो अन्य के मुकाबले ज्यादा बेहतर होते हैं और आपका समय भी बचा सकते हैं। आज के समय में अपनी प्राथमिकताओं को सपाट रखना मुश्किल हो गया है। सभी के पास टाइम कम है और काम बहुत ज्यादा। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि हम अपने जरूरी कामों पर ध्यान दें और काम को अर्जेंट बनने से पहले ही पूरा कर लें। आइये इस लेख में यह जानने का प्रयास करते हैं कि हम कैसे ज्यादा प्रोडक्टिव बन सकते हैं-

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सोने से पहले प्लानिंग करें

बिस्तर पर जाने से पहले हमेशा अगले दिन की प्लानिंग कर लें। अपने शेड्यूल को जांच लें। यह पता करें कि कल किसके साथ अपॉइंटमेंट है और कौन सी डेडलाइन पूरी की जानी है। अगर आप थोड़ी-सी प्लानिंग करते हैं तो इससे आपकी प्रोडक्टिविटी पर काफी सकारात्मक असर पड़ता है। यह आदत अपनाने से आपको अगले दिन की टेंशन नहीं रहती।

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व्यवधानों को सीमित करें

अगर फोकस के साथ अपना काम पूरा करना चाहते हैं तो आपको हर तरह के व्यवधान से दूर रहना होगा। इसका अर्थ है कि आपको सोशल मीडिया के इस्तेमाल या मोबाइल के उपयोग को सीमित करना होगा। आपको काम के बीच में डिस्टर्ब करने वाले कलीग्स से बचना होगा। आपको अपना दरवाजा बंद करना होगा ताकि आपको कोई परेशान न कर सके और आप आराम से अपना काम ख़त्म कर सकें।

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पता कीजिए कि आपका मुख्य लक्ष्य क्या है!

आपके जीवन का मुख्य लक्ष्य क्या है। ज्यादातर लोग पूरे दिन भर कुछ ख़ास इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि उनके पास कोई स्पष्ट लक्ष्य नहीं होता। इसलिए आपकी डेस्क पर कुछ ऐसा आता है जो आपकी लक्ष्य से मेल नहीं खाता तब आप उसे मना कर सकते हैं। स्पष्ट लक्ष्य का होना जरूरी है, यह आपको एक दिशा देता है और आप समझ जाते हैं कि आपको कौन-सी चीजें करनी हैं और कौन-सी छोड़नी है।

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काम को छोटे हिस्सों में बाँट लें

अपने लक्ष्यों को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँट लें। इन्हें दैनिक एक्शन स्टेप्स के रूप में देखें। संख्या को टुकड़ों में देखें जैसे- साल, महीने, सप्ताह और दिन। एक बार यह कर लेने के बाद आप आसानी से तय कर पाएंगे कि रोजाना कितना काम पूरा किया जाना चाहिए। इस आधार पर आप रोज के दिन को प्लान कर सकते हैं और टेंशन फ्री रह सकते हैं।

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ईमेल्स मैसेजेस का जवाब देने के लिए टाइम फिक्स करें

अगर एक प्रोडक्टिव इंसान बनना है तो फोकस्ड रहिये। emails का जवाब देने के लिए वर्किंग hours में एक टाइम फिक्स करें। अगर हर ईमेल आने पर जवाब देने लगेंगे तो आपका काफी सारा समय बर्बाद हो जाएगा।

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एक कैलेण्डर सिस्टम क्रियेट कीजिए

एक ऐसा कैलेण्डर सिस्टम क्रियेट करें जो आपके लिए काम करता हो। इसे काम में लें और दिन में कई बार चेक करें। हर समय व्यवस्थित बने रहना असंभव है। अगर आप अपनी डेडलाइन, मीटिंग्स और दूसरी कामकाजी जिम्मेदारियों की दिनांक, समय और स्थान के बारे में सुनिश्चित रहते हैं तो आप टेंशन फ्री रहते हैं। एक पुरानी कहावत भी है – यदि आप प्लानिंग करने में फ़ैल हैं तो यकीन मानिए कि आप फ़ैल होने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं।

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सुबह जल्दी उठें

अगर आप सूबह के समय जल्दी उठें तो आपके पास प्लानिंग करने के लिए काफी समय होता है। इससे आप पूरे दिन को सही तरह से व्यवस्थित कर सकते हैं । अगर आप सूबह उठकर ‘टू डू लिस्ट’ बना लेते हैं तब आपको किसी तरह की परेशानी नहीं आती है।

7 Rules to Boost Your Productivity in Hindi

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जानिये ऐसी 8 चीजें जो सफल व्यक्ति कभी नहीं करते! https://www.hamarisafalta.com/2019/04/8-things-that-a-successful-person-never-does-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%bf.html https://www.hamarisafalta.com/2019/04/8-things-that-a-successful-person-never-does-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%bf.html?noamp=mobile#respond Wed, 17 Apr 2019 13:40:16 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2307 8 चीजें जो सफल व्यक्ति कभी नहीं करते! | Daily Motivation in Hindi यदि आप भी बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल करना चाहते हैं तो इन 8 चीजों से हमेशा बचकर रहें   किसी को बीच में नहीं टोकें अगर आप सही मायने में सफल होना चाहते हैं तो लोगों को बीच में टोंकना बंद कर दें। लोगों को बीच में टोंकने से वे बुरा मान जाते हैं। सबकी बातें आखिर तक सुनें और जब आपको बोलने का मौका दिया जाए तभी […]

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8 चीजें जो सफल व्यक्ति कभी नहीं करते! | Daily Motivation in Hindi

यदि आप भी बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल करना चाहते हैं तो इन 8 चीजों से हमेशा बचकर रहें

 

किसी को बीच में नहीं टोकें

अगर आप सही मायने में सफल होना चाहते हैं तो लोगों को बीच में टोंकना बंद कर दें। लोगों को बीच में टोंकने से वे बुरा मान जाते हैं। सबकी बातें आखिर तक सुनें और जब आपको बोलने का मौका दिया जाए तभी अपनी बात रखें। सबकी बातों को ध्यान से सुनने की आदत बनाएँ। सफल लोगों को पता होता है कि वे क्या सोचते हैं। इसलिए वे अपनी बात रखने की बजाय दूसरों को सुनते हैं ताकि उन्हें पता लग सके कि दुसरे क्या सोचते हैं।

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गॉसिप से हमेशा बचिए

जो दूसरों के बारे में गॉसिप करता है, जाहिर सी बात है कि वह आपके बारे में भी गॉसिप करेगा। सफल लोग खुलकर बात करते हैं। दूसरों के बारे में चर्चा करके अपना समय बर्बाद मत करें। खुद को समझने में समय दें न कि दूसरों की जिंदगी में क्या चल रहा है, उसे पता करने में ही घुसे रहें। पीठ पीछे बात मत करें।

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देर से शुरुआत न करें

सफल लोग जल्दी उठकर अपने सभी जरूरी काम निपटाते हैं। पूरे दिन की प्लानिंग करते हैं और वे कभी किसी मीटिंग में देरी से नहीं पहुँचते। यदि आप कोई काम शुरू करने की सोच रहे हैं तो बस सोचते मत रहिये, शुरू कर दीजिए। शुरू करने के बाद आप फेल भी होंगे तो आपको उसका अनुभव मिलेगा लेकिन देर से शुरू करेंगे या शुरू ही नहीं करेंगे तो आपके हजारों प्रतियोगी खड़े हो जाएँगे।

Also Read : प्रेरणा के प्रकार – प्रेरणा कैसे काम करती है ?

भावनाओं पर काबू रखिए

ऐसे लोग सबके कामों पर फोकस करने की बजाए अपने कामों पर ध्यान रखते हैं। गलती हो जाने पर वे अपनी भावनाओं पर काबू रखते हैं।

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अतीत को हावी न होने दें

सफल लोग कभी भी अपने अतीत को वर्तमान पर हावी नहीं होने देते। उन्हें अतीत में गलतियाँ की हैं तो वे उससे सबक भी लेते हैं । वे अतीत से खुद को परिभाषित होने नहीं देते।

Also Read : विश्वास कीजिए आप सफल हो सकते हैं और आप हो जाएँगे 

समय की कमी का रोना न रोयें

भगवान् ने हम सबको बराबर समय दिया है । अब यह हम पर है कि इसका इस्तेमाल हम कैसे करते हैं।

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सख्ती से मना करना सीखें

सफल लोगों को पता होता है कि किसी काम के लिए मना किस तरह किया जाता है । वे हर बात में हाँ कहकर खुद को फंसाते नहीं हैं । वे जानते हैं कि उनकी जरूरतें क्या हैं और इसलिए वे फालतू जिम्मेदारियां नहीं लेते हैं।

Also Read : सबसे बड़ी गलती 

बनावटी न बनें

सफल व्यक्ति दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करते। वे जैसे हैं वैसे बनें रहते हैं । वे कभी बनावटी नहीं बनते।

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कृपया इस लेख पर अपने कीमती सुझाव कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं अथवा अपने सुझाव, शिकायत या किसी भी प्रकार के सवाल के लिए हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें।

धन्यवाद 🙂

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डेडलाइन तय करें और सफलता पाएँ – टाइम मैनेजमेंट https://www.hamarisafalta.com/2019/02/deadline-time-management-in-hindi-%e0%a4%a1%e0%a5%87%e0%a4%a1%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%a8.html https://www.hamarisafalta.com/2019/02/deadline-time-management-in-hindi-%e0%a4%a1%e0%a5%87%e0%a4%a1%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%a8.html?noamp=mobile#respond Fri, 22 Feb 2019 06:17:45 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2283 डेडलाइन तय करें और सफलता पाएँ – टाइम मैनेजमेंट टाइम मैनेजमेंट में डेडलाइन की अहम भूमिका है। डेडलाइन मतलब आखिरी समय-सीमा। एक्चुअल में डेडलाइन पुराने जमाने में किसी जेल के चारों ओर खिंची गई उस लाइन को बोला जाता था, जिसके आगे जाने पर या लाइन पार करने पर कैदियों को गोली मार दी जाती थी। आजकल डेडलाइन पार करने पर आपको मौत के घाट तो नहीं उतारा जाता लेकिन इससे आपकी मान-सम्मान और तरक्की के अवसर जरूर घट जाते […]

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डेडलाइन तय करें और सफलता पाएँ – टाइम मैनेजमेंट

टाइम मैनेजमेंट में डेडलाइन की अहम भूमिका है। डेडलाइन मतलब आखिरी समय-सीमा। एक्चुअल में डेडलाइन पुराने जमाने में किसी जेल के चारों ओर खिंची गई उस लाइन को बोला जाता था, जिसके आगे जाने पर या लाइन पार करने पर कैदियों को गोली मार दी जाती थी। आजकल डेडलाइन पार करने पर आपको मौत के घाट तो नहीं उतारा जाता लेकिन इससे आपकी मान-सम्मान और तरक्की के अवसर जरूर घट जाते हैं। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि हम डेडलाइन को गंभीरता से लें और इसके महत्व को समझें।

हमें हमेशा यह सोचना चाहिए कि हम कोई कार्य कितने समय तक ख़त्म कर सकते हैं। डेडलाइन का सिंपल मीनिंग है कि हमें अपने काम को पूरा करने की आखिरी तारीख तय कर लेनी चाहिए। डेडलाइन तय करना एक सबसे अच्छी आदतों में शामिल है, जिसकी सहायता से हम अपनी लाइफ में और भी ज्यादा तेजी से तरक्की कर सकते हैं।

जरूर पढ़ें : संघर्ष पर एक प्रेरणादायक हिंदी कहानी

डेडलाइन हमारी कार्यक्षमता कैसे बढ़ाता है :

  • स्पष्ट लक्ष्य।
  • प्लान।
  • फोकस।

स्पष्ट लक्ष्य : लाइफ में ज्यादातर लोग कुछ बड़ा नहीं कर पाते और आम जीवन जीते हुए ही मर जाते हैं इसका सबसे बड़ा कारण है कि उनकी लाइफ में कोई स्पष्ट लक्ष्य नहीं होता, उन्हें यह पता ही नहीं होता कि आख़िरकार करना है क्या! डेडलाइन से एक स्पष्ट लक्ष्य मिल जाता है, जिससे हम और भी ज्यादा तेजी से काम कर सकते हैं। Example : हमें सात दिनों के अन्दर एक 150 पेज की किताब ख़त्म करनी है। इसमें हमने एक डेडलाइन तय कर दिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए हमें सात दिनों में एक किताब खत्म करनी है। इसमें हमने एक स्पष्ट लक्ष्य बनाया है, जिसमें हमने एक किताब को चुना है, वह आपकी कोई भी पसंदीदा किताब हो सकती है। जिसको आपने एक निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने की ठानी है। चूँकि आपका लक्ष्य स्पष्ट है इसलिए आप इसे बहुत जल्दी या कहें तेजी से पूरा कर लेंगे।

जरूर पढ़ें : सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें – टाइम मैनेजमेंट टिप्स

प्लान : डेडलाइन को पूरा करने के लिए प्लानिंग की बहुत जरूरत है। कई बार स्पष्ट लक्ष्य होने के बावजूद भी हम डेडलाइन पर वह काम खत्म नहीं कर पाते। इसकी बड़ी वजह यह है कि हम लक्ष्य प्राप्ति के लिए कोई प्लान नहीं बनाते। किसी भी बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्लानिंग की बड़ी आवश्यकता है। Example : आपका लक्ष्य है कि आपको 7 दिनों में 150 पेज की एक किताब खत्म करनी है। लेकिन आप इस बात को समझते हैं कि किताब को पढ़कर खत्म करना कोई बड़ी नहीं है। आपको बहुत सारी चीजें समझनी होंगी, लेखक आपसे कहना क्या चाहता है यह आपको जानना होगा। सिर्फ पन्ने पलटने से आप यह नहीं कह सकते कि आपने कोई किताब पढ़ी है। सही तरह से अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपको प्लानिंग करनी होगी। कई बार लक्ष्य बनाते ही हमारे सामने रुकावटों आनी शुरू हो जाती हैं, और हम उस लक्ष्य से हट जाते हैं और हमारा मन दुसरे कामों के लिए भटकना शुरू हो जाता है। लक्ष्य को पूरा करने और डेडलाइन पर काम खत्म करने के लिए हमें एक प्लान बनानी होगी, बिना योजना है हम कभी भी समय-सीमा पर अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगे। इसके लिए आपको योजना बनानी होगी, जहाँ आपको हर बात क्लियर करनी होगी कि आप किस समय क्या काम करेंगे। आपको अपनी दिनचर्या में झांकना होगा और देखना होगा कि वो कौन-सी रुकावटें हैं जो आपको अपने लक्ष्य से दूर कर रही हैं और इसके लिए आपके पास वो कौन-सी योजनाएँ हैं जिससे आप अपने लक्ष्य के करीब पहुँच सकते हैं।

जरूर पढ़ें : विद्यार्थी जीवन में समय का महत्व – स्टूडेंट्स के लिए टाइममैनेजमेंट टिप्स

फोकस : डेडलाइन हमारे फोकस को डगमगाने नहीं देता। यह हमारे दिमाग पर ध्यान केन्द्रित रखता है जिससे हम उसे समय-सीमा में पूरा करने के नए-नए तरीके सोच सकें।

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आपने कभी न कभी यह महसूस किया ही होगा कि जब आपको डेडलाइन दे दी जाती है मतलब आपसे कहा जाता है कि यह काम आपको अमुक समय तक करना ही है तो आपकी हर इन्द्रिय सक्रिय हो जाती है, इससे हमारे भीतर एड्रीनलिन का स्त्राव होता है और हमारा आलस भाग जाता है। आप पूरी तरह से सक्रिय हो जाते हैं और अपना पूरा ध्यान केन्द्रित करते अपने काम में जुट जाते हैं। डेडलाइन से हम अपने काम के प्रति ज्यादा सजग रहते हैं, देर रात तक काम करते हैं, चाहे हमें कम सोना पड़े और आख़िरकार उस काम को समय रहते खत्म करके ही दम लेते हैं।

डेडलाइन एक खूंखार कुत्ते के समान है, सामान्य स्थिति में 10 मिनट में आप 1 किलोमीटर दौड़ते होंगे लेकिन इमेजिन कीजिए जब एक खूंखार कुत्ता आपको दौड़ा रहा हो तब आप 5 मिनट में ही 1 किलोमीटर की दूरी तय कर लेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके पीछे खूंखार कुत्ता होगा, यदि आप तेज़ नहीं दौड़ेंगे तो वह आपको काट खाएगा। इसलिए डेडलाइन एक खूंखार के समान है जो हमें जल्दी और तेज़ी से काम करवा लेती है।

जरूर पढ़ें : क्या आप फ़ौरन इच्छा पूरी करना चाहते हैं ? जानिये कैसे !

बड़ी-बड़ी e Commerce कम्पनियां आज डेडलाइन के कारण ही अपने सामानों को बड़ी तेजी से बेच पा रही हैं, याद कीजिए आपने लास्ट शॉपिंग कब की थी! जब Amazon, Flipkart, Myntra जैसी साईट पर धमाकेदार deals आती हैं तब वो सभी प्रोडक्ट्स के लिए एक निश्चित टाइम लिमिट रखते हैं, उनका डेडलाइन होता है कि वे 2 दिन के सेल में लाखों प्रोडक्ट्स बेचें, हम डेडलाइन का ध्यान रखते हैं और ऑफर्स खत्म होने से पहले अपना पसंदीदा प्रोडक्ट खरीदते हैं। बिजली बिल का भुगतान करने वाले इस बात को बखूबी समझ सकते हैं, क्योंकि यदि बिल सही समय पर पूरी नहीं हुई तो panalty के साथ घर की बिजली भी गुल हो सकती है।

कई लोगों को लगता है कि डेडलाइन से काम की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है, उनकी बातें कुछ हद तक सही हो सकती हैं लेकिन यह तभी सही है जब आप आखिरी मिनट पर काम शुरू करें। उदाहरण के लिए किसी सेल्समेन को एक महीने में अपने 100 बेस्ट प्रोडक्ट बेचनी है लेकिन 25 दिन बर्बाद करने के बाद जब उसे होश आएगा और वह उस वक्त काम में जुटना चाहेगा तब उसे हर दिन 20 प्रोडक्ट्स बेचने होंगे और यह एक बहुत मुश्किल कार्य हो सकता है। और दूसरी तरफ अगर वह पहले दिन से ही इस काम में जुट जाता तब उसे हर दिन 3-4 प्रोडक्ट्स ही बेचने होते हैं जो कि उसके लिए तुलनात्मक रूप से बहुत ही आसान होता।

हमें डेडलाइन के महत्व को पहचानना होगा, इसका use करना होगा क्योंकि इससे हम अपनी कार्यक्षमता को तेजी से बढ़ा सकते हैं।

कृपया Time Management in Hindi के डेडलाइन वाले इस भाग पर अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं अथवा हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें। ध्यान रहे, यह लेख टाइम मैनेजमेंट की किताब से प्रेरित है जिससे लेखक डॉ. सुधीर दीक्षित जी हैं।

धन्यवाद 🙂

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प्रतिस्पर्धा नहीं, अनुस्पर्धा| #परीक्षापरचर्चा https://www.hamarisafalta.com/2019/02/how-to-overcome-exam-competition-in-hindi-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%be.html https://www.hamarisafalta.com/2019/02/how-to-overcome-exam-competition-in-hindi-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%be.html?noamp=mobile#respond Wed, 06 Feb 2019 04:08:04 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2275 प्रतिस्पर्धा नहीं, अनुस्पर्धा हमारी सबसे अच्छी स्पर्धा है – अपने आप से ही स्पर्धा। मतलब हमारा Competition खुद से ही होना चाहिए। कई बार ऐसा होता है जब आप गणित का कोई सवाल हल कर रहे होते हैं और वह आपसे बन ही नहीं रहा होता, आप उलझे हुए होते हैं तब आप खुद से यह सवाल कर सकते हैं कि आपको कौन-सी स्थिति में सबसे अधिक आनन्द आता है, किसी ऐसे प्रश्न को सॉल्व करने में जिसे आप स्वयं […]

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प्रतिस्पर्धा नहीं, अनुस्पर्धा

हमारी सबसे अच्छी स्पर्धा है – अपने आप से ही स्पर्धा। मतलब हमारा Competition खुद से ही होना चाहिए।

कई बार ऐसा होता है जब आप गणित का कोई सवाल हल कर रहे होते हैं और वह आपसे बन ही नहीं रहा होता, आप उलझे हुए होते हैं तब आप खुद से यह सवाल कर सकते हैं कि आपको कौन-सी स्थिति में सबसे अधिक आनन्द आता है, किसी ऐसे प्रश्न को सॉल्व करने में जिसे आप स्वयं ही हल नहीं कर पा रहे थे या फिर ऐसे सवाल को हल करने में जिसे आपके क्लासमेट सॉल्व नहीं कर पा रहे। हमें हमेशा खुद को दूसरों से Compare या Compete करने के बजाय स्वयं से ही मुकाबला करना चाहिए। चंद शब्दों में कहें तो प्रतिस्पर्धा नहीं अनुस्पर्धा कीजिए।

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हमें रेगुलर खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए, अपने स्किल्स को बेटर बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए। ये सब हम कड़ी मेहनत और लगन से अपने स्किल्स, ज्ञान, और अपनी Capability का विस्तार कर सकते हैं। Preparation के दौरान उन आयामों पर ज्यादा ध्यान दें जिसमें आपको सुधार की आवश्यकता है। अपने आप से कुछ सवाल पूछिये –

  • क्या मैं मैथ्स के प्रश्नों को पहले की comparision में जल्दी सॉल्व कर पा रहा हूँ?
  • क्या मेरा फोकस एक जगह पर स्थिर रहता है, और मैं अपनी एकाग्रता कैसे बढ़ा सकता हूँ?
  • क्या मुझे अपना Vocabulary बढ़ाने की आवश्यकता है?
  • क्या मैं खुद को दूसरों से compare करके दुखी होता हूँ।

जाने माने एथलीट सर्गेई बुबका को आप जानते ही होंगे, उन्होंने पुरुषों की Pole Vault ‘बाँस कूद’ प्रतियोगिता में स्वयं के ही विश्व रिकॉर्ड को एक या दो बार नहीं बल्कि 35 बार तोड़ा है।

Competition में जब हम किसी दुसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं तो तीन प्रमुख संभावनाएं होती हैं –

  1. या तो आप उससे बेहतर हैं!
  2. या उससे ख़राब!
  3. या फिर उसके बराबर हैं!
  4. अगर आप दुसरे से बेहतर हैं तो यह जरूर होगा कि आप बेपरवाह से भर जाएँगे और हो सकता है कि आपके अन्दर ओवर कांफिडेंस भी आ जाए।
  5. अगर आप उसके कम्पेरिशन ख़राब हैं तब आप दुखी, निराश व हताश हो सकते हैं। यह भी संभव है कि आपके अन्दर आत्मविश्वास खत्म हो जाए और आप आगे कोशिश ही न करें।
  6. और यदि बराबरी के हैं तो आप कभी भी यह नहीं देखेंगे कि आपको किन सुधारों की आवश्यकता है। आप कभी सुधार की आवश्यकता को महसूस नहीं करेंगे।

इन सबके Opposite जब आप खुद से ही मुकाबला करते हैं तब आप हमेशा खुद को बेहतर बनाने पर जोर देंगे। और यही असल में मायने रखता है कि आप खुद को बेटर बनाते हुए आगे बढ़ते जाएं।

कई बार Competition एक अच्छी दोस्ती को भी खत्म कर देती है इसलिए प्रतिस्पर्धा नहीं अनुस्पर्धा पर जोर दें।

याद रखिये, आपको हमेशा खुद के रिकार्ड्स ब्रेक करने हैं, सफल लोग हमेशा खुद से मुकाबला करते हैं, वो दूसरों को देखते व सीखते जरूर हैं लेकिन जब बात प्रतियोगिता की आती है तब वे इस बात को बखूबी जानते व समझते हैं कि दूसरों से मुकाबला करके वो एक बार तो जीत सकते हैं लेकिन दूर की सोच रखने के कारण वे इस बात को समझते हैं कि खुद से मुकाबला कर वे हमेशा खुद को बेटर पाएँगे और पहले की तुलना में ज्यादा सफल होंगे।

श्री नरेन्द्र मोदी के कथनों से प्रेरित व एग्जाम वॉरियर्स से प्रेरित लेख…

यदि आपको परीक्षा से सम्बन्धित और अपनी लाइफ से सम्बन्धित कुछ अच्छी बातें आज सीखने को मिली हो तो कमेंट्स करके अपनी बात हम तक जरूर पहुंचाएं अथवा हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें ।

धन्यवाद 🙂

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सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें | टाइम मैनेजमेंट टिप्स https://www.hamarisafalta.com/2019/02/time-management-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2019/02/time-management-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 02 Feb 2019 08:42:46 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2269 टाइम मैनेजमेंट टिप्स दोस्तों अक्सर हमारा Routine इस प्रकार का होता है कि हमारे सामने जैसा भी काम आता है, हम उसे करने लग जाते हैं। और ऐसी आदतों से हम इस तरह जकड़े हुए हैं कि हमारा दिन छोटे-छोटे कामों को निबटाने में ही निकल जाता है और हम अपना पूरा दिन बर्बाद करके, आज कुछ नहीं किया…बस यह बोलकर बिस्तर में चले जाते हैं। हमारे जरूरी और महत्वपूर्ण काम इसलिए ही नहीं हो पाते क्योंकि हम महत्वहीन कामों […]

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टाइम मैनेजमेंट टिप्स

दोस्तों अक्सर हमारा Routine इस प्रकार का होता है कि हमारे सामने जैसा भी काम आता है, हम उसे करने लग जाते हैं। और ऐसी आदतों से हम इस तरह जकड़े हुए हैं कि हमारा दिन छोटे-छोटे कामों को निबटाने में ही निकल जाता है और हम अपना पूरा दिन बर्बाद करके, आज कुछ नहीं किया…बस यह बोलकर बिस्तर में चले जाते हैं।

हमारे जरूरी और महत्वपूर्ण काम इसलिए ही नहीं हो पाते क्योंकि हम महत्वहीन कामों में ही उलझे रहते हैं। जो व्यक्ति अपनी लाइफ में कुछ ढंग का करना चाहता है, उसे हमेशा इस बारे में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सफलता के लिए ये बहुत जरूरी है कि आप अपने महत्वपूर्ण कामों को सबसे पहले ख़त्म करें। इस बात को कभी भी न भूलें कि सफलता महत्वपूर्ण कामों को करके ही मिलती है न कि महत्वहीन कामों से। इसके लिए जरूरी होगा कि आप अपनी प्राथमिकतायें तय करें, और अपना टाइम Unimportant कामों में न गवाएं।

Image Source : pixabay.com

अपनी प्राथमिकताओं को सेट करने के लिए आपको स्पष्ट योजना बनानी होगी, इसके लिए आप चार्ट की मदद भी ले सकते हैं। चार्ट में 3 कॉलम बना लें, कॉलम A.B.C.

A (ए) वाले कॉलम में अपने सबसे जरूरी काम और महत्वपूर्ण काम को लिखें, जिन्हें आप सबसे जरूरी और अनिवार्य समझते हों! B (बी) वाले कॉलम में ऐसे कामों को लिखें जो अनिवार्य तो नहीं पर आपके लिए इम्पोर्टेन्ट जरूर हों। C (सी) वाले कॉलम में आप अपने सामान्य कामों को लिख सकते हैं जो न तो अनिवार्य हैं और न ही महत्वपूर्ण।

तारीख Date :
A अनिवार्य कार्य B महत्वपूर्ण कार्य C सामान्य कार्य
     
     

यह चार्ट आप हर रात सोने से पहले तैयार कर सकते हैं, ताकि आप हर सुबह उठकर अपने A अनिवार्य कार्य से C सामान्य कार्य तक पूरे दिन एक्टिव और क्लियर होकर काम कर सकें। दिन की शुरुआत अपने अनिवार्य काम के साथ करें, अपने अनिवार्य कामों को एक-एक करके खत्म करने के बाद, कॉलम B पर जाएँ और उसके सभी कामों को एक-एक कर खत्म करें। आपको लगे कि समय बच रहा है तभी कॉलम C के कामों पर जाएं।

जीवन में सफलता पाने के लिए ये बहुत जरूरी है कि हमारा दिमाग इस बात पर पूरी तरह क्लीयर हो कि हमें कौन सा काम पहले और कौन सा बाद में करना है। इसके लिए आपके प्राथमिकताओं की एक सूचि तैयार करनी बहुत ही जरूरी है।

रॉबर्ट जे. मैकिन ने कहा है, अधिकांश बड़े लक्ष्य हासिल न कर पाने की एक सबसे बड़ी वजह यह है कि हम छोटी चीजों को पहले करने में अपना समय बर्बाद कर देते हैं।

आपने कई बार लोगों के मुंह से ऐसे शब्द सुने ही होंगे कि “मैं ऐसा कर सकता था लेकिन…” और ऐसी बातें करने वाले लोग वह काम इसलिए ही नहीं कर पाए क्योंकि उन्होंने कभी अपनी प्राथमिकतायें ही तय नहीं की… वे हमेशा छोटी चीजों को करने में ही अपना पूरा समय देते रहे… लोगों को पास सपने तो बड़े होते हैं लेकिन वे अपना पूरा फोकस और समय छोटे कामों को करने में ही लगाये रहते हैं और अंत में कहते हैं…मैं यह कर सकता था लेकिन….समय….

जो लोग अपनी असफलता के लिए समय का बहाना बनाते हैं वे साफ़ शब्दों में खुद को और दूसरों को धोखा दे रहे होते हैं। “लेकिन” नाम के इस शब्द को यदि अपनी लाइफ से हमेशा के लिए अलविदा कहना है तब आपको यह निर्धारित करना होगा कि अभी आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण काम कौन-सा है।

याद रखिए, हमेशा आपको सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करना है।

हम “टाइम मैनेजमेंट टिप्स” “Time Management Tips in Hindi” “समय प्रबन्धन” पर लेखों की सूचि नियमित रूप से प्रकाशित करेंगे। इसके लिए हम यह लेख सीरीज शुरू कर रहें। उम्मीद करते हैं कि आप सभी को हमारा यह प्रयास पसंद आए।

कृपया समय प्रबंधन से सम्बन्धित इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचाएं अथवा अपनी जानकारी हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें।

धन्यवाद 🙂

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परीक्षा अभी की तैयारियों की है, आपके पूरे जीवन की नहीं- मस्त रहें! #परीक्षापरचर्चा https://www.hamarisafalta.com/2019/02/%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%9a%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a4%be-exams-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2019/02/%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%9a%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a4%be-exams-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 01 Feb 2019 10:33:21 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2263 परीक्षा अभी की तैयारियों की है, आपके पूरे जीवन की नहीं- मस्त रहें! | -नरेंद्र मोदी | Part 1 दोस्तों आज Competition इतना बढ़ गया है कि परीक्षायें जैसे ही नजदीक आनी शुरू होती हैं स्टूडेंट्स के साथ घर-बाहर, हर जगह से प्रेशर आना शुरू हो जाता है। बच्चों के ऊपर दबाव इतना बढ़ जाता है कि Exams जीवन-मरण का प्रश्न ही बन जाता है। और स्टूडेंट्स को यह गलतफेहमी होनी शुरू हो जाती है कि परीक्षा में असफलता मतलब […]

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परीक्षा अभी की तैयारियों की है, आपके पूरे जीवन की नहीं- मस्त रहें! | -नरेंद्र मोदी | Part 1

दोस्तों आज Competition इतना बढ़ गया है कि परीक्षायें जैसे ही नजदीक आनी शुरू होती हैं स्टूडेंट्स के साथ घर-बाहर, हर जगह से प्रेशर आना शुरू हो जाता है। बच्चों के ऊपर दबाव इतना बढ़ जाता है कि Exams जीवन-मरण का प्रश्न ही बन जाता है। और स्टूडेंट्स को यह गलतफेहमी होनी शुरू हो जाती है कि परीक्षा में असफलता मतलब सब कुछ ख़त्म।

सबसे पहले तो यह बात याद रख लीजिये, परीक्षा किसी भी तरह से आपके जीवन-मरण का प्रश्न नहीं है।

आपके अन्दर असीम योग्यताएं भरी हुई हैं, और अपनी योग्यता को कभी भी किसी के बोझ तले दबने ना दें, विशेष रूप से परीक्षा में फेल होने के डर से।

हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम को कौन भूल सकता है।

आप शायद यह नहीं जानते होंगे कि डॉ. कलाम एक फाइटर पायलेट बनना चाहते थे, लेकिन वे अपने उस सपने को पूरा नहीं कर पाए! अगर उन्होंने उसी को एक विफलता समझ लिया होता और हाथ-पर-हाथ धरे कोने में बैठकर अपनी लाइफ से शिकायत करते रहते, हार मान लेते, और आगे कोशिश ही नहीं करते तो क्या वे इतने महान वैज्ञानिक बन पाते, जिस रूप में हम आज भी उन्हें याद करते हैं? जरा सोचिये, अगर कलाम साहब न होते तो आज भारतीय परमाणु कार्यक्रम की दिशा क्या होती!

उनके जीवन से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं, उनका पूरा जीवन हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। एक टेस्ट या परीक्षा पूरे लाइफ की कहानी कभी भी नहीं लिख सकती। हमारा जीवन अनंत संभावना से भरा हुआ है। हमें बस अपने अन्दर की शक्तियों को पहचानना है और आगे बढ़ते जाना है।

इस बात को गाँठ बाँध लें, कोई भी असफलता आपके सपनों की उड़ान में कभी भी बाधा नहीं बन सकता। हर महान व्यक्ति लाइफ में चेलेन्जेस का सामना करके ही आगे बढ़ा है, आपको अपनी चुनौतियों से हमेशा सीखना होगा, संकल्पों को सिद्धियों में बदलना होगा, और नया इतिहास गढ़ना होगा…और इसे ही आप जीवन कह सकते हैं।

अगर आप परीक्षा में फेल भी होते हैं तो इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि एक व्यक्ति के रूप में आप असफल हो गए। क्या परीक्षा किसी की योग्यता और उसकी क्षमता को मापने का एकमात्र पैमाना हो सकता है? बिलकुल भी नहीं!

तनाव मुक्त और मस्ती के साथ तैयारियों का मन्त्र है- परीक्षा को समग्र दृष्टिकोण के साथ पूरे जीवन के परिप्रेक्ष्य में देखना। यह आपकी तैयारियों को भी प्रभावी बनाएगा।

दोस्तों, हममें से अधिकतर लोग यही सोचते हैं कि मेरे कम नम्बर आएँगे तब मैं सबकी नजरों में गिर जाऊंगा, मेरे दोस्तों के मुझसे ज्यादा नम्बर आ गये तो सब मुझे चिढ़ायेंगे, फेल हो गया तो आगे क्या करूँगा… एक बच्चे या विद्यार्थी के मन में बहुत सारे ऐसे सवाल घर किए होते हैं। आपको यह बात समझनी होगी कि आपका एक पेपर आपका भविष्य निर्धारित नहीं करता। परीक्षा खुद को आंकने का एक जरिया है, आप पास हों या फेल, आपको हमेशा खुद की नजरों में ऊपर उठना है, फेल होने का अर्थ आपके जीवन का अंत नहीं है। फेल होने का अर्थ है कि आपको अपनी गलतियों को सुधारने के लिए दुबारा मौका दिया जाएगा और आप पहले से हमेशा बेहतर करते जाएँगे।

आप तनावमुक्त रहिए, एन्जॉय कीजिये, खुद पर यकीन रखते हुए तैयारी करते जाइये, दूसरों से खुद को कभी कम्पेयर मत कीजिए, खुद से मुकाबला कीजिए। याद रखिए परीक्षा, आपकी इच्छा से कभी बड़ी नहीं है। आप जो करना चाहते हैं, जैसा करना और बनना चाहते हैं… एक दिन आप जरूर बनेंगे।

दोस्तों आज से हम नियमित आपके साथ इस पूरे परीक्षाओं और समय प्रबन्धन से सम्बन्धित बेहतरीन बातें शेयर करेंगे, परीक्षाओं के टॉपिक में सबसे ज्यादा हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘परीक्षा पे चर्चा’ और ‘एग्जाम वॉरियर’ की जानकारियों को आपके साथ शेयर किया जाएगा।

उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह प्रयास पसंद आए और आप अपनी लाइफ की परीक्षा में अपना बेहतर प्रदर्शन करें।

सभी विद्यार्थियों और बच्चों को परीक्षा की तैयारियों के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।

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धन्यवाद 🙂

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2019 की शुरूआत 19 प्रेरणादायक कथनों के साथ https://www.hamarisafalta.com/2019/01/19-inspirational-quotes-for-the-new-year-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2019/01/19-inspirational-quotes-for-the-new-year-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 02 Jan 2019 17:40:49 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2238 19 Inspirational Quotes for the New Year in Hindi किस्मत पसीने का लाभांश है। जितना पसीना बहाओगे, भाग्य उतना ही मिलेगा। Ray Kroc. इस नव वर्ष आप मेहनत करने से पीछे मत हटें, जब आप सही दिशा में मेहनत करते जाते हैं तब Luck भी आपके साथ होता है। बिस्तर पर सोये हुए ही आप सफल नहीं हो सकते, आपको उठना होगा, जागना होगा, पसीना बहाने के लिए तैयार रहना होगा तब भाग्य भी आपका साथ देगी और आप सफल […]

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19 Inspirational Quotes for the New Year in Hindi

किस्मत पसीने का लाभांश है। जितना पसीना बहाओगे, भाग्य उतना ही मिलेगा।

Ray Kroc.

इस नव वर्ष आप मेहनत करने से पीछे मत हटें, जब आप सही दिशा में मेहनत करते जाते हैं तब Luck भी आपके साथ होता है। बिस्तर पर सोये हुए ही आप सफल नहीं हो सकते, आपको उठना होगा, जागना होगा, पसीना बहाने के लिए तैयार रहना होगा तब भाग्य भी आपका साथ देगी और आप सफल हो जाएँगे।

असफलताओं के बारे में चिंता न करें, यदि आप कोशिश ही नहीं करेंगे तब आप उन अवसरों को भी खो सकते हैं जो आपको सफल बनायेंगी।

Jack Canfield.

नया साल, अपने साथ कुछ नया करने की सीख लेकर आता है, कई लोग कुछ नया कर जाते हैं…सफल हो जाते हैं… पर ज्यातर लोग कुछ नया करने या फिर कुछ नया सीखने के लिए कोशिश ही नहीं करते, और आम जिंदगी जीते हुए ही मर जाते हैं। जब आप कोशिश करते हैं तब याद रखिए, आप अपने लिए नए अवसरों का निर्माण कर रहे होते हैं, आपको अपनी लाइफ में कुछ भी करने के लिए एक Try करना होता है, उसके बाद आप देखते हैं कि अनेकों अवसर आपके सामने मौजूद हैं और आपको बस किसी एक अवसर को पकड़कर आगे बढ़ना है।

किसी भी कम्पनी में ग्राहक ही बॉस होता है, वह चाहे तो चेयरमेन के पद को भी नीचे ले आ सकता है। इसके लिए बस ग्राहक को दूसरी कम्पनी से सेवा लेना होता है और अपना पैसा दूसरी कम्पनी को देना होता है।

Sam Walton

कस्टमर ही राजा है, इस नए साल पर प्रण लें कि आप अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करेंगे, क्योंकि आपके ग्राहक आपकी सेवा से असंतुष्ट हो गए तब आपके जैसे ही सेवाएँ देने वालों की कमी नहीं है, वे आपकी कम्पनी में पैसे खर्च करने की बजाय दूसरी कम्पनी में जाना बेहतर समझेंगे। इससे आपकी कम्पनी नीचे गिरती चली जाएगी। ग्राहकों की सेवा ही आपकी सफलता है।

दो प्रकार की विफलताएँ हैं: जिन्होंने सोचा और कभी नहीं किया, और जिन्होंने किया और कभी सोचा नहीं।

–Laurence J. Peter

इस दुनिया में ज्यादातर दो प्रकार के लोग ही असफल होते हैं। पहले वे जो सोचते बहुत हैं लेकिन कुछ करते नहीं और दुसरे वे जो कुछ करने से पहले सोचते नहीं, बस कर देते हैं। यदि आपको सफल होना है तब सोचने में ही वक्त बर्बाद मत करें, आपको क्या करना है, यदि आप इस पर क्लियर हैं तब कर डालिए। कहते हैं कि बिना सोचे-समझे कोई भी काम नहीं करना चाहिए इससे नुकसान ही होता है, हाँ आप अपनी गलतियों और असफलताओं से सीख सकते हैं लेकिन यदि आप किसी चीज पर विचार करके उसे करेंगे तब आपकी सफलता की दर दोगुनी हो सकती है।

एक बार जब आप नकारात्मक विचारों को सकारात्मक लोगों के साथ बदल देते हैं, तो आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त करना शुरू कर देंगे।

Willie Nelson

सफलता के लिए एक अच्छी संगति का होना बहुत जरूरी है। आप कैसे लोगों के साथ रहते हैं यदि निर्धारित करेगा कि आप अपनी जिंदगी में कितने बड़े लेवल तक पहुँच सकते हैं। जब आप नेगेटिव लोगों के साथ रहते हैं तब भी नेगेटिव बन जाते हैं लेकिन जब आप पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आते हैं तब आपकी नेगेटिविटी कहीं गायब हो जाती, यदि आपको नकारात्मक सोच से बाहर आना है, तो आप सकारात्मक लोगों के साथ रहिये, आप भी उनके जैसा सोचना शुरू कर देंगे और एक दिन उनके जैसा ही बन भी जाएँगे।

हम वो हैं जो हम बार-बार करते हैं। तो उत्कृष्टता कोई कार्य नहीं बल्कि एक आदत है।

Aristotle

आपकी आदतें ही आपको अच्छा या बुरा बनाती हैं। आप हर दिन ऐसे कौन से काम हैं जिसे बार-बार दुहराने से आपकी असफलता तय होती है। सफल लोग इस बात को बखूबी समझते हैं कि उनकी आदतें ही उन्हें एक Successful व्यक्ति बनाती हैं।

यह मायने नहीं रखता कि आप कहाँ से आये हैं! बल्कि यह जरूरी है कि आप कहाँ जाना चाहते हैं।

Brian Tracy

ज्यादातर लोग अपने mindset के कारण ही फेल हो जाते हैं। याद रखिए, आपको हमेशा अपनी गलतियों से सीखने के लिए पीछे मुड़ना होता है। आगे की सोचिये, आगे बढ़ने की कोशिश कीजिए, आपको कहाँ जाना है उस पर ध्यान लगाइए, अपने लक्ष्य पर फोकस कीजिए, जिस दिन आपको पता चल गया कि आप सचमुच जाना कहाँ चाहते हैं उस दिन आपको कोई नहीं रोक सकता। बस आपको एक-एक स्टेप आगे बढ़ना होता है।

हमेशा बड़ा सोचो, उन लोगों की मत सुनो जो तुमसे कहते हैं कि यह नहीं हो सकता। छोटा सोचने के लिए लाइफ बहुत छोटी है।

Tim Ferriss

जिंदगी उतनी भी बड़ी नहीं जितनी हम सोचते हैं, एक-एक सेकंड कैसे निकल रहा है हमें पता तक नहीं चल रहा। जब लोग हमसे कहते हैं कि ये नहीं हो सकता तब उनका मतलब यह साफ़ है कि वह उनसे नहीं हो सकता। आप क्या करना चाहते हैं, उसे सिर्फ आप ही जानते हैं! लोग आपसे कुछ भी कहें, बस अपने लक्ष्य पर फोकस करें, अपने गोल्स को अचीव करने के बारे में सोचिए.. याद रखिए, लोगों का काम है कहना है।

हम वही बन जाते हैं जिसके बारे में हम सोचते हैं

Earl Nightingale

बिना सोचे हम एक्शन नहीं ले सकते। और हम जैसा सोचते हैं, हमारा मन वैसा ही करना चाहता है। आप अपनी लाइफ में क्या बनना चाहते हैं उसके बारे में सोचिये, आप किसे अपना रोल मॉडल मानते हैं, क्योंकि आप अपने आदर्श को देखकर ही वैसा बनने का सोच सकते हैं। जैसी सोच, वैसी सफलता। जैसा सोचेंगे, वैसा बनेंगे।

अपने खुद के सपनों का निर्माण करें या कोई आपको जॉब पर रख लेगा ताकि वह आपके द्वारा अपने सपनों का निर्माण कर सके।

Farrah Gray

यही समय है कुछ करने का, यदि आपके पास आईडिया है, किसी चीज में अच्छी पकड़ है और आप अपना बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं तब सोचने में ही पूरा दिन न लगायें। आप जो भी शुरू करना चाहते हों, उसकी रिसर्च कर काम शुरू करें, नहीं तो आपको कोई व्यक्ति आपके same आईडिया का उपयोग कर आपको hire कर लेगा।

आप जो कुछ चाहते थे वह डर के दूसरी तरफ है।

George Addair

डरने वाले इतिहास नहीं रचते, एक पुरानी कहावत तो आपने सुनी ही होगी जो डर गया वो मर गया। मन से डर को निकाल फेकिये, और सफलता का दामन थामिए, क्योंकि आप सफल होने के लिए बने हैं, डरने के लिए नहीं।

अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें। आप केवल तभी बढ़ सकते हैं जब आप कुछ नया करने की कोशिश में अजीब और असहज महसूस करना चाहते हैं

Brian Tracy

कुएँ के मेंढक की तरह ही जीवन मत जीएं। आप तभी कुछ बड़ा कर सकते हैं जब आप अपने कंफर्ट के दायरे से बाहर निकलेंगे। आपको शुरुआत में यह अजीब लग सकता है लेकिन जब आप कोशिश शुरू करेंगे और एक-एक स्टेप आगे बढ़ाते जाएंगे तब यकीन जानिये नई शुरुआत में आपको बहुत मजा आएगा और आप बड़ी से बड़ी सफलताएँ प्राप्त कर सकते हैं।

किसी के बादल में इंद्रधनुष बनने की कोशिश करें

Maya Angelou

हम इस दुनिया में खुद के लिए ही जीने के लिए नहीं आए हैं। हमें हमेशा दूसरों की लाइफ के लिए भी कुछ करना चाहिए, इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें हमारी जरूरत है। हमें उनकी लाइफ में इन्द्रधनुष की तरह रंग भरना चाहिए, उन्हें यह महसूस कराना चाहिए कि कोई है जो उनकी लाइफ में भी खुशियाँ ला सकता है।

बस चलते रहो। अगर वे इसे बनाए रखें तो हर कोई बेहतर हो जाएगा।

Ted Williams

हम इस वजह से फेल हो जाते हैं क्योंकि हम किसी काम को बीच में ही छोड़ देते हैं। या कोई काम शुरू करते भी हैं तो उसमें निरंतरता नहीं बनाए रख पाते, इस बात को गाँठ बांध लें कि हम छोटे-छोटे स्टेप के साथ आगे बढ़ना होता है, बस हमें चलते जाना है.. कछुए की तरह ही धीरे-धीरे ही हम यदि चलते रहें तो हम देर सबेर अपनी मंजिल तक पहुँच ही जाएँगे. बस हमें निरन्तरता बनाये रखनी होगी।

मैं जो करता हूं, उससे प्यार करता हूं और जब आप जो करते हैं उससे प्यार करते हैं, तो आप उस पर सर्वश्रेष्ठ बनना चाहते हैं

Jay-Z

आप जो भी काम कर रहे हैं उससे प्यार कीजिये, ऐसा करने से आप उसमें अपना 100% देंगे। मर-मरकर काम करने से या नाखुश होकर काम करने से आपको समय पर सैलेरी तो मिल सकती है पर आप कभी अपने काम में अपना 100% नहीं दे पाएँगे। सफलता के लिए ये बहुत जरूरी है कि हम जो भी काम करें उससे प्यार करें और इसके लिए आप ऐसे काम का चुनाव करें जो आपको पसंद हो।

शुरुआत हमेशा आज होती है।

Mary Wollstonecraft Shelley

काम को कभी भी कल पर मत टालें, न ही किसी ख़ास दिन का इंतजार करें, यदि आप किसी चीज की शुरुआत करना चाहते हैं और उसके लिए आप तैयार हैं तो आपको किस मुहूर्त का इंतजार है। आज से बेहतर कोई मुहूर्त नहीं है, आप आज ही शुरुआत करें और अपनी सफलता की कहानी लिखें।

एक नया साल और हमारे लिए इसे सही करने का एक और मौका।

Oprah Winfrey

हम हर साल कुछ न कुछ गलतियाँ करते ही हैं और उन गलतियों को ही बार-बार दुहराकर हम फेल हो जाते हैं। हमें यदि इस साल सफल होना है तो इस बात को समझना होगा कि पिछले साल हमनें क्या-क्या गलतियाँ की जिन्हें न दुहराकर हम इस साल बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं। यह साल एक नया अवसर लेकर आया है, हमें कुछ नया और बेहतर करना होगा तभी हम कुछ अच्छे परिणाम की उम्मीद कर सकते हैं।

यह उज्ज्वल नया साल मुझे उत्साह के साथ हर दिन जीने,  दैनिक विकास और मेरी सबसे अच्छी और मेरी सर्वश्रेष्ठ बनने की कोशिश करने के लिए मुझे दिया गया है!

William Arthur Ward

हमें ये 365 पेज की एक नई डायरी फिर से लिखने का अवसर दिया जा चूका है और हर पन्ने में आपको अपनी सक्सेस स्टोरी पूरे जोश के साथ लिखनी है। आपको हर दिन अपना बेस्ट देना है, लगे रहना है, कोशिश करते जाना है, और कभी हार नहीं मानना। आप डायरी के अंत में 12 वें महीने कुछ ऐसा लिखेंगे जो आपने शुरुआत में सोचा था। बस आपको अपने सपनों पर यकीन करना होगा और बिना रुके मेहनत करते जाना होगा। आपकी सफलता एक दिन दूसरों को प्रेरित करेगी।

आप कभी भी नहीं जीतोगे जब तक आप शुरू नहीं करते।

Helen Rowland

यदि आपको फसल काटना है तो बीज बोना ही होगा। बिना बीज बोये आप फसल नहीं काट सकते। बिना शुरुआत किये आप कभी सफलता के बारे में नहीं सोच सकते। यदि आपको अपनी लाइफ में जीतना है तो शुरुआत करनी ही होगी। कल्पनाओं की दुनिया से बाहर आकर आपको असली दुनिया से रूबरू होना ही होगा। किसी चीज का खयाल करते रहने से आपके मन को आनन्द तो मिलेगा लेकिन आपको वो चीज तभी मिलेगी जब आप उसे हासिल करने के लिए कोई स्टेप उठाएंगे, शुरुआत करेंगे। इसलिए यदि आपको जीतना है तो जीत के लिए कदम बढ़ाएँ, शुरुआत करें और एक दिन आएगा जब दुसरे लोग आपको देखकर ही अपने सपनों को हासिल करने के लिए अपना कदम आगे बढ़ाएंगे।

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विद्यार्थी जीवन में समय का महत्व https://www.hamarisafalta.com/2018/12/importance-of-time-for-students-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%af-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b5.html https://www.hamarisafalta.com/2018/12/importance-of-time-for-students-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%af-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b5.html?noamp=mobile#respond Tue, 04 Dec 2018 16:24:04 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2195 Importance of Time For Students in Hindi दोस्तों , आज का यह आर्टिकल उन स्टूडेंट्स के लिए हैं जो अपनी लाइफ में कुछ करना यानि कुछ बड़ा करना चाहते हैं लेकिन उन्हें ये नहीं समझ आता की सफलता की राह में समय का कितना बड़ा योगदान है! वे सिर्फ यह सोचने में समय बिता रहे हैं कि उन्हें अपनी लाइफ को आगे जाकर उज्जवल बनाना है . ऐसा सोचना सही है, क्योंकि जब तक आप सपने नहीं देखोगे तब तक […]

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Importance of Time For Students in Hindi

दोस्तों , आज का यह आर्टिकल उन स्टूडेंट्स के लिए हैं जो अपनी लाइफ में कुछ करना यानि कुछ बड़ा करना चाहते हैं लेकिन उन्हें ये नहीं समझ आता की सफलता की राह में समय का कितना बड़ा योगदान है! वे सिर्फ यह सोचने में समय बिता रहे हैं कि उन्हें अपनी लाइफ को आगे जाकर उज्जवल बनाना है . ऐसा सोचना सही है, क्योंकि जब तक आप सपने नहीं देखोगे तब तक उन्हें पूरा कैसे करोगे ? इसलिए सपने देखना सही है लेकिन उस सपने को हकीकत का रूप देने के लिए भी आपको अभी से तैयार रहना होगा . आपको अपने इस समय की कद्र करनी होगी और स्टूडेंट लाइफ को कठिन बनाना होगा .

Image Credit : pixabay.com

स्टूडेंट्स के लिए समय का महत्व

दोस्तों हमारे जीवन में समय का बहुत अधिक महत्व है और ख़ास कर विद्यार्थियों को तो समय की ही पूजा करनी चाहिए यानि समय का सदुपयोग करना चाहिए . पढ़ने वाले बच्चों की लाइफ में समय का एक अलग ही स्थान रहना चाहिए . समय ही उनके लिए सब कुछ होना चाहिए क्योंकि एक-एक सेकंड बहुत कीमती होता है . हम खोया हुआ सामान ,पैसा, शोहरत सब पा सकते है यहाँ तक की हमारी तबियत भी ख़राब होने पर वही हेल्थ दोबारा पा सकते है लेकिन लाख कोशिश करने के बाद भी समय को कभी वापस नही पा सकते . कहा जाता है समय का पहिया हमेशा घूमते रहता है इसलिए जो करना है समय पर करो . हम अगर हर काम समय पर करते हैं तो हम सफलता के पीछे नही बल्कि सफलता हमारे पीछे भागेगी . जीवन में वही लोग सफल होते हैं जो समय का मूल्य जानते हैं . समय का तो मूल्य भी नहीं लगाया जा सकता यह एक अमूल्य धन है . आप बुक्स की कीमत चुका सकते हो , जो पढ़ रहे हो वही पढ़ाई दोबारा भी सीख सकते हो लेकिन बीते समय को वापस नही पा सकते .

स्टूडेंट्स टाइम का मैनेजमेंट कैसे करें

स्टूडेंट्स को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए की वे टाइम का ठीक तरह से मैनेजमेंट कर सकें . उन्हें अपना हर काम सही टाइम पर या टाइम से पहले ही कर लेना चाहिए क्यूंकि ये मेरे खुद का अनुभव है कि अगर हम कोई काम टाइम से पहले उसे पूरा कर लेते है तो हमें दुसरे कामों को करने के लिए भी और ज्यादा समय मिल जाता है और हमारा काम भी सही तरीके से हो पाता है. स्टूडेंट्स को तो अपने खाली समय का भी भरपूर उपयोग करना चाहिए . उस समय उन्हें अपनी पढाई से रिलेटेड ही वर्क करना चाहिए या ऐसा काम करना चाहिए जिससे उनका विकास हो सके . उन्हें खाली समय में सोशल मिडिया से तो दूर ही रहना चाहिए क्यूंकि बच्चे इसमें इस कदर उलझ जाते है की उन्हें पढ़ने का भी ध्यान नहीं रहता . आपने एक बात नोटिस की होगी कि कभी – कभी जब हमें पढ़ने का मन नहीं करता तो हमें ऐसा लगता है की चलो कुछ टाइम थोडा फ़ोन ही चला लें उसके बाद फिर पढ़ने बैठ जायेंगे लेकिन वाकई क्या ऐसा होता है ?…जैसे ही फ़ोन हमारे हाथ में आता है उस समय हमारी पढाई कौन से रेगिस्तान में चली जाती है उसका हमें होश भी नही रहता और हम फ़ोन में ही उलझे रह जाते हैं . इसलिए आपको फ़ोन के अलावा दूसरी चीज़ में अपना ध्यान लगाना चाहिए , जैसे खेल , योगा वगैरा.. अगर स्टूडेंट्स, टाइम की इम्पोर्टेंस को जान लेते हैं तो लाइफ में आगे उन्हें कभी दिक्कत नही आएगी क्योंकि स्टूडेंट्स के लिए एक-एक सेकंड कीमती होता है.

समय का सही उपयोग करने वाले सफल लोग

मै कुछ ऐसे लोगों का उदाहरण भी देना चाहूंगी जिन्होंने टाइम का सही इस्तेमाल किया है और आज सफलता उनके कदमो पर है. जैसे –

  1. टाटा
  2. बिरला
  3. सचिन तेंदुलकर
  4. बिल गेट्स
  5. जेफ़ बेजोस etc..

ये लोग ऐसे इंसान थे जिन्होंने समय का सही उपयोग किया और आज पूरी दुनिया इनको जानती है .

 

सुख सुविधाओं के पीछे न भागना

Friends , आपमें से ज्यादातर स्टूडेंट्स तो अपने टाइम को सुख सुविधाओं के पीछे नष्ट कर देते हैं . ये सुख सुविधाएं और विलासिता स्थायी नही होती कभी भी , ये आती और जाती रहती हैं लेकिन आपका समय आपको फिर कभी वापिस नही मिलता . अगर आपको आगे जाकर अपनी लाइफ में कुछ बड़ा करना है और सफल होना है तो आपको अभी दर्द सहना होगा . आपको अपनी सुख सुविधाएं त्यागनी होगी जिससे की आप खुद को बेहतर बना सको और कुछ बड़ा मुकाम हासिल कर सको .

संस्कृत के एक श्लोक में कहा भी गया है

सुखार्थिनः कुतः विद्या , विद्यार्थिनः कुतः सुखं

सुखार्थी व तज्येत विद्या , विद्यार्थी व तज्येत सुखं

अर्थात, सुख चाहने वालों को विद्या नही मिलती और विद्या चाहने वालों को सुख नही मिलता . सुख चाहने वालों को विद्या का त्याग करना पड़ता है और विद्या चाहने वालों को सुख को त्यागना पड़ता है .

दोस्तों , इस श्लोक का अर्थ यदि आप गहरे मन से समझो तो आपको यह समझ आ जायेगा की अगर आपको अपनी पढाई से प्यार है , अगर आपको विद्या चाहिए , नॉलेज चाहिए तो अभी आपको कष्ट सहना ही पड़ेगा . आपको बस अपना ड्रीम याद रखना है कि आप किस तरह वहां तक पहुँच सकते हैं ? किस तरीके से अपनी ड्रीम को हकीकत बना सकते हैं और जब आप ऐसा सोचेंगे तब आपको किसी और motivation की जरूरत नही होगी . आप खुद ही अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाएंगे .

जो स्टूडेंट्स इस समय रूपी अमूल्य धन को यूँ ही गुजार देता है या सुख – सुविधा और विलासिता के पीछे भागता है वो एक न एक दिन जरुर रोता है . इसलिए लाइफ में अगर सफल होना है तो हमें समय की क़द्र करनी चाहिए . तभी हम उचाईयों को छू सकते हैं और सफलता की चरम सीमा तक पहुँच सकते हैं .

 

जरूर पढ़ें : स्टूडेंट्स पढ़ाई के Distraction से कैसे बचें?

धन्यवाद 🙂

Priya Paul 

Class-11th

Ghatsila (Jharkhand)

Email : paulpriya716@gmail.com

प्रिया जी द्वारा कंट्रीब्यूट किये गये अन्य लेख पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

We are grateful to Priya Paul for sharing this Inspirational Article Based on importance of time management for student life in hindi.

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क्या आप पीठ पीछे बातें करते हैं? https://www.hamarisafalta.com/2018/12/gossip-in-hindi-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%be.html https://www.hamarisafalta.com/2018/12/gossip-in-hindi-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%be.html?noamp=mobile#respond Sun, 02 Dec 2018 18:02:33 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2191 क्या आप पीठ पीछे बातें करते हैं?  क्या आप बड़े ही मजे से पीठ पीछे दूसरों की बातें करते हैं! तब आप इस बात को गाँठ बाँध लें कि जो लोग आपके सामने दूसरों की बातें करते हैं, पीठ पीछे दूसरों की बुराइयाँ करते हैं, वही लोग आपके पीठ पीछे भी दूसरों के सामने आपकी बुराइयाँ करते हैं, आपके बारे में बातें करते हैं। एक व्यक्ति का सबसे ज्यादा समय इसी में बर्बाद होता है, वह गप्पे मारने के लिए, […]

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क्या आप पीठ पीछे बातें करते हैं? 

क्या आप बड़े ही मजे से पीठ पीछे दूसरों की बातें करते हैं! तब आप इस बात को गाँठ बाँध लें कि जो लोग आपके सामने दूसरों की बातें करते हैं, पीठ पीछे दूसरों की बुराइयाँ करते हैं, वही लोग आपके पीठ पीछे भी दूसरों के सामने आपकी बुराइयाँ करते हैं, आपके बारे में बातें करते हैं।

एक व्यक्ति का सबसे ज्यादा समय इसी में बर्बाद होता है, वह गप्पे मारने के लिए, दूसरों की बुराई करने के लिए अपना काम तक बंद कर देता है। दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है। लोगों के पास गप्पे मारने के लिए बहुत समय है, वे हमेशा इसके लिए तैयार रहते हैं। कहा जाता है कि गप्पे हांकने और झूठ बोलने के बीच बहुत अच्छा रिश्ता होता है। गप्पे हाँकने वाला व्यक्ति आपसे कुछ अलग कहता है और वही बात आपके मित्र को अलग ढंग से कहता है। कई बार ये बड़े झूठ का रूप ले लेती है।

असफल लोगों की यह एक बड़ी क्वालिटी है, कि वे खुद की तारीफ़ से ज्यादा दूसरों की बुराई सुनना पसंद करते हैं। गप्प मारकर आप कभी भी किसी के दिल को जोड़ने का काम नहीं करते, ये आपके दिल में उस व्यक्ति के प्रति रूखा व्यवहार पैदा करता है, असल में गप्पे मारना दो दिलों को तोड़ता है, उनके बीच दरार पैदा करता है।

Image Credit : pixabay.com

जब भी आप किसी गॉसिप का मजा ले रहे हों तब उसी समय खुद से कुछ प्रश्न करें:

क्या गप्पे मारना या दूसरों की बातें करना जरूरी है

क्या हमारे पास इसके लिए समय है, यदि समय है तब आप किसी बड़े लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकते, बड़ी सफलता प्राप्त करना आपके लिए संभव नहीं है। आपके लिए अपना काम जरूरी है, दूसरों की बातें करके आपको कुछ भी हासिल नहीं होने वाला।

किसी से न कहना

क्या आप गप्पे मारते समय बार-बार ऐसा बोलते हैं, ‘किसी से मत कहना’ ऐसे वाक्य से जब आप अपनी बातें शुरू करते हैं, तब याद रखिए कि जितनी भी बातें आपने सामने वाले से कही हैं वह कभी भी उसकी पेट में पचने वाली नहीं है। वह आज नहीं तो कल किसी दुसरे व्यक्ति से वो बातें शेयर कर ही देगा जो आपने उससे कही होगी।

अफवाहें मत फैलाएं

कई बार लोग दूसरों की बुराई सुनने और करने के लिए बेचैन रहते हैं, इस बीच वो तरह-तरह की झूठी बातें भी सामने वाले के साथ शेयर करते हैं, बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता। आपके गप्पे हाँकने वाले ग्रुप से बातें बढ़चढ़कर व अफवाह का रूप लेकर सब तरफ फैलती जाती हैं।

क्या आप दूसरों के बारे में बुरी बातें कहते हैं

याद रखिए, आप दूसरों के बारे में जैसी बातें करेंगे, लोग दूसरों के साथ आपके बारे में भी वैसी ही बातें करेंगे।

इसमें सच्चाई है भी या नहीं

बिना जाने समझे, किसी के बारे में गलत कमेन्ट करना बहुत बड़ी गलती है। आपको ऐसी गलती से हमेशा बचना चाहिए।

 

दोस्तों इस बात को हमेशा याद रखिए, “एक छोटा आदमी वह है जो दूसरों के बारे में बात करता है, मध्यम स्तर वाले लोग चीजों के बारे में बात करते हैं और महान व्यक्ति वह होता है जो Ideas या विचारों की बात करता है।” आप इनमें से किस श्रेणी में आते  हैं।

क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में सबसे ज्यादा शादियाँ इसी की वजह से टूटती हैं। यह वैवाहिक जीवन पर बहुत असर डालती है, एक सुखी परिवार को तोड़ने में भी गप्पे हांकने वालों का हाथ होता है जो घरवालों का कान भरते हैं। आपको हमेशा गप्पे मारने से बचना चाहिए। याद रखिए, छोटे मुंह वाले लोग ही बड़ी बातें करते हैं।

लोगों के पास भले ही किसी के लिए समय न हो लेकिन जब बात गप्पे मारने की आती है तब वो सबसे पहले इसमें शामिल होना पसंद करते हैं। गप्पे मारने से आप किसी के चरित्र पर दाग लगाने का काम करते हैं, किसी की निंदा या बदनामी करके आप किसी बड़े लेवल तक नहीं पहुँच सकते। ये छोटे लोगों का काम है। गप्पे मारने वाला और गप्प सुनने वाला दोनों ही एकसामन रूप से उतने ही दोषी हैं।

न तो पीठ पीछे किसी के बारे में बात कीजिए और न सुनिए, गप्पे मारना और गप्पे सुनना बंद कीजिये… अगर आप ऐसा करते हैं तो यकीन मानिए आपकी जिंदगी में अच्छे बदलाव आने शुरू हो जाएंगे।

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क्या आप इच्छा फ़ौरन पूरी करना चाहते हैं?

क्या आपने किसी सफल व्यक्ति को कभी यह कहते हुए सुना है कि उसनें किसी चीज की इच्छा की और वह फ़ौरन पूरी हो गयी। सफल लोग इस बात को बखूबी समझते हैं कि इच्छा फ़ौरन पूरी नहीं होती। इसमें समय लगता है। आप बीज बोकर तुरंत फसल काटने के बारे में सोच भी नहीं सकते। लेकिन आज भी ज्यादातर बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो रातोंरात करोड़पति बनना चाहते हैं, बहुत सारे लोग इसी के कारण सट्टा और लौटरी के चक्कर में अपनी पूरी लाइफ बर्बाद कर देते हैं। आज आदमी के अन्दर किसी तरह का सब्र नहीं है, लोग अपनी इच्छाएं झटपट पूरी करना चाहते हैं, धैर्य शब्द हमारी जिंदगी से धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। हम हर काम जल्दी चाहते हैं, किसी भी चीज का परिणाम हमें तुरंत चाहिए।

Image Credit : pixabay.com

सफल और असफल लोगों में एक बड़ा फर्क होता है कि सफल लोग हमेशा दूर की सोचते हैं और इसी के अनुसार वे कदम उठाते हैं लेकिन फेलियर लोग हमेशा आज के बारे में सोचते हैं, बस किसी तरह वे आज सफल हो जाएं, भले ही उन्हें पूरी जिंदगी जेल में ही क्यों न सड़नी पड़े… इसका मतलब बिलकुल साफ है कि लोग अमीर बनने के लिए आज अपनी ईमानदारी का गला घोंट सकते हैं इसके लिए वे हमेशा शार्टकट तलाशते हैं। प्रकृति का नियम है कि जिस काम में जितना समय लगना है, उतना समय लगेगा ही। यदि आपकी इच्छा एक कलेक्टर बनने की है तब आप सिर्फ एक दिन की पढ़ाई करके ही वह मुकाम हासिल नहीं कर सकते। इसके लिए जितनी तैयारी जरूरी है, वह करनी ही पड़ेगी।

लोग अपने मन में बड़े-बड़े सपने पाले रहते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत भी करते हैं, पर जब उन्हें परिणाम नहीं मिलता तब वो उदास हो जाते हैं और जल्दी ही Quit कर देते हैं… यह इसलिए होता है क्योंकि उनकी इच्छा एक बार में ही सफल होने की रहती है, वे जल्दी सफल होना चाहते हैं, उनके पास धैर्य का अभाव होता है।

अगर आप सिर्फ आज के बारे में सोचते हैं, कि बस किसी तरह लाखों-करोड़ों रूपये आ जाएं, आप अमीर बन जाएं, चाहे इसके लिए आपको किसी को भी लूटना पड़ जाए… इससे आप एक दिन में सफल तो हो सकते हैं लेकिन अगले ही दिन आपकी हालत पहले से भी बदतर हो जाएगी। आप किसी भी बड़े सट्टेबाज से पूछ लें, वह आपको बता सकता है कि भले ही वो तुरंत लखपति बना होगा लेकिन अगले ही दिन उसके लालच से वह सब जीते हुए पैसे गँवा भी चूका होगा। इच्छा एक दिन पूरी नहीं होती, और यदि बेईमानी से आप अपनी इच्छा तुरंत पूरी भी कर लें तो आज नहीं तो कल आप मुंह के बल जरूर गिरेंगे।

शॉर्टकट की तलाश में अपनी लाइफ को नरक मत बनाएं, इच्छा फ़ौरन पूरी करने की चाहत, वास्तव में आपको पीछे धकेल रही होती है, आपको तुरंत इसका पता नहीं चलता लेकिन बाद में आप खुद को मुश्किलों से घिरा हुआ पाते हैं। याद रखिए एक बीज, एक विशाल वृक्ष में तब बदलती है जब उसकी अच्छी देखभाल की जाती है, वर्षों तक उसे खाद और पानी देना होता है, कड़ी मेहनत के बाद ही वह एक मजबूत पेड़ का रूप लेता है जिसका फल आप वर्षों तक खाते हैं। इच्छा फ़ौरन पूरी करने की चाहत मत रखिए, बस ईमानदारीपूर्वक अपना कर्म करते जाइए, फल जरूर मिलेगा।

 

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आशंका एक विष है | Article on Doubt in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%86%e0%a4%b6%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%8f%e0%a4%95-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b7-%e0%a4%b9%e0%a5%88-article-on-doubt-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%86%e0%a4%b6%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%8f%e0%a4%95-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b7-%e0%a4%b9%e0%a5%88-article-on-doubt-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 30 Nov 2018 17:28:39 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2173 आशंका एक विष है। मनोविज्ञान स्पष्ट रूप से कहता है कि किसी व्यक्ति के अन्दर बीमारी की आशंका बॉडी के उस भाग में तनाव पैदा कर देती है और उस अंग में बीमारी आ जाती है। यदि आप किसी कमजोर व्यक्ति के मन में यह आशंका डाल दें कि उसके अन्दर एक बड़ी बीमारी है, तब वह उस बात को एक्सेप्ट कर लेगा और वह उस बड़ी बीमारी से ग्रसित हो जाएगा। वहम सब रोगों की जड़ है। जब आपके […]

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आशंका एक विष है।

मनोविज्ञान स्पष्ट रूप से कहता है कि किसी व्यक्ति के अन्दर बीमारी की आशंका बॉडी के उस भाग में तनाव पैदा कर देती है और उस अंग में बीमारी आ जाती है। यदि आप किसी कमजोर व्यक्ति के मन में यह आशंका डाल दें कि उसके अन्दर एक बड़ी बीमारी है, तब वह उस बात को एक्सेप्ट कर लेगा और वह उस बड़ी बीमारी से ग्रसित हो जाएगा। वहम सब रोगों की जड़ है। जब आपके मन में निराशा, आशंका, दुःख, निर्धनता जैसे विचार आते हैं तब उसी क्षण हमारी बॉडी के प्रत्येक भाग में इसका प्रभाव पड़ता है। हम वैसा ही सोचने लगते हैं और हमारे साथ वैसा ही होता है।

जब हम अपने मन को कमजोर कर लेते हैं, तब आशंका हमें घेर लेती है। जब भी कोई आशंका आए उसे तुरंत अपने मन से निकाल दीजिए, उसे पालिए मत। सफलता के बारे में वहम मत पालिए, क्योंकि ये आपके मन को इतना कमजोर कर देंगी कि आप इससे उबरने में असमर्थ हो जाएँगे।

जब भी हम सफलता के बारे में सोचते हैं, मन में एक डाउट होता है कि इतनी मेहनत के बावजूद हम सफल होंगे भी या नहीं! बार-बार Doubts के कारण ही मन कमजोर पड़ने लगता है, और हम Quit करने के बारे में ही सोचने लगते हैं। हमारी आशंकाएं न सिर्फ हमें कमजोर करती हैं बल्कि हमारे कदमों को भी पीछे कर लेती हैं।

आशंकाओं के बारे में किसी भी प्रकार से मत सोचिये, उन्हें भुलाने या भगाने के बारे में भी न सोचिये, बल्कि अपने मन को दुसरे कार्यों में उलझा दीजिए। माइंड को शंकाओं से दूर करने के लिए आप अच्छी किताबों का सहारा ले सकते हैं, पॉजिटिव लोगों से खुद को जोड़ सकते हैं।

सफलता के लिए बहुत जरूरी है कि हम खुद पर भरोसा रखें, पूरे साहस के साथ आगे बढ़ें, शंकाओं को मन में घर करने न दें, हमारी शंकाएं विष के समान हैं, जो हमारे आत्मविश्वास को खत्म कर देती हैं। अपनी सफलता को लेकर Sure रहें, क्योंकि जब आप विश्वास करते हैं तब आप Quit नहीं करते, आप काम करते जाते हैं और अपने विश्वास के दम पर आगे बढ़ते रहने से आप सफल हो जाते हैं।

 

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अहंकार | Inspirational Article on Ego in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%85%e0%a4%b9%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-inspirational-article-on-ego-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%85%e0%a4%b9%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-inspirational-article-on-ego-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 30 Nov 2018 13:30:25 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2169 Inspirational Article on Ego in Hindi आमिर खान ने गजनी मूवी में एक बहुत अच्छी बात कही है, “मैं कर सकता हूँ, नहीं… ये मेरा घमंड नहीं मेरा विश्वास है। विश्वास और घमंड में बहुत कम फ़र्क है। मैं कर सकता हूँ, ये मेरा विश्वास है। सिर्फ मैं ही कर सकता हूँ, ये मेरा घमंड। विश्वास की हमें जरूरत है इसे अपने पास रखिए, और घमंड अगर ऑफिस के दरवाजे के बाहर छोड़कर आएँगे तो मेहरबानी होगी।” इस दुनिया में […]

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Inspirational Article on Ego in Hindi

आमिर खान ने गजनी मूवी में एक बहुत अच्छी बात कही है, “मैं कर सकता हूँ, नहीं… ये मेरा घमंड नहीं मेरा विश्वास है। विश्वास और घमंड में बहुत कम फ़र्क है। मैं कर सकता हूँ, ये मेरा विश्वास है। सिर्फ मैं ही कर सकता हूँ, ये मेरा घमंड। विश्वास की हमें जरूरत है इसे अपने पास रखिए, और घमंड अगर ऑफिस के दरवाजे के बाहर छोड़कर आएँगे तो मेहरबानी होगी।”

इस दुनिया में ज्यादातर लोग अपने अहंकार के कारण ही बर्बाद हो जाते हैं। वे विश्वास या भरोसे से ज्यादा अपने Ego को महत्व देते हैं। आदमी का अहम और वहम दोनों उसे सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ने नहीं देता। क्योंकि एक अहंकारी आदमी की दुनिया उसे से शुरू होती है और अंत में उसी पर ख़त्म हो जाती है।

अक्सर मेरी माँ मुझसे कहा करती हैं, “जिंदगी में कितने भी बड़े मुकाम पर पहुँच जाओ, कितने भी बड़े आदमी क्यों न बन जाओ, मेरी एक बात हमेशा याद रखना, बड़ी सफलताओं को अपने दिमाग में घर करने मत देना, कभी भी घमंड मत करना, क्योंकि घमंड का घर हमेशा खाली रहता है।” घमंडी इंसान के पास कोई भी व्यक्ति रहना पसंद नहीं करता, क्योंकि एक अहंकारी व्यक्ति दूसरों को हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश करता है।

व्यक्ति को आम के फलों से लदे पेड़ की तरह होना चाहिए, जिसकी टहनी फलों से लदी व झुकी रहती है। जितने फल लगते जाते हैं वह उतना ही झुकती जाती है। बड़ी-बड़ी सफलताएँ मिलने का वास्तविक अर्थ वैसा ही है, हमें लदे हुए फलों की टहनियों की तरह विनम्रता से झुकना होगा, हम खुद पर गर्व कर सकते हैं लेकिन घमंड नहीं।

गर्व और अहंकार में अंतर

आप कड़ी मेहनत करते हैं, और जब आप सफल होते हैं, तब आपके अन्दर एक विनम्र संतुष्टि की भावना पैदा होती है इसे ही गर्व कहा जाता है। लेकिन जब आपकी सफलता आपके दिमाग पर चढ़ जाती है तब यह अहंकार का रूप ले लेती है। गर्व जरूरी है क्योंकि इससे आपका ह्रदय विशाल होता है लेकिन अहंकार नहीं, क्योंकि इससे आपका दिमाग चढ़ता जाता है, दिमाग चढ़ने से आपका ही सिर दर्द बढ़ेगा लेकिन ‘गर्व’ से आपका दिल बड़ा बनेगा, और आपका दिल जितना बड़ा होगा आपके अन्दर विनम्रता उतनी ही ज्यादा होगी।

आप सब कुछ नहीं जानते!

हममें से ज्यादातर लोगों को लगता है कि वे सब कुछ जानते हैं, उन्हें किसी से सीखने की जरूरत नहीं है, हाँ ये हो सकता है कि आप बहुत कुछ जानते हों लेकिन जिस दिन आप कहते हैं कि आप सब कुछ जानते हैं, उस दिन आप खुद को एक अहंकारी व्यक्ति कह सकते हैं। आप बहुत कुछ जानते हैं लेकिन सब कुछ नहीं। अहंकारी व्यक्ति अपनी लाइफ में ज्यादा लम्बा सफ़र तय नहीं कर सकता क्योंकि उसका नजरिया ‘मैं सब कुछ जानता हूँ’ वाला होता है।

महापंडित महाविद्वान रावण

रावण इस धरती के सबसे बड़े महाविद्वान में से एक हैं। उनकी जैसी बुद्धि इस संसार में किसी के पास नहीं है। हमारे देश में हर साल दशहरे पर उन्हें याद किया जाता, इतने बड़े विद्वान, साहसी, पराक्रमी राजा के पुतले को हर साल क्यों जलाया जाता है, क्या श्रीराम ने रावण को मारा था इसलिए ही हम हर साल दशहरा मनाते हैं! श्रीराम ने रावण के अहंकार को खत्म किया था। रावण को स्वयं पर बहुत घमंड था कि उनसे पराक्रमी कोई दूसरा नहीं, और उन्हें कोई नहीं मार सकता। रावण का अहंकार ही उनके विनाश का कारण बना। उनके अहंकार ने ही उन्हें मृत्यु दिलाई। यदि हम रावण के बारे में गंभीरता से विचार करें तो उनके जीवन से जो सबसे बड़ी बात हम सीख सकते हैं, वह है – जो व्यक्ति घमंड करता है, जो व्यक्ति अहंकारी है उसे पास कुछ भी नहीं बचता, और एक दिन सब खत्म हो जाता है और वह भी बर्बाद हो जाता है।

अहंकार को कैसे खत्म करें

हर व्यक्ति के अन्दर किसी न किसी तरह का घमंड होता ही है, यह मनुष्य का एक स्वभाव है। जब हम खुद को जमीन से जुड़ा हुआ पाते हैं, तो हमारे नीचे गिरने का सवाल ही पैदा नहीं होता। लेकिन जब सफल होने पर हम खुद को आसमान में ले जाते हैं, अपने दिमाग को चढ़ाने लगते हैं, तब हमें आसमान से नीचे गिरने में देर नहीं लगेगी। ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें कि खुद को इस जमीन से ही जोड़े रखें, बड़ी-बड़ी सफलताएँ प्राप्त करने के बाद भी खुद को वैसा ही रखें जैसे आप पहले थे। इसका मतलब यह नहीं है कि आप वैसी ही जिंदगी जीयें, इसका मतलब है कि आप हवा में नहीं उड़ रहे, आप वैसे ही विनम्र हैं, जैसे आम से लदी एक डाली होती है।

अहंकार को अपने दिमाग में घर करने मत दें नहीं तो आपने जितनी जल्दी सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ी हैं, आपको वहां से नीचे उतरने में देर नहीं लगेगी।

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जीवन आसान नहीं होता, इसे आसान बनाना पड़ता है… https://www.hamarisafalta.com/2018/11/best-inspirational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/best-inspirational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 29 Nov 2018 18:02:11 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2166 Best Inspirational Article in Hindi असंपूर्णता और सफलता दोस्तों, आपने अवतार फिल्म का एक गाना सुना  ही होगा कि “दुनिया में कितना गम है”। ये सिर्फ  गीत नहीं है बल्कि ज़िन्दगी की असली सच्चाई है। हमें हमेशा ये शिकायत रहती है कि मुझमें किसी चीज की कमी है या मेरे पास यह नहीं है । लेकिन कोई व्यक्ति यह नहीं समझता की यही लाइफ की सच्चाई है कि कोई इंसान कभी परिपूर्ण नहीं बन पाया है उसमें कुछ ना कुछ […]

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Best Inspirational Article in Hindi

असंपूर्णता और सफलता

दोस्तों, आपने अवतार फिल्म का एक गाना सुना  ही होगा कि “दुनिया में कितना गम है”। ये सिर्फ  गीत नहीं है बल्कि ज़िन्दगी की असली सच्चाई है। हमें हमेशा ये शिकायत रहती है कि मुझमें किसी चीज की कमी है या मेरे पास यह नहीं है । लेकिन कोई व्यक्ति यह नहीं समझता की यही लाइफ की सच्चाई है कि कोई इंसान कभी परिपूर्ण नहीं बन पाया है उसमें कुछ ना कुछ कमी जरूर रही है । कोई भी इंसान जन्म से ही सबकुछ लेकर नहीं आता या बिल्कुल सम्पूर्ण नहीं बन जाता , वह अपनी सोच और काबिलियत के दम पर खुद को सम्पूर्ण बनाने की कोशिश करता है । इसके गहराई में जाने से पहले मै आप लोगों के साथ एक कहानी शेयर करना चाहती हूँ –

किसी जंगल में  एक पेड़ पर नवरंग पक्षी रहती थी जो बहुत ही सुन्दर थी । जंगल में वो सबसे सुन्दर थी । सभी पशु पक्षी उसे श्रेष्ठ मानते थे । जब भी कोई उसकी सुन्दरता की तारीफ करता तो वह खुश हो जाती । वसंत का महीना था , एक दिन कोयल अपनी मधुर आवाज़ से सबके कानों को खुश कर रही थी । जब नवरंग के कानों में उसकी आवाज़ पड़ी तो उसकी सारी खुशी फिकी पड़ गई और उसे आभास हुआ की बेशक उसके पंख सुन्दर हैं , वह खूबसरत है लेकिन उसकी आवाज़ उतनी अच्छी नहीं है। वह कोयल की तरह नहीं गा सकती । इसी दुख में वह उदास होकर बैठी हुई थी कि तभी उसका एक दोस्त बंदर वहां आ पहुंचा । नवरंग  ने  अपनी सारी परेशानी बंदर को सुनाई । बंदर जोर-जोर से हंसने लगा और बोला तुम कितनी बेवकूफ हो , तुमने यह तो देखा कि तुम्हारे पास कोयल जैसी आवाज़ नहीं है , लेकिन क्या तुमने यह देखने की कोशिश की कि कोयल के पास तुम्हारे जैसी सुन्दरता नहीं है । बंदर ने कहा ईश्वर ने  सभी को अलग-अलग काम और उद्देश्य के लिए बनाया है और सभी को अलग-अलग प्रकार की प्रतिभाएं दी हैं इसीलिए तुम्हे खुद की प्रतिभा को निखारना चाहिए और अपनी प्रतिभा पर गर्व करना चाहिए .

दोस्तों , इस  छोटी सी कहानी से हमें यह समझ आ जाता है कि भगवान  ने  सबको समान रूप , रंग , गुण , प्रतिभा नहीं दी बल्कि  सब तो हमारी आंखों का धोखा है की दूसरों के पास हमसे ज्यादा काबिलियत है या दूसरे हमसे बेहतर हैं और इसी तरह हम हमेशा खुद को कमतर आंकते  जाते हैं ।

Image Credit : pixabay.com

खुद की कमी ढूंढे 

दोस्तों, ज्यादातर लोग दूसरों में ही कमियां ढूंढते रहते हैं जिस कारण से खुद को कभी सम्पूर्ण नहीं बना पाते । अगर आपको सफल होना है तो पहले आपको खुद को perfect बनाना होगा , खुद में कमियां ढूंढनी होगी , आपको खुद की गलतियों को स्वीकारना होगा तभी आप सफलता की राह पर खुद को खड़ा कर पाएंगे।

अपनी कमजोरियों को अपना ताकत बनाइए 

Friends  हर इंसान की कोई न कोई कमजोरी होती है जिसकी वजह से वे खुद को ज़िन्दगी की दौड़ में पीछे पाते हैं लेकिन क्या वाकई ऐसा होना चाहिए ? नहीं न! इस दुनिया में ऐसी बहुत सी आत्माओं का जन्म हुआ है जिनकी कमजोरी या ज़िन्दगी के बारे में जानने पर हमारी कमजोरियां कहीं की नहीं रहेगी लेकिन इतनी कमजोरियों के बावजूद वे अपने जीवन में कभी हार नहीं माने और सफल इंसानों की गिनती में आते हैं । ऐसे कुछ लोगों  नाम मैं आप लोगों को बताने जा रही हूं –

 

सुधा चंद्रन 

सुधा चंद्रन जैसी होनहार डांसर को तो आप सभी जानते ही होंगे । वह बचपन से ही एक अच्छी डांसर थी लेकिन जब वह 16 वर्ष की थी तो एक बस एक्सिडेंट में उसके पैर की हड्डी टूट गई थी और कृत्रिम पैर लगाए गए । इसके बावजूद उसने अपना नृत्य जारी रखा और कभी हार नहीं मानी। वह संघर्ष करती गयी । मुश्किलों का डट कर सामना किया और विकलांगता को कमजोरी नहीं बनने दिया । उसने अपनी दृद इच्छाशक्ति के दम पर सफलता हासिल किया । आज वह सिर्फ एक अच्छी डांसर ही नहीं बल्कि एक अच्छी ऐक्ट्रेस भी हैं. उन्होंने कई फिल्मों और टीवी सीरियल्स में काम किया है. उनकी जीवनी पर एक फिल्म भी बनी थी जिसे सम्मानित भी किया गया . आज अगर सुधा चंद्रन अपनी कमजोरी को लेकर बैठ जातीं तो वो कभी इस मुकाम पर नही पहुँच पातीं .

 

वाल्ट डिज़्नी 

जब भी कार्टून वर्ल्ड की बात होती है तो वाल्ट डिज़्नी का नाम सबसे ऊपर आता है । इन्हें learning disability थी । इनका कामयाबी का सफ़र आसान नहीं था . वे अपनी लाइफ में कुछ भी करने का सोचते और fail हो जाते थे . लेकिन वाल्ट ने अपनी failure से हार नही मानी . उन्होंने कई बार अपना बिज़नस भी शुरू किया लेकिन उसमें बुरी तरह से fail हो गये . इनकी असफलताओं की तो गिनती नहीं की जा सकती । वे बड़ी कामयाबी चाहते थे इसलिए अपनी disability को अपनी ताकत बनाई और अपने सृजनात्मक विचारों का प्रयोग करना नही छोड़ा . उनकी असफलता की कहानी बहुत भयावह है . ऐसा माना जाता है की वो लगभग 300 या उससे भी अधिक बार असफल हुए लेकिन उन्होंने हार नही मानी और एक अलग ही इतिहास रच डाला . उनकी वाल्ट डिज्नी कंपनी का कारोबार 35 अरब डॉलर का है . वाल्ट डिज्नी कहा करते थे – “If you can dream it , you can do it” .  अर्थात – “यदि आप सपना देख सकते हो तो आप इसे पूरा भी कर सकते हो” .

 

स्टीफन हॉकिंग 

स्टीफन हॉकिंग जैसे मशहूर वैज्ञानिक ने विज्ञान के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है । इनका जीवन प्रारंभ से ही बहुत कठिन रहा है । इन्हें एमियोट्रोफिक लेटरल स्केलेरोसिस नामक बीमारी थी जिसमे शरीर के हिस्से धीरे धीरे काम करना बंद कर देते है लेकिन इन्होंने कभी अपनी इस कमजोरी को अपने सपनों के बीच आड़े नहीं आने दिया और अपनी पढाई जारी रखी . इसी कारण ये अपनी प्रतिभा को दिखा पाए और इतने आविष्कार किए जिनकी कभी हमने कल्पना भी नहीं की थी । इन्होंने कहा है कि –

अगर आप हमेशा नाराज़ रहेंगे एवं खुद को कोसते ही रहेंगे तो किसी के पास आपके लिए टाइम नहीं होगा । “

 

अरुणिमा सिन्हा

अपनी सबसे बड़ी कमजोरी को अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाने वाली पक्की मिसाल हैं अरुणिमा . अरुणिमा के साथ घटी घटना के बाद शायद ही कोई अपनी ज़िन्दगी में कुछ बड़ा करने का सपना देखने की हिम्मत कर पाए . उसे आधी रात में चलती ट्रेन से लुटने का प्रयास किया गया और जब लुटेरे उससे नही जीत पाए तो उसे चलती ट्रेन से ही फेंक दिया गया . इतना ही नही उन्हें फेंकने के बाद पटरियों में उन्होंने अपना पैर भी गँवा दिया . ऐसी घटना के बाद तो दोबारा अपनी ज़िन्दगी में खड़ा हो पाने की भी कल्पना नही की जा सकती लेकिन जब हौसले बुलंद हो तो बड़े से बड़ा पहाड़ भी हमारे सपनों को छीन नही सकता और अरुणिमा ने एवरेस्ट पर अपनी सफलता का परचम लहरा के यह सच कर दिखाया .

कहा भी गया है – मंजिल उन्ही को मिलती है , जिनके सपनो में जान होती है .

                  पंख से कुछ नही होता , होंसलों से उड़ान होती है .

 

ये कुछ ऐसे उदाहरण थे जो इतनी कमजोरियां होने के बावजूद ज़िन्दगी की जंग खुशी खुशी लड़े और सफलता हासिल की । कमजोरी चाहे जो भी हो लेकिन अगर आपमें कुछ बड़ा करने का जज़्बा है तो आप जरुर सफल हो सकते होंगे . अगर आप भी अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत बना लेंगे और उन्हें कोसने के बजाय दूर करने की कोशिश करेंगे तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता ।

अंत में यही कहना चाहूंगी कि जीवन आसान नहीं होता, इसे आसान बनाना पड़ता है।

धन्यवाद 🙂

Priya Paul 

Class-11th

Ghatsila (Jharkhand)

Email : paulpriya716@gmail.com

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सफलता का सोपान | Real Success in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%a8-real-success-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%a8-real-success-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 28 Nov 2018 15:15:52 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2163 सफलता का सोपान  Real Success in Hindi विमल, अपनी पत्नी और 5 साल के बेटे कृष्णा के साथ एक हिलस्टेशन पर छुट्टियाँ मनाने गया था। वे तीनों खूब एन्जॉय कर रहे थे, पहाड़ियों की सैर, वहां का शांत वातावरण, ऐसे लग रहा था कि वे तीनों किसी स्वर्ग पर हों। बेटा कभी अपने पापा का हाथ पकड़े तो कभी मम्मी की गोदी में सोये सैर का मजा ले रहा था। वहां के वातावरण ने 5 साल के कृष्णा का मन […]

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सफलता का सोपान 

Real Success in Hindi

विमल, अपनी पत्नी और 5 साल के बेटे कृष्णा के साथ एक हिलस्टेशन पर छुट्टियाँ मनाने गया था। वे तीनों खूब एन्जॉय कर रहे थे, पहाड़ियों की सैर, वहां का शांत वातावरण, ऐसे लग रहा था कि वे तीनों किसी स्वर्ग पर हों। बेटा कभी अपने पापा का हाथ पकड़े तो कभी मम्मी की गोदी में सोये सैर का मजा ले रहा था। वहां के वातावरण ने 5 साल के कृष्णा का मन मोह लिया था, वह अपने माता-पिता के साथ बहुत खुश था। उन्होंने अपनी छुट्टियाँ खूब एन्जॉय की और घर जाने के लिए वे रेलवे स्टेशन पहुँचे। स्टेशन पहुंचकर विमल ने सोचा कि रास्ता बहुत लम्बा है इसलिए कुछ खाने के लिए पकड़ लिया जाए, यह सोचकर वह कुछ स्नैक्स खरीदने के लिए एक दूकान पर चला गया। कृष्णा अपनी मम्मी के साथ खड़ा था, अचानक स्टेशन पर बहुत भीड़ इकठ्ठा हो गयी, कृष्णा भीड़ में कहीं गुम हो गया। मम्मी ने जब कृष्णा को अपनी नजरों के सामने नहीं पाया तो वह बहुत बेचैन हो गयी, उसकी नजरें कृष्णा को ही खोजती रहीं। कुछ देर बाद जब विमल आया और उसकी पत्नी के साथ बेटे को खड़ा न पाकर वह बहुत घबरा गया और कृष्णा के बारे में पूछने लगा। स्टेशन पर दोनों अपने बेटे को खोजते रहे, दोनों ही बहुत परेशान थे और रो रहे थे, उनकी आँखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। 2 घंटे तक रो-रोकर उनका बुरा हाल था, उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए! तभी रेलवे के पुलिस सहायता केंद्र से जानकारी मिली कि उनका बच्चा सुरक्षित है और उनके पास है। वे दोनों दौड़ते हुए पुलिस सहायता केंद्र पहुँचे और अपने बेटे को गले लगा लिया। उनका बेटा कृष्णा भी बहुत डरा हुआ था, अपने पेरेंट्स को सामने पाकर उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गयी। कृष्णा को लेकर वे रेलवेस्टेशन पर पहुँचे और इस बार विमल ने अपनी पत्नी से कहा, मैं घर जाने के लिए टिकट लेकर आता हूँ, तुम कृष्णा का हाथ पकड़ी रहो और उसे मत छोड़ना।

इमेज स्रोत : pixabay.com

ऐसा कहकर विमल टिकिट काउंटर की तरफ आगे बढ़ गया और कुछ ही देर में टिकिट लेकर वापिस आ गया।

“चलो प्लेटफोर्म नम्बर 4 पर हमारी ट्रेन आने वाली है, विमल अपनी पत्नी से बोला।” “लेकिन हमारी ट्रेन तो प्लेटफोर्म नम्बर 2 पर आ रही है ? उसकी पत्नी ने विमल से कहा।”

हमारी ट्रेन प्लेटफोर्म नम्बर 4 पर आ रही है क्योंकि अब हम मुंबई नहीं अपने गांव बिहार जा रहे हैं। – विमल ने कहा।

लेकिन अचानक आपने प्लान क्यों बदल लिया और हम बिहार क्यों जाएँगे? –पत्नी बोली।

जरा सोचो, हम अपने बेटे को 2 घंटे भी अपनी आँखों से दूर नहीं कर सकते, थोड़ी देर के लिए ही जब वो हमसे दूर हुआ तो हम कितना परेशान हुए थे, खूब रोये थे। जब हमारे 5 साल के बेटे को 2 घंटों के लिए हम अपनी आँखों से दूर नहीं कर सकते, इतना परेशान हो सकते हैं तो जरा सोचो, मेरे उस माता-पिता का क्या हाल हो रहा होगा जिन्होंने इतने वर्षों से मुझे नहीं देखा! जो मेरी एक झलक के लिए तरस रहे होंगे। इतने साल हो गये, न तो मैंने उनसे बात की और न ही मुझे उनका हाल-चाल पता है। बचपन से लेकर जवानी तक कभी भी मेरे माता-पिता ने मेरा हाथ नहीं छोड़ा, लेकिन जब मैं बड़ा हुआ और सफल हुआ तब मुझे लगने लगा कि मैं अब बड़ा हो चूका हूँ, बड़ा बन चूका हूँ इसलिए मैंने उनका हाथ व साथ छोड़ दिया। क्या उन्होंने मुझे इसीलिए बड़ा किया था कि मैं अपनी अलग दुनिया बसा सकूँ, उनका साथ छोड़ सकूँ। अब मुझे अपनी गलतियाँ समझ आ रही हैं, इसलिए अब हम उनके पास जाएँगे, उनसे अपनी गलतियों की माफ़ी मांगेंगे, उन्हें हमारे साथ की जरूरत है, और मुझे भी उनके साथ की। ऐसा कहकर विमल भावुक हो गया।

वे दोनों अपने बेटे के साथ बिहार की ट्रेन पकड़कर अपने माता-पिता से मिलने के लिए चले गये।

दोस्तों, हमारी सबसे बड़ी सफलता हमारे माता-पिता हैं। आज बहुत सारे लोग सफल होने के बाद अपने माता-पिता को भूल जाते हैं, उनसे अलग रहने लगते हैं, उन्हें छोड़कर चले जाते हैं, याद रखिये ऐसी सफलता का कोई मोल नहीं जो आपको अपने माता-पिता से दूर करे। इस दुनिया में और हमारे देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो अपने माता-पिता का अनादर करते हैं, उनको सम्मान नहीं देते, उनके दिल को चोट पहुँचाते हैं, आप कितने भी बड़े ओहदे पर हों यदि आपके माता-पिता के लिए आपका व्यवहार रुखा है, आप उनकी रेस्पेक्ट नहीं करते, तब बड़ी से बड़ी सफलता पाकर भी आप अपनी असल जिंदगी में फेल साबित होंगे।

आपने लास्ट टाइम अपने पेरेंट्स के साथ क्वालिटी टाइम कब बिताया था! क्या आप अपने माता-पिता के साथ कहीं बाहर घुमने गये हैं, क्या आप उनके साथ अपने छोटे-छोटे हैप्पी मूवमेंट एन्जॉय करते हैं! ऐसी बातें हमारे लिए बहुत मायने रखती हैं। इस छोटी-सी जिंदगी में जितना संभव हो अपने पेरेंट्स को दुनिया की सारी खुशियाँ देने की कोशिश करें, माता-पिता और बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें क्योंकि यही सच्ची सफलता है।

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धन्यवाद 🙂

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जॉब और बिजनेस में अंतर Job vs Business in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%9c%e0%a5%89%e0%a4%ac-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%85%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a4%b0-job-vs-business-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%9c%e0%a5%89%e0%a4%ac-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%85%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a4%b0-job-vs-business-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 27 Nov 2018 10:01:05 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2156 Job vs Business in Hindi जॉब और बिजनेस में अंतर जॉब/बिजनेस/सेल्फ एम्पलॉयीड/इन्वेस्टर हम काम को चार तरह से बाँट सकते हैं या कह सकते हैं कि दुनिया में चार टाइप के लोग होते हैं। Employee Self Employee Business Investor   आज हम यह समझने का प्रयास करते हैं कि जॉब और बिजनेस में किस प्रकार का अंतर होता है। EMPLOYEE – जॉब इस दुनिया में सबसे ज्यादा लोग इस संख्या में आते हैं। बचपन से लोगों का Mindset होता कि […]

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Job vs Business in Hindi जॉब और बिजनेस में अंतर

जॉब/बिजनेस/सेल्फ एम्पलॉयीड/इन्वेस्टर

हम काम को चार तरह से बाँट सकते हैं या कह सकते हैं कि दुनिया में चार टाइप के लोग होते हैं।

Employee

Self Employee

Business

Investor

 

आज हम यह समझने का प्रयास करते हैं कि जॉब और बिजनेस में किस प्रकार का अंतर होता है।

EMPLOYEE – जॉब

इस दुनिया में सबसे ज्यादा लोग इस संख्या में आते हैं। बचपन से लोगों का Mindset होता कि कोई अच्छी जॉब मिल जाए, अच्छी सैलेरी हो, और वे अपनी लाइफ से खुश रहें। जॉब की सिक्यूरिटी के बारे में बचपन से हमारे अन्दर बहुत सारी बातें फीड की जाती हैं, हम कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। एक व्यक्ति अपनी आधी जिंदगी पढाई करते हुए, प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते हुए बिताता है, ताकि उसे कहीं अच्छी जॉब मिल सके। बचपन से ही हमें खूब पढ़ने के लिए कहा जाता है ताकि हमें एक बेहतर नौकरी मिल सके, और हम खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। हमारा एजुकेशन सिस्टम भी हमें एक नौकर की जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करता है। जॉब एक ऐसा काम है जिसे आप न चाहते हुए भी किसी के लिए करते हैं, बस एक Pay Check की लालच में कि महीने के अंत में आपको एक सैलेरी मिलेगी जिससे आप अपनी जरूरतें पूरी कर सकेंगे। कुल मिलाकर जॉब करने वाले महीने की सैलेरी का वेट करते हुए न चाहते हुए भी काम पर जाते हैं, सैलेरी, पेंशन, इन्स्योरेन्स, और सुरक्षा पर ही उनका ध्यान होता है।

SELF EMPLOYEE – जॉब 

ये ऐसे लोग होते हैं, जो किसी के Under में काम नहीं करते, उनका कोई बॉस नहीं होता और वे खुद को ही अपना बॉस समझते हैं। वे दुसरे की जॉब नहीं करते लेकिन खुद के लिए एक जॉब ही क्रियेट किये रहते हैं। एक सेल्फ एम्प्लोयी अपने मन में एक बड़ी गलती पाले रहता है कि वह बिजनेस कर रहा है लेकिन Business & Self Employee में बहुत अंतर होता है। उदाहरण के लिए, राहुल नाम का एक व्यक्ति किसी Software Company में काम करता है, अब उसे लगने लगता है कि वो दुसरे की जॉब नहीं करेगा, जब वह उस काम में माहिर है तो क्यों न वह खुद ही वह काम शुरू करेगा। वह जॉब छोड़ देता है, घर पर ही अपना सेटअप लगाकर दूसरों के लिए सॉफ्टवेयर बनाता है और उसे लगने लगता है कि वह जॉब छोड़कर बिजनेस कर रहा है। जबकि वह जॉब छोड़कर, एक जॉब ही कर रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि वह दुसरे के लिए काम नहीं कर रहा। राहुल अपना सारा काम खुद ही करना पसंद करता है क्योंकि उसे लगता है कि वो खुद ही सब काम बेहतर तरीके से कर सकता है, वह दूसरों पर भरोसा नहीं करता, हर काम खुद ही करना चाहता है और खुद को एक बिजनेसमैन कहता हुआ, अपने ग्राहकों में उलझा रहता है, जब सब लोग छुट्टियाँ मना रहे होते हैं तब राहुल अपने ग्राहकों को सर्विस दे रहा होता है। Self Employee का माइंड सेट इसी तरह से काम करता है। वो खुद को एक बिजनेसमैन कहता है, लेकिन वह एक तरह के जॉब में ही रहता है, फर्क सिर्फ इतना है कि वह अपने हिसाब से काम करता है, और जिस दिन वह काम करना बंद करता देता है उस दिन पैसे आने भी बंद हो जाते हैं। Self Employee और जॉब करने वालों के साथ Same होता है, वे जिस दिन काम नहीं करते या जॉब पर नहीं जाते, उनकी सैलेरी से पैसे काट लिए जाते हैं  या उस दिन उन्हें पैसा नहीं मिलता।

Business – बिजनेस

बिजनेस वह है जिसमें हम खुद को उस काम से बाहर निकाल लेते हैं, मतलब हमें काम में Involve होना नहीं पड़ता। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने बिजनेस मॉडल और काम करने के तरीकों पर गौर करें। हमें अपनी मेहनत से एक बार ऐसा स्टार्टअप तैयार करना होता है, उसके बाद आपकी टीम आपके लिए काम करती है और आप सिर्फ मैनेजमेंट का काम देखते हैं या पूरी तरह से निश्चिंत रहते हैं। बिजनेस का मतलब है कि हम ऐसे टैलेंटेड लोग hire करें जो हमारे लिए काम करें और हमें खुद उस काम में एक्टिव न रहना पड़े। बिजनेस वह है जिसमें आपकी अनुपस्थिति में भी आपका काम पहले से बेहतर होता जाता है। आपको अपने काम की चिंता नहीं रहती, यदि आप 1 साल की छुट्टी पर भी रहते हैं फिर भी आपके काम पर कोई असर नहीं होता, सब बेहतर ढंग से होते जाता है। हमें खुद से एक प्रश्न करना चाहिए कि यदि हम किसी लम्बी छुट्टी पर जाते हैं और हमें लगता है कि इससे बड़ा नुकसान हो सकता है तब हम एक बिजनेस Owner बिलकुल भी नहीं हैं, बल्कि हम एक Self Employee हैं। एक बिजनेस ओनर अपने काम को ऐसे सेटअप करता है कि जब वह लम्बी छुट्टी पर जाए, फिर भी उसे अपने काम की चिंता न हो और उसकी अनुपस्थिति में भी चीजें बेहतर ढंग से काम करती जाएं।

 

INVESTOR – इन्वेस्टर

जब आदमी के पास ज्यादा पैसे होने लगते हैं तब वह उसे किसी अच्छी स्टार्टअप या कम्पनी में इन्वेस्ट करने की सोचता है ताकि उसका पैसा, स्टार्टअप की प्रॉफिट के साथ बढ़ता जाए। इन्वेस्टर अपने पैसों का सही इस्तेमाल करता है और देखता है कि भविष्य में कौन सी कम्पनी आगे जा सकती हैं और दूसरों के बिजनेस को Analysis करके वे अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं जिससे समय के साथ उनका पैसा बढ़ता जाता है।

 

दोस्तों बहुत सारे लोग आज जॉब के पीछे भाग रहे हैं, कई लोग खुद का काम शुरू कर रहे हैं और बहुत सारे लोग बिजनेस फील्ड में भी आगे बढ़ रहे हैं और अच्छे लोगों को hire करके उनसे काम करा रहे हैं।

हमने इस पोस्ट में जॉब और बिजनेस के बीच के अंतर को बताने का प्रयास किया है, हम जल्दी ही इस टॉपिक को और भी विस्तार के साथ आपके सामने पेश करेंगे।

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प्रेरणा देने वाली 30 कहावतें Inspirational Proverbs in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/11/inspirational-proverbs-in-hindi-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%95-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%a4%e0%a5%87%e0%a4%82.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/inspirational-proverbs-in-hindi-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%95-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%a4%e0%a5%87%e0%a4%82.html?noamp=mobile#respond Mon, 26 Nov 2018 09:37:48 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2152 प्रेरणा देने वाली 30 कहावतें  कहावत : 1. हर चमकती चीज सोना नहीं होती। कहावत : 2. जैसी करनी वैसी भरनी। कहावत : 3. देर आए दुरुस्त आए। कहावत : 4. बिना अंडा तोड़े ऑमलेट नहीं बन सकता। कहावत : 5. किसी व्यक्ति को अभ्यास परिपूर्ण बनाता है। कहावत : 6. वर्तमान जैसा कोई समय नहीं है। कहावत : 7. घर जैसी कोई जगह नहीं है। कहावत : 8. काम को कल पर मत टालें, जो आप आज कर सकते […]

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प्रेरणा देने वाली 30 कहावतें 

कहावत : 1. हर चमकती चीज सोना नहीं होती।

कहावत : 2. जैसी करनी वैसी भरनी।

कहावत : 3. देर आए दुरुस्त आए।

कहावत : 4. बिना अंडा तोड़े ऑमलेट नहीं बन सकता।

कहावत : 5. किसी व्यक्ति को अभ्यास परिपूर्ण बनाता है।

कहावत : 6. वर्तमान जैसा कोई समय नहीं है।

कहावत : 7. घर जैसी कोई जगह नहीं है।

कहावत : 8. काम को कल पर मत टालें, जो आप आज कर सकते हैं।

कहावत : 9. अगर इच्छाएं घोड़े होतीं तो भिखारी भी सवारी कर सकते थे।

कहावत : 10. छड़ी और पत्थर मेरी हड्डियों को तोड़ देंगे, लेकिन नाम मुझे कभी चोट नहीं पहुँचायेगा।

कहावत : 11. एक आदमी उतना पुराना है जितना वह खुद के लिए महसूस करता है।

कहावत : 12. जहा चाह वहाँ राह।

कहावत : 13. जैसा देश वैसा भेष।

कहावत : 14. भगवान उनकी सहायता करते हैं जो स्वयं अपनी सहायता करता है।

कहावत : 15. स्वच्छता, भक्ति से भी बढ़कर है।

कहावत : 16. कथनी की तुलना में करनी ज़्यादा असरदार होती है।

कहावत : 17. जो आसानी से मिलता है वो आसानी से चला भी जाता है।

कहावत : 18. एक आदमी का कचरा दूसरे आदमी का खजान है।

कहावत : 19. सुंदरता देखने वाले की नजर में है।

कहावत : 20. आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है।

कहावत : 21. एक पैसा बचाना ही पैसा कमाना है।

कहावत : 22. सब्र का फल मीठा होता है।

कहावत : 23. ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है।

कहावत : 24. अनुपस्थिति ह्रदय को दयालु बनती है।

कहावत : 25. अपने मुर्गियों को पकड़ने से पहले मत गिनें।

कहावत : 26. अगर आप कुछ सही करना चाहते हैं, तो आपको इसे स्वयं करना होगा।

कहावत : 27. बुद्धिमान पुरुष अन्य पुरुषों की गलतियों से सीखते हैं, मूर्ख स्वयं ही।

कहावत : 28. एक आदमी को एक मछली दें और आप उसे एक दिन के लिए खिला सकते हैं। एक आदमी को मछली पकड़ना सीखा दें और आप उसे जीवनभर के लिए खिलाएंगे।

कहावत : 29. एक मूर्ख कहता है कि वह क्या जानता है, और एक बुद्धिमान व्यक्ति जानता है कि वह क्या कहता है।

कहावत : 30. जब आप पैदा हुए थे, तो आपने रोया और दुनिया खुश हुई। अपने जीवन को ऐसे जियो कि जब आप मर जाएं, तो दुनिया रोये और आप खुश हों।

कहावत : 31. एक बुद्धिमान व्यक्ति अपने निर्णय लेता है, एक अज्ञानी व्यक्ति जनता की राय का पालन करता है।

कहावत : 32. यदि आपको खेलना है, तो शुरुआत में तीन चीजों पर निर्णय लें: खेल के नियम, हिस्सेदारी, और छोड़ने का समय।

 

इनमें से आपको कौन-सी कहावत सबसे ज्यादा अच्छी लगी कृपया कमेन्ट के माध्यम से हमें बताएं, अथवा हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें।

धन्यवाद 🙂

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असफलता का डर https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%85%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a1%e0%a4%b0.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%85%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a1%e0%a4%b0.html?noamp=mobile#respond Sun, 25 Nov 2018 13:45:42 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2148 असफलता का डर एक व्यक्ति सफलता पाने के लिए क्या कुछ नहीं करता, लेकिन उसके मन में फेल होने का एक डर होता है, उसके मन में बार-बार ऐसे ही खयाल आते रहते हैं कि “यदि असफल हो गये तो आगे क्या होगा! सब हँसेंगे, लोग क्या कहेंगे।” कई बार तो हम इसी वजह से कोई स्टेप नहीं उठा पाते। हमारे मन में असफलता का डर इस कदर बैठ गया होता है कि हम न तो अवसर का लाभ उठा […]

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असफलता का डर

एक व्यक्ति सफलता पाने के लिए क्या कुछ नहीं करता, लेकिन उसके मन में फेल होने का एक डर होता है, उसके मन में बार-बार ऐसे ही खयाल आते रहते हैं कि “यदि असफल हो गये तो आगे क्या होगा! सब हँसेंगे, लोग क्या कहेंगे।” कई बार तो हम इसी वजह से कोई स्टेप नहीं उठा पाते। हमारे मन में असफलता का डर इस कदर बैठ गया होता है कि हम न तो अवसर का लाभ उठा पाते हैं और न एक स्टेप लेकर अपनी मंजिल की तरफ बढ़ पाते हैं। कोई नया काम शुरू करने से पहले मन में फेल होने का खयाल आता ही रहता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने आईडिया पर विश्वास न करें, फेलियर के डर से ही चुपचाप बैठे रहें और अपने सपनों गला घोटकर मार डालें! असफलता के डर को मन से निकालकर हम तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।

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डर के आगे जीत है

रिस्क लेकर कोई नया काम शुरू करना आसान नहीं होता, और यदि आसान हो फिर भी असफलता के डर से वह मुश्किल लगने लगता है। सीधे शब्दों में कहें तो फेलियर का डर हमें कदम बढ़ाने ही नहीं देता है, हम कोशिश ही नहीं करना चाहते। बस हम काम को बार-बार टालते जाते हैं, आज करेंगे… कल करेंगे… और इस आज कल के चक्कर में कोई दूसरा बाजी मार लेता है। हमें कोई काम शुरू करने से पहले अपने अन्दर के डर को ख़त्म करना होगा, डर से जीतना होगा और यह तभी संभव हो पाएगा जब हम एक स्टेप लेंगे… धीरे-धीरे कदम बढ़ाते जाएँगे.. हमें यह नहीं सोचना कि हम फेल होंगे या पास… बस हमें अपना बेस्ट देना है.. डर को एकदम से ख़त्म करना संभव नहीं है लेकिन किसी काम की शुरुआत करके ही आप अपने डर को खत्म कर सकते हैं। यदि आपने आज नहीं किया, डरकर बैठे रहे, तो जिंदगी भर आप आम बनकर ही रहकर जाएँगे, यदि आपको आम से ख़ास बनना है तो इस बात को याद रखना ही होगा कि डर के आगे जीत है। असफलता का डर, आपको किश्मत के भरोसे बैठे रहना सिखा सकता है लेकिन यदि आपने आगे बढ़कर शुरुआत ही नहीं की तब कुछ सालों बाद जब आप पीछे मुड़ेंगे तब खुद को वहीँ पाएँगे जहाँ अभी आप हैं।

कोशिश

कोई व्यक्ति इसलिए सफल हो पाता है क्योंकि वह बार-बार कोशिशें करता है, फेल होने पर कभी निराश नहीं होता, फेल होने का डर उसके भी मन में रहता है लेकिन वो इस बात को बखूबी जानता है कि यदि आज उसनें कोशिश नहीं की तो जिंदगी भर असफलता का डर उससे चिपक जाएगा और वह कभी भी अपने सपनों की जिंदगी नहीं जी पाएगा। मरते दम तक कोशिश कीजिए, आप बार-बार फेल हो सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आप कभी सफल नहीं हो पाएँगे। किसी भी काम में असफल होने पर हमें लगने लगता है कि अब उस काम में सफलता पाना संभव नहीं, फेल होने पर दिमाग में एक तरह का डर बैठ जाता है और हम कोशिश करना बंद ही कर देते हैं। लेकिन हमें कोशिशें जारी रखनी है, फेल होने का अर्थ जीवन का अंत नहीं है, असफल होने के डर की वजह से ही हम कोशिश बंद कर देते हैं और प्रयास नहीं करते, मंजिल के करीब पहुंचकर ही बहुत लोग पीछे हट जाते हैं और कोशिश नहीं करते… कोशिश करते जाएं और मंजिल तक पहुंचकर ही दम लें।

कुछ तो लोग कहेंगे

आपने मोहम्मद रफ़ी साहब का गाना, “कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना, छोड़ो बेकार की बातों में बीत न जाए रैना..” ये जरूर सुना होगा। हम भी बार-बार यही बोलते रहते हैं कि यदि हम फेल हो गये तब लोग क्या कहेंगे? समाज क्या कहेगा? हमारे बारे में सब तरफ तरह-तरह की बातें होंगी। इसी डर की वजह से हम कोई स्टेप नहीं उठा पाते। आपकी लाइफ में चाहे आप फेल हों या पास, लोग किसी न किसी तरह से निशाना बनाकर आपके बारे में बात करेंगे ही.. यदि हम इसी डर से कोई स्टेप नहीं उठाते तब ये हमारी सबसे बड़ी गलती होगी। हमें बेकार की बातों को दिमाग से निकालना होगा। आप चाहे कुछ अच्छा करें या फिर बुरा, लोगों को जो कहना है वो कहकर रहेंगे, यदि हम उनकी बातों को पकड़कर बैठ गये तो लाइफ में कभी भी बड़ी सफलता पाना संभव नहीं। जितने भी लोग महान हुए हैं, या जिन्होंने बड़ी से बड़ी सफलताएँ पाई हैं उन्होंने कभी भी यह नहीं देखा कि लोग क्या कहेंगे! उन्होंने बस अपनें काम पर फोकस किया है, आपको बस अपने काम के बारे में सोचना है, और आगे बढ़ते जाना है… एक दिन आएगा जब पूरी दुनिया आपको सलाम करेगी और सब तरफ आपका मिशाल देगी।

इस दुनिया का सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग!

विश्वास

याद करें अपने बचपन को जब हम छोटे बच्चे थे तो बड़े से बड़े पेड़ पर भी आसानी से चढ़ जाया करते थे, उस समय हमारे अन्दर विश्वास की कोई कमी नहीं थी। हमें किसी तरह के फेल होने का डर नहीं होता था, हम जैसा करना चाहते थे वैसा कर देते थे। लेकिन बचपन का वह विश्वास अब शंकाओं में ही बदल कर रह गया, अब कुछ भी करने से पहले हम सफलता के बारे में सोचने लगते हैं और सफल होंगे या नहीं! ऐसी कल्पनाओं के साथ जब हम शुरुआत करते हैं तो असफल होने का डर अपने आप ही हमारे सामने आ जाता है। इसलिए सफलता और असफलता के बीच हम बस जूझते रहते हैं और खुद पर विश्वास नहीं करते इसी वजह से हम ज्यादा दूर तक नहीं जा पाते। सबसे पहले हमें खुद पर भरोसा करना होगा, बचपन में कैसे हम बिना डरे जो करना होता था कर देते थे… उसी बचपन को हमें अपनी लाइफ में फिट करना है, विश्वास के दम पर हम दुनिया जीत सकते हैं.. बस हमें खुद पर भरोसा करना है और असफलता के डर को पीछे छोड़ देना है।

 

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Top Entrepreneurs Of India

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और पिछले कुछ दशकों में इसकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। दुनिया भर में यह आबादी के मामले में चीन के बाद दुसरे नम्बर में स्थान पर है। हमारे देश में कई अरबपति बिजनेसमैन और Entrepreneurs बनें हैं जिन्होंने पूरी दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया है। यद्यपि भारतीय जनसंख्या में अभी भी बहुत गरीब हैं फिर भी हमारा देश Entrepreneurship और सम्पत्ति के मामले में आगे बढ़ता जा रहा है। आइये इस पोस्ट में देश के सबसे सफल Entrepreneurs के बारे में जानते हैं –

धीरुभाई अम्बानी

धीरूभाई अंबानी को धीरजलाल हिरचंद अंबानी के नाम से भी जाना जाता है (28 दिसम्बर 1932 से 6 जुलाई 2002)। धीरुभाई Reliance इंडस्ट्रीज मुंबई (1966) के फाउंडर हैं और अब उनके बेटे श्री मुकेश अंबानी और श्री अनिल अंबानी Reliance इंडस्ट्रीज के Chairman और Managing Director हैं। रिलायंस भारत की दूसरी सबसे अधिक Profitable कंपनी है और बाजार पूंजीकरण द्वारा भारत में दूसरी सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी है। इन्होंने अपना कारोबार धार्मिक यात्रियों को स्नैक्स बेचकर शुरू किया था। ये एक ऐसे व्यक्ति हैं जो गरीबी से उठकर भारत के सबसे अमीर इंसान बनें।

धीरुभाई अम्बानी के 3 प्रेरणादायक विचार 

“बड़ा सोचो, जल्दी सोचो, आगे सोचो” क्योंकि विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं है।

 

दृढ़ संकल्प और पूर्णता के साथ अपना काम करते जाइए, सफलता जरूर मिलेगी।

 

आपके अन्दर सपने देखने का जूनून होना चाहिए, सपने देखने की हिम्मत रखिए, क्योंकि सपने देखने की हिम्मत रखने वाले दुनिया जीत सकते हैं।

जे. आर. डी. टाटा

जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा यानी जे. आर. डी. टाटा Tata Group के फाउंडर हैं उन्होंने ही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (भारत की सबसे बड़ी IT company), टाटा मोटर्स, टाइटन इंडस्ट्रीज, टाटा टी, वोल्टास और एयर इंडिया की शुरुआत की थी। उन्हें पद्म भूषण और भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चूका है। उनके द्वारा ही मुख्य रूप से सभी एम्प्लाइज के लिए वेलफेयर स्कीम्स की शुरुआत की गयी थी जिनमें मुख्य रूप से ये बातें शामिल थीं : 8 घंटों का ऑफिस, फ्री हेल्थ सुविधाएं, एक्सीडेंट स्कीम्स..आदि।

 

जे. आर. डी. टाटा के 3 प्रेरणादायक विचार –

 बिना गहरी सोच और कड़ी मेहनत के हम कुछ भी हासिल नहीं कर सकते

ज़िन्दगी को कुछ खतरनाक ढंग से जियो…

कम्पनी का प्रत्येक कर्मचारी अपनी कम्पनी के परिवार का हिस्सा है, कम्पनी की ज़िम्मेदारी है कि वह उसका ध्यान रखे।

एन. आर. नारायणमूर्ति

नारायणमूर्ति का जन्म 20 अगस्त 1946 को मैसूर कर्नाटक में हुआ। वे सॉफ़्टवेयर कम्पनी इन्फ़ोसिस टेक्नोलॉजीज के फाउंडर हैं। उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर 1981 में Infosys की स्थापना की थी और देखते ही देखते यह सॉफ्टवेर कम्पनी आसमान की बुलंदियों पर पहुँच गयी। इन्हें भारत सरकार के द्वारा पद्मश्री से समानित किया जा चूका है।

 

नारायणमूर्ति के के 3 प्रेरणादायक विचार –

हमारी सम्पत्ति हर शाम दरवाजे से बाहर निकलती है, हमें सुनिश्चित करना होगा कि वह अगली सुबह तक वापिस आ जाए।

 

आदर, पहचान और पुरस्कार पर ही हमारा प्रदर्शन निर्भर करता है।

 

सफलता, चरित्र और अवसर का मेल होती है।

अज़ीम एच. प्रेमजी

अजीम प्रेमजी का जन्म मुंबई के एक गुजराती मुस्लिम परिवार में 24 जुलाई 1945 को हुआ था। इन्हें बहुत लोग भारत का बिल गेट्स भी कहते हैं। ये हमारे देश के सबसे धनि व्यक्ति में से एक हैं और एक सफल उद्यमी हैं। अज़ीम प्रेमजी आईटी कम्पनी विप्रो लिमिटेड के संस्थापक हैं। 1986 में इनके पिता एम. एच. प्रेमजी की मृत्यु हो गयी इसके कारण बीच में ही इन्होने पढ़ाई छोड़ दी। और 21 वर्ष की छोटी-सी उम्र में इन्होने अपने परिवार का कारोबार संभाला। सामाजिक कार्यों में इन्होने सराहनीय योगदान दिए जिस कारण इन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया। प्रेमजी समाजसेवा कार्यों में हमेशा से खड़े रहे हैं, इनकी संस्था ‘दि अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन’ गरीब बच्चों के लिए प्राथमिकता शिक्षा उपलब्ध कराने का काम करती है। विप्रो के चेयरमेन अज़ीम जी की खासियत यह है कि वे आज भी इकॉनमी क्लास में सफ़र करना पसंद करते हैं।

अज़ीम प्रेमजी के 3 प्रेरणादायक विचार –

मेहनत से कमाया हुआ एक रुपया अपनी क़दर व क़ीमत में उन दस रुपयों से बेहतर है जो हमें बिना प्रयास के मिल जाएं।

यदि लोग आपके लक्ष्यों पर हँस नहीं रहे हैं, तो इसका मतलब यह हैं कि आपके लक्ष्य बहुत छोटे हैं।

सफलता बहुत खुशी का कारण होती है लेकिन हमें इसे अपने ऊपर इस तरह हावी नहीं करना चाहिए कि वह अहंकार बन जाए।

 

लक्ष्मी मित्तल

लक्ष्मी मित्तल जी का जन्म 15 जून 1950 को शादलपुर चुरू राजस्थान में हुआ था। इन्होने 26 साल की उम्र में अपना स्टील मित्तल कारखाना खोला और उसे विश्व की सबसे बड़ी स्टील कम्पनी बनाई। लक्ष्मी मित्तल को पद्मभूषण से सम्मानित किया जा चूका है।

 

लक्ष्मी मित्तल के 3 प्रेरणादायक विचार –

ज्ञान कुंजी है। आगे बढ़ने के लिए इस ज्ञान रूपी कुंजी का प्रयोग करें।

 

भेड़ चाल मत चलिए, अपने आपको बाकी लोगों से अलग कीजिए।

 

यदि आप आगे बढ़ना चाहते हैं तो कुछ अलग कीजिए, अपनी अलग पहचान बनाइए।

 

डॉ. वर्गीज कुरियन

इन्हें मिल्कमैन ऑफ़ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है । इनका जन्म 26 नवम्बर 1921 को कोजीकोड केरल में हुआ था। 90 वर्ष की उम्र में इनकी मृत्यु 9 सितम्बर 2012 को हुई। इन्हें श्वेत क्रांति का जनक भी कहा जाता है। दूध के व्यापार में इन्होने एक बहुत बड़ा बिजनेस मॉडल खड़ा किया। AMUL की सफलता का पूरा क्रेडिट डॉ. वर्गीज कूरियन को जाता है। इन्हें भारत सरकार की तरफ से पद्मभूषण से समानित किया जा चूका है। इन्होने कुछ किताबें भी लिखी थीं जो बहुत प्रसिद्ध हुई हैं।

डॉ. वर्गीज कुरियन के 3 प्रेरणादायक विचार –

 

आठ घंटे डेयरी के लिए, आठ घंटे परिवार के लिए और आठ घंटे सोने के लिए.” 

 

एक व्यक्ति जो समय का कभी सम्मान नहीं करता, वह जिंदगी में हमेशा थोड़ा ही प्राप्त करता है

 

हर व्यक्ति को सपने देखने का हक़ है ।

शिव नादर

शिव का जन्म 18 जुलाई 1945, को तीरचेन्दुर, तमिलनाडु में हुआ । वे भारत के सबसे प्रतिष्ठित कम्पनी HCL के संस्थापक हैं । इन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया जा चूका है ।  वर्ष 1982 में अपने पहले पीसी के साथ HCL मार्केट में उतरा ।

 

शिव नादर के 3 प्रेरणादायक कथन 

किसी भी संस्थान की सफलता का मन्त्र यह होना चाहिए कि उन्हें अपने छात्रों को वैश्विक स्तर की शिक्षा दे सकें ।

 

व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन के लिए शिक्षा सबसे शक्तिशाली उपकरण है, और हमें इसे सुविधाजनक बनाने के लिए जो कुछ भी करना है, उसे करना चाहिए

शिक्षा की तरह, स्वास्थ्य देखभाल को भी महत्व दिया जाना चाहिए।

 

सुनील मित्तल

सुनील मित्तल जी का जन्म 23 अक्टूबर 1957 को पंजाब के लुधियाना जिले में हुआ था। ये भारत के सबसे बड़े टेलिकॉम कम्पनी एयरटेल के चेयरमैन हैं व भारती समूह के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। भारत सरकार ने इन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया है, व फार्च्यून पत्रिका ने एशिया बिजनेसमैन ऑफ़ दि ईयर से सम्मानित किया है।

 

सुनील मित्तल के 3 प्रेरणादायक कथन –

मेरे लिए, संबंध बहुत महत्वपूर्ण है। मैं पैसा खो सकता हूं, लेकिन मैं एक रिश्ता नहीं खो सकता। वार्तालाप या वार्ता के अंत में, दोनों मुस्कुराते हैं।

 

यदि आप सिर्फ लाभ कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो ज्यादा ग्रोथ संभव नहीं है।

 

सभी उद्यमी निर्णय लेते हैं। कुछ सही हो जाएंगे, और कुछ सही नहीं होंगे।

 

आदि गोदरेज

आदि गोदरेज का जन्म 3 अप्रैल 1942 को मुंबई में हुआ था, वे गोदरेज बिजनेस के अध्यक्ष हैं। इन्हें Best entrepreneur of the year से सम्मानित किया जा चूका है, भारत सरकार ने इन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया है। देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में इनका नाम शुमार है।

 

आदि गोदरेज के 3 प्रेरणादायक कथन –

एक अवसर होना चाहिए जो हमारी रणनीति के साथ मेल खाता हो। सिर्फ इसलिए कि हमारे पास एक अंतर है, हम कुछ भी और सब कुछ हासिल नहीं करना चाहते हैं। जो हम हासिल करते हैं वह हमारी रणनीति, मानव संसाधन और बाजार अपेक्षाओं के अनुरूप होना चाहिए।

 

यह विश्वास करना एक गलती है कि प्रौद्योगिकी भारत के बाहर है। हम बहुत सफलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा करते हैं।

 

एक अच्छी मौद्रिक नीति मुद्रास्फीति अपेक्षाओं का पालन करती है न कि ऐतिहासिक संख्याओं।

घनश्यामदास बिड़ला

घनश्यामदास बिड़ला का जन्म 10 अप्रैल, 1894 में पिलानी, राजस्थान में हुआ था। ये बी. के. के. एम. बिड़ला समूह के संस्थापक थे। उनकी मृत्यु 11 जून 1983 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुई। 1957 में उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने हिन्दुस्तान मोटर्स की स्थापना की और कार के उद्योग में कदम रखा।

 

घनश्यामदास बिड़ला के 3 प्रेरणादायक कथन-

 

दुनिया में सभी खजाने बेकार है, जब तक कि आपके पास इसे साझा करने के लिए कोई व्यक्ति न हो।

 

गुलाब- सौंदर्य, और काटें- दर्दनाक होती हैं, जब दोनों एक-दूसरे के साथ सहयोग करते हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते।

 

किसी की भावनाओं के साथ मत खेलो क्योंकि आप स्वयं के बारे में अनिश्चित हैं

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जिंदगी पर 35 प्रेरणादायक स्टेटस

 

यदि आप अपने जीवन में गलतियाँ करते हैं, और उन गलतियों से सीख रहे हैं या सबक ले रहे हैं तब आप सही दिशा की तरफ बढ़ सकते हैं। इसका उलटा भी उतना ही सही है।

 

जिंदगी सिर्फ एक यात्रा है और आपको बस चलते जाना है।

 

जीवन में आप उड़ने के लिए, आसमान छूने के लिए पैदा हुए हैं, खुद को एक पक्षी की तरह आजाद बना लें।

 

जीवन के हर पल का आनन्द उठायें। क्योंकि मौत एक बड़ी सच्चाई है और यह बताकर नहीं आती।

 

जिन्दगी एक आइसक्रीम की तरह है जो हर दिन पिघल रही है, पूरी मेल्ट होने से पहले इसे खुलकर जी लें।

 

हमारी जिंदगी गलतियों का एक बहुत बड़ा संग्रह है, ये गलतियाँ ही हमें हर बार कुछ नया सिखाती हैं।

 

जीवन के संतुलन को बनाये रखना, साइकिल की सवारी करना जैसे है, आपको पैडल चलाते हुए आगे बढ़ना होता है।

 

यदि आपको जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो इसके दो नियम मौजूद हैं – नियम 1, कभी भी हार मानकर मैदान मत छोड़िये। नियम 2, नियम 1 को हमेशा याद रखिए।

 

जिंदगी किसी चीज को पाने या होने के बारे में नहीं है, यह देने और होने के बारे में है। हम क्या पाते हैं यह महत्वपूर्ण नहीं, हम क्या देते हैं ये जरूरी है।

 

जब मैं किसी के मुंह से सुनता हूँ कि जिन्दगी बहुत कठिन तब मैं उनसे कहता हूँ कि क्या तुमने ऐसे लोगों से खुद की तुलना की है जिनके पास कुछ भी नहीं है पर फिर भी वे संघर्षों में हार नहीं मानते और ख़ुशी से अपना जीवन जी रहे हैं।

 

अपने जीवन की ज़िम्मेदारियाँ स्वीकार कीजिए, आपको पता होना चाहिए कि वो आप ही हैं जो खुद को आगे लेकर जाएगा, वहां तक लेकर जाएगा जहाँ तक आप जाना चाहते हैं, आपके अलावा कोई और नहीं है।

 

बस इस एक पल के लिए खुश हो जाओ, क्योंकि यही पल तुम्हारा जीवन है।

 

आपको जीवन बस एक बार और लिमिटेड समय के लिए मिला है, इसका भरपूर इस्तेमाल करो।

 

सपने देखने वालों के लिए जिन्दगी हमेशा मुश्किलों भरी लगती है लेकिन आपको इसे आसान बनाना पड़ता है, सपने जीवन को कठिन नहीं बल्कि मजबूत बनाने का काम करती हैं।

 

अपने जीवन के लिए हमेशा ऊपरवाले के आभारी रहें।

 

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जिंदगी अन्य लोगों से नफरत करने के लिए बहुत छोटा है, सब तरफ अपना प्यार फैलाएं।

 

आपके जीवन को बदलने के लिए एक ही व्यक्ति काफी है, वो है आप खुद।

 

जिंदगी में यह भूल जाओ कि आपके साथ क्या-क्या परेशानियाँ हुई लेकिन आपने उनसे क्या सीखा यह मत भूलना।

 

जिंदगी बहुत ही उज्जवल है, जब हम अपना पूरा ध्यान इस पर केन्द्रित करते हैं कि वास्तव में क्या मायने रखता है।

 

जीवन वास्तव में बहुत सरल है लेकिन हम इसे बहुत जटिल बनाने पर ही जोर देते हैं।

 

कभी-कभी एक गलत व्यक्ति भी हमें जीवन में एक सही सबक सिखा जाता है।

एक अच्छा जीवन प्यार से प्रेरित और ज्ञान से निर्देशित होता है।

 

आपको यह शानदार जीवन मिला है क्योंकि आप इस जीवन को जीने के लिए मजबूत हैं।

 

जीवन चॉकलेट से भरे डिब्बों की तरह है, आप कभी नहीं जानते कि आप क्या प्राप्त करें।

 

कभी-कभी जीवन में अपने सपनों के लिए जोखिम पड़ता है, अपने सपनों को आप ही देख सकते हैं और उन्हें साकार भी आपको ही करना है।

 

जीवन बहुत छोटा है और समय बहुत तेज। कोई रीप्ले नहीं, कोई रिवाइंड नहीं। इसलिए अपने हर पल का आनंद लें, जैसे यह आता है।

 

इस बारे में मत सोचो कि कल आपका जीवन अच्छा था और ऐसी उम्मीद भी मत करो कि कल यह बेहतर हो जाएगा। उठो और अपने जीवन को अद्भुत बनाओ।

 

जीवन में छोटी-छोटी चीजों का आनन्द लें। किसी दिन आप महसूस करेंगे कि वे बड़ी चीजें थीं।

 

जीवन तूफ़ान या मुसीबतों की प्रतीक्षा करने के बारे में नहीं है, यह बारिश में नाचने के बारे में है, जो आपको जीना सिखाती है।

 

जीवन में सबसे अच्छी चीजें, चीजें नहीं हैं बल्कि यह लोग हैं जो आपसे बहुत प्यार करते हैं और आपकी देखभाल करते हैं।

 

जीवन प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने की यात्रा है, सीखने के लिए सबक है लेकिन सबसे अधिक यह आनन्द लेने का अनुभव है।

 

जब जिंदगी रोने के लिए सौ कारण देती है, तब अपने जीवन के अन्दर झांककर देखें आपके पास मुस्कुराने के लिए हजार कारण मौजूद हैं।

 

जीवन एक किताब है। हर दिन एक नया पृष्ठ है। हर महीने एक नया अध्याय है। हर साल एक नई श्रृंखला है।

 

अंत में, लोग वैसे भी आपको Judge करेंगे। दूसरों को प्रभावित करने से अपने जीवन को जीने मत दो। अपने आप को प्रभावित करने वाले जीवन जीते हैं।

 

आज आप एक सफल जीवन इसलिए जी रहे हैं क्योंकि हर संघर्ष ने आपको एक आकार दिया है, अपने कठिन समय के लिए हमेशा आभारी रहें क्योंकि इसी से आपका जीवन मजबूत बना है।

 

जिंदगी एक कठिन परीक्षा के समान है। बहुत से लोग अपनी लाइफ में इसलिए फेल हो जाते हैं क्योंकि वे दूसरों की कॉपी करने में ही लगे रहते हैं वे यह नहीं समझते कि हर किसी के पास अलग-अलग सेट का प्रश्न पत्र है।

 

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Michael Jordan Inspirational Story in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/11/michael-jordan-inspirational-story-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/michael-jordan-inspirational-story-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 22 Nov 2018 05:36:22 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2110 Michael Jordan Inspirational Story in Hindi Michael Jeffrey Jordan  का जन्म 17 फरवरी 1963 को Brooklyn, New York में हुआ था। वे बहुत गरीब परिवार में पैदा हुए थे, उनके पेरेंट्स पर चार बच्चों की जिम्मेदारी थी। उनके माता-पिता घर चलाने में असमर्थ थे, क्योंकि उनके पिता की तनख्वाह 20 डॉलर महीने से भी कम थी। झोंपड पट्टी में पला बढ़ा माइकल बड़े सपने देखता था, और यही आशा करता था कि उसकी लाइफ भी बेहतर हो। जब Michael Jordan […]

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Michael Jordan Inspirational Story in Hindi

Michael Jeffrey Jordan  का जन्म 17 फरवरी 1963 को Brooklyn, New York में हुआ था। वे बहुत गरीब परिवार में पैदा हुए थे, उनके पेरेंट्स पर चार बच्चों की जिम्मेदारी थी। उनके माता-पिता घर चलाने में असमर्थ थे, क्योंकि उनके पिता की तनख्वाह 20 डॉलर महीने से भी कम थी। झोंपड पट्टी में पला बढ़ा माइकल बड़े सपने देखता था, और यही आशा करता था कि उसकी लाइफ भी बेहतर हो। जब Michael Jordan 13 वर्ष के हुए तब उनके पिता ने उन्हें अपने पास बुलाया और एक पुरानी-सी टी शर्ट की तरफ इशारा करते हुए कहा, बेटा माइकल! ये जो सामने टी शर्ट तुम देख रहे हो वह कितने की होगी?  पापा शायद 1 डॉलर, माइकल ने कहा।

जाओ इसे बाजार से 2 डॉलर का बेचकर आओ, पिता ने कहा और चुप हो गये। माइकल ने पिता से कोई सवाल नहीं किया, क्योंकि उनके घर की स्थिति बहुत ख़राब थी, खाने तक के लाले पड़े हुए थे। माइकल ने टी शर्ट लिया, उसे घर में अच्छी तरह से धोया, सुखाया और बढ़िया तरह से फोल्ड करके अगले दिन अपने नजदीक के रेलवे-स्टेशन पहुँच गया। 6-7 घंटों की कड़ी मेहनत के बाद वह टी शर्ट किसी व्यक्ति ने ख़रीदा। माइकल 2 डॉलर हाथ में पकड़े ख़ुशी के मारे भागते हुए अपने पिता के पास पहुंचा। उसके पिता यह देखकर बहुत खुश हुए। अब हर रोज पिता उसे ऐसी टी-शर्ट देते और माइकल उसे 2 डॉलर में बेचकर आते थे। 15 दिनों तक यह सिलसिला चलता रहा। एक दिन पिता ने माइकल को बुलाया और कहा, बेटे! तुम हर दिन ऐसी पुराणी टी शर्ट को 2 डॉलर में बेचकर आते हो। आज यही टी शर्ट तुम 20 डॉलर का बेचकर आओगे, तुम्हें 2 डॉलर नहीं बल्कि इसे 20 डॉलर का बेचना है।

यह सोचकर माइकल चौक गया, लेकिन उसनें यह नहीं सोचा कि यह संभव नहीं है, उसने यह सोचा कि इसे कैसे संभव बनाया जा सकता है।

उसनें टी शर्ट ली, धोया और उसे सुखाया, लेकिन इस बार क्योंकि अमाउंट बड़ा था इसलिए उसनें सोचा कि अपने प्रोडक्ट को वह कैसे बेहतर बना सकता है। टी शर्ट को वह अपने किसी दोस्त के पास लेकर गया और उस दोस्त की मदद से उसनें एक मिकी माउस की स्टीकर टी शर्ट पर किसी तरह से चिपका दी। मिकी माउस बच्चों का फेवरेट कार्टून था इसलिए वह उस टी शर्ट को पकड़कर एक ऐसे स्कूल के सामने खड़ा हो गया जहाँ अमीर बच्चे ही पढ़ते थे, एक बच्चे को वह टी शर्ट बहुत ज्यादा पसंद आई और उसनें 20 डॉलर में उसे खरीद लिया और 5 डॉलर बतौर टीप भी दिए।

इस बार 25 डॉलर लेकर वह अपने पिता के सामने खड़ा था, पिता ख़ुशी से झूम रहे थे क्योंकि 25 डॉलर उनके महीने की तनख्वाह से भी ज्यादा था। अगली सुबह पिता ने ठीक वैसा ही Use किया हुआ टी शर्ट माइकल को देते हुआ कहा कि अब इसे 200 डॉलर में तुम्हें बेचकर दिखाना है।

माइकल इतना बड़ा टारगेट सुनकर हिल गया लेकिन उसनें खुद पर भरोसा करना सीख लिया था, उसनें टी शर्ट उठाई और अपने कमरे में जाकर सोचने लगा कि 1 डॉलर के टी शर्ट को 200 डॉलर का कैसे बेचा जाए। तभी उसे पता चला कि Hollywood की सबसे खुबसूरत Actress, Farrah Fawcett उसके पास के शहर में आई हुई है। उसनें ट्रेन पकड़ा, कुछ पोस्टर्स बनाएं और Farrah Fawcett के सामने सिक्यूरिटी को तोड़ते हुए, भीड़ के बीचों बीच से गुजरकर पहुँच गया और उस खुबसूरत एक्ट्रेस से बोला, क्या आप इस टी शर्ट पर अपना ऑटोग्राफ दे सकती हैं? 13 साल के उस मासूम से बच्चे को देखकर वह मना नहीं कर पाई और ऑटोग्राफ दे दिया।

माइकल, टी शर्ट को लेकर पास के ही एक बड़े से बाजार में जा पहुंचा और जोर जोर से चिल्लाने लगा, सबसे खुबसूरत Actress, Farrah का ऑटोग्राफ किया हुआ टी शर्ट सिर्फ 200 डॉलर में। उसके पोस्टर को देखकर जिसमें उसनें सिर्फ 200 डॉलर में Farrah का ऑटोग्राफ किया हुआ टी शर्ट लिखा हुआ था और उसकी आवाज को सुनकर बहुत ज्यादा भीड़ इकठ्ठा हो गयी। वहां पर एक ऑक्शन शुरू हो गया। देखते ही देखते 200 डॉलर से उस टी शर्ट की दाम 2000 डॉलर तक पहुँच गयी और एक बड़े बिजनेसमैन ने 2000 डॉलर पर उस टी शर्ट को खरीद लिया।

इस बार 2000 डॉलर लिए माइकल अपने पिता के सामने खड़े थे। पिता के आँखों में ख़ुशी के आंसू थे। पिता ने माइकल से एक सवाल किया, बेटा! तुमने इतने दिनों तक क्या सीखा? माइकल ने कहा, पापा! “जहाँ चाह है वहां राह है।” पिता ने मुस्कुराते हुए कहा, तुम ठीक कह रहे हो लेकिन मैं तुम्हें कुछ और ही बताना चाहता हूँ, मेरा मकसद सिर्फ और सिर्फ यह था कि जब हम उस 1 डॉलर के पुराने कपड़े की कीमत बढ़ा सकते हैं, तो हम तो भगवान का सबसे बड़ा क्रिएशन हैं, एक इंसान हैं। हमारे अन्दर सोचने और विचार करने की क्षमता है तो फिर हम अपनी कीमत क्यों नहीं बढ़ा सकते!

इस कहानी से हम कुछ बड़ी बातें सीख सकते हैं :

  • शुरुआत में छोटे लक्ष्य बनाएं। जैसे-जैसे लेवल बढ़ता जाता है आपके अन्दर आत्मविश्वास भी बढ़ता जाता है।
  • नहीं होगा की जगह, कैसे होगा पर जोर दें। जब हम कैसे होगा के साथ शुरुआत करते हैं तब हमारा दिमाग उस काम को करने के हजार तरीके हमारे सामने रख देता है। खुद से प्रश्न करें, रास्ते मिलते जाएंगे।
  • अपनी कीमत कभी भी कम मत आंकिये। आपका जन्म कुछ बड़ा करने के लिए हुआ है, भले ही आप अभी 1 डॉलर वाले टी शर्ट की तरह हों लेकिन एक 2000 डॉलर वाले टी शर्ट का सफ़र आपको तय करना है।
  • आप कुछ भी कर सकते हैं, एक 13 साल का छोटा बच्चा, मन में कुछ ठानकर उसे पूरा करता है और बड़ा होकर बास्केटबाल का भगवान कहलाता है, गरीब होकर भी वह बहाने नहीं बनाता, जब वो कर सकता तब हम क्यों नहीं कर सकते, वह भी इन्सान ही है।
  • बड़े लक्ष्यों से न घबराएँ, जब कदम बढ़ते जाते हैं तब अपने आप ही हमारा विश्वास बढ़ते जाता है और हम लक्ष्य के नजदीक पहुँचते जाते हैं।

 

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संघर्ष Struggle https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%98%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b7-struggle-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%98%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b7-struggle-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 20 Nov 2018 18:24:33 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2104 संघर्ष Struggle कहते हैं जितनी बड़ी सफलता उतना बड़ा संघर्ष। आपके संघर्ष ही आपको अन्दर से मजबूती प्रदान करते हैं, यदि आपकी लाइफ में कोई स्ट्रगल नहीं है तब आप प्रगति के पथ आगे नहीं बढ़ सकते। बिस्तर पर सोये हुए कल्पना मात्र से ही सफलता संभव नहीं है, आपको बिस्तर से उठकर पसीना बहाने के लिए तैयार होना होगा, संघर्ष करना होगा, तभी सफलता संभव है। आपने संघर्ष कर रही तितली के बारे में कहानी जरूर सुनी होगी, हम […]

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संघर्ष Struggle

कहते हैं जितनी बड़ी सफलता उतना बड़ा संघर्ष। आपके संघर्ष ही आपको अन्दर से मजबूती प्रदान करते हैं, यदि आपकी लाइफ में कोई स्ट्रगल नहीं है तब आप प्रगति के पथ आगे नहीं बढ़ सकते। बिस्तर पर सोये हुए कल्पना मात्र से ही सफलता संभव नहीं है, आपको बिस्तर से उठकर पसीना बहाने के लिए तैयार होना होगा, संघर्ष करना होगा, तभी सफलता संभव है। आपने संघर्ष कर रही तितली के बारे में कहानी जरूर सुनी होगी, हम उसे यहाँ दुहाराना चाहेंगे।

Image Credit : pixabay.com

एक बायोलॉजी के टीचर अपने स्टूडेंट्स को यह पढ़ा रहे थे कि कैटरपिलर तितली में कैसे बदल जाती है। उन्होंने अपने स्टूडेंट्स से कहा कि कुछ ही देर में तितली अपनी खोल से बाहर निकलने की कोशिश करेगी पर ध्यान रहे कोई भी स्टूडेंट तितली को खोल से बाहर निकलने में बिलकुल भी मदद न करे। ऐसा बोलकर वो अपने क्लास के बाहर चले गये।

तितली अपने खोल से बाहर आने के लिए संघर्ष करने लगी, वह बहुत कोशिशें और मेहनत कर रही थी फिर भी खोल से बाहर नहीं निकल पा रही थी। यह देखकर एक छात्र को उस पर दया आ गयी। वह अपने टीचर की कही बात को भूल गया और उसनें संघर्ष कर रही तितली की मदद करने का फैसला किया। उस छात्र ने खोल को तोड़ दिया, जिस कारण तितली को बाहर निकलने में किसी तरह की ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और वह आसानी के साथ अपने खोल से बाहर आ गयी। लेकिन जैसे ही तितली अपने खोल से बाहर आई, थोड़ी ही देर में वह मर गयी।

कुछ देर बाद टीचर अपनी क्लास में वापिस आए और उन्हें इस घटना का पता चला तब उन्होंने अपने स्टूडेंट्स से कहा, तितली को खोल से निकलने के लिए जो संघर्ष करना पड़ता है, उसी की वजह से ही उसके पंख मजबूत होते हैं और तितली को अपना जीवन जीने के लिए शक्ति मिलती है। यदि आप उसे संघर्ष करने नहीं देंगे तो वह मर जाएगी।

इस छोटी-सी कहानी से हम समझ सकते हैं कि यदि हम सफलता की चाहत रखते हैं, तो हमें संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा, हमारे संघर्ष के साथ आगे बढ़ने की क्षमता ही हमें अन्दर से शक्ति प्रदान करेगी, जिंदगी में एक बेहतर मुकाम पाने के लिए, हमें हमेशा संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। लाइफ में हमें कभी जीत की खुशियाँ मिलती हैं तो कभी हारने का गम भी मिलता है, यदि हमें जीतना है तो हार का स्वाद भी चखना होगा, संघर्ष से पीछे मत हटिये, कोशिश करते जाइए, कोशिश करना आपके हाथ में है.. बिना संघर्ष के सफलता की कल्पना भी नहीं की जा सकती। किसी भी व्यक्ति को एक दिन में ही सफलता नहीं मिल जाती, उसकी सफलता में बार-बार की कोशिशें, उसकी असफलताएं, उसका संघर्ष और कई सालों की कड़ी मेहनत शामिल होती है, तब जाकर वह एक दिन सफल हो पाता है।

हर पेरेंट्स अपने बच्चों को संस्कार दें और उन्हें संघर्ष करने दें। स्ट्रगल आपके पंखों को मजबूत करने का काम करती है ताकि आप उड़ते हुए आसमान छू सकें और बड़ी से बड़ी कामयाबी हासिल कर सकें।

 

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सफलता के लिए आत्म प्रेरणा और सकारात्मक नजरिया https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%86%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%ae-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be-positive-attitude-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%86%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%ae-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be-positive-attitude-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 19 Nov 2018 17:57:53 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2099 सफलता के लिए आत्म प्रेरणा और सकारात्मक नजरिया। इंसान के अन्दर एक बड़ी शक्ति होती है जिसे हम परमात्मा कह सकते हैं। यह हमारे अन्दर Internal Power की तरह काम करती है, और हमेशा से मौजूद रहती है। आइये इसे हम दो प्रेरक कथाओं के साथ आगे बढ़ाते हैं और इन्हें समझने की कोशिश करते हैं। Image Credit :pixabay.com पहली कहानी  एक समय की बात है एक शेरनी का बच्चा जंगल में खेल रहा था। उसकी माँ सोई हुई थी। […]

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सफलता के लिए आत्म प्रेरणा और सकारात्मक नजरिया।

इंसान के अन्दर एक बड़ी शक्ति होती है जिसे हम परमात्मा कह सकते हैं। यह हमारे अन्दर Internal Power की तरह काम करती है, और हमेशा से मौजूद रहती है। आइये इसे हम दो प्रेरक कथाओं के साथ आगे बढ़ाते हैं और इन्हें समझने की कोशिश करते हैं।

Image Credit :pixabay.com

पहली कहानी 

एक समय की बात है एक शेरनी का बच्चा जंगल में खेल रहा था। उसकी माँ सोई हुई थी। जंगल के पेड़-पौधों से उसका मन मोहित हो गया, वह पेड़-पौधों को निहारते हुए अपनी माँ से बहुत दूर निकल आया। बच्चा घबराया हुआ था और अपनी माँ को रोते हुए पुकार रहा था तभी उसकी नजर एक भेड़ पर पड़ी। उस भेड़ के बच्चे कुछ दिन पहले ही मर चुके थे। शेरनी के बच्चे को रोते-बिलखते देख ममता भेड़ उसे अपने घर ले आई और उस शेरनी के बच्चे को बड़े दुलार से पालने लगी। दिन बीतते गये और भेड़ का प्यार उस पर निरंतर बढ़ता गया। कुछ समय बाद वह शेरनी का बच्चा भेड़ से भी ऊंचा हो गया। वह उसे देखकर कभी-कभी डर भी जाती थी। एक बार अचानक उस जंगल में दूसरा शेर भी आ पहुंचा, वह पर्वत की चोटी पर चढ़कर गर्जन करने लगा। उसकी दहाड़ को सुनते ही भेड़ काँप उठी लेकिन उस शेरनी के बच्चे पर उस गर्जन की अलग ही प्रतिक्रिया हुई, उसके मन में सागर की कहरों की तरह कुछ उमड़ने लगा। शेर की दहाड़ से उसकी प्रकृति का एक ऐसा अंग छू गया जो कल तक अदृश्य था। उसे महसूस होने लगा कि उसके अन्दर भी ऐसी कोई शक्ति मौजूद है, जिसका अभी तक उसे ज्ञान या आभाष नहीं था। वह भी ऊँचे स्वर में बड़े ही जोर से दहाड़ने लगा। अपनी भेड़ माता पर उसनें करुणा नजर डाली और एक लम्बी छलांग के साथ पर्वत पर चढ़े शेर के पास पहुँच गया।

शेरनी के बच्चे ने, अपने आपको भेड़ का बच्चा ही समझ रखा था, उसकी कल्पना में भी कभी यह नहीं आया था कि वह भेड़ की अपेक्षा ज्यादा शक्तिशाली है। एक समय था जब वह कुत्तों के भौंकने पर भी दुबक जाया करता था, लेकिन जब उसे अपने वास्तविक स्वरुप का ज्ञान हुआ तब वह शेर के सामने भी डंटकर खड़ा हो गया। शेर की दहाड़ सुनने पहले उसके अन्दर शेर के नहीं बल्कि भेड़ के गुण थे, लेकिन दुसरे शेर के आवाज से उसके अन्दर का सिंहत्व भी जाग गया, आख़िरकार अब वह उस जंगल का राजा था।

दोस्तों, हर व्यक्ति में उसका सिंहत्व होता है, कभी न कभी ऐसा अवसर जरूर आता है, जब हम अपने अंतःकरण की आवाज सुनते हैं और जब यह हमारे अन्दर की पराक्रम को ललकारती है तब हमारे अन्दर कुछ ऐसे भाव जाग उठते हैं कि हम कदम बढ़ाने के लिए खुद को रोक नहीं पाते। आपने ऐसी लोगों की कहानियां पढ़ी या सुनी होंगी जो बहुत गरीबी से लड़ते हुए दुनिया के सबसे अमीर बने हैं, गरीब माहौल में पले-बढ़े होने के बावजूद भी व्यक्ति बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल करता है, यह आत्मप्रेरणा के कारण ही संभव हो पाता है। जिस दिन आप अपने अन्दर की शक्ति को पहचान लेंगे, उस दिन से आपकी जिंदगी में बड़े परिवर्तन होने शुरू हो जाएँगे।

दूसरी कहानी

एक समय की बात है, बरगद के पेड़ पर एक चील रहता था, पेड़ के ठीक नीचे एक जंगली मुर्गी ने अपना घोसला बनाया हुआ था। एक दिन अचानक किसी तरह से चील का एक अंडा मुर्गी के घोसले पर जा गिरा और बाकी मुर्गी के अण्डों के साथ मिल गया। समय पर अंडा फूटा। चील का वह बच्चा अंडे से निकलने के बाद यह सोचता हुआ ही बड़ा हुआ कि वह एक मुर्गी है। वह वैसे ही काम करता, जैसे बाकी मुर्गियां किया करती थीं, दाना चुगना, कुडकुडाना, वो वही किया करती थीं। एक दिन जब वह दाना चुग रहा था, तब उसनें चील को उड़ते हुए और अपनी माँ मुर्गी से बोला, – माँ ये आसमान में कौन-सी चिड़िया इतनी ऊपर उड़ रही है?

मुर्गी ने कहा, वह सुन्दर चिड़िया एक चील है, तुम कभी भी उसकी तरह ऐसे आसमान में नहीं उड़ सकते। चील के बच्चे ने यह मान लिया कि वह एक मुर्गी का ही बच्चा है, ऐसी सोच रखकर वह ऐसे जिंदगी जीता हुआ ही मर गया।

 

दोस्तों, हमारी जिंदगी में भी यही बातें लागू होती हैं, हम इस दुनिया में जीतने के लिए पैदा हुए हैं लेकिन दूसरों के कहने से हम खुद को कमजोर समझने लगते हैं, हम खुद को मुर्गी का बच्चा समझकर ही दाने चुगते हुए अपनी जिंदगी बर्बाद कर देते हैं, जबकि हम चील की तरह आसमान छूने और उड़ने के लिए पैदा हुए हैं। जब आप अपनी लाइफ में कामयाब होते हैं तो दुसरे लोग आप पर कीचड़ उछालते ही हैं, आपको बस ऐसे लोगों से बचने की कोशिश करनी चाहिए, जब आप फालतू लोगों के साथ उलझने में अपना समय बर्बाद नहीं करते तब आप जीत जाते हैं।

सकारात्मक नजरिया

आप सकारात्मक और नकारात्मक लोगों की आसानी से पहचान कर सकते हैं। उनके सम्पर्क में आने से आपकी शख्सियत खुशनुमा हो जाती है, आपके अन्दर भी कुछ करने का जोश भर जाता है। आप अपनी लाइफ को और भी बेहतर तरीके से एन्जॉय कर सकते हैं। दुसरे व्यक्ति आपको अपना आदर्श कह सकते हैं और वे आपसे प्रेरणा ले सकते हैं। इससे आपके रिलेशन में मिठास आता है, लोग आपसे जुड़ना चाहते हैं क्योंकि वे आपके संपर्क में आकर एक पॉजिटिव एनेर्जी को फील करते हैं।

कोशिश करें कि आप हर व्यक्ति में और खुद में पॉजिटिव चीजें ही खोजें, आपको अपनी लाइफ में तभी पॉजिटिव रिजल्ट मिलेगा जब आपका नजरिया सकारात्मक होगा। आप अपने अन्दर सकारात्मक नजरिया विकसित करके सफल हो सकते हैं।

 

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आलोचना न करें – Don’t Criticize https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%86%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%9a%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%95-%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%9a-article-on-criticize.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%86%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%9a%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%95-%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%9a-article-on-criticize.html?noamp=mobile#respond Sun, 18 Nov 2018 18:14:46 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2095 आलोचना न करें Don’t Criticize जब कोई व्यक्ति सफल होने लगता है, तो उसके करीबी उससे जलने लगते हैं, जीतता हुआ देखकर उसे पसंद भी नहीं किया जाता। क्योंकि आपके करीबी जब सफल नहीं हो पाते, तो उनके पास बातचीत करने या निशाना बनाने का कोई दूसरा मुद्दा नहीं होता, इसलिए वो सफल लोगों को ही निशाना बनाते हैं। आलोचना भी दो तरह की होती हैं, सकारात्मक आलोचना और नकारात्मक आलोचना। Image Credit : adobe.com नकारात्मक आलोचना हमारे अन्दर दो […]

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आलोचना न करें Don’t Criticize

जब कोई व्यक्ति सफल होने लगता है, तो उसके करीबी उससे जलने लगते हैं, जीतता हुआ देखकर उसे पसंद भी नहीं किया जाता। क्योंकि आपके करीबी जब सफल नहीं हो पाते, तो उनके पास बातचीत करने या निशाना बनाने का कोई दूसरा मुद्दा नहीं होता, इसलिए वो सफल लोगों को ही निशाना बनाते हैं। आलोचना भी दो तरह की होती हैं, सकारात्मक आलोचना और नकारात्मक आलोचना।

Image Credit : adobe.com

नकारात्मक आलोचना हमारे अन्दर दो वजहों के कारण पैदा होती है-

जलन – जब कोई व्यक्ति बहुत सक्सेसफुल हो जाता है, तब उसके करीबी इसलिए जलते हैं क्योंकि वो खुद को आपकी जगह देखना चाहते हैं। आपको ऊँचाइयों पर पहुँचता देखकर वह आपकी तारीफ नहीं करता बल्कि वह आपकी आलोचना करता है क्योंकि वो उस ऊँचाइयों तक नहीं पहुँच सका जहाँ आप पहुँच गये। याद रखिये, जिस पेड़ पर सबसे ज्यादा आम लगे होते हैं उसी को हम पत्थर मारते हैं। जलन के कारण जब कोई व्यक्ति आपकी आलोचना करता है, तब इसे आप अपनी छिपी हुई तारीफ़ ही समझें। वो खुद को, आपकी जगह नहीं देख पा रहा इसलिए दुखी होते हुए आपके बारे में निःशुल्क गलत प्रचार कर रहा है। इन सब बातों को आप कभी माइंड से मत लें और जैसे आगे बढ़ रहे हैं वैसे ही बढ़ते जाएं। एक असफल व्यक्ति इसलिए सफल नहीं हो पाता क्योंकि सक्सेसफुल आदमी से सीखने की बजाय वो जलता है।

अज्ञानता – बहुत सारे लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना जाने किसी के बारे में भी गलत कमेन्ट कर देते हैं, पीठ पीछे कुछ भी बोल देते हैं। जब अज्ञानता के कारण किसी की आलोचना की जाती है तब उसे आसानी से बंद किया या फिर सुधारा जा सकता है।

सकारात्मक आलोचना

यह किसी व्यक्ति को नीचा दिखाने के लिए नहीं बल्कि उसकी गलतियाँ गिनाने और उन्हें सुधारने के इरादे से की जाती है। हमें किसी व्यक्ति की आलोचना नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम इससे उसके स्वाभिमान को ठेस पहुंचा सकते हैं बल्कि इसके बजाय उसके व्यवहार की आलोचना की जा सकती है। जब आप किसी की आलोचना करते हैं और उस वक्त आपको बहुत मजा आ रहा होता है, तब समझ जाएँ कि आप सामने वाले के दिल को चोट पहुंचा रहे हैं, आलोचना करने में आलोचक को जब मजा आने लगे तब उसे आलोचना रोक देनी चाहिए। जब कोई हमारी सही आलोचना करता है तो यह हमारे लिए फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि इसे हम एक अच्छी सलाह के रूप में कबूल कर सकते हैं। इस दुनिया में महान से महान व्यक्ति की भी आलोचना हुई है, इससे हमें डरने, या घबराने की जरूरत नहीं है।

कई बार जो लोग आपकी मदद कर रहे होते हैं, आपको सफल होता देख अपने हाथ खींच लेते हैं और वही लोग आपके दुश्मन बन जाते हैं, व्यवहार में आया यह अचानक बदलाव जलन के कारण होता है।

आलोचना करने से सम्बन्धित की महत्वपूर्ण बातें –

आलोचना अकेले में करिए

आलोचना हमेशा अकेले में कीजिए, क्योंकि दूसरों के सामने आलोचना करना अपमानजनक साबित हो सकता है। अकेले में आलोचना करने से दोस्ती की भावनाएं बरक़रार रहती हैं।

व्यक्ति की नहीं, काम की आलोचना करें

आप जब भी किसी व्यक्ति की आलोचना करते हैं तब आप उसके स्वाभिमान को ठेस पहुंचा रहे होते हैं, लेकिन उसके काम की आलोचना करके आप उसे बता रहे होते हैं कि वह अपने काम में कैसे सुधार कर सकता है और ज्यादा आगे बढ़ सकता है।

गलतियाँ सुधारने के फायदे व नुकसान

आप व्यक्ति को उसकी गलतियाँ गिना सकते हैं, उन्हें सुधारने के लिए कह सकते हैं और यदि वे गलतियाँ नहीं सुधारते व गलतियाँ करते जाते हैं तब आप उन्हें उसके नुकसान से वाकिफ करा सकते हैं।

बात का बतंगड न बनाएं

कई बार आलोचना करते समय हम पुरानी बातों को खोदकर निकाल लेते हैं जिससे मन मुटाव होने लगता है और छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई तक की नौबत आ जाती है । इसलिए आलोचना करते समय अपनी निजी नाराजगी कभी जाहिर मत कीजिए।

जल्दबाजी न दिखाएँ

आलोचना करने में लोग सबसे आगे रहते हैं, और इस काम में जल्दबाजी दिखाते हैं। सबसे पहले किसी बात की जड़ तक पहुँचिये, उसके असलियत को जानिए। बिना सोचे समझे हम अपनी राय रख सकते हैं लेकिन गलत तथ्यों के Base पर ही आप राय बनाने का हक़ नहीं रखते।

किसी के दिल को ठेस न पहुंचाएं

आपका उद्देश्य किसी के दिल को ठेस पहुँचाना नहीं होना चाहिए। अपनी बात को पॉजिटिव तरीके से ख़त्म करें।

शाबाशी दें

जब किसी की आलोचना की जाती है और वह इससे अपनी गलतियों को सुधारने में कामयाब होता है और सही कदम उठाते हुए आगे बढ़ता है तो ऐसे व्यक्ति को शाबाशी जरूर दें।

दोस्तों, हमारे साथ सबसे बड़ी परेशानी यह आती है कि जब कोई हमारी झूठी तारीफ करता है तब हम ख़ुशी से झूम उठते हैं लेकिन कोई सही आलोचना करता है तब नाराज हो जाते हैं । झूठी तारीफ़ सुनकर हम खुद में कुछ भी अच्छा बदलाव नहीं ला सकते भले ही हम बर्बाद जरूर हो सकते हैं। हमें सही आलोचना स्वीकार करना होगा, हमारे अन्दर जितनी भी कमियाँ हैं उन्हें सुधारना होगा । हम सकारात्मक आलोचना को स्वीकार करके खुद को बेहतर बना सकते हैं ।

 

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साहस से सफलता- Part 1 https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%b8-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-courage-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%b8-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-courage-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 14 Nov 2018 17:14:52 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2071 साहसी बनें और सफलता पायें एक सफल व्यक्ति कभी भी किसी चमत्कार का इंतजार नहीं करता और न ही कोई काम बहुत आसानी से हो जाने की आशा करता है। जब हम फेल होते हैं, या हम कुछ गंवा बैठते हैं तब हम उसी के बारे में बार-बार सोचते रहते हैं लेकिन एक सफल इंसान इस बारे में ध्यान नहीं देता कि उसनें क्या गंवाया है, बल्कि वह यह सोचता है कि उसके पास क्या बचा हुआ है जिससे वो […]

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साहसी बनें और सफलता पायें

एक सफल व्यक्ति कभी भी किसी चमत्कार का इंतजार नहीं करता और न ही कोई काम बहुत आसानी से हो जाने की आशा करता है। जब हम फेल होते हैं, या हम कुछ गंवा बैठते हैं तब हम उसी के बारे में बार-बार सोचते रहते हैं लेकिन एक सफल इंसान इस बारे में ध्यान नहीं देता कि उसनें क्या गंवाया है, बल्कि वह यह सोचता है कि उसके पास क्या बचा हुआ है जिससे वो अपने सफलता की कहानी लिख सके। आप प्रार्थनाओं में यकीन करते ही होंगे लेकिन एक बात हमेशा याद रखिए, आपकी प्रार्थनाएं तभी Accept की जाएंगी जब आप साहस के साथ काम भी करेंगे। हमारे अन्दर बहुत सारे डर मौजूद हैं, चाहे वह फेल होने का डर हो, दुनिया की नजरों में खुद को साबित करने का डर हो, या फिर मरने का डर ही क्यों न हो, पर जब हमारा मन साहस से भरा होता है, तो हम अपने डर को भूल जाते हैं। अपने साहस के दम पर ही हम सफलता के रास्तों में आ रही रुकावटों पर काबू पाते हैं। हर इंसान के अन्दर किसी न किसी प्रकार का डर मौजूद होता ही है, साहसी होने का मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि हमारे अन्दर डर ही न हो बल्कि इसका मतलब यह है कि हम डर पर काबू पा लें मतलब डर को जीत लें। अपने अन्दर के डर को जीतना ही साहस है।

Image Credit : pixabay.com

फेल होने से भी अधिक बुरा फेल होने का डर होता है। आपके मन में बैठा असफलता का डर आपको सफल नहीं बना सकता। क्या आपने किसी छोटे-से बच्चे को चलते हुए देखा है, छोटा-सा बच्चा जब चलना सीखता है, तब वह बार-बार गिरता भी है लेकिन उस बच्चे के लिए वह असफलता नहीं है, बल्कि वह बच्चा चलना सीख रहा होता है और यही उसकी सीख होती है। आज हम अपने पैरों पर इसलिए ही चल पा रहे हैं क्योंकि बचपन में गिरते हुए हमने खुद को असफल नहीं समझा और हम मायूस नहीं हुए। यदि उस वक्त गिरते समय हम मायूस हो जाते, तब शायद हम कभी भी चल नहीं पाते। घुटनों के बल रेंगते हुए एक डरी हुई लाइफ जीने से अच्छा है कि हम अपने पैरों पर खड़े होकर मर जाएँ। डर-डर कर जीने से आप अपनी लाइफ एन्जॉय नहीं कर सकते। आपका साहस ही आपके डर को खत्म कर सकता है।

 

Note : हमारे द्वारा साहस से सम्बन्धित अन्य भाग जल्दी ही इस वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएंगी।

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धन्यवाद 🙂

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जुनून और जज़्बे से मिलती है सफलता Part-1 https://www.hamarisafalta.com/2018/11/passion-for-success-in-hindi-%e0%a4%9c%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a5%82%e0%a4%a8.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/passion-for-success-in-hindi-%e0%a4%9c%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a5%82%e0%a4%a8.html?noamp=mobile#respond Wed, 14 Nov 2018 03:43:39 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2063 जुनून और जज़्बे से मिलती है सफलता दोस्तों आज मैं आपसे सफलता के मार्ग में आने वाले एक ऐसे अहम् पहलु की बात करने जा रही हूँ जो यदि किसी में आ जाये तो उसकी ज़िन्दगी की रफ़्तार ही बदल जाएगी और उसकी लाइफ को बदलते देर नहीं लगेगी । वह सफलता की राह में और तेज़ी की आगे बढ़ने लगेगा और वो चीज़ है हमारा जुनून । जुनून आपसे वो सब करवाता है जिसे आप करने के बारे में […]

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जुनून और जज़्बे से मिलती है सफलता

दोस्तों आज मैं आपसे सफलता के मार्ग में आने वाले एक ऐसे अहम् पहलु की बात करने जा रही हूँ जो यदि किसी में आ जाये तो उसकी ज़िन्दगी की रफ़्तार ही बदल जाएगी और उसकी लाइफ को बदलते देर नहीं लगेगी । वह सफलता की राह में और तेज़ी की आगे बढ़ने लगेगा और वो चीज़ है हमारा जुनून । जुनून आपसे वो सब करवाता है जिसे आप करने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकते । अगर आप कामयाब होना चाहते हैं तो आपके अन्दर कामयाबी का जुनून होना चाहिए । अगर हममें किसी चीज़ को पाने का जुनून चढ़ जाये तो हमें उस चीज़ के अलावा और कुछ नहीं दिखता । हम चाह कर भी किसी और चीज़ पर ध्यान नहीं दे सकते क्योंकि हम अपना सारा ध्यान उस चीज़ को पाने के लिए लगा देते हैं । जब तक हम उस चीज़ को हासिल नहीं करते तब तक चैन से नहीं रह पाते।

Image Credit : pixabay.com

इसी प्रकार अगर आपने ठान लिया है कि आपको अपनी लाइफ में successful इंसान बनना है तो पूरे Passion के साथ आपको मेहनत करनी होगी, तभी आप एक सफल व्यक्ति बन पाएँगे।

सफलता – यह चार अक्षर का शब्द सुनने में तो बड़ा ही अच्छा लगता है लेकिन अगर हम इस शब्द की गहराई में जाए तो हम अन्दर तक घुसते ही चले जायेंगे लेकिन उसका हमें एक ही निचोड़ मिलेगा की अगर सफलता पाना है तो इसके पीछे पागलों की तरह न भाग कर इसकी जड़ को पकड़ना होगा जिससे हम आसानी से इस तक पहुँच पायें और सफलता को पाने के लिए जुनून और जज़्बा ही इसकी मुख्य जड़ हैं।

सफलता पाने के लिए जुनून पैदा कीजिये 

जब आप एक जुनूनी व्यक्ति बन जाओगे तो आप अगर पहले 100 की स्पीड से बढ़ रहे थे तो इसके बाद 200 की स्पीड से बढ़ने लगोगे। तो आपने इसका अंदाजा लगा ही लिया होगा की जुनून इंसान से क्या क्या करवा सकता है।

सुन्दर पिचाई के जुनून और जज़्बे को सलाम ये कहानी है उस महान शख्स की जिन्हें आप में से बहुत लोग जानते होंगे और वो महान इंसान और कोई नहीं google के वर्तमान CEO सुन्दर पिचाई जी हैं और इससे भी बड़ी बात कि ये एक भारतीय हैं । एक भारतीय इंसान का इतने ऊँचे पद को शुशोभित करना बहुत सौभाग्य की बात है । पिचाई जी का जन्म बहुत ही साधारण परिवार में हुआ था । आज तो छोटे छोटे बच्चों के पास भी एंड्राइड फ़ोन और लैपटॉप होता है लेकिन पिचाई जी ने पहला टेलीफोन अपने घर में 12 वर्ष की उम्र में देखा था, उनका दिमाग इतना तेज़ था की वो उस टेलीफोन पर जितने भी नंबर डायल करते वो उन्हें याद हो जाता। उनका जन्म साधारण परिवार में होने के बावजूद उन्हें पैसे या विलासिता वाली कोई भी वस्तु की चाह नहीं होती और न ही उन्हें कोई शिकायत होती। उनके अन्दर बस शुरू से यही जज़्बा था की उन्हें कुछ बड़ा करना है । इसी जुनून के कारण ही उन्होंने इंडिया के टॉप लेवल के सबसे कठिन परीक्षा को भी निकाल लिया और आईआईटी खड़गपुर से अपनी पढ़ाई अपना सफ़र तय किया। सिर्फ यहीं तक उनका संघर्ष खत्म नहीं होता। उन्हें अपने advanced सोच, कड़ी मेहनत और कुछ बड़ा करने के जनून के कारण ही वे आज Google में Chief executive officer के पद पर हैं। दोस्तों अगर पीचाई जी के अन्दर कुछ बड़ा करने का जुनून नहीं होता, इच्छा नहीं होती तो आज इस पद पर कोई और होता।

ऐसे ही अनेक महान इंसान हैं जो अपनी जिद के कारण ही सफल हो पाए हैं और ऐसे लोग दुनिया में भरे पड़े हैं। हमारे पूर्व President डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम साहब का सफ़र भी कुछ इसी तरह का है । उन्होंने भी अपनी लाइफ में संघर्षों को पार करते हुए बड़ी-बड़ी सफलताएँ प्राप्त की । ऐसे कितने उदाहरण मैं आपके सामने रख सकती हूँ। जितने भी लोग आज सफल हुए हैं सबके अन्दर कुछ कर दिखाने का जुनून था और तभी वो सफल हो पाए ।

इंग्लिश विन्ग्लिश आपने वो फिल्म English Vinglish तो देखी ही होगी कि कैसे एक simple housewife जिसे English का उच्चारण तक ठीक से नहीं आता था लेकिन उसके English सीखने के जुनून ने उससे वो काम भी करवा दिया जो वो खुद नहीं सोच सकती थी ।

आपको अगर सफल होना है तो जगाएं अपने अन्दर के छुपे हुए उस आग को , उस जुनून को जो आपसे हर असंभव काम को संभव करवा सकती है, हर वो नाकामी को कामयाबी में बदल सकती है । जगाओ अपने अन्दर की उस ज्वाला को जो लक्ष्य तक पहुँच कर ही शांत होगी ।

Passion is the beginning of success

अर्थात जुनून सफलता की शुरूआत है। जब तक हमारे अन्दर किसी चीज़ को पाने का जज्बा नहीं होगा तब तक हम सीरियसली उस चीज़ के लिए मेहनत ही नहीं करेंगे । उसे अवॉयड करते जायेंगे और अकेले किसी कोने में बैठकर रोते रहेंगे।

Passion के बाद Action

जैसे ही आपने अपने अन्दर की उस धधक को जगा लिया उसके बाद आपको अपने काम को एक स्वरुप देना होगा यानि उसे पूरा करते हुए चलना होगा । ये नहीं की आपके अन्दर कुछ करने का जुनून है और आप बस इसके बारे में सोचे ही जा रहे हैं , आपको सोचने के साथ – साथ अपने कामो को अमल में लाना होगा तभी आप लाइफ में आगे बढ़ेंगे और grow कर पायेगे। आपको खुद से वादा कर लेना है की आप खुद को हर मामले में खरे उतारोगे । अगर आप सचमुच सफल होना चाहते हो तो आपको उसके लिए मन लगाकर मेहनत करनी होगी । एक बात हमेशा याद रखिये, आपके अन्दर कुछ करने का जज़्बा ही आपकी जीत होगी.. इसलिए यदि आपको जीतना है तो अपने अन्दर जुनून पैदा कीजिये, आप कुछ भी कर रहे हों, उसे पूरे Passion के साथ कीजिये, और सफलता की तरफ अपने क़दमों को बढाइये ।

PASSION IS ENERGY.

FEEL THE POWER THAT

COMES FROM FOCUSING

ON WHAT EXCITES YOU.

                        -OPRAH WINFREY  

धन्यवाद 🙂

Priya Paul 

Class-11th

Ghatsila (Jharkhand)

Email : paulpriya716@gmail.com

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कैसे पायें बड़ी से बड़ी सफलता ? Success Mantra in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/11/how-to-achieve-big-success-in-life-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/how-to-achieve-big-success-in-life-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 13 Nov 2018 08:03:07 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2051 How to Achieve Big Success in Life in Hindi सफल और असफल लोगों में एक बड़ा अंतर यह होता है कि सफल लोग किसी काम को शुरू करते हैं और उस शुरू किए गये काम को पूरा करने में जिन तकलीफों का सामना करना पड़ता है, वे उन्हें सहने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। असफल लोग भी किसी काम को शुरू करते हैं और ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि वे अच्छी शुरुआत नहीं करते लेकिन वे शुरू किये […]

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How to Achieve Big Success in Life in Hindi

सफल और असफल लोगों में एक बड़ा अंतर यह होता है कि सफल लोग किसी काम को शुरू करते हैं और उस शुरू किए गये काम को पूरा करने में जिन तकलीफों का सामना करना पड़ता है, वे उन्हें सहने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। असफल लोग भी किसी काम को शुरू करते हैं और ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि वे अच्छी शुरुआत नहीं करते लेकिन वे शुरू किये गये काम को कभी भी पूरा नहीं करते। यदि हमें सफलताएँ प्राप्त करनी है तो हमारे अन्दर दृढ़ता और संकल्पशक्ति का होना बहुत जरूरी है। आइये इनके बारे में जानते हैं –

दृढ़ता और संकल्प

सफल व्यक्ति खुद के लिए एक ऐसा फैसला लेता है जिससे वह अपने काम को पूरा करने का कमिटमेंट करता है। दृढ़ता, हमारी सफलताओं के लिए किया गया एक फैसला है। कई बार हम सफल होने के लिए बहुत कोशिश करते हैं लेकिन बावजूद इसके हम फेल हो जाते हैं और बुरी तरह से निराश होने लगते हैं जिससे हम आगे कोशिश करना ही बंद कर देते हैं लेकिन यदि हम किसी सफल व्यक्ति को देखें तो उसके अन्दर भी थक जाने के बाद कोशिश बंद करने की इच्छा जरूर होती है लेकिन वह खुद से फैसला कर चूका होता है कि चाहे कुछ भी हो जाए उसे अपनी कोशिशें जारी रखनी है और सफल होकर ही दम लेना है। सफल व्यक्ति के पास हमेशा एक लक्ष्य होता है, जो उसे दृढ़ बनाता है। लेकिन एक असफल व्यक्ति जिसके पास कोई लक्ष्य नहीं होता, उसमें कभी भी दृढ़ता नहीं आ सकती।

Image Credit : pixabay.com

दृढ़ता हमारे Commitment का ही परिणाम है और इसी से संकल्प का जन्म होता है। सफलता के बारे में सोचना बहुत आसान है लेकिन जैसे ही हम सफल होने के लिए कदम बढ़ाते हैं, पता चलता है कि सफलता का रास्ता बहुत सारी रुकावटों से भरा पड़ा है। एक फेलियर व्यक्ति सफलता के रास्तों पर चलना तो शुरू कर देता है लेकिन रुकावटों को देखते ही अपने कदमों को पीछे की ओर मोड़ लेता है, मुसीबत के समय में ही एक सफल और असफल व्यक्ति की पहचान होती है और यही रुकावटों ही ये Decide करती हैं कि आप फेल होंगे या सक्सेसफुल। यदि आप सचमुच सफल होना चाहते हैं, तो चाहे आपके सामने कितनी भी बड़ी से बड़ी रुकावट आ जाए, आपको उन रुकावटों के पार जाना होगा, उन बाधाओं से जीतना होगा और आपको एक संकल्प लेना होगा कि बड़ी से बड़ी रुकावटों से भी आप डरेंगे नहीं, बस आगे बढ़ते जाएँगे, अपने पाँव पीछे नहीं लेंगे और सफल होकर ही दम लेंगे। सफलता के लिए संकल्प का होना जरूरी है क्योंकि ये हमारे अन्दर एक नया जोश भरने का काम करती है।

जब मैं थक जाता हूँ, और थककर रुकने की सोचता हूँ, तो मेरे दिमाग में ऐसा खयाल जरूर आता है कि मेरा Competitor इस समय क्या कर रहा होगा। जब मैं अपने सोच में यह देखता हूँ कि वह अभी भी काम कर रहा है, और लगातार खुद को बेहतर बनाने के लिए प्रैक्टिस कर रहा है तो मैं और भी ज्यादा मेहनत करने लगता हूँ। और जब मैं उसे थककर आराम करते देखता हूँ और मुझे लगता कि वो सो रहा है तब मैं पहले से भी ज्यादा कड़ी मेहनत करने लग जाता हूँ।

-डॉन गैबल, ‘ओलम्पिक में कुश्ती खेल के गोल्डमैडल विनर’

 

किसी चीज की चाहत रखना और अपने दृढ विश्वास में बहुत बड़ा फर्क होता है। हम अपनी चाहतों को बार-बार बदलते रहते हैं, हर बार कुछ नया लक्ष्य बनाते रहते हैं लेकिन दृढ़ता और हमारा विश्वास हमेशा अटल रहता है। जब हम कुछ करने की ठान लेते हैं और उसे पाने के लिए संकल्प कर लेते हैं, तब सफलता प्राप्त करना हमारे लिए बहुत आसान हो जाता है। इसलिए दृढ रहिये, दृढ-संकल्प लीजिये कि आपको हर हाल में कामयाब होना है, सफलता पाने के लिए आपको दिन-रात एक कर देना है, कड़ी मेहनत करनी है, बहाना नहीं बनाना है और जो ठान लेना है उसे पाना है। यदि ऐसी सोच के साथ आप आगे बढ़ते हैं तो यकीन मानिए आप सफल जरूर होंगे।

दृढ़ता और संकल्पशक्ति से पायें अपनी लाइफ में बड़ी से बड़ी सफलता।

धन्यवाद 🙂

 

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सफल जीवन जीने के लिए इन 4 बातों को हमेशा याद रखें https://www.hamarisafalta.com/2018/11/successful-life-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/successful-life-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8.html?noamp=mobile#respond Mon, 12 Nov 2018 18:01:43 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2045 Short Essay on Successful Life in Hindi Friends इस दुनिया में कोई भी ऐसा इंसान नहीं है जो सफल होना नहीं चाहता। हर कोई अपनी लाइफ में सफल होना चाहता है लेकिन सफलता यों ही किसी को नही मिल जाती । जब हम किसी सफल व्यक्ति को देखते हैं तो हमें उनसे प्रेरणा मिलती है और हम उनकी ही तरह बनने की सोचते हैं। उस समय हमें उस व्यक्ति की सफलता तो नज़र आती है लेकिन सफलता के पीछे किया […]

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Short Essay on Successful Life in Hindi

Friends इस दुनिया में कोई भी ऐसा इंसान नहीं है जो सफल होना नहीं चाहता। हर कोई अपनी लाइफ में सफल होना चाहता है लेकिन सफलता यों ही किसी को नही मिल जाती । जब हम किसी सफल व्यक्ति को देखते हैं तो हमें उनसे प्रेरणा मिलती है और हम उनकी ही तरह बनने की सोचते हैं। उस समय हमें उस व्यक्ति की सफलता तो नज़र आती है लेकिन सफलता के पीछे किया गया उनका घोर संघर्ष हमें नहीं दिखता। हम सिर्फ लोगों की कामयाबी को देख कर मन ही मन लालायित होते हैं पर रूह तक को कंपा देने वाले उनके संघर्ष को ही अनदेखा कर देते हैं । यदि आपने भी जीवन में सफल होने की ठान ली है तब आपको इन सब बातों को अपनी लाइफ में जरुर apply करना चाहिए।

Image Credit : pixabay.com

समय का पालन

दोस्तों आज तक जितने भी लोग सफल हुए हैं वे शुरू से ही समय के पाबंध रहे हैं । अगर आप वक़्त को न गवां कर समय से अपना हर काम कर लेते हैं तो सबसे पहले अपने मन में ये Satisfaction तो होगी कि आपने अपना काम पूरा कर लिया है और दूसरा ये कि आप अपनी लाइफ में आगे बढ़ रहे हो। एक तरफ से देखें तो हम पायेंगे कि सारा खेल समय का ही है । अगर आप समय का पालन करें तो आपको कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे और अगर आप समय की अवहेलना करेंगे तो समय आपको बहुत पीछे छोड़ देगा । इसीलिए सफलता का एक बड़ा कारण समय का सदुपयोग करना है। मैं इसका एक अच्छा उदाहरण देकर आपको बताती हूँ- आपने वो वाली कहानी तो सुनी ही होगी की कैसे गर्मियों के दिनों में चीटियाँ दिन-रात मेहनत कर अपने लिए खाना एकत्र करके रखती हैं और वही एक टिड्डा गाते हुए पूरी गर्मी का मौसम पार कर देता है। फिर ठण्ड के दिनों में चीटियाँ उसी खाने से अपना गुज़ारा करती है और टिड्डा भूख से तड़प कर मर जाता है। चिटीयों ने अपने समय का सदुपयोग किया और अपनी ज़िन्दगी भी बचा ली । इसीलिए हमें हमेशा समय को साथ लेकर चलना चाहिए और न कि उस टिड्डे की तरह अपने समय को बर्बाद करना है।

अनुशासित रहिये

सफलता की निचली सीढ़ी और सबसे ऊपरी सीढ़ी तक पहुँचने की मुख्य कड़ी अनुशासन ही है। अगर हम खुद को अनुशासित रखकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते चले जाते हैं तो हमें कोई भी हमारे मार्ग से भटका नही सकता । सिर्फ सफलता पाने के लिए ही नही बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन का बहुत अधिक महत्व है। जो इंसान सफल होना चाहते हैं उन्हें पहले खुद को अनुशासित करना होगा, खुद को नियंत्रण में लाना होगा वरना सफलता उनके हाथ आकर भी हाथ से निकल जाएगी।

लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प

अगर आपको अपनी लाइफ में सक्सेसफुल होना है तो आपको अपनी नज़र अपने लक्ष्य पर टिकाये रखनी होगी। आपको खुद में संकल्प लेना होगा की आपका लक्ष्य ही आपके लिए सबकुछ है और किसी भी तरह आपको अपना लक्ष्य हासिल करना ही होगा। कोई भी सफल इंसान जिनके बारे में हम सुनते है या पढ़ते हैं वे अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र होते हैं और तभी उन्हें सफलता मिल पाती है। वे भी तो हमारी आपकी तरह एक इंसान ही होते हैं, वो किसी दुसरे ग्रह से थोड़ी न हैं… फिर यदि वो सफल हो सकते हैं, इतना बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं तो हम और आप क्यों नही कर सकते? यकीनन हम भी कर सकते हैं । इस दुनिया में कुछ भी impossible नही है, बस अपने मन में ये बात जगाइए की आपको अपनी लाइफ में कुछ बड़ा करना है।

Comfort Zone से बाहर निकलें

दोस्तों, जब तक आप खुद को Comfort zone में रखते हैं तब आप कुछ भी बेहतर नही कर पाते। इसलिए अगर आपको सफल होना है तो पहले आपको अपने Comfort zone से बाहर आना होगा। खुद को यह एहसास दिलाना होगा कि आप और भी बेहतर ज़िन्दगी जी सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप अभी मेहनत करें। अपने mind को परेशानियां झेलने के लिए आपको तैयार करना होगा ताकि लाइफ में जितनी भी बड़ी problems आयें उन्हें आप आसानी से संभाल सकें।

इस तरह आप इन छोटी-छोटी बातों को अपनी लाइफ में apply करके सफलता के मार्ग पर आसानी से चल सकते हैं और दूसरों को भी सफलता के शिखर तक पहुँचाने में सहायता कर सकते हैं। हमारा जीतना या हार जाना सिर्फ और सिर्फ हमारे ऊपर निर्भर करता है। बस आपको खुद से पूछना होगा कि हमें अपनी लाइफ से क्या चाहिए?

अगर success चाहिए तो खुद को उस तरह बना लो की राहों के काँटों से कभी रुको नही , तपाने वाली धुप से कभी जलो नहीं और तूफानों से कभी हारो नहीं। बस अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाओ मंजिल अपने आप ही मिल जाएगी ।

धन्यवाद 🙂

Priya Paul 

Class-11th

Ghatsila (Jharkhand)

Email : paulpriya716@gmail.com

 

We are grateful to Priya Paul for sharing this Short essay on successful life in Hindi. Thanks Priya 🙂

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हमारी आदतें हमारी सफलता- Life Changing Article https://www.hamarisafalta.com/2018/11/importance-of-good-habits-in-human-life-in-hindi-%e0%a4%85%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9b%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%a6%e0%a4%a4%e0%a5%87%e0%a4%82.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/importance-of-good-habits-in-human-life-in-hindi-%e0%a4%85%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9b%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%a6%e0%a4%a4%e0%a5%87%e0%a4%82.html?noamp=mobile#respond Mon, 12 Nov 2018 10:41:46 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2042 हमारी आदतें हमारी सफलता हर व्यक्ति एक Successful Life जीने के लिए पैदा हुआ है लेकिन ज्यादातर लोग अपनी बुरी आदतों के कारण ही ऐसी लाइफ नहीं जी पाते। एक असफल व्यक्ति के मन में जीतने की इच्छा तो होती है लेकिन वह अपनी बुरी आदतों से इस कदर जकड़ा हुआ है कि उसे ज्यादातर हार का ही सामना करना पड़ता है। यदि हम सफल और असफल लोगों के बीच तुलना करेंगे तो पायेंगे कि सफल व्यक्ति, सही दिशा में […]

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हमारी आदतें हमारी सफलता

हर व्यक्ति एक Successful Life जीने के लिए पैदा हुआ है लेकिन ज्यादातर लोग अपनी बुरी आदतों के कारण ही ऐसी लाइफ नहीं जी पाते। एक असफल व्यक्ति के मन में जीतने की इच्छा तो होती है लेकिन वह अपनी बुरी आदतों से इस कदर जकड़ा हुआ है कि उसे ज्यादातर हार का ही सामना करना पड़ता है। यदि हम सफल और असफल लोगों के बीच तुलना करेंगे तो पायेंगे कि सफल व्यक्ति, सही दिशा में ही चल रहा होता है, सही फैसले ले रहा होता है और हम उन्हें सही कदम उठाते ही देखेंगे। लेकिन इसके विपरीत असफल व्यक्ति बार-बार एक ही गलती को दोहरा रहा होता है, वे बार-बार उन्हीं गलतियों को रिपीट कर रहे होते हैं जो उन्हें फेलियर बनाती है।

Image Credit : pixabay.com

इस लेख को एक प्रेरणादायक कहानी से शुरू करते हैं।

विनोद नाम का एक लड़का छोटी-सी उम्र में ही सिगरेट और शराब का आदी हो गया था। उसकी उम्र महज 22 वर्ष ही थी, यह कहना गलत नहीं होगा कि गलत संगति में पड़कर वह बिगड़ता जा रहा था। घरवाले जब भी उससे कहते कि ऐसी आदतें उसके जीवन को बर्बाद कर देंगी तब वह यही कहता “कि ऐसा कुछ नहीं होगा! मैं समय रहते छोड़ दूंगा।” लेकिन उसकी यह बुरी आदत धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी। एक दिन उसके गाँव में एक साधू महात्मा का आगमन हुआ, विनोद के पिता को जब पता चला कि साधू किसी व्यक्ति के बुरी आदतों को छुडवाने में उसकी मदद कर सकते हैं तब वह दौड़ते हुए साधू के पास गया और उनको सारी बातें बताई।

अगली सुबह विनोद साधू के पास पहुँचा, और उसनें देखा कि उसके सामने दो गमले रखे हुए हैं। पहला गमला गेंदा के फूलों से भरा हुआ था और दुसरे गमले में बस एक लाठी थी और उसके अन्दर सीमेंट भरा हुआ था। साधू ने विनोद से कहा, “बेटा! क्या तुम इस गमले में लगे गेंदे के पौधे को उखाड़ सकते हो!” विनोद बोला, क्यों नहीं। उसने गेंदे के फूल से भरे गुच्छे को गमले से निकाल दिया, उसे थोड़ी दिक्कत जरूर हुई क्योंकि उसकी जड़ गमले को अच्छे से पकड़ चुकी थी, लेकिन उसनें गमले में पानी भरकर उसे गीला कर लिया और वह जड़ के साथ गमले से निकालने में कामयाब हुआ। साधू ने कहा अब तुम इस लाठी को गमले से अलग करके देखो। विनोद ने बहुत कोशिश की मगर वह लाठी को गमले से अलग नहीं कर पाया, क्योंकि गमले के अन्दर मिट्टी नहीं सीमेंट था। और यदि वह पानी भरकर उसे निकालने की कोशिश करता तो वह और भी मजबूत हो जाता।

साधू ने विनोद को समझाते हुए कहा, पहला गमला जिसमें मिट्टी भरा हुआ था, गेंदे के फुल खिले थे, यदि वह और छोटा होता, फुल न लगे होते तो तुम्हें उसे उखाड़ने में और भी आसानी होती, लेकिन पौधा बड़ा होने के कारण उसे उखाड़ने के लिए तुम्हें मिट्टी गीली करनी पड़ी। हमारी आदतें भी ऐसी ही हैं, बुरी आदतें नई होती हैं तब उन्हें छोड़ना बहुत आसान होता है। दुसरे गमले में भी मैंने गेंदा का बीज डाला था, जब वह थोड़ा बड़ा हुआ, मैंने उसके ठीक बीच में एक लाठी रख दी और मिट्टी की जगह सीमेंट भर दिया। जिससे गेंदे के फुल मर गये और लाठी ही रह गयी। एक तरह से दूसरा गमला हमारी बुरी आदतों का प्रतीक है, हमारी लाइफ में सफलता और खुशियों के फुल खिल सकते हैं, लेकिन जब हमारी आदतें गलत हो जाती हैं ठीक उस सीमेंट की तरह, जो हम उस गमले में डालते हैं तब गेंदे के फुल की तरह खुशियाँ और सफलताएँ भी खत्म होनी शुरू हो जाती हैं और बस अफ़सोस की लाठी हमारी जिंदगी रूपी गमले से चिपके रहती हैं और हम उसमें जितना पानी देते हैं वह उतना मजबूत होती जाती है।

साधू की बातें विनोद बहुत ध्यान से सुन रहा था और उसे अपने जीवन की एक बड़ी सीख मिली थी।

 

दोस्तों, हम आदतों को शुरू में बहुत मामूली समझते हैं और उन पर ध्यान नहीं देते लेकिन वही बाद में इतनी मजबूत हो जाती हैं कि उनसे छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है। एक अच्छी आदतों वाला इंसान एक अच्छे चरित्र वाला माना जाता है, इसका उलटा भी उतना ही सही है।

हम किसी आदत के आदी कैसे बनते हैं?

आपने एक विशाल हाथी के बारे में कहानी जरूर सुनी होगी। बचपन में हाथी के पैरों को एक बहुत मजबूत जंजीर से एक मजबूत पेड़ के सहारे बांधा जाता है। बच्चे की तुलना में पेड़ और जंजीर बहुत मजबूत होते हैं और उसे बंधे रहने की आदत भी नहीं होती इसलिए वह अपनी पूरी कोशिश करता है कि किसी तरह वह जंजीर को तोड़ सके। पूरी कोशिश के बावजूद वह जंजीर को तोड़ने में सफल नहीं हो पाता और वह समझने लगता है कि जंजीर को तोड़ने की कोशिश करने से कोई फायदा नहीं होने वाला, उसके दिमाग में यह बात बैठ चुकी होती है और वह दिमागी रूप से बंधे रहने का आदी हो चूका होता है। जब वही बच्चा एक विशाल हाथी बन जाता है तब उसे एक कमजोर रस्सी और पेड़ की जगह एक खूंटे से बाँधने पर भी वह कहीं नहीं जाता। वह हाथी जब चाहे तब आज़ाद हो सकता है लेकिन बचपन से ही वह दिमागी रूप से बंधे रहने का आदी हो चूका है इसलिए अब वह अपनी इस बंधे रहने की आदत से बाहर नहीं आना चाहता।

मैं ऐसे ही कुछ लोगों को जानता हूँ, जो मेरे करीबी हैं और खुद को बहुत बीमार समझते हैं। उनमें से एक बच्चा जिसके मन में बचपन से ये बातें फिट कर दी गयी हैं कि वो खड़ा नहीं हो सकता, घर का हर व्यक्ति उसे यह एहसास दिलाता है कि वो लाचार है, चल फिर नहीं सकता। उसका शरीर पूरी तरह से विकसित हो रहा है लेकिन बावजूद इसके वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता, बड़े-बड़े डॉक्टर्स भी उसकी बीमारी समझ नहीं पा रहे, क्योंकि सभी मेडिकल रिपोर्ट्स एकदम नॉर्मल है। लेकिन सच्चाई तो यह है कि बच्चे को किसी भी तरह की कोई बीमारी ही नहीं है, उसनें अपने दिमाग में यह बैठा लिया है कि वह अब खड़ा नहीं हो सकता, चल-फिर नहीं सकता और जब वह खड़ा होने की कोशिश करता है और खड़े होने के दौरान गिर जाता है तब परिवार के बाकी सदस्य तुरंत उसे उठाने पहुँच जाते हैं। मेरा मकसद यह बिलकुल भी नहीं है मैं उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाऊं लेकिन मुझे उस बच्चे की फिकर है। उसनें इसे अपनी आदत बना लिया है, उसे बैठे रहने और सोये रहने में ही मजा आने लगा है, उसका दिमाग इस बात को एक्सेप्ट करना ही नहीं चाहता कि वह अपने पैरों पर खड़ा होकर न सिर्फ चल सकता है बल्कि दौड़ भी सकता है।

दोस्तों, हम सब अपनी लाइफ में किसी न किसी बुरी चीज के आदी होते जा रहे हैं चाहे वह हर 5 मिनट में अपने व्हाट्सऐप मैसेज चेक करना हो, बार-बार अपने फ़ोन को देखना हो या फिर यदि कुछ करने के लिए न हो तो अपने दोस्तों से गप्पे मारना हो। ऐसा करके हम अपनी लाइफ में कुछ बड़ा बदलाव कभी भी नहीं ला सकते। आप अपने म्यूजिक प्लेयर में हर दिन और हर समय एक ही गाना सुनते रहें, और अचानक एक दिन आपका म्यूजिक प्लेयर काम नहीं करता! आप बताइए कि उस समय आप कौन-सा गाना गुनगुनायेंगे? आप अपने काम को एक ही तरह से बार-बार कर रहे हैं और हर बार उस काम से अलग-अलग नतीजों की उम्मीद कर रहे हैं, यह गलत है। क्योंकि अगर आप वही करते हैं, जो बरसों से करते आ रहे हैं तो आपको वही मिलेगा जो आपको बरसों से मिलते आया है। एक अच्छी आदत डालना खेती करने के समान है, इसमें बहुत समय लगता है। हमारी अच्छी आदतें, हमारी दूसरी अच्छी आदतों को जन्म देती हैं। यदि आप कुछ बुरा काम कर रहे हैं, और उसमें आपको मजा आ रहा है, तो हमारा दिमाग ज्यादा से ज्यादा मजे को ही खोजता है, और हम फिर से वही बुरा काम करने लग जाते हैं। किसी काम को बार-बार करने से हम उस चीज के आदी हो जाते हैं और यही आदतें, हमारे व्यवहार में झलकती हैं।

एक अच्छी आदत डालें

हम अपनी बुरी आदतों को तुरंत नहीं छोड़ सकते, उसकी जगह हम अच्छी आदतों को Replace जरूर कर सकते हैं। क्या आपको नहीं लगता कि टी.वी. देखकर हम सिर्फ अपने समय को बर्बाद करते हैं क्योंकि जाने अनजाने इन चीजों का असर हमारी जिंदगी पर भी पड़ता है। आप देर रात तक बिग बॉस का देखते हैं, इससे आपकी लाइफ में कभी भी एक अच्छा परिवर्तन नहीं आएगा, यदि आप इसके आदी हो चुके हैं और ऐसी बुरी आदतों को छोड़ना चाहते हैं तो यह एकदम से आसान नहीं होगा, हमें Big Boss के शो टाइम पर एक किताब हाथ में लेनी होगी, क्योंकि एक Self Help किताब आपके समय को कभी भी बर्बाद नहीं करेगी। हाँ, पहले दिन से ही आपका ध्यान टी.वी. की तरफ जरूर जाएगा लेकिन जब आप अपने मन को यह कहकर समझा लेंगे कि इससे आपकी लाइफ में कुछ भी अच्छा परिवर्तन नहीं आएगा लेकिन किताब पढ़कर आप खुद को बेहतर बना सकते हैं तब धीरे-धीरे टी.वी. से आप किताब पर शिफ्ट कर जाएंगे।

बुरी आदतों को खत्म करने के लिए उसकी जगह एक अच्छी आदत को रख दें। हम चाहकर भी तुरंत एक बुरी आदत को नहीं छोड़ सकते लेकिन हम अपनी लाइफ में एक अच्छी आदत जरूर अपना सकता सकते हैं। बुरी आदतों में फंसकर हम सिर्फ अपनी लाइफ बर्बाद कर सकते हैं लेकिन एक अच्छी आदत आपकी जिंदगी संवार सकती है।

एक अच्छी आदत बनाएं

नीचे कुछ अच्छी आदतों की List दी जा रही है, आप इन्हें अपनी लाइफ में शामिल कर सकते हैं

  1. रात को सोने से पहले एक अच्छी किताब जरूर पढ़ें।
  2. सोने से पहले दिन भर की अच्छी बातों को सोचें, कुछ मजाकिया पलों को सोचकर क्या आप मुस्करा सकते हैं।
  3. सुबह उठते ही भगवान का धन्यवाद करें क्योंकि आपको एक नयी शुरुआत करने का मौका मिल रहा है।
  4. स्वस्थ रहकर ही आप बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल कर सकते हैं इसलिए यही सोचकर सुबह अपने हेल्थ के लिए काम करें। व्यायाम, मेडिटेशन आदि की आदत बनायें।
  5. हर परिस्थिति में खुश रहने की आदत बनाएं।
  6. अच्छे लोगों से जुड़ने की कोशिश करें और हर दिन कुछ नया सीखें।

अच्छी आदतों का महत्व

हम अपनी अच्छी आदतों की वजह से ही आगे बढ़ पाते हैं। बुरी आदतें हमें जंजीर में जकड़कर रखती हैं, हम निर्णय नहीं ले सकते, आगे नहीं बढ़ सकते और ये हमें आगे बढ़ने भी नहीं देतीं। लेकिन एक अच्छी आदत आपकी लाइफ बदलने के लिए काफी है। आप अच्छी आदतों को अपनी लाइफ में शामिल करके ही आगे बढ़ सकते हैं, एक तरह से आपकी आदतें, आपकी सफलता के लिए टॉनिक का काम करती हैं। इसलिए अच्छी आदतें बनाइए और सफलता पाइए।

धन्यवाद 🙂

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कृपया इस लेख पर अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं अथवा हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें, हमें यह भी बताएं कि आपके अन्दर कौन-सी अच्छी आदतें हैं जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं और कौन-सी बुरी आदतें आपकी सफलता में रुकावट बनती हैं।

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Importance of Motivation in Hindi

संदीप माहेश्वरी कहते हैं कि इस जहां में न कुछ मुश्किल है और न ही कुछ आसान है. मुश्किल और सरल होना सिर्फ हमारी सोच पर निर्भर है. जो व्यक्ति यह सोचता है की कोई काम उसके लिए मुश्किल है तो वह काम सच में उसके लिए मुश्किल बन जाती है भले ही वह काम आसान ही क्यों न हो लेकिन जो इंसान मानता है की कोई काम मुश्किल नही है तो हर मुश्किल से मुश्किल काम भी उसे आसान लगने लगती है.

Image Credit : pixabay.com

दोस्तों आज मै आपसे    Motivation की Importance के बारे में बात करना चाहती हूँ. जैसा कि सभी लोग motivation के बारे में बोलते रहते हैं, खुद को मोटिवेट करने के लिए तत्पर रहते हैं पर क्या उन्हें सच में पता है की motivation वास्तव में है क्या? Motivation की हमारी लाइफ में क्या अहमियत है? यह हमारे लिए क्या मायने रखता है? और अगर हमें सच में इन प्रश्नों के जवाब नहीं पता तो क्या कभी आपने इनके उत्तर जानने की कोशिश की है? नही न! आज मै आपको इन्हीं सवालों के जवाब दूंगी लेकिन इसे समझाने के लिए मैं आपके साथ एक कहानी share करना चाहती हूँ.

दोस्तों, ये कहानी है एक गरीब बच्चे की है जो बहुत कम पढ़ा-लिखा होने के बावजूद सिर्फ अपने विश्वास और self motivation के दम पर अरबों रूपए का साम्राज्य खड़ा कर देता है. आज से 125 साल पहले जापान के एक छोटे से गांव में एक किसान के घर जन्मा एक बच्चा, जिसका नाम कोनोसुक रखा गया. कोनोसुक केवल 9 वर्ष का था जब उसके पिता को कुछ आर्थिक परेशानियों की वजह से अपने गावं की सारी जमीन बेचनी पड़ी और अपना गावं के घर को भी छोड़ना पड़ा. उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया था. इसके बाद वे लोग शहर आ गए और कोनोसुक के पिता, परिवार चलाने के लिए छोटा मोटा काम करने लगे . उस छोटे से बच्चे कोनोसुक को भी अपनी पढाई छोड़ कर एक दुकान में काम करना पड़ा. वो सुबह से ही दुकान में काम करने चला जाता. सुबह दुकान में सफाई करने के बाद दूकान के कुछ छोटे मोटे काम करता . इसके बाद वह मालिक के बच्चों की सेवा और देखभाल में लग जाता . कुछ माह तक तो ये सिलसिला यूँ ही चलता रहा पर इसके बाद किसी कारण से कोनोसुक को मालिक ने दुकान से निकाल दिया…इसके बाद कोनोसुक ने एक साईकिल बेचने वाली दुकान पर नौकरी शुरू कर दी . उस ज़माने में साईकिल एक विलासिता मानी जाती थी और UK  से मंगाई जाती थी. इस जॉब पर साईकिल बेचने के साथ-साथ कुछ मेटल वर्क का काम भी होता था और कोनोसुक को वहां अन्य कामों के साथ-साथ अन्य Technical tools  के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला. कोनोसुक ने यहाँ लगभग 5 वर्ष तक काम किया और 15 वर्ष की उम्र में वो कुछ नया ढूंढने लगा, जहां काम के साथ साथ वो कुछ नया सीख सके और भविष्य में बिजली की बढती संभावनाओं को देखते हुए उसे लगा कि उसे इसी क्षेत्र में कोई नौकरी ढूंढ लेनी चाहिए और एक दिन उसे ओसाका Electric light company का एक विज्ञापन मिला जिसमे कंपनी को कुछ नए employees की जरुरत थी. कोनोसुक ने वहां apply कर दिया, जिससे उसको वहां नौकरी भी मिल गयी. काम के दौरान वहां हर रोज़ उसे काफी कुछ सीखने को मिलने लगा. धीरे-धीरे समय बीतने लगा और समय के साथ-साथ कोनोसुक अपने काम के दौरान बहुत कुछ सीखने भी लगा था वहीँ दूसरी ओर वह खाली समय में Electricity से सम्बंधित बहुत-सी किताबे पढ़ने लगा और साथ में कुछ छोटे-मोटे प्रयोग भी करता रहा. 20 साल की उम्र में कोनोसुक की शादी हो गयी. 22 साल की उम्र में कोनोसुक अपनी काबिलियत से कम्पनी में Technical inspector बन गया जो उस समय एक बहुत बड़ी पोजीशन मानी जाती थी. इसी दौरान उसने एक नया improved electrical सॉकेट बनाया और उसे अपने बॉस को दिखाया लेकिन उसके बॉस को आईडिया पसंद नही आया और बॉस ने उसे ये कहकर रिजेक्ट कर दिया की ये मार्केट में नही चल पायेगा लेकिन उसे अपने उस सॉकेट पर पूरा भरोसा था. उसे यह विश्वास था की उसका यह सॉकेट मार्केट में बहुत अच्छे से चलेगा. उसका यह विश्वास ही था जो उसे अन्दर से motivate करता था और अपने इसी motivation के दम पर उसने अपनी वो नौकरी छोड़ दी और अपना खुद का काम करने की ठान ली. इसके लिए उसने अपने दोस्तों से बातचीत की पर उसके दोस्तों ने नौकरी को छोड़कर खुद का काम शुरू करने के विचार को पागलपन कहा. सभी उस पर हंसने लगे लेकिन उसे खुद पर और अपने product पर पूरा भरोसा था तो उसने नौकरी छोड़ दी और अपनी छोटी-सी जमा पूंजी से कुछ बेसिक टूल्स खरीद लिए और घर पर ही अपने भाई और पत्नी के साथ मिलकर सॉकेट बनाने लगा तथा खुद ही बेचने लगा . लेकिन कुछ ही महीनो में उसे यह अहसास होने लगा की उसका यह काम ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाला क्योंकि लोग उसके बनाये सॉकेट को रिजेक्ट कर देते . उसे हर जगह हार और रिजेक्शन मिलने लगी और उसका गुजारा करना भी मुश्किल हो रहा था. सब उससे यह कहने लगे की वह इस काम को छोड़ दे और अपनी पुरानी नौकरी फिर से शुरू कर ले लेकिन उसे खुद पर और अपने product पर पूरा भरोसा था और वह इसे ही motivation बना कर आगे काम करने लगा. एक दिन अचानक उसकी कंपनी को 1000 प्रोडक्ट का पहला आर्डर मिला जिससे उसके बिज़नस ने एक रफ़्तार पकड़ ली और उसकी कंपनी तेजी से तरक्की करने लगी और उसे कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा और आज उस कंपनी में ढाई लाख से भी जादा लोग काम करते है जिसका सालाना टर्न ओवर लगभग 70 बिलियन डॉलर है ये सब उसी व्यक्ति ने किया जिसके पास न ज्यादा पैसा था , न ज्यादा शिक्षा थी और न ही किसी का सपोर्ट. उसके पास थी तो बस एक चीज़ और वो थी motivation जो उसने खुद के अन्दर इस कदर जगाई थी की आज वो इतनी बड़ी कंपनी का मालिक है जिसे हम आज Panasonic के नाम से जानते हैं. दोस्तों कोनोसुके को सक्सेस सिर्फ खुद पर अटल विश्वास के चलते ही मिल पाई .

इस कहानी से आपको पता चल ही गया होगा की अगर आपको खुद पर विश्वास हो तो आप हर मुश्किल से मुश्किल काम कर सकते हो .

Motivation  भी हमारी ज़िन्दगी में उतना ही important role प्ले करता है क्योकि सभी सफल लोगों की सफलता के पीछे कोई तो प्रेरणा जरुर रही है . यह हमें हमारे लक्ष्य तक पहुँचने में रास्ते के सहारे का काम करता है. हर कोई किसी काम को continuously  full एनर्जी के साथ नहीं कर सकता. कभी न कभी उसे पीछे हटने का मन करता है या ज़िन्दगी की जंग उससे लड़ा नहीं जाता तो उस समय motivation उसकी लाइफ में सहारा का काम करती है और वह फिर से आगे बढ़ने के लिए खड़ा हो जाता है .

motivation से हमें किसी काम को कर गुजरने की हिम्मत मिलती है. आप ही सोचिये की क्या आप किसी काम को लगातार बिना रुके कर सकते हो ? नही न! लेकिन अगर आप किसी चीज़ से Inspire होते हो तो आप वही काम बड़ी आसानी से कर सकते हो…

Friends ये जरुरी नहीं की आपको किसी काम को करने के लिए बार-बार बाहरी motivation लेना पड़े. आप self motivation के ज़रिये भी अपनी मंजिल तक आसानी से पहुँच सकते हो. आपको खुद को बस यह समझाना है की आपको सिर्फ अपना कर्म करते जाना है और फल की आशा नही करनी तभी आप अपनी लाइफ में सफल हो पाओगे और सफलता की सीढियाँ आपके कदम चूमेंगी.

हर व्यक्ति की लाइफ में एक मकसद जरूर होता है, हम जिस मकसद को हासिल करना चाहते हैं वही हमारी सेल्फ-मोटिवेशन है.. याद रखिए, हमारी सबसे बड़ी मोटिवेशन हमारे अन्दर का विश्वास होता है, जैसे-जैसे हम कदम आगे बढ़ाते जाते हैं हमारा विश्वास अपने आप बढ़ते जाता है.. इसलिए कैसी भी परिस्थिति हो रुकिए मत, चलते जाइए.. स्वयं पर विश्वास कीजिए और सफलता पाइए..

धन्यवाद 🙂

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रिया पाल

घाटसिला (झारखंड)

Class – 11th

Email : paulpriya716@gmail.com

We are grateful to Priya Paul for sharing Importance of Motivation in Hindi.

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सफलता के मार्ग पर चलने के लिए 6 सबक https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%97-success-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%97-success-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 10 Nov 2018 17:06:21 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2033 सफलता का मार्ग सफलता पाना एक तरह से कोई सब्जी बनाने की तरह है। यदि हमें बैंगन का भर्ता भी बनाना है तो उसके लिए हमारे पास कुछ जरूरी चीजें होनी चाहिए, हमारे पास बैंगन ही नहीं है और हम उसका भर्ता बनाना चाहेंगे तो वह कभी नहीं बन पाएगा। हमारे पास सारी सामग्री होनी चाहिए, हमें यह पता होना चाहिए कि उन सामग्रियों का कैसे इस्तेमाल करके एक अच्छी सब्जी बनाई जा सकती है। जिस प्रकार से एक अच्छी […]

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सफलता का मार्ग

सफलता पाना एक तरह से कोई सब्जी बनाने की तरह है। यदि हमें बैंगन का भर्ता भी बनाना है तो उसके लिए हमारे पास कुछ जरूरी चीजें होनी चाहिए, हमारे पास बैंगन ही नहीं है और हम उसका भर्ता बनाना चाहेंगे तो वह कभी नहीं बन पाएगा। हमारे पास सारी सामग्री होनी चाहिए, हमें यह पता होना चाहिए कि उन सामग्रियों का कैसे इस्तेमाल करके एक अच्छी सब्जी बनाई जा सकती है। जिस प्रकार से एक अच्छी सब्जी बनाने के लिए अच्छी किस्म की सामग्री का होना जरूरी है और यह पता होना आवश्यक है कि उसे कैसे बनाया जाता है तभी उसका स्वाद आएगा, वैसे ही हमें सफलता हासिल करने के लिए या सफलता के मार्ग पर चलने के लिए कुछ ख़ास बातों की जानकारी होनी चाहिए जिससे हम भी सफल हो सकें। आइये देखते हैं इन्हें –

Image Credit : pixabay.com

अपनी और दूसरों की गलतियों से सीखें

कबीरदास जी ने कहा है, बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय। हम कभी भी खुद की गलतियों को नहीं देखते, खुद की बुराइयों को हमेशा नजरंदाज कर देते हैं, यदि हमें सफलता प्राप्त करनी है या सफलता के मार्ग पर चलना है तो अपने अन्दर की बुरी आदतों को ख़त्म करना होगा। हम सभी के अन्दर कुछ न कुछ कमी या नुख्स निकालते हैं, लेकिन खुद की गलतियों पर कभी ध्यान नहीं देते। सफलता के मार्ग पर चलने के लिए ये बहुत जरूरी है कि हम अपनी गलतियों को खोजें, उन्हें स्वीकार करें और उनसे सीखें ताकि हम अपने भविष्य के लिए खुद के बेहतर बना सकें।

इस दुनिया में बहुत सारे लोग फेल होते हैं, उनकी फेलियर से हमें सीखना चाहिए, वे क्या-क्या गलतियाँ करते हैं और आखिर में उन्हें किन कारणों से उन्हें सफलता नहीं मिलती! इसके बारे में हमें जानना होगा। दूसरों की गलतियों से सीखकर भी हम खुद को बेहतर बना सकते हैं। हर सफल व्यक्ति दूसरों की गलतियों से सीखता है और उनकी सफलताओं से प्रेरित होकर सफलता के मार्ग पर चलने की कोशिश करता है। इसलिए यदि आप भी सक्सेसफुल होना चाहते हैं तो इन बातों को अपनी लाइफ में अप्लाई करके जरूर देखें।

हमेशा दूर की सोचिये

दूर की सोचने से आप अपने काम को बेहतर ढंग से कर पाते हैं। काम शुरू करना आसान है, लेकिन यदि आपने ‘दूर की सोचकर’ कोई काम शुरू किया है तो आप उसे पहले दिन से ही बहुत अच्छे ढंग से करेंगे और आप उसे हर दिन बहुत अच्छे से करते जाएँगे, इसलिए सिर्फ अभी के बारे में मत सोचें, आगे की सोचें, दूर की सोचें… खुद को और अपने काम को बेहतर बनाते जाएँ, जो भी काम कर रहे हैं उसमें अपना 100 प्रतिशत दें.. जब आप दूर की सोचकर ऐसा करते हैं तो सफलता के मार्ग पर चलना आपके लिए आसान होते जाता है।

सच्चाई और ईमानदारी के साथ समझौता मत करें

किसी भी व्यक्ति के साथ घुमाफिराकर या किसी चीज का झांसा देकर कोई सौदा या बात न करें, अपने मन में जो भी बात है, साफ़ दिल से सीधे-सीधे बताएं। घुमा-फिराकर बात करने से आप अपने सच्चाई और ईमानदारी पर संदेह लगा रहे होते हैं। अपनी सच्चाई के साथ कभी भी समझौता मत करें, ईमानदारी से अपना काम करते जाएं इससे आप धीरे-धीरे ही सही, लेकिन सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ते चले जाएँगे। बिना सच्चाई और ईमानदारी के भले ही आप जल्दी और तेजी से सफल हो जाएँ लेकिन उतनी ही जल्दी और तेजी से आप नीचे भी गिर जाएँगे और उसी जगह वापिस लौट आएँगे जहाँ से आपने शुरू किया था इसलिए बिना समझौता किए चलते जाएँ, यही सफलता का सही मार्ग होगा।

बोने और काटने का सिद्धांत

बिना कुछ दिए आप कभी भी कुछ पा नहीं सकते। बबूल का बीज बोकर आप उसमें आम के पेड़ की उम्मीद नहीं सकते! यदि आपको आम खाने हैं तो आपको आम के बीज बोने होंगे। आप जैसा बोयेंगे वैसा ही काटेंगे। आप जितना बोयेंगे उतना काटेंगे। इसलिए सफलता हासिल करने के लिए जरूरी है कि हम कल्पनाओं की दुनिया में ही खोये मत रहें, बल्कि इस बात को भी समझें कि हम बिना कुछ दिए ही सफलता प्राप्ति की उम्मीद नहीं कर सकते। यदि हम बेहतर परिणाम की उम्मीद करते हैं तो सबसे पहले हमें बेहतर परिणाम लाने के लिए तैयारी करनी होगी। जिस काम में जितना ज्यादा अच्छा रिजल्ट चाहिए, हम काम में उतनी ज्यादा मेहनत हमें देना होगा। हम जितना ज्यादा देंगे उतना अधिक पाएँगे, इसलिए मेहनत करने में कामचोरी न करें, जो करना है और जो जरूरी है वो कर डालिए।

जैसा बनना चाहते हैं, वैसे लोगों के साथ रहें

यदि आप ऊँचें चरित्र वाले लोगों के साथ रहते हैं तब उनकी सोच से प्रभावित होकर आप भी उनकी तरह बन सकते हैं लेकिन यदि आप ऐसे लोगों के साथ रहते हैं जिनकी सोच बहुत पिछड़ी है, तब आपकी सोच भी धीरे-धीरे उनके जैसे ही हो जाएगी। आप जैसा बनना चाहते हैं, वैसी संगति में जाएं और उनके साथ से सफलता के मार्ग पर चलने की कोशिश करें।

अगर आप ख़ुद के मान-सम्मान को महत्व देते हैं, तब गुणवान लोगों की संगति में रहें। ख़राब लोगों की संगत में रहने से तो अच्छा है कि आप अकेले ही रहें।

-जॉर्ज वाशिंगटन…

 

अपनी खूबियों को जानिए और उन्हें निखारिये

जितनी भी खूबियाँ आपके अन्दर हैं, उन्हें जानने की कोशिश कीजिये। क्योंकि यही खूबियाँ आपकी सफलता की नींव को मजबूत करेंगी, इसलिए अपनी खूबियों को निखारिये। जब आप अपने मजबूत पहलुओं के बारे में जानने लगते हैं और उसे बेहतर बनाते जाते हैं तब आप प्रगति के शिखर पर आगे बढ़ रहे होते हैं और आपका विकास हो रहा होता है।

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धन्यवाद 🙂

 

 

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स्टूडेंट्स खुद को मोटिवेट कैसे रखें? https://www.hamarisafalta.com/2018/11/how-to-motivate-students-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/how-to-motivate-students-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 09 Nov 2018 10:15:16 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2027 How to Motivate Students in Hindi दोस्तों motivation कोई वस्तु नहीं है जिसे हम कही से खरीद ले या कोई ऐसी भावना नहीं जो जबरदस्ती लोगो के मन में डाल दी जाये. प्रेरणा हमारे मन में स्वतः जागृत होती है न की किसी के सिखाने से. Motivation एक ऐसी प्रेरणा है जो हमें अपने लक्ष्य की  ओर ले जाने में engine में तेल का काम करती है. अगर हम खुद को मोटीवेट रखने के लिए बाहरी motivation जैसे google से […]

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How to Motivate Students in Hindi

दोस्तों motivation कोई वस्तु नहीं है जिसे हम कही से खरीद ले या कोई ऐसी भावना नहीं जो जबरदस्ती लोगो के मन में डाल दी जाये. प्रेरणा हमारे मन में स्वतः जागृत होती है न की किसी के सिखाने से. Motivation एक ऐसी प्रेरणा है जो हमें अपने लक्ष्य की  ओर ले जाने में engine में तेल का काम करती है. अगर हम खुद को मोटीवेट रखने के लिए बाहरी motivation जैसे google से inspirational कोट्स वगेरह पढ़ा करते है पर ये सिर्फ बाहरी motivation है. अगर सच में हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है तो हमें अपने अंदरूनी प्रेरणा को जगाना होगा. खुद को यह समझाना होगा की अभी मेरे आगे सिर्फ मेरा लक्ष्य है और कुछ नही.

आज मै आपलोगों से एक अलग तरह के motivation के बारे में बात करने जा रही हूँ की हम कैसे अपने समय को युटिलाइज़ करके अपने लक्ष्य की ओर आसानी से बढ़ सकते हैं. ख़ास कर आज मै उन स्टूडेंट्स के बारे में बोलना चाहती हूँ जो सिर्फ दोस्ती यारी में ही अपना सारा वक्त बेकार कर देते हैं ओर अपनी लाइफ खुद ही spoil कर देते हैं. ये समय बिगड़ने का नहीं संवरने का है.

Image Credit : pixabay.com

जब क्लास में Teacher न आयें

जब क्लास में टीचर्स नही आते हैं तो ज्यादातर बच्चे अपने friends के साथ बाते करने लग जाते हैं या बिना वजह time पास करते रहते हैं . उसी जगह अगर आप किसी book को लेकर पढ़ने लग जाये तो इससे आपको बहुत फायदा होगा . सबसे पहले तो ये की जब students टाइम को ऐसे ही वास्ते करते थे तो उनको कुछ सिखने को नही मिल पाता और उसी जगह अगर वे बुक्स पढ़ने लगे तो उनकी नॉलेज बढ़ेगी. उनको ये एहसास होने लगेगा की वो अपना आधा सिलेबस तो class में ही कवर कर सकते हैं. जब स्टूडेंट्स क्लास में सिर्फ अपनी पढाई पर ध्यान देंगे तो teachers के सामने उनकी अच्छी इमेज बनेगी. लेकिन ऐसा करना आसान नही है. आपको खुद को समझाना होगा की दोस्ती और मस्ती के लिए तो पूरी ज़िन्दगी है लेकिन ये समय जो जा रहा है वो दोबारा आने से रहा. इसीलिए थोडा कष्ट अभी ही कर ले .

सोशल मिडिया से दूर रहें

आजकल के बच्चों की लाइफ में सोशल मिडिया की importance ऐसी हो गयी है जैसे मछली के  लिए पानी और हमारे लिए सांसे. ख़ास कर स्टूडेंट्स सोशल मिडिया की दलदल में इस कदर धंसते चले जा रहे हैं की उनका लक्ष्य भी उनकी आँखों से ओझल हो जाता. अपना सारा समय यूँ ही बर्बाद करते चले जा रहे हैं. अगर स्टूडेंट्स खुद को समझा से की उन्हें पहले अपनी पढाई करनी है और बाद में कुच्छ और तब उनको उनकी मंजिल तक पहुँचने से कोई नही रोक सकता क्यूंकि व्यक्ति का असल दुश्मन वो खुद होता है. वह अगर दिल से कुछ करने की ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं .

कहा भी गया है – अगर मान लो तो हार है पर ठान लो तो जीत है.

 

अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहें

दोस्तों आपमें से बहुत सारे स्टूडेंट्स ऐसे होंगे जो school तक अपने लक्ष्य के प्रति तत्पर रहते हैं पर जैसे ही school से निकलते हैं तो अपने लक्ष्य से कोसों दूर चले जाते है जबकि यही ऐसा समय होता है जब आप अपने लगन और कड़ी मेहनत से अपनी मंजिल तक जा सकते हैं. College लाइफ ज़िन्दगी का ऐसा पड़ाव है जिसमे हम खुद को संवार भी सकते हैं और बिगाड़ भी सकते हैं. ये हमारे ऊपर depend करता है की हम अपनी लाइफ को कैसा बनाना चाहते हैं. आप अपना लक्ष्य सच में पूरा करना चाहते हैं तो आपको उस राह में अग्रसर रहना होगा. सिर्फ मन में ही खयाली पुलाव पकाने से कुछ नही मिलने वाला. आपको खुद को खुद के लिए खड़ा करना होगा, खुद के लिए ज़िन्दगी की जंग लड़नी है क्योंकि ये समय लाइफ का गोल्डन पीरियड है और आपको इस गोल्डन chance का लाभ उठाना चाहिए .

आज जितने भी स्टूडेंट्स ये post पढ़ रहे हैं मै उन सबसे ये कहना चाहती हूँ की ज़िन्दगी सबको एक ही बार मिलती है , अगर कुछ पाना है तो अभी से मेहनत करना शुरू कर दे. क्युकी जब आप अपनी लाइफ में कुछ बड़ा हासिल कर लोगे तो पूरी दुनिया आपकी मिसाल देने लगेगी.

धन्यवाद 🙂

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रिया पाल

घाटसिला (झारखंड)

Class – 11th

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We are grateful to Priya Paul for sharing very interesting topic on Students Motivation.

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सफलता का दरवाजा Success Tips in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%be-success-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%be-success-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 05 Nov 2018 18:22:02 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2012 सफलता का दरवाजा मेरे कुछ दोस्त हैं, जो बचपन में मेरे साथ पढ़ते थे। मैंने बचपन से लेकर आजतक उनकी एक बात पर बहुत गौर किया है, वे बातें बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन जब कुछ करने की बारी आती है तब वे कहीं गायब हो जाते हैं। स्कूल लाइफ में उनकी इच्छाएं होती थीं कि वे टॉप करें, 98% मार्क्स लायें और इसके लिए वे अपने future के रिजल्ट्स सेट करते और उसका प्रिंट लेकर किसी दीवार पर चिपका देते […]

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सफलता का दरवाजा

मेरे कुछ दोस्त हैं, जो बचपन में मेरे साथ पढ़ते थे। मैंने बचपन से लेकर आजतक उनकी एक बात पर बहुत गौर किया है, वे बातें बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन जब कुछ करने की बारी आती है तब वे कहीं गायब हो जाते हैं। स्कूल लाइफ में उनकी इच्छाएं होती थीं कि वे टॉप करें, 98% मार्क्स लायें और इसके लिए वे अपने future के रिजल्ट्स सेट करते और उसका प्रिंट लेकर किसी दीवार पर चिपका देते थे। जैसे यदि उन्हें क्लास 10th में 98 प्रतिशत का लक्ष्य बनाना है तो वे सभी सब्जेक्ट्स के मार्क्स सेट करके उसे 98 प्रतिशत का बनाते थे और उसे अपने बेडरूम में कहीं चिपका कर उसके बारे में दिन रात सोचा करते थे। और जब मैं उनसे पूछता कि इससे क्या होने वाला है तब उनका जवाब होता था कि Law of Attraction ऐसे ही काम करता है। किसी चीज की इच्छा करो, उसके बारे में सोचो और बस सोचते ही रहो.. तब वो चीज आपको मिल जाएगी। दोस्तों की कही गयी ऐसी बातें मैंने कभी भी अपनी लाइफ में Follow नहीं की। आज भी उनका mindset ऐसा ही है। क्योंकि हमारे दिमाग की कंडिशनिंग हमारे बचपन से होनी शुरू हो जाती है। आप जैसे बचपन में सोचते और करते हैं वो आप जवानी और बुढ़ापे में भी दोहराते हैं। अब भी स्कूल की तरह ही वे इच्छाएं रखते हैं और उन्हें कभी सफलता नहीं मिलती।

एक दोस्त जो अपने फ़ोन पर 1 लाख रूपये प्रतिमाह कमाने का टारगेट लिखकर उसे Wallpaper सेट किये रहता है, और वो ये सोचता है कि जब भी वह फोन को देखेगा तो उसकी ख्वाहिश पूरी होती नजर आएगी। मैंने यहाँ भी उसकी एक ख़ास बात नोट की है, कि वह अपने फ़ोन पर 1 लाख के अपने बैंक क्रेडिट को स्क्रीन शॉट कर wallpaper रखता है, पर उसका वह wallpaper हमेशा same ही रहता है बस अगले माह की तारीख बदल जाती है। मैंने एक बार उससे पूछा, हर महीने तारीख बदलती है इसका मतलब हर महीने जो टारगेट लिखा है वह अचीव होता है। उसनें कहा, ये तो बस मैं अपना जोश बढ़ाने के लिए रखता हूँ बाकी इसके आधा का आधा भी नहीं हो पाता, लेकिन मैं निराश नहीं होता क्योंकि मेरी इच्छा है कि एक दिन ये ये टारगेट पूरा होगा क्योंकि Law of Attraction ऐसे ही काम करता है… उसका बचपन से बोला गया वही डायलोग… 98 प्रतिशत लाने की इच्छा रख 45 प्रतिशत में मुश्किल से पास होना, 1 लाख महीने के कमाने का लक्ष्य रख 20 हजार मुश्किल से कमा पाना और सिर्फ अपनी इच्छाशक्ति के दम पर बड़ी बड़ी बातें करना… ये असफल होने की सबसे पहली निशानी होती है। याद रखिये, सफल लोग बातें कम और काम ज्यादा करते हैं।

हाँ ये बात बिलकुल सच है कि हमारे अन्दर किसी चीज को पाने या हासिल करने की इच्छा होनी ही चाहिए, क्योंकि इच्छा एक शुरूआती बिंदु है। लेकिन सिर्फ इच्छा करने से कोई व्यक्ति सफल नहीं बनता। आपके हाथ में मूंगफली का बीज है, आपकी इच्छा है कि आप इस बीज को बोयें और मूंगफली की खेती करें। क्या हाथ में बीज को पकड़े रहने और इच्छा करने से ही कि फसल तैयार हो जाएगा। आपको खेत में जाना होगा, बीज बोनी होगी, खाद-उर्वरक देना होगा, फसल की देखभाल करनी होगी, पानी सींचना होगा और खेती से सम्बन्धित जो भी जरूरी चीजें हैं उनका पालन करना होगा तभी जाकर आप अपने खेत में लहलहाता हुआ फसल देख सकते हैं । पर यदि इसी सोच में डूबे रहेंगे कि बिना कुछ किए इच्छा करने से मात्र से सब हो जाएगा तो शायद आप सबसे बड़े मुर्ख हैं जो 98 प्रतिशत की इच्छा रखकर 45 प्रतिशत प्राप्त करता है और उसकी तरह अंत में कहता है कि आकर्षण का सिद्धांत ऐसे ही काम करता है।

Image Credit : pixabay.com

प्रत्येक व्यक्ति अपनी लाइफ में सफलता प्राप्त करना चाहता है लेकिन क्या इच्छा मात्र से ही वह सफल हो सकता है, बिलकुल नहीं! आज मैं आपके साथ कुछ आसान स्टेप्स के बारे में बात करना चाहता हूँ इससे आप अपनी लाइफ में सफलता का दरवाजा खोल सकते हैं।

बड़े नहीं छोटे टारगेट बनाएं

कोई भी विडियो गेम जो हम खेलते हैं या कोई भी खेल उसमें हमें लेवल 1 से ही शुरुआत करनी होती है। हम शुरू में ही सीधे लेवल 10 को नहीं खेल सकते। हमारी लाइफ में भी यही लेवल्स हैं। हम सोचते हैं कि लक्ष्य बड़ा होगा तब जाकर हम सफल बनेंगे। हाँ ये बिलकुल सही बात है लेकिन मैं यहाँ ये कहना चाहूँगा कि हम बड़े लक्ष्यों को छोटे-छोटे टुकड़ों में बाँटें और लेवल 1 से लेवल 10 तक पहुँचने की कोशिश करें। हम जैसे जैसे अपने लेवल पार करते जाते हैं, हमारा आत्मविश्वास बढ़ते जाता है और धीरे-धीरे हम बड़े लक्ष्यों की तरफ अपने कदम बढ़ा रहे होते हैं। आप अपनी लाइफ के गेम में सफल होने की इच्छा रखते हैं, तो सबसे पहले आपको उस गेम को समझना होगा, इच्छा करने से ही कि बिना खेले आप जीतेंगे, यह एक बड़ी बेवकूफी होगी बेहतर होगा कि आप खेलें और लेवल 1 से उस गेम की बारीकियों को समझने की कोशिश करें ताकि जैसे जैसे लेवल बढ़ता जाए आप भी आगे बढ़ते जाएं।

तुरंत एक्शन लेना सीखो

ज्यादातर लोग लक्ष्य बनाते हैं, और लक्ष्य बनाते ही उसके बारे में सोचने लगते हैं कि टारगेट अचीव होने के बाद क्या होगा! मैं कितना सफल हो जाऊंगा, लोग मेरी तारीफें करेंगे और बड़े-बड़े मनमोहक ख्यालों में खो जाएँगे लेकिन याद रखिये यदि आपको अपनी मंजिल तक पहुंचना है तो उसके लिए आपको एक्शन लेना ही होगा।  उस काम को करना ही होगा जिसे करके आप सफल बनेंगे। बैठे-बैठे सोचने मात्र से आप अपने सफलता का दरवाजा नहीं खोल सकते इसके लिए एक्शन लेना जरूरी है। आपको सफलता के दरवाजे तक चलकर जाना ही पड़ेगा, दरवाजे पर लगे ताले को खोलना होगा और तब जाकर आप सफल बनेंगे।

मेहनत का कोई विकल्प नहीं

आपको पता है कि सफलता के दरवाजे की चाबी आपके द्वारा की गयी कड़ी मेहनत है। आप बिना मेहनत किये कभी भी सफलता के दरवाजे को नहीं खोल सकते। क्योंकि महान लोगों ने मेहनत पर विश्वास किया है, वे कभी भी इच्छाओं के सहारे नहीं बैठे हैं।

कमिटमेंट की शक्ति को पहचाने

आपने सलमान खान का वो डायलोग तो सुना ही होगा कि एक बार जब मैं कमिटमेंट कर देता हूँ तब मैं खुद की भी नहीं सुनता। आपको अपनी लाइफ में वचनबद्धता लानी होगी। जब आप किसी चीज को करने का कमिटमेंट कर देंगे और उसे पूरा करके ही दम लेंगे तब आप सफल हो जाएँगे। इसलिए जीवन में आगे बढ़ना है तो कमिटेड रहिये, ठान लीजिये और उसे पूरा कीजिए।

सीमित समय

हम सबकी लाइफ में 24 घंटों का ही समय है, महान और सफल लोग अपने समय को सीमित समझकर काम करते हैं। जबकि सिर्फ इच्छा रखने वाले लोग यही सोचते हैं कि अभी तो बहुत समय बाकी है । वे अपना टाइम बेकार की चीजों में लगाते हैं, दिन भर समय बर्बाद करने के बाद उन्हें पता चलता है कि काश उन्होंने फालतू के समय का सही उपयोग कर लिया होता। लेकिन वे दुसरे दिन फिर वही गलती दुहराते हैं और सोच में ही उनकी जिंदगी कब खत्म हो जाती है पता नहीं चलता। अपने समय का सदुपयोग कीजिये, यदि आप सफलता चाहते हैं तो…

कुछ बड़े फैसले लीजिये

यदि हमें सफलता का दरवाजा खोलना है तो हमें अपनी लाइफ के फैसले खुद लेने होंगे। वो कौन सी चीजें हैं जो आपको सफल होने नहीं दे रही.. उन बातों का पता करिए, गलत संगति को पूरी तरह से छोड़ दीजिये, हम इसीलिए लाइफ में आगे नहीं बढ़ पाते क्योंकि हमारे लिए बेकार के यार-दोस्त मायने रखते हैं। कुछ ऐसे बड़े फैसले लें जिससे आप अपनी लाइफ को पहले से बेहतर बना सकें, अपनी वही गलतियाँ दुबारा न दोहरा सकें और फैसले लेने की ताकत ही आपको एक दिन अपनी सफलता का दरवाजा खोलने में मदद करेगी ।

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धन्यवाद 🙂

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भाग्य – क्या आप भाग्य या किश्मत पर यकीन करते हैं? https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%af-believe-in-luck-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%af-believe-in-luck-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 02 Nov 2018 17:43:26 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=2001 भाग्य भाग्य? मैं भाग्य के बारे में कुछ नहीं जातना। मैंने इस पर कभी भरोसा नहीं किया, और जो लोग इस पर ऐतबार करते हैं, मुझे उनसे डर लगता है। मेरे लिए भाग्य का मतलब है, कड़ी मेहनत, और अवसर की पहचान। -लुसिल बाल इस दुनिया के किसी भी असफल आदमी से आप पूछ लें कि वह असफल क्यों हुआ तो वह यही कहेगा, सफलता पाने के लिए किश्मत या भाग्य का होना जरूरी है। मेरी किश्मत में नहीं लिखा […]

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भाग्य

भाग्य? मैं भाग्य के बारे में कुछ नहीं जातना। मैंने इस पर कभी भरोसा नहीं किया, और जो लोग इस पर ऐतबार करते हैं, मुझे उनसे डर लगता है। मेरे लिए भाग्य का मतलब है, कड़ी मेहनत, और अवसर की पहचान।

-लुसिल बाल

इस दुनिया के किसी भी असफल आदमी से आप पूछ लें कि वह असफल क्यों हुआ तो वह यही कहेगा, सफलता पाने के लिए किश्मत या भाग्य का होना जरूरी है। मेरी किश्मत में नहीं लिखा था इसलिए मैं सफल नहीं हो पाया, या मैं वो चीजें हासिल नहीं कर पाया। इस दुनिया में भाग्य नाम की कोई चीज है भी या नहीं! इस विवादपूर्ण सवाल में मैं नहीं फंसना चाहता लेकिन जो व्यक्ति सही दिशा में कड़ी मेहनत कर रहा है, वह आज नहीं तो कल जरूर सफल होगा। यह सिर्फ और सिर्फ उसी के ऊपर निर्भर करता है कि वह सफल होना चाहता है या हारकर बैठना। भाग्यवादी नजरिये के लोग अपनी सफलता और असफलता दोनों के लिए भाग्य या अपनी किश्मत को ही क्रेडिट देते हैं। उनके मन में ऐसा बैठ चुका होता है कि वे चाहे लाख कोशिश क्यों न कर लें, उनके साथ वही होगा जो उनकी किश्मत में लिखा होगा। इसलिए ऐसी सोच वाले लोग कभी भी कोशिश नहीं करते, और जल्दी हार मानकर बैठ जाते हैं। उनकी सोच होती है कि उन्हें कुछ नहीं करना, जो होगा देखा जाएगा… वो हमेशा किसी चीज के घटित होने का वेट करते हैं और बाद में निराश होकर दूसरों को उपदेश देते हैं।

Image Credit : pixabay.com

चलिए इसे एक कहानी के साथ आगे बढ़ाते हैं :

भाग्य पर हिंदी कहानी 

एक गाँव में बहुत जोरों की बाढ़ आई। रामू नाम के व्यक्ति को छोड़कर उस गाँव के सभी लोग एक सुरक्षित स्थान पर जा चुके थे। वह व्यक्ति सुरक्षित स्थान पर जाने से मना कर रहा था और बार-बार यही बोल रहा था कि भगवान मेरी मदद करने के लिए आएँगे। उस गाँव में पानी का लेवल बढ़ता जा रहा है। यह देखते हुए एक नाविक वहां आया और उसने रामू से कहा, भाई! पानी बढ़ता जा रहा है तुम मेरे साथ चलो, हम कुछ ही देर में एक सुरक्षित जगह पर होंगे। लेकिन रामू ने अपना जवाब नहीं बदला, और नाविक से बोला- तुम चले जाओ, मुझे पूरा विश्वास है कि भगवान मेरी मदद करने आएँगे। पानी बढ़ता जा रहा था, यह देख रामू अपने घर की छत पर चला गया। तभी उसकी मदद करने के लिए एक हेलीकॉप्टर में कुछ लोग आये। लेकिन वह आदमी किसी की बात सुनने को तैयार नहीं था और उसने हेलीकॉप्टर में आये हुए लोगों से भी वही बात दुहराई, मुझे अपने भगवान पर पूरा विश्वास है, वो मेरी मदद करेंगे। इस बार पानी का स्तर इतना बढ़ गया कि रामू वहां डूबकर मर गया। मरने के बाद जब वह भगवान के पास गया, तब वह बहुत गुस्से में था और भगवान से बोला, मैंने आपकी इतनी पूजा-अर्चना की, हमेशा आपकी सेवा में डूबा रहता था लेकिन आपने मुझे बचाया नहीं! मुझे आप पर बहुत ज्यादा विश्वास था, फिर आपने मेरी प्रार्थना क्यों नहीं सुनी? भगवान ने रामू से कहा, तुम्हें क्या लगता है वो नाव, और वो हेलीकॉप्टर तुम तक किसने भेजी थी? मैंने तुम्हें बचाने की पूरी कोशिश की थी लेकिन तुम अपने किश्मत या भाग्य के भरोसे ही बैठे थे। जब तुम खुद कुछ नहीं करना चाहोगे तो भला कौन तुम्हारी मदद करेगा!

दोस्तों, अगर आप असफल होना चाहते हैं तो बेशक अपने भाग्य पर विश्वास कीजिए और अगर आप सचमुच सफल होना चाहते हैं खुद पर यकीन रखिये, विश्वास कीजिये और अपनी किश्मत खुद लिखिए। आप ईमानदारी से जितनी कड़ी मेहनत करते जाते हैं, भाग्य को आप अपनी तरफ खींच रहे होते हैं। इसलिए कभी भी आधे-अधूरे मन से कोई भी काम मत कीजिये, क्योंकि जब आप ऐसा करते हैं तब आप नाकामी को अपनी ओर आकर्षित कर रहे होते हैं। जब आप अपनी ज़िम्मेदारी कबूल करने लगते हैं तब आप भाग्य या किश्मत पर यकीन नहीं करते।

एक व्यक्ति दिन-रात मेहनत करता है, वह अपने सुख-चैन त्याग देता है, अपनी मौज-मस्ती छोड़ देता है, सारा दिन नई चीजें सीखने में लगा रहता है, वह अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ता जाता है, तब तक नहीं रुकता जब तक वह सफल नहीं हो जाता, पूरा फोकस अपने काम में डालकर पूरे जोश के साथ आगे बढ़ता है और सफल होकर ही दम लेता है। लेकिन जब उसे सफलता के शिखर पर पहुँचे अन्य लोग देखते हैं तब उसे सभी लोग भाग्यशाली कहते हैं। लेकिन उसकी कड़ी मेहनत और संघर्ष को कोई नहीं देखता। दुसरे लोग भले ही आपको हमेशा आपको भाग्यशाली कहेंगे लेकिन आपका लक्ष्य किसी भाग्य के सहारे पूरा नहीं होगा… आपको खुद ही अपनी मंजिल की तरफ कदम बढ़ाना होगा.. तभी आप एक सफल व्यक्ति बन सकते हैं।

कुछ लोग खुद को बहुत बदकिश्मत या बदनसीब कहते हैं और वे इस बात को मानते भी हैं कि वे बदनसीब हैं। अपने बारे में खुद से ऐसी बातें करने से ही आपके अन्दर भाग्यवादी नजरिया पैदा होता है और आप अपनी मेहनत को कम और भाग्य को ज्यादा महत्व देते हैं । ऐसी सोच हमारी असफलताओं को जन्म देने का काम करती है, और यह आपके आत्मविश्वास को कमजोर बनाता है।

धूम 3 में आमिर ने कुछ पंक्तियों से बहुत बेहतरीन बातें कही थीं, शायद आपको याद होगा। उसे मैं यहाँ दोहराने वाला हूँ :

बन्दे हैं हम उसके, हमपे किसका जोर
उम्मीदों के सूरज निकले चारों ओर
इरादे हैं फौलादी, हिम्मती हर कदम
अपने हाथों किस्मत लिखने आज चले हैं हम

मांझी द माउंटेन मैन मूवी की वो बातें आपको याद ही होंगी उसे मैं यहाँ अपने तरीके से आपके सामने लिख रहा हूँ

भाग्य, किश्मत या भगवान के भरोसे कभी मत बैठिये, क्या पता ये सारे हमारे भरोसे बैठे हों

हम जो बोते हैं वो काटते हैं. हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं. हवा बह रही है, वो जहाज जिनके पाल खुले हैं, इससे टकराते हैं, और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं, पर जिनके पाल बंधे हैं हवा को नहीं पकड़ पाते. क्या यह हवा की गलती है ?…..हम खुद अपना भाग्य बनाते हैं.

-स्वामी विवेकानन्द 

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दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि आपको यह पोस्ट पसंद आई हो, कृपया अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं और हमें बताएं कि क्या आप भाग्य या किश्मत पर यकीन करते हैं. अपने सुझाव के लिए आप हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल भी कर सकते हैं

धन्यवाद 🙂

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कुछ बनने के नहीं, कुछ करने के सपने देखिए – नरेन्द्र मोदी https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%a8%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a5%80-inspirational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/%e0%a4%a8%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a5%80-inspirational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 02 Nov 2018 03:44:35 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1998 कुछ बनने के नहीं, कुछ करने के सपने देखिए – नरेन्द्र मोदी लोग मुझसे अक्सर पूछते हैं, ‘मोदीजी’ अपनी युवावस्था में आपने कभी विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री बनने का सपना देखा था?, सच पूछो तो प्रधानमन्त्री बनने का सपना देखना तो दूर.. मैं तो कभी अपनी कक्षा का मॉनिटर तक नहीं बना। जीवन भर मैं एक सरल मन्त्र के साथ जिया हूँ- कुछ बनने के नहीं, कुछ करने के सपने देखो। सामान्यतः कुछ बनने की इच्छा कई […]

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कुछ बनने के नहीं, कुछ करने के सपने देखिए – नरेन्द्र मोदी

लोग मुझसे अक्सर पूछते हैं, ‘मोदीजी’ अपनी युवावस्था में आपने कभी विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री बनने का सपना देखा था?,

सच पूछो तो प्रधानमन्त्री बनने का सपना देखना तो दूर.. मैं तो कभी अपनी कक्षा का मॉनिटर तक नहीं बना।

जीवन भर मैं एक सरल मन्त्र के साथ जिया हूँ- कुछ बनने के नहीं, कुछ करने के सपने देखो।

सामान्यतः कुछ बनने की इच्छा कई चीजों से प्रभावित होती है। कहीं परिवार की अपेक्षाएं तो कभी चकाचौंध से भरे करियर का आकर्षण या फिर साथियों से प्रतिस्पर्धा का दबाव, कभी प्रसिद्धि, तो कभी पैसा और रूतबे की कोरी कल्पनाएँ। इससे आप अपनी विलक्षणता से दूर हो जाते हैं और धीरे-धीरे यह आपकी स्वाभाविक प्रतिभा को खत्म कर देती है।

लेकिन कुछ बनने के बजाय कुछ करने की इच्छा, जीवन के प्रयोजन का बोध कराती है। डॉक्टर, इंजीनियर या वकील बनने के सपने के परे यह सोचिये ‘मैं क्या करूँ’ कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकूँ’। यही आपके जीवन का प्रेरणा-मन्त्र बनें।

जब कुछ बनना जीवन में हावी रहता है तो जीवन हर समय अधूरा लगता है, हम हमेशा ही ‘Waiting Mode’ में जीते हैं। जब जीवन में ‘बनने’ के बजाय ‘करना’ महत्वपूर्ण हो जाता है, तब हर पल कुछ करने का संतोष तो देता ही है और करते-करते by-product के तौर पर हम कुछ बन भी जाते हैं।

आइये, ‘बनने के बोझ’ के बजाए ‘करने के संतोष’ के साथ जीवन को नई ऊँचाइयों पर ले जाएं।

दोस्तों, हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कितनी अच्छी बातें कही हैं। यकीनन उनकी बातें हमें अन्दर से Inspire करने वाली हैं। हमें कुछ बनने के नहीं कुछ करने के सपने देखने होंगे। हमें अपनी लाइफ Waste नहीं करनी, हमें कुछ करना है, समाज के लिए, देश के लिए, अपनी फैमिली के लिए । इसके लिए बहुत जरूरी है कि हम अपनी जिम्मेदारियों को समझें तभी हम अपनी लाइफ में कुछ कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।

इस छोटे-से लेख को हमने श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लिखी किताब एग्जाम वॉरियर्स से लिया है।

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मुस्कराएँ…क्योंकि आपकी मुस्कान ताकत देती है https://www.hamarisafalta.com/2018/11/smile-inspiration-in-hindi-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%8f%e0%a4%81.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/smile-inspiration-in-hindi-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%8f%e0%a4%81.html?noamp=mobile#respond Thu, 01 Nov 2018 18:05:28 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1992 कृपया मुस्कराएँ 🙂 ऑफिस में काम करने वाले एक व्यक्ति के चेहरे पर कभी भी तनाव नहीं झलकता था, चाहे उस पर कितने भी काम का प्रेशर होता, वह हसंते-मुस्कुराते हुए सब काम को सही समय पर पूरा करके देता था। उसका बॉस, उसके काम से बहुत प्रभावित था। एक दिन बॉस ने उस व्यक्ति को बुलाया और उससे पूछा, ‘तुम जब से इस कम्पनी में काम कर रहे हो, मैंने तुम्हें कभी भी निराश, हताश या डिप्रेशन में नहीं […]

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कृपया मुस्कराएँ 🙂

ऑफिस में काम करने वाले एक व्यक्ति के चेहरे पर कभी भी तनाव नहीं झलकता था, चाहे उस पर कितने भी काम का प्रेशर होता, वह हसंते-मुस्कुराते हुए सब काम को सही समय पर पूरा करके देता था। उसका बॉस, उसके काम से बहुत प्रभावित था। एक दिन बॉस ने उस व्यक्ति को बुलाया और उससे पूछा, ‘तुम जब से इस कम्पनी में काम कर रहे हो, मैंने तुम्हें कभी भी निराश, हताश या डिप्रेशन में नहीं देखा है। जबकि दुसरे लोग किसी न किसी वजह से चीड़चिड़ाते रहते हैं, परेशान रहते हैं और काम का बोझ ज्यादा होने पर आग-बबूले हो जाते हैं लेकिन तुम्हारे साथ कभी ऐसा क्यों नहीं होता!।’ बॉस का सवाल अजीब जरूर था लेकिन उस व्यक्ति ने उन्हें जवाब देते हुए कहा, ‘सर, ऐसा नहीं है कि मैं परेशान नहीं होता, या दुखी नहीं होता! मैं भी तो इंसान हूँ और मेरे अन्दर भी वो सारी भावनाएं हैं जो दूसरों में होती हैं, पर मेरी ख़ुशी और मेरे हँसते-मुस्कुराते हुए चेहरे के पीछे मेरी Wife का हाथ है। जब भी मैं घर जाता हूँ, मेरी वाइफ का हँसता-मुस्कुराता हुआ चेहरा मेरे सामने होता है, वो एक बड़ी मुस्कुराहट के साथ मेरे लिए चाय लेकर आती है और मुझे गले से लगाकर प्यार करने लग जाती है। सच कहूँ तो उसकी मुस्कान ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है इसलिए आपने मुझे कभी परेशान नहीं देखा और यदि मैं परेशान भी होता हूँ तो उसके हँसते हुए चेहरे को याद करके मेरे चेहरे पर भी मुस्कान आ जाती है और मेरी सारी परेशानी, सारा तनाव गायब हो जाता है।’

दोस्तों, आज हर किसी की लाइफ में तनाव है, ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो परेशान न हो। मुस्कराहट आपके तनाव, डिप्रेशन इन सबको दूर करने की सबसे बड़ी दवा है। आपकी लाइफ में वो कौन शख्स है, जिसकी मुस्कराहट से आप अपनी लाइफ की सारी प्रॉब्लम्स भूल सकते हैं, और आपकी मुस्कराहट से ही आपकी लाइफ और दूसरों की लाइफ में एक Positive चेंज आ सकता है। आप खुद सोचिये, एक चीड़चीड़े इंसान के साथ कौन रहना चाहेगा? कोई भी नहीं, सिवाए उसके भी बड़े चीड़चीड़े के। आप मुस्करायेंगे तभी दुसरे लोग मुस्करायेंगे। आपके चेहरे में चार-चाँद लगाने के लिए किसी तरह का कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा, आपकी मुस्कान से बिना खर्च किए ही आपका चेहरा खिल उठेगा। याद रखिए हँसते हुए आपके नुरानी चेहरे को एक व्यक्ति पूरी लाइफ याद रख सकता है, उस व्यक्ति को हमेशा पसंद किया जाता है जो हँसता-मुस्कराता रहता है।

 

आपकी मुस्कान आपके चेहरे पर भगवान् के हस्ताक्षर हैं, उसे अपने आंसुओं से धुलने या क्रोध से मिटने ना दें।

– ब्रह्माकुमारी शिवानी

 

Image Credit : pixabay.com

मुस्कान

मुस्कान की कोई कीमत नहीं होती, मगर यह बहुत कुछ रचती है

यह पाने वाले को खुशहाल करती है, देने वाला का कुछ घटता नहीं

यह क्षणिक होती है, लेकिन यह यादों में सदा के लिए रह सकती है

कोई इतना अमीर नहीं कि इसके बगैर काम चला ले,

और कोई इतना गरीब नहीं कि इसके फायदों को न पा सके

यह घर में खुशहाली लाती है, व्यापार में ख्याति बढ़ाती है,

और यह दोस्तों की पहचान है।

यह थके हुओं के लिए आराम है, निराश लोगों के लिए रोशनी,

उदास के लिए सुनहरी धुप और हर मुश्किल के लिए

कुदरत की सबसे अच्छी दवा।

तब भी न तो यह भीख में, न खरीदने से,

न उधार मांगने से, और न चुराने से मिलती है,

क्योंकि यह एक ऐसी चीज है, जो तब तक किसी काम की नहीं,

जब तक आप इसे किसी को दे न दें।

दिनभर की भागदौड़ में कुछ परिचित हो सकते हैं

कि इतने थके हो कि मुस्करा न सकें।

तो उन्हें अपनी ही मुस्कान दीजिए।

किसी को मुस्कान की उतनी जरूरत नहीं होती, जितनी कि उसे,

जो ख़ुद किसी को अपनी मुस्कान न दे सके।

(द बेस्ट ऑफ़… बीट्स एंड पीसेज) से इकोनोमिक प्रेस, फेयरफील्ड, एन जे सन 1994, पृष्ठ 170.

(You Can Win Hindi Page No. 189.)

 

आपकी मुस्कान ही है जो आपके अन्दर की ख़ुशी को व्यक्त करती है। यह हमारे अन्दर के सभी घावों को भरने में सहायक है। हमारी धरती माता भी फूलों के द्वारा अपनी मुस्कराहट व्यक्त करती हैं। आपकी हँसी-मुस्कुराहट ही आपके लिए भगवान् की दवा है। आपकी मुस्कराहट, सीधे आपके आत्मा को Kiss कर रही होती है। हमारी लाइफ इतनी भी लम्बी नहीं है कि हम अपना ज्यादा टाइम व्यर्थ की चिंताओं में लगायें, परेशान रहें लेकिन यदि हम मुस्कराते हैं तो हम अपनी लाइफ को लम्बा बना रहे होते हैं। बुरी से बुरी और विपरीत परिस्थिति में जब आप हों तब हल्का सा स्माइल करके देखें, आपको अन्दर से सुकून मिलेगा और आप पहले से बेहतर महसूस करने लगेंगे। हम जितने बड़े होते जा रहे हैं, उतनी ही हमारे चेहरे से मुस्कान गायब होती जा रही है, चलिए अपने उस बचपन को याद करते हैं जहाँ हम खूब हँसते-खिलखिलाते थे, बिना किसी कारण के मुस्कान हमारे चेहरे पर हमेशा बनी ही रहती थी। याद कीजिए और चलिए मुस्कराइए।

एक पल के लिए ही सही, किसी और के चेहरे की मुस्कान बनों

-डेजन स्टोजनोविक

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जीवन में ख़ुशी का रहस्य – अंदरूनी प्रेरणा https://www.hamarisafalta.com/2018/11/the-secret-of-happiness-in-life-in-hindi-%e0%a5%99%e0%a5%81%e0%a4%b6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%af.html https://www.hamarisafalta.com/2018/11/the-secret-of-happiness-in-life-in-hindi-%e0%a5%99%e0%a5%81%e0%a4%b6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%af.html?noamp=mobile#respond Thu, 01 Nov 2018 09:32:50 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1989 जीवन में ख़ुशी का रहस्य – अंदरूनी प्रेरणा इमेजिन कीजिये, कि आप एक सुबह बहुत खुशमिजाज़ के साथ सोकर उठें और आपके किसी दोस्त ने फ़ोन करके आपसे कहा, ‘तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो और मैं बहुत खुश हूँ कि दुनिया का सबसे अच्छा इंसान मेरा दोस्त है, मुझे सभी लोगों को बताकर बहुत गर्व महसूस होता है कि तुम मेरे दोस्त हो।’ वो ये सब बातें ईमानदारी से आपसे कह रहा होता है। आप बताएं, ऐसी बातें सुनकर […]

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जीवन में ख़ुशी का रहस्य – अंदरूनी प्रेरणा

इमेजिन कीजिये, कि आप एक सुबह बहुत खुशमिजाज़ के साथ सोकर उठें और आपके किसी दोस्त ने फ़ोन करके आपसे कहा, ‘तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो और मैं बहुत खुश हूँ कि दुनिया का सबसे अच्छा इंसान मेरा दोस्त है, मुझे सभी लोगों को बताकर बहुत गर्व महसूस होता है कि तुम मेरे दोस्त हो।’ वो ये सब बातें ईमानदारी से आपसे कह रहा होता है। आप बताएं, ऐसी बातें सुनकर आप कैसा महसूस करेंगे? किसी भी व्यक्ति को ऐसी बातें बहुत पसंद आएंगी, जाहिर-सी बात है आपको भी बहुत अच्छा लगेगा।

अब इमेजिन करें कि आप उसके अगली सुबह बहुत खुशमिजाज़ के साथ सोकर उठें और आपके किसी दोस्त ने फ़ोन करके आपसे कहा, ‘तुम सबसे बेकार आदमी हो, मुझे तुम्हें अपना दोस्त कहते हुए भी शर्म महसूस होती है और तुम इस दुनिया के सबसे घटिया इंसान हो, मैं आज अपनी दोस्ती हमेशा के लिए ख़त्म करता हूँ।’ ऐसा कहकर वह फोन रख देता है। आप बताएं, ऐसी बातें सुनकर आप कैसा महसूस करेंगे? किसी भी व्यक्ति को ऐसी बातें बहुत बुरी लगेंगी, और जाहिर है आपको भी बहुत बुरा लगेगा।

Image Credit : pixabay.com

अब दोनों दिन की घटनाओं को Compare करें और देखें कि हम अपनी लाइफ में कैसे खुश और दुखी होती हैं। जब पहले दिन आपकी तारीफ़ की गयी और आपको सबसे अच्छा आदमी बताया गया, उस दिन आपने बहुत अच्छा महसूस किया, आपका पूरा दिन अच्छा गया और आप उस दिन ख़ुशी से झूम रहे थे। अगले ही दिन जब आपसे यह कहा गया कि आप एक घटिया इंसान हैं तो आपने बहुत बुरा महसूस किया, आप दुखी हुए और आपका पूरा दिन इसी ख़राब फीलिंग की वजह से बहुत बुरा गया।

जरा आप ध्यान से सोचिये, आपके खुश और दुखी होने पर आपकी लाइफ का कंट्रोल कौन  कर रहा है? यकीनन वही इंसान जिसनें आपसे ऐसी बातें कही थी। तो क्या आप अपनी पूरी लाइफ ऐसी ही गुजारना पसंद करेंगे क्योंकि लाइफ के हर मोड़ पर आपको ऐसे example मिलेंगे। यह है बाहरी असर है जिसे हम अपने अन्दर महसूस करते हैं लेकिन याद रखें यह सिर्फ बाहरी दबाव है।

ऐसी परिस्थिति आने पर क्या करें

जब उस आदमी के पास फोन आया और उसे एक अच्छा व्यक्ति कहा गया, तो सुनने में यह बातें उसे बहुत अच्छी लगी। लेकिन अगर सामने वाला आदमी फोन पर उसकी तारीफ़ नहीं भी करता तो क्या वह अपनी नजरों में एक अच्छा इंसान नहीं है। यदि अगले दिन उसकी बुराई की गयी, उसके शब्द भले ही उसे बहुत बुरे लगे हों लेकिन वो आपके अन्दर कभी भी छोटेपन का एहसास पैदा नहीं कर सकता है क्योंकि आप अब भी अपनी नजरों में एक बहुत अच्छे इंसान हैं । तो आप अंदरूनी प्रेरणा से चलने वाला व्यक्ति बनिए। एलिनोर रूजवेल्ट ने कहा था कि आपकी इजाजत के बगैर, आपको कोई भी बुरा, हीन या छोटा महसूस नहीं करा सकता। आपको ऐसा इंसान बनना है जो खुद की नजरों में ऊपर उठा हुआ होना चाहिए। जब आप खुद की नजरों में ऊपर उठ जाते हैं, तो दुनिया का कोई भी इंसान आपको गिरा नहीं सकता और न ही दुखी कर सकता है। खुश होने और दुखी होने दोनों का कंट्रोल आपके अन्दर ही है इसलिए दूसरों को अपनी लाइफ का कंट्रोल मत दीजिये। कोई कुछ भी कहे आप अपने अन्दर से खुश रहिये।

 

आपने एक कहानी जरूर सुनी होगी, उसे हम यहाँ दोहराना चाहेंगे

एक साधू महात्मा अपने रास्ते कहीं जा रहे थे, रास्ते में उन्हें एक व्यक्ति मिला और जोर-जोर से गालियाँ देने लगा। साधू के सभी शिष्य गुस्से से आग-बबूले हो रहे थे लेकिन साधू महात्मा बिना-कुछ बात किये आगे बढ़े चले जा रहे थे। जैसे-जैसे साधू आगे की तरफ अपने कदम बढ़ाते वैसे वह आदमी उन्हें गालियाँ देने लगता। इस बार उस व्यक्ति से साधू ने कहा- ‘मुझे बताओ, अगर किसी की दी हुई चीज हम न लेना चाहें तो तो वह चीज किसके पास रह जाएगी?’ उस आदमी ने कहा, कि वह चीज तो देने वाले के पास ही रह जाएगी। इस बार साधू ने कहा, “तुम ये जो गालियाँ दे रहे हो, इस देन को लेने से मैं इनकार करता हूँ।” ऐसा कहकर साधू वहां से आगे बढ़ गये और वह आदमी सिर पकड़कर वहीँ बैठ गया और पछताने लगा। साधू महात्मा का खुद पर अंदरूनी कंट्रोल था और इसी अंदरूनी प्रेरणा के कारण उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ा।

 

जब भी आप दुखी हों, परेशान हों, गुस्सा हों तब उसी वक्त खुद से प्रश्न करें कि आप दुखी क्यों हैं? आप नाराज क्यों हैं, आप गुस्से में क्यों हैं, आप परेशान क्यों हैं? खुद से ऐसे प्रश्न करने से आप इन्हें काबू पाने के तरीकों के बारे में समझने लगते हैं, आपको अपनी समस्याओं से सम्बन्धित उपाय सूझने लगते हैं।

ख़ुशी, हमारी एक अंदरूनी प्रेरणा है । हम सभी को इसे अपने अन्दर खोजना चाहिए। जिस प्रकार एक कस्तूरी हिरण कस्तूरी की खुशबु को जंगल में ढूंढता फिरता है जबकि वह सुगंध उसे उसकी ही अपनी नाभि में व्याप्त कस्तूरी से मिल रही होती है लेकिन वह जान नहीं पाता.. ऐसी ही ख़ुशी हमारे अन्दर है और हम इसे बाहर ढूंढते फिर रहे होते हैं। अगर आपकी लाइफ में सब कुछ है, लेकिन जरूरी नहीं कि सब कुछ होने पर आप खुश हों । लेकिन अगर आपकी लाइफ में कुछ भी नहीं फिर भी आप हमेशा खुश रह सकते हैं।

ख़ुशी एक तितली की तरह है, इसके पीछे जितना दौडोगे वह उतनी ही तेजी से आगे उड़ती चली जाएगी । बेहतर होगा कि आप एक जगह पर चुपचाप खड़े हो जाएँ, वही तितली आप कंधे पर खुद-ब-खुद आकर बैठ जाएगी।

जिस दिन आप खुश रहने का फैसला कर लेंगे उस दिन से आप दुखी नहीं होंगे। ख़ुशी को अन्दर से महसूस कीजिए, अपने हर परिस्थिति का भरपूर आनन्द उठाइए। छोटी-छोटी चीजों में खुशियाँ तलाशिये, इस बात को हमेशा याद रखिये, कि समय कभी एक जैसा नहीं होता, लाइफ में उतार-चढ़ाव तो लगे ही रहते हैं और ये भी तो हमारी लाइफ का एक बड़ा पार्ट है । खुश रहिये और दूसरों को भी खुश रखिए।

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प्रसन्न रहें और सफल बनें Short Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b8%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a8-%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%82.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b8%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a8-%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%82.html?noamp=mobile#respond Tue, 30 Oct 2018 16:22:00 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1979 प्रसन्न रहें और सफल बनें आज सफलता पाने के लिए लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं । मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानता हूँ जिन्होंने कड़ी मेहनत करके सफलता पाई और जब वो सफल हुए तो उनकी प्रसन्नता गायब हो गयी। उनकी लाइफ से ख़ुशी जैसे गायब ही हो गयी, पता ही नहीं चला कि उन्होंने कब से हँसना या मुस्कुराना बंद कर दिया और यदि हँसते भी होंगे तो उन्हें किसी Laughter शो का सहारा लेना पड़ रहा […]

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प्रसन्न रहें और सफल बनें

आज सफलता पाने के लिए लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं । मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानता हूँ जिन्होंने कड़ी मेहनत करके सफलता पाई और जब वो सफल हुए तो उनकी प्रसन्नता गायब हो गयी। उनकी लाइफ से ख़ुशी जैसे गायब ही हो गयी, पता ही नहीं चला कि उन्होंने कब से हँसना या मुस्कुराना बंद कर दिया और यदि हँसते भी होंगे तो उन्हें किसी Laughter शो का सहारा लेना पड़ रहा होगा। जब हम किसी चीज को पाने के लिए संघर्ष करते हैं तो अन्दर की जो हमारी ख़ुशी होती है वो धीरे-धीरे कम होने लगती है क्योंकि संघर्ष करते हुए हम खुद को तनाव से जोड़ लेते हैं और लगने लगता है कि सफलता पाना ही सब कुछ है और यदि फेल हो गये तो लाइफ बर्बाद हो जाएगी। जैसे-जैसे व्यक्ति सफलता की सीढियों पर कदम रखना शुरू करता है, उसके अन्दर तरह-तरह के बदलाव होने शुरू हो जाते हैं। बात-बात पर चिढ़ जाना, किसी पर चिल्ला उठना, छोटी-छोटी बातों पर सामने वाले से रूठ जाना और बाद में अपनी लाइफ को कोसना…

Image Credit : pixabay.com

आपने बॉलीवुड और हॉलीवुड की movies में गौर किया होगा कि बॉलीवुड फिल्म में जो हीरो होते हैं वो परेशानी आने पर एकदम से टूट जाते हैं और दुखी होकर अपनी स्टोरी को आगे बढ़ाते हैं लेकिन हॉलीवुड में ऐसा नहीं होता, वहां हीरो को आप हर सिचुएशन में हंसता हुआ, कॉमेडी करते हुए देखेंगे जो अपनी लाइफ को सीरियसली नहीं लेता, और अन्दर से प्रसन्न रहता है, उनका सोचना होता है कि जो होगा अच्छा ही होगा। इसलिए लोग हॉलीवुड फिल्मों को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि वहां स्ट्रेस को कम और प्रसन्न लोगों को ज्यादा दिखाया जाता है।

हम सभी अपनी लाइफ के हीरो हैं, यदि हम किसी काम को खुश होकर, प्रसन्न होकर करते हैं तो हम खुद को और ज्यादा पसंद करने लगेंगे जिससे दुसरे लोग भी हमें ज्यादा से ज्यादा पसंद करेंगे। याद रखिए एक तनावग्रस्त व्यक्ति को जो स्ट्रेस में रहना पसंद करता है उसे कोई दूसरा पसंद नहीं करता लेकिन जो प्रसन्न रहना, और उत्साह के साथ जीवन जीना पसंद करता है उसे सभी पसंद करते हैं। आप कौन-सी कैटेगरी में आते हैं वह देखिये।

एक व्यक्ति जिसके पास करोड़ों अरबों की दौलत है और दूसरा जिसे दो वक्त का खाना मुश्किल से नसीब होता है। पहला व्यक्ति कभी भी अन्दर से खुश नहीं रहता, चाहे उसके पास बहुत पैसे हैं लेकिन दूसरा हर पल में हँसता मुस्कुराता अपनी लाइफ से खुश रहता है। आपको क्या लगता है कि दोनों में कौन सबसे ज्यादा अपनी जिंदगी जी रहा है या इस दुनिया में ज्यादा दिन तक कौन जीएगा। जब आप प्रसन्न होते हैं तो आप अपनी उम्र को बढ़ा रहे होते हैं। वो गरीब आदमी जिसके पास भले ही कुछ नहीं है लेकिन यदि वो प्रसन्न है, तो वह इस दुनिया में लम्बे समय तक जीएगा। और दूसरा व्यक्ति जिसके पास बहुत पैसे तो हैं लेकिन वो यदि प्रसन्न नहीं है, हँसता-मुस्कुराता नहीं, तनाव में रहता है तो यकीन जानिये आज नहीं तो कल वह किसी बड़ी बीमारी से ग्रस्त हो सकता है और पूरी लाइफ खुद को कोसते हुए ही जी सकता है।

याद रखिए, आप प्रसन्न रहकर अपनी लाइफ में जो चाहे वो पा सकते हैं, बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल कर सकते हैं लेकिन यदि आप ऐसा सोचेंगे कि सफलता ही आपके लिए सब कुछ है, पर अन्दर से आप खुश नहीं रहेंगे, सफल होकर प्रसन्नता प्राप्त करने की सोचेंगे तो आप बहुत गलत सोच रहे हैं।

प्रसन्न रहने, खुश रहने की आदत डालिए, छोटी-छोटी बातों को Happy movement बनाइए, टेंशन लेने के लिए आप हजारों बहाने ढूंढ लेते हैं, और खुद को उससे जोड़ लेते हैं… चलिए प्रसन्न रहने के लिए एक बहाना ढूंढिए, हांलाकि इसके लिए किसी बहाने की जरूरत नहीं लेकिन जब आप टेंशन में रहने के लिए खुद को धकेलते हैं और अपना सिर दर्द करवाते हैं तो अब आपको ख़ुशी की तरफ खुद को धकेलना होगा । ऐसी सफलता किसी काम की नहीं जो आपको तनाव से जोड़ी रहे। प्रसन्न रहें और सबको खुश रखें क्योंकि यही जीवन का सही अर्थ है।

 

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20 बेस्ट प्रेरणादायक कथन और उनसे जुड़ी कुछ बातें – Part 1 https://www.hamarisafalta.com/2018/10/20-best-motivational-quotes-with-meaning-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/20-best-motivational-quotes-with-meaning-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 29 Oct 2018 17:49:24 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1976 बेस्ट प्रेरणादायक कथन और उनसे जुड़ी कुछ बातें   अगर मेरे पास किसी पेड़ को काटने के लिए 8 घंटे हों, तब मैं छः घंटे उस कुल्हाड़ी की धार को तेज़ करने में लगाऊंगा । -अब्राहम लिंकन ज्यादातर लोग इसलिए फेल हो जाते हैं क्योंकि वे बस खच्चरों की तरह ही भागते रहते हैं, उनके पास खुद के लिए कभी टाइम नहीं होता, इस वजह से वो पूरी लाइफ खुद को कोसते हुए ही मर जाते हैं । लेकिन जो […]

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बेस्ट प्रेरणादायक कथन और उनसे जुड़ी कुछ बातें

 

अगर मेरे पास किसी पेड़ को काटने के लिए 8 घंटे हों, तब मैं छः घंटे उस कुल्हाड़ी की धार को तेज़ करने में लगाऊंगा ।

-अब्राहम लिंकन

ज्यादातर लोग इसलिए फेल हो जाते हैं क्योंकि वे बस खच्चरों की तरह ही भागते रहते हैं, उनके पास खुद के लिए कभी टाइम नहीं होता, इस वजह से वो पूरी लाइफ खुद को कोसते हुए ही मर जाते हैं । लेकिन जो व्यक्ति सही मायने में अपनी लाइफ में सफल होना चाहता है तब वह खुद के लिए वक्त निकालता है, खुद को बेटर बनाने में, खुद को समझने में वह ज्यादा से ज्यादा समय देता है । इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि वो बस अपने लिए जीना चाहता है, वो इस बात को भी समझता है कि ‘सिर्फ अपने लिए ही जीये तो क्या जीये’ अगर आपको लाइफ में सफलता चाहिए तो खुद को बेहतर बनाने पर फोकस कीजिए, आप खुद मोटिवेट रहेंगे तभी आप दूसरों को मोटिवेट कर सकते हैं । अपनी कमियों को सुधारने, अपनी स्किल्स को बढ़ाने, और अपनी लाइफ को एक सही दिशा देने पर काम करें, यकीन जानिये सफलता आपकी तरफ खींची चली आएगी ।

 

मैं देखता हूँ कि जितना अधिक मैं मेहनत करता हूँ, उतना अधिक मेरा भाग्य मेरे साथ होता है ।

-थॉमस जेफरसन

इस दुनिया में कई सारे लोग हैं जो भाग्य का रोना रोते हैं, भाग्य सिर्फ एक कोरा बहाना है । यदि आप सही दिशा में मेहनत कर रहे हैं तो आज नहीं तो कल आप वहां पहुँच ही जाएँगे, जहाँ आप जाना चाहते हैं । इसके लिए धैर्य बनाएं रखें क्योंकि बीज बोते ही आप फल खाने की इच्छा नहीं कर सकते । बीज को पेड़ बनने और उसमें फल लगने तक आपको कड़ी मेहनत करनी होगी । यदि आप मेहनत करने से नहीं कतराते तो भाग्य हमेशा आपके साथ होता है लेकिन जब आप सपने में ही खोये रहना पसंद करते हैं तो सफलता की कल्पना करना भी आपके हक़ में नहीं है क्योंकि सफलता उन्हीं को मिलती है जो उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं । अंत में यही कहूँगा, भाग्य को अपना काम करने दीजिए, आप बस अपना काम करते जाइए ।

कामयाब लोगों और बाकी अन्य लोगों में अंतर ताकत अथवा ज्ञान का नहीं बल्कि इच्छा की कमी का होता है ।

-विन्से लोम्बार्डी

किसी चीज को पाने की इच्छा, एक Desire आपके एक-एक कदम को आगे बढ़ाने में आपकी मदद करता है । जब आपके अन्दर किसी चीज को हासिल करने की इच्छा पैदा हो जाती है तब आप सोते-जागते, उठते-बैठते उसी के बारे में सोचने लगते हैं और इसी इच्छा के बदौलत ही आपको वह चीज मिल ही जाती है जिसके बारे में आपने चाहत की होती है । आपके अन्दर इच्छाशक्ति विकसित कीजिए और नई-नई सफलताएँ हासिल कीजिए ।

इंतजार मत कीजिये क्योंकि सही समय कभी नहीं आता ।

-नेपोलियन हिल

बहुत सारे लोग Motivational Articles पढ़ते या मोटिवेशनल videos देखते हैं, इसलिए ताकि उन्हें कोई Kick मिले और वे जो करना चाहते हैं वह शुरू कर सकें । लेकिन वो बार-बार ऐसा ही करते रहेंगे लेकिन जब बात शुरू करने की आएगी तब कहेंगे कि अभी सही समय नहीं आया, जब सही समय आएगा तब शुरू करेंगे । ‘समय कभी भी सही या ख़राब नहीं होता, हमारी सोच ही उसे सही या खराब बनाती है ।’ और जो लोग सही समय का इंतजार कर रहे हैं कहकर कहते वह सीधा-सीधा बहाना बना रहे होते हैं । या तो उन्हें खुद पर यकीन नहीं होता या वो जो करना चाहते हैं उसमें उनका इंटरेस्ट नहीं होता । खैर कुछ भी हो, यदि आप सफल होना चाहते हैं तो इंतजार मत कीजिये, आप जितनी जल्दी शुरू करेंगे उतनी जल्दी सफलता की ऊँचाईयां चढ़ते जाएँगे ।

 

यदि आप सोचते हैं कि आप किसी काम को कर सकते हैं या ये सोचते हैं कि आप उस काम को नहीं कर सकते, दोनों ही तरह से आप सही हैं ।

-हेनरी फोर्ड

जब आप सोचते हैं कि आप किसी चीज को कर सकते हैं तब सीधे-सीधे आप अपने माइंड को आदेश दे रहे होते हैं और आपका दिमाग उसे करने के लिए ढेरों रास्ते आपके सामने रख देता है, आपको बस रास्तों को चुनना होता है और आप सफल हो जाते हैं लेकिन जब आप कहते हैं कि आप उसे नहीं कर सकते तब आप अपने माइंड को यह सन्देश दे रहे होते हैं कि जितने भी रास्ते हैं उन रास्तों को बंद कर दिया जाए या आपके सफलता के दरवाजों को बंद करके आपको असफलता का रास्ता दिखाया जाए या असफलता के दरवाजे की चाबी आपको दी जाए ।

सफलता की ख़ुशी मनाना अच्छा है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी यह हो कि हम अपनी असफलताओं से सीख लें ।

-बिल गेट्स

 

हम सफल होने पर कितना खुश होते हैं और हारने या असफल होने पर कितना ज्यादा दुखी । लेकिन क्या हम जानते हैं कि हमारी असफलता ही सफलता की पहली सीढी होती है । जब हम फेल होते हैं तो हम उन रास्तों को देख चुके होते हैं जिनसे हम सफल नहीं हो सकते और इसी की मदद से हम नए रास्तों का निर्माण कर सकते हैं । लाइफ में फेल होना उतना ही जरूरी है जितना की बड़ी सफलताएँ हासिल करना । फेल होकर ही हम यह देख पाते हैं कि ‘हम कितने पानी में हैं’ यही एक जरिया है जिससे हम अपनी कमियों को दूर कर खुद को पहले से बेटर बना सकते हैं इसलिए अपनी असफलताओं से सीखते चलिए ।

 

मैं जानता था कि अगर मैं फेल हो जाता हूँ तो मुझे कभी भी अफ़सोस नहीं होगा, लेकिन इस चीज को भी मैं जानता था कि अगर मैंने प्रयास नहीं किया तो बाद में मुझे जरूर अफ़सोस होगा ।

-जेफ़ बेजोस

 

अपने आईडिया पर यकीन रखिये, खुद पर भरोसा कीजिये, और जो करना चाहते हैं वह कर डालिए, एक ही लाइफ है, यदि आप फेल भी हुए तो आप उससे कुछ नया जरूर सीखेंगे, अपनी असफलता से सीखना ही तो आपको जीत के करीब ले जाएगा । हम मन में बहुत से डर पाले रहते हैं कि यदि हमने शुरुआत की और फेल हो गये तो आगे क्या होगा, लोग क्या कहेंगे, हँसेंगे सब मुझ पर…etc.. लेकिन आप जो करना चाहते थे, यदि उसे दबाए रहेंगे, कोशिश नहीं करेंगे, शुरुआत नहीं करेंगे तो आप खुद की नज़रों में कभी भी उठ नहीं सकेंगे । बेहतर होगा कि आप प्रयास करें, फेल भी हुए तो आप उसी जगह पर होंगे जहाँ पहले थे । इसलिए यदि आपको अफ़सोस से बचना है तो अपने कदम आगे बढ़ाएं और पूरे उत्साह के साथ जंग जीत लें ।

 

यदि आप दूर तक जाना चाहते हैं तो हमेशा उम्मीद से अधिक दें

-लैरी पेज

हर व्यक्ति को कुछ ज्यादा ही चाहिए होता है, वह कभी भी कम में खुश नहीं होता लेकिन ज्यादा में और उम्मीदें लगाना शुरू कर देता है । यदि आप अपने ग्राहकों को ज्यदा खुश करना चाहते हैं तो उन्हें उम्मीद से ज्यादा दें । उन्हें जैसी सर्विस की उम्मीद है उससे दुगुना सर्विस दें, भारी छुट दें, कुछ ऐसा करें कि उन्हें आपको छोड़कर किसी दुसरे के पास जाने की जरूरत ही न पड़े ।

हमने जितना सोचा होता है, यदि हमें उससे ज्यादा मिलता है तो ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता, चाहे वह जिंदगी के किसी भी मोड़ पर हो ।

 

एक आसली व्यक्ति स्वयं असफल नहीं होता बल्कि वह दूसरों को सफल बनाता है ।

-जूल्स रेनार्ड

 

मैं ऐसे बहुत सारे लोगों को जानता हूँ जो कहते हैं मुझे कुछ करना है, या मुझे कुछ बड़ा करना है और जब एक्शन लेने की बारी आती है तो सोते हुए नजर आते हैं और कहते हैं कि ये प्लान नहीं जम रहा…अब कुछ दूसरा करना है… बस प्लान बनाते हुए लाइफ आगे बढ़ते है और दुसरे लोग आपके एक्शन न लेने के कारण उसी प्लान पर सफल हो जाते हैं । और आप बस मुंह ताकते रह जाते हैं । ऐसा कहा जाता है कि आलस्य ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है और यदि आपने इस शत्रु पर विजय प्राप्त नहीं की तो आप लाइफ में वहीँ अटके रहेंगे जहाँ आप हमेशा से अटके हुए हैं । इसलिए कदम बढाइये, उठिए, जागिये और अपने लक्ष्य को प्राप्त कीजिए । आसली बनकर बैठे रहने से कुछ हाथ नहीं आने वाला, बस आप दूसरों को सफल होते और उनकी सफलता की कहानी सुनते दिखेंगे ।

 

खुद वो बदलाव बनें जो आप इस दुनिया में देखना चाहते हैं ।

-महात्मा गांधी

 

हम दुनिया में बदलाव लाना चाहते हैं, लेकिन जब बात खुद में बदलाव लाने की हो तो सब एक-दुसरे को देखना शुरू कर देते हैं । पहले खुद को सुधारें, आप सुधरेंगे तो जग सुधेरगा ।

किसी इंसान को बड़ी-बड़ी सफलताएँ इसलिए नहीं मिलती कि वह दूसरों को ही देखकर चलता है बल्कि उसे सफलताएँ इसलिए मिलती हैं क्योंकि वह दूसरों की गलती से सीखता है और अपनी गलतियों को खोजते हुए आगे बढ़ता है । आप खुद में सकारात्मक बदलाव लाते जाएं यकीन मानिए आपको सब तरफ पॉजिटिव संकेत ही मिलेंगे । हर व्यक्ति खुद में सकारात्मक परिवर्तन लाये तो इस दुनिया में अच्छे बदलाव आने शुरू हो जाएँगे ।

 

अगला भाग जल्दी ही प्रकाशित किया जाएगा 

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आसान है – संदीप माहेश्वरी

एक मामूली से फोटोग्राफर का भारतीय इमेजों की दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी का मालिक बन जाना, क्या आसान है? एक अंडरग्रैजुएट का युवाओं के लिए लाइफ चेंजिंग सेमिनार का आयोजन करना, क्या आसान है? एक बिजनेस माइंडेड शख्स का स्प्रिचुअल इंसान बन जाना है, क्या आसान है? ImagesBazaar.com के फाउंडर संदीप माहेश्वरी को देखकर तो यही लगता है, बिलकुल…यह आसान है…।

Image Credit : sandeepmaheshwari.com

संदीप का सफरनामा

बड़ा नाम बनने के लिए अच्छी फार्मल एजुकेशन जरूरी है, करोड़ों का कारोबार खड़ा करने के लिए लाखों रूपये चाहिए, बार-बार की नाकामी आपको कामयाब होने से रोक देती है… ऐसी मान्यताओं को झुठला देता है एक नाम- संदीप माहेश्वरी । तमाम नाकामियों के बाद 36 साल के संदीप ने न सिर्फ बिजनेस में कामयाब मॉडल खड़ा किया, बल्कि लाखों-करोड़ों युवाओं को प्रेरित करने के लिए लाइफ चेंजिंग सेमिनार भी कर रहे हैं । फाइनल इयर में किरोड़ीमल कॉलेज छोड़ने वाले संदीप ने स्कूल खत्म होते ही 4-5 हजार रूपये से काम शुरू कर देश की सबसे बड़ी फोटो वेबसाइट ImagesBazaar.com तक का सफ़र पूरा किया । बड़ा करने की चाह में संदीप ने 2003 में 10 घंटे 45 मिनट में 122 मॉडल के 10 हजार से ज्यादा फोटो शूट कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया । उनके फ्री सेमिनार दूसरों की जिंदगी को आसान बना रहे हैं । उनका मानना है कि जो आपको चाहिए था, अगर आपके पास उससे ज्यादा है तो जिन्हें इसकी जरूरत है, उनके साथ शेयर करें । उन्हें Creative Entrepreneur स्टार यूथ अचीवर अवार्ड, Pioneer of Tomorrow जैसे अवार्डों से भी नवाजा जा चूका है  ।

हर नाकामी से सीखा सबक- संदीप माहेश्वरी

मैं कई बार नाकाम हुआ लेकिन अच्छा यह था कि मैंने हर नाकामी से भी कुछ सीखा । मसलन मेरे पापा का बिजनेस पूरी तरह फ़ैल हो चूका था । घर चलाने के लिए मेरे पेरेंट्स ने चिप्स के स्टाल लगाने से लेकर पीसीओ चलाने तक का काम किया ।

मैंने भी कुछ कमाने के मकसद से 12वीं के बाद क्या करें, यह सलाह देनी शुरू की । दो महीने में मैंने कुल 4500 रूपये पैम्फलेट आदि पर खर्च किये थे और मुझे 9000 रूपये की कमाई हुई । ये पैसे मुझे उन Institutes ने कमीशन के रूप में दिए जिनके पास मेरी सलाह के बाद स्टूडेंट्स पहुँचे थे ।

सबक: लोगों से बात करना सीखा । साथ ही, यह Confidence भी आया कि बिजनेस करना कितना आसान है ।

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फिर मैंने मॉडलिंग में कोशिश की । बहुत धक्के खाए । समझ आया कि 90 फीसदी मॉडलिंग एजेंसियां फ्रॉड हैं ।

सबक : मॉडलिंग मेरे लिए नहीं है ।

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फोटोग्राफर बनने के लिए दो हप्तों का कोर्स किया । माँ से पैसे लेकर कैमरा ख़रीदा । लोगों से बिना पैसे लिए उनके फोटो खींचें । काम थोड़ा-बहुत चल निकला, पर इतना पैसा काफी नहीं था ।

सबक : कुछ नया करना और लगातार सीखना जरूरी है।

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फोटोग्राफी छोड़ मैं एमवे पहुंचा ।

सबक: यहाँ से मैंने पॉजिटिव Attitude सीखा । मोटिवेशनल किताबों के बारे में जानकारी मिली ।

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फिर एक मल्टीलेवल मार्केटिंग ज्वाइन की । इसमें मैंने तेजी से तरक्की की । 20 साल की उम्र में लाखों रूपये से ज्यादा की सैलेरी मिल रही थी, पर इसमें काफी झूठ बोलना पड़ रहा था, सो मैंने इसे भी छोड़ दिया ।

सबक : जो करो ईमानदारी से करो । दूसरों को चीट मत करो ।

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इसके बाद मैंने दोस्तों के साथ मिलकर मल्टीलेवल मार्केटिंग खोली । शुरू में इसमें खूब कामयाबी मिली, पर धीरे-धीरे यह भी बंद हो गयी ।

सबक : मुझे पता लग गया कि पार्टनरशिप मेरे लिए नहीं है । वह करो जो दिल को भाये ।

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2006 में ImagesBazaar.com की शुरुआत की । लेकिन हमारी वेबसाइट से कोई फोटो खरीद ही नहीं रहा था । फिर हमने लोगों से फीडबैक लिया । फोटोग्राफी की क्वालिटी सुधारी । लोगों को जैसी जरूरत थी, उसके मुताबिक़ फोटोशूट कराये । क्वालिटी के साथ-साथ कांसेप्ट पर भी काम किया । फिर खुद आईटी की जानकारी हासिल की । फिर मार्केटिंग की जानकारी हासिल की । अब तक मिले सारे सबक और अनुभवों से सीख ली ।

सबक : जो भी काम करो उसे परफेक्शन के साथ करो ।

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संदीप माहेश्वरी से सवाल जवाब

क्या बिजनेस कोई भी कर सकता है?

बिलकुल हर कोई कर सकता है । पहले खुद से पूछें कि आप चाहते हैं या यह आपकी ज़रूरत है । सिर्फ चाहने से कामयाबी नहीं मिलेगी क्योंकि चाहता तो इंसान बहुत कुछ है । हाँ अगर आप उसे जरूरत बना लेंगे तो जरूर सफल होंगे ।

2   शुरुआत कैसे करें ?

शुरुआत हमेशा छोटी करें । जितनी चादर हो, उतने ही पैर फैलाएं । दिक्कत यह है कि हम बड़े-बड़े प्लान बनाते हैं और शुरू नहीं करते । इन प्लानों को हम इतना बड़ा बनाते जाते हैं कि खुद ही उलझ जाते हैं और शुरुआत ही नहीं कर पाते । दूसरों से पैसे उधार लेकर, लोन लेकर या अपनी सारी जमा-पूँजी लगाकर करेंगे तो रिस्क ज्यादा होगा । रिस्क ज्यादा होगा तो टेंशन ज्यादा होगी और नाकामी के चांस भी ज्यादा होंगे ।

कामयाबी कैसे हासिल करें ?

तब तक कोशिश करें, जब तक कामयाब न हो जाएँ या फिर आपका आईडिया पूरी तरह फेल न हो जाए । अगर आप सिर्फ कमाने के उद्देश्य से बिजनेस शुरू करेंगे तो 90 फीसदी चांस फेल होने के होंगे लेकिन अगर आप कस्टमर को सर्विस देने के लिए लिहाज़ से करेंगे तो 90 फीसदी चांस कामयाब होने के होंगे । इसी तरह अर्निंग के बजाय लर्निंग पर फोकस करें ।

4   क्या नौकरी के साथ बिजनेस कर सकते हैं ?

शुरू कर सकते हैं, लेकिन उम्मीदें नहीं पाल सकते । हाँ इस वक्त में बिजनेस शुरू करने के साथ-साथ काफी कुछ सीख सकते हैं ।

5   Entrepreneurship वनमैन शो है या किसी के साथ मिलकर करना बेहतर है ?

पार्टनरशिप का मेरा अनुभव अच्छा नहीं रहा । फिर वहां डायरेक्शन भी बंट जाएगा । कोई कुछ कहेगा, कोई कुछ पर यह भी सच है कि शुरुआत अकेले ही कर सकते हैं लेकिन आगे बढ़ने के लिए अच्छी टीम साथ होनी ही चाहिए । सो चाहे शुरू अकेले करें, पर टीम तो जल्दी बनानीही होगी ।

6   किसी को अपनी टीम का हिस्सा बनाते वक्त क्या देखते हैं ?

नॉलेज से ज्यादा नीयत जरूरी है । नीयत सीखने की होगी तो नॉलेज धीरे-धीरे बेहतर कर ही लेगा । एक्सपीरियंस भी जरूरी है । सफलता अनुभव के साथ आती है और अनुभव ख़राब अनुभवों से आता है । किसी की भी स्ट्रेंथ पर फोकस करना जरूरी है ।

7    Entrepreneurship की जर्नी का सबसे बड़ा सबक ?

जब सारे दरवाजे बंद हो जाएं, तब भी कोई न कोई दरवाजा होगा, जो खटखटाने से खुल जाएगा । यानी समस्या है तो उसका हल भी होगा । हम दरअसल समस्या में ऐसे उलझे होते हैं कि हमें उसका हल नजर नहीं आ रहा होता । दुसरा, आपके पास जो लोग हैं उनकी कद्र करें । अचीवमेंट में उन्हें भी उनका हिस्सा दें ।

8   आप खुद को कैसे देखते हैं ?

मुझे लगता है कि मैं फैसिलिटेटर (संसाधनों का जुटाने वाला) हूँ । विजनरी भी कह सकते हैं ।

9  फ़िलहाल फोकस कहाँ है ?

फिलहाल तो revolution इंडिया पर काम हो रहा है । हमने 5 आईडिया को फाइनल किया । हमें इन्हें इनका बिजनेस शुरू करने के लिए पैसा और गाइडेंस देंगे और जो मुनाफा होगा, वह 50-50 होगा । मेरी कम्पनी को मिलने वाला सारा पैसा चैरिटी में जाएगा ।

10   spirituality की ओर झुकाव कैसे हुआ ?

कामयाबी के बावजूद मन में कुछ कमी थी । एक दिन विपश्यना का कोर्स करने गया । वहां कोर्स तो नहीं किया पर मन में सोच लिया कि क्या करना है । रात में 1 बजे मोबाइल से एक विडियो शूट किया और Youtube पर अपलोड कर दिया । लोगों ने काफी लाइक किया । फिर फ्री लाइफ चंजिंग सेमिनार शुरू किये । शुरू में 15-20 लोग आते थे, जो धीरे-धीरे हजारों में बदल गये । यह मेरा तरीका है समाज को बदलने का ।

11    आगे क्या?

आगे का अभी सोचा नहीं! आज में जीना ही सबसे अच्छा है ।

 


दोस्तों यह बातें संदीप माहेश्वरी के Facebook Page पर प्रकाशित NBT की रिपोर्ट से ली गयी है । संदीप ने लाखों-करोड़ों लोगों की लाइफ में एक सकारात्मक बदलाव लाया है और उन्होंने ‘आसान है’ का यह मन्त्र दिया है जिससे हर व्यक्ति अपनी जिंदगी को बेहतर बना रहा है ।

ऊपर लेख सवाल-जवाब के लिए प्रियंका सिंह जी ने संदीप जी से विस्तार में बातचीत  की थी ।


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आपमें हैं ये 5 क्वालिटी? – Success Tips in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/10/5-qualities-for-success-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/5-qualities-for-success-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 27 Oct 2018 15:51:15 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1969 Success Tips in Hindi अगर आप अपने बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं तो ये ख़ास गुण आपके अन्दर होने ही चाहिए । Image Credit : pixabay.com हल पर नजर दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है, जो हर काम में समस्याएं ढूंढ सकते हैं । लेकिन अगर आप अपना काम शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो समस्याओं का हल भी आप ही जो ढूँढना होगा । समस्या की ओर नहीं हल की ओर देखिये । अगर […]

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Success Tips in Hindi

अगर आप अपने बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं तो ये ख़ास गुण आपके अन्दर होने ही चाहिए ।

Image Credit : pixabay.com

हल पर नजर

दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है, जो हर काम में समस्याएं ढूंढ सकते हैं । लेकिन अगर आप अपना काम शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो समस्याओं का हल भी आप ही जो ढूँढना होगा । समस्या की ओर नहीं हल की ओर देखिये । अगर आप किसी समस्या का हल पेश नहीं कर सकते तो उसे उठाने का भी हक़ आपको नहीं है । Entrepreneur बनने के लिए आपके अन्दर Problems को तेज़ स्पीड के साथ Solve करने की क्षमता होनी जरूरी है।

ज़िम्मेदारी लेना

ज़िम्मेदारी ली जाती है और उसी के साथ आपको ज्यादा पॉवर अपने आप मिल जाती है । किसी काम के ख़राब होने पर उसकी ज़िम्मेदारी खुद न लेना और अगर अच्छा काम दूसरों ने किया हो तो उसका क्रेडिट भी लेने की कोशिश करना, अगर आपका Attitude ऐसा हो तो हो सकता है कि नौकरी में आपका काम चल जाए लेकिन Entrepreneurship में नाकामी ही मिलेगी ।

कैलकुलेटेड टास्क

आजकल हर जगह इनोवेशन पर जोर है । इनोवेशन के लिए कैलकुलेटेड रिस्क लेने की जरूरत होती है और रिस्क लेने से कई बार नाकामी मिलने की भी आशंका होती है । अगर आपको ऐसी नाकामियों से डर लगता है तो Entrepreneurship आपके लिए नहीं है । नाकामी के डर से रिस्क न लेना और कोई नया काम न करने का Attitude तो नौकरियों में भी नहीं चलता ।

काम में मजा

अगर किसी ऐसे काम को करने की सोच रहे हैं, जो आपकी रूचि का नहीं है तो भले ही आपको उसमें कितना भी दम नजर आता हो, वह आपके लिए काम नहीं करेगा । काम ऐसा हो, जिसे आप एन्जॉय कर सकें ।

टीमवर्क में भरोसा

जिन लोगों को लगता है कि वे अकेले ही सभी काम कर सकते हैं तब वे बिजनेस में कभी आगे नहीं बढ़ सकते । अपनी कमियों और कमजोरियों को पहचानना और उनके लिए टीम की मदद लेना एक सफल इंसान के गुण हैं । अगर आपको लगता है कि आप टीम के रूप में काम में नहीं कर सकते तो यह फील्ड आपके लिए नहीं है । काम थोड़ा बढ़ते ही टीम बनानी ही होगी और उस पर भरोसा करना होगा तभी आप बड़ी सफलताएँ हासिल कर सकते हैं ।

 

ये लेख NBT से प्रेरित है ।

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बातें जो बदल देंगी जीवन की दिशा – संदीप माहेश्वरी – Part 1 https://www.hamarisafalta.com/2018/10/sandeep-maheshwari-speech-thoughts-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/sandeep-maheshwari-speech-thoughts-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 27 Oct 2018 08:20:01 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1961 बातें जो बदल देंगी जीवन की दिशा – संदीप माहेश्वरी संदीप माहेश्वरी द्वारा उनके अलग-अलग सेमिनारों में कही गयी कुछ ख़ास बातों को हम यहाँ पेश कर रहे हैं, आइये देखते हैं इन्हें । Image Credit : sandeepmaheshwari.com The Unbelievable Power of Belief 1.  हमें अपने उस डिजायर को चुनना चाहिए जिसमें हम स्ट्रांग हैं । सिर्फ अच्छी फीलिंग होने की वजह से डिजायर को नहीं चुनना चाहिए । 2. किसी काम में पैशन और प्यार हमें सफलता की ओर […]

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बातें जो बदल देंगी जीवन की दिशा – संदीप माहेश्वरी

संदीप माहेश्वरी द्वारा उनके अलग-अलग सेमिनारों में कही गयी कुछ ख़ास बातों को हम यहाँ पेश कर रहे हैं, आइये देखते हैं इन्हें ।

Image Credit : sandeepmaheshwari.com

The Unbelievable Power of Belief

1.  हमें अपने उस डिजायर को चुनना चाहिए जिसमें हम स्ट्रांग हैं । सिर्फ अच्छी फीलिंग होने की वजह से डिजायर को नहीं चुनना चाहिए ।

2. किसी काम में पैशन और प्यार हमें सफलता की ओर ले जाती है ।

3. दिलचस्पी की कमी, नॉलेज की कमी और अनुभव की कमी हमारी नाकामों की प्रमुख वजहें हैं ।

4. बिजनेस में सक्सेस पाने में भाग्य का बड़ा छोटा-सा रोल है ।

5. अपनी इच्छा को फॉलो न करने की ये वजहें हैं : फ़ैल होने का डर, लोगों द्वारा हँसी उड़ाने का डर, सपोर्ट की कमी, सेफ गेम खेलना ।

6. नॉलेज और एक्सपीरियंस का मिलन बिलीफ कहलाता है ।

7. बिलीफ के भरोसे जो सफलता मिलती है वह स्थायी होता है ।

8. बिलीफ ही सब कुछ है, सिर्फ डिजायर होने से काम नहीं चलता ।

9. किसी से तुलना और कॉम्पिटिशन नहीं करना चाहिए ।

Illusion to Reality

1. अपनी छोटी-छोटी खुशियों को भी वैल्यू देना चाहिए और उसे पूरी तरह एन्जॉय करना चाहिए क्योंकि ये छोटी-छोटी खुशियाँ हमें बड़ी खुशियों की ओर ले जाती हैं ।

2.हमें अपने लक्ष्य के साथ अटैच नहीं होना चाहिए बल्कि अपने एक्शन पर पूरा ध्यान देना चाहिए ।

3. हमें छोटे-छोटे गोल सेट करने चाहिए और उन्हें पूरा करते-करते आगे बढ़ना चाहिए ।

4.सचिन तेंदुलकर के ‘मैं खेलेगा’ Attitude को फॉलो करना चाहिए । जीवन में नाकामी के पल आएँगे, उसके बावजूद दृढ होकर आगे बढ़ना चाहिए ।

Law of Attraction VS Law of Love

1. बिजनेस करने के दौरान हमें लचीला रवैया अपनाना चाहिए और हमारा ध्यान केवल धन सम्बन्धी लक्ष्य की ओर न होकर एक अच्छे मिशन या मकसद की ओर होना चाहिए ।

2.किसी बिजनेस को शुरू करने से पहले या किसी काम को शुरू करने से पहले अपने आप से यह पूछना चाहिए कि क्या ये काम सिर्फ आपके लिए अच्छा है या ये काम बाकी सभी लोगों के लिए भी अच्छा है । इस काम से किसी का कोई नुकसान तो नहीं हो रहा है । अगर दोनों का जवाब हाँ में है तो हम सही रास्ते पर चल रहे हैं ।

The Unstoppable

1. हर दिन की शुरुआत ऐसी होनी चाहिए कि यह आपका अंतिम दिन है, जिससे आपकी पूरी एनर्जी काम में लगा सकें । किसी को अपने भविष्य का पता नहीं है लेकिन इस तरह हर शख्स वर्तमान को पूरी तरह जी सकता है ।

2. जीवन के मकसद को पूरा करने के लिए या अपने काम में अच्छा करने के लिए जब आप काम करते हैं तो एक दिन ऐसा आता है जब आपको दुसरे लोग तो क्या आप खुद भी अपने आपको उस काम को करने से रोक नहीं सकते और आप Unstoppable बन सकते हैं ।

3. जब चीजें या परिस्थितियां आपके नियंत्रण में नहीं हों, तो उन्हें वैसा ही स्वीकार करना सीख लें ।

4. किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए डिजायर का होना जरूरी है लेकिन उसे करने का एक मकसद भी होना चाहिए । अपने मकसद को पूरा करने के लिए हमें अच्छे से कर्म करते रहना चाहिए । इससे एक न एक दिन हमारा मकसद जरूर पूरा होगा ।

 

सोर्स : नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर ।

इसका अगला भाग जल्दी ही साईट पर प्रकाशित किया जाएगा ।

Sandeep Maheshwari जी के Videos देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें और उनके सेमिनार अटेंड करने के लिए www.sandeepmaheshwari.com पर विजिट करें 🙂

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नजरिया, कड़ी मेहनत, प्रेरणा और डिप्रेशन https://www.hamarisafalta.com/2018/10/attitude-hard-work-inspiration-and-depression-hindi-essay.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/attitude-hard-work-inspiration-and-depression-hindi-essay.html?noamp=mobile#respond Fri, 26 Oct 2018 11:42:46 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1953 Attitude, Hard Work, Motivation & Depression दोस्तों आज हम आपके साथ नजरिया, कड़ी मेहनत, प्रेरणा और डिप्रेशन के बारे में कुछ छोटी-छोटी जानकारियाँ शेयर करना चाहते हैं। Image Credit : pixabay.com नजरिया किसी चीज को देखने का तरीका जिसे हम नजरिया कहते हैं, यदि हम इसे बदल लें तो हमारी जिंदगी बेहतर हो सकती है । हम चाहे किसी भी फील्ड से हों यदि सफलता एक पेड़ है तो नजरिया उसकी जड़ है। आप अपनी नाकामयाबी को कैसे देखते हैं यह […]

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Attitude, Hard Work, Motivation & Depression

दोस्तों आज हम आपके साथ नजरिया, कड़ी मेहनत, प्रेरणा और डिप्रेशन के बारे में कुछ छोटी-छोटी जानकारियाँ शेयर करना चाहते हैं।

Image Credit : pixabay.com

नजरिया

किसी चीज को देखने का तरीका जिसे हम नजरिया कहते हैं, यदि हम इसे बदल लें तो हमारी जिंदगी बेहतर हो सकती है । हम चाहे किसी भी फील्ड से हों यदि सफलता एक पेड़ है तो नजरिया उसकी जड़ है। आप अपनी नाकामयाबी को कैसे देखते हैं यह आपके नजरिये पर ही निर्भर करता है । पॉजिटिव सोच वाला व्यक्ति अपने नजरिये को सफलता की सीढियों पर लगाये रहता है जबकि नेगेटिव सोच वाले व्यक्ति का नजरिया सिर्फ समस्याओं और शिकायतों पर होता है ।

Positive & Negative Attitude सकारात्मक व नकारात्मक नजरिया

सकारात्मक नजरिया

दोस्तों, सकारात्मक नजरिये के बहुत से फायदे हैं । आइये इन्हें जानते हैं –

  • इससे हमारे अन्दर मोटिवेशन पैदा होता है ।
  • हमारे आसपास के लोगों को इससे प्रेरणा मिलती है ।
  • आप अपनी लाइफ को खुलकर जी सकते हैं ।
  • तनाव को खत्म करने में सहायक है ।
  • लोग आपको पसंद करने लगते हैं, सभी आपसे जुड़ना चाहते हैं ।
  • लोगों की आपके प्रति रेस्पेक्ट और वफ़ादारी बढ़ने लगती है ।
  • प्रॉब्लम सॉल्व होने लगता है ।
  • सम्बन्धों में सुधार आता है ।
  • आप अपने अनुसार माहौल तैयार कर सकते हैं ।
  • प्रॉफिट बढ़ने लगता है ।

नकारात्मक नजरिये से इसका ठीक उल्टा Result मिलता है । आइये इन्हें देखते हैं –

  • परेशानी से घिरे रहते हैं ।
  • खुद नाराज होते हुए दूसरों को भी नाराज करते हैं ।
  • हेल्थ की हालत बिगड़ी रहती है ।
  • तनाव बढ़ाते जाते हैं और बात-बात पर गुस्सा करने लगते हैं ।
  • जिंदगी में कोई मकसद नहीं रहता, बस यूँही जिंदगी गुजरती जाती है ।

हम सभी को पता है कि नकारात्मक नजरिया हमारी सफलता में सबसे बड़ी रुकावट का काम करती है इसके बावजूद हम इससे चिपके रहते हैं । हम बदलाव से डरते हैं इसलिए चीजें नहीं बदलती । हम जैसे है वैसे रहना ही पसंद करते हैं, एक गरीब व्यक्ति चाहे तो बहुत अमीर बन सकता है लेकिन वो खुद अपनी लाइफ में बदलाव लाना नहीं चाहता क्योंकि बदलाव में तकलीफें शामिल होती हैं । तकलीफों से हमें तनाव हो सकता है, इसलिए ज्यादातर आदमी रिस्क लेकर कुछ बड़ा नहीं करना चाहता । वो जैसा है वैसे ही रहना चाहता है और अपनी लाइफ को कोसते हुए अपना जीवन काटना चाहता है ।

कड़ी मेहनत Hard Work

भाग्य? मैं भाग्य के बारे में कुछ नहीं जानता । मैंने इस पर कभी भरोसा नहीं किया , और जो लोग इस पर ऐतबार करते हैं , मुझे उनसे डर लगता है । मेरे लिए भाग्य का मतलब है कड़ी मेहनत , और अवसर की पहचान ।

-लुसिल बाल

आप मेहनत करें लेकिन स्मार्ट तरह से  । जितने भी लोगों ने सफलता पाई है वे सभी अपनी सक्सेस का क्रेडिट कड़ी मेहनत को ही देते हैं । Hard Work का मतलब स्मार्ट तरीके से अपने गोल्स के प्रति लगकर काम करते रहना है जब तक कि सफलता न मिल जाए । जो व्यक्ति मेहनत करने से जी-चुराता है वह कभी भी अपने मंजिल तक नहीं पहुँच सकता । अगर आप कड़ी मेहनत करते जा रहे हैं, अपने काम के प्रति ईमानदार हैं तो धैर्य बनाये रखिये क्योंकि कड़ी मेहनत कभी बेकार नहीं जाती ।

किसी वृक्ष को काटने के लिए आप मुझे छ: घंटे दीजिये और मैं पहले चार घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा ।
– Abraham Lincoln

याद रखिये आपको कड़ी मेहनत करनी है लेकिन स्मार्ट तरह से तभी आप सफल हो सकते हैं ।

जरूर पढ़ें :  कड़ी मेहनत (Hard Work) – Life Changing Hindi Article

प्रेरणा

प्रेरणा हमारी सफलता का आधार है, यदि हमारे अन्दर प्रेरणा नहीं है तो हम जीते जी मुर्दे के समान हैं । इसी के कारण हम आगे बढ़ रहे होते हैं । लाइफ को बेहतर बनाने के लिए हमें हर दिन खुद को प्रेरित करना होता है । जब हम खुद को और दूसरों को प्रेरित करते हैं तब हम अपनी मंजिल तक पहुँच रहे होते हैं और हमारे अन्दर के मोटिवेशन के कारण ही हम वो बन पाते हैं जो हम बनना चाहते हैं इसलिए अपने आपको अन्दर से Inspire कीजिये ताकि आप छोटी शुरुआत से बड़े तक का सफ़र तय कर सकें ।

What is Motivation – प्रेरणा क्या है ?

Positive Motivation से क्या समझते हैं ?

Motivation Vs Inspiration in Hindi

डिप्रेशन

डिप्रेशन एक ऐसी स्थिति है जिसे हमारे खुद के द्वारा बनाया जाता है । बीमार, मायूस या दुखी होने से हमें किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं होता, जबकि खुश और आनंदित रहने में ही फायदा है । यदि आप बार-बार गुस्सा करते हैं और फिर नॉर्मल हो जाते हैं तो एक दिन ऐसी स्थिति भी आएगी जब नॉर्मल होने के लिए काफी सारी तकलीफों का सामना करना पड़ेगा । मैं आपको डरा नहीं रहा बल्कि सच्चाई से रूबरू करा रहा हूँ । हम जानबूझकर गुस्सा करते हैं, गुस्सा को बढ़ाते जाते हैं और खुद ही चुनाव करते हैं किसी डॉक्टर के पास जाने की । जब हमारे ऊपर थोड़ा-सा प्रेशर आता है तब हम खुद को तनाव से जोड़ लेते हैं । डिप्रेशन में आना अभी के समय में आम बात हो चुकी है क्योंकि शायद लोग इसी में खुश रहना पसंद करते हैं, हाँ खुश शब्द का इस्तेमाल इसलिए करूँगा क्योंकि लोग गुस्सा करना, तनाव से घिरे रहना और इन सबके कारण बीमार होना चाहते हैं ।

एक्चुअल में बचपन से ही हम ऐसे माहौल में बड़े होते हैं जहाँ ख़ुशी को कम और बीमारी को ज्यादा अहमियत दी जाती है । याद कीजिए जब आप छोटे थे और ख़ुशी से उछल-कूद करते हुए कितनी मस्ती करते थे लेकिन बड़े लोग आपको चुप कराकर शांत कर देते थे और आपकी ख़ुशी पर कोई ध्यान नहीं देता था । लेकिन जब आप बीमार पड़ते थे तब वही बड़े लोग आपकी देखभाल में लग जाते थे और आपको उस दिन स्कूल भी नहीं जाना पड़ता था।

एक तरह से आप शारीरिक रूप से बीमार पड़ने की कला को सीख लेते हैं । और जब आप बड़े होते हैं, आपकी शादी होती है उसमें भी यदि आप घर के किसी कोने में थोड़ा-सा उदास बैठ जाते हैं या रूठ जाते हैं तो आप सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने लग जाते हैं । जब आप बार-बार ऐसा करते हैं तो यह आपकी आदत बन जाती है ।

एक बात याद रखिए, आप दुखी हो रहे हैं, गुस्सा कर रहे हैं और मानसिक रूप से खुद को बीमार कर रहे हैं तो इससे आपको किसी भी तरह से कोई फायदा नहीं मिलने वाला । अपने दिमाग को गरम रखकर या तनाव में रहकर आप कभी सफल नहीं हो सकते, यदि आपको सफल होना है तो अवसाद को अपनी लाइफ से हमेशा के लिए Good Bye कहना होगा । रिलैक्स रहिये, और धीरे-धीरे आगे बढिए क्योंकि आपका शांत दिमाग ही आपको एक अच्छा इंसान बना सकता है ।

खुद को Motivate करने के 5 आसान तरीके – SELF MOTIVATION

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दोस्तों,  नजरिया, कड़ी मेहनत, प्रेरणा और डिप्रेशन पर हमें Short में लिखना था, इसलिए हम ज्यादा Deeply नहीं लिख रहे । लेकिन जल्दी ही हम नजरिया और डिप्रेशन पर डिटेल जानकारी यहाँ शेयर करेंगे ताकि हम हर रोज खुद को बेहतर बनाते हुए आगे बढ़ सकें ।

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ज़िम्मेदारी Short Motivational Speech in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a5%9b%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-short-motivational-speech-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a5%9b%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-short-motivational-speech-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 25 Oct 2018 05:09:38 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1948 ज़िम्मेदारी Short Motivational Speech in Hindi दोस्तों, उन्नति का द्वार खोलने के लिए बस एक चाबी की जरूरत होती है । वह चाबी है- ज़िम्मेदारी । जब आप ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हैं तब आप अपने सफलता का द्वार खोल रहे होते हैं । ज़िम्मेदारी कबूल करने वाला व्यक्ति कभी भी हाथ-पर-हाथ धरे नहीं बैठता, वो कभी भी इस इंतजार में नहीं बैठता कि बिना कुछ किये उसकी जिंदगी बेहतर हो जाएगी। ज़िम्मेदारी उठाने वाला व्यक्ति अपनी तक़दीर खुद लिखता है, […]

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ज़िम्मेदारी Short Motivational Speech in Hindi

दोस्तों, उन्नति का द्वार खोलने के लिए बस एक चाबी की जरूरत होती है । वह चाबी है- ज़िम्मेदारी । जब आप ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हैं तब आप अपने सफलता का द्वार खोल रहे होते हैं । ज़िम्मेदारी कबूल करने वाला व्यक्ति कभी भी हाथ-पर-हाथ धरे नहीं बैठता, वो कभी भी इस इंतजार में नहीं बैठता कि बिना कुछ किये उसकी जिंदगी बेहतर हो जाएगी। ज़िम्मेदारी उठाने वाला व्यक्ति अपनी तक़दीर खुद लिखता है, वह अपने काम को ईमानदारी के साथ पूरा करता है जिससे उसे Satisfaction और ख़ुशी दोनों मिलती है। हम सब अपनी लाइफ में बहुत सारी गलतियाँ करते हैं लेकिन जो व्यक्ति अपनी ज़िम्मेदारियाँ समझता है या Responsibility लेता है, वो अपनी गलतियाँ कभी भी दूसरों पर नहीं थोंपता, किसी दुसरे पर Blame नहीं डालता, बल्कि अपनी गलतियाँ कुबूल करता है, और उन्हें कभी न दुहराने की सीख लेता है। इस दुनिया में जितने भी Negative लोग हैं और जो अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ाते हैं, उनके साथ जब भी कुछ बुरा होता है तब वे दूसरों पर ही इल्जाम लगाते हैं । ज्यादातर लोग कुछ अच्छा होने पर तुरंत Credit ले लेते हैं मगर बहुत कम लोग ही ऐसे होते हैं जो खुद से गलती होने पर अपनी ज़िम्मेदारी Accept करते हैं।

Image Credit : pixabay.com

अपनी Responsibility समझने वाला व्यक्ति कभी भी दूसरों पर इल्जाम नहीं लगाता । आपने बहुत से लोगों को देखा होगा जब वे खुद के साथ कुछ भी गलत हो जाने से दूसरों पर जैसे –अपने माता-पिता, दोस्तों, भगवान, रिश्तेदारों, ग्रह-नक्षत्र, गुरू, भाग्य इन सबको ब्लेम करने लगते हैं । ऐसे लोग बहुत खतरनाक होते हैं क्योंकि ये लोग हर काम में शॉर्टकट की तलाश करने वाले होते हैं । यदि उन्हें सफल होना है तो वो कोई शॉर्टकट की तलाश करेंगे, बस मन में ही बड़े-बड़े सपने बुनते नजर आएँगे लेकिन जब उन्हें कुछ करने के लिए कहा जाएगा तब इसके लिए वो न कोई स्टेप लेंगे या अपनी ज़िम्मेदारी को समझेंगे । ज़िम्मेदारी कबूल करने वाला व्यक्ति सिर्फ सपने नहीं देखता, उन सपनों को जीता है, उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर देता है । लेकिन जो अपनी Responsibility नहीं समझते वो बस शिकायत करते और किसी कोने में बैठे रोते हुए नजर आते हैं या गली-मुहल्ले में Time Pass करते दिख जाते हैं । हम तभी इस देश का एक अच्छा नागरिक बन सकते हैं जब हम अपना बोझ खुद उठाने के लिए तैयार हों । जब हमें कोई काम सौंपा जाता है और हम उसे किसी दुसरे को करने के लिए कहते हैं, वो दूसरा किसी तीसरे को और वो तीसरा किसी चौथे को, तब वह काम बस गोल-गोल घूमता रहेगा, न कभी पूरा हो पाएगा और न ही वो लोग कभी सफल हो पाएँगे जो अपनी ज़िम्मेदारी दूसरों के कन्धों पर ही डालते नजर आएँगे । यदि आप महान बनना चाहते हैं तब अपनी ज़िम्मेदारी की कीमत को समझें । अपना बोझ खुद उठाने के लिए तैयार रहें न कि दूसरों पर ब्लेम डालते नजर आएं । एक अच्छा इंसान कभी भी अपने कामचोरी या निकम्मेपन से अच्छा नहीं बनता बल्कि अपनी Responsibility समझने से बनता है ।

चलिए एक छोटी-सी कहानी से इसे आगे बढ़ाते हैं

रामू एक चौकीदार था और रात में पहरा देने का काम किया करता था । रामू के बारे में ऐसी मान्यता थी कि वह जो भी सपना देखता वो सच हो जाता था । उसका मालिक व्यापार के सिलसिले से हर हप्ते बस से यात्रा करता था । एक सुबह मालिक यात्रा पर जाने के लिए तैयारी कर रहा था तभी रामू वहां पहुंचा और मालिक से बोला, ‘कृपया आप दुसरे दिन व्यापार के सिलसिले में बाहर जाएं शायद आज बस में दुर्घटना हो सकती है।‘ उस दिन मालिक ने अपनी यात्रा पर न जाने का फैसला किया और रामू ने जैसा कहा था ठीक वैसा ही हुआ, बस एक पेड़ से जा टकराई ।

मालिक को जब इस बात का पता चला, उसने रामू को फ़ौरन बुलाया और उसे मुंह मांगी इनाम दी । साथ ही उसनें रामू को नौकरी से निकाल दिया ।

क्या आप जानते हैं कि रामू को नौकरी से क्यों निकाला गया? क्योंकि रामू एक चौकीदार था और उसे रात में जागकर पहरा देने का करना होता था लेकिन वह रात में सो जाता और सपने देखा करता था । वो अपनी ज़िम्मेदारी नहीं समझ रहा था, इसीलिए उसे अपनी नौकरी से हाथ-धोना पड़ा।

दोस्तों हमें अपनी ज़िम्मेदारी को समझना होगा, ईमानदारी के साथ अपना काम करते हुए आगे बढ़ना होगा, जब हम ज़िम्मेदारी उठाएंगे तभी हम आगे बढ़ पाएंगे । हर व्यक्ति जब अपनी ज़िम्मेदारी को समझेगा, जब दूसरों पर गलतियाँ थोंपना बंद करेगा तभी हम और हमारा देश आगे बढ़ेगा ।

जब देश का हर नागरिक, ज़िम्मेदारी का बोझ अपने कन्धों पर उठाने के लिए तैयार होगा तब हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता ।

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Motivation Vs Inspiration in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/10/motivation-vs-inspiration-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/motivation-vs-inspiration-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 24 Oct 2018 12:44:55 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1945 Motivation Vs Inspiration in Hindi Motivation और Inspiration एक ही सिक्के के दो अलग-अलग पहलु हैं । हम लोगों की लाइफ में सब कुछ सही चल रहा होता है और अचानक जब हमारे साथ कुछ बुरा होने लगता है तो हम दुखी हो जाते हैं और शिकायत की एक लम्बी लिस्ट लिए अपनी लाइफ को कोसने लगते हैं । उस समय हमें एक प्रेरणा की जरूरत होती ताकि हम अपनी लाइफ को फिर से बेहतर बना सकें । जिसके लिए […]

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Motivation Vs Inspiration in Hindi

Motivation और Inspiration एक ही सिक्के के दो अलग-अलग पहलु हैं । हम लोगों की लाइफ में सब कुछ सही चल रहा होता है और अचानक जब हमारे साथ कुछ बुरा होने लगता है तो हम दुखी हो जाते हैं और शिकायत की एक लम्बी लिस्ट लिए अपनी लाइफ को कोसने लगते हैं । उस समय हमें एक प्रेरणा की जरूरत होती ताकि हम अपनी लाइफ को फिर से बेहतर बना सकें । जिसके लिए हम कुछ Videos देखते हैं, बुक्स पढ़ते हैं या कहीं से कुछ भी ऐसा मिले जो हमें प्रेरित करे उसके लिए Motivation की तलाश करते हैं । जब हमें कहीं से मोटिवेशन मिलता है तो हम खुद को चार्ज्डअप महसूस करने लगते हैं । लेकिन मोटिवेशन खुद को चार्ज्डअप करने का एक Temporary Solution है जबकि Inspiration Permanent… जब आप कोई अच्छी मूवी देखते हैं, या कोई विडियो देखते हैं और वो देखने के बाद आपकी निराशा गायब हो जाती है, आप अच्छा महसूस करने लगते हैं तो उसे हम सब मोटिवेशन बोलते हैं। Inspiration इससे थोड़ा अलग है । आपकी लाइफ में बड़ी से बड़ी प्रॉब्लम है, आप बहुत बुरा महसूस कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद आप रुक नहीं रहे, आगे बढ़ते ही चले जा रहे हैं । आप वो काम कीजिये जिसमें आपको मजा आता है फिर उस काम को करने के लिए आपको किसी तरह के मोटिवेशन की जरूरत नहीं । आप जिस भी काम को कर रहे हैं, उस काम के बारे में आपकी सोच जितनी गहरी होती चली जाती है उतना ही आप खुद को Inspire महसूस करने लगते हैं । आप अपनी बुद्धिमत्ता को स्ट्रोंग बनाते जाएं, आप जहाँ से भी कुछ देखें, पढ़ें या सुनें उसे मोटिवेशन लेने के उद्देश्य से न लें बल्कि अपनी लाइफ को आप और भी बेहतर कैसे बना सकते हैं यही देखें । जब आप खुद को मोटिवेट करने के लिए कुछ देखते हैं तो वह थोड़ी देर के लिए तो आपको प्रेरित कर सकता है लेकिन जल्दी ही इससे आपका जोश ठंडा पड़ जाएगा । मोटिवेशन थोड़े टाइम के बाद ठंडा हो जाता है और आप फिर से अपनी Lazy Life में वापसी कर लेते हैं ।

 

खुद को Motivation का आदी न बनाएं कि आप अपनी हर प्रॉब्लम से से जूझने के लिए किसी Motivation Source जैसे ऑडियो/विडियो/आर्टिकल का सहारा लें । आपकी पूरी लाइफ ही आपकी सबसे बड़ी Inspiration है, अपनी जिंदगी को समझिये और खुद पर भरोसा रखिये । खुद को Inspire कीजिये और अपनी Inspiration खुद बनिए । जब आप कोई काम बहुत प्यार से करते हैं, आपका पूरा ध्यान उस काम पर होता है तब आप उसे अपनी Inspiration की वजह से कर रहे होते हैं लेकिन जब आप कोई काम बस ख़त्म करने के उद्देश्य से करते हैं तब वहां मोटिवेशन की जरूरत पड़ती है ।

Motivation और Inspiration में इतना ही फर्क है कि

Motivation क्षण भर के लिए है और Inspiration जिंदगी भर के लिए है ।

मोटिवेशन हमेशा किसी न किसी बाहरी स्रोत से हमें मिलता है जबकि Inspiration हमारे अन्दर से आती है । Motivation का उपयोग तब होता है जब हम किसी विशेष तरीके से काम करें और उसे तुरंत करें लेकिन Inspiration से हम कुछ बड़ा हासिल करना चाहते हैं, अपने भविष्य को अपने वर्तमान से बेहतर बनाना चाहते हैं ।

इसको Detail करने के लिए हम इसका दूसरा भाग जल्दी ही प्रकाशित करेंगे जिसमें हम बहुत सी जानकारियों पर प्रकाश डालेंगे ।

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सफलता के लिए सबसे जरूरी क्या है ? https://www.hamarisafalta.com/2018/10/discipline-inspirational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/discipline-inspirational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 22 Oct 2018 18:20:51 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1939 सफलता के लिए सबसे जरूरी क्या है ? दोस्तों, आप सभी जिराफ नाम के भारी-भरकम शरीर वाले जानवर के बारे में जानते ही होंगे । माता जिराफ उसके बच्चे को खड़े-खड़े जन्म देती है । उसका बच्चा माँ की नरम कोख से जमीन पर गिर जाता है और बैठ जाता है । माँ सबसे पहला काम यह करती है कि बैठे हुए बच्चे के पीछे जाकर उसे एक जोरदार ठोकर मारती है । बच्चे के पाँव उस वक्त कमजोर होते […]

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सफलता के लिए सबसे जरूरी क्या है ?

दोस्तों, आप सभी जिराफ नाम के भारी-भरकम शरीर वाले जानवर के बारे में जानते ही होंगे । माता जिराफ उसके बच्चे को खड़े-खड़े जन्म देती है । उसका बच्चा माँ की नरम कोख से जमीन पर गिर जाता है और बैठ जाता है । माँ सबसे पहला काम यह करती है कि बैठे हुए बच्चे के पीछे जाकर उसे एक जोरदार ठोकर मारती है । बच्चे के पाँव उस वक्त कमजोर होते हैं इस वजह से वह लड़खड़ा जाता है और फिर गिर जाता है । उसकी माँ फिर से उसे जोरदार ठोकर मारती है, इससे बच्चा थोड़ी देर के लिए खड़ा होता है और वापिस बैठ जाता है । लेकिन उसकी माँ उसे तब तक ठोकर मारती रहती है जब तक कि वह बच्चा अपने पाँव पर खड़ा होकर चलने नहीं लग जाता । बार-बार ठोकर मारते रहने से वह बच्चा खड़ा होकर्र चलने यहाँ तक कि दौड़ना शुरू कर देता है ।

उसकी माँ ऐसा क्यों करती है? वह इसलिए क्योंकि ऐसा करने से से ही वह बच्चा जिन्दा बच सकता है, यदि उसकी माँ उसे ठोकर नहीं मारेगी तो वह खड़ा नहीं हो पाएगा, जिससे दुसरे मांसभक्षी जानवर उसे खा जाएँगे, जिराफ की माँ इस बात को भलीभांति समझती है इसलिए वह ऐसा करती है ।

 

जिंदगी में हमें भी बहुत बार ठोकर खाने को मिलता है, ऐसा लगने लगता है कि मुसीबतें पीछा ही नहीं छोड़ रही । लेकिन सही मायने में जिंदगी हमारा इम्तेहान ले रही होती है । यदि हम ठोकर खाने के बाद बैठे ही रहे तो हम कभी आगे नहीं बढ़ सकते हैं, इसीलिए हमें बार-बार मुश्किलों का सामना करना पड़ता है ताकि हम एक बेहतर जीवन जी सकें ।

हम किसी भी सफल स्टूडेंट की बात करें, उसकी सफलता के पीछे जो सबसे बड़ा सीक्रेट होता है वह है अनुशासन । बिना अनुशासन के कोई भी व्यक्ति सफलता के चरम सीमा तक नहीं पहुँच सकता ।

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बहुत सारे लोगों का सोचना होता कि यह अनुशासन का होना मतलब यह किसी तरह की दिक्कत पैदा करेगा, हमें बंधन में बांधकर रखेगा या कोई चीज हमारे ऊपर थोपी जाएगी । अनुशासन का मतलब ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि यह हमसे हमारी आज़ादी छीन लेता है । हमारे ऊपर जितने भी मुसीबतें आती हैं, जिस भी प्रकार की मुश्किलों का हमें सामना करना पड़ता है, उन सभी को अनुशासन की ताकत से ही मिटाया जा सकता है । यदि हम इसका पालन करना सीख जाएँ तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी हमारे सामने न आ सके ।

यदि आप अपने अनुशासन का पालन करते हैं तो इससे दूसरों का नहीं आपका ही फायदा है । उदाहरण के लिए, आपने अपनी लाइफ के लिए कुछ डिसिप्लिन सेट कर दिए, जिसमें आपने अपने हेल्थ के लिए डेली 1 घंटा निकालने का एक टाइम फिक्स कर दिया । अब यदि आप हर दिन अपने सेहत के लिए 1 घंटा दे रहे हैं और नियमित योगासन, मेडिटेशन आदि कर रहे हैं तो बीमारी के द्वारा जो मुसीबत आपके ऊपर आने वाली थी, उससे आप बच सकते हैं ।

 

एक लड़का अपने पिताजी के साथ छत पर पतंग उड़ा रहा था, उसने अपने पिताजी से पूछा कि यह पतंग किस वजह से इतनी ऊपर उड़ रही है । पिता ने अपने बेटे से कहा कि यह धागे की वजह से उड़ रही है । लड़के ने फिर प्रश्न किया- लेकिन मुझे तो ऐसा लग रहा है कि धागा इस पतंग को नीचे खिंच रहा है । पिताजी ने इस बार कुछ नहीं कहा और पतंग का धागा तोड़ दिया ।

आप जानते होंगे उस पतंग का क्या हुआ होगा! वह निचे गिर गयी ।

हमारी जिंदगी के मामले में यही बात लागू होती है । कई बार हम जिन चीजों के बारे में ऐसा सोचते हैं कि वे हमें नीचे धकेल रही हैं तो वास्तव में वे हमें ऊपर उड़ने में मदद कर रही होती हैं । अनुशासन ऐसे ही काम करता है ।

आप खुद से पूछकर देखें : क्या अनुशासन के बिना,

एक ड्राईवर अपना बस चला सकता है ?

एक खिलाडी अपने खेल में जीत सकता है ?

एक संगीतकार अपने संगीत में चार-चाँद लगा सकता है?

एक Cook अच्छा खाना बना सकता है ?

बिना अनुशासन के ऐसा बिलकुल भी नहीं हो सकता । सफलता के लिए हम सबकी लाइफ में अनुशासन का होना बेहद जरूरी है ।

मिठाई से भरे एक डिब्बे को यदि आप किसी छोटे बच्चे को देते हैं और उसे सारी मिठाइयाँ एक साथ खाने की इजाजत देते हैं तो जाहिर सी बात है कि वह बच्चा बीमार पड़ जाएगा । लेकिन उसी बच्चे को अनुशासित ढंग से एक-दो मिठाई ही रोज खाने के लिए दी जाए तो वह लम्बे टाइम तक इसका स्वाद ले सकेगा और उसे ज्यादा आनन्द की प्राप्ति होगी ।

आप अपने लाइफ में कुछ भी करना चाहते हों, यदि आप उसमें अनुशासन को शामिल कर देते हैं तब आप जीत जाते हैं लेकिन एक अनुशासनहीन जीवन आपको बर्बाद कर सकता है ।

 

यह लेख You Can Win Book से प्रेरित है ।

Note : इसका एक दूसरा भाग जल्दी ही साईट पर प्रकाशित किया जाएगा।

कृपया इस लेख पर अपने विचार हमें कमेन्ट के माध्यम से बताएं अथवा हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें ।

धन्यवाद 🙂

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कैसे करें एक बेहतर भविष्य का निर्माण ? https://www.hamarisafalta.com/2018/10/how-to-make-better-future-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/how-to-make-better-future-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sun, 21 Oct 2018 12:36:13 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1928 एक बेहतर भविष्य का निर्माण करो दोस्तों, इस दुनिया में बहुत सारे लोग चीजों को पकड़ कर रखना पसंद करते हैं, भले ही उन्हें इससे परेशानी ही क्यों न होती हो! आपसे किसी ने कुछ कह क्या दिया, आप तुरंत ही एक्ट करना शुरू कर देते हैं । हम लोग अपने Past से इतने चिपके हुए हैं कि अपने Present को भी नहीं देख रहे । Image Credit : pixabay.com एक छोटी सी कहानी के साथ इस पोस्ट को आगे बढ़ाते […]

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एक बेहतर भविष्य का निर्माण करो

दोस्तों, इस दुनिया में बहुत सारे लोग चीजों को पकड़ कर रखना पसंद करते हैं, भले ही उन्हें इससे परेशानी ही क्यों न होती हो! आपसे किसी ने कुछ कह क्या दिया, आप तुरंत ही एक्ट करना शुरू कर देते हैं । हम लोग अपने Past से इतने चिपके हुए हैं कि अपने Present को भी नहीं देख रहे ।

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एक छोटी सी कहानी के साथ इस पोस्ट को आगे बढ़ाते हैं :

रामू और श्यामू दो अच्छे दोस्त थे, दोनों का व्यापार खूब फल-फूल रहा था, तभी अचानक श्यामू के एक कारखाने में आग लग गयी और उसका बहुत नुकसान हो गया । उस दिन के बाद से श्यामू बहुत परेशान रहने लगा । उसकी परेशानी के कारण उसके दुसरे व्यापार में भी वह ठीक से ध्यान नहीं दे पा रहा था । और ज्यादातर वह उदास रहने लगा था । जब रामू को इस बात का पता चला तो वह फ़ौरन उसके पास गया । और श्यामू से बोला, “तुम्हें फिर से एक नई शुरुआत करनी चाहिए, ऐसे उदास बैठे रहने से क्या हाथ लगेगा!” श्यामू इस तरह की कोई भी बात समझने के लिए तैयार नहीं था और वह निराशा से ही घिरा रहना चाहता था ।

तभी रामू उसके सामने पानी से भरा एक गिलास लेकर आया, और उसे समझाते हुए बोला, “देखो श्यामू! मैं इस एक गिलास पानी को अपने हाथ में पकड़ा हूँ तो मुझे थोड़ा भी दर्द नहीं हो रहा है । लेकिन यदि मैंने इसे 1 घंटे तक ऐसे ही पकड़ा रहा तो शायद मेरे हाथों में थोड़ी दर्द होनी शुरू हो जाए और यदि मैं इसे 24 घंटों तक पकड़े रहता हूँ तो शायद मेरा हाथ सुन्न पड़ जाए और मुझे डॉक्टर के पास जाना पड़े । यदि तुम अपने भूतकाल में जो हुआ उन बातों को पकड़कर बैठे रहोगे और सिर्फ उसी के बारे में सोचते रहोगे, तो न तुम वर्तमान में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हो और वर्तमान में अच्छा प्रदर्शन न करने से तुम एक बेहतर भविष्य का निर्माण भी नहीं कर सकोगे । इसलिए तुमने भूतकाल में जो भी गलतियाँ की हैं उन्हें अपने प्रेरणा का स्रोत बनाओ और अपने Past में जो हुआ उसे ही पड़कर बैठे मत रहो, जैसे ज्यादा समय तक गिलास को हाथ में पकड़े रहने से हाथ सुन्न पड़ सकता है ठीक वैसे ही पुरानी बातों को लेकर चिंता करते रहने से तुम्हारा दिमाग सुन्न पड़ जाएगा और तुम आगे कुछ नहीं कर पाओगे ।”

श्यामू अपने दोस्त की बातें ध्यान से सुन रहा था और अब वह समझ चूका था कि भूतकाल का पछतावा लेकर उसे बैठे नहीं रहना, वर्तमान में कुछ करना है और अपने भविष्य को बेहतर बनाना है ।

दोस्तों हम सबकी लाइफ में दो तरह का हमारा Past होता है :

  • बहुत ही बेहतरीन Past.
  • संघर्ष से भरा हुआ Past.

हमेशा याद रखिये, आपका past चाहे कैसा भी हो. Past बस एक Past है । गुजरा हुआ समय कभी भी लौटकर वापिस नहीं आने वाला । हरिवंश राय बच्चन जी ने कहा है, “जो बीत गयी सो बात गयी ।” यदि आप अपने Past से चिपक-कर बैठे हों और सोच रहे हों कि काश इससे मेरा भविष्य अच्छा हो जाए तो वैसा कभी नहीं होने वाला । यदि आप अपने Future को बेटर बनाना चाहते हो तो आपको अपने Present को बेटर बनाना होगा । क्योंकि “आज से ही आप कल का निर्माण करेंगे।”

बहुत सारे स्टूडेंट्स गर्मी की छुट्टी ख़त्म होने के बाद अपने पिछले क्लास के नोट-बुक्स में बचे हुए Pages का इस्तेमाल करते हैं, इसके लिए वे उस नोटबुक के पन्नों को फाड़ देते हैं या जितने pages लिखे हुए थे उन्हें स्टेपलर या टेप से चिपका देते हैं और नए पन्ने से लिखना शुरू करते हैं ।

Same हमें भी अपनी लाइफ में ऐसा ही करना है, हमारा Past चाहे अच्छा हो या बुरा, उसे हमें या तो फाड़ देना है या स्टेपलर कर देना है और नए सिरे से अपने प्रेजेंट पर काम करना है ताकि हम एक बेहतर कल की शुरूआत कर सकें ।

आप अपने Past को नहीं सुधार सकते, अपने भविष्य में नहीं झाँक सकते लेकिन अपने वर्तमान पर आपका पूरा कंट्रोल है । कुछ भी करना चाहते हैं आज कर लें क्योंकि आज किये गये काम से ही आप बेहतर कल या अपने भविष्य का निर्माण करेंगे जो बहुत सुनहरा होगा ।

 

#MotivationQuestionHub : motivation from past to make better future.

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धन्यवाद 🙂

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खुद को Motivate करने के 5 आसान तरीके – SELF MOTIVATION https://www.hamarisafalta.com/2018/10/self-motivation-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/self-motivation-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sun, 21 Oct 2018 06:52:55 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1925 SELF MOTIVATION दोस्तों, कई बार ऐसा होता है जब हम कोई Motivational Video या Inspirational Movie देखते हैं या कोई मोटिवेशनल आर्टिकल पढ़ते हैं तो हम खुद को Charged up महसूस करने लग जाते हैं, उस समय आप खुद से कुछ इस तरह की बातें कहते होंगे – “अब तो कुछ भी हो जाए मुझे भी करना है, मैं अपने लक्ष्य तक पहुँच कर रहूँगा, चाहे कुछ भी हो जाए अब अपना एक मिनट भी बर्बाद नहीं करना, मैं सफल […]

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SELF MOTIVATION

दोस्तों, कई बार ऐसा होता है जब हम कोई Motivational Video या Inspirational Movie देखते हैं या कोई मोटिवेशनल आर्टिकल पढ़ते हैं तो हम खुद को Charged up महसूस करने लग जाते हैं, उस समय आप खुद से कुछ इस तरह की बातें कहते होंगे – “अब तो कुछ भी हो जाए मुझे भी करना है, मैं अपने लक्ष्य तक पहुँच कर रहूँगा, चाहे कुछ भी हो जाए अब अपना एक मिनट भी बर्बाद नहीं करना, मैं सफल होकर रहूँगा…etc..” लेकिन अगली सुबह ही हमने जितनी भी बातें मूवी देखने के बाद खुद से कही थीं वो सब दिमाग से उड़ गया रहता है और हम अपनी Normal Life में वापिस आ जाते हैं । आज मैं आपके सामने 10 ऐसे आसान तरीके शेयर करूँगा जिससे आप हर दिन खुद को मोटिवेट कर सकते हैं और आपका मोटिवेशन पहले की तरह ख़त्म नहीं होगा । इसलिए आगे दिए गये हर स्टेप को ध्यान से पढ़ें और अपनी लाइफ में आगे बढ़ें ।

LIMITED TIME सीमित समय

कोई भी खिलाड़ी अपने Game में पूरे जोश के साथ खेलता है । क्योंकि उसे पता होता है कि उसे एक निश्चित समय पर यह खेल समाप्त हो जाएगा । जैसे क्रिकेटर पूरे मोटिवेशन के साथ खेलते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि उनके पास कितने ओवर का गेम है । यदि एक समय सीमा नहीं रहती तो शायद ही किसी खेल में कोई खिलाड़ी पूरे जोश के साथ खेल पाता ।

हममें से ज्यादा लोगों को लगता है कि हम सभी के पास बहुत समय बचा है, लेकिन ऐसा नहीं है । समय बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है । कल क्या होगा इसके बारे में किसी को नहीं पता ।

यदि आप हर रोज ऐसे जियें जैसे कि ये आपकी जिंदगी का आखिरी दिन है, तो आप किसी न किसी दिन सही साबित हो जायेंगे ।

अगर ये  मेरी जिंदगी का आखिरी दिन होता तो क्या मैं आज वो करता जो मैं करने वाला हूँ?

और जब भी लगातार कई दिनों तक जवाब “नहीं” होता है, मैं समझ जाता हूँ कि कुछ बदलने की ज़रूरत है. इस बात को याद रखना कि मैं बहत जल्द मर जाऊँगा मुझे अपनी life के बड़े decisions लेने में सबसे ज्यादा मददगार होता है । क्योंकि जब एक बार death  के बारे में सोचता हूँ तब सारी expectations, सारा pride, fail होने का डर सब कुछ गायब हो जाता है और सिर्फ वही बचता है जो वाकई ज़रूरी है । इस बात को याद करना कि एक दिन मरना है… किसी चीज को खोने के डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है । आप पहले से ही नंगे हैं, ऐसा कोई reason नहीं है कि आप अपने दिल की ना सुनें ।

स्टीव जॉब्स…

 

हमारे पास उतना टाइम नहीं है जितना हम सोचते हैं और इसे फालतू बर्बाद करते हैं । मैं आपको सच्चाई से रूबरू करवा रहा हूँ । मेरा मकसद आपके दिल को चोट पहुँचाना नहीं है । मैं आपको बस यही बताना चाहता हूँ कि आपने जितने भी सपने देखें, आप जितनी भी चीजें हासिल करना चाहते हैं उसे इस लिमिटेड टाइम के अन्दर हासिल कर लें । अपने काम में फुर्ती बरतें ।

Gary Vaynerchuk जो कि एक NewYork Times Best Selling Author, Speaker और एक बड़े बिजनेसमैन हैं, उनसे एक महिला ने पूछा कि मुझे सिर्फ तीन Words बोलो जो मुझे Motivate कर दें । गैरी ने उस महिला से कहा- You Will Die.

महिला को यह सुनकर थोड़ा अजीब लगा लेकिन वह समझ गयी कि हमारी ज़िन्दगी कभी भी ख़त्म हो सकती है क्योंकि हमारे पास लिमिटेड टाइम है । और हमें अपनी लाइफ में कुछ भी हासिल करना है तो बिना किसी डर के पूरे जोश के साथ इसी लाइफ में अचीव करना है ।

स्टीव जॉब्स की ऊपर लिखी बातें आपको हमेशा इसके लिए मोटिवेट कर सकती है, वो भी हर दिन ।

All is Well

आपने 3 इडियट मूवी देखी ही होगी जिसमें आमिर खान बड़ी से बड़ी प्रॉब्लम को Face करने के लिए All is Well को उसका Solution बताते हैं । जब भी आप दुखी या निराश हों तो खुद को झूठी तसल्ली देते हुए ये कहो, मैं बहुत खुश हूँ और सब ठीक है । और जब आप बुरी से बुरी परिस्थिति में खुद के लिए अच्छी बातें करते हो, भले ही आपको खुद से झूठ ही क्यों न बोलना पड़े तब आप अपने दिमाग को पॉजिटिव सिग्नल भेज रहे होते हो । जिस दिन आप अपने माइंड के खेल को समझ जाओगे उस दिन से आपकी लाइफ में सब कुछ सही होना शुरू हो जाएगा ।  हमें अपने दिमाग को उल्लू बनाकर रखना होता है, बुरी से बुरी परिस्थिति में भी यदि आप मुस्कुराते हो तो आप पहले से बेटर फील करना शुरू कर देते हो । ठीक इसी तरह से जब आप खुद से झूठ बोलकर ही सही लेकिन ऐसी बातें करते हो जैसे – मैं कर सकता हूँ, मेरे अन्दर बहुत मोटिवेशन है, मेरे अन्दर साहस की कोई कमी नहीं है, और मैं अपने मंजिल तक पहुंचकर ही रहूँगा और ऐसी बातें बोलकर जब आप अच्छा महसूस करना शुरू करते हैं और उस पर विश्वास करना शुरू कर देते हैं तब आप खुद को मोटिवेट रख सकते हैं । झूठ बोलना सही नहीं है लेकिन जब आपको खुद से झूठ बोलकर कुछ अच्छा महसूस हो सकता है तो आप All is Well के फ़ॉर्मूला का इस्तेमाल करो । आप ऐसा तब तक कर सकते हैं जबतक कि यह Reality नहीं बन जाता । यदि आपको पॉजिटिव रिजल्ट पाना है, खुद को मोटिवेट रखना है तो All is Well नियम को अपनी लाइफ में अप्लाई करना शुरू कर दो ।

Focus is Everything

जब आप कुछ गोल सेट करते हैं और उसे पूरा करने के लिए ठान लेते हैं तब आपके सामने बहुत सारी मुश्किलें पैदा होनी शुरू हो जाती हैं । क्योंकि प्रकृति का नियम ही ऐसा है, आपको मुश्किलों को पार करके ही आगे बढ़ना होता है ।

आपने बचपन में Lens का जरूर इस्तेमाल किया होगा । जब हम उसे कागज़ के एक हिस्से पर फोकस करते हैं तो थोड़ी ही देर में वह आग पकड़ लेता है और जलने लगता है । यदि आप उस लेंस को कागज की एक ही जगह पर टिकाकर नहीं रखेंगे या लेंस को कागज के एक हिस्से से दुसरे हिस्से तक करते रहेंगे तो कागज़ नहीं जलेगा । मतलब यदि आपको कागज को जलाना है तो उस पर फोकस रखना होगा ।

हम सभी अपनी लाइफ में फोकस नहीं रहते । कोई लक्ष्य बनाने के बाद हमारा ध्यान बार-बार मुश्किलों पर जाता रहता है, हम बार-बार ध्यान भटकाने वाली चीजों पर ही गौर करते हैं इसलिए हमारा मोटिवेशन खत्म हो जाता है ।

मान लीजिए आपको अमीर बनना है, आपने सोचा है कि आपको बड़ी-बड़ी गाड़ी में घूमना है, हवाई जहाज में सफ़र करना है, एक बड़ा घर लेना है, बिजनेस को फैलाना है etc… लेकिन आप उसे हासिल करने के बारे में कम और उसे हासिल करने में आने वाली परेशानियों के बारे में ज्यादा सोचेंगे, अपने फेलियर या नेगेटिव चीजों के बारे में सोचेंगे… जिस कारण आपका मोटिवेशन खत्म हो जाता है ।

अपना पूरा फोकस उसी पर रखिये जिसे आप पाना चाहते हैं, मतलब मेहनत करने के बाद आपको क्या आउटकम मिलेगा उसके बारे में ही सोचते रहिये । ज्यादा से ज्यादा पॉजिटिव चीजों के बारे में सोचिये, उसी पर फोकस कीजिये न कि उन चीजों पर जो आपको Negative Feel कराये । क्योंकि Focus is Everything…

Stay Hungry Stay Foolish

याद कीजिये, जब आप बहुत भूखें होते हैं, इतने भूखे कि आपको किसी और काम में मन नहीं लग रहा होता, बस आप सिर्फ और सिर्फ खाने के बारे में सोच रहे होते हैं ।  इसी चीज को यदि आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए अप्लाई कर देते हैं तो आप सफल जाएँगे । मतलब अपने लक्ष्य को पाने के लिए आप भूखे रहिये । इतने भूखे कि अपने टारगेट्स के अलावा आपको कुछ भी नजर न आए और अपने लक्ष्य को पाने के अलावा आपको कुछ भी करने का मन न करे । अपने लक्ष्य के बारे में ही सोचते रहो, उसे पाने के एक्शन लेते रहो । ये चीजें आपको हमेशा मोटिवेट करती रहेंगी ।

जिस दिन आप सोचने लगते हैं कि आप सब कुछ जानते हैं उस दिन से आपके सीखने की क्षमता कम होने लगती है और आप कुछ नया भी नहीं सीख पाते । इसलिए कुछ नया सीखना है तो अपने दिमाग को खाली कर आएं, खुद को सबसे बड़ा विद्वान समझने की गलती मत करें क्योंकि अभी भी बहुत सारी चीजें सीखनी बाकी है । कुछ न कुछ नया सीखते रहें इससे आप अपने अन्दर के मोटिवेशन को आग देने का काम करते हैं ।

छोटे स्टेप्स बड़े फायदे

हममे से ज्यादातर लोग इसलिए जल्दी हार मान लेते हैं क्योंकि हम हमेशा बड़े लक्ष्य सेट करते हैं । हमेशा छोटी शुरुआत के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करें. छोटे-छोटे स्टेप्स उठायें ।

आपने कोई न कोई विडियोगेम जरूर खेला होगा, या आप अपने मोबाइल पर गेम खेलते होंगे, क्या आपने कभी उसमें देखा है कि सबसे टफ स्टेप सबसे शुरू में आता है ।

हर एक गेम में स्टार्टिंग का पहला लेवल सबसे आसान होता है, उसके बाद हर एक लेवल में हमें थोड़ी-बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है और धीरे-धीरे हम जीतते चले जाते हैं । लेकिन हम इसे अपनी जिन्दगी से नहीं जोड़ पाते । स्टार्टिंग से ही बड़े लेवल का लक्ष्य सेट मत कीजिए । छोटी शुरुआत के साथ बड़े बनिए ।

इसके लिए एक नोटबुक बना लें जिसमें आपको अपने हर छोटे से बड़े काम को लिखना होगा । आप अपने छोटे लक्ष्य सी बड़े लक्ष्य को इसमें लिख सकते हैं और एक एक टारगेट पूरा होने पर उसे टिक कर सकते हैं । इससे आपको बहुत मोटिवेशन मिलेगा और आप अपने एक-एक लेवल को जीतते चले जाएंगे ।

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आपका रोल मॉडल कौन है? Role Model & Motivation in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/10/role-model-motivation-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/role-model-motivation-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 20 Oct 2018 12:29:16 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1922 आपका रोल मॉडल कौन है? दोस्तों, क्या आपको भी अपने स्कूल, कॉलेज या घर पर आपके टीचर या रिश्तेदार ने कुछ ऐसा सवाल पुछा है – बड़ा होकर क्या बनेगा? तुम्हारा रोल मॉडल कौन है ? तुम किसे अपना आदर्श व्यक्ति मानते हो? Etc… आप अपनी लाइफ में क्या बनना चाहते हैं उसका Direct Connection आपके रोल मॉडल या आपके आदर्श व्यक्ति से है । मैंने बहुत से ऐसे लोगों को देखा है या मेरे स्कूल के कुछ ऐसे दोस्त […]

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आपका रोल मॉडल कौन है?

दोस्तों, क्या आपको भी अपने स्कूल, कॉलेज या घर पर आपके टीचर या रिश्तेदार ने कुछ ऐसा सवाल पुछा है – बड़ा होकर क्या बनेगा? तुम्हारा रोल मॉडल कौन है ? तुम किसे अपना आदर्श व्यक्ति मानते हो? Etc…

आप अपनी लाइफ में क्या बनना चाहते हैं उसका Direct Connection आपके रोल मॉडल या आपके आदर्श व्यक्ति से है ।

मैंने बहुत से ऐसे लोगों को देखा है या मेरे स्कूल के कुछ ऐसे दोस्त हैं जिनसे, “बड़ा होकर क्या बनेगा? तुम्हारा रोल मॉडल कौन है ?” ऐसे सवाल करने पर उनसे जवाब मिलता है – “अभी तो UPSC की तैयारी चल रही है, तो किसी भी पद में एक बड़ा अधिकारी बनना है।” “तू तो जानता है मेरी लाइफ का रोल मॉडल हमेशा से मेरे पापा हैं।”

ज्यादातर लोगों के मिलते जुलते जवाब होते हैं, कोई कहता है मैं डॉक्टर बनूंगा, मैं इंजीनियर, तो कोई मैं एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन । लेकिन जब बात अपने रोल मॉडल की आती है तो ज्यादातर का एक ही जवाब होता है, मेरे पापा ।

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सब लाइफ में कुछ न कुछ बड़ा सोच रहे हैं, बड़ा करना भी चाहते हैं लेकिन जो चीज वो सोच रहे हैं उसके according उनका रोल मॉडल एकदम ही अलग है ।

मैं इसे एक Example देकर आपको समझाना चाहता हूँ –

आपका लक्ष्य है कि आप एक बहुत बड़ा बिजनेस खड़ा करना चाहता हैं और एक अमीर व्यक्ति बनना चाहता हैं लेकिन आपके सामने, आपके माता-पिता रोल मॉडल हैं जो कि बहुत गरीब व्यक्ति हैं और एक-एक रूपये जोड़कर घर का खर्च निकाल रहे हैं और आपको मुश्किल से पढ़ा रहे हैं ।

अब यदि आप अपने माता-पिता को अपना आदर्श मानकर आगे बढ़ेंगे तो यकीनन आप भी अपने माइंड में गरीबी का ही बीज बोयेंगे । और आप भले ही अपने माता-पिता से थोड़ा ज्यादा पैसे कमा लें लेकिन आप भी गरीबी की जिंदगी जीते हुए ही मर जाएंगे ।

यदि आपका लक्ष्य अमीर बनना या एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन बनना है तो जाहिर सी बात है कि आपको मुकेश अम्बानी, बिल गेट्स, जैक मा, जेफ़ बेजोस, जैसे लोगों को अपना आदर्श बनाना होगा । जो बहुत अमीर हैं, बिजनेस के मामले में एक्सपर्ट हैं, जिनसे आप कुछ सीख सकते हैं उन्हें आप आदर्श बना सकते हैं ।

यदि आपका लक्ष्य एक बहुत बड़ा क्रिकेटर बनना है, और आप अपनी माँ को अपना आदर्श मानते हैं जो कि दिन भर किचन में ही व्यस्त रहती हैं तो आप उस फील्ड में कैसे सफल हो सकते हैं ।

महान धनुर्धर एकलव्य ने गुरू द्रोणाचार्य को अपना आदर्श मानकर धनुर्विद्या का ज्ञान प्राप्त किया था यदि उन्होंने किसी चरवाहे को अपना आदर्श व्यक्ति समझा होता तो वे कभी भी धनुर्विद्या का ज्ञान प्राप्त नहीं कर पाते।

यदि आपको कोई बड़ा अधिकारी बनना है, डॉक्टर बनना है, तो उस फील्ड के एक्सपर्ट को आप अपना आदर्श बनाकर आगे बढ़ें । यदि आप अपने मजदूर पिता जो संघर्ष करके मजदूरी कर रहे हैं उन्हें अपना आदर्श बनायेंगे तो आप भी मजदूरी ही कर सकते हैं ।

मैं किसी भी तरह से किसी व्यक्ति के दिल को ठेस नहीं पहुंचा रहा हूँ, मैं आपके माइंड को क्लियर करना चाहता हूँ कि उसे ही अपना आदर्श बनाएं जो उस क्षेत्र में सफल है और जिससे आप भी बहुत कुछ सीख सकते हैं । उसके संघर्ष को देखें, उनकी गलतियों से सीखें और उन्हें Follow करें ।

जब आपका लक्ष्य और आपके माइंड में बनाया गया आपका रोल मॉडल Match होगा तभी आप अपनी मंजिल की तरफ बढ़ सकते हैं । आपको यह देखना होगा कि आप जिस क्षेत्र के बारे में सोच रहे हैं या जैसे करने की सोच रहे हैं, वहां पहले से सफल हो चुके लोगों ने किन बड़ी चुनौतियों का सामना किया है, वे वहां तक कैसे पहुँचे, वो कैसे जीरो से हीरो बनें ! ये सब बातें आपको आगे बढ़ने में हेल्प करेंगी ।

रोल मॉडल क्यों जरूरी है

जब आप आगे बढ़ रहे होते हैं, तब तरह-तरह की मुश्किलें सामने आती हैं, कई बार आपको लगने लगता है कि अब आपसे नहीं हो पाएगा, और आप अपने कदम बढ़ाना बंद कर लेते हैं, हार मानने लगते हैं तब आपका रोल मॉडल ही आपको दिशा देगा, आपका हौसला बढ़ाएगा । क्योंकि जिस रास्ते पर आप चल रहे होते हैं, उस रास्ते से ही गुजरकर वह आगे बढ़ा है । वो आपको गाइड करेगा कि आप कैसे अपनी मंजिल तक पहुँच सकते हैं । आपके अन्दर आत्मविश्वास भरने के लिए उसके पास संघर्ष से सफलता तक का सफ़र होगा, जिसे देखकर आप भी नहीं रुकेंगे ।

रोल मॉडल बनाने में गलती न करें

यदि आप किसी गलत व्यक्ति को अपना रोल मॉडल बनाते हैं, तो आपकी लाइफ भी वैसी ही बनेगी जैसी आपके रोल मॉडल की है । कोई व्यक्ति उस क्षेत्र में खुद सफल नहीं है और आपको उस क्षेत्र में सफलता दिलाने की बात कर रहा है या चीजों को गलत तरीके से आपके सामने रख रहा है तो आप बुरी तरह से फँस सकते हैं । इसलिए आप जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं या आपने जो लक्ष्य बनाया है उसी क्षेत्र के सबसे पावरफुल और सक्सेसफुल आदमी को अपना आदर्श बनाकर आगे बढ़ें तभी आप चीजों को समझ सकते हैं और सफल हो सकते हैं ।

 

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शिक्षकों पर 15 Motivational Status https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-15-motivational-status.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-15-motivational-status.html?noamp=mobile#respond Sat, 20 Oct 2018 07:15:13 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1906 शिक्षकों पर 15 Motivational Status शिक्षा जीवन में सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है, और शिक्षक अपने छात्रों की ज़िन्दगी पर अपनी शिक्षा के माध्यम से एक बेहतर और स्थायी प्रभाव डालते हैं ताकि स्टूडेंट की लाइफ और भी बेहतर हो सके । मैं एक शिक्षक हूँ मैं खुद को कैसे परिभाषित करता हूँ एक अच्छा शिक्षक कोई ऐसा व्यक्ति नहीं जो अपने बच्चों को जवाब देता है लेकिन वह उनकी जरूरतों और चुनौतियों को समझता है और दुसरे लोगों […]

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शिक्षकों पर 15 Motivational Status

शिक्षा जीवन में सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है, और शिक्षक अपने छात्रों की ज़िन्दगी पर अपनी शिक्षा के माध्यम से एक बेहतर और स्थायी प्रभाव डालते हैं ताकि स्टूडेंट की लाइफ और भी बेहतर हो सके ।

मैं एक शिक्षक हूँ मैं खुद को कैसे परिभाषित करता हूँ एक अच्छा शिक्षक कोई ऐसा व्यक्ति नहीं जो अपने बच्चों को जवाब देता है लेकिन वह उनकी जरूरतों और चुनौतियों को समझता है और दुसरे लोगों को सफल होने में मदद करने के लिए कुछ टूल्स देता है ।

मैं अपने जीने के लिए अपने माता-पिता का शुक्रगुजार हूँ लेकिन बेहतर ढंग से जीने और बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल करने के लिए मैं अपने शिक्षकों का ऋणी हूँ ।

इस दुनिया में शिक्षक ही हैं जो कई साल तक एक ही बात को कहते रहते हैं लेकिन फिर भी वो कभी ऊबते नहीं ।

यदि आप गलतियाँ कर रहे हैं और उस गलती से सीख रहे हैं तो वो गलतियाँ ही आपकी सबसे बड़ी शिक्षक हैं, इसलिए उनसे सीखिये ।

अगर आप किसी की बातें बड़े ही ध्यान से सुन रहे हैं तो वह आपका सबसे अच्छा शिक्षक है ।

ज़िन्दगी में आपने कितनी ही ठोकरें क्यों न खाई हो आपको उसका अनुभव जरूर मिला होगा, अनुभव हमारा परीक्षा पहले ले लेती है लेकिन यह एक शिक्षक बनकर बाद में पाठ पढ़ाती है ।

शिक्षक हमेशा आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं । आपका मनोरंजन करने के लिए वो कभी पीछे नहीं हटते क्योंकि उन्हें पता है कि आप परेशान हैं । वो हँसते-खेलते, आपका मनोरंजन करते आपको बहुत कुछ सीखा जाते हैं और आपको इसका पता तक नहीं चलता ।

असफलता भी हमें बहुत कुछ सीखा जाती है, यह हमारे लिए एक शिक्षक की तरह है । जो हमें बताती है कि असफल होना जीवन का अंत नहीं, यह हमारी जिन्दगी की हार नहीं बल्कि हमारे सीखने की शुरुआत है ।

शिक्षक सिर्फ आपको सिखाते नहीं बल्कि आपकी लाइफ का सबसे कठिन पाठ पढ़ा जाते हैं ।

इस बात को याद रखें कि आपको खुद के दम पर सफल होना है, कोई भी शिक्षक आपको एक दिशा बता सकता है लेकिन वो आपकी जगह परीक्षा में नहीं बैठ सकता है ।

समय कितनी तेजी से बदल रहा है, इतनी तेजी से बदलती दुनिया में यदि आप कुछ नया नहीं सीख रहे हैं तो आपका पीछे होना तय है ।

एक शिक्षक स्टूडेंट को सपने देखने के लिए और उसे पूरा करने के लिए प्रेरित करता है । शिक्षक ही होते हैं जो आपको सपने देखने की हिम्मत देते हैं ।

एक शिक्षक आपको इसलिए पढ़ाता और कुछ नया सिखाता है ताकि आप बिना उस शिक्षक के अपनी मंजिल तक पहुँच सकें ।

आपकी आखिरी गलती पर गौर करें क्योंकि यही आपकी सबसे बड़ी शिक्षक है ।

 

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15 Motivational Quotes For Dussehra in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/10/15-motivational-quotes-for-dussehra-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/15-motivational-quotes-for-dussehra-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 19 Oct 2018 10:09:37 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1899 15 Motivational Quotes For Dusshera in Hindi दोस्तों आज दशहरा के इस पावन पर्व पर हम आपके सामने 15 Motivational Quotes शेयर कर रहे हैं. चलिए आज आप भी अपने अन्दर की एक बुराई को ख़त्म कर दें और अपने अन्दर अच्छाई की बढ़ोत्तरी करें 🙂 इस दुनिया में अच्छाई की ताकत बुराई की तुलना में लाख गुना बड़ी है । बुराई की शक्ति लेकर कोई थोड़ी दूरी तय कर सकता है लेकिन बिना अच्छाई की शक्ति के वह अपनी […]

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15 Motivational Quotes For Dusshera in Hindi

दोस्तों आज दशहरा के इस पावन पर्व पर हम आपके सामने 15 Motivational Quotes शेयर कर रहे हैं. चलिए आज आप भी अपने अन्दर की एक बुराई को ख़त्म कर दें और अपने अन्दर अच्छाई की बढ़ोत्तरी करें 🙂

इस दुनिया में अच्छाई की ताकत बुराई की तुलना में लाख गुना बड़ी है ।

बुराई की शक्ति लेकर कोई थोड़ी दूरी तय कर सकता है लेकिन बिना अच्छाई की शक्ति के वह अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच सकता । व्यक्ति को बुराई का रास्ता छोड़, अच्छाई के रास्तों पर चलने की आदत डाल लेनी चाहिए, तभी वह वहां पहुँच सकता है जहाँ उसे शांति मिलेगी ।

यदि हम दशहरे के इस पावन पर्व पर रावण का पुतला न जलाकर अपने अन्दर के रावण को मारें तो एक दिन सब तरह अच्छाई का ही बोल बोला होगा ।

इस दशहरा हम भी अपने अंदर के घमंड को ख़तम करें, अपने अन्दर के उस रावण का वध करें जो हमें बुरा बनाती है ।

रावण की गलितयों से सीख लेकर हमें श्रीराम के गुणों को अपने अंदर विकसित करना है, हमें श्रीराम की तरह बनना है न कि रावण की तरह ।

बुराई एक दिन में ही ख़त्म नहीं हो जाती इसलिए हम उसे हर साल जलाते हैं लेकिन आज एक प्रण लें कि आप अपने अन्दर की एक बुराई को ख़त्म करेंगे ।

यदि आप किसी चीज में सफल होना चाहते हैं तो यह जरूरी है कि आप अपनी बुराई के स्तर को कम करते जाएँ और अच्छाई के स्तर को बढ़ाते जाएँ ।

बुराई और अच्छाई में जीत हमेशा अच्छाई की होती है, बस आपको धैर्य रखकर आगे बढ़ना होता है।

आइए हम इस शुभ दिन पर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए हम एक साथ आएं और एक साथ सब तरह पॉजिटिविटी फैलाएं ।

यदि हम श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेकर, उनके गुणों को अपने अन्दर विकसित करते हैं तो भगवान की कृपा हमारे ऊपर हमेशा बनी रहेगी ।

दशहरा हमारे जीवन में खराब तत्वों पर विजय पाने एक बहुत बड़ा उत्सव है।

हमारे पास समय है कि हम अच्छाई को जीता सकते हैं क्योंकि दुनिया हमेशा से अच्छाई के शक्ति का उदाहरण देखती आई है । आइये हम एक सच्ची भावना जारी रखें और सच्चाई को spread कराएँ ।

पक्षियाँ उड़ने के लिए बनी हैं, नदी बहने के लिए, इसलिए आप भी अपना काम ईमानदारी से करते जाएं क्योंकि आप भी इसी के लिए बने हैं ।

चलो अपने शाश्वत 5 बुराइयों (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार) कोजीतकर एक महान जीवन शुरू करते हैं ।

मृत्यु का भय उन लोगों को कभी पीड़ित नहीं करता है जो सत्य के रास्ते पर चलकर आगे बढ़ते हैं ।

 

हमारीसफलता.कॉम के सभी पाठकों को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं

 

अपने अंदर के रावण को आज ही मारें

#MotivationQuestionHub : please give some motivational quote for dussehra in hindi.

धन्यवाद 🙂

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प्रेरणा के प्रकार – प्रेरणा कैसे काम करती है – पूरी जानकारी https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0.html?noamp=mobile#respond Thu, 18 Oct 2018 17:49:01 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1894 प्रेरणा के प्रकार और प्रेरणा कैसे काम करती है – पूरी जानकारी प्रेरणा एक ऐसी प्रेरकशक्ति है, जो हमारे काम या भावनाओं में जोश भरने का काम करती है । किसी व्यक्ति की सफलता के पीछे Motivation का बहुत बड़ा Role होता है । यह हमारे अन्दर काम करने की लगन को पैदा करती है । यह एक बहुत Powerful ताकत है जो हमारी जिंदगी बदल सकती है । जब हम यह समझ लेते हैं कि Motivation कैसे काम करती […]

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प्रेरणा के प्रकार और प्रेरणा कैसे काम करती है – पूरी जानकारी

प्रेरणा एक ऐसी प्रेरकशक्ति है, जो हमारे काम या भावनाओं में जोश भरने का काम करती है । किसी व्यक्ति की सफलता के पीछे Motivation का बहुत बड़ा Role होता है । यह हमारे अन्दर काम करने की लगन को पैदा करती है । यह एक बहुत Powerful ताकत है जो हमारी जिंदगी बदल सकती है ।

जब हम यह समझ लेते हैं कि Motivation कैसे काम करती है या कैसे उत्पन्न होती है तब हम अपनी मंजिल तक बहुत आसानी से पहुँच सकते हैं, अपने असली मकसद को हासिल कर सकते हैं और उन सभी व्यक्तियों को भी प्रेरित कर सकते हैं जो सफलता के लिए कड़ी संघर्ष कर रहे हैं और Demotivate हो चुके हैं ।

प्रेरणा के प्रकार

Motivation दो तरह की होती है :

  • आंतरिक प्रेरणा (Internal Motivation)
  • बाहरी प्रेरणा (External Motivation)

 

Internal Motivation आंतरिक प्रेरणा

एक व्यक्ति ने जिसने गरीबी से उठकर अपनी मेहनत से करोड़ों का बिजनेस खड़ा किया था, अचानक ही किसी कारणवश उसे अपने बिजनेस को बंद करना पड़ा, उसे अपने बिज़नेस में बहुत नुकसान का सामना करना पड़ा । बैंक से भी उसने लाखों रूपये कर Loan लिया था, उसका भुगतान करने में भी वह असमर्थ रहा । यह कहना गलत नहीं होगा कि वह एक रात में ही सड़क पर आ गया । एक सुबह जब वह अपने शहर के गार्डन में उदास बैठा था, उसने पाया कि एक बूढ़े व्यक्ति का हाथ उसके कंधे पर है । एक बूढ़ा व्यक्ति उसके सामने खड़ा था और उससे उसकी परेशानी का कारण पूछ रहा था ।

उस आदमी ने बूढ़े व्यक्ति को अपनी सारी बातें बताई कि कैसे गरीबी से उठकर वह इतना अमीर बना था और आज लौटकर वह एक गरीब की ज़िन्दगी ही जी रहा है, उसकी हालत पहले से काफी बदतर थी ।

बूढ़े व्यक्ति ने उसे अपनी कहानी बताई कि उसके साथ भी एक बार यही वाकया हुआ था और उसने यह बताया कि कैसे वह फिर से अपनी अमीरी का सफ़र तय कर सकता है । उस बूढ़े व्यक्ति ने उस आदमी को 1 करोड़ का चेक देते हुए कहा कि तुम यह पैसे अपने पास रखो और फिर से एक नई शुरुआत करो । जब तुम्हारा बिजनेस चल पड़े तो मुझे ये रकम वापिस कर देना, मैं हर सुबह इस गार्डन में टहलने आता हूँ, जिस दिन तुम इस चेक से भी ज्यादा पैसे कमा लो और पहले से भी ज्यादा अमीर बन जाओ उस दिन तुम मुझे मिलने के लिए आना और अपनी कहानी मुझे बताना ।

इतना कहकर वह बूढ़ा व्यक्ति वहां से चला गया ।

वह व्यक्ति चेक को हाथ में पकड़े सोचता रह गया, कि एक अनजान आदमी ने उसकी मदद क्यों की? वह बूढ़ा व्यक्ति उस नौजवान पर एक विश्वास छोड़कर गया था. उस नौजवान से ज्यादा उस बूढ़े व्यक्ति को उस आदमी पर भरोसा था । Motivation की आग उस आदमी के अन्दर पैदा हो चुकी थी. बूढ़े व्यक्ति की कही बातें वह अपने मन में बार-बार दोहरा रहा था. अब उसे अपने अन्दर से आने लगा था कि उसे कुछ करना है और अपनी गरीबी को लात मारकर फिर से अमीरी का सफ़र तय करना है और इतना पैसे कमाना है जितना कि उसने कभी नहीं कमाया था ।

बिना किसी डर के वह व्यक्ति अपने पुराने बिजनेस को बचाने में लग गया, वह इस बात को जानता था कि यदि भविष्य में उसे ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ी तो यह चेक उसके पास है । वह बूढ़े व्यक्ति को अपना प्रेरणास्रोत बनाकर जी-तोड़ मेहनत करने लगा और 2 साल के अन्दर ही उसने वह कर दिखाया जो उसने खुद भी नहीं सोचा था और वह अपने शहर का सबसे अमीर आदमी बन गया । उसने अपने बिजनेस का विस्तार किया और अरबों-खरबों का नया बिजनेस भी बनाया, वह भी बिना उस चेक की सहायता के । उसने उस चेक का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि अपने दम पर, अपनी आंतरिक प्रेरणा के कारण जो उस बूढ़े व्यक्ति से उसे मिली थी, ये सब कर दिखाया ।

2 साल बाद जब वह उस गार्डन में बूढ़े व्यक्ति से मिलने के लिए गया तो उसने जो देखा वह चौका देने वाला था । दीवार पर उस बूढ़े व्यक्ति की पोस्टर लिखी हुई थी और बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ था कि “यह बूढ़ा व्यक्ति पागल है जो खुद को करोड़पति कहता फिरता है, जहाँ भी यह व्यक्ति नजर आये कृपया पागलखाने में संपर्क करें।“

 

आंतरिक प्रेरणा, हमें अन्दर से प्रेरित करती है । हम अनजाने में सही लेकिन खुद को इतना Motivate कर सकते हैं जिसकी कोई हद नहीं । इस कहानी में सन्देश दिन के उजाले की तरह साफ़ है, वह व्यक्ति जानता तक नहीं था कि चेक असली है या नहीं, लेकिन बावजूद इसके वह चेक के बारे में न सोचकर उस बूढ़े व्यक्ति की बातों से इतना प्रेरित महसूस करने लगा था जिसके कारण ही वह बड़ी से बड़ी सफलताएँ हासिल कर सका ।

 

यदि आप बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपनी प्रेरणा को पहचानने और उसे बहुत Powerful बनाने की जरूरत है ।

2 Most Important INTERNAL MOTIVATION :

  • मान्यता ।
  • जिम्मेदारी ।

जब हमारे द्वारा किये गये काम की सराहना होती है, लोग हमारी प्रशंसा करते हैं, हमें आदर देते हैं, हमारा मान-सम्मान देते हैं और हमसे जुड़ाव महसूस करते हैं तो इस आतंरिक प्रेरणा मान्यता के अंतर्गत आती है ।

जार्ज ग्रिटर ने कहा है “जिम्मेदारी जब हमारी दिली इच्छा भी बन जाती है, तो उससे संतोष और ख़ुशी मिलती है।” जब हम अपनी जिम्मेदारी समझने लगते हैं तो प्रेरणा अपना काम करना शुरू कर देती है । हमें प्रेरित होने के लिए कुछ भी करने की जरूरत नहीं पड़ती, जिम्मेदारी उठाने पर सब कुछ अपने आप ही हो जाता है ।

 

External Motivation बाहरी प्रेरणा

बाहरी प्रेरणा से तात्पर्य है कि हम बाहरी वातावरण को देखकर खुद को प्रेरित महसूस करते हैं । यह बाहर से हासिल होती है । जैसे- पैसा, किसी चीज को खोने का डर, सोसाइटी की नजरों में ऊपर उठना…etc..

जब गधे को एक सामान से लदी गाड़ी खीचनी होती है तो गधे के सामने एक मीठी गाजर लटका दी जाती है । गधा, लटकती गाजर को देखते हुए सामान को खींचना शुरू कर देता है । समय-समय पर गधे को थोड़ी-सी गाजर खाने के लिए आपको देनी रहती है, वरना उसका उत्साह ख़त्म हो जाएगा । उसे थोड़ी-सी गाजर खिलाएं और उसके सामने लटकाकर छोड़ दें । गधा गाजर को देखते हुए ही सामान खींचता रहेगा । इस प्रकार की प्रेरणा बाहरी प्रेरणा है, इससे हम लम्बे समय तक अपने काम को नहीं कर सकते । इससे संभव है कि हम जल्दी सफल हो जाएँ लेकिन लम्बे समय तक अपनी सफलता को बरकरार रखना संभव नहीं होगा ।

 

Self Motivation आत्मप्रेरणा

हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ न कुछ उपलब्धि हासिल करना चाहता है, एक मकसद के साथ जो व्यक्ति कुछ करने के लिए आगे बढ़ना चाहता है वही है आत्मप्रेरणा । मतलब यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लोग कोई भी काम किसी दुसरे के प्रेरणा या प्रशंसा की वजहों से नहीं बल्कि अपने खुद की वजहों से करना चाहते हैं । सही मायने में ऐसी प्रेरणा ही मजबूत होती है ।

आपको अपने अन्दर के आत्मविश्वास को जगाना है । हमारे अन्दर का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है । आप बस अपनी जिम्मेदारियों को समझें, अपने रिश्तों में मीठास लायें, एक क्वालिटी लाइफ जीयें । जब आप अन्दर से खुश होते हैं, किसी के सामने बनावटी चेहरा नहीं बनाते, तब यकीन जानिये आप अन्दर से खुद को प्रेरित कर रहे होते हैं ।

 

दूसरों को और स्वयं को प्रेरित करना है तो इन बातों का ध्यान रखें :

इज्जत दें (खुद को भी और दूसरों को भी ।)

काम को interesting बनाएं

मदद करना सीखें लेकिन हमेशा हेल्प लेने वाला न बनकर हेल्प करने वाला बनें ।

दूसरों के कामों की सराहना करें ।

एक अच्छा वक्ता बनें लेकिन दूसरों की बातें हमेशा ध्यान से सुनें ।

मान्यता देना सीखें

धन्यवाद 🙂

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विद्यार्थियों को Books पढ़ने के लिए कैसे Motivate करें? https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a5%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a5%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html?noamp=mobile#respond Wed, 17 Oct 2018 11:59:25 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1890 विद्यार्थियों को पुस्तकें पढ़ने के लिए कैसे मोटिवेट करें ? यदि आप सचमुच या रियल मायने में सफल होना चाहते हैं तो पढ़ना शुरू कर दीजिए । क्या मैंने कोई अजीब बात लिखी है “पढ़ने से कैसे कोई व्यक्ति सफल हो सकता है?” जब हम कोई मूवी देखते हैं तब हम उस मूवी को इमेजिन नहीं कर सकते! क्योंकि हमारे सामने पूरा चल-चित्र होता है और हमें किसी चीज को इमेजिन करने की जरूरत भी महसूस नहीं होती. लेकिन जब […]

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विद्यार्थियों को पुस्तकें पढ़ने के लिए कैसे मोटिवेट करें ?

यदि आप सचमुच या रियल मायने में सफल होना चाहते हैं तो पढ़ना शुरू कर दीजिए । क्या मैंने कोई अजीब बात लिखी है “पढ़ने से कैसे कोई व्यक्ति सफल हो सकता है?”

जब हम कोई मूवी देखते हैं तब हम उस मूवी को इमेजिन नहीं कर सकते! क्योंकि हमारे सामने पूरा चल-चित्र होता है और हमें किसी चीज को इमेजिन करने की जरूरत भी महसूस नहीं होती.

लेकिन जब हम कुछ पढ़ते हैं तो हमारा दिमाग इमेजिनेशन की दुनिया में होता है, और पढ़ते-पढ़ते हमारा माइंड उससे रिलेटेड चल-चित्र को अपने दिमाग में बनाना शुरू कर देता है.

जैसे, मैं आगे कुछ चीजें लिख रहा हूँ जिससे आपको आईडिया मिल सके:

राहुल एक लम्बा चौड़ा व्यक्ति है, वह एक अमीर इंसान है जिसके पास पैसों की कोई कमी नहीं है । एक दिन राहुल की मुलाक़ात एक खुबसूरत लड़की जिसका नाम निशा है, से हो जाती है । निशा, राहुल के मुकाबले उतनी अमीर तो नहीं लेकिन उसके भी बड़े-बड़े सपने हैं और वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है । निशा और राहुल मुस्कुराते हुए कॉफ़ी का मजा ले रहे हैं…..ETC…

इस प्रकार से हम पढ़ते-पढ़ते इमेजिन करने लगते हैं, और हमारा दिमाग उसे हकीकत की तरह देखने लगता है और माइंड में यह एक मूवी की तरह ही चलने लगता है.

 

इस बार हमारे पास एक सवाल आया है उसी का उत्तर देने के लिए यह पोस्ट लिखी जा रही है । सवाल है : हम विद्यार्थियों को पुस्तक पढ़ने के लिए कैसे Motivate करें ?

 

दोस्तों, बात सिर्फ स्टूडेंट्स का नहीं है, क्योंकि स्टूडेंट लाइफ में तो कहीं न कहीं हम किताबों के बीच ही घिरे रहते हैं और न चाहकर भी हमें कुछ बोरिंग सब्जेक्ट्स को पढ़ना होता है.. क्योंकि बहुत बार सिलेबस में ऐसे विषय भी होते हैं जिन्हें आप इमेजिन नहीं कर सकते !

कोई व्यक्ति जितना ज्यादा पढ़ता है, जितना ज्यादा सीखता है वह उतना ही ज्यादा सफल बनता है । यदि आप एक स्टूडेंट हैं तो जरूरी नहीं कि आप हमेशा अपने बोरिंग विषयों के बीच ही घिरे रहें । कुछ ऐसी किताबें भी पढ़िए जो आपको एक नई दुनिया में ले जाए, जो आपका उत्साह बढ़ाए और न सिर्फ आपको मोटिवेट करे बल्कि सही दिशा का ज्ञान कराये ।

जब आप अपने कोर्स से हटकर, या स्कूल, कॉलेज की किताबों से हटकर Self Improvement से रिलेटेड कुछ बुक्स पढ़ते हैं तो आपका माइंड किताबों में रूचि दिखाना शुरू कर देता है ।

स्टूडेंट लाइफ में बहुत सारे व्यक्ति ऐसी भी बातें भी बोलते हैं कि अपने सब्जेक्ट को पढ़ने का समय नहीं मिलता तो आप अपने सब्जेक्ट से हटकर पढ़ने की बात कैसे कर सकते हैं ! लेकिन जब आप ऐसा करते हैं तब अपने आप ही रिजल्ट देखना शुरू हो जाता है ।

कोई भी व्यक्ति किसी को पढ़ने के लिए मोटिवेट नहीं कर सकता लेकिन आप अपने सब्जेक्ट्स से हटकर कुछ ऐसा विषय पढ़ते हैं जिसमें आपकी रूचि है तो दुसरे सब्जेक्ट को भी पढ़ने के लिए आपको एक दिशा मिल जाती है । इसलिए जिस किताब को पढ़ने में आप रूचि दिखाते हैं उसे पढ़िए, और धीरे-धीरे पढ़ने की एक आदत बनाइए । जब तक पढ़ना आपकी आदत नहीं बन जाती तब तक पढ़ते रहिये.. किताबों को धुल चाटने मत दीजिए । जिस दिन आप पढ़ना बंद कर देते हैं उस दिन से आप कुछ नया सीखना बंद कर देते हैं ।

दुनिया में जितने भी सफल लोग हुए हैं या जो सफलता के शिखर तक पहुंचें हैं वे सभी आज भी कुछ न कुछ पढ़ते हैं । आपकी लाइफ में आपकी पढ़ाई कभी waste नहीं जाएगी ।

मैं किताबों को एक दोस्त की तरह देखता हूँ जो हर कदम पर मेरा साथ देती हैं और मुझसे कभी कोई शिकायत भी नहीं करतीं । बहुत सारे सवालों का जवाब हमें एक किताब के अन्दर मिल जाता है ।

याद रखिये पुस्तकें पढ़कर आप किसी पर एहसान नहीं कर रहे, कोई अपना सारा ज्ञान निचोड़कर आपके सामने रख देता है ये आपके ऊपर है कि आप इस उस ज्ञान को ग्रहण करते हैं या नहीं!

कोशिश करें कि आप भी किताबों से घिरे हुए हों, ज्यादा से ज्यादा पढ़ने की आदत बनाएं क्योंकि एक सफल व्यक्ति या जो व्यक्ति सफल होना चाहता है वो पढ़ना कभी नहीं छोड़ता ।

 

#MotivationQuestionHub : article on motivating the students to read books.

यदि आप भी हमें Motivation से सम्बन्धित प्रश्न पूछना चाहते हैं तो हमें hamarisafalta@gmail.com पर मेल कर सकते हैं ।

धन्यवाद 🙂

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आपके विचार आपकी ज़िन्दगी बदल सकती है… https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%97%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%a6%e0%a4%b2-%e0%a4%b8%e0%a4%95%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%88.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%97%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%a6%e0%a4%b2-%e0%a4%b8%e0%a4%95%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%88.html?noamp=mobile#respond Tue, 16 Oct 2018 15:12:56 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1886 आपके विचार आपकी ज़िन्दगी बदल सकती है । हम जो सोचते हैं वो हम बन जाते हैं । हम जो बनते हैं वो हमारी सोच का नतीजा होती है । हमारे विचारों में इतनी ताकत होती है कि ये हमारी जिंदगी पूरी तरह से बदल सकती हैं । हमसे एक व्यक्ति ने पूछा है : क्या हमारे विचार, खुद के थॉट्स हमारे अन्दर के मोटिवेशन का सबसे बड़ा स्रोत हैं ? आज इसी सवाल का जवाब हम यहाँ देने जा […]

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आपके विचार आपकी ज़िन्दगी बदल सकती है ।

हम जो सोचते हैं वो हम बन जाते हैं । हम जो बनते हैं वो हमारी सोच का नतीजा होती है ।

हमारे विचारों में इतनी ताकत होती है कि ये हमारी जिंदगी पूरी तरह से बदल सकती हैं ।

हमसे एक व्यक्ति ने पूछा है : क्या हमारे विचार, खुद के थॉट्स हमारे अन्दर के मोटिवेशन का सबसे बड़ा स्रोत हैं ?

आज इसी सवाल का जवाब हम यहाँ देने जा रहे हैं –

Image : https://pixabay.com

दोस्तों, आपके विचार, विश्व बदलने की ताकत रखते हैं । क्या आप खुद से बातें करते हैं, या पूरे दिन में खुद के लिए ऐसा वक्त निकालते हैं जिसमें आप अपने विचारों पर गौर कर सकें.

आपके दिमाग में जैसे विचार चलते हैं आप खुद को वैसे ही ढालने लग जाते हैं. हमें अपनी थॉट्स पर गौर करना होगा.. हमारे दिमाग में हर दिन हजारों थॉट्स आते हैं, और इन थॉट्स का आना-जाना लगा ही रहता है लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो अपने माइंड में चल रहे थॉट्स के लिए थोड़ा-सा वक्त निकालते हैं और उस पर गौर करते हैं ।

मैं जब छोटा-था तो मेरे अन्दर चिडचिडापन भरा पड़ा था. मैं बात-बात पर चीड़ जाया करता था.

लेकिन जब से मैंने खुद से बात करना सीखा है, चाहे अपनी कमजोरियों को लेकर या अपनी खूबियों को लेकर तब से मैंने अपने अन्दर बहुत सारे changes पाए हैं.. मैं अकेले में खुद से बात करता हूँ, अपने माइंड में चल रहे थॉट्स को समझने की कोशिश करता हूँ.. क्योंकि इन्हीं विचारों के कारण मैं खुद को वो बना पाता हूँ जो मैं Actual में हूँ. मतलब हम सचमुच वही बन जाते हैं जो हम सोचते हैं.

हमारे विचार हमें ताकत देते हैं.. जब आप दूसरों के विचार पढ़ते हैं जो लोग सफल हैं तब आप खुद को मोटिवेट महसूस करते हैं तब आप सोचिये कि आपके खुद के विचार कितने पावरफुल हो सकते हैं !

दूसरों के विचार आपको थोड़े समय तक के लिए प्रेरित कर सकते हैं लेकिन आपके खुद के विचार आपको जिंदगी भर के लिए प्रेरित करेंगी । कभी भी ऐसे शब्दों का चुनाव मत कीजियेगा जो आपको कमजोर बनाए । Motivational Content के संपर्क में आने से मतलब चाहे हम कोई लेख पढ़ें या कोई सक्सेस रिलेटेड विडियो देखें, उससे हमारे अन्दर भी कुछ करने की आग पैदा हो जाती है, और हम भी वैसे ही सोचने लगते हैं या हमारे अन्दर ऐसे विचार आने शुरू हो जाते हैं जो हमें अन्दर से हिम्मत देती हैं । ये हमारे विचार ही हैं जो हमारे अन्दर उत्साह पैदा करती हैं । यदि कुछ अच्छा देखने, पढ़ने या सुनने के बाद भी हम उसे अपने विचारों में शामिल नहीं करेंगे, उसके बारे में सोचेंगे नहीं और उन विचारों पर एक्शन नहीं लेंगे तो, आपने जो कुछ भी देखा, सुना, पढ़ा वो सब बेकार है ।

आपके विचार ही हैं जो आपको सफलता दिला सकते हैं और यही आपको असफल भी कर सकती हैं । इसलिए अपने विचारों पर गौर करें, आप कैसे सोचते हैं यही डिसाइड करेगा कि आप कैसे इंसान बनेंगे! आपके विचार आपको उत्साहित भी कर सकती हैं और निरुत्साहित भी. इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आप अपने विचारों को समझने का प्रयास करें.

खुद को समझने के लिए थोड़ा सा वक्त जरूर निकालें । उन थॉट्स पर गौर करने की कोशिश करें जो आपको कामयाबी की सीढी तक ले जा सकती है । क्योंकि सचमुच Motivation का सबसे बड़ा Source आपके अपने विचार हैं.. जो कि सही है । बस आपको अपने थॉट्स पर गौर करने की जरूरत है और आप भी एक दिन इसी के बदौलत बड़े-से-बड़ा लक्ष्य हासिल कर लेंगे ।

#MotivationQuestionHub : The Biggest Source of Motivation are Your Own Thoughts is correct.

यदि आप भी हमसे Motivation से सम्बंधित कुछ प्रश्न पूछना चाहते हैं तो          हमें hamarisafalta.com@gmail.com पर मेल कर सकते हैं ।

धन्यवाद 🙂

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जीवन बनेगा बेहतर Short Inspirational Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%b9%e0%a4%a4%e0%a4%b0-short-inspirational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%b9%e0%a4%a4%e0%a4%b0-short-inspirational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 02 Oct 2018 17:29:03 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1862 जिंदगी में problems का आना-जाना लगा ही रहता है । कई बार तो ऐसा भी लगने लगता है कि सब ख़त्म हो गया, जिंदगी बहुत बेकार है और मैं क्यों जी रहा हूँ ! लाइफ हमें बहुत बार ठोकर मारती है लेकिन Actually वो हमें ठोकर नहीं मार रही होती, वो तो बस हमारी एक छोटी-सी Test ले रही होती है कि हम बुरे से बुरे परिस्थिति का सामना कैसे करते हैं और अपनी जिंदगी को कैसे बेहतर बनाते हैं […]

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जिंदगी में problems का आना-जाना लगा ही रहता है । कई बार तो ऐसा भी लगने लगता है कि सब ख़त्म हो गया, जिंदगी बहुत बेकार है और मैं क्यों जी रहा हूँ !

लाइफ हमें बहुत बार ठोकर मारती है लेकिन Actually वो हमें ठोकर नहीं मार रही होती, वो तो बस हमारी एक छोटी-सी Test ले रही होती है कि हम बुरे से बुरे परिस्थिति का सामना कैसे करते हैं और अपनी जिंदगी को कैसे बेहतर बनाते हैं ।

जब आप किसी से ईर्ष्या करते हैं तो आपका ज्यादा से ज्यादा ध्यान दूसरों के बारे में सोचते हुए ही गुजरता है । आप दूसरों के बारे में ही ज्यादा से ज्यादा सोचने लगते हैं । इसका नतीजा यह होता है कि हम अपने Emotions को control नहीं कर पाते और हमारे साथ कुछ न कुछ बुरा होते ही रहता है । यदि आपको अपनी लाइफ को बेहतर बनाना है तो आपको अपनी भावनाओं पर काबू रखना होगा । ईर्ष्यालु, जलन जैसी भावनाएं आपकी लाइफ को बद्तर बनाने के लिए काफी हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी लाइफ को एक अच्छे मुकाम तक ले जाने के लिए कुछ अच्छी बातों का ध्यान रखें ।

जीवन को बेहतर बनाने के लिए आइये जानते हैं कि आप किन बातों का खयाल रख सकते हैं –

अच्छे लोगों के साथ जुड़िये

आप जिस जगह रहते हैं, मतलब आपके आसपास का माहौल आपको सबसे ज्यादा प्रभावित करता है । इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आप अच्छे लोगों के साथ रहें । अगर आप अच्छे लोगों के साथ हैं तो उनके अच्छे विचार, आपकी लाइफ को भी प्रभावित करेंगे । अच्छे लोगों के संपर्क में आने से आपकी लाइफ में भी पॉजिटिव बदलाव आना शुरू हो जाएगा ।

दूसरों की सफलता का जश्न मनाएं

ये बात आपको थोड़ी अजीब लग रही होगी कि दूसरों की सफलता में आपको जश्न मनाना है । देखिये, खुद की सफलता का जश्न तो हर कोई मनाता है लेकिन आपको दूसरों की खुशियों में भी शरीक होना चाहिए । जो व्यक्ति अपने जीवन में सफलताएँ हासिल कर रहा है उन्हें आपको बधाईयां देनी चाहिए । आपको अपने जीवन में कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि यदि कोई दूसरा व्यक्ति सफलता प्राप्त कर रहा है, तो आप विफल हो रहे हैं ।

किसी व्यक्ति के सफल होने से, आप कभी विफल नहीं होते । तो दूसरों की सफलताओं से ईर्ष्या करने की जगह उनसे प्रेरणा लें और यकीनन आप भी एक दिन सफल होंगे ।

खुद की Importance समझें

इस भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में हम खुद को ही प्यार करना भूल चुके हैं । यदि हम अपनी लाइफ में खुद से प्यार करते हैं, खुद कि Values और महत्ता को समझते हैं तो हमारे साथ ऐसा कभी भी नहीं होगा कि हम दूसरों की सफलता से परेशान हों । जिस दिन हमने सोच लिया कि दूसरों की सफलता, हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा होगी. तब से हमारी ज़िन्दगी में पॉजिटिव changes आना शुरू हो जाएँगे ।

अप्रूवल की चिंता छोड़ें

ये हम लोगों का स्वभाव है कि हम हर काम में दूसरों का अप्रूवल चाहते हैं और जब भी हमें दूसरों का अप्रूवल नहीं मिलता तो हम दुखी हो जाते हैं । आप कुछ भी करना चाहते हैं या आप कुछ भी कर रहे हैं तो बस खुद पर भरोसा रखिये । दुसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं ये सोचना बंद करें ।

नोट : यह लेख एक मासिक पत्रिका से प्रेरित है ।

धन्यवाद 🙂

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Students पढ़ाई के Distraction से कैसे बचें ? https://www.hamarisafalta.com/2018/10/students-%e0%a4%aa%e0%a5%9d%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%95%e0%a5%87-distraction-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%87%e0%a4%82.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/students-%e0%a4%aa%e0%a5%9d%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%95%e0%a5%87-distraction-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%87%e0%a4%82.html?noamp=mobile#respond Mon, 01 Oct 2018 17:16:09 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1855 दोस्तों जिस प्रकार भवरें खुबसूरत फूलों को देखने पर खुद को उस फूल तक जाने से रोक नहीं पाते ठीक उसी प्रकार हमारे दिमाग को भी यदि कोई चीज़ आकर्षित करती है तो वह उस वस्तु की तरफ ही आकर्षित होकर अपना काम बिगाड़ देता है । दोस्तों इस कथन में बहुत बड़ी बात छुपी है । आजकल हमारे आसपास ऐसी अनेक वस्तुओं की भरमार है जो हमें अपने लक्ष्य से भटकाती है और हम देखते-देखते अपनी मंजिल से दूर […]

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दोस्तों जिस प्रकार भवरें खुबसूरत फूलों को देखने पर खुद को उस फूल तक जाने से रोक नहीं पाते ठीक उसी प्रकार हमारे दिमाग को भी यदि कोई चीज़ आकर्षित करती है तो वह उस वस्तु की तरफ ही आकर्षित होकर अपना काम बिगाड़ देता है । दोस्तों इस कथन में बहुत बड़ी बात छुपी है । आजकल हमारे आसपास ऐसी अनेक वस्तुओं की भरमार है जो हमें अपने लक्ष्य से भटकाती है और हम देखते-देखते अपनी मंजिल से दूर होते चले जाते हैं। हमारी लाइफ रियल में सुख दुःख, आशा निराशा, ख़ुशी दर्द सभी से मिलकर बना हुआ है। यह न तो फूलों की सेज है और न ही काँटों का ताज। हमें हर चीज़ का ध्यान रखकर ज़िन्दगी की राह पर चलना पड़ता है।

Image Source : pixabay

आज students भविष्य की सोच में कुछ ज्यादा ही लग गये हैं कि उनका भविष्य कैसा होगा, वो भविष्य में क्या बनेंगे? इन questions को सुलझाने में या सिर्फ सपने देखने में ही वह बहुत समय व्यर्थ कर देता है और अपने लक्ष्य से भटक जाता है। Future के बारे में सोचना चाहिए पर अपने future को present पर हावी नहीं होने देना चाहिए नहीं तो हम कभी अपने लक्ष्य पर focus नही कर पाएंगे। वर्तमान से ही भविष्य की नीव बन सकती है। इसे समझाने के लिए मै आप लोगों को एक कहानी बताती हूँ।

एक बार एक गरीब भिखारी को सत्तू से भरा घड़ा एक मंदिर के बाहर मिला जिसे देख कर वह बहुत खुश हुआ और उसे अपने घर ले आया और एक कोने में रख दिया। फिर वह गरीब आदमी यह सोचने लगा की इस सत्तू को बेचकर वह अपना बिज़नस शुरू करेगा और जैसे-जैसे वो लाभ कमाते जायेगा वह अमीर होता जायेगा। इस तरह वो आदमी सपनों की दुनिया में खो गया और सोचने लगा उसके पास बहुत बड़ा महल हो जायेगा, अपनी गाड़ी होगी और यह सब सोचते-सोचते वह उत्तेजित होकर उछल पड़ा और सत्तू का घड़ा उसके पैर से लगकर गिर गया और टूट गया। इसके साथ-साथ उसके सारे सपने भी टूट गये। तो दोस्तों हमें इस कहानी से इतना तो पता चलता ही है कि किसी भी काम को किये बिना उसे लेकर सपने नहीं बुनने चाहिए वरना उन्हें बिखरते देर नहीं लगती । पहले हमें उस काम को अमल में लाना चाहिए फिर उसे किस प्रकार से और भी बेहतर बनाया जा सके इसके बारे में सोचना चाहिए ।

आजकल के Students सिर्फ ये देखते हैं की उनके पास सभी सुख सुविधाएं मौजूद है या नहीं! और अगर वे अभी से सुख के पीछे भागेंगे तो वे अपने विद्यार्थी जीवन को सुख के समंदर में डुबो कर रखेंगे और जो परिश्रम उन्हें इस समय अपने जिंदगी को सवारने के लिए करना चाहिए वे नही करेंगे। यदि students को अपना भविष्य उज्जवल करना है तो उन्हें अभी कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।

कहा भी गया है की सोने जैसा चमकने के लिए पहले सोने जैसा आग में तपना पड़ता है।

ठीक उसी तरह स्टूडेंट्स को भी अपनी लाइफ में कुछ बड़ा हासिल करने के लिए अभी कड़ी मेहनत करनी होगी । उन्हें अपना ध्यान सिर्फ अपने लक्ष्य पर रखना होगा और बाहरी परेशानियाँ जो हमें हमारे लक्ष्य से दूर करती हो उनसे सौ कोस दूर रहना होगा। अपने मन में संकल्प करना होगा की लक्ष्य तक पहुँचे बिना रुकना भी नहीं और थकना भी नहीं। जितनी मेहनत हो सके, उतनी मेहनत करें और निराशा को अपने जीवन में स्थान न दें।

स्वामी विवेकानंद ने एक बात कही थी की उठो , जागो और तब तक चलते रहो जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये। दोस्तों हमें तब चलते रहना होगा जब हमारी मंजिल हमें न मिल जाये और मन में यह विश्वास रखना होगा की एक दिन ऐसा जरुर आएगा जब हमें हमारी मंजिल मिल जाएगी। अपना होंसला बुलंद रख कर सिर्फ अपने लक्ष्य पर ही focus करना होगा।

धन्यवाद!

Priya Paul.

Class – 11th.

Ghatsila, Jharkhand.

प्रिया जी द्वारा कंट्रीब्यूट किये गये अन्य लेख पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

Priya is 15 years old and she is currently studying 11th. She also loves writing. We wish her a great future.

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Positive Motivation से क्या समझते हैं ? https://www.hamarisafalta.com/2018/10/positive-motivation-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%9d%e0%a4%a4%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a5%88%e0%a4%82.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/positive-motivation-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%9d%e0%a4%a4%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a5%88%e0%a4%82.html?noamp=mobile#respond Mon, 01 Oct 2018 05:26:50 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1850 दोस्तों हर सिक्के के दो पहलु होते हैं । और बात यदि Motivation की हो तो उसमें भी हम कह सकते हैं कि इसके भी दो साइड होते हैं । Positive Motivation. Negative Motivation. एक बात मैं यहाँ clear करना चाहूँगा कि इन दोनों को ही हमारा Mind Accept करता है और उसी के According हम खुद को प्रेरित करते हैं । मैं इसके बारे में एक उदाहरण देकर आपको समझाना चाहता हूँ – रोहित और मोहित दो भाई थे […]

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दोस्तों हर सिक्के के दो पहलु होते हैं । और बात यदि Motivation की हो तो उसमें भी हम कह सकते हैं कि इसके भी दो साइड होते हैं ।

  • Positive Motivation.
  • Negative Motivation.

एक बात मैं यहाँ clear करना चाहूँगा कि इन दोनों को ही हमारा Mind Accept करता है और उसी के According हम खुद को प्रेरित करते हैं ।

मैं इसके बारे में एक उदाहरण देकर आपको समझाना चाहता हूँ

रोहित और मोहित दो भाई थे । बचपन से ही दोनों ने अपने घर में बहुत दुःख झेला था । उनके पिता रोज रात को शराब के नशे में पूरे परिवार के साथ मारपीट करते और गालियाँ देते थे ।

उनकी माँ ने ही उन्हें बड़े प्यार से पाला था लेकिन पिता का प्यार रोहित और मोहित दोनों को ही नसीब नहीं हुआ !

जब दोनों भाई जवान हुए तो उनमें से एक जिसका नाम रोहित था वो बहुत बड़ा व्यापारी बन गया, उसने एक बड़ा घर ख़रीदा और शादी करके अपने बीवी-बच्चे और माँ के साथ खुशहाल जीवन जीने लगा । वहीँ दूसरा भाई मोहित अपने पिता के साथ शराबी और जुआरी बन गया । अब मोहित और उसके पिता साथ में बैठकर शराब पीते और सभी को साथ में गालियाँ देते थे ।

एक सज्जन व्यक्ति जो बचपन से ही रोहित और मोहित को एकसाथ बड़ा होते देख रहे थे उन्होंने दोनों से एक बात पूछी और दोनों ने चौका देने वाले जवाब दिए ।

उन्होंने मोहित से पूछा – “आप दिन-रात शराब के नशे में रहते हैं, कई बार आप पुलिस स्टेशन में बंद किये जा चुके हैं और आप अपनी पत्नी और बच्चों को भी मारते-पीटते हैं । आपको यह सब करने की प्रेरणा कहाँ से मिलती है ?”

मोहित ने जवाब दिया – “ये सब करने की प्रेरणा मुझे मेरे पिता से मिली है । बचपन से ही मैं यही सब तो देखता आया हूँ कि वो मेरी माँ और मुझे मारा करते थे । दिन-रात शराब में डूबे रहते थे । तो आप खुद ही बताएं कि मैं उन्हीं के जैसा नहीं बनूंगा क्या! उन्हीं वजहों से मैं भी शराबी और उनके जैसा बन गया ।”

दुसरे भाई रोहित से भी सज्जन ने पूछा- “आप इतने बड़े व्यापारी हैं और आपके व्यव्हार के लिए आपका बहुत लोग सम्मान करते हैं, आपकी प्रेरणा का स्रोत क्या है?”

रोहित ने जवाब दिया – “मैं जब छोटा था तब मेरे पिताजी शराब के नशे में मुझे और मेरी माँ को मारा करते थे, दिन-रात शराब में डूबे रहते थे । मैं अपनी माँ को मार खाता हुआ देखता था और वो सारे गलत काम करते देखता था जो उन्हें नहीं करना चाहिए । मैंने उसी समय यह निश्चय कर लिया था कि मैं कभी भी उनके जैसा नहीं बनूंगा।”

 

दोस्तों रोहित और मोहित दोनों भाइयों के एक ही प्रेरणास्रोत थे, उनके पिताजी । लेकिन एक ने इस Motivation का इस्तेमाल सही ढंग से किया तो दुसरे ने बहुत गलत ढंग से । जबकि दोनों के प्रेरणास्रोत एक ही थे ।

हम हर चीज में अच्छाई और बुराई दोनों खोज सकते हैं । मोटिवेशन के मामले में भी हम सकारात्मकता और नकारात्मकता का चुनाव स्वयं कर सकते हैं ।

धन्यवाद

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What is Motivation – प्रेरणा क्या है ? https://www.hamarisafalta.com/2018/10/what-is-motivation-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88.html https://www.hamarisafalta.com/2018/10/what-is-motivation-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88.html?noamp=mobile#respond Mon, 01 Oct 2018 03:28:39 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1845 दोस्तों बहुत सारे लोग मुझसे पूछते हैं कि ये Motivation क्या होता है ? ज्यादातर लोग दिन रात मेहनत करते हैं लेकिन उनके अन्दर उस तरह का कोई जोश नहीं होता जो उन्हें सफलता के ऊँचाइयों तक ले जा सके । आज इस Article में हम Motivation के बारे में बात करेंगे कि यह क्या है और कैसे काम करती है । तो आइये जानते हैं इसके बारे में – Motivation एक तरह की प्रेरकशक्ति है जो हमारे अन्दर कुछ […]

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दोस्तों बहुत सारे लोग मुझसे पूछते हैं कि ये Motivation क्या होता है ? ज्यादातर लोग दिन रात मेहनत करते हैं लेकिन उनके अन्दर उस तरह का कोई जोश नहीं होता जो उन्हें सफलता के ऊँचाइयों तक ले जा सके । आज इस Article में हम Motivation के बारे में बात करेंगे कि यह क्या है और कैसे काम करती है । तो आइये जानते हैं इसके बारे में –

Motivation एक तरह की प्रेरकशक्ति है जो हमारे अन्दर कुछ कर गुजरने की आग पैदा करती है । हमारे काम करने की क्षमता को दोगुनी करती है, एकदम से बढ़ा देती है । हम अपने काम को पूरे जोश के साथ करने लग जाते हैं । यह मुख्य रूप से हमारे काम एवं भावनाओं में जोश भरने का काम करती है । Motivate करने का मतलब होता है अपने अन्दर जोश पैदा करना, अपनी लाइफ में कुछ करने के लिए जज़्बा पैदा करना ।

यदि आप अपनी लाइफ में कुछ भी नहीं कर रहे हैं तो यह आपके अन्दर कुछ करने की आग पैदा कर सकता है जिससे आप कभी खाली नहीं बैठेंगे, ये आपके अन्दर काम करने की लगन पैदा करेगा ।

Motivation एक बहुत ही Powerful हथियार की तरह है जो हमारे मन में चल रहे Doubts को दूर करती है और हमें अन्दर से Inspire करती है जिससे हम अपनी लाइफ में दोबारा Active हो जाते हैं।

हम अपनी लाइफ में अभी जो कुछ भी कर रहे हैं वो किसी न किसी मोटिवेशन के कारण ही है। यह एक ऐसी शक्तिशाली ताकत है जो हमारी Life Change कर सकती है ।

किसी भी बड़े Level तक पहुँचने के लिए या Successful बनने के लिए हमें Motivation की आवश्यकता होती है । जब तक हम सोते ही रहेंगे तब तक सफल कैसे होंगे ! मोटिवेशन हमें जगाये रखने और अपने लक्ष्यों को हासिल करने में हमारी help करती है ।

 

हमें Motivated होने की आवश्यकता क्यों होती है ?

हर व्यक्ति सफल होना चाहता है, और जहाँ भी सफल होने की एक चाहत पैदा हो जाती है वहाँ व्यक्ति को Motivation की जरूरत पड़ती है । सफलता आपकी लाइफ को खुशहाल बनाती है, लोग आपकी ज्यादा इज्जत करते हैं । यदि आप सफल हैं तो लोग आपसे जुड़ना चाहते हैं, आपसे सीखना चाहते हैं और लोग आपकी तरह बनना चाहते हैं । और यदि आप सफल नहीं हैं तो न आपको घर में, ऑफिस में कहीं पर भी वो Respect नहीं मिलेगी जो एक सफल व्यक्ति को नसीब होती है । बिना मोटिवेशन के आपकी लाइफ बस गुजरती जाती है, आप अपनी लाइफ में बड़े level तक नहीं पहुँच पाते…बहुत सोचते हुए ही ज़िन्दगी कट जाती है कि आप कुछ बड़ा करेंगे ।

यदि आप अपनी ज़िन्दगी में संतुष्ट हैं तो आप आगे स्तर तक जाने के लिए कभी-भी कोशिश नहीं करेंगे । आत्मसंतुष्ट व्यक्ति अपने आपको कभी भी Motivate नहीं कर सकता क्योंकि उन्हें अपनी लाइफ की जरूरतों का अहसास ही नहीं हो पाता और इसलिए वो कुछ हासिल करने की कोशिश ही नहीं करना चाहते ।

Motivation कैसे काम करती है ?

जब हम यह समझ लेंगे कि प्रेरणा कैसे काम करती है तो हम खुद को प्रेरित कर सकते हैं जिससे हम अपने मुकाम तक पहुँच सकते हैं इसके साथ ही हम दूसरों को भी प्रेरित कर सकते हैं ताकि वो लोग भी सफल बन सकें ।

खुद से बात करना और उस बात के माध्यम से अपने अन्दर सफलता की चाहत पैदा करना हमारी आतंरिक प्रेरणा को दर्शाता है. मान लीजिये आपने एक नया काम शुरू किया लेकिन आपके अन्दर एक डर है कि आप सफल होंगे भी या नहीं ! अपनी सफलता को लेकर आपके मन में एक डर बना हुआ है लेकिन यदि आप नियमित रूप से खुद से बात करते हैं और स्वयं से कहते हैं – “मेरा आत्मविश्वास हर रोज दोगुना बढ़ता जा रहा है, मैं अपने लक्ष्य के करीब पहुँचता जा रहा हूँ और मैं सफल होकर ही दम लूँगा ।“

ऐसी बातें हमारे अन्दर आत्मविश्वास पैदा करती हैं और हम खुद को मोटीवेट रख पाते हैं ।

कई बार मैं अपने किसी ख़ास दोस्त से बात करते हुए, छोटी-छोटी बात पर चिल्ला उठता हूँ या मुझे गुस्सा आ जाता है जिसके कारण मेरा फोकस divert हो जाता है और मेरे काम पर भी इसका असर पड़ता है । ये सब मेरी प्रेरणा को कमजोर बनाती है और मैं Demotivate हो जाता हूँ ।

लेकिन बहुत दिनों से मैं ऐसा कुछ हो जाने पर खुद से ऐसी बातें करता हूँ, ‘मैं आगे से उससे बात करते समय कुछ भी हो जाए खुद को शांत रखूँगा और उसकी पूरी बात सुनूंगा. मुझे पता है कि वो इंसान सही है और बस मुझे संयम से काम लेना चाहिए।’

Motivation से सम्बंधित अन्य आर्टिकल्स जो आपकी लाइफ में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं जल्दी प्रकाशित किये जाएंगे ।

यदि आपको यह लेख पसंद आया तो कृपया कमेंट करके अपने सुझाव हमें जरूर बताएं साथ ही आप hamarisafalta@gmail.com पर आप अपनी प्रतिक्रिया हमें भेज सकते हैं ।

धन्यवाद !

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ये 10 पॉइंट खोलेंगी सफलता का द्वार – Part 2 https://www.hamarisafalta.com/2018/09/%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b0-success-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/09/%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b0-success-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 03 Sep 2018 12:59:38 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1822 दोस्तों, आज से 5 साल पहले 2013 में मैंने 3-4 पेज का एक आर्टिकल लिखा था । जिसकी सैकड़ों कॉपी मैंने फ्री में जगह-जगह बाँटी थी । तब मैंने यह साईट लॉन्च नहीं की थी, इस वजह से मैं उसे अपने साईट पर पब्लिश नहीं कर पाया । हमने इसके Part – 1 में सफलता का द्वार खोलने वाली 5 पॉइंट्स के बारे में लिखा था और आइये इस पोस्ट में हम बाकी के 5 पॉइंट्स के बारे में जानते हैं […]

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दोस्तों, आज से 5 साल पहले 2013 में मैंने 3-4 पेज का एक आर्टिकल लिखा था । जिसकी सैकड़ों कॉपी मैंने फ्री में जगह-जगह बाँटी थी । तब मैंने यह साईट लॉन्च नहीं की थी, इस वजह से मैं उसे अपने साईट पर पब्लिश नहीं कर पाया । हमने इसके Part – 1 में सफलता का द्वार खोलने वाली 5 पॉइंट्स के बारे में लिखा था और आइये इस पोस्ट में हम बाकी के 5 पॉइंट्स के बारे में जानते हैं जो हमें सफल होने में मदद करेंगी…

6.

वादा और आदत जिंदगी के प्रत्येक पहलू में प्रयोग होने वाले एसे शब्द हैं जो आपको इतना

काबिल बनायेंगे कि कामयाबी आपके हाथ थामेगी, कैसे ? देखिए –

वादा –हम दूसरों से और अपने आपसे बहुत सारे वादे करते है Example – मैं आज सुबह 5.00 बजे  उठूँगा और पढूंगा लेकिन…..

आदत –वादा को पूरा करने के लिए आदत तो बनानी ही पड़ेगी नहीं तो हमेशा ‘लेकिन’ नाम का शब्द आपकी सफलता में बाधक सिद्ध होगा इसलिए लेकिन नाम का शब्द को यदि अपने डिक्शनरी से बाहर निकालना है तो अच्छी आदतें बनाओ और जो आपकी सफलता में बाधक है उन बुरी आदतों को आज ही छोड़ो क्योंकि आज नहीं तो कल भी नहीं । अपने आपसे वादा करो कि तुम्हे सफल होना है अपने आपसे वादा करो कि आज से अभी से तुम अपनी बुरी आदते छोड़ोगे और अच्छी आदतों को अपनी लाइफ में अप्लाई करोगे ।

आज सबके मुँह से एक बात सुनने को मिलती है कि ‘वादा तो वादा है ‘ लेकिन व्यक्ति अपने द्वारा किये हुए वादे पर खरा उतरे तो वह अवश्य सफलता को प्राप्त करेगा । हम जानते है कि आदत एक दिन मै बनाई या छोड़ी नहीं जाती लेकिन ……….

7.

कोशिश और सफलता –एक दिन कोशिश ने आत्मविश्वास से कहा कि मैं तुमसे बहुत ज्यादा श्रेष्ठ हूँ , आत्मविश्वास ने मुस्कराते हुए बोला –हाँ तुम मुझसे बहुत ही ज्यादा श्रेष्ठ हो क्योंकि  यदि तुम न होते  तो शायद ही मै होता !!! कहने का सीधा मतलब यह है कि आप सफलता पाने के लिए एक बार कोशिश करना तो शुरु कीजिये , कोशिश करते जाओगे आत्मविश्वास पैदा होते जाएगा, आत्मविश्वास बढ़ते जाएगा. सफलता के नजदीक पहुँचते जाओगे ।

हमारी कोशिश ही हमें एक दिन सफलता तक पहुंचाती है, हमारी अच्छी आदतों को बनाने और बुरी आदतों को छुड़वाने में कोशिश का ही हाथ होता है ।

इसलिए मेरी इन बातों को हमेशा याद रखिये,

जीतना है…. तो कोशिश करना है….

आदतों को सुधारना है…… तो कोशिश करना है….

आत्मविश्वास को जगाना है… तो कोशिश करना है….

इतना सब जानते हो तो…. क्या करना है…..?

8.

चिंता और चिंतन – हमारी चिंता हमारे तनाव का कारण बनती है । यदि किसी बात को सोच-सोच कर हम चिंता करते रहेंगे तो हमारी हालत एक मुर्दे की भांति हो जाएगी । लेकिन यदि आपको चिंता से बचना है, अपने तनाव को कम करना है, तो चिंतन कीजिए । यदि आप मनन चिंतन करेंगे तो आपको उस समस्या का हल जरूर मिलेगा, जिसको सोचकर आप चिंतित हैं । इसलिए कितनी भी बड़ी परेशानी हो, कितनी भी बड़ी चिंता हो, हँसते-मुस्कुराते हुए मन को शांत रखकर चिन्तन कीजिए ।

चिंता आपसे कोशों दूर रहेगी ।

9.

प्रेरणा सफलता का द्वार – हमारी प्रेरणा, हमारी सफलता तक पहुँचने का बहुत बड़ा मार्ग है । आज आप बहुत सारी Inspirational बातें, कहानियां पढ़ते-सुनते हैं तो आपके अन्दर एक नया उत्साह पैदा हो जाता है लेकिन कब तक के लिए, जब तक कि वो प्रेरणा आपके मन में रहती है तब तक के लिए ही।

इसलिए जरूरी है कि आप रोज अपने आपको और दूसरों को प्रेरित करें और दूसरों से सफलता प्राप्ति के लिए प्रेरणा लें ।

रोज ऐसी बातें पढ़ें, ऐसी कहानियां पढ़ें जो आपके अन्दर एक नया उत्साह पैदा करे । आप गलत कर रहे हों तो वो बातें आपको डाटें, बार-बार आपको एहसास दिलाये कि आप क्या कर रहे हैं और क्या कर सकते हैं । इसलिए रोज अपने आपको प्रेरित करें । रोज प्रेरणादायक बात पढ़ें । उनसे सीखें, उन बातों को जीवन में अमल करें । धीरे-धीरे आप सफलता के मार्ग में आने वाली मुश्किलों के लिए एक बहुत बड़ा जाल बुन चुके होंगे । जो सिर्फ हमारी प्रेरणा के द्वारा ही हो सकता है ।

 

10.

बहाना बर्बादी है, बर्बादी बहाना है – आज Competition का ज़माना है, Life में हर कोई अपने असली मुकाम तक पहुंचना चाहता है । लेकिन ये दो शब्द हमें अपने लक्ष्य तक पहुँचने नहीं देते ।

वे हर कदम पर हमें जीतने नहीं, बल्कि हारने का अवसर देते हैं ।

बहाना हमें बर्बाद कर देता है और बर्बादी हमें बहाने का रास्ता लेने को मजबूर कर देती है ।

कैसे देखिये,

बहाना बर्बादी है – बहाने बनाने के तरीकों से आप सब वाकिफ होंगे । एक व्यक्ति, दुसरे व्यक्ति से आज कहता है कि इस काम को थोडा कर देंगे क्या? लेकिन दुसरे व्यक्ति का जवाब होता है कि मेरे पास अभी समय नहीं है और मैं बहुत ही ज्यादा busy हूँ ।

शायद आप भी ऐसा बोलते होंगे ! लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि “बहाना बनाना” एक दिन आपकी आदत बन जाएगी । जिससे पछताने के अलावा आपके हाथ कुछ भी नहीं लगेगा ।

बहुत व्यक्तियों का कहना होता है कि हम बड़ी परीक्षाओं, बड़े लक्ष्य को पाने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन वे परीक्षाओं की आड़ में अपने आपसे बहाने बनाते हैं । आप ये बात जान लीजिये कि बहाना आपके समय को बर्बाद कर देगा । आपके भविष्य को बर्बाद कर देगा ।

इसीलिए बहाना बनाना छोड़िये और बर्बादी से नाता तोडिये ।

 

बर्बादी बहाना है – कई व्यक्ति बहानों के कारण ही बर्बाद होता है । लेकिन बर्बाद होने के बाद भी बहाने क्यों बनाता है ? तात्पर्य यह है कि आपकी बर्बादी के लिए आप स्वयं ही जिम्मेदार होते हैं । दूसरों पर गलती उछालने से पहले एक बार सोच लेवें इसलिए दूसरों पर बहाने के माध्यम से गलती थोंपना बंद कीजिए । बहाना बनाना बंद कीजिये । अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य को समझिये । अपने लक्ष्य पर ध्यान देते हुए खुद पर विश्वास करके आगे बढ़िये, कामयाबी जरूर मिलेगी ।

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कुछ विशेष पलों में हम अपने ख़ास लोगों को Gift देते हैं लेकिन साथ में आप उन्हें कुछ अच्छी बातें भी लिखकर दें जो उनके जीवन को बेहतर बनाने में काम आये…

जैसे आप लिख सकते हैं :

  • जीवन में हमेशा अच्छा सोचना ।
  • हमेशा समय का सदुपयोग करना ।
  • सफलता पाने के लिए हमेशा कोशिश करना ।
  • हमेशा सही रास्ते पर चलना ।
  • किसी को भी कठोर वचन मत बोलना ।
  • अपने से बड़ों का हमेशा सम्मान करना ।
  • दूसरों के दुःख को ख़ुशी में बदल देना ।
  • किसी के साथ विश्वासघात मत करना ।
  • किसी से क्रोध मत करना ।

ये बातें सिर्फ पढ़ने और सुनने के लिए नहीं है बल्कि असल ज़िन्दगी में उतारने के लिए है । यदि हम हमारी ज़िन्दगी को कोरे किताब से तुलना करके देखें तो –

यदि हम कोरे किताब पर कुछ न लिखें और उसे ऐसे ही एक मेज पर रख दें तो वह जैसी की तैसी ही मेज पर पड़ी रहेगी । लेकिन हमारी ज़िन्दगी के प्रत्येक पन्ने को रोज समय द्वारा पलटा जा रहा है । अब चुनाव हमारे स्वयं के ऊपर है कि हमारी ज़िन्दगी के प्रत्येक कीमती पलों में हम कैसी यादें भरें जिससे हमारी किताब बेहतर ढंग से पेश हो मतलब हमारी ज़िन्दगी बहुत खुशनसीब और कामयाब हो ।

उसने कितना तैयारी किया है इस बात को सोचकर मन में डर की भावना या मन को निराश कभी मत करना । बल्कि तुमने कितनी तैयारी की है और तुम्हें कितना तैयारी करना बाकी है सिर्फ यही देखना ।

तैयारी शुरू करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती इसलिए अपने लक्ष्य को अपने सामने रखो और आज से, अभी से तैयारी शुरू करो ।

तैयारी करते जाओगे, उत्साह बढ़ते जाएगा । दिमाग में बिना बोझ लिए तैयारी करते जाओ..

तुम्हारा उत्साह, तुम्हारा आत्मविश्वास और तुम्हारी तैयारी कभी खाली नहीं जाएगी ।

 

हम ये क्यों नहीं सोचते कि.. हमें हर बार जीतना है ।

बल्कि ये क्यों सोचते हैं कि हमें जीतना है… । ।

किरण साहू

 

लेखक को सबसे ज्यादा ख़ुशी उस दिन होगी जब आप इसके लिए एक-एक बातों पर गौर कर अपनी लाइफ में प्रैक्टिकल रूप से अमल करेंगे…

ये 10 पॉइंट खोलेंगी सफलता का द्वार – Part 1

धन्यवाद 🙂

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तुम मुझको कब तक रोकोगे… https://www.hamarisafalta.com/2018/09/%e0%a4%a4%e0%a5%81%e0%a4%ae-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%9d%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a4%ac-%e0%a4%a4%e0%a4%95-%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a5%87.html https://www.hamarisafalta.com/2018/09/%e0%a4%a4%e0%a5%81%e0%a4%ae-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%9d%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a4%ac-%e0%a4%a4%e0%a4%95-%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a5%87.html?noamp=mobile#respond Mon, 03 Sep 2018 05:08:35 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1819 तुम मुझको कब तक रोकोगे  मुठ्ठी में कुछ सपने लेकर, भरकर जेबों में आशाएं । दिल में है अरमान यही, कुछ कर जाएं… कुछ कर जाएं… । । सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे । सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे… अपनी हद रौशन करने से, तुम मुझको कब तक रोकोगे…तुम मुझको कब तक रोकोगे… । ।   मैं उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है… मैं उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने […]

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तुम मुझको कब तक रोकोगे 

मुठ्ठी में कुछ सपने लेकर, भरकर जेबों में आशाएं ।

दिल में है अरमान यही, कुछ कर जाएं… कुछ कर जाएं… । ।

सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे ।

सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे…

अपनी हद रौशन करने से, तुम मुझको कब तक रोकोगे…तुम मुझको कब तक रोकोगे… । ।

 

मैं उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है…

मैं उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है …

बंजर माटी में पलकर मैंने…मृत्यु से जीवन खींचा है… ।

मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ… मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ ..

शीशे से कब तक तोड़ोगे..

मिटने वाला मैं नाम नहीं… तुम मुझको कब तक रोकोगे… तुम मुझको कब तक रोकोगे…।।

 

इस जग में जितने ज़ुल्म नहीं, उतने सहने की ताकत है…

इस जग में जितने ज़ुल्म नहीं, उतने सहने की ताकत है ….

तानों  के भी शोर में रहकर सच कहने की आदत है । ।

 

मैं सागर से भी गहरा हूँ.. मैं सागर से भी गहरा हूँ…

तुम कितने कंकड़ फेंकोगे ।

चुन-चुन कर आगे बढूँगा मैं… तुम मुझको कब तक रोकोगे…तुम मुझको कब तक रोकोगे..।।

 

झुक-झुककर सीधा खड़ा हुआ, अब फिर झुकने का शौक नहीं..

झुक-झुककर सीधा खड़ा हुआ, अब फिर झुकने का शौक नहीं..

अपने ही हाथों रचा स्वयं.. तुमसे मिटने का खौफ़ नहीं…

तुम हालातों की भट्टी में… जब-जब भी मुझको झोंकोगे…

तब तपकर सोना बनूंगा मैं… तुम मुझको कब तक रोकोगे…तुम मुझको कब तक रोक़ोगे…।।

 

इस वेबसाइट पर प्रकाशित सभी प्रेरणादायक लेखों को इस लिंक पर क्लिक करके जरूर पढ़ें 

श्री अमिताभ बच्चन जी द्वारा कौन बनेगा करोड़पति के मंच पर एक प्रेरणादायक और दिल को छू लेने वाली हिंदी कविता…

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धन्यवाद !

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ये 10 पॉइंट खोलेंगी सफलता का द्वार – Part 1 https://www.hamarisafalta.com/2018/08/success-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/08/success-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 20 Aug 2018 06:14:38 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1815 दोस्तों, आज से 5 साल पहले 2013 में मैंने 3-4 पेज का एक आर्टिकल लिखा था । जिसकी सैकड़ों कॉपी मैंने फ्री में जगह-जगह बाँटी थी । तब मैंने यह साईट लॉन्च नहीं की थी, इस वजह से मैं उसे अपने साईट पर पब्लिश नहीं कर पाया । 5 साल बाद आज वो आर्टिकल मुझे मिला और उस आर्टिकल को पढ़कर मेरी पुरानी यादें फिर से ताजा हो गयीं । कैसे मैंने उस आर्टिकल को एक कॉपी में लिखा और […]

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दोस्तों, आज से 5 साल पहले 2013 में मैंने 3-4 पेज का एक आर्टिकल लिखा था । जिसकी सैकड़ों कॉपी मैंने फ्री में जगह-जगह बाँटी थी । तब मैंने यह साईट लॉन्च नहीं की थी, इस वजह से मैं उसे अपने साईट पर पब्लिश नहीं कर पाया । 5 साल बाद आज वो आर्टिकल मुझे मिला और उस आर्टिकल को पढ़कर मेरी पुरानी यादें फिर से ताजा हो गयीं । कैसे मैंने उस आर्टिकल को एक कॉपी में लिखा और किसी दुसरे व्यक्ति से Computer पर टाइप करवाया था।

आज उसी आर्टिकल को यहाँ पर Same तरह से Publish कर रहा हूँ । उम्मीद करता हूँ कि यह आर्टिकल आपको पसंद आये ।

 

आज मैं आप सभी Readers के सामने कुछ विशेष पहलुओं को रखने वाला हूँ, जिससे आप सब परिचित होंगे, जो कि हमारी Life से जुड़ी हुई है ।

सफलता :

स – सोच ।

फ – फैसला ।

ल – लक्ष्य ।

त – तालीम ।

“हमें सफलता, हमारी सोच, हमारे फैसले, हमारे लक्ष्य और हमारी एक नई तालीम के मिलने से मिलती है।”

1.

हमारा सपना, सफलता अपना – ज़िन्दगी में सफलता देखना सबके लिए एक आम बात है इसलिए हम यह कह सकते हैं कि सफलता का द्वार खोलती है सपना । आइये इससे जुड़ी कुछ बातें नीचे देखते हैं :

हमारा सपना एक दिन हमें कामयाबी के शिखर तक पहुंचा ही देती है लेकिन हमारे सपनों को सफलता में बदलने के तरीकों को क्या हम जानते हैं ?

बंद आँखों से देखे गये सपने को हम सपना नहीं कहेंगे बल्कि सपने तो वो हैं जिसे हम खुली आँखों से देखते हैं और जब तक हम उसे पूरा न कर लें हमें चैन नहीं मिलता ।

(अ) सपना : खुली आँखों से सपने देखना तो शुरू कीजिए, आप उसमें इतने डूब जाएँगे कि बिना इनको पूरा किये आपको चैन नहीं मिलेगा, आदमी जब कहता है ‘सपने तो सपने होते हैं ।’ तो वह व्यक्ति कभी भी अपने शिखर तक नहीं पहुँच सकता । सपनों को सच करना है तो ‘स’ अक्षर से शुरू होने वाले कुछ शब्दों को देखते हैं ।

(ब) सोच – उस सपने को लेकर आज से ही सोचना शुरू कीजिए, आप अपने सपनों को लेकर सोचेंगे तभी उसे पाने के लिए अपना एक-एक कदम उस तरफ बढ़ा पाएंगे ।

(स) सलाह – आज मुफ्त की सलाह देने वाले बहुत से आदमी आपको मिलेंगे लेकिन जो व्यक्ति आपके सोच और सपने की कदर कर आपको अपने सपनों तक पहुँचने का रास्ता बताये वह सही Advisor होगा । इसलिए सोच-समझकर ही किसी को मुफ्त की सलाह दें और आप भी सोच-समझकर ही सलाह को स्वीकारें ।

(द) साकार– अपने सपने को साकार करने में जुट जाइए । अपनी पूरी सोच, उस सपने को साकार करने में लगा दीजिये । अपनी पूरी मेहनत उस सपने पर झोंक दीजिये । आपका सपना एक दिन जरुर साकार होगा ।

‘नील आर्मस्ट्रांग’ जिनको आज पूरी दुनिया जानती है । उन्होंने एक सपना देखा था कि एक दिन वो चाँद पर अपने कदम रखेंगे और यदि हम कहें कि चाँद पर पहुँचने वाला प्रथम व्यक्ति ‘नील आर्मस्ट्रांग’ नहीं बल्कि उनकी एक बहुत बड़ी सोच थी, तो क्या हम गलत होंगे ?

इसलिए बड़ा सोचो, करो और देखो तुम्हारे सपने जरूर साकार होंगे ।

2.

जितना जरूरी है जीतना….. उससे ज्यादा जरूरी है सीखना…..

जितना जरूरी है जानना….. उतना ही जरूरी है मानना…..

जितना जरूरी है खुश रहना, मुस्कुराते रहना….. उतना ही जरूरी है दूसरों को भी ख़ुशी देना…..

जितना जरूरी है बेहतर ज़िन्दगी बिताना….. उतना ही जरूरी है ‘अफ़सोस’ नाम के शब्द को अपनी ज़िन्दगी से हटाना…..

जितना जरूरी है अपने काम-कर्तव्य से प्यार करना….. उतना ही जरूरी है अपने आपसे प्यार करना…..

आज के काम को आने वाले कल पर न टालना जितना जरूरी है….  उतना ही जरूरी है आने वाले कल के काम का आज ही निर्धारण करना……

जितना जरूरी है बीते हुए कल की गलती से सीख लेना….. उतना ही जरूरी है उन गलतियों को दुबारा न दोहराना….

जितना जरूरी है तय करना….. उतना ही जरूरी है उस बात को अपनी ज़िन्दगी में प्रायोगिक तौर पर अमल कर सफलता पाना….. ।

3.

ज़िन्दगी के सकारात्मक पहलुओं पर ही गौर करें क्योंकि सकारात्मकता आपको एक दिन सफलता जरूर दिलाएगी और नकारात्मकता आपको पूरी तरह खा जाएगी ।

4.

हमारी ज़िन्दगी एक खेल की तरह है, जरूरी नहीं कि हम हर बार जीतें या बार-बार सफल हों और जरूरी यह भी नहीं कि हम हर बार या बार-बार हारें लेकिन सच्चा खिलाड़ी वही होगा जो बिना जीत या हार की परवाह किये बिना उस खेल में अपना सब कुछ लगा देगा ।

5.

जिसमें सीखने की ललक होती है, वो ये कभी नहीं सोचता कि सामने वाला हम-उम्र है या हमसे कितना छोटा । जिसमें जीतने की चाहत होती है वो ये कभी नहीं सोचता कि वो हारेगा..

जिसके अन्दर सफलता हासिल करने की आग होती है वो अपने काम में अपना 100% देता है, उसे अपनी काबिलियत पर 100%, अपनी कामयाबी पर 100% और अपने आप पर उससे हजार गुना ज्यादा विश्वास होता है…. जिसके अन्दर मेहनत कर अपने लक्ष्य को पाने की दृढ़-इच्छा होती है, वो ये कभी नहीं सोचता कि उसके पास कितना कम है.. वो सिर्फ यह देखता है कि उसके पास कितना कुछ है जिससे वह पूरा खेल खत्म कर सकता है….. ।

 

दोस्तों यह पोस्ट काफी लम्बी हो जाएगी इसलिए इसका अगला भाग हम जल्दी ही प्रकाशित करेंगे…

ये 10 पॉइंट खोलेंगी सफलता का द्वार – Part 2

कृपया इस पोस्ट में अपनी राय कमेन्ट करके जरूर बताएं.  आप hamarisafalta@gmail.com पर मेल करके भी अपने विचार हम तक पहुँचा सकते हैं ।

धन्यवाद 🙂

किरण साहू

 

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Successful लोगों के 5 गुण https://www.hamarisafalta.com/2018/08/successful-%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-5-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%a3.html https://www.hamarisafalta.com/2018/08/successful-%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-5-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%a3.html?noamp=mobile#respond Fri, 03 Aug 2018 12:36:21 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1811 सफल लोगों में ऐसी कौन-सी खूबियाँ होती हैं कि वे Successful होते हैं या कहूँ यशस्वी होते हैं । जितने भी लोगों ने बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल की हैं, जो आज बड़े-बड़े पदों पर हैं और वो सभी लोग जो आज बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल करते ही जा रहे हैं उन सबमें ये 5 खूबियाँ मौजूद होती ही हैं । आइये जानते हैं इन 5 Qualities के बारे में – पढ़ना Successful लोग या कहें जितने भी लोग सफलता के शिखर तक […]

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सफल लोगों में ऐसी कौन-सी खूबियाँ होती हैं कि वे Successful होते हैं या कहूँ यशस्वी होते हैं ।

जितने भी लोगों ने बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल की हैं, जो आज बड़े-बड़े पदों पर हैं और वो सभी लोग जो आज बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल करते ही जा रहे हैं उन सबमें ये 5 खूबियाँ मौजूद होती ही हैं ।

आइये जानते हैं इन 5 Qualities के बारे में –

पढ़ना

Successful लोग या कहें जितने भी लोग सफलता के शिखर तक पहुँचते हैं, वे सभी खूब पढ़ते हैं । They read alot..

पढ़ने मात्र से क्या होता है !

इस बात को मन में गाँठ बांध लें – Reading Makes You a Leader.  Readers are Leaders.

अच्छी किताबें हमारे माइंड को एक दिशा देती हैं । याद रखिये, किताबें पढ़ते-पढ़ते हमारी लाइफ में ऐसी-ऐसी Qualities develop हो जाती हैं जो कि किताबों में लिखी रहती हैं । जब हम सफल लोगों की आत्मकथा पढ़ते हैं तब कहीं न कहीं, न चाहते हुए भी हम उस व्यक्ति की तरह ही सोचने लगते हैं । पढ़ने के दौरान हम एक अलग ही दुनिया में चले जाते हैं और एक तरह से उसकी दुनिया भी हमें अपनी दुनिया जैसे लगने लगती है । भले ही आप अपनी दुनिया में कुछ भी हों, यदि आप बहुत गरीब परिवार से हों या फिर आपका सिचुएशन बहुत ज्यादा ख़राब हो । लेकिन जब आप किसी व्यक्ति की Autobiography पढ़ते हैं तब आप खुद को उस व्यक्ति से जोड़ लेते हैं । आपके अन्दर से आ रहा होता है कि ये कर सकता है तो मैं भी कर सकता हूँ । किताब को हाथ में पकड़ते ही ऐसा लगने लगता ही कि मैं भी उस व्यक्ति की तरह कर सकता हूँ । क्योंकि उस व्यक्ति की लाइफ में भी बड़ी से बड़ी problems थे लेकिन उस व्यक्ति ने कभी भी हिम्मत नहीं हारी और किसी न किसी तरह वो व्यक्ति उस problems से उभरकर आया और एक विजेता बनकर इतिहास रचा ।

इसीलिए पढ़ना के बहुत ही important क्वालिटी है, यदि आप सफल होना चाहते हैं तो ।

 

लिखना

पढ़ने और लिखने का साथ हमेशा से बना हुआ है, ये दोनों ही जुड़े हुए हैं । और आप जानते ही होंगे कि जो पढ़ते हैं वो लिखते हैं । आप सोच रहे होंगे कि मैं कहाँ स्कूल की बातें करने लग गया !

लेकिन बड़ी दुःख के साथ मुझे कहना पड़ रहा है कि स्कूल की बातें स्कूल में ही रह जाती हैं । भले ही हम सभी को लिखना पढ़ना आ गया हो लेकिन हम अपनी लाइफ में कितना उतारते हैं इस लिखने-पढ़ने को । क्या हम केवल एक एग्जाम के लिए या किसी तरह से कोई जॉब मिलने के लिए ही लिखते पढ़ते हैं !

हम स्कूल के दिनों में या कॉलेज में पढ़ते क्या हैं ?  बस टेक्स्ट बुक्स ।

और वो भी क्यों ?  क्योंकि हमें एग्जाम लिखना है ।

लेकिन दोस्तों याद रखिये, लाइफ का एग्जाम लिखने के लिए भी तो पढ़ना और लिखना जरुरी है ।

जितने भी सक्सेसफुल लोग होते हैं वे सभी लिखते हैं । आप सोच रहे होंगे कि वे क्या लिखते होंगे या उन लोगों के पास उतना टाइम कहाँ होगा, वे सभी कैसे लिखते होंगे…

जो अपनी लाइफ से कुछ सीख रहा होता है वो उन बातों को कहीं न कहीं नोट्स बनाते हुए चल रहा होता है  । उसके पास डायरी या फिर लिखने के लिए कोई नोटबुक जरुर होती है ।

जब आप लिखते हैं तो कहीं न कहीं वो थॉट्स या ideas आपके मन में भी रह जाते हैं । आप कहीं भी जाएं एक पेन और एक कागज ही सही लेकिन साथ में जरुर रखें । लिखने की एक आदत आपकी लाइफ में आपको जल्दी सफलता दिलाने के लिए एक बड़ा काम कर सकती है ।

कुछ भी नया विचार आये तो उसे तुरंत लिख लें, क्या पता वो विचार आपकी ज़िन्दगी बदल दे ।

याद रखें – विचार जो लिखा नहीं गया वो चला  गया लेकिन विचार जो लिखा गया वो आपकी लाइफ change कर सकती है ।

Management के फील्ड में एक बात कही जाती है – केवल सोचो नहीं, सोच को लिखो.. किसी तरह से Document करो…

Time Management

समय ही एक ऐसा measurement tool है जो या तो हमें आगे लेकर जा सकता है या पीछे..

जब सही समय हो तब हम बहुत कुछ कर सकते हैं लेकिन जब सही समय न हो तो कुछ नहीं कर सकते । अगर आप अपने समय की कदर करते हैं तो आप यकीन जानिए आप एक न एक दिन जरूर सफल होंगे ।

You Need to respect your time. You need to respect others time.

अपने समय को वैल्यू दें.. आप केवल घंटों के बारे में मत सोचिये । आप मिनटों के बारे में सोचिये । आप एक-एक सेकंड के बारे में सोचिये । क्योंकि एक-एक सेकंड जुड़कर मिनट बनता है.. वहीँ एक-एक मिनट जुड़कर घंटे बनते हैं और घंटों के जुड़ने से दिन बनता है और दिन, हप्ते-महीने-साल में बदल जाता है ।  छोटे-छोटे पलों में ही आप क्या करते हैं वही जुड़कर आपकी पूरी दुनिया बन जाती है । इसलिए अपने एक-एक सेकंड को महत्व दें… ।

संगति

हमारे बड़े बुजुर्गों ने हमेशा सत्संग को महत्व दिया है । सत्संग मतलब क्या ?

वो लोग जो हमसे ज्यादा अनुभवी हैं, हमसे ज्यादा इंटेलिजेंट हैं… और यदि आपको अपनी लाइफ में बड़ी सक्सेस हासिल करनी है.. तो हमसे ज्यादा जो लोग सफल हैं उनकी संगत में रहें ।

उदाहरण के लिए यदि मैं साल में 50 लाख रूपयों का बिजनेस कर रहा हूँ और अगर मुझे 1 करोड़ तक जाना है तो मुझे ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होगी । मुझे ऐसे ग्रुप्स को सर्च करना होगा जो 1 करोड़ का बिजनेस कर रहे हैं और मुझे बस उनकी संगत में रहना होगा । धीरे-धीरे उनकी सोचने की क्षमता या कहूँ उनके विचारधारा मेरे अन्दर भी आ जाएगी और मैं भी एक करोड़ का बिजनेस कैसे करना है इस बारे में सोचने लग जाऊंगा ।

इसलिए यदि आपको बड़ी सफलताएँ हासिल करनी है तो हमेशा सही लोगों के साथ रहिये ।

 

लीडर की तरह सोचिये

आपको एक लीडर की तरह बनने की जरूरत नहीं है, आप बस एक लीडर की तरह सोचिये ।

You think like a leader and you become a leader.

सोचते-सोचते आप कब सफल हो जाओगे आपको पता नहीं चलेगा ।

एक व्यक्ति था उसको अपने आपमें बहुत विश्वास था.. उसके अन्दर आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं थी । लेकिन उसके हाथ-पैर नहीं थे । एक बार वह पहाड़ चढ़ने की कोशिश कर रहा था ।

उसके ठीक बगल में ही एक दूसरा व्यक्ति था, बिलकुल पूरी तरह से फिट और वह एक मैरोथोन रनर था । वह भी उस पहाड़ को चढ़ रहा था ।

पहाड़ की चढ़ाई करते हुए मैरोथान रनर ने उस व्यक्ति से कहा – शायद तुम ऊपर चढ़ नहीं पाओगे ! क्योंकि तुम्हारे तो हाथ पैर भी नहीं है ।

उस व्यक्ति ने मुकुराकर कहा- मैं तो ऊपर पहुँच चूका हूँ, बस थोड़े समय की ही बात है मेरा शरीर भी ऊपर पहुँच जाएगा ।

इसी को कहते हैं Self belief… ये विश्वास कीजिए कि आप एक लीडर हैं, आप सफल हैं और सचमुच आप एक दिन सफल बन जाएँगे ।

धन्यवाद

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अगर आप सोचते हैं… https://www.hamarisafalta.com/2018/07/%e0%a4%85%e0%a4%97%e0%a4%b0-%e0%a4%86%e0%a4%aa-%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%9a%e0%a4%a4%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a5%88%e0%a4%82.html https://www.hamarisafalta.com/2018/07/%e0%a4%85%e0%a4%97%e0%a4%b0-%e0%a4%86%e0%a4%aa-%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%9a%e0%a4%a4%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a5%88%e0%a4%82.html?noamp=mobile#respond Tue, 31 Jul 2018 08:51:53 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1805 अगर आप सोचते हैं अगर आप सोचते हैं कि आप हार गए हैं तो आप हारे हैं अगर आप सोचते हैं कि आप में हौसला नहीं है तो सचमुच नहीं है अगर आप जीतना चाहते हैं मगर सोचते हैं कि जीत नहीं सकते तो निश्चित है कि आप नहीं जीतेंगे अगर आप सोचते हैं कि हार जाएँगे तो आप हार चुके हैं क्योंकि हम इस दुनिया में देखते हैं कि सफलता की शुरुआत इंसान की इच्छा से होती है ये […]

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अगर आप सोचते हैं

अगर आप सोचते हैं कि आप हार गए हैं

तो आप हारे हैं

अगर आप सोचते हैं कि आप में हौसला नहीं है

तो सचमुच नहीं है

अगर आप जीतना चाहते हैं

मगर सोचते हैं कि जीत नहीं सकते

तो निश्चित है कि आप नहीं जीतेंगे

अगर आप सोचते हैं कि हार जाएँगे

तो आप हार चुके हैं

क्योंकि हम इस दुनिया में देखते हैं कि

सफलता की शुरुआत इंसान की इच्छा से होती है

ये सब कुछ हमारी सोच पर निर्भर करता है

अगर आप सोचते हैं कि पिछड़ गए हैं

तो आप पिछड़ गए हैं

तरक्की करने के लिए आपको अपनी सोच ऊँची करनी होगी

कोई भी सफलता प्राप्त करने से पहले

आपको अपने प्रति विश्वास लाना होगा

जीवन की लड़ाइयाँ हमेशा

सिर्फ तेज और मजबूत लोग ही नहीं जीतते बल्कि

आज नहीं तो कल जीतता वही आदमी है

जिसे यकीन है कि वह जीतेगा

 

कृपया इसका प्रेरणादायक हिंदी विडियो नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करके देखें

कृपया Rajni G के चैनल को इस लिंक पर क्लिक करके जरूर सब्सक्राईब करें

You Can Win के हिंदी अनुवाद, जीत आपकी पुस्तक से लिया गया है जिसके लेखक शिव खेड़ा जी  हैं

 

धन्यवाद !

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सफलता हासिल करने के लिए इन 10 बातों को हमेशा याद रखें Part-2 https://www.hamarisafalta.com/2018/06/10-things-to-achieve-success-inspirational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/06/10-things-to-achieve-success-inspirational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 07 Jun 2018 09:30:03 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1778 सफलता हासिल करने के लिए इन 10 बातों को हमेशा याद रखें Part-2 फोकस कीजिए यदि हम सफल लोगों को देखें तो पाएंगे कि वे सभी ऐसे फैसले करते हैं या ऐसे कदम उठाते हैं जो उन्हें अपने ट्रैक पर बनाये रखने के लिए मदद करता है । यदि आप वाकई सफलता हासिल करना चाहते हैं तो उन सभी चीजों से दूर रहिये जो आपका ध्यान भटका रही है, आपको अपने ट्रैक से भटका रही है, आप जब तक फोकस […]

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सफलता हासिल करने के लिए इन 10 बातों को हमेशा याद रखें Part-2

फोकस कीजिए

यदि हम सफल लोगों को देखें तो पाएंगे कि वे सभी ऐसे फैसले करते हैं या ऐसे कदम उठाते हैं जो उन्हें अपने ट्रैक पर बनाये रखने के लिए मदद करता है । यदि आप वाकई सफलता हासिल करना चाहते हैं तो उन सभी चीजों से दूर रहिये जो आपका ध्यान भटका रही है, आपको अपने ट्रैक से भटका रही है, आप जब तक फोकस नहीं रहेंगे, तब तक आप अपने लक्ष्य को कभी भी प्राप्त नहीं कर सकते हैं । एक लक्ष्य बनाने के बाद कोई बहाना मत बनाएं । कई बार हम लोग कोई काम हाथ में लेते हैं लेकिन उसे बीच में छोड़कर ही कोई दूसरा काम पकड़ लेते हैं, ऐसा बिलकुल भी नहीं होना चाहिए । जब आप किसी काम को हाथ में लें, तो उसे तब तक करते रहें जब तक कि उसमें आपको इच्छित सफलता हासिल नहीं हो जाती । जब तक आप सफल नहीं हो जाते तब तक अपनी फोकस को भटकने न दें । मंजिल तक पहुंचकर ही दम लें ।

सकारात्मक रहिये

यदि आप सोचते हैं कि आप कभी सफलता हासिल नहीं कर सकते हैं तो यकीन जानिये कि आप कभी सफल नहीं हो सकते हैं । पॉजिटिव इंसान बनिये, क्योंकि सकारात्मक सोच लोगों के अन्दर यह विश्वास पैदा करती है कि मंजिल तक पहुँचने के लिए कोई न कोई रास्ता उनके पास होता ही है । एक ऐसा रास्ता, जो भले ही मुश्किलों और कठिनाइयों से क्यों न भरा हो उसे एक सकारात्मक व्यक्ति अपनी सकारात्मक नजरिये से बहुत हद तक आसान बना देता है और आख़िरकार उसे कामयाबी मिलती ही रहती है । नेगेटिव थॉट्स को अपने माइंड में जगह देकर हम खुद के ही सबसे बड़े दुश्मन बन जाते हैं । हम चीजों पर कभी फोकस ही नहीं कर पाते , बस हमें यही दिख रहा होता है ‘कि यह तो संभव ही नहीं! ऐसा हो ही नहीं सकता ।’ यदि आप बड़ी सफलताएँ हासिल करना चाहते हैं तो खुद को पॉजिटिव रखिये, सकारात्मकता की तरफ आगे बढ़िये और Be Positive यार… आप अपनी लाइफ में जो चाहें वो पा सकते हैं बस पॉजिटिव रहें, धैर्य रखें और मेहनत करते जाएँ..

लड़ते रहिये

आपको कोई भी रोक नहीं सकता, आपको कोई भी हरा नहीं सकता यदि आप लड़ने के लिए तैयार हैं, जूझने के लिए तैयार हैं, खुद को परखने के लिए जब आप खुद से ही लड़ रहे होते हैं तब आपको कौन रोक सकता है !

लड़ने से मेरा मतलब किसी को मारना-पीटना नहीं है , इसका मतलब है संघर्ष करना ।

जब तक आपकी साँस चल रही है आपको संघर्ष करना होगा । इस दुनिया में ऐसा कोई भी इंसान नहीं है जो सफल होने के बाद भी संघर्ष नहीं कर रहा है । बिल गेट्स जो Microsoft  के संस्थापक हैं, उन्होंने सफल होने के बावजूद अपने संघर्ष को जारी रखा । वो संघर्ष करते रहे, जिसके बदौलत ही वो Window में इतने ज्यादा update संभव करा पाए, Window XP से लोग Window 10 का इस्तेमाल कर पा रहे हैं वो उनके संघर्ष का ही नतीजा है । इस दुनिया में जितने लोग भी सफल हुए हैं उन सभी ने खुद मेहनत की है, और खूब संघर्ष किया है । बिना स्ट्रगल के कोई भी बड़े मुकाम तक नहीं पहुंचा है । और जिन लोगों को हम सफल कह रहे हैं वे सभी आज भी संघर्ष कर रहे हैं और अपनी काबिलियत और कामयाबी को बढ़ा रहे हैं ।

वो हर दिन अपने नकारात्मक विचारों के साथ लड़ रहे हैं और उन्हें ख़त्म कर रहे हैं, वो खुद को बेहतर बनाने के लिए लड़ रहे हैं, वो उन सबसे लड़ रहे हैं जो उन्हें अपने लक्ष्य से भटका रहा है । आप भी लड़िये, अपने अन्दर के आलस्य को खत्म कीजिये, अपने अन्दर उन सभी बुराइयों को खत्म कीजिये जो आपकी सफलता में बाधक हैं ।

संघर्ष करने से कभी मत कतराएँ , क्योंकि संघर्ष और सफलता का पुराना रिश्ता है ।

-किरण साहू 

खुद को मोटिवेट रखें

आप बिना मोटिवेशन के आगे बढ़ ही नहीं सकते । कई बार आप निराश भी होंगे, जब आप असफल होंगे तो निश्चित रूप से आपका हौसला टूटेगा, मैं कोई नकारात्मक बातें नहीं कर रहा हूँ । मैं बस आपको सच्चाई बता रहा हूँ जो सफल लोगों के जीवन में हुआ है ।

वे बार-बार गिरते हैं , लेकिन बार-बार उठते भी हैं । सेल्फ मोटिवेशन बहुत ही ज्यादा जरूरी है ।

जब मैं निराश होता हूँ और बहुत परेशान होता हूँ तो अकेले में जाकर खूब रोता हूँ, अपने अन्दर की जितनी भी निराशा है, या जो कुछ भी मैं बुरा महसूस कर रहा होता हूँ वो सब मेरे अन्दर से बाहर निकल जाता है, पता नहीं क्यों लेकिन जब भी मैं खुद को कमजोर महसूस करता हूँ या मुझे किसी तरह के मोटिवेशन की जरूरत पड़ती है तो खुद से बातें करते हुए रो लेता हूँ । ये दूसरों को बेवकूफी लगे लेकिन हम सभी अपने-अपने तरीके से खुद के अन्दर बहुत ज्यादा शक्ति पैदा कर सकते हैं । बहुत से लोग शीशे के सामने घंटों तक खड़े होकर बातें करते हैं, और खुद से बात करना, खुद से ही अपने प्रोब्लम्स शेयर करना और खुद से ही अपने प्रोब्लम्स और निराशा के जवाब माँगना ये मोटिवेशन का एक बड़ा रहस्य हो सकता है ।

अपने अन्दर की आग को बुझने मत दीजियेगा क्योंकि यही आग आपको आगे ले जाने में मदद करेगी ।

                                    -किरण साहू 

विपरीत से विपरीत परिस्थिति में आपको हिम्मत नहीं हारनी है, बड़ी से बड़ी मुश्किलें आती हैं लेकिन हर मुश्किल अपने साथ समाधान और उस मुश्किल से जुड़ी एक बड़ी सीख आपको दे जाती है । और आपको किसी दुसरे से सीखना नहीं पड़ता बल्कि आप खुद अपनी लाइफ से सीख रहे होते हैं ।

आप अपनी मोटिवेशन को कभी मरने मत दीजियेगा, जितना संभव हो खुद को charged रखें क्योंकि बिना मोटिवेशन के एक-एक कदम आगे बढ़ाना मुश्किल हो सकता है । लेकिन याद रखिये आपके हर एक कदम पर आपको खुद से ही मोटिवेशन मिलती जाएगी… बस कदम रूकने न पायें । मंजिलों को पाना है तो कदम आगे बढ़ाना ही होगा ।

टालमटोल से बचिए

स्कूल लाइफ से ही मैं एक बुरी लत का शिकार हुआ हूँ, जो आज भी मुझे जकड़े हुई है । जब भी हमें अपने क्लासरूम में होम वर्क दिया जाता, मैं कभी भी टाइम पर उसे पूरा नहीं करता था । जब कॉपी चेक होने की बात आती तो मैं 2-3 दिन तक स्कूल ही नहीं जाता था । बस अपने दिमाग को यही संकेत भेज देता कि अभी तो काम को खत्म करने में पूरा दिन बचा है.. और जब दिन खत्म हो जाती तो एक सन्देश और भेज देता कि अभी तो पूरी रात बाकि है… और इन्हीं दिन रात के चक्कर में मैं अपना होमवर्क कभी टाइम पर पूरा नहीं कर पाता… क्योंकि जैसे ही रात होती दिमाग को एक नया सन्देश मिल जाता कि चलो न सो जाते हैं सुबह जल्दी उठकर काम को खत्म कर लेंगे… और इधर सुबह अलार्म की घंटी बज रही होती थी और मैं दिमाग को संकेत भेजने में ही व्यस्त रहता कि बाद में कर लूँगा.. ज्यादा तो नहीं बचा है…. और बस ये सिलसिला आज भी मुझे जकड़े हुए है..

मैं एक चीज मानता हूँ कि जो काम जरूरी है उसे कभी भी टालो मत… मैंने इस प्रकार के बहुत सारे अच्छे सन्देश अपने माइंड को भेजे हैं लेकिन दिमाग और शरीर पूरी तरह से उस बुरी आदत को जकड़े हुए है.. आज भी मैं अपने कस्टमर्स को परेशान होता देख रहा हूँ… उन्हें कभी भी टाइम पर सर्विस नहीं मिल रही है क्योंकि कोई भी काम हाथ में लेने पर दिमाग तक वही गलत सन्देश भेज दी जाती है… और काम कल पर ही टल जाता है ।

हाँलाकि इस बुरी आदत से मैं जल्दी ही छुटकारा पाने वाला हूँ क्योंकि इसके लिए मैं कुछ अच्छी आदतों को अपनी लाइफ में feed कर रहा हूँ और कुछ दिनों से अच्छे सन्देश माइंड को भेजे जा रहे हैं ।

यदि आप टालमटोल की बुरी आदत से जकड़े हुए हैं तो कभी भी बड़ी सफलताएँ हासिल नहीं कर सकते ! मेरी लाइफ में कई बार असफल होने के पीछे इसी बुरी आदत का हाथ है ।

जब हम छोटे होते हैं और बचपन में कुछ बुरी आदतों को छोड़ नहीं पाते तो हम अपनी नाकामयाबी निश्चित रूप से तय कर रहे होते हैं । यदि हमें सफल होना है तो बचपन से ही अपने अन्दर हमें अच्छी आदतों को feed करना होगा । ये बातें अपने बच्चों के लिए जरूर नोट कर लें ताकि वे इस प्रकार की गलतियों को दोहराने से बचें ।

टालमटोल, बस आपको लाइफ में गोल-गोल घुमाने और अपने ट्रैक से भटकाने का काम करेगी, मैं जल्दी ही अपनी टालमटोल की बुरी आदत से बाहर आऊंगा क्योंकि मेरी सफलता में यही एक बड़ी बाधक का रूप लिए मेरे सामने खड़ी है ।

-किरण साहू 

सफलता हासिल करने के लिए इन 10 बातों को हमेशा याद रखें Part-1

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सफलता हासिल करने के लिए इन 10 बातों को हमेशा याद रखें Part-1

ज्यादातर लोग किसी भी व्यक्ति की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाते हैं कि उसके पास कितना आलिशान बंगला है, कितना बड़ा घर है उसका! वो तो सारी चीजें ब्रांडेड ही इस्तेमाल करता होगा । उसके पास कितने नौकर चाकर होंगे ! Etc..Etc…

हम उन सभी लोगों की सफलता को तो आसानी से देख लेते हैं और जाहिर सी बात है कि हमारे अन्दर से भी आ रहा होता है कि हमें भी एक दिन उन्हीं की तरह एक सफल व्यक्ति बनना है । लेकिन यदि हमें उनकी तरह ही Successful बनना है तो हमें उनकी Success Journey के बारे में जानना और समझना होगा ।

पहली बात, आखिर सफल लोग ऐसा क्या करते हैं कि सफल हो जाते हैं या फिर ऐसा भी क्यों होता है कि वे दुसरे लोगों की तुलना में ज्यादा ही सफल होते हैं!

आखिरी बात, यदि हमें सफल लोगों से Inspiration लेनी है और उनकी तरह ही सफल बनना है तो हमें भी उन तमाम मुश्किलों के लिए तैयार रहना होगा , जो उन्होंने अपनी जर्नी के दौरान कहीं-न-कहीं झेला होगा.. हमें उन ठोकरों के लिए भी तैयार होना पड़ेगा जो उन्होंने दर-ब-दर भटकते हुए खाई है ।

एक छोटी-सी तितली भी तो हमें एक बहुत बड़ी सीख दे जाती है , जब वह कोकून के अन्दर होती है तो उसे बाहर निकलने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है, उसे अपनी पूरी ताकत लगानी पड़ती है तभी वह उस खाल को तोड़ पाती है और उसी बीच ही उसके पंखों में मजबूती आती है और इसके बाद ही वह एक सुंदर तितली बन पाती है । यदि उसे वहां से निकलने में मेहनत नहीं करनी पड़ती या किसी तरह से आप उस तितली को कोकून से निकलने में मदद करते तो उसके पंख कभी भी मजबूत नहीं हो पाते, शायद वह उड़ भी नहीं सकती और मर जाती ।  तितली को संघर्ष करना पड़ता है और इसी संघर्ष के कारण ही वह जिंदा रह पाती है ।

आइये इस पोस्ट में सफलता हासिल करने वाली कुछ ख़ास बातों के बारे में जानते हैं :

सपने देखने की हिम्मत करें

बहुत से लोगों के मुंह से मैंने कुछ बातें सुनी है शायद आपने भी सुनी हो  :

  • बेटा! बड़ा आदमी बनने के सपने देखना छोड़ । और Govt. जॉब के लिए तैयारी कर, छोटा-मोटा नौकरी लग जाए , उसी में खुश रह ।
  • कहाँ स्टार्टअप के चक्कर में पड़ा है, बड़ा काम करने के क्या फालतू सपने देख रहा है, चुप-चाप से 9 to 5 जॉब कर ले ।
  • तू और लाखों में इनकम करेगा! हवा में उड़ना छोड़ और फालतू के सपने देखना बंद कर ।

 

दोस्तों मैं आपको बताना चाहता हूँ कि सपने कभी भी ‘फालतू’ नहीं होते  । आप अपने सपनो का पीछा कीजिये, उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दीजिये । ऊपर लिखे वाक्यों को उन्हीं लोगों के द्वारा बोला जाता है जो या तो बहुत नेगेटिव पर्सन होते हैं या फिर उन्हें आप पर बिलकुल भी भरोसा नहीं होता । ऐसे लोग हमारे आसपास ही होते हैं । हमारे रिलेटिव्स या घर में भी हमें ऐसे लोग देखने को मिल सकते हैं । इसलिए जब तक आप सफल नहीं हो जाते तब तक आप अपने सपनों के बारे में ऐसे लोगों को न ही बताएं । आप क्या कर रहे हैं वह आपको ही दिख रहा होता है , सामने वालों को तो आप बस एक पागल दिख रहे होते हैं जो अपने ही धुन में मग्न रहता है ।

वाल्ट डिज्नी को आप सभी जानते ही होंगे, उन्होंने एक बात कही थी “यदि आप किसी चीज का सपना देखते हैं तो आप उसे हासिल भी कर सकते हैं । ”

बहुत सारे लोग तो बस लकीर का फ़क़ीर बने रहने में ही भरोसा करते हैं , वे कभी अपने कंफर्ट जोन से बाहर भी नहीं आना चाहते लेकिन याद रखिये जो व्यक्ति सही मायनों में कामयाब होना चाहता है वह सपना देखने की हिम्मत रखता है । वे अपनी लाइफ में रिस्क लेने से कभी नहीं झिझकते । यदि उन्होंने एक बार ठान लिया कि उन्हें क्या करना है तो वो रिस्क लेने से पीछे नहीं हटते और अपने सपने को पूरा करने में लग जाते हैं । डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साहब ने भी तो कहा है कि सपने वो नहीं होते जो हम रात में सोते हुए देखते हैं बल्कि सपने तो वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते ।

दूर की सोचिये

सफल व्यक्ति के पास एक साफ उद्देश्य होता है । वे इस बात को बखूबी जानते हैं कि उनकी लाइफ आगे आने वाले कुछ सालों में कहाँ पर होगी !

अपनी आँखें बंद करें, क्या अभी आपको अपनी लाइफ की एकदम साफ़ तस्वीर नजर आ रही है ? अगर आप बंद आँखों से अपने उद्देश्यों को देख पा रहे हैं तो यह एक अच्छी बात होगी नहीं तो आपको अपना लक्ष्य तय करना होगा ।

जरूर पढ़ें : जीवन का उद्देश्य Purpose in Life

मेहनत का कोई दूसरा विकल्प नहीं है

मेहनत का कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है । अगर आप किसी सफल व्यक्ति को देखते हैं और सोचते हैं कि अमुक व्यक्ति सिर्फ इसलिए सफल हुआ है कि उसके भाग्य ने उसका साथ दिया है लेकिन ये बात सच नहीं है । यह भाग्य, उस व्यक्ति ने अपनी कड़ी मेहनत से बनाया है । सफल लोगों का कहना है कि आप सच्चे दिल से यदि कड़ी मेहनत कर रहे हैं, अपने काम में अपना 100% दे रहे हैं तो भाग्य की कोई जरूरत ही नहीं है । हमेशा याद रखें सफल लोग अपने भाग्य का निर्माण खुद ही करते हैं । आप भी अपनी किश्मत खुद लिखिए, आप खुद ही अपने भाग्य के निर्माता हैं ।

जरूर पढ़ें : कड़ी मेहनत -ज़िन्दगी बदलने वाली पोस्ट 

विफलता से कभी मत डरिये

स्टीव जॉब्स की सफलता का सबसे बड़ा सीक्रेट और उनकी विफल न होने की एक मात्र Inspiration थी मौत का डर । हम सबको एक दिन दुनिया से चले जाना है, मैं नेगेटिव बात नहीं कर रहा हूँ ये लाइफ का सबसे बड़ा सच है । और जब इस दुनिया से जाना ही है तो जो करना है उसे कर जाएँ । सफल होना, विफल होना बाद की बात है । यदि आप सफलता हासिल करना चाहते हैं तो आपके अन्दर फ़ैल होने की ताकत तो होनी ही चाहिए । किसी भी कंडीशन में आपको कभी भी हार नहीं मानना चाहिए । आपको बस एक काम करना है, अपनी विफलता से सीखते हुए आगे बढ़ते रहना है, अपनी गलतियों से सीखना है और उन्हें सुधारते हुए अपनी सफलता की कहानी लिखना है । विफलता के डर को पीछे छोड़ दें और सफलता की ओर कदम बढ़ाएं ।

जरूर पढ़ें : स्टीव जॉब्स की पांच बातें जो बदल सकती हैं आपकी लाइफ 

जो भी करें पैशनेट होकर करें

क्या आप अपनी लाइफ के बारे में बात करते हैं तो आपके चेहरे पर हल्की-सी एक मुस्कान होती है, क्या आपका चेहरा भी चमक उठता है ! आप जो भी चीज कर रहे हैं उससे प्यार कीजिये क्योंकि सफल लोग करते हैं । मैं कभी भी अपने फैमिली को ज्यादा टाइम नहीं दे पाता, न ही उस लड़की को भी वक्त देता हूँ जो मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करती है, जो कि एक अच्छी वाइफ बनने के लिए अभी से तैयारी में जुटी हुई है । मैं ज्यादा सफल नहीं हूँ लेकिन मेरे लिए जो बड़ी सफलताएँ हैं वो मुझसे दूर भी नहीं हैं ।  मैं ये छोटी-छोटी बातें इसलिए आपको बता रहा हूँ क्योंकि एक सफल व्यक्ति अपने चाहनेवालों का हमेशा ख्याल रखते हैं, उन्हें अपनी फैमिली, अपने काम और अपनी लाइफ से बहुत ज्यादा लगाव होता है । मैं तो अपनी लाइफ से कभी-कभी मायूस हो जाता हूँ । उन सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद जो मुझे हौसला देते हैं और मै अपने काम को बेहतर ढंग से कर पाता हूँ । सफल लोग ज्यादातर मायूस नहीं होते, हम अपने आपको मायूस और निराश होने से कभी भी नहीं रोक सकते हैं । लेकिन ये मैटर नहीं रखता कि हम मायूस हैं या निराश बल्कि ये जरूरी है कि आप अपनी मायूसी को कितनी जल्दी ख़त्म कर रहे हैं । मायूस होकर बैठे मत रहिये, पूरी मेहनत के साथ आगे बढ़ते हुए अपनी जंग जीत लीजिये ।

सफलता हासिल करने के लिए इन 10 बातों को हमेशा याद रखें Part-2

दोस्तों यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो कृपया इस पोस्ट पर अपने सुझाव हमें hamarisafalta@gmail.com पर लिखें अथवा अपने विचार आप कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से भी हम तक पहुंचा सकते हैं ।

धन्यवाद !

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जीत आपकी | 69 बेस्ट मोटिवेशनल थॉट्स | You Can Win Inspirational Quotes in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/06/you-can-win-best-inspirational-quotes-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/06/you-can-win-best-inspirational-quotes-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 02 Jun 2018 13:32:57 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1761 “जीत आपकी” किताब से उद्धृत  शिव खेड़ा के 69 बेस्ट इन्स्पिरेशनल थॉट्स  You Can Win Best Inspirational Quotes in Hindi यदि आप मुझसे पूछें कि ‘आप सिर्फ एक ही किताब का नाम बताएं जो मेरी ज़िन्दगी बदलने के लिए काफी है तो मैं You Can Win “जीत आपकी ” Book का ही नाम लूँगा । और इसे ही आपको Recommend करूँगा क्योंकि यह बुक किसी मोटिवेशन के खजाने से कम नहीं है । आईए इस पोस्ट में हम “जीत आपकी ” […]

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“जीत आपकी” किताब से उद्धृत  शिव खेड़ा के 69 बेस्ट इन्स्पिरेशनल थॉट्स 

You Can Win Best Inspirational Quotes in Hindi

यदि आप मुझसे पूछें कि ‘आप सिर्फ एक ही किताब का नाम बताएं जो मेरी ज़िन्दगी बदलने के लिए काफी है तो मैं You Can Win “जीत आपकी ” Book का ही नाम लूँगा । और इसे ही आपको Recommend करूँगा क्योंकि यह बुक किसी मोटिवेशन के खजाने से कम नहीं है ।

आईए इस पोस्ट में हम “जीत आपकी ” किताब के सभी बेस्ट मोटिवेशनल थॉट्स को देखते हैं और अपनी लाइफ में सकारात्मक बदलाव लाते हैं :

 

सफलता का मतलब सिर्फ असफल होना नहीं है, बल्कि सफलता का सही अर्थ है अपने असली मकसद को पाना । इसका मतलब है पूरा युद्ध जीतना, न कि छोटी-मोटी लड़ाइयाँ जीतना ।

-एडविन सी. ब्लिस

 

हमारे सामने मौजूद किसी भी तथ्य से ज्यादा महत्वपूर्ण उस तथ्य के बारे में हमारा नज़रिया होता है, क्योंकि हमारी सफलता या असफ़लता उसी से तय होती है ।

-नार्मन विंसेंट पीले

 

वह चाँदनी रातों में सोया

उसने सुनहरे धुप का मज़ा उठाया

कुछ करने की तैयारी में ज़िन्दगी गुज़ारकर

वह गुजर गया कुछ न कर – हारकर ।

                                         -जेम्स अलबरी

 

विश्वविद्यालय (Universities) से युवक बहुत काबिल मगर पढ़े-लिखे जाहिल बनकर निकल रहे हैं क्योंकि हम युवाओं को नैतिकता का कोई आधार नहीं दे पा रहे हैं जिसकी उन्हें ज्यादा-से-ज्यादा तलाश है ।

                                         -स्टीवन मूलर, अध्यक्ष, जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी

 

यूनिवर्सिटी की पहली ज़िम्मेदारी ज्ञान देना और चरित्र निर्माण होता है, न कि व्यापारिक और तकनीकी शिक्षा देना ।

                                               -विंस्टन चर्चिल

 

अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं है जितनी कि किसी काम को सही ढंग से सीखने की इच्छा न होना ।

-बेंजामिन फ्रैंकलिन

 

जो जरूरी है उससे शुरू करें, फिर जो मुमकिन है वह करें, और आप अचानक पाएंगे कि आप नामुमकिन काम भी करने लगे हैं ।

-सेंट फ्रांसिस ऑफ़ असिसी

असफल होने पर आप निराश हो सकते हैं, लेकिन अगर आपने कोशिश ही नहीं की, तो आपका नाश हो जाएगा ।

-बेवर्ली सिल्स

 

बड़ी सफलताएँ हासिल करने वाले लोग अपना वक्त व्यर्थ, जटिल क़िस्म के, या विनाशकारी विचारों में उलझ कर नष्ट नहीं करते । वे रचनात्मक ढंग से सोचते हैं, और उन्हें मालूम होता है कि उनके सोचने का तरीका ही उनकी कामयाबी को तय करेगा ।

-डॉ. सेमौर एपस्टीन

 

अगर आप सचमुच सफल होना चाहते हैं, तो उन कामों को करने की आदत डालिए, जिन्हें असफल लोग नहीं करना चाहते ।

-अज्ञात

 

“मूल्यवान लक्ष्य की लगातार प्राप्ति का नाम ही सफलता है ।”

-अर्ल नाइटिंगैल

 

इतिहास बताता है कि बड़े-बड़े विजेताओं को भी जीत से पहले हताश कर देने वाली बाधाओं का सामना करना पड़ा । उन्हें जीत इसलिए मिली कि वे अपनी असफलताओं से मायूस नहीं हुए ।

-बी.सी. फ़ोर्ब्स

 

अधिकतर लोग ठीक उस समय हार मान लेते हैं, जब सफलता उन्हें मिलने ही वाली होती है । विजय – रेखा बस एक ही कदम की दूरी पर होती है, तभी वे कोशिश बंद कर देते हैं । वे खेल के मैदान से अंतिम मिनट में हट जाते हैं, जबकि उस समय जीत का निशान उनसे केवल एक फुट के फ़ासले पर होता है ।

-एच. रॉस पेरॉट

 

भाग्य केवल संयोग पर निर्भर नहीं होता, बल्कि हम उसे अपने लिए चुनते हैं । वह इंतजार करने की नहीं, बल्कि हासिल करने की चीज़ है ।

-विलियम जेनिंग्स ब्रायन

 

सिर्फ सफल होने की कोशिश न करें, बल्कि मूल्य आधारित जीवन जीने वाला मनुष्य बनने की कोशिश कीजिए ।

-अल्बर्ट आइन्स्टीन

 

ज़िम्मेदारी जब हमारी दिली इच्छा भी बन जाती है, तो उससे संतोष और ख़ुशी मिलती है ।

-जार्ज़ ग्रिटर

 

भाग्य? मैं भाग्य के बारे में कुछ नहीं जानता । मैंने इस पर कभी भरोसा नहीं किया , और जो लोग इस पर ऐतबार करते हैं , मुझे उनसे डर लगता है । मेरे लिए भाग्य का मतलब है कड़ी मेहनत , और अवसर की पहचान ।

-लुसिल बाल

 

मैं आधे दिन काम करना चाहता हूँ । मुझे इसकी कोई परवाह नहीं कि यह पहले 12 घंटे हैं या बाद के 12 घंटे ।

-कैमंस विल्सन, सीईओ, होलीडे इन

 

एक आदमी अपने काम में अपनी शक्ति और योग्यता का केवल 25% ही इस्तेमाल करता है । दुनिया उन लोगों का सम्मान करती है जो अपनी 50% योग्यता का इस्तेमाल करते हैं , और उन गिने – चुने लोगों को सिर आँखों पर बिठाती है , जो अपनी क्षमता का सौ फीसदी इस्तेमाल करते हैं ।

-एंड्रयू कार्नेगी

 

किसी सार्थक काम के लिए कड़ी मेहनत करने का मौका मुहैया करा कर ज़िन्दगी हमें सबसे बड़ा इनाम देती है ।

-थिओडोर रूजवेल्ट

 

आलोचक वह होता है जो दाम तो हर चीज का जानता है , लेकिन उसे चीजों का महत्व नहीं ।

-आस्कर वाइल्ड

 

इंसान का स्वभाव कुछ ऐसा ही है कि महानतम उपलब्धियों के क्षणों में वह लापरवाह होने लगता है । कामयाब होने के साथ ही आपको काफी आत्मअनुशासन की आवश्यकता होगी, और संतुलन कायम रखते हुए विनम्रता और प्रतिबद्धता का परिचय देना होगा ।

-एच. रॉस पैरो

 

अगर आप किसी के लिये काम करते हैं , तो ऊपर वाले के खातिर उसके लिए ईमानदारी से काम कीजिये ।

-किम हब्बर्ड

 

लगातार कोशिश करते रहने के आगे कुछ नहीं टिक सकता । प्रतिभा भी नहीं – इससे ज्यादा कोई आम बात है ही नहीं कि बहुत सारे प्रतिभाशाली असफल लोग देखने को मिलते हैं । जीनियस भी नहीं – हारे हुए जीनियस तो एक कहावत है । शिक्षा भी नहीं – दुनिया पढ़े-लिखे नासमझों से भरी हुई है । लगातार कोशिश और दृढ इच्छा ही सर्वसमर्थ है ।

-कैल्विन कूलिज़

 

सफलता का सम्बन्ध काम से है । सफल लोग हमेशा गतिशील रहते हैं । वे गलतियाँ करते हैं, पर मैदान नहीं छोड़ते ।

-कॉनरैड हिल्टन

 

ज़िन्दगी एक दस गियर वाली साईकिल की तरह होती है । हममे से ज्यादातर लोगों के पास ऐसे गीयर हैं जिनका हम कभी इस्तेमाल नहीं करते ।

-चार्ल्स शुलज़

 

फ्रैंकलिन के संकेत समझने से पहले भी बिजली कई बार चमकी थी । न्यूटन के संकेत समझने से पहले भी सेब उनके सिर पर कई बार गिरा था । कुदरत हमें हमेशा इशारा करती रहती है । यह हमें बार-बार इशारा करती है, और एकाएक हम उसका इशारा समझ जाते हैं ।

-राबर्ट फ्रॉस्ट

 

जीतने की इच्छा सभी में होती है , मगर जीतने के लिए तैयारी करने की इच्छा बहुत कम लोगों में होती है ।

-विंस लॉम्बार्डी

 

एक इंसान संकोच करता है हीन भावना की वजह से और दूसरा गलतियाँ करने के लिए संकोच नहीं करता हीन भावना की ही वजह से ।

-हेनरी सी लिंक

 

आपको ज़िन्दगी में यह चुनाव करना है , कि आप अनुशासन की कीमत चुकायेंगे, या अफ़सोस की ।

-टिम कोनर

 

60 साल पहले मैं सारी बातें जानता था , लेकिन अब मैं कुछ नहीं जानता, अपनी अज्ञानता को निरंतर जानते रहने की प्रक्रिया ही शिक्षा है ।

-विल ड्यूरॉट

 

इंतजार करने वालों को अच्छी चीजें मिलती तो हैं, पर केवल ऐसी चीजें ही मिलती हैं , जिन्हें कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं ।

-अब्राहम लिंकन

 

शॉवर के नीचे नहाने वाला हर आदमी इस बात को जानता है कि यह आदमी ही है जो (बौछारों से) बाहर आता है , खुद को सुखाता है , और कुछ ऐसे काम करता है , जिससे एक उमदा फर्क पड़ता है ।

-नोलन बुशनेल

“कोई आदमी अपने बारे में जो सोचता है , उसी से उसकी तकदीर तय होती है , या उसके भाग्य के बारे में संकेत मिलता है ।”

-हेनरी डेविड थोरो

 

प्रिय नागरिकों, तुम अपने बच्चों की देखभाल में इतना कम ध्यान क्यों देते हो , और दौलत पाने के लिए पत्थरों को तराशने में इतना ज्यादा समय क्यों देते हो , जबकि एक दिन यह सब बच्चों के लिए ही छोड़ जाना है ।

-सुकरात

 

सफलता में 99% असफ़लता शामिल होती है ।

-सोइचेरा होंडा (होंडा मोटर कॉर्पोरेशन के संस्थापक)

 

हर घर में अगर अनुशासन का पालन किया जाए , तो युवाओं द्वारा किये जाने वाले अपराधों में 95% तक की कमी आ जाएगी ।

-जे. एडगर हूवर

 

आज़ादी मनचाही चीज़ का भरपूर आनन्द उठाने में नहीं , बल्कि मन को वश में रखने से मिलती है ।

-ऐपीटेटस

 

शिक्षा हमें सिखाती है कि हम क्या कर सकते हैं , और क्या नहीं कर सकते ।

मैं बहुत से ऐसे असीम क्षमता वाले लोगों की तलाश में हूँ ,जो यह नहीं जानते कि क्या नहीं किया जा सकता ।

-हेनरी फोर्ड

 

अधिकार हमारी जिम्मेदारियों से बड़े नहीं हो सकते । हमारे अधिकारों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारियों के पालन से ज्यादा नहीं बढ़ सकती ।

-जॉन एफ. कैनेडी

अगर आप खुद के मान-सम्मान को महत्व देते हैं, तो गुणवान लोगों की संगति में रहें । खराब संगत में रहने से तो अच्छा है कि आप अकेले ही रहें ।

जॉर्ज वाशिंगटन

 

कोई भी आपकी इजाजत के बगैर आपको हीन (छोटा) महसूस नहीं करा सकता ।

-एलीनोर रूजवेल्ट

 

धीरज से आत्मविश्वास , दृढ़ता और समझदारी भरा नजरिया पैदा होता है , जिससे आख़िरकार कामयाबी हासिल होती है ।

-ब्रिआन ऐडम्स

 

अच्छी शुरूआत का अंत भी अच्छा होता है ।

-एक अंग्रजी कहावत

 

मैं व्यावहारिक काबिलीयत को किसी भी दूसरी काबिलीयत की तुलना में ज्यादा पैसे दूंगा ।

-जॉन डी. रॉकफेलर

 

ईर्ष्या उस बाघ की तरह है , जो न केवल अपने शिकार को , बल्कि उस ह्रदय को भी चीर डालती है , जिसमें यह बसती है ।

-माइकेल बीयर

 

अहंकार का भाव ऐसा बाम है जो मुर्खता के दर्द को कम कर देता है ।

-न्युट रॉकने

 

जिसे उड़ना सीखना हो , उसे पहले खड़ा होना , चलना और दौड़ना आना चाहिए ।

-फ्रेडरिक नित्ज़े

 

“ज़िम्मेदारियाँ उस व्यक्ति की तरफ खिंची चली आती है , जो उन्हें कंधे पर उठा सकता है ।”

-एल्बर्ट हब्बर्ड

 

महानता की कीमत ज़िम्मेदारी है ।

-विंस्टन चर्चिल

 

बुराई के जड़ जमाने के लिए इतना काफी है कि अच्छे लोग कुछ न करें , और बुराई जड़ पकड़ लेगी ।

-एडमंड बर्क

 

खुले दिलवाला होने की एकमात्र विश्वसनीय पहचान है , खुले कान वाला भी होना ।

-डेविड ऑसबर्गर

 

बिना उत्साह के कभी कोई बड़ा काम नही हुआ ।

-रॉल्फ़ वाल्डो इमर्सन

 

आज के दौर की सबसे बड़ी बीमारी कोढ़ या तपेदिक नहीं है , बल्कि अपने को गैरजरूरी महसूस करने का भाव है ।

-मदर टेरेसा

 

स्कूलों में एक पुरानी कहावत है कि चापलूसी मूर्खों की खुराक होती है , फिर भी कभी-कभी तुम बुद्धिमान लोग इसे थोड़ा-सा खाने के लिए भूखे हो जाते हो ।

-जोनाथन स्विफ्ट

 

बहुत पहले मैंने सीख लिया था कि सूअर से कुश्ती कभी नहीं लड़ें । आप तो मैले हो जाएँगे साथ ही यह सूअर को अच्छा लगता है ।

-सायरस चिंग

 

खुद को ईमानदार इंसान बनाएं तो आप निश्चित हो सकते हैं कि दुनिया के धूर्त आदमी कम हो गया ।

-थॉमस कारलायल

 

कठोरता एक कमजोर आदमी की झूठी ताकत है ।

-ऐरिक हॉफर

 

हम जिन कामों को लगातार करते हैं , हमारी शख्सियत उन्हीं के मुताबिक ढल जाती है । श्रेष्ठता किसी एक काम से नहीं , बल्कि एक समूची आदत के नतीजे के तौर पर हासिल होती है ।

-अरस्तु

 

जीवन के रास्तों पर चलते हुए अपनी आँखें अपने लक्ष्य पर जमाए रहें । आम पर ध्यान दें , गुठली पर नहीं ।

-अज्ञात

 

महान मस्तिष्क उद्देश्य से भरे होते हैं , और अन्य लोगों के पास केवल इच्छाएँ होती हैं ।

-वाशिंगटन इरविंग

 

ज़िन्दगी में लम्बे कदम बढ़ाना भले मुश्किल हो , पर इंच-इंच बढ़ाना आसान है ।

-जीन गार्डोन

 

छोटी योजनायें न बनाएं, उनमें इंसान के दिलों में जोश भरने वाला जादू नहीं होता है …. । बड़ी योजनायें बनाएं , पूरी आशा के साथ ऊंचाई की ओर बढ़ें और काम करें ।

-डेनियल एच बर्नहम

 

आजतक कोई इंसान इसलिए सम्मानित नहीं हुआ कि उसने दुनिया से क्या लिया , लेकिन इसलिए जरूर हुआ कि उसने क्या दिया ।

-काल्विन कूलिज़

दुनिया की सबसे अच्छी और सबसे सुन्दर चीजों को न तो देखा और न ही छुआ जा सकता है । उन्हें दिल से महसूस किया जाना चाहिए ।

-हेलन कीलर

 

पढ़ो ऐसे कि जैसे तुम्हें सदा जीना है

जियो ऐसे कि जैसे तुम्हें कल ही दुनिया से चले जाना है ।

-महात्मा गाँधी

 

मैं उस काम में असफल होना पसंद करूँगा , जो आखिर में सफल होगा, बजाय उस काम में सफल होने के जो आखिर में असफल होगा ।

-वुडरो विल्सन

 

कई बार जीत से ज्यादा हार में विजय होती है ।

-माइकेल डि माटेग्न

 

 

जीतने वाले कोई अलग काम नहीं करते,

वे हर काम अलग ढंग से करते हैं ।

-शिव खेड़ा

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किसी भी काम को शुरू करना बहुत आसान हो सकता है । मान लीजिये कि आप इस वेबसाइट के पोस्ट को रेगुलर पढ़ रहे हैं, अब आपके माइंड में आया कि मैं भी ऐसे कंटेंट लिख सकता हूँ, इसमें कौन-सी बड़ी बात है ! और अब आप अपने खुद की एक वेबसाइट शुरू कर देते हैं ।

आपने एक दिन लिखा, दुसरे दिन लिखा, तीसरे दिन लिखा …. लेकिन कुछ दिन इस पर काम करने के बाद आप एकदम रूक से गये… आपने अब लिखने की नहीं सोची.. और वेबसाइट को आपने बंद ही कर दिया… ।

हम किसी चीज को देखते हैं और उसे करना भी चाहते हैं, और ऐसा नहीं है कि हम करने की Try भी नहीं करते.. हम काम शुरू करते हैं, उसे कुछ दिनों तक पूरे जोश के साथ करते हैं लेकिन कुछ दिनों में ही हमारा जोश ठंडा पड़ जाता है और हम उस काम को छोड़कर कोई दूसरा काम पकड़ लेते हैं ।

लोग कहते हैं कि जिस काम में interest है ­उसे करना चाहिए, लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो अपने interest का काम तो कर रहे हैं लेकिन उसे Continue नहीं कर पा रहे हैं…

मैं भी हर दिन सोचता हूँ कि daily एक पोस्ट तो लिख ही दूंगा… ऐसा बिलकुल नहीं है कि लिखने में मेरा interest नहीं है… मुझे एक घंटे ही ज्यादा से ज्यादा लग सकता है यदि मैं एक अच्छी पोस्ट आपके लिए लिखूं, लेकिन बावजूद इसके मैं दुसरे काम में बिजी हूँ करके खुद से बहाने बनाता हूँ और पोस्ट लिखने के काम को कल पर टाल देता हूँ । interest होने के बावजूद मैं नियमित लिख नहीं पाता ।

इसके पीछे बस एक ही कारण है वह है मेरे अन्दर लगन का अभाव ।

मैं हर दिन सुबह 7 बजे ही उठता था, एक दिन मैंने निश्चय किया कि अब से मैं रेगुलर 5 बजे उठूँगा और सुबह 5 से 7 बजे तक अपनी बॉडी को टाइम दूंगा, इस बीच मैं मॉर्निंग वाक पर जाऊंगा और मेरे शरीर को मैं किस तरीके से fit रख सकता हूँ, इस पर ही मैं 2 घंटे टाइम दूंगा । फिट रखने से मेरा मतलब है कि किस तरह से बॉडी को मेंटली और फिजिकली दोनों तरह से फिट रखना है… ।

और 20-25 दिन हो चुके हैं मैं हर दिन सुबह 4.45 तक उठ जाता हूँ और 5 बजे से 7 बजे तक खुद को वक्त देता हूँ… इस बीच मैंने कोई बहाना नहीं बनाया, बल्कि मैं इसे अपनी एक आदत बना रहा हूँ और इसमें मेरी लगन का एक बड़ा role है जो मुझे यह करने पर मजबूर कर देता है ।

मुझे लगता है कि अपने अन्दर लगन को विकसित करने के लिए 4 बड़े स्टेप की आवश्यकता होती है :

  • एक निश्चित लक्ष्य जिसको हासिल करने के लिए मन और मस्तिष्क में एक प्रबल इच्छा हो । जैसे – सुबह 5 बजे उठना, मेरे लिए एक निश्चित लक्ष्य है । मैंने अपने दिमाग में इस बात को बैठा लिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, या मैं कितनी ही देरी से क्यों न सोऊं मुझे सुबह 5 बजे उठकर अपने शरीर को फिट रखने के लिए 2 घंटे ही देना ही है । मेरे मस्तिष्क में यह एक प्रबल इच्छा है कि जब तक मैं इसे अपनी अच्छी आदतों में शामिल नहीं कर लेता मैं इसे continue करता ही रहूँगा ।
  • एक निश्चित प्लान जिस पर काम करना जरूरी है, तब तक काम करना जरूरी है जब तक कि हम उसे अपनी आदत और Repeat होने वाले काम में शामिल नहीं कर लेते । जैसे : मैंने जिस दिन अपना एक लक्ष्य सेट किया कि सुबह 5 बजे उठना है और 7 बजे तक खुद को टाइम देना है, ये बात तो मेरे माइंड में क्लियर थी.. लेकिन बिना सही प्लानिंग के सुबह जल्दी उठना या मेरे लक्ष्य को भेद पाना संभव नहीं था… इसके लिए प्लानिंग बहुत जरूरी थी… कुछ दिन तक मैंने अपने दोनों मोबाइल में सुबह 4.45 का अलार्म लगाया, ताकि दो फ़ोन की घंटी एकसाथ कान पर पड़ने से मैं उठ तो सकूँ… इस प्लान को मैंने कुछ दिन तक Apply किया… इस बीच मैंने एक सावधानी भी बरती.. Actually मैं और मेरा बड़ा भाई Ratnakar हम दोनों एक ही रूम में सोते हैं और फ़ोन के अलार्म की घंटी देर तक बजने से उसकी नींद ख़राब हो सकती थी.. इसलिए जैसे ही फ़ोन की घंटी बजने की शुरुआत होती थी, मुझे तुरंत अपनी आँख खोलकर उसे बंद करना होता था और इसके लिए तुरंत उठना ही होता था नहीं तो सुबह-सुबह दोनों भाइयों में मार-पीट/लड़ाई शुरू हो जाती । रात में देर से सोने वाली एक बुरी आदत को भी मैंने सही किया ताकि मेरी नींद पूरी हो सके और मैं समय से उठ जाऊं ।
  • Negativity और Discouraged जो आपके माइंड में आकर आपसे कहता है “तुम यह नहीं कर सकते !” इन सभी से छुटकारा पाने के लिए अपने दिमाग का दरवाजा बंद करें । ऐसे रिश्तेदार, दोस्त या कोई भी व्यक्ति जो आपके अन्दर Negativity को बढ़ाने में अपना योगदान दे रहा है उससे दूरी बना लें, कोशिश करें कि Contacts सर्कल से ही वह गायब हो जाए । मेरी लाइफ में ज्यादा दोस्त नहीं हैं, कई बार मुझे इस बात का दुःख भी होता है लेकिन मैं खुद को समझा लेता हूँ कि मेरा बेस्ट फ्रेंड मैं खुद ही हूँ । एक नकारात्मक दोस्त को अपने साथ रखने से बेहतर है आप अकेले ही रहें और पॉजिटिव एनेर्जी को अपने पास आने का मौका दें । उन लोगों के साथ रहें जो आपके सपनों को समझते हों, जो आपका हौसला बढ़ाते हों, और आपके आत्मविश्वास को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हों ! ज़िन्दगी में हम कभी न कभी निराश होते ही हैं, कभी-कभी ऐसा भी लगता है कि सब ख़त्म हो गया ! अब करने के लिए कुछ भी नहीं बचा.. उस वक्त ऐसा कौन है जो आपको Inspire करता है, जो आपको बताता है कि आगे सब अच्छा होगा.. और वह हमेशा आपके साथ है… उस आदमी को ढूंढें जो आपकी लगन को फिर से पैदा करने में आपकी मदद करता है..और वह चाहता है कि ये लगन हमेशा जिन्दा रहे कभी भी मरे नहीं!! जो सचमुच चाहता है कि आप जिस काम को पूरे दिल से कर रहे हैं वह Continue… बना ही रहे… जैसे : एक दिन मुझे किसी काम से घर जाना पड़ा था, और वहां दो दिन रुकना पड़ा था तब मेरे एक दोस्त ने मुझे कॉल करके पूछा कि तुम सुबह 5 बजे घर में भी उठ रहे हो कि घोड़े बेचकर सो रहे हो.. तो उन लोगों के साथ रहिये जो सही मायने में आपके सच्चे दोस्त हैं.. जो आपके लक्ष्य को पूरा करने में आपकी मदद करते हैं.. जो इस बात पर भी नजर रखे हुए होते हैं कि कहीं आप अपने लक्ष्य से भटक तो नहीं रहे…
  • Mood नहीं है ! इस बड़े बहाने के शिकार तो नहीं हैं न आप ? मैं अपने दादाजी से काफी प्रभावित हूँ जो अपना काम पूरे लगन से करते हैं । उनका गुड़ का व्यवसाय था, हांलाकि वो अपने बिजनेस को बड़ा नहीं कर पाए लेकिन वे अपने काम में किसी तरह का कोई बहाना नहीं बनाते थे… आजकल हमारे Age ग्रुप के ज्यादातर लोग, जिसमें आप मुझे तो गिन ही सकते हैं जो Mood नहीं है का बहाना बनाते नहीं थकते… या यह कहते नहीं थकते कि यार Mood Off  हो गया… बड़े-बुजुर्ग ऐसे बहानों से हमेशा बचते आ रहे हैं .. वो कभी मूड का बहाना नहीं बनाते.. मेरे दादाजी ने 365 दिन काम किया है… वे कभी बीमार भी नहीं हुए.. पूरे लगन के साथ वो लगे रहे… लेकिन आज हम एक काम शुरू करते हैं और कुछ दिन तक उसे करने के बाद कहते हैं, अरे! आज तो मूड ही नहीं है… पता नहीं ये Mood शब्द हमारे लाइफ की Dictionary में कैसे घुस गया…. यदि आपको कुछ बड़ा करना है तो मूड को साइड में रखिये, काम करके मूड बनाइए, उसी लगन के साथ काम कीजिये, कि ऐसा लगे कि आज भी आपने शुरुआत ही की है… उस दिन को याद कीजिये जब आपने अपने किसी काम की पहली शुरुआत की थी, तब कोई लगन नहीं था न ही मूड नहीं है वाला कोई बहाना… आपने बस शुरू कर दिया था… लेकिन आप बीच में ही क्यों रूक रहे हैं… उसी जोश के साथ बस लगे तो रहिये…

चलिए मैं आपसे कुछ सवाल पूछता हूँ : आपको तैरना बिलकुल भी नहीं आता और आप तालाब में डूब रहे हैं तो क्या उस वक्त यह कहेंगे कि आज मुझे ‘बचाओ, बचाओ’ चिल्लाने का मूड नहीं है…

आपको बहुत जोर से प्यास लगी है, एक गिलास पानी आपके ठीक सामने है.. उस वक्त आप खुद से यह कहेंगे कि ‘आपका पानी पीने का मूड नहीं है..’

आप रास्ते से जा रहे हैं, अचानक एक पागल कुत्ता आपको देखकर भौकते हुए दौड़ाने की शुरू कर देता है तब आप खुद से यह कहेंगे कि ‘आओ मुझे काट लो, क्योंकि मेरा तो भागने का मूड नहीं है ।’

अपनी ज़िन्दगी को यदि हमें सँवारना है तो मूड नहीं है वाले इस शब्द को अपने डिक्शनरी से निकाल फेंकना होगा । हम कभी भी अपने अन्दर लगन को विकसित कर ही नहीं सकते, यदि हमने ऐसे शब्दों को अपनी लाइफ में जगह दिया हो!

 

यदि हम ज्यादा अमीर बनना चाहते हैं तो शायद ऊपर दिए गये 4 स्टेप को हमें फ़ॉलो करना चाहिए…. ये चार पॉइंट्स हमें लाइफ के हर फील्ड में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, अच्छे अवसर का लाभ लेने में ये हमारी मदद करेंगी । हमारे सपनों को साकार करने में ये सहायक साबित हो सकती हैं ।

यदि आप एक लगनशील व्यक्ति हैं तो आप बड़ी से बड़ी मुश्किलों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं और अपने सफलता की सीढ़ी चढ़ सकते हैं ।

दोस्तों, ऊपर लिखे सभी स्टेप्स को मैंने अपने उदाहरण के माध्यम से आपको समझाने की कोशिश की है और मैं उम्मीद करता हूँ कि आप भी इसे अपनी लाइफ में उपयोग करके देखेंगे । मैं अगले महीने से रेगुलर आपके लिए अच्छी से अच्छी पोस्ट लिखूंगा और जल्दी ही Youtube पर भी हम Continue Videos पब्लिश करेंगे…

यदि आप इस पोस्ट पर अपनी राय व्यक्त करना चाहते हैं तो कृपया मुझे hamarisafalta@gmail.com पर लिखें अथवा कमेन्ट करके बताएं यह पोस्ट आपको कैसी लगी ।

धन्यवाद !

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कड़ी मेहनत (Hard Work) – Life Changing Hindi Article https://www.hamarisafalta.com/2018/05/hard-work-life-changing-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2018/05/hard-work-life-changing-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Thu, 17 May 2018 06:11:36 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1746 सफ़लता किसी इत्तिफ़ाक की देन या सौगात में मिलने वाली चीज नहीं है । Successful बनने के लिए “लगे रहना और डंटे रहना” पड़ता है । इस दुनिया में बहुत सारे लोग हैं जो जीतने की चाह तो रखते हैं या कहूँ कि सफल होना तो चाहते हैं लेकिन सफल होने के लिए कड़ी मेहनत नहीं करना चाहते ! दुसरे शब्दों में अगर कहूँ तो सफलता हासिल करना तो चाहते हैं लेकिन सोचते हैं कि सब बैठे-बैठे ही हो जाए, […]

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सफ़लता किसी इत्तिफ़ाक की देन या सौगात में मिलने वाली चीज नहीं है । Successful बनने के लिए “लगे रहना और डंटे रहना” पड़ता है । इस दुनिया में बहुत सारे लोग हैं जो जीतने की चाह तो रखते हैं या कहूँ कि सफल होना तो चाहते हैं लेकिन सफल होने के लिए कड़ी मेहनत नहीं करना चाहते ! दुसरे शब्दों में अगर कहूँ तो सफलता हासिल करना तो चाहते हैं लेकिन सोचते हैं कि सब बैठे-बैठे ही हो जाए, बिना कुछ किये ही चुटकी बजाई और सफल हो गये ! कई लोग तो ऐसे भी हैं जो किसी न किसी शार्टकट का इंतजार कर रहे होते हैं । बस सोचते रहने से या हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने से हम सफल हो जाते तो दुनिया इतनी तेजी से नहीं बदल रही होती!

Successful बनने के लिए Self Discipline और ज़िम्मेदारी उठाने के फितरत की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है । अगर आपकी लाइफ में अनुशासन की कमी है तो सफल होने के चांसेस ही ख़त्म हो जाती है । आप सफल हो भी गये फिर भी बिना अनुशासन के अपनी सफलता को लम्बे समय तक कायम नहीं रख सकते ।

इस बात को हमेशा याद रखिये और यदि हो सके तो अपने मन-मस्तिष्क में गांठ बांध लीजिये – “कड़ी मेहनत का कोई दूसरा Best Option बिलकुल भी नहीं है ।”

यदि इस दुनिया में सचमुच भाग्य नाम की कोई चीज है तो वह भी उन्हीं लोगों के साथ होगी जो अपने काम में कड़ी मेहनत करते होंगे । एक बार किसी व्यक्ति ने लुइस बॉल से पूछा कि ‘आखिर ये भाग्य क्या है?’ नीचे इस Quote में आप उनका Reply दे सकते हैं ।

“भाग्य…? मैं तो भाग्य के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानता हूँ । और मैं भाग्य जैसी चीज पर कभी भरोसा भी नहीं करता । मेरी नजर में जो लोग ऐसी चीजों पर यकीन करते हैं मुझे तो उनसे डर लगता है । लेकिन हाँ, यदि भाग्य है तो मेरे लिए इसका मतलब बिलकुल साफ़ है, भाग्य का मतलब है जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं और जिन्होंने अवसर को पहचाना है, भाग्य उनके साथ है।”

 

यदि आपके पास कोई बड़ी सी Dictionary है, और आप सोचते हैं कि उसे अपने पास रखकर ही आप दुसरे भाषा की जानकारी समझ सकते हैं वो भी बिना मेहनत से उसे पढ़े तो क्या आप सही हैं ?

यदि आपको बड़ी सफलता हासिल करनी है तो बस सोचकर खाली बैठे रहने वाली बुरी आदत को छोड़िये, आपको सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी ही होगी । आपको डिक्शनरी के पन्नों में अपनी आँखें गड़ानी ही होगी तब जाकर ही आपके माइंड में शब्दकोष का भंडार होगा ।

सफलता हासिल करने के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं होती कि छड़ी घुमाओ और सफल हो जाओ । अभी के समय में सफलता “लगकर काम करने वालों को ही मिलती है, न कि जो सिर्फ दर्शक बनें खड़े हैं और दूसरों की सफलता को ही देखते और सोचते जा रहे हैं कि हमें भी सफल बनना है और वो भी बिना कुछ किये, बस ख्याली पुलाव बनाये।” कड़ी मेहनत के बिना सफलता पाना मुमकिन ही नहीं!

आपने उड़ते हुए पक्षियों को जरूर देखा होगा, क्या आप जानते हैं कि सभी चिड़ियों के लिए प्रकृति ने खाने का तो इंतजाम कर दिया है लेकिन क्या आपने कभी कुदरत को ही उनका घौसला बनाते देखा है!  चिड़िया अपना घौसला खुद ही बनाती है और वह भी उसके कड़ी मेहनत से ही संभव हो पाता है । तो हम इंसान उन चिड़ियों से क्यों नहीं सीख सकते, क्या हम अभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे या आलसी बनकर घर के किसी कोने में सोये ही रहेंगे या अपनी सफलता के लिए तिनका-तिनका जोड़कर एक घौसला बनाने के लिए कड़ी मेहनत भी करेंगे ।

मैं रोज शाम को अपने पास के एक तालाब में टहलने जाया करता हूँ, वहां मैं बहुत सारे बत्तख को एक साथ तैरते हुए देखा, वे सभी मुझे बहुत ही शांत दिखाई देती हैं लेकिन उसे एक जगह से दुसरे जगह पर जाने के लिए पानी के अन्दर अपने पाँव को चलाते रहना पड़ता है, हममे से ज्यादातर लोग इस बात को नोटिस नहीं करते और बस बत्तख को कोमल और शांत तरह से तैरते हुए देखते हैं लेकिन इस इस तैराकी में उसकी कड़ी मेहनत भी शामिल होती है ।

मेरा एक बड़ा भाई है ‘रत्नाकर’ जो कि मेरा एक बेस्ट फ्रेंड भी है । हम दोनों ने साथ में BCA की पढ़ाई की और फाइनल एग्जाम में दोनों ने एक साथ ड्राप आउट भी किया । आज वह एक Successful Entrepreneur है । उसने लोकल एरिया में एक ऑनलाइन चाय सर्विस शुरू किया है और बहुत ही तेजी से उसका Business Growth कर रहा है । बहुत सारे लोग उसकी कामयाबी और सफ़लता के किस्से सुनाते हैं और उसकी कहानी लोगों को Inspire करने वाली भी है । शायद Zero से Hero बनने जैसा । आज उसने चाय के Business को एक नया आयाम दिया है । लोग उसकी सफलता और बड़ी सोच को देखते और सराहते तो हैं लेकिन इस बीच उसके कड़ी मेहनत को अनदेखा कर दिया जाता है । ठीक उस बत्तख की तरह । बहुत सारे लोग सोचते हैं कि Idea तो एकदम Simple होता है, लेकिन जब बात Idea को Execute करने की आती है या उस पर काम शुरू करने की आती है तो लोग पीछे हट जाते हैं । हम दूसरों की सफलता को तो देखते हैं और सोचते हैं कि ये तो कोई भी कर सकता है या सफ़लता पाना किसी बंदे के लिए कितना आसान होगा, लेकिन याद रखिये Comment करना बहुत ही आसान है, जो करता है वही जानता है कि अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए उसे कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है । जिसने अपनी कड़ी मेहनत से सफलता पाई है वही अपनी Success का सही मतलब समझ सकता है । बाकी लोग तो बस सफलता को देखते हैं उसके पीछे की कड़ी मेहनत को नहीं । जिस दिन कड़ी मेहनत दिख गयी और आपको अन्दर से Inspire कर गयी उस दिन आपको भी सफल होने से शायद ही कोई रोक सकता है ।

रत्नाकर भैया के सफलता की कहानी या उन्होंने कैसे एक ऑनलाइन चाय सर्विस की शुरुआत की, यह टॉपिक जल्दी ही हम  AchhiKhabar.com या इसी वेबसाइट पर प्रकाशित करने की कोशिश करेंगे ।

हेनरी फोर्ड अपने काम के दौरान बहुत बार विफल हुए लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी । वे तब तक लगे रहे, जब तक कि उन्होंने सफलता हासिल नहीं कर ली ।  उन्होंने एक बात कही थी : “आप जितनी कड़ी मेहनत करेंगे, भाग्य आप पर उतना ही मेहरबान होते जाएगा ।“

बस आपको अपनी मेहनत के स्तर को बढ़ाते जाना है, सफलता पाने के लिए दिन-रात एक कर दीजिये । जब तक आप मैदान पर डंटे हैं, पूरे जोश के साथ खड़े हैं और निडर होकर आगे बढ़ रहे हैं तब तक आपको कोई भी ताकत अपनी मंजिल तक पहुँचने से नहीं रोक सकती ।

Excellence किसी भाग्य से हासिल नहीं होती, यह बस आपके कड़ी मेहनत, जीत की तैयारी, अच्छी आदतों को लगातार अपनाने, और आपके अभ्यास का ही नतीजा होती है । आप कड़ी मेहनत और प्रैक्टिस से हर उस काम को बेहतर कर सकते हैं जिसकी जानकारी भी आपको बहुत कम है । कड़ी मेहनत के साथ अपने काम को करते जाना यह दर्शायेगा कि आप जल्दी ही सफल होंगे ।

बहुत सारे लोगों को निकम्मेपन और फुरसत में कोई फर्क ही नहीं दिखता । यदि आप बस अपना समय बर्बाद कर रहे हैं, और कमरे के किसी कोने में सोये हुए अपनी लाइफ में सब सही होने का वेट कर रहे हैं और टालमटोल की बुरी आदत को बढ़ाते जा रहे हैं मतलब कोई भी काम आपको दिया जाए उसे बस टालते जा रहे हैं तो यह निकम्मापन नहीं तो और क्या है !

जब आप कड़ी मेहनत से अपना काम पूरा करके खत्म करते हैं और अपने बॉडी और माइंड को रिलैक्स करते हैं ताकि पूरे जोश एवं उत्साह के साथ, पूरी ताजगी लिए फिर से काम कर सकें तो यह फुरसत का एक simple मीनिंग है । और आपको इसकी जरूरत हमेशा पड़ेगी । बहुत सारे बेवकूफ लोग या कहें निकम्मे लोग अपने काम को करते भी नहीं और कहते हैं कि इसे फुरसत से करेंगे लेकिन फुरसत और निकम्मेपन में बहुत ज्यादा अंतर है यह बात आप समझ ही चुके होंगे ।

 

Reliance Jio ने आज टेलिकॉम इंडस्ट्री में धमाका मचा दिया, यह मुकेश अम्बानी और उनकी टीम के कड़ी मेहनत का ही नतीजा है ।

हम आज जहाँ पर भी हैं और जिन सेवाओं का लाभ ले रहे हैं वह किसी न किसी तरह से किसी के कड़ी मेहनत का ही नतीजा है ।

हम खाना खा रहे हैं तो वह किसी किसान के कड़ी मेहनत का नतीजा है, कोई गाना सुन रहे हैं तो किसी म्यूजिक Compser और सिंगर या उनकी टीम की कड़ी मेहनत का ही नतीज़ा है ।

हमें हमेशा अपने काम में गर्व महसूस करना चाहिए और जब भी कभी हमें दूसरों को प्रेरित करने का मौका मिले तो अन्य लोगों की कड़ी मेहनत और दूसरों के अच्छे काम की सराहना करनी चाहिए । अपने काम को बेहतरीन तरीके से, पूरे लगन और कड़ी मेहनत के साथ कीजिये । हमें अपने काम का बोनस उस दिन मिल जाएगा जब लोग हमारे काम की दिल से तारीफ़ करेंगे और लोगों को एक न एक दिन आपकी सफलता के पीछे आपकी कड़ी मेहनत भी दिखेगी ।

आप कितनी कड़ी मेहनत करेंगे उतना ही आप बेहतर महसूस करते जाएँगे । आपको किसी पुरूस्कार की जरूरत नहीं होगी क्योंकि आपको कुदरत से ही हर एक तौफ़ा मिलता जाएगा ।

इस बात को भी अपने दिमाग में घुसा लें – “दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से आप जो चाहें वह पा सकते हैं ।“ बहुत सारे लोग किसी एक चीज में सफलता पाने के लिए अपनी पूरी जिन्दगी लगा देते हैं, वे बस अपना काम करते जाते हैं, उन्हें Result की चिंता नहीं होती । क्योंकि उन्हें पता होता है कि यदि वो सही दिशा में अपना  100% दे रहे हैं तो सफलता की गारंटी निश्चित है ।

भले ही छोटे-छोटे स्टेप उठायें, छोटी चीजों से शुरुआत करें, रास्ते में चलने के लिए बड़े कदम की ही जरूरत नहीं होती, छोटे-छोटे कदम भी आपको अपनी मंजिल तक पहुंचाते हैं, बस चलते रहिये, कड़ी मेहनत करते रहिये और अपनी मंजिल तक पहुंचकर ही दम लीजिये क्योंकि कड़ी मेहनत से हर चीज संभव है…

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इस Life Changing Hindi Article के लिए आप अपने सुझाव हमें hamarisafalta@gmail.com पर लिख सकते हैं अथवा नीचे Comment बॉक्स में इस लेख पर अपनी प्रतिक्रिया लिखें ।

धन्यवाद 🙂

Image Credit : sosyalpazarlamablog.com

 

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जीवन का उद्देश्य | Purpose in Life – Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/05/purpose-in-life-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/05/purpose-in-life-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 15 May 2018 09:24:22 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1741 Purpose in Life | Hindi दोस्तों, हमारे अन्दर इच्छाएं कई तरह की होती हैं । सफलता प्राप्त करने की इच्छा, अपने मकसद को पाने की इच्छा, कुछ कर गुजरने की इच्छा, लाइफ को Meaningful बना देने वाली चीज के लिए मर मिटने की इच्छा, कुछ बड़ा करने की इच्छा । लेकिन ज्यादातर लोग मन में कुछ इच्छाएं लिए ही कब्र में चले जाते हैं । यदि लाइफ में आपका कोई उद्देश्य नहीं है तो आपकी लाइफ जीते जी मरने के […]

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Purpose in Life | Hindi

दोस्तों, हमारे अन्दर इच्छाएं कई तरह की होती हैं । सफलता प्राप्त करने की इच्छा, अपने मकसद को पाने की इच्छा, कुछ कर गुजरने की इच्छा, लाइफ को Meaningful बना देने वाली चीज के लिए मर मिटने की इच्छा, कुछ बड़ा करने की इच्छा । लेकिन ज्यादातर लोग मन में कुछ इच्छाएं लिए ही कब्र में चले जाते हैं ।

यदि लाइफ में आपका कोई उद्देश्य नहीं है तो आपकी लाइफ जीते जी मरने के समान है । यदि आप जीवन जी रहे हैं तो आपके पास एक उद्देश्य जरूर होगा लेकिन यदि आप जीवन को सिर्फ काट रहे हैं तो मैं Sure हूँ कि आपकी लाइफ में उद्देश्य की कमी है ।

क्या वाकई आपके पास कोई उद्देश्य है भी? क्या आप बिना उद्देश्य के लाइफ की गाड़ी को आगे लेकर जा रहे हैं ?

याद रखिये, आपका उद्देश्य ही आपके अन्दर कुछ करने की लगन पैदा करता है । आपको एक उद्देश्य बनाना होगा और उसे पूरे लगन के साथ पूरा करने में जुट जाना होगा ।

 

क्या आप हर दिन खुद से एक सवाल पूछते हैं ? सवाल है :-

  • क्या आपकी लाइफ में कोई उद्देश्य है और यदि है तो क्या आप अपनी लाइफ में अपने उद्देश्य के करीब पहुँच रहे हैं ?
  • क्या आप स्वार्थी बनकर खुद के बारे में ही सोच रहे हैं या दूसरों के लिए भी आपको कुछ करना है ?
  • क्या आपने कुछ जिम्मेदारियां अपने कन्धों में डाल रखी है या फिर आप ऐसे ही चले जा रहे हैं ?
  • अपने उद्देश्य को पाने के लिए कोई साफ़ लक्ष्य है भी या नहीं, यदि है तो उसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं या सिर्फ सपने में ही पूरा हो जाने का इंतजार कर रहे हैं ?

यदि आप इन प्रश्नों के जवाब ‘न’ शब्द से दे रहे हैं तो आपकी लाइफ में बहुत ज्यादा बदलाव की जरूरत है और आप हर दिन का अपना समय बर्बाद कर रहे हैं ।

एक बात हमेशा याद रखिये , लाइफ हमें उसी हिसाब से सब कुछ देती है जिस हिसाब से हम उसे देते हैं । ये प्रकृति का सिद्धांत है, हमें वही सब मिलेगा जो हम देंगे । यदि हम बबूल का पेड़ लगायेंगे तो हमें आम कहाँ नसीब होगा । बबूल के पेड़ में आम तो नहीं लगते । तो हम ऐसा क्यों करते हैं कि लाइफ को कुछ अलग ही देते हैं और पाना कुछ अलग ही चाहते हैं ।

महात्मा गांधी ने कहा है –

पढ़ो ऐसे कि जैसे तुम्हें हमेशा जीना है

लेकिन जियो ऐसे कि जैसे तुम्हें कल ही दुनिया से चले जाना है ।

 

हमें अपनी लाइफ के उद्देश्य को खोजना ही होगा, हम वाकई क्या करना चाहते हैं यह जानना ही होगा । हम जितनी जल्दी अपने Purpose को खोजेंगे, हमारे लिए यह उतना ही अच्छा होगा ।

अपने जीवन के उद्देश्य को खोजना इतना भी आसान नहीं है यह एक बड़ी चुनौती से कम भी नहीं है । जब हमारा उद्देश्य साफ हो जाता है तो हमारी लाइफ पूरी तरह से अपना बैलेंस बना लेती है । हम एक तरह से Aware हो जाते हैं और हमें पता चल जाता है कि कहाँ हमें पूरे दृढ़ता के साथ खड़े होना है ।

आप चुपचाप बैठकर बस तमाशा नहीं देख सकते हैं । लाइफ को Meaningful बनाने के लिए अपने उद्देश्य को खोजना और उसे हासिल करने के लिए एक बड़ी कोशिश या कहें जी जान लगा देना होगा । ‘जो हो रहा है होने दो’ यहाँ से हमे बाहर आना होगा… जहाँ पर भी बदलाव की जरूरत हो हमें वहां खड़े होना होगा । इसलिए लाइफ में एक उद्देश्य बनाइए क्योंकि बिना उद्देश्य के आपकी गाड़ी आगे कहाँ तक जा सकती है, मैं तो कहता हूँ कि गाड़ी आगे बढ़ ही नहीं सकती है ।

 

LIVING WITH A PURPOSE

हमने इस पोस्ट के ऊपर में एक लाइन लिखी थी, ‘बिना उद्देश्य के जीना, जीते जी मरने के समान है’ जब तक हम जिन्दा हैं, हम एक उद्देश्य के साथ जी रहे हैं । सच तो यह है कि हमें इस दुनिया में एक ख़ास उद्देश्य के साथ ही भेजा गया है और हम सभी को अपने-अपने उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ना होगा तभी हम दूर तक जा सकेंगे ।

इस दुनिया में ज्यादातर लोग सिर्फ जीते हैं और अपने टाइम को Meaningful बनाने के बजाय बस समय काटते रहते हैं, और बस दिन ही गिनते रहते हैं कि अच्छा दिन कब आएगा? लेकिन यदि हमारे पास एक साफ़ लक्ष्य या उद्देश्य है तो सब हमारे हाथ में है ।

मैं उस काम में असफल होना पसंद करूँगा, जो आखिर में सफल होगा बजाय उस काम में सफल होने के जो आखिर में असफल होगा ।

-वुडरो विल्सन

 

इस दुनिया में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो अपनी लाइफ से प्यार न करता हो, हम सबकी लाइफ बहुत ही ज्यादा कीमती है और हम इसलिए ख़ास हैं क्योंकि हम अपने बूते पर दुनिया की हर एक चीज अपनी मेहनत से हासिल कर सकते हैं और हासिल तभी कर सकते हैं जब लाइफ का Purpose मिले ।

यदि आप अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहते हैं या कुछ बड़े सपने हैं आपके तो एक साफ़ उद्देश्य बनाइए, उसके लिए जिम्मेदारी उठाइए, उसे पूरा करने में जुट जाइए और पूरे मेहनत के साथ लगे रहिये… क्योंकि सपने देखने और उसे मेहनत से पूरा करने वालों के सपने एक न एक दिन जरूर पूरे होते हैं… बस लगे रहिये… करते जाइये और आपके साथ सब सही होते जाएगा ।

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दोस्तों, यदि आप इस लेख पर अपने विचार हमारे साथ बाँटना चाहते हैं तो हमें hamarisafalta@gmail.com पर लिख भेजिए साथ ही इस पोस्ट के अंत में आप कमेन्ट भी कर सकते हैं…

धन्यवाद 🙂

 

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सफलता का सबक Short Inspirational Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/05/short-inspirational-article-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be.html https://www.hamarisafalta.com/2018/05/short-inspirational-article-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be.html?noamp=mobile#respond Mon, 07 May 2018 05:36:08 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1727 अगर आप Life में Successful बनना चाहते हैं तो इस पोस्ट में जानिए Successful लोगों की सक्सेस का राज़ । पैसे को समझें : Businessman और Investor मार्क क्यूबन का कहना है , अगर आपको पता नहीं है कि पैसा कैसे काम करता है तो आप पैसा नहीं कमा सकते हैं इसलिए बहुत जरूरी है कि आप सबको पैसे की समझ होनी चाहिए । आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि दुनिया भर के लोग किस तरह से पैसे […]

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अगर आप Life में Successful बनना चाहते हैं तो इस पोस्ट में जानिए Successful लोगों की सक्सेस का राज़ ।

पैसे को समझें :

Businessman और Investor मार्क क्यूबन का कहना है , अगर आपको पता नहीं है कि पैसा कैसे काम करता है तो आप पैसा नहीं कमा सकते हैं इसलिए बहुत जरूरी है कि आप सबको पैसे की समझ होनी चाहिए । आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि दुनिया भर के लोग किस तरह से पैसे कमा रहे हैं! इससे आप भी खुद के लिए एक Base तैयार कर पाते हैं । अगर आप खुद का कोई Business Start करने की सोच रहे हैं तो आपको यह समझना बहुत जरूरी है कि दुनिया में पैसा कितनी तेजी से और किस तरह से बढ़ रहा है । इससे आपको आगे बढ़ने में मदद मिलेगी ।

Self Motivation जरूरी है :

Yahoo की CEO Marissa Mayer (मारिसा मेयर) का कहना है कि World में दो तरह की Motivation होती है ।

  • अंदरूनी प्रेरणा
  • बाहरी प्रेरणा

अगर आपको बाहरी प्रेरणा न भी मिल रही हो तो अपनी अंदरूनी प्रेरणा को कायम रखें । जब आप अपने Targets का Real World की अपेक्षाओं के साथ तालमेल करते हैं तो तेजी से सफल होते हैं ।

Time को Manage करते हुए चलें:

Starbucks के चेयरमैन और सीईओ Howard Schultz समय के बहुत ही पाबन्द हैं और वे अपनी पूरी टीम से भी समय की यही अपेक्षा करते हैं । वे कहते हैं कि Time को मैनेज करना एक कला है । सफल लोग कभी भी समय की कमी या समय न होने का बहाना नहीं बनाते हैं । अगर आप टालमटोल की आदत से परेशान हैं या हर काम को कल पर ही टाल रहे हैं तो आपको संभल जाना होगा ।

अगर आप टाइम पर काम को पूरा करने की प्लानिंग करते हैं तो आप कभी विफल नहीं होंगे । अगर आपको Time की Importance पता नहीं हैं तो आप सफल कैसे हो सकते हैं !

रिस्क लें :

SpaceX के Founder Elon Musk का कहना है कि चाहे आपको पहले से पता हो कि सफलता नहीं मिलेगी पर फिर भी TRY (प्रयास) करते रहना चाहिए । जब आप प्रयास करते हैं तो काम की बारिकियों को समझने लगते हैं । अगर आपका बेस मजबूत है तो आप जरूर सफल होंगे ।

 

घुमा फिराकर बात मत करें :

ImagesBazaar.com के Founder Sandeep Maheshwari कहते हैं कि कभी भी घुमा फिराकर बात मत करें । जो सही है उसे सही बताएं और जो गलत है उसे गलत । घुमा फिराकर बात करने से आप हमेशा उलझन में रहेंगे और सामने वाले को भी उलझाये रहेंगे । सीधी-सीधी और सही बात ही करें ।

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पब्लिक स्पीकिंग होगी फ्लॉलेस https://www.hamarisafalta.com/2018/05/public-speaking-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/05/public-speaking-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sun, 06 May 2018 04:58:22 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1722 Public Speaking Tips in Hindi अपने Business को Successful बनाने के लिए आपको कई बार Public के बीच अपनी बात रखनी पड़ती है । आप कभी भी Public Speaking Skills को नजरंदाज नहीं कर सकते । कहीं आपको अपने Clients जुटाने के लिए प्रेजेंटेशन में बोलना होगा तो कभी अपने Employees को Motivate करने के लिए Workshop में या आपके Products को प्रमोट करने के लिए भी । Business के फील्ड में अपनी बात Communicate करने के दौरान ज्यादातर Entrepreneurs […]

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Public Speaking Tips in Hindi

अपने Business को Successful बनाने के लिए आपको कई बार Public के बीच अपनी बात रखनी पड़ती है । आप कभी भी Public Speaking Skills को नजरंदाज नहीं कर सकते । कहीं आपको अपने Clients जुटाने के लिए प्रेजेंटेशन में बोलना होगा तो कभी अपने Employees को Motivate करने के लिए Workshop में या आपके Products को प्रमोट करने के लिए भी ।

Business के फील्ड में अपनी बात Communicate करने के दौरान ज्यादातर Entrepreneurs से बहुत सारी गलतियाँ हो जाया करती हैं । जिससे सामने वालों तक हम उल्टा ही Message पहुंचा देते हैं या जो हमारा Main टॉपिक रहता है वहां से हट जाते हैं जिससे लोग हमारी बातों को नजरंदाज करना शुरू कर देते हैं । आइये इस Post में हम जानते हैं ऐसे ही कुछ गलतियों के बारे में जिन्हें आसानी से काबू पाया जा सकता है ।

फोटो साभार telegrafi.com

 

गलती नंबर : १

Business से जुड़े Stage पर Facts और Figures को बहुत ही ज्यादा Important दिया जाता है । यहाँ गप्पे मारने वालों की पहचान आसानी से हो जाती है । आपको सुन रहे लोग आपके फैक्ट्स और फिगर्स पर तथा आपके बिज़नेस से जुड़े सवाल आपसे कर सकते हैं । अगर आप उनके सवाल ध्यान से नहीं सुनते हैं या अपनी मर्ज़ी से ही कुछ भी बोलते चले जाते हैं तब आप बस अपनी Image ख़राब कर रहे हैं । एक अच्छा स्पीकर अपने अन्दर सुनने की कला को पहले विकसित करता है ।

जरूर पढ़ें :  Successful Speaker के 7 गुण

 

गलती नंबर : २

Business कम्युनिकेशन के दौरान आप लोगों को तभी इम्प्रेस कर सकते हैं जब आपको ये मालूम हो कि आप क्या बोल रहे हैं! Seminars में आपकी स्पीच, मीडिया इंटरेक्शन से अलग होंगे । आप हर एक stage को बस Promotion के नजर से ही नहीं देख सकते । इसलिए जहाँ भी आप बोलने की तैयारी कर रहे हों पहले यह देख लें वे कौन हैं जो आपको सुन रहे हैं, आपको उनको क्या बताना चाहते हैं और वे आपसे किस प्रकार से सवाल कर सकते हैं ?

इससे आपकी तैयारी में काफी सुधार आ सकता है ।

 

गलती नंबर : ३

एक ख़राब Body Language आपके प्रपोजल के साथ-साथ, आपके company के Image को भी ख़राब कर सकता है । बोलते हुए बिना वजह अपनी हाथ-पाँव हिलाना, बार-बार अपने जेबों में हाथ डालना, नाक में ऊँगली डालना या खुजलाना, या कुर्सी पर बेहद कैसुअल तरीके से बैठकर आप कभी भी एक Effective Message सामने वाले को नहीं दे सकते हैं । अपने Proposal के बारे में लोगों को Serious देखना चाहते हैं तो अपने बॉडी लैंग्वेज को सीरियसली लें । इससे लोग आपकी बातों पर विश्वास भी करेंगे और आपकी तारीफ भी ।

 

गलती नंबर : ४

एक अच्छा कम्युनिकेशन वही होगा जब आप बिना किसी डर के पूरे आत्मविश्वास के साथ सामने वाले की आँखों में देखकर अपनी बात रखें । वह बातचीत कभी भी प्रभावी नहीं हो सकती जिसमें आप सामने वाले से आँख न मिला पाते हों । सामने लगी किसी दूसरी चीज पर नजर करते हुए बात करने से आप डरे हुए महसूस करते हैं, लोगों की आँख से आँख मिलाकर अपनी बात कहें । लेकिन इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि हर बात पर आप सिर्फ एक व्यक्ति को ही न देखते रहें इससे आपका आत्मविश्वास कम होते जाएगा ।

 

गलती नंबर : ५

इस पोस्ट के सबसे ऊपर में हमने बताया था कि फैक्ट्स और फिगर्स एक बिज़नेस सेमिनार में बहुत ही ज्यादा मायने रखता है । लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि अपने कम्पनी की पूरी बैलेंस शीट आप यहाँ पढने बैठ जाएँ । आप उन्हीं बातों को शामिल करें जो आपके टारगेट ऑडियंस पर्याप्त समझ रखती हो । अपने ऑडियंस को ध्यान में रखकर ही अपनी सारी बातें शेयर करें ।

 

गलती नंबर : ६

ज्यादातर लोग प्रेजेंटेशन के दौरान उठाए जाने वाले सवालों से कतराते हैं । मतलब लोग यह समझते हैं कि सामने वाला प्रश्न करेगा तो उनकी लय टूट जाएगी और शायद उनका आत्मविश्वास down हो सकता है । इस सोच से आपको बाहर निकलना होगा, आपके प्रेजेंटेशन के दौरान दूसरों को सवाल पूछने की आज़ादी दें । इससे लोग आपके साथ लम्बे समय तक जुड़े रहेंगे और आप भी उन्हें अच्छे से समझेंगे । आप भी उनसे सवाल कर सकेंगे ।

 

गलती नंबर : ७

बोलने के दौरान कई लोग टॉपिक से हटकर दुसरे सब्जेक्ट्स को पकड़कर आगे निकल जाते हैं । आपके ऑडियंस कभी भी Confuse नहीं होना चाहिए कि आपने शुरू कहाँ से किया और ख़त्म बिलकुल ही अलग टॉपिक से हो !

एक Entrepreneurs के तौर पर जोश और होश का संतुलन बहुत जरूरी है । पब्लिक स्पीकिंग में जोश और होश का Balance बनाकर चलें । जिससे आपके श्रोता आपसे नाराज न हो सकें ।

 

दोस्तों यदि इस पोस्ट पर अपनी राय या किसी तरह का सुझाव देना चाहते हैं तो हमें hamarisafalta@gmail.com पर लिख भेजें ।

 

This article is inspired by Patrika…

 

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मुस्कराहट का मूल्य – Life Changing Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/04/smile-please-inspirational-article-in-hindi-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%9f.html https://www.hamarisafalta.com/2018/04/smile-please-inspirational-article-in-hindi-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%9f.html?noamp=mobile#respond Thu, 12 Apr 2018 03:33:28 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1681 दोस्तों, आज मैं आपके साथ डेल कारनेगी की किताब लोक व्यवहार जो How to Win Friends and Influence People का हिंदी अनुवाद है से पढ़ी कुछ अच्छी बातें शेयर करूँगा जो आपकी लाइफ को और भी खुबसूरत बनाने में मदद करेंगी । मुस्कान – आपकी मुस्कराहट दूसरों को ख़ुशी देने का सबसे बड़ा श्रोत है  चीन के दार्शनिक बहुत समझदार थे । वे इस बात को समझ चुके थे कि दुनिया किस तरह से चलती है । उन्होंने एक बहुत […]

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दोस्तों, आज मैं आपके साथ डेल कारनेगी की किताब लोक व्यवहार जो How to Win Friends and Influence People का हिंदी अनुवाद है से पढ़ी कुछ अच्छी बातें शेयर करूँगा जो आपकी लाइफ को और भी खुबसूरत बनाने में मदद करेंगी ।

मुस्कान – आपकी मुस्कराहट दूसरों को ख़ुशी देने का सबसे बड़ा श्रोत है 

चीन के दार्शनिक बहुत समझदार थे । वे इस बात को समझ चुके थे कि दुनिया किस तरह से चलती है । उन्होंने एक बहुत ही अच्छी कहावत लिखी है जिसे हम सभी को किसी ऐसी जगह पर चिपका लेना चाहिए जहाँ उसे हर दिन हम पढ़ सकें , “जिस व्यक्ति के पास मुस्कुराता हुआ चेहरा न हो , उसे दूकान नहीं खोलनी चाहिए ।“

आपकी मुस्कुराहट आपके लिए एक तरह से Goodwill का काम करती है । यह उन सभी लोगों की जिंदगियों को रोशन करती है जो इसे देखते हैं । उस व्यक्ति के लिए जिसनें दर्जनों लोगों को नाक-भौं सिकोड़ते-झुंझलाते हुए देखा हो, आपकी मुस्कराहट बादलों के बीच से झांकते सूर्य की तरह होती है । ख़ास तौर पर तब जब कोई अपने बॉस, कस्टमर्स, टीचर्स, या पेरेंट्स या अपने बच्चों के कारण दबाव या तनाव में हों ऐसे टाइम पर आपकी मुस्कराहट ही उसे बता सकती है कि निराशा से किसी भी प्रोब्लम का solution नहीं हो सकता । मुस्कुराहट हमें बताती है कि दुनिया अभी भी खुशगवार और रंगीन है ।

मुस्कराहट का मूल्य

इसमें कुछ खर्च नहीं होता, पर इससे मिलता बहुत है ।

जिन्हें यह मिलती है वे समृद्ध हो जाते हैं, परन्तु जो देते हैं वे गरीब नहीं होते ।

यह एक पल में हो जाती है पर इसकी याददाश्त कई बार हमेशा कायम रहती है ।

कोई भी इतना अमीर नहीं, कि इसके बिना जी सके और कोई भी इतना गरीब नहीं कि इसका लाभ न उठा सके ।

यह घर में सुख लाती है , बिजनेस में सदभावना भरती है और यह दोस्ती का हस्ताक्षर है ।

यह थके हुओं के लिए आराम है , निराश लोगों के लिए आशा की किरण है , दुखी लोगों के लिए सूर्य की रोशनी और कष्टों के लिए प्रकृति की सबसे बेहतरीन दवा है ।

परन्तु इसे ख़रीदा या चुराया नहीं जा सकता , उधार नहीं लिया जा सकता , यह भीख में नहीं मिलती क्योंकि इसका तब तक कोई मोल नहीं है जब तक इसे किसी दुसरे को न दिया जाता ।

और काम के प्रेशर से दुनिया के इस भीड़ में हमारे कुछ सेल्समैन थके हुए हों कि आपको मुस्कराहट न दे पायें तो क्या आप अपनी मुस्कान उन्हें देने का कष्ट करेंगे ?

क्योंकि मुस्कराहट की उसी व्यक्ति को सबसे ज्यादा जरूरत होती है जिसके पास देने के लिए मुस्कानें नहीं बची हैं ।


फोटो क्रेडिट साभार : pexels.com

दोस्तों जब तक हम जिन्दा हैं तब तक ऐसा कभी नहीं होगा कि हम निराश नहीं होंगे, परेशान नहीं होंगे और मुसीबत हम पर कभी टूटेगी नहीं ! इस बीच हमारी या आपकी मुस्कराहट ही होगी जो हमें हर एक चीज से लड़ने की हिम्मत देगी ।

पागल है क्या! कोई मुसीबत में या निराशा के पल में कैसे मुस्कुरा सकता है !

लेकिन ऐसी सोच उन लोगों की ही हो सकती है  जो निराशा में और निराश होना चाहते हैं और मन को और भी ज्यादा दुखी करना चाहते हैं क्योंकि वो आप ही हैं जो इन सबमें अन्दर तक घुसकर खुद को और भी ज्यादा दुखी करना चाहते हैं ।

कितनी भी बड़ी मुसीबत क्यों न हो, आपकी लाइफ कितनी भी बड़ी निराशा से क्यों न घिरी हो.. आपको हँसते मुस्कराते रहना है..

हँसते-मुस्कराते आप बड़ी से बड़ी प्रोब्लम को फेस कर लेंगे और आपको अपनी ज़िन्दगी और भी खूबसूरत लगने लगेगी..

SMILE PLEASE 🙂

धन्यवाद !

 

Article Source : लोक व्यवहार – लेखक : डेल कारनेगी… हिंदी अनुवाद : How to Win Friends & Influence People.

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बिजनेस में जरूरी एरर मैनेजमेंट Business Mantra 01 https://www.hamarisafalta.com/2018/04/errors-management-in-business-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/04/errors-management-in-business-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 09 Apr 2018 13:05:24 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1672 एक Quote बहुत ही Famous है, यदि आप गलतियाँ नहीं कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप कुछ नया भी नहीं कर रहे हैं । लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि कुछ नया करने के लिए गलती करना जरूरी ही है । इसका सीधा अर्थ हम कुछ इस तरह से समझ सकते हैं : जब भी आप कोई नया काम करने की सोच रहे हों या कोई नया काम शुरू कर रहे हों तब आपके […]

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एक Quote बहुत ही Famous है, यदि आप गलतियाँ नहीं कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप कुछ नया भी नहीं कर रहे हैं । लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि कुछ नया करने के लिए गलती करना जरूरी ही है । इसका सीधा अर्थ हम कुछ इस तरह से समझ सकते हैं :

जब भी आप कोई नया काम करने की सोच रहे हों या कोई नया काम शुरू कर रहे हों तब आपके अन्दर गलतियाँ करने , अपने दम पर रिस्क उठाने और हो चुकी गलती से सीख लेने का जज़्बा होना चाहिए ।

गलतियाँ न करने वाला एक इंसान आत्ममोह में फंस सकता है या Simple Words में कहें तो वह स्वार्थी बन सकता है मतलब सिर्फ अपने बारे में ही ज्यादा सोच सकता है लेकिन अपनी गलतियों को जानने वाला इंसान खुद में सुधार लाने और बहुत सारी नई चीजें सीखने के लिए हमेशा तैयार रहता है ।

फोटो क्रेडिट साभार : shutterstock

बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है कि Entrepreneurship के सफर में होने वाली गलतियों को सही ढंग से Manage किया जाए । आइये इस पोस्ट में हम इसी से सम्बन्धित कुछ जानकारी आपके साथ शेयर करते हैं :

न बनिए परफेक्ट

इस पूरे World में कोई भी इंसान Perfect नहीं है । तो फिर हम क्यों अपने Mind में Perfection का इतना बड़ा बोझ लादे फिरते हैं ? यह बोझ आपको कभी भी अपने अनुसार जीने नहीं देगा । बिजनेस में अपने द्वारा लिए गलत फैसलों पर खुद को ही कोसते मत रहिये । मुश्किल Situation में फंसने पर अकेले जूझने के बजाए  किसी Expert से Advice ले लेंगे तो आपको मुर्ख नहीं समझा जाएगा । दुनिया की नजर में Perfect बनने के चक्कर में अपनी गलतियों को मत नकारिये । अपनी गलतियों को स्वीकार कीजिये, और अपनी पूरी Energy आगे बढ़ने की तरफ लगाइए । इससे आप Perfect भले ही न हों लेकिन कल से बेहतर जरूर हो जाएँगे ।

गलती को आदत न बनने दें

गलती करने और अपनी गलती से सीखने के साथ-साथ अपनी गलती का रिस्क उठाने की क्षमता विकसित करना अच्छा है लेकिन यदि गलती करना आपकी आदत में शामिल हो जाएगा तो यह नुकसान कर सकता है । आप इस बात पर हमेशा फोकस कीजिये कि एक ही गलती को बार-बार न दोहराएँ । एक ही गलती को दोहराते रहने से आपके कस्टमर्स आपके Competitors के पास जा सकते हैं । अपनी पुरानी गलतियों को ध्यान में रखिये और कोशिश कीजिये कि धीरे-धीरे इन गलतियों को कम किया जाए ।

गलती से फायदा

ज्यादातर लोग गलती करने वाले लोगों को कमजोर मानते हैं लेकिन सच्चाई तो यह है कि गलती करने वाले लोग, सीखने या कुछ नया जानने के मामले में कभी गलती न करने वालों से ज्यादा बेहतर साबित होते हैं । जो लोग गलती नहीं करते उनके मन में एक अहंकार आ जाता है कि हम तो गलती कभी कर ही नहीं सकते लेकिन यहीं पर वे गलतियाँ कर जाते हैं । जबकि जो लोग गलती कर चुके होते हैं वे नम्रता के साथ नई चीजें सीखने के लिए तैयार रहते हैं । यहाँ पर उनका एटीट्युड उन्हें फायदा दिलाता है ।

कहीं बिगड़ तो नहीं जाएगी इमेज

हममे से बहुत सारे लोग यह सोचते हैं कि गलती हो जाने पर हमारी बनी बनाई इमेज ख़राब हो सकती है । यदि हम कोई जॉब कर रहे हैं और उस जॉब से बुरी तरह से ऊब चुके हैं और कुछ खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं लेकिन बस हम यही सोचकर डर रहे होते हैं कि यदि गलती हो जाए तो सब ख़त्म हो सकता है । लेकिन हर समय पुराने तरीके से काम करते रहने से भी आपकी इमेज कमजोर ही होगी तो क्यों न आप गलती का रिस्क लेकर ही कुछ नया करने की कोशिश करें ।

क्या पता इससे आपका काम बेहतर हो जाए  और आपकी इमेज पहले से भी शानदार बन जाए ।

नया जरूर करते रहिये

पुरानी गलतियों के डर से आप अपने बिजनेस का Flow रोक देते हैं । आपके माइंड में बस यही चीज बैठे रहती है कि आप तो अपने पुराने प्रोजेक्ट या टेकनिक में ही माहिर हैं । और यदि पुरानी तकनीक से काम चल रहा है तो रिस्क क्यों लिया जाए या अपने कम्फर्ट जोन से क्यों बाहर निकलकर कुछ नया करने के एक बड़े चक्कर में फंसा जाए ! ऐसी स्थिति या इस तरह की सोच से हमेशा बचना चाहिए । लगातार कुछ न कुछ नया जरूर करिए । गलती हो जाने के डर से अपने बिजनेस का दम क्यों घोटना । आप तभी आगे बढ़ेंगे जब कुछ न कुछ नया करते रहेंगे ।

गलतियों से मिल जाते हैं कई बड़े लाभ

हम कोई भी काम शुरू करते हैं तो मन में एक डर रहता है कि कहीं कुछ गलती हो गयी तो! इसी गलतियों के डर को मन में रखने से ही हम कुछ बड़े फैसले नहीं कर पाते । हमारे मन में डर बैठ जाता है और हम जैसे हैं वैसे ही रहना पसंद करते हैं । क्यों न इस बार गलतियों से डरकर खुद को पंगु बना लेने के बजाय गलतियों से सबक लेने का सोचें और रिस्क से घिरे बड़े फैसले लेने का साहस जुटाएं, इसी को हम एक बेहतर एरर मैनेजमेंट कह सकते हैं । आज ही एक फैसला कीजिये कि आप अपनी गलतियों को नजरअंदाज करने की बजाय उनसे सीखेंगे और कुछ नया करते हुए जीवन में आगे बढ़ेंगे…

धन्यवाद !

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टाइम मैनेजमेंट का सही तरीका Time Management in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/04/time-management-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/04/time-management-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 07 Apr 2018 06:32:34 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1657 टाइम मैनेजमेंट का सही तरीका Daily Motivation शॉपक्लूज़ की Co-founder राधिका अग्रवाल Regular अपने Office सुबह 8.30 बजे पहुँच जाती हैं । ऑफिस पहुँचने के बाद वह सिर्फ अपने काम पर ही Focus करती हैं । वह ज्यादा से ज्यादा समय का सदुपयोग करती हैं । इस दौरान न तो वह Music सुनती हैं न ही अपने Email चेक करती हैं । वह सिर्फ और सिर्फ अपने Project पर ध्यान देती हैं । इनकी तरह ही बहुत सारे Entrepreneurs हैं […]

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टाइम मैनेजमेंट का सही तरीका Daily Motivation

शॉपक्लूज़ की Co-founder राधिका अग्रवाल Regular अपने Office सुबह 8.30 बजे पहुँच जाती हैं । ऑफिस पहुँचने के बाद वह सिर्फ अपने काम पर ही Focus करती हैं । वह ज्यादा से ज्यादा समय का सदुपयोग करती हैं । इस दौरान न तो वह Music सुनती हैं न ही अपने Email चेक करती हैं । वह सिर्फ और सिर्फ अपने Project पर ध्यान देती हैं ।

इनकी तरह ही बहुत सारे Entrepreneurs हैं जो अलग-अलग तरह से Time Management का इस्तेमाल करते हैं ।

Zivame.com की Founder, Richa Kar कैलेण्डर की Help से अपना Time Management करती हैं ।

Hokey Pokey के Founder रोहन मीरचंदानी अपने टाइम मैनेजमेंट के लिए 1-3-5 का तरीका अपनाते हैं । उनका कहना है कि हर Entrepreneur को रोज 1 बड़ा काम, 3 मीडियम काम, और 5 छोटे काम जरूर पूरे करने चाहिए  ।

अगर आप अपने टाइम को सही तरह से मैनेज करना चाहते हैं तो आपको हमेशा कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना चाहिए । आइये जानते हैं इन ख़ास बातों के बारे में :

फोटो क्रेडिट साभार : lynda.com

 

ऐसे कीजिये काम

  • दिन की Starting में ही टू डू लिस्ट बनाइए और इसी के अनुसार अपने काम की Planing कीजिये । जब तक आपको clear नहीं होगा कि आप दिन भर में क्या-क्या करने वाले हैं तब बस दिन ही गुजरता जाएगा लेकिन आप एक काम भी ठीक से नहीं कर पाएंगे । इसलिए दिन की शुरुआत में ही तय कर लें कि आज दिन भर में आपको क्या-क्या काम करने हैं !
  • काम की प्राथमिकतायें तय कीजिये । जब तक आपका माइंड क्लियर नहीं होगा कि कौन-सा काम पहले करना है और कौन-सा बाद में तो आप उलझन में ही रहेंगे । प्राथमिकतायें तय करने से आपको एक्शन लेने में परेशानी नहीं होगी ।
  • दिन का एक ख़ास समय खुद के लिए जरूर बचायें । ताकि आप अपने चाहने वालों को भी समय दे सकें ।
  • क्रिएटिव वर्क को सबसे पहले करें ।
  • अपने काम को भरोसेमंद लोगों के साथ शेयर करें ताकि काम बंट सके और पूरा प्रेशर आप पर ही न हो!
  • ई-मेल्स/व्हाट्सऐप को सुबह या रात में ही चेक करें ताकि आपका माइंड डिस्टर्ब न हो सके ।
  • मीटिंग या कहीं बाहर जाने की प्लानिंग एक दिन पहले ही कर लें ।
  • कोशिश करें कि सुबह अपने फ़ोन से दूर ही रहें, ताकि आपका दिमाग शांत हो और पूरे दिन अच्छे से काम कर सकें ।

जरूर पढ़ें : समय खरीदना सीखें Time Management Tips in Hindi

इन बातों का हमेशा ध्यान रखें

  • हर चीज को लेकर उत्तजित होने से हमेशा बचें । छोटी-छोटी बातों पर शिकायत मत कीजिए । पार्टनर के साथ झगड़ने से बचिए । ऐसा न हो कि पूरा दिन आप किसी को रूठने-मनाने में ही निकाल दें । जो जरूरी काम है उसी पर फोकस करें ।
  • Official और Personal फ़ोन नम्बर अलग-अलग रखें ।
  • Working Hours में सोशल मीडिया से दूर रहें ।
  • ऑफिस से ज्यादा दूर मत रहें, Office के पास में ही घर लें ।
  • गैरलाभकारी कार्यों में खुद को Busy मत रखें ।

जरूर पढ़ें : टाइम मैनेजमेंट और समय पर 37 प्रेरणादायक कथन 

टीम की मदद लें

  • टीम मेम्बर्स को हमेशा मोटिवेट करते रहें, उन्हें Time Management और अनुशासन के बारे में बताते रहें ।
  • टीम को पिछले दिन से ज्यादा और अच्छा Result देने के लिए Inspire करते रहें ।
  • कुछ ऐसा System बनाएं जिसमें आपको पता लग सके कि हर कोई अपनी Duty सही से कर रहा है ।
  • अपने Business या काम को किस तरह से और आगे बढ़ाया जाए या Long Term Growth के बारे में अपने टीम से Discuss करते रहें ।
  • हर काम सही टाइम पर हो रहा है कि नहीं इसका पता लगाने के लिए Follow up भी करते रहें ।

जरूर पढ़ें : भटक तो नहीं गये टाइम ट्रैक से – Time Management Tips in Hindi

 

दोस्तों आप किस तरह से अपने Time Management का इस्तेमाल करते हैं ।  इसके बारे में कृपया Comment करके बताएं अथवा hamarisafalta@gmail.com पर मेल करें ।

धन्यवाद !

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भटक तो नहीं गए टाइम ट्रैक से ? Daily Motivation in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/04/time-management-daily-motivation-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/04/time-management-daily-motivation-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 06 Apr 2018 05:37:25 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1639 हमारी Life में Time का अपना ही एक Important है । किसी काम को आप कितनी ही बेहतर ढंग से अंजाम क्यों न देते हों लेकिन अगर इसका सही टाइम निकल गया तो यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं रह पायेगा । बिजनेस में भी हर किसी को यह एक सिग्नल जरूर मिलता है, जो हमको यह संकेत देता है कि हम अपने टाइम प्लान के ट्रैक से भटक रहे हैं । इन सभी संकेतों को समझना चाहिए और कोशिश करना चाहिए […]

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हमारी Life में Time का अपना ही एक Important है । किसी काम को आप कितनी ही बेहतर ढंग से अंजाम क्यों न देते हों लेकिन अगर इसका सही टाइम निकल गया तो यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं रह पायेगा ।

बिजनेस में भी हर किसी को यह एक सिग्नल जरूर मिलता है, जो हमको यह संकेत देता है कि हम अपने टाइम प्लान के ट्रैक से भटक रहे हैं । इन सभी संकेतों को समझना चाहिए और कोशिश करना चाहिए कि समय रहते ही हम संभल जाएँ और टाइम की कद्र करें ।

हमको बहुत सारे संकेत मिल सकते हैं जो बताते हैं कि हम टाइम ट्रैक से भटक रहे हैं । आइये जानते हैं कुछ संकेतों के बारे में :-

फोटो क्रेडिट साभार : Shutterstock

 

टालमटोल की बुरी आदत

डेडलाइन का पता होने पर बहुत सारे लोग यह सोचने लग जाते हैं कि अभी तो बहुत ज्यादा टाइम बचा है । टालमटोल का यही रवैया आपको हड़बड़ाहट में डाल देता है । क्योंकि आप काम तभी शुरू करते हैं जब डेडलाइन एकदम से सिर पर आ जाती है । इस बुरे रवैये को अपनाने से हमेशा बचना चाहिए ।

छूटती डेडलाइन

अगर आप दुसरे दिन प्रोजेक्ट के सबमिशन में देरी कर रहे हैं या कस्टमर को बुलाकर आप खुद ही देर से आ रहे हैं तो इसका सीधा मतलब है कि आप अपने काम को बिलकुल भी सीरियसली नहीं ले रहे या आपने किसी भी तरह की प्राथमिकता तय नही की है । यह भी हो सकता है कि आपने बहुत सारी जिम्मेदारियां ले ली हों या आपके ऊपर बहुत सारी जिम्मेदारियां हों और आपको समझ ही नहीं आ रहा हो कि पहले क्या करना है ?

इसलिए अपने लक्ष्य को क्लियर कीजिये । जब तक आपका एक टारगेट पूरा नहीं होता, अपने मन को भटकने मत दीजिये । ज्यादा से ज्यादा काम को अंजाम देने की कोशिश कीजिये । एक जगह फोकस रखिये, यदि आप बार-बार मन को भटकायेंगे या हर बार एक अलग टारगेट रखकर काम शुरू करेंगे और उसे बीच में ही छोड़ते जाएंगे तो बस आप समय को गुजरने दे रहे हैं ।

सब लोग फ्री, मैं ही बिज़ी

उस टीमलीडर का टाइम मैनेजेमेंट सबसे ज्यादा ख़राब है जो अपने टीम मेम्बर के बीच काम को सही तरीके से बाँट नही पाता । यदि आप ही सभी काम को करने का बीड़ा उठाते हैं तो खुद को ही सबसे बड़ा बेवकूफ समझ सकते हैं ।

यदि आप खुद ही हमेशा काम से घिरे रहते हैं और बाकी के टीम मेम्बर्स फ्री में घूमते रहते हैं तो एक बार टीम के बीच अपने काम के बंटवारे पर जरूर गौर कीजिये । जरूरत से ज्यादा काम अपने साइड ही रख लेना, यही आपके टाइम ट्रैक से फिसलने का एक बड़ा कारण है ।

 

दोस्तों इन सब बातों पर जरूर गौर करें और आप किस कारण से अपने टाइम ट्रैक से फिसल रहे हैं हमें नीचे कमेन्ट करके बताएं अथवा hamarisafalta@gmail.com पर अपनी बात शेयर करें

धन्यवाद!

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विद्यार्थियों एवं युवाओं के लिए 10 सूत्रीय शपथ – डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम https://www.hamarisafalta.com/2018/03/%e0%a4%a1%e0%a5%89-%e0%a4%8f-%e0%a4%aa%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%ac%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae.html https://www.hamarisafalta.com/2018/03/%e0%a4%a1%e0%a5%89-%e0%a4%8f-%e0%a4%aa%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%ac%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae.html?noamp=mobile#respond Wed, 21 Mar 2018 04:01:22 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1582 डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा विद्यार्थियों एवं युवाओं के लिए 10 सूत्रीय शपथ  मैं समझता हूँ कि छोटा लक्ष्य अपराध है । मैं अपने जीवन में एक महान लक्ष्य रखूँगा और उसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करूँगा । मैं लगातार ज्ञान प्राप्त करूँगा । मैं लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ रहूँगा । मैं सत्यनिष्ठा के साथ काम करूँगा और सत्यनिष्ठा के साथ सफल होऊंगा । मैं अपने परिवार का अच्छा सदस्य बनूंगा, समाज का अच्छा […]

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डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा विद्यार्थियों एवं युवाओं के लिए 10 सूत्रीय शपथ 

  1. मैं समझता हूँ कि छोटा लक्ष्य अपराध है । मैं अपने जीवन में एक महान लक्ष्य रखूँगा और उसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करूँगा । मैं लगातार ज्ञान प्राप्त करूँगा । मैं लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ रहूँगा ।
  2. मैं सत्यनिष्ठा के साथ काम करूँगा और सत्यनिष्ठा के साथ सफल होऊंगा ।
  3. मैं अपने परिवार का अच्छा सदस्य बनूंगा, समाज का अच्छा सदस्य बनूँगा, अपने राज्य का अच्छा सदस्य बनूंगा, देश का अच्छा सदस्य बनूंगा और विश्व का अच्छा सदस्य बनूंगा ।
  4. मैं हमेशा किसी एक के जीवन को सुरक्षित या सफल बनाने की कोशिश बिना किसी जाति, पंथ, भाषा, धर्म या राज्य के भेदभाव के करूँगा । मैं कहीं भी रहूँ, एक विचार हमेशा मेरे मन में रहेगा ‘मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ ’ ।
  5. मैं शराब, धुम्रपान और जुए का आदी कभी भी नहीं होऊंगा । मैं हमेशा कोशिश करूँगा कि शराब, धुम्रपान और जुए का आदी कम से कम पांच लोगों की लत छुड़ा सकूँ और उनकी मदद करूँगा कि वे अच्छा जीवन व्यतीत करें ।
  6. मैं हमेशा समय के महत्व को याद रखूँगा । मेरे जीवन का उद्देश्य ‘मेरे उड़नपंख के दिन, व्यर्थ व्यय न हों’ ।
  7. मैं अपने पड़ोस में कम से कम पांच पौधे लगाऊंगा और उनका पोषण करूँगा । मैं हमेशा अपने गाँव, शहर और राज्य को स्वच्छ रखने का कार्य करूँगा जिससे मेरी पृथ्वी स्वच्छ और हरी होगी । मैं अपने गावों या शहरों के टैंकों, झीलों को पुनर्जीवित करने का कार्य करूँगा ।
  8. अपने देश के युवा के रूप में, मैं कार्य करूँगा, साहस के साथ सभी कार्यों की सफलता के लिए और दूसरों के कार्यों की सफलता का आनन्द लूँगा ।
  9. मैं जैसा युवा हूँ ऐसा ही मेरा विश्वास, और पुराना जितना मेरा शक । इसलिए मैं अपने ह्रदय में विश्वास का दीपक प्रकाशमय रखूँगा ।
  10. मेरा राष्ट्रीय ध्वज मेरे ह्रदय में लहराता है और मैं अपने देश के लिए महिमा लाऊंगा ।

 

मैं इसके द्वारा कसम खाता हूँ कि मैंने अपने जीवन में डॉ. कलाम द्वारा दिए गये इन शपथ को बनाये रखने और मेरे सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे

नाम:

पता:

तिथि और समय :                                                                                                           आपका हस्ताक्षर

 

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शिक्षकों को श्री नरेन्द्र मोदी का पत्र https://www.hamarisafalta.com/2018/03/narendra-modi-letter-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/03/narendra-modi-letter-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 08 Mar 2018 09:55:13 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1570 मेरे शिक्षक साथियों, युवा मनों को प्रशिक्षित करने और जीवन गढ़ने के पुण्य कार्य में लगे आप सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई । आपकी मेहनत भारत के अच्छे भविष्य के लिए नींव तैयार करती है । एक शिक्षक और विद्यार्थी के बीच का सम्बन्ध विशेष होता है । विद्यार्थी अपने शिक्षकों का अनुसरण करते हैं, उनकी बात का गहरा असर होता है । यही वजह है कि मैं इस पुस्तक में एग्जाम वॉरियर्स के साथ शुरू की गयी इस चर्चा […]

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मेरे शिक्षक साथियों,

युवा मनों को प्रशिक्षित करने और जीवन गढ़ने के पुण्य कार्य में लगे आप सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई । आपकी मेहनत भारत के अच्छे भविष्य के लिए नींव तैयार करती है ।

एक शिक्षक और विद्यार्थी के बीच का सम्बन्ध विशेष होता है । विद्यार्थी अपने शिक्षकों का अनुसरण करते हैं, उनकी बात का गहरा असर होता है । यही वजह है कि मैं इस पुस्तक में एग्जाम वॉरियर्स के साथ शुरू की गयी इस चर्चा को आपके माध्यम से आपके विद्यार्थियों के बीच ले जाना चाहता हूँ । आपकी भूमिका इस प्रयास में सबसे महत्वपूर्ण है ।

प्रत्येक विद्यार्थी विशेष है और अनंत संभावनाएं अपने अंदर समेटे है । शिक्षक ही होता है जो हर एक में से, उसमें जो सर्वश्रेष्ठ है, उसको बाहर लाने की क्षमता और कौशल रखता है ।

विद्यार्थियों को किताबों से आगे कई और चीजें जाननी और सीखनी होती है । विद्यार्थियों में मौलिक और व्यावहारिक चिन्तन की प्यास जगाने में शिक्षक की भूमिका अहम है ।

परीक्षा के बाद विद्यार्थी और माता-पिता महाविद्यालय और करियर चुनने के बारे में सोचने लगते हैं । यह ख़ुशी की बात है कि धीरे-धीरे विद्यालयों में यह व्यवस्था विकसित हो रही है जहाँ शिक्षक विद्यार्थियों को उनकी क्षमता और रुझान के अनुसार विषय चुनने में मदद करते हैं । मैं आशा करता हूँ कि आप इसके साथ-साथ विद्यार्थी को यह आत्मविश्वास भी देंगे कि वह खुद ही नए अवसर पैदा कर सके ।

तनाव रहित परीक्षा, ज्ञान को उद्देश्य बनाना और पुस्तक में उठाए गये अन्य विषयों पर जो चर्चा हम सब लोगों ने मिलकर शुरू की है, मुझे विश्वास है कि वो आपके सहयोग से फलीभूत होगी । हमारे एग्जाम वॉरियर्स हर चुनौती का सामना कर निखर कर बाहर आयेंगे ।

राष्ट्र निर्माण में रत आप सभी को मेरी शुभकामनाएँ ।

आपका,

 

 

 

 

नरेन्द्र मोदी

26 जनवरी 2018


अभिभावकों को श्री नरेन्द्र मोदी का पत्र 

पत्र स्रोत – किताब “एग्जाम वॉरियर्स” पृष्ठ 130 लेखक माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी…

इमेज क्रेडिट – www.narendramodi.in

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अभिभावकों को श्री नरेन्द्र मोदी का पत्र https://www.hamarisafalta.com/2018/02/%e0%a4%a8%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0.html https://www.hamarisafalta.com/2018/02/%e0%a4%a8%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0.html?noamp=mobile#respond Wed, 21 Feb 2018 04:33:51 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1551 प्रिय अभिभावक, किसी भी विद्यार्थी के लिए परिवार सबसे मजबूत संबल है और यह परीक्षा की तैयारियों के समय और अधिक मायने रखता है । यह समय विद्यार्थियों और पूरे परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है । आपका साथ, आपका प्रोत्साहन बच्चों के लिए जादू की छड़ी है । परीक्षा के समय बच्चों के मन को हल्का और प्रसन्नचित्त रखने का प्रयास करें ताकि वे तनाव रहित और ख़ुशी के माहौल में परीक्षा दे सकें । आप अपने बच्चे […]

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प्रिय अभिभावक,

किसी भी विद्यार्थी के लिए परिवार सबसे मजबूत संबल है और यह परीक्षा की तैयारियों के समय और अधिक मायने रखता है । यह समय विद्यार्थियों और पूरे परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है । आपका साथ, आपका प्रोत्साहन बच्चों के लिए जादू की छड़ी है ।

परीक्षा के समय बच्चों के मन को हल्का और प्रसन्नचित्त रखने का प्रयास करें ताकि वे तनाव रहित और ख़ुशी के माहौल में परीक्षा दे सकें ।

आप अपने बच्चे के सबसे अच्छे मार्गदर्शक हैं । आप ही हैं जो उसे सबसे करीब से और अच्छे तरीके से जानते हैं ।

आपने अपनी आँखों के सामने पल-पल इसे बड़ा होते हुए देखा है । अपेक्षाओं से ज्यादा आपका स्वीकार करके उसके जीवन को आकार देने वाला है ।

उम्मीदों का बोझ स्कूल बैग से भी भारी होता है, बच्चे को इस बोझ के नीचे दबाना उचित नहीं है । स्वयं से सवाल करें, क्या हम बच्चों पर हमारी अव्यावहारिक अपेक्षाओं का बोझ तो नहीं डाल रहे?

कई बार माता-पिता अपनी अधूरी इच्छाओं को अपने बच्चों के द्वारा पूरा करना चाहते हैं इन सब के बीच एक तरफ हँसता-खेलता बचपन बलि चढ़ जाता है, तो दूसरी ओर बच्चे को अपनी पूरी आभा के साथ खिलते हुए देखने का एक माता-पिता का आनन्द और संतोष मर ही जाता है । बच्चों के सपने, अभिलाषा और महत्वकांक्षा अपने माता-पिता से अलग हो सकते हैं । इसे स्वीकार करें और अपने बच्चों को उनके सपने पूरे करने में मदद करें ।

माता-पिता अपने बच्चे को एक अच्छा स्कूल, आरामदायक जीवन समेत सब कुछ अच्छा देना चाहते हैं । लेकिन एक सबसे अच्छा उपहार जो आप अपने बच्चे को दे सकते हैं, वह है- चुनौतियों से साहस के साथ सामना करने का जज़्बा । यह बच्चों को कुछ नया और अलग करने के लिए प्रेरित करेगा । सुरक्षित जीवनशैली धीरे-धीरे मन और शरीर दोनों को कमजोर बनाकर पुरुषार्थ करने की क्षमता को ही ख़त्म कर देती है । चुनौतियाँ व्यक्तित्व में साहस और दृढ संकल्प पैदा करती है ।

मैं जानता हूँ कि आजकल समय की खींचतान रहती है और परीक्षा के समय यह और भी बढ़ जाती है लेकिन अपने बच्चों के साथ कुछ Quality Time बिताएं । सकारात्मक और हंसी-ख़ुशी के माहौल में बच्चों के साथ बिताये गए पलों की बड़ी भूमिका है । 🙂

बच्चों को पूरा महत्व देकर सुनें । जिनको बचपन में सुना नहीं जाता, वे बड़े होकर फिर किसी की भी नहीं सुनते हैं ।

बोर्ड की परीक्षाओं के बाद विद्यार्थियों के लिए अपनी पसंद का विषय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय चुनने का समय होता है । आज नए-नए कई क्षेत्र हैं, ढेर सारे अवसर हैं, अपने बच्चे को उसकी पसंद और क्षमताओं के अनुसार फैसला लेने में मदद करें ।

आप युवा एग्जाम वॉरियर्स को साहस और संबल देते रहेंगे,

इन्हीं शुभकामनाओं के साथ ।

आपका,

 

 

 

नरेन्द्र मोदी

26 जनवरी 2018


 

पत्र स्रोत – किताब “एग्जाम वॉरियर्स” पृष्ठ 129 लेखक माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी…

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शॉर्ट कट से नहीं, ‘कट शॉर्ट’ से मिलेगी सफ़लता Morning Motivation https://www.hamarisafalta.com/2018/02/cut-short-will-get-success-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/02/cut-short-will-get-success-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 19 Feb 2018 03:45:46 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1544 Successful बनने के लिए शॉर्ट कट अपनाते हुए आपने कई लोगों को देखा होगा लेकिन जिन लोगों ने आज बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल की हैं या आज जो सफल हैं उनके जीवन को गंभीरता से अध्ययन करेंगे तो हम पायेंगे कि वो सभी ‘शॉर्ट कट’ पर नहीं बल्कि ‘कट शॉर्ट’ पर ध्यान देते हैं । यहाँ “कट शॉर्ट” का हमारा मतलब कोई नेगेटिव बात आपके सामने रखना नहीं है । इसका साधारण मतलब है – लक्ष्य तक पहुँचने में आने वाले […]

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Successful बनने के लिए शॉर्ट कट अपनाते हुए आपने कई लोगों को देखा होगा लेकिन जिन लोगों ने आज बड़ी-बड़ी सफलताएँ हासिल की हैं या आज जो सफल हैं उनके जीवन को गंभीरता से अध्ययन करेंगे तो हम पायेंगे कि वो सभी ‘शॉर्ट कट’ पर नहीं बल्कि ‘कट शॉर्ट’ पर ध्यान देते हैं ।

यहाँ “कट शॉर्ट” का हमारा मतलब कोई नेगेटिव बात आपके सामने रखना नहीं है । इसका साधारण मतलब है – लक्ष्य तक पहुँचने में आने वाले भटकावों को कट शॉर्ट करके असल लक्ष्य को कांट-छांटकर एकदम स्पष्ट रूप से हमारे सामने रखना, ताकि हमें अपने लक्ष्य तक पहुँचने में किसी भी तरह का भटकाव न हो! और हम अपने दिमाग को यह क्लियर बता सकें कि हमें क्या चाहिए..

कोई भी व्यक्ति तभी सफ़ल हो सकता है जब वह अपनी पूरी एनर्जी लक्ष्य पर लगाये

Image : https://fitfasttrainers.co.uk

दो नावों पर पैर रखना

बिज़नेस या किसी भी फील्ड में हम तभी Focus कर सकते हैं जब हमारा लक्ष्य एक से ज्यादा न हो । इसका मतलब है स्टार्टिंग में हमें एक ही बिज़नेस को चलाने का टारगेट बनाना है । एक से ज्यादा Business एक साथ खोलकर बैठ जाएंगे तो किसी एक बिज़नेस पर भी ठीक से फोकस नहीं कर पाएंगे । इसलिए बेहतर होगा शुरूआत एक ही Business के साथ करें । उसके बाद धीरे-धीरे आप Business को Expand कर सकते हैं । शुरुआत में ही दो नावों पर पैर रखने का नतीज़ा आप जानते ही होंगे ।

 

क्या आप कॉपी / नकल को Priority देते हैं?

Business स्टार्टअप के बारे में सोचते ही दिमाग में यही बात घुमती है कि कौन-सी बिजनेस की जाए जिसमें सफलता मिलेगी । बिज़नेस आईडिया के लिए ज्यादातर लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों या किसी सफल बिज़नेस की ही कॉपी करने लग जाते हैं । यह Short cut है । इसके बजाय हमें उन बिज़नेस ideas पर काम करना चाहिए जिन पर अभी तक किसी ने काम नहीं किया है या जिन पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया है या जिनमें आप दूसरों से बहुत अलग हैं । इससे आपके सफल होने के चांसेस बहुत हद तक बढ़ सकते हैं ।

धैर्य रखिये, क्योंकि सब्र का फल मीठा होता है

Business में ध्यान उस समय भटकने लगता है जब Entrepreneur को लगने लगता है कि उसे Success मिलने में बहुत ज्यादा टाइम लग रहा है । जितना जरूरी है अपने बिजेनस के लक्ष्य को स्पष्ट करना उतना ही जरूरी है यह तय करना कि किस लक्ष्य को हासिल करने में कितना समय लग रहा है ! इससे आपका टाइम मैनेजमेंट क्लियर हो जाएगा, आप हड़बड़ायेंगे नहीं…

 

नोट: – इस पोस्ट में “बिज़नेस” पर ही जोर दिया गया है लेकिन ये बातें हर फील्ड में काम आ सकती हैं.. इसे अपने ही क्षेत्र के साथ लिंक करके आप इस पोस्ट का लाभ ले सकते हैं..

धन्यवाद!

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ऐसे मिलेगी सक्सेस Morning Motivation in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/02/morning-motivation-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be.html https://www.hamarisafalta.com/2018/02/morning-motivation-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be.html?noamp=mobile#respond Sun, 18 Feb 2018 04:34:45 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1541 ऐसे मिलेगी सक्सेस Morning Motivation in Hindi सफलता पर लेख  यदि आप सफ़लता पाना चाहते हैं तो आपको अपने जीवन में कुछ बातों को अपनाना होगा । हारने का मन डर से निकाल दें लाइफ में आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है कि हम मन से हार का डर निकाल दें । कई बार इंसान कुछ हासिल करने वाला होता है लेकिन हार के डर के कारण ही वह हिम्मत नहीं कर पाता । यदि हमें अपने अंदर की […]

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ऐसे मिलेगी सक्सेस Morning Motivation in Hindi सफलता पर लेख 

यदि आप सफ़लता पाना चाहते हैं तो आपको अपने जीवन में कुछ बातों को अपनाना होगा ।

हारने का मन डर से निकाल दें

लाइफ में आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है कि हम मन से हार का डर निकाल दें । कई बार इंसान कुछ हासिल करने वाला होता है लेकिन हार के डर के कारण ही वह हिम्मत नहीं कर पाता । यदि हमें अपने अंदर की पॉजिटिव एनर्जी को जगाना है या पूरे ऊर्जा के साथ काम करना है तो हार की डर के बजाय जीत की उम्मीद को देखना होगा… । कोई भी काम हाथ में लेने के बाद डरिये मत.. यदि आप स्टार्टअप कर रहे हैं तो हारने का डर मन में आएगा ही ! लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उस डर के साथ चिपक कर बैठे रहें… यदि आपको सफल होना है तो हारने का मन डर से निकाल दें….

Image : pixabay.com

लीक से हटकर काम कीजिये

लाइफ में कुछ बड़ी सफलताएँ हासिल करने के लिए जरूरी है कि लीक से हटकर काम करें । अपने ideas में कुछ नयापन लायें । नए विचारों को अपनी लाइफ में जगह दीजिये । पुराने रास्तों पर चलते रहेंगे तो कुछ नया और कुछ बड़ा हासिल नहीं कर पायेंगे । इसलिए आगे बढ़ने के लिए अपने रास्ते खुद बनाइए ।

आलस्य से दूर ही रहें

सफलता पाने का सबसे बड़ा मूल मंत्र है – सही दिशा में मेहनत करते जाना । अगर आप आलस्य से दूर रहते हैं और लगातार अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करते जाते हैं तो आपको कभी भी निराश नहीं होना पड़ेगा । आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है । इस दुश्मन को जीतने मत दें । आलस्य करके बाद में असफल होकर रोने से बेहतर है आप इससे दूर रहें और काम करते जाएँ ।

 

आलोचना से न घबराएँ

आलोचना से घबराने वाला व्यक्ति कभी अपने टारगेट तक नहीं पहुँच पाता । आपको आलोचना से घबराने की बजाय अपने लक्ष्य को पाने की दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिए । याद रखिये लोग आपके पीठ पीछे आपकी आपकी बुराई भी करते हैं और आपकी प्रशंसा भी .. लोगों का काम ही कहना.. आप कुछ अच्छा कर रहे हों या बुरा वो आपके बारे में कमेन्ट जरूर करेंगे.. लेकिन आपको बस अपना काम करते जाना है…अगर आप मेहनत करते रहेंगे तो आपके आलोचक ही आपके प्रशंसक बन जाएंगे ।

अपने मेंटर खुद बनिये

जरूरी नहीं कि लाइफ में आपको हर बार कोई न कोई मेंटर मिले और एक-एक चीजें सिखाये । खुद ही अपना मेंटर बनिये और अपनी कमियों को दूर कीजिये । जिसको कुछ सीखना रहता है वह कहीं से भी सीख ही लेता है ।

धन्यवाद!

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यदि आप लिखने के शौक़ीन हैं और अपने स्वयं की ब्लॉग/वेबसाइट हमसे बनवाना चाहते हैं और अपने लेखों के माध्यम से लाखों लोगों तक जुड़ना चाहते हैं तो आज ही अपनी वेबसाइट हमसे बनवाएं। वेबसाइट बनवाने के लिए हमें +91-9644772226 (10:00 AM – 5 :00 PM)पर कॉल करें अथवा www.infowt.com पर विजिट करें।

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नींद में छुपी है सफ़लता Success Tips in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2018/02/success-in-sleep-inspirational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/02/success-in-sleep-inspirational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 17 Feb 2018 13:42:08 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1535 नींद में छुपी है सफ़लता Success Tips in Hindi वैसे तो कहा जाता है कि सफलता हासिल करने का सपना आपको सोने नहीं देता, और हाँ ये सच भी है! लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि Successful लोग अपनी Creative Energy को Recharge करने के लिए अपनी नींद को एक ख़ास Charger के रूप में use करते हैं । कुछ सफल लोग 5-6 घंटे की नींद को पर्याप्त मानते हैं लेकिन ऐसे भी लोग हैं जो बहुत सफल हैं […]

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नींद में छुपी है सफ़लता Success Tips in Hindi

वैसे तो कहा जाता है कि सफलता हासिल करने का सपना आपको सोने नहीं देता, और हाँ ये सच भी है! लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि Successful लोग अपनी Creative Energy को Recharge करने के लिए अपनी नींद को एक ख़ास Charger के रूप में use करते हैं । कुछ सफल लोग 5-6 घंटे की नींद को पर्याप्त मानते हैं लेकिन ऐसे भी लोग हैं जो बहुत सफल हैं जो दिन में तीन-चार बार थोड़ा-थोड़ा सोकर खुद को Energy के level पर लेकर कहीं ज्यादा Fresh महसूस करते हैं ।

Image : AmarUjala.com

आइये इस पोस्ट में कुछ मशहूर लोगों के नींद के बारे में जानते हैं :

लिओनार्दो दा विंची  Leonardo da Vinci

मशहूर कलाकार लिओनार्दो दा विंची के बारे में यह एक बात काफी ज्यादा मशहूर है कि वे हर चार घंटे के अंतर पर लगभग बीस मिनट की एक झपकी लेने के आदी थे । उनके इस Sleeping Schedule से उन पर कभी बोझिलता हावी नहीं हुई और अपनी इन्हीं झपकियों की मदद से वे अपनी Creativity को बिना किसी थकान के खुबसूरत रूप में लम्बे समय तक दुनिया के सामने पेश करते रहे… दिन में कई बार सोने वाले लोगों में विंची एक मिशाल हैं…

लिओनार्दो दा विंची पर पूरी जानकारी विकिपीडिया पर यहाँ पढ़ें 

मैट मुलेनवेग Matt Mullenweg

यदि आप इन्टरनेट से जुड़े हैं या आपकी कोई वेबसाइट/ब्लॉग है तो आपको मैट मुलेनवेग के बारे में पता ही होगा । यदि आप इन्हें नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन आप वर्डप्रेस बारे में जानते ही होंगे जो ब्लॉग बनाने अथवा वेबसाइट सेटअप करने के लिए उपयोग किया जाने वाला सबसे बड़ा प्लेटफोर्म है । और हमारीसफलता.कॉम भी अपने आर्टिकल्स आप तक पहुंचाने के लिए वर्डप्रेस प्लेटफोर्म का उपयोग करती है ।

Matt Mullenweg वर्डप्रेस के Founder हैं और ये भी नींद के मामले में पॉलीफेजिक यानी दिन में कई बार सोने वाले हैं । वे एक दिन में छः-छः बार सोने वाले व्यक्ति हैं वो भी 40-40 मिनट के लिए… नींद को ही वे अपनी क्रिएटिविटी और पाजिटिविटी में सहायक मानते हैं । और नियमित रूप से अपना काम सही ढंग से कर पाते हैं ।

मैट मुलेनवेग पर पूरी जानकारी विकिपीडिया पर यहाँ पढ़ें 

निकोला टेस्ला Nikola Tesla

एसी करंट के विकास के लिए प्रख्यात आविष्कारक निकोला टेस्ला एक दिन में एक साथ लम्बे समय तक नहीं सोते थे । उनकी एक दिन की नींद दो घंटे से भी कम मानी जाती है… उनके बारे में यह बात चर्चित रही है कि वे दिन में बीच बीच में झपकी लेते थे और इस तरह से वे लगातार लम्बे समय तक काम कर पाते थे…

निकोला टेस्ला पर पूरी जानकारी विकिपीडिया पर यहाँ पढ़ें 

 

दिन में माइंड और बॉडी को आराम देना बहुत ही जरूरी है.. थोड़ी देर के लिए यदि आप पलक झपका लेते हैं तो आप ज्यादा बेहतर ढंग से काम कर सकते हैं लेकिन इसका मतलब मैं यह बिलकुल नहीं समझता हूँ कि एक झपकी लेने के चक्कर में आप दिन भर ही सो जाएँ…:)

आपको माइंड को थोडा सा रेस्ट देना चाहिए..  अपने गर्लफ्रेंड/बॉयफ्रेंड के साथ दिन में खाली समय में फ़ोन पर बात करने से बेहतर है कि थोडा सा समय खुद को ही दें…. दिन में कुछ मिनट सोकर खुद को चार्ज करें… गॉसिप करने, फालतू दोस्तों के साथ घुमने या बेकार की चीजें करने से बेहतर है कि एक 15 मिनट की झपकी ही ले लें..

धन्यवाद!

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ऐसे निखारिये अपनी Selling Skills को… https://www.hamarisafalta.com/2018/01/article-on-selling-skills-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/01/article-on-selling-skills-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 27 Jan 2018 09:49:36 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1493 Startup की तरफ कदम बढ़ाना या नया बिजनेस शुरू करना आसान हो सकता है लेकिन हर कोई अपने प्रोडक्ट या सर्विसेज को लेने के लिए कस्टमर्स का एक मजबूत बेस तैयार नहीं कर पाता । इसके लिए बहुत ही जरूरी है कि आप अपनी सेलिंग स्किल्स पर मेहनत करें । Selling Skills में मजबूती लाकर ही आप अपने कस्टमर्स को अपने प्रोडक्ट्स की ओर आकर्षित कर पायेंगे । जब तक आप अपने कस्टमर्स की need को नहीं समझते या अपने […]

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Startup की तरफ कदम बढ़ाना या नया बिजनेस शुरू करना आसान हो सकता है लेकिन हर कोई अपने प्रोडक्ट या सर्विसेज को लेने के लिए कस्टमर्स का एक मजबूत बेस तैयार नहीं कर पाता ।

इसके लिए बहुत ही जरूरी है कि आप अपनी सेलिंग स्किल्स पर मेहनत करें । Selling Skills में मजबूती लाकर ही आप अपने कस्टमर्स को अपने प्रोडक्ट्स की ओर आकर्षित कर पायेंगे ।

जब तक आप अपने कस्टमर्स की need को नहीं समझते या अपने प्रोडक्ट्स के खास qualities को गहराई से नहीं समझते तब तक आप लोगों को अपने प्रोडक्ट्स लेने के लिए राजी नहीं कर पायेंगे । अच्छे सेलिंग स्किल्स के दम पर ही आप अपने कंपनी को आगे बढ़ा सकते हैं । आज हर चीज जमाने के हिसाब से चल रही है इसलिए आपको इस दुनिया को गौर से समझने की आवश्यकता है ।

Image Credit : valuewalk.com

कस्टमर्स को समझिये

एक अच्छा Selling Person बनने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आपको यह पता होना चाहिए कि आपका कस्टमर आखिर आपसे चाहता क्या है? और आपका कस्टमर कौन है!

क्या आप जिस प्रकार की सर्विस दे रहे हैं उसी प्रकार की सर्विस उसने कभी ली है ! या फिर वह आपके जैसी सर्विस को पहली बार ले रहा है ! पिछले सर्विस प्रोवाइडर से वह क्यों किनारा कर रहा है या पहले वाले सर्विस प्रोवाइडर से आखिर उसे क्या शिकायतें रही हैं ? और अभी वह आपसे कौन-कौन सी उम्मीदें रख रहा है !

इस प्रकार के रिसर्च करके ही आप बेस्ट सेलिंग पर्सन बन सकते हैं..

भाषा पर हमेशा गौर कीजिये

जब भी आप किसी कस्टमर को अपने सर्विस लेने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हों तो हमेशा अपनी भाषा पर गौर कीजिए । यह भाषा कभी भी ऐसी नहीं होनी चाहिए कि उन्हें ये लगे कि आप पर कोई हुक्म चला रहे हैं, और यह ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि उन्हें ऐसा लगे कि आप उनके सामने अपनी सर्विस लेने के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं ।

अपनी सर्विसेस को लेकर आत्मविश्वास की भावना आपकी बातों में हमेशा झलकनी चाहिए । इसके बिना कभी भी आप ग्राहकों से अपनी सर्विसेस लेने के लिए राजी नही कर सकते ! आपकी भाषा में शालीनता होनी चाहिए ।

लेकिन इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि सिर्फ सेल्स बढ़ाने के लिए आप ओवर कांफिडेंस के शिकार  न हो जाएँ, इसका मतलब यह है कि आप सर्विसेस के बारे में बढ़ा-चढ़ा कर झूठी बातें अपने कस्टमर को बताएं और बाद में उन्हें पूरा ही न करें..

इसलिए कोई बड़ी कमिटमेंट करने से बचें जिसे आप पूरा ही न कर पायें ।

शिकायत और सुझाव के महत्व को समझें

अकसर लोग कस्टमर बना लेने के बाद उसे ग्रांटेड मानने लगते हैं । इसका रिजल्ट  यह निकलता है कि वे आपको जो फीडबैक या शिकायत के बारे में बताते हैं उसे आप गंभीरता से नहीं लेते । और अपना पूरा फोकस नए कस्टमर्स जुटाने में लगे रहते हैं । इस अप्रोच से आपको हमेशा बचने की कोशिश करनी चाहिए । आप जितनी मेहनत नए  कस्टमर्स जुटाने पर करते हैं उतना ही मेहनत या उससे ज्यादा मेहनत आपको पुराने कस्टमर्स को जोड़े रखने पर भी देना है ।  इस बात को हमेशा याद रखिये कि आपके लिए हर एक कस्टमर इम्पोर्टेन्ट है ।

अपने प्रोडक्ट की पूरी स्टडी करें

बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपने सर्विस के प्रोडक्ट की जानकारी भी सही से नहीं होती और वे प्रोडक्ट सेल करने की सोचती हैं.. कस्टमर्स को समझने का फायदा आपको तभी मिलेगा जब आप अपने प्रोडक्ट के बारे में अच्छी जानकारी रखते हों!

मान लीजिये कि आप कोई ऑनलाइन चाय सर्विस का बिजनेस करते हैं लेकिन यदि आपने खुद की कम्पनी का चाय कभी टेस्ट ही नहीं किया तो आप सामने वाले को कैसे कनवेंस कर सकते हैं कि वो आपसे ही चाय आर्डर करेगा !

आपको अपने हर एक प्रोडक्ट की बहुत अच्छी जानकारी रखनी होगी, सामने वाले कस्टमर को ये बात स्पष्ट रूप से बतानी होगी कि आपकी सर्विस दूसरों से कैसे हटकर है! अपनी प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देते हुए आप हमेशा पूरी तरह  से आश्वासित दिखें । अगर आपको प्रोडक्ट के बारे में सही से जानकारी ही नहीं होगी तो आप कभी भी कस्टमर को संतुष्ट नहीं कर पायेंगे..

दबाव क्यों

आपकी कम्पनी बेस्ट है, ये बात आप जानते ही हैं तो फिर दबाव कैसा? कस्टमर से बात करते हुए हम उन पर दबाव बनाना शुरू कर देते हैं कि वे हमसे ही अपनी  प्रोडक्ट लें ! निश्चित तौर पर आपको अपने प्रोडक्ट्स बेचने हैं लेकिन आपकी अप्रोच दबाव बनाने वाली बिलकुल भी न हो!

प्रोडक्ट की और अपने कम्पनी की पूरी जानकारी देने के बाद पूरा फैसला कस्टमर पर ही छोड़ें, उसी के हाथ में अंतिम फैसला दें ।

उन्हें बार बार कॉल/मैसेज या किसी भी तरह से परेशान करना आपकी सेल्स को नीचे ले जा सकता है । इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी प्रोडक्ट को बेहतर बनाएँ और उसकी क्वालिटी सामने वाले को बताएं । भरोसा दिलाना सही है लेकिन भरोसा दिलाने के चक्कर में किसी पर दवाब बनाना बहुत गलत..

इसलिए कस्टमर्स पर किसी भी तरह का कोई दबाव न बनाएँ ।

Keywords : article on selling skills in hindi.

धन्यवाद!

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सफल लोग सोने से पहले करते हैं ये ख़ास काम https://www.hamarisafalta.com/2018/01/successful-people-do-this-special-work-before-sleeping-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/01/successful-people-do-this-special-work-before-sleeping-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 13 Jan 2018 17:50:55 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1474 सफल लोग सोने से पहले करते हैं ये ख़ास काम दुनिया के ज्यादातर सफलतम लोग बिस्तर पर जाने से पहले कुछ काम जरूर करते हैं । आइये उन ख़ास कामों के बारे में करीब से जानते हैं :- किताबें पढ़ना अच्छी किताबें आपको सफ़लता का रास्ता बताती हैं । बहुत से specialist बताते हैं कि दुनिया के सबसे सफल लोग सोने से पहले कुछ न कुछ जरूर पढ़ते हैं । दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बिल गेट्स सोने से पहले […]

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सफल लोग सोने से पहले करते हैं ये ख़ास काम

दुनिया के ज्यादातर सफलतम लोग बिस्तर पर जाने से पहले कुछ काम जरूर करते हैं । आइये उन ख़ास कामों के बारे में करीब से जानते हैं :-

किताबें पढ़ना

अच्छी किताबें आपको सफ़लता का रास्ता बताती हैं । बहुत से specialist बताते हैं कि दुनिया के सबसे सफल लोग सोने से पहले कुछ न कुछ जरूर पढ़ते हैं । दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बिल गेट्स सोने से पहले आधा घंटा कोई न कोई किताब जरूर पढ़ते हैं । इंटरनेशनल बिजनेस स्पीकर और लेखिका मिशेल केर का कहना है कि दुनिया के सैकड़ों बिजनेस लीडर्स ने सोने से पहले किताब पढ़ने की एक बड़ी आदत बना रखी है । चाहे जो कुछ भी हो जाए वे किताब पढ़ना कभी नहीं भूलते !

Image Credit : shutterstock

अच्छा सोचें

पूरे दिन भर काम करने के बाद दिन के अंत में नेगेटिव होना नार्मल बात होती है । आप दिन की शुरुआत किसी लक्ष्य के साथ करते हैं लेकिन दिन ख़त्म होते-होते उस लक्ष्य को प्राप्त करने में कई उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ता है । सफल लोगों का दिन चाहे जैसा भी गुजरे लेकिन वो रात में खुद से कभी भी नेगेटिव बातें नहीं करते ! क्योंकि उन्हें पता होता है कि इससे टेंशन बढ़ सकता है…

बेंजामिन फ्रैंकलिन खुद से हर रात एक सवाल किया करते थे- मैंने आज पूरे दिन भर में क्या अच्छा काम किया ।

टहलने जाएँ

बफर के सीईओ और सह-संथापक जियोल गैसकोइजेन सोने से पहले 20 मिनट की वाक पर जाते हैं । उनका कहना है कि इससे उन्हें पूरे दिन के कार्यों के विश्लेषण करना का मौका मिल जाता है । वाक पर जाने से मैं काम के बारे में सोचना बंद कर देता हूँ और सोने का मूड बनने लगता है । हाँलाकि लोग मानते हैं कि सोने से पहले व्यायाम करने से नींद उड़ जाती है पर नेशनल स्लीप फाउंडेशन ने 2013 में अपने रिसर्च में पाया है कि रात में एकसरसाइज करने से आपको अच्छी नींद आती है । कई रिसर्च यह भी बात साबित कर चुके हैं कि टहलने से तनाव कम होता है । आपको रात का खाना खाने के बाद तुरंत बिस्तर पर नहीं जाना चाहिए । टहलते हुए आप अपने अगले दिन भर की प्लानिंग भी कर सकते हैं । इससे आपको अपने बारे में भी सोचने का भी टाइम मिल जाता है । अगर आप अकेले किसी चीज के बारे में सोचेंगे तो इससे आपकी कार्य क्षमता में बहुत ज्यादा इजाफ़ा होगा ।

टू डू लिस्ट बनाएँ

सफल लोग रात में सोने से पहले दिमाग को क्लियर कर लेते हैं । इस तरह वे शांति से नींद ले पाते हैं । ज्यादातर वे दिनभर के अधूरे कामों की लिस्ट बनाते हैं और अगले दिन की पूरी प्लानिंग करते हैं । इससे पूरी रात उनके दिमाग में किसी तरह के विचार नहीं आते और वे अच्छी नींद ले पाते हैं ।

अनप्लग हो जाएँ

शाधकर्ता बताते हैं कि सोने से पहले किसी भी तरह का स्क्रीन टाइम नुकसान पहुंचा सकता है । इसलिए मोबाइल/लैपटॉप जैसे किसी भी तरह के अपने गैजेट को सोने से पहले दूर में ही रखना बेहतर होगा ।  बहुत से लोग रात में सोने से पहले या बिस्तर में जाने के बाद  भी मोबाइल पर ही चिपके रहते हैं, और देर रात तक बातें करते रहते हैं । इससे माइंड हमेशा डिस्टर्ब रहता है । बेहतर होगा कि आप इस प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को अपने बैडरूम से पूरी तरह से बैन कर दीजिये ।

यह लेख पत्रिका अख़बार से प्रेरित है…

धन्यवाद  🙂

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मत घबराइए, करिए एक नई शुरूआत… https://www.hamarisafalta.com/2018/01/inspirational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2018/01/inspirational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sun, 07 Jan 2018 03:24:13 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1428 मत घबराइए, करिए एक नई शुरूआत दोस्तों नए साल पर हर कोई नई उम्मीदों के सहारे अपनी मंजिलों की ओर बढ़ता चला जाता है । तो क्यों न आप भी कीजिये नई शुरुआत और अपने सपनों को हकीकत में बदलिए। नया साल है । अपनी उम्मीदों की गठरी को खोलने का एक बड़ा मौका । इस बार उम्मीदों को टूटने मत दीजिये । उम्मीदों के सहारे एक-एक कदम बढ़ा दीजिये अपनी मंजिलों की ओर । लाइफ के हर मोड़ पर […]

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मत घबराइए, करिए एक नई शुरूआत

दोस्तों नए साल पर हर कोई नई उम्मीदों के सहारे अपनी मंजिलों की ओर बढ़ता चला जाता है । तो क्यों न आप भी कीजिये नई शुरुआत और अपने सपनों को हकीकत में बदलिए।

नया साल है । अपनी उम्मीदों की गठरी को खोलने का एक बड़ा मौका । इस बार उम्मीदों को टूटने मत दीजिये । उम्मीदों के सहारे एक-एक कदम बढ़ा दीजिये अपनी मंजिलों की ओर । लाइफ के हर मोड़ पर उतार-चढ़ाव मिलते ही हैं लेकिन बावजूद इसके आप अपने सपनों को जीवित रखिये । जिस दिन सपने मर जायेंगे उस दिन जीवन का अर्थ ही खत्म हो जाएगा । सपने जिन्दा रहेंगे तो उन्हें पूरा करने के लिए कदम बढ़ते ही जायेंगे । इस नए साल को एक नए जीवन की तरह देखिये ।

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सब कुछ भुलकर एक नए सिरे से शुरुआत कीजिये । चाहे लाख परेशानियाँ आये लेकिन अपनी निगाह मंजिल पर ही रखिये । भूल जाइए अपने सारे दुखों को, कमियों को, मुश्किलों को । नई शुरुआत करने से हमारा मतलब है – नए तरीके से सोचना शुरू कीजिये । पुराने विचारों को छोड़ दीजिये । डर, टेंशन, विफलताओं के विचार से खुद को आज़ाद कीजिये । नए तरीके से लक्ष्य प्राप्त करने की प्लानिंग कीजिये । जिन तरीकों को आप आजमा चुके हैं , उन्हें भूलकर नए तरीकों से काम पूरे कीजिये ।  नए लोगों से मिलिए । अपने पुराने लक्ष्यों पर एक बार निगाह दौड़ाईये कि क्या अब भी वे हासिल किये जा सकते हैं !

अपनी आदतों को बदलिए, क्योंकि आदतों से ही इंसान कुछ बन सकता है । अच्छी आदतों को अपनी लाइफ में उतारिये और बुरी आदतों को तुरंत छोड़ने का प्रयास कीजिये । अगर आप मेहनत नहीं करते हैं तो अपनी इस आदत को बदलिए । इस पर सोचने में समय जाया मत कीजिये कि अभी आप कहाँ हैं ! आप जहाँ हैं वहीँ से शुरुआत कीजिये । आप किसी भी परिस्थिति में हों आपको सपने देखने का पूरा हक़ है । जो इंसान सपने देखता है वह उन्हें पूरा भी कर सकता है । यदि हम इतिहास के पन्नों देखें तो हमें ढेरों ऐसी सफलता की कहानियां मिलेंगी जिन्होंने शून्य से किसी काम की शुरुआत की थी और उन सबने बड़ी से बड़ी सफलताएँ हासिल की हैं । उनके पास कुछ भी नहीं था लेकिन कुछ नया करने की एक ललक थी । अपने काम के प्रति जूनून के कारण ही वे कुछ बड़ा कर पाए ।

लाइफ में लगातार प्रयास करते रहना ही आपकी सबसे बड़ी पूँजी है । इसी पूंजी के बदौलत आप दुनिया की किसी भी चीज को प्राप्त कर सकते हैं । हर बार के प्रयास से आप कोई न कोई अच्छी चीज जरूर सीखते हैं । इससे आपके अन्दर एक विश्वास पैदा होने लगती है और आप यह आपके लक्ष्यों को हासिल करने में मददगार साबित होती है ।

लक्ष्यों को प्राप्त करते समय हमें कई बार हार का सामना भी करना पड़ सकता है, कई तरह की परेशानियाँ भी आ सकती हैं पर घबराने की बजाय आगे बढ़ते रहिये । जो इन्सान परेशानियों से घबराकर राह में रूक जाता है वह कभी भी मंजिल तक नहीं पहुँच पाता । जो इन्सान परेशानियों को हँसते हुए झेल लेता है, उसे मंजिल जल्दी ही मिल जाती है । अगर आप इस नए साल में सिर्फ एक आदत अपने जीवन में शामिल कर लें कि लाइफ के हर परिस्थिति में भी आप मुस्कुराते रहेंगे और कभी भी हार नहीं मानेंगे तो यकीन मानिए कि पूरा साल सफलता से भरा होगा । आपको न केवल अपनी मंजिल मिलेगी, बल्कि आप खुद दूसरों के लिए प्रेरणा बन जायेंगे ।

इसलिए इस नए साल कुछ नई शुरुआत तो करिए, डर को पीछे छोड़ दीजिये, अपनी सफ़लता की नई कहानी लिखिए और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कीजिए ।

धन्यवाद!

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साल 2018 रहेगा Error Proof https://www.hamarisafalta.com/2018/01/year-2018-will-be-error-proof-inspirational-hindi-article-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-2018-%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a4%be-error-proof.html https://www.hamarisafalta.com/2018/01/year-2018-will-be-error-proof-inspirational-hindi-article-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-2018-%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a4%be-error-proof.html?noamp=mobile#respond Mon, 01 Jan 2018 07:25:51 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1425 साल 2018 रहेगा Error Proof दोस्तों हम नए साल में कदम रख चुके हैं । इसके लिए आप सभी पाठकों को भी नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ । साल की शुरुआत से ही हम बिजनेस से जुड़े कई अहम रेजोल्यूशन लेते हैं । अपने बिजनेस को 2018 में और भी ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए हमारा एक अहम रेजोल्यूशन यह होना चाहिए कि हम उन सभी गलतियों को सुधारने की कोशिश करेंगे जो हमें या हमारे बिजनेस को किसी […]

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साल 2018 रहेगा Error Proof

दोस्तों हम नए साल में कदम रख चुके हैं । इसके लिए आप सभी पाठकों को भी नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ ।

साल की शुरुआत से ही हम बिजनेस से जुड़े कई अहम रेजोल्यूशन लेते हैं । अपने बिजनेस को 2018 में और भी ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए हमारा एक अहम रेजोल्यूशन यह होना चाहिए कि हम उन सभी गलतियों को सुधारने की कोशिश करेंगे जो हमें या हमारे बिजनेस को किसी भी तरह से कमजोर बनाती है । साल-2018 को एरर प्रूफ बनाने के लिए आप नीचे बताये कुछ टिप्स को ध्यान में रखकर आगे बढ़ सकते हैं :

एक ठोस आधार

बिजनेस का कोई भी फैसला यूँ ही किसी तरह के आवेश में आकर या भावनाओं में बहकर नहीं लेना चाहिए । अगर पिछले साल आपको किसी भी फैसले से नुकसान उठाना पड़ा है तो एक रेजोल्यूशन ले कि बिजनेस में किसी भी प्रोडक्ट को लाने, उसके लिए स्ट्रेटजी चुनने, किसी ख़ास कम्पनी से नया जुडाव बनाने .. etc.. के लिए पहले से ही पूरी रिसर्च करके कोई कदम उठाएंगे । इस बात की पूरी स्टडी की जाएगी कि हम आखिर चाहते क्या हैं? और उसके लिए क्या रणनीति है?

Image Credit : Shutterstock

कस्टमर का महत्व

अगर पिछले साल कस्टमर्स से छोटी-बड़ी बातों पर कोई तकरार हुई है या किसी प्रकार के झगड़ों या सर्विस तगड़ी न होने के कारण पुराने कस्टमर्स को गँवा दिए हैं तो रेजेल्युशन लें कि इस तरह की कोई भी गलती दुबारा नहीं दोहराई जायेगी । रेजोल्यूशन में यह वादा जरूर करें कि कस्टमर केयर के सेक्शन में सबसे ज्यादा ध्यान दिया जायेगा ।

इमेज V/S बिजनेस

आप भले ही मार्केट में एक अच्छी इमेज हासिल कर चुके हों लेकिन इसका यह बिलकुल भी नहीं है कि नए कस्टमर्स जुटाने का प्रयास ही नही किया जाए । अपनी इमेज के गुरूर पर बैठे मत रहिये । नए लोगों को आकर्षित करने एवं पुराने लोगों को अपने साथ बनाये रखने के लिए नए-नए रास्ते खोजते रहिये । प्रचार से दूरी बनाने की गलती मत कीजिये क्योंकि ऐसा करने पर आपका पक्ष लोगों के बीच नहीं पहुँचता ।

ट्रेंड की दौड़

चल रहे चलन बेशक अपनाएँ ही जाते हैं लेकिन बड़ी बात तो तब मानी जायेगी जब आप खुद नए चलन स्थापित करेंगे । मार्केटिंग, एड कैम्पेन और कस्टमर हैंडलिंग के ideas के लिए दूसरों द्वारा अपनाये जा रहे तरीके फ़ॉलो करते रहेंगे तो कभी भी कुछ बड़ा नहीं कर पायेंगे । खुद को भीड़ से अलग दिखाने के लिए और भेड़ चाल से अलग चलने के लिए अपनी बात को अलग ढंग से बताने का प्रयास करना होगा । साथ ही कुछ ऐसा ऐड बनाना होगा जिससे सीधे आप अपने कस्टमर के दिल को छू लें ।

क्वांटिटी नहीं क्वालिटी

पिछले साल की तरह क्वांटिटी को क्वालिटी पर हावी नहीं होने देना है । ज्यादा से ज्यादा क्लाइंट्स या फिर कस्टमर्स जुटाने का लक्ष्य गलत नहीं है लेकिन अगर इस तरह जुड़ने वाले लोग ज्यादा समय तक कम्पनी के साथ टिक नहीं रहे हैं तो सबसे पहले अपना पूरा ध्यान अपनी कम्पनी की विश्वसनीयता हासिल करने और लोगों को जोड़े रखने में लगायें न कि ग्राहकों की संख्या बढाने में ।

फ्रेंड्स, नए साल में कुछ नया करने की इच्छा रखते हैं तो सबसे पहले यह संकल्प लें कि इस साल वे गलतियाँ कतई नहीं दोहराई जाएँगी जिनके चलते पिछले साल आपके बिज़नेस को नुकसान उठाना पड़ा था । पिछले साल के अनुभवों के आधार पर ही आप अपने इस नए साल को “गलतियों से मुक्त, एरर प्रूफ” बना सकते हैं ।

धन्यवाद!

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New Year Resolution में कभी न करें ये गलती https://www.hamarisafalta.com/2017/12/new-year-resolution-big-mistake-in-hindi-2018-new-year-success-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2017/12/new-year-resolution-big-mistake-in-hindi-2018-new-year-success-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sun, 31 Dec 2017 08:59:09 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1412 दोस्तों, आज साल 2017 का आखिरी दिन है । आज एक बड़ा सवाल मैं खुद से और आप से पूछना चाहता हूँ । क्या 2017 के लिए हमने जो Goal सेट किये थे, वह अचीव किये? और हमारे उन प्लानिंग्स का क्या हुआ जो 2017 में हासिल करने के लिए बनाया गया था? मैंने 31 दिसम्बर 2016 को खुद से एक वादा किया था, शायद इसे पढ़ने के बाद आपको हँसी आये, फिर भी हर दिन 2 पोस्ट पब्लिश करने […]

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दोस्तों, आज साल 2017 का आखिरी दिन है । आज एक बड़ा सवाल मैं खुद से और आप से पूछना चाहता हूँ । क्या 2017 के लिए हमने जो Goal सेट किये थे, वह अचीव किये? और हमारे उन प्लानिंग्स का क्या हुआ जो 2017 में हासिल करने के लिए बनाया गया था?

मैंने 31 दिसम्बर 2016 को खुद से एक वादा किया था, शायद इसे पढ़ने के बाद आपको हँसी आये, फिर भी हर दिन 2 पोस्ट पब्लिश करने का एक बड़ा टारगेट, साल में 730 अच्छे पोस्ट का बड़ा लक्ष्य । एक youtube चैनल स्टार्ट करने का फ़ैसला । लोकल एरिया में बिज़नेस सेटअप का लक्ष्य । और बिज़नेस से ढेर सारे पैसे बनाने की प्लानिंग ।

Image Credit : www.inewyearwishes.com

हेहे वादे तो होते ही हैं तोड़ने के लिए… 🙂 लेकिन यदि हम वादों को निभाना सीख जाएँ तो ज़िन्दगी बदलने में देर नहीं लगेगी!

  • 44 पोस्ट से आगे गाड़ी बढ़ ही नहीं पाई, 730 पोस्ट तो बड़ी दूर की बात है । 🙂 (2017 के सभी पोस्ट यहाँ क्लिक करके पढ़ें )
  • youtube चैनल के बारे में सोच-सोचकर ही दिन गुजरता रहा… लेकिन एक विडियो भी नहीं बना पाया ।
  • ढेर सारे पैसे बनाये लेकिन लोकल एरिया बिज़नेस में बड़ी प्रॉब्लम्स को solve नहीं कर पाए जिसके कारण growth नहीं दिखी ।

इस बीच मैंने बहुत सारी बातें सीखीं, और मुझसे बहुत सारी गलतियाँ भी हुईं । चाहे वह Business सेक्टर से कनेक्टेड हो या फिर मेरी पर्सनल ज़िन्दगी से ।

अब्दुल कलाम साहब ने कहा है- छोटा लक्ष्य अपराध होता है ।

आप हमेशा बड़े लक्ष्य बनाइए, लेकिन उन लक्ष्यों को छोटे-छोटे लक्ष्यों में बाँट दीजिये ।

उदाहरण के लिए मुझे एक महीने में एक लाख रूपये कमाने हैं, यह एक बड़ा लक्ष्य है, यदि हम इसे दो या तीन हिस्सों में बाँट दें तो इसे अचीव करने में हमें बहुत आसानी होगी ।

एक लाख को 10,000 के 10 भाग में बाँट दें । जब आप 10,000 रूपये का एक छोटा लक्ष्य पूरा करेंगे तो आपके अन्दर आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा । इसी तरह यदि साल का एक बड़ा लक्ष्य 1 करोड़ रूपये कमाने का है तो एक करोड़ को कई भाग में बाँट दीजिये । मंथली 8,33,333 रूपयों के औसत से आप एक साल में एक करोड़ तक पहुंचेंगे । और इन लाख रूपयों को जितने छोटे भाग में आप बाँट सकें बाँट दीजिये । लक्ष्यों को छोटे-छोटे टूकड़ों में बाँटकर आप बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं ।

करोड़ को लाख, लाख को हजार, और हजार को सैकड़ों में बाँटकर आप अपने फायनेंसियल लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं ।

मेरे हिसाब से छोटे लक्ष्य बड़े आत्मविश्वास का केंद्र बन सकते हैं ।

सबसे बड़ी गलती है – काम को टालना ।

एक बड़ी ही बुरी आदतों में से एक है काम को कल पर टालना । हम बड़े लक्ष्य तो बना लेते हैं, लेकिन उसे हासिल करने के लिए हमें जो कीमत चुकानी पड़ती है वह हम नहीं करते हैं । हम सभी को पता है कि यदि हम सुबह खुद की बॉडी के लिए टाइम नहीं देंगे तो हम बीमार पड़ सकते हैं लेकिन ये जानते हुए भी हम योग, प्राणायाम, कसरत वगैरा.. नहीं करते.. और यदि करने का प्लान बनाते भी हैं तो वह एक बड़ा लक्ष्य होता है – जैसे – दिन में 2 घंटे खुद की बॉडी को फिट करने के लिए निकालेंगे । सुबह 5 बजे से उठकर मोर्निंग वाक पर जायेंगे, योगा करेंगे.. etc… लेकिन इस पर 3 से 4 दिनों तक ही अमल किया जाता है । उसके बाद हम खुद से यह कहकर ही बिस्तर से नहीं उठते हैं कि कल कर लूँगा…और वो कल कभी नहीं आता.. जब तक कि हम बीमार नहीं पड़ जाते और हॉस्पिटल के बेड पर नहीं लेट जाते ।  यदि हम हर दिन 2 घंटे की जगह सिर्फ 5 मिनट खुद के शरीर को फिट रखने के लिए निकालते हैं और सिर्फ 5 मिनट ही शरीर को एक्सरसाइज में लगाते हैं तो इसे हर दिन नियमित कर पाना संभव है।

दिमाग में सुबह उठते ही यही सोच रहेगी कि बस 5 मिनट ही तो करना है,  और हम छोटे लक्ष्य को कभी भी कल पर नहीं टालेंगे ।

यदि आपको एक किताब पढ़नी है तो आप हर दिन एक पेज पढ़ने की कोशिश कीजिये यदि यह भी मुश्किल लगे और इसे आप कल पर टालने लगें तो बस हर दिन एक लाइन ही पढ़ने की आदत डालिए । अच्छी आदतें एक दिन में नहीं बनती हैं इसलिए छोटे लक्ष्य की मदद से आप अच्छी आदतें जल्दी बना लेते हैं ।

काम को टालना एक बहुत बड़ी बीमारी है, ऐसी बीमारी जो आपके सफ़लता की जड़ों को खत्म करने के लिए काफी है । काम को टालने के बहानों से बचिए तभी हम सही मायनों में सफल होंगे ।

इस न्यू इयर सिर्फ बड़े लक्ष्य मत बनाइए । उन्हें छोटे पार्ट्स में devide कीजिये । इससे जब भी आप छोटे लक्ष्य को हासिल करेंगे आपका आत्मविश्वास बढ़ते जाएगा,  दोगुना होते जाएगा और आप इसी आत्मविश्वास के दम पर आगे ही बढ़ते चले जायेंगे और अपने बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल कर जायेंगे ।

हम इस पोस्ट को ज्यादा बड़ा नहीं करना चाहते हैं इसलिए अब से नियमित ऐसी प्रैक्टिकल बातें आपके साथ शेयर करने की कोशिश की जाएँगी जिससे आपको अपने मुकाम तक पहुँचने में आसानी हो! और आप बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त कर सकें ।

नव वर्ष के लिए ढेरों शुभकामनाएँ 🙂

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नए साल पर मुस्कुराते हुए आगे बढ़िये https://www.hamarisafalta.com/2017/12/move-ahead-and-smile-on-the-new-year-2018-inspirational-article-on-new-year-in-hindi-%e0%a4%a8%e0%a4%b5-%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b7-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html https://www.hamarisafalta.com/2017/12/move-ahead-and-smile-on-the-new-year-2018-inspirational-article-on-new-year-in-hindi-%e0%a4%a8%e0%a4%b5-%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b7-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html?noamp=mobile#respond Tue, 26 Dec 2017 04:46:34 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1408 नए साल पर मुस्कुराते हुए आगे बढ़िये दोस्तों, नव वर्ष आने वाला है । इस नए साल पर हमें एक प्रण लेना ही होगा कि हम समस्याओं से घबराकर बैठने की बजाय चैलेंजेस का सामना करेंगे । मुस्कुराहट को इंसान की सबसे बड़ी खूबी माना जाता है । अगर कोई इंसान बड़ी से बड़ी मुश्किलों में भी मुस्कुराता रहता है तो यकीन मानिए उससे किश्मत वाला इंसान और दूसरा नहीं है । लाख परेशानियों के बावजूद चेहरे पर Tension की […]

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नए साल पर मुस्कुराते हुए आगे बढ़िये

दोस्तों, नव वर्ष आने वाला है । इस नए साल पर हमें एक प्रण लेना ही होगा कि हम समस्याओं से घबराकर बैठने की बजाय चैलेंजेस का सामना करेंगे ।

मुस्कुराहट को इंसान की सबसे बड़ी खूबी माना जाता है । अगर कोई इंसान बड़ी से बड़ी मुश्किलों में भी मुस्कुराता रहता है तो यकीन मानिए उससे किश्मत वाला इंसान और दूसरा नहीं है ।

लाख परेशानियों के बावजूद चेहरे पर Tension की एक भी रेखा नहीं होना, यही एक बड़ी आदत तो आपको सफल बनाती है ।

अगर आप इस आदत को भूल चुके हैं तो एक बार पीछे मुड़िये और अपने Past में झांककर देखिये, जब आप टेंशन फ्री हँसते-मुस्कुराते, गाते-गुनगुनाते अपने दिन के सभी काम निपटा लिया करते थे । लेकिन अभी आप कहते हैं- इसके लिए अब वक्त नहीं रहा !

अब तो आपको जल्दी से जल्दी अपने सारे सपने पूरे करने हैं, आपके ऊपर जिम्मेदारियों का बोझ है । अभी आप न हँसने के हजार कारण गिना सकते हैं पर एक बड़ी सच्चाई तो यह है कि हँसने-मुस्कुराने से परेशानियों पर काबू पाने की ताकत आती है ।

याद कीजिये सालों पहले के वो दिन , जब आपने हर चीज हँसते-मुस्कुराते हासिल की थी । क्या अभी आपको अपनी मुस्कराहट की कमी महसूस नहीं होती ? सीरियस रहने से आप कभी भी कुछ बड़ा काम नहीं कर सकते हैं । इसलिए हँसिए-गाइए, और एक मुस्कुराहट के साथ आगे बढ़िये ।

Image Credit : http://www.hdwallpaper.nu

मन में न रहे कोई गाँठ

हँसते-मुस्कुराते समय हर इंसान अपने Real Form (वास्तविक स्वरुप) में होता है । उसके मन में किसी भी प्रकार की कोई गाँठ नहीं होती । उस वक्त वह जो कुछ भी ठान लेता है उसे पूरा करके ही दम लेता है । इसलिए किसी भी तरह से दिमाग में बोझ न लायें । मन को शांत रखकर काम करते जाएँ ।

ऐसी समस्याएं चुनिए जिन्हें सुलझाने में मजा आये

नया साल आने ही वाला है । इस वर्ष 2017 में हमें ये प्रण लेना होगा कि आने वाले साल आप अपने लिए कुछ बड़े चैलेंजेस चुनेंगे । सामान्य कार्य करने की बजाय कोई चुनौतीपूर्ण कार्य हाथ में लेंगे । ज्यादातर लोग उन्हीं कामों को हाथ में लेते हैं जिन्हें वे आसानी से पूरा कर सकते हैं । बहुत सारे लोग सुरक्षित माहौल में ही अपने जीवन को गुजारना पसंद करते हैं और चुनौतियों से घबराते हैं । जो व्यक्ति अपने अतीत के कामों से संतुष्ट है वह कभी भी भविष्य के कामों के लिए मशहूर नहीं हो सकता ।

अगर खुद से संतुष्ट हैं तो समझ जाइए कि खुद के लिए कोई बड़ी योजना नहीं बनाई थी । हमेशा बड़ा लक्ष्य बनाइए । और उन्हें छोटे-छोटे भाग में तोड़कर उस बड़े लक्ष्य को हासिल कीजिये । लक्ष्य को पाने के लिए आपको जोखिम उठाना होगा इसलिए कभी भी जोखिम उठाने से मत घबराइए । जोखिम लेने के दौरान आप बहुत सारी चीजें सीखेंगे जो भविष्य के लिए काम आएँगी ।

अगर आप खुद को अपने बड़े लक्ष्य के लिए समर्पित कर देते हैं तो आपके अन्दर बड़े बदलाव आने शुरू हो जाते हैं ।

हर बड़ा काम शूरू करने में असंभव प्रतीत होता है लेकिन  इसके पूरा होने के बाद यह और लोगों को संभव लगने लगता है ।

इसलिए 2018 में कुछ बड़ा कीजिये, कुछ बड़ी समस्याओं को सुलझाइये ।

कभी भी संतुष्ट मत होइए

अगर इंसान अपना नजरिया बदल ले तो उसे महसूस होगा कि सबसे महान चीजें तो सबसे आसान होती हैं क्योंकि उन्हें पाने के लिए बहुत ही कम competition होता है । नए साल में खुद से यह वादा जरूर कीजियेगा कि आप कभी भी संतुष्ट नहीं होंगे ।

धन्यवाद!

 

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दौलत के 30 सिद्धांत – Morning Motivation https://www.hamarisafalta.com/2017/12/%e0%a4%a6%e0%a5%8c%e0%a4%b2%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%87-30-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a4-morning-motivation-30-principles-of-wealth-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2017/12/%e0%a4%a6%e0%a5%8c%e0%a4%b2%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%87-30-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a4-morning-motivation-30-principles-of-wealth-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 01 Dec 2017 05:12:54 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1326 SECRETS OF THE MILLIONAIRE MIND टी हार्व एकर की किताब से चुनिन्दा सिद्धांत जो आपको दौलतमंद बनने में मदद करेंगी । Image Credit : https://pixabay.com आपकी आमदनी सिर्फ उसी हद तक बढ़ सकती है, जिस हद तक आप बढ़ते हैं ! अगर आप फलों को बदलना चाहते हैं, तो पहले आपको जड़ों को बदलना होगा । अगर आप दिखाई देने वाली चीजों को बदलना चाहते हैं, तो उसके पहले आपको अदृश्य चीजों को बदलना होगा । धन परिणाम है, दौलत परिणाम […]

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SECRETS OF THE MILLIONAIRE MIND टी हार्व एकर की किताब से चुनिन्दा सिद्धांत जो आपको दौलतमंद बनने में मदद करेंगी ।

Image Credit : https://pixabay.com

आपकी आमदनी सिर्फ उसी हद तक बढ़ सकती है, जिस हद तक आप बढ़ते हैं !

अगर आप फलों को बदलना चाहते हैं, तो पहले आपको जड़ों को बदलना होगा । अगर आप दिखाई देने वाली चीजों को बदलना चाहते हैं, तो उसके पहले आपको अदृश्य चीजों को बदलना होगा ।

धन परिणाम है, दौलत परिणाम है, सेहत परिणाम है, बीमारी परिणाम है, आपका मोटापा परिणाम है । हम कारण और परिणाम की दुनिया में रहते हैं ।

विचार भावनाओं तक ले जाते हैं । भावनाएँ कार्यों तक ले जाती हैं । कार्य परिणामों तक ले जाते हैं ।

जब अवचेतन मस्तिष्क को गहरी भावनाओं और तर्क में से किसी एक को चुनना होता है, तो भावनाएँ लगभग हमेशा जीतेंगी ।

अगर धन या सफलता की प्रेरणा की जड़ नकारात्मक है, जैसे डर, गुस्सा या खुद को “साबित” करने की जरूरत, तो पैसा आपको कभी सुखी नहीं बना सकता ।

कमरे के तापमान को स्थायी रूप से बदलने का इकलौता तरीका थर्मोस्टेट को दोबारा निर्धारित करना है । इसी तरह, अपनी वित्तीय सफलता के स्तर को “स्थायी रूप से ” बदलने का एकमात्र तरीका अपने वित्तीय थर्मास्टेट यानी अपने धन के ब्लूप्रिंट को दोबारा निर्धारित करना है ।

चेतना आपके विचारों और कार्यों का निरिक्षण करती रहती है, ताकि आप अतीत की प्रोग्रामिंग के बजाय वर्तमान पल में सही चुनाव करके जीयें ।

याद रखें बाधक तरीकों से सोचने के बजाय आप ख़ुशी और सफलता बढ़ाने वाले तरीकों से सोचने का चुनाव कर सकते हैं ।

पैसा उन क्षेत्रों में बेहद महत्वपूर्ण है, जिनमें यह काम करता है और उन क्षेत्रों में बहुत महत्वहीन है, जिनमें यह काम नहीं करता है ।

जब आप आदतन शिकायत करते रहते हैं तो आप जीते-जागते कष्ट आकर्षक करने वाले चुम्बक बन जाते हैं ।

अमीर लोग पैसे का खेल जीतने के लिए खेलते हैं, गरीब लोग पैसे का खेल हार से बचने के लिए खेलते हैं ।

अगर आपका लक्ष्य आरामदेह बनना है, तो इस बात की संभावना है कि आप कभी अमीर नहीं बन पायेंगे । लेकिन अगर आपका लक्ष्य अमीर बनना है, तो इस बात की संभावना है कि आप बहुत आरामदेह तो बन ही जायेंगे ।

ज्यादातर लोगों को अपनी मनचाही चीज इस प्रमुख कारण से नहीं मिलती है, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता कि वे क्या चाहते हैं ।

अगर आप दौलतमंद बनने के लिए पूरी तरह और सचमुच समर्पित नहीं हैं तो संभावना है कि आप बन भी नहीं पायेंगे ।

अमीर लोग बड़ा सोचते हैं, गरीब लोग छोटा सोचते हैं ।

आमदनी का नियम : आप बाजार के अनुसार जो मूल्य देते हैं आपको उसी के अनुपात में भुगतान मिलेगा ।

सफलता का रहस्य समस्याओं से बचने या उनसे पीछा छुड़ाने या उनसे कतराने की कोशिश करना नहीं है ; रहस्य तो खुद को इतना बड़ा बनाना है कि आप किसी भी समस्या से ज्यादा बड़े बन जाएँ ।

अगर आपके जीवन में कोई बड़ी समस्या है , तो इसका मतलब सिर्फ यही है कि आप अब तक छोटे हैं !

अगर आप कहते हैं कि आप काबिल हैं , तो आप हैं । अगर आप कहते हैं कि आप काबिल नहीं है, तो आप नहीं हैं । दोनों ही तरह से आप अपनी लिखी कहानी के अनुसार जीवन जिएँगे ।

हर देने वाले के साथ एक पाने वाला भी होना चाहिए और हर पाने वाले के साथ एक देने वाला भी होना चाहिए ।

पैसा आपको सिर्फ वही ज्यादा बनाएगा, जो आप पहले से हैं ।

अमीर लोग यकीन करते हैं , “आपके पास केक भी रहे और आप उसे खा भी सकें ।“ मध्यम वर्गीय लोग यकीन करते हैं, “केक से मोटापा बढ़ता है, इसलिए मैं इसका बस छोटा सा टुकड़ा ही लूँगा ।” गरीब लोग यकीन करते हैं कि वे केक के हक़दार नहीं हैं, इसलिए वे डबलरोटी का ऑर्डर देते हैं, उसके छिद्रों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं और सोचते हैं कि क्यों उनके पास “कुछ भी नहीं” है ।

या तो आप पैसे को नियंत्रित करते हैं , या फिर यह आपको नियंत्रित कर लेगा ।

अमीर लोग हर डॉलर को एक “बीज” की तरह देखते हैं जिसे बोकर सैकड़ों डॉलर कमाए जा सकते हैं और जिन्हें दोबारा बोकर हजारों डॉलर कमाए जा सकते हैं ।

सच्चा योद्धा “डर के नाग को पालतू बना सकता है ।”

अगर आप सिर्फ आसान काम करने के इच्छुक हैं तो ज़िन्दगी मुश्किल होगी । लेकिन अगर आप मुश्किल काम करने के इच्छुक हैं तो ज़िन्दगी आसान होगी ।

आप दरअसल आरामदेह दायरे के बाहर रहकर ही अपना विकास कर सकते हैं ।

हर महारथी कभी असफल था ।

सबसे अच्छा भुगतान पाने के लिए आपको सबसे अच्छा बनना होगा ।

 

Self Help books में सीक्रेट्स ऑफ़ द मिलियेअर माइंड आपको बताएगी कि दौलत के खेल में आप कैसे चैम्पियन बन सकते हैं । आज ही इस बुक को पूरा पढ़ें जो लाइफ चेंज करने में आपकी हेल्प करेगा ।

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स्टार्टअप में कभी न करें ये गलतियाँ https://www.hamarisafalta.com/2017/11/mistakes-in-startup-hindi-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%85%e0%a4%aa-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%81.html https://www.hamarisafalta.com/2017/11/mistakes-in-startup-hindi-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%85%e0%a4%aa-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%81.html?noamp=mobile#respond Sun, 12 Nov 2017 11:30:07 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1305 स्टार्टअप में कभी न करें ये गलतियाँ अगर आप उन चीजों की लिस्ट बना लेते हैं, जो आपको नहीं करनी चाहिए तो आपके सफल होने के चांसेस बढ़ जाते हैं । ये बात स्टार्टअप के लिए भी लागू होती है, आइये जानते हैं कि स्टार्टअप में हमें किन गलतियों से बचना चाहिए अधूरे मन से काम करना आपको स्टार्टअप के लिए हमेशा जोश के साथ काम करना चाहिए । अगर आप स्टार्टअप आईडिया पर अधूरे मन से काम करते हैं […]

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स्टार्टअप में कभी न करें ये गलतियाँ

अगर आप उन चीजों की लिस्ट बना लेते हैं, जो आपको नहीं करनी चाहिए तो आपके सफल होने के चांसेस बढ़ जाते हैं । ये बात स्टार्टअप के लिए भी लागू होती है, आइये जानते हैं कि स्टार्टअप में हमें किन गलतियों से बचना चाहिए

Image Credit : Pexel.com

अधूरे मन से काम करना

आपको स्टार्टअप के लिए हमेशा जोश के साथ काम करना चाहिए । अगर आप स्टार्टअप आईडिया पर अधूरे मन से काम करते हैं तो आप सफल नहीं हो सकते । स्टार्टअप के लिए आपके अन्दर जोश होना बहुत ही जरूरी है ।

सिंगल फाउंडर

सिंगल फाउंडर होने पर फंडिंग में परेशानी का सामना करना पड़ता है ।  Startup World में उन्हीं लोगों को बड़ी सफलताएँ मिल पाईं हैं जहाँ फाउंडर्स ने एक टीम की तरह कार्य किया है ।

ख़राब हायरिंग

अगर आप स्टार्टअप के लिए हायरिंग कर रहे हैं तो आपको अच्छे लोगों को चुनने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि ख़राब हायरिंग से स्टार्टअप खतरे में पड़ सकता है और आपके काम बिगड़ सकते हैं ।

अस्पष्ट लक्ष्य

अगर स्टार्टअप की दुनिया में आपने कोई लक्ष्य नहीं बनाया है, अगर आपने अस्पष्ट लक्ष्य चुना है तो आपका स्टार्टअप किसी कोने में जाकर ख़त्म हो जाएगा ।  अगर आपको कम्पटीशन से डर लगता है तो भी आपका स्टार्टअप लम्बे समय तक नहीं टिक पायेगा ।  लक्ष्य स्पष्ट होने पर ही सफलता हासिल की जा सकती है ।

धीमा लॉन्च

स्टार्टअप लॉन्च करने में जितना देर करेंगे उतना ही स्टार्टअप को टिकने में परेशानी होगी ।  इस सवाल का जवाब भी नहीं मिल पाएगा कि स्टार्टअप का महत्व है भी या नहीं इसलिए तैयारी करने में ही ज्यादा समय बर्बाद न करें ।

पुराने आईडिया

इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि भविष्य का गूगल मौजूदा गूगल जैसा नहीं हो सकता है ।    इसलिए स्टार्टअप को सफल बनाने के लिए हमेशा आपको कुछ नया सोचना पड़ेगा ।

कमजोर मैनेजमेंट

ज्यादातर स्टार्टअप टीम को मैनेज न करने के कारण भी अपने बिजनेस Shut Down करते हैं । अपने Emplyoees को साथ लेते हुए चलिए । अगर Investor और Users में किसी एक को खुश करने का option दिया जाए तो users पर फोकस कीजिये । users खुश हैं तो निवेशक पैसा बना पायेंगे ।

Founders में लड़ाई

बिजनेस शुरू करते समय फाउंडर्स के बीच में किसी भी तरह का कोई ईगो नहीं होनी चाहिए और विवाद को हमेशा सावधानी से सुलझाना चाहिए ।

ज्यादा खर्च

स्टार्टअप को अच्छी तरह से खड़ा करने से पहले ज्यादा खर्च करते जायेंगे तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं ।  आपका स्टार्टअप जब खड़ा हो जाए और बिजनेस सही से रन होनी शुरू हो जाए तभी आप खर्चों पर कंट्रोल नहीं कर सकते ।

गलत प्लेटफोर्म

आपका स्टार्टअप चलेगा या फिर ख़त्म हो जाएगा वह इसी बात पर निर्भर करेगा कि आप कितनी तेजी से काम कर रहे हैं ।गलत प्लेटफोर्म चुनकर आप कभी भी अपने स्टार्टअप को विस्तार नही दे सकते हैं ।

प्रॉफिट पर ज्यादा ध्यान देना

आप बिजनेस में हमेशा पैसा बनाते हैं पर ऐसा यूजर्स बनाने के बारे में नहीं कहा जा सकता आपको स्टार्टअप में यूजर्स को सबसे ज्यादा खुश रखने पर ध्यान देना चाहिए ।

Thanks !

 

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रूक जाना नहीं तू कहीं हार के https://www.hamarisafalta.com/2017/10/rook-jana-nahi-tu-kahin-haar-inspirational-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2017/10/rook-jana-nahi-tu-kahin-haar-inspirational-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Wed, 25 Oct 2017 06:45:57 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1294 रूक जाना नहीं तू कहीं हार के Life के अलग-अलग पहलुओं की तरह Business में भी Success और Failure का दौर लगा ही रहता है । लेकिन आप पूरी तरह से तब पराजित हो जाते हैं जब आप Business में मिली Failure को स्थायी मान लेते हैं.. अपनी हार को दिल से लगाकर अपनी Abilities को कम आंकने से बेहतर है कि आप हार से कुछ सबक लेते हुए अगली बार और ज्यादा मेहनत से जुट जाएँ । Image Credit […]

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रूक जाना नहीं तू कहीं हार के

Life के अलग-अलग पहलुओं की तरह Business में भी Success और Failure का दौर लगा ही रहता है । लेकिन आप पूरी तरह से तब पराजित हो जाते हैं जब आप Business में मिली Failure को स्थायी मान लेते हैं.. अपनी हार को दिल से लगाकर अपनी Abilities को कम आंकने से बेहतर है कि आप हार से कुछ सबक लेते हुए अगली बार और ज्यादा मेहनत से जुट जाएँ ।

Image Credit : freestockphotos.name

प्राथमिकतायें तय करना है जरूरी

ज्यादातर या बहुत बार हम इसी वजह से फ़ैल हो जाते हैं क्योंकि हम अपना पूरा फोकस एक ही काम पर लगाने की बजाय कई कामों में लगाये हुए रहते हैं मतलब हम हमेशा उलझे हुए रहते हैं.. इससे बचने के लिए बहुत जरूरी है कि हम अपनी Priority सेट करें । एक टाइम में पूरा फोकस एक ही काम में लगायें, जिसके कारण हम अपना 100 percent बेस्ट दे पायेंगे.. सारा फोकस प्राथमिकता पर लगाने से गलतियों की Doubts भी कम हो जायेंगी…

तुलना करने से बचें

हमें अपनी हार उस टाइम और भी ज्यादा बुरी लगने लगती है जब Successful लोगों से खुद को compare करते हैं । आप सफल लोगों को देखिये, उनके बारे में सोचिये लेकिन उनसे खुद को प्रेरित करने के लिए, वो आपको Inspire करने का एक बड़ा सोर्स हैं.. बेवजह तुलनाओं से बचने के लिए बेहद जरूरी है कि हम अपनी क्षमताओं पर यकीन रखें, सफलता पाने के लिए और अधिक प्रयास करें और हमेशा अपनी कमियों को सुधारते हुए आगे बढ़ें ।

हार में भी है अवसर

अपनी हार से निराश होना Natural है. लेकिन जिस दिन आप हार में भी Opportunities ढूँढना शुरू कर देते हैं उस दिन से आप किसी भी हार से कभी डरेंगे नहीं! आप इस वजह से फ़ैल हुए क्योंकि आपके प्रयास में कहीं कोई कमी थी, हार मिलने पर अपनी कमियों को पहचानिए और बजाय इसका रोना रोने के अपनी कमियों को दूर करने में जुट जाइए .. इससे आप अगले प्रयास में ज्यादा बेहतर कर पायेंगे और सावधानी भी बरत पायेंगे…

And अंत में यही कहना चाहेंगे :-

रूक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के….

All the Best…

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पेन और पेपर कैसे आपको Successful Entrepreneur बना सकता है https://www.hamarisafalta.com/2017/10/learn-how-a-pen-and-paper-can-make-you-a-successful-entrepreneur-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2-%e0%a4%89%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%a3.html https://www.hamarisafalta.com/2017/10/learn-how-a-pen-and-paper-can-make-you-a-successful-entrepreneur-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2-%e0%a4%89%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%a3.html?noamp=mobile#respond Tue, 10 Oct 2017 05:42:55 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1285 जानिये एक पेन और पेपर कैसे आपको Successful Entrepreneur बना सकता है इस World के ज्यादातर Successful entrepreneurs अपने साथ हमेशा एक Pen और Notebook रखा करते हैं. यह बात सुनने में थोड़ी अजीब जरूर लग सकती है, लेकिन दुनिया के सबसे अमीर आदमी बिल गेट्स भी हमेशा अपने साथ एक पेन और नोटबुक रखते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे ideas को नोट करने और अपनी चीजों को याद करने में उन्हें बहुत मदद मिलती है.. अगर आप […]

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जानिये एक पेन और पेपर कैसे आपको Successful Entrepreneur बना सकता है

इस World के ज्यादातर Successful entrepreneurs अपने साथ हमेशा एक Pen और Notebook रखा करते हैं. यह बात सुनने में थोड़ी अजीब जरूर लग सकती है, लेकिन दुनिया के सबसे अमीर आदमी बिल गेट्स भी हमेशा अपने साथ एक पेन और नोटबुक रखते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे ideas को नोट करने और अपनी चीजों को याद करने में उन्हें बहुत मदद मिलती है..

अगर आप भी एक Successful Entrepreneur बनना चाहते हैं तो World के बेस्ट उद्यमियों को Follow करके देखिये!  आइये जानते हैं हमेशा अपने साथ एक पेन और नोटबुक रखने के क्या हैं बड़े फायदे-

Image- https://www.shutterstock.com

नए ideas लिखते जाएँ

ज्यादातर हमारे Mind में नए-नए ideas आते रहते हैं और हम यही सोचकर उस आईडिया को भूल जाते हैं कि इसे बाद में लिख लेंगे.. अगर हमारे पास नोटबुक और पेन होगी तो हम आईडिया को तुरंत लिख सकेंगे और सही टाइम पर प्लान बनाकर काम भी शुरू कर सकेंगे.. आईडिया में इन्वोल्व होने का यह पहला स्टेप हो सकता है.. इसलिए अपने विचार हर दिन लिखते जाएँ और उन पर गंभीरता से सोचें…

टू डू लिस्ट नोट करें

आप अपने पेन और नोटबुक की मदद से अपने हर दिन की टू डू लिस्ट रख सकते हैं और जब आपका काम पूरा हो जाए तो आप उन्हें लास्ट में काट सकते हैं.. ऐसा हर दिन करते रहने से आपके सब काम भी पूरे होते चले जायेंगे और आप भूलेंगे भी नहीं! और ऐसा करते रहने से आपको एक Satisfaction भी मिलेगा.. इसलिए टू डू लिस्ट बनाना बहुत ही ज्यादा जरूरी है…

अपने विचार लिखते जाएँ

जब भी आप ट्रेवल कर रहे होते हैं या किसी से मिलते हैं तो आपके दिमाग में अलग-अलग विचार आते रहते हैं.. जो आपके काम को या बिजनेस को आगे बढ़ने में मदद करते हैं इसलिए अपने विचारों को नोटबुक में लिखते जाएँ ताकि बाद में आप सही ढंग से सोच सकें. इससे आपको अपने टारगेट तक पहुँचने का रास्ता ढूंढने में बहुत मदद मिलेगी.. अपनी सोच को आकार देने का यह भी पहला स्टेप हो सकता है..

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महात्मा गांधी के अनुसार सात महापाप ये हैं https://www.hamarisafalta.com/2017/10/according-to-mahatma-gandhi-there-are-seven-enormity-in-hindi-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%81%e0%a4%a7%e0%a5%80.html https://www.hamarisafalta.com/2017/10/according-to-mahatma-gandhi-there-are-seven-enormity-in-hindi-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%81%e0%a4%a7%e0%a5%80.html?noamp=mobile#respond Mon, 02 Oct 2017 09:24:21 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1276 दोस्तों आज गांधी जयंती है,  वे हमेशा से हर भारतीय के आदर्श रहे हैं.. आइये जानते हैं महात्मा गांधी के अनुसार सात महापाप कौन से हैं बिना मेहनत किये दौलत कमाना. (Wealth without work) चरित्ररहित ज्ञान. (Knowledge without character) नैतिकता रहित  व्यापार. (Commerce without morality) सद्विवेक रहित आनंद. (Pleasure without conscience) सिद्धांतरहित राजनीति. (Politics without principle) मानवता रहित विज्ञान (Science without humanity) त्याग रहित धर्म (Religion without sacrifice) इनके बारे में विस्तृत जानकारी इस वेबसाइट पर जल्दी ही पब्लिश की […]

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दोस्तों आज गांधी जयंती है,  वे हमेशा से हर भारतीय के आदर्श रहे हैं..

आइये जानते हैं महात्मा गांधी के अनुसार सात महापाप कौन से हैं

  • बिना मेहनत किये दौलत कमाना. (Wealth without work)
  • चरित्ररहित ज्ञान. (Knowledge without character)
  • नैतिकता रहित  व्यापार. (Commerce without morality)
  • सद्विवेक रहित आनंद. (Pleasure without conscience)
  • सिद्धांतरहित राजनीति. (Politics without principle)
  • मानवता रहित विज्ञान (Science without humanity)
  • त्याग रहित धर्म (Religion without sacrifice)

इनके बारे में विस्तृत जानकारी इस वेबसाइट पर जल्दी ही पब्लिश की जाएँगी..

गाँधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ

 

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कर्म में जुट जाएं | Inspirational Hindi Article on Action https://www.hamarisafalta.com/2017/09/inspirational-hindi-article-on-action-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9c%e0%a5%81%e0%a4%9f-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%8f%e0%a4%82.html https://www.hamarisafalta.com/2017/09/inspirational-hindi-article-on-action-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9c%e0%a5%81%e0%a4%9f-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%8f%e0%a4%82.html?noamp=mobile#respond Wed, 20 Sep 2017 11:43:28 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1267 महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप क्या करने जा रहे हैं. इसके बजाय महत्वपूर्ण तो यह है कि आप इस वक्त क्या कर रहे हैं…                                                                                –  नेपोलियन हिल. Best Goals और Best Plans के बावजूद भी आप Fail हो सकते हैं, […]

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महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप क्या करने जा रहे हैं. इसके बजाय महत्वपूर्ण तो यह है कि आप इस वक्त क्या कर रहे हैं…

                                                                               –  नेपोलियन हिल.

Best Goals और Best Plans के बावजूद भी आप Fail हो सकते हैं, बशर्ते यदि आप उन्हें Execute नहीं करते हैं तो… आपके द्वारा किये गये Actions ही आपको Lasting Success दिलाता है ।

हम सभी को पता है कि बिना मेहनत किये हम कभी भी सफल नहीं हो सकते, लेकिन चौकने वाली बात यह है कि हम मेहनत से जी चुराते हैं, हमेशा काम को टालते रहते हैं और ज्यादातर मूड नहीं है कहकर खुद को धोखा में रखते हैं, बहाने बनाते हैं मतलब सीधे शब्दों में काम करने के अलावा सब कुछ करते हैं ।

गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने एक दोहे में कहा है, ‘सकल पदारथ हैं जग माहीं । करमहीन नर पावत नाहीं ।‘   इसका मतलब है कि इस दुनिया में सारी चीजें हासिल की जा सकती हैं लेकिन वे कर्महीन व्यक्ति को कभी नहीं मिलती हैं ।

किसी भी काम को टालने या काम से जी चुराने का एक बड़ा Reason यही है कि हम स्वभाव से ही बड़े आलसी होते हैं और हमारा मन हमें entertainment या Easy to enjoy वाले रास्ते की तरफ ही खींचता है । हम हमेशा यह भूल जाते हैं कि सफ़लता की राह मुश्किलों से भरी हुई होती है जिसे पार करने के लिए हमें अपने मन पर Control करना होता है, अपनी Willpower को दृढ़ करना होता है और अपने Goals की तरफ लगातार बढ़ना होता है… हमें हमेशा इन बातों को याद करना होगा.. ‘मूड नहीं है’ यह बहाना सीधे हमें fail होता हुआ देखेगा. कभी भी कोई काम Start करते समय अपने मूड से सलाह मत लीजिये.. अपने मूड के हिसाब से नहीं बल्कि अपने Target और Plans के हिसाब से काम कीजिये..

World famous Dramatist जॉर्ज बर्नार्ड शॉ का कई बार लिखने का मूड नहीं होता था लेकिन मूड हो या नहीं, वे लिखते थे… क्योंकि वे अपने महान साहित्यकार बनने के अपने लक्ष्य को कभी भी अपने नजरों से ओझल नहीं होने दिया. अपने इस Goal को Achieve करने के लिए उन्होंने संकल्प किया कि वे हर दिन पाँच पेज लिखेंगे.. चाहे उनका मूड कैसा भी हो!

अगर आप Future में सफलता की फसल काटना चाहते हैं, तो आपको उसके लिए बीज आज ही बोने होंगे.. आज बीज नहीं बोयेंगे, तो भविष्य में फ़सल काटने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? पूरा संसार कर्म और फल के Theory पर चलता है इसलिए आपको कर्म की तरफ आगे बढना होगा…

यदि आप सही मायनों में सफल होना चाहते हैं तो कर्म में जुट जाएँ और तब तक जुटे रहें जब तक कि सफल न हो जाएँ… अपना एक-एक मिनट अपने लक्ष्य को Dedicate कर दें… और काम में जुटने से आपको हर वो चीज मिलेगी जो आप पाना चाहते हैं- सफलता, सम्मान, धन, सुख या जो भी आप चाहते हों…

धन्यवाद!

यह Inspirational Hindi Post “Time Management” Book से Inspired है…जिसके लेखक डॉ. सुधीर दीक्षित हैं…

Image- https://www.theodysseyonline.com/actions-prayers-require

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शब्दों से अधिक काम बोलते हैं https://www.hamarisafalta.com/2017/08/actions-speak-louder-than-words-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2017/08/actions-speak-louder-than-words-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 26 Aug 2017 03:55:43 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1254 कथनी से करनी भली  दोस्तों, ज्यादातर लोग किसी काम को शुरू किये बिना ही बड़ी-बड़ी बातें हाँकना शुरू कर देते हैं. जैसे- मेरा बिजनेस एक दिन पूरे India में टॉप पर होगा, मैं ऐसा कर दूंगा, मैं वैसा कर दूँगा, बस तुम लोग देखते रहो.. मैं क्या-क्या करता हूँ….. ये बस कुछ शब्दों से मिलकर बनने वाले वाक्य ही होते हैं लेकिन असल में बड़ी-बड़ी बातें कहने वाला व्यक्ति कुछ करता ही नहीं… बस कहता है और दूसरों को बढ़ा-चढ़ाकर […]

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कथनी से करनी भली 

दोस्तों, ज्यादातर लोग किसी काम को शुरू किये बिना ही बड़ी-बड़ी बातें हाँकना शुरू कर देते हैं. जैसे- मेरा बिजनेस एक दिन पूरे India में टॉप पर होगा, मैं ऐसा कर दूंगा, मैं वैसा कर दूँगा, बस तुम लोग देखते रहो.. मैं क्या-क्या करता हूँ…..

ये बस कुछ शब्दों से मिलकर बनने वाले वाक्य ही होते हैं लेकिन असल में बड़ी-बड़ी बातें कहने वाला व्यक्ति कुछ करता ही नहीं… बस कहता है और दूसरों को बढ़ा-चढ़ाकर अपनी बातें बताता है…

लेकिन जो व्यक्ति सही मायने में सफलता पाना चाहता है वो बातों पर कम और काम पर ज्यादा ध्यान देता है..  जब आप बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और वह आप नहीं कर पाते तो सबके सामने आपको शर्मिंदा होना पड़ता है.  इसलिए बेहतर है कि काम करते जाइए, शब्दों को पीछे छोड़ दीजिये, क्योंकि शब्दों से अधिक काम बोलते हैं…

किसको है प्यार सबसे ज्यादा?

जब नन्हा जॉन कहता है – मैं तुमसे प्यार करता हूँ माँ

फिर अपने भी काम को छोड़ कर

वो टोपी उछालता हुआ बगीचे में झूलने चला जाता है

और छोड़ जाता है माँ को पानी भरने और लकड़ियाँ लाने के लिए

जब रोजी नेल कहती है – मैं तुमसे प्यार करती हूँ माँ

इतना कि शब्दों में बयान करना मुश्किल है

तो वो आधे दिन तक माँ को परेशान करती रही,

और जब वह खेलने गयी तो माँ ने राहत की साँस ली

मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ माँ – इस बार फैन ने कहा

मैं कितनी खुश हूँ कि आज़ स्कूल बंद है,

इसलिए मैं आज जी भरकर तुम्हारी मदद करुँगी

और वह छोटे भाई को गोद में उठाकर झुलाती रही

जब तक कि वह सो न गया

फिर उसने झाड़ू उठाई और फर्श साफ़ किया

वह पूरे दिन काम करती रही और खुश रही

उतना ही खुश और मददगार जितना कि एक बच्चा हो सकता है

हम तुम्हें प्यार करते हैं माँ- तीनों ने फिर कहा

और सोने के लिए चले गये

आपकी समझ में उस माँ की क्या राय थी

किसको है प्यार सबसे ज्यादा उससे?

-जॉय एलियस *

Actions Speak Louder Than Words

Image Credit:- http://www.beinginthenow.org

 

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इनसे जानिये सफलता के मूल मन्त्र https://www.hamarisafalta.com/2017/08/learn-from-the-original-mantra-of-success-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0.html https://www.hamarisafalta.com/2017/08/learn-from-the-original-mantra-of-success-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0.html?noamp=mobile#respond Mon, 14 Aug 2017 06:03:16 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1238 Google के Co-founder लैरी पेज से लेकर Wikipedia के संस्थापक जिमी वेल्स का मानना है की आज के दौर में Information ही सबसे बड़ी ताकत है ।  आइये जानते हैं Internet Business से जुड़े इन दो Successful Entrepreneurs से उनकी Success का Secret. लैरी पेज और जिमी वेल्स से जानिये सफलता के मूल मन्त्र  गूगल और विकिपीडिया पर आज हर किसी की पहुँच है । इन पर किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। आपको भी अपनी लाइफ में कुछ भी छिपाने […]

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Google के Co-founder लैरी पेज से लेकर Wikipedia के संस्थापक जिमी वेल्स का मानना है की आज के दौर में Information ही सबसे बड़ी ताकत है ।  आइये जानते हैं Internet Business से जुड़े इन दो Successful Entrepreneurs से उनकी Success का Secret.

लैरी पेज और जिमी वेल्स से जानिये सफलता के मूल मन्त्र 

गूगल और विकिपीडिया पर आज हर किसी की पहुँच है । इन पर किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। आपको भी अपनी लाइफ में कुछ भी छिपाने की बजाए पारदर्शिता को महत्व देना चाहिए ।

Image- Shutterstock

सिर्फ बाहर से नहीं अन्दर से अच्छे बनिए 

लैरी पेज और जिमी वेल्स चैरिटी और एजुकेशन के लिए काफी काम करते हैं  ।  अगर आप अच्छा काम करते हैं तो बेहतर महसूस होता है और Life में Positive Changes आता है ।  दिखावा करने के लिए बाहर से अच्छे मत बनिये… हमेशा अन्दर से अच्छे बनिए… एक सफल Entrepreneur  हमेशा अन्दर से अच्छा होता है…

अपनी शौक या Interest को अपना काम बनाएँ

सबसे पहले वह काम Search कीजिये, जिसे आप प्यार करते हैं । इसे आप अपने अन्दर खोज सकते हैं । इसके बाद पूरी ज़िन्दगी गधों की तरह काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी । लैरी और जिमी ने इस बात को साबित किया है । वे बचपन से ही Knowledge gain करने के दीवाने थे और आगे चलकर इसी को उन्होंने अपना Profession बना लिया…

 तेज़ बनिए

रोजाना विकिपीडिया में सैकड़ों अपडेट्स होते हैं वहीँ गूगल में नए Web Pages को index के लिए जोड़ा जाता है । इसके लिए लगातार कड़ी मेहनत की जरूरत होती है । आपको अपने Future के बारे में सोचकर जल्दी और सही फैसले लेने रहते हैं यदि आप फैसले लेने में देरी करेंगे तो अवसर, हाथ से निकलने में देर नहीं लगेगी ।

सही लोगों का साथ और चुनाव

लैरी पेज और जिमी वेल्स ने समझदार लोगों के साथ मिलकर अपने काम को आगे बढ़ाया । अगर उनके पास सही टीम नहीं होती तो शायद ही आज वे इस बुलंदी पर होते.. अगर आपके पास टीम अच्छी है तो आपको सफलता पाने में परशानी नहीं आएगी इसलिए हमेशा टीम वर्क को मजबूत बनाने का प्रयास करें और टीम को साथ लेकर चलें… सही लोगों को अपनी टीम में शामिल करें ताकि वो आपके Business को आगे बढ़ा सकें..

विफलता में छुपी है सफ़लता

लैरी ने Search Algorithms का आविष्कार किया और इसे Yahoo को बेचना चाहा.. लेकिन Deal फ़ैल हो गयी.. जिमी का भी साइंटिफिक ऑनलाइन Encyclopedia फ़ैल हो गया .. Failure से दोनों ने सीख लेकर खुद में बहुत सारे सुधार किये और आज वे सफ़लता के शिखर पर हैं..

जैसे हैं वैसे रहिये

दूसरों को देखकर उनसे सीखें लेकिन दूसरों को देखकर खुद को मत बदलिए… जिमी और लैरी कहते हैं आप जैसे हैं वैसे रहिये…

इन लेखों को पढ़कर आप एक अच्छी टीम का निर्माण कर सकते हैं –

 

 

 

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लीडरशिप के लिए 6 जरूरी साइन https://www.hamarisafalta.com/2017/08/6-essential-signs-for-leadership-in-hindi-%e0%a4%b2%e0%a5%80%e0%a4%a1%e0%a4%b0%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%aa-%e0%a4%95%e0%a5%87-6-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%a3.html https://www.hamarisafalta.com/2017/08/6-essential-signs-for-leadership-in-hindi-%e0%a4%b2%e0%a5%80%e0%a4%a1%e0%a4%b0%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%aa-%e0%a4%95%e0%a5%87-6-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%a3.html?noamp=mobile#respond Sat, 05 Aug 2017 04:23:16 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1210 लीडरशिप के लिए 6 जरूरी साइन बिज़नस हो या Common life अपनी-अपनी Capablility के According ज्यादा से ज्यादा काम करके देने के लिए भी लोग तैयार हो जाते हैं । लेकिन किसी Project की Responsibility अपने सिर पर लेने के लिए और टीम को Lead करने के लिए लोग आसानी से तैयार नहीं होते । इसके पीछे मुख्य कारण यह हो सकता है कि Leadership में जो मूल गुण होने चाहिए वे सबके अन्दर मौजूद भी नहीं होते । हर व्यक्ति […]

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लीडरशिप के लिए 6 जरूरी साइन

बिज़नस हो या Common life अपनी-अपनी Capablility के According ज्यादा से ज्यादा काम करके देने के लिए भी लोग तैयार हो जाते हैं । लेकिन किसी Project की Responsibility अपने सिर पर लेने के लिए और टीम को Lead करने के लिए लोग आसानी से तैयार नहीं होते । इसके पीछे मुख्य कारण यह हो सकता है कि Leadership में जो मूल गुण होने चाहिए वे सबके अन्दर मौजूद भी नहीं होते । हर व्यक्ति मुश्किल परिस्थतियों में खुद को संभालते हुए Team का Moral ऊंचा नहीं रख सकता है और न ही हर व्यक्ति में यह क्षमता है कि वह टीम के अलग-अलग लोगों को एकसाथ लेकर चल सके ।

ये सारी क्षमताएं रखने वाले लोग ही किसी फील्ड में लीडरशिप दिखा पाते हैं । उनके ये गुण ही उन्हें बाकी भीड़ से अलग खड़ा करते हैं और तभी टीम के बाकी सदस्य भी उनकी बात मानने के लिए Commitment लेते हैं.. आप किसी भी फील्ड से क्यों न जुड़े हों, वहां लीड करने के लिए आपको यहाँ बताये गये 6 Sign तो दिखने ही चाहिए । इन छह साइन के अभाव में आप किसी टीम के वास्तविक लीडर नहीं बन सकते । आज अपने आप में यह छः साइन तलाशने की कोशिश करें…अपनी  leadership ability को विकसित करने के लिए यहाँ बताये गये कुछ नियम को अपनी लाइफ में जरूर उतारें.

चुनौती से दोस्ती 

Leader का सबसे पहला गुण है कि वह अपनी टीम के सामने आने वाली चुनौतियों से डरने की बजाए उन्हें स्वीकार करता है । उसकी इस Appraoch से बाकी टीम का मनोबल बढ़ता है. यह अप्रोच न होने पर आप challenge को देखते ही अपना रास्ता बदल सकते हैं जिससे आपकी growth भी नहीं होगी, आप हमेशा एक ही जगह पर जमे रहेंगे और आगे नहीं बढ़ पायेंगे ।

समस्या नहीं… खोजिये समाधान.. 

समस्या के बजाय समाधान पर ध्यान केन्द्रित करना सीखें… किसी भी टीम को लीड करने के लिए एक सबसे बड़ा गुण जो आपके अन्दर होना चाहिए वह है Problem  Solving  का.  एक अच्छा Leader, Future में आने वाली problem को भी ध्यान में रखता है और इसके लिए वह Risk Management करके चलता है ।

फैसला लें जल्दी 

कोई भी Team अपने Instructions के लिए अपने टीम Leader की ओर देखती है, अब यदि टीम लीडर ही सही समय पर फैसला नहीं ले पायेगा तो Team का भटकना लाज़मी है । इसलिए एक अच्छे टीम लीडर में समय पर फैसला लेने के गुण होना जरूरी है.. फ़ैसला जरूर ही सोच-समझकर लेना चाहिए लेकिन बहुत ज्यादा सोच विचार करते रहने से अकसर Decision पैरालिसिस की स्थिति आ जाती है, यह स्थिति बिजनेस के लिए घातक है..

 

गलती मत छिपायें 

Business में किसी भी Project पर काम करते हुए गलती हो जाना Natural बात है । कोई भी Error Proof नहीं होता लेकिन घातक स्थिति तब पैदा होती है जब आप गलती को नजरंदाज करते जाते हैं । Effective leaders गलती को Accept करके उसके असर पर Concentrate करते हैं ताकि एक तो उसके असर को कम किया जा सके और दूसरा भविष्य में इसके दोहराव से बचा जा सके.. इसलिए गलती नजरंदाज न करते रहें …

मैं नहीं “हम” से है टीम

किसी Leader का अस्तित्व तभी तक है जब उसके निर्देशों का पालन करने के लिए उसकी टीम उसके पीछे खड़ी हो । इस बात को अच्छे टीम लीडर्स बखूबी समझते हैं तभी तो वो ‘मैं ’ की भावना की बजाए “हम” की अप्रोच को महत्व देते हैं. वे पूरी टीम को साथ चलने के लिए कई तरीके अपनाते हैं । इन तरीकों में वे अपने टीम मेम्बर्स की सलाह लेते हैं । आपस में चर्चा होती है, एक-दुसरे की बातें तर्क से काटी जाती हैं, कुछ की बातें मानी जाती हैं और End में team हित में फैसला लिया जाता है.. मैं की जगह हम वाली अप्रोच ही आपको टीम मेम्बर्स से अलग दिखाती है.

सबको मिले श्रेय 

Team Leader का एक महत्वपूर्ण गुण यह भी है कि वह किसी की मेहनत का श्रेय खुद ही नहीं लेना चाहता. वह अपनी टीम के प्रत्येक सदस्य को उसके काम के लिए विशेष पहचान जरूर दिलवाता है.. जरूरी नहीं कि यह पहचान सार्वजनिक मंच पर पुरूस्कार के रूप में ही हो । टीम के बीच किसी सदस्य के विशेष योगदान का उल्लेख करके भी ऐसा किया जा सकता है इससे उसका मनोबल बढ़ता है और बाकी लोगों को भी प्रेरणा मिलती है…

धन्यवाद !

LEADERSHIP के प्रमुख गुण SUCCESS TIPS IN HINDI

यह पोस्ट राजस्थान पत्रिका न्यूज़ पेपर से प्रेरित है 

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नकारात्मक लोग Short Inspirational Story in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2017/06/%e0%a4%a8%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%95-%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%97-short-inspirational-story-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2017/06/%e0%a4%a8%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%95-%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%97-short-inspirational-story-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 28 Jun 2017 03:22:57 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1130 नकारात्मक लोग Short Inspirational Story in Hindi एक शिकारी ने चिड़ियों को पकड़ने वाला अद्भुत कुत्ता ख़रीदा । वह कुत्ता पानी पर चल सकता था । शिकारी उस कुत्ते को अपने दोस्तों को दिखाना चाहता था । उसे इस बात की बड़ी ख़ुशी थी कि वह अपने दोस्तों को यह काबिले-गौर चीज दिखा पायेगा । उसने अपने दोस्त को बत्तख का शिकार देखने के लिए बुलाया । कुछ देर में उन्होंने कई बत्तखों को बंदूक से मार गिराया । उसके […]

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नकारात्मक लोग Short Inspirational Story in Hindi

एक शिकारी ने चिड़ियों को पकड़ने वाला अद्भुत कुत्ता ख़रीदा । वह कुत्ता पानी पर चल सकता था । शिकारी उस कुत्ते को अपने दोस्तों को दिखाना चाहता था । उसे इस बात की बड़ी ख़ुशी थी कि वह अपने दोस्तों को यह काबिले-गौर चीज दिखा पायेगा । उसने अपने दोस्त को बत्तख का शिकार देखने के लिए बुलाया । कुछ देर में उन्होंने कई बत्तखों को बंदूक से मार गिराया । उसके बाद उस आदमी ने कुत्ते को उन चिड़ियों को लाने का हुक्म दिया । कुत्ता चिड़ियों को लाने के लिए दौड़ पड़ा । उस आदमी को उम्मीद थी कि उसका दोस्त कुत्ते के बारे में कुछ कहेगा, या फिर उसकी तारीफ़ करेगा; लेकिन उसका दोस्त कुछ भी नहीं बोला ।

घर लौटते समय उसने अपने दोस्त से पूछा कि क्या उसने कुत्ते में कोई ख़ास बात देखी ।

दोस्त ने जवाब देते हुए कहा- “हाँ, मैंने उसमें एक ख़ास बात देखी । तुम्हारा कुत्ता तैर नहीं सकता ।“

 

कुछ लोग अपनी लाइफ में हमेशा नकारात्मक पहलु को ही देखते हैं । निराशावादी लोगों के ये लक्षण होते हैं-

  • वे ज़िन्दगी के आयने में हमेशा दरारें ही तलाशते हैं ।
  • हमेशा बत्ती बुझाकर देखना चाहते हैं कि अँधेरा कितना है?
  • उनकी लाइफ का ज्यादातर टाइम शिकायत काउंटर में ही बीतता है ।
  • जब चर्चा करने के लिए उनके पास कोई तकलीफ नहीं होती तो वे नाखुश हो जाते हैं ।
  • उन्हें चाँद में केवल धब्बा ही दिखाई देता है ।
  • वे सोचते हैं कि सूरज केवल परछाईयां पैदा करने के लिए ही चमकता है ।
  • वे बदतर नतीजों के बारे में सोचते भर नहीं हैं, बल्कि हर घटना को बदतर बना भी देते हैं.
  • वे इस अंदेशे से अपनी सेहत का भरपूर मजा नहीं ले पाते हैं कि कल वे बीमार पड़ सकते हैं ।
  • वे जानते हैं कि कड़ी मेहनत से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुँचता पर सोचते हैं कि कोई खतरा क्यों उठाया जाए ।

You Can Win जीत आपकी किताब से यह Story प्रेरित है

दोस्तों, हमेशा खुद में और दूसरों में Positivity खोजिये, खुद को खुश रखने का सबसे बड़ा रहस्य है कि हम खुद को सकारात्मक रखें इसके लिए बहुत जरूरी है कि हम हमेशा कोशिश करें कि सकारात्मक पहलु को ही देखें ।

यदि आप यह सोचकर दुखी हो रहे हैं कि आपकी तनख्वाह कम है और दुसरे की आपसे बहुत ज्यादा पर आप यह भी तो देखिये कि आप छोटी से तनख्वाह में ही अपनी फैमिली को ज्यादा टाइम और ख़ुशी तो देते हैं जबकि दूसरा ज्यादा तनख्वाह पाकर भी खुश नहीं है क्योंकि वह अपने परिवार को समय नहीं दे पा रहा..

आप हमेशा खुद में Positivity ही तलाशें, खुद के अन्दर झाँककर देखें, आप अपने अन्दर एक सकारात्मक बीज बोकर स्वयं को हर तरह से ऊँचाइयों तक लेकर जा सकते हैं लेकिन एक नकारात्मक नजरिया आपको बहुत कमजोर कर सकता है ।

धन्यवाद!

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मानसिक रूप से मजबूत बनायेंगी ये ख़ास आदतें https://www.hamarisafalta.com/2017/06/6-special-habits-will-be-strengthened-mentally-motivational-hindi-article-%e0%a5%99%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%86%e0%a4%a6%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2.html https://www.hamarisafalta.com/2017/06/6-special-habits-will-be-strengthened-mentally-motivational-hindi-article-%e0%a5%99%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%86%e0%a4%a6%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2.html?noamp=mobile#respond Wed, 07 Jun 2017 05:49:11 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1116 मानसिक रूप से मजबूत बनायेंगी ख़ास आदतें चाहे आप एक एंटरप्रेन्योर हों या एथलीट हों, कोच हों, कलाकार हों या राजनीतिज्ञ हों आपको कभी न कभी जिंदगी मे मुश्किलों का सामना करना ही  पड़ता है । इससे कोई फर्क नहीं पड़ता आप क्या करते हैं और आप कौन हैं , जिंदगी में आपको किसी न किसी मोड़ पर रुकावटों और कठिनाइयों से उबरना ही पड़ता है । यह चुनोतियाँ आपको भले ही दुर्गम लग सकती हैं , लेकिन ऐसा क्या […]

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मानसिक रूप से मजबूत बनायेंगी ख़ास आदतें

चाहे आप एक एंटरप्रेन्योर हों या एथलीट हों, कोच हों, कलाकार हों या राजनीतिज्ञ हों आपको कभी न कभी जिंदगी मे मुश्किलों का सामना करना ही  पड़ता है । इससे कोई फर्क नहीं पड़ता आप क्या करते हैं और आप कौन हैं , जिंदगी में आपको किसी न किसी मोड़ पर रुकावटों और कठिनाइयों से उबरना ही पड़ता है । यह चुनोतियाँ आपको भले ही दुर्गम लग सकती हैं , लेकिन ऐसा क्या है जो सफल लोगों को या कम से कम जो सफलता की राह पर चल रहे हैं, उन्हें अलग करता है । वह चीज उनकी काबिलियत नहीं बल्कि उनका विश्वास और गिर कर उठने की जिद है ।कुछ लोग इसे उनका स्वभाव कहते हैं , लेकिन आमतौर पर इसे मानसिक मजबूती कहा जाता है । ऐसे लोग काबिल होने के साथ ही मानसिक तौर पर बहुत मजबूत भी होते हैं । देखा जाये तो काबिलियत को हमेशा से ही सफलता के रास्ते में बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है ,लेकिन असल में जिंदगी में सफल वही लोग होते हैं ,जो मानसिक तौर पर मजबूत होते हैं ,जो गिर कर दोबारा  उठने की हिम्मत करते हैं ,और चुनौतियों से कभी घबराते नहीं हैं । अगर आप भी वाकई सफल होना चाहते हैं ,तो आपको भी खुद को दिमागी रूप से मजबूत बनाना होगा । आपको भी खुद को हर परिस्थिति में मजबूत बनाना और समस्याओं से जूझना सीखना होगा । आइये जानते हैं , मानसिक रूप से मजबूत लोगों की कुछ अनोखी आदतों के बारे में ­­–

उनके पास होते हैं 4 सी

अगर आप मानसिक रूप से मजबूत होना चाहते हैं तो आपमें 4 C होना बहुत जरुरी है । पहला सी है ,कॉन्फिडेंस । अगर आपको खुद पर और अपनी क्षमताओं पर विश्वास है की आप सफलता हासिल कर सकते हैं ,तो आप मजबूत हैं ।

दूसरा सी है challenge यानि चुनौती । जब आप चुनौतियों के बजाय नए अवसरों और बदलाओं को सहज स्वीकार कर लेते हैं ,तो आप मजबूत बनते हैं ।

उसके बाद आता है control  जहाँ आपको भरोसा होता है कि आपके पास आपका भविष्य बनाने की ताकत है ।

सबसे अंत में आती है कमिटमेंट, जहाँ आप प्रतिबद्धिता के साथ अपने लक्ष्यों को पाने की कोशिश करते हैं और आगे बढ़ते हैं ।

बीते हुए कल से सीखते हैं

कोई भी शख्स ऐसा नहीं होता जिससे कोई गलती न हुई हो । कहते हैं की गलतियाँ करके ही आप सीखते हैं और सीख कर ही आगे बढ़ते हैं अगर आप मानसिक रूप से मजबूत होना चाहते हैं तो आपको भी अपनी गलतियों से सीखना चाहिए । आपको बीते हुए कल पर ही नहीं अड़े रहना चाहिए और न ही उसके बारे में सोच -सोचकर अपना आज और आने वाला कल ख़राब करना चाहिए । इसके इतर आपको बीते हुए कल में की गयी अपनी गलती से सीख लेनी चाहिए और हमेशा कोशिश करनी चाहिए की आपसे दोबारा ऐसी गलती कभी न हो ।

इमोशनली इंटेलीजेंट होते हैं

सफल लोग इमोशनली इंटेलीजेंट होते हैं। इसका मतलब यह है की उनमें अपनी और दूसरों की भावनाओ को पहचानने और उन्हें सँभालने की क्षमता होती है । उनकी यह प्रतिभा भी उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाती है ।अगर आप भी इमोशनली इंटेलीजेंट बनना चाहते हैं तो आपको अपने  अन्दर कुछ ख़ास गुण लेन होंगे जैसे परफेक्शनिस्ट न बनना ,वर्क-लाइफ बैलेंस बनाना, आसानी से ध्यान नहीं भटकने देना,अपनी कमियां और ताकत को जानना,अपने लिए कठिन सीमाएं तय करना आदि ।इन गुणों से आप खुद को इमोशनली इंटेलीजेंट बना सकते हैं या यह जान सकते हैं कि आप इमोशनली इंटेलीजेंट हैं या नहीं । मानसिक मजबूती के लिए यह गुण होना जरुरी है । ये लोग जिंदगी को हमेशा सकारात्मक नजरिये से देखते हैं और किसी भी स्थिति में नकारात्मकता को खुद पर हावी नहीं होने देते ।

कभी शिकायत नहीं करते

अधिकतर लोग आस-पास की चीजों या लोगों की आलोचना में लगे रहते हैं । वह ऐसा इसलिए करते हैं ताकि उन्हें अच्छा लगे लेकिन वास्तविकता में ऐसा करने से वह और ज्यादा निराश महसूस करते हैं। अगर आप मानसिक मजबूती चाहते हैं तो आपको चीजों को लेकर शिकायत नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय चीजों को बेहतर बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए। शिकायत करने के बजाय समाधान खोजना चाहिए ।

फ्लेक्सिबल होते हैं

जो लोग मानसिक रूप से मजबूत होते हैं वह अपनी समस्याओ के लिए अलग-अलग समाधन निकाल लेते हैं ।साथ ही वह अपनी समस्याओ को अलग और नए तरीके से देखते हैं ,जिससे वह उनके लिए हल ढूँढ पाते हैं। वह किसी एक तरह के समाधान पर अड़ते नहीं हैं । वह फ्लाक्सिबल तरीके से काम करने में यकीन रखते हैं और परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालते हैं, इससे वह जरुर सफल होते हैं।

वह कंसिसटेंट  होते हैं

अगर आप मानसिक मजबूती चाहते हैं तो आपका कंसिसटेंट  होना जरुरी है। अगर आप नियमित तौर पर इसके लिए काम नहीं करते तो आप सफलता नहीं पा सकते। मानसिक रूप से मजबूत entrepreneur कंसिसटेंट  होते हैं क्योंकि वह अपने लक्ष्य तय करते हैं,उन्हीं के अनुसार अपनी टीम बनाते हैं और उन्हें हासिल करने के लिए लगातार प्रयास करते रहते हैं। ऐसे लोग हमेशा ही सफलता के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए खुद को प्रोत्साहित करते हैं ।

धन्यवाद !

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आपको सफल बनायेंगी ये 7 चुनौतियाँ https://www.hamarisafalta.com/2017/06/these-7-challenges-will-make-you-successful-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a5%8c%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html https://www.hamarisafalta.com/2017/06/these-7-challenges-will-make-you-successful-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a5%8c%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html?noamp=mobile#respond Mon, 05 Jun 2017 01:00:07 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1111 आपको सफल बनायेंगी ये 7 चुनौतियाँ यह देखना वाकई दिलचस्प होता है की सफल लोग अपनी  समस्याओं  से कैसे डील करते हैं और उनके समाधान कैसे ढूँढ़ते हैं । जहाँ अधिकतर लोग इन समस्याओं को अपनी सफलता के रास्ते में रुकावट के रूप में देखते हैं और घबरा जाते हैं ,वहीँ , सफल लोग इन्हें चुनौतियों के रूप में स्वीकार करते हैं और इनका सामना कर ज्यादा सफल होते हैं । वह अपनी कठिनाइयों से इसलिए साहस के साथ लड़ […]

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आपको सफल बनायेंगी ये 7 चुनौतियाँ

यह देखना वाकई दिलचस्प होता है की सफल लोग अपनी  समस्याओं  से कैसे डील करते हैं और उनके समाधान कैसे ढूँढ़ते हैं । जहाँ अधिकतर लोग इन समस्याओं को अपनी सफलता के रास्ते में रुकावट के रूप में देखते हैं और घबरा जाते हैं ,वहीँ , सफल लोग इन्हें चुनौतियों के रूप में स्वीकार करते हैं और इनका सामना कर ज्यादा सफल होते हैं । वह अपनी कठिनाइयों से इसलिए साहस के साथ लड़ पाते हैं क्योंकि उनमे सभी नकारात्मक विचारों को जाने देने की काबिलियत होती है । अधिकतर लोग इन्ही नकारात्मक विचारों की वजह से  चुनौतियों  से लड़ नहीं पाते । असल में ,सफलता आपकी मानसिकता पर निर्भर करती है । आपको जरुरत होती है तो बस अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने की और सकारात्मक तरीके से चुनौतियों से लड़ने की । जानते हैं कि, कौन सी चुनौतियाँ आपको सफल बना सकती हैं –

उम्र

आयु असल में सिर्फ एक नंबर है । सफल लोग अपनी उम्र को कभी अपनी सफलता के आड़े आने नहीं देते । वह कौन हैं और क्या करने की क्षमता रखते हैं ,इसकी पहचान उनके उम्र से कभी नहीं होती । हो सकता है की लोग आपकी उम्र की वजह से आपको बताएं कि आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए लेकिन बेहतर यहीं है की आप उनकी न सुनें । अगर आपको खुद पर भरोसा है तो आप किसी भी उम्र में सफलता पा सकते हैं । बस अपने दिल की सुने और अपनी मंजिल की ओर विश्वास से बढ़ें । उम्र का सफलता से कोई लेने देना नहीं है । लोग बहुत कम उम्र में या फिर अधिक उम्र में भी कामयाब होते हैं ।

नकारात्मकता

याद रखें कि जिंदगी हमेशा उस तरह नहीं चलती , जिस तरह हम चाहते हैं ।  ऐसे में चीजों को लेकर  शिकायत करने के बजाय हमेशा चीजों के प्रति सकारात्मक रवैया रखें । सफल लोगों को जब भी कभी जिंदगी में नकारात्मकता घेरती है ,तब वह उससे अपनी सकारात्मक सोच के जरिये बाहर निकल आते हैं । आपको भी चाहिए की जिंदगी में हमेशा शिकायत करने की बजाय समस्याओं का समाधान ढूंढें ,उनसे निपटें और आगे बढ़ें । नकारात्मकता से लड़कर ही आप सफल होंगे । सफलता आपकी मानसिकता पर निर्भर करती है । अगर आप चीजों को लेकर सकारात्मक सोच रखेंगे तो मुश्किल से मुश्किल  राह भी आसान हो जाएगी । वहीँ , नकारात्मक विचार रखने से आप हमेशा पूर्वग्रहों से घिरे रहेंगे और सफल नहीं हो पाएंगे । अगर आप अपनी विफलताओ को इस रूप में लेंगे कि उनसे आपको सिखने को मिलेगा ,तो आप भविष्य में बेहतर कर पाएंगे ।

डर से न डरें

आपका डर महज एक भाव के अलावा कुछ नहीं है ,जो आपकी कल्पना से और बढ़ता है । डर को आप खुद चुनते हैं लेकिन सफल लोग अपने इस डर को कभी खुद पर हावी नहीं होने देते । वह अपने डर को अपनी सफलता की सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करते हैं । वह हर उस चीज से लड़ते हैं जिससे वह डरते है और उस पर जीत हासिल करते हैं । वह खुद को विश्वास दिलाते हैं कि वह अपने डर से लड़ सकते हैं । आपको भी अपने डर को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ना चाहिए ।

भूत या भविष्य

डर की तरह ही आपका बिता हुआ कल या आने वाला कल ,महज आपके दिमाग की उपज है । आप कितना भी पश्चाताप कर लें , अपने बीते हुए कल को नहीं बदल सकते और भले ही कितनी ही चिंता क्यों न कर लें , अपने आने वाले कल पर भी आपका बस नहीं चलता । सफल होने के लिए जरुरी है कि आप अपने बीते हुए कल को और भविष्य की अनिश्चितता को स्वीकार करें और अपने आज पर अपना ध्यान दें । अगर ऐसे नहीं करेंगे तो कभी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पायेंगे ।

दुनिया की हालत

अगर आप पर ले जायेंगे ,तो आपको हर जगह गिरती अर्थव्यवस्थायें ,विफल होती कंपनीयां  और आपदाएं ही नजर आएँगी । इससे यह सोचना की दुनिया खात्मे की ओर बढ़ रही है ,आसन है । हालांकि सफल लोग इन सबकी चिंता नहीं करते क्योंकि वे उन सब चीजों में खुद को नहीं उलझाते जिन पर उनका बस नहीं है । इसके बजाय वह हर दिन का इस्तेमाल आस- पास की दुनिया को बेहतर बनाने और अपने प्रयत्नों को बेहतर बनाने के लिए करते हैं ।

दुसरे क्या सोचते हैं

जब आप खुद को दूसरों से तुलना करके खुद को संतुष्ट महसूस करने लगते हैं, तब आप लम्बे समय तक सफल नहीं रह पाते । इसलिए आपको कभी अपनी कामयाबी की तुलना दूसरों से नहीं करनी चाहिए । याद रखें की इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दुसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं ,अगर आप खुद अपने काम से संतुष्ट हैं , तो वह आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि है । सफल होने के लिए आपको यह जानना जरुरी नहीं हैं की दुसरे आपके बिसनेस या आपके बारे में क्या सोचते हैं । इस सबकी चिंता करके आप केवल अपना समय और उर्जा बर्बाद करते हैं और कुछ नहीं । जब आप खुद अपने काम को लेकर अच्छा महसूस करेंगे तो दुसरे आपको किसी भी कीमत पर विचलित नहीं कर पाएंगे । अतः आप सभी काम अपनी ख़ुशी के लिए कीजिये , न की दूसरों की बातों के बारे में सोचकर ।

बुरा चाहने वाले लोग

लोगों की कडवी बातों का जवाब सफलता से दें । जिस तरह अच्छे लोग आपको आगे बढ़ने में मदद करते हैं ,उसी तरह दूसरों का बुरा चाहने वाले लोग हमेशा आपको पीछे खीचने की कोशिश करते हैं । ऐसे लोग हमेशा कडवी बातें या नकारात्मक बातें बोलकर आपको स्ट्रेस देने की कोशिश करते हैं और आपको आगे बढ़ने से रोकते हैं । यह ऐसे लोग होते हैं जो आपकी कामयाबी से जलते हैं या आपका बुरा चाहते हैं । आपको ऐसे लोगों से दुरी बनाकर रखनी चाहिए । आपको उनकी बातों को अहमियत नहीं देनी चाहिए । याद रखें की जब तक आप खुद को सही लोगों के साथ नहीं रखेंगे , तब तक आप सफल नहीं हो पाएंगे । आपको ऐसे लोगों की बातों को चुनौतियों के रूप में लेना चाहिए और खुद पर विश्वास रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए । आपकी सफलता ही इन लोगों की बातों का जवाब होगा ।

धन्यवाद!

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ये हैं दुनिया के 10 सबसे बड़े दानवीर https://www.hamarisafalta.com/2017/06/top-ten-munificent-of-world-who-have-given-away-the-most-money-in-hindi-10-%e0%a4%b8%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a5%9c%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b5%e0%a5%80%e0%a4%b0.html https://www.hamarisafalta.com/2017/06/top-ten-munificent-of-world-who-have-given-away-the-most-money-in-hindi-10-%e0%a4%b8%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a5%9c%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b5%e0%a5%80%e0%a4%b0.html?noamp=mobile#respond Sun, 04 Jun 2017 06:54:36 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1095 मिलिए  दुनिया के 10 सबसे बड़े दानवीरों से  भारतीय संस्कृति में दान का बहुत बड़ा महत्व है । पूरी दुनिया में सबसे बड़े धनी लोग सबसे बड़े दानवीर हैं । आइये जानते हैं इनके बारे में   वारेन बफ़ेट दान- 21.5 बिलियन डॉलर                                     कुल सम्प्पति- 61 बिलियन डॉलर  खासियत– वर्ष 2006 में बर्कशायर हेथवे के चेयरमैन और सीईओ वारेन बफेट ने शपथ […]

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मिलिए  दुनिया के 10 सबसे बड़े दानवीरों से 

भारतीय संस्कृति में दान का बहुत बड़ा महत्व है । पूरी दुनिया में सबसे बड़े धनी लोग सबसे बड़े दानवीर हैं । आइये जानते हैं इनके बारे में

 

वारेन बफ़ेट

दान- 21.5 बिलियन डॉलर                                     कुल सम्प्पति- 61 बिलियन डॉलर 

खासियत– वर्ष 2006 में बर्कशायर हेथवे के चेयरमैन और सीईओ वारेन बफेट ने शपथ ली थी कि वे अपनी सम्पत्ति का 85 प्रतिशत हिस्सा अच्छे कार्यों के लिए दान कर देंगे । पूरी दुनिया में अपने दान को लेकर वे एक मिशाल बन गए हैं ।

अजीम प्रेमजी

दान- 8 बिलियन डॉलर                                       कुल सम्पत्ति – 15.9 बिलियन डॉलर

खासियत- अजीम प्रेमजी फाउंडेशन शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए काम करते हैं । और 18 भाषाओं में कंप्यूटर ट्रेनिंग देते हैं ।

जॉर्ज सोरोस

दान- 8 बिलियन डॉलर                                               कुल सम्पत्ति- 24.4 बिलियन डॉलर

खासियत- जॉर्ज सोरोस सोसायटी फाउंडेशन के तहत रंगभेद से पीड़ित ब्लैक साउथ अफ्रीकन्स को आगे बढ़ाने के लिए स्कालरशिप देने की घोषणा कर चुके हैं ।

एली ब्रॉड 

दान- 3.3 बिलियन डॉलर                                       कुल सम्पत्ति- 7.3 बिलयन डॉलर

खासियत– सन अमेरिकन के पूर्व सीइओ एली, समाज में सुधार लाने के लिए सार्वजनिक शिक्षा, विज्ञान और कला में निवेश करते हैं । उनका मानना है कि पैसा का सही जगह पर निवेश करने से यह बढ़ता है ।

चार्ल्स एफ फीने 

 

दान- 6.3 बिलियन डॉलर                                     कुल सम्पत्ति- 1.5 मिलियन डॉलर

खासियत– रिटेल मैग्नेट को ‘परोपकार का जेम्स बांड’ कहा जाता है । वे किसी महान कार्य के लिए अपनी पूरी सम्पत्ति दान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं । अब वो बहुत कम सम्पत्ति में जीवन गुजार रहे हैं ।

गॉर्डन  मूर

दान- 5.0 बिलियन डॉलर                                    कुल सम्पत्ति- 6.5 बिलियन डॉलर

खासियत- इंटेल के सह-संस्थापक गार्डन मूर कई सामजिक कार्यक्रम चलाते हैं । वह समुद्री जीवन के संरक्षण से लेकर थर्टी मीटर टेलिस्कोप के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं ।

कार्लोस स्लिम हेलू

 

दान- 4.0 बिलियन डॉलर                                          कुल सम्पत्ति-27.3 बिलियन डॉलर

खासियत- कार्लोस अपने दम पर अरबपति बने लोगों में से एक हैं । पर्यावरण के लिए वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड को 100 मिलियन डॉलर दे चुके हैं ।

सुलेमान बिन अब्दुल अजीज अल राजही

 

दान- 5.7 बिलियन डॉलर                                          कुल सम्पत्ति- 590 मिलियन डॉलर

खासियत- सुलेमान बिन अब्दुल अजीज अल राजही अल राजही बैंक के संस्थापक हैं । यह बड़ा इस्लामिक बैंक है । सुलेमान शैक्षिक और सामजिक कार्यों को सपोर्ट करते हैं ।

बिल गेट्स

दान- 27 बिलियन डॉलर                                    कुल सम्पत्ति- 84.2 बिलियन डॉलर

खासियत- माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स अब ज्यादातर समय बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के लिए खर्च करते हैं । वे लोगों को दान के लिए प्रेरित करते हैं ।

जॉर्ज कैसर

दान- 3.3 बिलियन डॉलर                                     कुल सम्पत्ति- 9.3 बिलियन डॉलर

खासियत- वर्ष 2010 में बीओके फाईनेंशियल कॉर्पोरेशन के चीफ जॉर्ज कैसर ने प्रतिज्ञा ली थी कि वे सामजिक उत्थान के लिए अपनी आधी सम्पत्ति दान कर देंगे ।

 

ये थे दुनिया के दस सबसे बड़े दानवीर । इनके बारे में अपनी राय व्यक्त करने के लिए कृपया कमेन्ट करें अथवा हमें मेल करें ।

धन्यवाद !

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पैसों को अपना गुलाम कैसे बनाएँ ? https://www.hamarisafalta.com/2017/06/how-to-make-money-in-hindi-%e0%a4%aa%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%8f%e0%a4%82.html https://www.hamarisafalta.com/2017/06/how-to-make-money-in-hindi-%e0%a4%aa%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%8f%e0%a4%82.html?noamp=mobile#respond Fri, 02 Jun 2017 05:03:23 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1080 आपका गुलाम बन सकता है पैसा ! ऐसा क्यों है कि दुनिया की ज्यादातर दौलत चंद लोगों के हाथों में है । अगर आप धन से जुड़ी कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखेंगे तो पैसा आपका भी गुलाम बन सकता है । स्टीव सीबोल्ड ‘हाउ रिच पीपुल थिंक’ पुस्तक के लेखक हैं । वह अपनी Book लिए Worlds के सबसे अमीर 1200 लोगों का Interview ले चुके हैं । अपनी Book में वह बताते हैं कि अमीर लोग किस तरह […]

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आपका गुलाम बन सकता है पैसा !

ऐसा क्यों है कि दुनिया की ज्यादातर दौलत चंद लोगों के हाथों में है । अगर आप धन से जुड़ी कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखेंगे तो पैसा आपका भी गुलाम बन सकता है ।

स्टीव सीबोल्ड ‘हाउ रिच पीपुल थिंक’ पुस्तक के लेखक हैं । वह अपनी Book लिए Worlds के सबसे अमीर 1200 लोगों का Interview ले चुके हैं । अपनी Book में वह बताते हैं कि अमीर लोग किस तरह से सोचते हैं और उनका Behavior क्या होता है । सीबोल्ड का मानना है कि Rich  होने और पैसे के प्रति आपकी सोच का गहरा Relation है । धन के प्रति अपनी सोच को बदलने के लिए आपको कुछ बातों पर Focus करना होगा ।

आइये जानते हैं इन खास बातों के बारे में –

आप वह करें जो आपको पसंद है, पैसा आपके पीछे आएगा

बसे सफल और धनवान लोग अपने Passion का पीछा करते हैं और पैसा उनके पीछे भागता है ।

ज्यादातर लोग इस बारे में विचार करते हैं कि किस काम को करने पर उन्हें कितना पैसा मिल सकता है । वहीँ अमीर व्यक्ति सोचता है कि उसे क्या करना पसंद है और उस काम को करके पैसा कैसे कमाया जा सका है । अगर आप वह काम करते हैं, जो आपको पसंद है तो सफल होने के लिए जरूरी दूसरी योग्यताएं अपने आप आ जाती हैं । ऐसा काम खोजने से बचें जो सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हो । इसके बजाय ऐसा काम खोजें, जहाँ आपको सबसे ज्यादा संतुष्टि हो ।

Satisfaction वाले काम को खोजने के बाद अपने तन-मन-आत्मा से उस काम में इतना Invest करें कि अपने Field में सबसे Capable व्यक्ति बन जाएँ ।

धन का शिक्षा से कोई वास्ता नहीं

व्यावहारिक जीवन में ऐसे कई लोग नजर आते हैं, जिन्होंने ज्यादा शिक्षा ग्रहण नहीं की पर वे सम्पन्नता के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं । दरअसल धनवान बनने का बुद्धिमत्ता या शिक्षा से कोई वास्ता नहीं है । धनवान बनने के लिए दृढ़ता और लगातार डटे रहने की जरूरत होती है । धन प्राप्त करने के लिए स्मार्ट बनने की जरूरत नही है । धनवान बनने के लिए यह जानना जरूरी है कि आप क्या चाहते हैं । इसके बाद उसे प्राप्त करने के लिए पूरा फोकस जरूरी है । यदि कुछ पाना चाहते हैं तो पूरे शिद्दत से प्रयास करें ।

आप सबसे पहले अपने अन्दर से अमीर बनेंगे

आपको कोई व्यक्ति खोजकर अमीर नहीं बनाएगा । अगर पैसा कमाना चाहते हैं तो खुद ही अपनी जहाज तैयार करें । आपको बचाने कोई नहीं आएगा । खुद पर भरोसा रखें । आगे बढ़ें और मन से अमीर बनने के सपने देखें ।

पैसा इंसान के दिमाग में होता है

ज्यादातर लोगों को लगता है कि पैसा कमाना बहुत ही मुश्किल काम है । इसलिए वे संघर्ष करते रहते हैं । अगर आप पैसे के बारे में पॉजिटिव विचार रखेंगे और एक भरोसे के साथ पैसा कमाने निकलेंगे तो आप जल्दी ही धनवान बन जायेंगे । लोगों को लगता है कि पैसा वाला बनना उनके control में नहीं है जबकि धनवान लोग जानते हैं कि पैसा मन में चल रहे विचारों से बनता है ।

आपका व्यव्हार आपके विश्वास और विचारों के कारण होता है । जब आप अपने विश्वास और विचार बदलते हैं तो व्यवहार बदलता है और इससे अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं ।

आपको सुरक्षा के दायरे से बाहर निकलना ही होगा

चैम्पियंस हमेशा अपने स्किल्स को मजबूत करते रहते हैं । बचपन से ही हम सबको सिखाया जाता है जीवन शांति के साथ जीना चाहिए और इसमें ज्यादा उतार चढ़ाव नहीं आने चाहिए । हमें वास्तविक लक्ष्य तय करने के लिए कहा जाता है । हर व्यक्ति एक सुरक्षित दायरे में रहकर अमीर बनना चाहता है । लेकिन यदि आप धनवान बनना चाहते हैं तो आपको बोल्ड और अग्रेसिव बनना होगा । धन के लक्ष्य के लिए डर को मन से निकाल लें ।

अमीर बनने का सबसे त्वरित तरीका स्व-रोजगार है

औसत दर्जे के लोगों को समय के आधार पर भुगतान किया जाता है । उन्हें या तो एक महीने की सैलेरी मिलती है या घंटों के हिसाब से पैसा मिलता है । धनवान लोग रिजल्ट के हिसाब से पैसा प्राप्त करना पसंद करते हैं । धनवान लोग स्वरोजगार पसंद करते हैं ।

मिडिल क्लास लोग इंतजार करते रह जाते हैं वहीँ धनवान लोग धन से सम्बन्धित सपष्ट लक्ष्य बनाते हैं और इसे प्राप्त करने के लिए अपने प्लान पर खर्च करते हैं ।

खर्च और बचत करने के बजाय ज्यादा कमाने पर फोकस कीजिये और इसके लिए खुद में निवेश कीजिये ।

धन्यवाद !

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बिजनेस में सीखकर आयें 3 गुण https://www.hamarisafalta.com/2017/06/%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%96%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%86%e0%a4%af%e0%a5%87%e0%a4%82-3-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%a3.html https://www.hamarisafalta.com/2017/06/%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%96%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%86%e0%a4%af%e0%a5%87%e0%a4%82-3-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%a3.html?noamp=mobile#respond Fri, 02 Jun 2017 01:08:42 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1076 बिजनेस में उतरने से पहले सीख लें यह  3 गुण पुरखों की पूँजी लगाकर खुद का बिजनेस खोल लेना कभी मुश्किल नहीं रहा। मुश्किल रहा है तो इसे निभाना, उसे आगे बढ़ाना और उसे ऊँचाइयों पर ले जाना। इसके लिए जरूरी है कि आपमें बिजनेस पर्सन्स के लिए जरूरी माने जाने वाले कुछ ख़ास गुण हों। इनमें से किसी न किसी गुण के अभाव में ही अक्सर पुराने समय से जमे हुए बिजनेस भी नए लोग fail करवा बैठते हैं। […]

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बिजनेस में उतरने से पहले सीख लें यह  3 गुण

पुरखों की पूँजी लगाकर खुद का बिजनेस खोल लेना कभी मुश्किल नहीं रहा। मुश्किल रहा है तो इसे निभाना, उसे आगे बढ़ाना और उसे ऊँचाइयों पर ले जाना। इसके लिए जरूरी है कि आपमें बिजनेस पर्सन्स के लिए जरूरी माने जाने वाले कुछ ख़ास गुण हों। इनमें से किसी न किसी गुण के अभाव में ही अक्सर पुराने समय से जमे हुए बिजनेस भी नए लोग fail करवा बैठते हैं। यदि आप बिजनेस में आना चाह रहे हैं, तो सबसे पहले खुद में ये गुण विकसित कीजिये। इनके बिना आप एंटरप्रेन्योरशिप में आगे नहीं बढ़ सकते।

सफल उद्यमी बनने से पहले खुद में खोजिये ये तीन गुण

करते हैं होमवर्क

बिजनेस के लिए आईडिया तो कोई भी ला सकता है, लेकिन पूरे यकीन के साथ उसके सफलता के बारे में हर कोई नहीं कह पाता। आपमें यह यकीन होमवर्क से ही आ पाना संभव है इसलिए अवसरों की Study कीजिये।

आता है टीमवर्क

आप भले ही अब तक बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताएं जीतते आये हों लेकिन अगर टीम के रूप में काम करना, लोगों को अपने साथ लेकर चलना, उनके ideas सुनना नहीं आता तो सफलता की संभावना बहुत ही कम है।

हारता नहीं मन

बिजनेस में लम्बी पारी खेलने के लिए उतरने से पहले यह समझ लें कि इसमें कदम-कदम पर विफलता से सामना होगा। यदि हर छोटी हार को दिल पर लगा लेते हैं तो इस फील्ड में न ही आयें । हार में भी जीत तलाशने वाले ही इस फील्ड में उतरें।

धन्यवाद

 

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पैसा बनाने के लिए जरूरी हैं ये 7 कदम https://www.hamarisafalta.com/2017/06/these-steps-are-necessary-to-make-money-%e0%a4%aa%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%95%e0%a5%87.html https://www.hamarisafalta.com/2017/06/these-steps-are-necessary-to-make-money-%e0%a4%aa%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%95%e0%a5%87.html?noamp=mobile#respond Thu, 01 Jun 2017 05:15:36 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1069 पैसा बनाने के लिए उठाने होंगे  ये कदम अगर आप हमेशा के लिए वित्तीय रूप से समर्थ और मजबूत बनना चाहते हैं तो आपको कुछ ख़ास तरीकों से कमाई को मैनेज करना सीखना होगा । किसी भी काम को शुरू करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत पड़ती ही है । बिना फंड्स के आप अपने आईडिया पर काम शुरू कर ही नहीं सकते । आज के युवाओं के पास अपने Start up के लिए फंड जुटाने […]

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पैसा बनाने के लिए उठाने होंगे  ये कदम

अगर आप हमेशा के लिए वित्तीय रूप से समर्थ और मजबूत बनना चाहते हैं तो आपको कुछ ख़ास तरीकों से कमाई को मैनेज करना सीखना होगा ।

किसी भी काम को शुरू करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत पड़ती ही है । बिना फंड्स के आप अपने आईडिया पर काम शुरू कर ही नहीं सकते । आज के युवाओं के पास अपने Start up के लिए फंड जुटाने के कई विकल्प रहते हैं । इन Options के माध्यम से वह अपने बिजनेस को शुरू कर लेते हैं और पैसा भी कमाने लगते हैं लेकिन कई बार उन्हें यह नहीं पता होता कि वह ऐसा क्या करें कि उनके पास हमेशा ही पैसा आता रहे और कभी पैसे की कमी न हो । जैसे-जैसे बिजनेस बढ़ता है, वैसे ही उसके खर्चे भी बढ़ते हैं । जब खर्चे बढ़ते हैं तो पैसा बनाना और बचाना दोनों ही काफी मुश्किल हो जाता है । ऐसी स्थिति में अपने खुद के लिए पैसा बना पाना आसान नहीं रहता और कई बार कमाया और बचाया हुआ पैसा भी खर्च हो जाता है ।

हांलाकि, पैसा बनाने के लिए अपनी खर्च की आदतों पर लगाम लगाना सीखना होता है ताकि हमेशा सकारात्मक स्थिति में बिजनेस चलायें न कि कर्ज में डूब जाएँ । अगर आप अपने लिए सच्ची दौलत कमाना चाहते हैं, तो आपको सकारात्मक वित्तीय आदतें स्थापित करने के लिए ये कदम उठाने ही होंगे –

नुकसान में काम न करें

पैसा बनाने के दौरान अधिकतर एंटरप्रेन्योर्स जो गलती करते हैं वह होती है, कमाई से ज्यादा खर्च करना । अक्सर लोग जितना कमाते हैं, उससे ज्यादा खर्च कर देते हैं । हो सकता है कि यह सुनने में हास्यास्पद लगे लेकिन यही सच है । पैसा बनाने का एक सबसे आसान तरीका यही है कि आप जितना कमा रहे हैं, उससे कम खर्च करें । हांलाकि अधिकतर लोग यही चूक कर बैठते हैं और क्रेडिट कार्ड्स के भरोसे खर्च करते रहते हैं । वह सोचते हैं कि भविष्य में ज्यादा पैसा कमा लेंगे और उससे सब बराबर हो जाएगा लेकिन वास्तव में जब ऐसा होता है और ऐसे लोग ज्यादा पैसे कमाने लगते हैं , तो वह खर्च भी ज्यादा करते हैं इससे उनके खर्च की बुरी आदत बनी रहती है और वह नुकसान में भी काम चलाते रहते हैं ।

खुद पर टैक्स लगायें

सोचें कि सरकार अचानक ही टैक्स बढ़ा दे और आपको हर महीने 1000 रूपये ज्यादा का टैक्स भरना पड़े तो आप कैसे न कैसे करके वह टैक्स भरेंगे । आप किसी भी तरह से इन 1000 रूपयों का इंतजाम हर महीने करेंगे लेकिन जब पैसा बचाने की बात आएगी, तब आप हर महीने Sav।ng के लिए निकालने की बात पर अकसर बहाने बनाते नजर आयेंगे या अगले महीने पर टालते नजर आयेंगे ।

ऐसे में एक आटोमेटिक बैंक ट्रांसफर सेट करें, जिससे जब भी आपका पेमेंट आये उसमें से कुछ हिस्सा आपके सेविंग्स अकाउंट में चला जाए । आप यह मानकर चलें कि वह पैसा है ही नहीं और उसे कुछ समय के लिए भूल जायें । कुछ साल बाद आप खुद का शुक्रिया करेंगे ।

जिम्मेदार लोगों को साथ रखें

अगर आप वाकई अपने लिए पैसा बनाना और बचाना चाहते हैं, तो आपको ऐसे लोगों के साथ रहना चाहिए जो वित्तीय रूप से जिम्मेदार हों । यह ऐसे लोग होते हैं और आप उनसे सीख सकते हैं । आप अपने किसी फैमिली फ्रेंड को इसके लिए चुन सकते हैं जो खुद वित्तीय सफलता हासिल कर चूका हो और वह इस प्रक्रिया के दौरान मेंटर बनाकर आपको गाईड कर सके ।

स्टॉक मार्केट से न खेलें

जब तक कि आपका जॉब एक ट्रेडर न हो, तब तक आप अपना स्टॉक मार्केट में न लगायें । यह न सोचें कि आप स्टॉक मार्केट से ज्यादा स्मार्ट हैं । अगर आप यह सोचते हैं कि जिस काम में कुछ लोग अपना पूरा करियर बनाते हैं, उसे आप यूँही आसानी से कर लेंगे, तो आप गलत सोचते हैं । यह आपके लिए जुआ खेलने जैसा हो सकता है । इसके बजाय आप अपने पैसे को इन्वेस्ट कर सकते हैं । आप पैसे को निवेश करने में किसी वित्तीय सलाहकार की मदद भी ले सकते हैं ।

क्रेडिट कार्ड्स का बिल दें

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने बड़े उद्यमी हैं, अगर आप क्रडिट कार्ड के बिल का भुगतान करने के लिए कमाई के किसी विश्वसनीय साधन के बिना क्रडिट कार्ड्स बढ़ाते जाते हैं, तो आप लापरवाह हैं । आपको चाहिए कि आप अपने वित्तीय निर्णय हमेशा अपनी वर्तमान कमाई के आधार पर लें न कि भविष्य में होने वाली कमाई के आधार पर । अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आप भविष्य में निश्चित ही खुद को कर्जे व ब्याज में डूबा हुआ पायेंगे ।

वित्तीय लक्ष्य तय करें

जब आपके पास कोई लक्ष्य होता है, तो आप पैसे को लेकर जिम्मेदार होते हैं लेकिन जब आपके पास कोई लक्ष्य नहीं होता, तो आप बिना सोचे समझे अपना पैसा आसानी से खर्च कर देते हैं ।

इसलिए हर साल की शुरूआत में ही अपने लिए एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित कर लें और उसके बाद उसे 3 महीने के क्वार्ट्स में बाँट लें ताकि आप हर क्वार्टर में अपनी बढ़त चेक कर सकें । छोटे लक्ष्यों के बाद ही आप बड़ा लक्ष्य पा सकेंगे ।

50-30-20 नियम अपनाएँ

कई वित्तीय विशेषज्ञ, युवा एंटरप्रेन्योर्स को 50-30-20 का नियम फॉलो करने की सलाह देते हैं । इस नियम के अनुसार आपको अपनी कमाई का 50 प्रतिशत हिस्सा अपनी जरूरतों जैसे घर, कार पेमेंट्स, खाना आदि पर खर्च करना चाहिए, 30 प्रतिशत हिस्सा अपनी इच्छाओं जैसे कपड़े, घूमना. अच्छे डिनर आदि पर खर्च करना चाहिए और बचा हुआ 20 प्रतिशत हिस्सा आपको बचाकर रखना चाहिए । खासकर जब आप युवा होते हैं तब आप 70-20-10 नियम अपनाने के करीब होते हैं जो कि बहुत हद तक आपका पैसा आपके बैंक से खाली करने का काम करता है ।

आपका लक्ष्य 50-30-20 नियम को हासिल करने का होना चाहिए, तभी आप सही मायनों में एक सफल एंटरप्रेन्योर बन पायेंगे ।

धन्यवाद!

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इन सवालों के जवाब आपको बनायेंगे सफल

बिजनेस में सफलता पाना हर किसी का सपना होता है । हर कोई अपनी मेहनत के जरिये सफल होना चाहता है । हालाँकि इस सफलता को पाने के लिए आप लाखों जतन करते हैं लेकिन क्या आप कभी खुद से सवाल करते हैं । सफलता पाने के लिए खुद से सवाल पूछना जरूरी होता है ।

कम्पनी को आगे लाने के लिए आप दिन-रात मेहनत करते हैं । आखिर हर किसी का सपना होता है कि वह अपने बिजनेस को टॉप पर पहुंचाए । हांलाकि, इस प्रक्रिया में कभी-कभी आपको खुद से कुछ सवाल पूछने होते हैं । ये वह सवाल होते हैं जिनके जवाब अगर आप ढूंढ लेते हैं तो सफलता आपसे ज्यादा दूर नहीं रह पाती । ये सवाल आपको खुद से रूबरू कराते हैं और खुद को ढूंढने में मदद करते हैं । जब आप खुद से इन सवालों के जवाब जानते हैं तो आप इन जवाबों को जीना शुरू कर देते हैं सफलता के रास्ते आपके लिए खुल जाते हैं ।

जानिये आपको खुद से कौन-से सवाल करने हैं-

दूसरों के लिए आप कौन हैं ?

अधिकतर लोग हमेशा यही सोचने में व्यस्त रहते हैं कि दुसरे लोग उनके लिए कौन और कैसे हैं । हांलाकि क्या आपने कभी सोचा है कि आप दुसरे लोगों के लिए कौन हैं? आप हमेशा दूसरों के बारे में राय बनाते रहते हैं और उसी राय के अनुसार उनको परखते हैं लेकिन अगर आप वाकई में सफल होना चाहते हैं तो सबसे पहले खुद को परखिये । इस तरह से जब आप खुद की परख पर ध्यान देंगे तो ज्यादा महत्वपूर्ण और अर्थपूर्ण बातें समझ सकेंगे और खुद में व अनेक तरीकों में बदलाव ला सकेंगे ।

 

आप कितना सुनते हैं ?

आपको खुद से पूछना चाहिए कि आप दूसरों को कितने अच्छे से सुनते हैं ? जब तक आप दूसरों को बताने और बोलने का मौका नहीं देंगे, तब तक आप अच्छे और प्रभावी संचारक नहीं बन पायेंगे । अगर आप सिर्फ अपनी ही कहते रहेंगे और दूसरों को नहीं सुनेंगे तो आप किसी को सही सलाह नहीं दे सकेंगे और न ही किसी की मदद कर सकेंगे क्योंकि आपको पता ही नहीं होगा कि वह असल में क्या चाहता है । सफल होने के लिए एक अच्छा वक्ता होने के साथ एक अच्छा श्रोता होना भी जरूरी है ।

 

किसकी सराहना करें ?

आपकी Life में अच्छे और बुरे दोनों तरह के लोग होते हैं । आपको दोनों ही तरह के लोगों की सराहना करना सीखना चाहिए । अच्छे लोग तो आपको सिखाते ही हैं लेकिन कभी-कभी लोगों के साथ आपके बुरे अनुभव भी आपको अनोखी सीख देकर जाते हैं । इससे आप सीखते हैं कि आपको किसके साथ काम करना है और किसके साथ नहीं । इससे आप मुसीबतों से लड़ना भी सीखते हैं । इसलिए मुसीबत के समय में और लोगों के बुरे बर्ताव पर भी आपको खुद को सकारात्मक रखना आना चाहिए ।

 

कैसे योगदान दे सकते हैं ?

दूसरों की सफलता में अपना योगदान देने की कोशिश करें । बजाय यह सोचने के कि आपको क्या मिल रहा है और क्या नहीं, अगर आप इस बात पर ध्यान देंगे कि आप अपनी ज़िन्दगी में, करियर में, खुशियों में और अपने स्टाफ़ की सफलता में कैसे योगदान दे सकते हैं, तो ज्यादा अच्छा होगा । आप दूसरों की ज़िन्दगी में कुछ बेहतर करके और उन्हें सफल बनाकर खुद को ज्यादा सफल बना सकते हैं ।

 

खुद बेहतर कैसे बनें ?

हमेशा बदलाव की कोशिश न करें, खुद को बेहतर बनाना भी सीखें । जब भी बदलाव की जरूरत होती है, तब आप सोचते हैं कि कुछ चीजें गलत हैं या आप ज्यादा अच्छे नहीं हैं । ऐसे में आपको खुद को बदलने की बजाय सिर्फ खुद को बेहतर बनाने की जरूरत होती है । आप अपने लिए थोड़ा-सा समय निकालकर भी खुद को बेहतर बना सकते हैं जो आपको सफलता दिलाने में मददगार साबित होगा ।

 

धन्यवाद !

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पैसा कमाना है तो इन आदतों से बचिए

आजकल हर व्यक्ति अमीर बनना चाहता है और पैसा कमाना चाहता है । अगर आप भी एक सफल Entrepreneur बनकर पैसा कमाना चाहते हैं तो सिर्फ कड़ी मेहनत करने और अच्छी आदतें अपनाने से ही बात नहीं बनेगी । इसके साथ-साथ आपको खुद को कुछ गलत आदतों से भी बचाना होगा । यह वह आदतें हैं जो आपको कभी सफल नहीं होने देंगी और न ही आपके पास पैसा टिकने देंगी । अगर आप इन आदतों को समय पर नहीं छोड़ेंगे तो आप कितनी भी मेहनत क्यों न कर लें, कभी पैसा नहीं बना पायेंगे । अगर पैसा कमा भी लेंगे तो इन आदतों की वजह से उसे हमेशा के लिए अपने पास नहीं रख पायेंगे । याद रखिये कि अमीर बनने के लिए सिर्फ कठिन परिश्रम और बचत से ही काम नहीं चलता इसके लिए आपको खुद को इन आदतों से बचाना होता है –

स्मार्ट वर्क न करना 

आप अगर सिर्फ मेहनत कर रहे हैं तो आप अमीर नहीं बन सकते । क्योंकि ऐसा करके आप पैसा जरूर बना सकते हैं लेकिन बचा नहीं सकते । अगर आपको वाकई पैसा कमाना है और अमीर बनना है तो आपको हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क भी करना होगा । स्मार्ट वर्क की मदद से आप पैसे का सही इस्तेमाल कर पायेंगे जिससे आपके बिजनेस को सफलता हासिल होगी ।

निवेश नहीं करना 

जरूरत पड़ने पर आपके पास पर्याप्त से ज्यादा पैसे हों, यह आप उचित निवेश के जरिये सुनिश्चित कर सकते हैं । अगर आप पैसा कमा रहे हैं लेकिन उसका सही निवेश नहीं  कर रहे हैं तो पैसे कमाने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि हो सकता है कि जरूरत के समय आपके पास पैसे हो ही नहीं.. अमीर बनने के लिए अपनी कमाई को invest जरूर करें ।

सिर्फ बचत पर जोर देना 

सिर्फ बचत पर ध्यान देने से भी आप पैसा नहीं कमा सकते । सफल होने और धनवान होने के लिए आपको पैसा कमाने या पैसा बचाने के साथ ही अपनी कमाई बढ़ाने पर भी जोर देना होगा । अमीर और सफल लोग अपनी कमाई के कई स्रोत पैदा कर लेते हैं और कुशलता के साथ बचत का आदत भी डाल लेते हैं । आपको भी कुछ ऐसा ही करना होगा लेकिन साथ ही पैसा कमाने पर भी ध्यान देना होगा । इनके बाद ही वाकई आप सफल होंगे ।

हमेशा महँगी चीज लेना

जब आप अपनी क्षमता से अधिक खर्च करेंगे या अपने सामर्थ्य से अधिक महँगी चीज खरीदेंगे तो आप कभी अमीर नहीं बन पायेंगे । अगर आपकी कमाई बढ़ भी रही हो तब भी आपको तुरंत अपने खर्चे नहीं बढ़ा लेना चाहिए । ऐसा करने से आप अपनी कमाई को सही ढंग से इस्तेमाल कर पायेंगे और सही ढंग से अपने कमाए हुए पैसे की बचत कर सकेंगे । आपको कमाए हुए पैसे की अहमियत समझनी चाहिए और उसे व्यर्थ नहीं करना चाहिए इसलिए अपनी क्षमता और कमाई के अनुसार ही अपने खर्च रखें उन्हें बेवजह ही बढ़ाएं नहीं ।

कंफर्ट से बाहर न आना 

अधिकतर लोग इसलिए भी धनवान नहीं बन पाते क्योंकि वह कभी अपने कंफर्ट जोन से बाहर आने की कोशिश नहीं करते या यूँ कह लें कि वह अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना ही नहीं चाहते । वह कभी रिस्क लेकर कुछ नया करने की कोशिश नहीं करते और जो कर रहे हैं उसी में खुश रहते हैं । उनको अपनी आराम की ज़िन्दगी ही पसंद होती है । सामान्य लोग अनिश्चितता से डरते हैं जबकि सफल और अमीर लोगों को अनिश्चितता में ही ख़ुशी मिलती है क्योंकि वह निडर होते हैं । आप भी अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर जरूर देखें ।

फीलिंग्स में न बह जाएँ

अधिकतर लोग पैसा आते ही उसे अपने खर्च करने में लग जाते हैं, और ज्यादातर यह फीलिंग्स के कारण होता है । लोग पैसों को अपनी गर्ल फ्रेंड को तौफ़ा देकर, वाइफ के लिए सरप्राईज लाकर या अपने पेरेंट्स को ख़ुशी के मौके पर बड़े महंगे दाम के तौफे देकर खर्च कर देते हैं । हांलाकि इससे सामने वाले को ख़ुशी जरूरी मिलती है लेकिन आपकी कमाई का ज्यादातर हिस्सा इसी में खाली हो जाता है और आपके हाथ कुछ नहीं बचता । इसीलिए फीलिंग्स में न बह जाएँ, पैसे की अहमियत को समझें । आप अपने चाहने वालों के लिए कुछ बड़ा कर सकते हैं लेकिन पैसे आते ही खर्च कर देना समझदारी नहीं होगी ।

धन्यवाद !

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बच्चे बिगड़ैल क्यों बनते हैं? What Makes a Child Delinquent? | Hindi https://www.hamarisafalta.com/2017/05/what-makes-a-child-delinquent-in-hindi-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%97%e0%a5%9c%e0%a4%a4%e0%a5%87-%e0%a4%b9.html https://www.hamarisafalta.com/2017/05/what-makes-a-child-delinquent-in-hindi-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%97%e0%a5%9c%e0%a4%a4%e0%a5%87-%e0%a4%b9.html?noamp=mobile#respond Tue, 16 May 2017 11:30:34 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1053 प्रिय नागरिकों, तुम अपने बच्चों की देखभाल में इतना कम ध्यान क्यों देते हो, और दौलत पाने के लिए पत्थरों को तराशने में इतना ज्यादा समय क्यों देते हो, जबकि एक दिन यह सब बच्चों के लिए ही छोड़ जाना है…                         –सुकरात. यह पोस्ट “शिव खेड़ा जी की किताब You can win के हिंदी अनुवाद जीत आपकी” से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने बताया है कि आखिर एक बच्चा […]

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प्रिय नागरिकों, तुम अपने बच्चों की देखभाल में इतना कम ध्यान क्यों देते हो, और दौलत पाने के लिए पत्थरों को तराशने में इतना ज्यादा समय क्यों देते हो, जबकि एक दिन यह सब बच्चों के लिए ही छोड़ जाना है…

                        –सुकरात.

यह पोस्ट “शिव खेड़ा जी की किताब You can win के हिंदी अनुवाद जीत आपकी” से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने बताया है कि आखिर एक बच्चा बिगड़ैल क्यों बनता है.

आइये जानते हैं कि बच्चे बिगड़ैल क्यों बनते हैं –

  • उसे बताइए कि हर चीज की एक कीमत होती है. लिहाज़ा वह एक दिन अपनी ईमानदारी बेच देगा…
  • उसे किसी भी बात पर दृढ न रहने की शिक्षा दीजिये. लिहाज़ा वह हर चीज पर फैसला करेगा…
  • उसे सिखाइए कि ज़िन्दगी में कामयाबी ही सब कुछ है; लिहाज़ा वह हर तिड़कम करके कामयाब होने की कोशिश करेगा…
  • उसे बचपन से ही वह सब कुछ दीजिये, जिसकी उसे चाहत है; लिहाज़ा वह इस सोच के साथ बड़ा होगा कि उसकी ज़िन्दगी की जरूरतें पूरी करना दुनिया की ज़िम्मेदारी है और उसके सामने हर चीज़ तश्तरी में परोस कर पेश कर दी जाएगी…
  • जब वह गंदे लफ़्ज़ों का इस्तेमाल करे, तो उस पर हँसिए. इससे वह खुद को चतुर समझने लगेगा…
  • उसे नैतिकता सिखाने की बजाए, उसके 21 साल होने का इंतजार कीजिये, ताकि वह अपने बारे में ख़ुद फ़ैसला कर सके…
  • उसे सही दिशा का ज्ञान कराये बिना चुनाव करने की आज़ादी दीजिये. उसे यह कभी न सिखाइए कि हर चुनाव का एक नतीज़ा भी होता है…
  • उसे उसकी गलतियों के बारे में यह सोचकर कभी कुछ न बताइए कि इससे उसके मन में कुंठा (complex) पैदा हो जाएगी. लिहाज़ा कोई गलत काम करते हुए पकड़े जाने पर वह यह मानेगा कि समाज उसके खिलाफ़ है…
  • उसके आसपास बिखरी हुई हर चीज़, जैसे कि किताबें, जूते, कपड़े वगैरह खुद उठाइए. उसका हर काम खुद कीजिये. नतीजा यह होगा कि उसे अपनी सारी ज़िम्मेदारियाँ दूसरों के कन्धों पर डालने की आदत हो जाएगी…
  • वह जो भी चीजें देखना सुनना चाहे, उसे देखने और सुनने की आज़ादी दीजिये. उसके शरीर में जाने वाली खुशबु पर तो ध्यान दीजिये, पर उसके मस्तिष्क में कूड़ा जाने दीजिये…
  • दोस्तों के बीच लोकप्रिय होने के लिए उसे कुछ भी करने दीजिये…
  • उसके मौजूदगी में अकसर झगडिये. लिहाज़ा घर टूटने पर उसे कोई भी अचरज नहीं होगा…
  • वह जितना पैसा मांगे, उसे दीजिये. उसे पैसे की कीमत कभी न समझाइए. इस बात का पूरा ध्यान रखिये कि उसे वैसी दिक्कतों का सामना कभी न करना पड़े, जिनका सामना हमको करना पड़ा था…
  • खाने, पीने और ऐशोआराम की सारी शारीरिक जरूरतों को यह सोचकर फ़ौरन पूरा कीजिये कि चीज़ें न मिलने पर वह हताश होगा…
  • पड़ोसियों और अध्यापकों के सामने यह सोचकर हमेशा उसका पक्ष लीजिये कि हमारे बच्चे के लिए उनके मन में मैल है…
  • जब वह किसी असली मुसीबत में फँसे, तो यह कहकर हाथ झाड़ लीजिये, “मैंने अपनी ओर से पूरी कोशिश की, पर उसके लिए कुछ न कर सका…”
  • उसे यह सोचकर किसी बात पर मत टोकिये कि अनुशासन से आज़ादी छिन जाती है…
  • उसे आज़ादी का पाठ पढ़ाने के लिए माँ-बाप की तरह सीधा नियन्त्रण रखने की बजाय उस पर दूर से नियन्त्रण रखिये…
  • उसे हर एक चीज़ करने की छुट दीजिये और उसकी गलतियों को नजरअंदाज करते चलिए…

 

 Parenting के लिए एक Short Moral Hindi Story

एक डकैती के मुलज़िम को सजा देते समय जज ने उससे पूछा कि क्या उसे कुछ कहना है? उस आदमी ने जवाब दिया, “जी हुजुर. मेहरबानी करके मेरे माँ-बाप को भी सज़ा दीजिये…”

जज ने पूछा, “क्यों?”

कैदी ने जवाब दिया, “जब मैं छोटा बच्चा था, तो मैंने स्कूल से पेन्सिल चुराई. मेरे माँ-बाप ने यह जानने के बावजूद मुझे कुछ नहीं कहा. उसके बाद मैंने एक पेन चुराई. उन्होंने उस वाकये को भी जान बुझकर नज़रअंदाज़ कर दिया. उसके बाद मैं स्कूल और पड़ोसियों के घरों से एक के बाद एक चीजें चुराता रहा और यही चोरी एक दिन मेरी आदत बन गयी…

मेरे माँ-बाप को ये सारी बातें मालूम थीं, पर उन्होंने मुझे एक शब्द भी नहीं कहा, इसलिए मेरे साथ उन्हें भी जेल जाना चाहिए…”

Friends, वह कैदी सही कह रहा था.. हाँलाकि इन बातों से वह अपनी जिम्मेदारियों से बरी नहीं होता, पर सवाल यह पैदा होता है कि क्या माँ-बाप ने सही काम किया ? जाहिर है कि ‘नहीं..’

दोस्तों Parenting एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है, और बच्चों के बिगड़ने में माँ-बाप का ही अहम रोल होता है.. और यह भी शत प्रतिशत सच है कि बच्चों के बनने में भी माँ-बाप का ही अहम रोल रहता है.. अब यह Parents की ज़िम्मेदारी है कि वह इसके लिए कौन-सा रोल निभाना चाहेंगे…

  बच्चे वही सीखते हैं जो जीते हैं

अगर बच्चा आलोचना के माहौल में रहता है तो वह निंदा करना सीखते है.

अगर बच्चा प्रशंसा के माहौल में रहता है तो तारीफ करना सीखता है.

अगर बच्चा लड़ने के माहौल में रहता है तो झगड़ना सीखता है.

अगर बच्चा सहनशीलता के माहौल में रहता है तो धैर्य सीखता है.

अगर बच्चा बेहुदे और खिल्ली उड़ाने वाले माहौल में रहता है तो वह संकोच करना सीखता है.

अगर बच्चा प्रोत्साहन वाले माहौल में रहता है तो आत्मविश्वास सीखता है.

अगर बच्चा शर्मिंदगी के माहौल में रहता है तो वह ख़ुद को दोषी मानना सीखता है.

अगर बच्चा समर्थन वाले माहौल में रहता है तो वह खुद को पसंद करना सीखता है.

अगर बच्चा न्यायसंगत माहौल में रहता है तो इन्साफ करना सीखता है.

अगर बच्चा सुरक्षा के माहौल में रहता है तो वह भरोसा करना सीखता है.

अगर बच्चा सहमति और दोस्ती के माहौल में रहता है तो वह दुनिया में प्यार ढूंढ लेना सीखता है…

 

Thanks!

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इन 5 बातों को कहने से बचिए Success Tips in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2017/05/success-tips-in-hindi-%e0%a4%87%e0%a4%a8-5-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%87%e0%a4%82.html https://www.hamarisafalta.com/2017/05/success-tips-in-hindi-%e0%a4%87%e0%a4%a8-5-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%87%e0%a4%82.html?noamp=mobile#respond Tue, 09 May 2017 03:44:04 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1038 पावरफुल लोग हमेशा कुछ ख़ास बातों को कहने से बचते हैं.. आइये आप भी जानिये इन बातों को.. यह असम्भव है पावरफुल व्यक्ति किसी भी काम को कभी असंभव नहीं मानता. वह आगे बढ़ने के लिए सच्चे दिल से प्रयास करता है और मुश्किल काम को भी संभव करके दिखाता है. वह हर काम के बारे में यही कहता है कि मैं इसे कर सकता हूँ.. इससे लोगों के बीच में सन्देश जाता है कि वह पावरफुल है और कुछ […]

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पावरफुल लोग हमेशा कुछ ख़ास बातों को कहने से बचते हैं.. आइये आप भी जानिये इन बातों को..

यह असम्भव है

पावरफुल व्यक्ति किसी भी काम को कभी असंभव नहीं मानता. वह आगे बढ़ने के लिए सच्चे दिल से प्रयास करता है और मुश्किल काम को भी संभव करके दिखाता है. वह हर काम के बारे में यही कहता है कि मैं इसे कर सकता हूँ.. इससे लोगों के बीच में सन्देश जाता है कि वह पावरफुल है और कुछ भी कर सकता है..

 

मैं अकेला काम करता हूँ

पावरफुल लोग इस बात को समझते और जानते हैं कि इस दुनिया में हर एक चीज आपस में जुडी हुई है. और अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता.  वे दूसरों के साथ मिलकर काम करते हैं और अपने काम को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं.

 

यह समस्या मेरी नहीं है

ज्यादातर लोग स्वकेंद्रित होते हैं और किसी भी तरह की समस्या आने पर खुद का बचाव करने लगते हैं लेकिन पावरफुल लोग जिम्मेदारी लेते हैं और सबकी मदद करने के लिए तैयार रहते हैं..और  इसी के कारण लोग उनके साथ जुड़ते चले जाते हैं..

 

सच कहूँ तो

इस तरह के वाक्यांश यह दर्शाते हैं कि आप झूठ भी बोल सकते हैं.. पावरफुल आदमी जानता है कि उसके शब्दों पर हर समय गौर किया जाता है इसलिए वह कभी जाहिर नहीं करता कि वह झूठ बोल सकता है..इससे लोगों का विश्वास उस पर बना रहता है. पावरफुल लोग कभी भी किसी बात को मनवाने के लिए कोई शर्त नहीं रखते ..

 

इसमें मैं क्या कर सकता हूँ

कमजोर लोग ही इस तरह के वाक्यों का उपयोग करते हैं.. पावरफुल लोग बदलाव के लिए कोशिश करते हैं. वे कठिन परिस्थितियां देखकर घबराते नहीं हैं. वे दूसरों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. और किसी काम से कन्नी नहीं काटते.. वे कभी अपनी सीमा तय नहीं करते..

धन्यवाद !

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इन 11 सलाह से बदलेगी जिन्दगी | Life Changing Hindi Article https://www.hamarisafalta.com/2017/05/life-will-change-with-this-advice-best-inspirational-hindi-post-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%95-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html https://www.hamarisafalta.com/2017/05/life-will-change-with-this-advice-best-inspirational-hindi-post-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%95-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html?noamp=mobile#respond Mon, 08 May 2017 05:41:48 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1023 सही सलाह आपकी life change कर सकती है, अगर आप अपने करियर में सफल होना चाहते हैं तो आज ही अपनाएं इन life changing Advice को.   बड़े लक्ष्य निर्धारित कीजिये इंडिया गेम्स डॉट कॉम के संस्थापक विशाल गोंडाल कहते हैं कि लाइफ में सक्सेसफुल बनने के लिए आपकी सोच बड़ी होनी चाहिए और आपके लक्ष्य ऊँचे होने चाहिए. आप जो कर सकते हैं उससे कम कतई मत कीजिये. जब आप बड़ा सोचने लगते हैं तो कामयाबी के ज्यादा निकट […]

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सही सलाह आपकी life change कर सकती है, अगर आप अपने करियर में सफल होना चाहते हैं तो आज ही अपनाएं इन life changing Advice को.

 

बड़े लक्ष्य निर्धारित कीजिये

इंडिया गेम्स डॉट कॉम के संस्थापक विशाल गोंडाल कहते हैं कि लाइफ में सक्सेसफुल बनने के लिए आपकी सोच बड़ी होनी चाहिए और आपके लक्ष्य ऊँचे होने चाहिए. आप जो कर सकते हैं उससे कम कतई मत कीजिये. जब आप बड़ा सोचने लगते हैं तो कामयाबी के ज्यादा निकट होते हैं.. इसलिए जितना बड़ा सोच सकते हैं उतना बड़ा सोचिये और उसे पाने के लिए सब कुछ एक कर दीजिए.

                                                    -विशाल गोंडाल

                                                 इंडिया गेम्स डॉट कॉम के संस्थापक

 

चीजों को सरल बनाये रखिये

कैविन मित्तल जो हाइक के संस्थापक हैं वे कहते हैं कि सबसे मुश्किल चीज है – चीजों को सरल बनाये रखना. आपको पता होना चाहिए कि आपको किस प्रोब्लम को सॉल्व करना है. अगर आप गलत चीजों में उलझे रहेंगे तो मूल लक्ष्य कभी पहचान ही नहीं पायेंगे.. इसलिए चीजों को सरल बनाइए.

                                                   -कैविन मित्तल

                                                  हाइक के संस्थापक  

 

विफलताओं से न घबराएँ

आपने जो चीज तैयार की है उससे कभी भी भावात्मक रूप से न जुड़ें.. अगर आप fail हो जाते हैं तो तुरंत नया लक्ष्य बना सकते हैं .. Ibibo पहले सोशल मीडिया कम्पनी थी लेकिन अब Ibibo भारत में सबसे बड़ी ऑनलाइन travel कम्पनी बन चुकी है. इसलिए विफल हो जाएँ पर प्रयास करना न छोड़ें..

आशीष कश्यप

आईबीबो ग्रुप के संस्थापक

 

परफेक्शन का इंतजार न करें

आपको कभी भी नई शुरुआत के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए.. परफेक्ट प्रोडक्ट का इंतजार करने की बजाय आपको अपने काम में लगे रहना चाहिए.. इससे चीजें धीरे-धीरे साकार होने लगती हैं और आपको अपने काम में सफलता मिल जाती है.

संजय मेहता

                                                   सोशल वेबलेंथ के सह-संस्थापक

 

कम चीजों पर फोकस कीजिये

बिजनेस में सफल होने के लिए खुद को कुछ ख़ास चीजों पर ही फोकस करना चाहिए .. इससे आप बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं और आपके ऊपर किसी भी तरह का कोई दबाव नही होता.. एक बार आप सफल होने के बाद अपना दायरा बढ़ा सकते हैं.. यदि आप एक बार में ज्यादा चीजों पर फोकस करेंगे तो शायद आप उलझ सकते हैं..

राजिव श्रीवास्तव

                                                  अरबन लेडर डॉट कॉम के सह-संस्थापक

 

बड़ा उद्देश्य होना चाहिए

स्नेपडील डॉट कॉम के सह-संस्थापक कुणाल बहल कहते हैं, जीवन और बिजनेस में सफलता प्राप्त करने के लिए आपके पास एक बड़ा उद्देश्य होना चाहिए. यह उद्देश्य आपको जीवन में आगे बढाता है .. उद्देश्य होने पर इंसान अपने प्रयत्नों को सही दिशा दे पाता है. और इसके अभाव में आप कहीं भी नहीं पहुँच सकते..

कुणाल बहल

                                                स्नेपडील डॉट कॉम के सह-संस्थापक

 

अमल करना है सबसे महत्वपूर्ण

फ़ूड पांडा डॉट इन के सह-संस्थापक रोहित चड्ढा का कहना है कि जरूर नहीं आपके पास कोई नया आईडिया हो.. आप किसी पुराने आईडिया को भी नए तरह से पेश कर सकते हैं. जल्दी शुरुआत करने की बजाय चीजों को बेस्ट तरीके से पूरा करने वाला असली विजेता होता है..

रोहित चड्ढा

फ़ूड पांडा डॉट इन के सह-संस्थापक

 

सही लोगों का साथ जरूरी है

अमित रंजन कहते हैं अगर आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको टैलेंट की खोज में लगे रहना चाहिए.. शुरुआत में लोग आपके साथ काम करना पसंद नहीं करेंगे पर आपको लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करनी होगी तभी आप इंडस्ट्री में सफल हो पाएंगे..

अमित रंजन

                                                                                                   स्लाइड शेयर डॉट कॉम के सह-संस्थापक

 

समस्याएं सुलझाने वाले प्रोडक्ट्स बनाएं

जब आप सही दिशा में कदम बढाते हैं तो शानदार चीजें घटित होती हैं.. बतौर Entrepreneur आपको ऐसे प्रोडक्ट्स बनाने चाहिए जो लोगों की प्रोब्लम्स सोल्व कर सके. इसके लिए आपके पास एक विज़न होना चाहिए.. तभी आप कुछ बड़ा कर सकते हैं ..

अद्वितीय शर्मा

                                                हाउसिंग डॉट कॉम के सह-संस्थापक

 

पैशन से मिल सकती है बड़ी मदद

कुछ करने के लिए काफी धैर्य होना जरूरी है.. सफलता धीरे-धीरे मिलती है .. आप बिजनेस के हर एक पहलु पर  कभी भी पूरी तरह से कण्ट्रोल नही रख सकते पर आपका काम ही आपका पैशन है यदि आप इस सोच के साथ आगे बढ़ते हैं तो चीजें काफी आसान हो जाती हैं..

संदीप शर्मा

                                              येपमी डॉट कॉम के सह-संस्थापक

 

अपने काम से प्यार कीजिये

सफलता के लिए अपने काम से प्यार करना बहुत ही जरूरी है.. जब हमने कम्पनी शुरू की थी तो किसी को हम पर भरोसा नहीं था.. लेकिन हम अपने काम से प्यार करते थे.. इसलिए हमने अपने लक्ष्य हासिल करके दिखाए.. आज हर कोई हमारी मिसाल देता है..

लेई जेन

श्याओमी के संस्थापक

 

 

धन्यवाद !

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सफल होना चाहते हैं! तो इनसे बचकर रहिये https://www.hamarisafalta.com/2017/05/best-success-tips-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html https://www.hamarisafalta.com/2017/05/best-success-tips-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ab%e0%a4%b2%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html?noamp=mobile#respond Wed, 03 May 2017 04:17:59 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=1019 Best Success Tips in Hindi यदि आप सफल होना चाहते हैं तो उन तरीकों के बारे में जानिये जिन्हें सफल लोग कभी नहीं करते.. किसी को बीच में मत टोकिये – यदि आप सचमुच सफलता की सीढियाँ चढ़ना चाहते हैं लोगों को बीच में टोकना बंद कर दीजिये. जाहिर सी बात है लोगों को बीच में टोकने पर वे बुरा मान जाते हैं इसलिए हर एक व्यक्ति की बातें पहले ध्यान से सुनिए. सफल लोगों को पता होता है कि […]

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Best Success Tips in Hindi

यदि आप सफल होना चाहते हैं तो उन तरीकों के बारे में जानिये जिन्हें सफल लोग कभी नहीं करते..

  • किसी को बीच में मत टोकिये – यदि आप सचमुच सफलता की सीढियाँ चढ़ना चाहते हैं लोगों को बीच में टोकना बंद कर दीजिये. जाहिर सी बात है लोगों को बीच में टोकने पर वे बुरा मान जाते हैं इसलिए हर एक व्यक्ति की बातें पहले ध्यान से सुनिए. सफल लोगों को पता होता है कि सामने वाला क्या सोचता है.. इसीलिए वे अपनी बात रखने की बजाय दूसरों की सुनते हैं ताकि पता लगे कि वे क्या सोचते हैं.. इसलिए अधिक बोलने की बजाय अधिक सुनने पर फोकस कीजिये.
  • देर से शुरुआत मत कीजिये – सफल लोग काम को कल पर नहीं टालते, वे जल्दी उठकर अपने जरूरी काम को निपटाते हैं. उसके बाद पूरे दिन की प्लानिंग करते हैं और वे कभी किसी मीटिंग में देरी से नहीं पहुँचते. इसलिए जो जरूरी काम है, जिसे करना अनिवार्य है उसे कभी भी कल पर टालकर अपने सिर का बोझ न बनने दें. उसे जल्दी से जल्दी ख़त्म कर आगे के काम का प्लान बनाइए.
  • गॉसिप से बचिए – जो व्यक्ति आपके सामने दूसरों के बारे में गॉसिप करेगा जाहिर है वह दूसरों के सामने आपके बारे में भी गॉसिप करेगा. सफल लोग खुलकर बातें करते हैं और वे दूसरों की चर्चा में अपना कीमती समय बर्बाद नहीं करते.. इसलिए अपने समय का एक-एक सेकंड आप अच्छे से इस्तेमाल कीजिये बेकार की गॉसिप से किसी को कुछ नहीं मिलने वाला..
  • सख्ती से मना करना सीखिये – सफल लोग जानते हैं कि किसी काम के लिए मना किस तरह से किया जाता है, वे हर बात में हाँ कहकर खुद को फँसाते नहीं हैं… वे समझते हैं कि उनकी जरूरतें क्या हैं और इसीलिए वे फालतू की जिम्मेदारियों का बोझ नहीं उठाते.. इसलिए आप भी किसी को घुमाने की बजाय सख्ती से मना करना सीखिये..
  • भूतकाल के लिए खुद को कोशते मत रहें – हर इंसान से उसके Past में गलतियाँ होती हैं, लेकिन उन गलतियों को पकड़कर ही बैठे रहना समझदारी नहीं है.. सफल लोग अपने अतीत की गलतियों से सीख लेते हैं.. वे अपने अतीत की गलतियों से खुद को Define नहीं करते बल्कि उन गलतियों को एक बुरा अनुभव मानकर अपनी लाइफ में एक और अच्छी सीख को शामिल करते हैं..
  • समय की कमी का रोना मत रोयें – हम सबके पास 24 घंटे ही हैं, सभी को बराबर समय ही मिला है.. यह हमारे ऊपर है कि हम इसका कैसे इस्तेमाल करते हैं.. हम चाहें तो इसे दिन रात सोते हुए बिता दें या चाहे तो दिन रात कुछ ऐसा करें कि इतिहास के पन्नों में हमारा नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाए…
  • बनावटी न बनें – सफल व्यक्ति हमेशा दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं लेकिन इसके लिए वे दिखावा नहीं करते.. वे जैसे हैं वैसे ही बने रहते हैं.. वे कभी बनावटी नहीं बनते… आप बनावटी बनकर दूसरों को धोखा दे सकते हैं लेकिन खुद से कब तक भागा जा सकता है..

 

Best Success Tips in Hindi इससे सम्बन्धित बहुत सारी  पोस्ट जल्दी ही साईट पर प्रकाशित की जाएगी

धन्यवाद!

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समय खरीदना सीखें Time Management Tips in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2017/03/%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%af-%e0%a4%96%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%a6%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%96%e0%a5%87%e0%a4%82-time-management-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2017/03/%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%af-%e0%a4%96%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%a6%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%96%e0%a5%87%e0%a4%82-time-management-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 16 Mar 2017 06:17:32 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=951 आपके लिए कौन-सी चीज सबसे ज्यादा Important है: आपका समय या फिर आपका पैसा? आपके समय और आपके पैसे में आप सबसे ज्यादा किसे बचाने की कोशिश करते हैं ? आप पैसेंजर ट्रेन से Travel करना पसंद करते हैं या फिर सुपरफास्ट एक्सप्रेस से? ये कुछ ऐसे छोटे प्रश्न हैं जिनका उत्तर मैं आपसे जानना चाहूँगा! देखिये, ज्यादातर रिटायर्ड लोग पैसेंजर से यात्रा करना ही पसंद करते हैं क्योंकि उसमें ट्रेवल करने पर खर्च कम आता है.. लेकिन पैसेंजर ट्रेन […]

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आपके लिए कौन-सी चीज सबसे ज्यादा Important है: आपका समय या फिर आपका पैसा?

आपके समय और आपके पैसे में आप सबसे ज्यादा किसे बचाने की कोशिश करते हैं ?

आप पैसेंजर ट्रेन से Travel करना पसंद करते हैं या फिर सुपरफास्ट एक्सप्रेस से?

ये कुछ ऐसे छोटे प्रश्न हैं जिनका उत्तर मैं आपसे जानना चाहूँगा!

देखिये, ज्यादातर रिटायर्ड लोग पैसेंजर से यात्रा करना ही पसंद करते हैं क्योंकि उसमें ट्रेवल करने पर खर्च कम आता है.. लेकिन पैसेंजर ट्रेन से सफ़र करने में समय बहुत ज्यादा लगता है..

चूँकि रिटायर्ड लोगों के पास समय की कोई कमी नहीं रहती, उनके पास ज्यादातर समय ही समय रहता है इसीलिए वे पैसेंजर से यात्रा करना पसंद करते हैं..

और

दूसरी तरफ यदि देखा जाए तो जो लोग ज्यादा व्यस्त होते हैं, Busy होते हैं वे सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं.. क्योंकि व्यस्त लोगों के पास समय की कमी होती है, वे ज्यादा से ज्यादा समय का सदुपयोग करना चाहते हैं..

जो बहुत ही ज्यादा व्यस्त होते हैं वे लोग हवाई जहाज से यात्रा करते हैं, क्योंकि उनका टाइम और भी ज्यादा कीमती होता है..

सार बात में कहा जाए तो जिस व्यक्ति का समय कीमती होता है वह उसे बचाने के लिए उतने ही ज्यादा पैसे खर्च करने को तैयार रहता है..

मेरे बहुत से दोस्त ऐसे हैं जो समय बचाने की जगह पैसे बचाने की ज्यादा कोशिश करते हैं, वैसे मैं भी दूध का धुला नहीं था लेकिन अब मुझे समय के महत्व के बारे में अच्छे से पता चल चूका है..

आज मैं समझ चूका हूँ कि जो लोग Time को ज्यादा Important देते हैं, वे अपना समय बचाने की बहुत ही ज्यादा कोशिश करते हैं, indirect रूप से कहा जाए तो वे समय को खरीद लेते हैं..

जरूर पढ़ें:- Time Management और ‘समय’ पर 37 प्रेरक कथन

 

एक इंच सोने से भी एक इंच समय नहीं ख़रीदा जा सकता..

                                                  -चीनी सूक्ति

ऊपर लिखे चीनी सूक्ति में कहा गया है कि समय को नहीं ख़रीदा जा सकता है लेकिन यकीन मानिए आप समय खरीद सकते हैं..

छोटे-बड़े कम्पनियों के मालिक यही काम तो करते हैं.. कम्पनी का मालिक अपना कोई उत्पाद नहीं बनाता, उसकी मार्केटिंग खुद नहीं करता, न ही अपना सामान बेचने जाता है लेकिन सबसे ज्यादा प्रॉफिट उसी का ही होता है..

 

आखिर कम्पनी का मालिक ऐसा क्या करता है कि उसे मुनाफा सबसे ज्यादा होता है?

कम्पनी का मालिक अपने कर्मचारियों से अपना मनचाहा काम करवाता है, यदि इसी बात को दूसरे शब्दों में कहा जाए तो आप कह सकते हैं कि “कम्पनी का मालिक दुसरे लोगों का समय खरीद लेता है”

यदि आप भी समय बचाना चाहते हैं तो समय खरीदना सीखें

एक पुरानी कहावत है – ‘समय ही धन है..’ लेकिन अगर आप इसे उलट देते हैं तो आपको एक मूल्यवान सत्य का पता चलता है – ‘धन ही समय है…’

                                                                                     -जार्ज राबर्ट गिसिंग 

इस टॉपिक को समझने के लिए एक छोटा-सा उदाहरण देखते हैं,

यदि आपके एक घंटे का मूल्य 100 रूपये है तो इसी आधार पर आप समय खरीदने का एक अच्छा निर्णय ले सकते हैं..

आपको अपने घर का बिजली का बिल जमा करना है, जिसके लिए आने जाने से लेकर लाइन में खड़े होने तक आपको डेढ़ से दो घंटों को समय लग सकता है.. अब यदि कोई एजेंट सिर्फ 20 रूपये लेकर यह काम करने को तैयार है, तो आपको वाकई क्या करना चाहिए..

अगर आपके लिए डेढ़ घंटों का मूल्य है- 150 रूपये है, इसलिए अगर कोई वह काम सिर्फ 20 रूपये में करने को तैयार है, तो आपको ख़ुशी-ख़ुशी हाँ कर देना चाहिए , क्योंकि आपका समय इससे बहुत ही ज्यादा कीमती है..

इस तरह पैसे देकर समय खरीदना सीखें .. यह सिद्धान्त बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है और बड़ी-बड़ी कम्पनियां यही काम करती हैं, और इसका फायदा उठाती हैं.

जरूर पढ़ें:- सफलता के लिए स्वामी विवेकानन्द के 12 अग्निमन्त्र

उन्नीसवीं सदी के एक मशहूर प्रकृति-विज्ञानी लुइस अगासी को नियमित रूप से भाषण देने के लिए बुलाया जाता था.. एक बार वे कोई महत्वपूर्ण काम करने में व्यस्त थे, जिसकी वजह से उनके पास भाषण देने के लिए समय नहीं था.. ऐसे में उन्हें एक आयोजक के द्वारा भाषण देने के लिए जब आमंत्रित किया गया तो उन्होंने इसके लिए साफ़ इंकार कर दिया.  आयोजक ने इस पर जोर देते हुए कहा कि वे भाषण के बदले पैसे भी खर्च करने को तैयार हैं.. यह सुनते ही अगासी आग-बबूला हो गये और आयोजक से बोले- “पैसे का लालच मुझे डिगा नही सकता.. मैं पैसे कमाने के लिए अपना समय बर्बाद नहीं कर सकता..”

 

आत्मनिर्भर लोगों को समय खरीदने के बड़ी ही दिक्कत आती है क्योंकि वे हर काम खुद करना चाहते हैं, कंजूस लोगों को भी इसमें समस्या आती है, वे पैसे बचाने के चक्कर में खुद ही सारा काम करना चाहते हैं, चाहे वो छोटे से छोटा काम ही क्यों न हो.. और भले ही इस चक्कर में उनके बड़े और ज्यादा महत्वपूर्ण काम न हो पायें..

 

इसका एक बड़ा ही रोचक उदाहरण आप नीचे देख सकते हैं

क्या आपने कभी एक चीज नोटिस की है कि साड़ी की दूकान पर पुरूष मोल-भाव क्यों नहीं करते और महिलाएं घंटों तक मोलभाव क्यों करतीं हैं?

वैसे तो इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन जो सबसे प्रमुख कारण है वह है- समय..

अमुमन पुरुषों के पास समय की ज्यादा कमी होती है जबकि महिलाएं तुलनात्मक रूप से ज्यादा फुरसत में होती हैं…

अब यदि फिर से हम समय का हिसाब लगायें तो देखते हैं हमें क्या रिजल्ट नजर आता है

यदि हमारे एक घंटे का मूल्य 100 रूपये है और यदि एक घंटे के मोलभाव में हम दुकानदार से 30रूपये कम करवाने में कामयाब हो जाते हैं तो दरअसल फिर भी आप घाटे में रहते हैं .. वास्तव में आपको 30 रूपये का फायदा नहीं हुआ, बल्कि 70 रूपये का नुकसान हुआ है..

 

समय धन से अधिक मूल्यवान है आप अधिक धन तो पा सकते हैं लेकिन अधिक समय कभी भी नहीं पा सकते..

                                  -जिम रान

 

 

दोस्तों समय प्रबन्धन से सम्बन्धित यह पोस्ट Time Management Book से Inspire है जिसके लेखक डॉ. सुधीर दीक्षित जी हैं..

धन्यवाद !

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Ola Cabs Founder भाविश अग्रवाल की सफलता की कहानी https://www.hamarisafalta.com/2017/03/ola-cabs-founder-bhavish-aggarwal-biography-success-story-in-hindi-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%85%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2.html https://www.hamarisafalta.com/2017/03/ola-cabs-founder-bhavish-aggarwal-biography-success-story-in-hindi-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b6-%e0%a4%85%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2.html?noamp=mobile#respond Wed, 01 Mar 2017 05:53:11 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=934               Ola Cab के भाविश  अग्रवाल जी का परिचय        पूरा नाम भाविश  अग्रवाल (Bhavish Aggarwal)         जन्म August 28, 1985 (28 अगस्त 1985)        जन्म स्थान  Ludhiana, Punjab (लुधियाना, पंजाब)        कम्पनी Ola (ओला)         पोस्ट CEO (Chief Executive Officer)       कम्पनी की शुरूआत December 03, 2010 (3 दिसम्बर 2010)  Ola Cabs Founder Bhavish Aggarwal Success Story Biography in Hindi नमस्कार दोस्तों, आज  HamariSafalta.com पर हम भारत के Youngest Entrepreneur भाविश  अग्रवाल जी के बारे में आप सभी को बताने […]

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              Ola Cab के भाविश  अग्रवाल जी का परिचय

       पूरा नाम भाविश  अग्रवाल (Bhavish Aggarwal)         जन्म August 28, 1985 (28 अगस्त 1985)        जन्म स्थान  Ludhiana, Punjab (लुधियाना, पंजाब)        कम्पनी Ola (ओला)         पोस्ट CEO (Chief Executive Officer)       कम्पनी की शुरूआत December 03, 2010 (3 दिसम्बर 2010)

 Ola Cabs Founder Bhavish Aggarwal Success Story Biography in Hindi

नमस्कार दोस्तों, आज  HamariSafalta.com पर हम भारत के Youngest Entrepreneur भाविश  अग्रवाल जी के बारे में आप सभी को बताने वाले हैं जिनकी अलग सोच ने न सिर्फ उन्हें करोड़पति बनाया बल्कि लाखों लोगों के लिए Travel की एक बड़ी problem को दूर किया है…

Indian Institute of Technology Bombay से IIT Passout भाविश, Microsoft Company में काम करते थे. लेकिन वो कौन-सा बड़ा कारण था जिसके चलते उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी को अलविदा कहा और खुद की एक करोड़ों की कम्पनी खड़ी कर दी..

आइये जानते हैं Ola Cab Company के फाउंडर भाविश अग्रवाल जी के बारे में जिनकी Cab Service 70 से भी ज्यादा शहरों में है लेकिन उन्होंने खुद के लिए कोई कार नहीं खरीदी..

भाविश अग्रवाल के बारे में संक्षिप्त परिचय (Bhavish Aggarwal Introduction in Hindi) – भाविश अग्रवाल जी का जन्म 25 अगस्त 1985 को पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ था, श्री नरेश कुमार अग्रवाल उनके पिता और श्रीमती उषा अग्रवाल उनकी माता हैं…  भाविश ने मुबई के Indian Institute of Technology से कंप्यूटर साइंस में बीटेक  इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और Microsoft company में रिसर्च करते हुए जॉब करने लगे.. रिसर्च के दौरान ही उन्हें इसके लिए दो पेटेंट भी प्राप्त हो चुके थे लेकिन वे अपनी इस 9 से 5 की सुरक्षित नौकरी से जरा भी खुश नही थे क्योंकि उनके अन्दर खुद के लिए काम करने का जूनून पैदा हो गया था..  वे एक Entrepreneur बनना चाहते थे लेकिन एक सुरक्षित जॉब ने उन्हें रोका हुआ था साथ ही वे एक सोसायटी में हो रही छोटी-मोटी प्रोब्लम को लेकर ऑप्शन देख रहे थे कि भविष्य में समाज की समस्याओं को लेकर कुछ करना चाहिए..

 

कैसे आया अपनी खुद की कम्पनी शुरू करने का ख़याल :– इस बारे में भाविश स्वयं बताते हैं कि उनकी कम्पनी ola (ओला) की शुरुआत उनके खुद के किये गये एक ट्रेवल से शुरू हुई थी.. जिसका अनुभव बहुत ही बुरा था.. एक बार उन्होंने बेंगलुरु से बांदीपुर की यात्रा के लिए एक कार बुक की थी, जिनकी सर्विस बहुत ही ज्यादा खराब थी. जब वे बेंगलुरु से बांदीपुर की यात्रा पर निकले तो आधे रास्ते में ही ड्राईवर ने उनसे पैसे मांगने शुरू कर दिए, और ड्राईवर का बर्ताव, उसके बात करने का तरीका भी सही नहीं था.. उसके बुरे व्यवहार से परेशान होकर रास्ते में ही उन्हें गाड़ी से उतरना पड़ा और बाकी की यात्रा बस से करनी पड़ी..

जब वे बस में थे और आगे का सफ़र तय कर रहे थे तब बार-बार उनके दिमाग में यही बात चल रही थी कि उनके साथ ऐसा क्यों हुआ! और वे बार-बार यही सोच रहे थे, साथ ही साथ उन्हें यह सोच भी खाए जा रही थी कि ऐसे बहुत से लोग भी होंगे जिन्हें अच्छी कार सर्विस नहीं मिल रही होगी और उनके साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा होगा.. तभी उन्हें लगा कि उनके जैसे ही बाकी कस्टमर्स एक अच्छी कैब सर्विस की तलाश कर रहे होंगे जो उन्हें क्वालिटी सर्विस प्रदान कर सके क्योंकि ज्यादातर यात्रियों का अनुभव बहुत ख़राब ही रहता है इसी सोच को लेकर कि वे इस फील्ड में कुछ बड़ा करेंगे उन्होंगे ओला कैब कम्पनी शुरू करने का सोचा…

 

क्यों इतनी चर्चा में है ओला और क्या है ख़ास:–  भाविश, सफ़र के दौरान समझ चुके थे कि कम दाम में एक अच्छा सर्विस देने से ही इस कम्पनी को बड़े लेवल पर रन किया जा सकता है इसलिए उन्होंने कुछ ऐसा सोचा जो कस्टमर्स को इससे अच्छा और कोई न दे सके…

10 रूपये से 17 रूपये प्रति किलोमीटर की दर से ओला अपनी बेहतरीन सर्विस देती है और आज 70 से भी ज्यादा शहरों में 1.50 लाख लोग प्रतिदिन उनकी इस सर्विस का लाभ ले रहे हैं..

 

भाविश ने अभी तक नहीं खरीदी खुद के लिए कार :- Bhavish Aggarwal (भाविश अग्रवाल) और उनकी पत्नी Rajalakshmi Aggarwal (राजलक्ष्मी अग्रवाल) ने एक फैसला लिया है कि वे कभी भी खुद की कार नहीं खरीदेंगे और वे हमेशा OLA Service का ही उपयोग करेंगे.. एक अलग सोच से ही आदमी कामयाब बनता है इसका जीता जागता उदाहरण भाविश स्वयं है…

 

Technology और इंटरनेट ने बिजनेस को बढ़ाने में की मदद:चूँकि भाविश पहले से ही आईटी फील्ड से थे इसलिए उन्होंने अपना बिजनेस मॉडल इस तरह से तैयार किया था कि कस्टमर को कार बुक करने के लिए या पेमेंट के लिए उनके ऑफिस न आना पड़े.. हांलाकि शुरुआत में ही ऐसा नही हुआ..

कैब सर्विस और तकनीकी का कॉम्बिनेशन बहुत ही बढ़िया रहा, क्योंकि इसके ऐप को इस तरह से बनाया गया था जिससे कस्टमर को अपने सुविधा की साड़ी जानकारी मिल सके .. वे ऑनलाइन ही बुकिंग कर सकें, रेटिंग और रिव्यू देख सकें और अपने फोन के माध्यम से ही क्वालिटी की पूरी चेकिंग कर सकें…

भाविश जैसे ही हटकर सोचने वाले उनके दोस्त अंकित भाटी (Ankit Bhati) नवम्बर 2010 में कम्पनी में शामिल हुए.. उन्होंने भी उसी कॉलेज से आइआइटी और एम् टेक की डिग्री प्राप्त की थी.. दोनों ने कम्पनी साथ-साथ रन करने का सोचा और आगे बढ़ते गये..

Ola पर Parents का क्या रिएक्शन रहा:– किसी भी बड़े कम्पनी का Startup छोटे से ही शुरू होता है.. जब कम्पनी शुरुआत करने की सोची तो दोस्त लोगों का मजाक उड़ाना स्वाभाविक है लेकिन जब आपके काम को पेरेंट्स भी न समझें तो दिक्कत महसूस होती है लेकिन जब काम बढ़ने लगे और पैसे आने लगे तो सबका दिमाग क्लियर होते जाता है..

शुरुआत में माँ-पापा को लग रहा था कि इतना पढ़ने और नौकरी छोड़ने के बाद कोई ट्रेवल एजेंट बनने का सोच रहा है लेकिन उनको उस वक्त समझा पाना मुश्किल होता है क्योंकि कुछ हटकर करने से सभी लोगों की तरह घरवाले भी आपको पागल समझ सकते हैं और इसमें उनकी कोई गलती भी नहीं है लेकिन जैसे-जैसे पैसे आने लगे तो उनको भाविश के स्टार्टअप पर विश्वास होने लगा, और वे समझने लगे कि लड़का आगे जरूर कुछ बड़ा करेगा…

 

कस्टमर विश्वसनीयता के लिए करनी पड़ती है ज्यादा मेहनत:आज हर कस्टमर को अच्छी सर्विस चाहिए, वो यदि कम पैसे भी खर्च करें लेकिन फिर भी उन्हें अपने कम पैसों से भी ज्यादा अच्छी सर्विस चाहिए.. चूँकि वे अपने पुराने बुरे अनुभवों और दुसरे कैब सर्विस के हालात से समझ चुके थे कि कस्टमर की संतुष्टि कितनी ज्यादा जरूरी है इसके लिए उन्होंने सभी ड्राइवर्स को कस्टमर्स सेवा का ट्रेनिंग दिलवाया और उन्हीं ड्राइवर्स को रखा जिनका रिकॉर्ड साफ़ है..

 

70 से भी ज्यादा शहर 100 करोड़ से ज्यादा की आय:- आज भारत के सबसे बड़ी कम्पनी ओला देश में बहुत ही तेजी से बढ़ रही कैब एवं ऑटो बुकिंग सर्विस देने वाली कम्पनी बन चुकी है..

ओला का स्मार्टफोन ऐप, कैब बुकिंग के लिए सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला ऐप है.. बिजनेस के स्तर को जब आप देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि ओला ने महज तीन साल में ही एक अरब भारतीय रूपये का आंकड़ा पार किया है और आज की तारीख में यदि हम देखें तो इस कम्पनी ने 100 भी ज्यादा शहरों में अपना परचम लहराया है..

मसलन लग्जरी ट्रैवल्स के लिए ओला प्राइम (टोयोटो इन्नोवा), इटिओट), इकोनॉमिक महिला यात्रियों के लिए महिला ड्राइवर की ओला पिंक ट्रैवलिंग के लिए ओला मिनी (टाटा इंडिका), और सबसे सस्ती ओला ऑटो और कम्फर्टेबल ट्रैवलिंग के लिए ओला सेडान (टोयोटा) ….ये सभी गाड़ियाँ आज एक 1.50 लाख लोग प्रतिदिन 10 से 17 रूपये प्रति किलोमीटर की दर से यात्रा के लिए ओला की सहायता से इन सबका उपयोग करते हैं …

भाविश अग्रवाल कहते हैं कि सपने तो हर कोई देखता है, लेकिन कुछ ही लोग जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते हैं.. जब आप जोखिम उठाने के लिए आगे बढ़ते हैं तो कई लोग कई सलाह भी देंगे.. पर याद रखिये सपने उन्हीं के सच होते हैं जो सुनते सबकी हैं पर करते मन की हैं…

                                                                                               Thanks!

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दुनिया के आठ सबसे अमीर लोगों से लें सबक https://www.hamarisafalta.com/2017/02/lesson-from-the-worlds-richest-people-in-hindi-%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a5%80%e0%a4%b0.html https://www.hamarisafalta.com/2017/02/lesson-from-the-worlds-richest-people-in-hindi-%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a5%80%e0%a4%b0.html?noamp=mobile#respond Mon, 27 Feb 2017 06:28:26 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=915 बिल गेट्स , सह-संस्थापक, माइक्रोसॉफ्ट कुल सम्पत्ति- $ 75 बिलियन (लगभग 5,11,125 करोड़ रूपये) हमेशा एक लक्ष्य पर फोकस करें , आपका हर एक काम बन जाएगा सबक:– बिल गेट्स हमेशा एक क्लियर लक्ष्य सेट करने में विश्वास करते हैं, और उसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं.. वह लक्ष्य का पीछा करने के लिए सही तरीकों की खोज करते हैं. उनके अन्दर सही लक्ष्य को पहचानने और उसके लिए ज्यादा प्रयास करने की काबिलियत मौजूद है… आपको […]

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बिल गेट्स , सह-संस्थापक, माइक्रोसॉफ्ट

कुल सम्पत्ति- $ 75 बिलियन (लगभग 5,11,125 करोड़ रूपये)

हमेशा एक लक्ष्य पर फोकस करें , आपका हर एक काम बन जाएगा

सबक:– बिल गेट्स हमेशा एक क्लियर लक्ष्य सेट करने में विश्वास करते हैं, और उसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं.. वह लक्ष्य का पीछा करने के लिए सही तरीकों की खोज करते हैं. उनके अन्दर सही लक्ष्य को पहचानने और उसके लिए ज्यादा प्रयास करने की काबिलियत मौजूद है… आपको भी एक समय में एक लक्ष्य लेकर ही मेहनत करनी चाहिए जिससे आप जरूर सफलता प्राप्त करेंगे…

जरूर पढ़ें- हार को जीत में बदलने के 5 सिद्धांत Success Tips in Hindi

 

अमानसिया आर्टेगा , संस्थापक, जारा (इन्डिटेक्स)

कुल सम्पत्ति- $ 67 बिलियन (लगभग 4,56,605 करोड़ रूपये)

कभी भी संतुष्ट मत होना, हमेशा ज्यादा के लिए प्रयास करना

सबक:– आर्टेगा का मानना है कि खुद से संतुष्ट हो जाना सबसे बुरी चीज है.. उन्होंने एक बार कहा था – “बढ़ो या खत्म हो जाओ” उनके पास जो कुछ है, वह उससे कभी संतुष्ट नहीं होते और हमेशा इनोवेशन या अचीवमेंट के लिए प्रयास करते हैं.. उनकी तरह आपको भी आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रयास करते रहना चाहिए…

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वॉरेन बफेट , CEO बर्कशायर हेथवे

कुल सम्पत्ति- $ 60.8 बिलियन (लगभग 4,14,352 करोड़ रूपये)

अपने फील्ड के मास्टर बनेंगे तो लाइफ में हमेशा जीत मिलेगी

सबक:– वॉरेन बफेट की वैल्यू इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी को लोग पुराने जमाने की रणनीति कहते हैं, क्योंकि इसमें काफी सालों में जाकर ही कुछ मिल पाता है… लेकिन बावजूद इसके बफेट कभी रुकते नहीं. वे अपनी अप्रोच पर पूरा भरोसा करते हैं.. यही एक बड़ी वजह है कि वे दुनिया के सबसे सफल वैल्यू इन्वेस्टर हैं.. उन्होंने हमेशा यही सन्देश देना चाहा है- “आप अपने फील्ड के मास्टर बनें”

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कार्लोस स्लिम , मालिक, ग्रुपो कार्सो

कुल सम्पत्ति- $ 50 बिलियन (लगभग 3,40,750 करोड़ रूपये)

मितव्ययी बनोगे तो कमाल कर सकते हो

सबक:– पूरी दुनिया कार्लोस स्लिम को मितव्ययी बिलेनियर मानती है.. वह साधारण से मकान में रहते हैं और अपनी गाड़ियाँ खुद ही ड्राइव करते हैं.. वे अपनी आय को खुद पर खर्च करने की बजाए दुबारा उसे अपने बिजनेस में लगा देते हैं… वह अन्य लोगों के बारे में ज्यादा सोचना पसंद करते हैं.  वे कहते हैं कि सम्पत्ति एक बाग़ की तरह होती है, इसे आपको दुबारा निवेश करना होता है और बढ़ाना होता है .. उनकी सोच पूरी दुनिया से अलग है, वह मितव्ययी रहकर भी अपने सपनों को साकार कर रहे हैं … उनकी तरह आपको भी अपने विचारों की कद्र करनी चाहिए…

जरूर पढ़ें –How to Start a Startup Business in Hindi- 3 Principles

 

जेफ बेजोस, संस्थापक amazon.कॉम

कुल सम्पत्ति- $ 42.2 बिलियन (लगभग 3,08,038 करोड़ रूपये)

फेलियर के डर के बिना इनोवेशन पर ध्यान दो

सबक:– बेजोस का मानना है कि लोगों के अन्दर फेल होने का साहस होना चाहिए.. वे फेल होने की चिंता किये बगैर प्रयोग करते हैं.. वह हर फेलियर को डाटा इकट्ठा करने का मौका मानते हैं और क्षणिक सफलता को दिमाग पर हावी नहीं होने देते…

जो व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास करता है, वह जरूर सफल होता है लेकिन बड़ी दुःख की बात यह है कि ज्यादातर लोग मंजिल के करीब पहुंचकर प्रयास करना बंद कर देते हैं…

जरूर पढ़ें- कैसे पायें परीक्षा में 100% सफलता

 

मार्क जुकरबर्ग , सह-संस्थापक, फेसबुक

कुल सम्पत्ति- $ 44.6 बिलियन (लगभग 3,03,949 करोड़ रूपये)

हर जगह तुरंत ढल जाओ, हर चीज पर कंट्रोल मत करो

सबक:– जब जुकरबर्ग की आलोचना की जाती है, तो वह तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं और स्थिति के मुताबिक बदल जाते हैं.. फेसबुक में ढेर सारे बदलाव बिना उनके प्रभाव के हुए हैं… उन्होंने कम्पनी को यूजर इंटरेक्शन के आधार पर तैयार किया है.. वह तेजी से बदलाव में विश्वास करते हैं.. यही कारण है कि फेसबुक में तेजी से बदलाव होते रहते हैं… इनमें निरंतर सुधार होता रहता है .. आपको भी हर परिस्थिति में खुद को सेट करने का प्रयास करना चाहिए..

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लॉरेन्स एलिसन , सह-संस्थापक, ऑरेकल कॉर्पोरेशन

कुल सम्पत्ति- $ 43.6 बिलियन (लगभग 2,97,134 करोड़ रूपये)

रिस्क लेने से घबराना छोड़ें, बदलेगी जिंदगी

सबक:– आपको अपने लाइफ में सक्सेस बिना रिस्क के नहीं मिलती है.. ज्यादातर लोग कुछ भी शुरू करने में फेल हो जाते हैं, क्योंकि वे समय पर रिस्क नहीं ले पाते … जो लोग जीवन में रिस्क लेते हैं, वे सफल होते हैं… रिस्क लेने से न डरें क्योंकि आप फेल भी हुए तो एक सबक जरूर मिलेगी… और वो सबक बहुत काम की होती है जिसे आप पैसों से या दूसरों के अनुभवों से हासिल नहीं कर सकते…

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माइकल ब्लूमबर्ग , संस्थापक, ब्लूमबर्ग एलपी

कुल सम्पत्ति- $ 40 बिलियन (लगभग 2,72,600 करोड़ रूपये)

पूरी तैयारी के साथ उतरें और आत्मविश्वास दिखाएँ

सबक:– जब भी ब्लूमबर्ग में किसी तरह की परेशानी आई तो माइकल ने आत्मविश्वास दिखाया और तैयारी के साथ मैदान में उतरे.. उनके अंदर अपने आसपास के लोगों में आत्मविश्वास पैदा करने की काबिलियत है.. वह चुनौतीपूर्ण स्थितियों में दूसरों की प्रतिक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं..

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इन 8 टिप्स से दें अपने बिजनेस को बढ़ावा https://www.hamarisafalta.com/2017/02/8-tips-to-boost-your-business-in-hindi-inspirational-hindi-post-on-business.html https://www.hamarisafalta.com/2017/02/8-tips-to-boost-your-business-in-hindi-inspirational-hindi-post-on-business.html?noamp=mobile#respond Sun, 12 Feb 2017 05:18:23 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=891 आपका बिजनेस चाहे किसी भी क्षेत्र से जुड़ा हुआ क्यों न हो, आपकी तरफ से उठाये गये कुछ आसान कदम आपके बिजनेस को बढ़ावा देने में कारगर साबित हो सकते हैं… आपकी ओर से अपने फील्ड में की गयी रिसर्च, आपके प्रोडक्ट में लायी गयी थोड़ी-सी बेहतरी और अपने कस्टमर केयर में की गयी थोड़ी-सी मेहनत आपके बिजनेस को एक मजबूत आधार और व्यापक प्रसार देने में अहम भूमिका निभाएगी…   अपने बिजनेस को आगे बढाने के बारे में हर […]

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आपका बिजनेस चाहे किसी भी क्षेत्र से जुड़ा हुआ क्यों न हो, आपकी तरफ से उठाये गये कुछ आसान कदम आपके बिजनेस को बढ़ावा देने में कारगर साबित हो सकते हैं… आपकी ओर से अपने फील्ड में की गयी रिसर्च, आपके प्रोडक्ट में लायी गयी थोड़ी-सी बेहतरी और अपने कस्टमर केयर में की गयी थोड़ी-सी मेहनत आपके बिजनेस को एक मजबूत आधार और व्यापक प्रसार देने में अहम भूमिका निभाएगी…

 

अपने बिजनेस को आगे बढाने के बारे में हर व्यक्ति सोचता है, बहुत से लोगों का यह भी सोचना है कि मौजूदा बिजनेस को तभी व्यापक प्रसार दिया जा सकता है, जब उसमें ढेर सारा पैसा लगा दिया जाए… लेकिन यह सच नही है.. कुछ ऐसे तरीके भी हैं जिन पर खर्च तो ज्यादा नहीं आता लेकिन इन्हें अपनाकर आप अपने मौजूदा बिजनेस को काफी मजबूती और प्रसार दे सकते हैं. इनमें से अधिकतर तरीके ऐसे हैं, जो बिजनेस में, कामकाज के मौजूदा तरीके में सुधार करने से जुड़े हैं… बाकी के कुछ तरीकों में पैसा लगाने की जरूरत पड़ती है लेकिन उस खर्च पर भी समझदारी से नियन्त्रण रखा जा सकता है… इन तरीकों से आपको अपने फील्ड में मौजूद ऐसी संभावनाओं का तो पता चलता ही है, जिनका दोहन आपने अब तक नहीं किया है, साथ ही साथ उन सहयोगियों का भी पता चलता है, जिनके साथ एक मंच पर आने से आपका कस्टमर बेस बढ़ सकता है…

आपकी अच्छी ग्राहक सेवा और समय पर आपूर्ति में ज्यादा खर्च नही आता लेकिन ये दोनों ही आपके ग्राहकों में आपकी लोकप्रियता बढाने में सहायक साबित होते हैं, यदि आप भी अपने बिजनेस को बढ़ावा देना चाहते हैं लेकिन इस पर ज्यादा खर्च नहीं करना चाहते तो यहाँ बताये गये ख़ास टिप्स पर अमल करने की दिशा में कदम बढाइये… ये टिप्स आपके बिजनेस को अच्छी तरह स्थापित करने में और प्रसार करवाने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं…

तो आइये आप भी अपनाकर देखिये ये खास टिप्स और अपने बिजनेस को ऊँचाइयों तक लेकर जाइए

 

  1. गुणवत्ता में सुधार :– अपने बिजनेस को प्रसार देने के लिए जरूरी है कि लोगों को कुछ ऐसा प्रोडक्ट दिया जाए जो उन्हें कोई और न दे रहा हो… इसके लिए आपको अपने प्रोडक्ट की गुणवत्ता में लगातार सुधार करना होगा… उसमें नवीनतम फीचर्स का समावेश करें, जो कि उसे आधुनिक इस्तेमाल के लायक बनाते हों.. यकीन मानिए आपकी मेहनत बेकार नहीं जायेगी… बस आपको अपने कस्टमर्स को समझना होगा कि उन्हें क्या चाहिए!
  2. फील्ड में करें रिसर्च :– अपने बिजनेस को वे ही लोग सही दिशा में प्रसार दे पाते हैं, जो उससे जुडी हुई संभावनाओं के लिए लगातार तलाश करते रहते हैं.. आप जिस भी फील्ड में हैं, उससे जुड़े हुए अवसरों के बारे में रिसर्च करते रहें… क्योंकि इससे न सिर्फ प्रसार के विकल्पों, बल्कि सुधार की गुंजाइश का भी पता चलता रहेगा.. इसी रिसर्च के दम पर आप अपने फील्ड के प्रतियोगियों से आगे निकल सकते हैं…
  3. समय पर आपूर्ती :- बहुत से बिजनेस उत्पाद तो बहुत ही अच्छे बना लेते हैं लेकिन टाइम पर डिलीवरी (आपूर्ती) न होने के कारण ग्राहक उनसे छिटकते जाते हैं और ग्राहक अपनी नाराजगी उनके साथ शेयर करते हैं… इस स्थिति को आने देने से रोकने के लिए टाइम पर आपूर्ती पर जोर दें… निर्धारित या तय समय पर आपूर्ती करने वाले बिजनेस इसे अपनी युएसपी बताकर प्रचारित करते हैं… आप भी ऐसा कर सकते हैं…
  4. ढूंढिए अहम सहयोगी :- बहुत बार अपने बिजनेस को अकेले के दम पर आगे ले जाना संभव नहीं हो पाता .. इस स्थिति में आप अपने लिए अहम सहयोगी की तलाश कर सकते हैं.. यह सहयोगी किसी न किसी तरह आपके बिजनेस ही जुड़ा कोई बिजनेस पर्सन हो सकता है … दोनों का क्लाइंट बेस समान होने पर आप एक-दुसरे के सहयोगी बन सकते हैं और यह काफी मददगार साबित होगा…
  5. नए तरीके से प्रचार :– बिजनेस को प्रसारित करने के लिए उसे सही ढंग से प्रचारित करना भी बहुत ही जरूरी है.. प्रचार के लिए अपनी पारंपरिक तरीकों का ही इस्तेमाल न करते रहें या पारंपरिक तरीकों पर ही निर्भर न रहें, कुछ हटकर सोचें.. प्रचार के लिए नए-नए तरीके खोजने का प्रयास करें.. इससे आपका प्रचार विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल करने वाले लोगों के बीच तक हो सकेगा… आप अपनी वेबसाइट बनाकर या कोई वेब पेज बनाकर आपके बिजनेस को प्रचारित कर सकते हैं … इससे आप नज़रों में आयेंगे…
  6. खोलें साथी बिजनेस :-  अपने बिजनेस को प्रसार देने के लिए अपने मूल बिजनेस से जुड़ा ही कोई छोटा बिजनेस खोलने पर विचार किया जा सकता है… जैसे आपका कोई कपड़े का दुकान हो तो आप टेलरिंग सर्विस भी दे सकते हैं … इस तरह से एक ही कस्टमर बेस का इस्तेमाल आप दोनों बिजनेस में कर पायेंगे…इससे संभावनाएं बढ़ जाएँगी…
  7. बीच-बीच में स्पेशल ऑफर :- बिजनेस को प्रसारित करना तब आसान होता है जब आपके ग्राहक आपसे नियमित रूप से जुड़े हों… इस नियमित जुडाव के लिए ऐसे ऑफर लेकर आयें जो अगली खरीद को बढ़ावा देते हों… जैसे- आजकल कूपन कोड, पॉइंट जमा करना, या कस्टमर रिफर करने पर आकर्षक ऑफर ग्राहक को दिए जाते हैं.. ऐसे बीच-बीच में कई ऑफर लायें जो ग्राहक को आपसे जोड़कर रखेंगे…
  8. बेहतर कस्टमर केयर :- लोग उसी कम्पनी के साथ नियमित रूप से बिजनेस करना पसंद करते हैं जहाँ एक ग्राहक के तौर पर उन्हें महत्व दिया जाता हो … ग्राहकों की समस्या का समाधान न होने पर वे उस कम्पनी से दूरी बना लेते हैं… आप अपने कस्टमर केयर को हमेशा बेहतर बनाने में समय दें … इससे लोगों का जुडाव आपके साथ बढ़ेगा और अंत में आपका ही लाभ है…

 

दोस्तों, आपके बिजनेस को आगे ले जाने के लिए हमने यह पोस्ट आपके साथ शेयर की है, उम्मीद करते हैं कि यह पोस्ट आपको पसंद आई है और साथ ही आपको बताना चाहेंगे कि यह पोस्ट हमारे द्वारा नहीं लिखा गया है … यह लेख एक न्यूज पेपर से प्रेरित होकर ली गयी है..

 

धन्यवाद !

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Time Management और ‘समय’ पर 37 प्रेरक कथन https://www.hamarisafalta.com/2017/02/inspirational-quotes-on-time-management-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%af-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%a8.html https://www.hamarisafalta.com/2017/02/inspirational-quotes-on-time-management-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%af-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%a8.html?noamp=mobile#respond Thu, 02 Feb 2017 17:21:59 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=868 Hi Friends, कुछ दिनों से मैं Time Management पर बहुत ही Seriously work कर रहा हूँ… इससे सम्बन्धित कुछ किताबें भी पढ़ रहा हूँ.. अभी मेरे सामने  सुधीर दीक्षित द्वारा लिखी गयी किताब Time Management है जिसमें समय के सर्वश्रेष्ठ 30 सिद्धांत बताये गये हैं… इस किताब के हर एक चैप्टर में मुझे एक बेहतरीन Quote पढ़ने को मिला है और जिसने बहुत प्रभावित किया है… आइये आज Time Management या समय से सम्बन्धित, महान व्यक्तियों द्वारा कहे गये इन […]

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Hi Friends, कुछ दिनों से मैं Time Management पर बहुत ही Seriously work कर रहा हूँ… इससे सम्बन्धित कुछ किताबें भी पढ़ रहा हूँ.. अभी मेरे सामने  सुधीर दीक्षित द्वारा लिखी गयी किताब Time Management है जिसमें समय के सर्वश्रेष्ठ 30 सिद्धांत बताये गये हैं… इस किताब के हर एक चैप्टर में मुझे एक बेहतरीन Quote पढ़ने को मिला है और जिसने बहुत प्रभावित किया है… आइये आज Time Management या समय से सम्बन्धित, महान व्यक्तियों द्वारा कहे गये इन महान कथनों को पढ़ते हैं और अपने जीवन में समय की अहमियत को समझने का प्रयास करते हैं…

  1. आधुनिक औद्योगिक युग की सबसे प्रमुख मशीन भाप का इंजन नहीं, बल्कि घड़ी है…                                                                                                                 –लुइस ममफोर्ड
  1. खोई दौलत मेहनत से दोबारा हासिल की जा सकती है, खोया ज्ञान अध्ययन से, खोया स्वास्थ्य चिकित्सा या संयम से; लेकिन खोया समय हमेशा-हमेशा के लिए चला जाता है…                                                                                                         -सेम्युअल स्माइल्स
  1. जिन चीजों को मनुष्य खर्च कर सकता है, उनमें समय सबसे मूल्यवान है…                                                                                                                                        –थियोफ्रेस्टस
  1. घड़ी को न देखते रहें; वही करें जो यह करती है… चलते रहें …                                                                                                                                                –सेम्युअल लीवेंसन
  1. जो लोग अपने समय का सबसे बुरा उपयोग करते हैं, वही सबसे पहले इसकी कमी का रोना रोते हैं…                                                                                                                                                                                                                            -जीन डे ला ब्रुयर
  1. अमीर बनने का मतलब है पैसा होना; बेहद अमीर बनने का मतलब है समय होना…                                                                                                                  – मार्गरेट बोनानो
  1. यदि आप समय का मूल्य नहीं जानते हैं, तो आपका जन्म शोहरत के लिए नहीं हुआ है…                                                                                                    -मार्किस डे वावेनरग्युज
  1. हर दिन समय जो छोटे-छोटे अन्तराल देता है, उनमें बहुत कुछ किया जा सकता है जिन्हें अधिकांश लोग बर्बाद कर देते हैं…                                                                                                                                                                                     -चार्ल्स कैलेब कोल्टन
  1. Time Management दरअसल बहुत से छोटे बिजनेस मालिकों के समस्या होती है और इसका कारण यह है कि उन्हें बहुत सारा काम खुद करना पड़ता है – छोटे कामों से लेकर बड़े कामों तक सब कुछ…                                                                                                                                                                                               -नॉर्मन स्कैरबरो
  1. अमीर लोग समय में निवेश करते हैं, गरीब लोग धन में निवेश करते हैं…                                                                                                                                          –वारेन बफेट
  1. व्यस्त होना ही काफी नहीं है ; व्यस्त तो चींटियाँ भी होती हैं … सवाल यह है कि आप किस काम में व्यस्त हैं…                                                                                                                                                                                                                             -थोरो
  1. बुरी खबर यह है कि समय उड़ता है.. अच्छीखबर यह है कि आप इसके पायलट हैं…                                                                                                            -माइकल आल्थसुलर
  1. हर दिन इस तरह जिएँ, जैसे यह आपका आखिरी दिन हो…                                                                                                                                                    -मार्कस ऑरेलियस
  1. जो व्यक्ति एक घंटा भी बर्बाद करने की हिमाकत करता है, वह जीवन के मूल्य को नहीं समझ पाया है…                                                                                                                                                                                                                          -चार्ल्स डार्विन
  1. हर समय की तरह यह समय भी बहुत अच्छा है, बशर्ते हम जानते हों कि इसका क्या करें…                                                                                                                                                                                                                                   -रैल्फ़ वाल्डो एमर्सन
  1. सारा समय प्रबन्धन योजना से शुरू होता है…                                                                                                                                                                                   -टॉम ग्रीनिंग
  1. महत्वपूर्ण यह नहीं कि आप क्या करने जा रहे हैं, इसके बजाए महत्वपूर्ण तो यह है कि आप इस वक्त क्या कर रहे हैं…                                                                                                                                                                                                -नेपोलियन हिल
  1. क्या आप जिन्दगी से प्रेम करते हैं ? तो फिर समय बर्बाद न करें, क्योंकि जिन्दगी इसी से बनी है…                                                                                                                                                                                                                                -बेंजामिन फ्रेंकलिन
  1. अमर होने से उस व्यक्ति को क्या लाभ, जो अपने आधे घंटे का इस्तेमाल भी अच्छी तरह नहीं कर सकता ?                                                                                                                                                                                                                 -रैल्फ़ वाल्डो इमर्सन
  1. जो सबसे ज्यादा जानता है, वह बर्बाद समय के लिए सबसे ज्यादा दुखी होता है…                                                                                                                                          -दांते
  1. कहावत है- “समय ही धन है” लेकिन अगर आप इसे उलट देते हैं, तो आपको एक मूल्यवान सत्य पता चलता है – “धन ही समय है….”                                                                                                                                                              -जार्ज रोबर्ट गिसिंग
  1. समय धन से अधिक मूल्यवान है.. आप अधिक धन तो पा सकते हैं लेकिन अधिक समय कभी नहीं पा सकते…                                                                                                                                                                                                                          -जिम रान
  1. मेरी सलाह यह है कि तुम अपने मिनटों का ध्यान रखो ; फिर घंटे अपनी परवाह खुद कर लेंगे…                                                                                                                                                                                                                                      –लार्ड चेस्टरफ़ील्ड
  1. जिन लोगों के पास खाली समय होता है, वे हमेशा काम करने वाले लोगों का समय बर्बाद करेंगे…                                                                                                                                                                                                                                        -थॉमस सोवेल
  1. समय काटने का मतलब दरअसल यह है कि समय हमें काट रहा है…                                                                                                                                  -सर ओस्बर्ट सिटवेल
  1. कानून उस डाकू को कभी नहीं पकड़ता है, जो इंसान की सबसे बेशकीमती चीज ‘समय’ को चुराता है …                                                                                                                                                                                                                                   –नेपोलियन
  1. आप 10 मिनट में बहुत कुछ कर सकते हैं .. ये 10 मिनट अगर चले गये, तो हमेशा के लिए चले जायेंगे… अपने जीवन को 10 मिनट की इकाइयों में बाँट दें और निरर्थक गतिविधियों में न्यूनतम समय बर्बाद करें.                                                                                                                                                                                   –इंगवार कांपरेड
  1. मैंने यह सीखा है कि हम कुछ भी कर सकते हैं लेकिन हम सब कुछ नहीं कर सकते … कम से कम एक समय में तो नहीं.. इसलिए प्राथमिकताओं के बारे में सोचते समय आपका ध्यान इस बात पर केन्द्रित नहीं होना चाहिए कि आप कौन से काम करते हैं, बल्कि इस बात पर होना चाहिए कि आप उन्हें कब करते हैं … टाइमिंग ही सबसे महत्वपूर्ण चीज है..                                                                                                                                                                                                                         –डैन मिलमैन
  1. हर काम करने के लिए समय कभी पर्याप्त नहीं होता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण काम को करने के लिए समय हमेशा पर्याप्त होता है…                                                                                                                                                                            –ब्रायन ट्रेसी
  1. मैं घड़ी की नहीं, बल्कि घड़ी मेरी गुलाम है…                                                                                                                                                                                   –गोल्डा मायर
  1. सुबह का पहला घंटा पूरे दिन की दिशा तय करता है…                                                                                                                                                             –हेनरी वार्ड बीचर
  1. बर्बाद समय का अर्थ है बर्बाद जीवन…                                                                                                                                                                                            –आर. शैनान
  1. मित्र आपके समय पर डाका डालते हैं…                                                                                                                                                                                       –फ्रांसिस बैकन
  1. सफलता और असफ़लता के बीच की बड़ी विभाजक रेखा सिर्फ पांच शब्दों में बताई जा सकती है : ‘मेरे पास समय नहीं था’                                                                                                                                                                                            –फ्रैंकलिन फील्ड
  1. जब तक आप खुद को मूल्यवान नहीं मानते हैं, तब तक आप अपने समय को भी मूल्यवान नहीं मानेंगे और जब तक आप अपने समय को मूल्यवान नहीं मानेंगे तब तक आप इसके बारे में कुछ करेंगे भी नहीं…                                                                                                                                                                                      –एम् स्काट पैक
  1. सफलता का सूत्र सरल है : सही काम करें, सही तरीके से करें, सही समय पर करें…                                                                                                        –अरनाल्ड एच. ग्लासगो
  1. आप देर कर सकते हैं लेकिन समय नहीं करेगा…                                                                                                                                                                 –बेंजामिन फ्रैंकलिन

दोस्तों टाइम मैनेजमेंट Book के लेखक सुधीर दीक्षित जी ने इन कथनों को संजोने में अपना एक बड़ा योगदान दिया है, उनका प्रयास काफी सराहनीय है… उनके द्वारा सलेक्ट किये गये कथन हमारे जीवन में एक बहुत ही सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक साबित हो रहे हैं… हम इसके लिए सुधीर जी का आभार व्यक्त करते हैं और टाइम मैनेजमेंट से सम्बन्धित उनकी बेहतरीन किताब के लिए उन्हें दिल से धन्यवाद देते हैं…

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Relationship में झगड़ों से कैसे बचें? 6 आसान तरीके https://www.hamarisafalta.com/2017/01/how-to-avoid-conflicts-in-relationships-six-easy-ways-hindi-article-%e0%a4%9d%e0%a4%97%e0%a5%9c%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%87%e0%a4%82.html https://www.hamarisafalta.com/2017/01/how-to-avoid-conflicts-in-relationships-six-easy-ways-hindi-article-%e0%a4%9d%e0%a4%97%e0%a5%9c%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%87%e0%a4%82.html?noamp=mobile#respond Thu, 19 Jan 2017 09:30:26 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=856     अपने लाईफ पार्टनर से झगड़ा हो तो उसे मैनेज करने के 6 आसान तरीके नमस्कार दोस्तों, आज का टॉपिक लिखना मेरे लिए बड़ा ही चैलेंजिंग रहा.. क्योंकि यह आर्टिकल ज्यादा से ज्यादा उन लोगों के लिए है जो किसी Love Relation में हैं या शादी के बंधन में बंधे हुए हैं… और क्योंकि मैं शादीशुदा नहीं हूँ इसलिए इस टॉपिक पर Deeply लिखना मेरे लिए संभव नहीं होगा लेकिन चूँकि मैं भी अभी Single नहीं हूँ इसलिए शायद यही […]

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    अपने लाईफ पार्टनर से झगड़ा हो तो उसे मैनेज करने के 6 आसान तरीके

नमस्कार दोस्तों, आज का टॉपिक लिखना मेरे लिए बड़ा ही चैलेंजिंग रहा.. क्योंकि यह आर्टिकल ज्यादा से ज्यादा उन लोगों के लिए है जो किसी Love Relation में हैं या शादी के बंधन में बंधे हुए हैं… और क्योंकि मैं शादीशुदा नहीं हूँ इसलिए इस टॉपिक पर Deeply लिखना मेरे लिए संभव नहीं होगा लेकिन चूँकि मैं भी अभी Single नहीं हूँ इसलिए शायद यही एक बड़ा Reason है जिससे यह पोस्ट आगे लिखा जा सकता है…

अब एक Motivational Hindi Site पर Love से Related post share करना शायद कुछ लोगों को अजीब लग सकता है लेकिन आज बहुत से लोग अपनी Love problems के चलते डिप्रेशन में चले जाते हैं, अपने पार्टनर्स के झगड़ों से तंग आकर अपनी लाइफ को कोसते हैं और कई बार शादी शुदा लोगों के लिए तलाक तक की नौबत आ जाती है…

इसलिए इस पोस्ट में मैं खुद के साथ हुए कुछ प्रैक्टिकल बातें ही आपसे शेयर करूँगा जो आपके सम्बन्धों को टूटने से बचाएगी और आपके रिश्ते को मजबूत बनाने में मदद करेगी…

 

School Life में जब मैं 11th में था, तो मैं अपनी एक क्लासमेट को बहुत पसंद करता था… समय के साथ कब “Like करना” “Love करने” में बदल गया समझ नहीं आया… क्योंकि हमारी रीयल लाइफ में Love भी Filmy type से होती है.. पहले पसंद उसके बाद प्यार…  वैसे कई लोग होते हैं जिन्हें Like से पहले ही Love की सीढ़ी मिल जाती है…  खैर, Class 12th के आते तक हम दोनों के अन्दर एक दुसरे के लिए प्यार की Feelings पैदा हो चुकी थी और 12th के बाद से Single का Line, change होकर Relationship में बदल गया….

आज का दिन है और हम 2017 में हैं और वो 2012 था… तब से लेकर आजतक ज्यादातर हमारे हर दिन की शुरूआत झगड़े से ही हुई है… चाहे Text Message पर, Calls पर, या फिर WhatsApp पर… ये इंडिया है इसलिए यहाँ शादी के पहले एक साथ नहीं रहा जाता… नहीं तो शुरुआत सुबह उठते ही एक दुसरे के बाल खींचते हुए होती…

 

अगर आप सोचते हैं कि एक Successful Marriage Life बिताना अपने पार्टनर के झगड़ों से बचना है तो आप गलत हैं.. किसी भी Relation में नाराजगी हो सकती है और जो Husband-Wife या Love कपल एक दुसरे से प्यार करते हैं, वे आपस में झगड़ते भी हैं… ऐसा बिलकुल नहीं है कि वे झगड़ते ही रहते हैं, वे स्थितियों को सुधारना भी बहुत अच्छी तरह से जानते हैं… मेरा पर्सनली मानना है कि कम लड़ाइयों का मतलब कम नजदीकियां होती हैं… यदि आप शादीशुदा हैं और यदि आपकी लाइफ में किसी भी तरह की लड़ाई नहीं है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि विवाह से जुड़े कई विशेषज्ञों का कहना  है कि यह शादी के लिए खतरा हो सकता है…

 

कुछ ख़ास तरीकों की मदद से मैं अपनी लाइफ में अपने पार्टनर के साथ होने वाले झगड़े को सही तरह से मैनेज करता हूँ और ये तरीके वाकई हमारे बीच प्यार का एक अच्छा माहौल फिर से तैयार कर देते हैं …

आइये जानते हैं इन ख़ास तरीकों के बारे में…

 

  1. ‘आप’ या ‘तुम’ से बचें और ‘मैं’ को स्वीकारें – स्कूल लाइफ से लेकर अब तक मैंने एक सबसे बड़ी बात नोटिस की है कि जब भी हमारे बीच झगड़ा होता है हम एक दुसरे पर ही  आरोप लगाते हैं… मैं उस पर जमकर “तुम” शब्द का प्रहार करता हूँ… उदाहरण- ‘तुम ही नाटक करती हो! तुम ही दिमाग खराब करती हो… etc…

‘तुम’ शब्द के द्वारा आप सीधे अपने लाइफ पार्टनर पर धावा बोलते हैं, जो उसे बहुत  हद तक Disturb करता है और उसका दिमाग बिगाड़ने के लिए काफी रहता है… जब भी आप अपने पार्टनर से लड़ रहे हों तो इस तरह से उससे बात करें जिसमें ‘तुम’ शब्द का कम से कम use हुआ हो…  इसके बजाए आप झगड़ते समय ‘मैं’ शब्द की मदद से उसे बताएं कि स्थितियां किस तरह की हैं क्योंकि मैं शब्द की मदद से स्थितियां बिगड़ती नहीं हैं और सामने वाला आपकी बात को समझने की कोशिश करता है…  उदाहरण- ‘मैं समझता हूँ कि ऐसा नहीं होना चाहिए था!  मैं आगे से ध्यान रखूँगा…!’

 

ज्यादातर हम सामने वाले पर ही सारी गलतियाँ थोंपना पसंद करते हैं क्योंकि हम इंसानों के सोचने का तरीका ही ऐसा है, लेकिन अपने पार्टनर से प्यार पाने के लिए झगड़ों के दौरान ‘तुम और आप’ से बचना चाहिए..

 

  1. माफ़ी माँगना सीखें और माफ़ करना भी यदि आप अपने पार्टनर के साथ मजबूत रिश्ता कायम रखना चाहते हैं, तो लड़ाई-झगड़ा के दौरान आप माफ़ी मांग लें… क्योंकि हर बार या हमेशा जीतने की सोचना आपके रिश्ते को कमजोर कर सकता है… और हर बार खुद को सही साबित करना Important नहीं होता… कई बार आपको झगड़ों के दौरान तालमेल बैठाना पड़ता है क्योंकि रिश्ते की गाड़ी को आगे ले जाने के लिए ये जरूरी है.. कई बार माफ़ी मांगने के दौरान भी मैं अपने पार्टनर को उसकी गलतियाँ गिनाने लग जाता हूँ जो कि बहुत गलत है… ऐसा करने से वो आपके प्रति और चिढ़ जायेगी और शायद वो आपको माफ़ करने में भी बहुत टाइम लगाये… इसलिए माफ़ी मांगने के दौरान गलतियों के बारे में बताने न लग जाएँ बल्कि विनम्रता के साथ सारी जिम्मेदारी खुद पर लेते हुए माफ़ी मांगें… इससे यकीनन आप अपने लिए एक Positive रास्ता बनायेंगे…

माफ़ करना भी आपके रिश्ते को मजबूत बनाने का एक अहम हिस्सा है, ज्यादातर जब झगड़ा बढ़ जाता है तो हम I’m Sorry, या Sorry कहकर बात को खत्म कर देते हैं लेकिन सामने वाला जब तक माफ़ नहीं करता तब तक बात खत्म नहीं होती.. कई बार माफ़ी मांगने के बाद झगड़ा और बढ़ जाता है.. इसलिए माफ़ी मांगने के बाद, सामने वाले को माफ़ी देना सीखना होगा..

माफ़ी मांगों और माफ़ी देना सीखो इससे झगड़ा आगे नहीं बढ़ेगा…

 

  1. अगले दिन के लिए रूक जाएँ–  अगर आप अपने पार्टनर से झगड़ते हुए तुरंत कोई बड़ा फैसला करते हैं तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल हो सकती है.. झगड़ा करते समय आप बहुत गुस्से में होते हैं, आपका माथा गरम होता है और इस बीच छोटा सा फैसला करना भी आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है… अगर आप झगड़े में उलझने की बजाए अगले दिन उस बात को लेकर डिश्कस करना तय करें तो इससे आपके दिमाग को सोचने का समय मिल जाता है जिससे आप पूरी रात उस बात पर विचार कर सकते हैं और आपको यकीनन महसूस होता है कि स्थितियों में किस से सुधार किया जा सकता है…
  2. अपने टेंशन को कम करें आप किसी भी रिलेशन में हों, आपको अपने टेंशन के लेवल की जानकारी होनी चाहिए… टेंशन का लेवल जितना ज्यादा होगा चीजें आपको उतना परेशान करेंगी.. यदि आप काम के प्रेशर में हैं तो अपने पार्टनर से बात करते समय भी आप चिल्लाते रहेंगे, आपका मन ज्यादा से ज्यादा झगड़ा की तरफ ही जाएगा.. इसलिए अपने टेंशन के लेवल को कम करने की कोशिश करें… इसके लिए आप कोई Spiritual Song सुन सकते हैं, लम्बी-लम्बी साँसें ले सकते हैं, अपने खुशनुमा पलों को याद कर सकते हैं, स्कूल या कॉलेज के पलों में वापिस जा सकते हैं…. कोई ऐसी टेकनिक का इस्तेमाल कर सकते हैं जो आपको शांत बनाती है.. और इन सबके इस्तेमाल से आप अपने तनाव को कम कर सकते हैं… झगड़ों का यह एक बड़ा कारण है इसलिए अपने टेंशन को कम करने की कोशिश करें…उसके बाद अपने पार्टनर से बात करें..
  3. सही समय का चुनाव जरूरी-  महत्वपूर्ण विषय पर बात करने के लिए आपको सही समय का चुनाव करना बहुत ही जरूरी है.. बहुत से Husband-Wife या कपल सोने से ठीक पहले अपने महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा करते हैं जो कि बहुत हद तक गलत है… इसलिए अगर आप भूखे हैं, थके हुए हैं, तो कभी भी संवेनदशील विषयों पर डिस्कस मत कीजिये… इससे तकरार बढने के chances और बढ़ जाते हैं..

इसलिए ऐसा करने की बजाए एक सही समय का चुनाव करें जब आप दोनों ही अच्छी तरह से आराम कर चुके हों और समय को लेकर किसी प्रकार की जल्दबाजी या प्रेशर में न हों.. इससे थोड़ा बहुत विवाद होने पर भी आप उसे आसानी से निपटा सकते हैं…

 

  1. मजाक की मदद लीजिये जब आप अपने पार्टनर से मजाक करते हैं तो उसके लिए आपसे Logic निकालना मुश्किल हो जाता है… आपको अपने पार्टनर की Sensitivity (संवेदनशीलता) के बारे में अच्छे से जानकारी होनी चाहिए, और यह भी पता होना चाहिए कि किस तरह का मजाक आपके जीवनसाथी या पार्टनर को खुश कर सकता है..

आपको ऐसे शब्दों या टॉपिक का चुनाव करना चाहिए जो आपके पार्टनर को हंसा सके लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए कि आप अपने पार्टनर को हँसाने के लिए कोई गलत टॉपिक का चुनाव करें .. यदि आपके पार्टनर के चेहरे पर एक सच्ची मुस्कान आएगी तो झगड़ों से उपजा हुआ टेंशन भी छूमंतर हो जाएगा… और इस मजाक से आपके विवाद का अंत हमेशा हंसी से होगा..

 

दोस्तों इस टॉपिक पर मैं विस्तार से बात नहीं कर पाऊंगा लेकिन जल्दी ही इसका एक और भाग “हमारी सफलता” के इस साईट पर प्रकाशित करने की कोशिश करूँगा जिससे उन सभी लोगों को फायदा पहुँच सके जो अपने पार्टनर से बहुत प्यार करते हैं और झगड़ते भी हैं…

अपने पार्टनर से लड़ाई करना भी प्यार का ही अहम हिस्सा होता है लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि आप उस लड़ाई से अपने पार्टनर की आँखों में कितना आँसू ला रहे हैं, आप कभी भी अपने पार्टनर को रुलाकर जीत नहीं सकते इसलिए हमेशा कोशिश कीजिये कि आपके यादों की डायरी में ख़ुशी के ही पल हों, प्यार की ही खुशबु हो और बस नाम के लिए थोड़ा-सा झगड़ा हो जो आपके चेहरे में मुस्कुराहट लाता रहे…

 

धन्यवाद !

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सफलता के लिए स्वामी विवेकानन्द के 12 अग्निमन्त्र https://www.hamarisafalta.com/2017/01/swami-vivekanand-jayanti-vishesh-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a6-%e0%a4%9c%e0%a4%af%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%80.html https://www.hamarisafalta.com/2017/01/swami-vivekanand-jayanti-vishesh-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a6-%e0%a4%9c%e0%a4%af%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%80.html?noamp=mobile#comments Thu, 12 Jan 2017 14:45:13 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=847                       स्वामी विवेकानन्द के 12 अग्निमन्त्र स्वामी विवेकानन्द ने सत्य की खोज में जो बातें कहीं है, वे हर व्यक्ति के जीवन में अब भी महत्व रखती हैं. हालात से डरकर भागना स्वामी विवेकानन्द जी ने कभी  नहीं सीखा.. वे हमेशा ही हालात का मुकाबला करने की प्रेरणा देते थे.. विषम से विषम और दुरूह से दुरूह परिस्थिति में भी व्यक्ति को अपना सम्मान नहीं खोना चाहिए… उनका मानना था […]

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                      स्वामी विवेकानन्द के 12 अग्निमन्त्र

स्वामी विवेकानन्द ने सत्य की खोज में जो बातें कहीं है, वे हर व्यक्ति के जीवन में अब भी महत्व रखती हैं. हालात से डरकर भागना स्वामी विवेकानन्द जी ने कभी  नहीं सीखा.. वे हमेशा ही हालात का मुकाबला करने की प्रेरणा देते थे.. विषम से विषम और दुरूह से दुरूह परिस्थिति में भी व्यक्ति को अपना सम्मान नहीं खोना चाहिए… उनका मानना था कि हर व्यक्ति जो ब्रम्हा का प्रतीक है, अद्भुत, अलौकीक शक्तियों का स्वामी है…

अगर कोई व्यक्ति ठान ले तो कितने भी ख़राब हालात क्यों न हो, उनपर नियन्त्रण रख सकता है और हालात को अपने पक्ष में ढाल सकता है… अलग-अलग मौके पर स्वामी विवेकानन्द ने अपने शिष्यों को  भी ऐसे मंत्र दिए जो उन्हें पराजय के भय से दूर होकर आगे बढ़ने की सतत प्रेरणा देते रहे…

अग्निमन्त्र – १.

“हे सखे! तुम क्यों रो रहे हो? विश्व की हर एक शक्ति तो तुम्हीं में है.. भगवन, आप खुद अपने स्वयं को विकसित तो करो. देखो, तीनों लोक तुम्हारे पैरों के नीचे हैं. तुम्हारे पास आत्मा की प्रबल शक्ति है, इसलिए  डरो मत… तुम्हारा नाश नहीं हो सकता, तुम्हें कोई भी नष्ट नहीं कर सकता इसलिए बिलकुल भी डरो मत… इस संसार से, इस भवसागर से पार उतरने का एक ही उपाय है और वह उपाय यही है कि जिस पर तुम चल रहे हो, उसी पथ पर चलकर संसार की सभी लोग भवसागर को पार करते हैं… यही श्रेष्टतम पथ है… यही श्रेष्ठ पथ में तुम्हें दिखाता हूँ…”

अग्निमन्त्र- २.

“यदि तुम लोग कमर कसकर अपने लक्ष्य को पाने के लिए जुड़ जाओ तो छोटे-मोटे की तो बात ही क्या, बड़े से बड़े दिग्गज बह जायेंगे.. तुम केवल एक हुंकार मात्र से इस दुनिया को पलटने का सामर्थ्य रखते हो.. आप जो भी कर रहे हो, यह तो उसका केवल प्रारब्ध है इसलिए किसी के साथ विवाद नहीं करो… हिल-मिलकर रहना सर्वोत्तम है .. यह दुनिया भयावह है और किसी पर भी विश्वास नहीं है, ऐसा सोचना उचित नहीं… डरने का भी कोई कारण नहीं है.. आप जिस दिशा में जा रहे हो, इस दृढ संकल्प के साथ जाओ कि माँ काली मेरे साथ है.. इस संकल्प मात्र से ऐसे कार्य होंगे कि तुम खुद चकित हो जाओगे.. फिर भी किस बात का? किसका भी? वज्र जैसा ह्रदय बनाओ और अपने कार्य में जुट जाओ…”

अग्निमन्त्र- ३.

अपने लक्ष्य की ओर हमेशा बढ़ते चलो… तुमने बहादुरी का काम किया है.. शाबाश! आगे बढ़ते ही चलो, हिचकने वाले पीछे रह जायेंगे… और अगर तुम बिना हिचके आगे बढ़ते तो एक ही छलांग में सबके आगे पहुँच जाओगे.. जो केवल अपने हित में लगे हुए हैं, वे न तो अपना हित कर पायेंगे और न ही दुसरे का… इसलिए ऐसा शोरगुल मचाओ कि आपकी आवाज दुनिया के कोने-कोने में फ़ैल जाए.. कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें अपना काम करने के लिए तो समय का अभाव रहता है.. लेकिन दूसरों की त्रुटियाँ खोजने में इनके पास समय की कोई कमी नहीं होती… ऐसे लोगों की परवाह किये बिना अपने लक्ष्य को पाने में जुट जाओ… अपनी शक्ति के अनुसार आगे बढ़ो.. ‘नहीं है, नहीं है’ कहने से तो सांप का विष भी नहीं रहता… नहीं, नहीं कहने से तो नहीं हो जाना पड़ेगा, इसलिए मैं कहता हूँ कि आगे बढ़ो और तूफान मचा दो…

अग्निमन्त्र- ४.

यदि तुम अपनी अंतिम सांस भी ले रहे हो तो भी किसी से न डरना.. जब तक ईश्वर की कृपा हम पर है, इस धरती पर हमारी अपेक्षा कौन कर सकता है? इसलिए किसी भी बात से तुम उत्साहहीन नहीं होना… इसलिए लोग तुम्हारी स्तुति करें या निंदा, जय-जयकार के नारे लगाये या हाहाकार के, तुम पर लक्ष्मी की कृपा बनी हो या नहीं बने, तुम्हारा देहांत आज होने वाला हो या एक युग के बाद, कभी भी किसी अवस्था में अपने न्याय के पथ से विचलित नहीं होना…

अग्निमन्त्र-५.

क्या इस तरह का दिन कभी आएगा कि परोपकार के लिए जान चली जायेगी? यह दुनिया कोई बच्चों का खिलवाड़ नहीं. बड़े आदमी वे हैं जो अपने ह्रदय से दूसरों का रास्ता तैयार करते हैं यही हमेशा-हमेशा से होता आया है. अपना पूरा जीवन समर्पित करके कोई व्यक्ति सेतु का निर्माण करता है और हजारों आदमी उस सेतु के ऊपर से नदी पार करते हैं….

अग्निमन्त्र-६.

प्रेम की ही विजय होती है… अधीर होने से काम नहीं चलेगा… ठहरो, धीरज रखो, विजय अवश्यम्भावी है… हो सकता है कि आपको सार्वजनिक हित की रक्षा के लिए अपना सब कुछ छोड़ना पड़े… बड़े से बड़े जहाज भी छोटी-छोटी त्रुटियाँ करने पर डूब जाते हैं, इसलिए सावधान रहना… कभी भी दूसरों के अत्यंत छोटे अधिकारों में भी हस्तक्षेप नहीं करना… दूसरों के धर्म से भी भी द्वेष नहीं करना… हम सब लोग, सब धर्मों को सत्य समझते हैं और उन धर्मों का सत्य भी समझते हैं इसलिए पूरी शक्ति से और धीरज से अपने लक्ष्य की ओर बढे चलो…

अग्निमन्त्र-७.

तुम्हारे लिए नीतिपरायणता और साहस को छोड़कर और कोई धर्म नहीं है.. कोई भी धार्मिक मत-मतान्तर तुम्हारे लिए नहीं है… पूर्ण  नीतिपरायण और साहसी बनो… प्राणों के लिए भी कभी न डरो… कायर लोग ही पापाचरण करते हैं, वीर पुरूष कभी भी पापानुष्ठान नहीं करते… वीर पुरूष तो कभी अपने मन में भी पाप का विचार नहीं लाते, इसलिए प्राणीमात्र से प्रेम करने का प्रयास करो… तुममे कभी भी कायरता, पाप, और कमजोरी नहीं आनी चाहिए…

कभी पीछे मुड़कर मत देखो.. भाग्य बहादूर लोगों का ही साथ देता है… हमेशा अपार शक्ति, अपरिमित उत्साह, अमिट साहस और असीम धैर्य से आगे बढ़ो… तुम सभी महत्वपूर्ण कार्य सम्पन्न कर सकते हो…

अग्निमन्त्र-८.

बिना पाखंडी और कायर बने सबको प्रसन्न रखो… पवित्रता और शक्ति के साथ अपने आदर्श पर दृढ रहो… चाहे तुम्हारे सामने कैसी भी बाधाएँ क्यों न हो, कुछ समय बाद संसार तुमको मानेगा ही…

अग्निमन्त्र-९.

धीरज रखो और मृत्युपर्यन्त विश्वास पात्र रहो.. आपस में न लड़ो.. रूपये-पैसे का व्यवहार शुद्ध भाव से करो… बिना ईमानदारी, भक्ति और विश्वास के महान कार्य नहीं किये जा सकते, इसलिए प्रत्येक कार्य में सफलता के लिए ईमानदारी, शक्ति और विश्वास का पथ चुनो…

अग्निमन्त्र-१०.

किसी काम को न टालो… कोई भी चुनौती आने पर उसे टालने की कोशिश न करो क्योंकि अगर आपने उस काम को टाला तो उससे आप किसी बड़ी उपलब्धी से वंचित रह सकते हैं.. इसीलिए टालने की प्रवृत्ति छोड़ो और प्रत्येक कार्य में ईश्वर को खोजने की कोशिश करो… वह आपके ईर्द-गिर्द ही कहीं नजर आएगा…

अग्निमन्त्र-११.

परावलम्बी न रहो, दूसरों पर निर्भर रहना कभी भी बुद्धिमानी नहीं होती… बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही ऊपर दृढ़ता से खड़े रहकर कार्य करना चाहिए… यही लक्ष्य-प्राप्ति का एक प्रमुख मन्त्र है…

अग्निमन्त्र-१२.

सभी के लिए सहयोगी बनो.. किसी को उसकी योजनाओं में हतोत्साहित नहीं करो… आलोचना की प्रवृत्ति को पूरी तरह छोड़ दो… यदि कोई सही मार्ग पर अग्रसर हो रहा है तो उसकी आलोचना नहीं करो बल्कि सहायता करो यदि उस मार्ग में या उस कार्य में कोई गलती नजर आये तो नम्रतापूर्वक उस गलती के प्रति उसे सजग करो… दूसरों की आलोचना ही सब दोषों की जड़ है…

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यह संसार कायरों के लिए नहीं- स्वामी विवेकानंद https://www.hamarisafalta.com/2017/01/swami-vivekanand-special-article-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a6-%e0%a4%9c%e0%a4%af%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html https://www.hamarisafalta.com/2017/01/swami-vivekanand-special-article-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a6-%e0%a4%9c%e0%a4%af%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html?noamp=mobile#respond Thu, 12 Jan 2017 14:17:49 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=843 वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरू स्वामी विवेकानंद ने वेदांत को दुनिया में फैलाया. सितम्बर, 1893 में शिकागो में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में उन्होंने सनातन धर्म के बारे में जो व्याख्यान दिया, वह दुनिया को प्रभावित करने वाला था. शिकागो में उनके भाषण से ही सनातन धर्म के प्रति दुनिया की धारणा बदली… कुछ अन्य धर्म के लोग नहीं चाहते थे कि स्वामी जी विश्व धर्म सम्मेलन में सनातन धर्म के बारे में अपने विचार प्रकट करें… कई […]

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वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरू स्वामी विवेकानंद ने वेदांत को दुनिया में फैलाया. सितम्बर, 1893 में शिकागो में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में उन्होंने सनातन धर्म के बारे में जो व्याख्यान दिया, वह दुनिया को प्रभावित करने वाला था. शिकागो में उनके भाषण से ही सनातन धर्म के प्रति दुनिया की धारणा बदली… कुछ अन्य धर्म के लोग नहीं चाहते थे कि स्वामी जी विश्व धर्म सम्मेलन में सनातन धर्म के बारे में अपने विचार प्रकट करें…

कई धर्म गुरूओं ने चाहा कि स्वामी विवेकानन्द को अपने विचार व्यक्त करने का समय ही न मिले और शायद यही कारण था कि उस सम्मेलन में स्वामी जी का भाषण सबसे अंत में संभव हो पाया… स्वामी विवेकानन्द ने उन्हीं दिनों यह बात बता दी थी: “हर काम करने की तीन अवस्थाएं होती हैं- पहली उपहास की, दूसरी विरोध की और तीसरी अंतिम स्वीकृति की…”

धर्म सम्मेलन में अपने व्याख्यान के पहले स्वामी विवेकानन्द को भारी उपहास झेलना पड़ा और विरोध का भी सामना करना पड़ा, लेकिन अपने विचारों पर दृढ स्वामी विवेकानन्द का यह सिद्धांत केवल स्वामी विवेकानन्द के लिए ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के जीवन में खरा उतरता है… आप जीवन के किसी भी क्षेत्र में हों, विद्यार्थी हों, व्यापारी हों, राजनेता हों, अथवा नौकरशाह हों, जब भी कोई व्यक्ति लीक से हटकर कोई काम करने के लिए तैयार होता है, तो उसे सबसे पहले उपहास का सामना करना पड़ता है. क्योंकि कोई भी बंधी बंधाई लीक से हटकर कार्य करने को तैयार नहीं होता…

लोगों के मन में धारणा होती है कि नया काम करना बहुत ही कठिन है और कोई भी व्यक्ति यह काम कैसे कर पायेगा? सफलता के लिए कर्म करते रहने की सलाह देते हुए स्वामी विवेकानन्द ने कहा: “यह संसार कायरों के लिए नहीं है, पलायन की चेष्टा मत करो, सफलता अथवा असफ़लता की चिंता मत करो, पूर्ण निष्काम संकल्प में अपने को लय कर दो और कर्तव्य करते चलो, समझ लो कि सिद्धि पाने के लिए जन्मी बुद्धि अपने आपको दृढ संकल्प में लय करते सतत कार्यरत रहती है… जीवन संग्राम के मध्य डटे रहो, सुप्तावस्था में अथवा एक गुफा के भीतर तो कोई भी शांत रह सकता है… कर्म के आवर्त और उन्मादन के बीच दृढ रहो और केंद्र तक पहुँचो… और यदि तुम केंद्र पा गये फिर तुम्हें कोई भी विचलित नहीं कर सकता…”

 

किसी भी काम की शुरुआत करने में अन्य लोगों को लगता है कि कहीं उनके अधिकार तो छीन नहीं जायेंगे, उनके शक्ति स्रोत पर बंधन तो नहीं लग जायेगा? अपनी सत्ता खोने के डर से स्थापित लोग हर नई चीज का विरोध शुरू करते हैं, लेकिन यह कर्म करने वाले पर निर्भर है कि वह दुसरे लोगों को कितना महत्व दें, उनके उपहास और प्रतिकार का क्या जवाब दें… जीवन प्रबन्धन के ये शुरूआती तौर-तरीके स्वामी विवेकानन्द ने व्याप्त किये थे…

यह आज के जमाने में हम सभी के साथ भी हो रहा है और होता है… शिकागो सम्मेलन में उपहास की बात करें तो स्वामी विवेकानन्द का उपहास तरह-तरह से उड़ाया गया… अन्य वक्ताओं को लगता था कि एक गुलाम और अविकसित देश भारत से आया यह युवा साधू दुनिया को क्या ज्ञान की रौशनी देगा, जिसके अपने देश में जातिपात, ऊंच-नीच, भेदभाव और छुआछुत की अनेक सामाजिक बुराइयाँ मौजूद हैं…!

उन दिनों भारत में अन्य धर्म मतावलम्बियों का प्रभाव भी था और धर्मांतरण का दौर भी.. ऐसे में स्वामी विवेकानन्द के प्रति लोगों का नजरिया अनापेक्षित नहीं था.. एक अन्य धर्म गुरु ने स्वामी विवेकानन्द का मजाक उड़ाते हुए कहा कि यूरोप और अमेरिका के लोग तो दूध से फटे होते हैं और अफ्रीका के लोग कोयले के समान अश्वेत.. ऐसे में भारत से पहुंचे सनातन धर्म के विद्वान किस स्थिति में हैं, क्योंकि न तो श्वेत हैं, न ही अश्वेत…

स्वामी विवेकानन्द ने उन उपहास उड़ाने वाले सज्जन का शालीनता से प्रतिकार किया और कहा: “अगर भोजन पकाते समय चपाती सफ़ेद रह जाए तो कच्ची कही जाती है और अगर काली पड़ जाए तो जली हुई कहलाती है… भोजन की परिपूर्णता उसके समान पकने में है… ऐसे ही विचारों का महत्व भी समान रूप से पकने और परिपूर्णता में है, न कि रंग में, चमड़ी के प्रदर्शन में… असली भाव तो मन का है…”

अपने पहले भाषण में उन्होंने यह बात साफ़ कह दी कि ईश्वर अलग-अलग रूपों में, अलग-अलग मार्गों से होकर गुजरते हैं और सभी को समान रूप से चाहते हैं… इसी तरह इंसान के पास भी ईश्वर के पास पहुँचने के अलग-अलग रास्ते हैं लेकिन वे ईश्वर तक पहुँच सकते हैं… धर्म का कोई भी रूप हो लक्ष्य तो ईश्वर को पाना ही है… उन्होंने स्पष्ट किया कि आध्यात्मिक विद्या और भारतीय दर्शन के बिना विश्व अनाथ हो जायेगा…

 

स्वामी विवेकानन्द  के इन बातों में जीवन प्रबन्धन का निहितार्थ छुपा है. हम यदि कर्म से विमुख हुए तो हम कहीं के नहीं रहेंगे… उन्होंने एक पराधीन देश के प्रतिनिधि होने के बावजूद अपने विवेक, हौसले और दूरदृष्टि से दुनिया को आगाह कर दिया कि अगर हम अपने लक्ष्य पर अटल रहें, उसके लिए कठोर परिश्रम करें और हमारे मन-मस्तिष्क में अगर विचारों की स्पष्टता हो जीवन में कोई भी लक्ष्य पाना असम्भव नहीं…..

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Leadership के प्रमुख गुण Success Tips in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/12/leadership-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%a3-success-tips-hindi-leadership-qualities-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/12/leadership-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%a3-success-tips-hindi-leadership-qualities-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 19 Dec 2016 08:05:08 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=821 इस दुनिया में मोटे तौर पर दो तरह के लोग होते हैं, जिनमें एक तरह के लोग को लीडर्स के रूप में जाना जाता है और दूसरी तरह के लोगों को अनुयायी  (Follower) के रूप में… यदि एक शब्द में आपसे उत्तर मांगा जाए कि आप लीडर बनना चाहते हैं या सिर्फ अनुयायी बनकर जीना चाहते हैं तो आपका जवाब क्या होगा? यदि मुझसे यह सवाल पूछा जाएगा तो मेरा एक शब्द में उत्तर होगा- लीडर… और आपका जवाब भी […]

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इस दुनिया में मोटे तौर पर दो तरह के लोग होते हैं, जिनमें एक तरह के लोग को लीडर्स के रूप में जाना जाता है और दूसरी तरह के लोगों को अनुयायी  (Follower) के रूप में… यदि एक शब्द में आपसे उत्तर मांगा जाए कि आप लीडर बनना चाहते हैं या सिर्फ अनुयायी बनकर जीना चाहते हैं तो आपका जवाब क्या होगा?

यदि मुझसे यह सवाल पूछा जाएगा तो मेरा एक शब्द में उत्तर होगा- लीडर… और आपका जवाब भी यही हो सकता है.. इसलिए शुरूआत में सबसे पहले यह तय कर लें कि आप लीडर बनना चाहते हैं या सिर्फ अनुयायी ही बने रहना पसंद करना चाहते हैं..

अनुयायी होना कोई अपमानजनक बात बिलकुल भी नहीं है लेकिन सिर्फ अनुयायी बने रहे कोई तारीफ़ की बात भी नहीं है… ज्यादातर महान लोग शुरुआत में एक अनुयायी ही थे लेकिन वे लीडर भी इसलिए बने क्योंकि वे समझदार अनुयायी थे.   समझदार इसलिए कहना चाहूँगा क्योंकि उन्होंने अपने लीडर्स का अनुसरण किया, उनके गुणों को अपने अंदर उतारा और आज वे एक सफल लीडर हैं…

ऊपर लिखे वाक्यों का उल्टा भी उतना ही सही है कि जो व्यक्ति समझदारी से किसी लीडर का अनुसरण नहीं कर सकता वह कभी भी अपने जीवन में सफल लीडर नहीं बन सकता है.. वह व्यक्ति जो किसी लीडर का सफलतापूर्वक अनुसरण कर सकता है, आम तौर पर वही तीव्र गति से लीडर बनने की दिशा में खुद को विकसित कर रहा होता है…

आइये इस पोस्ट में जानते हैं कि एक लीडर बनने के लिए आपको अपने अन्दर किन गुणों को विकसित करना है या वो कौन सी Qualities हैं जो आपको एक सफल लीडर बनने में मदद करेंगी…

  • अविचल साहस (Unfaltering courage):- आपके अन्दर भरपूर courage होना चाहिए, और यह तब संभव है जब आप अपने काम में एक्सपर्ट हों… यह साहस आपके ज्ञान और आपके बिजनेस के ज्ञान पर Based है. कोई भी अनुयायी यह बिलकुल नहीं चाहेगा कि उसके लीडर में आत्मविश्वास और साहस का अभाव हो! आपको लीडर बनने के लिए अपने काम में माहिरत हासिल करनी होगी जिससे आप बिना डरे, पूरे जोश और आत्मविश्वास से अपने अनुयायियों के साथ बात कर सकते हैं… यदि आपके अन्दर साहस की कमी है तो कोई भी बुद्धिमान अनुयायी आपको लम्बे समय तक कभी भी झेल नहीं सकता.. आपको अपने अन्दर भरपूर साहस विकसित करना है और इसके लिए आपको अपने फील्ड में एक्सपर्ट बनना होगा, सीखना होगा और खुद को आत्मविश्वास से भरने के लिए तैयार करना होगा…

Must Read- सफलता के लिए लोगों को प्रेरित करने की वो विधि जो आप नहीं जानते !

  • आत्मनियन्त्रण (Self Control):- यदि आप दूसरों को कंट्रोल में करना चाहते हैं तो पहले खुद को कंट्रोल में करना सीखिये.. क्योंकि जब तक आदमी खुद को कंट्रोल में नहीं कर सकता, तो दूसरों को भी नियंत्रित नहीं कर सकता… आप एक बुद्धिमान अनुयायी हैं और इसे आपको सीखना पड़ेगा तभी आप एक अच्छे लीडर के रूप में सामने आ सकते हैं… क्योंकि आपके सामने खुद को कंट्रोल में करना एक शक्तिशाली मिसाल बन जाता है..  इसलिए आप खुद पर नियन्त्रण करना पहले सीखिये उसके बाद एक लीडर के रूप में सेल्फ कंट्रोल की शक्ति को अपने अनुयायियों के साथ पेश कीजिये…

Must Read- आपकी सबसे बड़ी शक्ति- आत्मनियत्रण

  • निर्णय लेना सीखिये (Decision):- जो आदमी ढुलमुल डिसीजन लेता है वह ये सिद्ध करता है कि उसके अन्दर विश्वास की बहुत कमी है… और जिसके अन्दर विश्वास की कमी हो, वह आदमी कभी भी दूसरों का सफलतापूर्वक नेतृत्व नहीं कर सकता… इसलिए आपको अपने फैसले की ताकत को समझना होगा क्योंकि यही एक चीज है जो यह सिद्ध करेगी कि आप अपने और टीम के ऊपर कितना भरोसा कर रहे हैं…

Must Read- Relationship को बेहतर बनाने के लिए 5 Love Languages

  • योजना बनाकर सफलता पायें (success plan):- एक सफल लीडर हमेशा अपने काम की एक योजना बनाता है और उस योजना के अनुरूप ही अपने काम को दिशा देता है… जो लीडर बिना किसी प्लानिंग के ही काम को आगे बढाता है वह उस जहाज की तरह होता है जिसमें रडर न हो… और देर सबेर वह चट्टानों से टकराकर नष्ट हो जाएगा… Plan बनाना आपको पूरी तरह यह क्लियर करता है कि आप वाकई क्या करना चाहते हैं…

Must Read- हिंदुस्तान में बन्दर कैसे पकड़े जाते हैं? Daily Motivation in Hindi

  • जितना मिले उससे ज्यादा देने की आदत (The habit of giving only more):- लीडर की सजाओं में से एक यह है कि एक लीडर अपने अनुयायियों से जितने की आशा करता है, उसे वह स्वेच्छा से उससे अधिक देने के लिए हमेशा तैयार रहता है… यदि आप एक लीडर हैं तो अपने टीम को हमेशा खुश रखना सीखें, अपने अनुयायियों को ज्यादा देने के बारे में सोचें…

Must Read- औरों की परवाह – प्रेरणादायक व शिक्षाप्रद हिंदी कहानी

  • सुखद व्यक्तित्व (Pleasant personality):- कोई भी लापरवाह आदमी एक सफल लीडर नहीं बन सकता, लीडरशिप के लिए सम्मान चाहिए और अनुयायी कभी भी ऐसे लीडर का सम्मान नहीं करेंगे जिसे सुखद व्यक्तित्व के सभी तत्वों में अच्छे अंक न मिलें… उसे दूसरों को सम्मान देना आना चाहिए, यदि लीडर यह समझ रहा होगा कि वही बड़ा नेता है, सर्वश्रेष्ठ है और वह दूसरों से बदसुलूकी कर रहा होगा तो वह लीडर बनने के लिए किसी भी तरह से तैयार नहीं है…

Must Read- सबकी जीत के बारे में सोचिये – Inspirational Hindi Story on Think WIN WIN

  • सहानुभूति और समझ (Empathy and understanding):- एक सफल लीडर हमेशा अपने समर्थकों के प्रति सहानुभूति रखता है और उसे उनकी समस्याओं को समझना बखूबी आना चाहिए.. जो लीडर अपने अनुयायियों के प्रति प्रेम और आदर का भाव रखता है वह हमेशा एक कदम आगे रहता है… इसलिए सफल लीडर बनना है तो अपने अनुयायियों को समझने का प्रयास कीजिये, और सहानुभति जताइए, उन्हें दिखाइए कि आप हर कदम पर उनके साथ हैं…

Must Read- एक भरोसा Inspirational Hindi Story

  • पूरी जिम्मेदारी लेने की इच्छा (Take full Responsibility):- एक सफल लीडर हमेशा अपने समर्थकों की गलतियों और कमियों की पूरी जिम्मेदारी खुद पर लेने के लिए तैयार रहता है… अगर कोई समर्थक किसी प्रकार से कोई गलती करता है और स्वयं को अयोग्य सिद्ध करता है तो लीडर को यह मानना चाहिए कि गलती उसी की है और असल मायने में वही असफल हुआ है.. अगर वह इस जिम्मेदारी को दूसरों पर थोपता है तो वह लीडर नहीं बना रहेगा…

Must Read- Winners जो कुछ ऐसे होते हैं Three Inspirational Winners in Hindi

  • सहयोग (Cooperation):- एक सफल लीडर हमेशा मिलकर प्रयास करने का सिद्धांत काम में लाता है.. और वह जानता है कि सहयोग की शक्ति से किस तरह अपने टीम को बड़ा और ताकतवर बनाया जा सकता है.. इसलिए वह अपने अनुयायियों को भी मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करता है ताकि वे अपने सहयोग से शक्ति और सत्ता का निर्माण कर सकें… इसलिए सफल लीडर हमेशा एकजुट होकर काम करने की सलाह देते हैं जिससे सबके अन्दर वो आत्मविश्वास और ताकत बनी रहे जो उन्हें ताकतवर बनने में मदद करेगी…

 

धन्यवाद!

 

Leadership के प्रमुख गुण Success Tips in Hindi का यह लेख “Think and Grow Rich” book से प्रेरित है जिसके लेखक Nepoleon Hill हैं…

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सेहत के बहानों से बचने के 4 आसान तरीके https://www.hamarisafalta.com/2016/12/4-easy-ways-avoid-health-excuses-health-tips-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%b9%e0%a4%a4-%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html https://www.hamarisafalta.com/2016/12/4-easy-ways-avoid-health-excuses-health-tips-in-hindi-%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%b9%e0%a4%a4-%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96.html?noamp=mobile#respond Sun, 18 Dec 2016 03:18:51 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=809   दोस्तों, किसी व्यक्ति की सबसे बड़ी सफलता यह है कि “वह स्वस्थ है…” हेल्थ से बड़ी सफलता शायद ही कहीं होगी, लेकिन हम सब कोई दूसरी सफलता पाने के लिए अपने हेल्थी लाइफ को असफ़लता असफ़लता की तरफ झोंक देते हैं, और किसी बिमारी का रोना रोते हुए आजीवन कुछ नहीं करने का निर्णय लिए घर पर बैठे रहते हैं… सेहत के सम्बन्ध में लोग बहुत सारे बहानों का सहारा लेते हैं, और वो अपनी असफ़लता का एक बड़ा […]

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दोस्तों, किसी व्यक्ति की सबसे बड़ी सफलता यह है कि “वह स्वस्थ है…” हेल्थ से बड़ी सफलता शायद ही कहीं होगी, लेकिन हम सब कोई दूसरी सफलता पाने के लिए अपने हेल्थी लाइफ को असफ़लता असफ़लता की तरफ झोंक देते हैं, और किसी बिमारी का रोना रोते हुए आजीवन कुछ नहीं करने का निर्णय लिए घर पर बैठे रहते हैं… सेहत के सम्बन्ध में लोग बहुत सारे बहानों का सहारा लेते हैं, और वो अपनी असफ़लता का एक बड़ा कारण अपने बीमार शरीर को देते हैं… आइये इस पोस्ट में इन चार असरदार तरीकों के बारे में जानते हैं जो आपको सेहत के बहानासाईटिस से बचा सकता है…

 

  • बार-बार अपनी सेहत का रोना न रोयें– अपनी सेहत के बारे में बात न करें. आप जब भी किसी बिमारी के बारे में ज्यादा बात करते हैं या खुद को यह याद दिलाते रहते हैं कि आपको फलां बिमारी है तो आपको न चाहते हुए भी वह बीमारी निगल जायेगी. आप किसी बिमारी के बारे में जितनी ज्यादा बात करेंगे चाहे वह साधारण सी सर्दी ही क्यों न हो, वह बिमारी उतनी ही बढती चली जाएगी…

याद रखिये बुरी सेहत के बारे में लगातार जिक्र करना काँटों को पानी देने के समान है. अपने सेहत के बारे में लगातार बात करना एक बहुत ही बुरी आदत है, इससे सामने वाला आपसे पक जाएगा मतलब वह बुरी तरह से बोर हो जाएगा. और इससे सामने वाला आपको बुढ़िया की तरह बातें करने वाला समझ सकता है.

यदि आप अपने क्षेत्र में सफलता की चाहत रखते हैं, सफल होना चाहते हैं तो सेहत का रोना मत रोइए. क्योंकि सफलता की चाह रखने वाला व्यक्ति कभी भी अपनी बिमारी या सेहत के बारे में चिंता नहीं करता.

आपको अपने बीमारी के बारे में रोना रोते रहने से थोड़ी बहुत सहानुभूति तो मिल सकती है लेकिन जो व्यक्ति हमेशा शिकायत करता है उसे कभी भी किसी का सम्मान, आदर या वफादारी कभी भी नहीं मिल सकती… इसलिए अपनी बुरी सेहत को लेकर परेशान न हों और बार-बार उसी चीज को पकड़कर मत बैठे रहो, पूरे ताकत और जोश के साथ अपने काम में जुट जाओ और देखते ही देखते आपको अपने बिमारी से भी छुटकारा मिल जायेगी…

 

  • चिंता करना बेवकूफी है– आप चिंता करके अपने अन्दर वो बीमारी पैदा करते हैं जो असल में आपके अन्दर है ही नहीं!

वाल्टर अल्वरेज विश्वप्रसिद्ध मेयो क्लिनिक में एमेरिटस कन्सल्टेंट हैं. उन्होंने लिखा है, “मैं हमेशा फिजूल की चिंता करने वालों को ऐसा न करने की सलाह देता हूँ..”

एक व्यक्ति जिसे पूरा विश्वास था कि उसका गाल ब्लैडर ख़राब है, हांलाकि उसने अपना गाल ब्लैडर अलग-अलग आठ से ज्यादा क्लीनिकों में एक्स-रे कराकर देखा था और सबमें उसका गाल ब्लैडर पूरी तरह से सही दिख रहा था और सभी डॉक्टर्स का यह कहना था कि यह सिर्फ उसके मन का वहम मात्र है. दरअसल उसे कोई बीमारी नही है..  बहुत से लोग बार-बार जबरन ई.सी.जी. कराते हैं और वे अपने सेहत के बारे में फ़ालतू की चिंता करते हैं… इस चिंता से जो नहीं होना चाहिए वह उनके साथ हो जाता है… मतलब यदि आप बार-बार एक ही चीज को पकड़कर चिंता करते रहेंगे तो वह सही तरीके से आपके साथ घटित हो जायेगी और आपके अन्दर वही बीमारी पैदा हो जायेगी इसलिए अपने हेल्थ को लेकर बेफिक्र रहें, क्योंकि चिंता करना सबसे बड़ी बेवकूफी है…

 

  • आपकी सेहत के लिए कृतज्ञ हों– एक पुरानी कहावत है, “मैं अपने फटे हुए जूतों को लेकर दुखी हो रहा था परन्तु जब मैंने बिना पैरों वाले आदमी को देखा तो मुझे ऊपरवाले से कोई शिकायत नहीं रही, इसके बजाये मैं कृतज्ञ हो चला..”

इस बात के बारे में शिकायत करते रहने से की आपकी सेहत में क्या अच्छा “नहीं है” आपको इस बारे में खुश और कृतज्ञ होना चाहिए कि आपकी सेहत में क्या “अच्छा” है … अगर आप कृतज्ञ होंगे तो आप बहुत सारी भयंकर बीमारियों से बचे रहेंगे.  इसलिए आपकी सेहत अभी कैसी भी हो उसके लिए कृतज्ञ होना सीखिये… और आप पायेंगे कि आप बहुत स्वस्थ हैं ..

 

  • हर दिन खुलकर जीयें– स्वयं को यह एक लाईन हमेशा याद दिलाते रहें – “जंग लगने से बेहतर है घिस जाना” आपको एक जीवन मिला है इसलिए दिल खोलकर खुश होते हुए जीयें. इसे बर्बाद न करें, जिन्दगी को खुलकर जीने के बजाये अगर आप सिर्फ चिंता करते रहेंगे तो जल्दी ही आप अस्पताल में भर्ती नजर आ सकते हैं… इसलिए दुखी होकर रोते रहने की बजाय खुलकर जीना सीखिये क्योंकि आपकी सेहत ही आपकी सबसे बड़ी सफलता है…और आपकी सेहत एकदम ठीक है…

 

धन्यवाद !

 

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सफलता के लिए लोगों को प्रेरित करने की वो विधि जो आप नहीं जानते ! https://www.hamarisafalta.com/2016/12/motivational-tips-hindi-how-to-motivate-people-to-success-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/12/motivational-tips-hindi-how-to-motivate-people-to-success-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 16 Dec 2016 03:16:17 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=795 सफलता के लिए लोगों को प्रेरित करने की विधि Motivational Tips in Hindi by Kiran Sahu.   पीट बारलो नाम का व्यक्ति सर्कस में काम किया करता था, उसने अपनी पूरी जिन्दगी सर्कस के शो करते हुए गुजार दी थी. जब अभी बारलो, कुत्तों को प्रशिक्षण देने का काम करता था और कुत्तों में जरा-सा भी सुधार होती थी तो बारलो उनकी पीठ थपथपाता था, उनकी तारीफ़ करता था और उन कुत्तों को गोश्त का टुकड़ा देता था… यह सर्कस […]

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सफलता के लिए लोगों को प्रेरित करने की विधि Motivational Tips in Hindi by Kiran Sahu.

 

पीट बारलो नाम का व्यक्ति सर्कस में काम किया करता था, उसने अपनी पूरी जिन्दगी सर्कस के शो करते हुए गुजार दी थी.

जब अभी बारलो, कुत्तों को प्रशिक्षण देने का काम करता था और कुत्तों में जरा-सा भी सुधार होती थी तो बारलो उनकी पीठ थपथपाता था, उनकी तारीफ़ करता था और उन कुत्तों को गोश्त का टुकड़ा देता था…

यह सर्कस के मामले में कोई बड़ी बात नहीं है, जानवरों को प्रशिक्षित करने वाले लोग वर्षों से इस टेकनिक का इस्तेमाल करते आ रहे हैं…

आज के समय में हम कुत्तों को बदलने वाली इस कॉमनसेंस भरी टेकनिक का इस्तेमाल इंसानों को बदलने के लिए क्यों नहीं करते!  हम आलोचना करने की बजाय प्रशंसा का इस्तेमाल क्यों नही करते?,  हम कोड़े की डर की बजाए गोश्त का इस्तेमाल क्यों नहीं करते?   हमें थोड़े से सुधार की भी तारीफ करनी चाहिए… इससे सामने वाले व्यक्ति को सुधरने में प्रोत्साहन और प्रेरणा मिलेगी…

जब मैं स्कूल में था तो मैं एक एवरेज स्टूडेंट हुआ करता था, क्लास में एक से बढ़कर एक पढने वाले स्टूडेंट्स थे. आज जब मैं स्कूल लाइफ को याद करता हूँ तो मेरे दिमाग में टीचर्स को लेकर बहुत सारे प्रश्न उठते हैं.

स्कूल में टीचर्स बच्चों को पढ़ाते हुए बीच-बीच में कुछ Questions पूछा करते थे, और उस बीच यदि स्टूडेंट Answer न दे पाए तो सारे स्कूलों की तरह पनिशमेंट के रूप में मुर्गा बैठा दिया जाता था, जिसे कि सब जगह कॉमन समझा जाता है… और मुझे मुर्गा बैठने की आदत सी बन गयी थी, हांलाकि मैं टूटे-फूटे शब्दों में Answer देने की पूरी कोशिश करता था, लेकिन बावजूद इसके टीचर्स मुझे और मेरे अन्य कमजोर स्टूडेंट्स को पनिश करते थे…

यदि उस समय टीचर्स हमारे साथ सर्कस वाले इस टेकनीक का इस्तेमाल करते तो यकीनन हमारे अन्दर आत्मविश्वास भर जाता, और हम ज्यादा मेहनत करते… यदि वो हमारी पीठ थपथपाते, हम थोडा सा भी ज्यादा बेहतर करते तो वो हमें शाबासी देते… और उनके खुलकर तारीफ़ करने से, हमारा हौसला बढाने से हम कई गुना ज्यादा मेहनत करते जितना मुर्गा बनकर कभी संभव नहीं हो पाता…

 

आइये नीचे कुछ Real Life Example देखते हैं जो हमें सिखाएगी कि सफलता के लिए लोगों को Inspire कैसे किया जाए…

 

  • दस साल का एक बच्चा नेपल्स की एक फैक्ट्री में काम कर रहा था. वह एक गायक बनना चाहता था, पर उसके पहले संगीत शिक्षक ने उसके हौसले को ठंडा करते हुए कहा- “तुम कभी गायक नहीं बन सकते, तुम्हारी आवाज में दम नहीं है. तुम्हारे गाने सुनकर ऐसा लगता है जैसे हवा से शटर गिर रहे हों…”

लेकिन उस बच्चे की माँ ने, जो एक गरीब किसान महिला थी, उसे अपनी बाहों में भरकर उसने उसकी तारीफ़ की और उसे बताया कि वह जानती है कि वह गायक बन सकता है. और उसमें लगातार सुधार हो रहा है.. इतना ही नहीं अपने बच्चे की फ़ीस जुटाने के लिए वह नंगे पैर रही.. गरीब माँ की तारीफ़ और प्रोत्साहन ने उस बच्चे की लाइफ चेंज कर दी… उस बच्चे का नाम एनरीको कैरुसो था और वह अपने जमाने का सबसे महान और प्रसिद्ध ऑपेरा गायक बना….

 

  • लन्दन का एक नौजवान एक लेखक बनना चाहता था, लेकिन उसे लगता था कि हर एक चीज उसके खिलाफ है.. वह सिर्फ चार साल तक ही स्कूल गया था, उसके पिता कर्ज न चुका पाने के कारण जेल में थे और वो युवक अक्सर ही भूखा रहता था… आख़िरकार उसे चूहों से भरे एक वेअरहाउस में बोतलों पर लेबल लगाने का काम मिल गया. दो और बच्चों के साथ- जो लन्दन की झुग्गियों और गटर के माहौल से आये थे. वह रात में उसी दबड़े में सोया करता था. उसे लेखन की अपनी योग्यता में इतना कम भरोसा था कि उसने अपनी पहली पाण्डुलिपि रात के अँधेरे में डाक के डिब्बे में डाली ताकि कोई उसकी हँसी न उड़ाए…

कहानी के बाद कहानी रिजेक्ट होती चली गयी. आख़िरकार एक महान दिन आया जब उसकी कहानी स्वीकार कर ली गयी, यह सच है कि उसे इसके बदले में एक भी पैसा नहीं मिला, लेकिन संपादक ने उसकी बहुत तारीफ़ की. एक संपादक ने उसे बहुत सम्मान दिया, वह इतना ज्यादा रोमांचित था कि वह सड़कों पर बौराया हुआ घूमता रहा, और उसके गालों पर ख़ुशी के आँसू बह रहे थे…

अपनी एक कहानी के छपने की ख़ुशी और प्रसन्नता ने उसकी लाइफ पूरी तरह से चेंज कर दी… क्योंकि अगर यह प्रोत्साहन न मिला होता, तब वह सारी जिन्दगी चूहों से भरी फैक्ट्री में बोतलों पर लेबल ही लगाता रहता.. आपने शायद उस नौजवान का नाम जरूर ही सुना होगा .. उसका नाम था चार्ल्स डिकेंस…

 

  • लन्दन का ही एक और किशोर ड्राई-गुड्स स्टोर में क्लर्क था, उसे एकदम सुबह पांच बजे उठना पड़ता था, स्टोर में उसको झाडू लगानी पड़ती थी और वह हर दिन चौदह घंटे ड्यूटी करता था जो उसके लिए बहुत बुरा समय होता था… लगातार दो साल तक उस काम को करते-करते वह परेशान हो चूका था.

एक दिन सुबह उठते ही वह बिना नाश्ते किये पंद्रह मील पैदल चलकर अपनी माँ से मिलने के लिए गया, जो कि हाउसकीपर का काम किया करती थीं…

वह बहुत ही ज्यादा दुखी था, उसने माँ को अपना सारा दुखड़ा सुनाया और खूब रोया. उसने यह भी कसम खाई कि यदि एक और दिन उसे उस स्टोर में काम करना पड़ा तो वह मर जाएगा.  फिर उसने अपने पुराने स्कूल टीचर को एक लम्बा और दुःख भरा पत्र लिखा..  उस पत्र में उसने अपने दिल टूटने वाली बात का जिक्र किया था और लिखा था- “गुरूजी अब मैं और जीना नहीं चाहता “

जब उनके गुरु ने पत्र पढ़ा तो वे सारी बातें समझ गये और जवाब में उन्होंने उसकी तारीफ़ की और उसे आश्वस्त किया कि वह सचमुच बहुत बुद्धिमान है और अपनी बेहतर जिन्दगी का हक़दार भी है… उन्होंने उसे स्कूल में टीचर का काम देने के लिए इन्वाईट किया..

टीचर की इस प्रशंसा ने उस बच्चे का भविष्य पूरी तरह से बदल दिया और अंग्रेजी के साहित्य  के इतिहास पर भी गहरा प्रभाव डाला…

बाद में इसी नवयुवक ने ढेरों बेस्ट सेलिंग किताबें लिखीं और अपनी कलम की दम पर लाखों-करोड़ों डॉलर कमाए. आपने शायद इनका भी नाम सूना होगा. इनका नाम था एच.जी. वेल्स…

दोस्तों, किसी की दिल खोलकर तारीफ़ करना, उसके काम की प्रशंसा करना, उसे यह बताना कि वह अपने काम में हमेशा बेहतर करता जा रहा है, उसकी सफलता को दोगुनी करने के लिए एक बहुत बड़ा कदम है..

मैंने इसे अपनी असल जिन्दगी में भी महसूस किया है और आप भी कर रहे होंगे… आज जब मैं अपने ब्लॉग के लिए लोगों के कमेंट्स पढ़ता हूँ, उनके मेल देखता हूँ और दिल से निकल रही उनकी दुआएं देखता हूँ जो दिल खोलकर मेरे ब्लॉग की प्रशंसा करते हैं…तो उस समय मुझे बहुत ही ज्यादा ख़ुशी होती है ऐसा लगता है जैसे मेरा प्रयास सार्थक हो गया न… और मैं दूसरों से ज्यादा प्रशंसा हासिल करने के लिए और भी ज्यादा मेहनत करने में जुट जाता हूँ…

बहुत से लोग ऐसे  हैं जो मेरे ब्लॉग की बहुत बुराई भी करते हैं, हालांकि मैं उनके दिल में भी जगह बनाने के लिए प्रयासरत हूँ और उम्मीद करता हूँ कि वो भी एक दिन मेरे ब्लॉग की दिल से प्रशंसा करें…

मैं लिखने के लिए बहुत मेहनत करता हूँ, बावजूद इसके लोग सीधे मुंह पर मेरे आर्टिकल की बुराई करते हैं, जिससे थोड़ी निराशा जरूर होती है लेकिन जब 95% लोग खुलकर दिल से प्रशंसा करते हैं तो इसका एक अलग ही आनन्द होता है जिसे मैं बयाँ नहीं कर सकता… और मेरे लिखने की लगन में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी होती है और मैं पूरे जोश के साथ फिर से लिखना शुरू कर देता हूँ और यह सिर्फ इसलिए क्योंकि लोग मेरे ब्लॉग की दिल खोलकर प्रशंसा करते हैं और इतना काफी है मेरे ब्लॉग को आगे ले जाने के लिए…. उम्मीद करता हूँ कि आप उन 95% लोगों में शामिल होंगे और यदि आप उन 5% लोगों में से एक होंगे तो जल्दी ही मैं आपके मुंह से भी मेरे ब्लोग्स के लिये खुलकर दिल से की गयी  प्रशंसा सुनना पसंद करूँगा…

 

थोड़े से सुधार की भी तारीफ़ करें और

हर सुधार पर तारीफ करें.

“दिल खोलकर तारीफ़ करें और

मुक्त कंठ से सराहना करें…”

 

याद रखिये प्रशंसा ही वह माध्यम है जिससे सफलता के लिए लोगों को प्रेरित किया जा सकता है…  इसलिए अपनी बातों से दूसरों को कमजोर मत कीजिये…अपनी बातों को ताकत बनाएं जिससे आप लोगों को प्रेरित कर सकें और वह सिर्फ आपके किये गये प्रशंसा से ही संभव है….

                                                                                           धन्यवाद !

यह आर्टिकल How to Win Friends and Influence People किताब से प्रेरित है जिसके लेखक Dale Carnegie हैं…

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चिंता छोड़ो और सुख से जियो How to Stop Worrying and Start Living in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/12/how-to-stop-worrying-and-start-living-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/12/how-to-stop-worrying-and-start-living-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 09 Dec 2016 17:23:16 +0000 https://hamarisafalta.com/?p=755 नमस्कार दोस्तों, हम कितने भी अमीर हो जाएँ, फेमस या पावरफुल हो जाएँ, जब तक हम चीजों को लेकर ज्यादा फिकर करेंगे तब तक जिन्दगी हमें उतनी अच्छी नहीं लगेगी जैसी लगनी चाहिए… क्योंकि ज्यादा Worry करना Stress, Depression, Anxiety और बहुत सी ऐसी चीजों को पैदा करता है जो हमारे लिए जरा भी अच्छा नहीं है, Both Mentally & Physically… और इन चीजों के आने के बाद अगर हमें दुनिया की सारी अच्छी चीजें भी मिल जायेगी तो भी […]

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नमस्कार दोस्तों, हम कितने भी अमीर हो जाएँ, फेमस या पावरफुल हो जाएँ, जब तक हम चीजों को लेकर ज्यादा फिकर करेंगे तब तक जिन्दगी हमें उतनी अच्छी नहीं लगेगी जैसी लगनी चाहिए… क्योंकि ज्यादा Worry करना Stress, Depression, Anxiety और बहुत सी ऐसी चीजों को पैदा करता है जो हमारे लिए जरा भी अच्छा नहीं है, Both Mentally & Physically… और इन चीजों के आने के बाद अगर हमें दुनिया की सारी अच्छी चीजें भी मिल जायेगी तो भी हम अच्छा फील नहीं कर पायेंगे…

नेपोलियन और हेलन किलर इस बात को प्रूफ करने के परफेक्ट एक्साम्पल हैं… नेपोलियन के पास हर वो चीज थी जिसे पाने के लिए नोर्मल इंसान सपने देखता है, Fame, Power पैसा ये सब कुछ था फिर भी सेंट एलेना नाम के आयलेंड पर नेपोलियन ने एक्सेप्ट किया कि उसने जिन्दगी के 6 दिन भी कभी ख़ुशी से नहीं बिताये… जो कि उसी जगह हेलन किलर जो कि Blind, Deaf & Dumb थीं, उन्होंने डिक्लेयर किया कि ‘जिन्दगी बहुत ही खुबसूरत है …’ अब यदि हेलन किलर बिना Worry किये 78 Years ख़ुशी से जी सकतीं हैं वो भी अपनी सारी प्रोब्लम्स के साथ तो हम क्यों नहीं!

What Worry may do to you

ज्यादा Worry करना हम पर बहुत Impact करता है.  Alexis Carrel जो कि एक नोबल प्राइज विनर हैं, उन्होंने कहा है-

People Who Do Not Know How to Fight Worry Die Early

डॉ. ओ.ऍफ़.गोबेरोन जो कि एक Chief physician हैं, उन्होंने बताया कि 70% Patients physician के पास आते हैं वे अपने आपको खुद ही ठीक कर सकते हैं… अगर वो अपने Fears & Worries को ख़त्म कर दें तो…

एक स्टडी में 15000 मरीजों को एक्जामिन किया गया जिनको stomach disorders थे. उन्हें एक्जामिन करने के बाद पता चला कि 5 में से 4 मरीजों की बिमारी का कोई भी फिजिकल कारण नहीं था.. बल्कि उनके Fear, Worry, Hate, Selfishness ये सारे रीजन बन गये थे उनके पेट के बामारियों के … बहुत से फेमस डॉक्टर्स कहते हैं stomach अल्सर जो कि किसी इंसान की जान तक ले सकते हैं, heart disease, कुछ टाइप के सर दर्द और कुछ प्रकार के पैरालिसिस ये सब और कोई कारण नहीं बस हमारे ज्यादा Worry करने के कारण होता है…  अब ये सारी चीजें आपके लिए more than enough होनी चाहिए, ये बात समझने के लिए कि Worry करना कितना हमारे लिए हार्मफुल हो सकता है…

A MAGIC FORMULA FOR SOLVING WORRY SITUATIONS

Willis Carrier एक इंजीनियर थे, उन्हें एक बार एक फैक्ट्री में गैस्लिन को इंस्टाल करने का प्रोजेक्ट मिला जिसके लिए कम्पनी के मिलियन डोलर लग गये थे पर ये प्रोजेक्ट ख़त्म करने के बाद willis carrier को पता चला कि उनके इनस्टॉल किये गये डिवाईसेस, कम्पनी को किये गये गेरेंटीड  वादे पूरे नहीं कर पा रहा है जिसकी वजह से मिलियन डॉलर loss की पूरी जिम्मेदारी willis carrier पर आ गयी थी. वो अपने इस फेलियर से बहुत ही ज्यादा परेशान हो गये थे… वो इतना फिकर करने लगे थे कि उन्हें नींद आना बंद हो गयी थी.  पर फिर उनके कॉमन सेन्स ने उन्हें याद दिलाया कि उनका फिकर करना सिचुएशन को ठीक नहीं करेगा इसलिए उन्होंने एक टेकनिक निकाली अपने इस Worry के प्रोब्लम को डील करने के लिए… और ये टेकनिक इतनी असरदार निकली कि वो इसे आज भी use  करते हैं more than 30 years से …

इस टेकनिक में तीन सिम्पल स्टेप्स हैं जो आपको भी याद रखने हैं

STEP :- 1. बिना डरे और पूरे सच्चाई के साथ ये पता करें कि at the wrost case बुरे से बुरा इस प्रोब्लम की वजह से आपका साथ क्या हो सकता है!

Carrier ने जब ये सोचा तब उन्हें पता चला कि उनके इस फेलियर के लिए उन्हें जेल या फांसी तो नहीं होगी लेकिन हाँ उनका मार्किट में नाम बहुत ख़राब होगा… और 20 Million $ जो उन्होंने अपने एम्प्ल्योईस के साथ इन्वेस्ट किये थे वो पूरे डूब जायेंगे.

 

STEP:- 2. Worst case पता चलने के बाद आप उसे मेंटली एक्सेप्ट कर लें …

Carrier ने अपने आपसे कहा कि ठीक है अब अगर ऐसा हो गया है तो कोई बात नहीं मैं फिर से मेहनत करके अपना नाम बना लूँगा और एम्प्ल्योइज को समझा दूंगा कि ये एक एक्सपेरिमेंट कोस्ट था… हमारे गैस साफ़ करने की नयी टेक्नीक को टेस्ट करने के  लिए… worst thing accept करने के बाद Carrier को बहुत ही ज्यादा सुकून मिला, जो उन्हें बहुत टाइम से नही मिला था…

 

STEP:- 3. बुरी से बुरी चीज जो कि मेंटली एक्सेप्ट हो चुकी हो तो उस बुरे से बुरे को आप कैसे अच्छा कर सकते हैं उस बारे में सोचिये

फिर से Carrier ने चीजें एक्सेप्ट करने के बाद ये सोचना शुरू कर दिया कि वो कैसे उस बीस हजार डॉलर के loss को दूर कर सकते हैं… उन्होंने बहुत से टेस्ट किये तो उन्हें पता चला कि अगर वे अपने डिवाइस में पांच हजार डॉलर का और काम कराएँगे तो उनके डिवाइसेस बराबर काम करने लगेंगी… फिर उन्होंने ऐसा ही किया और उसका रिजल्ट यह हुआ कि बीस हजार डॉलर का नुकसान होने की बजाये उन्होंने पन्द्रह हजार का प्रॉफिट कमा लिया…

Carrier कहते हैं कि यदि वो तीनों स्टेप्स फोलो नहीं करते और बस फिकर करते रहते तो उन्हें इतना अच्छा रिजल्ट कभी भी नहीं मिलता…

ये टेकनिक हमारे लिए भी बहुत काम की है क्योंकि जब आपके साथ  बुरा से बुरा हो रहा है और आप इसे एक्सेप्ट कर लेते हैं तो आपका दिमाग एक जगह से दूसरी जगह जाकर परेशान होना बंद कर देता है…और प्रोब्लम्स को सोल्व करने में ज्यादा से ज्यादा फोकस कर पाता है…

लेकिन जब तक आप एक्सेप्ट नहीं करेंगे तब तक आपका दिमाग आपको खाता रहेगा और आपको कुछ भी रिजल्ट नहीं मिलेगा…

अभी कुछ रीडर्स को लग रहा होगा कि Carrier की समस्या इतनी बड़ी नहीं थी और उनकी लाइफ की प्रोब्लम उससे कहीं ज्यादा बड़ी है तो उन सबके लिए एक और सच्ची कहानी है …

अल्पी हेनि नाम के आदमी को duodenal ulcers थे . डॉक्टर्स जिनमें स्पेशलिस्ट भी थे ने हेनि को जवाब दे दिया था, ये बोलकर कि उनकी बीमारी का कोई इलाज नहीं है और उनका बचना इम्पोसिबल है… आप सोच ही सकते हैं कि यह सुनने के बाद उन पर क्या बीती होगी.  वो बहुत परेशान रहने लगे थे पर फिर उन्होंने निर्णय लिया कि जब मेरे पास कम समय बचा है तो क्यों न मैं इन बचे हुए टाइम को मैं पूरे ख़ुशी के साथ बेफिक्र होकर बिताऊँ और एकदम खुलकर जीउँ…

उनका सपना था कि वो मरने से पहले वर्ल्ड टूर पर जाएँ इसलिए उन्हें वही करना सही लगा … उन्होंने शिप की टिकट बुक की… डॉक्टर्स ने उन्हें वार्न किया कि अगर वे गये तो वो वापिस नही आ पायेंगे… और उनकी बॉडी समुद्र में ही डाल दी जायेगी.. हेनि को अपने शहर नब्रास्का में ही दफन होना था इसलिए वो अपने साथ एक कॉफिन लेकर गये और उसे उस शिप वालों को दे दिया और एक एग्रीमेंट रखा कि यदि वो उस जहाज पर मरते हैं तो वो लोग उनकी बॉडी वापिस लेकर आयें … ये सब अरेंजमेंट करने के बाद वो बेफिक्र होकर ट्रिप के लिए निकल गये … उन्होंने बिना सोचे समझे जो दिल किया वो खाया और पिया… बड़े-बड़े सिगार पिए, गेम्स खेले और नए दोस्त बनाये, रात-रात भर जागकर मस्ती की, गाने गाये और ऐसे तूफानों में एन्जॉय किया जो जानलेवा थे… और फिर पूरी ट्रिप ख़त्म होने के बाद जब वे वापिस आये तो उनका 90 पाउंड वजन बढ़ गया था और वो भूल ही गये थे कि उन्हें stomach ulcer है.  सौभाग्य से वो पूरी तरह ठीक हो गये थे और उसके बाद उन्होंने आगे की लाइफ पूरी तरह से फिट होकर हेल्थी रहते हुए गुजारी….

 

यहाँ हेनी ने भी सेम टेकनिक का उपयोग किया था जो Carrier ने किया था..  उन्होंने अपने प्रोब्लम का सबसे बुरी से बुरी चीज का पता कर लिया, फिर उसे एक्सेप्ट कर लिया उसके बाद ट्रिप पर जाकर उस सिचुएशन को थोडा बेहतर करने की कोशिश की वो भी बिना फिकर किये …

अब यदि वो ये पता चलने के बाद कि अब मैं मरने वाला हूँ, बस फिकर करते रहते तो डॉक्टर्स की बात सच निकल जाती पर उन्होंने अपनी फिकर ख़त्म करके लाइफ का मजा लिया , जिसने उनकी जान बचा ली…

COUNT YOUR BLESSINGS

मान लीजिये कोई आदमी आकर आपको पांच करोड़ रूपये देता है और कहे मुझे अपने दोनों हाथ काटकर बेच दो तो क्या आप बेचेंगे ?

अगर वो और पांच करोड़ का ऑफर दे और आपके दोनों टाँगे भी काटकर देने को कहे तो क्या आप उसे अपनी टाँगें दे सकते हैं?

बहुत सारे पैसे ऑफर करे और आपके शरीर के जरूरी अंगों को आपसे मांगे तो क्या आप देंगे?

जहाँ तक मैं जानता हूँ आप यकीनन नहीं देंगे और न ही मैं दूंगा … इससे एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि वाकई हम कितने ज्यादा अमीर हैं.

हम उन चीजों के मालिक हैं जिसकी वैल्यू करोड़ों से भी ज्यादा है जो कि है हमारा हेल्थ, हमारा बॉडी और हमारा टाइम…

लेकिन सोचने की बात ये है कि हम कुछ लाखों रूपये की मटेरियलिस्टिक चीजों को हासिल करने के लिए अपने इन सबसे कीमती चीजों को हद से ज्यादा प्रेशर में डालते हैं, पनिश करते हैं और इसे एकदम ख़राब कर देते हैं … मेरा मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि आप सक्सेसफुल बनने के बारे में न सोचो पर इतना ध्यान दो कि आप सक्सेस पाने के चक्कर में अपने हेल्थ या बॉडी को ख़राब न कर दो क्योंकि कितनी भी सक्सेस क्यों न मिल जाए बिना हेल्थ के वो कोई भी काम की नहीं होगी…

हमें उन चीजों के बारे में सोचकर दुखी नहीं होना चाहिए जो हमारे पास नही है बल्कि वो सारी अच्छी चीजें जो हमारे पास पहले से है उसके बारे में सोचकर हमें अच्छा महसूस करना चाहिए…

ये एक प्रिंसिपल है जिसने हमारी जिन्दगी तो बहुत आसान कर दी है, मैं जब भी किसी चीज को लेकर परेशान होता हूँ तो ये सोचता हूँ कि यही सेम टाइम कहीं दूर ऐसे भी लोग हैं जिनके सामने उनकी पूरी फैमली को जान से मार दिया जा रहा होगा, ऐसे कितने सारे लोग भी हैं जो बहुत प्यासे होंगे और उन्हें पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल पा रहा होगा , ऐसे कितने ही लोग होंगे जो भूख से तड़प रहे होंगे और जिन्हें मजबूरी में मिट्टी खाना पड़ रहा होगा… और मैं कितना स्वार्थी हूँ जो अपनी छोटी छोटी बातों पर परेशान होकर इतना दुखी बैठा हूँ …

हम सब अपनी प्रोब्लम्स से परेशान होकर लाइफ को कोशते हैं पर यकीन कीजिये कि जिस इंसान को पता होगा कि उसकी लाइफ का आज आखिरी दिन है और अगर आप उससे कहेंगे कि वो आपके लाइफ के सारे दुःख दर्द ले ले तो वह ख़ुशी ख़ुशी आपके सारे प्रोब्लम्स ले लेगा,…और फिर भी वह दुनिया का सबसे खुश इंसान होगा.

 

अगर आपको Worries, Stress & Depressions से दूर रहना है तो एक हैबिट बना लें और कम दिन में एक बार अपनी लाइफ की सबसे अच्छी चीजों को गिनने की कोशिश करिए और उसके लिए ऊपरवाले का शुकर कीजिये , जब आप ऐसा करेंगे तो आप समझ जायेंगे कि आप अपनी सोच से कितने ज्यादा अमीर हैं .

About All the Worries About “Never” Happen

500 साल पहले माइकल डिमोंटाइग ने कहा “मेरी जिन्दगी बहुत सी परेशानियों से भरी है, ऐसी परेशानियाँ जो कभी रियल में होती ही नहीं…”

एक रिसर्च से पता चला है कि 85% बातें जिसकी हम फिकर  करते हैं वो एक्चुअल में हमारे साथ कभी होती ही नहीं .. और जो 15% होती हैं उनमें से 79% बातें फिकर करने के लायक नहीं होतीं… मतलब टोटल 97% बातें जिसकी आप फिकर रहे हैं वो और कुछ नहीं बल्कि आपके दिमाग का डर है.  जो आपको परेशान कर रहा है.

Some Ways to Avoid Unnecessary Worry :-

कुछ प्रैक्टिकल तरीके जिससे आप इन Unnecessary Worry को ख़त्म कर सकते हैं :-

  • जितना हो सके खुद को हमेशा बीजी रखिये. क्योंकि इंसान कितना भी समझदार हो वो दो चीज एक साथ नहीं सोच सकता.. इसलिए जब आप बीजी रहना स्टार्ट करेंगे तो आपको फिक्र करने का टाइम ही नही मिलेगा. और आप बीजी भी ऐसे काम में रहें जिसमे आपकी क्रियेटिविटी और प्लानिंग यूज हो.
  • Think & Act Cheerful- जैसे हम एक साथ दो काम नहीं कर सकते, वैसे ही हम एकसाथ दो चीज फील नही कर सकते. मतलब आप किसी बात को लेकर एकदम एक्साइटेड और उसी टाइम में किसी बात को लेकर एकदम दुखी नहीं हो सकते … आप जब भी टेन्स फील करें तो मुस्कुराएँ और ऐसा एक्ट करें कि आप खुश हैं .. ये करने से आपको अन्दर से अच्छा फील होने लगेगा क्योंकि हम अपने फीलिंग को डायरेक्ट कंट्रोल नहीं कर सकते… लेकिन हमारे एक्शन्स को कर सकते हैं और अच्छी बात ये है कि आपकी एक्शन और आपकी फीलिंग एक दुसरे से कनेक्टेड है…

इसलिए आप ऐसा एक्ट करें कि आप अच्छा फील कर रहे हैं तो आपको रियल में अच्छा फील होने लगेगा ……….

 

धन्यवाद!

यह पोस्ट How to Stop Worrying and Start Living से प्रेरित है जिसके लेखक Dale Carnegie हैं…

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हार को जीत में बदलने के 5 सिद्धांत Success Tips in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/11/5-principles-to-change-defeat-into-victory-best-success-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/11/5-principles-to-change-defeat-into-victory-best-success-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 17 Nov 2016 03:19:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/11/17/5-principles-to-change-defeat-into-victory-best-success-tips-in-hindi/ दोस्तों लाइफ में हमें कई बार हार का सामना करना पड़ता है, और यह जरूरी भी नहीं कि हम हर बार जीतें।  लेकिंन हर बार जीतने के लिए हम आखिर दम तक कोशिश जरूर कर सकते हैं। सफलता और असफलता में फर्क इस बात का होता है कि असफलता, बाधा, निराशाजनक स्थितियों और हतोत्साहित करने वाली बातों के प्रति आपका रवैया क्या है। ऊपर लिखे वाक्य का साधारण अर्थ यह है कि आप हारने के बाद क्या उठ खड़े होते […]

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दोस्तों लाइफ में हमें कई बार हार का सामना करना पड़ता है, और यह जरूरी भी नहीं कि हम हर बार जीतें।  लेकिंन हर बार जीतने के लिए हम आखिर दम तक कोशिश जरूर कर सकते हैं।

सफलता और असफलता में फर्क इस बात का होता है कि असफलता, बाधा, निराशाजनक स्थितियों और हतोत्साहित करने वाली बातों के प्रति आपका रवैया क्या है।

ऊपर लिखे वाक्य का साधारण अर्थ यह है कि आप हारने के बाद क्या उठ खड़े होते हैं, या बस हारने की तैयारी ही करते हैं, मतलब जब आप असफल होते हैं तो आप अपनी उस बुरी परिस्थिति में खुद की सफलता के लिए कोई ठोस कदम लेते हैं कि नहीं….

आइये इस पोस्ट में हम एकदम शोर्ट में हार को जीत में बदलने वाली इन पांच सिद्धांतों के बारे में बात करेंगे जो आपके जीतने के लेवल को बढ़ाएगी।।।

१. अपनी असफलता का पूरी गहनता के साथ अध्ययन करें, ताकि आप सफलता की राह पर बढ़ सकें।  जब आप हारें, तो उस हार से सबक सीखें और फिर अगली बार जीतने की तैयारी करें।

ये इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि आपको आईने के सामने खुद से बात करने का साहस करना होगा, आपको हीरो बनना होगा… अपनी हार की जिम्मेदारी खुद  पर लेनी होगी, यदि आप इसके लिए दूसरों को ब्लेम करेंगे तो सफलता के रास्ते पर चढ़ना मुश्किल हो जाएगा…. इसलिए पीठ दिखाने की बजाये पूरे साहस के साथ अपनी जीत के लिए तैयारी कीजिये।

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२. अपने खुद के रचनात्मक आलोचक बनने का साहस रखें।  अपनी गलतियाँ और कमजोरियां खोजें और फिर उन्हें सुधारें।  इससे आप प्रोफेशनल बन जाएँगे।

ऊपर लिखे शब्दों का साधारण अर्थ यदि समझें तो इसका मतलब है, खुद की कमजोरियों को हमेशा खोजते रहें, उन्हें सुधारने के लिए हमेशा अपना वक्त निकालें और खुद पर हँसने का साहस रखें।  जब आप खुद के सामने खुद की कमजोरियों पर हँसते हैं, तब आप उसे सुधारने के लिए भी तैयार रहते हैं तब आपको वाकई लगता है कि आप “कर सकते हैं ” इसलिए खुद के वक्त निकालिए, आपको अपने अंदर सिर्फ अच्छाईयां नजर आती हैं, लेकिन जो बुराइयां आपके अंदर हैं, जो आपको कमजोर बनाती  हैं उन्हें खोजना और जड़ से उखाडना भी आपको ही है…..

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३.  किश्मत को दोष देना बंद कर दें।  अपनी हर असफलता का विश्लेषण करें।  यह पता लगाएं कि आखिर गलती कहाँ हुई थी।  याद रखिये तक़दीर को दोष देने से कोई व्यक्ति वहाँ नहीं पहुंचा, जहाँ वह पहुंचना चाहता था।

इस दुनिया में किश्मत है भी या नहीं इस बड़े से विवाद में पड़ना मेरे लिए सबसे बड़ी मूर्खता होगी, लेकिन हाँ मैं इतने यकीन से कह सकता हूँ कि आपके द्वारा दिल से किया गया एक प्रयास आपकी असफलता को कहीं पीछे छोड़ सकता है, यदि आप पूरे धैर्य के साथ सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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४.  लगनशीलता के साथ प्रयोगशीलता का समन्वय कर लें।  अपने लक्ष्य से भटकें नहीं, बल्कि अपने लक्ष्य को बनाये रखें।  लेकिन इसका मतलब यह हरगिज नहीं है कि आप पत्थर की दीवार से अपना सिर टकराते रहें।  नई शैलियों का प्रयोग करें।  प्रयोगशील बनें। 

 यदि आप अपने क्षेत्र में बार-बार असफल हो रहे हों, और आप अपने काम करने के तरीके को ही नहीं बदलना चाहते हों तो आप सफलता के लिए कितनी दूरी तक जा सकता हैं…. यकीनन हर कोई आपको हमेशा की तरह फ़ैल होते हुए ही देखेगा, इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आप उस काम को ही छोड़ दें। 

साधारण शब्दों में आपको बस इतना देखना है कि फ़ैल होने के पीछे कौन सी गडबडियां हैं।  आपको बस उन गडबडियों को सुधारना है, आपको काम करने के तरीके में बस बदलाव लाना है।  हमेशा बदलाव के लिए तैयार रहना है।  जब आप बदलाव के लिए तैयार रहते हैं तो आप कुछ बड़ा करने के लिए तैयार रहते हैं।  इसलिए हमेशा अपने लक्ष्य के लिए नए रास्ते खोजिये, क्योंकि भेड़ चाल सबको चलनी आती है। 

Must Read:- भेड़ चाल से बाहर आने के लिए बेहतरीन हिंदी पोस्ट- क्यों बने हम भीड़ का हिस्सा

५.  याद रखें, हर स्थिति का एक अच्छा पहलु होता है।  इसे खोजें, अच्छे पहलु को देखें और आप एक बार फिर उत्साह से भर जायेंगे। 

जब आप किसी के अंदर पोजिटिव चीजों को देखते हैं या कहीं भी पोजिटिव खबर सुनते हैं तो आपके आँखों में एक अलग सी चमक ही होती है, तो आप खुद के लिए इतना नकारात्मक क्यों हो जाते हैं।  मैं मानता हूँ कि आप सैकड़ों, हजारों बार फ़ैल हुए होंगे या हारे होंगे लेकिन हारने की एक वजह से आप जीतने के दस तरीके निकाल सकते हैं।  वाकई ये इतना मुश्किल भी नहीं है।  आप बस अपने अंदर के उजले पहलुओं को देखिये, जीत के लिए तैयारी शुरू कर दीजिए, सामने कितना भी बड़ा प्रतियोगी होगा आप उसे हरा देंगे। 

बस खेल में उतरिये, जीतने के लिए तैयार रहिये और जीत जाइए… 

 Must Read:- सफलता में रूकावट 6 खतरनाक – C

 नोट:- यह आर्टिकल The Magic of Thinking Big किताब से प्रेरित है, जिसके लेखक डेविड जे. श्वार्ट्ज हैं .



                                                                                                                        धन्यवाद !

 

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“अगर” नाम के बूढ़े द्वारा बनाये जाने वाले 55 प्रसिद्ध बहाने जो आपको असफल बनाते हैं https://www.hamarisafalta.com/2016/11/excuse-bahana-success-inspirational-hindi-post-bahana-par-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2016/11/excuse-bahana-success-inspirational-hindi-post-bahana-par-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Wed, 16 Nov 2016 17:31:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/11/16/excuse-bahana-success-inspirational-hindi-post-bahana-par-hindi-article/ दोस्तों, इस दुनिया में ज्यादातर लोग अपने बहानाबाजी के कारण सफल नहीं हो पाते, और बाद में अपनी किश्मत को कोसते हैं… बहाना बनाने की बीमारी लोगों के अंदर बढती जा रही है, वे अपनी असफलता के सारे कारणों से वाकिफ होते हैं और अपने साथ एक ठोस और कोरा बहाना तैयार रखते हैं कि आखिर वे असफल क्यों हुए? ये दुनिया केवल एक चीज ही जानती है- क्या आपने वाकई में सफलता हासिल की है? इस पोस्ट में एक […]

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दोस्तों, इस दुनिया में ज्यादातर लोग अपने बहानाबाजी के कारण सफल नहीं हो पाते, और बाद में अपनी किश्मत को कोसते हैं… बहाना बनाने की बीमारी लोगों के अंदर बढती जा रही है, वे अपनी असफलता के सारे कारणों से वाकिफ होते हैं और अपने साथ एक ठोस और कोरा बहाना तैयार रखते हैं कि आखिर वे असफल क्यों हुए?

ये दुनिया केवल एक चीज ही जानती है- क्या आपने वाकई में सफलता हासिल की है?

इस पोस्ट में एक चरित्र विश्लेषक ने सबसे आम बहानों की लिस्ट बनाई है.. जा आप इस पोस्ट को पढ़ें तो बड़ी ही सावधानी से खुद की जांच करें और यह तय करें कि आप स्वयं इनमें से कितने बहाने बनाते हैं..

  •  अगर मेरे पास पैसा होता…..
  • अगर मेरे पास पत्नी और परिवार होता…..
  • अगर मेरे पास अच्छी शिक्षा होती…..
  • अगर मुझे कोई नौकरी मिल गयी होती…..
  • अगर मेरा स्वास्थ्य अच्छा होता…..
  • अगर मेरे पास समय होता…..
  • अगर समय बेहतर होता…..
  • अगर दूसरे लोग मेरी फीलिंग्स को समझ पाते…..
  • अगर मेरे चारों तरफ की परिस्थितियां भिन्न होतीं…..
  • अगर मैं अपनी जिंदगी को दुबारा जी सकता…..
  • अगर मैं इस बात से नहीं डरता कि “लोग क्या कहेंगे”…..
  • अगर मुझे अवसर दिया गया होता…..
     
  • जरूर पढ़ें:-  बहाने बनाना छोडिये, बर्बादी से नाता तोडिये  
  • अगर मेरे पास  अब एक अवसर होता…..
  • अगर दूसरे लोगों ने मुझे “इस हालत में नहीं पहुँचाया होता”…..
  • अगर मुझे रोका नहीं गया होता…..
  • अगर मैं अधिक युवा होता…..!
  • अगर मैं वह कर सकता जो मैं चाहता हूँ…..
  • अगर मैं अमीर पैदा हुआ होता…..
  • अगर मैं “सही लोगों” से मिल पाता……
  • अगर मुझमें वह प्रतिभा होती जो कुछ लोगों के पास है……
  • अगर मेरे पास पर्याप्त “प्रेशर” होता…..
  • अगर दूसरे लोग सिर्फ मेरी बात सुन लेते…..
  • अगर मेरे पास खुद का बिजनसे होता…..
  • अगर मेरे पास मेरा “अतीत” न होता…..
  • अगर मैं किसी दूसरे इलाके में रह रहा होता…..
  • अगर मैंने अपना पैसा नहीं गँवाया होता…..
  • अगर मुझे इतनी कड़ी मेहनत नहीं करनी होती……
  • अगर यह सच नहीं होता कि “जो होना है वह होगा”…..
  • अगर मैं गलत सितारे के तले पैदा न हुआ होता…..
  • अगर किश्मत मेरे खिलाफ नहीं होती…..
  • अगर मुझे खुद पर भरोसा होता…..
  • अगर मेरा परिवार इतना फिजूलखर्ची न होता…..
  • अगर लोग इतने गूंगे न होते…..
  • अगर मेरी शादी किसी सही व्यक्ति से हुई होती…..
  • अगर मेरे पास इतनी सारी चिंताएं न होतीं…..
  • अगर हर आदमी ने मेरा विरोध न किया होता…..
  • अगर मैं यह जानता होता कि कैसे करना चाहिए…..
  • अगर मैं असफल न हुआ होता…..
  • अगर मैं कर्ज से बाहर निकल पाता…..
  • अगर मुझे बस एक “ब्रेक ” मिल गया होता…..
  • अगर मेरी प्रतिभाएं लोगों को पता चल जातीं…..
  • अगर मैं इतना मोटा या दुबला-पतला न होता…..
  • अगर मैं सिर्फ मुक्त होता…..
  • अगर मैं किसी बड़े शहर में रह रहा होता…..
  • अगर मेरे पास कुछ लोगों जैसा व्यक्तित्व होता…..
  • अगर मैं सिर्फ शुरू कर पाता…..
  • अगर मेरी फैमिली मुझे समझ पाती…..
  • अगर मुझमें दिलेरी होती…..
  • अगर मैंने पिछले अवसरों का लाभ उठाया होता…..
  • अगर लोग मुझ पर इतने हावी नहीं होते…..
  • अगर मुझे घर  न संभालना होता और बच्चों की देखरेख न करनी होती….
  • अगर मैं कुछ पैसे बचा सकता …..
  • अगर बॉस मेरी तारीफ़ करता…..
  • अगर कोई मेरी मदद करता

जरूर पढ़ें:-  हार न मानिए आगे बढिए और जीतिए

“अगर”   यह सबसे बड़ा बहाना है जिसे मैं 55 वें नम्बर पर दर्शाना चाहूँगा…? यदि आप अपनी बोलचाल में “अगर” शब्द किसी भी अपने वाक्य के शुरू में बोल रहे हैं तो मैं आपके सफलता के बारे में चिंतित हूँ….

अपनी असफलता के लिए सफाई देने के लिए आज के समय में बहाने बनाना एक राष्ट्रीय शौक बन चूका है…

अल्बर्ट हबार्ट ने कहा था कि ,  “लोग अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए बहाने बनाकर खुद को जान बूझकर धोखा देने में इतना अधिक समय क्यों बर्बाद करते हैं… अगर इसका कोई भिन्न उपयोग किया जाए तो यही समय उस कमजोरी को सुधारने के लिए पर्याप्त होगा और तब बहाने बनाने की कोई जरूरत नहीं होगी”….

दोस्तों यदि आप अपने सफलता के दरवाजों को बंद करना चाहते हैं तभी बहाना बनाइए, तब आपको असफलता की ऊँचाइयों को छूने से कोई नहीं रोक सकता लेकिन इसका उलटा भी उतना ही सही है…

बहाना बर्बादी है, और ऊपर दिए गए बहानों का इस्तेमाल करके आप खुद को कमजोर कर रहे हैं…

हम जल्दी ही इसका अगला भाग इस साईट पर प्रकाशित करेंगे जिससे आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी और आप सफलता के शिखर तक पहुंचेंगे….

नोट:- यह Inspirational Hindi Article , Think and Grow Rich by Nepoleon Hill की किताब से प्रेरित है…..

जरूर पढ़ें:-  बहाने बनाना छोडिये, बर्बादी से नाता तोडिये

धन्यवाद !

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ऐ दुनिया, आज मेरे बेटे का स्कूल में पहला दिन है- Best Inspirational Letter in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/11/best-inspirational-letter-in-hindi-abraham-lincoln-inspirational-letters-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/11/best-inspirational-letter-in-hindi-abraham-lincoln-inspirational-letters-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 03 Nov 2016 14:21:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/11/03/best-inspirational-letter-in-hindi-abraham-lincoln-inspirational-letters-hindi/ ऐ दुनिया, मेरे बच्चे का हाथ थाम लो, आज स्कूल में इसका पहला दिन है. कुछ देर को इसके लिए हर चीज नई और अजनबी होगी, इसलिए मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इसके साथ नरमी से पेश आयें. आप तो जानते ही हैं कि इसका संसार अब तक घर तक ही सीमित था. इसने अपनी चहार दिवारी के बाहर कभी झाँका नहीं था. यह अब तक घर का राजा रहा है. अब तक इसकी चोट पर मरहम लगाने और […]

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ऐ दुनिया, मेरे बच्चे का हाथ थाम लो, आज स्कूल में इसका पहला दिन है. कुछ देर को इसके लिए हर चीज नई और अजनबी होगी, इसलिए मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इसके साथ नरमी से पेश आयें. आप तो जानते ही हैं कि इसका संसार अब तक घर तक ही सीमित था. इसने अपनी चहार दिवारी के बाहर कभी झाँका नहीं था. यह अब तक घर का राजा रहा है. अब तक इसकी चोट पर मरहम लगाने और इसकी ठेस लगी भावनाओं को प्यार का लेप लगाने के लिए मैं हमेशा मौजूद था…

लेकिन अब बात दूसरी होगी. आज सुबह यह सीढ़ियों से उतरकर अपना नन्हा हाथ उत्साह के साथ हिलाएगा और अपनी बड़ी साहसिक यात्रा शुरू करेगा. जिसमें शायद संघर्ष भी होगा, दुःख भी होगा और निराशा भी होगी..

इस संसार में जीने के लिए इसे विश्वास, प्यार और साहर की जरूरत होगी, इसलिए ऐ दुनिया, मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इसके नन्हें हाथों को पकड़कर वे सब सिखायेंगे जो इसे जानना चाहिए.. सिखाएं जरूर लेकिन हो सके तो प्यार से…

मैं जानता हूँ कि इसे एक दिन यह समझना पड़ेगा कि सभी लोग अच्छे नहीं होते – स्त्री-पुरूष सच्चे नहीं होते… इसे यह भी सिखाएं कि संसार में हर धूर्त के लिए एक अच्छा इंसान भी है.. जहाँ एक दुश्मन है तो वहां एक दोस्त भी है… इसे शुरू में यह सीखने में मदद करें कि बुरे और धांस जमाने वाले लोगों को ठिकाने लगाना सबसे आसान ही…

इसे किताबों की खूबियों के बारे में बताएं और पढने के लिए प्रेरित करें… कुदरत के छिपे सौन्दर्य जैसे – आसमान में उड़ते पंछी, गुनगुन करते भौरें और हरीभरी वादियों में खिले फूलों को करीब से देखने और जानने के लिए इसे पूरा समय दें … इसे यह भी सिखाएं कि बेईमानी की जीत से हार जाना कहीं अच्छा है… इसे तब भी अपने विचारों पर विश्वास रखना सिखाएं जब सब कह रहे हों कि वह गलत है…

मेरे बच्चे को वह शक्ति दें जिससे वह भीड़ का हिस्सा न बनकर भेडचाल न चले जबकि सारा संसार चल रहा हो. इसे यह तो सिखाएं कि वह दूसरों की बातें सुने लेकिन हर बात सच्चाई के तराजू पर परखे और उनमें से सिर्फ अच्छाई को ही अपनाएँ…

अपनी अन्तरात्मा की आवाज को सोने-चांदी के सिक्कों से न तोले.. इसे यह सिखाएं कि वह लोगों के कहने में न आये और अगर वह अपनी सोच में खुद को सही पाता है तो वह अपने सही इरादों पर डटा रहे और संघर्ष करे… इसे नरमी से सिखाएं लेकिन ऐ दुनिया, इसे बिगाड़ें मत और कमजोर न बनाएँ क्योंकि लोहा आग में तपकर ही फौलाद बनता है…

वैसे तो ऐसा कर पाना एक बहुत बड़ी बात है, मगर ऐ दुनिया, फिर भी आप ऐसा करने की कोशिश जरूर करें… आख़िरकार वह एक बहुत प्यारा बेटा है….

हस्ताक्षर

-अब्राहम लिंकन

* ‘पलपिट हेल्पस’ से उद्धृत, फरवरी 1991, एपल सीड्स में कोटेड, ग्रन्थ 10, नम्बर 1, 1994…

You Can Win – Hindi Translation जीत आपकी किताब से प्रेरित….

अब्राहम लिंकन का यह पत्र भी जरूर पढ़ें 

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स्टीव जॉब्स के 3 सबसे बड़े दर्द Steve Jobs Inspirational Post in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/10/3-steve-jobs-inspirational-post-in-hindi-steve-jobs-motivational-hindi-pos.html https://www.hamarisafalta.com/2016/10/3-steve-jobs-inspirational-post-in-hindi-steve-jobs-motivational-hindi-pos.html?noamp=mobile#respond Wed, 12 Oct 2016 07:17:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/10/12/3-steve-jobs-inspirational-post-in-hindi-steve-jobs-motivational-hindi-pos/ Apple company के founder, Steve Jobs की पूरी Life struggle से भरी हुई है।  उनके संघर्ष का हर एक पल हमारे लिए प्रेरणास्रोत बन सकता है। उन्होंने अपनी लाइफ में बहुत से दर्द चुपचाप सहे हैं और उन दर्द ने ही Steve को Inspire किया है।  आइये HamariSafalta.Com पर हम आपके साथ उनके तीन सबसे बड़े दर्द का जिक्र करना चाहेंगे, जिसको  Steve ने चुपचाप सहन किया है।                                                          1. गोदनामा (Adopt) Steve की Life में पहला दर्द था […]

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Apple company के founder, Steve Jobs की पूरी Life struggle से भरी हुई है।  उनके संघर्ष का हर एक पल हमारे लिए प्रेरणास्रोत बन सकता है। उन्होंने अपनी लाइफ में बहुत से दर्द चुपचाप सहे हैं और उन दर्द ने ही Steve को Inspire किया है।  आइये HamariSafalta.Com पर हम आपके साथ उनके तीन सबसे बड़े दर्द का जिक्र करना चाहेंगे, जिसको  Steve ने चुपचाप सहन किया है।

 

                                                       1. गोदनामा (Adopt)

Steve की Life में पहला दर्द था कि उनके जैविक माता-पिता द्वारा ही उन्हें छोड़ दिया गया इसका मतलब है पैदा होते ही उनका त्याग कर दिया गया।  स्टीव, छोटे-से उम्र से ही जान चुके थे कि वे अपने जैविक माता-पिता द्वारा त्यागे गए हैं, और उनका पालन-पोषण कर रहे माता-पिता ने उन्हें गोद लिया है।  उनके माता-पिता स्वतंत्र दिमाग के थे जिसके चलते उन्होंने स्टीव से कुछ भी नहीं छिपाया था।  यहाँ तक तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होती थी लेकिन जब कोई third person, Steve को त्यागे जाने या कभी गोद लिए जाने का जिक्र करता तो Steve की आँखें भर आती थीं और वो तिलमिला उठते थे । उन्हें ये शब्द सुनते ही इतना गुस्सा आ जाता था कि उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता था । वे इस दर्द के चलते अंदर ही अंदर घुटते जा रहे थे .

Steve जब 7 वर्ष के थे तो उनके साथ एक घटना घटी । वे अपने घर के लॉन में शाम के समय लेटे हुए थे तभी उसी के उम्र की एक लड़की जो सड़क के उस पार वाले मकान में रहती थी ने आवाज लगाई ” स्टीव, मुझे ऐसा लगता है कि तुम्हारे असली माता-पिता तुमको प्यार नहीं करते ” ये वाक्य सुनते ही स्टीव गुस्से में तिलमिलाए और चिल्लाते हुए अपने घर की तरफ भागे । उनके माता-पिता ने स्टीव को देखा और समझाते हुए बोले- “बेटे! अब तुम समझदार हो चुके हो, ये सच है कि हमने तुम्हें चुना है लेकिन यह भी सच है कि हमने तुम्हें विशेष रूप से चुना है । दोनों ने स्टीव की आँखों में देखते हुए बोलना जारी रखा और उन्होंने स्टीव के सामने तीन शब्द जाहिर की, वो शब्द थे- छोड़ दिए गए, चुने गए, विशेष रूप से (Abandoned, Chosen, Special…)” ये तीन शब्द ही आगे चलकर स्टीव के जिंदगी के आधार स्तम्भ बन गए…

स्टीव के माता-पिता, उसे देखकर बहुत भावुक हो गए और स्टीव को एक Inspirational Story सुनाई-

चार बच्चे एक स्थान पर बैठकर आपस में हँसी मजाक कर रहे थे । उनमे से एक बच्चा किसी का दत्तक पुत्र (गोद लिए हुआ पुत्र ) था ।

बच्चे- (दत्तक पुत्र से )– तुझे तो तेरे माता-पिता ने गोद लिया हुआ है । तुम हमारे जैसा नहीं है, तू हमसे बहुत अलग है ।

दत्तक पुत्र- (गर्व से बोलते हुए )– हाँ! मैं तुम्हारे जैसा बिलकुल भी नहीं हूँ । मैं बहुत गर्व महसूस कर रहा हूँ कि मेरे पिता ने मुझे गोद लिया है । मैं बहुत Special हूँ ।

बच्चेइसमें गर्व करने वाली कौन-सी बात है?

दत्तक पुत्र– क्योंकि मेरे पिता ने मुझे अनेकों में से अच्छा चुनकर लिया है । तुम्हारे माता-पिता को तो तुम्हे वैसा ही लाना पड़ा जैसे तुम थे ।  उन्हें तो कभी तुम्हें चुनने का अवसर ही नहीं मिला । सच तो यह है कि वे तो तुम्हें ढो रहे हैं ।

बच्चे- अरे भाई! तुम ये क्या समझोगे? पिता पर हमारा कितना अधिकार है?

दत्तक पुत्र– कितना अधिकार है? जरा मुझे भी तो बताओ!

बच्चे– हम जैसा चाहते हैं, उनको वैसा नचाते हैं । हम जो भी फरमाइश करते हैं, उन्हें पूरा कराकर ही दम लेते हैं..

दत्तक पुत्र– यदि वो तुम्हारा कहना न मानें तो ?

बच्चे- उस स्थिति में उन्हें Papa कौन कहेगा! अगर हम उन्हें पापा नहीं कहेंगे तो उन्हें पापा कहने वाला कोई न होगा! बेचारे पापा…

दत्तक पुत्र– इसीलिए तो मैं बहुत समय से बोल रहा हूँ कि तुम्हारे पापा बेचारे हैं, तुम्हें सही मायने में ढो रहे हैं । तुम उन्हें सिर्फ ब्लैकमेल ही तो कर रहे हो ! असल बात यह है कि तुम जैसे हो उसी में उनको Satisfaction मिल जा रही है ।

बच्चे- तो इसमें क्या बड़ी बात है! पापा तो तुम्हारे भी बेचारे हैं ।

दत्तक पुत्र– नहीं! ऐसा बिलकुल नही है.. हम दोनों ने अपनी इच्छा से एक-दूसरे को चुना है । हम कभी ब्लैकमेल नहीं करते, बल्कि हमेशा एक-दूसरे से प्यार करते हैं ।  हमारे पापा किसी भी तरह से बेचारे नहीं है क्योंकि उन्हें पापा कहने वाले हम जैसे अनेकों हैं ।

बच्चे- तो फिर भी क्या? हमारे पापा ही असली हैं!

दत्तक पुत्र– नहीं! कौन कहता है तुम्हारे पापा असली हैं? हकीकत तो बस इतना है कि तुम्हारे पापा का परिचय तुम्हारी माँ ने कराया है । तुम्हारी माँ ने जिसकी हाथ में तुम्हारी उंगली पकड़ा दी वही तुम्हारे पापा हो गए । तुम क्या समझोगे? जैसे तुम्हारे पापा तुम सबके लिए बोझ हैं वैसे ही तुम सब उनके लिए बोझ हो!  जबकि हमारे पापा असली हैं । हमने बिना किसी शर्त के उन्हें पापा स्वीकार किया है और उन्होंने मुझे बेटा स्वीकार किया है ।

ये सब सुनते ही सारे बच्चे निरूत्तर हो जाते हैं और अपने-अपने घर चले जाते हैं…

अपने माता-पिता द्वारा सुनाये इन कथनों से स्टीव का दर्द बहुत हद तक कम हो जाता है और वे खुद को भी बहुत गौरवान्वित महसूस करने लगते हैं… और पूरे जोश के साथ सारी जिंदगी इतना मेहनत करते हैं कि उनके माता-पिता कर सिर गर्व से हमेशा ऊंचा रहे और सारे लोग यह बोल सकें कि ये स्टीव के माता-पिता हैं ….

जरूर पढ़ें- स्टीव जॉब्स की पांच बातें जो बदल सकती हैं आपकी दुनिया…

                                          2. अपनी खुद की कम्पनी Apple से निकाला जाना

Steve की Life का दूसरा सबसे बड़ा दर्द अपनी ही बनाई हुई कम्पनी से निकाले जाने का था । उन्होंने 20 वर्ष की उम्र में अपने Best friend के साथ एक गैरेज से Apple की शुरुआत की थी । वो Apple को लेकर पागलपन की हद को पार चुके थे, दिन रात अपनी कम्पनी कड़ी करने को लेकर वे काम किया करते थे । उन्होंने Apple के लिए बहुत ही मेहनत किया था और जब सब कुछ सही हुआ तब Steve को ही कम्पनी से निकालने के लिए मजबूर किया गया ।  वे Apple से बहुत ही ज्यादा प्यार करते थे, Apple से निकाले जाने के बाद स्टीव को किस दर्द का सामना करना पड़ा हो वह सिर्फ स्टीव ही समझ सकते हैं ।

लेकिन उनका यही दर्द उनकी लाइफ में एक टर्निंग पॉइंट लेकर आया, Steve खुद बताते हैं कि Apple से निकाला जाना उनके लिए सबसे बड़ी और खुशनुमा घटना थी। Apple से निकाले जाने के बाद उन्होंने अपने दर्द पर काबू पाया, वे टूटे नहीं और फिर से कुछ नया करने की ठानी । वे बताते हैं कि यदि उन्हें Apple से नहीं निकाला गया होता तो उनकी लाइफ में इतना जबरदस्त बदलाव नहीं आता ।  इस एक घटना को कड़वी समझा जा सकता है और यही कड़वी दवाई कभी-कभी मरीज के लिए अमृत का काम कर सकती है … इस दर्द भरी घटना के कारण स्टीव, दृढ और संयमी बन सके हैं…

जरूर पढ़ें-   जानिये स्टीव जॉब्स में क्या था..

                                                     3. मौत (कैंसर )से लड़ाई

Steve Jobs अपने अंतिम 8 वर्ष तक कैंसर के साथ संघर्ष करते रहे हैं.. यह बहुत ही दर्द भरा पल था । लेकिन कैंसर से लड़ते हुए भी उन्होंने कभी भी अपने काम के प्रति लगन को कम नहीं किया । उनके शरीर में भारी पीड़ा होती थी लेकिन वे शांत रहकर पीड़ा को सहते रहते थे । स्टीव अपने दर्द को इसलिए भी सहन कर रहे थे क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनके शरीर पर किसी भी तरह का कोई छेड़-छाड़ किया जाए, इस कारण वे सर्जरी के लिए भी तैयार नहीं थे …। उन्होंने पूरी जिंदगी कड़ी मेहनत की इस कारण वे अंत में अपने कार्यों से संतुष्ट थे । कैंसर  के बहुत दर्द को सहते हुए उन्होंने अपने अंतिम समय तक Apple के लिए नये-नये Product विकसित करने में लगे रहे .. सन 2004 में डॉक्टरों ने स्टीव को हिदायत दे दी थी कि वे अपने सभी Important कामों को निपटा लें क्योंकि जीवन जीने के लिए उनके पास ज्यादा समय नहीं था लेकिन इसके बावजूद दर्द से लड़ते हुए उन्होंने संकल्प लिया और 8 वर्ष तक कैंसर के साथ लड़ते रहे और आखिर में कैंसर जीत गया…

आखिरी सांस तक दर्द को 8 साल तक सहना और अपने काम में कोई ढील न बरतना ये थे Steve Jobs जिनकी बदौलत आज आपके हाथों में Apple के सभी Product हैं…

                                                                                                                   धन्यवाद !

                                                                                                                 किरण साहू 

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अपने अंदर के रावण को आज ही मारें । Dussehra Special by Kiran Sahu https://www.hamarisafalta.com/2016/10/dussehra-special-by-kiran-sahu-dussehra-hindi-inspirational-article-kiran-sahu.html https://www.hamarisafalta.com/2016/10/dussehra-special-by-kiran-sahu-dussehra-hindi-inspirational-article-kiran-sahu.html?noamp=mobile#respond Tue, 11 Oct 2016 06:28:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/10/11/dussehra-special-by-kiran-sahu-dussehra-hindi-inspirational-article-kiran-sahu/ दोस्तों, आज दशहरा है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।  आज के दिन भगवान श्रीराम ने दशानन रावण का वध करके बुराई को खत्म किया था।  आइये हम सब भी आज के दिन अपने अंदर छिपे बुराइयों का अंत करें और अपने अंदर के रावण को मारें।   मैं अपने अंदर बहुत से बुराइयां देखता हूँ, और शायद कहीं न कहीं ये बुराइयां आपके अंदर भी हो सकती हैं, मुझे लगता है कि मैं इन […]

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दोस्तों, आज दशहरा है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।  आज के दिन भगवान श्रीराम ने दशानन रावण का वध करके बुराई को खत्म किया था।  आइये हम सब भी आज के दिन अपने अंदर छिपे बुराइयों का अंत करें और अपने अंदर के रावण को मारें।

 

मैं अपने अंदर बहुत से बुराइयां देखता हूँ, और शायद कहीं न कहीं ये बुराइयां आपके अंदर भी हो सकती हैं, मुझे लगता है कि मैं इन बुराइयों को एकदम से खत्म नहीं कर सकता और हमारे अंदर कई बुरी आदतें होती हैं जिन्हें एकदम से खत्म नहीं किया जा सकता।

जब भी मैं कम्प्यूटर पर काम करने के लिए बैठता हूँ और अपने काम को कर रहा होता हूँ उस बीच यदि  मेरी माँ का भी कॉल आ जाता है तो मैं उस पर झुंझला उठता हूँ।  वो हमेशा मुझसे कहती है कि अपने बच्चे का हाल-चाल पूछना हर माँ की पहली जिम्मेदारी होती है, ये सुनकर मैं उस पर और भी चिल्ला बैठता हूँ। लेकिन यदि उसी बीच मेरे किसी क्लाइंट का Whatsapp या Call आ जाता है तो उसे मैं बड़े ही प्यार से बात करता हूँ।  मेरे अंदर ऐसी ही कई बुराइयां हैं जो मुझे अपने चाहनेवालों के दिल को ठेस पहुंचाने का कारण बनती हैं।

मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ लेकिन इसके बावजूद उस पर चिल्ला बैठता हूँ, माँ भी मुझसे बहुत ही ज्यादा प्यार करती है, हर उस माँ की तरह जो अपने बच्चों को उनसे भी ज्यादा प्यार करती है।  माँ यदि दुखी भी हो जाए तो मैं उसे मना सकता हूँ लेकिन क्लाइंट satisfied न हो तो मुझे अपने बिजनेस में बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

इन बातों से आप समझ या जान चुके होंगे कि मेरे अंदर चिडचिडापन और स्वार्थ की भावना है, जो एक बहुत बड़ी बुराई का सूचक है।  और जिसे यदि मैं जल्दी खत्म नहीं कर पाया तो मुझे इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

दोस्तों, इस दुनिया में प्यार से बढ़कर और कोई भी चीज नही है, यदि आपको अपने रिश्ते बेहतर करने हैं, अपने चाहनेवालों को खुश रखना है तो जितना हो सके खुशियाँ  ही बाँटिए।  किसी पर चिल्लाने से पहले विचार कीजिये कि क्या वाकई इससे सामने वाले तक आपकी अच्छी इमेज पहुंचेगी। क्या किसी  के दिल को ठेस पहुंचाकर आप सफलता के चरम सीमा तक पहुँच सकते हैं?

हम सब के अंदर बुराइयों का भंडार छिपा हुआ है लेकिन एक बात हमेशा याद रखिये ‘बुराई का कद कितना भी ऊंचा हो, वह सत्य से हमेशा छोटा होता है ‘

रावण बहुत विद्वान थे, लेकिन उनके  घमंड की चिंगारी ने ही उन्हें खत्म कर दिया।  आपके अंदर की बुराइयों को यदि आप नहीं मारेंगे तो वह आपको खोखला करती चली जायेगी।  आपके अंदर जो भी बुरी आदतें हैं, जो भी बुराइयां हैं उनमें से एक बुराई का अंत आज ही कर दें, मेरे अंदर बहुत सी गलत आदतें हैं जो मुझे कभी-कभी डिमोटिवेट  कर देती हैं और मैं बिलकुल नहीं चाहूँगा और आप भी ऐसा कभी नहीं चाहेंगे कि आपकी बुराइयां आपके सक्सेस में बाधा बनें, अपने रिश्तों में रूखापन लाये या किसी भी तरह से आपको अंदर से कमजोर या खोखला करे।  इसलिए आज का दिन बहुत खास है, आज हम अपने अंदर के रावण को मार सकते हैं, चाहे वो हमारे घमंड को खत्म करना हो,  या अपने अंदर की ईर्ष्या को खत्म करना हो , या अपने गुस्से को मारना हो! चाहे जो भी हमारे अंदर बुराइयां हैं हम उसे खत्म करने का प्रयास करें और आज तो अपनी एक बुरी आदत को जरूर मारें ताकि आप एक बेहतर इंसान बनने में सफल साबित हो सकें।

मैं आज अपनी कमजोर करने वाली ज्यादा से ज्यादा बुराइयों को खत्म कर रहा हूँ जो किसी न किसी तरह से

मुझे असफल बनाने में सहयोग दे रही है और मेरे रिश्तों में कड़वाहट भर रही है।  आइये आप भी आज के दिन मेरी तरह अपनी बुराइयों को मारें और अपने अंदर की अच्छाइयों को बढाते जाएँ जिससे एक दिन ऐसा आएगा जब आपके अंदर की अच्छाईयाँ, आपके बुराइयों को खुद पर कभी हावी होने नहीं देंगी और आपकी बुराइयां धीरे-धीरे खत्म होती चली जायेंगी।

आज से मेरी माँ जो मुझे इतना प्यार करती हैं उन्हें मेरी  मैं शिकायत करने का मौका नहीं दूँगा और मेरी इस बुरी आदत को आज ही मैं छोड़ रहा हूँ  … 


आज के दिन आप अपनी कौन-सी बुराई को मार रहे हैं ? मुझे hamarisafalta@gmail.com पर लिख भेजें …

धन्यवाद !

                                                                                                                          किरण साहू 

HamariSafalta.Com
के सभी पाठकों को
दशहरा महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!
 

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How to Start a Startup Business in Hindi- 3 Principles https://www.hamarisafalta.com/2016/09/how-to-start-startup-business-3-principles-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/09/how-to-start-startup-business-3-principles-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 13 Sep 2016 09:38:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/09/13/how-to-start-startup-business-3-principles-in-hindi/ नमस्कार दोस्तों, Peter Thiel एक Billionaire Entrepreneur,  Venture Capitalist और Founder हैं, PAYPAL के। उन्होंने स्टार्टअप बिजनेस के ऊपर stanford university में एक Lecture दिया था, उस Lecture में उन्होंने स्टुडेंट्स को कुछ principles बताए थे जिससे कि वे Students भी उनकी तरह बिलियन डॉलर का बिजनेस बना सकते हैं.   ब्लेकमास्टर नाम के एक स्टूडेंट ने उस Lecture की एक डिटेल नोट्स बना ली थी।  ये नोट्स उनको इतनी काम की लगी कि वो कॉलेज के बाहर भी फैलने […]

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नमस्कार दोस्तों,

Peter Thiel एक Billionaire Entrepreneur,  Venture Capitalist और Founder हैं, PAYPAL के।

उन्होंने स्टार्टअप बिजनेस के ऊपर stanford university में एक Lecture दिया था, उस Lecture में उन्होंने स्टुडेंट्स को कुछ principles बताए थे जिससे कि वे Students भी उनकी तरह बिलियन डॉलर का बिजनेस बना सकते हैं.

 

ब्लेकमास्टर नाम के एक स्टूडेंट ने उस Lecture की एक डिटेल नोट्स बना ली थी।  ये नोट्स उनको इतनी काम की लगी कि वो कॉलेज के बाहर भी फैलने लगी।  तब पीटर ने ब्लेकमास्टर के साथ काम करके उस नोट्स को और भी improve किया, और उसकी एक Book भी बना दी, ताकि उनकी City या Country के लोग ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग उनकी Knowledge का फायदा उठा पायें.

आज हम HamariSafalta.com के सभी पाठकों के साथ उसी किताब के कुछ Principles share करेंगे जो आपको Startup Business में आगे लाने में Help करेगी।

                 Principle No.1 Go from Zero to One.

एक ऐसे टाइम पर जब गाड़ी के लिए घोड़ों का इस्तेमाल किया जाता था, उस टाइम आप यदि लोगों को और तेज घोड़े लाकर देते या बेहतर घोडा गाड़ी बनाकर बिजनेस करते तो आप जो Progress करते तो उसे बोलते हैं :-  One (1) to N

लेकिन यदि आप लोगों को घोड़ा गाड़ी के बजाये traveling का कोई नया तरीका दे देते, एक कार बनाकर जैसे कि हेनरी फोर्ड ने किया तब उस Progress को कहते हैं Zero (0) to 1

अगर आपको Successful बनना है और अपनी लाइफ में कुछ बड़ा अचीव करना है तो 0 to 1 जाओ जिसे हम Vertical progress भी बोलते हैं.  कुछ ऐसा करने की कोशिश कीजिये जो पहले कभी भी नही हुआ हो!

क्योंकि जो चीज पहले से बनी हुई है और आप उसे ही कॉपी कर रहे हो, वो भी उसमे थोड़े-बहुत changes लगाकर तो आप 1 से N जा रहे हैं, जिसे हम Horizontal Progress भी कहते हैं।  लेकिन ये करने के बाद आपको Success मिलने के Chance बहुत कम हो जाते हैं।  और यदि गलती से आपको थोड़ी सक्सेस मिल भी जायेगी तो वह बहुत बड़ी नहीं होगी और ज्यादा टाइम तक भी नहीं टिकेगी।

Business world में हर बड़ा Achievement बस एक बार होता है,

दुनिया का अगला बिल गेट्स ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं बनाएगा।

अगला मार्क जुकरबर्ग एक सोशल नेटवर्क नहीं  Create करेगा।

और अगला लैरी पेज एक नया सर्च इंजन नहीं बनाएगा।

इन सबको बहुत बड़ी सक्सेस मिली क्योंकि ये सभी  0 से 1 गए, पर अगर आप इन्हें Exactly copy करने का Try करेंगे तो आप बस 1 से N जा पायेंगे जो कि एक बेस्ट ओप्शन बिलकुल भी नहीं है …

जरूर पढ़ें:- एक Successful Startup Business कैसे बनाएँ?  How to Build a Successful Startup Business in Hindi?  

           Principle No.2 Become a Monopoly  Avoid Competition

हम ऐसे समाज में रहते हैं जहाँ Competitionको बहुत Encourage मिलता है. हमारा एजुकेशन सिस्टम बच्चों को बचपन से ही Compete करना सिखाता है. पहले वो Marks के लिए एक-दूसरे से Compete करते हैं, फिर जॉब के लिए और फिर यदि कोई नहीं मिलता तो अपने पडौसी के साथ ही Compete करने लगते हैं।

पडौसी से ज्यादा अच्छी कार रखना, उससे बड़ी टी.वी रखना, ये सब स्टुपिड चीजें competition बन जाती हैं.

पर सच तो ये है कि Competition आपको mostly हर चीज के लिए loss ही देगा.

Business में भी Competition जहर जैसा होता है,

Peter बताते हैं कि Competition और Capitalism opposite हैं… एक Profit generate करने से related है और दूसरा profit को खत्म करने से related है..

आपके बिजनेस मार्केट में जितना ज्यादा competition होगा, उतना कम आप profit कमा पायेंगे, फिर चाहे आपका बिजनेस कितना भी बड़ा क्यों न हो!

Example:-

US की Airline company करोड़ों और अरबों में पैसे बनाती है, पर फिर भी 2012 में वो कम्पनी एक पेसेंजर पे बस 37 Cent का Profit कमा पाई थी।    अब आइये इसे compare करते हैं Google से:-

Google ने उसी साल total 50 Billion बनाये थे, जबकि Airlines ने 160 Billion.  लेकिन गूगल ने 50 Billion में 21% का Profit बनाया था. जो कि Airlines की Company के profit से 100 गुना ज्यादा था.

ऐसा इसीलिए हुआ क्योंकि Airlines कम्पनी एक दूसरे से Compete करने के चक्कर में अपने टिकिट के दाम कम कर रही थी.  लेकिन दूसरी तरफ गूगल अकेले ही अपना ज्यादातर अपना मार्केट Dominate का रहा था, बिना किसी से Profit के लिए Compete करे..

आज के टाइम पर यदि हम सारे Airlines company के profit को एक कर दें फिर भी गूगल उनसे तीन गुना ज्यादा का फायदा कमाता है.

गूगल ऐसा कर पाता है क्योंकि गूगल का सर्च इंजन Monopoly है और इस चीज में कोई भी उसका कोई भी बड़ा Competitor नहीं है ..

अगर आपको इंटरनेट में कुछ भी सर्च करने के लिए कहा जाए तो आप बिना सोचे गूगल ही करेंगे.. क्योंकि आपको पता है कि इसके लिए गूगल ही बेस्ट है..

ठीक इसी तरह आपको भी कोई बड़ी सक्सेस चाहिये तो आपको भी Monopoly create करनी चाहिए, आपके प्रोडक्ट या सर्विस की जिसमे आपसे बेटर कोई दूसरा ओप्शन हो ही न लोगों के पास..

   Principle NO. 3 Start with a Niche Market & then Dominate 

Amazon एक ऎसी वेबसाइट है जहाँ A to Z आपको सब सामान मिल जाएगा. पर Amazon ने अपनी शुरुआत ऐसे नहीं की थी .. Start में Amazon ने एक छोटे से मार्केट पर Concentrate किया, वो मार्केट था बुक्स पढ़ने वाले लोगों का..

इससे पहले तक किताबें सिर्फ Book stores पर मिला करती थीं. जिसके बाद बहुत सी बुक्स, बहुत खोजने पर भी लोगों को मिल नहीं पाती थीं. और Book publishers को बहुत loss होता था. उसके बाद Amazon ने एक Online book store बनाकर 0 to 1 Progress लाया. इससे बहुत लोगों का बहुत फायदा हुआ.

Books के बिजनेस में सफल होने के बाद Amazon ने और दूसरे बुक्स से रिलेटेड प्रोडक्ट्स जैसे- सी.डी., डी.वी.डी. बेचना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे अपना हर मार्केट को डोमिनेट कर दिया..

हमेशा एक बात याद रखिये कि एक बड़े से तालाब में एक छोटी-सी मछली, जिसे दूसरी बड़ी मछलियाँ कभी भी आराम से खाकर खत्म कर दे वो बनने से बेहतर है कि आप एक छोटे-से तालाब की बड़ी मछली बनो और फिर बड़े तालाब में जाओ ..

जब आप ये सारी बातें याद रखकर Start up करेंगे तो आपके सफल होने के chances बहुत बढ़ जायेंगे …

दोस्तों यह पूरी आर्टिकल एक बेहतरीन किताब  Zero to One  से प्रेरित है जिसके Author

Peter Thiel   हैं..

उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो और यह भी आशा करते हैं कि इन 3 Principles का Use आप अपनी Real Life में भी करेंगे…औरअपने बिजनेस को आगे लाने में सहायक साबित होंगे

कृपया इसका एनिमेटेड विडियो जरूर देखें … और इस बेहतरीन  यूट्यूब चैनल को जरूर सबस्क्राइब कीजिये…

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Relationship को बेहतर बनाने के लिए 5 Love Languages https://www.hamarisafalta.com/2016/09/the-5-love-languages-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/09/the-5-love-languages-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 09 Sep 2016 07:38:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/09/09/the-5-love-languages-in-hindi/ THE 5 LOVE LANGUAGES IN HINDI नमस्कार दोस्तों, एक आदमी जो बहुत अमीर था, लेकिन वह फिर भी कभी खुश नहीं दिखता था. ये देखकर एकदिन Author ने उससे पूछ लिया, कि तुम्हारे पास तो Basically सब कुछ है फिर तुम क्यों ऐसे Sad और Tension में दीखते हो? तब उस आदमी ने कहा- ये लग्जरी कार, बंगलो, पैसे होना क्या फायदे का!  जब मेरी Wife और मेरी Family ही मुझसे प्यार नहीं करती.. इंसान की जो सबसे डोमिनेटिंग इमोशन्स […]

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THE 5 LOVE LANGUAGES IN HINDI

नमस्कार दोस्तों,

एक आदमी जो बहुत अमीर था, लेकिन वह फिर भी कभी खुश नहीं दिखता था. ये देखकर एकदिन Author ने उससे पूछ लिया, कि तुम्हारे पास तो Basically सब कुछ है फिर तुम क्यों ऐसे Sad और Tension में दीखते हो?

तब उस आदमी ने कहा- ये लग्जरी कार, बंगलो, पैसे होना क्या फायदे का!  जब मेरी Wife और मेरी Family ही मुझसे प्यार नहीं करती..

इंसान की जो सबसे डोमिनेटिंग इमोशन्स हैं – Love & Fear.. और हमारा Personally मानना है कि Love की Feeling, Fear से ज्यादा Powerful होती है..

प्यार एक कमजोर इंसान को इतना Powerful बना सकता है कि वह अकेला पहाड़ तोड़कर उसमे से रास्ता बना दे..

और दूसरी ओ़र से Healthy अमीर इंसान को इतना कमजोर बना दे कि वह खुद के हाथ से खुद का खाना तक न खा सके..

हर इंसान को अपनी लाइफ में प्यार की बहुत ज्यादा जरूरत होती है.. भले ही आपके पास सब कुछ हो लेकिन आपको कोई प्यार करने वाला नहीं होगा तो यह दुनिया आपको बेकार लगेगी.. और भले ही ये बात हम बोलें या न बोलें लेकिन हम सब अंदर से यह चाहते हैं कि हमें at least हमारे लाइफ के कुछ खास लोगों से बहुत सारा प्यार मिले..जैसे – अपने Parents से अपने बच्चों का प्यार, अपनी लाइफ पार्टनर का प्यार और end में अपने दोस्तों का प्यार…

Author Gary Chapman जो कि Marriage, Family और Relationship expert हैं वो बताते हैं कि हर इंसान के अंदर एक Emotional Love tank होता है, जो किसी और किसी चीज से नहीं बस उन कुछ खास लोगों के प्यार से भरता है .. जब तक वो प्यार उन्हें दिखता और मिलता रहता है तब तक वो Emotionally & Mentally stable रहते हैं. in short वो खुश रहते हैं .. But जब वो प्यार मिलना बंद होने लगता है तब वो Love tank खाली होने लगता है, तब इंसान Emotionally & Mentally unstable होने लगता है, उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता और वो frustrated होने लगता है.. और at the end जब टैंक पूरी तरह से खली हो जाती है तब Relationship में सारी बड़ी प्रोब्लम्स आने शुरू हो जाती हैं.. जैसे- लड़ाई, sadness और बाकी बुरी चीजें जो ज्यादातर प्यार को धीरे-धीरे खत्म कर देती है..और Relationship को भी..

हम सबको खुश रहने के लिए जरूरी है कि वो Emotional love tank थोडा तो हमेशा बना रहे पर Sadly आजकल ज्यादातर लोगों को वो प्यार मिल नहीं पाता जो वो Expect करते हैं.. अब इसका reason ये नहीं है कि वो खास लोग हमसे प्यार नहीं करते बल्कि एक सबसे बड़ा reason ये है कि ज्यादातर लोगों के प्यार की लैंग्वेज हमसे अलग होती है.. जो हमें समझ नहीं आती. और इसीलिए कभी हमें उनका प्यार feel नहीं हो पाता…

Example- हम सबकी एक Primary Mother language होती है जिसे हम अपनी mother tongue भी बोलते हैं ..जो हमें सबसे ज्यादा बोलने और समझने में comfortable लगती है.. हो सकता है कि हमें कोई दूसरी Secondary language भी आती हो जैसे- English, Marathi, Sanskrit पर still हमें सबसे ज्यादा अच्छे से ज्यादा समझ हमारी mother tongue ही आती है..

ठीक इसी तरह हम सबकी प्यार की भी अलग-अलग Primary language होती है. जो हमें सबसे ज्यादा अच्छे से समझ आती है. और यही primary language हमारे emotional tank को बहुत ही अच्छे से full कर सकती है..

प्यार की Total 5 Language होती है और अगर आप चाहते हैं कि आपका, आपकी family और पार्टनर के साथ relationship कभी खराब न हो और बस अच्छा होते जाए तो आपको इन 5 languages का पता होना चाहिए..

आपको पता होना चाहिए कि इन 5 languages में से आपकी वो कौन सी language है जो उनकी Primary language है.. जो उन्हें सबसे अच्छा फील कराती है .. और ये पता करने के बाद आपको उनकी language में ही अपना प्यार उनको एक्सप्रेस करना चाहिए..जिससे उनका वो इमोशनल टैंक भी हमेशा full रहेगा..

So Let’s begin…

                             LOVE LANGUAGE NO.1    Words of Affirmation

एक Husband और Wife में बहुत झगडे होते थे, Husband अपने हिसाब से Wife को खुश करने के लिए सब कुछ करता था, वो मेहनत से काम करके wife को पैसे लाकर देता, कभी-कभी घर के काम करके वो अपने wife का हाथ बटा देता था, जिसके लिए उसकी wife हमेशा उसकी respect किया करती थी.. लेकिन इसके बाद भी Wife को यह feel नहीं हो पाता था कि उसका Husband उससे प्यार करता है . इस बात से husband को बहुत चिढ़ होती थी लेकिन यहाँ wife की कहीं गलती नहीं थी..  ये बात सच थी कि Husband सब कुछ करता था पर Problem ये थी कि वो अपनी wife को ये नही बोलता था कि वो उससे कितना प्यार करता है…क्यों पर करता है…

वो उसकी कभी तारीफ़ नहीं करता था, उसे लगता था कि ये सब चीजें फिल्मों में ही अच्छी लगती हैं पर real life में इन सब चीजों की जरूरत नहीं होती…

उसे लगता था कि main प्यार तो बस अपनी family के needs को पूरा करना होता है, जो कि वो हमेशा करता था..

अब ये बात इतनी ही stupid है जितना किसी मलयालम बोलने वाले इंसान को हिंदी में समझाने की कोशिश करना और फिर इस बात से गुस्सा भी होना कि आपके इतना अच्छा हिंदी बोलने के बाद भी वो बात उसे समझ क्यों नहीं आई…

Similarly सच तो ये था कि उसकी wife को प्यार feel करने और समझने के लिए वो बातें ही सबसे important थीं, उसकी wife की primary love language थी Words of Affirmation. पर उसका husband दूसरी ही language में उसका प्यार एक्सप्रेस कर रहा था..

Words of Affirmation मतलब अच्छी चीजें बोलना जो तुम्हारे Partner को build करे. और उसे अच्छा feel कराये.

example: I LOVE YOU बोलना..

क्यों तुम उन्हें इतना प्यार करते हो ये बताना..और उसे हमेशा ये बताते रहना.. बोलकर या लिखकर या कैसे भी करके.,,.

उन्हें Encourage करने वाली बातें बोलना, Compliments देना और उन्हें हर छोटी बड़ी बातों के लिए Appreciate करना..

जिन लोगों की ये Primary love language होती है उन्हें जब भी आप Words of Affirmation बोलेंगे उन्हें बहुत अच्छा feel होगा.. और तभी उन्हें आपका Real प्यार feel हो पायेगा.. पर जब तक आप उन्हें ऎसी सिम्पल सी बातें नहीं बोलते तब उन्हें आपका प्यार feel नहीं हो पायेगा..और न ही उनका love tank भरेगा..

                           LOVE LANGUAGE NO.2    Quality Time.

जिन लोगों की Primary love language ये होती है उन्हें यदि आप बोलोगे कि you look ब्यूटीफुल या बताओगे कि How much you love than.. तब उन्हें अच्छा तो लगेगा पर इससे उनको आपका real प्यार feel नहीं होगा!

बल्कि उन्हें वो प्यार फील होगा जब उनके साथ Quality time spend करोगे. और Quality time spend करने का मतलब यह नहीं कि बस एक ही घर में साथ रहकर कैसे भी करके टाइम स्पेंड कर देना, T.V. देखते-देखते बातें करना या मोबाइल पर लगे रहकर उनकी बातें सुनना. ये सब नही!

बल्कि Quality time means अपना पूरा Undivided Attention बस उनको देना, उनके साथ उस Movement में present होना..  बातें करना और वो चीजें करना जो उनको पसंद हो!

जैसे May be साथ में Cooking या Painting करना …etc..

जब आप उनके साथ Quality time spend करेंगे तो उन्हें वो love feel होगा और तभी वो खुश रहेंगे…

                           LOVE LANGUAGE NO.3    Receiving Gifts

Gifts मिलना किसको पसंद नहीं है! पर जिन लोगों की Primary love language ये होती है वो आपसे ये Expect भी करते हैं कि आप कभी-कभी at least उन्हें एक Gift तो दो..

Gifts, actual में बहुत स्पेशल होते हैं क्योंकि ये सामने वाले को ये feel कराते हैं कि आप उनके बारे में सोचते हो और वो लेते टाइम भी आप उन्हीं के बारे में सोच रहे थे.. जब भी कभी वो आपका गिफ्ट देखेंगे उन्हें ये याद आएगा कि आपने उन्हें याद किया था जो कि बहुत ही अच्छी फीलिंग होती है उनके लिए..

अब अगर आप ये सोच रहे हो कि मैं कहाँ हमेशा गिफ्ट्स दे सकता हूँ, मेरी तो Financial condition अच्छी नहीं है … तो पहली बात आपको किसी ने नहीं कहा कि गिफ्ट्स, महंगे होना जरूरी है या ऐसा कुछ…

Actual में लोगों को Love feel कराना आपकी सोच से कहीं सस्ता होता है कुछ चोकलेट, एक गुलाब का फूल या कोई सिम्पल सा कार्ड या कोई छोटी-मोटी गिफ्ट्स आपके पार्टनर का या फैमली मेंबर का पूरा दिन बना सकती है..

और अब यदि आप financial अच्छे हैं तो आप जरूर अच्छे गिफ्ट्स देना चाहिए लेकिन at the end आप ये याद रखें कि Gifts की Value पैसों से तौली नहीं जायेगी.. बल्कि उसके पीछे की फीलिंग्स ही होगी जो लोगों को खुश करेगी..

हमने बहुत बार देखा है कि सस्ते से गिफ्ट्स लोगों के बहुत पास होते हैं जिन्हें वो किसी महँगी गिफ्ट्स से ज्यादा संभाल कर रखते हैं.. और बहुत बार तो गिफ्ट्स का तो materialistic होना भी जरूरी नहीं.. कभी-कभी आपके टाइम और आपके Efforts ही उनके लिए गिफ्ट्स हो सकते हैं..

इसीलिए एक आदत बना लें और अपने उन खास लोगों को Special जिनकी love language ये है उन्हें तो at least छोटे-मोटे गिफ्ट्स देते रहो.. ये आपके Relationship बहुत स्ट्रोंग कर देंगे..

                           LOVE LANGUAGE NO.4    Acts of Service

पहली Language में हमने आपको Husband और wife कि स्टोरी बताई थी उसमें Husband अपनी Wife को उस language में अपना प्यार बताना चाह रहा था वो थी Acts of Service..   जिनकी Primary language ये होती है, वो बस इन बातों से खुश नहीं रहेंगे कि आप उनके लिए गिफ्ट्स लेकर आते हो या उनकी हमेशा तारीफ़ करते हो बल्कि आपको उन्हें आपके लिए real love तब feel होगा जब आप कुछ काम करके उन्हें अच्छा feel कराओगे..

उन्हीं कामों में उनकी हेल्प करोगे, घर की जिम्मेदारी को अच्छे से निभाओगे.. और जरूरत पड़ने पर जिम्मेदारियों को शेयर करोगे..

काम करने से तात्पर्य है जैसे – खाना बनाना, घर को साफ़ रखना, पैसे कमाकर देना, घर की जरूरतों को पूरा करना.. बच्चों की जरूरतों को पूरा करना… etc..

                           LOVE LANGUAGE NO.5    Physical Touch

आजकल हमारी Thinking इतनी खराब हो चुकी है कि Physical touch word सुनते ही ज्यादातर लोगों के मन में कुछ गलत वर्ड्स ही आये होंगे..इसीलिए हम पहले ही क्लियर कर देना चाहेंगे कि Sexual होना ही Physical touch नहीं होता… बल्कि ये एक Pure language है, अपने प्यार को दिखाने के लिए..

एक माँ को जब अपने बच्चों के ऊपर प्यार आता है तो वह अपने बच्चे को सीने से लगा लेती है जो कि एक Physical touch है

जब हम कुछ बुरा feel कर रहे होते हैं और जब कुछ बुरा होता है हमारे साथ तब हम अपने दोस्तों या चाहने वालों को Emotional होकर गले लगा लेते हैं.. Because तब हमें प्यार की जरूरत होती है.. और Physical touch एक बहुत ही स्ट्रोंग तरीका है प्यार Feel करने का…

इसी तरह जिन लोगों की Primary language ये होती है वो चाहते हैं कि आप उन्हें Hug करो, गले लगो, साथ में बैठकर टी.वी. देखना, हाथ पकड़कर घूमना ये सब चीजें भी आपका प्यार show कराएंगी..

कुछ बच्चे जिनकी Primary love language ये होती है उन्हें मारने से पहले पहले सौ बार सोचना चाहिए क्योंकि मारना भी एक Physical touch है..लेकिन एक Negative way में…जो उन्हें मानसिक रूप से बहुत ज्यादा डिस्टर्ब कर सकती है..

इसलिए पता करें कि ऊपर दिए गए 5 Primary Love language में आपके खुद की और अपने चाहने वालों की primary language क्या है और फिर उसी लैंग्वज में उन्हें प्यार फील कराओ.. ताकि उनका Emotional Love Tank भर सके.. कभी-कभी आप इन सब पांच Love language का use कर सकते हैं लेकिन आपको हमेशा सबसे ज्यादा अपने Primary love language का use करना चाहिए क्योंकि वही आपके Relationship को बहुत अच्छा रखेगा..

दोस्तों यह पूरी आर्टिकल एक बेहतरीन किताब  THE 5 LOVE LANGUAGES  से प्रेरित है जिसके Author

Gary D. Chapman हैं..

उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो और यह भी आशा करते हैं कि इन 5 LOVE LANGUAGES का Use आप अपनी Real Life में भी करेंगे…

कृपया इसका एनिमेटेड विडियो जरूर देखें … और इस बेहतरीन  यूट्यूब चैनल को जरूर सबस्क्राइब कीजिये…

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हर क्षेत्र में सफल होने के लिए जरूरी है 80-20 Principle https://www.hamarisafalta.com/2016/08/80-20-principle-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/08/80-20-principle-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 17 Aug 2016 04:35:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/08/17/80-20-principle-in-hindi/                                         काम कम, परिणाम ज्यादा 80-20 Principle  Vilfredo Pareto एक Italian economist थे जो 1897 में इंग्लैण्ड के Wealth Distribution और इनकम के बारे में पढ़ रहे थे।  ये पढते ही उन्हें एक अजीब बात पता चली कि इंग्लैण्ड की ज्यादातर जमीन और पैसे बस थोड़े से ही लोगों के हाथ में थी।  in fact बस 20% लोग ही इंग्लैण्ड की 80% […]

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                                        काम कम, परिणाम ज्यादा 80-20 Principle 

Vilfredo Pareto एक Italian economist थे जो 1897 में इंग्लैण्ड के Wealth Distribution और इनकम के बारे में पढ़ रहे थे।  ये पढते ही उन्हें एक अजीब बात पता चली कि इंग्लैण्ड की ज्यादातर जमीन और पैसे बस थोड़े से ही लोगों के हाथ में थी।  in fact बस 20% लोग ही इंग्लैण्ड की 80% जमीन और पैसे के मालिक थे।

ये बात पता चलने के बाद उन्होंने इस बारे में और रिसर्च की तो उन्हें पता चला कि ये प्रिंसिपल न कि दूसरे देशों और दूसरे टाइम में भी सच थी बल्कि ये बात पैसे को छोड़कर दूसरी चीजों के लिए भी सच थी।

जैसे कि- उनकी खुद की गार्डन में जहाँ पर 80% मटर बस 20% Peapod से निकल रही थी।  तभी ये Principle बना जिसे हम Pareto Principle या 80-20 Principle भी कहते हैं जो कि Scientifically हर चीज में Apply होता है।

Including – Business, Relationship, Study, Health etc..

ये Principle कहता है कि आपके 80% Results जो आपको मिलते हैं वो बस आपके 20% काम की वजह से आते हैं।

ये Principle हमारी Normal सोच से बिलकुल उलटी है। हमें लगता है हम जितने ज्यादा एक्शन लेंगे, हमें उतने रिजल्ट्स मिलेंगे।

लेकिन सच तो यह है कि हमारे थोड़े से ही एक्शन्स ही हमें ज्यादातर सही रिजल्ट्स देते हैं।  ये Principle आने के बाद बहुत से लोगों ने अलग-अलग चीजों पर रिसर्च किया और Almost हर चीज में इस Principle को काम करता पाया।

Example- 20% Road पर 80% Traffic होता है.

20% कपड़े हम 80% Time पहनते हैं.

20% जमीन 80 % Food और मिनिरल देती है.

20% बादल से 80% बारिश होती है.

20% Authors की Books 80% बिकतीं हैं.

20% Blogs 80% पढ़े जाते हैं

इसके Numbers थोड़े-बहुत आगे पीछे हो सकता है लेकिन यह Principle हर जगह यही बोलता है कि कम चीजें ज्यादा Output देती है .

                                      80-20 Principle को कैसे Apply कर सकते हैं?

80-20 Principle हमें यह नहीं सिखाता कि हमे काम नहीं करना चाहिए या ऐसा कुछ… बल्कि ये हमें सिखाता है that हमें वो काम करना बंद करना चाहिए या उन पर कम फोकस करना चाहिए जो हमें बहुत कम रिजल्ट्स दे रहा है और वो काम ज्यादा करना चाहिए जो हमें ज्यादा रिजल्ट्स दे रहा है।

बिजनेस के लिए यदि बात की जाए तो, ये Law पहले बिजनेस रिलेटेड चीजों के लिए ही उपयोग किया जाता था But बाद में फिर ये प्रिंसिपल सब चीजों के लिए Use होने लगा.

Startups में ज्यादातर लोग ये गलती करते हैं कि वे अपनी टाइम, एनर्जी, और पैसे उन चीजों  के लिए ज्यादा Use कर देते हैं जिनमे Staring में ज्यादा इतना काम करने की जरूरत नहीं होती..

जैसे कि – कम्पनी का Logo कैसे होने चाहिए!   वेबसाइट का Design कैसा होना चाहिए!   etc..etc…

ये सब चीजें जरूरी हैं पर इन सब चीजों से ही लोग Attract होकर आपका Product या Service Use नही करेंगे और न ही इन सब चीजों से आपको Results मिलेंगे … बल्कि Starting में आपका Main Aim होना चाहिए कि अपने प्रोडक्ट या सर्विस को अच्छे से और अच्छा बनाना ताकि वो लोगों की लाइफ और Easy या अच्छी कर सके. और ये सब करने के बाद आपको मार्केटिंग या दूसरी चीजें करनी चाहिए..और वो भी बस 20% प्लेटफोर्म या चीजों पर ध्यान रखते हुए जहाँ पर आपको Maximum Response मिल रहा है..

कुछ और बातें जो आपको हेमशा याद रखनी चाहिए वो ये है कि

आपके 20% Clients —– आपके 80% Profit का हिस्सा होंगे..

वैसे

20% Clients  ——–  80% Complain करने वाले होंगे…

इसलिए आपको इन 20% लोगों में अच्छा फोकस करना चाहिए… और at the End सब कुछ करने से अच्छा बस उन 20% कामों में फोकस करो जो आपको 80% Results दे रहा है..

                           80-20 Principle For Social Life & Happiness

पहले मुझे लगता था कि मेरे जितना ज्यादा दोस्त रहेंगे मेरे लिए उतना अच्छा होगा और इसीलिए मैं सबसे दोस्ती करता था और सबके साथ Time Spend करने की कोशिश करता था..  बहुत बार उन लोगों के साथ भी जिनके साथ मुझे खास मजा भी नहीं आती थी… But ऐसा करते हुए मुझे Realize हुआ कि ऐसा करके मैं अपना बहुत-सा टाइम Waste कर रहा हूँ और Because of this कि मैं दूसरी चीजें नहीं कर पा रहा जो मुझे करनी चाहिए…जैसे- Books पढ़ना या लिखना… Regular Post डालना..etc…

Actually हमारा दिमाग ऐसे Programmed है जिससे हमें लगता है कि

ज्यादा मतलब बेहतर…  MORE  = BETTER

लेकिन ये सच नही है ..

According to this Principle आपका 80% Happiness और Fulfilment सिर्फ 20% दोस्तों की वजह से आती है।   इसीलिए बहुत सारे ठीक-ठाक दोस्त बनाने और उन सबके साथ टाइम स्पेंड करने से अच्छा है आप बस उन 20% लोगों या दोस्तों के साथ Time Spend करो जो आपको सच में अच्छा Feel कराते हैं…और जिनके साथ टाइम स्पेंड करके आपको भी मजा आती है… ये आपका काफी टाइम बचायेगा, बाकी दूसरी चीजों पर फोकस करने के लिए…

                                         80-20 Principle For Studying

मेरा एक दोस्त था जो सारे दिन और कभी-कभी पूरी रात जागकर पढाई करता था और दूसरी तरफ में एक और दोस्त था जो दिन-रात मिलाकर Around 4-6 घंटे ही पढाई करता था..  But जब रिजल्ट्स आते थे तब मेरे दूसरे दोस्त के Marks पहले दोस्त के बराबर या उससे ज्यादा ही रहते थे, वो समझाता था कि वो ज्यादा पढाई नहीं करता लेकिन मेरा पहला दोस्त इसका यकीन नहीं करता था..लेकिन मुझे पता था कि वो सच बोल रहा है..

मेरा दूसरा दोस्त पहले दोस्त से ज्यादा स्मार्ट नहीं था पर वो अनजाने में ही 80-20 Principle  का Use करता था..

सिर्फ 2 चीजों को लेकर जिससे कम पढ़ने के बावजूद भी उसके अच्छे रिजल्ट्स आते थे-

  1. Regarding What to Study?

पहली चीज जिसमे वह 80-20 Principle का Use करता था, वो ये था कि पढ़ना क्या-क्या है?

मेरा पहला दोस्त End-end में सब Questions पढ़ने की कोशिश करता था, जिसकी वजह से सब पढ़ने के बाद भी उसे अच्छे से एक भी Answer अच्छे से याद नही रहता था.. और पेपर में भी वह Answers अच्छे से नहीं लिख पाता था…

जबकि दूसरा दोस्त,  पिछले Question Paper और Teachers से जो Important Questions रहते थे वो पता कर लेता था…फिर उन्हें ही एकदम अच्छे से याद कर लेता था और उसके बाद दूसरे Questions पर फोकस करता था….

  1. Regarding The Time of Study…

दूसरी चीज जिसमे वह 80-20 Principle का Use करता था, वो था पढाई के टाइम को लेकर

पहला दोस्त दिन भर रात भर पढ़ने की कोशिश करता था पर क्योंकि इंसान एकसाथ अचानक से किसी एक चीज पर ज्यादा टाइम से फोकस नही रख सकता इसीलिए पढते टाइम उसका भी फोकस दूसरी चीजों पर बार-बार जाता रहता था जिससे कई घंटे पढ़ने के बाद भी उसकी Quality Study नहीं हो पाती थी..

दूसरे दोस्त को पता था कि वो सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक पढ़ पाता है और उसके बाद नहीं!

तो वह उसी टाइम पर अपने पूरे फोकस के साथ वह अच्छे से पढता था बाकी सारी चीजें साइड करके जैसे -मोबाइल/गेम/व्हाट्सएप/फेसबुक आदि…

वो भी काफी बीच में ब्रेक भी लेता था जब उसे लगने लगता था कि उसका फोकस खत्म हो रहा है और फिर कुछ और चीजें करके जैसे घर के बाहर एक Walk लेकर या कुछ और करके जिससे उसे फ्रेश फील हो! वह करके वो फिर पढ़ना स्टार्ट करता था…इन्हीं कुछ चीजों की वजह से उसका रिजल्ट कम पढकर भी दूसरे दोस्त से अच्छे आते थे..

आपका काम है कि आप 20% सच करो अपने हर काम में और उसे ही एकदम अच्छे से करो .. ये करने से आपको आधे टाइम में डबल रिजल्ट्स मिलेंगे और आधा टाइम फ्री भी मिलेगा जिसे आप दूसरी Important चीजों के लिए Use कर सकते हो.. और खुश रह सकते हो!

दोस्तों यह पूरी आर्टिकल एक बेहतरीन किताब THE 80/20 PRINCIPLE से ली गयी है जिसके Author Richard Koch हैं..

उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो और यह भी आशा करते हैं कि इस आर्टिकल के जो भी पोइंट्स आपको पसंद आये हों उसका Use आप अपनी Real Life में भी करेंगे…

कृपया इसका एनिमेटेड विडियो जरूर देखें … और इस बेहतरीन  यूट्यूब चैनल को जरूर सबस्क्राइब कीजिये…

Thanks!
Also Read:- एक Successful Startup Business कैसे बनाएँ?  How to Build a Successful Startup Business in Hindi?

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Winners जो कुछ ऐसे होते हैं Three Inspirational Winners in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/08/three-inspirational-winners-in-hindi-success-related-hindi-pos.html https://www.hamarisafalta.com/2016/08/three-inspirational-winners-in-hindi-success-related-hindi-pos.html?noamp=mobile#respond Sun, 14 Aug 2016 11:49:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/08/14/three-inspirational-winners-in-hindi-success-related-hindi-pos/                          Winners जो कुछ ऐसे होते हैं Motivational Article in Hindi दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको तीन ऐसे प्रेरक विजेता बताने वाले हैं जिससे आप सब भी Winner शब्द का सही अर्थ जान पायें, यह पोस्ट हमने शिव खेड़ा जी की किताब You Can Win से ली है ओलम्पिक में भाग लेना जीवन की एक बहुत बड़ी घटना मानी जाती है. लारेंस लेमिएक्स (Lawrence Lemieux) ओलम्पिक में नाव की रेस (Race) के दौरान मुसीबत में फंसे अपने एक […]

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                         Winners जो कुछ ऐसे होते हैं Motivational Article in Hindi

दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको तीन ऐसे प्रेरक विजेता बताने वाले हैं जिससे आप सब भी Winner शब्द का सही अर्थ जान पायें, यह पोस्ट हमने शिव खेड़ा जी की किताब You Can Win से ली है

  1. ओलम्पिक में भाग लेना जीवन की एक बहुत बड़ी घटना मानी जाती है. लारेंस लेमिएक्स (Lawrence Lemieux) ओलम्पिक में नाव की रेस (Race) के दौरान मुसीबत में फंसे अपने एक प्रतियोगी की मदद करने के लिए रूक गए. सारी दुनिया देख रही थी. अपने जीतने की इच्छा से ज्यादा दूसरे के जीवन की रक्षा करने को उन्होंने प्राथमिकता दी.

हांलाकि वे नौका-दौड में नहीं जीते, फिर भी विजेता थे.. सारी दुनिया के राजा और रानियों ने उनका सम्मान किया, क्योंकि उन्होंने ओलम्पिक की भावना को जीवित रखा…

  1. रूबेन गोन्जेलिस (Reuben Gonzales) रैकेटबॉल की विश्व चैम्पियनशिप फायनल मैच खेल रहे थे. फाइनल खेल में मैच पॉइंट पर, गोंजेलिस ने एक बहुत अच्छा Shot खेला.. रैफरी और लाइन्समैन, दोनों ने उनके शोट को सही बताया और उन्हें विजेता घोषित कर दिया.. मगर गोंजेलिस ने थोडा रुकने और हिचकने के बाद, पीछे मुड़कर अपने प्रतिद्वंदी से हाथ मिलाते हुए कहा, “शोट गलत था ” नतीजा यह हुआ कि वे सर्विस हार गए और मैच भी…

हर कोई हैरान रह गया.. कौन सोच सकता था कि एक खिलाडी, जिसके हक में सारी बातें हों, हार को इस तरह गले लगा लेगा… जब पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो गोंजेलिस ने जवाब दिया, “अपने जमीर को बनाये रखने के लिए मेरे पास यही एक रास्ता था..”

वह मैच हार गए, लेकिन फिर भी एक विजेता थे…

  1. कुछ सेल्समैनों के एक ग्रुप ने मीटिंग के लिए शहर से बाहर जाते समय अपने परिवार वालों से कहा कि वे शुक्रवार की रात को खाने के समय तक आ जायेंगे. लेकिन जैसा कि इस तरह के दौरों में होता है, एक के बाद एक काम होने की वजह से मीटिंग निश्चित समय पर खत्म नही हो सकी.

उन्हें देर हो चुकी थी, और उन्हें जहाज पकडना था.. वे भागते-भागते जहाज छूटने से कुछ ही मिनट पहले एयरपोर्ट पहुंचे, टिकिट उनके हाथों में था और वे आशा कर रहे थे कि जहाज शायद अभी न उड़ा हो!

इसी भाग-दौड में उनमे से एक मेज से टकरा गया, जिस पर फलों का एक टोकरा रखा था.. सारे फल इधर-उधर बिखर गए और खराब हो गए, लेकिन उनके पास रूकने का समय नही था.. वे दौड़ते रहे और जहाज के अंदर पहुंचकर उन्होंने चैन की सांस ली, सिर्फ एक को छोड़कर…

उसने अपने सथियों से विदा ली और लौट आया.. उसने जो कुछ देखा, उससे उसे अहसास हुआ कि उसने बाहर आकर ठीक किया है..  वह उस गिरी हुई मेज के पास गया, और उसने उस मेज के पीछे एक दस साल की अंधी बच्ची को देखा, जो अपनी रोजी-रोटी के लिए फल बेचती थी..

उसने कहा, ” मुझे उम्मीद है कि हमने तुम्हारा दिन खराब नहीं किया है.” उसने 10 डॉलर जेब से निकालकर उस लड़की को दे दिए, और कहा, “यह तुम्हारा नुकसान पूरा कर देगा.”

इसके बाद वह चला गया.. लड़की यह सब कुछ तो देख न सकी; लेकिन दूर जाते कदमों की धीमी पड़ती आवाज को सुनकर उसने जोर से आवाज लगाई, “क्या आप भगवान हैं?”

उस सेल्समैन का जहाज तो छूट गया, लेकिन क्या वह विजेता नहीं था? यकीनन था…

कोई बिना मेडल के भी विजेता हो सकता है.. और यदि जीत को सही नजरिये से न देखा जाए, तो वह मेडल जीतने के बाद भी हारा हुआ हो सकता है…

धन्यवाद!

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अत्यधिक प्रभावी लोगों के 7 की आदतें… 7 Habits Of Highly Effective People in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/07/7-habits-of-highly-effective-people-inspirational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/07/7-habits-of-highly-effective-people-inspirational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 11 Jul 2016 14:08:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/07/11/7-habits-of-highly-effective-people-inspirational-article-in-hindi/ नमस्कार दोस्तों, हम कितने भी Motivational Videos देख लें या Motivational Articles पढ़ लें, हमारा Motivational या excitement level एक टाइम आने के बाद खतम हो ही जाता है. और end में हम सब कुछ वैसी ही करने लगते हैं जैसा normally हमारी हमेशा की आदत होती है. लोग ज्यादातर अपनी आदतों से मजबूर होते हैं और अपने हिसाब से ही काम करते हैं चाहे कोई कितना भी समझा ले. Actually इंसान बने ही ऐसे हैं कि हमारे लिए हमारी आदतों […]

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नमस्कार दोस्तों,

हम कितने भी Motivational Videos देख लें या Motivational Articles पढ़ लें, हमारा Motivational या excitement level एक टाइम आने के बाद खतम हो ही जाता है. और end में हम सब कुछ वैसी ही करने लगते हैं जैसा normally हमारी हमेशा की आदत होती है. लोग ज्यादातर अपनी आदतों से मजबूर होते हैं और अपने हिसाब से ही काम करते हैं चाहे कोई कितना भी समझा ले. Actually इंसान बने ही ऐसे हैं कि हमारे लिए हमारी आदतों को बदलना बहुत मुश्किल होता है. पर ये याद रखें आपकी सही आदत ही आपके SUCCESS and FAILURE के बीच का सबसे Important factor बनेगी. So सबसे पहले हमें ये पता होना चाहिए कि कौन-सी Habits हमें अपने अंदर develop या change करनी चाहिए.

आज हम आपको इस पोस्ट में सात ऐसी habits बताएंगे जो आपको Effective बनाएगी.

तो चलिए शुरू करते हैं:-

HABIT 1. BE PROACTIVE

एक Restaurant में एक महिला के ऊपर एक कॉकरोच आकार बैठ जाता है. वो एकदम डर जाती है, पैनिक होकर चिल्लाने लगती है. और उछल-उछलकर अपने दोनों हाथों से उसे दूर फेंक देने की कोशिश करती है.

इतने में हाथ लगने से वो कॉकरोच एक दूसरी महिला पर गिर जाता है. और वो भी पैनिक होकर Same उस पहली वाली महिला की तरह बिहेव करने लगती है. जिससे पास में खड़ा वेटर उनकी मदद करने जाता है .. इधर-उधर फेंकने में अब कॉकरोच वेटर पर आकर बैठ जाता है. but वेटर चिल्लाने और पैनिक होने की बजाये सीधा खड़ा होता है .. कॉकरोच के अपने शर्ट पर चलने को अच्छे से observe करता है और जब उसे confidence feel होता है तब वो फ़ौरन उसे अपनी उंगली से पकड़ लेता है. और restaurant के बाहर फेंक देता है.

ये स्टोरी को हम author के Proactive और Reactive के Concept से relate कर सकते हैं.

यहाँ वेटर एक PROACTIVE इंसान था जिसने उन महिलाओं की तरह Situation पर react करने की बजाए सोचकर solution निकाला और उसके According proper action लिया.

Reactive & Proactive होने में बहुत अंतर है ….

Reactive लोग हर चीज में दूसरों को Blame करते हैं.

जैसे:-

उनका देश तरक्की नहीं कर रहा क्योंकि सरकार अच्छी नहीं है!

वो तरक्की नहीं कर रहे क्योंकि उनका बॉस अच्छा नहीं है.

वो खुश नहीं हैं क्योंकि लोग अच्छे नहीं  हैं.

और अंत में अगर कुछ न मिले तो वो अपनी किश्मत को ही Blame करने लगते हैं.

उन्हें लगता है चीजें कंट्रोल करना उनके हाथ में नहीं है… सब हालत और किश्मत का खेल है. … पर Actually में उनकी सोच ही सबसे बड़ी main problem है.

वो usually ऐसे sentences use करते हैं:-

जैसे–  मैं कुछ नहीं कर सकता!

क्या करूँ मैं बचपन से ही ऐसा हूँ!

वो मुझे बहुत गुस्सा दिलाता है!

जबकि PROACTIVE लोग अपनी फीलिंग्स का कंट्रोल दूसरों को देने के बजाये खुद सँभालते हैं.

वो अपने हर एक Action की जिम्मेदारी खुद लेते हैं.  हालात और किश्मत को ब्लेम करने की बजाये वो Situation को वो किस तरह से better करते हैं इस बारे में सोचते हैं. और Action लेकर उसे सही भी करते हैं.

आप हमेशा उन चीजों पर फोकस कीजिये जिन्हें आप चेंज कर सकते हैं. न कि उन चीजों पर आप चेंज नहीं कर सकते.

HABIT 2, BEGIN WITH THE END IN MIND 

Imagine कीजिये कि आप funeral  (अंतिम संस्कार) में गए हैं लेकिन ये बाकी funeral  से अलग है because जब आप देखते हैं तो पता चलता है कि काफिन में आपकी बॉडी है और वो आपके खुद के  funeral है. उस टाइम आप अपने आप के लिए क्या-क्या बोलना चाहेंगे. ये एक बहुत ही impactful question है. क्या आप वो सारी चीजें अभी कर रहे हैं जो आप अपने आपको देखकर तब बोलना पसंद करेंगे.

Example- अगर आप चाहते हैं कि आप बोल सकें कि मैं एक बहुत ही अच्छा दोस्त था तो क्या अभी आप एक बहुत ही अच्छा दोस्त जैसा व्यवहार कर रहे हो!

यदि आप ऐसे इंसान की तरह याद रहना चाहते हैं जिसने लाइफ में बहुत कुछ अचीव किया और सबकी बहुत मदद की तो क्या आप अभी कुछ ऐसा कर रहे हैं जिससे आप Surely ऐसा कुछ कह सकोगे ..

हम चाहते हैं कि आप ऐसा कुछ पूछें कि वो क्या चीजें हैं जो आपको मरने से पहले कैसे भी अचीव करनी ही है both personally or professionally … और फिर जितना जल्दी हो सके उसके लिए काम करना स्टार्ट कर दें.

HABIT.3 PUT FIRST THING FIRST

हमें जो काम जरूरी है वो काम सबसे पहले करना चाहिए .. अब ये आदत बोलने में बहुत सिम्पल है पर सबसे मुश्किल भी यही है.

Mostly हमें जितना लगता है हम उतने बीजी होते नहीं!  ऐसा कितनी बार होता है कि हम बेवजह अपने Whatsapp msg चेक करते हैं, Youtube पर वीडियो या फिर टी.वी देखकर टाइम पास करने लगते हैं.  और कुछ नहीं तो बेवजह की बातें सोचने लगते हैं. जबकि हमे कई जरूरी काम खतम करने बाकि होते हैं.  ये सबसे common  आदतों में से एक है जो हमसे हमारी बहुत सी टाइम वेस्ट करती है. और हमें कभी एक एवरेज इंसान से ऊपर उठने नहीं देती.

so अगर आपको अपनी लाइफ में कुछ करना है तो हर रोज वो काम सबसे पहले खत्म करो जो आपको आपके गोल्स तक पहुँचने में हेल्प करेगा. उसके बाद दूसरे बचे काम को महत्व दो…

HABIT 4. THINK WIN WIN

मान लीजिए hamarisafalta.com की तरह एक दूसरी कोई मोटिवेशनल वेबसाइट है और दोनों वेबसाइट पर हजारों रीडर्स रेगुलर विजिट करते हैं.  अब यदि मुझे आपकी वेबसाइट के बारे में पता चलता है और मैं आपके आर्टिकल्स पढता हूँ, मुझे आपके आर्टिकल्स पसंद आते हैं so मैं आपको मेरी वेबसाइट को पढ़ने के लिए इनवाईट करता हूँ.

और अपने रीडर्स को आपकी वेबसाइट के बारे में बताता हूँ जिससे मेरे रीडर्स आपकी साईट के भी रीडर्स बन जाते हैं. और इसी तरह आप भी मुझे आपकी वेबसाइट के लिए इनवाईट करते हो और आपके रीडर्स भी मेरे साईट के रीडर्स बन जाते हैं. … इसे कहा जाता है एक WIN WIN Situation create करना. जिसमे दोनों साइड का फायदा निकले न कि बस किसी एक का.

अच्छा यदि मैं  आपसे Jealous होकर कि आप मेरे Competitor हो, एक गलत नाम से आपकी साईट पर बुरे-बुरे कमेन्ट करता, ये सोचकर कि इससे आपका कुछ नुकसांन होगा और indirectly मेरा कुछ फायदा होगा… तो क्या आपको लगता है कि मेरा सच में कुछ फायदा होता… Obviously ऐसा नहीं होता.  because मैं यहाँ एक WIN-LOOSE Situation create करने का try कर रहा होता जिससे hardly किसी long term के लिए अच्छा हो सकता है.

Actually हमारी मानसिकता ही कुछ ऐसी बनी है कि हमें लगता है, कि हमारे जीतने के लिए किसी और का हारना जरूरी है या फिर उसे मिल गया तो मुझे नहीं मिलेगा… जिसे SCRACITY MENTALITY कहते हैं..

हमें ये MENTALITY दिमाग से निकालकर ऐसा सोचना चाहिए कि हर इंसान के लिए बहुत कुछ है यहाँ…. जो कि ABUNDANCE MENTALITY होती है.

So अब से कोई भी situation में कोई भी deal करते वक्त एक WIN-WIN Situation करने की ही कोशिश करो. जिससे सबका फायदा हो!

HABIT 5. SEEK FIRST TO BE UNDERSTAND THEN TO BE UNDERSTOOD 

समझिए कि एक दिन आप एक चश्मे वाले के पास जाते हैं. और बताते हैं कि आपको दो दिन से बराबर दिख नही रहा है! ये सुनकर दुकानदार अपना पहना हुआ चश्मा निकालकर आपको दे देता है और बोलता है लो इसे Try करो..ये मेरे लिए काफी सालों से अच्छे से काम कर रहा है. so आप वो चश्मा पहनते हो और वो और भी खराब दिखने लगता है.

अब ऐसा होने के बाद कितने चांसेस है कि आप वापिस उस चश्मे वाले के पास कभी जायेंगे… शायद ही कभी!

लेकिन actually में हम सब भी उस चश्मे वाले की तरह ही हैं, जब हम लोगों से बात करते हैं तो उनके प्रोब्लम को को अच्छे से समझने से पहले ही उन्हें सोल्यूशन देना या लदना स्टार्ट कर देते हैं. हम  येEasily बोल देते हैं कि कोई हमारी feelings नहीं समझता पर खुद भी कभी सामने वाली की फीलिंग्स नहीं समझते …सोचते भी हैं कि इस बात को कि सामने वाले ने क्या कहा और वो ऐसा कैसे कह सकता है जबकि main question ये होना चाहिए कि उसने ऐसा क्यों कहा? और उसकी फीलिंग्स क्या थी ये बोलते हुए .. so Next time जब आप किसी से बात करें तो उनकी बात बस reply देने की उद्देश्य से न सुने बल्कि उन्हें समझने की कोशिश करें. और सबसे महत्वपूर्ण तब फील होने दें कि आप सचमुच समझते हैं उनकी फीलिंग्स को!

जब आप ऐसा genuinely लोग आपको भी समझना स्टार्ट कर देंगे.

HABIT 6. SYNERGY 

अगर आप दो प्लांट को साथ में लगाते हो तो उनकी जड़ साथ में मिलकर मिटटी की quality बढाती है. जिससे दोनों प्लांट को ग्रोथ बेटर होती है उन दो प्लांट की तुलना में जो कि अलग-अलग जगह पर लगाए गए हों…

SYNERGY  की हैबिट हमें हमेशा एक साथ as a Team  मिलकर काम करने के लिए इनकरेज करती है…

Example-  दो आदमी एक पेड़ से सेब तोड़ने की कोशिश कर रहे थे पर काफी कोशिश करने  के बाद भी दोनों उस तक पहुँच नहीं पा रहे थे क्योंकि सेब थोड़े ऊपर थे फिर दोनों ने सोचकर Decide किया कि एक आदमी दूसरे के कंधे पर चढ़कर सारे सेब तोड़ लेगा और उन्होंने सारे सेब तोड़ लिए..

इस उदहारण की तरह जब हम लोगों के साथ सिनार्जईस करते हैं तब हम अपनी Capability को जितना चाहे उतना बढ़ा सकते हैं. जिससे हमें हमारे गोल्स को पूरा करने में काफी आसानी हो जायेगी.

HABIT 7. SHARPEN THE SAW

एक आदमी बहुत देर से एक पेड़ को काटने की कोशिश कर रहा था वो एकदम थक चूका था और उससे पेड़ कट ही नहीं रहा था .. पास के ही एक लकडहारे ने यह देखा तो वह उसके पास गया और उसे सलाह दी कि उसे पहली अपनी आरी तेज कर लेना चाहिए.. ये बात सुनकर उस आदमी ने उससे कहा पर ये करने में तो बहुत टाइम जायेगा!

अभी यह जवाब शायद आपको स्टूपिड लगे पर हम भी usually ऐसा ही करते हैं

हम Exercise के लीयते दिन के तीस मिनट नहीं निकाल सकते ताकि हमारी हेल्थ अच्छी रहे.

15 मिनट कोई बुक नहीं पढ़ सकते ताकि हमारी Knowledge बढे.

और तब हम कम्प्लेंन भी करते हैं कि हमारी जिंदगी  अच्छी क्यों नहीं है ?

Habit नम्बर 7 खुद को हमेशा बेहतर बनाने पर फोकस करती है.

अपने टाइम का सबसे अच्छा use हमें खुद को इस चार एरिया में बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए.

  1. PHYSICAL
  2. MENTAL
  3. SOCIAL
  4. SPIRITUAL.

ये HABIT बाकि छः हैबिट को सराउंड करती है और हमें उन सबको फोलो करना पोसिबल कराती है .हमारी सबसे कीमती एसीट को बेहतर बनाकर जो कि हम खुद हैं.

ये सभी बातें हमने एक किताब The 7 Habits of Highly Effective People

से पढ़ी है जिसके लेखक R. Stephen Covey  हैं..

कृपया इसका एनिमेटेड विडियो जरूर देखें … और इस बेहतरीन  यूट्यूब चैनल को जरूर सबस्क्राइब कीजिये…

Also Read:- एक Successful Startup Business कैसे बनाएँ?  How to Build a Successful Startup Business in Hindi? 

How to Get Rich Hindi Article अमीर कैसे बनें? हिंदी प्रेरक लेख

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नमस्कार दोस्तों,

आज हम आपको बताएंगे एक KEY REASON. क्यों कुछ ही लोग बहुत अमीर बन पाते हैं और ज्यादातर लोग गरीब या फिर मिडिल क्लास रह जाते हैं.

रॉबर्ट नाम का एक लड़का था, जिसके दो बाप थे.. आप कुछ गलत मत समझिए, पहला उसका खुद का था और दूसरा उसके दोस्त का बाप था, जिसे वह अपना मुह बोला बाप मानता था.. पहले वाले ने PHD की थी और दूसरे ने कभी 8th Class भी पास नहीं की थी. दोनों बहुत स्मार्ट और हार्ड वर्किंग थे पर दोनों की सोच बहुत अलग थी. और दोनों ही रॉबर्ट को अलग-अलग बातें सिखाते थे..

पहले बाप बोलता था कि “पैसा सारे फर्साद की जड़ है”

और दूसरा बोलता था कि “पैसा न होना सारे फर्साद की जड़ है”

पहला, रॉबर्ट को हमेशा महँगी चीजें सोचने से मना करता था..और कहता था कि “वो हमारी हैसियत के बाहर है.”

दूसरा उसे कहता था कि “वो सोचे और अलग-अलग रास्ते ढूंढे जिससे वो सारी महँगी चीजें खरीद सके. ये करने से उसका दिमाग तेज होगा और नए आईडियास भी मिलेंगे.”

पहला उसे कहता, “खूब मेहनत कर, अच्छे से पढ़ लिख ताकि तुझे बड़ी कंपनी में नौकरी लगे और तू बड़ा इंसान बन पाए.”

दूसरा कहता था, “तू खूब पढ़ मेहनत कर, पर खुद की कंपनी खोल ताकि तू खूब सारी नौकरियां लोगों को दे पाए.

रॉबर्ट के पास एक एडवांटेज था, उसने अपने दोनों बापों को अपनी अलग-अलग सोच के साथ बढते और उनकी तरक्की देखी.. उसने अपना दिमाग लगाया और अपनी दूसरे बाप की बातें मानी और फोलो की. जो की बाद में Miami फ्लोरिडा का सबसे अमीर इंसान बना और उसकी सिखाई बातों से उसने खुद करोड़ों कमाए जबकि उसका पहला बाप जिंदगी भर गरीब रह गया.. सबसे इम्पोर्टेंट बातों में से एक बात जो रॉबर्ट ने अपने अमीर बाप से सीखी वो थी, FINANCIAL LITERACY..

जिसका मतलब है ASSETS और LIABILITIES के बीच का Difference जानना.

अब आप ध्यान दीजिए, ये नोर्मल कॉमर्स में सिखाये गए मीनिंग्स से थोडा अलग है.  रॉबर्ट ने काफी Easy words में उसका मीनिंग बताया है. जिसे आप नीचे देख सकते हैं:-

ASSETS कोई वो चीज होती है जो आपको पैसे बनाकर दे या आपके जेब में पैसे डाले.

और

LIABILITIES वो चीजें होती हैं जो आपके जेब से पैसे ले ले या आपके पैसे खत्म करे ..

अमीर लोग इसीलिए अमीर होते हैं  Because वो अपने ASSETS बनाते हैं .. जबकि मिडिल क्लास लोग बस LIABILITIES पर खर्च करते हैं.

मिसाल के तौर पर

राजू और मोहन नाम के दो दोस्त थे .. दोनों सेम पोजिशन और सेम सैलेरी पर काम करते थे.

जब भी उनको सैलेरी मिलती तो मोहन अपने उन पैसों से नए कपडे, नया गैजेट्स, फोन, बाईक या कार ऐसी चीजें खरीदता था जो उसे अमीर जैसा फील कराती थी पर वो ये नहीं समझता था की ये सारी चीजें LIABILITIES हैं जो उसके पैसे उससे ले रही है न की बस वो उन्हें खरीदता है तब बल्कि आगे भी मेंटेनेंस वगैरह के लिए.. जिसकी वैल्यू वक्त के साथ कम हो जायेगी. और न ही वह उससे आगे कुछ पैसों का प्रोफिट देगी. But राजू ऐसा नहीं था वो ये सारी चीजें नहीं खरीदता था जब तक की उसके लिए बहुत जरूरी न हो वो चीज खरीदना..

वो पैसे जमा करता था और ASSETS पर खर्च करता था जैसे की स्टोक्स, बोंड्स, रियल स्टेट्स, अपनी खुद की स्किल्स बढाने के लिए या कुछ सीखने के लिए जो उसे आगे और पैसे बनाकर दे.. दो साल बाद राजू करोड़पति बन गया जबकि मोहन वैसे का वैसा अपनी कम सैलेरी को कोसता रह गया.. और कहता था कम सैलेरी उसके मिडिल क्लास होने का रिजन है…

एक गरीब इंसान का CASH FLOW कुछ इस तरह का होता है:-

उस पैसे मिलते हैं:——-> और वो पैसे जरूरी चीजों में खर्च हो जाते हैं…….

एक मिडिल क्लास का CASH FLOW थोडा-सा अलग होता है:-

उसे पैसे मिलते हैं:——-> वो उसे जरूरी खर्चों और LIABILITIES में खर्च कर देता है…….

इन्हीं दो कारणों से मिडिल क्लास फैमिली और गरीब में ज्यादा फर्क नही है..

मोस्टली मिडिल क्लास लोगों को लगता है की उनका घर उनका ASSETS है. पर ऐसा नहीं है .. आपका घर आपको पैसे बनाकर नहीं देता Unless आपको उसको भाड़े पर दो..

जबकि अमीर लोगों का CASH FLOW कुछ ऐसा होता है:-

उन्हें पैसे मिलते हैं:———> वो उस पैसे से अपने Assets बनाते हैं.. ————> और फिर उससे बने पैसों से वो खर्चा करते हैं…

इसीलिए वो अमीर होते जाते हैं. क्योकि उनके इनकम के सोर्स बढते जाते हैं..

अगर आपको अमीर बनना है तो ये बात हमेशा याद रखें अच्छे से

“इस बात से फर्क नहीं पड़ता की आप कितना कमा रहे हैं, बल्कि आप उन पैसों को कहाँ और कैसे खर्च कर रहे हैं. ये इम्पोर्टेंट है” 

सबसे पहले तो आपको CONSUMER की सोच से बाहर आकर INVESTOR की सोच अपनानी पड़ेगी… लोग कम्प्लेन करते हैं की उनकी खराब कंडीशन का रिजन उनकी कम सैलेरी है और सैलेरी बढ़ेगी तो वो आराम से रहेंगे पर प्रोब्लम ये है की

इनकम बढ़ने के बाद लोगों के खर्चे और बढ़ जाते हैं…. क्योंकि ज्यादा पैसा अच्छी चीजें खरीदने को मजबूर करता है… जैसे एक अच्छी मोबाइल, कार, घर जो की फिर से बस LIABILITIES है. जो की कभी आपको अमीर बनने नहीं देगी..

ये सभी बातें हमने एक किताब Rich Dad Poor Dad से पढ़ी है जिसके लेखक ROBERT T. KIYOSAKI हैं..

 

धन्यवाद!

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Narendra Modi Best Motivational Speech in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/06/narendra-modi-best-motivational-speech-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/06/narendra-modi-best-motivational-speech-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 16 Jun 2016 09:18:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/06/16/narendra-modi-best-motivational-speech-in-hindi/ Best Motivational Speech by Narendra Modi in Hindi देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा यह प्रेरणादायक स्पीच विज्ञान भवन में Startup India के लिए दिया गया था … आइये आप सब भी इस स्पीच को ध्यान से पढ़िए और अपने लेवल पर स्टार्टअप के लिए सहयोग दीजिए… देश के हर इंसान के दिल में एक ख्वाब होता है, उस ख्वाब के साथ उसके मन में कुछ विचार भी होता है, कुछ ideas भी होते हैं. कुछ लोगों […]

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Best Motivational Speech by Narendra Modi in Hindi

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा यह प्रेरणादायक स्पीच विज्ञान भवन में Startup India के लिए दिया गया था … आइये आप सब भी इस स्पीच को ध्यान से पढ़िए और अपने लेवल पर स्टार्टअप के लिए सहयोग दीजिए…

देश के हर इंसान के दिल में एक ख्वाब होता है, उस ख्वाब के साथ उसके मन में कुछ विचार भी होता है, कुछ ideas भी होते हैं.

कुछ लोगों के Ideas हर दिन पैदा होते हैं और सांझ होते-होते बाल मिट्टी हो जाता है. लेकिन कुछ लोग होते हैं जो आईडिया के साथ involve हो जाते हैं, वो उससे बाहर नहीं निकलते … और पूरा परिवार परेशान हो जाता है कि ये कुछ करता नहीं बस इसी में लगा रहता है. किसी से बात नहीं करता है, यार दोस्तों से नहीं मिल रहा है क्या हो गया है इसको!  कहीं पागल तो नहीं हो गया!    लेकिन वही एक-दिन कुछ कमाल करके दिखा देता है.. तब पूरे परिवार को लगता है – नहीं-नहीं साहब, वह तो पहले से अच्छा था.

क्योंकि ज्यादातर एक 1st Generation Entrepreneurs हैं…

&  जब कुछ सोचा हुआ हो -अपना काम नहीं है! तू बेटा कहीं नौकरी कर ले..

शुरू में जब दोस्तों ने सुना होगा, बहुत मजाक उडाया होगा, उपहास किया होगा .. जाते-आते आपको उसी उपनाम से सुनाते होंगे..ये कुछ करने वाला है, करने वाला है…

जब एक पल आया होगा सारी ओर विरोध हुआ होगा ..सब दूर, परिवार के लोगों ने विरोध किया होगा कि जाओ कमाओ..नौकरी कर लो…

उस विरोध के बावजूद भी जो टिके होंगे, आज सब लोग कहते होंगे कि हाँ इसने तो कमाल ही कर दिया…कुछ ऐसा मुझे भी करना है… हर किसी के स्टार्टअप के जिंदगी की यही कहानी है..

विशाल और सफल कारोबार का निर्माण करने के लिए असफलताओं से बचा नहीं जा सकता.. जो पानी से भागता है वो कभी तैरना नहीं सीख सकता.. एक बार तो डूबना ही पड़ता है तब जाकर के तैरना शुरू होता है.. हर चीज की कई शुरुआत होती है तो जो करता है उसकी को दिखता है क्या होने वाला है औरों को यही दिखता है कि पागल है!

पैसे कमाने के इरादे से जो आता है वो कभी  स्टार्टअप कर ही नहीं कर सकता.. जो कुछ करने के इरादे से आता है पैसे उसके लिए by Product होते हैं.. एक भीतर से ऊर्जा होती है, भीतर में सपने होते हैं उसके साथ खप जाने का इरादा होता है तब जाकर के परिस्थितियां पलटती हैं.. जो एप बनाता है या जो स्टार्टअप की दुनिया में एंटर होता है या कोई नई चीजों को एनोवेट करता है उसके मूल में, उसके अंदर एक संवेदना होती है .. बहुत कम लोग इस बात को अनुभव कर पायेंगे और वो जब कोई बुरे हाल देखता है, कुछ समस्या देखता है वो उसे सोने नहीं देती… समस्या उसकी नही है किसी और की है.. लेकिन वो उसे सोने नही देती.. उसका मन कहता है कि मैं कोई रास्ता खोजूं, मैं कुछ करूँ उसके लिए … किसी के लिए जो कोई दर्द होता है, जो हमें हमारे भीतर एक ऐसी अवस्था पैदा करती है जो इन लाखों करोड़ों के दर्द को कम करने का कारण बन जाती है.. और तब स्टार्टअप होता है..

हर स्टार्टअप के पीछे कोई न कोई समस्या के समाधान का इरादा रहना चाहिए और जब किसी स्टार्टअप के पास समस्या के समाधान का इरादा होगा तो उसकी संतोष का लेबल भी कुछ और होगा …

स्टार्टअप कहने के बाद कुछ लोगों की सोच होती है ये बड़ा हाई फाई होगा, लैपटॉप के बाहर दुनिया कुछ नही होगी!  मोबाइल से जुड़े होंगे कि हर किसी के पास बिलियन डॉलर का काम हो रहा है और दो हजार लोग काम करें!  जरूरी नही है… 5 लोगों को भी अगर मैं रोजगार देता हूँ तो मेरा स्टार्टअप मेरे देश को आगे बढा रहा है..

एक Psychological change लाना है ..कि Youth के दिमाग से Job Seeker  की मानसिकता को बाहर लाना है .. वो Job Creator बने और एक बार उसके दिमाग में आ गया कि मुझे दो लोगों की जिंदगी को संवारना है तो वो कर लेगा…

मैं वो कुछ करके दिखाऊं जिससे मैं जॉब क्रियेटर बनूं, मैं वो कुछ करके दिखाऊं कि जिसके कारण किसी की जिंदगी में मैं काम आऊँ…मैं वो कुछ करके दिखाऊं कि मेरे देश को एक कदम ले जाने में मेरा भी कोई योगदान हो … इतना भी सपना लेकर के यदि हम चलते हैं हम बहुत कुछ कर सकते हैं…

यह था हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणादायी स्पीच..  जो हमें बताती है कि हम अपने क्षेत्र में कोई भी काम यह सोचकर बिलकुल न करें कि हमें कहीं जॉब करनी है बल्कि हमेशा ऐसा रास्ता बनाएँ कि हम दूसरों को जॉब दे सकें… यदि आपके कारण किसी के घर का चूल्हा जल रहा है तो इससे बड़ी बात शायद ही कुछ होगी… इसलिए दोस्तों आप सब भी इस स्पीच की हर एक बात को ध्यान से समझें और दूसरों की लाइफ बदलने के लिए आगे आयें.. क्योंकि दूसरों को आपकी जरूरत है….

धन्यवाद!

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  Hi Friends, Business Start up को लेकर एक बहुत बड़ा  misconception जो सबको होता है और मुझे भी था वो ये है कि एक Successful Business Start करने के लिए मुझे एक जबरदस्त आईडिया चाहिए, ऐसा आईडिया जिसे  मैं खूब मेहनत के साथ Execute करूँ  तो वो मुझे Billionaire या कम से कम Multimillionaire तो बना ही दे. कुछ ऐसा ही जैसे Mark Zuckerberg के Facebook का आईडिया…, Youtube पर विडियो शेयर करने का आईडिया जो PAYPAL के तीन Employees ने सोचा था… और बाकी सारी Billion डॉलर कंपनी का वो एक जबरदस्त आईडिया जो उनको करोड़पति बना देता है. पर सच तो ये है कि ये सब एक myth है.  Youtube पहले एक ऑनलाइन डेटिंग साईट थी न कि विडियो Sharing साईट. Facebook से पहले Mark Zuckerberg  ने एक Hot or Not game type Website बनाई थी जिसका नाम Facmash था. फेसबुक उनका पहला आईडिया नहीं था .

99% Times लोगों का पहला आईडिया उन्हें इतनी सक्सेस नहीं देता बल्कि वो सक्सेस उस आईडिया को यूजर के Requirement के हिसाब से Replace or Modify करने के हिसाब से मिलती है.
आपको पता होना चाहिए कि स्टार्टअप एक ब्रिलियंट आईडिया पर काम करके रातों रात अमीर बनने को नहीं कहते  बल्कि स्टार्टअप उसे कहते हैं इसमें आपको बहुत सी Extreme Uncertainty को हैंडल करना पड़े.

Startup एक Experiment जैसा होता है, जिसमें हमें चीजों को टेस्ट करके बार-बार सीखना होता है. और वो भी अपने Competitors से जल्दी.
एक ऐसा  Experiment जिसमें  हमें आउटपुट क्या मिलेगा इसके बारे में  कुछ पता नहीं होता …

WHY DO MOST OF THE STARTUP FAIL?

Crayegg company के co-founder नील पटेल जो कि एक ऑनलाइन मार्केटर हैं. और USA के काफी Successful Entrepreneur में से एक हैं.. उन्होंने एक बार मिलियन डॉलर का फंड्स उठाया, अपने एक ब्रिलियंट आईडिया पर काम करने के लिए .. वो आईडिया सबको काफी पसंद आया था, Investors को भी … आईडिया एक ऐसा प्रोडक्ट बनाने का था जो कम्पनिस के सोशल मीडिया ट्राफिक के प्रोब्लम्स को सोल्व कर सके. उनकी टीम ने पूरा एक साल और पूरे एक मिलियन डॉलर उस प्रोडक्ट को अच्छे से बनाने के लिए लगा दिए. और जब उन्हें लगा कि प्रोडक्ट अब अच्छी तरह लॉन्च के लिए रेडी हो गया है, उन्होंने खुशी-खुशी उसे लॉन्च कर दिया … पर हैरानी की बात ये थी कि लॉन्च करने के बाद किसी एक कंपनी ने भी उनका प्रोडक्ट खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. क्योंकि किसी भी कंपनी को ऎसी चीज खरीदने की जरूरत महसूस नहीं हो रही थी, वो अपने पुराने तरीके में ही काम करने में खुश थे. So नील पटेल और उनकी टीम का एक पूरा साल खूब सारी मेहनत और मिलियन डॉलर बर्बाद हो गया, एक ऐसा प्रोडक्ट बनाने में जिसको किसी की जरूरत ही नहीं थी.

हमने आपको ये स्टोरी बताई क्योंकि ज्यादातर स्टार्ट अप फ़ैल होने का रिजन यही है …

स्टार्टअप में लोग एक आईडिया सोचते हैं जो उन्हें काफी अच्छा लगता है, फिर उस आईडिया को रियलिटी बनाने के लिए वो खूब मेहनत से सारी टेक्निकल चीजों पर काम करते हैं … अपना टाइम, मनी और पूरी एनर्जी लगा देते हैं. एक ऐसा प्रोडक्ट Efficiently बनाने के लिए जो किसी को चाहिए ही नहीं!

याद रखें कोई भी प्रोडक्ट बनाने के लिए आपको अपने आप से यह Question नहीं करना चाहिए कि “आप ऐसा प्रोडक्ट बना सकते हो कि नहीं!” बल्कि main Question यह होना चाहिए कि “आपको ऐसा प्रोडक्ट बनाना चाहिए कि नही!”

ज्यादातर वो फ़ैल होते हैं कि वे COVENTIONAL MANAGEMENT (पारंपरिक प्रबंधन) पर काम करते हैं .. that is, मार्केट रिसर्च करना, एक अच्छी Stratagy बनाना और फिर एक Great Product डिलीवर करना..  ये Approach अच्छा है पर स्टार्ट-अप्स के लिए नहीं!

क्योंकि एक Startup का अपने प्रोडक्ट के लिए मार्केट Assume करना पोसिबल नहीं है, बिना उस प्रोडक्ट को लॉन्च किया…

Startup से अपने प्रोडक्ट का रिस्पोंस मार्केट में Assume नही कर सकते, जबतक कस्टमर्स actual में वो प्रोडक्ट use न करें.

ये सारे Reasons बहुत से Startups के Failure का reason बन  जाते हैं ..  पर अच्छी बात यह है कि इस Failure को avoid किया जा सकता है..

LEAN STARTUP METHODOLOGY हमें इस प्रोब्लम का सोल्यूशन देता है और startup का कीमति टाइम और पैसा वेस्ट होने से बचाता है.

BUILD
MEASURE
LEARN

इस प्रिंसिपल के हिसाब से आपको एक Minimum Viable Product बनाना चाहिए.

फिर उस प्रोडक्ट को ट्रायल के तौर पर लॉन्च करके कस्टमर्स के Responce & Reaction MEASURE करना चाहिए and at the End LEARN करना चाहिए कि Ideas क्या रियल में काम कर रहे हैं, जैसा उन्हें करना चाहिए या फिर आपको कोई चेंजेस करना चाहिए कस्टमर्स के बेटर रिस्पोंस के लिए.. आपको इस साइकल को रिपीट करते रहना चाहिए जब तक आपको मार्केट और आपके कस्टमर्स से अपने प्रोडक्ट के लिए Desired responce नहीं मिलता…

Easy words में कहें तो मिनिमम वायबल प्रोडक्ट वो होगा जिसमे आप अपने प्रोडक्ट्स के दो या तीन Key-points डालेंगे..जो सबसे ज्यादा Attractive है, और आपको लगता है कि वो आपके कस्टमर्स को पसंद आयेंगे…

फिर आप कम से कम पैसों में उस प्रोडक्ट को तैयार करो, जो बस टेस्ट करने के Purpose से हो! जिसे आप MEASURE कर सको कि आपके Key-points काम कर रहे हैं कि नहीं! और लोग उस पर कितना अच्छा रिस्पोंस दे रहे हैं… और ये MEASURE भी आपको cheapest और fastest way में करना चाहिए.. याद रखें आपका मिनिमम वायबल प्रोडक्ट आपका फाइनल प्रोडक्ट नहीं है. ये बस टेस्ट करने के लिए है, आपके आईडिया और प्रोडक्ट को..

So उसे सिम्पल और सस्ता बनाएँ बस अपनी क्रिटिकल पोइंट्स को कवर करते हुए जो आपके अच्छे फीडबैक के लिए जरूरी हो! और आपको प्रोडक्ट और सेल्स के बारे में भी सीखने के लिए मदद करे.

अब जब आप responce को अच्छे से Measure कर लेंगे तो आपके पास दो ओप्शन होंगे:-

  1. PIVOT
  2. PERSEVERE

यदि आपके Key assume को Positive responce मिल रहा है तो आपको PERSEVERE करना चाहिए.. मतलब उस आईडिया पे ही चलना चाहिए और अपने प्रोडक्ट को उस आईडिया के साथ ही और बेटर बनाने पर फोकस करना चाहिए..

पर यदि आपको जैसा रिस्पोंस चाहिए था वैसा नहीं मिला तो आपको PIVOT करना चाहिए .. मतलब Maybe आप अपने आईडिया को दूसरी तरीके से Execute करें. या दूसरी ऑडिएंस टारगेट करें,  या कुछ ऐसा चेंजेस करें जो आपको रिजल्ट्स दे…

Example:-

Kevin Systrom नाम के आदमी ने Burbn नाम का एक चैकिन एप बनाया था. जिसमें Mafia Wars नाम के कुछ एलिमेंट्स थे .. उसमे एक फोटो निकालने का एक एलिमेंट भी था .. वो थोड़े परेशान थे क्योंकि Burbn को Desired responce नहीं मिल रहा था क्योंकि एप काफी भरा-भरा लगता था और Kevin को पता था कि ये यूथ सक्सेस नहीं बन सकता है…

पर MEASURE & LEARN करने के बाद उन्हें पता चला कि Burbn के सारे फीचर्स में से एक फीचर्स जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जा रहे थे वो फोटो लेने का फीचर था..

ये पता चलने के बाद Kevin ने अपने को-फाउंडर माइक क्रीगर के साथ एक बड़ा रिस्क लेते हुए Burbn के सारे फीचर्स निकाल दिए & बस फोटो लेने के फीचर्स को रखा और उसको बेहतर बनाने पर काम करने लगे .. ये PIVOT करने के बाद Burbn एक बहुत ही पोपुलर एप बन गया जिसे आप सब Instagram के नाम से जानते हैं.

इसी तरह आपको भी अपने डिजायर्ड रिजल्ट मिलने से पहले काफी सारे Exeperiment करने पड़ सकते हैं.  ज्यादातर स्टार्टअप शुरू होते हैं और कुछ टाइम बाद पूरी तरह से गायब हो जाते हैं .. क्योंकि उन्हें पूरी मेहनत के बावजूद जब बेहतर रिजल्ट नहीं मिलते तो वे हार मानकर Quit कर देते हैं. या कुछ Never Quit बोलकर सेम चीजें बार-बार करते हैं. और उम्मीद करते हैं कि उन्हें बेहतर रिजल्ट मिलेंगे.. पर अलग रिजल्ट नहीं मिलते और आखिर में पैसे खत्म हो जाने पर वे भी गायब हो जाते हैं.

ये दोनों ही सही तरीके नहीं हैं. Mostly उन्हें सक्सेस के लिए बस PIVOT करने की जरूरत होती है, जिसके बारे में वो नहीं सोचते….

एक चीज जो आपको हमेशा ध्यान रखनी होगी कि स्टार्टअप की सक्सेस के लिए आप कितनी  PIVOTS Handle कर सकते हैं, आपके पैसे खत्म होने से पहले..

इसलिए हमेशा ध्यान रखिये कि आपके कस्टमर्स ही King होते हैं, और  आपके सारे Decision और Action उन्हें खुश करने के लिए होने चाहिए न कि खुद को या अपनी टीम को…

और आपको कभी सक्सेस नहीं मिल सकती कुछ ऐसा बनाकर जो आपके कस्टमर्स को चाहिए ही नही!

ये कॉन्सेप्ट्स THE LEAN STARTUP Book से Inspire है जो स्टार्टअप्स के लिए एक बहुत ही बेहतरीन बुक है…

 

कृपया इसका एनिमेटेड विडियो जरूर देखें … और इस बेहतरीन  यूट्यूब चैनल को जरूर सबस्क्राइब कीजिये…

धन्यवाद!

Also Read:-  How to Get Rich Hindi Article अमीर कैसे बनें? हिंदी प्रेरक लेख

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Belief कीजिये आप सफल हो सकते हैं और आप हो जायेंगे… https://www.hamarisafalta.com/2016/06/best-article-on-belief-in-hindi-motivational-hindi-pos.html https://www.hamarisafalta.com/2016/06/best-article-on-belief-in-hindi-motivational-hindi-pos.html?noamp=mobile#respond Wed, 08 Jun 2016 12:56:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/06/08/best-article-on-belief-in-hindi-motivational-hindi-pos/ जब मैं छोटा था तो मेरे लिए हर एक चीज Possible थी. बड़े से बड़े पेड़ पर चढ़ जाता था बिना यह जाने या सोचे कि पेड़ कितना ऊँचा है. और उस वक़्त बिना किसी डर के, बिना किसी के साथ के मैं उसे आसानी से कर जाता था. उस वक़्त मेरे दिमाग में बस एक आईडिया होता था कि पेड़ पर कैसे चढ़ना है और एक बहुत बड़ा Belief होता था जिसके Through हम ये सोचते ही थे कि […]

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जब मैं छोटा था तो मेरे लिए हर एक चीज Possible थी. बड़े से बड़े पेड़ पर चढ़ जाता था बिना यह जाने या सोचे कि पेड़ कितना ऊँचा है. और उस वक़्त बिना किसी डर के, बिना किसी के साथ के मैं उसे आसानी से कर जाता था. उस वक़्त मेरे दिमाग में बस एक आईडिया होता था कि पेड़ पर कैसे चढ़ना है और एक बहुत बड़ा Belief होता था जिसके Through हम ये सोचते ही थे कि पेड़ पर किसी भी हालत में चढ़ना ही है और हम उस ऊँचाई तक पहुंचकर ही दम लेते थे ..

लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया, मेरे अन्दर कुछ छोटे-बड़े चेंजेस आने शुरू हो गये.

जब स्कूल में होता और किसी एक सब्जेक्ट में भी मार्क्स कम आ जाते तो मैं बहुत रोता, किसी विषय में फ़ैल हो जाने पर यही सोचता “कि मैं इसे कभी नहीं कर सकता”

जब कोई दोस्त आगे निकल जाता तो उस वक़्त लगता “कि मुझसे यह कभी नहीं होगा”

जैसे ही स्कूल, कॉलेज की पढाई खत्म हुई मुझे लगा कि कोई बिजनेस कर लेते हैं लेकिन उस वक़्त भी एक बड़ी रूकावट थी .. मुझे लगा कि “यह इतना आसान नहीं है…”

और जब मैं एक बिजनेस में Involve हुआ, उसी समय दिमाग में एक बेहतरीन आईडिया ने जन्म लिया. और जब मैंने उस आईडिया को अपने पार्टनर्स के साथ शेयर किया तो सबने कहा हमें इसके लिए किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना.

उस एक आईडिया में वो सारी चीजें शामिल थीं जिससे गरीब क्षेत्रों में, मैं लोगों को जॉब देख सकूँ, कोई बेरोजगार न रहे, सब लोगों के पास अपने आवश्यकता की चीजें उपलब्ध हों और उस एक आईडिया की बदौलत कुछ ऐसा हो कि पूरा देश या दुनिया मुझ पर गर्व महसूस करे.

उस एक आईडिया की वजह से सबका विकास हो, जिससे हम दुनिया को कुछ नया दे सकें .. इन सबके बावजूद उस समय भी मेरे दिमाग में बस एक चीज ही चल रही थी “कि अभी भी मैं Sure नहीं हूँ कि ऐसा कुछ होगा”

उस आईडिया के बारे में मैं बस सोचता ही रहता है लेकिन कुछ Doubts के कारण मैं उस Idea को Reality में Convert नहीं कर पाया.

लेकिन कुछ सालों बाद जब मैंने अखबार का पन्ना पलटा मेरे सामने एक सख्स की तस्वीर थी जिसे Entrepreneur of the Year के लिए सम्मानित किया गया था और वह बस उस एक आईडिया के कारण जो कभी मेरा आईडिया हुआ करता था … उसे, उस एक आईडिया के लिए ही बहुत बड़े-बड़े पुरूस्कार मिले और वह उस साल का हीरो साबित हुआ.

मुझमे और उस Entrepreneur में क्या फर्क था ?

सिर्फ इतना कि उसने उस आईडिया को Reality में कन्वर्ट करने के लिए उसने Action लिया..

यदि आपको पता न हो तो मैं बता दूँ कि उस एक आईडिया के लिए उसे Creative Young Entrepreneur of the Year से नवाजा गया और वह इसका हक़दार था.

उस Entrepreneur की जीत का सबसे बड़ा कारण यही था कि उसने  ACTION लिया….

यही आईडिया जब मैं बच्चा होता, तब यदि आये रहता तो क्या मैं ACTION लेता?

आपका भी जवाब इसके लिए यही होगा “कि हाँ जरूर लेता क्योंकि उस समय मेरे Believe इतने मजबूत होते कि मैं बिना ACTION लिए चैन से बैठता नहीं!

अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा, बस मुझे अपने आईडिया को हकीकत में बदलने की जरूरत है

क्योंकि यह बिलकुल हो सकता है …..जब मैं BELIEVE करूँ….

क्योंकि अब मैं समझ चुका हूँ कि Creativity हमेशा एक BELIEVE से ही स्टार्ट होती है…

दोस्तों, हम अपने-अपने क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं, ज्यादातर लोग भी चाहते हैं कि वे Entrepreneur of the Year की पहचान को कायम रखें या Entrepreneur of the Year में अपना नाम शामिल करें… इसके लिए उनके पास Idea भी रहता है उस आईडिया को Reality बनाने के लिए एक स्टेप आगे बढ़कर वे प्लान भी बहुत सारे बनाते हैं लेकिन आखिर में अपने Believe को कमजोर कर देते हैं और इसके लिए Action नहीं लेते.. यदि आप सचमुच Entrepreneur of the Year बनना चाहते हैं या अपने लेवल पर Success, Achieve करना चाहते हैं तो उस बच्चे की तरह बनिए जो सिर्फ यह देखता है कि उसे, उस ऊंचाई तक पहुंचना है जो उसका Last Step है.. जब तक आप अपने Last Step तक नहीं पहुँच जाते तब तक अपने हर एक स्टेप को क्लियर करते जाइए.. BELIEVE कीजिये कि आप कर सकते हैं और आप कर जायेंगे, क्योंकि आपके पास वो दमदार आईडिया है, जिसके लिए आपके पास प्लान है, या इस ऊंचाई तक पहुँचने का  वो जूनून है, जहाँ बिना पहुंचे आप चैन से बैठ नहीं सकते, आप अभी भी ठीक उस बच्चे की तरह ही हैं जिसका विश्वास ही उसकी सफलता निर्धारित करती है, आप भी उस बच्चे की तरह ही हैं जो यह नहीं देखता कि पेड़ कितना बड़ा या ऊँचा, जो सिर्फ यह देखता है कि उसे उसकी मंजिल तक पहुंचना है, चाहे कोई उसका साथ दे या नहीं!

इसलिए आज से ही अपने BELIEVE के साथ आगे बढ़ना शुरू कीजिये, और उस बच्चे की तरह कितने बड़े से बड़े Target को Achieve कर लीजिये…

Thank You So Much…

Note:- इस आर्टिकल में हमने “मैं” शब्द का प्रयोग किया है जिसे लेखक ने सिर्फ Writing के Purpose से लिखा है .. “मैं” शब्द का उपयोग लेखक ने स्वयं के लिए नहीं किया है…

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बस थोडा-सा एक्सट्रा आपकी सफलता दोगुनी कर सकता है! Inspirational Hindi Article https://www.hamarisafalta.com/2016/05/just-a-little-extra-can-double-your-success-inspirational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/05/just-a-little-extra-can-double-your-success-inspirational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sun, 15 May 2016 10:12:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/05/15/just-a-little-extra-can-double-your-success-inspirational-article-in-hindi/ दोस्तों, हमारी लाइफ में Extra Word का एक बहुत ही बड़ा रोल है. यदि हमें जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल करना है तो हमें अपनी लाइफ को कुछ एक्सट्रा देना होगा.  आपने एक चीज जरूर नोटिस की होगी, आजकल किसी भी प्रोडक्ट में आपको कुछ एक्सट्रा दिया जा रहा है, मतलब यदि आप कोई तेल खरीदते हैं तो उसके साथ आपको एक पावडर मुफ्त मिलता है, साबुन के साथ कंघी, टी.वी. के साथ मोबाइल, और नए कार खरीदने पर बाहर […]

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दोस्तों, हमारी लाइफ में Extra Word का एक बहुत ही बड़ा रोल है. यदि हमें जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल करना है तो हमें अपनी लाइफ को कुछ एक्सट्रा देना होगा.  आपने एक चीज जरूर नोटिस की होगी, आजकल किसी भी प्रोडक्ट में आपको कुछ एक्सट्रा दिया जा रहा है, मतलब यदि आप कोई तेल खरीदते हैं तो उसके साथ आपको एक पावडर मुफ्त मिलता है, साबुन के साथ कंघी, टी.वी. के साथ मोबाइल, और नए कार खरीदने पर बाहर घूमने या छुट्टी मनाने का मौका.. मतलब आजकल बड़ी-से-बड़ी कम्पनियाँ अपने प्रोडक्ट की बिक्री के लिए उसके साथ कुछ न कुछ Extra जरूर देती हैं और यदि आप इसका सर्वे करेंगे तो आप पायेंगे कि ज्यादातर आजकल वही प्रोडक्ट  बिकतीं हैं जो कुछ एक्सट्रा प्रोडक्ट भी उसके साथ मुफ्त देती हैं..

हमारी लाइफ भी बिलकुल इसी तरह की है, बिना Extra Qualities के हमारा मोल भी कम होता जा रहा है, इसके लिए बहुत ही जरूरी है कि हम अपनी लाइफ को कुछ एक्सट्रा दें..

हमारी पूरी लाइफ, पैदा होने से लेकर मरने तक Competition की तरह चलती जाती है.. यहाँ हर क्षेत्र में प्रतियोगिता है. और इस प्रतियोगिता में वही Winner बनता है जो सबसे सक्षम खिलाडी होता है.. और आपकी लाइफ में वही सक्षम खिलाडी है जो कुछ Extra देने या Extra करने के लिए तैयार रहता है. यदि आप एक Employee हैं तो यह सोच सकते हैं कि मैं ऐसा क्या Extra करूँ जिससे मुझे Promotion मिले.. यदि आप किसी बिजनेस के Founder हैं तो आप यह सोच सकते हैं कि मैं ऐसा क्या Extra दूँ जिससे मेरे ग्राहकों में बढोत्तरी हो.. हर एक कार्य को पूरा करते हुए यह भी जरूर सोचिये कि इसमें और कौन से विचारों को शामिल किया जा सकता है!

थोडा-सा Extra Interest, थोडा-सा Extra Idea, थोडा-सा Extra Work ही इस दुनिया में मनुष्यों के बीच फर्क पैदा करते हैं…

बस थोडा-सा Extra दीजिए और इसके बदले आपको क्या मिलेगा आप जल्दी ही जान जायेंगे..

थोडा-सा Extra प्यार देकर आप दूसरों को अपना बना सकते हैं, थोडा-सा Extra Idea और Extra मेहनत के साथ आप अधिक धन कमा सकते हैं.. बस दूसरों के मुकाबले थोड़ी-सी Extra पढाई करके आप सामान्य से सफल छात्र बन सकते हैं……

यदि आप अपने ग्राहकों को Extra Features, Extra Service दे रहे हैं तो वो आपसे हेमशा लंबे समय तक जुड़े रहेंगे और अपनी तरफ से नए Customer भी Refer करेंगे…

मोहनसिंह ओबोरॉय की लाइफ से जुडी इस कहानी को देखते हैं जो हमें कुछ Extra देने की सीख देता है

 मोहनसिंह ओबोरॉय हमेशा अपनी लाइफ में कुछ एक्सट्रा देने में विश्वास करते थे.. उनकी फिलोसफी थी “बस एक कदम और…” जब वे युवा थे तो उनकी सबसे बड़ी कोशिश थी कि वे सरकारी नौकरी करें लेकिन उनकी सारी कोशिशें व्यर्थ चली गयीं और वो एक दिन शिमला के एक होटल में नौकरी की तलाश में जा पहुंचे.

मोहनसिंह ओबोरॉय जी ने होटल के मैनेजर से कहा- “सर मुझे नौकरी की आवश्यकता है, आप मुझे जो भी काम देंगे मैं उसे ईमानदारी से करने के लिए तैयार हूँ”

सौभाग्वश उन्हें उस होटल में एक क्लर्क की नौकरी मिली, जिसका कार्य था कि मोहनसिंह ओबोरॉय जी को सुबह-सुबह होटल के ग्राहकों के कमरों में गर्म पानी उपलब्ध कराना है. उन्हें यह भी देखना था कि हीटर को कोयले की गर्म सप्लाई अच्छी तरह मिलती रहे. उनके इस कार्य का समय सुबह 4 बजे से शुरू होता था लेकिन वे लगभग 3 बजे से ही कार्य पर पहुंच जाते थे और बारीकी से सब जांचने के बाद गर्म पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करते थे..

इस एक अतिरिक्त कार्य से न तो उनकी कभी तनख्वाह बढती थी और न ही वे नाम कमाने के उद्देश्य से ऐसा करते थे लेकिन पूर्ण समर्पण की भावना ही उनकी सबसे बड़ी आदत थी.. इस समर्पण के ही आदत ने मोहनसिंह ओबोरॉय जी का एक अपना साम्राज्य खड़ा कर दिया..उनके बारे में आप विकिपीडिया पर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं..

दोस्तों यदि आपको आम से खास बनना है तो आप सब भी आज से बस थोडा-सा एक्सट्रा की आदत डालिए.. यकीन मानिए आपको वो सब मिलेगा जिसकी आप ख्वाहिश रखते हैं.  आज से ही खुद से ईमानदारीपूर्वक यह सवाल करें कि आज आपने थोडा-सा एक्सट्रा के लिए क्या किया?  यदि आप जीवन में बड़े लेवल तक पहुंचना चाहते हैं तो थोडा-सा एक्सट्रा देने के लिए हमेशा तैयार रहिये नहीं तो आपको सब आम बनकर ही जीता हुआ देखेंगे…

बस थोडा-सा एक्सट्रा आपकी सफलता दोगुनी कर सकता है!

                                                                                                                     धन्यवाद!

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असफल बनाने वाले इन 5 वाक्यों को तलाक दे दीजिए https://www.hamarisafalta.com/2016/05/five-sentences-interruption-in-the-success-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/05/five-sentences-interruption-in-the-success-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 02 May 2016 10:57:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/05/02/five-sentences-interruption-in-the-success-in-hindi/ दोस्तों, यदि हम लोगों की भाषाओँ पर गौर करें तो हम उनके अंदर की हिचकिचाहट और डर को पढ़ सकते हैं. इंसान खुद के बारे में क्या सोचता है, वह कितना सकारात्मक है, कितना साहसी है, कितना बातों से वह डरता है ऎसी बहुत सी चीजें उसके भाषा और आदतों में झलकने लगता है. कुछ ऎसी भी लाईने हैं जो हमें कमजोर करती हैं, जो हमें प्रगति के शिखर तक पहुँचने नहीं देतीं .. ऐसे ही पांच वाक्यों के बारे […]

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दोस्तों, यदि हम लोगों की भाषाओँ पर गौर करें तो हम उनके अंदर की हिचकिचाहट और डर को पढ़ सकते हैं. इंसान खुद के बारे में क्या सोचता है, वह कितना सकारात्मक है, कितना साहसी है, कितना बातों से वह डरता है ऎसी बहुत सी चीजें उसके भाषा और आदतों में झलकने लगता है. कुछ ऎसी भी लाईने हैं जो हमें कमजोर करती हैं, जो हमें प्रगति के शिखर तक पहुँचने नहीं देतीं .. ऐसे ही पांच वाक्यों के बारे में आज हम इस पोस्ट में चर्चा करने वाले हैं जो हमें कामयाब होने नहीं देते और यदि हमने इन वाक्यों को तलाक दे दिया, इन वाक्यों को हमेशा के लिए छोड़ दिया उस दिन से ही हम अपने भीतर गजब का सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे और उस दिन से हमारी लाइफ पूरी तरह से बदल जायेगी…

                                                      लोग क्या कहेंगे

बहुत से लोग इसलिए अपनी जिंदगी में रिस्क नहीं लेते क्योंकि उन्हें  हमेशा डर रहता है की यदि मैं असफल हो गया तो “लोग क्या कहेंगे”

यही कारण है की लोग दूसरों के डर से नयी-नयी चुनौतियाँ हाथ में  नहीं लेते, आगे बढ़कर पहल नहीं करते इसलिए ज्यादातर ऐसे लोगों के हाथों से अवसर निकल जाता है.

आज इस वर्तमान समय में भी लोग खुद को एक नया लुक देने से कतराते हैं, उन्हें लगता है की यदि मैंने यह हेयरकट करवाई तो लोग मेरा मजाक उडायेंगे! ,मतलब आज भी लोग नया हेयरकट कराने, खुद को एक अच्छा लुक देने और अपने पसंदीदा कपडे पहनने से भी डरते हैं और सब इस एक शब्द के कारण की “लोग क्या कहेंगे”

दोस्तों याद रखिये कुछ करने का सबसे अच्छा और बेहतर समय आज ही का दिन है, यदि कुछ करना है तो कर जाइए.. लोगों को कहने दीजिए जो वो कहना चाहते हैं .. क्योंकि हर बात में गलतियाँ निकालना, किसी को मुफ्त राय देना और किसी के बारे में भला-बुरा कहना इस समाज के बहुत बड़े वर्ग का निःशुल्क रोजगार है..

यदि आप लोगों की ही सोचते रह गए तो आगे कदम बढ़ाना संभव नहीं होगा.

ये लोग बहुत ही जल्दी पलट जाते हैं, मतलब जैसे ही आप सफलता की सीढियां चढ़ते गए उनके मुंह से शब्द निकलते जायेंगे की ‘ हमें तो पहले से पता था की यह लड़का/लड़की काफी होनहार है, वह शुरू से ही ब्रिलियंट था, उसका आईडिया कमाल का था, हम तो पहले से जानते थे की वो लाइफ में कुछ बड़ा करने ही वाला था..’

दोस्तों, सही दिशा में मेहनत करते आगे बढते जाइए और पूरी ताकत के साथ, पूरे जुनून से काम कीजिये .. लोगों को भूल जाइए., ऐसे शब्दों को कभी मत दोहराइए जो आपको कमजोर करते हों..बस अपने लक्ष्य की ओर बढते चले जाइए.. लोगों को अपना काम करने दीजिए और आप बस अपने काम में आगे बढते चले  जाइये.

इस आर्टिकल को पढते हुए सोचिये की ऐसे कितने कार्य हैं जिन्हें आपने इस डर से छोड़ दिया की लोग क्या कहेंगे.. यदि आपने उस वक्त लोगों के कुछ कहने वाली बात को न सोचा होता तो आज आपकी लाइफ कुछ और और खास ही होती… लेकिन अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है,, आप आज उठ सकते हैं, आज जाग सकते हैं और दुनिया वालों की नजरों में जो राय आपके लिए है उसे गलत साबित कर सकते हैं.. तो सोचिये मत बस अपने दिमाग से इस एक लाईन को अभी तलाक दे दीजिए की “लोग क्या कहेंगे”

                                              मेरी किश्मत ही खराब है 

किश्मत होती है या नहीं यह मैं नहीं जानता पर मुझे इतना जरूर पता है की इस दुनिया में वही सबसे बड़ा किश्मतवाला है जो एक इंसान है..

मैंने कई ऐसे लोगों को देखा है जो अपनी असफलता के लिए बहाने बनाते हैं, उन्हें लगता है की उनके पास किसी न किसी चीज की कमी है और वो खुद को हमेशा बद्किश्मत बताते हैं. उन्हें लगता है की वो इसलिए ही सफल नहीं हो रहे क्योंकि उनके पास चीजों का अभाव है, या वो जो काम करना चाहते हैं उसके लिए उनके पास साधन नही है… और वो इसी एक गलत सोच को लेकर खुद को बद्किश्मत साबित करते हुए सिर पकडकर बैठे रहते हैं.

और मैं ऐसे लोगों को भी जानता हूँ जो कुछ साधन न होने के बावजूद भी खुद को किश्मत वाला समझते हैं.. उन्हें लगता है की किश्मत ऊपर से लिखाकर हमारे पैदा होते वक्त नहीं आती.. उन्हें किश्मत पर यकीन जरूर है क्योंकि वो सब जिन्दा हैं और कुछ करने के लिए दूसरों की तरह बहाने नहीं बना रहे और न ही घर की चार दीवारी में सिर पकडकर बैठे हुए यह नहीं सोच रहे हैं की उनके साथ कुछ अच्छा नहीं हो रहा है.. वो इसलिए ही खुद को किश्मत वाला समझते हैं क्योंकि उनके अंदर कर्म करने की ताकत मौजूद है और वो न सिर्फ खुद के बारे में सोचते हैं बल्कि उनके सामने खुद से पहले जिम्मेदारियां सामने खडी रहती हैं.

सही दिशा में मेहनत करने वाले को भले ही तुरंत सफलता न मिले पर इतनी गारंटी है की वह आखिर में असफल जरूर नहीं होगा.. मतलब कभी न कभी सफलता उसके कदम जरूर चूमेगी.

याद रखिये चाहे आपकी किश्मत बुरी हो या अच्छी, आप चाहे जो भी समझें लेकिन आगे बढ़ने के लिए आपको मेहनत तो करनी ही पड़ेगी क्योंकि मैंने आजतक ऐसा कोई आदमी नही देखा जिसने बिना मेहनत के कुछ हासिल किया हो.. किसी भी सूरत में आपके मेहनत का महत्व कम नहीं होगा, चाहे कुछ भी हो जाए डटना तो आपको हर हाल में होगा…

इसलिए सीधे-सीधे और खरे शब्दों में कहा जाए तो किसी कोने में बैठकर रोने की बजाये, किश्मत चमकने या किसी लौटरी लगने का ही इंतजार करने की बजाये, ढोंगी-पाखंडी बाबाओं का चक्कर काटने की बजाये, उँगलियों में अलग-अलग रंगों के पत्थर पहनने की बजाये, आप चुपचाप उठिए और पूरी ताकत और समर्पण के साथ अपने कार्य में पूरे जोश के साथ जुट जाइए..

भाग्य और किश्मत को अपना कार्य करने दीजिए और आप बस अपना कार्य करते चले जाइए…

फिर से अपनी इस भाषा पर ध्यान दीजिए और आपको अभी भी लगता है की आपकी किश्मत खराब है या कुछ सही नही हो रहा है तो मैं आपको सार शब्दों में बता दूँ की आप सिर्फ और सिर्फ बहाने बना रहे हैं और खुद को धोखा रहे हैं.

यदि आज भी आपने किश्मत वाले इस बहाने का साथ नहीं छोड़ा तो वो दिन दूर नहीं जब कई अवसर आपके हाथों से निकलते चले जायेंगे और बस आप अपने आंसू पोंछते रह जायेंगे..

                                                                  कल कर लूँगा 

कुछ लोग जो मैंने बहुत देखे हैं, वो अपनी जिम्मेदारियों से भागते फिरते रहते हैं, उन्हें कुछ भी काम सौंपा जाए वो तुरंत उस काम को झटक देते हैं और एक शब्द में बोल देते हैं की मैं आज बहुत ही ज्यादा व्यस्त हूँ, कल कर लूँगा..

मतलब वो अपने सारे काम कल पर टाल देते हैं ..

खास बात यह है की ऐसे लोगों का “कल” कभी नही आता.  ऐसे लोगों को काम सौंपने के पहले ही आपके मन में शंका पैदा हो जाती है की वह काम होगा की नही!

ऐसा नही है की वो काम नही करते या काम करने में असमर्थ होते हैं लेकिन उनके अंदर अजीब-सा ढीलापन होता है.. वह दोस्तों के साथ गप्पे मारकर, बिस्तर पर लेटकर, टी.वी. देखते हुए, मोबाइल पर गेम खेलते हुए ही अपना सारा दिन बर्बाद कर देंगे लेकिन जब उनसे कार्य के प्रगति के बारे में पूछा जाएगा तो उनके पास कोई जवाब नहीं होगा.

ऐसे लोगों से पूरी दुनिया भरी पडी है. कुछ लोग तो ऐसे भी रहते हैं जो काम याद नहीं रख पाते जिसके कारण रात-दिन दूसरों से डांट सुनना पड़ता है.. यदि आपकी भी ऎसी आदत है तो संभल जाइये.. अपनी जिम्मेदारी से मुंह मत मोड़िये, खुद को धोखा मत दीजिए. जो आप अपनी लाइफ में करना चाहते हैं वो आप तब कर पायेंगे जब आप काम को समय रहते ही पूरा कर लें.. यदि आप बार-बार अपने काम कल पर टालते जायेंगे जो जीवन में ज्यादा दूर तक जाना संभव नहीं हो पायेगा…

                                                                         मूड नहीं है!!!


मूड नहीं है वाली भाषा का विकास कहाँ से हुआ उसके इतिहास में मैं नहीं जाना चाहते लेकिन आज इस एक शब्द ने हमारी एक पीढ़ी पर एक बहुत गलत असर डाला है..

मूड नही है वाले इसी एक बहाने के कारण हम आज के काम को कल पर टालते हैं .. पता नही यह मूड कौन सी बला है जिसके लिए हम अपने आपको धोखा देते हैं जबकि हमें पता है की यह हमारे काम में ढीलापन ला देगा जिससे पछताने के सिवाए और कुछ भी नहीं मिलने वाला..

दोस्तों जो काम जरूरी है उसके लिए किसी मूड की क्या जरूरत.. एक बार काम स्टार्ट कर दीजिए मूड अपने आप बन जाएगा..

चाहे मूड हो या न हो जो काम जरूरी हैं उन्हें करके खत्म कर दें,.. यदि आप मूड बनने का इंतजार करते रहेंगे तो कोई आपसे आगे निकल जाएगा क्योंकि सफलता के रास्तों पर चलने वाले व्यक्ति कभी भी सही टाइम का इंतजार नहीं करते उनके लिए हर टाइम सही ही होता है जिसका वो लभी लेना ही जरूरी समझते हैं.. उनके लिए मूड नाम का शब्द किसी बेकार शब्द के समान होता है.. सफलता के शिखर तक पहुँचने वाले लोग मूड के ऊपर निर्भर नहीं रहते हैं .. आप क्यों किसी मूड का इंतजार कर रहे हैं. काम शुरू तो करिये.. आपका काम कब खत्म हो जायेगा आपको पता तक नहीं चलेगा और इस बीच आप मूड नहीं है का प्रयोग भी नहीं करेंगे..

आप भी बस कार्य शुरू कर दें और देखें की इसका कितना गजब का रिजल्ट आता है.. कुछ ही दिनों बाद आपको यह एहसास होना शुरू हो जायेगा की मूड आपके लिए महत्वहीन हो चूका है और अब जब चाहें तब कार्य सकते हैं .. तो आज ही मूड नही है वाले इस शब्द को अपनी डिक्शनरी से बाहर निकाल दें..

                                                      

                                      मुझसे यह नहीं हो सकता/मैं यह नहीं कर सकता..



अधिकांश लोग स्वयं के ऊपर जरा सा भी यकीन नहीं करते, और स्वयं के ऊपर विश्वास नहीं करने के कारण ही अपने अविश्वास की वजह से वे हीनभावना से इतना ग्रस्त रहते हैं की जिम्मेदारियों से बस पीछा छुडाते ही नजर आते हैं.

इस दुनिया में ऐसा कोई भी कार्य नहीं जिसे एक इंसान नहीं कर सकता .. इस दुनिया में ऐसा एक भी व्यक्ति है जो किसी कार्य को करके उसमें सफल हो रहा है तो उसे आप भी खेलते खेलते ही सही लेकिन पूरा कर सकते हैं.

मुझसे यह नहीं होगा/ मैं यह नहीं कर सकता जैसे शब्द असफलता के लिए पहले कदम रखने के समान हैं..

यदि आप शुरूआती दौर में ही मुझसे यह नहीं होगा करके खुद को बोलते हैं तो आप आधी से ज्यादा लड़ाई तो पहले ही हार जाते हैं लेकिन इसके विपरीत उतनी ही सही बात यह है की यदि आप बोलते हैं की इस दुनिया में कोई कर सकता है तो आप भी कर सकते हैं तो आप सचमुच अपनी लाइफ में उन ऊँचाइयों को जरूर छुएंगे जहाँ आप पहुंचना चाहते हैं.

यदि आपको नकारात्मकता का साथ छोडना है तो सबसे पहले यह निश्चय कर लीजिए की आप इस वाक्य को कभी भी नहीं दोहराएंगे और एक नया वाक्य अपनी लाइफ और सक्सेस के लिए उपयोग में लायेंगे की “दुनिया में कोई और कर सकता है तो खेल-खेल में आप भी उसे कर सकते हैं”

मुझे लगता है की हर वह दिन शुभ होता है जिस दिन कोई विचार इंसान के दिल को छू जाए और उसमें बदलने की इच्छा पैदा हो जाए..

इसलिए आज इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद मन के किसी भी कोने में कोई हुक उठी हो तो उसे जाया मत कीजिये.. आपकी लाइफ का हर एक समय बहुत ही कीमती है इसलिए खुद को कमजोर करने वाली बातों से तकरार करना ही फायदेमंद है…

धन्यवाद!

जरूर पढ़ें:-

बहाने बनना छोडिये बर्बादी से नाता तोडिये 

हार न मानिए आगे बढिए और जीतिए 

यह वरदान है या फिर अभिशाफ़ 

विजेता हमेशा क़दमों के निशान छोड़ जाते हैं

बेहतर जिंदगी के उसूल 

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आत्मविश्वास का फ़ॉर्मूला Article on Self Confidence in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/03/article-on-self-confidence-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/03/article-on-self-confidence-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 22 Mar 2016 05:00:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/03/22/article-on-self-confidence-in-hindi/ जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास उतना ही जरूरी है जितना मछली को जिन्दा रहने के लिए पानी.. बिना आत्मविश्वास के सफलता की सीढियों पर कभी भी चढ़ा नहीं जा सकता.. आज हम आपके साथ आत्मविश्वास का फ़ॉर्मूला शेयर करेंगे जिसे नेपोलियन हिल ने उनकी किताब “सोचिये और अमीर बनिये” में लिखा है.. आत्मविश्वास का फ़ॉर्मूला –          पहला:-  मैं जानता हूँ कि मुझमें जीवन के निश्चित लक्ष्य को हासिल करने की योग्यता है..और इसलिए मैं खुद से यह […]

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जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास उतना ही जरूरी है जितना मछली को जिन्दा रहने के लिए पानी..

बिना आत्मविश्वास के सफलता की सीढियों पर कभी भी चढ़ा नहीं जा सकता.. आज हम आपके साथ आत्मविश्वास का फ़ॉर्मूला शेयर करेंगे जिसे नेपोलियन हिल ने उनकी किताब “सोचिये और अमीर बनिये” में लिखा है..

आत्मविश्वास का फ़ॉर्मूला

–          पहला:-  मैं जानता हूँ कि मुझमें जीवन के निश्चित लक्ष्य को हासिल करने की योग्यता है..और इसलिए मैं खुद से यह अपेक्षा रखता हूँ कि मैं इसे हासिल करने के लिए निरंतर लगन से कार्य करूँ और मैं यहाँ पर अभी यह वादा करता हूँ कि मैं इसी तरह से कार्य करूँगा…

–          दूसरा:- मुझे एहसास है कि मेरे मस्तिष्क के प्रबल विचार अंततः अपने आपको बाहरी, भौतिक कार्यों में बदल लेंगे और धीरे-धीरे अपने आपको भौतिक वास्तविकता में रूपांतरित कर लेंगे.. इसलिए मैं अपने विचारों को हर दिन तीस मिनट तक इस बात पर एकाग्र करूँगा कि मैं किस तरह का इंसान बनने के बारे में सोच रहा हूँ ताकि मेरे मस्तिष्क में इसकी एक स्पष्ट तस्वीर रहे…

–          तीसरा:- मैं जानता हूँ कि आत्मसुझाव के सिद्धांत के प्रयोग के द्वारा मैं जिस भी इच्छा को अपने मस्तिष्क में निरंतर बनाये रखूँगा वह अंततः किसी प्रैक्टिकल तरीके के द्वारा अपने आपको भौतिक समतुल्य में बदल लेगी और मुझे वह वस्तु हासिल हो जाएगी जिसका मैंने लक्ष्य बनाया है.. इसलिए मैं हर दिन दस मिनट इस काम में दूंगा कि मैं आत्मविश्वास का विकास करूँ…

–          चौथा:- मैंने स्पष्ट रूप से जीवन में अपने प्रमुख निश्चित लक्ष्य का वर्णन लिख लिया है और मैं कोशिश करना कभी नहीं  छोडूंगा जब तक कि मुझमें इसे हासिल करने का पर्याप्त आत्मविश्वास विकसित न हो जाए.

–          पांचवां:- मुझे पूरी तरह एहसास है कि कोई भी संपत्ति या पद तब तक लम्बे समय तक बना नहीं रह सकता जब तक कि यह सत्य और न्याय पर आधारित न हो.. इसलिए मैं किसी भी ऎसी गतिविधि में संलग्न नहीं होऊंगा जिससे इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों को लाभ न हो.. मैं ऐसी शक्तियों को अपनी तरफ आकर्षित करके सफलता पाउँगा जिनका मैं प्रयोग करना चाहता हूँ और मैं दुसरे लोगों के सहयोग के द्वारा सफलता पाऊंगा… मैं दुसरे लोगों को प्रेरित करूँगा कि वे मेरी सेवा करें क्योंकि मैं हमेशा दूसरों की सेवा करने का इच्छुक रहूँगा.. मैं सारी मानवता के प्रति प्रेम विकसित करूँगा और घृणा, इर्ष्या, स्वार्थ और दोष देखने की आदत को अपने मस्तिष्क से दूर करूँगा क्योंकि मैं जानता हूँ कि दूसरों के प्रति नकारात्मक नजरिया रखने से मुझे कभी सफलता नहीं मिल सकती… मैं ऐसे काम करूँगा जिससे दूसरों को मुझ पर विश्वास हो क्योंकि मैं उनमें और अपने आपमें विश्वास रखूँगा.. मैं इस फ़ॉर्मूले पर अपने हस्ताक्षर करूँगा और इसे याद कर लूँगा और इसे हर दिन जोर-जोर से दोहराऊंगा… ऐसा करते समय मुझे पूरा विश्वास होगा कि यह मेरे विचारों और कार्यों को धीरे-धीरे प्रभावित करेगा ताकि मैं एक स्वावलंबी और सफल व्यक्ति बन सकूँ…

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इस फ़ॉर्मूले के पीछे प्रकृति का नियम है जिसे अब तक कोई आदमी स्पष्ट नहीं  कर पाया है.. इस नियम को आप किस नाम से पुकारते हैं यह महत्वपूर्ण नहीं है… इसके बारे में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि- यह मानव जाति की सफलता और प्रसिद्धि के लिए काम करता है, बशर्ते इसका रचनात्मक प्रयोग किया जाए तो यह उतनी ही तत्परता से नष्ट भी कर सकता है … इस वक्तव्य में एक बहुत महत्वपूर्ण सच्चाई छुपी है..

यानी जो हार जाते हैं और गरीबी, दुःख और कष्ट में अपना जीवन गुजारते हैं वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्होंने आत्मसुझाव के सिद्धांत का नकारात्मक प्रयोग किया है… इसका कारण यह तथ्य है कि विचार के सभी संवेगों की यह प्रवृत्ति होती है कि वे अपने आपको अपने भौतिक समतुल्य से रूपांतरित कर लेते हैं….

दोस्तों, आपके अन्दर अपार शक्तियां हैं.. ये लाइफ आपको बस समय काटने के लिए नहीं मिली है.. यदि आप सोये हुए हैं तो जाग जाइए और अपने अन्दर आत्मविश्वास  जगाइए.. खुद के ऊपर यकीन करिए.. आप इंसान हैं, और वो सब कार्य करने की शक्ति आपके अन्दर पहले से मौजूद है जो आप करना चाहते हैं इसलिए पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते जाइये… याद रखिये आपका आत्मविश्वास ही आपकी जीत और सफलता निश्चित करेगा….

नोट:- यह आर्टिकल सोचिये और अमीर बनिये किताब से प्रेरित है जिसके लेखक ‘नेपोलियन हिल’ है …

अमीर बनने और सफल होने के लिए आज ही पढ़ें सोचिये और अमीर बनिए की प्रेरणादायक किताब…

आत्मविश्वास Motivational Article in Hindi

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जीवन एक बूमरैंग है LIFE IS A BOOMERANG IN HINDI https://www.hamarisafalta.com/2016/03/life-is-boomerang-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/03/life-is-boomerang-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 21 Mar 2016 15:56:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/03/21/life-is-boomerang-in-hindi/ जीवन एक बूमरैंग है LIFE IS A BOOMERANG IN HINDI जब आप दूसरों के लिए अच्छे बन जाते हैं, तो खुद के लिए और भी बेहतर बन जाते हैं.. –          बेंजामिन फ्रैंकलिन (Benjamin Franklin) दोस्तों, हमारे विचार हों, या व्यवहार हों, आज नहीं तो कल वे उसी रूप में तेजी से वापस लौटते हैं.. जीवन में ऊपर उठते समय लोगों से अदब से पेश आयें क्योंकि नीचे गिरते समय आप इन लोगों से दोबारा मिलेंगे… आइये एक छोटी-सी रियल लाइफ […]

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जीवन एक बूमरैंग है LIFE IS A BOOMERANG IN HINDI

जब आप दूसरों के लिए अच्छे बन जाते हैं, तो खुद के लिए और भी बेहतर बन जाते हैं..

–          बेंजामिन फ्रैंकलिन (Benjamin Franklin)

दोस्तों, हमारे विचार हों, या व्यवहार हों, आज नहीं तो कल वे उसी रूप में तेजी से वापस लौटते हैं..

जीवन में ऊपर उठते समय लोगों से अदब से पेश आयें क्योंकि नीचे गिरते समय आप इन लोगों से दोबारा मिलेंगे…

आइये एक छोटी-सी रियल लाइफ से जुडी कहानी देखते हैं

बहुत साल पहले दो लड़के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे.. एक बार उन्हें पैसों की कमी पड़ गयी तो उनके मन में विचार आया कि इगनेसी पैडेरेस्की को पियानो बजाने के लिए बुलाया जाए. इससे जो भी पैसे इकठ्ठे होंगे, उन्हें वे अपने पढाई और रहने के खर्चे में लगायेंगे…

उस महान पियानोवादक के मैनेजर ने 2000 डॉलर की गारंटी मांगी.. उन दिनों यह एक बहुत बड़ी रकम मानी जाती थी.. मगर उन दोनों लड़कों ने इसे स्वीकार कर लिया और संगीत समारोह का प्रचार करना शुरू कर दिया… उन्होंने मेहनत तो बहुत की लेकिन 1600 डॉलर ही जमा कर पाए..

समारोह के बाद इन दो लड़कों ने उस कलाकार को यह मुश्किल बताई.. उन्होंने उसे 1600 डॉलर दे दी और 400 डॉलर का एक करारनामा (Permissory Note) भी दिया और कहा कि वे यह बाकी रकम कमा कर जल्दी से जल्दी उनके पास भेज देंगे..  अब तो उन्हें अपने कॉलेज की पढाई का भी अंत दिखने लगा..

लेकिन पैडेरेस्की ने कहा, “नहीं बच्चों ऐसा नहीं हो सकता…’

उन्होंने वह करारनामा फाड़ दिया और सारा पैसा लौटाते हुए कहा, “इस 1600 डॉलर में से अपने सारे खर्च के पैसे निकाल लो और बची रकम में से 10 प्रतिशत अपने मेहनताना के तौर पर ले लो, बाकी बची रकम मैं ले लूँगा…’

साल गुजरते गये.. पहला विश्वयुद्ध हुआ और समाप्त हो गया… पैडेरेस्की अब पोलैंड के प्रधानमंत्री थे और अपने देश के हजारों भूखे लोगों के लिए खाना जुटाने के लिए संघर्ष कर रहे थे.. उनकी मदद केवल एक आदमी ही कर सकता था और वह था – यु.एस.फूट एंड रिलीफ ब्यूरो का अधिकारी हर्बर्ट हूवर…

हूवर ने बिना देर किये कदम उठाया और हजारों टन अनाज पोलैंड भिजवा दिया…

पैडेरेस्की भूखे लोगों की समस्या समाप्त होने पर हर्बर्ट हूवर को इस सहायता के लिए धन्यवाद देने के लिए पेरिस पहुंचे..

हूवर का जवाब था, “धन्यवाद की कोई जरूरत नहीं मि. पैडेरेस्की.. आपको शायद याद नहीं होगा, जब मैं कॉलेज में विद्यार्थी था और मुश्किल में था तब एक बार आपने मेरी मदद की थी…”

जिन्दगी की सबसे खुबसूरत नैमत यह है कि जब भी किसी का भला किया जाए तो अपना भला कुदरती रूप से अपने आप हो जाता है…

–          रॉल्फ वाल्डो इमर्सन

दोस्तों, अच्छाई हमेशा वापसी का रास्ता ढूंढ ही लेती है, यह प्रकृति का बुनियादी नियम है.. अच्छा काम करते समय फल पाने की इच्छा रखने की जरूरत नहीं है.. फल तो कुदरती तौर पर अपने आप मिलता है…

धन्यवाद!

नोटयह किताब शिव खेड़ा जी द्वारा लिखी अंतर्राष्ट्रीय बेस्ट सेलर किताब जीत आपकी से प्रेरित है…

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जैसा नजरिया, वैसा संसार Article on Viewpoint in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/03/article-on-viewpoint-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/03/article-on-viewpoint-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 21 Mar 2016 06:32:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/03/21/article-on-viewpoint-in-hindi/ दोस्तों, दुनिया को खुली आँखों से देखने के लिए हर इंसान का अपना एक नजरिया होता है.. गुलाब के ही पौधे में किसी को एक सुन्दर का मनमोहक फूल नजर आता है तो वहीँ किसी को सिर्फ कांटे.. जो व्यक्ति जैसा सोचता है, दुनिया उसे वैसी ही नजर आती है.. कुछ लोग हमेशा समस्याओं को देखते हुए आगे बढ़ते का सपना देखते हैं तो कुछ लोगों को हर ओर अवसर दिखाई देता है.. हमने ऐसे लोगों को भी देखा है […]

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दोस्तों, दुनिया को खुली आँखों से देखने के लिए हर इंसान का अपना एक नजरिया होता है.. गुलाब के ही पौधे में किसी को एक सुन्दर का मनमोहक फूल नजर आता है तो वहीँ किसी को सिर्फ कांटे.. जो व्यक्ति जैसा सोचता है, दुनिया उसे वैसी ही नजर आती है.. कुछ लोग हमेशा समस्याओं को देखते हुए आगे बढ़ते का सपना देखते हैं तो कुछ लोगों को हर ओर अवसर दिखाई देता है.. हमने ऐसे लोगों को भी देखा है जो लोग अपने जन्मदिन पर भी दुखी होते हैं, वे सोचते हैं कि उनकी  उम्र कम हो गई.. तो कुछ लोग बहुत ही ज्यादा खुश होते हैं कि एक जबरदस्त और शानदार साल बीता और अब एक शानदार साल सामने है… अपनी सोच के अनुसार ही चीजें नजर आती हैं और वैसी ही घटती हैं…

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आइये नजरिये को समझने के लिए एक Short Hindi Kahani के साथ आगे बढ़ते हैं-

चार अंधे व्यक्ति एक राजा के दरबार में गए.. राजा ने उन्हें एक हाथी के सामने खड़ा कर दिया और कहा- जिसका आप सब लोग स्पर्श कर रहे हैं, उसका वर्णन कीजिये!

जो व्यक्ति पूंछ की तरफ खड़ा हुआ था उसने कहा कि हाथी एक रस्सी की तरह होता है, एक व्यक्ति जो हाथी के पैरों की तरफ खड़ा था उसने कहा कि हाथी एक पेड़ के मोटे तने की तरह होता है.. जो व्यक्ति सूँड़ की तरफ खड़ा हुआ था उसने कहा कि यह हाथी तो सांप की तरह होता है… जो व्यक्ति पेट की तरफ खड़ा हुआ था वह बोलने लगा नही-नहीं हाथी तो मोटे से दीवार की तरह होता है और चारों व्यक्ति बहस में उलझ पड़े…

फ्रेंड्स इस कहानी का सर यह है कि हर व्यक्ति, हर वस्तु या किसी घटना को अपने नजरिये से देखता है.. एक ही व्यक्ति किसी के लिए बुरा हो सकता है तो किसी के लिए बहुत अच्छा! एक ही वस्तु या किसी मुद्दे के बारे में विभिन्न लोगों के भिन्न-भिन्न राय हो सकते हैं.. इसलिए हमेशा अपने नजरिये पर काम कीजिये. यदि आपका नजरिया सुख और ख़ुशी तलाशने वाला होगा तो सुख और ख़ुशी स्वयं ही आपके तरफ आकर्षित होने लगेंगी.. और स्वयं ही आपका साथी बन जाएँगी…

उसी तरह इसके विपरीत यदि आपका नजरिया दुःख ढूंढने वाला होगा तो आप हमेशा दुखी रहेंगे और दुःख कभी भी आपका पीछा नहीं छोड़ेगा…

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नजरिये से सम्बंधित एक बहुत ही पुरानी कहानी जिसे हम बचपन से सुनते आ रहे हैं उस कहानी को आगे दोहराना चाहेंगे-

जूतों की एक प्रसिद्ध कम्पनी ने अफ्रीका में अपना कारोबार फैलाने के लिए एक सैल्समैन को बाजार का जायजा लेने के लिए भेजा.

सेल्समैन ने वहां पहुंचकर देखा कि अधिकतर लोगों के पैर में जूते नहीं थे.. निराश होकर उसने कंपनी को रिपोर्ट भेजी और कहा कि एक बुरी खबर है, यहाँ कोई जूते नहीं पहनता..

इसके ठीक बाद कम्पनी ने दुसरे सेल्समैन को रिपोर्ट लेने के लिए भेजा और राय जाननी चाही..

कुछ समय बाद उत्साहित सेल्समैन की रिपोर्ट कम्पनी को प्राप्त हुई जिसमे लिखा था- बहुत ही अच्छी खबर है, वहां पर अच्छा बिजनेस चलने की पूरे संभावना है, हमें खूब मुनाफा होगा..यहाँ के लोग जूते नहीं पहनते,  हमें बस एक बार उन्हें जूतों का महत्व समझाना है…

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दोस्तों, नजरिया हमारी सफलता पर बहुत बड़ा फर्क डालती है.. हमें स्वयं को, अपने परिवार और मित्रों को हमेशा सकारात्मक सोच देना चाहिए… धन-दौलत देने वाले माता-पिता से ज्यादा श्रेष्ठ वे माता-पिता होते हैं जो अपने बच्चों में सही नजरिये का विकास कर पाते हैं..  किसी भी क्षेत्र में पूर्ण राय बनाने के पूर्व, अलग कोण से सोचिये और फिर जाकर निर्णय लीजिये.. सुख ढूंढने की आदत बनाइये.. मुसीबतों में अवसर ढूंढने का प्रयास करिए… क्योंकि सिर पकड़कर बैठे रहने से कुछ हासिल नहीं होने वाला..

यदि नजरिया नेगेटिव है तो आप अपने पास सब कुछ होते हुए भी परेशान ही रहेंगे. याद रखिये दुनिया में सबको बदलने का असफल प्रयास करने से कई गुना ज्यादा सरल है, अपने आप को बदल लेना.. खुद को बदल लेना…

ज्यादातर लोग अपने क्षेत्र में इसलिए सफल नहीं हो पाते क्योंकि वे हमेशा नकारात्मक पहलु पर ही अपने नजरें गड़ाते हैं.. यदि आपको अपने जीवन में सफल होना है तो आपको अपने अन्दर सकारत्मक नजरिया विकसित करना होगा… सफलता का प्रतिशत तब तक नहीं बढेगा जब तक आप अपने अन्दर सकारात्मक नजरिया वाला बीज नहीं बो देते….

भविष्य में नजरिया से सम्बंधित बेहतरीन हिंदी पोस्ट हमारी सफलता पर पब्लिश की जाएँगी…

नोट- यह आर्टिकल उज्जवल पाटनी जी की किताब जीत या हार रहो तैयार’ से प्रेरित है..

                                                               धन्यवाद!

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सफल बोलचाल के 6 शक्तिशाली नियम https://www.hamarisafalta.com/2016/03/six-powerful-rules-for-successful-spoken-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/03/six-powerful-rules-for-successful-spoken-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sun, 20 Mar 2016 17:14:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/03/20/six-powerful-rules-for-successful-spoken-in-hindi/         सफल बोलचाल के छः शक्तिशाली नियम   Success और Failure  से जुड़े शब्दों की दुनिया के शक्तिशाली नियम आज हम आपके साथ इस पोस्ट में शेयर करने जा रहे हैं जिसे प्रख्यात लेखक डॉ. उज्जवल पाटनी जी ने अपनी किताब “जीत या हार रहो तैयार” में लिखी है… ध्यान रहे, यह पोस्ट थोड़ी लम्बी है लगभग 1500 शब्दों की इसलिए आप चाहें तो इस पेज को बुकमार्क करके रख सकते हैं या इस साईट का हमारी […]

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        सफल बोलचाल के छः शक्तिशाली नियम

 

Success और Failure  से जुड़े शब्दों की दुनिया के शक्तिशाली नियम आज हम आपके साथ इस पोस्ट में शेयर करने जा रहे हैं जिसे प्रख्यात लेखक डॉ. उज्जवल पाटनी जी ने अपनी किताब “जीत या हार रहो तैयार” में लिखी है…

ध्यान रहे, यह पोस्ट थोड़ी लम्बी है लगभग 1500 शब्दों की इसलिए आप चाहें तो इस पेज को बुकमार्क करके रख सकते हैं या इस साईट का हमारी सफलता का एंड्राइड एप डाउनलोड करके इस पोस्ट को ऑफलाइन भी पढ़ सकते हैं … एंड्राइड एप डाउनलोड लिंक 

इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को सफलता के शिखर पर जाने के लिए इस क्षेत्र में महारत हासिल करनी पड़ेगी.. आज टीमवर्क का ज़माना है, इसमें यह बहुत ही जरूरी है कि आप अपनी बातें रखें और इसके लिए यह भी आवश्यक है कि दुसरे आपको स्वीकार करें … ये नियम आपको हमेशा बताएँगे कि आखिर टीमवर्क में शब्दों की ताकत क्या कर सकती है!

नए कॉर्पोरेट कल्चर में सीनियर-जूनियर, बड़ा-छोटा आदि श्रेणियां कुछ भी मायने नहीं रखतीं.. आज सबको यह स्वतंत्रता है कि वह खुलकर अपने विचार शेयर कर सकता है.. आज सारे लोग बिना किसी औपचारिकता के अपनी बात रखते हैं तो अक्सर विचारों में टकराव होना स्वाभाविक हो जाता है.. विचारों की विभिन्नता और बहस के बीच व्यक्ति को हमेशा अपनी बातें परखने की कला आनी चाहिए जिससे तर्क भी सिद्ध हो जाए और किसी को व्यक्तिगत आघात भी न हो… आज हम आपके साथ इस पोस्ट में उज्जवल पाटनी द्वारा लिखी यह आर्टिकल शेयर करेंगे जिसमें सफल बोलचाल के ये 6 शक्तिशाली नियम आपको दूसरों के सामने बिना विवाद खड़ा किये अपनी बात रखने का रास्ता बतायेंगी…

  1. बोलने के पहले हमेशा सोचिये

सुनने में यह बात कितनी सहज लगती है, ऐसा लगता है कि आखिर इस उपदेश में नया क्या है.. मित्रों, दुनिया में अधिकांश विवाद और स्कैंडल इसलिए होते हैं क्योंकि इंसान भावावेश में या लापरवाही में ऎसी बातें कह जाता है जो उसे नहीं कहनी चाहिए थी.. गुस्से में, विवाद के दौरान या कभी मजाक में अक्सर मुंह से पहले शब्द निकलते हैं और उसके दिमाग बाद में सोचता है…शब्दों का अर्थ कोहराम मचा देता है इसलिए हमेशा पहले सोचिये फिर बोलिए.. यदि मन में जरा-सा भी संशय हो तो मौन रह जाइये लेकिन गलत बोलकर आफत मोल लेना कभी भी समझदारी वाली बात नहीं होगी… वैसे आजकल इस संसार में कम बोलने वाले को गंभीर और गरिमामय माना जाता है और ज्यादा बोलने वाले को बातूनी और मुंहफट… कम बोलने वाला मुर्ख आदमी भी विद्वान की तरह प्रतीत होता है.. इसलिए जब भी आपके  मन में कडवाहट भरी हो, जब आप आवेश में हों, उस वक्त इस नियम का पालन कीजियेगा नहीं तो मेहनत से संजोये नाजुक रिश्ते टूटने में वक्त नहीं लगेंगे…

एक बुद्धिमान आदमी भाषण करने से पहले चिन्तन करता है और एक मुर्ख इंसान भाषण कर देता है और फिर चिंतन करता है कि उसने क्या कुछ कह दिया….

  1. गलती हो जाए तो तुरंत स्वीकार करना सीखें

यदि कभी किसी कार्य के दौरान कोई गलत तथ्य आपके मुंह से निकल जाए, कोई गलत शब्द आप लापरवाही में कह दें, कोई गलत संबोंधन आप अज्ञानता में दे दें तो उसे तुरंत स्वीकार कर लें… अक्सर इन्सान जब कोई गलती करता है तो उसके बाद वह फिर तीन गलतियाँ और करता है:->

  1. अपनी गलती छुपाता है…
  2. अपनी गलतियों पर बहस करता है…
  3. अपनी गलती कभी स्वीकार नहीं करता…

ऐसी परिस्थिति में वह प्रसंग या विवाद इलास्टिक की तरह खिंच जाता है जो काफी अपमान और नुकसान देता है…  तुरंत माफ़ी मांग लेना या अपनी गलती स्वीकार कर लेना की कायरता नहीं है बल्कि बहुत बड़ी बुद्धिमत्ता की निशानी है..  आपकी स्वीकोरोक्ति आपके अपमान के सारे दरवाजे बंद कर देती है…

भूल स्वीकार करने का कार्य सिर्फ और सिर्फ साहसी और चरित्रवान लग ही कर सकते हैं.. गलती हो जाने पर विवाद को वहीँ रफा-दफा कीजिये, बात आगे बढ़ी तो दूर तक जाएगी और आगे संभाले नहीं संभलेगी…

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  1. आप क्या कहते हैं…. से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है आप कैसे कहते हैं…

कुछ लोगों के बात करने की टेक्निक इतनी तीखी और अमान्जंक होती है कि वे सामान्य बात भी यदि कह रहे हों तो लगता है कि वे डांट रहे हैं… ऐसे लोगों को कभी पता भी नहीं चलता कि इन्होने कब किसे चोट पहुंचा दी…

यदि आपका सबसे चहेता या प्रिय व्यक्ति आपसे कहे- “मैं अच्छी तरह जानता हूँ, आप इस ऊँचाई तक कैसे पहुंचे हैं!” आप इस बात से आहत नहीं होंगे क्योंकि आपको लगेगा कि यह लाइन एक प्रशंसात्मक लाइन है..आपको लगेगा कि सामने वाला आपकी मुश्किलों, संघर्षों और बाधाओं के बारे में आपसे बात कर रहा है जिनको हराकर आपने सफलता हासिल की है.. परन्तु लाइन कोई चुभने वाले अंदाज में कहे तो आपको लगेगा कि जरूर सामने वाला व्यक्ति यह कहना चाह रहा है कि यहाँ तक तुम जुगाड़ से, रिश्वत से, या अनैतिक तरीकों से पहुंचे हो…

शब्द आखिर वही है लेकिन पहले व्यक्ति के लिए आपके मन में आदर भाव बढ़ जायेगा और दुसरे व्यक्ति के लिए मन में दुश्मनी का भाव आ जायेगा …

इसलिए हमेशा यह जरूरी है कि हम मंतव्य के अनुसार बोलने का तरीका भी सीखें… शब्दों में भावनाएं भी संप्रेषित होनी चाहिए… नीचे लिखी लाइन को आप विभिन्न शैलियों में सामान शब्दों के साथ कैसे-कैसे व्यक्त कर सकते हैं देखिये–

           क्या मुझमें और तुममें प्यार का रिश्ता हो सकता है

  1. सवालिया ..
  2. प्यार का रस्ताव..
  3. गुस्सा…
  4. तिरस्कार…
  5. एक सोचनीय मुद्दा…

इस एक लाइन के पांच से भी ज्यादा अर्थ निकल सकते हैं..  चंद शब्दों की यही लाइन दो दिलों को मिला भी सकती है और जुदा भी कर सकती है… इसलिए अपने लहजे पर हमेशा ध्यान दीजिये और सफलता प्राप्त करने के लिए बोलने की शैली को संतुलित बनाइये…

  1.  बहस का अंत हमेशा गरिमा से कीजिये..

आप एक प्रोफेशनल हों या किसी भी संस्था में कार्यरत हों, आपका परिवार छोटा हो या संयुक्त परिवार हो, आप किसी क्लब का हिस्सा हों या किसी सामाजिक गतिविधियों का हिस्सा हों, यह तय मानकर चलिए कि जहाँ चंद बुद्धिमान लोग होंगे वहां विवाद होगा… किसी भी प्रकार की चर्चा या विवाद का अंत ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप अपने संबंधों को खो दें … इसलिए हमेशा इन बातों का ध्यान रखें:-

  1. आपकी बहस व्यक्ति के विचार से हो रही है न कि व्यक्ति से…
  2. हर बहस जीतना जरूरी नहीं है, कई बार हारकर भी जीत हासिल होती है…
  3. कोई बहस इतनी लम्बी नहीं हो सकती कि आप चाहकर भी खत्म न कर सकें..
  4. सार्वजनिक जगहों पर यदि बहुत आवश्यक न हो तो दूसरों को बहस में शर्मिंदा करने से बचें…हराएँ भी लेकिन सम्मानपूर्वक निकल जाने दें..
  5. बहस मुद्दागत है, व्यक्तिगत नहीं… बहस के अगले दिन पुनः उस व्यक्ति को “हैलो” कहना आपके शक्तिशाली होने की पहचान है…
  6. योजनाबद्ध मौन आपकी जीत की संभावनाओं को कई गुना बढ़ा सकता है… हमेशा…
  7. किसी भी टाइप की रिपोर्ट प्रस्तुति, प्रश्नोत्तर सत्र या बहस में अपनी बात सशक्त ढंग से सत्य तथ्यों के साथ रखिये… दूसरों पर ध्यान मत दीजिये…
  8. किसी भी बहस में शरीर की अक्षमताओं, रंग, जाति, क्षेत्र, धर्म, या लिंग जैसे विषयों पर कट्टर आपेक्ष न लगायें अन्यथा बहस का एक बुरा अंत हो जायेगा… साथ ही आपकी छवि का भी…

बहस की शुरूआत तो मुर्ख से मुर्ख व्यक्ति भी कर सकता है लेकिन सकारात्मक अंत करने के लिए बेहद बुद्धिमत्ता की जरूरत होती है…

जरूर पढ़ें:- भाषण के पूर्व अभ्यास के सरल तरीके 

  1. गड़े मुर्दे उखाड़ना बंद कीजिये

गरिमापूर्ण बहस करना सबके बस की बात नहीं होती… लोग बहस में जीतने के लिए या अपनी बात सिद्ध करने के लिए पुराने मुद्दों को बीच में ले आते हैं.. पुरानी बातें बीच में लाने से सामने वाला बन्दा भी उत्तेजित हो जाता है और आपकी सही बातों को मानने से इंकार कर देता है.. विवाद बढ़ जाता है और पुराने घाव हरे हो जाते हैं… पुरानी बातों को बीच में लाने से आपका प्रभाव कम हो सकता है और साथ ही बात मूल मुद्दे से भटक सकती है… और आगे ऎसी बातें भी सामने आ सकती हैं जिनसे आपकी भी पोल खुल जाए…. हर बहस वर्तमान में ही होनी चाहिए और वर्तमान में ही खत्म होनी चाहिए … न तो उसमे पिछला दिन आना चाहिए और न ही वो अगले दिन तक जानी चाहिए….

  1. दूसरों को असहमत होने का पूरा अधिकार है…

यदि आपके प्रियजन, आपके सहकर्मी या अन्य साथी लोग आपकी बातों से सहमत नहीं हैं तो आपको उत्तेजित होने का कोई हक नहीं बनता है.. यदि दुसरे आपका विरोध कर रहे हैं तो तर्कपूर्ण ढंग से उन्हें समझाने का प्रयास किया जा सकता है… यदि वे फिर भी आपसे सहमत नहीं हो रहे हैं तो उन्हें असहमत होने का पूरा अधिकार है…

हमें इस बात को भी स्वीकारना होगा कि हर बार हमारी बात तर्कपूर्ण और सत्य नहीं हो सकती.. इसलिए यह जरूरी नहीं कि हर बार सब हमसे सहमत हों… इंसान की तरक्की का आधार सहमती नहीं बल्कि असहमति है… यदि असहमति नहीं होता तो दुनिया में आज नये नये आविष्कार संभव नहीं हो पाते. एक प्रकार से देखा जाए तो कमजोर व्यक्ति असहमत नहीं हो सकता क्योंकि उसके लिए स्वतंत्र विचारधारा चाहिए.. बात करने का साहस चाहिए और दुसरे बात अस्वीकार कर सकते हैं यह सहन करने की हिम्मत चाहिए… इसलिए हर असहमत होने वाले व्यक्ति को कभी भी अपना विरोधी या दुश्मन मत समझिये क्योंकि हो सकता है उसी विरोधी में सफलता की चाबी छुपी हो……

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भाषण के पूर्व अभ्यास के सरल तरीके 

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ब्लॉगिंग और परीक्षाएं https://www.hamarisafalta.com/2016/03/blogging-and-examinations-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2016/03/blogging-and-examinations-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Wed, 16 Mar 2016 09:01:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/03/16/blogging-and-examinations-hindi-article/               ब्लॉगिंग और परीक्षाएं नमस्कार दोस्तों, सबसे पहले तो मैं अपने सभी रीडर्स से माफ़ी मांगना चाहता हूँ क्योंकि आज 42 दिन बाद इस साईट पर कोई नया पोस्ट अपडेट किया जा रहा है… मैंने HSC पर लास्ट पोस्ट 2 February को पब्लिश किया था और उस समय मैंने यही सोचा था कि जब ,मेरा एग्जाम पूरी तरह से खत्म हो जायेगा तभी आगे कोई पोस्ट शेयर करूँगा लेकिन बहुत दिनों से लगातार मुझे कई […]

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              ब्लॉगिंग और परीक्षाएं

नमस्कार दोस्तों, सबसे पहले तो मैं अपने सभी रीडर्स से माफ़ी मांगना चाहता हूँ क्योंकि आज 42 दिन बाद इस साईट पर कोई नया पोस्ट अपडेट किया जा रहा है…

मैंने HSC पर लास्ट पोस्ट 2 February को पब्लिश किया था और उस समय मैंने यही सोचा था कि जब ,मेरा एग्जाम पूरी तरह से खत्म हो जायेगा तभी आगे कोई पोस्ट शेयर करूँगा लेकिन बहुत दिनों से लगातार मुझे कई लोगों के मेल आ रहे थे जिनमे उन्होंने ब्लॉग को अपडेट करने की बात कही थी… और आज मैं आपके साथ ब्लॉगिंग और परीक्षाओं के विषय में कुछ बात करने जा रहा हूँ …

आपको पता ही होगा कि मैं B.C.A. Final Year का स्टूडेंट हूँ.. और पढाई को जारी रखते हुए मैं HSC run कर रहा हूँ… कॉलेज की पढाई के साथ-साथ ब्लॉगिंग करना मेरे लिए एक बड़ी चुनौती के समान है… क्योंकि मैं एक टेक्निकल स्टूडेंट हूँ और ब्लॉग को अपडेट करने के लिए मुझे ऐसे कंटेंट ही शेयर करने रहते हैं जिससे वाकई HSC को पढने वालों की जिन्दगी में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव आये…

2 February तक सब कुछ सही था लेकिन कॉलेज का प्रोजेक्ट बनाना, असाइंमेंट तैयार करना और प्रेक्टिकल परीक्षाएं… ये सभी मेरे ऊपर इतना प्रेशर डाल रही थीं कि मुझे कंटेंट क्रियेट करने का समय ही नहीं मिल रहा था…

मेरे फाइनल इयर के एक्साम्स 11 मार्च से शुरू हो चुके हैं और 8 अप्रैल को खत्म होने वाले हैं लेकिन फिर भी मेरा ध्यान ब्लॉगिंग की तरफ ही जा रहा है…

हमारी सफलता के लिए जब मैं About me Page बना रहा था तब मैंने यह भी बताया था कि ‘हमारी सफलता’ के नाम से ही मैं एक किताब लिख रहा हूँ लेकिन BCA की पढाई के कारण मेरा फोकस हमेशा बंटता रहा… न सही से मैं अपनी पढाई पर ध्यान दे पाता, न ही ब्लॉगिंग पर पूरा फोकस कर पाता और न ही Blog Design के काम पर सही से समय दे पाता… कई बार मेरे दिमाग में पढाई छोड़ने की बात भी आई है लेकिन मन में डिग्री लेने के लालच ने ही बार-बार इस ख्याल को झटक दिया.. आज भी मुझे इस परीक्षा में कोई वैल्यू नहीं दिख रही है लेकिन सिर्फ डिग्री के लालच के चलते एग्जाम हाल में बैठकर बस रटे हुए बातों को कॉपी में छाप रहा हूँ जबकि मुझे पता है कि आखिर मुझे जाना कहाँ है!

ब्लॉगिंग सिर्फ मेरा Passion ही नहीं है बल्कि मैं इसको अपने भविष्य के रूप में देख रहा हूँ.. लाइफ इतनी भी बड़ी नहीं है कि हम हमेशा खुद को धोखा देते हुए ही आगे बढ़ते जाएँ.. यदि हमें जीवन में कुछ भी बड़ा करना है तो हमें कभी भी सही समय का इंतजार नहीं करना चाहिए… समय हमेशा सही ही रहता है बस हम ही उसे नहीं पहचान पाते…

पढाई और ब्लॉगिंग दोनों को साथ-साथ प्रोफेशनल ढंग से करना कभी भी पॉसिबल नहीं है.. मुझे खुद भी ताज्जुब होता है जब मैं अपने आसपास में ऐसे लोगों को देखता हूँ जिनके पास डिग्री का भंडार है लेकिन वो अपने लाइफ में कुछ ऐसा नहीं कर पा रहे जो वो सचमुच करना चाहते हैं… कई लोग ऐसे हैं जिनके पास डिग्रियां का भंडार तो है लेकिन वो मारे-मारे फिर रहे हैं, धक्के खा रहे हैं और बेरोजगार हैं… मैं हमेशा से एक ऐसे देश का सपना देखते आ रहा हूँ जहाँ वाकई स्कूल, कॉलेजों में ज्ञान मिले.. उन्हें अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाए… और उन्हें अपने जीवन का सही उद्देश्य बताया जाये.. न कि उन्हें सिर्फ परीक्षाओं में बैठकर अच्छे नम्बर लाने का सीक्रेट बताया जाए या सिर्फ जॉब पाने के लिए तैयार किया जाये..

शिक्षा वह माध्यम है जिससे आदमी समझ जाये कि आखिर उसे जाना कहाँ है….

– लेखक..

दोस्तों आज भारत में बेरोजगारी की प्रोब्लम इसलिए बढती जा रही है क्योंकि लोग सिर्फ किताबी ज्ञान पर निर्भर रहना चाहते हैं… और वो उस किताबी ज्ञान को सिर्फ परीक्षा तक ही सीमित रखना चाहते हैं… असली शिक्षा आपको कभी भी बांधकर नहीं रखती वो आपको कभी भी परीक्षा के दायरे में कैद करके नहीं रखती… असली शिक्षा वह है जो आपको हमेशा सही और गलत की समझ देती है, और वह आपको रास्ता बताती है कि वाकई में आपको कहाँ जाना है…

दोस्तों, मेरे फाइनल की परीक्षाएं 8 अप्रैल से खत्म हो जाएँगी और उस दिन से मैं सिर्फ और सिर्फ ब्लॉगिंग पर ही फोकस करूँगा.. मेरा उद्देश्य हमेशा HSC Readers  को सफल बनाने के लिए प्रयत्नशील रहेगा।… 8 अप्रैल के बाद मेरा पूरा फोकस HSC को बेहतर बनाना और लोगों को ब्लॉगिंग से जोड़ना रहेगा…

Thanks!

 

किरण साहू

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अथक परिश्रम का जीवंत उदाहरण- बुकर टी. वाशिंगटन https://www.hamarisafalta.com/2016/02/booker-t-washington-biography-in-hindi-booker-t-washington-success-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2016/02/booker-t-washington-biography-in-hindi-booker-t-washington-success-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Tue, 02 Feb 2016 04:49:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/02/02/booker-t-washington-biography-in-hindi-booker-t-washington-success-hindi-article/ बुकर टी. वाशिंगटन दासता, निर्धनता और गरीबी के माहौल में पैदा हुए थे. अमरीका के गोरे लोग नीग्रो लोगों की हँसी उड़ाया करते थे..और उन्हें घृणा की नज़रों से देखते थे.. ऐसे ही निराशजनक वातावरण में वे बड़े हुए थे. उन्हें शिक्षा प्राप्ति की कोई आशा नहीं थी. लेकिन श्वेत लोगों के बच्चों को स्कूल जाते देख वाशिंगटन के मन में भी पढ़ने की तीव्र इच्छा जागी.. आरम्भ में उसे किसी शिक्षक से कोई सहायता नहीं मिली… अपनी माता द्वारा […]

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बुकर टी. वाशिंगटन दासता, निर्धनता और गरीबी के माहौल में पैदा हुए थे. अमरीका के गोरे लोग नीग्रो लोगों की हँसी उड़ाया करते थे..और उन्हें घृणा की नज़रों से देखते थे.. ऐसे ही निराशजनक वातावरण में वे बड़े हुए थे. उन्हें शिक्षा प्राप्ति की कोई आशा नहीं थी. लेकिन श्वेत लोगों के बच्चों को स्कूल जाते देख वाशिंगटन के मन में भी पढ़ने की तीव्र इच्छा जागी.. आरम्भ में उसे किसी शिक्षक से कोई सहायता नहीं मिली… अपनी माता द्वारा दी गयी पुस्तक से उन्होंने स्वयं ही वर्णमाला सीखी.. कुछ ही महीनों में वह उस पूरी पुस्तक से परिचित हो गए… और आख़िरकार तीव्र इच्छा ने उन्हें कीर्ति के शिखर तक पहुंचा ही दिया. उनके बहुमुखी ज्ञान की कहानी वास्तव में उत्साह तथा प्रेरणा जगाती है.. यह एक ऐसे महापुरूष की कहानी है, जिसने गरीबी तथा रंगभेद के कारण कष्ट उठाया, जिसने असाधारण धैर्य तथा असहिष्णुता के साथ अनेक दुःख-कष्ट सहे और कठोर कमरतोड़ मेहनत के बल पर जीवन में उन्नति की.. उनकी महानता-प्राप्ति के उदाहरण से सभी विकासशील व्यक्ति तथा राष्ट्र अपने उत्थान के लिए प्रेरणा ग्रहण कर सकते हैं.. कोई दुर्लभ सम्मान न मिलने पर वे अपना संतुलन खो बैठते थे.. वे निस्वार्थ सेवा के शिखर तक पहुँचे और अपने नीग्रो भाइयों की मुक्ति के लिए दिन-रात कार्य में लगे रहे.. इस महान नेता के विचार तथा कार्य सारे विश्व के लिए आदर्श हैं. समाज-कल्याण के विषय में सोचने वाला प्रत्येक व्यक्ति, सभी मानवीय गुणों के भंडार-रूप वाशिंगटन के जीवन का अध्ययन करके रोमांचित होगा… उनका जीवन ऐसे अनेक उदाहरण प्रस्तुत करता है, जिनसे पता चलता है कैसे लगन, धैर्य, स्वचेष्टा तथा आध्यात्मिक शक्ति के द्वारा मनुष्य अत्यंत शक्तिशाली बाधाओं का भी सामना कर सकता है..

उनका कहना है,

“मैंने सीखा है कि सफलता जीवन में प्राप्त पदवी से नहीं, बल्कि उन बाधाओं से नापी जाती है जिन्हें पार करके एक व्यक्ति सफल हुआ है..”

वे लोग ही सर्वाधिक सुखी हैं, जो दूसरों के लिए अधिक प्रयास करते हैं, जो लोग दूसरों की जरा भी सहायता नहीं करते, वे ही सबसे ज्यादा दुखी हैं..

वाशिंगटन ने अपने कष्टों की बात भूलकर और अपने आय की चिंता छोड़कर अपनी जाति के लोगों को शिक्षित करने के लिए दिन-रात चेष्टा की.. उन्होंने स्कूल खोले और बच्चों को पढ़ाया… वे अलग से ट्यूशन भी पढ़ाते थे.. फिर उन्होंने तुसेनी नामक स्थान पर एक शिक्षालय बनाया… उनके अथक परिश्रम और उत्साह के कारण कुछ वर्षों में ही वह स्कूल सुप्रसिद्ध हो गया.. और वहाँ दूर-दूर से बच्चे आने लगे..

केवल 20 वषों में ही स्कूल के पास 2300 एकड़ की भूमि हो गयी और वहाँ 700 एकड़ में खेती की जाती थी.. छात्र ही खेतों में कार्य करते थे.. भवनों का निर्माण भी उन्होंने स्वयं किया… सामान्य शिक्षा के साथ ही बच्चों को कृषि तथा उद्योगों का प्रशिक्षण भी दिया जाता था.. वहाँ धार्मिक शिक्षा का भी प्रावधान था.. इस दलित नेता ने अपने स्कूल के उदहारण द्वारा यह दर्शाया कि शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को नौकरी की खोज में दफ्तरों की ख़ाक छानने वाला भिखारी बनाना नहीं है… उन्होंने उन लोगों को उद्यम, स्वाधीनता, उत्साह, तथा परिश्रम की नींव पर अपना जीवन गढ़ने की प्रेरणा दी…

उनका कहना था-

“जो हमारे दैनंदिन जीवन से किसी-न-किसी  रूप में जुड़ी न हो, वह शिक्षा नहीं है…”

शिक्षा ऎसी कोई चीज नहीं है, जो हमें शारीरिक श्रम से बचाती हो.. यह शारीरिक श्रम को सम्मान दिलाती है.. अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षा एक ऐसा साधन है, जो सामान्य लोगों का उत्थान करके उन्हें स्वाभिमान तथा सम्मान दिलाती है…”

‘मैंने ऐसा नियम बना लिया है कि मैं अपने कार्य को अपने ऊपर प्रभुत्व नहीं ज़माने देता.. मैं हमेशा उससे आगे रहता हूँ और उसे नियंत्रण में करके अपने अधीन रखता हूँ… कार्य के सभी अंगों पर पूर्ण प्रभुत्व-बोध से एक तरह का दैहिक-मानसिक तथा आध्यात्मिक आनंद मिलता है, जो काफी संतोषजनक व प्रेरणादायी है… मेरा अनुभव बताता है कि यदि कोई इस योजना के अनुसार चलना सीख ले तो उसे कार्य के द्वारा एक ऐसी शारीरिक ताजगी तथा मानसिक ऊर्जा प्राप्त होगी जो उसे स्वस्थ तथा सबल बनाये रखने में सहायक होती है… मेरा विश्वास है कि जब कोई इतना उन्नत हो जाता है कि वह आने कार्य से प्रेम करने लगे तो इससे अति मूल्यवान ऊर्जा की प्राप्ति होती है…’

‘मेरा विश्वास है कि यदि कोई मनुष्य प्रतिदिन सर्वश्रेष्ठ कार्य करने का संकल्प कर ले, मतलब प्रतिदिन शुद्ध निःस्वार्थ भाव से आजीविका हेतु कर्म करने की चेष्टा करे, तो उसका जीवन निरंतर आशातीत उत्साह से परिपूर्ण हो जायेगा…’

‘मैंने ख्याति की कभी लालसा नहीं की.. मैंने ख्याति को सदैव भलाई का साधन माना.. मित्रों से मैं प्रायः कहता हूँ कि यदि मेरी ख्याति भलाई करने का साधन बने, तो मुझे संतोष होगा… मैं इसे धन के समान सत्कार्य में लगाना चाहता हूँ…’

‘दासता के जाल में फँसे किसी भी दुर्भाग्य से पीड़ित राष्ट्र या समुदाय के लिए मेरे ह्रदय में पीड़ा होती है.. मेरी जाति को गुलाम बनाने वाले गोरे लोगों से मुझे जरा भी घृणा नहीं है.. रंगभेद के भाव से ग्रस्त अभागे व्यक्ति पर मुझे दया आती है…’

‘अनेक स्थानों पर लोगों से मिलकर मैंने देखा है कि दूसरों के हितार्थ सर्वाधिक कर्म करने वाले ही सबसे अधिक सुखी हैं और सबसे कम करने वाले ही सर्वाधिक दुखी हैं… मैंने सीखा है कि निर्बल को दी गयी सहायता, देने वाले को सबल बनाती है और दीनों को सताने वाले दुर्बल हो जाते हैं…

“यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन का प्रत्येक दिन अत्यंत उपयोगी रूप से बिताने का निर्णय ले अर्थात वह इस प्रकार कर्म करने का प्रयास करे कि इससे उसकी पवित्रता, निःस्वार्थता तथा उपयोगिता में अधिक-से-अधिक वृध्द हों तो उसका जीवन सदा उत्साह तथा प्रेरणा से परिपूर्ण रहेगा… चाहे वह श्वेत हो या फिर काला.. मुझे उस व्यक्ति पर दया आती है, जिसने दूसरे लोगों के जीवन को उपयोगी तथा सुखी बनाने से उत्पन्न होने वाले संतोष तथा आनंद का अनुभव नहीं किया”

दोस्तों ये थे अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण तथा प्रेरणा आलोक से जाज्वल्यमान शब्द, जो वाशिंगटन के प्रत्यक्ष अनुभव से प्राप्त हुए थे….

धन्यवाद!

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भाषण के पूर्व अभ्यास के सरल तरीके speech preparation tips in hindi https://www.hamarisafalta.com/2016/01/preparing-for-speech-best-tips-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/01/preparing-for-speech-best-tips-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 22 Jan 2016 17:13:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/01/22/preparing-for-speech-best-tips-in-hindi/ दोस्तों, गणतंत्र दिवस आने वाला है और इस अवसर पर हमारे पास बहुत सारे Request आये हैं कि स्पीच के पहले किस टाइप से तैयारी करनी चाहिए कि श्रोतायें आपकी तालियों से हौसला अफ़जाई करें.. यह पोस्ट विशेष रूप से उन लोगों के लिए लिखा जा रहा है जो आज या कल स्टेज पर जाकर अपने भाषण से लोगों को दिल जीतना चाहते हैं… यदि आप स्टेज पर पहली बार जाने वाले हैं या एक नये स्पीकर हैं तो आप […]

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दोस्तों, गणतंत्र दिवस आने वाला है और इस अवसर पर हमारे पास बहुत सारे Request आये हैं कि स्पीच के पहले किस टाइप से तैयारी करनी चाहिए कि श्रोतायें आपकी तालियों से हौसला अफ़जाई करें.. यह पोस्ट विशेष रूप से उन लोगों के लिए लिखा जा रहा है जो आज या कल स्टेज पर जाकर अपने भाषण से लोगों को दिल जीतना चाहते हैं…

यदि आप स्टेज पर पहली बार जाने वाले हैं या एक नये स्पीकर हैं तो आप अपने भाषण के Starting, Middle (मध्य) और End के Part को अच्छे से डिजाईन कर लीजिए… अब आपने एक अच्छा भाषण तैयार कर लिया है…

स्टेज पर जाकर स्पीच देने से पहले कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखें-

  • भाषण की तिथि से कुछ दिन पहले से ही इसके लिए प्रेक्टिस शुरू कर दें.. इससे आपको अपनी गलतियाँ सुधारने के लिए काफी टाइम मिलेगा और आप रोजमर्रा के कार्यों में भी अपना ध्यान लगा पायेंगे…
  • अपने भाषण को उसी तरह से लिखें जिसे आप सबके सामने खड़े होकर बोलना चाहते हों! भाषण को हमेशा विस्तार से लिखें ताकि आपके मुँह से सही शब्द ही बाहर निकलें…
  • भाषण को कभी भी मन में अभ्यास न करें. हमेशा बोलकर ही स्पीच की तैयारी करें.. याद रखिये आपका छोटा-सा कमरा ही आपका मंच है, और आपके सभी फ्रेंड्स, और फैमिली मेम्बर आपके श्रोता हैं…
  • शुरूआती दौर में अपने हाव-भाव पर नहीं, बल्कि सिर्फ अपने भाषण पर ध्यान दें.. हर बार अपने स्पीच का End करके ही रिहर्सल करे…

पॉकेट कार्ड का प्रयोग करें-

  • भाषण के दो-तीन दिन पहले छोटे पॉकेट कार्ड बनाइये.. ये कार्ड लगभग 3×5 इंच के बनाये जाते हैं ताकि ये आपकी हथेली में फिट हो सके…
  • इन पॉकेट कार्ड की क्रम से नम्बरिंग कर लें..
  • मोटे-मोटे अक्षरों में आप इन पर मुख्य टॉपिक को सीरियल नम्बर से लिख लें..
  • यदि आप भाषण के समय कुछ भी भूल गए तो ये पॉकेट कार्ड आपके लिए संकटमोचन का कार्य करेंगे..
  • यदि आपको सिर्फ टाईटल भी याद आता गया तो आप अपनी स्पीच को बिना रुके बोल पायेंगे..
  • यदि आपका यह पहला भाषण हो तो आप अपने पॉकेट कार्ड में मुख्य बिंदु के साथ कुछ उपबिंदु भी लिख सकते हैं..
  • भाषण के 2-3 दिन पहले पूरा अभ्यास पॉकेट कार्ड की सहायता से करना चाहिए..

अपने आवाज को रिकॉर्ड करते हुए अभ्यास करें:-

  • अपने स्पीच को रिकॉर्ड करें जिससे आपको पता चलेगा कि आपके उच्चारण में कितनी गलतियाँ हैं और आप इसे सुधार पायेंगे..
  • आपको पता चलेगा कि आप अपने आवाज में कितना उतार-चढ़ाव ला रहे हैं.. या आप एक सुर में बोल रहे हैं या नहीं इसकी जानकारी होगी..
  • आप बहुत जोर से या तेज आवाज में तो नहीं बोल रहे हैं!

जो भी मिस्टेक आपको अपने रिकॉर्डिंग में नजर आएगी उसे आप सुधार सकते हैं जिससे मंच के सामने आप बेहतर प्रदर्शन कर सकें..

हाव-भाव का करें अभ्यास:-

  • किताब को पढ़ने या रटने जैसा न बोलें.. पूरे दिल से स्पीच दें जिससे आपके हाव-भाव स्वयं ही स्पष्ट होते चले जायेंगे..
  • ज्यादा से ज्यादा सहज रहें… हाव-भाव के चक्कर में कृत्रिम न बने..
  • आइने के सामने ज्यादा अभ्यास करने से आपके अंदर बनावटी बातें पैदा हो जाती हैं इसलिए बहुत ज्यादा आईने के सामने भी अभ्यास न करें..

भाषण के एक दिन पहले क्या करें?

  • पॉकेट कार्ड का Use करते हुए स्पीच की Final रिहर्सल कर लें..
  • प्रेक्टिस ऎसी करें जैसे आपको हजारों श्रोता सुन रहे हैं और आप ऐसी कल्पना के साथ अभ्यास करें कि जैसे ही आप अपनी स्पीच समाप्त करेंगे लोग तालियों से आपके भाषण की तारीफ करेंगे..
  • यदि आपके पास खुद का विडियो कैमरा है तो आप उसके सामने एक बार जरूर प्रेक्टिस करें ताकि आपकी सभी गलतियाँ आप स्वयं देख सकें और उसे सुधार सकें..
  • प्रेक्टिस के ये स्टेप शुरूआत में आपको थोड़े लंबे जरूर लगेंगे लेकिन जैसे-जैसे आपका एक्सपीरियंस बढ़ता जायेगा ये प्रेक्टिस उतने ही शोर्ट होते चले जायेंगे…

दोस्तों इतना सब करने के बाद आप 80% जंग तो जीत ही चुके हैं और आपकी अच्छी प्रस्तुति निश्चित है.. इसलिए आज से ही भाषण की तैयारियां शुरू कर दें और अपना बेस्ट देकर आयें…

All the Best…

धन्यवाद!
——Successful Speaker के 7 गुण—-

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आत्मविश्वास बढ़ाने के 5 आसान तरीके Self-confidence Hindi Article https://www.hamarisafalta.com/2016/01/five-easy-ways-to-increase-confidence-in-hindi-success-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2016/01/five-easy-ways-to-increase-confidence-in-hindi-success-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Thu, 21 Jan 2016 14:32:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/01/21/five-easy-ways-to-increase-confidence-in-hindi-success-hindi-article/ आत्मविश्वास बढ़ाने के 5 आसान तरीके … दोस्तों, सफलता प्राप्त करने के लिए Self Confidence की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है. इस पोस्ट में हम ऐसे 5 आसान तरीकों के बारे में बात करेंगे जो आपका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कारगर साबित होंगे… आगे की बेंच पर बैठें और सामने नजर आयें- जब मैं स्कूल में था तो मैंने एक चीज गौर की थी… ज्यादातर स्टूडेंट, पीछे के बेंच से बैठते हुए आगे तक जाते थे.. मतलब बेंच के […]

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आत्मविश्वास बढ़ाने के 5 आसान तरीके …

दोस्तों, सफलता प्राप्त करने के लिए Self Confidence की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है. इस पोस्ट में हम ऐसे 5 आसान तरीकों के बारे में बात करेंगे जो आपका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कारगर साबित होंगे…

  1. आगे की बेंच पर बैठें और सामने नजर आयें- जब मैं स्कूल में था तो मैंने एक चीज गौर की थी… ज्यादातर स्टूडेंट, पीछे के बेंच से बैठते हुए आगे तक जाते थे.. मतलब बेंच के भरने का सिलसिला पीछे से शुरू होता था… और ज्यादातर स्टूडेंट पीछे की लाईन में ही इसलिए बैठते थे ताकि “वह शिक्षक की नजरों से बच सके या शिक्षक की नजरों में न आ सके..”

ऐसा नहीं है कि स्कूल में ही इस टाइप के बेंच भरने का तरीका देखने को मिलता है. गौर से आप देखें तो ऐसा सिस्टम आज स्कूल, कॉलेज, बिजनेस मीटिंग, ग्रुप डिस्कशन, etc.. ऐसी बहुत सारी जगहों पर देखने को मिलती हैं…और वो सभी लोगों की नजरों में इसलिए नहीं आना चाहते क्योंकि कहीं न कहीं उनके अंदर आत्मविश्वास की बहुत कमी होती है…

क्या करें जिससे आत्मविश्वास बढ़े? – हमेशा आगे की बेंच पर बैठने का प्रयास कीजिये.. आगे बैठने के लिए आपको कुछ दिन इसकी Practice करनी होगी… आगे बैठने के लिए आप अपने टीचर, बॉस, प्रोफेशर इनकी नजरों में थोड़ा रहते हैं लेकिन हमेशा यह याद रखिये कि सफलता के लिए लोगों की नजरों में रहना बहुत ही ज्यादा जरूरी है… आप जब भी पीछे की बेंच पर बैठेंगे, आपका डर रेगुलर बढ़ता जायेगा और आपका आत्मविश्वास हमेशा कमजोर पड़ता जायेगा.. यदि आपको अपने अंदर के डर को खत्म करना है तो उस डर से लड़ना सीखना पड़ेगा इसलिए आगे की बेंच पर बैठने का प्रयास करिये, यही वो जरिया है जिससे आप अपने अंदर आत्मविश्वास विकसित कर सकेंगे….

  1. नजरें मिलाकर बात करने का अभ्यास करें- किसी भी व्यक्ति के बॉडी लैंग्वज से उसके व्यव्हार का पता चल जाता है.. बॉडी लैंग्वेज में आँखों का प्रयोग आपके आत्मविश्वास बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो सकते हैं.. कोई व्यक्ति आँखों का किस तरह से प्रयोग करता है इसे जानकर हमें भी काफी ज्यादा जानकारी मिल सकती है..अगर कोई व्यक्ति आपसे बात करते हुए आपकी तरफ नजर नहीं करता है, आँखें मिलाकर बात नहीं करता है तो आप यह जान सकते हैं कि उसके अंदर आत्मविश्वास की बहुत कमी है.. ऑंखें न मिलाकर बात करने से कुछ तथ्य हमारे सामने आ सकते हैं-
  • क्या यह व्यक्ति डरा हुआ है, और डरा हुआ है तो किस बात से डरा हुआ है?
  • कहीं ये मुझे धोखा तो नहीं देगा, इस वजह से मुझसे नजरें मिलाकर बात नहीं कर रहा..
  • ये आखिर मुझसे क्या और कौन-सी बातें छिपाने की कोशिश कर रहा है?
  • आखिर इसके इरादे क्या हैं?
  • क्या मैं इस पर विश्वास कर सकता हूँ?

ज्यादातर Eye contact से जो लोग झिझकते हैं उनसे दो बातों का पता चलता है

१. मैं आपसे डरा फील करता हूँ.., मैं आपके सामने आते ही खुद को अनकंफर्टेबल महसूस करता हूँ.., ये भी हो सकता है कि मैं आपसे हीन अनुभव करूँ….

२. सामने वाले से आँखें न मिलकर बात करने से इस बात का खुलासा भी हो सकता है कि

आप अपराधबोध से ग्रस्त हैं….., आपने कुछ ऐसा कर दिया जिसे बताने से आप डर रहे हैं और आपको लगता है कि सामने वाला आपकी सच्चाई जान लेगा तो उसे बहुत दुःख होगा…. यदि मैंने आपसे नजरें मिलाकर बात की तो आप मेरे दिल को समझ जायेंगे और मेरे बारे में बहुत कुछ जान जायेंगे….

नजरें मिलाकर बात न करने से आप कभी भी खुद की इमेज सामने वाले के सामने अच्छी नहीं कर सकते… नजरें दूसरी ओ़र करके बातें करने से आप सामने वाले तक यह सन्देश भेजते हैं कि आप डरे हुए हैं, आपके अंदर आत्मविश्वास की बहुत ही ज्यादा कमी है ….

इसलिए यदि आपको अपने अंदर के डर को मारना है तो नजरें मिलाकर सबसे बात करना होगा इससे आपके आत्मविश्वास में गजब का बदलाव आएगा…

अपनी आँखों में आत्मविश्वास को झलकने दीजिए, आपकी आँखें बिना बोले बहुत कुछ कह जाती हैं इसलिए आँखों में डर को कभी न आने दें और ये सिर्फ तभी होगा जब आप नजरें मिलाकर बात करेंगे न कि नजरें झुकाकर अपने कांफिडेंस लेवल को गिरने देंगे…

  1. आपके चलने की स्पीड आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी:- सुस्त चाल इस बात का प्रतीक है कि आपके अंदर Self-Confidence की कमी है… जो व्यक्ति थोड़े से प्रयास के बाद हार मान लेता है, खुद को चोट खाया हुआ पाता है वह मरा-मरा चलता है, सुस्त चलता है.. उसमें आत्मविश्वास का बहुत अभाव होता है..

मैंने ऐसे बहुत से लोग देखे हैं जो अपनी लाइफ से, अपने जॉब से खुश नहीं हैं और मैंने पाया है कि उनके चलने की स्पीड बहुत ही कम होती है क्योंकि वे अपनी लाइफ से खुश नहीं होते, थके हुए होते हैं..

याद रखिये औसत लोग “औसत” चाल चलते हैं … उनकी स्पीड हमेशा औसत ही होती है और उनके चेहरे से यह साफ़ झलकता है कि “मुझे खुद पर किसी भी प्रकार का नाज नहीं है, मैं हार हुआ हूँ…’

यदि आपको अपने आत्मविश्वास के लेवल को बढ़ाना है तो अपने चलने की गति को बढ़ाना होगा.. आम लोगों से तेज चलना होगा… आपकी चाल में आपको फुर्ती लानी होगी..  आत्मविश्वास से भरी चाल इस बात का प्रतीक है कि आप जिस महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए जा रहे हैं उसमें आपको जरूर सफलता मिलेगी … आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अपने कन्धों को सीधा कर लीजिए, सिर को ऊपर उठा लीजिए और थोड़े तेज कदमों से आगे की तरफ बढ़ चलिए… आप हमेशा पायेंगे कि आपका आत्मविश्वास पहले से बहुत ज्यादा बढ़ चूका है और आपके अंदर गजब की फुर्ती आ गयी है….

रिजल्ट पाने के बस थोड़ा सा अपने चलने की गति को बढ़ाकर देखिये वाकई इसमें गजब का बदलाव आयेगा…

  1. बड़ी मुस्कराहट, कुछ ज्यादा पाने और आत्मविश्वास बढ़ाने का जरिया है- एक छोटी-सी मुस्कराहट आपके चेहरे पर रौनक ला देती है.. ज्यातर लोग यह भी कहते हैं कि उन्हें मुस्कराहट से सच्ची ताकत मिलती है और उन्हें पहले से पता होता है कि मुस्कराहट आत्मविश्वास की कमी को दूर करने का सबसे बढ़िया दवा है..   ज्यादातर लोगों को इन बातों पर यकीन नहीं होता क्योंकि वे डरे हुए रहते हैं और मुस्कुराना नहीं चाहते…

बड़ी मुस्कराहट हमेशा आपका आत्मविश्वास बढाती है, यह आपका डर भगाती है, आपकी चिंता दूर करती है और आपकी निराशा को खत्म कर देती है…

इतना ही नहीं, एक सच्ची मुस्कान सिर्फ आपके आत्मविश्वास को ही नहीं बढ़ाती या सिर्फ आपके मन की बुरी भावनाओं को ही नहीं हटाती… सच्ची मुस्कराहट से आपके प्रति लोगों का विरोध भी पिघल जाता है और यह तत्काल होता है….अगर आप किसी को बड़ी-सी मुस्कान देते हैं तो सामने वाला व्यक्ति आपसे गुस्सा हो ही नहीं सकता…   हमेशा बड़ी मुस्कुराहट देने का प्रयास करें… आप महसूस करेंगे कि एक बार फिर खुशी के दिन लौट आये हैं. लेकिन आपको मुस्कुराने में किसी प्रकार की कंजूसी नहीं करनी… आधी मुस्कुराहट से कोई काम नहीं चलने वाला, आधी मुस्कुराहट से सफलता की गारंटी देना पोसिबल नहीं…तब तक मुस्कुराइए जब तक आपके दांत न दिखने लगे.. बड़ी मुस्कराहट ही सफलता की पूरी गारंटी दे सकती है… मुस्कुराहट की पॉवर इतनी शक्तिशाली होती है कि आपके मन में फिर से उत्साह झलक पडता है….आत्मविश्वास सब कुछ हासिल करने का सबसे बड़ा जरिया है और इस जरिये को बरकरार रखने का सबसे बड़ा माध्यम मुस्कराहट है……….. इसलिए आज से ही बड़ी मुस्कान के साथ आगे बढ़ें और बस मुस्कुराते हुए काम करते रहें, सबसे मिलते रहें… आपका आत्मविश्वास हमेशा बढ़ता चला जाएगा……..

  1. बोलने की आदत डालिए- स्कूल, कॉलेज, ट्रेनिंग मीटिंग, बिजनेस चर्चा, इन सबमें एक चीज गौर करने वाली बात होती है, बहुत ही कम लोग डिस्कशन में भाग लेते हैं, डिस्कशन के दौरान बहुत लोगों का मुँह ही नहीं खुलता … ऐसा बिलकुल नहीं कि उनके पास अच्छे विचार प्रेसेंट करने के लिए मौजूद नहीं होते…या वे बोल नहीं सकते इसका कारण तो बस यह होता है कि उनके पास आत्मविश्वास की बहुत कमी होती है…

जितने बार आप चुप रहेंगे, उतने बार आप असफल होंगे और आप स्वयं को उतना ही अक्षम और हीन समझते जायेंगे..

चुप रहने वाला व्यक्ति अपने बारे में कुछ इस तरह की बातें सोचता है- “मेरा विचार शायद काम का नहीं है .. अगर मैं कुछ कहूँगा तो शायद मेरे टीम के लोग मेरा मजाक उडाएं और मुझे बेवकूफ समझें..इसलिए बेहतर होगा कि मैं चुपचाप ही बैठा रहूँ… इसके अलावा टीम में मुझसे बेहतर और एक से बढ़कर एक लोग हैं जो मेरी बातों को रिजेक्ट कर सकते हैं…

यह बहुत ही महत्वपूर्ण वाक्य है – “हर बार जब चुप्पा व्यक्ति बोलने में असफल रहता है तो वह आत्मविश्वास को खत्म करने वाले जहर की एक और खुराक गटक लेता है.. अपने आप पर विश्वास उतना ही कम हो जाता है…”

अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए हमेशा बिजनेस मीटिंग, स्कूल, कॉलेज, इन सबमें खड़े होकर बोलने का प्रयास करें.. सभी बातचीत में शामिल होकर अपना मत रखने की कोशिश कीजिये … कोई सवाल पूछिए, अपना सुझाव दीजिए.. सबसे पहले बोलने की आदत डालिए, अपने अंदर के झिझक तो तोड़िये… पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़े होकर अपना मत रखिये… मुर्ख समझे जाने का डर बाहर निकाल दीजिए, मजाक उड़ाने वाली बात भूल जाइए… हमेशा ग्रुप के लीडर का ध्यान अपनी ओ़र आकर्षित करने का प्रयास कीजिये… लोगों के ध्यान को अपनी ओ़र आकर्षित करने के लिए आपको बोलना ही होगा … यदि आत्मविश्वास बढ़ाना है तो बोलने के तरीके ढूंढिए और पूरे आत्मविश्वास से सफलता पाइए…………

धन्यवाद!

नोट- यह आर्टिकल बड़ी सोच का बड़ा जादू किताब से प्रेरित है जिसके लेखक डेविड जे. श्वार्ट्ज हैं…

 

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स्वामी विवेकानंद जयंती पर विशेष https://www.hamarisafalta.com/2016/01/swami-vivekananda-inspirational-quotes-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2016/01/swami-vivekananda-inspirational-quotes-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 12 Jan 2016 07:58:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2016/01/12/swami-vivekananda-inspirational-quotes-article-in-hindi/ दोस्तों, आज 12 जनवरी है।  राष्ट्रीय युवा  दिवस और स्वामी विवेकानंद जयंती।  हम सब युवाओं के लिए आज का दिन बहुत ही Special है। Youth के लिए स्वामी विवेकानंद जी ने जो बातें कहीं हैं, उनकी सारी बातें हमें सफलता के शिखर तक पहुंचा सकती हैं यदि हम उन्हें अपनी असल जिंदगी में उतारना सीख जाएँ।  स्वामी विवेकानंद जी के Quotes मुर्दों में जान फूँक देने वाले होते हैं, उनकी बातें Youth को Inspire करतीं हैं। आज 12 January से […]

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दोस्तों, आज 12 जनवरी है।  राष्ट्रीय युवा  दिवस और स्वामी विवेकानंद जयंती।  हम सब युवाओं के लिए आज का दिन बहुत ही Special है। Youth के लिए स्वामी विवेकानंद जी ने जो बातें कहीं हैं, उनकी सारी बातें हमें सफलता के शिखर तक पहुंचा सकती हैं यदि हम उन्हें अपनी असल जिंदगी में उतारना सीख जाएँ।  स्वामी विवेकानंद जी के Quotes मुर्दों में जान फूँक देने वाले होते हैं, उनकी बातें Youth को Inspire करतीं हैं।

आज 12 January से हम हमारी सफलता  पर विद्वानों, महापुरूषों के Quotes को अपनी Language में Describe करने का प्रयास करेंगे। इसलिए इसकी शुरुआत हम स्वामी विवेकानंद जयंती के शुभ अवसर पर स्वामी जी के Quotes के साथ ही करना चाहेंगे।

औरों से उत्तम बातें सीखकर उन्नत बनो।  जो सीखना नहीं चाहता वह तो पहले से मर चूका है।
-स्वामी विवेकानंद।

लगातार आगे बढ़ने के लिए सीखना बहुत जरूरी है।  दूसरों से ज्यादा से ज्यादा सिखने के लिए प्रयत्नशील रहिये।  हर इंसान से हम कुछ न कुछ नया सीखते हैं।  दूसरों के अनुभव से हम सीख सकते हैं, किसी की सफलता और किसी की असफलता से हर दिन कुछ नया सीखने को मिल सकता है।  दूसरों से अच्छी बातें सीखने के लिए हमें हमेशा आगे रहना चाहिए।  जो सीखना चाहता है, जिसने सीखना जारी रखा है उसके लिए सफलता के दरवाजे खुले रहेंगे लेकिन जो यह समझता है कि वही सबसे बड़ा ज्ञानी है, उसके लिए कुछ नया सीखना या दूसरों की अच्छाइयों से सीख लेना समय की बर्बादी है तो वह खुद अपने असफलता की तैयार में लगा हुआ रहता है।  याद रखिये – सीखना बंद तो जीतना बंद।  यह बात हर क्षेत्र के लिए कही गयी है।

साहस न छोडो,  शुद्ध अमृत अप्राप्य हो तो कोई कारण नहीं कि हम विष खा लें।
-स्वामी विवेकानंद।    

सफलता प्राप्त करने के लिए साहस का होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।  आपने सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत कोशिश की पर आप सफल नहीं हुए, इसका मतलब यह नहीं कि आप बिस्तर पर सिर्फ सोये रहेंगे।  रोते रहने से, उदास होकर बैठे रहने से आपके हाथ कुछ नहीं लगने वाला।  एक बार फिर से अपनी ताकत के साथ उठिए, आगे बढ़ने के लिए आपके पैर लडख़ड़ायेंगे, लेकिन पूरे साहस के साथ, पूरे जूनून के साथ आप चलते जाइए, बिना थके और बिना रुके आप कब अपने मंजिल तक पहुँच जाएंगे, इसका आपको पता तक नहीं चलेगा।

 धैर्यहीन व्यक्ति कभी भी सिद्ध नहीं हो सकता।
-स्वामी विवेकानंद।

यदि किसी विद्वान से पूछा जाए कि एक सबसे छोटे वाक्य में यदि उसे सफलता का रहस्य बताना हो तो वह कहेगा- धैर्यवान बनो।  दोस्तों जिसके पास धैर्य है वह जीवन में जो भी चाहे वह प्राप्त कर सकता है। धैर्यहीन होना असफलता की कामना करने के समान है।  धैर्य के साथ बस एक-एक कदम चलते जाइए, यह मत देखिये कि कदम कितनी छोटी है या रास्ता कितना लम्बा है, बस धीरज रखिये क्योंकि आपकी सफलता धैर्य  के साथ डंटे रहने पर ही डिपेंड करेगी।

हर एक काम में सफलता प्राप्त करने से पहले सैकड़ों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जो उद्यम करते रहेंगे वो आज या कल सफलता को देखेंगे।
-स्वामी विवेकानंद।

जिस दिन आपने सफलता के सपने देखने शुरू किये उस दिन से ही सैकड़ों-हजारों रुकावटें आपके रास्ते का काँटा बनकर खड़ी होंगी, मुसीबतें हमेशा आपको आगे बढ़ने से रोकेंगी लेकिन आपको सभी परेशानियों, कठिनाइयों का डटकर सामना करना है।  जैसे-जैसे आप प्रयत्न करते जाएंगे, परिश्रम करते जाएंगे परेशानियां साइड होती चली जाएँगी।  सफलता के रास्ते पर पड़े सभी कांटे हट जाएँगी और लगातार परिश्रम और अपनी कठिन मेहनत से सफलता का दरवाजा आपके लिए खुल जायेगा।

हम जितना ज्यादा बाहर जाएँ और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे। 

               -स्वामी विवेकानंद।

जो इंसान खुद के बारे में सोचने से पहले दूसरों की भलाई के बारे में सोचता है, जिसका लक्ष्य कभी भी स्वार्थीपन नहीं होता, जो स्वयं के लिए इसलिए जीना चाहता है ताकि उसकी जिंदगी दूसरों की सेवा में लगा सके, हमेशा दूसरों का भला कर सके।  ऐसे इंसान का मन हमेशा शुद्ध होता है, उसके मन में कभी किसी चीज के लिए लालच नहीं आती और ऐसे इंसान के ह्रदय में भगवान वास करते हैं।

 एक विचार लो, उस विचार को अपनी जिंदगी बना लो।  उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर एक हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। यही सफलता प्राप्त करने का रहस्य है। 

                 -स्वामी विवेकानंद।

एक लक्ष्य निर्धारित कीजिये, उसी लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कीजिये।  अपना पूरा फोकस उस लक्ष्य हासिल करने में लगाइये।  लगातार सोते-जागते, उठते-बैठते उस लक्ष्य के बारे में सोचिये, उसके लिए सपने देखना शुरू कीजिये।  याद रखिये विचार ही जिंदगी बनाते हैं, आपके सोचने का नजरिया ही आपकी कामयाबी तय करता है। यदि आपके विचार को हकीकत में तब्दील करना है तो उसके लिए आपको Action लेना होगा।  मन-मष्तिष्क को कंट्रोल में करना  होगा,आपका मन हमेशा भागने की कोशिश करेगा लेकिन आपको उसे नियंत्रित करके रखना होगा।  शरीर के हर एक पार्ट को उस विचार के पीछे लगाना होगा।  आपके खुद से किये गए सफल होने की कमिटमेंट के बाद  आपके सामने बहुत सारे अन्य विचार भी आएंगे लेकिन यदि आपको सफलता प्राप्त करनी है तो सिर्फ एक लक्ष्य और एक विचार के साथ ही आगे बढ़ना होगा और अन्य विचारों को मष्तिष्क से किनारे करना होगा।  लक्ष्य और विचार स्पष्ट होने चाहिए ताकि आपको अपनी सही दिशा का पता चल सके।

उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। 

                                            -स्वामी विवेकानंद

यदि आप हिम्मत हारकर बैठ गए हैं, उदास होकर आंसू बहा रहे हैं तो उठ जाइए, जाग जाइए अपने उसी लक्ष्य को निहारिये, भले ही कितनी ठोकरें आपने क्यों न खाई हो लेकिन दोबारा फिर से एक नई शुरूआत कीजिये।  इस बार आप रुकेंगे नहीं, थकेंगे नहीं और तब तक डटे रहेंगे जब तक आप अपनी मंजिल तक न पहुँच जाएँ।  लक्ष्य प्राप्त किये बिना थक कर बैठ जाना आपके सपने को कभी पूरा नहीं होने देगा।  हिम्मत के साथ उठिए और इस बार सफल होकर दिखाइए।

 बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं। 

                             -स्वामी विवेकानंद।

हमारी लाइफ इतनी भी लम्बी नहीं कि हम अपने लिए ही जीते चले जाएँ।  अपने लिए ही जिंदगी को जीना सही मायने में जिंदगी को काटना है इसका मतलब यह नहीं कि सचमुच आप अपनी लाइफ को एन्जॉय कर रहे हैं। असल बात यह है कि आपके कारण किसी दूसरे की आँखों में झलकने वाली ख़ुशी आपके लाइफ की सबसे बड़ी ख़ुशी है।  हम पहले से ही खुद के बारे में ही सोचते आ रहे हैं इसलिए इस ख़ुशी का अंदाजा हमें मालूम नहीं है लेकिन जिस दिन हम दूसरों के लिए जीना सीख जाते हैं बस उस दिन समझ जाते हैं की यही है असली जिंदगी।

 जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे।  यदि तुम खुद को कमजोर समझते हो तो तुम कमजोर बन जाओगे लेकिन अगर तुम खुद को ताकतवर समझते हो तो तुम ताकतवर हो जाओगे। 

                       -स्वामी विवेकानंद।

पूरी दुनिया इस सोच के दम पर ही चलती है।  हम आज जो कुछ भी हैं या कल जो कुछ भी बनेंगे वो सब हमारी सोच का परिणाम है।  आपके सोचने का तरीका ही आपकी सफलता तय करता है इसका उल्टा आपके सोचने का तरीका ही आपकी असफलता को डिफाइन करता है।  यदि आप पॉजिटिव सोचते हैं तो रिजल्ट पॉजिटिव आएगा और यदि नेगेटिव सोचते हैं तो रिजल्ट नेगेटिव।  ये एक साईंस भी है, क्योंकि हम जैसा सोचते हैं उसकी के अकॉर्डिंग एक्ट करते हैं।  Negative thinking के साथ आगे बढ़ेंगे तो उसका Result Failure की तरफ जायेगा और Positive thinking के साथ आगे बढ़ेंगे तो उसका Result Success के रास्ते तक हमें लेकर जायेगा।

यदि हम  अपने सोच में या सोचने के तरीके में थोड़ा-सा भी बदलाव करें तो हमारी लाइफ बदल सकती है।  Thinking Power है जड़ है हमारी सफलता और असफलता का।  इसलिए आप जैसा सोचेंगे आप वैसा ही रिजल्ट पाएंगे।  अच्छा Feel करेंगे, अच्छा सोचेंगे तो आपके साथ अच्छा ही होगा लेकिन Negative Feel करेंगे, नेगेटिव  सोचेंगे तो आपके साथ वही होगा जो आप नहीं चाहते।

दोस्तों, आज Youth को इन विचारों की बहुत ही ज्यादा जरूरत है।  हम स्वामी विवेकानंद जी के जन्मोत्सव पर यही कामना करते हैं की आने वाली पीढ़ी और आज के सभी युवा पीढ़ी उनके विचारों के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे और सफलता हासिल करेंगे।

Quotes Collection – AchhiKhabar.Com

स्वामी विवेकानंद जी के इन कथनों को भी जरूर पढ़ें :-

सफलता के सोपान -स्वामी विवेकानंद। 

 सफलता के सोपान भाग -२ 

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Friends, Life में हम जो भी सोचते हैं, वो सब सही-सही ही हो यह जरूरी नहीं होता।  हम सोचते कुछ और हैं, और उसका रिजल्ट कुछ और ही मिलता है। जिन स्टूडेंट्स पर सबसे ज्यादा भरोसा होता है, वो या तो फ़ैल हो जाते हैं या फिर बहुत ही मुश्किल से Pass होते हैं, और जिन पर भरोसा नहीं होता, वो टॉप कर जाते हैं। जिन पर हमें बहुत विश्वास होता है, वो धोखा देते हैं और जिनसे कोई उम्मीद नहीं होती वो मुश्किलों में हमारे साथ खड़े रहते हैं।

Actually जिन  Accident को हम अपना दुर्भाग्य समझते थे, वो अचानक ही सौभाग्य में बदल जाती हैं और सौभाग्य दुर्भाग्य में।  हमारी लाइफ में घटी ऐसी बहुत-सी घटनाएँ होती हैं जिसका पता हमें तब चलता है जब हम पीछे पलटकर देखते हैं और हमें समझ नहीं आता कि इन घटनाओं को वरदान का नाम दें या फिर अभिशाप का।

मेरे स्वयं के साथ घटी एक सच्ची घटना 

आज से तीन साल पहले, मैंने BSc में Admission लिया था, लेकिन मुझे उस पढाई में कोई Value नहीं दिखी। मैं बस 4-5 दिन ही College गया।  मैंने College Admission form तो Fill किया था लेकिन उसके 6 महीने बाद भरी जाने वाली Exam form मैंने नहीं भरी।  मुझे कोई Idea नहीं था कि मैं जो कर रहा हूँ वो सही है या फिर गलत। College न जाने के बावजूद, मैं वहां से Science की कई किताबें Issue कराकर अपने Room में ही पढ़ा करता था।  मेरे दोस्त, मुझे अलग निगाहों से देखते थे क्योंकि वे सभी जॉब करते हुए BSc के परीक्षा की तैयारी कर रहे  थे, कई दोस्तों ने मुझे ताने भी कसना शुरू कर दिया कि तू सिर्फ अपने Parents का पैसा Waste कर रहा है।  लेकिन मैंने उनकी बातों पर कभी ध्यान नहीं दिया। मैं शुरू से ही कुछ बड़ा करने का सोचा करता था। एक दिन मेरे कुछ दोस्त मुझे एक Network Marketing की Meeting में ले गए।  मैं उन सबकी बातें सुनकर हैरान हो गया क्योंकि वो सब एक महीने में लाखों कमाने की बात कह रहे थे।  क्योंकि उनका पूरा प्रोजेक्ट Internet पर Based था और Computer System पर आधारित था इसी कारण मुझे इस फील्ड में Interest आने लगा।  मेरे दोस्त मुझे Internet Cafe ले जाते और वहां मुझे Internet Surf करने का मौका मिलता था।  मैं पूरे 10 मिनट Net Cafe में Internet use करता और उस Time मुझे बहुत ही ज्यादा ख़ुशी होती थी । क्योंकि मुझे पता नहीं था कि मेरे दोस्त पहले से ही 9000 Paid करके इस काम को कर रहे हैं, और वो मुझे अपने Circle में Add करके उस  Group का एक Member बनाना चाह रहे थे।

क्योंकि मुझे Internet और Computer से लगाव होने लगा था इसलिए मैंने 9000 Paid करने का फैसला कर लिया और वह भी उस वक्त जब मैं बहुत ही सस्ते मकान में Room rent पर रहा करता था, जहाँ किराये का खर्च निकालना भी मेरे लिए मुश्किल साबित हो रहा था।  लेकिन मैंने ठान लिया था कि उनके साथ काम करना है और कैसे भी करके पैसों का Arrangement करना है।  मैंने तुरंत अपने घर के लिए Bus पकड़ा और Papa से इस बारे में बात की। Papa को पता था कि मैं Medical Exams की तैयारी कर रहा हूँ, यही सोचकर वो Medical Field में मुझे भेजने के लिए एक-एक रूपये जोड़ रहे थे। मैंने, उनको कन्वेंस किया कि मैं जो कर रहा हूँ वो आगे सही होगा।  मेरे समझाने के बाद Papa ने मुझे 9000 रूपये दिए, जिन्हें लेकर मैं अगले ही दिन अपने दोस्तों के पास चला गया।  उस वक्त मैं पैसे कमाने के बारे में नहीं बल्कि सिर्फ Internet use करने के बारे में सोच रहा था।  मैं अब उनके Group का एक Member बन चूका था।  मेरी मुलाकात वहां Software इंजीनियर्स और एक Web Developer से हुई।  मैं उन्हें Laptop use करते हुए देखा करता था। वो बार-बार ऑनलाइन शॉपिंग, ब्लॉगिंग जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते थे, और उस वक्त ये सब मेरे दिमाग से बाहर था।

मैं रजनी से भी ये सारी बातें Share किया करता था जो मेरी क्लासमेट थीं लेकिन उसे भी इस बारे में कुछ भी Idea नहीं था।

कुछ दिन बाद मेरे एक और दोस्त जो मेरे Room के बगल में ही रहता था, वो मुझे एक और अलग Network Marketing की Meeting में ले गया और वहां जाते ही मुझे Business से related काफी चीजों का Knowledge हो गया।  और मैं हर Sunday वहां भी जाने लगा।  लेकिन अब वहां भी 8000 रूपये Paid करने के लिए कहा गया।

मुझे इस बात की जानकारी दी गयी थी, कि यदि मुझे 9000 Paid करने के बाद इस बिजनेस में कोई Value नहीं दिखी तो एक महीने के अंदर मैं अपना Order cancel कर सकता हूँ।  इत्तेफ़ाक़ से उस बिजनेस को ज्वाइन किये 30 दिन पूरे होने वाले थे।  महीने की आखिर तारीख को मैंने अपने 9000 रूपये वाले Product को मोबाइल से Online Cancel किया और उस नेटवर्क मार्केटिंग के Head office में इस बात की जानकारी  दी और वहां से  जब मुझे पता चला कि मेरा ऑर्डर कैंसल हो चूका है और मेरा पैसा मुझे रिफंड किया जा रहा है तब मुझे बहुत ही ज्यादा ख़ुशी हुई।

मैंने दूसरे Network marketing Business में भी जॉइन नहीं किया क्योंकि मुझे इन सारी चीजों की जानकारियां हो चुकी थीं।

मेरे दोस्तों के सारे पैसे डूब गए, जो सिर्फ पैसे कमाने के लिए उस बिजनेस को शुरू किये थे।  और मेरा 8600 रूपये मुझे Refund मिल गए।  हाँलाकि 400 रूपये मेरे भी वापिस नहीं आये लेकिन इन 400 रूपये में मुझे बहुत कुछ सिखने को मिला।

एक साल Gap करने के अंदर मैंने Medical में बहुत मेहनत की पर Competition exams में बेहतर नहीं कर सका।

पूरा Interest अब Computer फील्ड में था।  आगे बढ़ने के लिए और Motivation के लिए मैंने सैंकड़ों किताबें, इस बीच पढ़ी। कहानियां लिखने, का शौक इसी बीच आया।  लोगों को मोटिवेट करने का ज़ज्बा इसी बीच जागा।

BSc से BCA करने को अभिशाप कहें या वरदान।

एक साल पढाई गैप करके इतनी सारी चीजें सीखने को अभिशाप कहें या फिर वरदान।

Network Marketing Field में घुसकर, पैसे रिफंड कराके, इंटरनेट और कंप्यूटर फील्ड से जुड़ने में रुचि दिखाने को अभिशाप कहें या फिर वरदान।

बिना जॉब किये, आज की तारीख में मेरे उन सभी दोस्तों से इतनी ज्यादा मंथली इनकम कर पा रहा हूँ जो वो एक साल में करते हैं।  इसका अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल है….।

डॉक्टर बनने का सपना लेकर  एक प्रोफेशनल ब्लॉगर, लेखक, मोटिवेशनल स्पीकर और ब्लॉग डिजाइनर बनने को अभिशाप कहेंगे या वरदान

दोस्तों, आज मैं सिर्फ इसलिए सफल हूँ या मुझे इसलिए सफलता मिल रही है क्योंकि मैंने अपने दिल के काम को ढूंढ लिया है।  यदि आप सफल होना चाहते हैं तो अपने निर्णय स्वयं लेना सीखिये।  दूसरों के भरोसे बैठे रहने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है, अपने रास्ते खुद ही बनाइये, नक्शा देखकर आगे बढ़ना सही है पर उसी नक़्शे के दम पर पूरी जिंदगी जीना बहुत  ही मुश्किल  है।

एक बात हमेशा याद रखिये कि “जो होता है, हमेशा अच्छे के लिए ही होता है। ” यदि मैंने BSc की पढाई नहीं छोड़ी होती तो शायद ही HamariSafalta.Com    Launch  हो पाता। यदि मैं अपने दोस्तों द्वारा बताये गए नेटवर्क मार्केटिंग सेमिनार में नहीं जाता तो शायद ही इस मुकाम तक  पहुंच पाता। आप जिस क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं उसके लिए सही दिशा में मेहनत कीजिये और यदि पूरी मेहनत के बावजूद भी कुछ नहीं हो रहा हो, तो पर भी हार मत मानिये क्योंकि हो सकता है कि  भगवान आपको कुछ बेहतर देना चाह रहे हों!

याद रखिये- “हर वो मुश्किल जो आज आपको परेशान करने में तुली हुई है, कल वही आपके लिए सफलता का द्वार  खोल सकती है। ”

धन्यवाद!

वरदान कहें या फिर अभिशाप, यदि ऐसी घटना आपके साथ भी घटी हो तो कृपया कॉमेंट के माध्यम से आप अपनी जानकारी हम तक जरूर पहुंचाएं ताकि सभी रीडर्स भी आपकी स्टोरी पढ़ सकें।

 

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जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पाठ Best Motivational Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2015/11/motivational-article-in-hindi-the-most-important-lessons-of-life-in-hindi-jiwan-ka-sabse-mahatwapoorn-path-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2015/11/motivational-article-in-hindi-the-most-important-lessons-of-life-in-hindi-jiwan-ka-sabse-mahatwapoorn-path-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Thu, 19 Nov 2015 06:25:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/11/19/motivational-article-in-hindi-the-most-important-lessons-of-life-in-hindi-jiwan-ka-sabse-mahatwapoorn-path-hindi-article/                                                            जो चाहिए, वो बाँटना सीखिये। Friends, हमारी Life एक बूमरैंग की तरह होती है। Actually  हम जो भी Words दूसरों के लिए use करते हैं, वो एकदिन घूमकर हमारे पास आता ही है। हम जो भी इस दुनिया को देते हैं, एक दिन वह कई गुना होकर हमारे पास लौट आता […]

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                                                           जो चाहिए, वो बाँटना सीखिये।

Friends, हमारी Life एक बूमरैंग की तरह होती है। Actually  हम जो भी Words दूसरों के लिए use करते हैं, वो एकदिन घूमकर हमारे पास आता ही है। हम जो भी इस दुनिया को देते हैं, एक दिन वह कई गुना होकर हमारे पास लौट आता है।  इसलिए हमें सबके साथ वैसा ही व्यवहार  करना चाहिए, वैसी ही नरमी बरतनी चाहिए, जैसा हम खुद के लिए उम्मीद करते हैं।

जीवन का सबसे बड़ा सिद्धांत यही है, कि आप जो बोयेंगे, एकदिन वही आपको काटना पड़ेगा।  जो भी चीजें आप अपने लिए सबसे ज्यादा चाहते हैं, उसे सबसे ज्यादा बाँटिये। यदि आप दूसरों से सम्मान पाना चाहते हैं, तो आपको दिल खोलकर दूसरों का सम्मान करना होगा।  लेकिन यदि आप दूसरों का तिरस्कार करेंगे तो बदले में आपको भी वही मिलेगा।

यदि आप चाहते हैं कि मुश्किल परिस्थितियों में दूसरे आपका साथ दें, तो आप उनकी मुश्किलों में उनके साथ खड़े रहिये। यदि आप प्रशंसा करेंगे, तो वही आपको मिलेगा।  यही तो जीने का नियम है, लेकिन बड़ी दुःख की बात है कि ज्यादातर लोग इसे अमल में नहीं ला पाते।

इसे एक छोटी-सी कहानी से समझने का प्रयास करते हैं-

एक माँ, अपने नन्हें पुत्र की साथ पर्वत की चढ़ाई कर रही थी, अचानक पुत्र का पैर फिसल गया और वो गिर पड़ा। चोट लगते ही वो जोर से चिल्लाया- आह… ह.ह.ह.ह…..माँ.…।  पुत्र चौंक पड़ा क्योंकि पहाड़ से ठीक वैसी ही आवाज लौटकर आई।

अचम्भा से उसने प्रश्न किया- कौन हो तुम?

पहाड़ों से फिर से आवाज आई- कौन हो तुम?

पुत्र चिल्लाया- मैं तुम्हारा मित्र हूँ!

आवाज आई- मैं तुम्हारा मित्र हूँ!

किसी को सामने न पाते हुए पुत्र गुस्से से चिल्लाया- तुम डरपोंक हो!

आवाज लौटी- तुम डरपोंक हो!

पुत्र आश्चर्य में पड़ गया, उसने अपनी माँ से पूछा- ये क्या हो रहा है?

वो जोर से चिल्लाई- तुम एक चैम्पियन हो, और एक अच्छे बेटे!

पहाड़ों से आवाज लौटी- तुम एक चैम्पियन हो, और एक अच्छे बेटे!

उन्होंने दोबारा चिल्लाया- हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं।

आवाज लौटी- हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं।

बच्चा ने दोबारा वही पुछा- ये क्या हो रहा है?

तभी माँ ने उसे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पाठ पढ़ते हुए कहा- बेटा, आम शब्दों में लोग इसे इको कहते हैं लेकिन असल में यही जिंदगी है।  जिंदगी में आपको जो कुछ भी मिलता है, वो आपका ही कहा या फिर किया हुआ होता है।  जिंदगी तो सिर्फ हमारे कार्यों का आईना होती है।

यदि हमें अपनी टीम से श्रेष्ठता की उम्मीद रखना है, तो हमें खुद में श्रेष्ठता लाना होगा। यदि हम दूसरों से प्यार की उम्मीद करते हैं, तो हमें दूसरों से दिल खोलकर प्यार करना होगा।  आखिर में, जिंदगी हमें हर वो चीज लौटाती है, जो हमने दिया है।

बच्चा माँ की बातें बड़े प्यार से सुन रहा था और उसने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पाठ भी आज पढ़ लिया।

“जीतने का सबसे सरल रास्ता है कि आप दूसरों को उनकी जीत में मदद करें।

यदि आप जीतना चाहते हैं, तो दूसरों की सफलता के हितैषी बनिए।

यदि आप प्यार पाना चाहते हैं, तो प्यार बाँटिये।

जो आप देंगे वो कई गुना लौटकर आपके पास आएगा।”

-डेल  कारनेगी।  

दोस्तों, हम Successful बनने के लिए अलग-अलग Field में Race लगा रहे हैं। लेकिन किसी भी Field में Successful होने के लिए ये बहुत ही Important है, कि लोग हमें पसंद करें, क्योंकि लोग जिन्हें पसंद करते हैं उन्हीं के साथ वो काम करना चाहते हैं।  इसके लिए  कि हम दूसरों के लिए अपना सारा समय दें या फिर उनके लिए जान लूटा दें।  इसके लिए तो बस हमारा Behavior बढ़िया होना चाहिए।  किसी की प्रशंसा या किसी के लिए ख़ुशी जाहिर करने के पहले हमें एक बार भी सोचना न पड़े लेकिन किसी चीज पर गलत Comment देने, गुस्सा करने, चिड़चिड़ाने से पहले दस बार सोचें।  बिना आवश्यकता के तर्क-कुतर्क करना, वाद -विवाद में पड़ना, खुद के लिए और दूसरों के लिए भी बहुत गलत है।  इसलिए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होकर आगे बढ़िए, मुस्कुराईये, प्यार दीजिये, प्रशंसा कीजिये और बस आगे बढ़ते चले जाइए।

मुझे लगता है, कि लोग उन्हीं लोगों के साथ रहना, काम करना और अपने सीक्रेट शेयर करना पसंद करते हैं जो खुद को आपके साथ थोड़ा बेहतर महसूस करते हैं।  यदि सामने वाला आपके साथ अच्छा Time spend करके खुश होगा, तो आपको बदले में उससे वही मिलेगा। इससे आपके प्रशंसक भी बढ़ेंगे और आवश्यकता पड़ने पर आपके काम भी आएंगे। इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आप अपना दिल भी बड़ा रखें ताकि यदि आपसे कभी कोई गलती हो जाये तो आप उस गलती को स्वीकारने का साहस कर सकें, माफ़ी मांगने में आपको झिझक महसूस न हो और यदि दूसरे, आपको किसी कारण ठेस पहुंचा दें तो आप उन्हें माफ़ करने का साहस कर सकें। 

Friends, इन बातों को गांठ बांध लीजिये-

१. जिंदगी में आप जो कुछ भी पाना चाहते हैं, वही बांटना सीखिये।

२. आज से जितना हो सके प्यार, प्रशंसा, सम्मान, ख़ुशी, क्षमा, ज्ञान बांटना शुरू कीजये।  आप देखेंगे कि लोकप्रियता का ग्राफ कितनी तेजी से आगे बढ़ता चला जायेगा। क्योंकि बदले में ये सब हजार गुना लौटकर आपके पास आएगा।

३. यदि आपके साथ कोई रहना नहीं चाहता, कोई आपसे बुरा व्यवहार कर रहा है, आपका अपमान कर रहा है तो आप दूसरों पर दोष थोपने का साहस नहीं कर सकते क्योंकि ये आपके करनी का ही फल है।  क्योंकि आप जैसा बीज बोयेंगे वैसा ही फल काटेंगे।

४. असफलता का श्रेय आप अपने रूखे व्यवहार को भी दे सकते हैं।

                                                                                         धन्यवाद!

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जब आप विश्वास करते हैं, तो आपका दिमाग तरीके ढूँढ ही लेता है। https://www.hamarisafalta.com/2015/11/best-motivational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/11/best-motivational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 14 Nov 2015 10:02:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/11/14/best-motivational-article-in-hindi/ यह एक Successful Practical है, जिसके मुताबिक़ यह साबित हो चूका है कि जब आप यह विश्वास करते हैं कि कोई काम असंभव है, तो आपका दिमाग आपके सामने यह प्रूव करता है कि यह सचमुच असंभव है।  लेकिन इसके Opposite जब आप विश्वास करते हैं, सचमुच भरोसा रखते हैं कि वाकई यह काम किया जा सकता है, तो आपका दिमाग आपके लिए अपने काम में जुट जाता है, और तरीके ढूंढने शुरू कर देता है। विश्वास, अपनी आपमें एक […]

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यह एक Successful Practical है, जिसके मुताबिक़ यह साबित हो चूका है कि जब आप यह विश्वास करते हैं कि कोई काम असंभव है, तो आपका दिमाग आपके सामने यह प्रूव करता है कि यह सचमुच असंभव है।  लेकिन इसके Opposite जब आप विश्वास करते हैं, सचमुच भरोसा रखते हैं कि वाकई यह काम किया जा सकता है, तो आपका दिमाग आपके लिए अपने काम में जुट जाता है, और तरीके ढूंढने शुरू कर देता है।

विश्वास, अपनी आपमें एक बहुत बड़ी शक्ति होती है।  यदि आप मन में पूरे विश्वास के साथ सोचते या कल्पना करते हैं कि यह कार्य सम्भव है, और इसे आप कर सकते हैं तो यह आपके रचनात्मक समाधानों का रास्ता खोल देता है। अपने मन को यह सन्देश देना कि यह मुमकिन नहीं है, आप नहीं कर सकते, पूरे विश्वास के साथ Negativity पर ध्यान आकर्षित करना, केवल असफल व्यक्तियों की सोच होती है।  ये बातें आपकी सारी परिस्थितियों में Apply की जा सकतीं हैं, चाहे वो परिस्थितियां बड़ी हों या फिर छोटी!

जिन स्टूडेंट्स को यह विश्वास नहीं होता कि वे अपने Exam में Pass नहीं हो सकते, वो यकीनन ही अपने Exam में असफल होंगे या फिर Pass भी होंगे तो बहुत ही कम मार्क्स के साथ, ऐसा सिर्फ इस कारण क्योंकि उनका दिमाग Pass होने के लिए, पढ़ने के लिए रचनात्मक उपाय नहीं ढूंढ पायेगा।

जो बिजनेसमैन खुद में यह विश्वास पैदा कर देता है कि अभी बिजनेस में वो मंदी का सामना कर रहा है, उस लिहाज से वो अपने बिजनेस को ऊंचे लेवल पर ले जाने के लिए कभी प्रयास ही नहीं करेगा या फिर वो उस मंदी में ही घिरा रहेगा।  क्योंकि किसी भी बिजनेस को रन करने के लिए उसके अंदर उस विश्वास का होना बहुत ही जरूरी है जिससे वो अपने बिजनेस को आगे लेवल तक ले जाने के लिए रचनात्मक तरीके खोज सके और अपने विश्वास से लगातार उसे विकसित कर सके।

अगर आप खुद पर यकीन करते हैं, विश्वास को बनाये रखते हैं, तो आप अपनी निजी जिंदगी में भी एक बड़ा बदलाव होते देखेंगे।  अपनी व्यक्तिगत परेशानियों का हल ढूंढ सकेंगे।

विश्वास के द्वारा ही, आपके अंदर शक्तियां पैदा होंगी, जो आपके क़दमों को आगे बढ़ाने में आपकी सहायता करेंगी लेकिन अविश्वास इन पर ब्रेक लगा देता है इसलिए यदि आपको नए रास्ते बनाने हैं तो विश्वास कीजिये।

मैं अभी BCA (Bachelor of Computer Applications) Final का Student हूँ।  इस पढ़ाई के दौरान ब्लॉगिंग करना, उपन्यास लिखना, किताब लिखना, कॉलेज के प्रोजेक्ट बनाना, नए-नए लोगों से मिलना, इनबॉक्स पर पड़े  मेल का जवाब देना, कस्टमर के ब्लॉग डिजाईन करना, समय-समय पर सबसे बात करना, लोकल एरिया के स्कूलों में Technical बातों पर उन्हें गाइड करना, उन्हें मोटिवेट करना और बहुत से ऐसे काम जो मेरे Age के आदमीं या मेरे क्लासमेट सुनते ही आश्चर्य में पड़ जाते हैं, और मेरा लक्ष्य हमेशा उनके विश्वास से दो कदम आगे खुद को खरे उतारना है।

Actually बहुत से ऐसे काम जो मैं आज कर पा रहा हूँ उसमें सबसे बड़ा Role विश्वास का ही है।  यदि मैं विश्वास नहीं करता तो मेरा दिमाग इतनी सारी चीजें करने के लिए शायद ही कोई तरीका ढूंढ पाता लेकिन विश्वास के चलते ही दिमाग ने ऐसे-ऐसे तरीके ढूंढे जिससे ये सारे काम आज मैं आसानी से कर पा रहा हूँ।

विश्वास कीजिये कि जो आप सोचते हैं वो सब हो सकता है।  यही रचनात्मक सोच की पहली आवश्यकता है।  नीचे कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं और अपनी रचनात्मक सोच की शक्ति को और अधिक विकसित कर सकते हैं:-

१. अपने Dictionary से असम्भव (Impossible) शब्द को हमेशा के लिए निकाल फेंकिए।  इस शब्द को मन में, दिमाग में यहाँ तक कि कभी  जबान में भी आने मत दीजिये। याद रखिये असंभव, असफलता के लिए बनाया गया शब्द है। जब आप सोचते हैं कि “यह असंभव है” तो आपके दिमाग में ऐसे विचार आ जाते हैं जो यह साबित कर देते हैं कि आप सचमुच सही सोच रहे हैं।

हमेशा जबान में इस प्रकार के शब्द ही होने चाहिए “हाँ मैं कर सकता हूँ, यह सम्भव है, और प्रयास करने से क्या कुछ नहीं हो सकता! यह बिलकुल हो जायेगा, और मैं इसे करके ही रहूँगा।” जैसे ही आप सम्भव है, वाला सिग्नल अपने दिमाग को भेजते हैं, आपका दिमाग विश्वास के रास्ते पर खुद को जाने के लिए पूरी तरह से तैयार कर देता है।  और एक बार जब आपके मन में विश्वास जाग उठता है, तो आपका दिमाग सफल होने के लिए तरीके ढूँढना शुरू कर देता है।

२. किसी ऐसे काम के बारे में सोचने का प्रयास करें, जिसे पहले कभी आप करने का सोचे हों लेकिन उस समय वह काम आपको असंभव सा लगा हो। अब उन कारणों का एक लिस्ट बनाएं कि ऐसा किस तरह से सम्भव हो सकता है। हममें से अधिकतर लोग अपनी इच्छाओं को दबाकर रखते हैं, इच्छाओं को सपनों में बदलने में ज्यादा देर नहीं लगती, लेकिन हम अपनी इच्छाओं को कोड़े मारते हैं और उन्हें हरा देते हैं। क्योंकि हमारा पूरा समय यही सोचते हुए निकल जाता है कि हम कोई काम क्यों नहीं कर पाएंगे जबकि हमें यह सोचना चाहिए कि हम कोई काम क्यों कर सकते हैं और किस तरह से कर सकते हैं।

३. खुद से हमेशा प्रश्न कीजिये, “मैं यह काम और ज्यादा किस तरह से कर सकता हूँ, खुद से प्रश्न करना विश्वास की क्षमता को बढ़ाने में आपकी हेल्प करती है। क्योंकि काम करना एक मानसिक अवस्था है, जब आप खुद से सवाल पूछेंगे तो आपके दिमाग में अच्छे शॉर्टकट अपने आप आ जायेंगे।  बिजनेस में सफल होने का रहस्य यही है कि हमेशा अपने काम की क्वालिटी को सुधारें, अपने काम को लगातार बेहतर तरीके से करने का प्रयास करें। और जितना पहले करते थे उससे ज्यादा करने की कोशिश करें।  अपने काम की गुणवत्ता को निखारें। आत्मसुधार की कोई सीमा नहीं होती,  इसलिए जब आप खुद से प्रश्न करते हैं, कि मैं इसे किस तरह और भी बेहतर कर सकता हूँ तो अच्छे जवाब अपने आप उभरकर सामने आने लगते हैं।

मैं जब भी कुछ नया करने के लिए ट्राई करता हूँ, उसके पहले मैं खुद से घंटों बात करता हूँ, चाहे वो मार्केट जाते वक्त हो, या फिर कंप्यूटर के सामने बैठे हुए।  जब मुझे उत्तर मिलना शुरू होता है, उसके बाद ही मैं अपने टीम के साथ इस बारे में बात करता हूँ।  इसलिए आप भी विश्वास कीजिये, कोशिश कीजिये और देखिये आपका दिमाग नए-नए तरीके ढूंढ ही लेगा।

धन्यवाद!


Note:- यह आर्टिकल लेखक “डेविड जे. श्वार्टज़” की किताब “बड़ी सोच का बड़ा जादू” से प्रेरित है।

 

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विजेता हमेशा क़दमों के निशान छोड़ जाते हैं https://www.hamarisafalta.com/2015/11/vijeta-kadmo-ke-nishan-chhod-jate-hain.html https://www.hamarisafalta.com/2015/11/vijeta-kadmo-ke-nishan-chhod-jate-hain.html?noamp=mobile#respond Thu, 05 Nov 2015 18:46:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/11/05/vijeta-kadmo-ke-nishan-chhod-jate-hain/ कोई भी सफल व्यक्ति अपनी सफलता का पूरा श्रेय कभी भी खुद को नहीं देता क्योंकि उसे पता होता है कि उसकी कामयाबी के पीछे बहुत सारे लोगों का हाथ होता है। एक सफल इंसान वही होता है जो अपनी पहचान पीछे छोड़ जाये। किसी के कामयाबी के पीछे बहुत सारे लोग शामिल होते हैं, जो कई रूप में हमारे सामने होते हैं जैसे- शिक्षक, माता-पिता, प्रशंसक, सलाहकार, जीवनसाथी।  जब हम संघर्ष से जूझ रहे थे, कठिन परिश्रम कर रहे […]

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कोई भी सफल व्यक्ति अपनी सफलता का पूरा श्रेय कभी भी खुद को नहीं देता क्योंकि उसे पता होता है कि उसकी कामयाबी के पीछे बहुत सारे लोगों का हाथ होता है। एक सफल इंसान वही होता है जो अपनी पहचान पीछे छोड़ जाये। किसी के कामयाबी के पीछे बहुत सारे लोग शामिल होते हैं, जो कई रूप में हमारे सामने होते हैं जैसे- शिक्षक, माता-पिता, प्रशंसक, सलाहकार, जीवनसाथी।  जब हम संघर्ष से जूझ रहे थे, कठिन परिश्रम कर रहे थे उस वक्त जिन लोगों ने हमें Inspire किया, जिन लोगों ने हमारी मदद की, हम उनका कर्ज कभी चाहकर भी नहीं  चूका सकते। और यदि हम उनके प्रति थोड़ा-सा आभार प्रकट करना चाहते हों तो आने वाली पीढ़ी की मदद करके हम यह कर सकते हैं। एक सच्चे विजेता के पास अपना आभार प्रकट करने का एक ही सबसे बड़ा रास्ता है कि वह आने वाली पीढ़ियों का सही मार्गदर्शन करे।

इस कविता से यह बात साफ़ और स्पष्ट हो जाती है :-

रास्ता बनाने वाला

एक बुजुर्ग, जो एक सुनसान सड़क पर जा रहा था,

शाम होते-होते ठंडा और ठिठुरता पहुंचा,

एक लम्बे, गहरे  और चौड़े दर्रे के करीब,

जिसके अंदर तेज पानी बह रहा था।

बुजुर्ग ने शाम के धुंधलके में उसे पार किया;

पानी की धारा से उसे कोई  डर नहीं लगा;

मगर वह पीछे मुड़ा, सुरक्षित पार कर जाने के बाद,

और उन लहरों के आर-पार एक पूल बनाया।

“ओ बुज़ुर्ग” एक साथी यात्री ने पुकारा,

“तुम इसे बनाने में बेकार की मेहनत कर रहे हो;

तुम्हारी यात्रा  दिन के ढलते ही ख़त्म हो जाएगी;

और फिर तुम कभी इस रास्ते से नहीं गुजरोगे;

तुमने इस चौड़े और गहरे दर्रे को पार कर लिया है —

तुम इस धारा पर पूल  क्यों बना रहे हो?”

उस बुजुर्ग ने अपने सिर को उठाकर कहा,

“प्यारे दोस्त, जिस रास्ते से मैं आया हूँ,

उस राह में मेरे पीछे आ रहा है

एक नौजवान जिसे यहीं से गुजरना है।

यह दर्रा जो मेरे लिए मुश्किल रहा,

उस सजीले नौजवान के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है।

उसे भी शाम के धुंधलके में पार करना पड़ेगा;

मेरे दोस्त, मैं यह पूल उस नौजवान के लिए बना  रहा हूँ। ”

                                                                      —— विल एलेन ड्रमगुले

दोस्तों, हम मन में अधिकतर बार यह वाक्य दोहराते हैं कि ‘ काश किसी ने पहले इस बारे में बताया होता तो आज जिंदगी कुछ और होती ‘  यदि आपको जिस ज्ञान को मिलने में इतनी देरी लगी तो आप उसे सामने वाले तक बांटने में देर क्यों करते हैं।

सुकरात ने प्लेटो को शिक्षा दी, प्लेटो ने अरस्तु को पढ़ाया; अरस्तु, सिकंदर महान के शिक्षक बनें।  याद रखिये ज्ञान यदि एक से दूसरे को न हासिल हुआ होता तो वह मर चूका होता।

यदि आप भी एक सच्चे विजेता बनना चाहते हैं तो अपने ज्ञान को समेटकर मत रखिये, दूसरों के बारे में सोचिये, आने वाली पीढ़ी को आपके ज्ञान की, गाईड की जरूरत है।

कल आपके कारण कोई एक बंदा भी अपने को खुशकिस्मत मानता है और उसकी कामयाबी के पीछे आपका जिक्र करता है तो इससे बड़ी ख़ुशी की बात, किसी के लिए और क्या होगी?

हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि हम एक ऐसी विरासत दें जिस पर आने वाली पीढ़ियां गर्व कर सकें।

नोट:- यह छोटा-सा मोटिवेशनल आर्टिकल शिव खेड़ा जी के किताब “जीत आपकी ” से प्रेरित है।

 

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ये तीन कहानियाँ बताती हैं कि शुरूआत कहीं से भी हो सकती है https://www.hamarisafalta.com/2015/10/3-life-changing-story-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/10/3-life-changing-story-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 27 Oct 2015 19:17:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/10/27/3-life-changing-story-in-hindi/ कल्पना सरोज:- कल्पना सरोज, कभी कीटनाशक का जहरीला दवा की तीन बोतलें पीकर मौत चाही थीं लेकिन कमानी ट्यूब्स की एक नामी कम्पनी की CEO  हैं इसका 600 करोड़ का टर्नओवर है।  इनका जन्म एक गरीब तथा दलित वर्ग में हुआ था। भारत में छोटे जाति में पैदा होने वाले लोगों के साथ पक्षपात किया जाता है, जिसका सामना कल्पना जी को भी करना पड़ा। कल्पना जब अपने दोस्तों से मिलने उनके घर जाया करतीं थीं तो उन बच्चों के […]

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कल्पना सरोज:- कल्पना सरोज, कभी कीटनाशक का जहरीला दवा की तीन बोतलें पीकर मौत चाही थीं लेकिन कमानी ट्यूब्स की एक नामी कम्पनी की CEO  हैं इसका 600 करोड़ का टर्नओवर है। 

इनका जन्म एक गरीब तथा दलित वर्ग में हुआ था। भारत में छोटे जाति में पैदा होने वाले लोगों के साथ पक्षपात किया जाता है, जिसका सामना कल्पना जी को भी करना पड़ा। कल्पना जब अपने दोस्तों से मिलने उनके घर जाया करतीं थीं तो उन बच्चों के माता-पिता उनको घर में घुसने नहीं देते थे। और उन्हें स्कूल के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने नहीं दिया जाता था क्योंकि वे दलित थीं। मन ही मन कल्पना दोहराती रहतीं कि मेरे साथ ऐसा क्यों होता है? आखिर मैं भी तो इंसान ही हूँ!

जब कल्पना 12 वर्ष की हुईं तो उनकी शादी उनसे 10 वर्ष बड़े आदमी से कर दी गई।  शाद के बाद वो मुंबई में अपने पति के साथ झुग्गी में रहीं।  उनके पति के बड़े भाई और भाभी उनके साथ बुरा बर्ताव करते, बालों को नोचते और छोटी-छोटी बातों पर उन्हें पीटते थे। उन्होंने अपने पति से तलाक के लिए कई सामजिक दबावों का सामना किया, वो हर दिन मानसिक रूप से टूटती जा रही थीं।

वे अपनी जिंदगी से तंग आ चुकी थीं, इसलिए वे अपने पिता के साथ अपने गांव लौट आईं।  गांव वालों ने उनका हुक्का-पानी बंद कर दिया। निराशा में कल्पना ने अपनी जिंदगी को ख़त्म करने का फैसला कर लिया और एक कीटनाशक दवा की तीन बोतलें पी लीं। कल्पना के मुंह से झाग आते और उसे कांपते हुए देख उसकी आंटी ने उसे बचा लिया।

जब वो मौत के मुंह से बाहर आईं तो उन्होंने फैसला कर लिया कि अब मरने से पहले इस जिंदगी में कुछ बड़ा करना है।

16 साल की उम्र में वे दोबारा मुंबई लौटीं और हौजरी हाऊस में 2 रूपये रोज  शुरू कर दिया। जब वे 22 साल की हुईं तो उन्होंने स्टील फर्नीचर के  कारोबारी से शादी कर लिया पर कुछ वक्त बाद उनकी मौत हो गयी। फिर उन्होंने खुद कारोबार संभाला। कुछ सैलून बाद कंस्ट्रक्शन बिजनेस शुरू किया और फिर स्टील और शुगर फैक्ट्री खोली।  2006 में 17 साल से बंद पड़ी कमानी ट्यूब्स कंपनी का अधिग्रहण किया। आज कल्पना 600 करोड़ के समूह की CEO हैं।

 

वीरेन्द्र सिंह :- वीरन्द्र सिंह, सुन-बोल नहीं सकते।  अपने कोच के इशारों और पहलवानों को देख सीखी कुश्ती।

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हरियाणा के झज्जर  वीरेन्द्र गूंगा पहलवान के नाम से मशहूर हैं।  वे सुन बोल नहीं सकते।  सीआरपीएफ में काम करने वाले पिता को कुश्ती पसंद थी। उन्हें देख 5-6 साल की उम्र में वीरेन्द्र भी पहलवानी करने लगे।  लोग उन्हें देखकर ताने कसते थे, कहते थे की देखो अब गूंगा भी पहलवान बनेगा।  पर वे अखाड़े में कोच के होठों की फड़कन और पहलवानों को देखकर दांवपेंच सीखने लगे।  2002 में नेशनल चैम्पयनशिप में टॉप-3 में थे पर अंतराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं के लिए सलेक्शन नहीं हुआ।  वे दुखी हुए, पर लगे रहे, और उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

डीफ़्लिम्पिक्स यानी बधिरों के ओलम्पिक में 2005 (मेलबॉर्न) और 2013 (बुल्गारिया) में स्वर्ण जीता।  पहलवान सुशील कुमार कहते हैं कि वीरेन्द्र से पांच बार भीड़ा पर हरा नहीं पाया।

 

नवीन गुलिया :- 20 साल पहले डॉक्टर ने कहा था- ज्यादा से ज्यादा तीन दिन की जिंदगी है। 

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गुड़गांव के नवीन देहरादून की मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग लेते वक्त बाधा-दौड़ में फिसलकर गिरा पड़े।  इस दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी टूट गयी और शरीर लकवाग्रस्त हो गया।  डॉक्टरों ने कहा तीन दिन से ज्यादा नहीं बच सकते।  ये बात 1995 की है।  नवीन कहते हैं- ‘मेरी सिर्फ पलकें हिल सकतीं थीं, पर मेरा दिमाग काम कर रहा था।  मैंने खुद से कहा की मैं सब कर सकता हूँ।  और मैं चेतन मस्तिष्क तक बार-बार यह सन्देश भेजता रहा कि मैं ठीक हो रहा हूँ, मैं ठीक हो जाऊंगा और मैं ठीक हो रहा हूँ।  धीरे-धीरे मेरे शरीर ने रिस्पॉन्स करना शुरू कर दिया। दो साल अस्पताल में रहने के बाद व्हीलचेयर पर बाहर आया।  कार में बदलाव कर चीन सीमा से सटे मार्सिलिक दर्रे के सफर पर निकल गया।  माउंट एवरेस्ट के बेस कैम्प से भी 1200 फ़ीट ऊपर 18600 फ़ीट ऊंचाई पर इस दर्रे में महज 55 घंटे में पहुँचने का रिकॉर्ड बना डाला।

इन्हें भी जरूर पढ़ें;- १. गहने बेचकर शुरू किया काम, आज हैं अरबपति..

२. पैरोँ की अंगुलियोँ से गढ़ रहे हैँ अपना भविष्य

दोस्तों, इन तीनों रियल लाइफ हीरोज़ से इंस्पायर प्रेरणादायक कहानियां हमें बताती हैं कि शुरूआत कहीं से भी की जा सकती है।

 

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इच्छाशक्ति को सोने में बदलने के छः सिद्धांत https://www.hamarisafalta.com/2015/10/willpower-success-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/10/willpower-success-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 06 Oct 2015 15:40:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/10/06/willpower-success-article-in-hindi/ दोस्तों, लाइफ में हम किसी कार्य को करने के लिए बहुत ज्यादा प्लानिंग करते हैं।  चाहे वो अमीर बनने के लिए हो, चाहे वो एग्जाम में अच्छे नंबर से पास होने के लिए हो, या चाहे वो किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए हो। लेकिन किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए मन में दृढ इच्छाशक्ति का होना अनिवार्य है। आइये जानते हैं वो छः सिद्धांत कौन से हैं जो हमें सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ा सकते […]

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दोस्तों, लाइफ में हम किसी कार्य को करने के लिए बहुत ज्यादा प्लानिंग करते हैं।  चाहे वो अमीर बनने के लिए हो, चाहे वो एग्जाम में अच्छे नंबर से पास होने के लिए हो, या चाहे वो किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए हो।

लेकिन किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए मन में दृढ इच्छाशक्ति का होना अनिवार्य है।

आइये जानते हैं वो छः सिद्धांत कौन से हैं जो हमें सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ा सकते हैं:-

(१.) लक्ष्य का चुनाव:- अपने मस्तिष्क में अपने टारगेट को स्पष्ट कर लें कि वाकई आपका लक्ष्य क्या है? यदि आपको धनवान बनना है, पैसे कमाना है, तो उस पैसे की निश्चित राशि दिमाग में क्लिअर कर लें जिसे हासिल करने के लिए आप दिन-रात एक कर सकते हैं। बिना निश्चित या अपरिभाषित लक्ष्य के रास्ता कभी साफ़ नहीं हो सकता। “मुझे बहुत अमीर बनना है, बहुत पैसे कमाने हैं!” ऐसे लाइनो का प्रयोग करने की बजाये एक निश्चित राशि को लेकर विचार करना श्रेष्ठ है, जैसे इन शब्दों की जगह स्पष्ट  का  करें:- “मुझे इस महीने 4,16,666 रूपये कमाने हैं।  चार लाख सोलह हजार छः सौ चैसठ रूपये  इस महीने की मेरी इनकम होगी” “इस रकम के साथ ही अब मुझे आगे बढ़ना है और इन छः महीनों के अंदर 25,00,000 पच्चीस लाख रूपये की राशि के साथ सफलता हासिल करना है।”

लक्ष्य जितना साफ़ होगा, सफलता का प्रकाश उतना ही उजागर होता चला जायेगा। निश्चित रकम निर्धारित करने से आप कभी भी अपनी दिशा से नहीं भटकेंगे, और यह आपकी अमीरी की दिशा में आपका बढ़ता हुआ सही कदम होगा। ऐसे ही लक्ष्य का चुनाव आपको हर उसे कार्यक्षेत्र में सफलता दिलाएगा जिसका आप कई दिनों से सपना देखते आ रहे हैं।  पर दिमाग में लक्ष्य प्राप्ति की इच्छाशक्ति जोरों से होनी चाहिए तभी आप आगे कदम बढ़ा पाएंगे।

(२.) कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है :- लोग कहते हैं कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है।  पर आज की तारीख में मुझे लगता है कि कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है।  बहुत कुछ खोने से तात्पर्य है कि आप अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। आप किस भरोसे पर अपने लिए कुछ पाने की उम्मीद करते हैं।  आपने निर्धारित लक्ष्य चुना है कि आप इस महीने 4,16,666 कमाने वाले हैं लेकिन आप इसके लिए क्या कीमत चुकाना चाहते हैं।  कीमत चुकाने से तात्पर्य है, आप ऐसा क्या करने वाले हैं कि इस महीने आपके अकाउंट में धन की एक निश्चित राशि जमा होने वाली है। क्या आप इसके लिए दिन-रात एक करके काम करना पसंद करेंगे, क्या आपके टीम में आप अपना विश्वास दोगुना करना पसंद करेंगे।  आप उन 4,16,666 रूपये जो आपका निश्चित लक्ष्य है उसके बदले  क्या देना चाहेंगे क्योंकि बड़ी सच्चाई यह है कि इस दुनिया में कोई भी चीज मुफ्त में नहीं मिलती।  क्या आप मेहनत करने और कीमत चुकाने को तैयार हैं? इच्छाशक्ति को कार्य में बदलने के लिए आपको मेहनत करना ही पड़ेगा, पसीना बहाना ही पड़ेगा, संघर्ष करना ही पड़ेगा।  याद रखिये शेर को भी शिकार करने के लिए जाना ही पड़ता है, उसको बैठे-बैठे नाश्ता नहीं मिल जाता।  इसलिए सिर्फ कल्पना करने, सोचते रहने, सपने देखते रहने से कुछ नहीं होता, आपको यदि कुछ पाना है, तो अपने नींद चैन को त्यागना होगा। तभी आपका लक्ष्य पूरा होते नजर आएगा।

(३.) निश्चित तारीख का होना:- एक निश्चित तारीख तय कर लीजिये, कि वो कौन-सी तारीख होगी जब आपके बैंक अकाउंट में 4,16,666 रूपये जमा हो गए होंगे।  तारीख तय करने का फायदा यह होता है, कि आप हमेशा समय का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ते हैं। आपके कार्य करने की ऊर्जा का सही जगह ही इस्तेमाल होता है।  इसलिए एक निश्चित तारीख तय करना बहुत जरुरी है।  यह कहने की बजाये कि  “4,16,666 रूपये फलाना कार्य के बदले मिलने हैं यह कहिये “मुझे फलाना कार्य करना है जिसके बदले 14 November 2015 को मेरे बैंक अकाउंट में इस महीने का 4,16,666 रूपये जमा होना है। ”

(४.) योजना, जो आपकी इच्छाशक्ति को मजबूत करेगी:-  आपका सबसे मजबूत पड़ाव आपकी अपनी योजना है।  बिना किसी प्लान के आगे नहीं बढ़ा जा सकता।  आपका लक्ष्य स्पष्ट है कि आपको 14 Nov. 2015 को बैंक खाते में चार लाख सोलह हजार छः सौ चैसठ रूपये चाहिए लेकिन यदि आपके पास कोई योजना नहीं तो आगे बढ़ने का सवाल ही खत्म हो जाता है।  एक निश्चित प्लान बना लें कि किस तरह आपको अपनी प्रबल इच्छा को हकीकत में बदलना है।  प्लान बनते ही अपने कार्य में जुट जाएँ।  ये मत देखें कि आपके पास क्या है, क्या नहीं? जो है उसी के साथ अपने योजना के अनुरूप कार्य शुरू कर दें।  जब आप आगे बढ़ते जायेंगे, वो सारी चीजें भी सामने आती जाएँगी जो आपके लिए जरूरी है और उतने समय आप उसे आसानी से हासिल कर पाएंगे।  इसलिए बस कदम बढ़ाने और आपके शुरूआत करने की देरी है।  अपनी योजना के अनुसार आगे बढ़ते चले जाएँ।

(५.) लक्ष्य को हमेशा सामने पाएं:-

आप लक्ष्य क्या है ? उसे हासिल करने के लिए आप क्या कीमत चुकाना चाहते हैं ? उसे कितने दिनों तक साकार करना है ? उसके लिए आपने क्या योजना बनाई है ? ऊपर बताये गए सभी स्टेप को स्पष्ट रूप से संक्षिप्त बनाकर नोट कर लें।  अपने टारगेट की छवि हमेशा मन में बनाते रहें।  उसका प्रिंट आउट निकालकर रखें।  /लैपटॉप/कंप्यूटर /मोबाइल में वॉलपेपर रख दें।  ताकि आप अपनी दिशा से कभी भटकें नहीं।  जब नक्शा सामने हो तो दिशा से भटकने का सवाल ही नहीं उठता।

(६.) आत्मविश्वास को बरकरार रखें:- जब तक मन में उत्साह नहीं आता शरीर अपना कार्य नहीं करता।  यदि आपको अपने अंदर आत्मविश्वास को बनाये रखना है तो आप अपने लिखे हुए स्पष्ट ब्योरे को दिन में दो बार रोज पढ़ें।  एक सोने से पहले और एक बार सुबह उठते है।  सोने से पहले अपने लक्ष्य को याद करना आपको यह बताएगा कि अभी आप कहाँ पहुंचे हैं।  सुबह उठते ही ब्योरे को पढ़ना आपको बताएगा कि आज का काम कितना है और बचे हुए काम को कैसे आगे तक लेकर जाना है। और जब ये दोनों प्रक्रिया साथ-साथ चलती रहेगी तो आपके कदम कभी भी पीछे नहीं मुड़ेंगे।  आप हमेशा इसी उत्साह, जोश और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते चले जायेंगे।

दोस्तों, हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल से आप भी अपनी इच्छाशक्ति को सोने में बदल सकते हैं।  अपने कार्य क्षेत्र में चमत्कार कर सकते हैं। अपने सपनों को सच कर सकते हैं। और इन सिद्धातों को अपनी जिंदगी में शामिल करके एक बेहतर जिंदगी जी सकते हैं।

                                                                                          धन्यवाद!

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खत, जो आपकी जिंदगी बदल सकती है https://www.hamarisafalta.com/2015/10/life-changing-emotional-letter-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/10/life-changing-emotional-letter-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 05 Oct 2015 05:28:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/10/05/life-changing-emotional-letter-in-hindi/ दोस्तों आज मैं आप सभी पाठकों के लिए एक इमोशनल खत लेकर आया हूँ जिसमें हमारी जिंदगी को सुन्दर और बहुत ही खूबसूरत बनाने के बारे में बताया गया है। यह खत एक दादाजी ने अपने पोते के लिए लिखा है।  कृपया इस खत को खुले मन से पढ़ें, मेरी तरह ही ये आपके दिल को भी छू जाएगी। प्यारे मुन्ना,  इस दुनिया में तुम्हारा स्वागत है। यह बहुत ही सुन्दर, अनोखी और प्यारी जगह है। और तुम्हें इसे और […]

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दोस्तों आज मैं आप सभी पाठकों के लिए एक इमोशनल खत लेकर आया हूँ जिसमें हमारी जिंदगी को सुन्दर और बहुत ही खूबसूरत बनाने के बारे में बताया गया है। यह खत एक दादाजी ने अपने पोते के लिए लिखा है।  कृपया इस खत को खुले मन से पढ़ें, मेरी तरह ही ये आपके दिल को भी छू जाएगी।

प्यारे मुन्ना,  इस दुनिया में तुम्हारा स्वागत है। यह बहुत ही सुन्दर, अनोखी और प्यारी जगह है। और तुम्हें इसे और भी सुन्दर और भी प्यारी बनाने के लिए भेजा गया है।  भेजा किसने है? यह आज तक कोई नहीं जान पाया है! और शायद जानकर कुछ हासिल भी नहीं होगा।  इसलिए ऐसे सवालों पर तुम  अपना समय बर्बाद मत करना। हम सबके पास एक सीमित समय होता है, और जितना भी हो कम ही होता है।  इस दुनिया में इतना कुछ है देखने को, जानने को, महसूस करने को कि तुम्हारे पास थोड़ा भी वक्त नहीं है बर्बाद करने को। संभावनाएं असीम है, तुम कुछ भी बन सकते हो, कुछ भी कर सकते हो, इस दुनिया को बदल सकते हो।  हर दिन कुछ नया करना, कुछ नया सीखना, कुछ नया सोचना। और कभी किसी काम को लेकर मन में दुविधा हो तो याद रखना ना करके पछताने से कहीं अच्छा है करके पछताना क्योंकि अगर कुछ काम करने कुछ न भी मिला तो तजुर्बा मिलेगा और वो बहुत  कीमती होता है। हर चीज का तजुर्बा करना, लेकिन किसी भी चीज की आदत मत डालना।  तजुर्बे तुम्हें सही और गलत में फर्क करना सिखाएंगे। गलतियां करने से बचना पर गलतियां करने से डरना मत!  गलतियां वही करते हैं जो कुछ करते हैं  . अपनी गलतियों की जिम्मेदारी लेना, उन्हें सुधारना, दूसरों की गलतियों को माफ़ करना, उन्हें उसे सुधारने का मौका देना।  कोई जान बूझकर कोई गलती नहीं करता, कोई जान-बूझकर बुरा बर्ताव भी नहीं करता।  किसकी जिंदगी में क्या चल रहा है ये कोई भी नहीं जानता। इसलिए सबको वही मौके देना जो खुद को दोगे, सबसे उतनी ही नरमी बरतना जितना खुद पे बरतोगे। सबकी इज्जत करना।  सब पे भरोसा करना और सबसे प्यार करना। इस दुनिया में प्यार की बहुत कमी है बेटा! और सबको इसकी बहुत जरुरत है। तुम्हें भी होगी।  मांगने में हिचकिचाना मत और दिखाने में झिझकना मत। जिंदगी बहुत छोटी है, शर्म के लिए संकोच के लिए आये न आये जी-खोलकर नाचो, गला फाड़के गाना, मन भरके खाना, खुलके हंसना और जोर से रोना।  बस शरीर से ही बड़े होना, मन से नहीं।  जिस दिन अंदर से ये बचपना गया, ये मासूमियत गयी उस दिन समझो जिंदगी गयी।  भविष्य के बारे में सोचना, पर चिंता मत करना।  बीते दिनों को याद करना पर उनमें खो मत जाना।  जिंदगी में कुछ अच्छे दिन आएंगे कुछ बुरे।  अच्छे दिनों में घमंड मत करना और बुरे दिनों में हताश न होना।  सफलता का सारा श्रेय खुद को मत देना और असफलता का जिम्मा दूसरों पर मत थोपना।  बस आगे बढ़ते जाना।  खुशियां बांटते जाना और ये जरूर याद रखना, कि तुम्हें यहाँ सिर्फ एक ही कारण से भेजा गया है कि तुम इस दुनिया को और भी सुन्दर और भी प्यारी जगह बना सको। 

                                                                                                             ढेरों आशीर्वाद के साथ                                                                                                                                         तुम्हारा दादा

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असफलता के 20 प्रमुख कारण https://www.hamarisafalta.com/2015/09/20-major-cause-of-failure-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/09/20-major-cause-of-failure-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 29 Sep 2015 17:22:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/09/29/20-major-cause-of-failure-in-hindi/ असफलता के 20 प्रमुख कारण दोस्तों यह टॉपिक ‘नेपोलियन हिल’ की किताब “सोचिये और अमीर बनिये” से प्रेरित है। इस पोस्ट में लगभग उन सारे पॉइंट्स को डिस्क्राईब किया गया है जिसकी वजह से आप या हम सफल होने से चूक जाते हैं। इस लाइफ में सफलता को लेकर सबसे बड़ा उलझन यह है कि बहुत से लोग खुद को सफल होने के लिए समर्पित कर देते हैं, जोर लगाकर प्रयास करते हैं इसके बावजूद भी उन्हें सफलता नहीं मिलती। […]

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असफलता के 20 प्रमुख कारण

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दोस्तों यह टॉपिक ‘नेपोलियन हिल’ की किताब “सोचिये और अमीर बनिये” से प्रेरित है। इस पोस्ट में लगभग उन सारे पॉइंट्स को डिस्क्राईब किया गया है जिसकी वजह से आप या हम सफल होने से चूक जाते हैं।

इस लाइफ में सफलता को लेकर सबसे बड़ा उलझन यह है कि बहुत से लोग खुद को सफल होने के लिए समर्पित कर देते हैं, जोर लगाकर प्रयास करते हैं इसके बावजूद भी उन्हें सफलता नहीं मिलती। सोचने वाली बात यह है कि ज्यादातर लोग इस दुनिया में असफल होते हैं और सिर्फ चंद लोग या बहुत ही कम लोग ही सफलता की ऊँचाइयों पर पहुँच पाते हैं।

‘नेपोलियन हिल’ ने असफल होने और सफलता प्राप्त करने वाले लोगों का गंभीरता से विश्लेषण किया। और उनके शोध में असफलता के पीछे 31 प्रमुख कारणों का पता चला और इस पोस्ट में उनमें से 20 कारणों का विस्तार से वर्णन किया जा रहा है। जब आप इन पॉइंट्स को पढ़ें तो खुद के अंदर झांककर देखें कि कहीं इनमें से एक आदत की वजह से भी आप असफल तो नहीं हो रहे।

(1.) हानिकारक आनुवंशिक पृष्ठभूमि:- यकीन मानिये ऐसे लोग जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते जिनके सोचने की शक्ति ही कमजोर हो गयी हो। मैं ऐसे भी लोगों को जानता हूँ जो न ही कुछ बड़ा सोचते हैं और यदि आप उनसे अपने अच्छे विचार साझा करते हैं, अपने बड़े सपनों के बारे में बात करते हैं। तो उनका रवैया हमेशा आपको गलत साबित करना ही रहता है। यह उस व्यक्ति को हमेशा कमजोर बनाती जायेगी जो सिर्फ नकारात्मकता की भावना लिए जीते हैं। याद रखिये, असफलता और सफलता का प्रतिशत अधिकतर आपके सोच पर निर्भर करता है। यदि आप अपने अतीत को लेकर हमेशा गलत सोच के बैठे रहेंगे कि आपका कुछ नहीं हो सकता तो यकीनन आप उस बात के साथ बुरा समझौता कर रहे होंगे। क्योंकि नकारात्मक सन्देश जो आप स्वयं के लिए दे रहे हैं आपको हमेशा कमजोर बनाएगा।

(2.) जीवन में अच्छी तरह परिभाषित लक्ष्य का अभाव:- जब तक आपको जाना कहाँ हैं, आप तय नहीं करेंगे तो आप हमेशा खुद को भटकता हुआ ही पायेंगे। वह व्यक्ति जो आँख मूंदकर चल रहा हो, जिसका कोई निश्चित लक्ष्य न हो जिस पर वो निशाना साध सके, उसके लिए सफल होने की आश रखना भी एक बहुत बड़ी गलती के बराबर है। मैंने बहुतों को देखा है, जो बिना सही दिशा के ही मेहनत किये जा रहे हैं, जिनका कोई केन्द्रीय लक्ष्य नहीं है। और शत् प्रतिशत यही उनकी असफलता का सबसे प्रमुख कारण है।

(3.) औसत दर्जे से ऊपर उठने की महत्वाकांक्षा का अभाव:- वही व्यक्ति जीवन में कोई बड़ा मुकाम हासिल करते हैं जो हमेशा अपने कार्य के प्रति समर्पित तथा सजग रहते हैं। और इसके विपरीत जो अपना जीवन सिर्फ आलस्य में, बड़े-बड़े ख्वाब देखते हुए, उदासीन होकर बिताते हैं, जो जीवन में न तो खुद आगे बढ़ना चाहते हैं और जिसके अंदर कुछ पाने के लिए कीमत चुकाने की इच्छा भी नहीं होती उसके सफलता के बारे में सोचना, कोई बुद्धिमानी की बात नहीं होगी।

(4.) अपर्याप्त शिक्षा:– शिक्षा वह माध्यम है जो आपको ऊँचाइयों तक ले जाने में आपकी सहायता करती है। शिक्षित व्यक्ति बनने के लिए सिर्फ कॉलेज की डिग्री ही काफी नहीं होती है। शिक्षित आदमी वह होता है जिसने वह चीज पाना सीख लिया है जो जीवन में पाना चाहता है और इस पूरी प्रक्रिया में वह दूसरों के अधिकारों का हनन नहीं करता। अनुभव से ये बात साबित हो चुकी है कि सर्वश्रेष्ठ शिक्षित लोग अक्सर वे होते हैं जो “स्व-निर्मित” या “स्व शिक्षित” होते हैं। इस बात को समझना बहुत ही जरूरी है कि लोगों को सिर्फ उनके ज्ञान के लिए पैसे नहीं मिलते बल्कि, इस बात के पैसे मिलते हैं कि वे अपने ज्ञान का किस तरह उपयोग करते हैं। शिक्षा के माध्यम से ही अपने अंदर उन गुणों को विकसित किया जा सकता है जिसके द्वारा आप एक सफल इंसान बन सकते हैं।

(5.) आत्म-अनुशासन की कमी:-  अनुशासन का सीधा सम्बन्ध आत्मनियंत्रण से है। आत्मनियंत्रण मतलब खुद को पूरी तरह से अनुशासित करके रखना। खुद को अनुशासित करना सबसे कठिन कार्य रहता है। लेकिन याद रखिये आप ही वो इंसान हैं जो आपकी जिंदगी बदल सकता है। शीशे के सामने खड़े होने पर आपको अपना सबसे अच्छा दोस्त और अपना सबसे बड़ा दुश्मन एक साथ खड़ा नजर आयेगा। बेहतर होगा कि हम अपने नकारात्मक गुणों पर ज्यादा से ज्यादा कंट्रोल करने की कोशिश करें।

Must Read:- आपकी सबसे बड़ी शक्ति- आत्मनियंत्रण 

(6.) बुरा स्वास्थ्य:- मेरे अनुसार सेहत है तो सफलता है। पर कभी-कभी या ज्यादातर मैं खुद भी अपने काम में इतना डूब जाता हूँ कि मेरा सेहत खराब होना निश्चित हो जाता है। बिना अच्छी सेहत के सफलता का सुख भोगना संभव ही नही है। मुझे इसका एहसास तब होता है जब मैं खुद इस बात का पालन नहीं करता और बीमार पड़ जाता हूँ। बुरे स्वास्थ्य के कई कारणों पर काबू पाया जा सकता है। इनमें से मुख्य हैं:-

अ. सेहत खराब होने का प्रमुख कारण हानिकारक भोज्य पदार्थ की अधिकता है।

ब. सेक्स की अधिकता या उसका गलत प्रयोग।

स. उचित शारीरिक व्यायाम का अभाव होना।

द. नकारात्मक विचारों को मन में शरण देना।

(7.) टालमटोल की आदतें:- टालमटोल की आदत एक भयानक बीमारी के समान है। क्योंकि यह इंसान के लिए सफलता के दरवाजों को बंद कर देता है। टालमटोल करने वाला बूढ़ा आदमी हर इंसान की छाया में खड़ा रहता है और इंतजार करता है कि कब उसे सफलता के अवसर को बिगाड़ने का मौका मिले।

हममें से अधिकांश लोग जीवन भर इसलिए सफल नहीं हो पाते क्योंकि हम किसी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले “सही समय” का इंतजार करते हैं। इंतजार मत कीजिये। समय कभी भी पूरी तरह से सही नहीं होगा… जहाँ आप खड़े हैं, वहीँ पर शुरू कर दीजिए और आपके पास जो औजार हैं उन्हीं से काम करना शुरू कर दीजिए। जब आप आगे बढ़ते जायेंगे तो बेहतर औजार आपको अपने आप मिलते जायेंगे। लेकिन बस आप अपने काम में टालमटोल मत कीजिये। आपका मन जिस कार्य को करना चाहता है, उसे करने की इजाजत दीजिए और वो करिये जो सचमुच आप करना चाहते हैं।।

(8.) लगन का अभाव:- हममें से अधिकांश लोग शुरूआत करने में तो बहुत ही अच्छे होते हैं परन्तु अपने शुरू किये गए काम को पूरा करने में बहुत ही कमजोर होते हैं। यही नहीं, लोगों की यह एक बुरी आदत भी होती है कि वे पराजय की संभावना नजर आते ही हिम्मत हार जाते हैं। याद रखिये लगन का कोई विकल्प नहीं होता। वह आदमी जो लगन को अपना मंत्र बनाता है, वह यह पाता है कि असफलता आख़िरकार थक चुकी है और उसके जीवन से हमेशा-हमेशा के लिए दूर जा चुकी है। असफलता कभी भी लगन का मुकाबला नहीं कर सकती।

(9.) निर्णय की उचित शक्ति का अभाव:- जो लोग सफल होना चाहते हैं वे तत्काल निर्णय पर पहुँचते हैं और अगर वे उन निर्णयों को बदलते हैं तो बहुत देर से बदलते हैं। जो लोग असफल होते हैं वे या तो निर्णय ही नहीं ले पाते या फिर बहुत देर से निर्णय लेते हैं और फिर पल भर में पलटकर निर्णय बदल देते हैं। अनिर्णय और टालमटोल जुड़वाँ भाई की तरह हैं। जहाँ एक मिलेगा, आम तौर पर दूसरा भी वहीँ मिलेगा। इन जुड़वाँ भाइयों को मार डालें इससे पहले कि वे आपको असफलता के खूंटे से बांध दें।

(10.) विवाह में गलत जीवन साथी का चुनाव:- गलत जीवनसाथी का चुनाव असफलता के सबसे आम कारणों में से एक है। विवाह का रिश्ता लोगों को अन्तरंग रूप से करीब लाता है। जब तक आप अपने गृहस्थ जीवन में सुख की अनुभूति नहीं करेंगे, तो असफलता निश्चित रूप से आपका पीछा करेगी। इससे भी बड़ी बात यह है कि यह असफलता का ऐसा रूप होगा जिसमें दुःख और कष्ट हैं, जो महत्वाकांक्षा के सभी लक्षणों को नष्ट कर देंगे।

Must Read:- इंटरकास्ट मैरिज-सही या गलत 

(11.) उत्साह का अभाव:- कोई भी कार्य बिना उत्साह के संभव ही नहीं है। उत्साह के बिना आप आने अंदर किसी भी प्रकार का विश्वास नहीं जगा सकते। यही नहीं, उत्साह संक्रामक होता है और जिसमें यह नियंत्रित अवस्था में होता है, उस व्यक्ति का आम तौर पर सभी लोग स्वागत करते हैं।

Must Read:- गिलहरी का उत्साह

(12.) प्रयास में एकाग्रता का अभाव:- सभी कामों में थोड़ी-बहुत जानकारी रखने वाला व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में विशेष निपुण नहीं होता.. अपने सभी प्रयासों को एक निश्चित और प्रमुख लक्ष्य पर केंद्रित और एकाग्र करें। जब तक आप अपने लक्ष्य से भटकते रहेंगे, सफलता आपसे पीछा छुडाती रहेगी।

(13.) असंयम:- असंयम के सबसे विनाशकारी रूप भोजन, मदिरा और सेक्स की गतिविधियों से सम्बंधित हैं । इनमें से किसी में भी अति, सफलता के लिए घातक होती है।

(14.) असहिष्णुता:- इसका अर्थ होता है कि आप अपने दिमाग में नये विचारों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं देते। आपने कुछ नया सीखना बंद कर दिया हो। बंद दिमाग वाला आदमी अपवाद स्वरुप ही आगे बढ़ पाता है। असहिष्णुता के सबसे विनाशकारी रूप धर्म, प्रजाति और राजनैतिक विचारों के मतभेदों से सम्बन्धित हैं…

(15.) अति-सावधानी:- वह व्यक्ति जो जरा भी जोखिम नहीं लेता, आम तौर पर उसे वही मिलता है जो बचा रहता है. क्योंकि दूसरे लोग जिन्होंने जोखिम लिया, अच्छी चीजें चुनकर ले जा चुके हैं.. अति- सावधानी भी उतनी ही बुरी है जितनी कि कम-सावधानी। दोनों तरह की अति से बचें.. यह कतई न भूलें कि जीवन में जोखिम का तत्व हमेशा रहता है।

(16.) जान-बूझकर की गई बेईमानी:- ईमानदारी का कोई विकल्प नहीं है। परिस्थितियों के दबाव के कारण, जिन पर इंसान का कोई नियंत्रण नहीं होता, कोई भी क्षणिक तौर पर बेईमानी कर सकता है। और इससे कोई स्थायी हानि नहीं होगी.. परन्तु ऐसे आदमी के लिए कोई आशा नहीं है जो जान-बुझकर बेईमानी का रास्ता चुनता है। देर सबेरे उसे अपने कार्यों का फल मिलेगा और इसका परिणाम यह हो सकता है कि उसकी प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल जाये या वह अपनी स्वतंत्रता तक गँवा बैठे।

(17.) घमंड और अहंकार:- घमंडी इंसान और अहंकारी व्यक्ति, इनके जीवन में हर कदम पर असफलता का टिकाव रहता है. ये दोनों गुण लाल बत्तियाँ हैं जो दूसरों को दूर रहने की चेतावनी देती हैं.. यह दोनों सफलता के लिए घातक हैं।

(18.) फिजूलखर्ची की आदत:- फिजूलखर्ची आदमी कभी भी सफल नहीं हो सकता और इसका प्रमुख कारण यह है कि वह हमेशा गरीबी के डर में जीता है.. अपने आय में से एक निश्चित हिस्सा अलग रखकर नियोजित बचत की आदत विकसित करें.. जब आप व्यक्तिगत सेवाओं की बिक्री में सौदेबाजी करेंगे तो बैंक में रखा पैसा आपके साहस की सुरक्षित आधारशिला होगा.. पैसे के बिना आपको वह लेना होगा जो आपको दिया जा रहा है और आपको वह पाकर खुशी होगी..

(19.) अन्धविश्वास और पूर्वाग्रह:- अन्धविश्वास डर का एक भयानक रूप है। यह अज्ञानता की निशानी भी है.. जो लोग सफल होते हैं वे अपने दिमाग खुले रखते हैं और किसी भी चीज से नहीं डरते..

(20.) नकारात्मक व्यक्तितत्व:- ऐसे आदमी के लिए सफलता के लिए कोई आशा नहीं है जो नकारात्मक व्यक्तित्व के कारण लोगों को अपने से दूर कर देता है.. सफलता शक्ति के प्रयोग के द्वारा आती है.. और शक्ति दूसरे लोगों के सहयोग पूर्ण प्रयासों के द्वारा हासिल की जाती है… नकारात्मक व्यक्तित्व से सहयोग नहीं मिलता…

Note:- यह आर्टिकल सोचिये और अमीर बनिये किताब से प्रेरित है जिसके लेखक नेपोलियन हिल हैं।।

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एक शिक्षक का करुणामयी पत्र https://www.hamarisafalta.com/2015/09/teachers-day-shikshak-diwas-article.html https://www.hamarisafalta.com/2015/09/teachers-day-shikshak-diwas-article.html?noamp=mobile#respond Fri, 04 Sep 2015 21:30:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/09/04/teachers-day-shikshak-diwas-article/   मेरे प्रिय विद्यार्थी, कैसे हो तुम? इन औपचारिक शब्दों के साथ तुम्हें पत्र लिखने का साहस कर रहा हूँ। वह भी इसलिए कि साल में एक बार मुझे सम्मानित करने का दुस्साहस करते हुए तुम भी एक औपचारिकता निभा ही लेते हो। हम दोनों एक-दूसरे की पहचान है। हमारा एक-दूसरे के बिना कोई अस्तित्व ही नहीं है। मैं इस बात को अच्छी तरह से जानता हूँ, इसलिए मेरे पूरी कोशिश रहती है कि मैं अपने ज्ञान का एक-एक सुनहरा […]

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मेरे प्रिय विद्यार्थी,

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कैसे हो तुम? इन औपचारिक शब्दों के साथ तुम्हें पत्र लिखने का साहस कर रहा हूँ। वह भी इसलिए कि साल में एक बार मुझे सम्मानित करने का दुस्साहस

करते हुए तुम भी एक औपचारिकता निभा ही लेते हो। हम दोनों एक-दूसरे की पहचान है। हमारा एक-दूसरे के बिना कोई अस्तित्व ही नहीं है। मैं इस बात को अच्छी तरह से जानता हूँ, इसलिए मेरे पूरी कोशिश रहती है कि मैं अपने ज्ञान का एक-एक सुनहरा मोती तुम पर न्योछावर कर दूँ। जिसे स्वीकार कर तुम

जगमगा उठो। अपने इस कार्य में मैं पूरी ईमानदारी से जुटा हुआ हूँ। तुम्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाने का दायित्व मुझ पर है। बड़े होकर तुम डॉक्टर, इंजीनियर, कलेक्टर, उद्योगपति या कुछ और भी बनो लेकिन समाज के एक सभ्य नागरिक बनो, इसी कोशिश में मैं तुम्हें ज्ञान के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी देता हूँ। न केवल आज, बल्कि सदियों से संस्कारों का उपहार तुम्हें देता चला आ रहा हूँ। मगर आज इन संस्कारों की कोई कीमत नहीं रह गई है और इनके साथ-साथ मेरा मूल्य भी घटता जा रहा है। आज इस बात को महसूस कर रहा हूँ। तभी अपनी व्यथा इस पत्र के माध्यम से तुम तक पहुँचाने का साहस भी कर पा रहा हूँ। हो सकता है मेरी इस पीड़ा से भीगे शब्द तुम्हें कड़वे लगे पर सच्चाई तो कड़वी होती है ना। एक बार इस कड़वेपन को पढ़ने का साहस अवश्य करना और हो सके तो इस पर विचार भी करना।

मेरे द्वारा दिए गए ज्ञान को तो तुम अच्छी तरह से ग्रहण करते हो, क्योंकि ये तुम्हें आर्थिक रूप से संपन्न बनाने में सहायक होगा, लेकिन जहाँ मैं तुम्हें कुछ संस्कार देने का प्रयास करता हूँ, तुम मेरा मजाक उड़ाने लगते हो। अपनी सीधी-सरल भाषा में व्यंग्य घोलकर कहते हो ‘‘ये सभी बेकार की चीजें हैं। आपके समय में इनकी कींमत थी लेकिन अब नहीं है। जमाना बदल गया है।‘‘ ऐसा कहते हुए तुम्हारी हँसी अट्टहास में बदल जाती है और ये अट्टहास मुझे भीतर तक बेधता चला जाता है। तुम मेरा उतरा हुआ चेहरा तो देख लेते हो, लेकिन तरबतर हुई आँखों के आँसू नहीं देख पाते हो, क्योंकि मैंने उन्हें बहने का हक ही नहीं दिया। यदि ये बह निकले, तो तुम्हारे सामने मैं कमजोर पड़ जाऊँगा। फिर अगली बार मेरे संस्कार भाषण पर तुम हँसोगे नहीं, या तो कक्षा से बाहर निकल जाओगे या अपनी हठधर्मिता से मुझे कुछ और कहने से रोक लोगे। मुझे तुम्हारी भावनाओं को समझते हुए अपना संस्कार राग बंद करना होगा और केवल ज्ञान की वीणा बजानी होगी। तभी हमारे बीच तारतम्य स्थापित होगा। तभी तुम मुझे झेल सकोगे। ‘‘झेलना‘‘ कितना पीड़ादायक है ये शब्द!! आज इस शब्द के आवरण से लिपटा हुआ मैं अपनी पहचान तलाशने की कोशिश कर रहा हूँ। मुझे लगता है कि धीरे-धीरे मेरी सही पहचान खत्म होती जा रही है और औपचारिकता हावी होती जा रही है। आज हर विद्यार्थी मुझे झेलता है। आधुनिक तकनीक के उपहार ने एक तरह से मुझे हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया है। इंटरनेट पर क्लिक की ध्वनि के साथ ज्ञान की बौछारें तुम पर ऐसी बरसती  है कि तुम उस ज्ञानवर्षा से पूरी तरह भीग जाते हो। इस ज्ञानवर्षा के बावजूद विद्यालय में मेरा वजूद तुम्हें खींच लाता है। तुम अपने विद्यार्थी होने का कर्तव्य निभाते हुए विद्यालय आते हो और विद्यार्थी जीवन के हर क्षणों को पूरी मस्ती के साथ जीते हो। बदलाव की हवा ही ऐसी चली है कि आज हर विद्यालय ने अपने विद्यार्थियों को सिर-आँखों पर बैठाया है। ‘‘चाइल्ड इज़ सुप्रीम‘‘ कहकर उसे शीर्ष स्थान दिया है। आज के बदलते समय में एक शिक्षक की तुलना में विद्यार्थी सर्वोपरि है। विद्यार्थी है तभी तो शिक्षक है, विद्यालय है। इसलिए विद्यार्थी का सम्मान करो। उसका कभी अपमान मत करो। इस नीति के अनुसार विद्यार्थी को मारना या डाँटना तो दूर की बात, उसके साथ ऊँची आवाज में बात करना या छूना भी कानूनी अपराध है। विद्यार्थी को पूरा अधिकार है कि वो किसी अप्रिय घटना के होने पर कानून का दरवाजा खटखटा सकता है। तुम्हारे अधिकारों का दायरा बढ़ने पर मैं खुश हूँ, किन्तु इन अधिकारों का फायदा उठाते हुए जब तुम छोटी-सी घटना पर भी मुझे दंड देते हुए कानूनी धारा में लाकर खड़ा कर देते हो, तो यह बहुत कष्टकर हो जाता है। मैं इस कष्ट को भी सहन करता हूँ, क्योंकि मुझे तो इसे सहन करना ही होगा। लेकिन मैं देख रहा हूँ कि इसका फायदा उठाते हुए तुम लगातार उच्छंृखल होते जा रहे हो। तुम संस्कारों की भाषा नहीं सुनना चाहते हो, अपने कान बंद कर लो। तुम नैतिक मूल्यों को नहीं समझना चाहते हो, अपने मस्तिष्क की खिड़कियाँ बंद कर लो। तुम आधुनिकता को स्वीकारते हुए, मेरा तिरस्कार करते हुए गलत राहों पर

बढ़ना चाहते हो, बढ़ते जाओ। कोई रोक-टोक नहीं, कोई व्यवधान नही। पर याद रखो- अनाचार और अनैतिकता के दलदल में जब धँसोगे, तब तुम्हारी चीखें

सुननेवाला कोई न होगा, क्योंकि तुम्हारे आसपास के सभी लोग चीख ही रहे होंगे। तब संस्कारों और नैतिक मूल्यों की मधुर ध्वनि तुम्हारे भीतर से उत्पन्न होगी। जो बहुत पहले मैंने तुम्हारे कानों में फूँकी होंगी। अपनी चीख रोककर उसे सुनने की कोशिश करना। शायद सफलता प्राप्ति के लिए, नए जीवन उद्देश्य के साथ स्वयं को फिर से तैयार कर पाओगे तुम। उस वक्त तुम मुझे याद करो न करो, शांत होकर अपने मन की बात सुनना ही मुझे याद करने के

बराबर होगा।

मुझे विश्वास है, कितने भी आधुनिक हो जाओ तुम, लेकिन मेरे ज्ञान और संस्कारों की मशाल तुम्हारा पथ आलोकित करने में कहीं न कहीं तो एक

छोटी-सी भूमिका अवश्य निभाएगी। इसी विश्वास के साथ ये पत्र लिखने का साहस कर पाया हूँ। ऐ मेरे प्यारे विद्यार्थी, केवल औपचारिकता के लिए मेरा

सम्मान करना बंद कर दो और अपनी आत्मा की आवाज सुनते हुए खुद से प्यार करना सीखो। जो स्वयं से प्रेम करता है, वह संसार की हर वस्तु को प्रेम

करता है और उसका सम्मान करता है।

तुम्हारा प्यारा शिक्षक

…….???……..

 

 

Written By:-

                                                                                               Mrs. Bharti Parimal
403,Bhawani                                                                                                              Parisar
Indrapuri BHEL
BHOPAL 462022                                                                                            

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———————————————–

हमारी सफलता. कॉम की पूरी टीम, श्रीमती भारती परिमल  जी का आभार व्यक्त करती है कि उन्होंने शिक्षक दिवस के विशेष अवसर पर एक शिक्षक की करुणामयी भावनाओं को इस हिंदी आर्टिकल के माध्यम से बताया और हमारी सफलता के सभी पाठकों के साथ इस आर्टिकल को साझा किया।

धन्यवाद !

Update:-  मित्रों, मैं आपसे माफ़ी चाहता हूँ क्योंकि मुझे इस बात की जानकारी नही थी कि इस लेख को डॉ. महेश परिमल जी ने नहीं बल्कि उनकी धर्मपत्नी श्रीमती भारती परिमल जी ने लिखा है। डॉ परिमल ने हमें मेल के माध्यम से इस बात की जानकारी दी। इसलिए इस आर्टिकल का लेखन श्रीमती भारती परिमल जी ने की है इसलिए इसकी जानकारी सुधारी जा रही है।

धन्यवाद !

Post Update:- 07/09/2015

                                सभी पाठकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभ-कामनाएं 

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अब्राहम लिंकन का पत्र https://www.hamarisafalta.com/2015/09/abraham-lincoln-inspirational-letters.html https://www.hamarisafalta.com/2015/09/abraham-lincoln-inspirational-letters.html?noamp=mobile#respond Tue, 01 Sep 2015 11:24:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/09/01/abraham-lincoln-inspirational-letters/ अब्राहम लिंकन का पत्र तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, जिन्हें गुलामों का मुक्तिदाता भी कहा जाता है, जिन्होंने देश  को विभाजित होने से बचाया, गरीब परिवार में जन्में थे. लिंकन प्रारंभ से ही मेहनती, सरल स्वभाव के और बुद्धिमान थे. आजीविका चलाने और पढ़ाई के लिए उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कभी भी किसी काम को छोटा नहीं समझा. कहा जाता है कि अमेरिका में कई महान नेता पैदा हुए किन्तु दासों और कमजोर वर्गों के प्रति […]

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अब्राहम लिंकन का पत्र

letter

तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, जिन्हें गुलामों का मुक्तिदाता भी कहा जाता है, जिन्होंने देश  को विभाजित होने से बचाया, गरीब परिवार में जन्में थे. लिंकन प्रारंभ से ही मेहनती, सरल स्वभाव के और बुद्धिमान थे. आजीविका चलाने और पढ़ाई के लिए उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

उन्होंने कभी भी किसी काम को छोटा नहीं समझा. कहा जाता है कि अमेरिका में कई महान नेता पैदा हुए किन्तु दासों और कमजोर वर्गों के प्रति पिता समान व्यव्हार करने वाले लिंकन जैसा कोई नेता पैदा नहीं हुआ.

राष्ट्रपति लिंकन ने यह पत्र अपने पुत्र के शिक्षक को लिखा था. यह पत्र एक ऐतिहासिक दस्तावेज है.

प्रिय गुरूजी,

मैं अपने पुत्र को शिक्षा के लिए आपके हाथों सौंप रहा हूँ. आपसे मेरी अपेक्षा यह है कि इसे ऐसी शिक्षा दें जिससे यह सच्चा इंसान बन सके.

सभी व्यक्ति न्यायप्रिय नहीं होते, और न ही सब सच बोलते हैं. यह तो मेरा बच्चा कभी-न-कभी सीख ही लेगा. पर उसे यह अवश्य ही सिखाएं कि अगर दुनिया में बदमाश लोग होते हैं तो अच्छे नेक इंसान भी होते हैं. अगर स्वार्थी राजनीतिज्ञ हैं तो जनता के हित में काम करने वाले देशप्रेमी भी हैं. उसे यह सिखाएं कि अगर दुश्मन होते हैं तो दोस्त भी होते हैं. मुझे पता है कि इसमें समय लगेगा. परन्तु हो सके तो उसे जरूर यह सिखाएं कि मेहनत से कमाया एक पैसा भी, हराम से मिली नोटों की गड्डी से कहीं अधिक मूल्यवान होता है.

उसे हारना सिखाएं और जीत में खुश होना भी सिखाएं, हो सके तो उसे राग-द्वेष से दूर रखें और उसे अपनी मुसीबतों को हंसकर टालना सिखाएं. वह जल्दी से जल्दी यह सब सीखे कि बदमाशों को आसानी से काबू में किया जा सकता है.

अगर संभव हो तो उसे किताबों की मनमोहक दुनिया में अवश्य ले जाएँ, साथ-साथ उसे प्रकृति की सुंदरता, नीले आसमान से उड़ते आजाद पक्षी, सुनहरी धुप में गुनगुनाती मधुमख्खियाँ और पहाड़ के ढलानों पर खिलखिलाते जंगली फूलों की हँसी को भी निहारने दें. स्कूल में उसे सिखाएं की नक़ल करके पास होने से फैल होना बेहतर है.

चाहे सभी लोग उसे गलत कहें, परन्तु वह अपने विचारों में पक्का विश्वास रखे और उन पर अडिग रहे. वह भले ही लोगों के साथ नेक व्यव्हार करे और बदमाशों को करारा सबक सिखाए.

जब सब लोग भेड़ों की तरह एक ही रास्ते पर चल रहे हों, तो उसमें भीड़ से अलग होकर अपना रास्ता बनाने की हिम्मत हो.

उसे सिखाएं कि वह हरेक बात को धैर्यपूर्वक सुनें फिर उसे सत्य की कसौटी पर कसे. और केवल अच्छाई को ही ग्रहण करे.

अगर हो सके तो उसे दुःख में भी हँसने की सीख दें, उसे समझाएं कि अगर रोना भी पड़े, तो उसमें कोई शर्म की बात नहीं है. वह आलोचकों को नजरअंदाज करे और चाटुकारों से सावधान रहे. वह अपनी शरीर के ताकत के बूते पर भरपूर कमाई करे, परन्तु अपनी आत्मा और ईमान को कभी न बेचे. उसमें शक्ति हो कि चिल्लाती भीड़ के सामने भी खड़ा होकर, अपने सत्य के लिए जूझता रहे. आप उसे ऐसी सीख दें कि मानव जाति पर उसकी असीम श्रद्धा बनी रहे.

मैंने अपने पत्र में बहुत कुछ लिखा है. देखें इसमें से क्या करना संभव है…..

आपका शुभेच्छु

अब्राहम लिंकन.

                                पिता का दिल को छूने वाला पत्र अपने पुत्र के नाम..

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Blogging…. क्या क्यों कैसे? https://www.hamarisafalta.com/2015/08/new-beginning-on-hamarisafalta-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/08/new-beginning-on-hamarisafalta-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 11 Aug 2015 06:43:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/08/11/new-beginning-on-hamarisafalta-in-hindi/ Hello Friends, बहुत दिनों बाद ‘हमारी सफलता’ पर वापिस आ रहा हूँ इतने दिन तक पोस्ट न कर पाने के लिए मैं माफ़ी चाहता हूँ.. कई लोग हमें रेगुलर अपने चैट बॉक्स के द्वारा, ई-मेल के द्वारा, फीडबैक के द्वारा बहुत सारे प्रश्न, सुझाव, और अपना मत इस साईट के लिए रखते आ रहे हैं. पर ज्यादातर लोगों के प्रश्नों का जवाब ही हम नहीं दे पा रहे थे, चाहे वो ब्लोगिंग के सम्बन्ध में हो, जैसे- क्या ब्लोगिंग को […]

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Hello Friends, बहुत दिनों बाद ‘हमारी सफलता’ पर वापिस आ रहा हूँ इतने दिन तक पोस्ट न कर पाने के लिए मैं माफ़ी चाहता हूँ..

कई लोग हमें रेगुलर अपने चैट बॉक्स के द्वारा, ई-मेल के द्वारा, फीडबैक के द्वारा बहुत सारे प्रश्न, सुझाव, और अपना मत इस साईट के लिए रखते आ रहे हैं. पर ज्यादातर लोगों के प्रश्नों का जवाब ही हम नहीं दे पा रहे थे, चाहे वो ब्लोगिंग के सम्बन्ध में हो, जैसे- क्या ब्लोगिंग को बतौर करियर के रूप में देखा जा सकता है? ब्लोगिंग से किस तरह से कमाया जा सकता है? हम ब्लॉग बनाकर क्या सिद्ध करना चाहेंगे, क्या इससे जिंदगी चल जायेगी? या चाहे वो अपनी प्रोफेशनल लाइफ के बारे में हो, जैसे- हम अपने जीवन में कैसे आगे बढ़ सकते हैं? हम किस तरह कामयाब हो सकते हैं? वो कौन-सी चीजें हैं जो हमें पीछे धकेल रही हैं? क्या कोई प्रेरणादायक हिंदी साईट किसी की जिंदगी बदल पायेगी? इस दुनिया में सफल बनने के लाखों सूत्र मौजूद हैं पर क्यों कोई बार-बार असफल होता है? हम अपने एक्साम में अच्छा क्यों नहीं कर पाते?

बहुत से लोग जो अपनी लाइफ के उलझन में हैं उनके बहुत सारे मैसेज हमारे पास मौजूद हैं पर हम सभी से माफ़ी चाहते हैं कि हम उन्हें समय नहीं दे पाए… पर आज इस पोस्ट में मैं ब्लोगिंग सम्बंधित कुछ जानकारियां सभी रीडर्स के साथ शेयर करना चाहूँगा और इसी उम्मीद में यह पोस्ट आगे लिखा जा रहा है जिससे बहुतों को उनके जवाब आसानी से मिल जायें…

ज्यादातर लोग हमसे क्या पूछते हैं!

सवाल:- आप अपने ब्लॉग पर नियमित पोस्ट क्यों नहीं लिखते?

जवाब- मैं एक स्टूडेंट हूँ, पढ़ाई (बी.सी.ए.) चल रही है.. पर अब मैं लगभग अपना फुल टाइम एक लेखक और ब्लोगर के रूप में देने वाला हूँ, इसकी शुरूआत हमने कर दी है. कुछ दिन पहले ही हमने कॉलेज के आस-पास एक रूम, रेंट पर लिया है, पहले हम 2G/3G पर काम कर रहे थे पर ब्लॉग बनवाने के ऑर्डर को ध्यान में रखकर और बहुत सारे पेंडिंग ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक broadband connection हमने लिया है और अब से आपको नियमित पोस्ट अपडेट होता नजर आएगा..

सवाल:- ब्लोगिंग कहीं पढ़ाई में रूकावट तो पैदा नहीं कर रही?

जवाब- नहीं! ऐसा बिलकुल भी नहीं है.. क्योंकि हमारा विषय तकनीकी ही है, और मेरा अनुभव कहता है कि ब्लोगिंग के लिए कुछ तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होती है और इसी कारण पढ़ाई में रूकावट कभी नहीं आती.. लेकिन जो रीडर एक कस्टमर के रूप में इसे पढ़ रहे हैं उन्हें हम बता दें कि ब्लोगिंग करना फेसबुक पर पोस्ट लिखने के बराबर ही है, और तकनीकी शब्द का इस्तेमाल सिर्फ साईट को डिजाइन करने के लिए कहा गया है…
सवाल:- हम ब्लॉग क्यों बनाएँ? इससे क्या फायदा है?

जवाब:- ब्लॉग, अपने विचारों को सिर्फ लोगों तक पहुँचाने का ही एक माध्यम नहीं है, ब्लॉग अपने अंदर के टैलेंट को सामने लाने का एक बहुत बड़ा माध्यम है. चाहे वो कंटेंट ब्लॉग के द्वारा हो या फिर विडियो ब्लॉग के द्वारा. सरल शब्दों में कहूँ तो खुद को लोगों से जोड़ने का सबसे अच्छा माध्यम सिर्फ और सिर्फ खुद का अपना ब्लॉग/वेबसाइट है.

लोगों को जब तक किसी चीज में फायदा नजर नहीं आता, वो उस काम को बेकार समझने लग जाते हैं. साधारण-सा उत्तर देना चाहूँगा कि यदि ब्लॉग से कुछ फायदा नहीं होता तो मैं क्यों अपना समय HSC पर देता. मैंने यह ब्लॉग सिर्फ इसलिए ही बनाया था कि मुझे अपनी किताब पब्लिश करने से पहले लाखों-करोड़ों लोगों तक पहुंचना है और सोच हकीकत में तब्दील हो गयी. न सिर्फ HSC के कारण बल्कि (AchhiKhabar.Com) AKC के कारण भी.. लेकिन मैंने सिर्फ ब्लॉग के माध्यम से लोगों को फायदा पहुँचाने के बारे में सोचा था और सबसे बड़ा रहस्य यह भी है कि यदि आप दूसरों की भलाई के बारे में सोचते हैं तो अपना भला स्वयं हो जाता है.. मतलब लोगों को फायदा पहुँचाने के लिए Content create कीजिये यकीनन आपको हर तरह से फायदा होगा…

सवाल:- हम ब्लॉग से कैसे और कितना कमा सकते हैं?

जवाब:- ये आपकी धैर्य और मेहनत पर डिपेंड करता है, कई लोगों का कहना होता है कि क्या ब्लॉग बनाते ही अर्निंग शुरू हो जाती है?, मैं पूछना चाहूँगा कि क्या हम धान बोने के बाद बिना फसल तैयार हुए उसे काटने का सोचते हैं… नहीं! इसके लिए हमें नियमित फसल तैयार होने तक का इंतजार करना होता है, जब तक फसल बड़ा न हो जाये उसे खाद देना रहता है, उसमें नियमित पानी सींचना रहता है. और जब फसल अच्छी तरह से पक जाए उसे तभी काटना रहता है… तब जाकर हमारी मेहनत रंग लाती है. किसी भी चीज में तुरंत परिणाम नहीं मिलते. इसलिए धैर्य रखना बहुत ही आवश्यक होता है.

कोई भी कंपनी, कोई भी अखबार, कोई भी टी.वी. चैनल किस तरह से कमाते हैं! बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी रहती है, उन सबकी कमाई का जरिया विज्ञापन मतलब Ads होते हैं.. जब हम कोई अखबार हाथ में लेते हैं तो उसमें कई सारे बैनर्स अलग-अलग तरह से अखबार पर अपना विज्ञापन करते नजर आते हैं और इन्हीं विज्ञापनों से अखबार को फायदा पहुँचता है और अखबार के आर्टिकल्स के हम पाठकों को फायदा पहुँचता है.. मतलब सबका सिद्धांत यही है कि यदि आप दर्शक, पाठक और सामने वाले को किसी भी तरह से फायदा पहुंचा रहे हैं तो आपको भी फायदा मिलने वाला है…

साधारण शब्दों में कोई भी वेबसाइट, ब्लॉग, विडियो चैनल, विज्ञापन के माध्यम से ही कमाई करते हैं. मतलब Ads ही किसी साईट पर कमाने का सबसे बड़ा जरिया है…

भारत में बहुत से ब्लोगर्स हैं जो हर महीने अपनी साईट से लाखों कमाते हैं और अमित अग्रवाल जो इंडिया के टॉप के ब्लोगर हैं उनकी महीने की कमाई 50 लाख के करीब है… मतलब आपने धैर्य के साथ नियमित अपने ब्लॉग पर अच्छे से काम किया तो आपकी कमाई किसी बड़े जॉब से दस गुना ज्यादा होगी..

सवाल:-  ब्लॉग क्यों बनाएँ? सबसे बड़ा कारण!

जवाब:- मैं रायगढ़ (छ.ग.) का रहने वाला हूँ. अब यदि मुझे अपने एरिया में मेरे खुद के किसी प्रोडक्ट की विज्ञापन करनी है तो मैं उस विज्ञापन को उस जगह पर लगाऊंगा जहाँ बहुत से लोग गुजरते हैं.. सपोस मैंने अपना विज्ञापन घड़ी चौक पर लगाया जहाँ सबसे ज्यादा ट्राफिक होती है, ताकि लोग जब वहाँ से गुजरें तो उनकी नजर उस एड पर पड़ेगी और जिसे उस प्रोडक्ट की जरूरत होगी वह फ़ौरन हमसे संपर्क करेगा… लेकिन मैंने वह विज्ञापन रायगढ़ (छ.ग.) के किसी कोने में लगाया है उसे वहाँ से गुजरने वाला व्यक्ति ही देख सकता है… लेकिन उसे गुजरात/बिहार/मध्यप्रदेश या हमारे राज्य के किसी अन्य कोने में बैठा आदमी तो नहीं देख सकता. Same यदि मैं कोई विज्ञापन किसी News Paper के माध्यम से Promote कर रहा हूँ तो उस अखबार को उस क्षेत्र के लोग ही देखेंगे जहाँ तक अखबार पढ़ा जाता है, उसे दूसरे स्टेट या दूसरे देश का आदमी तो नहीं देख सकता…

लेकिन यदि आपके स्वयं का कोई ब्लॉग या वेबसाइट है तो उसे कोई भी, कहीं से भी विजिट करके देख सकता है.. मतलब ब्लॉग एक ऐसा माध्यम है जिसमें ट्राफिक की कोई सीमा नहीं रहती, करोड़ों लोग एक ही समय में आपके ब्लॉग पर उपस्थित हो सकते हैं… और आपकी साईट पर लगे विज्ञापन को देख सकते हैं और उसका फायदा ले सकते हैं…

ब्लॉग बनाने का उत्तर साफ़ है आप न सिर्फ अपने टैलेंट का ट्राफिक बढ़ा सकते हैं बल्कि अपने विज्ञापन के लिए कस्टमर का ट्राफिक भी बढ़ा सकते हैं…

सवाल:- विज्ञापन कहाँ से आयेंगे? गूगल एडसेंस क्या है?

जवाब:- सबसे पहले गूगल एडसेंस के बारे में जानते हैं.. एडसेंस गूगल की एक फ्री एड सर्विस है जो हमारे ब्लॉग पर मुफ़्त विज्ञापन दिखाने की सेवा प्रदान करती है लेकिन यह एक Pay per Click (PPC) Google की Free Service है मतलब गूगल एडसेंस पर दिखने वाले Ads पर जब कोई Reader click करता है उसके according Google हमें Paid करता है… मतलब एडसेंस एड पर क्लिक करने से हम दूसरों की वेबसाइट पर Refer किये जाते हैं और उसी के हमको पैसे मिलते हैं, अधिकांश लोगों का यह प्रश्न रहता है कि गूगल किस माध्यम से हमें पेमेंट करता है, कल तक जवाब था चेक के माध्यम से लेकिन अब गूगल आपके बैंक अकाउंट में पैसे जमा कर देता है लेकिन जब एडसेंस के खाते में 100 डालर्स मतलब लगभग 6000 रूपये जमा हो जाते हैं तब वह आपके द्वारा तय किये गए निर्धारित Date पर पैसे आपके अकाउंट में जमा कर देता है… वैसे बहुत सारे PPC Ad Networks हैं लेकिन गूगल एडसेस सबसे अच्छा माना जाता है लेकिन उसके नियम और शर्तें बहुत स्ट्रिक्ट रहती हैं जिनका बखूबी पालन करने पर ही एडसेंस के विज्ञापन आपकी साईट पर शो होंगे..

खुद के प्रोडक्ट का विज्ञापन आप अपने ब्लॉग के माध्यम से generate करके भी बहुत अच्छा कमा सकते हैं.. Ads के लिए आप Affiliate System भी उपयोग कर सकते हैं..

सवाल:- आपके ब्लॉग पर एडसेंस का एड क्यों नहीं दिखता?

जवाब:- मुझे पहले इस बात की जानकारी नहीं थी कि गूगल एडसेंस कैसे काम करता है और किन भाषाओँ में सपोर्ट करता है और शुरू से ही हमारा फोकस रीडर्स पर और साईट डिजाइनिंग पर था.. जल्दबाजी में हमने बिना यह जाने कि गूगल एडसेंस हिंदी लैंग्वेज पर सपोर्ट नहीं करता एडसेंस के लिए अप्लाई कर दिया, और हमने दूसरे अकाउंट से भी ट्राई किया पर शायद एडसेंस अकाउंट हमारा ब्लोक हो चूका था इसलिए इन छोटी-छोटी गलतियों को नजरंदाज करना मेरे लिए बहुत बड़ी गलती साबित हुई…

सवाल:- तो क्या अब एडसेंस एड आपके ब्लॉग पर नहीं दिखेंगे?

जवाब:- नहीं! एडसेंस के विज्ञापन हमारे ब्लॉग पर अब तभी दिखेंगे जब हम अपनी दूसरी साईट का fully approvel adsense account का Ad code अपनी साईट पर लगाएंगे.. इसलिए आप मुझसे एक और ब्लॉग की अब उम्मीद कर सकते हैं.. ये ब्लॉग हिंदी तकनीकी ज्ञान पर आधारित रहेगा… जिसके लिए जल्दी से जल्दी काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है….

सवाल:- आपका फ्री ई-बुक कब रिलीज होगा साईट पर?

जवाब:- हमने सभी मेल सब्सक्राइबर्स को फ्री ईबुक देने का वादा किया था, लगभग सब तैयारी भी हो चुकी थी लेकिन बार-बार कॉलेज एक्साम्स और बाकि चीजों में ध्यान हमेशा बंटता रहा, लेकिन अब हम जल्दी से जल्दी इस पर काम करने वाले हैं, Special thanks to Rajni क्योंकि वो ईबुक के लिए हमारे साथ बहुत काम कर रही हैं..  जल्दी से जल्दी HSC के मेल सब्सक्राइबर्स को इन सबका लाभ मिलने वाला है..

सवाल:- आप कमेंट्स का जवाब क्यों नही देते?

जवाब:- कई लोग मुझे मेल करके बताते हैं कि आपके पास इतना समय नहीं कि कमेंट्स के रिप्लाई में एक थैंक्स भी न लिख सकें! ये सच है कि जो लोग कमेंट्स करते हैं वो हर दिन उसी पेज पर बार-बार विजिट करते हैं और अपने कमेन्ट सेक्शन में देखते हैं कि जवाब आया कि नहीं!

बहुत लोगों के कमेन्ट अप्रूव करने में हमें देरी हो जाती है, और वो रिप्लाई न देखकर थोड़े नाखुश हो जाते हैं… पर मैं सभी के कमेंट्स के लिए दिल से धन्यवाद देता हूँ, वो सभी जो इस ब्लॉग को इतना प्यार करते हैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ… और अब से हम कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा कमेंट्स, मेल इन सबका जल्दी से जल्दी जवाब दे सकें…

सवाल:- आप SEO और HSC के Design को बेहतर क्यों नहीं बनाते?

जवाब:- HSC पर हम समय बहुत ही कम दे पाते थे क्योंकि मेरा Main मकसद किताब लिखना ही था, लेकिन अब मैं HSC को बेहतर बनाने की कोशिश में हूँ, पहले हम इसे नोर्मल डिजाइन पर रखे हुए थे पर अब हमने डिजाइनिंग चेंज कर दी, शायद अब आपको थोड़ा प्रोफेशनल लुक नजर आ रहा होगा! मोबाइल वर्जन किसी भी ब्लॉग के लिए बहुत बड़ी Factor मानी जाती है, क्योंकि आजकल ज्यादा ट्राफिक मोबाइल से ही आता है… इसी को ध्यान में रखकर हमने साईट के लुक को चेंज कर दिया और अभी भी इसमें बहुत काम बचा हुआ है…

रही बात SEO की तो अब हम HSC पर बहुत ज्यादा फोकस करना वाले हैं, उसके Alexa rank में भी आपको जल्दी बदलाव नजर आएगा… गूगल सर्च पर भी आपको जल्दी शिकायत नहीं आएगी…

सवाल:- क्या हिंदी ब्लॉग सफल हो पायेगा?

जवाब:- बिलकुल, शत् प्रतिशत! क्योंकि हिंदी में कंटेंट की मारा-मारी चल रही है… हिंदी में स्कोप बहुत बड़ा है, हिंदी का भविष्य बहुत उज्जवल है.. ज्यादातर गूगल सर्च रिजल्ट पर अभी भी अंग्रेजी के ही कंटेंट देखने में आते हैं… और अंग्रेजी की तुलना में हिंदी में प्रतियोगिता बहुत ही कम है….

 

Friends, मैं इस एक पोस्ट के माध्यम से ही सभी जानकारियां एक साथ शेयर नहीं कर सकता, और आपके जितने प्रश्न Self Improvement से Related हैं उन सबसे सम्बंधित बेहतरीन पोस्ट आज से नियमित आपको hsc पर पढ़ने को मिलेंगी.. और आप भी अपना कीमती सुझाव, अपना प्रश्न हमें Live chat, Feedback या हमारी मेल hamarisafalta@gmail.com पर Send कर सकते हैं…

यह एक सुनहरा अवसर है, इसे हाथ से जाने मत दीजिए, अपने अंदर के टैलेंट को पहचानिये उसे दुनिया के सामने लाने का प्रयास कीजिये… यकीनन आप अपने काम में सफल होंगे, बस धैर्य रखिये क्योंकि सब्र का फल बहुत मीठा होता है… और आज की तारीख में ब्लॉग ही वह माध्यम है जो आपकी अलग पहचान बनाने में आपकी हेल्प करेगा, इसलिए आज ही आप भी अपना हिंदी ब्लॉग बनाएँ क्योंकि हिंदी में स्कोप बहुत है और प्रतियोगिता बहुत कम है… अपना ब्लॉग बनाएँ, पहचान बनाएँ और पैसे बनाएँ…

धन्यवाद!

यदि आप अपना हिंदी ब्लॉग या वेबसाइट बनवाना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें

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भाग्य किसका साथ देता है? Motivational Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2015/07/patience-motivational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/07/patience-motivational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 13 Jul 2015 08:56:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/07/13/patience-motivational-article-in-hindi/ धैर्य रखिये आप भी जीतेंगे दोस्तों, भाग्य हमेशा धीर का साथ देता है, सब्र का फल मीठा होता है यह सिर्फ कहावत मात्र नहीं है, आज इस पोस्ट में हम उन लोगों के जीवन की कुछ घटनाएँ आपके सामने रखेंगे, जिन्होंने अपने अथक प्रयास, और धैर्य के बदौलत बुलंदियों को छुआ है। सफलता का सही अर्थ उस व्यक्ति को ही पता होता है जिसने कितने ही ठोकरें खाई हों, जो कितने संघर्षों के बाद भी सफल होने के लिए जूझता […]

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धैर्य रखिये आप भी जीतेंगे

दोस्तों, भाग्य हमेशा धीर का साथ देता है, सब्र का फल मीठा होता है यह सिर्फ कहावत मात्र नहीं है, आज इस पोस्ट में हम उन लोगों के जीवन की कुछ घटनाएँ आपके सामने रखेंगे, जिन्होंने अपने अथक प्रयास, और धैर्य के बदौलत बुलंदियों को छुआ है। सफलता का सही अर्थ उस व्यक्ति को ही पता होता है जिसने कितने ही ठोकरें खाई हों, जो कितने संघर्षों के बाद भी सफल होने के लिए जूझता रहा हो, जिसने कितने भी बार हिम्मत टूटने पर खुद को संभाला हो, जो बार-बार अपने आँसू पोंछकर कुछ कर दिखाने के लिए खड़ा हुआ हो, और जिसने इस बात को पूरी तरह से समझा हो कि जब तक फसल पूरी तरह से पक नहीं जाते तब तक सब्र करना ही बुद्धिमानी है इस बात को सार्थक सिद्ध किया हो.. वही जीवन में सफल हो सकता है, और वही सफलता का सही अर्थ हमें बता सकता है…

  1. यूनानी सुवक्ता देमोस्थेनीज:- यूनानी सुवक्ता देमोस्थेनीज ने यह दिखा ही दिया कि वक्तृत्व की शक्ति राजा की शक्ति से भी बड़ी होती है। इनका जन्म ई.पू. 384 में हुआ था। ज्योतिषियों ने उसे एक सामान्य व्यक्ति बताया। वह हमेशा हकलाता था, शारीरिक रूप से दुर्बल था और प्रायः बीमार रहता था। उसके सहपाठी कभी उस पर हँसते तो कभी सहानुभूति जताया करते थे। उसके माता-पिता उसे बचपन में ही अनाथ छोड़कर चले गए, उसके चाचा ने उसकी सारी संपत्ति हड़प कर ली। देमोस्थेनीज ने उसके विरूद्ध न्यायलय में शिकायत की पर कोई सुनवाई नहीं हुई। उसने एक दिन देखा कि एक यूनान वक्ता ने श्रोताओं को मुग्ध कर लिया है और अत्यंत सम्माननीय बन गया है.. अपने दुःख तथा हताशा के बीच उसे भी महत्वपूर्ण बनने की तीव्र ईच्छा हुई।

देमोस्थेनीज ने एक प्रभावशाली वक्ता बनने का संकल्प कर लिया। लेकिन इस बीच बहुत कठिनाइयाँ थीं, हकलाने के कारण वह बीच में ही रुक जाता था, कोई लंबा वाक्य बोलने में उसे तकलीफ होती थी, वह एक साथ लम्बा वाक्य बोल नहीं पाता था। लेकिन लगातार अभ्यास से उसने इस कठिनाई को पार कर लिया। एक डॉक्टर की सलाह पर वह अपनी जीभ पर गोलियाँ रखकर शब्दों का सही तथा उच्च स्वर में उच्चारण का अभ्यास किया करता था. वह हर रोज समुद्रतट पर खड़ा होकर लहरों की आवाज से भी ऊँची आवाज में भाषण देने का अभ्यास किया करता था। वह प्रतिदिन 16 घंटे एकांत में विधि शास्त्रों तथा यूनानी पुराणों का अध्ययन और गहन चिंतन किया करता था। प्रभावशाली वक्तृत्व की कला में निपुण होने के लिए वह एक बड़े दर्पण के सामने खड़ा होकर एकाकी अभ्यास किया करता था। लोगों की संगति से बचने हेतु उसने अपना आधा सर मुंडा लिया और तहखाने में जा बैठा।

तीन वर्ष के अथक प्रयास और धैर्य के बाद वह ज्ञान का भंडार लेकर बाहर आया.. यूनानी राजा फिलिप ने कहा था- “चाहे कोई सारा विश्व भी जीत ले पर भाषण में वह देमोस्थेनीज को कभी भी नहीं हरा सकता।“ अब देमोस्थेनीज एक शक्ति का स्वामी बन चूका था।

देमोस्थेनीज का धैर्य तथा लगन अतुलनीय था, इसके फलस्वरूप प्राप्त होने वाली उनकी सफलता भी अतुलनीय थी। धैर्य के बदौलत आप जो चाहते हैं, वो पा सकते हैं!

  1. डॉ. भीमराव अम्बेडकर:- डॉ. अम्बेडकर के जीवन की संघर्ष भरी कहानी आप सबने पढ़ी होगी!

विदेश में पढ़ाई के दिनों में डॉ. अम्बेडकर सिर्फ अध्ययन में ही डूबे रहते थे, उनके जीवन में यह कथन चरितार्थ हुआ था – ‘ज्ञानातुराणा न सुखं न निद्रा’ इसका अर्थ होता है ‘ज्ञान की खोज करने वालों को न सुख नसीब होता है और न ही नींद’ उन्हें पता था कि वे शिक्षा प्राप्त करने के लिए ही अपने घर से हजारों मील दूर आये हुए हैं, उन्होंने सोचा कि सुख के प्रलोभन में समय नष्ट करने का अर्थ है अपने कर्तव्य और देश की अवहेलना करना। इसीलिए ही वे सिनेमा तथा व्यर्थ ही नगर की सड़कों पर घूमने में अपना समय बर्बाद नहीं करते थे। उन्हें पढ़ने का बड़ा ही लोभ था, पुस्तकें देखते ही उनकी थकावट जैसे गायब ही हो जाती थी, वे विशेष योग्यता प्राप्त करने के लिए लन्दन भी गए हुए थे। वे घंटों पुस्तकालय में बैठे रहते, उसके बंद होने तक वो सिर्फ अध्ययन किया करते थे.. वे बड़े ही अल्पाहारी थे और अपना सारा समय ज्ञानार्जन में लगाया करते थे, उनकी ज्ञान क्षुधा बड़ी ही प्रबल थी।

डॉ. अम्बेडकर के धैर्यपूर्वक सतत अभ्यास से ही आज देश को अलग पहचान नसीब हो पाई. उनके ज्ञान की चर्चा आज देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उन्होंने अपने ज्ञान की छाप छोड़ रखी है।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये!

कार्लायन कहते हैं, ‘कार्य को पूरा करने का दृढ़ संकल्प ही एक सबल मनुष्य की निर्बल से भिन्न पहचान बनाता है।’

डॉ. जॉनसन का कहना है कि ‘शक्ति के सहसा उपयोग से नहीं, बल्कि सतत दीर्घकालीन प्रयास से महान कार्य संपन्न किये जाते हैं।“

एक लैटिन कहावत में कहा गया है, ‘अविराम अभ्यास सभी कठिनाइयों को दूर भगा देता है।’

  1. कोलंबस की यात्रा:- भारत की खोज में कोलंबस ने अपने जलपोत को अज्ञात महासागर में आगे बढ़ाते हुए कितना ज्यादा साहस दिखाया होगा! जब कोलम्बस अपने निर्धारित लक्ष्य तक नहीं पहुँच सके तो उनके साथियों ने निराश होकर उनका बहुत विद्रोह किया और उनको समुद्र में फेंकने तक को तैयार हो गए। कठिनाइयों के इतने बड़े विशाल महासागर तथा अपने लोगों के विरोध में उन्होंने आश नहीं छोड़ी. अनंत साहस और आत्मविश्वास के साथ वे हमेशा धैर्य लिए आगे बढ़ते रहे और अंत में उन्होंने विजय प्राप्त कर ही ली..
  1. एडीसन का धैर्य:- विद्दुत बल्ब के आविष्कारक थामस अल्वा एडीसन सौ से ज्यादा बार अपने प्रयोग में असफल रहने के बावजूद धैर्यपूर्वक अपने कार्य में लगे, जब उनसे पूछा गया, ‘क्या आप इतनी असफलताओं से निराश नहीं हुए? इन असंख्य प्रयोगों से आप बोर नहीं हुए?’ उन्होंने उसका उत्तर देते हुए कहा- ‘नहीं, मैं सत्य और मिथ्या को जानने का प्रयास करते हुए ऊबा नहीं, मुझे खुशी इस बात की है कि 100 भूलें करने के बाद मेरी सत्य की खोज सार्थक हुई, यह सब मेरे धैर्य का परिणाम है, यदि मैंने कोशिश करना छोड़ दिया होता तो शायद ही आज मेरा प्रयोग सफल हो पाता, मैं लगा रहा, सब्र किया और आज मेरी प्रयोग सफल हुई।‘
  1. न्यूटन के सब्र का फल:- न्यूटन ने वर्षों की खोज में अपना जीवन लगा दिया है और उसका परिणाम लिखकर एक मेज पर रख दिया था। उनके कुत्ते से लगकर एक जलती मोमबत्ती उन कागज़ पर गिर पड़ी और सब कुछ जलकर राख हो गया। न्यूटन बड़े ही दुखी हुए पर उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी.. उन्होंने दोबारा सारे प्रयोग किये, संकल्प किया कि दृढ़-इच्छाशक्ति के बल पर उन्हें पूरा करने में सफल हुए. उनका नजरिया ही अलग था- सब कुछ जलकर राख हो जाने के बाद ही उन्होंने कहा- “इतने दिनों तक जब मैंने धैर्य रखकर अपना प्रयोग किया तो इसी धैर्य के साथ मैं आगे भी अपना प्रयोग जारी रखूँगा…।“

दोस्तों, सब्र का फल मीठा होता है  इस एक छोटे-से वाक्य में सफलता का रहस्य छुपा हुआ है। इतने महान व्यक्तियों ने इसका फायदा उठाया है क्योंकि उन सबको पता था कि आप तब तक सफल नहीं हो सकते जब तक आप सब्र के साथ धैर्य रखकर काम नहीं करेंगे।

यदि आपने रोपे हुए पौधे को यथेष्ट खाद दिया है, बीच-बीच में सिंचाई भी की है तथा उसके चारों तरफ बाड़ भी लगाया है लेकिन पौधे के वृक्ष बनकर फल देने की गति को आप कभी भी तीव्र नहीं कर सकते। यदि वह शीघ्र फल देने वाला भी हो तब भी आपको उसके पूर्ण विकसित होने की प्रतिक्षा करनी होगी। वह पूरा वृक्ष बनने के बाद ही फल देने को तैयार देगा. कर्मों के फल की चिंता किये बिना ही धैर्यपूर्वक सुकर्म करते जाइए। अंग्रेजी में एक कहावत है- ‘A Short cut may cut you short’ इसका मतलब है कि ‘किसी संक्षिप्त उपाय को अपनाने पर विफल होने की ही अधिक संभावना है’ इसलिए धैर्य रखिये, आप अपने लाइफ में जो पाना चाहते हैं, वो आपको जरूर मिलेगा लेकिन बस धैर्य रखिये, हड़बड़ाइये नहीं, अपना आश मत खोइए, यकीन रखिये खुद पर… बस पूरे धैर्य के साथ आपको आगे बढ़ना है, उन लोगों के नाम के साथ अपने नाम को शामिल करना है जो सफलता के शिखर पर पहुँच चुके हैं, इसलिए बस अपने कार्य में लगे रहिये, वृक्ष को बड़े होने दीजिए, फल को पकने दीजिए उसके बाद उसके स्वाद का आनंद आपको ही लेना है इसलिए अभी बस धैर्य रखिये और अपना कर्म करते जाइए………।।।

धन्यवाद!

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पावलोव का अंतिम सन्देश https://www.hamarisafalta.com/2015/07/secret-of-success-best-story-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/07/secret-of-success-best-story-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 04 Jul 2015 04:44:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/07/04/secret-of-success-best-story-in-hindi/    पावलोव का अंतिम सन्देश प्रसिद्ध रूसी मनोवैज्ञानिक पावलोव जब अपने मृत्यु शैया पर पड़े थे, तो उनके सभी प्रिय शिष्य वहाँ उपस्थति थे, सब छात्रों ने उनसे सफलता का वह रहस्य पुछा, जो उन सबके जीवन में भी उपयोगी साबित हो! उत्तर में पावलोव बोले- “तीव्र इच्छा और धीर गति ही सफलता का सबसे बड़ा रहस्य है।“ तीव्र इच्छा का वास्तविक अर्थ है- सच्ची लगन। और धीर गति से तात्पर्य है- क्रमशः प्रगति के दौरान हमेशा धैर्य रखना. किसी […]

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पावलोव का अंतिम सन्देश

प्रसिद्ध रूसी मनोवैज्ञानिक पावलोव जब अपने मृत्यु शैया पर पड़े थे, तो उनके सभी प्रिय शिष्य वहाँ उपस्थति थे, सब छात्रों ने उनसे सफलता का वह रहस्य पुछा, जो उन सबके जीवन में भी उपयोगी साबित हो!

उत्तर में पावलोव बोले- “तीव्र इच्छा और धीर गति ही सफलता का सबसे बड़ा रहस्य है।“

तीव्र इच्छा का वास्तविक अर्थ है- सच्ची लगन। और धीर गति से तात्पर्य है- क्रमशः प्रगति के दौरान हमेशा धैर्य रखना.

किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए मन में तीव्र इच्छा ही नहीं, बल्कि विधिवत तथा क्रमशः धीरे-धीरे बढ़ने का धैर्य भी होना चाहिए। येन-केन-प्रकारेण जल्दबाजी में लक्ष्य तक पहुँचने का प्रयास तीव्र इच्छा नहीं है। इसका अर्थ है- असफलता या संशय से हतोत्साहित हुए बिना लक्ष्य-प्राप्ति का संकल्प।

असफल होने का भय दूर करने के लिए हमें ऐसे कार्यों से आरम्भ करना चाहिए जिनमे सफलता निश्चित हो, और उन्हें पूरे निष्ठा के साथ करना चाहिए. इससे रुचि भी बढ़ती है और उत्साह, एकाग्रता एवं आनदं की प्राप्ति भी होती है. ऐसा सतत अभ्यास ही सबके सफलता का रहस्य है..

दोस्तों, पावलोव के शब्दों का हम एक अलग अर्थ में निकाल सकते हैं, किसी भी कार्यक्षेत्र में उच्च कुशलता या सफलता की प्राप्ति हेतु हमारे भीतर तीव्र रुचि व कार्य में निरंतर धीरे-धीरे बढ़ने का धैर्य होना चाहिए..

हमारे भीतर अनंत क्षमता है लेकिन बिना तैयारी के दौड़ में भाग नहीं लिया जा सकता। हमें अपनी वर्तमान अवस्था में ही उठना पड़ेगा। हमें अपने बल और क्षमता का भरपूर प्रयोग करना होगा और हमें यह भी जानना होगा कि हम उन्हें किस हद तक और कैसे बढ़ा सकता हैं। अपने बल को आँकें बिना ही यदि हम दूसरों की नकल पर दौड़ पड़े तो हम सिर्फ लड़खड़ाकर ही गिरेंगे!

जब तक पौधे से फल नहीं आ जाते तब तक धैर्यपूर्वक प्रतिक्षा करो। अभी सिर्फ भोजन का संग्रह करो, इसे तुमको बाद में खाना है। कठिनाइयों में कभी भी हार मत मानो. धैर्य रखो और सामने वाले के ताने हंसकर सह लो. शीतल जल से छींटें मारने पर उफनता हुआ दूध जिस तरह से शांत हो जाता है उसी तरह से तुम भी शांत हो जाओ।

Thanks!

 

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उधारी न मिलने के दर्द ने बनाया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रईस https://www.hamarisafalta.com/2015/06/life-changing-success-story-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/06/life-changing-success-story-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 24 Jun 2015 13:39:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/06/24/life-changing-success-story-in-hindi/       उधारी न मिलने के दर्द ने बनाया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रईस               अमनकायो ओर्टेगा गाओना, फैशन टायकून जन्म:- 28 मार्च 1936 शिक्षा:- हाईस्कूल पास भी नहीं. परिवार:- दो पत्नी (पहली रोसालिया, दूसरी- फ्लोरा) तीन बच्चे- पहली wife से सेंड्रा और मार्कोस, दूसरी wife से मार्टा. इतनी चर्चा में क्यों हैं:- दुनिया के सबसे रईस वारेन बफे को संपत्ति के मामले में पीछा छोड़ा. उनकी संपत्ति 4,45,270 करोड़ रूपये है. एक रेलवे श्रमिक के […]

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      उधारी न मिलने के दर्द ने बनाया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रईस
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       अमनकायो ओर्टेगा गाओना, फैशन टायकून
जन्म:- 28 मार्च 1936
शिक्षा:- हाईस्कूल पास भी नहीं.
परिवार:- दो पत्नी (पहली रोसालिया, दूसरी- फ्लोरा) तीन बच्चे- पहली wife से सेंड्रा और मार्कोस, दूसरी wife से मार्टा.
इतनी चर्चा में क्यों हैं:- दुनिया के सबसे रईस वारेन बफे को संपत्ति के मामले में पीछा छोड़ा. उनकी संपत्ति 4,45,270 करोड़ रूपये है.
एक रेलवे श्रमिक के बेटे जिसने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रईस होने का रास्ता बड़े आसानी से तो पार नहीं किया होगा. स्पेन के बुसदोंगों द अरब्स में पैदा हुए ओर्टेगो चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. कुछ ही दिनों में पिता को तबादले के चलते ए कोरूना कस्बे में जाना पड़ा. उनकी माँ लोगों के घरों में काम किया करती थीं. ओर्टेगो 14 साल के थे, तब एक दिन, जूते की दुकान पर माँ को उधार देने के नाम पर दुकानदार ने उनकी माँ का बहुत अपमान किया. ओर्टेगो इस अपमान को सहन न कर सके और खुद कुछ करने की ठान ली. वहाँ गाला नाम के शर्टमेकर के यहाँ उनको काम मिल गया. बस अब क्या था उन्होंने अपना सारा ध्यान काम पर लगाया लेकिन इस बीच उनकी पढ़ाई पूरी तरह से छूट गई और उनका कपड़े की दुकान में प्रवेश हो गया.

20 साल की उम्र में उन्होंने अपने भाई-बहनों और पत्नी ‘रोसालिया मेरा’ के साथ मिलकर खुद का काम शुरू कर दिया. 1972 से उन्होंने सिलाई की को-ऑपरेटिव शुरू कर दी. वे हजारों स्थानीय महिलाओं से बाथरोक्स सिलवाते थे.

1975 में पहली बार अपनी wife ‘रोसालिया मेरा’ के साथ मिलकर उन्होंने पहला जारा स्टोर खोला, जो आज फैशन की दुनिया का बहुत बड़ा नाम है. और आज भी इसके कपड़े सस्ते और अच्छी क्वालिटी होने का राज यही है कि वे अपनी कंपनी इंडीटेक्स जो जारा ब्रैंड के प्रोडक्ट्स बनाती है, को लोगों के घर से ही बनवाते हैं.

पब्लिसिटी उनको रास नहीं आती थी इसी कारण 1999 तक उनका कोई भी फोटो सार्वजनिक तौर पर कहीं भी शेयर नहीं किया गया था. लोग ये जानते तक नहीं थे कि वे कैसे दिखते हैं? कई बार तो वे उसी कॉफी शॉप में बैठे रहते जहाँ उनके कर्मचारी जाते थे लेकिन उनको कोई पहचान भी नही पता था..

पहली बार वे 2001 में तब सामने आये जब कंपनी ने अपना पब्लिक इश्यू पेश किया. जब यह इश्यू आया तब स्पेन के फायनेंशियल प्रेस ने इसे भारी भरकम छापा, लेकिन उन्होंने सिर्फ तीन ही पत्रकारों को interview दिए. उस समय उनके लिए शीर्षक था- अमनकायो ओर्टेगो- जीरो से जारा तक.

जीवन में अब तक उन्होंने कभी भी अवकाश नहीं मनाया है. दो वर्ष पहले की बात है स्पेन के ला कोरुना शहर में ट्रैफिक सिग्नल पर एक काली कार के पास एक बाइक आकर रूकी.  बाइकर एक खूबसूरत जींस जैकेट पहना हुआ था. कार में बैठे एक शख्स ने अपना मोबाइल निकाला और अपनी कंपनी में सहयोगी को उस जैकेट की डिजाइन बताई. यह शख्स कोई और नहीं ओर्टेगो ही थे.

ओर्टेगो का कहना है कि  कस्टमर जो चाहता है, वह उसे तत्काल दो, ताकि कोई दूसरे इसे न कर सके. इतनी बड़ी फैशन चेन चलाने वाला यह शख्स हमेशा कैजुअल्स में ही रहता है. भले ही ये कम पढ़े लिखे हैं लेकिन कामकाज शुरू करते ही 1976 में इन्होने अपना पहला कम्प्यूटर खरीदा और अपने सभी सेल्स को इसी से ट्रैक करते थे.

1986 में उनका ‘रोसलिया मेरा’ से तलाक हो गया, रोसलिया से उनके दो बच्चे हैं, दूसरी शादी से उनकी एक बेटी हैं, जो जारा चेन की भावी मालिक मानी जा रही हैं..

उन्होंने ठान लिया था कि जीवन में कुछ बड़ा करके दिखाना है और ठीक वैसा ही हुआ. वो आज सबसे कामयाब इंसान हैं क्योंकि उन्होंने जीतने के लिए कड़ी मेहनत की इसके बदौलत ही आज वो इतने सफल बन पाए हैं…

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जीवन का आधार- योग https://www.hamarisafalta.com/2015/06/international-yoga-day-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/06/international-yoga-day-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sun, 21 Jun 2015 05:42:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/06/21/international-yoga-day-in-hindi/ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ योग क्या है:- योग शब्द ‘यूज’ धातु से बना है जिसका अर्थ होता है जोड़ना. जीवात्मा का परमात्मा से मिल जाना, एक हो जाना ही योग है. योगाचार्य महर्षि पतंजलि ने सम्पूर्ण योग के रहस्य को अपने योगदर्शन में सूत्रों के रूप में उपदेश किया है. योगासन हेतु कुछ सामान्य सावधानियां:- योगासन करने के पूर्व शौच, स्नान आदि से निवृत्त हो जाएँ. प्रातः काल योगासन करना बहुत ही लाभकारक है. योगासन करने के तुरंत […]

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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
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योग क्या है:-

योग शब्द ‘यूज’ धातु से बना है जिसका अर्थ होता है जोड़ना. जीवात्मा का परमात्मा से मिल जाना, एक हो जाना ही योग है.

योगाचार्य महर्षि पतंजलि ने सम्पूर्ण योग के रहस्य को अपने योगदर्शन में सूत्रों के रूप में उपदेश किया है.

योगासन हेतु कुछ सामान्य सावधानियां:-

  • योगासन करने के पूर्व शौच, स्नान आदि से निवृत्त हो जाएँ.
  • प्रातः काल योगासन करना बहुत ही लाभकारक है.
  • योगासन करने के तुरंत पश्चात् ही स्नान नहीं करना चाहिए. पसीने को पंखें से न सुखाएं, शरीर का ताप सामान्य होने पर ही स्नान करना चाहिए.
  • योगासन के आधा घंटा पश्चात् दूध, दलिया, फल या अंकुरित अनाज थोड़ी मात्रा में अवश्य ही लेना चाहिए.
  • आसन एकांत, धुल मिट्टी एवं धुआं रहित स्थान पर किया जाना चाहिए. घर की छत, कोई पार्क, नदी/तालाब किनारे अथवा ऐसे खुले स्थान पर योग का अभ्यास किया जाना चाहिए जहाँ शुद्ध हवा आती जाती हो. अधिक ठण्ड में योगासन खुले कमरे में करना चाहिए.
  • आसन करते समय शरीर पर वस्त्र कम से कम और ढीले होने चाहिए.
  • समतल भूमि पर गरम कम्बल या मोटी दरी बिछाकर ही कोई आसन करें. खुली भूमि पर बिना कुछ बिछाकर आसान कभी न करें जिससे शरीर में निर्मित होने वाला विद्दुत प्रवाह नष्ट न हो जाए.
  • श्वास हमेशा मुँह से न लेकर नाक से ही लेना चाहिए.
  • आसन करते समय शरीर के साथ कोई भी जबरदस्ती न करें, धैर्यपूर्वक ही आसन करें.
  • आसन के पूर्व थोड़ा ताजा जल पीना लाभदायक होता है. संधि स्थानों का मल निकालने में जल बहुत सहायक होता है.
  • आसन की स्थिति में श्वासप्रश्वास का विशेष ध्यान रखें.
  • आसन करते समय शरीर में जिस स्थान पर खिंचाव पड़ रहा हो, किसी भी प्रकार का कष्ट होने लगे या पीड़ा का अनुभव हो तो उस अभ्यास को तुरंत बंद कर देना चाहिए.
  • आसन जितने समय तक सरलता से कर सकें उतने समय तक ही करें.
  • आसन नियमित तथा एकाग्रचित होकर प्रसन्न मुद्रा में करना चाहिए.
  • आसन में प्रतिस्पर्धा नहीं करना चाहिए.
  • भोजन के चार घंटे बाद ही कोई आसन किया जा सकता है.

अष्टांग योग

योग के द्वारा विभिन्न दशाओं को पार करता हुआ व्यक्ति मन और आत्मशक्ति का विकास करता हुआ आत्मज्ञान को प्राप्त होता है.

हमारे ऋषि-मुनियों ने योग के द्वारा शरीर मन और प्राण की शुद्धि तथा परमात्मा की प्राप्ति के लिए आठ प्रकार के साधन बतलायें हैं, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • यम
  • नियम
  • आसन
  • प्राणायाम
  • प्रात्याहर
  • धारणा
  • ध्यान
  • समाधि
  1.  यम:- सामजिक व्यव्हार में आने वाले नियमों को यम कहते हैं, जैसे किसी को न सताना, यातना न देना, लोभ लालच न करना, चोरी डकैती न करना अर्थात कोई ऐसा कार्य न करना जिससे मानव समाज के किसी भी अंग का अहित होता हो.
  1. नियम:- इसका सम्बन्ध आपके अपने चरित्र से होता है. व्यक्तिगत चरित्र स्वच्छ और उत्तम होना चाहिए जब आपका अपना चरित्र ठीक होगा तो आप समाज के एक श्रेष्ठ अंग बन जायेंगे. श्रेष्ठ समाज उत्तम व्यक्तियों से ही मिलकर बनता है.
  1. आसन:- शरीर के विभिन्न अंगों के विकास के लिए जो यौगिक क्रियाएँ की जाती हैं उन्हें आसन कहा जाता है.
  1. प्राणायाम:- प्राण विज्ञान विषय बहुत ही व्यापक विषय है परन्तु इसके अनेक अंगों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:-

प्राण+आयाम अर्थात प्राणों का आयाम

®  प्राण वायु को संतुलित रूप से लेना.

®  नियमित रूप से गहरी और लंबी सांस लेना.

®  प्राण पर सदैव अपना ध्यान रखना.

  1. प्रत्याहार:- किसी भी वस्तु में लिप्त न होना. ‘जल में जैसे कमल रहता है जग में वैसे रहना’ कमल जल में रहता है पर वह गीला नहीं होता उसी प्रकार रहना. संसार में आसक्ति अनासक्तभाव से रहना प्रत्याहार है.
  1. धारणा:- अपने मन को एकाग्र करना या एकाग्रचित होना ही धारणा है यह बहुत बड़ी बात है और जीवन में सफलता की कुंजी है.
  1. ध्यान:- प्रभु का चिंतन करना और उसके स्मरण में चित्त को लगाना ध्यान कहलाता है.
  1. समाधि:- समाधि लग जाने पर मनुष्य के अंतर में स्वतः ही प्रकाश दिखने लगता है.

आप सब भी योग को जीवन में उतारें, और स्वस्थ, खुशहाली भरा जीवन पायें!

धन्यवाद!

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Mark Zukerberg Biography in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2015/06/mark-zuckerberg-biography-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/06/mark-zuckerberg-biography-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 15 Jun 2015 06:36:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/06/15/mark-zuckerberg-biography-in-hindi/ Mark Zukerberg Biography in Hindi मार्क जुकेरबर्ग, ने दुनिया को एक बेहतरीन तौफा दिया जिसे लोग Facebook या FB के नाम से भी जानते हैं. फेसबुक एक Social Networking साईट है. जिसका उपयोग आज हर कंपनी के CEO अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए Facebook का Use करती है, कोई ऐसा आदमी नहीं होगा जो इंटरनेट Use कर रहा हो और उसका FB Account न हो!. फेसबुक का उपयोग मार्केटिंग के लिए कैसे:- Facebook आज दुनिया भर में इंटरनेट पर […]

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Mark Zukerberg Biography in Hindi

मार्क जुकेरबर्ग, ने दुनिया को एक बेहतरीन तौफा दिया जिसे लोग Facebook या FB के नाम से भी जानते हैं. फेसबुक एक Social Networking साईट है. जिसका उपयोग आज हर कंपनी के CEO अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए Facebook का Use करती है, कोई ऐसा आदमी नहीं होगा जो इंटरनेट Use कर रहा हो और उसका FB Account न हो!.

फेसबुक का उपयोग मार्केटिंग के लिए कैसे:- Facebook आज दुनिया भर में इंटरनेट पर सबसे ज्यादा Visit की जाने वाली दूसरी साईट है (No. 1 गूगल)

गूगल को सबसे ज्यादा समय देने के बाद लोग फेसबुक पर ही अपना समय बिताते हैं.. फेसबुक एक सोशल मीडिया है, जिसमें अरबों लोग हमेशा एक्टिव रहते हैं.. किसी भी कंपनी के लिए अपने user तक पहुँचने का Facebook एक सबसे अच्छा माध्यम है.

फेसबुक को बनाया किसने:- मार्क जुकेरबर्ग ही वो नौजवान हैं जिन्होंने फेसबुक की स्थापना की है, Mark Zukerberg ही Facebook के CEO (Chief Executive Officer) और अध्यक्ष हैं..

Mark Zukerberg (मार्क जुकेरबर्ग) का पूरा नाम मार्क एलियट जुकेरबर्ग है. इनका जन्म वाईट प्लेन्स न्यूयार्क (अमेरिका) में 14 May 1984 को हुआ था. मतलब आज 15 June 2015 को मार्क की आयु होगी- वर्ष-31, माह-01, दिन-01 मतलब (31 वर्ष 01 महीना 01 दिन..) उनके पिता का नाम एडवर्ड जो कि एक डेंटिस्ट और मनोचिकित्सक माँ केरन व तीन बहनों के साथ मार्क जुकरबर्ग भी यहूदी संस्कारों के साथ 13 साल तक बड़े हुए.. बाद में वे नास्तिक हो गए.. मार्क ने स्कूली शिक्षा के दौरान साइंस, मैथ्स, एस्ट्रोनामी, फिजिक्स में बहुत से अवार्ड जीते हैं..

फेसबुक की स्थापना कब हुई:- Facebook की स्थापना 4 फरवरी 2004 को की गई थी, मार्क ने जब इसे बनाया तो उन्होंने खुद भी नहीं सोचा था कि फेसबुक इतनी ज्यादा पॉपुलर हो जायेगी.

फेसबुक के निर्माण का श्रेय अकेले मार्क को देना गलत होगा क्योंकि उनके तीनों साथी डस्टिन 

मोस्कोवित्ज़,  क्रिस हुग्हेस और एडुँर्दो सवेरिन  जो उस वक्त हावर्ड के स्टूडेंट थे और साथ ही नियमित पढ़ने के लिए हावर्ड जाया करते थे, सबने  Facebook (FB) के शुरूआती दौर से ही मार्क का साथ दिया..

एक छोटे से हॉस्टल के कमरे से शुरू किया गया उनका यह सफर लाजवाब रहा. मार्क के पापा उन्हें एक वकील बनाना चाहते थे लेकिन उनका रुझान बचपन से ही प्रोग्रामिंग में था इसलिए जब उन्होंने अपने पापा से कहा कि वो प्रोग्रामिंग सीखना चाहते हैं तो उनके पापा ने घर में ही मार्क के लिए एक बहुत ही अच्छे प्रोग्रामर को प्रोग्रामिंग सिखाने के लिए Request किया और यहाँ से वो प्रोग्रामिंग सीखने लगे.. इसी के बदौलत उन्होंने अपने पापा के लिए एक सॉफ्टवेयर भी बनाया था जिसके माध्यम से वो अपने पापा से ऑनलाइन बात कर पाते थे.. प्रोग्रामिंग में उनका रुचि इस कदर बढ़ा कि उसका परिणाम Facebook के जरिये हमारे सामने है..

Facebook को जब Publicly Launch नहीं किया गया था तब यह The Facebook.com के नाम से यह प्रचलित था लेकिन जब इसे Launch किया गया तब से आज तक यह facebook.com से विश्व भर में प्रसिद्ध होकर प्रगति से शिखर पर आगे बढ़ रहा है.. वे अपने सफलता का श्रेय हैकिंग को भी बताते हैं. ‘द हैकर वे’ नामक प्रसिद्ध आर्टिकल में उन्होंने बताया है कि किसी भी वेबसाइट के बारे में हम बेहतर से बेहतर जानकारियां प्राप्त करते थे, एजेंसियों की बेहतर जानकारी प्राप्त करने के लिए हैकिंग अच्छा माध्यम हो सकता है, और इसके माध्यम से फेसबुक को काफी फायदा भी मिला यह एक कारण है जो हमारी सफलता का अच्छा माध्यम बना.. इतनी छोटी उम्र में ये काम करना वाकई काबिल-ए-तारीफ़ है क्योंकि उन्होंने FB Launch किया तब वे सिर्फ 19 साल, 07 महीने, 06 दिन के थे.. मतलब हम कह सकते हैं कि बीस साल की उम्र में उन्होंने कितनी बड़ी शुरूआत की थी.. और आज की तारीख में उन्हें FB का भार संभाले साढ़े ग्यारह महीने हो चुके हैं..

जब मार्क को लगा कि फेसबुक के बारे में सबको बताना चाहिए तब अपने तीनो साथियों के साथ अपने क्षेत्र के सभी स्कूलों में जा-जाकर उसका प्रचार करने लगे क्योंकि उन्हें पता था कि आज की दुनिया में जब तक आप स्वयं की मार्केटिंग नहीं करेंगे तब तक किसी भी क्षेत्र में सफलता नहीं मिल सकती और आज वही फेसबुक जो कल तक अपना मार्केटिंग स्कूलों के माध्यम से करती थी.. आज वह मार्केटिंग फील्ड की सबसे बड़ी साईट बन चुकी है और कई कम्पनियाँ करोड़ों खर्च करके FB के through मार्केटिंग कराती हैं.. सॉफ्टवेयर और प्रोग्रामिंग की दीवानगी हावर्ड में भी उन्होंने जारी रखा इसी कारण ही पढ़ाई पूरी करने के पहले ही उन्होंने 2004 में फेसबुक का निर्माण कर लिया..

2012 में उन्होंने Priscilla Chan (प्रिसिला चान) के साथ शादी कर ली अब उनकी पत्नी भी उनके सारे काम में अपना सहयोग देती हैं.. मार्क बचपन से ही कुछ नया करने में रुचि रखते थे. उन्हें पता था कि एक दिन वो सबसे ऊंचे मुकाम तक पहुंचकर ही दम लेंगे इसी जोशपूर्ण विश्वास ने उन्हें आज दुनिया के सबसे Youngest अरबपति की लिस्ट में शामिल किया है..

Mark ने कितने पैसे कमाए होंगे:- आप सबको जानकर हैरानी होगी कि तीन लोगों से मिलकर शुरू किया गया यह फेसबुक का सफर अब तक 10,082 कर्मचारियों में बदल चूका है. इतने कर्मचारी वाली फेसबुक 2491 अरब रूपये की कुल संपत्ति और 772 करोड़ रूपये वर्ष 2014 का राजस्व.

भविष्य में आप गूगल पर Mark Zukerberg Biography in Hindi. यह  Keyword Search करके HamariSafalta.Com के इस पेज पर पुनः आ पाएंगे !!!

धन्यवाद!

                            ——— क्यों बचें Facebook से? 7 Reasons——-

 

 

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गहने बेचकर शुरू किया काम, आज हैं अरबपति.. https://www.hamarisafalta.com/2015/05/success-story-of-vss-mani-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/05/success-story-of-vss-mani-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 23 May 2015 15:27:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/05/23/success-story-of-vss-mani-in-hindi/ वीएसएस मणि जो जस्ट डायल के प्रमुख हैं उनका पूरा नाम वैंकटचलम स्थनु सुब्रमणि है. मणि नाम से लगता है कि वे दक्षिण भारत में रहते होंगे लेकिन ऐसा नहीं है. वे कभी दक्षिण भारत में नहीं रहे हैं. कोलकाता में पले-बढ़े और अपनी मेहनत से बहुत संघर्षों से बाद इस शख्स ने अपनी कंपनी को 900 करोड़ रूपये का बनाया है. जिस कम्पनी को उन्होंने 1996 में मुम्बई के एक गैरेज से शुरू किया था. परिवार का पेट भरने […]

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वीएसएस मणि

जो जस्ट डायल के प्रमुख हैं उनका पूरा नाम वैंकटचलम स्थनु सुब्रमणि है. मणि नाम से लगता है कि वे दक्षिण भारत में रहते होंगे लेकिन ऐसा नहीं है. वे कभी दक्षिण भारत में नहीं रहे हैं. कोलकाता में पले-बढ़े और अपनी मेहनत से बहुत संघर्षों से बाद इस शख्स ने अपनी कंपनी को 900 करोड़ रूपये का बनाया है.

जिस कम्पनी को उन्होंने 1996 में मुम्बई के एक गैरेज से शुरू किया था. परिवार का पेट भरने के लिए उन्होंने सी.ए. छोड़ दी और यहाँ तक कि उन्हें अपनी पत्नी के गहने तक बेचने पड़े. किराये का फर्नीचर, किराये का कम्प्यूटर और 50,000 रूपये से उन्होंने अपनी कंपनी की शुरूआत की. वीएसएस मणि जी ने मात्र 6 कर्मचारियों से अपनी कंपनी की शुरूआत की थी. जस्ट डायल का  आईडिया 22 साल की उम्र में ही उनकी जहन में था, जब वे यूनाइटेड डाटाबेस इंडिया कंपनी के यैलो पेसेज के लिए काम करते थे. इसी के चलते वे 1989 में आस्क मी नाम से एक कम्पनी शुरू कर चुके थे तब चूँकि कनेक्शन ज्यादा नहीं थे इसलिए बात नहीं बन सकी.

8888888888 यह नम्बर आज भी जस्ट डायल के लिए लगाया जाता है. यह नम्बर 1996 में मुम्बई के कांदिवली एक्सचेंज का नम्बर हुआ करता था. किसी तरह से उन्होंने एक्सचेंज के जीएम को यह नम्बर उनको देने के लिए मना लिया परन्तु 15000 रूपये न चूका पाने की वजह से वे इसे नहीं ले सके लेकिन अब यह नम्बर उनके ही पास है.

एक समय उन्होंने वेडिंग प्लानिंग कंसल्टेंसी का भी काम किया लेकिन कुछ ही दिनों में उनको यह काम बंद करना पड़ा इसके बाद से उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और इसी एक काम पर फोकस करना शुरू कर दिया और आज जस्ट डायल का नाम हर किसी की जुबान पर है. अपने काम को चुनौती के साथ पूरा करने के कारण ही आज यह कम्पनी 19 सालों में 6 लोगों से बढ़कर यह 9000 तक पहुँच चुकी है. आज 9000 कर्मचारी में अधिकांश पुराने साथी अभी भी मणि के साथ हैं.

कहते हैं किसी के आगे बढ़ने के पीछे एक औरत का हाथ होता है और वीएसएस मणि जी को भी सफलता के चरम सीमा तक पहुँचने की प्रेरणा उनकी पत्नी अनिता से मिली है. उनका कहना है कि शादी के वक्त अनिता को टेक्नोलोजी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन जब से उसने स्मार्टफोन खरीदा था वे उस पर एक जानकार की भांति उँगलियाँ चलाती थीं. इसी को देखकर मणि के मन में ख्याल आया कि क्यों न कुछ ऐसा काम शुरू किया जाए जो हर आदमी के काम आये. उनकी पत्नी अनिता जी स्क्रिप्ट राईटर हैं जो फिल्मों के लिए लिखतीं हैं और वक्त मिलने पर वे भी अपनी पत्नी के साथ लिखने बैठ जाते हैं.. और बहुत अच्छी बात ये कि उनकी कम्पनी तो करोड़ों में कमा ही रही है इसके साथ ही अब इसके ब्रैंड एम्बेसेडकर से लेकर इन्वेस्टर तक अमिताभ बच्चन जी हैं..

कारोबार की दुनिया में बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रहे वीएसएस मणि ने न सिर्फ बड़े सपने देखे बल्कि उन्हें हकीकत में तब्दील करके दिखा दिया. वे एक शानदार व्यक्ति हैं, वे हमेशा जोश से भरे नजर आते हैं. अपने आत्मविश्वास के बल-बूते पर ही प्रोडक्ट और सर्विस सर्च कंपनी ‘जस्टडायल’ ने मई में आईपीओ जारी कर बाजार से 905 करोड़ रुपये जुटाया गया था.. ऐसे प्रेरणा से भरपूर इंसान को हम सब सलाम करते हैं!

धन्यवाद!

शुभम यादव

रायगढ़ (छ.ग.)

ई-मेल- shubhamyindia@gmail.com

शुभम यादव जी बी.एस.सी. साइंस के स्टूडेंट हैं साथ ही वो हमारी सफलता के नियमित पाठक हैं. और उनकी पूरी रूचि एनीमेशन रिलेटेड मूवीस और विडियो बनाने में है. वो अपना करियर आगे इसी सेक्टर में बनाना चाहते हैं. उनका सपना है कि वो एनीमेशन के क्षेत्र में देश को कुछ नया दें और इस क्षेत्र में अपना अलग पहचान बनाएँ..


हमारीसफलता.कॉम के सभी पाठकों की तरफ से हम शुभम जी का हम धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने वैंकटचलम स्थनु सुब्रमणि (वीएसएस मणि) जी के सम्बन्ध में उनके जीवन से जुडी इतनी प्रेरणादायक आर्टिकल शेयर की जो कि एक Real Life Hero Motivational Hindi Story है..  हम सब शुभम जी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं…  Thanks Shubham Ji!

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लाल बहादुर शास्त्री जी का प्रेरणादायी जीवन https://www.hamarisafalta.com/2015/05/lal-bahadur-shastri-life-essay-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/05/lal-bahadur-shastri-life-essay-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Mon, 04 May 2015 02:13:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/05/04/lal-bahadur-shastri-life-essay-in-hindi/   मानव रत्न- लाल बहादुर शास्त्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में मुग़ल सराय में हुआ था, इनके पिताजी का नाम श्री शारदा प्रसाद था जो कि एक शिक्षक थे. अल्पायु में ही पिताजी का देहावसान हो गया. बचपन से ही इनकी अग्निपरीक्षा आरम्भ हो चुकी थी, घर की आर्थिक स्थिति भी बहुत कमजोर थी एवं सहारे के नाम पर केवल माता श्रीमती रामदुलारी का ही सहारा था. परिस्थियों से जूझना वे बचपन से ही सीखने […]

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मानव रत्न- लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में मुग़ल सराय में हुआ था, इनके पिताजी का नाम श्री शारदा प्रसाद था जो कि एक शिक्षक थे. अल्पायु में ही पिताजी का देहावसान हो गया. बचपन से ही इनकी अग्निपरीक्षा आरम्भ हो चुकी थी, घर की आर्थिक स्थिति भी बहुत कमजोर थी एवं सहारे के नाम पर केवल माता श्रीमती रामदुलारी का ही सहारा था.

परिस्थियों से जूझना वे बचपन से ही सीखने लगे थे, साधन का अभाव प्रगति में बाधक नहीं होता, यह प्रेरणा उन्हें बचपन से ही मिल चुकी थी.. पारिवारिक स्थिति साधारण होते हुए भी लाल बहादुर शास्त्री जी ने अपना लक्ष्य साधारण नहीं रखा. ऐसी परिस्थिति में कोई अन्य साधारण वाला साहस वाला आदमी होता तो हाईस्कूल पास करने के बाद कहीं नौकरी खोज लेता, कहीं क्लर्क या अध्यापक बन जाता. शास्त्री जी ने एक सच्चे देशभक्त की भूमिका निभाने में इस स्थिति को कभी बाधा नहीं माना.

सन 1927 में उनका विवाह ललिता देवी के साथ हो गया, शास्त्री जी ने अपने जीवन का ध्येय उनको बताया. अपने पति के इस ध्येय को ललिता देवी ने अपना ध्येय मान लिया. शास्त्री जी की देश-जाति के लिए जो उपयोगिता थी, उसे श्रीमती ललिता देवी ने स्वीकार किया तथा उनके उद्देश्य में उनकी सहायक बनीं.. शास्त्री जी को जो भी कार्य दिया जाता, उसे वे पूरे मनोयोग से ईश्वर की उपासना की तरह किया करते थे. इसका परिणाम यह हुआ कि उनकी महत्ता स्वीकार की जाने लगी. बड़े-बड़े नेता इन पर विश्वास करने लगे. इनकी प्रगति का आधार परिश्रमशीलता, कर्म के प्रति निष्ठा और मनोयोग था..

अपनी आवश्यकताओं के प्रति उन्होंने कभी भी ध्यान नहीं दिया. जेल के जीवन में जहाँ अन्य लोग छोटी-छोटी चीजों के लिए जेल अधिकारियों से प्रार्थना करते थे वहीँ शास्त्री जी स्वयं के हिस्से की वस्तु भी दूसरों को देकर प्रसन्न होते थे. अपना लैम्प एक साथी को देकर उन्होंने कडुए तेल के दीपक के सामने टालस्टाय का ‘अन्ना केरेनिना’ पढ़ डाला था. जेल का जीवन उन्होंने एक तपस्या समझकर बिताया. उन्हें देखकर जेल के अधिकारी तथा सहयात्री आश्चर्य करते थे कि जेल में भी इनका जीवन एक व्यवस्थित क्रम से चलता रहता है. इस काल में इन्होने कितने ही ग्रन्थ पढ़े. जेल में ही इन्होने ‘मेडम क्युरी’ की जीवनी लिखी.

आजादी के आंदोलन में शास्त्री जी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही थी. वे वर्षों जेल में रहे, दिन-रात परिश्रम करते रहे. जेल में रहे या खुले में उनका यह परिश्रम चलता ही रहा. आंदोलन के नेतृत्व में, जन-जागरण के प्रयासों में, संगठन में जहाँ भी उनका हाथ लगा, वहाँ-वहाँ काम बना लेकिन कभी बिगड़ा नहीं. इसका प्रमुख कारण उन्होंने यह बताया कि वे कभी काम की नहीं बल्कि नाम की चिंता किया करते थे.

दुबला, पतला, ठिगना साधारण–सा दिखने वाला यह लौहपुरुष अपने कठोर परिश्रम, निष्ठा, विश्वास के कारण उत्तरप्रदेश मंत्रीमंडल में संसदीय सचिव बनाया गया. उत्तरप्रदेश मंत्रीमंडल में जब ये गृहमंत्री पद पर थे, तब कांग्रेस के महामंत्री बनाये गए. इनका एक ऐसा व्यक्तित्व बन गया था कि आपातकालीन स्थिति में कोई काम सौंपा जा सकता था. सौंपे काम की सफलता निश्चित थी.

एक साधारण नागरिक के दायित्व को वहन करने में ईमानदारी बरतने का शुभ परिणाम यह हुआ कि भारत को एक ईमानदार नेता, एक ईमानदार प्रधानमंत्री मिल सका. पद का मोह कभी भी शास्त्री जी को नहीं रहा. वे अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ईमानदार रहे. उन्होंने राष्ट्र के पैसे को अपने उपयोग में लेने को कभी सोचा तक नहीं. सदा वे अपने को एक साधारण आदमी और जनता का सेवक मानते रहे. उनकी ईमानदारी ने ही उन्हें रेलमंत्री पद से स्तीफा देने को मजबूर किया. उनकी ईमानदारी ही थी, जिसने ‘कामराज योजना’ के अंतर्गत सबसे पहले अपना पद छोड़ा..

श्री नेहरू जी के मरने के बाद भारतीय तथा विदेशी शास्त्री जी को उस रूप में स्वीकार नहीं कर पाए, जिस रूप में नेहरू जी को किया जाता था किन्तु अपने अठारह महीनों के अल्प समय में उस धारणा को निर्मूल सिद्ध कर दिया.. इनका जीवन कर्ममय रहा. कभी-कभी तो ये काम में इतने लीन रहते थे कि भोजन करना तक भूल जाते थे. कर्मक्षेत्र में शिथिल होते, इन्हें कभी नहीं देखा गया… असम्भव दिखने वाला कार्य जब शास्त्री जी को दिया गया तो उनके परिश्रम नें उसे सहज संभव बना दिया, शास्त्री जी ने अपने एक-एक क्षण को कर्म करने में बिताया.

शास्त्री जी जब प्रधानमंत्री बनें तो उनका कुछ ऐसा व्यवहार रहा कि विरोधी भी उनकी प्रशंसा करते थे. लोकप्रियता का यह गुण उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन से ही विकसित करना आरम्भ कर दिया था. राजनीति सरोवर के पंकज, शास्त्री जी सदा राजनीतिक छलों से दूर रहे…

सन 1965 में हुई ताशकंद वार्ता की समाप्ति पर यह सुचना सुनकर विश्व के प्रत्येक नागरिक रो पड़े कि एक महान व्यक्ति हमारे बीच नहीं रहा..

मरने के बाद अपने उत्तराधिकारियों के लिए कोई तो मकान, जमीन-जायदाद, धन-दौलत छोड़ जाते है, पर शास्त्री जी ने कभी स्वयं को अपने तक ही सीमित नहीं रखा, वे तो सारे देश के थे. अपने परिवार व परिजनों के लिए एक आदर्श जीवन जीने की महान पूंजी वे छोड़ गए… ऐसे महान इंसान को सारा देश सलाम करता है….

धन्यवाद!

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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर https://www.hamarisafalta.com/2015/04/sachin-tendulakar-life-essay-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/04/sachin-tendulakar-life-essay-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 23 Apr 2015 23:36:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/04/23/sachin-tendulakar-life-essay-in-hindi/ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर क्रिकेट की ऊँचाइंयों को स्पर्श करने वाले महान बल्लेबाज संचिन रमेश तेंदुलकर भारत के ही नही वरन पूरे विश्व के लिए सम्मान के प्रतीक हैं। 24 अप्रैल 1973 को जन्मे संचिन रमेश तेंदुलकर को उनके जन्मदिन पर “हमारी सफलता” की पूरी टीम और सभी पाठकों की तरफ से बहुत-बहुत बधाई। भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के जन्मदिन पर उनके जीवन से जुङे कुछ रोचक तथ्य आप सबके साथ शेयर कर रहे हैं। अनेक कीर्तिमान बनाने वाले मास्टर ब्लास्टर […]

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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर
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क्रिकेट की ऊँचाइंयों को स्पर्श करने वाले महान बल्लेबाज संचिन रमेश तेंदुलकर भारत के ही नही वरन पूरे विश्व के लिए सम्मान के प्रतीक हैं। 24 अप्रैल 1973 को जन्मे संचिन रमेश तेंदुलकर को उनके जन्मदिन पर “हमारी सफलता” की पूरी टीम और सभी पाठकों की तरफ से बहुत-बहुत बधाई। भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के जन्मदिन पर उनके जीवन से जुङे कुछ रोचक तथ्य आप सबके साथ शेयर कर रहे हैं। अनेक कीर्तिमान बनाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर राज्यसभा के लिए मनोनीत होने वाले पहले सक्रिय क्रिकेटर हैं। बचपन में यदि सचिन नेट्स में पूरा सत्र बिना आउट हुए खेल लेते, तो उनके कोच रमाकांत अचरेकर उन्हें एक सिक्का देते थे. सचिन के पास ऐसे तेरह सिक्के हैं। सचिन शुरुआती दौर में तेज गेंदबाज बनना चाहते थे, लेकिन एमआरएफ पेस फाउंडेशन के तत्कालीन प्रमुख डेनिस लिली ने 1987 में उन्हें रिजेक्ट कर दिया था। 1987 जब सचिन 14 साल के थे तो उन्होने,  विश्वकप के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेले गए मैच में ‘बॉल-बॉय’ की भूमिका को निभाए थे। 1988 में ब्रेबॉर्न स्टेडियम में खेले गए एक प्रैक्टिस मैच में सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तानी टीम के लिए सब्‍स्टीच्यूट के तौर पर फील्डिंग भी की थी। बचपन में सचिन तेंदुलकर अपने क्रिकेट के सामान के साथ सोया करते थे। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक करने वाले एकमात्र क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर अक्टूबर 1995 को सचिन सबसे अमीर क्रिकेटर बन गए थे। उन्होंने वर्ल्ड टेल के साथ 31.5 करोड़ रुपये का एक करार किया था। 19 वर्ष की अवस्‍था में सचिन तेंदुलकर काउंटी क्रिकेट खेलने वाले सबसे युवा खिलाडी बन गए थे। थर्ड अंपायर द्वारा आउट दिए जाने वाले पहले बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर हैं। भारत सरकार की तरफ से सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न से अलंकृत किया गया है इसके अलावा राजीव गांधी खेलरत्न, अर्जुन अवॉर्ड और पद्मश्री जैसे सम्मान हासिल करने वाले वे एकमात्र क्रिकेटर हैं। सचिन तेंदुलकर ने अपना पहला रणजी ट्राफी मैच रवि शास्त्री की कप्तानी में खेला था। 1995 में सचिन तेंदुलकर नकली मूंछ-दाढ़ी और चश्मा लगाकर फिल्म ‘रोजा’ देखने गए थे, लेकिन सिनेमा हॉल में नकली साजो-सामान गिर गया और सभी ने उन्हें पहचान लिया। 1992 में सचिन सबसे कम उम्र में 1000 टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए थे। सचिन तेंदुलकर ने अपने पहले ही रणजी, दिलीप और ईरानी ट्राफी मैचों में शतक जड़ा था। पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला ही टेस्ट खेलते हुए सचिन ने जो पैड्स पहने थे, वो उन्हें सुनील गावस्कर ने भेंट किए थे।

  • सबसे ज़्यादा वन डे मैच खेलने का रिकार्ड (463 मैच)
  • वन डे मुक़ाबले में सबसे ज़्यादा रन (18,426 रन)
  • वन डे मुक़ाबले में सबसे ज़्यादा 49 शतक
  • वन डे क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर
  • वन डे क्रिकेट में सबसे ज़्यादा मैन ऑफ द सीरीज
  • वन डे क्रिकेट में सबसे ज़्यादा मैन ऑफ द मैच
  • विश्व कप क्रिकेट मुक़ाबलों में सबसे ज़्यादा रन
  • विश्वकप में सबसे ज़्यादा शतक, अर्धशतक बनाने का रिकार्ड
  • 1996और 2003 विश्वकप में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज
  • टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा 51 शतक

सबसे ज़्यादा टेस्ट मैच खेलने का रिकार्ड (200 मैच)

  • टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रनों का कीर्तिमान (15,921 रन)
  • टेस्ट क्रिकेट में 13,000, 14,000 और 15,000 रन बनाने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज़
  • अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबलों (टेस्ट, वनडे एवं टी-ट्वेंटी) में सबसे ज़्यादा रन बनाने का कीर्तिमान (कुल 34,357 रन)

क्रिकेट में अनेक कीर्तिमान बनाने वाले सचिन को घङिंयाँ और परफ्यूम इक्ठ्ठा करने का बहूत शौक है। सचिन तेंदुलकर किशोर कुमार और रॉक ग्रुप डायर स्ट्रेट्स के बहुत बड़े फैन हैं। विश्व के महानतम बल्लेबाज ने मुंबई के वानखेङे स्टेडीयम में अपना 200 वाँ टेस्ट मैच खेलकर 16 नवम्बर 2013 को अंर्तराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया। भारत को गौरव प्रदान करने वाले सचिन तेंदुलकर को उनके जन्म दिन पर बधाई संदेश के साथ उनका अभिनन्दन करते हैं।

सुगंधित हो सचिन जीवन तुम्हारा,

तारों की चमक सा हो हर पल तुम्हारा।

शुभ दिन ये आये जीवन में हजार बार,

और हम जन्मदिन की मुबारकबाद देते रहें बार-बार।

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भूत भविष्य में जिंदगी बीत न जाए https://www.hamarisafalta.com/2015/04/past-future-inspiring-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2015/04/past-future-inspiring-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Mon, 20 Apr 2015 02:00:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/04/20/past-future-inspiring-hindi-article/    भूत – भविष्य में जिंदगी बीत न जाये.. आपके पास बस आज का दिन है, बस आज का… “हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए, विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं।“              -चाणक्य आस्लर ने कहा है:- “हमारे भविष्य का निर्माण आज हो रहा है, कल की घटनाओं पर पछताने से कोई लाभ नहीं, न ही आपको भविष्य की घटनाओं की अधिक चिंता करनी चाहिए। भूत और भविष्य के द्वार बंद कर दीजिए, अपना कार्य वर्तमान में कीजिये। खुद पर यकीन करके पुरे साहस और विश्वास के साथ कार्यक्षेत्र में उतरिये और इसी क्षण कार्य कर डालिए। आज का कार्य […]

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भूत – भविष्य में जिंदगी बीत न जाये..
आपके पास बस आज का दिन है, बस आज का…

“हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए, विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं।“              -चाणक्य

आस्लर ने कहा है:-

“हमारे भविष्य का निर्माण आज हो रहा है, कल की घटनाओं पर पछताने से कोई लाभ नहीं, न ही आपको भविष्य की घटनाओं की अधिक चिंता करनी चाहिए। भूत और भविष्य के द्वार बंद कर दीजिए, अपना कार्य वर्तमान में कीजिये। खुद पर यकीन करके पुरे साहस और विश्वास के साथ कार्यक्षेत्र में उतरिये और इसी क्षण कार्य कर डालिए। आज का कार्य भली-भांति संपन्न करने के अतिरिक्त बाकि समस्त महत्वाकांक्षाओं को त्याग दीजिए। सफलता के मार्ग पर चलने वाले लोग वर्तमान में जीते हैं, वे कल की नही सोचते। न तो भूत में रहिये और न भविष्य में, सारी शक्ति आज के कार्य में लगा दीजिए। इस प्रकार आप अपनी सारी महत्वाकांक्षाएं पूरी कर लीजिए।“ मित्रों इन बातों में कितनी सच्चाई छिपी है, बुद्धिमान लोग अतीत की घटनाओं पर नही पछताते, वे कभी भविष्य की चिंता नहीं करते, वे तो सिर्फ वर्तमान में जीते हैं और अपना कर्म पुरे साहस और ईमानदारी-पूर्वक करते हैं। जब कोई व्यक्ति अपनी अपार क्षमता के प्रति सजग हो जाता है और समझ जाता है कि वह स्वयं ही अपने भाग्य के निर्माता है, तो वह जीवन में वैसे ही उठने का प्रयास करता है, जैसे- धरती पर गिरा हुआ मनुष्य उठने के लिए धरती का ही सहारा लेता है।

क्या आपने आज-तक ऐसे किसी आदमी को देखा है जिसने बिना मेहनत किये सफलता की गाथाएं लिखी हों, बात साफ़ है कि बिना मेहनत किये हम फल का इंतजार कभी नहीं कर सकते, हमें यदि आगे बढ़ना है तो उसके लिए मेहनत करनी ही पड़ेगी।

और जब हमे मेहनत करनी ही है, तो आपको नहीं लगता कि आज ही हमें उठना चाहिए, जागना चाहिए और भूत-भविष्य की बिना चिंता किये बगैर आज के काम को बेहतर बनाने के लिए आगे आना चाहिए..

दोस्तों अपनी पूरी शक्ति वर्तमान में लगाने का अर्थ यह नहीं कि आप अपनी भूतकाल की गलतियों से कुछ न सीख रहे हों और इसका मतलब यह भी नहीं कि आपने अपने भविष्य के लिए योजनाएं न बनाई हों। भूतकाल की गलतियों को बार-बार दोहराना ही हार के नजदीक पहुचने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है, इसका उल्टा भी उतना ही सही है, कि भूतकाल की गलतियों से सीख लेना ही जीत के नजदीक पहुचने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है।

जिंदगी की गाड़ी चल तो रही है पर इस बात की कोई गारंटी नही कि इसका पेट्रोल कब खतम हो जाये। भविष्य की चिंता करने और भविष्य के लिए योजना बनाने में बहुत फर्क है- भविष्य की चिंता आपके वर्तमान और भविष्य दोनों को बर्बाद कर देती है, लेकिन योजना से वर्तमान और भविष्य दोनों संवर जाते हैं। भविष्य की बनाई योजना के अनुरूप जब आप कार्य करते हैं, उससे न सिर्फ आपका वर्तमान चमकता है, साथ ही आपका भविष्य भी सुनहरा होता है। लेकिन भविष्य की चिंताओं से आपके वर्तमान के कार्य की गति धीमी हो जाती है अथवा रुक जाती है, जिससे वर्तमान और भविष्य में हमारे लिए सिर्फ निराशा और असफलता हाथ आती है।

यदि आप अपना कार्य वर्तमान में करना सीख लें, तो आपको किसी भी बात से डरने की कोई जरूरत नही। जो व्यक्ति अपना कार्य ठीक समय पर पूरी निष्ठा और लगन के साथ करते हैं उनके भीतर आत्मविश्वास की ज्योति जलने लगती है, अच्छे व्यक्तित्त्व का विकास होने लगता है। बात सीधी और सच्ची है, कुछ लोगों के लिए वर्तमान में जीने का मतलब सिर्फ अतीत की घटनाओं की जुगाली करने और भविष्य के लिए बस मीठे-मीठे सपने देखने से रहता है लेकिन बुद्धिमान लोग वर्तमान की घटनाओं को बखूबी समझते हैं और उन्हें पता होता है कि ‘जो करना है आज और अभी करना है।‘ इसलिए हमारे पास सबसे आसान तरीका यही है कि हमें अतीत से ज्यादा से ज्यादा सीखना होगा और निरंतर अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इसी वर्तमान में पुरे उत्साह के साथ कार्य करना होगा।

धन्यवाद!

 

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डॉ. भीमराव अम्बेडकर का प्रेरणादायी जीवन https://www.hamarisafalta.com/2015/04/dr-b-r-ambedkar-life-essay-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/04/dr-b-r-ambedkar-life-essay-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 14 Apr 2015 03:58:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/04/14/dr-b-r-ambedkar-life-essay-in-hindi/ बलौदा के राजमार्ग पर एक पेड़ के नीचे एक नव युवक बैठा है, वह बहुत ही फूट-फूटकर रो रहा है, उसके आँखों से आंसुओं का झरना लगातार झर रहा है. कोई भी धीरज नहीं देता और रास्ता नहीं दिखाता उसे. अचानक उसकी अंतर्मन से आवाज आती है और वह उठ खड़ा होता है, आंसू पोंछकर सोंचता है- “किसने बनाई है छुआ- छूत की इस व्यवस्था को? किसने बनाया है किसी को नीच और किसी को ऊंच? क्या भगवान ने? हरगिज नहीं, […]

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बलौदा के राजमार्ग पर एक पेड़ के नीचे एक नव युवक बैठा है, वह बहुत ही फूट-फूटकर रो रहा है, उसके आँखों से आंसुओं का झरना लगातार झर रहा है. कोई भी धीरज नहीं देता और रास्ता नहीं दिखाता उसे.

अचानक उसकी अंतर्मन से आवाज आती है और वह उठ खड़ा होता है, आंसू पोंछकर सोंचता है- “किसने बनाई है छुआ- छूत की इस व्यवस्था को? किसने बनाया है किसी को नीच और किसी को ऊंच? क्या भगवान ने? हरगिज नहीं, वह ऐसा नहीं करता. वह तो सबको समान रूप से जन्म देता है, यह बुराई तो मनुष्य ने पैदा की है और मैं इसे मिटाकर ही दम लूँगा.”

मन में बार-बार अपने इसी निश्चय को दोहराता हुआ वह युवक मुम्बई लौट आता है, फिर वह जो कुछ भी अपने देश के लिए छुआ-छूत को लेकर करता है, उसके कारण आज सारा देश उन्हें बाबा साहब के नाम से स्मरण करता है.

मध्यप्रदेश के महू नगर में रामजी नाम के एक सूबेदार थे, वे महार जाति के थे. 14 अप्रैल 1891 को उनके घर में चौदहवीं संतान ने जन्म लिया. उनकी माता भीमाबाई 5 वर्ष तक ही उन्हें पालक्रर स्वर्ग सिधार गईं, उसके बाद उनकी चाची मीराबाई ने उनका पालन पोषण किया, वे बालक को प्यार से ‘भीवा’ कहकर बुलाया करतीं थीं.. आगे चलकर यही बालक ‘भीमराव रामजी अम्बेडकर’ कहलाये.

अम्बेडकर साहब जब सरकारी स्कुल में भर्ती हुए तो उन्हें सभी लड़कों से दूर रखा जाता था, अध्यापक भी उनकी अभ्यास-पुस्तिका तक नहीं छूते थे. वे संस्कृत पढ़ना चाहते थे किन्तु संस्कृत के अध्यापक ने उन्हें पढाना स्वीकार नहीं किया, विवश होकर उन्होंने फारसी की शिक्षा हासिल की. विद्यालय में उन्हें दिन भर प्यासा रहना पड़ता था, क्योंकि उन्हें पानी के बर्तनों को छूने की/हाथ लगाने के अनुमति नहीं थी.

सन 1905 में रामबाई नाम की कन्या से भीमराव की शादी हो गई, शादी के बाद भीमराव अपने पिता के साथ मुम्बई चले गए. वहाँ वे एलफिन्स्टन स्कूल में भर्ती हुए. एक अच्छी बात कि इस स्कूल में छुआ-छूत की कुप्रथा नही थी.

दो वर्ष बाद ही भीमराव ने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली यह महार जाति के लिए बहुत ही गर्व की बात थी. घर में खूब खुशियाँ मनाईं गई. भीमराव एलफिन्स्टन कॉलेज में पढ़ने लगे. बडौदा के महाराज सयाजीराव गायकवाड ने प्रसन्न होकर उन्हें 25 रूपये छात्रवृत्ति देना आरम्भ कर दिया. बी.ए. उत्तीर्ण होने पर महाराज ने उन्हें बडौदा में अपने दरबार में नौकरी दे दी. लेकिन दुर्भाग्य से इसी वर्ष उनके पिता का स्वर्गवास हो गया..

महाराज के दरबार में भी भीमराव से हिंदू कट्टर घृणा करते थे, यहाँ तक कि चपरासी भी उन्हें फाईलें फेंककर देते थे. तंग आकर भीमराव ने नौकरी ही छोड़ दी. उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए वे कोलंबिया चले गए, अपनी जाति के वे पहले विद्यार्थी थे जिन्हें विदेश जाने का अवसर मिला.

कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ते समय उनको अनेक अनुभव हुए, वहाँ उन्हें सबका प्यार और समानता का व्यव्हार मिला. सन 1916 में वे कोलंबिया से लन्दन पहुँचे. वहाँ एक वर्ष ही रहकर वे फिर मुम्बई लौट आये. महाराज गायकवाड ने उनको बडौदा बुला लिया और सेना में सचिव पद पर नियुक्त कर दिया, लेकिन वहाँ पर भी उन्हें घृणा का शिकार होना पड़ा, होटलों तक में उन्हें रहने का स्थान न मिला. इस व्यवहार से उनका ह्रदय टूट-सा गया, उन्होंने यह नौकरी भी छोड़ दी.

जब वे विदेश में थे तो उन्होंने दो किताबें लिखीं थीं, धीरे-धीरे उनकी विद्वता की धाक जमने लगी. उन्हें मुंबई के कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त कर लिया गया लेकिन यहाँ पर भी एक झंझट थी, धर्म के कट्टर लोग उनसे बहुत घृणा करते थे, किसी प्रकार से भीमराव ने दो वर्ष निकाले और अंत में यहाँ भी उन्हें त्याग-पत्र देना पड़ा.. अंत में उन्होंने छुआ-छूत की बुराई से लड़ने के लिए ‘मुकनायक’ नामक साप्ताहिक पत्रिका निकलना आरम्भ कर दिया परन्तु धन की कमी के चलते उन्हें कुछ समय बाद ही उसे बंद करना पड़ा. भीमराव पढ़ने के लिए फिर से लन्दन चले गए. वहाँ तीन वर्ष रहकर उन्होंने अर्थशास्त्र में डॉक्टर की उपाधि प्राप्त की.

सन 1923 में वे मुम्बई लौट आये और उन्होंने वकालत आरम्भ कर दी. एक वर्ष बाद कुछ मित्रों की सहायता से उन्होंने ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ की स्थापना की. तथाकथित अछूतों की समस्या हल करना इस सभा का मुख्य उद्देश्य था. उन्होंने ‘बहिष्कृत भारत’ नामक समाचार पत्र भी निकाला. इसी वर्ष वे मुम्बई विधानसभा के सदस्य बन गए. 27 मई 1935 को बाबा साहब की पत्नी रामबाई का देहांत हो गया वे बहुत ही दुखे हुए..

डॉ. अम्बेडकर समाज में तथाकथित अछूतों को समानता का अधिकार दिलाना चाहते थे. वे उनकी आर्थिक हालत सुधारने के लिए संकल्प ले चुके थे, इतिहास की सच्ची जानकारी देने के लिए उन्होंने ‘ शुद्र कौन थे?’ नामक पुस्तक लिखी, जो बहुत ही लोकप्रिय हुई. भारत के वाइसराय ने उनकी योग्यता से प्रभावित होकर उन्हें अपने सचिव मंडल का सदस्य बनाया.

15 अगस्त 1947 में भारत के स्वतंत्र होने पर वे संविधान-सभा के सदस्य चुने गए. संविधान का प्रारूप उन्हीं की अध्यक्षता में तैयार हुआ. उन्होंने तथाकथित अछूतों को समानता का अधिकार दिलाया. संविधान निर्माण में बाबा साहब ने अभूतपूर्व परिश्रम किया.

15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत की प्रथम सरकार बनी, डॉ. अम्बेडकर को इस सरकार में कानून मंत्री का पद सौंपा गया था, वे भारत के पुराने कानूनों में कई प्रकार से सुधार लाना चाहते थे किन्तु प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से उनका मतभेद हो गया इसलिए सन 1951 में उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया.

सरकार से अलग होते ही वे पूरी शक्ति से समाज सेवा में जुट गए, लोग उन्हें देवता की तरह पूजने लगे, वे जहाँ भी जाते थे, ‘जय भीम’ के नारों से सारा आकाश गूँज उठता था. उन्होंने सन 1955 में भारतीय बौद्ध महासभा की स्थापना भी कर डाली और बौद्ध धर्म स्वीकार लिया. इस घटना से हिंदू समाज में बड़ी खलबली-सी मच गई. दुर्भाग्य से 6 दिसम्बर 1956 को अचानक लाखों पीड़ितों को छोड़कर डॉ. अम्बेडकर स्वर्गवासी बन गए.

हिन्दू समाज में डॉ. अम्बेडकर को ‘बाबा साहब’ कहकर सम्मान दिया जाता है, वे देश के पिछड़े और दलित समाज के प्राण थे, बचपन से ही वे कठिन परिश्रमी थे. नित्य 18 घंटे पढ़ना उनके लिए सहज बात थी. कठिनाइयाँ उनका मार्ग कभी नहीं रोक पातीं थीं, वे जो भी सोंचते थे उसे करके ही रहते थे. उनका भाषण बहुत ही प्रभावशाली रहता था. तर्क करने की उनमे अनोखी शक्ति थी, वे किसी भी धर्म के विरोधी नहीं थे. उनकी लड़ाई तो उन बुराइयों से थीं, जिन्हें मनुष्यों ने धर्म में उत्पन्न कर दिया है.

बाबा अम्बेडकर जिन्होंने छुआ-छूत के पाप को नष्ट करने का प्रयास किया, उनके प्रयास से सभी कानूनों को समानता का अधिकार मिला, आज सभी बच्चे साथ-साथ बैठकर पढ़ते हैं, खाते-पीते, और खेलते-कुदते हैं. हजारों वर्षों के भारतीय इतिहास की यह बहुत बड़ी घटना है. डॉ. अम्बेडकर साहब ने देश को छुआ-छूत के पाप से छुटकारा दिलाया और आने वाली सभी पीढ़ियाँ बाबा साहब के महान कार्यों को स्मरण कर गौरव का अनुभव करती रहेंगी..

धन्यवाद!

—–जय हिंद—–

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यह मानव कुछ अजीब ही प्रवृत्ति का है. हीरे को तो पसंद करता है, लेकिन हीरे के बनने की प्रक्रिया से दूर भागता है. शायद इसे ही कहते हैं, ‘गुड़ से प्यार और गुलगुले से परहेज… संतान की चाहत हर किसी को होती है. पर हर कोई प्रसव वेदना को स्वीकार करना नहीं चाहता. मनुष्य के साथ ऐसा ही है. जिसमें उसका स्वार्थ सधा होता है, उसके लिए वह सब कुछ करने को तैयार रहता है. इसीलिए जब कभी उसके जीवन में मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है, तब वह विचलित हो जाता है. वह निराशा के अंधकार में घिर जाता है. उसे कोई रास्ता नहीं सूझता. ऐसे लोग सदैव विफल रहते हैं.

सीधी सी बात है, जब आप गुलाब को प्यार करते हैं, तो भला उसके काँटों से क्यों दूर रहना चाहेंगे? जीवन के हर पहलू को सहजता से स्वीकार करना चाहिए. जैसा आप चाहेंगे, क्या सभी कुछ वैसा ही होता जाएगा? हमें प्रकृति के साथ चलना चाहिए. ऋतुएँ बदलती हैं, उसके अनुसार मानव स्वयं को ढालता है. गर्मी में अपनी छत पर सोता है. ठंड में गरम कपड़े पहनकर बाहर निकलता है, और बारिश में बरसते पानी का मजा लेने के लिए वह घर से बाहर निकलता है. यदि इंसान बारिश में गर्मी की चाहत करे, तो क्या यह संभव है? शायद बिलकुल नहीं.
इंसान मुसीबतों से घबराता है. कुछ ऐसे भी लोग होते हैं,जो मुसीबतों को अपने आप बुलाते हैं, क्योंकि उन्हें शाँक होता है मुसीबतों के बीच रहने का. कोई एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचना चाहता है, तो कोई दक्षिणी ध्रुव पहुँचकर वहाँ के जीवन के बारे में जानना चाहता है. आखिर ऐसा क्यों? वह भी अपने घर पर बैठकर अपना काम करता. क्या पड़ी थी उसे ठिठुरती ठंड में जाने की? लेकिन ऐसा नहीं है. ये सभी मुसीबतों को अपना साथी मानते हैं. उन्हें यह अच्छी तरह से पता है कि सुख के दिन छोटे होते हैं. पल भर में ही बीत जाते हैं. लेकिन मुसीबतों के दिन भले ही छोटे हों, पर लंबे लगते हैं. क्यों न इसे भी खुशियों के साथ बिताया जाए? वास्तव में देखा जाए, तो मुसीबतें इंसान की परीक्षा लेने के लिए आती हैं. मुसीबत आई है इसका मतलब यही है कि आप किसी बहुत बड़ी सफलता के करीब हैं. मुसीबत के रूप में आपके सामने यह आखिरी अवरोध है. अवरोध पार करते ही आप सफलता की सीढिय़ों पर होंगे. पर इंसान इस मुसीबत रूपी सफलता को अपने जीवन का अवरोध मान लेता है और हार कर बैठ जाता है. यहीं उससे चूक हो जाती है.
इसीलिए हमें सिक्के के दोनों पहलुओं को ध्यान में रखना होगा. यदि आप कहें कि मुझे तो गर्मी का मौसम ही अच्छा लगता है और मैं हमेशा इसी मौसम में रहना चाहता हूँ, तो संभव है आपके लिए वही मौसम अप्राकृतिक रूप से तैयार भी कर दिया जाए. लेकिन आपकी यह जिद आपको प्रकृति से दूर कर देगी. आप समय से काफी पीछे चले जाएँगे. मुसीबतों से घबराना नहीं चाहिए. वह निश्चित ही हमें बल देने आती हैं. जब मुसीबतों का स्वागत करेंगे, तभी खुशियों को गले लगाने का अधिकार आपको प्राप्त होगा. याद रखें रात जितनी घनी और काली होगी, सुबह का सूरज उतने ही उजास के साथ आपके सामने होगा. इसी रोशनी आप पाएँगे जीवन की ऊर्जा और खुशियों का संदेश.
जीवन हमें हर पल अपने ढंग से कुछ न कुछ सिखाता रहता है. उसका अपना तरीका है. हमें उसके तरीके को समझना है, ताकि अपना ही नहीं अपनों का भी जीवन सँवार सकें. याद रखे किस्मत केवल एक बार ही इंसान का दरवाजा खटखटाती है, और बदकिस्मती बार-बार. अतएव अवसर को समझो और उसके अनुसार अपने जीवन को सँवारने का प्रयास करो.
डॉ. महेश परिमल

Dr. Mahesh Parimal
403,Bhawani Parisar
Indrapuri BHEL
BHOPAL 462022

Mob.09977276257
http://dr-mahesh-parimal.blogspot.com/

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International Women’s Day – 8th March अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष https://www.hamarisafalta.com/2015/03/international-womens-day-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/03/international-womens-day-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sun, 08 Mar 2015 00:12:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/03/08/international-womens-day-in-hindi/ भारत माता की आजादी के लिए अनेक महिलाओं ने देशप्रेम की भावना लिए स्वयं को भारत माता की सेवा में समर्पित कर दिया।  स्वतंत्र भारत का आगाज करने हेतु कई महिलाओं ने राष्ट्रवादी लेखों के माध्यम से अनेक लोगों को स्वतंत्रता के आन्दोलन में अपनी आहुती देने के लिए प्रोत्साहित किया। भारत की महिलाओं ने अपनी जोशपूर्ण लेखनी से देशप्रेम की ज्वाला को जन-जन तक पहुँचाने में कामयाब रहीं। उस दौरान रेडियो और समाचार पत्र ही देश दुनिया की खबरों का […]

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भारत माता की आजादी के लिए अनेक महिलाओं ने देशप्रेम की भावना लिए स्वयं को भारत माता की सेवा में समर्पित कर दिया।  स्वतंत्र भारत का आगाज करने हेतु कई महिलाओं ने राष्ट्रवादी लेखों के माध्यम से अनेक लोगों को स्वतंत्रता के आन्दोलन में अपनी आहुती देने के लिए प्रोत्साहित किया। भारत की महिलाओं ने अपनी जोशपूर्ण लेखनी से देशप्रेम की ज्वाला को जन-जन तक पहुँचाने में कामयाब रहीं। उस दौरान रेडियो और समाचार पत्र ही देश दुनिया की खबरों का माध्यम थे। अखबार और पत्रिकाओं को लोग मन से पढते थे। अतः कुछ महिलाओं ने अपनी धारदार लेखनी को हथियार बनाते हुए, आजादी के संघर्ष में अपना योगदान दिया। ऐसी ही ओजस्वी और देशभक्त महिलाओं को महिला दिवस पर भावांजली सुमन समर्पित करने का प्रयास कर रहे हैं।

स्वर्णकुमारी देवी, कविवर रविंद्रनाथ टैगोर की बङी बहन थी। आजादी की लडाई में आपका महत्वपूर्ण योगदान था। आपने भारती नामक पत्रिका का सात वर्षों तक सफल सम्पादन करते हुए, अपने ओजस्वी लेखों से समाज में देशभक्ती की चिंगारी को जलाए रखा और समाज में व्याप्त अंधविश्वासों तथा कुरितियों पर जमकर प्रहार किया। 1876 में प्रकाशित होने वाला आपका उपन्यास   दीपनिर्वाह  को राष्ट्रीय चेतना की उत्कृष्ट कृति माना जाता है। सरलादेवी चौधरी ने अपनी माता स्वर्णकुमारी की विरासत को आगे बढाते हुए राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने हेतु अनेक लेख लिखे। आपके द्वारा लिखित पुस्तक बंगेरवीर को पढकर लोग जोश एवं आक्रोश में भर जाते थे। ये पुस्तक देशप्रेम की ज्वाला को समेटे हुए थी।

नमक सत्याग्रह में गाँधी जी के साथ अपनी गिरफ्तारी देने वाली डॉ. मधुलक्ष्मी रेड्डी ने अपने राष्ट्रवादी लेखों के माध्यम से भारतीय जनमानस में विदेशी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह के स्वर बुलंद किए। ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों के खिलाफ आपने अनेक संघर्ष किए जिसके कारण अनेक यातनाओं का भी सामना करना पङा।

1927 में अखिल भारतीय महिला संगठन की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली कमलादेवी चट्टोपाध्याय, बाद में इस संगठन की अध्यक्ष पद पर रहते हुए देश की सेवा में अहम जिम्मेदारी को निभाती रहीं। अपनी लेखनी के माध्यम से सामाजिक क्रांति की अग्रदूत बनी और  इंडियन वुमेन बैटल फॉर फ्रीडम अवेकनिंग ऑफ इंडियन वुमैन  जैसी पुस्तकों के माध्यम से नारी जागृति तथा क्रांति की सूत्रधार रहीं।

विरेचित गीत और कविताएं लिखकर क्रांतिकारियों को प्रेरणा देने वाली सुभद्राकुमारी चौहान स्वंय भी आजादी के महायज्ञ में समर्पित सेविका थीं।  झांसी की रानीराखी की लाज जलियावाला बाग  जैसी ओजस्वी रचनाओं द्वारा क्रांति की मशाल को जलाए रखा, जिसकी तपन आज भी बरकरार है।

स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के साथ मिलकर काम करने वाली सुशिला देवी ने जनमानस को अपनी कविता के माध्यम से क्रांतिकारियों के दर्द का एहसास कराया।  भगत सिंहराजगुरू और सुख देव के बारे में उनके द्वारा लिखे लेख उस समय पंजाब के बच्चे-बच्चे की जुबान पर था।

तोरण देवी शुक्ला को स्वतंत्रता की विभूति माना जाता है। आपकी कविताओं में राष्ट्रीय भावनाओं की काव्यधारा बहती थी। जिसे सुनकर देशवासियों में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध विद्रोह की आग तेज हो जाती थी। देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत आपकी  जागृति  कविता संग्रह को केसरिया जैसा प्रतिष्ठित सम्मान का गौरव प्राप्त हुआ था।

अरुणा आसफ अली को एक समर्पित राष्ट्रभक्त और सच्चे पत्रकार के रूप में सदैव याद किया जाता है। आजादी की लडाई में अपनी पत्रकारिता के माध्यम से आपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जीवन काल में ही अनेक पुरस्कारों से सम्मानित  अरुणा आसफ अली को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

1929 से 1939 के मध्य केरल की बालमणी अम्मा ने अपनी राष्ट्रवादी साहित्यों तथा ओजस्वी कविताओं से जनमानस में देशभक्ति तथा राष्ट्रप्रेम की ललक का शंखनाद किया। जीवनकाल में ही आपको अनेक सम्मान तथा पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया।

अपनी लेखनी के माध्यम से देशसेवा, राजनीति और साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देनेवाली सरोजनी नायडु एक चिरपरिचित नाम, जिन्हे भारत कोकिला के नाम से भी जाना जाता है। आपकी कविताएं उत्कृष्ट कोटी की होती हैं जिसमें भारत की आत्मा के दर्शन होते हैं।

भारत देश में सत्य की खोज में आई कई विदेशी महिलाओं ने भी स्वतंत्रता की आहुति में अपना योगदान दिया जिसमें भगनी निवेदिता तथा एनी बेसेन्ट का नाम विशेष उल्लेखनीय है।

एनी बेसेन्ट ने सन् 1913 में कॉमन बिल नामक पत्रिका निकालकर स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया। कुछ समय बाद उन्होने मद्रास स्टैंडर्ड नामक पत्र को खरीदकर उसका नाम न्यू इंडिया रखा। इस पत्र के माध्यम से एनी बेसेन्ट, कई जोशीले लेख लिखकर भारत के लोगों को जागृत करती थीं, जिसके कारण उन्हे कई बार जेल भी जाना पङा।

भगनी निवेदिता ने अपने जीवन को भारत देश की सेवा में समर्पित किया। ये मूलतः आयरलैंड की रहने वाली थीं और उनका वास्तविक नाम मार्गरेट नोबुल था। स्वामी विवेकानंद जी की शिष्या के रूप में भगनी निवेदिता ने भारत को अपनी कर्मभूमि बना लिया था। अपनी लेखनी के माध्यम से नारी शिक्षा, समानता तथा देशप्रेम की भावना को जन मानस में अंकुरित करने का प्रयास करती रहीं।

इस तरह पराधीन भारत में अनेक विदुषी नारियों ने अपनी लेखनी के माध्यम से क्रान्तिकारी गतिविधियों में सहयोग दिया। देशभक्ती की भावना से ओत-प्रोत तथा ओजस्वी लेखों ने क्रांति को नई ऊर्जा प्रदान की। ऐसी महान देशभक्त नारियों की कृतियां आज भी जिवंत हैं। क्रांतिकारी सभी ज्ञात एवं अज्ञात महिलाओं के प्रति हम सब कृतज्ञ हैं। महिला दिवस पर ही नही वरन् सदैव ये नारियां हम सबके लिए आदर्श तथा भारत का गौरव हैं। इस धरा की मुस्कान को पुनः जीवित करने वाली विरांगनाओं को शत्-शत् नमन करते हैं।

अनिता शर्मा

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आप सभी पाठकों का हम सह्रदय आभार व्यक्त करते हैं कि, आप लोग मेरे लेखन के प्रयास में लेख को पढकर हमारा हौसला बढाते हैं। मेरे लिये ये हर्ष का विषय है कि, आप में से कई लोग दृष्टीबाधित बच्चों के लिये कार्य करना चाहते। आप सभी सद्कार्य की कामना लिये सभ्यजनो से मेरा अनुरोध है कि, आप जहाँ भी रहते हैं वहीं आस-पास किसी जरूरतमंद की मदद कर सकते हैं। यदि आपके पास कोई दृष्टीबाधित बच्चों की संस्था है तो उन्हे शिक्षादान दे सकते हैं। आपका साथ एवं नेत्रदान का संकल्प उनके जीवन को रौशन कर सकता है।- धन्यवाद

अनिता जी दृष्टिबाधित छात्रों के लिए सराहनीय कार्य कर रही हैं। उन्होंने अपनी आवाज़ में  सैकड़ों  educational YouTube videos post किये हैं, जिन्हें 100000 से अधिक बार देखा जा चुका है। आप इनके बारे में बताकर blind students की मदद कर सकते हैं। सामान्य विद्यार्थी भी जो Bank  या Civil Services की तैयारी कर रहे हैं वो भी इन Audios का लाभ ले सकते है।
We are grateful to Anita  Didi  for sharing the best Hindi article on International Women’s Day

अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर बेहतरीन हिंदी लेख हमारीसफलता.कॉम पर पोस्ट करने के लिए हम आपके आभारी हैं.

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कैसे पायें परीक्षा में 100% सफलता https://www.hamarisafalta.com/2015/02/best-exam-tips-learn-easy-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/02/best-exam-tips-learn-easy-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Thu, 26 Feb 2015 15:30:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/02/26/best-exam-tips-learn-easy-in-hindi/ :विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए कुछ आसान तरीके: Easy learning tips in hindi यह आर्टिकल बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जी. डी. शर्मा जी द्वारा लिखा गया है.. दोस्तों, यह पोस्ट काफी बड़ी है लगभग 2900 words की इसलिए आप चाहें तो इसे बुकमार्क में save कर सकते हैं ताकि एक बार में पूरी पोस्ट न पढ़ने पर दोबारा से इसे आसानी से पढ़ सकते हैं. पढ़ने और सीखने का कौशल:- सबसे महत्वपूर्ण कार्य जो करना है वह दो स्तर पर […]

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:विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए कुछ आसान तरीके:

Easy learning tips in hindi यह आर्टिकल बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जी. डी. शर्मा जी द्वारा लिखा गया है..

दोस्तों, यह पोस्ट काफी बड़ी है लगभग 2900 words की इसलिए आप चाहें तो इसे बुकमार्क में save कर सकते

हैं ताकि एक बार में पूरी पोस्ट न पढ़ने पर दोबारा से इसे आसानी से पढ़ सकते हैं.

  1. पढ़ने और सीखने का कौशल:- सबसे महत्वपूर्ण कार्य जो करना है वह दो स्तर पर होगा- पढाई की वह पध्दति जो आपके लिए काम कर सके उसे कार्यरूप में परिणित किया जाए या स्थापित किया जाये. प्रत्येक व्यक्ति के सीखने की पध्दति अलग होती है. आप स्वयं सर्वश्रेष्ठ रूप में कैसे सीख सकेंगे ये स्वयं समझना होगा. वह कार्य जो आप हाई-स्कुल में शिक्षा प्राप्त करने में करते थे व्यक्तिगत तौर पर सर्वश्रेष्ठ शिक्षा पध्दति के न हो. हाई-स्कुल की पढाई हायर सेकेंड्री स्कुल के पढाई से सरल होती है, परन्तु जब स्कुल शिक्षा से हायर सेकेंड्री शिक्षा के स्तर पर पहुचते हैं तो वह शिक्षा पध्दति इस नई शिक्षण-नीति में फलदायी नहीं होती और इस वास्तविकता को समझ नही पाते हैं यही बड़ी कठिनाई है. यह कठिनाई आपके लिए स्नातक स्तर की शिक्षा के समय भी आती है. आपके समक्ष हाई-स्कुल और हायर सेकेंड्री स्कुल की शिक्षा पध्दति का अंतर उपस्थित होता है जिसे ध्यान में रखकर अध्ययन करना होगा..

जब आप हायर-सेकेंड्री स्कुल के प्रथम वर्ष की परीक्षा करते हैं तब यह समझ पाते हैं कि हाई-स्कुल और हायर-सेकेंड्री की पढाई में अंतर है दुर्भाग्य से उस समय कुछ विद्यार्थी यह विश्वास करने लगते हैं कि वे इससे बेहतर नही कर सकते.. वे कभी अपनी बेहतर क्षमता का प्रदर्शन नही कर पाते और दुर्भाग्य से कुछ तो पूरी तरह निराश होकर बैठ जाते हैं..

यह कुंजी आपको यह समझने में सहायता करती है कि पुनरावृति (दोहराना) एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और इसे लिखित परीक्षा के 2 सप्ताह पूर्व ही करना है जो कि यह उचित नही है. हम आपको परीक्षा के लिए एक सही तकनीक (प्रक्रिया) से तैयार करने में सहायता करते हैं. एक ऐसी तकनीक बताकर जो आपकी नोट्स लेने की कौशल को बेहतर करती है, हम यह भी बतलाना चाहते हैं कि परीक्षा किस तरह दें और परीक्षा में प्रश्न-पत्र के प्रश्नों को सुलझाने की क्षमता को किस तरह बढ़ाएं..

  1. पढाई की सामान्य बातें:-

पढाई के लिए कुछ सामान्य टीप निम्नांकित हैं:-

(१.) पढाई के लिए एक शांत एवं एक प्रकाशपूर्ण स्थान चुने, यह आवश्यक है कि आप खुद को अनावश्यक बाधाओं से अलग कर लें, दूसरों से स्पष्ट कहें कि आप काम कर रहे हैं एवं एकांत चाहते हैं और काम के बाद आप उनसे मिलेंगे.

(२.) पढाई के लिए आप टेबल अथवा डेस्क का उपयोग करें. पढाई के लिए आप बिस्तर या आराम कुर्सी पर बिलकुल न लेटें, अगर आप चाहें तो बीच-बीच में कुछ देर के लिए विश्राम लें.

(३.) पढाई के लिए दिन का सबसे अच्छा समय चुनें. कुछ विद्यार्थी ब्रम्हमुहूर्त का समय ठीक समझते हैं तो किसी को देर रात्रि का समय ठीक लगता है. दिन का सबसे बेहतर समय चुने जिसमे आप एकाग्रता से अपनी पढाई पूरी कर सकें.

(४.) जैसे ही कक्षा समाप्त होती है अपने क्लास नोट्स की पुनरावृति कर लें.

(५.) दिन के कुछ घंटे गंभीर अध्ययन के लिए निश्चित कर लें एवं उसका कड़ाई से पालन करें.

(६.) अपने आपको शाबाशी दें. इनाम दें. खुद से वादा करें कि यदि आपने इन निश्चित घंटों में गंभीर अध्ययन किया तो कुछ देर मनोरंजन के लिए रखेंगे और जब आप अपने लक्ष्य पर पहुंचें तो अपने दोस्तों के साथ घूमने जाएँ, कोई फिल्म देख आयें.

(७.) अगर आप चाहें तो छोटे-छोटे विराम लें. कहा जाता है व्यक्ति 30 मिनट पूरी एकाग्रचित हो सकता है उसके बाद उसकी एकाग्रता कम होने लगती है. जब आप महसूस करें कि अब आप पूरी तरह से एकाग्र नही हो पा रहे तो उठें, कुछ देर टहलें, कुछ पियें (फलों का रस, कॉफी, दूध, चाय, शर्बत इत्यादि) और फिर बैठें.

(८.) कई बार दूसरों के साथ अध्ययन करने पर आप यह जान सकते हैं कि विषय को पूरी तरह से समझ पायें हैं या नहीं. यदि आपने प्रश्नों के सही उत्तर दिए हैं और उसे आप दूसरों को अच्छी तरह समझा पाने में सफल हो गए तो समझिए कि आपके द्वारा अध्ययन किये गए विषय को आपने आत्मसात कर लिया. वरना आप महसूस करेंगे कि अभी कुछ और मेहनत करना जरूरी है.

(९.) दुसरे विद्यार्थियों के साथ study करते वक्त सावधान रहिये. कुछ student पढाई के प्रति गंभीर न रहकर अपना और आपका मूल्यवान समय नष्ट कर सकते हैं. इसलिए अत्यंत सावधानी से चुनिए कि आपको किसके साथ अध्ययन करना है.

(१०.)                     स्वयं अकेले अध्ययन करें ताकि आप अवधारणा/मूल तथ्यों और जानकारियों को आत्मसात कर सकें. समूह में अध्ययन करें ताकि आप अपना सही आंकलन कर सकें, खुद का मूल्यांकन कर सकें.

  1. पढाई की अच्छी आदतें:-

स्वयं में अध्ययन की अच्छी आदतें विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि आप परीक्षा में अच्छे Results ला सकें. आप स्वयं में ये आदतें विकसित करके परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं. नीचे कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:-

(1.)  अपना दायित्व लें- सफलता प्राप्त करने के लिए आपमें पर्याप्त प्रयास करने की क्षमता, समय देने की क्षमता एवं धीरज की आवश्यकता होती है. कुछ त्याग करना होता है, अपने कार्यों का उत्तरदायित्व स्वयं लेना होता है, तब कहीं सफलता का सेहरा आपके सर बंधता है.

(2.)  आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है क्या नही इसे आपसे बेहतर कोई नही जानता. दूसरा कोई आपको सुझाव न दे तो ठीक होगा. आप खुद अपनी प्राथमिकताएं एवं अपना मूल्य जानते हैं उसी को ध्यान में रखकर कार्य करें.

(3.)  आप किस समय एकाग्रचित्त होकर अध्ययन कर सकते हैं? वह समय सुबह है या शाम अथवा रात का… इसे जानिये. खुद सोचिये कि किस समय आप खुद को सबसे ज्यादा केंद्रित एवं गहन एकाग्रता में पाते हैं. उस समय आप सबसे जटिल अध्ययन चुनौती को हल करें.

(4.)  आपने किसी विषय की अध्ययन सामग्री पढ़ी और उसे ठीक तरीके से न समझ पाए तो उसे फिर से न पढकर अपने शिक्षक से परामर्श लें. उस पर अपने साथियों से चर्चा करें, इन्टरनेट पर खोज करें इत्यादि..

(5.)  स्वयं को हमेशा और बेहतर करने के लिए चुनौती देते रहें.  दूसरों से खुद की तुलना करने से बेहतर है खुद से स्वयं की तुलना करना.

(6.)  सकारात्मक बनें. परीक्षा के समय यही सकारात्मकता आपको तनाव और घबराहट से बचाती है.

(7.)  किसी पाठ्य-सामग्री या पुस्तक को सिर्फ सीधे-सीधे पढ़ने के बजाय उसे और दिलचस्प बनाईये जैसे कि महत्वपूर्ण अंश को चिन्हांकित करने के लिए हाइलाईटर का उपयोग करें.

  • महत्वपूर्ण अंश के छोटे-छोटे टीप बनाकर नोट करें.
  • जिस पाठ को न समझ पायें उसके प्रश्न बनाकर नोट करें.
  • पैराग्राफ या विभाग को प्रश्न में परिवर्तित करके पढ़ने, समझने के बाद उत्तर लिखें.

(8.)              आप सिर्फ ज्ञान एवं अपनी इच्छा, अपनी पसंद के लिए पढाई कर रहे हैं न कि परीक्षा के लिए. इससे परीक्षा का तनाव कम होगा और हम एकाग्र होकर अपना कार्य कर पायेंगे, जिससे हम जो भी पढेंगे हमारा ज्ञान बढ़ेगा..

  1. परीक्षा की तैयारी क्या करें…. क्या न करें…..

१.      Study के लिए एक time table बनाएँ और उसका पालन करें.

२.      पढाई के समय (जो आपने तय किया है) से पहले ही हो सके तो सम्पूर्ण अथवा अधिकतर अध्ययन पूरा कर लें.

३.      पर्याप्त व्यायाम, पर्याप्त भोजन, पर्याप्त नींद सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं.

४.      अपने टीचर के परीक्षा लेने की स्टाईल पर पैनी नजर रखिये. वह पढाते समय किस प्रकार के प्रश्न करते हैं एवं उन प्रश्नों के उत्तर किस तरह लिखें इस बारे में क्या बतलाते हैं.

५.      अपनी सम्पूर्ण अध्ययन प्रणाली एवं उनकी गहनता, जानकारी पर एक खोजी नजर डालिए. आत्मावलोकन करिये. फिर इसे अपने शिक्षक द्वारा दिए पाठ्क्रम से एवं दुसरे साथियों से भी तुलना कीजिये.

६.      अपने प्राध्यापक के फोकस और शैली को अपने अध्ययन में जोड़ें. अगर शिक्षक किसी विशेष बिंदु, विषय पोलिसी, उपाय अथवा प्रतिवाद को विशेष रूप से बाल देकर समझाते हैं तो इसे अपने परीक्षा प्रश्न के उत्तर में जरूर लिखें.

७.      “ओपन बुक परीक्षा” के लिए ऐसे अध्ययन करें जैसे आपको क्लोस बुक परीक्षा देना है.

८.      परिभाषाएं एवं महत्वपूर्ण अंश को अच्छे से याद रखें. खासकर क्लोस बुक एक्साम के लिए..

९.      ज्यादा से ज्यादा अभ्यास परीक्षाएं दें और वह भी परीक्षा जैसे माहौल में. इसके बाद उत्तरों को सही उत्तरों से जांचें या अपने दोस्तों के उत्तरों से मिलाएं.

१०.   अलग-अलग तरीकों के अंतर्गत फ्लैश कार्ड एवं फ्लो-चार्ट्स का उपयोग करें.

११.   समस्त विषयों को रोज थोड़ा-थोड़ा पढ़ें.

१२.   जब भी पढ़ें तो सारी चीजों को पहले से इकठ्ठा कर लें जैसे कि पानी, घडी, पेन आदि.. और इस बात का भी ध्यान रखें कि आपका कम्प्युटर भी सही ढंग से काम कर रहा हो..

१३.  जब परीक्षा दे रहे हों तो पहले सारे वो प्रश्न करें जो आपको अच्छी तरह से आते हों और उसके बाद  कठिन सवालों को हल करें..

क्या न करें :-

१.      अपने अध्ययन की पूरी रूपरेखा बनाने के लिए पढाई के समय तक का इन्तजार करना.

२.      दूसरों की बनाई रूपरेखा के भरोसे रहना.

३.      परीक्षा के कुछ दिन पहले जी तोड़ (कमर तोड़) पढाई करना.

४.      परीक्षा के एक दिन पहले रात को पढाई न करें.

५.      बिना विराम लिए लम्बे समय तक पढ़ना. पढाई के हिसाब से एक इंसान किसी भी चीज में 50 मिनट से ज्यादा ध्यान नही लगा सकता.

६.      टालना.

  1. टिप्स- रीविजन(पुनरावृत्ति) समय के लिए:-
  • पुनरावृत्ति के लिए पर्याप्त वक्त रखें, जिससे आखिरी समय में परेशानी न हो. इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.
  • एक समय सारिणी बनाएँ ताकि आप अपनी तैयारी का जायजा ले सकें. इसके लिए थोड़ा वक्त बाकी चीजों के लिए भी निकालें.
  • अलग-अलग तरीकों से पुनरावृत्ति करें ताकि आपको पढ़ने में भी मजा आये.
  • बहुत ज्यादा चाय, कॉफी या ठन्डे पेय न लें. स्वास्थ्यप्रद खाना समय पर खाएं. भोजन के पोषक तत्व आपके दिमाग को तेज रखने में सहायक होंगे.
  • नियमित व्यायाम आपमें ऊर्जा के स्तर को बढ़ाएगा, आपके दिमाग को साफ़ रखेगा और तनाव कम करेगा.

6.. परीक्षा के समय क्या करें.. और क्या न करें:-

  • परीक्षा के समय अच्छी नींद लें और परीक्षा के पूर्व कुछ खाकर अवश्य जाएँ..
  • परीक्षा के दिन परीक्षा-स्थल पर समय से पूर्व पहुंचकर अपने को सहज कर लें..
  • अगर आपका मन सहज विचलित हो जाता है तो अपने साथ ईअर प्लग लेकर आयें और परीक्षा वाले कमरे के पास बैठें.
  • प्रश्न पत्र मिलते ही सरसरी नजर से उसे पढ़ें ताकि प्रश्न पत्र को हल करने में समय बाँट सकें.
  • प्रत्येक प्रश्न के लिए समय तय करें एवं निर्धारित समय में ही प्रश्न हल करने का प्रयास करें.
  • प्रश्न की मांग के अनुसार ही उत्तर दें.
  • प्रश्न हल करने के पूर्व उसे दो बार पढ़ लें और उसी के अनुरूप अपने प्रश्न के मुख्य अंश को रेखांकित करें एवं क्रमवार मुख्य-बिंदुओं की सूची बनावें.
  • व्यवस्थित उत्तर के लिए शीर्षक का प्रयोग करें. प्रश्न के अनुसार उत्तर को व्यवस्थित करने के लिए समूह, दावा, प्रतिशत का प्रयोग करें.
  • पक्ष और विपक्ष बहस करें जब तक प्रश्न की जरूरत हो.
  • जब समय कम हो और उत्तर अधिक तब नए हुए तथ्यों को संक्षिप्त में लिखकर समाप्त करें.

क्या न करें:-

  • उन विषय पर बात न करें, जिसे प्रश्न में नही पुछा गया हो.
  • कोई भी प्रश्न घबराहट में न लिखें, पहले उसके बारे में अच्छे से सोंच लें फिर लिखें.
  • उत्तर को एक पैराग्राफ (अनुच्छेद) में न लिखें.
  • शोर्ट फॉर्म का प्रयोग न करें जो पढ़ने वाले को पता न हो..
  • मुख्य बिंदुओं को अपने दिमाग में दोहराएँ. बिंदुओं का विश्लेषण करें परन्तु उनको प्रारंभिक अनुच्छेद में लिख कर अपना समय नष्ट न करें.
  • यह न समझें कि पढ़ने वालों को कुछ नही आता..
  • उत्तर के बीच में ही निष्कर्ष नही दें क्रमानुसार दें..
  • एक प्रश्न में बहुत अधिक समय न लगाएं.
  • अपनी परीक्षा के विषय में सहभागियों से ज्यादा बहस न करें.

7.. परीक्षा तनाव पर बिंदु. :-

  • वास्तविक समय-सारिणी का निर्माण करें एवं उसे चिपकाएँ. परीक्षा आने के पहले ही सोचना प्रारंभ कर दें. अपने विषय के महत्वपूर्ण अंशों को अंत समय क लिए न छोड़ें.
  • वह विषय जो अत्यंत कठिन लगता है या जिसे आप पसंद नही करते उसके लिए आप संक्षिप्त नोट्स बनाएँ ताकि जटिल से जटिल विषय भी सरल तरीके से समझ सकें.
  • उसी समय सारिणी का स्वयं के लिए चयन करें जो आपके लिए श्रेष्ठ हो.
  • अगर प्रातः काल के समय आप ज्यादा एकाग्रता से पढ़ पाते हैं तो अधिक से अधिक उसी वक्त पढकर रख लें. रात के लिए न छोड़ें क्योंकि एकाग्रता में कमी हो जाती है. यदि आप रात के पढ़ने के आदि हैं तो शाम को ही पढ़ लें क्योंकि परीक्षा के दिनों में पूरी नींद लेना आवश्यक होता है.
  • महत्वपूर्ण चीजों की पुनरावृत्ति बहुत अच्छे से करें.
  • अगर आप एकाग्र होकर नही पढ़ पा रहे हैं तो दस मिनट का विराम लेकर पढ़ें. लगातार पढ़ने से थकान तो हो ही जाती है और आप बोर भी हो जाते हैं. इसलिए लगातार पढ़ने के बजाय विराम लेकर पढ़ना ज्यादा फलदाई है.
  • जो विषय आप ठीक से नही समझ पा रहे हैं उसके लिए दूसरों की मदद लें. और इस समय अपने दिमाग को गाना सुनने, टी.वी. में न भटकाएँ.
  • अंत में यह भी न भूलें कि पुनरावृत्ति और परीक्षा के आगे भी जीवन है.

8.. याद करने का आसान तरीका:-

सामान्य से लेकर मुख्य तक पढ़ें. सबसे पहले किताब को सरसरी निगाह से देखें एवं आईडिया लें कि उसके बिंदु क्या हैं? एक अध्याय एवं उसके अंतर्गत जो खंड है उसे पढ़ते चलें.

आत्म-अनुशासन  

“आप कभी पर्वतों को जीत नही सकते, अवश्य ही अपने आप पर विजय प्राप्त कर सकते हैं”

– Jm Whittaker

“अपनी महत्वकांक्षाओं से व्यक्तियों को दूर रखिये क्योंकि उनकी सोच छोटी ही रहती है.. जो व्यक्ति बड़ा है वह व्यक्ति आपको एह्साह दिलाता है कि आप भी बड़े बन सकते हैं.”

– Mark Twain

  1. परीक्षा- भय को कम करने के नुस्खे :-

परीक्षा- भय को दो भिन्न तरीकों से देखा जाता है.

  • Exam के पहले अवश्यम्भावी तनाव से निपटने का अप्रभावी सामर्थ्य.
  • एक सुस्त प्रबल भावात्मक प्रक्रिया जो परीक्षा देते समय हमारी सोच को प्रभावित करती है.

सामान्य दिखने वाले लक्षण:-

  • याददाश्त या स्मरण शक्ति में अवरोध.
  • परीक्षा देने के पहले फ़ैल होने का डर.
  • शारीरिक लक्षण जैसे – धड़कन बढ़ना, पसीना आना आदि..
  • समझने की शक्ति का हास्..
  • ध्यान से पढाई न कर पाना व पढाई में मन न लगना.

टीप-1. परीक्षा की तैयारी जल्दी कर लें:-

परीक्षा भय का सबसे सामान्य कारण है समय पर तैयारी की कमी. पढाई के लिए अच्छे से सारिणी बनायें वो भी कम से कम तीन सप्ताह पहले/ आप समझेंगे कि आपको बहुत जल्दी तैयारी शुरू करना चाहिए. पढाई जल्दी शुरू करने का एक फायदा यह भी है कि आप परीक्षा सिर पर आने के समय कमरतोड़ मेहनत  से बच जायेंगे. जो कि परीक्षा भय एक प्रमुख कारण है.

टीप-2. अच्छी नींद लें:-

नियमित अच्छी नींद लेना तनाव से बचने का बेहतर तरीका है. एक निश्चित समय पर जागें और सोने जाएँ. जिससे आपके शरीर और मस्तिष्क को समुचित आराम मिल सके. वह अपना कार्य सुचारू रूप से कर सके. विद्यार्थी जो यह नियम का पालन करते हैं उनका प्रदर्शन 30% तक बेहतर होता है उन विद्यार्थियों से जो देर रात तक जागकर पढाई करते हैं अथवा सुबह जल्दी उठकर पढाई करते हैं.

टीप-3. परीक्षा के पहले रात देर तक जागकर पढाई करना आपको चिंता तनाव से भर देगा. दुर्भाग्य से आपके देर रात जागने के बाद कुछ देर सोने पर भी यह कम नही होगा. तनाव को कम करने के लिए शाम को छुट्टी लें, घुमे, उपन्यास पढ़ें, टी.वी. देखें इत्यादि..

टीप-4. अगर परीक्षा के पहले रात में न पढ़ना आपके तनाव को बढता है तो पहले दिन में ही विषय के मुख्य भाग, महत्वपूर्ण नोट्स को फिर से ध्यान पूर्वक पढ़ लें. पर यह तभी सम्भव है जब आपने पहले से ही परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली हो.

टीप-5. आपको किस तरह का परीक्षा देना है यह सोचें क्योंकि यह परीक्षा तैयारी का महत्वपूर्ण हिस्सा है. एक निश्चित तैयार योजना आपको फ़ैल होने के डर से बचाती है. अपने आप में आत्मविश्वास जगाएं जो आपको pass होने में सहायता करती है.

टीप-6. बेहतरीन करने का लक्ष्य रखें. अक्सर जब परीक्षा समय में सब ठीक नही हो पाता, कुछ गलत होने लगता है तो स्टुडेंट्स नेगेटिव विचारों से भर जाते हैं. जिससे उनका आत्मविश्वास डगमगा जाता है और खुद पर भरोसा नही रहता. इस नकारात्मकता को तुरंत पहचाने और बलपूर्वक रोकें. अपने इन विचारों को छोड़कर कार्य पर ध्यान दें. परीक्षा में अपनी योग्यता का प्रदर्शन, उसका परिणाम, उस परिणाम पर माता-पिता और दोस्तों की प्रतिक्रिया, इन सबका मिला-जुला असर विद्यार्थी पर परीक्षा के तनाव के रूप में दिखाई देता है.

शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है विद्यार्थी को जीवन जीने की कला सिखाना. उसके दिमाग को विकसित करना, उसे सत्य का सामना करने की हिम्मत देना. उसे सोचना, समझना, एकीकृत करना, सिद्ध करना, सिखाना ही शिक्षा का उद्देश्य है. उसे यह जानना है कि (शिक्षा के माध्यम से) पहले खोजा गया ज्ञान क्या है एवं शिक्षित होकर वह खुद ही अपने प्रयत्नों से ज्ञान की नई खोज कर सकता है…

                                                     (प्रो.जी.डी. शर्मा)
                                                       कुलपति          

बिलासपुर विश्वविद्यालय बिलासपुर

We are grateful to Pro. G.D. Sharma Sir (Voice-Chancellor of Bilaspur University Bilaspur) for sharing this easy learning tips in hindi with all students & HSC Readers.

हिंदी अनुवादक:- डॉ.(श्रीमती) जयश्री शुक्ला, प्राध्यापक. महामाया शासकीय महाविद्यालय रतनपुर.
& थैंक्स शुक्ला मैम English Version को हिंदी में ट्रांसलेट करने के लिए हम आपके आभारी हैं.. Thanks a lot!.

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लोग दुनिया को जानने की बात तो करते हैं, पर स्वयं को नहीं जानते। जानते ही नहीं, बल्कि जानना ही नहीं चाहते। खुद को जानना ही दुनिया की सबसे बड़ी नियामत है। जो खुद को नहीं जानता, वह भला दूसरों को कैसे जानेगा? दूसरों को भी जानने के लिए पहले खुद को जानना

आवश्यक है। इसलिए बड़े महानुभाव गलत नहीं कह गए हैं कि जानने की शुरुआत खुद से करो।

एक महात्मा का द्वार किसी ने खटखटाया। महात्मा ने पूछा-कौन? उत्तर देने वाले ने अपना नाम बताया। महात्मा ने फिर पूछा कि क्यों आए हो? उत्तर मिला- खुद को जानने आया हूँ। महात्मा ने कहा-तुम ज्ञानी हो, तुम्हें ज्ञान की आवश्यकता नहीं। ऐसा कई लोगों के साथ हुआ। लोगों के मन में महात्मा के प्रति नाराजगी छाने लगी। एक बार एक व्यक्ति ने महात्मा का द्वार खटखटाया- महात्मा ने पूछा-कौन? उत्तर मिला-यही तो जानने आया हूँ कि मैं कौन हूँ। महात्मा ने कहा-चले आओ, तुम ही वह अज्ञानी हो, जिसे ज्ञान की आवश्यकता है? बाकी तो सब ज्ञानी थे।

इस तरह से शुरू होती है, जीवन की यात्रा। अपने आप को जानना बहुत आवश्यक है। जो खुद को नहीं जानता, वह किसी को भी जानने का दावा नहीं कर सकता। लोग झगड़ते हैं और कहते हैं- तू मुझे नहीं जानता कि मैं क्या-क्या कर सकता हूँ। इसके जवाब में सामने वाला भी यही कहता है। वास्तव में वे दोनों ही खुद को नहीं जानते। इसलिए ऐसा कहते हैं। आपने कभी जानने की कोशिश की कि खुदा और खुद में ज्यादा फर्क नहीं है। जिसने खुद को जान लिया, उसने खुदा को जान लिया। पुराणों में भी कहा गया है कि ईश्वर हमारे ही भीतर है। उसे ढूँढऩे की कोई आवश्यकता नहीं।

सवाल यह उठता है कि अपने आप को जाना कैसे जाए? सवाल कठिन है, पर उतना कठिन नहीं, जितना हम सोचते है। जिंदगी में कई पल ऐसे आएँ होंगे, जब हमने अपने आप को मुसीबतों से घिरा पाया होगा। इन क्षणों में समाधान तो क्या दूर-दूर तक शांति भी दिखाई नहीं देती। यही क्षण होता है, खुद को पहचानने का। इंसान के लिए हर पल परीक्षा की घड़ी होती है। परेशानियाँ मनुष्य के भीतर की शक्तियों को पहचानने के लिए ही आती हैं। मुसीबतों के उन पलों को याद करें, तो आप पाएँगे कि आपने किस तरह उसका सामना किया था। एक-एक पल भारी पड़ रहा था। लेकिन आप उससे उबर गए। आज उन क्षणों को याद करते हुए शायद सिहर जाएँ। पर उस वक्त तो आप एक कुशल योद्धा थे, जिसने अपने पराक्रम से वह युद्ध जीत लिया।

वास्तव में मुसीबतें एक शेर की तरह होती हैं, जिसकी पूँछ में समाधान लटका होता है। लेकिन हम शेर की दहाड़ से ही इतने आतंकित हो जाते हैं कि समाधान की तरफ हमारा ध्यान ही नहीं जाता। लेकिन धीरे से जब हम यह सोचें कि अगर हम जीवित हैं, तो उसके पीछे कुछ न कुछ कारण है। यदि शेर ने हमें जीवित छोड़ दिया, तो निश्चित ही हमारे जीवन का कोई और उद्देश्य है। उस समय यदि हम शांति से उन परिस्थितियों को जानने का प्रयास करें, तो हम पाएँगे कि हमने उन क्षणों का साहस से मुकाबला किया। यही से हमें प्राप्त होता है आत्मबल और शुरू होता है खुद को जानने का सिलसिला।

हम याद करें उन पलों के साहस को। कैसी सूझबूझ का परिचय दिया था हमने। आज भी यदि मुसीबतें हमारे सामने आईं हैं, तो यह जान लीजिए कि वह हमें किसी परीक्षा के लिए तैयार करने के लिए आईं हैं। हमें उस परीक्षा में शामिल होना ही है। यानी खुद की शक्ति को पहचान कर हमें आगे बढ़ना है। जीवन इसी तरह आगे बढ़ता है।

यह बात हमेशा याद रखें कि जिसने परीक्षा में अधिक अंक लाएँ हैं, उन्हें और परीक्षाओं के लिए तैयार रहना है। जो फेल हो गए, उनके लिए कैसी परीक्षा और काहे की परीक्षा? याद रखें मेहनत का अंत केवल सफलता नहीं है, बल्कि सफलता के बाद एक और कड़ी मेहनत के लिए तैयार होना है। बस….

डॉ. महेश परिमल

Dr. Mahesh Parimal

403,Bhawani Parisar
Indrapuri BHEL
BHOPAL 462022

Mob.09977276257
http://dr-mahesh-parimal.blogspot.com/

http://aajkasach.blogspot.com/

 

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क्या है सही- टाइम रॉबर या टाइम सेवर https://www.hamarisafalta.com/2015/02/time-management-motivational-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/02/time-management-motivational-hindi.html?noamp=mobile#respond Wed, 04 Feb 2015 18:12:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/02/04/time-management-motivational-hindi/   क्या आप पहचानते हैं अपने टाइम रॉबर कोसंस्था द्वारा आयोजित एक साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में जाना हुआ। वहां पर एक दिन ‘टाइम रॉबर’ जैसे अनूठे टॉपिक पर चर्चा की गई। ‘टाइम रॉबर’ यानी समय के डकैत। जीवन में कहीं न कहीं हम सबका इनसे वास्ता पड़ता है। इनकी पहचान बहुत ही मुश्किल होती है। जिसने भी ‘टाइम रॉबर’को पहचान लिया, समझो उसका जीवन संवर गया। वैसे इनके उलट भी लोग होते हैं, जिन्हें हम ‘टाइम सेवर’ कह सकते हैं, […]

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क्या आप पहचानते हैं अपने टाइम रॉबर कोसंस्था द्वारा आयोजित एक साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में जाना हुआ। वहां पर एक दिन ‘टाइम रॉबर’ जैसे अनूठे टॉपिक पर चर्चा की गई। ‘टाइम रॉबर’ यानी समय के डकैत। जीवन में कहीं न कहीं हम सबका इनसे वास्ता पड़ता है। इनकी पहचान बहुत ही मुश्किल होती है। जिसने भी ‘टाइम रॉबर’को पहचान लिया, समझो उसका जीवन संवर गया। वैसे इनके उलट भी लोग होते हैं, जिन्हें हम ‘टाइम सेवर’ कह सकते हैं, यानी समय को बचाने वाले। इन दोनों में इतना महीन अंतर है कि इंसान इन्हें पहचानने में धोखा खा जाए। अनुभव से इन्हें पहचाना जा सकता है। आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोग कभी-कभी बातचीत में इतने अधिक तल्लीन हो जाते हैं कि उन्हें समय का भान ही नहीं होता। इस बीच वे अपने कई आवश्यक काम नहीं कर पाते। यहां दोनों ही परस्पर ‘टाइम रॉबर’ हैं। दोनों ने एक-दूसरे का समय बर्बाद किया।

कई बार ऐसा होता है कि हम कहीं जा रहे हैं, तो कोई हमसे कहता है कि आगे रास्ता खराब है, आप नहीं जा पाएंगे। उस समय वह हमें ‘टाइम रॉबर’ के रूप में दिखाई देता है, जिसने व्यर्थ ही हमें बातों में लगाया। यदि आगे जाकर सचमुच ही रास्ता खराब मिलता है, तो वही व्यक्ति हमारे लिए ‘टाइम सेवर’ बन जाता है। बस इतना ही फर्क होता है दोनों में। कई बार ऐसा होता है कि जिसे हम ‘टाइम सेवर’ मानते हैं, वह ‘टाइम रॉबर’ निकलता है, तो कभी इसके विपरीत भी होता है। ‘टाइम रॉबर’ की सक्रियता अक्सर महिलाओं में अधिक होती है, लेकिन पुरुष भी किसी मामले में पीछे नहीं होते। आप स्वयं अनुभव करें। कभी-कभी किसी काम में हमें जरूरत से अधिक समय लगता है। इसका आशय यही है कि वहां ‘टाइम रॉबर’ काम कर रहा है। कभी कोई काम आसानी से हो जाता है, तो अनजाने में हमारा ‘टाइम सेवर’ हमें काम आता है। आप यदि तय कर लें कि इस काम में हमें इससे अधिक समय नहीं देना है, तो बस आप हो गए ‘टाइम सेवर। कंप्यूटर पर बैठने वाले कई बार घंटों ई-मेल चेक करने और जवाब देने में ही लगा देते हैं, जबकि उससे कहीं आवश्यक काम उनका इंतजार कर रहा होता है। निंदा पुराण, साड़ी पुराण आदि ‘टाइम रॉबर’ के ही रूप हैं।
आजकल बच्चों का काफी समय इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स निगल लेती हैं। इसे वे नहीं समझ पाते। पर बाद में जब कई काम उनसे नहीं हो पाते, तब समझ में आता है कि उन्होंने कितना समय खराब कर दिया। जो लोग अपना टेबल साफ नहीं रख सकते, ‘टाइम रॉबर’ उनका सबसे बड़ा दुश्मन है। ऐसा दुश्मन, जो उन्हें कभी सही समय पर सही काम करने नहीं देगा। ‘टाइम रॉबर’ को समझने के लिए विद्यार्थी की किताबें-कापियां, कपड़े, बैग आदि देखना ही पर्याप्त हैं। करीने से रखी हुई हर चीज यह बताती है कि ‘टाइम सेवर’ उनके साथ है। बेतरतीब चीजों के अटाले के पास ‘टाइम रॉबर’ ही मिलेंगे। हां इन अटालों से आप कोई उपयोगी चीज निकाल लें, वही होगा आपका ‘टाइम सेवर। जो समय बचाने में हमारी मदद करे, वही है सच्चा ‘टाइम सेवर। जरा ध्यान से देखें, तो समझ में आ जाएगा कि कौन हमारा जीवन संवारने में मददगार है। हर किसी को अपना समय देने की एक सीमा होती है। जो प्रेमिका या प्रेमी को आवश्यकता से अधिक समय देते हैं, उससे बड़ा ‘टाइम रॉबर’ और कोई हो ही नहीं सकता। जो विफल रहे हैं, उनके जीवन में ‘टाइम रॉबर’ की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ‘टाइम रॉबर’ हमें समय को खोना सिखाते हैं और ‘टाइम सेवर’ समय को सहेजना। अब यह हम पर निर्भर है कि हम किसे अपना दोस्त बनाना चाहते हैं।

 

डॉ. महेश परिमल

Dr. Mahesh Parimal
403,Bhawani Parisar
Indrapuri BHEL
BHOPAL 462022

Mob.09977276257
http://dr-mahesh-parimal.blogspot.com/
http://aajkasach.blogspot.com/

डॉ. महेश परिमल जी का बहुत-बहुत धन्यवाद जिन्होंने टाइम रॉबर और टाइम सेवर से सम्बंधित इतना अच्छा हिंदी आर्टिकल हमारीसफलता.कॉम के साथ शेयर किया..

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पतंग के पेंचों में है जीवन जीने का सलीका.. https://www.hamarisafalta.com/2015/01/kites-motivational-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2015/01/kites-motivational-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 17 Jan 2015 11:56:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2015/01/17/kites-motivational-article-in-hindi/ अभी-अभी हमारे बीच से पतंगोत्सव यानी उत्तरायण का पर्व गुजरा। हमने भी खूब पतंगें उड़ाई होंगी। कई लोगों को अपना बचपन याद आ गया होगा। पर कभी सोचा आपने कि पतंग हमें जीवन जीने का सलीका सिखा सकती है। इससे हम जीवन जीने की कला सीख सकते हैं। पतंग का उड़ना हमें जीवन का संदेश दे सकता है। बहुत ही कम कीमत में मिलने वाली यह पतंग हमें कीमती सीख दे सकती है। आज तक शायद हमने नहीं जाना, पर […]

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अभी-अभी हमारे बीच से पतंगोत्सव यानी उत्तरायण का पर्व गुजरा। हमने भी खूब पतंगें उड़ाई होंगी। कई लोगों को अपना बचपन याद आ गया होगा। पर कभी सोचा आपने कि पतंग हमें जीवन जीने का सलीका सिखा सकती है। इससे हम जीवन जीने की कला सीख सकते हैं। पतंग का उड़ना हमें जीवन का संदेश दे सकता है।

बहुत ही कम कीमत में मिलने वाली यह पतंग हमें कीमती सीख दे सकती है। आज तक शायद हमने नहीं जाना, पर आज मैं आपको बताता हूं कि पतंग से किस तरह जीवन जीने के गुर सीख् सकते हैं। आकाश में तैरती रंग-बिरंगी पतंगें भला किसे अच्छी नहीं लगती? एक डोर से बंधी हवा में हिचकोले खाती हुई पतंग कई अर्थों में हमें अनुशासन का सबक देती हैं। ज़रा उसकी हरकतों पर ध्यान तो दीजिए, फिर समझ जाएंगे कि मात्र एक डोर से वह किस तरह से हमें अनुशासन का पाठ पढ़ाती है।
अनुशासन कई लोगों को एक बंधन लग सकता है। निश्चय ही एक बार कि यह सबको बंधन ही लगता है, पर सच यह है कि वह अपने आप में एक मुक्त व्यवस्था है, जो जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए अतिआवश्यक है। आप याद करें, बरसों बाद जब मां अपने पुत्र से मिलती हैं, तब उसे वह कसकर अपनी बांहों में भींच लेती है। क्या थोड़े ही पलों का यह बंधन सचमुच बंधन है? क्या आप बार-बार इस बंधन में बंधना नहीं चाहेंगे? यहां यह कहा जा सकता है कि बंधन में भी सुख है। यही है अनुशासन।
अनुशासन को यदि दूसरे ढंग से समझना हो, तो हमारे सामने पतंग का उदाहरण है। पतंग काफी ऊपर होती है, एक डोर ही होती है, जो उसे संभालती है। बच्चा यदि पिता से कहे कि यह पतंग तो डोर से बंधी हुई है, तब यह कैसे मुक्त आकाश में विचर सकती है? तब यदि पिता पतंग की डोर को काट दें, तो बच्चा कुछ ही देर में पतंग को जमीन पर पाता है। बच्चा जिस डोर को पतंग के लिए बंधन समझ रहा था, वह बंधन ही था, जो पतंग को ऊपर उड़ा रहा था। यही है बंधन का अनुशासन।
गुजरात-राजस्थान में मकर संक्रांति के अवसर पर पतंग उड़ाने की परंपरा है। इस दिन लोग पूरे दिन अपने घर की छत पर रहकर पतंग उड़ाते हैं। क्या बच्चे, क्या बूढ़े, ऐसे में युवाओं की बात ही क्या! पतंग का यह त्योहार अपनी संस्कृति की विशेषता ही नहीं, अपितु आदर्श व्यक्तित्व का संदेश भी देता है। आइए, जानें पतंग से जीवन जीने की कला किस तरह से सीखी जा सकती है।
पतंग का आशय है, अपार संतुलन, नियमबद्ध नियंत्रण, सफल होने का आक्रामक जोश और परिस्थितियों के अनुकूल होने का अद्भुत समन्वय। यह आक्रामक एवं जोशीले व्यक्तित्व की भी प्रतीक है। पतंग का कन्ना संतुलन की कला सिखाता है। कन्ना बांधने में थोड़ी-सी लापरवाही होने पर पतंग यहां-वहां डोलती है, यानी सही संतुलन नहीं रह पाता। इसी तरह जीवन और व्यक्तित्व में भी संतुलन न होने पर जीवन गोते खाने लगता है। आज के इस तेजी से बदलते आधुनिक परिवेश में नौकरी-व्यवसाय और पारिवारिक जीवन के बीच संतुलन रखना अति आवश्यक है। इसमें हुई थोड़ी सी-चूक या लापरवाही जिंदगी की पतंग को असंतुलित कर देती है।
पतंग से सीखने का दूसरा गुण है नियंत्रण। खुले आकाश में उड़ने वाली पतंग को देखकर लगता है कि वह अपने-आप ही उड़ रही है, लेकिन उसका नियंत्रण डोर के माध्यम से उड़ाने वाले के हाथ में होता है। डोर का नियंत्रण ही पतंग को भटकने से रोकता है। मानव व्यक्तित्व के लिए भी एक ऐसी ही लगाम की आवश्यकता है। निश्चित लक्ष्य से दूर ले जाने वाले अनेक प्रलोभन मनुष्य के सामने आते हैं। इस समय स्वैच्छिक नियंत्रण और अनुशासन ही उसकी पतंग को निरंकुश बनने से रोक सकता है। पतंग की उड़ान तभी सफल होती है, जब प्रतिस्पर्धा में दूसरी पतंग के साथ उसके पेंच लड़ाए जाएं। पतंग के पेंच में हार-जीत की जो भावना देखने में आती है, वह शायद ही कहीं और देखने को मिले। पतंग किसी की भी कटे, खुश दोनों ही होते हैं। जिसकी पतंग कटती है, वह भी अपना ग़म भूलकर दूसरी पतंग का कन्ना बांधने में लग जाता है। यही व्यावहारिकता जीवन में भी होनी चाहिए। अपना ग़म भूलकर दूसरों की खुशियों में शामिल होना और एक नए संकल्प के साथ जीवन की राहों पर चल निकलना ही इंसानियत है।
पतंग का आकार भी उसे एक अलग ही महत्व देता है। हवा को तिरछार काटने वाली पतंग हवा के रुख के अनुसार अपने आपको संभालती है। आकाश में अपनी उड़ान को कायम रखने के लिए सतत् प्रयत्नशील रहने वाली पतंग हवा की गति के साथ मुड़ने में ज़रा भी देर नहीं करती। हवा की दिशा बदलते ही वह भी अपनी दिशा तुरंत बदल देती है। इसी तरह मनुष्य को परिस्थितियों के अनुसार ढलना आना चाहिए। जो अपने-आपको हालात के अनुसार नहीं ढाल पाते, वे ‘आऊट डेटेड’ बन जाते हैं और हमेशा गतिशील रहने वाले ‘एवरग्रीन’ होते हैं। यह सीख हमें पतंग से ही मिलती है।
पतंग उड़ाने में सिद्धहस्त व्यक्ति यदि जीवन को भी उसी अंदाज़ में ले, तो वह भी जीवन की राह में सदैव अग्रसर होता जाएगा। पतंग उड़ाने वाले हमेशा खराब मांजे को अलग कर देते हैं, उस धागे से पेंच नहीं लड़ाए जाते। ठीक उसी तरह जीवन में भी ऐसे सबल व्यक्ति पर विश्वास किया जाता है, जिस पर जीवन के अनुभवों का मांजा लगा हो। ऐसा व्यक्ति ही हमारे काम आ सकता है। धागों में कहीं अवरोध या गठान नहीं होनी चाहिए, क्योंकि पेंच लड़ाते समय यदि प्रतिद्वंद्वी का धागा उस गठान के पास आकर अटक गया, तो समझो कट गई पतंग। पतंग का धागा वहीं रगड़ खाएगा और डोर को काट देगा। जीवन भी यही कहता है। जीवन में अनंत अवरोध आते हैं, परंतु सही इंसान इस मोह के पड़ाव पर नहीं ठहरता, वह सदैव मंजि़ल की ओर ही बढ़ता जाता है। ‘चलना जीवन की कहानी, रुकना मौत की निशानी’ जीवन का यही मूलवाक्य होता है।
जीवन के अनुभव भी हमें कहीं न कहीं, किसी न किसी रूप में मिल सकते हैं। छोटे बच्चे भी प्रेरणा के स्रोत  बन सकते हैं, तो झुर्रीदार चेहरा भी हमें अनुभवों के मोती बांटता मिलेगा। अब यह हम पर निर्भर करता है कि हमें किस तरह से अनुभवों के मोतियों को समेटते हैं।
—-बिटिया ने बताया जीवन का मूलमंत्र—

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 डॉ. महेश परिमल

संक्षिप्त परिचय : छत्तीसगढ़ की सौंधी माटी में जन्मे महेश परमार ‘परिमल’ मूलत: एक लेखक हैं। बचपन से ही पढ़ने के शौक ने युवावस्था में लेखक बना दिया। आजीविका के रूप में पत्रकारिता को अपनाने के बाद लेखनकार्य जीवंत हो उठा। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसके सपने कभी उसकी पलकों में कैद नहीं हुए, बल्कि पलकों पर तैरते रहे और तैरते-तैरते किनारों को अपनी एक पहचान दे ही दी। आज लेखन की दुनिया का इनका भी एक जाना-पहचाना नाम है।

भाषाविज्ञान में पी-एच.डी. का गौरव प्राप्त। अब तक सम-सामयिक विषयों पर एक हजार से अधिक आलेखों का प्रकाशन। आकाशवाणी के लिए फीचर-लेखन, दूरदर्शन के कई समीक्षात्मक कार्यक्रमों की सहभागिता। पाठच्यपुस्तक लेखन में भाषा विशेषज्ञ के रूप में शामिल। विश्वविद्याल स्तर पर अंशकालीन अध्यापन। अब तक तीन  किताबों का प्रकाशन। पहली ‘लिखो पाती प्यार भरी’ को मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा दुष्यंत कुमार स्मृति पुरस्कार, दूसरी किताब ‘अनदेखा सच’ और तीसरी “अरपा की गोद  में”   को पाठकों ने विशेष रूप से सराहा।

सम्पर्क:- Dr. Mahesh Parimal

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क्यों बने हम भीड़ का हिस्सा https://www.hamarisafalta.com/2014/12/talent-success-inspiring-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2014/12/talent-success-inspiring-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Mon, 29 Dec 2014 15:57:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/12/29/talent-success-inspiring-hindi-article/      क्यों बने हम भीड़ का हिस्सा. Dear Friends, इस दुनिया में ऐसा कोई नही होगा जो यह नही सोचता कि मरने से पहले यह काम करना है, अपनी एक अलग पहचान बनानी है। लोगों के दिल में अपना जगह सुरक्षित करना है, दुनिया से जाने के बाद भी पूरी दुनिया हमे अपनी अलग पहचान के साथ जाने ऐसा काम करना है..etc.. सब लोगों के अपने सपने होते हैं किसी के छोटे तो किसी के बड़े, लेकिन हर कोई चाहता […]

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  क्यों बने हम भीड़ का हिस्सा.

Dear Friends, इस दुनिया में ऐसा कोई नही होगा जो यह नही सोचता कि मरने से पहले यह काम करना है, अपनी एक अलग पहचान बनानी है। लोगों के दिल में अपना जगह सुरक्षित करना है, दुनिया से जाने के बाद भी पूरी दुनिया हमे अपनी अलग पहचान के साथ जाने ऐसा काम करना है..etc.. सब लोगों

के अपने सपने होते हैं किसी के छोटे तो किसी के बड़े, लेकिन हर कोई चाहता है कि उसके सारे सपने साकार हों और मरने से पहले उसकी खुद की अलग पहचान हो।

भगवान ने हम सबको कुछ विशेष गुण देकर यहाँ भेजा है, और हर किसी के अंदर उसने एक खास प्रतिभा दे रखी है। कुछ लोग कहते हैं कि अपना टैलेंट कभी न कभी लोगों के सामने आ ही जायेगा, यदि आपमें प्रतिभा है तो एक दिन जरूर पहचानी जायेगी। हम इस बात से सहमत हैं पर आज की जनरेशन में किसी का टैलेंट खुद-ब-खुद पहचान लिया जाए यह संभव नही। करोड़ों लोग प्रतिभावान हैं पर उनमे चंद लोग ही कामयाबी के शिखर तक पहुँच पाते हैं। यदि आप अपना टैलेंट खुद में समेटे जीना चाहते हैं तो आपकी गिनती हमेशा पिछड़े लोगों में ही की जायेगी जो कि कभी बड़ा मुकाम हासिल नही कर पाते।

भीड़ से अलग नजर आना:-

किस स्टूडेंट को क्लास में टीचर सबसे ज्यादा नोटिस करते हैं?, जो अपने सवालों से टीचर का ध्यान खींचता है, जो हर काम सही टाइम पर पूरा करता है, या सीधा से कहें तो यह जताता है कि वह सबसे बेस्ट है।

हम सब भीड़ का हिस्सा हैं, चाहे वो क्लासरूम हो या फिर ये दुनिया! बात सीधी और सच्ची है यदि कोई स्टूडेंट अपने टैलेंट को टीचर के सामने बताकर क्लास की भीड़ से अलग नजर आ सकता है तो हम अपने अंदर की प्रतिभा को दुनिया के सामने लाकर भीड़ से अलग नजर आने का प्रयास कर सकते हैं और अलग नजर आ सकते हैं।

अलग क्यों नजर आयें:-

कई लोग हमे मेल करते हैं कि जॉब में प्रमोशन कैसे मिले और इसका सबसे बड़ा आंसर है अपनी टीम से अलग नजर आयें। बॉस को इम्प्रेस करने के लिए आपको अलग नजर आना होगा, इसका मतलब आफिस का डिसिप्लिन तोडना नही है, इसका मतलब है अपने सीनियर से नए आईडियाज़ शेयर करना, कुछ ऐसा करना जो सबसे हटकर हो। यदि आप पॉजिटिव way के through भीड़ से अलग बात कर रहे हैं तो आपको नोटिस जरूर किया जायेगा। जॉब में प्रोमोशन कैसे मिले इसके लिए अलग से एक आर्टिकल हम यहाँ पब्लिश करेंगे.

अलग नजर आने से और लिक से हटकर बात करने से दूसरों के मुकाबले आपकी पहचान ऊँची होगी खासकर जब बात आपकी प्रतिभा की हो!

अपना टैलेंट लोगों के सामने कैसे लाएं:-

अपनी प्रतिभा को अपने तक ही सीमित रखना और सिर्फ सही अवसर का इंतजार करना कि सही वक्त में टैलेंट सबके सामने आ ही जायेगा, अपने आप में सबसे बड़ी दुःख की बात है। आज मीडिया और इन्टरनेट का जमाना है और इन चीजों का सही उपयोग आदमी को अपनी प्रतिभा के बदौलत आम से बहुत खास बना सकता है।

यदि मैं अपने खुद की बात करूँ तो मुझे लिखने का बहुत ज्यादा शौक था, मैं लोगों के सामने अपने विचार बाँटना चाहता था। “हमारी सफलता” किताब लिखने के ख्याल से मैंने एक छोटा-सा आर्टिकल बनाया था और कल उसी आर्टिकल ने मेरी जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव लाया जिसके बदौलत कई News Paper में आर्टिकल्स लिखने के लिए हमे न्यौता दिया जा चूका है। आज इन्टरनेट पर यह साईट हजारों लोगों की जिंदगी में एक बेहतरीन सकारात्मक परिवर्तन ला रही है। और हमारी सफलता का हिंदी ईबुक (Demo) हम जल्दी देने वाले हैं।

यदि आपके अंदर एक अच्छे लेखक के गुण हैं तो आप अखबार में लिख सकते हैं, इन्टरनेट पर खुद की साईट बनाकर लोगों तक अपनी प्रतिभा पहुंचा सकते हैं यदि आप एक सफल गायक बनना चाह रहे हैं तो You Tube पर अपना चेनल बनाकर लोगों तक पहुँच सकते हैं।

मार्केटिंग की मुख्य भूमिका:-

आपको 3-Idiots का फरहान (माधवन) याद ही होगा जिसके अंदर फोटोग्राफी का टैलेंट छिपा हुआ था। पर वह अपनी प्रतिभा को एक लेटर में छिपाए बैग में घूमता फिर रहा था जबकि उसको उसे हंगरी के आंद्रे इस्तेवान जो कि एक बहुत बड़ा फोटोग्राफर था उसके पास पोस्ट करना था और एक दिन रैन्चो (आमिर) ने ऐसा ही किया चुपके से उसने लेटर पोस्ट की और उसके जवाब में क्या आया आप सबको पता है। इस तरह फरहान एक बहुत बड़ा वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बन गया।

यदि आपको अपना टैलेंट लोगों के सामने लाना है तो खुद की मार्केटिंग जोरों से करनी होगी। आपके अंदर जैसी प्रतिभा है उसको उनके expert लोगों तक आपको ही पहचाना है क्योंकि आज के टाइम में “जो दीखता है वही बिकता है”.. इसलिए अब से आपको अपनी तारीफ़ खुद करनी होगी, लोगों के सामने अपने हुनर को लाना होगा।

तभी आप भीड़ से अलग नजर आयेंगे। यदि अमिताभ बच्चन, शाहरूख खान, रोनित रॉय ये सब घर में बैठकर अपनी प्रतिभा का बखान करते तो आज वो भीड़ का बस एक हिस्सा होते पर आज इनका नाम हर किसी के जुबान पर है।

सफलता सरलता से कभी नही मिलती इसमें हर व्यक्ति को संघर्ष से गुजरना होता है।

यदि आप घर से बाहर निकलना नही चाहते, अपने प्रतिभा की मार्केटिंग नही करना चाहते तो सफल होने के ख्वाब देखना गलत है।

हमेशा अपने गुणों, अपनी प्रतिभा को सबके सामने लाने के लिए प्रयासरत रहिये, ज्यादा से ज्यादा उन लोगों के टच में रहिये जिन्होंने आपके जैसा सपना देखा था और जो आज सफल हैं। सफल लोगों से संपर्क बनाने में खुद को आगे लाइए, विशिष्ट लोगों से मिलिए, अपनी प्रतिभा के प्रचार में पीछे मत रहिये, अख़बारों में लिखिए, भीड़ से अलग नजर आने के लिए जो कर सकते हैं वो कीजिये लेकिन भीड़ से अलग नजर आने का ही प्रयास करिये.

 

All the best.

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जानिये स्टीव जॉब्स में क्या था.. https://www.hamarisafalta.com/2014/12/steve-jobs-inspiring-article-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2014/12/steve-jobs-inspiring-article-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 20 Dec 2014 16:13:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/12/20/steve-jobs-inspiring-article-in-hindi/ जानिये स्टीव जॉब्स में क्या था- दोस्तों, स्टीव जॉब्स को खूबियों से भरा इंसान हम मान सकते हैं। उनमे ऐसे-ऐसे गुण ढूंढे गए हैं जो आप और हम सबके लिए बहुत प्रेरणादायी साबित हो सकते हैं। आइये देखते हैं उनमे क्या था- स्टीव अपने काम से कभी भी संतुष्ट न होने वाले एक ऐसे व्यक्ति थे जिनमे हमेशा अपने काम के प्रति जूनून देखने को मिलता था।  विजनरी, क्रियेटिव और जीनियस, सबको मोटिवेट करने वाले। नामुनकिन को मुमकिन करने का […]

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जानिये स्टीव जॉब्स में क्या था-

दोस्तों, स्टीव जॉब्स को खूबियों से भरा इंसान हम मान सकते हैं। उनमे ऐसे-ऐसे गुण ढूंढे गए हैं जो आप और हम सबके लिए बहुत प्रेरणादायी साबित हो सकते हैं। आइये देखते हैं उनमे क्या था-

  • स्टीव अपने काम से कभी भी संतुष्ट न होने वाले एक ऐसे व्यक्ति थे जिनमे हमेशा अपने काम के प्रति जूनून

देखने को मिलता था।  विजनरी, क्रियेटिव और जीनियस, सबको मोटिवेट करने वाले।

  • नामुनकिन को मुमकिन करने का साहस रखने वाले।
  • काम के अलावा परिवार के प्रति लगाव रखने वाले। अंतिम समय में भी उनकी पत्नी और तीनो बच्चे उनके पास थे। स्टीव अपने पिता पॉल जॉब्स और बहन मोना को भी बहुत चाहते थे।
  • वह एक अच्छे दोस्त थे, उन्होंने कभी भी मुसीबत के समय अपने दोस्त का साथ नही छोड़ा।
  • स्टीव जूनून, साहस और विश्वास का दूसरा नाम थे। एप्पल से निकाले जाने के बाद NeXT और PiXAR की सफलता इसका बहुत बड़ा उदाहरण है।
  • हमेशा दूसरों से अलग सोचना और उसे हकीकत बनाना। उनका तो नारा ही था Think Different.. वे जो भी सोचते थे लोग वहाँ तक सोच भी नही पाते थे।
  • छोटी से छोटी बात भी उनकी नजरों से बच नही पाती थी। वह हर बटन, हर कॉर्नर देखते थे। पॉवर कार्ड के रंग और पैकेजिंग कार्ड बोर्ड के मामले में भी वह गलती नही करते थे, मेनू के फॉण्ट के चलते तो कभी कभी उनकी नींद तक उड़ जाति थी।
  • काम के प्रति इतना ज्यादा लगाव था कि उन्होंने अंतिम समय तक केवल तीन मेडिकल छुट्टियाँ लीं। बीमारी के समय भी हॉस्पिटल से एप्पल के कर्मचारियों को सन्देश भेजते थे कि मैं जल्दी ही वापस आने आ रहा हूँ।
  • वे एक साथ कई मोर्चों पर सोचते थे। रिसर्च, मैनुफैक्चरिंग, कंज्यूमर्स जैसे कई मोर्चों से एक साथ जूझते थे।
  • हर मुश्किल को चुनौती की तरह देखा, जिससे उनका सर्वश्रेष्ठ सामने आ सका।
  • स्टीव बेहतरीन आविष्कारक और प्रवर्तक थे। उनमे पहल करने की क्षमता थी।

उनकी पहल करने के कारण ही एप्पल की स्थापना हो सकी।

  • वो हमेशा दूर की सोचने में विश्वास रखते, वक्त से 50 साल आगे की सोचते थे। बहुत कम शब्दों में बताते थे कि आपको कैसा सोचना चाहिए?
  • उन्होंने वर्तमान में भविष्य को देखा और उसे साकार करने का साहस किया। गजब का आत्मविश्वास था इसलिए वो शुन्य से शिखर तक पहुचे..।
  • एप्पल के यूजर्स उनके लिए भगवान के समान थे। शायद यही कारण था कि वे अपने मेल पर आने वाले ग्राहकों से सवालों का जवाब स्वयं देते थे।
  • दुनिया के ऐसे सपूत थे जो हमेशा लीक से हटकर चले। जिसने कभी भीड़ का अनुसरण नही किया।
  • जॉब्स ज्यादा से ज्यादा उम्मीद करने वाले थे, वे हमेशा अपने कर्मचारियों से कहते थे कि 48 घंटों का काम 24 घंटों में करो और वो स्वयं दिन-रात मेहनत करने में लगे रहते थे ताकि उनका काम समय पर पूरा हो सके।
  • उनके पास कभी दम न तोड़ने वाला भरपूर विश्वास था। जब सारी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही थी। उस समय जॉब्स कहते थे, मंदी कैसी मंदी? वे कहते थे एप्पल के प्रोडक्ट खरीदने के लोग लाइन में लगे हैं। फिर मंदी का सवाल ही नही उठता।
  • काम का अलग ही ढंग उन्होंने फोकस ग्रुप, ग्रुपथिंकिंग या अपनी कमेटी के फैसलों में अपने आपको कभी नही बाँधा। वे सब फैसला खुद ही लिया करते थे।
  • वह एक ऐसे सितारे थे जिसके पीछे पूरी आकाश गंगा घुमती थी.. वह अपने आपमें आकाश थे क्योंकि सब कुछ वे स्वयं में समेटे हुए थे।

दोस्तों स्टीव जॉब्स में ऐसी बहुत सारी खूबियां थी और शायद इसी वजह से एप्पल अपने आपमें एक मिशाल बने खड़ा हुआ है.. हमे स्टीव से बहुत कुछ सीखने को मिला है, आज भी वो हम सबके बीच में हैं, उनकी कही बातें हम कभी नही भूलेंगे.. हम प्रयास करेंगे कि स्टीव जॉब्स के जीवन परिचय के बारे में यहाँ एक आर्टिकल पब्लिश किया जाये.

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सफलता में रूकावट- 6 खतरनाक “C” https://www.hamarisafalta.com/2014/12/6-khatarnak-c-motivational-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2014/12/6-khatarnak-c-motivational-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Sat, 13 Dec 2014 05:54:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/12/13/6-khatarnak-c-motivational-hindi-article/ समझौता मत कीजिये (Don’t Compromise)- दोस्तों, समझौता एक इंजेक्शन की भांति होता है, जो सहायक भी हो सकता है और तकलीफदेह भी..। यदि किसी कार्य में हम असफल हो गए, हमें सफलता नही मिली और हमने परिस्थितियों से समझौता कर लिया तो हमारी क्या कीमत रह जायेगी? आप किसके लिए हैं? क्या समझौता करने के लिए? अपनी अंतरात्मा की आवाज के विपरीत किसी भी दुसरी बात पर समझौता मत कीजिये। स्टीव जॉब्स का कहना था कि बाजार में पिछडना मंजूर है […]

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समझौता मत कीजिये (Don’t Compromise)-

दोस्तों, समझौता एक इंजेक्शन की भांति होता है, जो सहायक भी हो सकता है और तकलीफदेह भी..। यदि किसी कार्य में हम असफल हो गए, हमें सफलता नही मिली और हमने परिस्थितियों से समझौता कर लिया तो हमारी क्या कीमत रह जायेगी? आप किसके लिए हैं? क्या समझौता करने के लिए? अपनी अंतरात्मा की

आवाज के विपरीत किसी भी दुसरी बात पर समझौता मत कीजिये। स्टीव जॉब्स का कहना था कि बाजार में पिछडना मंजूर है लेकिन गलत चीज भेजना कतई मंजूर नही है। बात साफ़ है कि आप किसी कार्य को नही करना चाहते तो स्पष्ट रूप से मना कर दीजिए उसे मन का बोझ बनने मत दीजिए।

निंदा मत कीजिये (Don’t Criticize)-

निंदा एक बहुत बड़ी बीमारी के समान है, इससे हमेशा हम लोगों को खोते हैं, पाते हैं। यदि कोई घटना जो आपसे सम्बन्ध न रखती हो उसकी निंदा न करें। बिना आवश्यकता अपना कीमती समय निंदा करने में न बिताएं। यदि करनी भी हो तो प्रशंसा या प्रोत्साहन के बीच में करें। और यदि निंदा बहुत जरूरी है तो व्यक्ति की जगह कार्य की करें। लोग आपको निंदा करने के लिए प्रेरित करेंगे ऐसी स्थिति में अस्पष्ट सा जवाब देकर बच जाएँ। यदि आपको विवादों से बचना है तो बिना मांगे किसी को राय न दें, यही उलझनों से बचने का एक अच्छा रास्ता भी है।

शिकायत मत कीजिये (Don’t Complain)-

हर व्यक्ति में अलग-अलग गुण मौजूद हैं, सब आपकी तरह ही सोचें या बने ये जरूरी नही! हमेशा शिकायत करते रहना, दुखी रहने का सबसे बड़ा कारण है, इसलिए हर जगह व्यक्ति, वस्तु या सिस्टम की निंदा मत करते रहिये। यदि गलतियाँ खोजनी है तो अपने अंदर खोजिये, और अपनी कमजोरियों को निखारने का प्रयास कीजिये। शिकायती व्यक्ति अपने लाइफ में कभी लोकप्रिय नही होता।

राय/ गॉसिप संभलकर दें (Don’t Comment)-

किसी के बारे में कमेन्ट करना लोगों के व्यवहार का एक हिस्सा बनता जा रहा है, आप कुछ अच्छा करने के लिए भी निकलें तो लोग तीखे कमेन्ट करना नहीं छोड़ते। अक्सर हम किसी को शुभचिंतक समझकर किसी व्यक्ति के बारे में अपना नजरिया या राय व्यक्त कर देते हैं, बिना ये सोचे कि यदि ये बात सामने वाले तक पहुच गई तो क्या होगा, और जब 100 में से 99 बार शुभचिंतक हमारे द्वारा किये गए छोटे से कमेन्ट या राय को सामने वाले आदमी तक पंहुचा देते हैं, उस समय आपको जवाब देना मुश्किल पड़ जाता है। हमारे द्वारा किया गया छोटा सा गॉसिप/राय भी आगे चलकर कितनी बड़ी मुश्किल खड़ी कर देगा, ये हम नही जानते। इसलिए किसी भी बात पर अनावश्यक राय देने से बचें इससे आप अच्छे रिश्ते खोने से बचेंगे।

विवाद मत कीजिये (Don’t Confront)-

विवादों से हमारे हाथ में जो रहता है हम उसे भी गँवा बैठते हैं, अच्छी दोस्ती, अच्छा रिश्ता, अच्छी नौकरी ये सारी चीजें हम विवादों के कारण खो बैठते हैं। विवाद करने वाले सबकी नजरों में अलोकप्रिय हो जाते हैं, उन्हें लोग किसी भी रूप में स्वीकारने से कतराते हैं। छोटी-छोटी बातों पर झगडा बढ़ना स्वाभाविक हो जाता है, इसलिए विवाद को यदि आगे बढ़ने नहीं देना, तो अपनी गलती स्वीकारने से न झिझकें।

नियंत्रण का प्रयास मत कीजिये (Don’t Control)-

दोस्तों, दूसरों को मौका देना बहुत बडप्पन का काम है। अपने परिवार में अक्सर इसी बात पर नाराजगी देखने को मिलती है कि परिवार के कुछ लोगों को इतना दबा कर रखा जाता है कि उनसे पूछा भी नहीं जाता वो आखिर क्या बनना चाहते हैं! आपका सपना पूरा हो गया इसका मतलब यह नही कि आप दूसरों के विचारों पर कण्ट्रोल रखें, दूसरों को भी अपने सपने पूरा करने का मौका दें, सबको अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीने का हक है, सामने वालों की भावनाओं को भी समझें। यदि आप हर दुसरे व्यक्ति को कण्ट्रोल में रखना चाहेंगे तो आप कभी सफल व्यक्ति नही बन सकते।

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Inter Caste Marriage – सही या गलत.. https://www.hamarisafalta.com/2014/12/inter-caste-love-marriage-hindi-article_9.html https://www.hamarisafalta.com/2014/12/inter-caste-love-marriage-hindi-article_9.html?noamp=mobile#respond Tue, 09 Dec 2014 12:36:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/12/09/inter-caste-love-marriage-hindi-article_9/ दोस्तों, भारत के नौजवान आज एक बहुत बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं, और इसी समस्या पर हम अपने विचार आप सभी के साथ यहाँ बाँटने जा रहे हैं। यदि हम हिंदी या किसी भी भाषा के फिल्मों की बात करें, तो उसकी पोपुलारिटी का सबसे बड़ा कारण उसके रोमांटिक गाने, हीरो-हीरोइन का रोमांस और अंत में उनका मिलना या शादी होना से है , जो सभी दर्शकों को बहुत प्रभावित करता है और लोग ऐसे फिल्मों को बहुत पसंद करते […]

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दोस्तों, भारत के नौजवान आज एक बहुत बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं, और इसी समस्या पर हम अपने विचार आप सभी के साथ यहाँ बाँटने जा रहे हैं।

यदि हम हिंदी या किसी भी भाषा के फिल्मों की बात करें, तो उसकी पोपुलारिटी का सबसे बड़ा कारण उसके रोमांटिक गाने, हीरो-हीरोइन का रोमांस और अंत में उनका मिलना या शादी होना से है , जो सभी दर्शकों को

बहुत प्रभावित करता है और लोग ऐसे फिल्मों को बहुत पसंद करते हैं, दर्शक चाहते हैं कि हीरो-हेरोइन का मिलन हो और वो न बिछडें लेकिन जब कभी ऐसा नही होता तो हम बड़े उदास होते हैं।

ये तो बात हुई फिल्म जगत की पर हमारी असल जिंदगी में कुछ और ही होता है…

दोस्तों, हमारे देश में शादी की उम्र लड़कियों के लिए 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष निर्धारित की गयी है, जिसे हम दूसरे शब्दों में शादी करने के लिए बालिक होना जरूरी है.. कह सकते हैं। आदरणीय सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि जो जाति-प्रथा हमारे देश के लिए है, वो देश को दीमक की तरह तबाह कर रही है, कई हिस्सों में बाँट रही है और सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि Inter-Caste मैरिज ही देश को टूटने से बचा सकती है। Inter-Caste Marriage means शादी करने वाले कपल्स की जातियाँ अलग-अलग हों।

हमारे देश में शादी दो तरह से की जाती है:- 1. Love Marriage,  2. Arrange Marriage.

अरेंज मैरिज में इंटर-कास्ट का प्रोसीजर न के बराबर होता है इसलिए Generally, Love Marriage ही इंटर-कास्ट को Promote करती है..

हमारा भारत परम्पराओं का देश है, यहाँ संस्कारों से बच्चे बड़े बनते हैं लेकिन लोग कहते हैं कि इंटर-कास्ट मैरिज से परम्पराएँ बिखर रही हैं, लेकिन आपने तीन मछलियों की कहानी सुनी ही है, हम परम्पराओं का सम्मान करते हैं लेकिन याद रखिये यदि पानी एक ही जगह पर ठहरा रहा, तो उससे बदबू आने में देर नहीं लगती ऐसे ही कुदरत का नियम परम्पराओं पर भी लागू होता है, और समय के साथ परम्पराएँ बदलनी चाहिए क्योंकि समाज बदल रहा है।

इंटर-कास्ट मैरिज को आगे क्यूँ लायें या इंटर-कास्ट मैरिज को बढ़ावा क्यों दें:-

(1.)  दो अलग धर्म या जाति के लड़के-लड़की शादी करेंगे, तो उनके परिवार में मेल-जोल बढ़ेगा।

(2.)  उंच-नीच की भेदभाव मिटेंगी..

(3.)  एकता में बढोतरी होगी..

(4.)  चोरी-छिपे शादियों का सिस्टम बंद होगा..

(5.)  आपस में प्यार बढ़ेगा..

(6.)  प्यार से रिश्ते अटूट होंगे..

(7.)  नौजवान अपने मनपसंद की लड़का-लड़की के साथ शादी करेंगे..

(8.)  सबसे बड़ी बात देश में जाति-भेदभाव मिटेंगी और समाज में बेहतरीन सकारात्मक परिवर्तन आएगा, जिससे देश जुड़ेगा..

(9.)  इंटर-कास्ट मैरिज से शादी के ऑप्सन बढ़ जायेंगे मतलब एक ही राज्य में पार्टनर की बंदिश नही होगी, पूरी देश/दुनिया में अपने पसंद से शादी कर पाएंगे..

दोस्तों, समाज के दबाव में कई पेरेंट्स अपने बच्चों की खुशियों को भी भूल जाते हैं, भले ही उन्हें इंटर-कास्ट मैरिज से कोई दिक्कत न हो पर समाज क्या कहेगा ये सवाल उनके मन में घर कर चूका होता है, हम आपको बता दें कि सोसाइटी आप जैसे भले नागरिकों के मिलने से बना है, समाज आपसे है, आपने समाज को बनाया है और समाज को आपको चलाना है न कि समाज आपको कभी चलाएगा। सभी नौजवानों से हम यही कहना चाहेंगे कि जीवनसाथी का चुनाव जिंदगी में एक बार होता है, शादी जिंदगी का सबसे बड़ा और अहम फैसला होता है और इस फैसले में अपने पेरेंट्स को, अपने परिवार को जरुर शामिल कीजिये, उनकी राय लीजिए, उनके अनुभव का लाभ उठाइए, आपके पेरेंट्स ने आपसे ज्यादा दुनिया देखी है, वो आपके शुभचिंतक हैं, आपके अपने हैं और उनके दिलों में आपके लिए प्यार है। और सभी पेरेंट्स से हम ये गुजारिश करना चाहेंगे कि वो अपने बच्चों के साथ एक दोस्ताना रिश्ता बनाकर रखें ताकि बच्चे इस प्रकार की कोई भी बात उनके सामने रखने से न झिझकें।

मित्रों, हम इस बात पर प्रकाश इसलिए डाल रहे हैं क्योंकि आज की तारीख में इंटर-कास्ट मैरिज पर फेमिली सपोर्ट न होने के कारण कई यंगस्टर आत्महत्या करके अपने जान गवां बैठते हैं, देश के हर राज्य में, हर दिन सैकड़ों केसेस इस पर सामने आ रहे हैं। जब इस देश में 18 वर्ष का कोई नौजवान अपने पसंद का प्रधानमंत्री चुन सकता है तो अपने पसंद की लड़का/लड़की से शादी क्यों नही कर सकता, क्या समाज का फैसला, हमारे संविधान के कानून से बड़ा है? बिलकुल नहीं!

समाज का फैसला बड़ा है:-

दोस्तों, संविधान के कानून के मुताबिक दो बालिक नौजवान जिनका लव-रिलेशनशिप हो, जो किसी भी धर्म या जाति के हों, बिना शादी किये भी एक साथ रह सकते हैं, वो अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं, अपना मनपसंद जीवनसाथी चुन सकते हैं लेकिन आइये देखते हैं ऐसा होने पर समाज क्या फैसला रहता है-

(1.)  समाज से बर्खाश्त..

(2.)  कई लोगों का हुक्का-पानी बंद..

(3.)  हजार-लाख रुपयों का जुर्माना..

(4.)  परिवार के बाकी सदस्यों से भी किनारा..

समाज को समझना होगा कि इंडिया को यदि एक मजबूत देश के रूप में देखना है तो इंटर-कास्ट मैरिज के चलन को बढ़ाना होगा, जब बाद में घरवालों को रिश्ते एक्सेप्ट करना ही है, समाज को भी देर से अपनाना ही है तो बच्चों को घर से छिपकर शादी करने की क्या जरुरत! इस कथन को गलत साबित मत कीजिये कि “बच्चों की खुशी में ही हमारी खुशी है..” इसे उपयोग में लाइए.. याद रखिये कि जिंदगी की फिल्म तभी हिट होगी जब आपके बच्चे अपनी मनपसंद की शादी करेंगे और आपकी दुआओं से उनकी जिंदगी हँसते-खेलते बीतेगी। अपने जिंदगी का हर अंतिम फैसला अपने खुद का होना चाहिए, पेरेंट्स इस बात को समझें कि उनके बच्चों ने उन्हें शर्मिंदा नही किया, उनका सर नहीं झुकाया, वो डरते थे आपको बताने से, क्योंकि आपने उन्हें कभी अपना दोस्त नहीं समझा, पर आगे से आप उन्हें सीने से लगाएंगे, उनके साथ हँसेंगे, खेलेंगे, बिलकुल एक सच्चे दोस्त की तरह उनका हाथ थामेंगे। इस दोस्ताना माहौल से समाज में बेहतरीन बदलाव आएगा, इंटर-कास्ट शादियों में रुकावट नहीं आयेगी और देश में एकता बढ़ेगी इसलिए ज्यादा से ज्यादा इंटर-कास्ट मैरिज को बढ़ावा दें ताकि हमारा देश और भी संपन्न बन सके.. और जब ऐसा होगा तो इंटर-कास्ट मैरिज में भी अरेंज मैरिज का प्रोसिजर बढ़ेगा, और एक दिन ऐसा आएगा कि सभी लोग लव+अरेंज मैरिज करेंगे मतलब दूसरे कास्ट के लड़का/लड़की के साथ धूम-धाम से शादी…

नोट:-  इंटर-कास्ट लव  मैरिज हिंदी आर्टिकल का अगला भाग जल्द ही पब्लिश किया जायेगा…

कृपया Inter Caste Marriage का विडियो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके देखें

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परिवार की अहमियत.. https://www.hamarisafalta.com/2014/11/importance-of-family-short-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2014/11/importance-of-family-short-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Sat, 29 Nov 2014 15:32:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/11/29/importance-of-family-short-hindi-article/ परिवार प्रथम है….. अपनी जिंदगी में परिवार की अहमियत क्या होती है इसका जवाब परिवार का कोई भी सदस्य दे सकता है। परिवार का साथ, परिवार का प्यार आपकी जिंदगी में कितना मायने रखता है, वो सिर्फ आपको पता है क्योंकि आपका भी एक छोटा-सा परिवार होगा और आप भी एक Family membor होंगे। परिवार और प्यार का नाता बहुत पुराना है, हम इतिहास के पन्ने भी पलटें तो समझ जायेंगे कि व्यक्ति के जीतने या सफल होने का रहस्य […]

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परिवार प्रथम है…..

अपनी जिंदगी में परिवार की अहमियत क्या होती है इसका जवाब परिवार का कोई भी सदस्य दे सकता है। परिवार का साथ, परिवार का प्यार आपकी जिंदगी में कितना मायने रखता है, वो सिर्फ आपको पता है क्योंकि आपका भी एक छोटा-सा परिवार होगा और आप भी एक Family membor होंगे। परिवार और प्यार का नाता

बहुत पुराना है, हम इतिहास के पन्ने भी पलटें तो समझ जायेंगे कि व्यक्ति के जीतने या सफल होने का रहस्य उसके परिवार के सपोर्ट और परिवार के प्यार से जुड़ा है। कहने का मतलब ऐसा कतई नहीं कि सफलता किसी सिफारिश  की देन है, आपकी सफलता तो अपने परिवार के प्यार और दुआओं का नतीजा है। कहीं न कहीं हमारी सफलता और असफलता के बीच हमारे अलावा कोई जूझ रहा होता है, वह है अपना परिवार।

रात को घर से बाहर होते हैं तो माँ को बिना पूछे नींद नहीं आती कि ‘बेटा तुमने खाना खा लिया न?’, और पापा तो ट्रेन में बैठे ही नहीं कि पूछना शुरू हो जाते हैं कि ‘बेटा ट्रेन में सीट मिला है न?’ लेकिन भारत में बिना रिजर्वेसन सीट मिलना अपना लकी ऑफर जीतने के बराबर होता है पर “हाँ पापा अच्छे से बैठ गया, और माँ खाना भी खा लिया” बोलना दोनों के दिल को बहुत आराम देता है भले ही एक पैर में खड़े होकर ट्रेन में सफर कर रहे हों या फिर गैस खतम होने पर भूखे सोये हों। परिवार की दुरी का एहसास कम करने के लिए सुकर है मोबाइल साथ है। मन तो यही चाहता है कि हर दिन Family Time हो लेकिन सन्डे को तो हप्ते में एक बार आना है। सुकर है आज सात दिन मुश्किल से  काटने के बाद घर के आँगन में धुप सेंकना कितना अच्छा लगता है। माँ तो घर आते ही खाने के पीछे पड़ जाती है ‘अब आओ जल्दी खा लो कितने पतले हो जा रहे हो।‘ हाँ माँ, दादाजी को दुकान में थोडा हाथ बटा दूँ। दादाजी इस बार कमाई बहुत ज्यादा हो रही है, हाँ बेटा सब भगवान की कृपा है, इतने बड़े और संयुक्त परिवार पर उन्ही की कृपा है। ठीक है दादाजी हम खाना खाकर आपसे सुबह मिलते हैं..

खाना खाकर बिस्तर पर जाना और पापा से बात करना ये एक आदत कभी नही बदली। क्या बात है पापा आप कुछ परेशान लग रहे हैं? नहीं बेटा ऐसा कोई बात नहीं है, पर सोचता हूँ कि पापा बनना कितना सुखद होता है, कल ही तो तुम्हें अपने गोद में खिलाता था और आज तुम मेरे जितने बड़े हो गए लेकिन मेरे लिए अभी भी बच्चे ही हो। हाँ पापा कुछ बात है जो आप छिपा रहे हैं? बेटा तुम्हारी पढाई के लिए मैंने तुम्हारे शर्मा अंकल से कर्ज लिए हैं ये तो तुम्हे पता ही होगा… हाँ पापा, वो कुछ बोल रहे थे क्या?   बेटा मैं तुम्हारा पापा हूँ, और तुम्हारे दादाजी मेरे पिता हैं, यदि मैं तुम्हें अपने से अलग समझूँ तो तुम्हें कैसा लगेगा? ये आप क्या कह रहे हैं पापा? बेटा मैं भी किसी का लाडला हूँ और अपनी जिम्मेदारी पुरी ईमानदारी से निभा रहा हूँ। कल तुम्हारे शर्मा अंकल हमारे दुकान आये थे उन्होंने कुछ सामान खरीदा और तुम्हारे दादाजी से कहा कि आपके बड़े बेटे के पास मेरा कर्ज है कृपया आप इन पैसों को उसमे से काट लें। और आगे की घटना जब तुम्हारे शर्मा अंकल ने मुझे बताई तो मेरे दिल को बहुत ठेस पहुची । क्या हुआ पापा? बेटा तुम्हारे दादाजी और मेरे पिताजी ने ऐसा कहने पर शर्मा अंकल से कहा कि जिसने पैसे कर्ज लिए हैं आप उनका पैसा मुझसे मत कटवाइए। कर्ज लेने वाला ही समझे।…

बेटा, मैं तुमसे पूछता हूँ यदि तुम परेशान होते, समस्याओं से घिरे होते तो, मैं जो तुम्हारा पापा हूँ  जो कल तक तुम्हारे साथ था, अपना रिश्ता ऐसे कमजोर कर देता., पीठ दिखा देता। ये बहुत गलत है न बेटा। एक पिता का कर्तव्य है कि वो अपने परिवार को संयुक्त रखे लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि संयुक्त रखना ही परिवार की नीव बनेगी। सुख-दुःख भी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण भाग है और दुःख का साथी बनना परिवार की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए। यदि हर परिवार अपने बच्चों के साथ सुख-दुःख दोनों का  साथी बने तो उस परिवार का रिश्ता बहुत अटूट होता है।

आज तुम मेरे बेटे हो, लेकिन कल तुम्हारा अपना बच्चा होगा और परिवार होगा लेकिन सिर्फ साथ में खाना खाने या खाना पकाने में परिवार का रुतबा ऊँचा नही होता, तुम्हें समझना होगा कि परिवार प्यार के रिश्ते से बंधा होता है और इसका रिश्ता तभी मजबूत होगा जब तुम अपने बेटे के हर अच्छे बुरे वक्त में उसके साथ रहोगे  और ये बात जल्दी ही तुम्हारे दादाजी को भी समझ आ जायेगी..

परिवार को मजबूत बनाने और सुखी रखने का यही गुरुमंत्र है, हर अच्छे और बुरे परिस्थिति में अपने परिवार को समझे और सबको अपने सुख-दुःख का सहभागी बनायें…….

दोस्तों सुख-दुःख अस्थाई होते हैं , और यदि आपको खुशियों को बढाना है तो परिवार में खुशियाँ बाँटना होगा और यदि दुखों को कम करना है तो परिवार को समझना होगा। रिश्ते तभी मजबूत बनेंगे जब आप रिश्तों को समझेंगे और आप तब समझेंगे जब अपना समय, परिवार को दोस्ताना माहौल बनाने में देंगे, तब ऐसी कोई बात नहीं रहेगी जो आपके परिवार और आपके बीच छिप सकती हो।

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पेंसिल से जानिए सुखी जीवन के 7 गुरुमंत्र https://www.hamarisafalta.com/2014/11/7-ways-to-stay-happy-hindi-article_73.html https://www.hamarisafalta.com/2014/11/7-ways-to-stay-happy-hindi-article_73.html?noamp=mobile#respond Sat, 22 Nov 2014 02:02:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/11/22/7-ways-to-stay-happy-hindi-article_73/   दोस्तों, पेंसिल के आविष्कारक ने पैकेट में बंद करने से पहले से पेंसिल से कहा, मैं तुम्हें इस दुनिया में बेहतरीन कार्य करने के लिए भेज रहा हूँ लेकिन उससे पहले तुम्हें ये सात गुरुमंत्र याद करने होंगे तभी तुम इस दुनिया कि सबसे बेहतरीन और सर्वश्रेष्ठ पेंसिल कहलाओगी.. ((1.)  इस संसार ,में तुम्हारा रूप-रंग और आकार कैसा भी हो, तुम खुद को हमेशा आगे लाने का प्रयत्न करना, कभी मत समझना कि तुम्हारे चाहने वालों की कमी होगी… ((2.)  तुम […]

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दोस्तों, पेंसिल के आविष्कारक ने पैकेट में बंद करने से पहले से पेंसिल से कहा, मैं तुम्हें इस दुनिया में बेहतरीन कार्य करने के लिए भेज रहा हूँ लेकिन उससे पहले तुम्हें ये सात गुरुमंत्र याद करने होंगे तभी तुम इस दुनिया कि सबसे बेहतरीन और सर्वश्रेष्ठ पेंसिल कहलाओगी..

((1.)  इस संसार ,में तुम्हारा रूप-रंग और आकार कैसा भी हो, तुम खुद को हमेशा आगे लाने का प्रयत्न करना, कभी मत समझना कि तुम्हारे चाहने वालों की कमी होगी…

((2.)  तुम इस संसार में एक बेहतर कार्य करने के लिए जा रही हो, दूसरों के हाथों में विश्वास पैदा करने से पहले तुम्हें खुद पर यह भरोसा रखना होगा कि तुम सामने वाले के लिए सही हो…

((3.)  तुम्हारी बीच-बीच में छिलाई की जायेगी, लेकिन उस पीड़ा से मत घबराना, समय के साथ तुम्हारी बेहतरी निखरती जायेगी…

((4.)  तुम अपनी गलतियाँ दूसरों पर मत लादना, खुद की गलती को स्वीकारना और अपनी गलती को सुधारने की योग्यता रखना..

((5.)  तुम्हें कई प्रकार से अपने में मजबूती लानी होगी जिससे तुम हर भावना के प्रति कागज में अपनी छाप छोड़ जाओ…

((6.)  तुम्हारी बाहरी परत से लोग तुम्हें प्यार करें ये जरुरी नहीं क्यूंकि तुम्हारा सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा तुम्हारे अंदर है यह हमेशा याद रखना…

((7.)  समय के साथ तुम्हारे अंदर भी कई परिवर्तन किये जायेंगे लेकिन तुम दुनिया के किसी भी कोने में रहो लिखना मत छोडना, कहीं कैसी भी परिस्थितियां हों वहाँ अपने निशान छोड़ जाना…

दोस्तों पेंसिल ने तो इन सात बातों को बखूबी निभाया और इन्हें अपने लक्ष्य का हिस्सा मानकर वह अपने डिब्बे के अंदर चली आई. आप खुद भी उस पेंसिल के अपने नियमों को देखिये उसके जगह खुद को रखिये और अपने आपको एक श्रेष्ठ व्यक्ति बनाने के लिए आगे आइये..

इसके लिए हम पेंसिल  के सफल मन्त्रों को ही अपना गुरुमंत्र मानते हैं, और एक सफल और कामयाब व्यक्ति बनने  के लिए आइये हमारे इन सात गुरुमंत्रों को देखते हैं:-

गुरुमंत्र(1.) इस संसार में हम सब में भिन्नता है, हमारा रूप-रंग या आकार एक जैसा नहीं है उसी प्रकार भगवान ने भी हम सबके अंदर कई विशेष गुण दिए हैं, गुणों में भी भिन्नता है, सबके अंदर कमाल का Talent मौजूद है लेकिन यदि आप अपने गुणों को दबाए रखेंगे तो यक़ीनन आपकी पहचान दब कर रह जायेगी, इसलिए अपने आपको आगे लाने के लिए प्रयत्न कीजिये, जैसे-जैसे आपके गुणों से लोग प्रभावित होंगे, आपके चाहने वालों की संख्या बढ़ती जायेगी और इससे आपके गुणों में भी वृद्धि होती जाएँगी और यह समय के साथ ही निखरती जाएँगी…

गुरुमंत्र(2.) यह तो सफलता के नजदीक पहुचने का सबसे अच्छा रास्ता है मतलब खुद पर भरोसा, खुद पर विश्वास यानी जीत के करीब आप पहुच गए.. कोई भी कार्य आपके लिए असंभव नहीं है लेकिन यह बहुत जरुरी है कि आप स्वयं पर कितना विश्वास करते हैं.. लोगों का विश्वास आप पर तभी होगा, जब आपका स्वयं के ऊपर अटूट विश्वास होगा, इसलिए अपने और अपनी सफल होने की चाहत के विश्वास को डगमगाने मत दीजिए…

गुरुमंत्र(3.) तुम्हें बार-बार विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा, बार-बार चोंट खाओगे, गिरोगे और ठोंकरे लगेंगी लेकिन यह सिर्फ तुम्हें परखने के लिए सिर्फ तुम्हारी परीक्षा मात्र होगी, इसलिए कभी भी इनसे मत घबराना जो तुम्हें निराश करें, याद रखना तुम अभी चोंट इसलिए खा रहे हो क्यूंकि तुम्हें मजबूत बनना है और कल समय गवाह होगा जब कई मुश्किलों के बाद तुम अपनी जीत का परचम लहराए खड़े रहोगे… समय के साथ तुम्हारी पहचान बढ़ती जायेगी लेकिन हार मत मानना, डटे रहना, लगे रहना क्यूंकि जीत तुम्हारी ही होगी…

गुरुमंत्र(4.) जब तुम अपनी कामयाबी का श्रेय खुद को देते हो तो नाकामयाबी हासिल होने पर गलतियाँ दूसरों पर क्यों निकालते हो, किसी की बर्बादी के लिए दूसरे ज्यादा जिम्मेदार नहीं होते जितना कि वो खुद रहता है.. सफल होने के लिए तुम्हें समझना होगा कि वाकई अपनी गलतियाँ दूर करके तुम कितने आगे जा सकते हो, जितना समय तुम दूसरों की गलतियाँ खोजने में लगाते हो उतना यदि खुद की गलती को खोजकर उसे सही करने का प्रयास करोगे तो तुम बहुत आगे जाओगे.. इसलिए अपनी गलतियों को को स्वीकारना और उन्हें सुधारने की योग्यता रखना और  यह काम सिर्फ आप कर सकते हो क्योंकि बदलना आपको है…

गुरुमंत्र(5.) तुम्हें अपने आपको मजबूत करना होगा, परिस्थितियां तुम्हारे अनुकूल नहीं बनाई गयी हैं, सुख-दुःख, हार-जीत के ऐसे पड़ाव में रोकर अपना कीमति आँसू पोंछने के बजाय आखरी दम तक कोशिश करना, विपरीत परिस्थिति में भी अपने जीत के निशान छोड़ जाना…

गुरुमंत्र(6.) तुम जो भी काम करना दिल से करना, अपना फायदा देखने से पहले यह सोचना की सामने वाले को भी इससे बहुत लाभ मिले, लोग आपको इसलिए प्यार नहीं करेंगे कि आपकी सकल सूरत बहुत अच्छी है वो तो इससे प्यार करेंगे कि आपका दिल कितना प्यारा है, आप कितने अच्छे इंसान हैं… याद रखिये तुम्हारा सबसे अनमोल रत्न तुम्हारे अंदर मौजूद है, और इसी से तुम्हारी प्रसंशा होगी और वो ये हैं- तुम्हारी आत्मा, तुम्हारा दिल, तुम्हारा चरित्र और तुम्हारा प्रेम… जो सदैव तुम्हारे जीत का कारण बनेंगे..

गुरुमंत्र(7.) तुम कैसे भी जियो, जहाँ भी रहो, जहाँ भी जाओ वहाँ अपनी छाप छोड़ जाना. पूरी ताकत से अपना कर्तव्य निभाना.. और अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए सब काम करना… ऐसा काम करना कि लोग तुम्हें मरणोपरांत भी याद रखें….

दोस्तों एक छोटी- सी पेंसिल से हम अपने जीवन की कितनी सार-पूर्ण बातें समझ सकते हैं आप सब भी अपने जीवन में इन सातों गुरुमंत्र को अपनाएं यक़ीनन आपके अंदर एक बहुत बड़ा और सकारात्मक परिवर्तन नजर आएगा… उम्मीद है ये सातों गुरुमंत्र आपके जीवन में एक अच्छा परिवर्तन लायेंगे..

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पिता का दिल को छूने वाला पत्र अपने पुत्र के नाम.. https://www.hamarisafalta.com/2014/11/heart-touching-letter-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2014/11/heart-touching-letter-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Tue, 18 Nov 2014 04:58:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/11/18/heart-touching-letter-in-hindi/ दोस्तोँ यह ‘अमर’ पत्र डब्ल्यू लिवंगस्टन लारनेड ने अपने बेटे को लिखा था। इस पत्र की लाखोँ प्रतियाँ छप चुकी है। हमनेँ यह पत्र “जीत या हार रहो तैयार” उज्जवल पाटनी जी की बेहतरीन किताब मेँ से पढ़ी और इसके लिखे एक-एक शब्द मेरे दिल मेँ उतर गये। यहाँ यह पत्र आपके लिये प्रस्तुत है: संकलित सुनो बेटे: मैँ तुमसे यह कह रहा हूँ, जब तुम गहरी नीँद मेँ सोए हो, तुम्हारा छोटा-सा हाथ गाल के नीचे है और बालोँ […]

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दोस्तोँ यह ‘अमर’ पत्र डब्ल्यू लिवंगस्टन लारनेड ने अपने बेटे को लिखा

था। इस पत्र की लाखोँ प्रतियाँ छप चुकी है। हमनेँ यह पत्र “जीत या हार

रहो तैयार” उज्जवल पाटनी जी की बेहतरीन किताब मेँ से पढ़ी और इसके लिखे

एक-एक शब्द मेरे दिल मेँ उतर गये।

यहाँ यह पत्र आपके लिये प्रस्तुत है: संकलित

सुनो बेटे: मैँ तुमसे यह कह रहा हूँ, जब तुम गहरी नीँद मेँ सोए हो,

तुम्हारा छोटा-सा हाथ गाल के नीचे है और बालोँ की सुनहरी लटेँ तुम्हारे

भीगे माथे पर चिपकी है। मैँ अकेला चुपके से तुम्हारे कमरे मेँ चला आया

हूँ। कुछ मिनट पहले, जब मैँ लाइब्रेरी मेँ बैठा अखबार पढ़ रहा था, पछतावे

की लहर मेरे भीतर दौड़ गई। अपराध बोध से भरा हुआ, मैँ तुम्हारे बिस्तर के

पास आया।

बेटे, मैँ इन चीजोँ के बारे मेँ सोच रहा था: मैँ तुमसे नाराज था। स्कूल

के लिए तैयार होते वक्त मैनेँ तुम्हेँ डांटा, क्योँकि तुमने अपने चेहरे

को सिर्फ तौलिया भिगोकर पोँछ लिया था। मैँने अपने जूते साफ न करने के लिए

तुम्हेँ झिड़की दी। जब तुमने कुछ चीजेँ फर्श पर फेँक दी, तो मैँ तुम पर

गुस्से से चिल्लाया।

नाश्ते के समय भी मैँने तुम्हारी गलतियाँ निकालीँ। तुमने चीजेँ गिराई।

तुम अपना खाना बिना ठीक से चबाए निगल गए। तुमने मेज पर कोहनियाँ रखी।

तुमने ब्रेड पर बहुत ज्यादा मक्खन लगाया। और जब तुम खेलने लगे और मैँ

ट्रेन पकड़ने के लिए बढ़ गया, तो तुम मुड़े और हाथ हिलाकर कहा, “गुड बाई

डैड!” और मैँने मुंह बनाकर कहा, “अपने कन्धे आगे मत निकालो!”

फिर शाम को वही सब दोबारा शुरू हो गया। जब मैँ सड़क पर आया, तो मैँने

तुम्हेँ दूर से देखा। तुम घुटनोँ के बल झुके कंचे खेल रहे थे। तुम्हारी

जुराबोँ मेँ छेद थे। मैँने तुम्हारे दोस्तोँ के सामने तुम्हेँ बेईज्जत

किया और तुम्हेँ पकड़कर घर ले आया। तुमसे कहा- जुराबेँ महंगी थी और अगर

तुम्हेँ उनको खरीदना पड़ता, तो तुम याद रखते।

क्या तुम्हेँ याद है, बाद मेँ जब मैँ लाइब्रेरी मेँ पढ़ रहा था, तो तुम

कैसे वहां आए थे? तुम डरे हुए थे और तुम्हारी आँखोँ मेँ चोट खाने का भाव

था। जब मैँने अखबार से नजरेँ उठाई, तो तुम दरवाजे पर ही ठिठक गए। बीच मेँ

व्यवधान डालने से अधीर होकर मैँने कड़ाई से पूछा, “क्या चाहिए तुम्हेँ?”

तुमनेँ कुछ नहीँ कहा, बस एकदम से दौड़ पड़े और अपनी बाँहेँ मेरे गले मेँ

डाल दीँ और मुझे चूमा।

तुम्हारी नन्हीँ बाँहेँ प्यार से मुझसे लिपट गई, जो भगवान ने तुम्हारे

दिल मेँ उमड़ा दिया था और जिसे मेरी उपेक्षा भी कमजोर नहीँ कर पाई थी। और

फिर तुम सीढ़ियोँ पर थप-थप करते हुए चले गए थे।

बेटे, इसके कुछ ही देर बाद मेरे हाथोँ  से अखबार सरककर गिर गया और एक

भयानक डर मुझ पर छा गया। मुझे कैसी आदत पड़ गई है? गलतियाँ निकालने की

आदत, झिड़कियाँ देने की आदत। एक लड़का होने के लिए यह तुम्हेँ मेरा इनाम

था। ऐसा नहीँ था  कि मैँ तुम्हेँ प्यार नहीँ करता। ऐसा इसलिए था, क्योँकि

मैँ तुमसे बहुत ज्यादा उम्मीद करता था। मैँ अपनी उम्र के पैमाने से

तुम्हेँ नाप रहा था।

और तुम्हारे चरित्र मेँ इतना कुछ ऐसा था, जो अच्छा, बढ़िया और सच्चा था।

तुम्हारा छोटा-सा दिल दूर तक फैली पहाड़ियोँ पर उगने वाली सुबह जितना बड़ा

था। आज तुमने जिस तरह एकदम से दौड़कर मुझे गुडनाइट किस दी, उससे यह साफ

जाहिर हो गया। मैँ अंधेरे मेँ तुम्हारे बिस्तर के पास आया हूँ, और वहाँ

घुटनोँ के बल बैठा हूँ। मैँ शर्मिन्दा हूँ।

यह एक कमजोर-सा पश्चाताप है। मैँ जानता हूँ, अगर मैँ तुम्हारे जागने पर

तुम्हेँ यह सब बताऊं, तो तुम इन बातोँ को नहीँ समझोगे। लेकिन कल मैँ

असली डैडी बनूंगा। मैँ तुम्हारे साथ खेलूंगा, और जब तुम्हेँ चोट लगेगी तो

मुझे भी दर्द होगा, और जब तुम हंसोगे तो मैँ हसूंगा। जब मेरी जुबान पर

खीझ-भरे शब्द आएंगे, तो मैँ अपनी जुबान काट लूंगा। मैँ बार-बार इसे

दुहराता रहूंगा, “वह तो बस एक छोटा बच्चा है- एक छोटा बच्चा!”

मुझे डर है कि मैँने एक बड़े आदमी के तौर पर तुम्हारी तस्वीर मन मेँ बैठा

ली थी। लेकिन, बेटे अब मैँ तुम्हेँ देखता हूँ, अपने पलंग पर गुड़ी-मुड़ी

सोते हुए, तो मैँ देख सकता हूँ कि तुम अब भी छोटे से बच्चे हो। अभी कल ही

तो तुम अपनी मम्मी की बांहोँ मेँ थे, तुम्हारा सिर  उसके कन्धोँ पर था।

मैँने तुमसे बहुत ज्यादा मांग लिया, बहुत ज्यादा।

दोस्तोँ यह पत्र HamariSafalta.Com पर पब्लिश करने का यही मकसद है कि एक

पिता अपनेँ बच्चोँ से कितना प्यार करता है।

मैँ खुद एक बेटा हूँ और मुझे पता है कि आखिर एक पिता का सपना, उसकी

उम्मीदेँ एक बच्चे के लिए कितनी मायनेँ रखती है। यकीनन जो बेटा ये पत्र

पढ़ रहा है वो अपनेँ पापा से उतना ही प्यार करता है जितना मैँ अपनेँ पापा

से करता हूँ। और यकीनन जो पिता ये पत्र पढ़ रहे होँगे वो अपने बेटे से

उतना ही प्यार करते होँगे जितना कि मेरे पापा मुझसे करते हैँ।

मैँ हर एक पिता और बेटोँ से यही कहना चाहुँगा कि पिता और बच्चोँ मेँ जितना

ज्यादा दोस्ताना माहौल रहेगा, उम्मीदेँ उतनी ही मजबूत होती जायेँगी, प्यार

और विश्वास भी अटुट होते जायेगा।

दोस्तोँ हम कोशिश करेँगे कि इससे संबंधित आर्टिकल यहाँ जल्दी ही पब्लिश किया जाये।

और मुझे विश्वास है कि आप एक अच्छे बेटे हैँ और आप एक अच्छे पिता  हैँ।

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स्टीव जॉब्स की पांच बातें जो बदल सकती हैं आपकी दुनिया… https://www.hamarisafalta.com/2014/11/steve-jobs-motivational-article-in-hindi_14.html https://www.hamarisafalta.com/2014/11/steve-jobs-motivational-article-in-hindi_14.html?noamp=mobile#respond Fri, 14 Nov 2014 02:33:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/11/14/steve-jobs-motivational-article-in-hindi_14/   स्टीव जॉब्स एक महान कर्मयोगी Best Motivational Article of Steve Jobs in Hindi दोस्तोँ आज हम आप सब के साथ Steve Jobs की कुछ प्रेरणादायक बातेँ प्रस्तुत कर रहे हैँ। Steve Jobs तकनीकी के क्षेत्र मेँ एक बहुत बड़े आविष्कारक थे, साथ ही वो एक  महान प्रेरक प्रवर्तक के रूप मेँ भी उभरे। उन्होँने समय-समय पर जो प्रेरणादायक बातेँ कही हैँ, वह आज हम सभी युवाओँ के लिये प्रेरणास्रोत बन सकती है। आज आप सभी के सामनेँ उनकी प्रेरणास्प्रद […]

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स्टीव जॉब्स एक महान कर्मयोगी
Best Motivational Article of Steve Jobs in Hindi
दोस्तोँ आज हम आप सब के साथ Steve Jobs की कुछ प्रेरणादायक बातेँ

प्रस्तुत कर रहे हैँ। Steve Jobs तकनीकी के क्षेत्र मेँ एक बहुत बड़े

आविष्कारक थे, साथ ही वो एक  महान प्रेरक प्रवर्तक के रूप मेँ भी उभरे।

उन्होँने समय-समय पर जो प्रेरणादायक बातेँ कही हैँ, वह आज हम सभी युवाओँ

के लिये प्रेरणास्रोत बन सकती है। आज आप सभी के सामनेँ उनकी

प्रेरणास्प्रद बातोँ का कुछ अंश हम प्रस्तुत कर रहे हैँ-

(1.)”आपका समय सीमित है, इसलिये इसे किसी और की जिँदगी जीकर व्यर्थ मत
कीजिये, बेकार की सोँच मेँ मत फँसिये। दुसरोँ के विचारोँ की शोर मेँ
अपनेँ अंदर की आवाज को, अपनी Intution को मत डुबनेँ दीजिये।”

Steve का यह कथन कितना सत्य है। गुजरा हुआ हर पल हमारी जिँदगी से कुछ न

कुछ चुरा ले जाता है और इसका हमेँ पता तक नहीँ चलता। यदि हम इसी तरह अपना

समय तालमतोल मेँ बिताते रहे, एक-एक पल खोते रहे तो एक दिन हमारे अंतर्मन

से आवाज आ ही जायेग कि ‘अरे! हमनेँ तो जिँदगी मेँ कुछ किया ही नहीँ,

जिँदगी को कभी खुलकर जीया ही नहीँ और हमारी आधी जिँदगी बेकार के दोस्तोँ

के साथ मौजमस्ती मेँ ही बीत गई। मनुष्य चाहे तो हर असंभव को संभव सिध्द

कर सकता है,

कहा भी गहा है, मनुष्य अपनेँ भाग्य का निर्माता स्वयं है। हमारे अंदर

अनंत शक्तियाँ छिपी हैँ, सब कुछ हमारे भीतर है, फिर भी हम क्योँ घबराते

हैँ। हमेँ किसके सहारे की जरूरत है, और हम क्योँ दुसरोँ के विचारोँ का

बोझ ढो रहे हैँ। Steve नेँ जो कहा वो शत् प्रतिशत सच है कि अपनी

अंतर्त्मा की आवाज सुनोँ, आखिर तुम्हारा अन्तर्मन जो कह रहा है, उसी की

सुनोँ और आखिर वही करो जिसमेँ तुम्हारी रूचि है और जहाँ तुम अपनी पुरी

ऊर्जा लगा सकते हो। यदि आज तुम अपने अंदर की आवाज को नहीँ सुन पाओगे तो

पछताने के अलावा और कुछ बाकि नहीँ रहेगा, इसलिये  यही सही है कि आप अपनेँ

अंदर की आवाज को स्वतंत्र रहनेँ दीजिये।

(2.) मेरे पास इकलौती चीज है, जो मुझे संघर्ष करनेँ की प्रेरणा देती रही, वह था मेरे अपनेँ लिये किये गये कार्य से प्यार

Steve नेँ कहा है-

आप Really क्या पसंद करते हैँ ये आपको जानना होगा, जितना अपनेँ Love को

Find करना जरूरी है, उतना ही उस काम को जानना जरूरी है जिसे आप सचमुच

Enjoy करते होँ। आपका काम आपकी जिँदगी का एक बड़ा हिस्सा होगा और Truely

satisfied होनेँ का सिर्फ एक ही तरीका है कि आप वो करेँ जिसे आप सचमुच एक

बड़ा काम समझते होँ। और बड़ा काम करनेँ का सिर्फ एक ही तरीका है कि आप वो

करेँ जो करना आप Enjoy करते होँ।

यदि आपको अभी तक वो काम नहीँ मिला है तो आप रूकिये मत उसे खोजते चलिये

जैसा कि दिल से जुड़ी हर चीज मेँ होता है, वो जब आपको मिलेगा तब आपको पता

चल जायेगा और जैसा कि किसी अच्छी Relationship मेँ होता है वो समय के साथ

और अच्छा होता जायेगा। इसलिये खोजते रहिये, रूकिये मत..@

Steve को Struggle की प्रेरणा अपनेँ काम से ही मिली, उनका हमेशा से यही

मानना था “कार्य दैवीय है” तो फिर आप इससे क्योँ भाग रहे हैँ। यदि काम

करना है तो लगे रहना होगा, डँटना होगा, अपनी क्षमताओँ का भरपुर प्रयोग

करना होगा और जब तक आप जब तक आप अपनेँ काम मेँ सफल न हो जायेँ, और जब तक

आप कार्य पुरा खतम न हो जाये तब तक अपनेँ को किसी भी प्रकार का ढील मत

दीजिये। रूकिये मत, यदि आप आगे बढ़ते जायेँगे तो यकीनन आपकी थकान दुर होती

चली जायेगी।

‘धीरे से डण्डा मारिये और गिल्ली को ऊपर उठाने का प्रयास कीजिये और जब

गिल्ली ऊपर उठ जाये तब उसे डण्डे से गगनगामी कर दीजिये।’ जो अपनेँ काम से

प्यार करते हैँ, वो लाखोँ मुसीबतोँ के बावजुद अंत मेँ जीतते ही हैँ।

Steve Jobs काम पर टुट पड़नेँ वाले, काम का नया रास्ता खोजनेँ वाले और

अपने काम से आखिर दम प्यार करनेँ वाले जिंदादिल व्यक्ति थे। Apple से

निकालने के बाद उन्होँने Next और Pixer मेँ सफलता पाई, कारण अपनेँ काम पे

जी जान लुटाना। उनका मानना था, “इस दुनिया मेँ ऐसा कोई भी कार्य नहीँ जो

इंसान के लिये असंभव हो। आपके दिल और दिमाग मेँ अपनेँ काम को लेकर जुनुन,

लगन और आत्मविश्वास होनी चाहिये। अपने काम को लेकर हमेशा यही विश्वास

होनी चाहिये कि आप इसे बखुबी पुरा कर सकते हैँ। यही काम से प्यार करनेँ

का असली मकसद है।

(3.) दुसरोँ से अलग सोँचिये और भीड़ से अलग नजर आईये।

दोस्तोँ Steve का यही सबसे बड़ा मंत्र रहा ‘अलग ढंग से सोचो और अलग ही नजर

आओ।’ वे कहते थे यदि जीतना है, आगे बढ़ना है और सफल होना है तो आपको अलग

ढंग से हटकर ही सोँचना होगा।

इसके लिये आपको अकेले ही चलना होगा। आजतक इस दुनिया मेँ जितनेँ भी

महापुरूष हुए हैँ, सबके सफलताओँ की शुरूआत अकेले ही हुई है। वो हमेशा

दोहराते थे- आप सब किसका Wait कर रहे हैँ? यहाँ आपको जितानेँ के लिये कोई

दुसरा नहीँ आयेगा, आपको खुद का साथ चुनना होगा। मंजिल आपके ठीक सामने है

इसलिये अभी से आपको अपनेँ कदम बढ़ानेँ होँगे। आप क्योँ पीछे मुड़कर देख रहे

हैँ, भले ही अभी कोई आपके साथ नहीँ पर वो दिन भी दुर नहीँ जब दुनिया आपकी

मुट्ठी मेँ होगी। इसीलिये अभी अकेले ही आपको आगे बढ़कर जीतना होगा।

यह जिँदगी आपको सिर्फ समय काटनेँ के लिये और सिर्फ भीड़ का हिस्सा बनने के

लिये ही नहीँ मिली है। इसलिये परिँदोँ की तरह पुरे स्वतंत्र होकर जिँदगी

को जीयेँ। परेशानियाँ तो आती जाती रहती हैँ, इसमेँ निराश होकर बैठने की

क्या जरूरत है! उठ खड़े होईये, अपनेँ निर्णय स्वयं लीजिये। आपको ये बात

समझनी होगी कि भीड़ कोई भी निर्णय नहीँ ले सकता, भीड़ के साथ चलोगे तो धुल

ही खाओगे और कुछ भी नहीँ कर पाओगे।

इसलिये ये निर्णय मैँ आप पर छोड़ता हूँ कि आपको भीड़ का हिस्सा बनना है या

फिर अपनी अलग पहचान बनानेँ के लिये भीड़ से हटकर सोचना है।

(4.) सबसे महत्वपूर्ण अपने दिल और अन्तर्ज्ञान पर अमल करने का साहस करेँ। किसी तरह उन्हेँ पहले से ही पता होता है कि आप सही मेँ क्या बनना चाहते हैँ। बाकी हर चीज गौण है।

Steve नेँ पुरी जिँदगी का दर्शन आज Youth के सामनेँ रख दिया। वे हमेशा

कहते थे- तुम्हेँ वाकई कहाँ जाना है और क्या बनना है ये तो तुम्हारी

आत्मा को ही पता है, फिर जो तुम्हारा दिल चाह रहा है उसे तुम अन्तर्मन तक

क्योँ पहुँचने नहीँ दे रहे हो।

तुम्हारे अंदर लक्ष्य पहले से ही निश्चित होता है इसलिये जैसा मैनेँ किया

ठीक तुम भी अपने मन की दिशा मेँ चलनेँ का साहस करो। वो करो जो तुम वाकई

करना चाह रहे हो, याद रखो जब तक तुम खुद को धोखा देते रहोगे, अपनेँ दिल

की बात को छुपाते रहोगे तब तक आगे नहीँ बढ़ सकते। और जिस दिन तुम अपने दिल

की आवाज सुनोगे, अपनेँ दिल का काम करोगे, सफलता तुम्हारा हाथ थाम चुकी

होगी….।

(5.)Stay Hungry Stay Foolish

हम सब युवाओँ के लिये एक बेहतरीन संदेश है Stay Hungry और Stay Foolish..

Stay Hungry:-
इसका मतलब है आपकी भुख कभी शांत न हो। नई चीजेँ खोजने की भुख आपमेँ हमेशा रहे।
स्टीव नेँ कहा है यदि आपनेँ किसी जानकारी या तथ्य पर पुरी तरह से विश्वास
कर लिया तो आपकी अगली खोज बंद हो जाएगी। आप कूप मण्डूक ही बने रहेँगे।
यदि आपनेँ अपनी खोज पर विश्वास नहीँ किया तो निश्चित है कि आप आगे खोज
करेँगे। खोज से नई- नई बातेँ सामने आती जायेँगी। उसका असर गहरा होता
जायेगा। यदि मैनेँ Apple- I की खोज को ही अंतिम खोज मान लेता और और कुछ
नया करनेँ के लिये आगे नहीँ आता, भुख को मार देता तो आज iPhone, iPad
आपके हाथ मेँ नहीँ होती।

Stay Foolish

Stay Foolish से मेरा मतलब है ,कभी भी अपने को बहुत ज्ञानी नहीं समझना। चाहे कोई कितना भी जानकर हो… बुद्धिमान हो… ज्ञानी हो…, लेकिन अगर उसने खुद को ऐसा मान लिया तो उसी दिन से उसकी लर्निंग खत्म हो जाती है।  स्टीव कहते हैं कि आप हमेशा जिज्ञासु बने रहिये। आप जो काम कर रहे हैं, वही काम करने का और भी अच्छा तरीका हो सकता है उन्हें   तलाशते रहिये। सीखने के लिए हमेशा तैयार रहिये  …. भूखे रहिये  ।

Stay Hungry….. Stay Foolish

Young Steve Jobs
—————————————————————-

श्री गोपाल भैया जी(Mr. Gopal Mishra) का विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहेंगे जिन्होंने इस आर्टिकल को पूरा करने में अपना सहयोग दिया और हमारी सफलता के लिए अपना कीमती समय निकाला…

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बिटिया ने बताया जीवन का मूल मंत्र.. https://www.hamarisafalta.com/2014/10/bitiya-ne-bataya-jiwan-ka-mul-mantra.html https://www.hamarisafalta.com/2014/10/bitiya-ne-bataya-jiwan-ka-mul-mantra.html?noamp=mobile#respond Fri, 17 Oct 2014 12:32:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/10/17/bitiya-ne-bataya-jiwan-ka-mul-mantra/   जीवन दुश्वारियों का ही दूसरा नाम है। इसमें उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। पर जो हमेशा तकलीफ में जी रहे होते हैं, उन्हें लगता है कि उनके सामने ही ऐसी तकलीफें क्यों आती हैं? ऐसी बात नहीं है, तकलीफ सभी के सामने आती हैं। पर हमें सामने वाले के अच्छे दिन याद रहते हैं और हमारे बुरे दिन। अपने आसपास आप किसी को भी देख लें, उनके बुरे दिन में क्या आप उनके साथ थे? आप यह तय करें […]

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जीवन दुश्वारियों का ही दूसरा नाम है। इसमें उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। पर

जो हमेशा तकलीफ में जी रहे होते हैं, उन्हें लगता है कि उनके सामने ही ऐसी

तकलीफें क्यों आती हैं? ऐसी बात नहीं है, तकलीफ सभी के सामने आती हैं। पर हमें

सामने वाले के अच्छे दिन याद रहते हैं और हमारे बुरे दिन। अपने आसपास आप किसी

को भी देख लें, उनके बुरे दिन में क्या आप उनके साथ थे? आप यह तय करें कि आप

कितनों के बुरे दिनों के साथी रहे हैं? अच्छे दिनों का साथी बनने के लिए हर

कोई तैयार है, पर बुरे दिनों का साथी नहीं मिलता। जिसने भी बुरे दिनों में साथ

निभाया, वही अच्छे दिनों का सबसे विश्वसनीय साथी होता है। विपदाएं तो जीवन में

आती ही रहती हैं। इसके बिना जीवन सच्चे अर्थो में जिया ही नहीं जा सकता।

वास्तव में विपदाएं हमारी परीक्षा लेने के लिए आती हैं। ताकि हम अगली विपदा,

जो इससे भी खतरनाक है, उसका सामना कर सकें। पर विपदाओं को हम एक मुसीबत ही

मानते हैं। विपदाओं से सबक लिया जाए, तो इससे बड़ा कोई सहायक हो ही नहीं सकता।

दु:ख तो अपना साथी है, यह मानकर चला जाए, तो विपदा हमें अपने मित्र की तरह

लगेगी।

जीवन में बहुत ही झंझावात है। परेशानियां आते ही रहती हैं। एक के बाद एक। कभी

तो लगातार। कुछ लोग सोचते हैं कि यह मुसीबत मुझ पर ही क्यों आती है? ऐसी बात

नहीं है, मुसीबत हम यह सबक देने आती है कि आपको अभी और भी मुश्किलों का सामना

करना है। इन पंक्तियों का लेखक भी एक दिन जीवन में आने वाली दुश्वारियों से

निराश हो गया था। बिस्तर पर अधलेटे वह कुछ सोच रहा था। कभी आंखें गीली हो

जातीं, कभी चेहरा तैश से कड़ा हो जाता। ऐसे में 12 वीं में पढ़ने वाली बिटिया

उसके पास आई।

क्या बात है पापा! इतना क्या सोच रहे हो?

कुछ नहीं बेटा! बस यूं ही?

कुछ तो बात है पापा, वैसे आप तो निराश कभी नहीं होते?

हां बेटा! पर इस बार मुश्किलों ने मुझे बुरी तरह से झिंझोड़ दिया है।

पापा! एक बात कहूं?

हां बेटा बोलो

आपने कभी ईसीजी मशीन में किसी के दिल की धड़कन के कम्पन को देखा है?

हां देखा है।

ध्यान से देखा है?

हां बेटा ध्यान से देखा है।

अगर आपने ध्यान से देखा होता, तो इस तरह से निराश नहीं होते।

क्या मतलब तुम्हारा?

वही तो कह रही हूं पापा। आप ईसीजी में दिल की धड़कन के कम्पन को ध्यान से

देखेंगे, तो पता चलेगा कि जब तक लाइनें ऊपर-नीचे हो रही हैं, तब तक आपकी हालत

सामान्य

है। जैसे ही लाइन सीधी हो जाती है, तो डॉक्टर चिंतित हो जाते हैं, वे

कहते हैं कि सीधी लाइन वाली स्थिति खतरनाक होती है।

तुम कहना क्या चाहती हो बेटा?

बस पापा, जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, तो समझो जिंदगी सामान्य है। यदि
जीवन सपाट हो जाए, तो समझो बुरे दिन आ रहे हैं।

बिटिया के इस छोटे-से तर्क ने मुझे भीतर से हिला दिया। कितनी आसानी से कितनी

बड़ी बात बोल गई बिटिया। अभी तो उसकी उम्र ही क्या है? मात्र 17 वर्ष ही ना?

अभी से उसने जिंदगी का फलसफा समझ लिया? कितनी गंभीर बात को उसने कितने सरल

तरीके से समझा दिया। उसके बाद चिंतन शुरू हुआ, तो यही पाया कि  विषमताएं जीवन

का एक आवश्यक अंग हैं। इसके बिना सरल और आसान जीवन की कल्पना ही नहीं की जा

सकती। कई लोग हमें ऐसे मिलेंगे, जिनके पास बेशुमार दौलत है, बड़ा सा घर है। कई

फैक्टीरियां हैं। किसी भी चीज की कोई कमी नहीं, हम सोचते हैं कि कितना अच्छा

जीवन है, उनका। काश हमें भी ऐसा ही जीवन जीने को मिलता। पर यदि आप उस

ऐश्वर्यशाली व्यक्ति के साथ एक दिन, केवल एक दिन बिताकर देखो। कितना

संघर्षपूर्ण जीवन है उसका। कदम-कदम पर बाधाएं उसका स्वागत करती हैं।

परेशानियां तो उनके जेब में होती हैं। समय

बिलकुल नहीं होता उनके पास। न भोजन

के लिए समय, न पत्नी-बच्चों के लिए समय। दोस्तों के लिए समय निकालना तो बहुत

ही मुश्किल होता है। ऐसे में वह चाहकर भी कुछ ऐसा नहीं कर सकता, जो वह अब तक

करता आया था। इससे तो अच्छा है वह गरीब, शाम को थका-हारा आकर अपने बच्चों से

बतिया तो लेता है। पत्नी पर कुछ गुस्सा होकर उसे मना तो लेता है। कभी-कभी

सस्ती सी साड़ी लाकर पत्नी को खुश कर देता है या फिर बच्चों को कहीं घुमाने ले

जाता है, सभी खुश हो जाते हैं। परेशानियां इनके जीवन में भी कम नहीं होती। पर

वे उसका सामना करने में नहीं हिचकते। वास्तव में उनकी परेशानियां केवल धन की

कमी के कारण होती हैं। कुछ धन हाथ में आता है, तो कुछ परेशानियां कम हो जाती

हैं। फिर धन की प्रतीक्षा की जाती है। ताकि और भी मुसीबतों का सामना किया जा

सके। दूसरी ओर ऐश्वर्यशाली लोगों के पास जिस तरह की मुश्किलें होती हैं, वह

बहुत ही खतरनाक होती हैं। उनका एक निर्णय कई लोगों के जीवन में अंधेरा कर सकता

है। उन्हें पूरे विस्तार के साथ सोचना होता है। दिमागी कैनवास बहुत बड़ा रखना

होता है। इनकी चिंता में केवल वे ही नहीं, बल्कि बहुत सारे उनके साथी या कह

लें, मजदूर या फिर कर्मचारी

होते हैं, जिनके हित के लिए उन्हें लगातार सोचना

होता है। जो उनके लिए नहीं सोच पाते, वे कुछ दिन बाद जमीन पर होते हैं।

क्योंकि तब उनके पास सिवाय पछताने के और कुछ नहीं होता।

यह मान लो कि हमें दु:ख ने ही पाला है, इसके बिना हमारा जीवन कोई जीवन नहीं

है। दु:ख का साथ हमेशा हमारे साथ होना चाहिए, इससे हमें जीवन जीने की रोशनी

मिलती है। सुख तो कुछ दिन का मेहमान होता है, आता है, फिर चला जाता है। दे

जाता है कुछ यादें, जिनके बिना भी जिया जा सकता है। दु:ख में ही छिपा है जीवन

का सच्चा  सुख। दु:ख की यादें हमें संजोकर रखनी चाहिए, इसमें ही छिपा होता है

जीवन का सत्य। यही है जीवन सत्य। द्रु:ख के साथी लंबे समय तक साथ रहते हैं,

सुख के साथी कभी भी साथ छोड़ सकते हैं। कठिन राहों से गुजरना मुश्किल किंतु

चुनौतीभरा होता है। सपाट जीवन में तो कई साथी होते हैं, जो थोड़ी सी

परेशानियों में दूर हो जाते हैं। जीवन के अंधेरे आखिर हमें कब तक छलेंगे,

निराशा का यह अंधेरा आशा के सूरज के आते ही छंट जाएगा। बस थोड़ा सा धैर्य रखना

होगा, क्योंकि उजाला होने के पहले का अंधेरा बहुत ही गहरा होता है। वह हमें

तोड़ने की पूरी ताकत लगा देता है। यहीं हमें हमारा धैर्य काम आता है। बस थोड़ा

सा धैर्य, फिर देखो सुबह की आशाभरी किरणों किस तरह से हमारे स्वागत को आतुर

हैं? अंत में यह याद रखना होगा कि 100 चोट पर लोहे को टूटना है, तो हमें 99
चोट के बाद धर्य नहीं खोना है, बस एक चोट और फिर लोहा टूट जाएगा, हमें हौसला
दे जाएगा। 99 तक पहुंचना आसान है, पर 99 से 100 की दूरी को पार करना मुश्किल
है।

dr_mahesh_parimal

डा. महेश परिमल

संक्षिप्त परिचय : छत्तीसगढ़ की सौंधी माटी में जन्मे महेश परमार ‘परिमल’ मूलत: एक लेखक हैं। बचपन से ही पढ़ने के शौक ने युवावस्था में लेखक बना दिया। आजीविका के रूप में पत्रकारिता को अपनाने के बाद लेखनकार्य जीवंत हो उठा। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसके सपने कभी उसकी पलकों में कैद नहीं हुए, बल्कि पलकों पर तैरते रहे और तैरते-तैरते किनारों को अपनी एक पहचान दे ही दी। आज लेखन की दुनिया का इनका भी एक जाना-पहचाना नाम है।

भाषाविज्ञान में पी-एच.डी. का गौरव प्राप्त। अब तक सम-सामयिक विषयों पर एक हजार से अधिक आलेखों का प्रकाशन। आकाशवाणी के लिए फीचर-लेखन, दूरदर्शन के कई समीक्षात्मक कार्यक्रमों की सहभागिता। पाठच्यपुस्तक लेखन में भाषा विशेषज्ञ के रूप में शामिल। विश्वविद्याल स्तर पर अंशकालीन अध्यापन। अब तक तीन  किताबों का प्रकाशन। पहली ‘लिखो पाती प्यार भरी’ को मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा दुष्यंत कुमार स्मृति पुरस्कार, दूसरी किताब ‘अनदेखा सच’ और तीसरी अरपा की गोद  में   को पाठकों ने विशेष रूप से सराहा।

सम्पर्क:- Dr. Mahesh Parimal

403,Bhawani Parisar

Indrapuri BHEL

BHOPAL 462022

Mo.09977276257

http://dr-mahesh-parimal.blogspot.com/

http://aajkasach.blogspot.com/

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We are grateful to Dr. Mahesh Parimal for sharing this inspirational Hindi article on Key of Life with HSC readers.

 

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A Ball Can Change The World मुमकिन है … https://www.hamarisafalta.com/2014/10/satyamev-jayate-season-3-episode-1.html https://www.hamarisafalta.com/2014/10/satyamev-jayate-season-3-episode-1.html?noamp=mobile#respond Mon, 06 Oct 2014 11:51:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/10/06/satyamev-jayate-season-3-episode-1/ Dear friends, आज HamariSafalta.Com पर हम मुमकिन है का सफर तय करनेँ जा रहे हैँ। इस कड़ी मेँ मैँ आपसे Satyamev Jayte (सत्यमेव जयते) Season 3 Episode 1 A Ball Can Change The World के कुछ भागोँ को आपके सामनेँ बाँट रहा हुँ। उम्मीद है आप सबको पसंद आये। कल 5 October रविवार सुबह 11 बजे पुरा देश सत्यमेव जयते को देख रहा था और सुन रहा था। मुझे season 3 का यह पहला Episode बहुत ही ज्यादा पसंद आया और मुझे […]

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Dear friends, आज HamariSafalta.Com पर हम मुमकिन है का सफर तय करनेँ जा रहे हैँ। इस कड़ी मेँ मैँ आपसे Satyamev Jayte
(सत्यमेव जयते) Season 3 Episode 1 A Ball Can Change The World के कुछ भागोँ को आपके
सामनेँ बाँट रहा हुँ। उम्मीद है आप सबको पसंद आये।
कल 5 October रविवार सुबह 11 बजे पुरा देश सत्यमेव जयते को देख रहा था और सुन रहा था। मुझे season 3 का यह पहला Episode बहुत ही ज्यादा पसंद आया और मुझे यकीन है आप सबको भी बहुत ज्यादा पसंद आया होगा।
Thanks to Aamir Khan sir और Satyamev Jayte की पुरी Team जो आज देश को आगे लानेँ के लिये इतना बड़ा काम कर रही है।
चलिये मुमकिन है मेँ शुरू करते हैँ HamariSafalta.Com पर Sports का ये सफर।



अखिलेश पॉल-
अखिलेश पॉल की परवरिश हुई थी, नागपुर की एक बस्ती मेँ। गुंडागर्दी, शराब, ड्रग्स जैसी बुरी लतोँ का पाला बहूत जल्दी पड़ गया।
देखते ही देखते जुर्म की दुनिया नेँ उन्हेँ अपनी चपेट मेँ ले लिया। हालात यहाँ तक पहुँच गये कि उनके बारे मेँ तरह-तरह के दर्जनोँ केसेस पुलिस थानोँ मेँ दाखिल हो चुके थे। वहीँ दुसरी तरफ क्रिमिनल गैँग्स की आपसी रँजिस के चलते विरोधी गैंग्स के बदमाश भी उनके जान के प्यासे थे। जिँदगी ऐसी मोड़ पर आ गई थी कि पुलिस से बचते तो गुंडे उन्हेँ मार देते और गुंडो से बचते तो पुलिस पकड़ने के लिये तैयार थी। अपनी जिँदगी बचानेँ का कोई रास्ता अखिलेश को नहीँ सुझ रहा था।

अखिलेश पॉल
हर आदमी का एक सपना होता है, मेरा सपना था कि मैँ बड़ा होकर भाई बनुं.. किसी को भी मारना, झगड़ा करना, डराना-धमकाना मेरे लिये Normal था।


जिँदगी मेँ बदलाव कैसे आया-

जिस Area मेँ मैँ रहता था उस area मेँ एक College था, उस College मेँ एक प्रोफेसर थे. प्रोफेसर विजय बारसे। College के सामनेँ हमारा सब कार्यक्रम चलता था, एक अड्डा Type था। वो प्रोफेसर हमको रोज देखते थे। एक दिन उन्होँने किसी Peon के हाथ से हमेँ बुलाया।
हम गये, क्या हुआ Sir..?
उन्होँने कहा- Ball खेलेँगे क्या? Football खेलेँगे क्या!
मेरा एक फ्रेँड बोला- अरे ! ये पागल है क्या?
पर मैनेँ कहा कितनेँ पैसे मिलेँगे। उन्होँने कहा- 5 रूपये Per day..
हम लोग एक- डेढ़ घंटे खेले और बिना हाथ-मुँह धोये उनके पास जाकर बोले Sir ये लीजिये Football और 5 रूपये दीजिये। उन्होँने भी पैसे निकालकर दिया।
उन्होँने कहा- कल भी आईयेगा कल भी पैसे दुँगा।
हम Second दिन भी आये और एक-डेढ़ घंटा फिर खेले। यही सिलसिला 10-15 दिन तक चलता रहा।
10-15 दिन बाद हम उनके पास गये लेकिन उन्होँने कहा- आज नहीँ खेलना! मेरे पास पैसे नहीँ है। एक Friend नेँ कहा चलो यार फुटबाल खेलते हैँ। हमनेँ Sir से कहा कि आप हमेँ बस फुटबाल दे दीजिये। उन्होँने कहा, ठीक है। ये लो खेलने के बाद वापिस कर देना। अब कुछ दिन बिना पैसे के ऐसे ही खेलते थे। दो-तीन दिन बाद जब हम Football लेने गये तो उन्होँने वो फुटबाल देना भी बंद कर दिया।
अब जैसे एक लत लगी थी लोगोँ को धमकाना, डराना, शराब पीना. ये सब वैसे ही अब एक लत लग गई थी फुटबाल खेलनेँ की।
हम कहीँ भी जाते रास्ते मेँ पड़ी चीजोँ को पैर से फुटबाल की तरह Kick करते थे।
धीरे- धीरे मेरा जुर्म बढ़ता जा रहा था। बहुत लोग मेरे दुश्मन बन गये थे। इसलिये मैनेँ सरेंडर कर दिया। और यही शायद आखिरी रास्ता था।
कोर्ट ने मुझे जमानत दी।

एक बार कुछ बच्चे फुटबाल लिये लिये साईकिल से जा रहे थे। मैनेँ उन्हेँ देखा और अपनी पुरानी यादेँ ताजा हो गई। मैँ उन बच्चोँ के पीछे गया। और दुर से उनको खेलते हुए देखनेँ लगा। एक आदमी वहाँ आया, सब बच्चे उन्हेँ Sir कहकर पुकार रहे थे
मैनेँ जब उनका चेहरा देखा तो चौक गया, वो बारसे Sir थे। उन्होँने मुझे बुलाया और पुछा क्या हाल है?
मैनेँ कहा- Sir, मैँ पहले जैसा था, आज भी वैसा ही हुँ। बल्कि आज उससे भी ज्यादा बुरी Condition मेँ हुँ। उन्होँने कहा- अखिलेश कुछ समय ऐसा निकाला करो कि बच्चोँ के साथ तुम्हारी Practice हो जायेँगी। तुमको पुरानेँ दिन याद रहेँगे।

वो जब हमको पैसे देते थे उस समय हमको एक चीज बोले थे। अखिलेश जितनेँ Time तुम फुटबाल ग्राऊंड मेँ रहे तुमनेँ एक भी वो सब काम किया जो तुम रोज किया करते थे. गांजा पिया या कोई भी ऐसा हादसा किया जिससे पुलिस तुम्हेँ ढुंढ रही थी। मैनेँ कहा नहीँ Sir..

मैँ तुमको यही बताना चाहता था-
“खेल एक ऐसा माध्यम है जब तुम खेलते रहो तो दुनिया कहाँ है, दुनिया कौन है, हम किसी को नहीँ पहचानते।” यही चीज तो मैँ तुमको Realize कराना चाहता था।
उन्होँने कहा- तुम Time निकालकर खेलते रहो।
वे District level का Tournament करवाते थे। तो उन्होँनेँ एक Tournament organise  किया। उसमेँ मैनेँ भी भाग लिया। उन्हेँ मेरा Performance अच्छा लगा तो फिर मुझे State level के लिये चुना गया। State level के लिये मैँ पहले से ज्यादा मेहनत करनेँ लगा। उनको मेरा Performance और थोड़ा अच्छा लगा फिर मुझे National का Chance मिला।

Friends, Akhilesh जी न सिर्फ हिन्दुस्तान टीम के लिये Select हुए, साथ ही बड़ी बात वो टीम के कैप्टन भी थे और फिर वो टीम जो ब्राजील गई स्लम साकर की वर्ल्ड कप खेलनेँ के लिये।

इस वक्त अखिलेश जी Red light area के बच्चोँ को Sport सिखाते हैँ। पहले सब लोग उन्हेँ भाऊ बोलते थे लेकिन आज वो  पढ़े लिखे नहीँ हैँ पर Sport मेँ अपनेँ Talent के बदौलत उन्हेँ Sir से सम्मान के साथ पुकारा जाता है।



दोस्तोँ यही वो आदमी थे जिनका जिक्र आमीर Sir नेँ किया था कि जिँदगी बदल गई।
Crime से निकलकर उनकी जिँदगी Totaly बदल गई सिर्फ और सिर्फ Sport की वजह से।



पिता का सपना World champion बनेँ बेटियाँ, गोल्ड मेडलिस्ट बनेँ बेटियाँ।

हरियाणा के एक छोटे से गाँव बलाड़ी की रहनेँ वालीँ गीता कुमारी और बबीता कुमारी दोनोँ ही रेस्लिन्ग (कुस्ती) मेँ गोल्ड मेडिलिस्ट हैँ।
बता देँ उनके गाँव से किसी महिला नेँ भी कुस्ती मेँ भाग नहीँ लिया था।

गीता कुमारी और बबीता कुमारी

हमारे  दादा पहलवान थे, हमारे  पापा भी पहलवान रहे हैँ, तो वही हमारे Ideal हैँ, उनकी वजह से हम
रेस्लिन्ग मेँ आये हैँ। पापा का भी क्या Attitude था, बोलते थे तुम क्या उनसे कम खाते हो जो उनसे कम मेहनत करते हो।
खेल के दौरान तो कान भी टुट जाते थे, Body लड़कोँ जैसे हो गई है कौन शादी करेगा, कौन सी शास्त्रोँ मेँ लिखा है कि लड़कियाँ कुस्ती खेलेँ।
लेकिन पापा की सोँच थी कि यदि हम मेहनत करेँगे तो सामनेँ वाले के मुँह Automatic बंद हो जायेँगी।
जब हम मेडल जीतकर वापिस घर आये तो ऐसा ही हुआ, सबनेँ कहा कि आपनेँ गाँव का नाम रौशन किया है। मेरी दादी जो लड़के अपनेँ घर मेँ चाहती थीँ, उन्होँने भी कहा कि अब भगवान ऐसे सौ बेटियाँ हमेँ दे।

गीता कुमारी और बबीता कुमारी जी के पिता महाबीर फोगट जी-

Training के दौरान समाज का रवैया कैसा था, गाँव का क्या Reaction था-
गाँव वालोँ ने मेरा विरोध किया। लड़कियोँ से कुस्ती लड़वा रहा है, इनसे शादी कौन करेगा. लड़कियोँ का ये Game नहीँ होता। फिर मेरा तो एक ही जवाब था जब लड़की प्रधानमंत्री बन सकती है तो पहलवान क्योँ नहीँ बन सकती।

 

दोस्तोँ ऐसे जज्बे को HSC का सलाम है।


शुभम् जगलान (अपनी Age group मेँ गोल्फ के World champion)


दुनिया के सबसे महंगे खेलोँ मेँ से एक गोल्फ। एकड़ोँ
मेँ फैले हुए बड़े मैदानोँ की जरूरत, साजोँ सामान की जरूरत लाखोँ मेँ, इसीलिये इस खेल को रईसोँ का खेल माना जाता है।
एक साधारण इंसान इस खेल को अपनानेँ का ख्वाब भी नहीँ देख सकता है।
लेकिन जब हरियाणा के ईशराना मेँ एक गोल्फ अकादमी शुरू हूई तो उसी गाँव मेँ रहनेँ वाले शुभम् जगलान की दिलचस्पी इस खेल मेँ जागी। घर-घर जाकर भैँसोँ का दुध बेचनेँ वाले परिवार से ताल्लुक रखनेँ वाले शुभम् के परिवार के लिये गोल्फ जैसा महंगा खेल, खेल पाना और उसकी बुलंदियोँ को छुना सपनोँ जैसी बात थी पर मन मेँ अगर चाह हो और काबिलियत को पहचाननेँ वाले किसी इंसान का साथ तो सपनोँ को सच होनेँ पर मजबुर किया जा सकता है।

दोस्तोँ Shubham अभी सिर्फ 9 साल के हैँ और अपनेँ Age group मेँ World champion हैँ।

*आप हरियाणा के एक छोटे से गाँव से थे, कभी Golf का नाम भी नहीँ सुना था, Suddenly Golf आपके Life मेँ कैसे आ गया।

जब मैँ करीब 5 साल का था तो एक NRI नेँ एक Academy खोली थी, उनका नाम कपुर सिँह था। मेरे दादाजी नेँ मुझे भेजा था, कहा था कि घर मेँ बहुत रेस्लर हो गये हैँ, मैँ एक रेस्लिन्ग फैमिली से बिलोँग करता हूँ। फिर मैँने उस Academy मेँ जाना
शुरू किया। कुछ दिन बाद वो बंद हो गई। जब वो बंद हो रही थी, तो कपुर Sir नेँ कहा था आप बहुत अच्छा खेलते हैँ, इसे Continue रखिये। उन्होँने मुझे गोल्फ के कुछ सामान भी दिये थे। मैँ खेतोँ मेँ Practice करता था। मैँ कटोरी के अंदर पटिँग करता था।
मेरी मम्मी काफी गुस्सा करती थीँ। बहुत शोर भी होता था, कभी-कभी तो चीजेँ भी टुट जाती थीँ।

Style कहाँ से सीखा-
मैनेँ 60% Golf Youtube से ही सीखी है।

Career आगे कैसे गया-

मैँ कुछ Tournament जीतनेँ लगा, फिर अमित जी से मिला। उन्होँने कहा आप Delhi आ जाओ क्योँकि वो एक Golf foundation चलाते हैँ, और मैँ उनका एक हिस्सा हुँ।
मैँ अब तक 110 Tournament जीत चुका हूँ। गैरी Sir के साथ मैँ दो बार खेल चुका हूँ, जो International golf के बहूत बड़े Player हैँ।
मेरा सपना है कि मैँ दुनिया का Best Golfer  बनुँ और भारत के लिये मेडल्स लाऊँ।


Dear friends, इनको देखने, सुनने और पढ़नेँ के बाद आप तो जरूर कहेँगे सच मेँ मुमकिन है।
मेरी यह एक छोटी सी कोशिश थी कि हिँदी मेँ सत्यमेव जयते Season 3  के  पहले Episode का कुछ अंश आप तक पहचाऊँ।

आमिर Sir जी नेँ अपनेँ देश मेँ Sport law के लिये एक
एक मुहिम छेड़ दी है। और मुझे यकीन है कि आप भी देश मेँ खिलाड़ियोँ का राज देखना चाहते हैँ और इसे वही लोग चलायेँगे जो खुद उस खेल मेँ माहिर हैँ यानि Sport person..
आपनेँ मिस कॉल कर ही दिया होगा लेकिन यदि आप भुल गये हैँ तो 18008334001 इस नं. पर मिस काल करके Sport law को Support करेँ।

HamariSafalta.Com के सभी Readers से मैँ यही कहना चाहुँगा कि हप्ते मेँ एक दिन टाईम निकालकर अपनी कोई मनपसंद गेम जरूर खेलेँ। चाहे वो कबड्डी हो, क्रिकेट हो, बेडमिंटन हो या गिल्डी डंडा… जो भी हो पर खेलेँ जरूर।यदि आपके लिये यह आर्टिकल लाभप्रद रहा और आप भी अपनेँ Talent के बुते पर अपनीँ एक अलग पहचान बनाना चाहते हैँ और एक अच्छा Player बनना चाहते हैँ तो अपनेँ सुझाव हम तक जरूर पहुँचायेँ।

इतनेँ छोटे उम्र मेँ जब ये कर सकते हैँ तो आप क्योँ परेशान बैठे हैँ, उठ खड़े होईये और HamariSafalta.Com के साथ खुद को मोटिवेट करके सफल बनाते रहिये।

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A Chat With Mr. Vasant Chauhan Motivational Speaker & Writer https://www.hamarisafalta.com/2014/10/vasant-chauhan-motivational-speaker.html https://www.hamarisafalta.com/2014/10/vasant-chauhan-motivational-speaker.html?noamp=mobile#respond Fri, 03 Oct 2014 11:26:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/10/03/vasant-chauhan-motivational-speaker/ Dear Friends, आज HamariSafalta.Com के साथ हम आपसे मिलनवाना चाहेँगे, India के जाने- माने सबसे Youngest motivational speaker और Writer, Mr. Vasant Chauhan जी से। आईये इन महान हस्ती से रूबरू होते हैँ, और जानते हैँ उनकी खुद की मुँहजबानी… Mr. Vasant Chauhan हमारी सफलता(HSC)- Mr. Vasant Sir HamariSafalta.Com (HSC) के Readers को अपनेँ बारे मेँ कुछ बताईये। Vasant Ji:- सबसे पहले HamariSafalta.Com के सब Readers को Hi…. Myself Vasant Chauhan, A motivational Video Blogger & Writer. I also worked […]

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Dear Friends, आज HamariSafalta.Com के साथ हम आपसे मिलनवाना चाहेँगे,
India के जाने- माने सबसे Youngest motivational speaker और Writer, Mr.
Vasant Chauhan
जी से।
आईये इन महान हस्ती से रूबरू होते हैँ, और जानते हैँ उनकी खुद की मुँहजबानी…

Mr. Vasant Chauhan

हमारी सफलता(HSC)- Mr. Vasant Sir HamariSafalta.Com (HSC) के Readers को अपनेँ बारे मेँ कुछ बताईये।

Vasant Ji:- सबसे पहले HamariSafalta.Com के सब Readers को Hi….
Myself
Vasant Chauhan, A motivational Video Blogger & Writer. I also
worked in Bollywood as a consultant as well.. पर बाद मेँ मैनेँ decide
किया कि पुरी Life मैँ अब लोगोँ के लिये अपनी Styles से Videos बनाता
रहुँगा और उनकी Problem solve करूँगा तो दिल से जो भी निकलता है मैँ अपने
Videos के Through निकाल देता हूँ।

हमारी सफलता (HSC):- आपका इस फील्ड मेँ कैसे आना हुआ??

Vasant Ji:-
मैनेँ Past मेँ Bollywood मेँ as a Writer काम किया, पर फिर अन्दर से
अच्छा Feel कभी नहीँ होता था, Star से मिलना, Party करना सब होता था.. पर
ये सब सिर्फ एक चमक थी, “परदे के सामनेँ Star नहीँ बनना मुझे, मुझे लोगोँ
के दिल का Star बनना है” ये Thought दिमाग और दिल पर लेकर मैनेँ अपनी यह
Successful Channel Start की।
और अभी के जमानेँ मेँ ऐसे बहुत लोग हैँ जो
इस फील्ड के नाम से लोगोँ को लुट रहे हैँ, उन सबकी बैण्ड बजाने मुझे भगवान
नेँ इस फील्ड मेँ डाला।

हमारी सफलता (HSC):- आज Successful न बननेँ के
पीछे सबसे बड़ा Reason लोग Negative thoughts को मानते हैँ। आप हमारे
Readers को बतायेँ कि Negative thoughts से कैसे छुटकारा पाया जाये।

Vasant Ji::-
Negative thoughts को Seriously कभी मत लो, सब ले लेते हैँ इसलिये गिर
जाते हैँ… और Successful नहीँ हो पाते, Mind, Body  और Soul को इतना
Protect कर दो कि ये Negative thoughts अंदर ही न आ पाये। जो हो गया है वो
हम Change नहीँ कर सकते पर हो जाने के बाद अब कैसे उसके साथ Deal करनी है
वो हमारे हाथ मेँ है। इसलिये अपने Body के अंदर जैसा अच्छा खाते हैँ, वैसे
ही अच्छे Thoughts डालो..।।

हमारी सफलता (HSC):- आपकी नजर मेँ वो कौन सी Power है जो किसी इंसान को Super Successful बनाती है।

Vasant Ji::-
Super successful बननेँ के लिये सिर्फ और सिर्फ एक चीज पे ध्यान देँगे तो
मिल जायेगी.. “Consistency” अगर लगे रहे, अपनेँ Goal, सपनेँ, Passion के
पीछे  और जब तक न मिले हमेँ हार नहीँ माननी।
Consistency ही आपको Super Successful बना सकती है।

हमारी
सफलता(HSC):- आप इतनेँ बड़े Motivational speaker हैँ, आपकी राय मेँ हम
अपनेँ अंदर की आग आग को कैसे बरकरार रखेँ, खुद को मोटिवेट कैसे रखा जाये।

Vasant Ji::-
आपके अंदर की आग को बरकरार रखनेँ के लिये आपको अपनेँ आस-पास के
Environment को हमेशा Healthy और Positive रखना पड़ेगा। जब भी लगे कि आप
Down feel कर रहे हो तो मेरे Videos देख लो, या कोई फाड़ु सा गाना सुन लो..।
कुछ भी जिससे आप Excited हो जाओ वो कर लो और हमेशा अपनेँ Pics stage मेँ रखो।

हमारी
सफलता (HSC):- आपनेँ  Youtube पर Goal  से Related एक बेहतरीन Speech दी है,
हम अपनेँ गोल्स कैसे Achieve करेँ, कोई Formula जो आप HSC के साथ Share
करना चाहेँगे।

Vasant Ji::- Goal के रंग मेँ पुरे के पुरे रंग जाईये।
सुबह- शाम सिर्फ Goal ही दिखना चाहिये। बेड़ियाँ जैसे बन जाओ… अगर ये
Attitude हो गया तो ही Goal achive कर पाओगे वरना नहीँ होगा कुछ भी…।

हमारी सफलता (HSC):- असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी है, इसके बारे मेँ आप क्या कहना चाहेँगे।

Vasant Ji::-
एकदम Correct बात है, असफलता= Waiting station, जब Goal achive कर रहे हो
और कुछ गड़बड़ हो जाये तो थोड़ा रूकना पड़ता है… वो है असफलता Try किया.. हो
गया Well & good, अगर नहीँ हुआ तो पता चलेगा कि अब Next time क्या नहीँ
करना हमको.. तो I am damn agree with this statement..

हमारी सफलता (HSC):-
आपकी राय मेँ सफलता क्या है? और आप Success को कैसे Define करते हैँ!

Vasant Ji::- According to me Success means जब आपके अंदर का Soul happy रहे, आप हमेशा
खुश रहो, आप को अंदर से ऐसा Feel हो कि यार  Life का सब Tension गया अब..
वही दिन आप सक्सेफुल होँगे।

हमारी सफलता (HSC):- आपके अनुसार वो कौन-सी 5 चीजेँ हैँ जो इंसान को Unsuccessful असफल बनाती हैँ, जिनसे दुरी बनाना ही बेहतर है।

Vasant Ji::- डर, आलस, कपट, आशा मत रखिये किसी से भी, और Failure mindset..

हमारी
सफलता(HSC):- HamariSafalta.Com (HSC) के Readers को आप क्या Massage देना
चाहेँगे, साथ ही Readers को कुछ बतायेँ कि आपको “हमारी सफलता” का यह साईट
कैसा लगा…@

Vasant Ji::-  आपकी ये HamariSafalta.Com  एक बेहतरीन साइट है मुझे Visit करके काफी अच्छा लगा आप ये नेक  काम हमेशा  करते रहिये हम आपके साथ हैं।  आपके रीडर्स को यह Massage  देना चाहूंगा कि “एकदम बिंदास होकर लाइफ को जीना और हमेशा दिल की सुनना, लाइफ एक बार मिली  है खुल कर जी लो, और हमेशा खुश रहो और सबको खुश रखो और   मेरे Videos देखते रहियेगा…।  चलिये चलता हूँ, ध्यान रखियेगा।”

Vasant Chauhan
(Motivational Video Blogger)

Channel – http://www.youtube.com/Vasant4uAll

Click Here For Watch Direct Vasant’s Episodes – http://bit.ly/1bEKKRL

Facebook – https://www.facebook.com/VasantTheOfficial

Twitter – http://www.twitter.com/itsVasant

हमारी
सफलता(HSC):-  आपने  HamariSafalta.Com (HSC)   के लिए अपने कीमती समय दिए इसके लिए बहुत- बहुत धन्यवाद आप ऐसे ही आगे बढ़ते रहें यही हमारी  शुभकामनायें हैं …
Thanks!

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मेरा समय अमुल्य है… https://www.hamarisafalta.com/2014/09/amulya-samay-motivational-hindi-article.html https://www.hamarisafalta.com/2014/09/amulya-samay-motivational-hindi-article.html?noamp=mobile#respond Sun, 14 Sep 2014 11:27:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/09/14/amulya-samay-motivational-hindi-article/ एक बार मेरी तबीयत खराब हो गई थी जिसके चलते मुझे Doctor के पास जाना पड़ा। जब मैँ उसके कैबिन मेँ गया तो मेरी नजर सबसे पहले मेज पर रखे एक Notice board पर पड़ी उसमेँ लिखा था- “मेरा समय अमुल्य है” मुझे थोड़ा अचम्भा हुआ और मैँ सोचनेँ लगा क्या इन्हीँ का समय कीमति है, बाकि लोगोँ का नहीँ? पर इस बात को मैनेँ बार- बार सोँचा और दोबारा वो वाक्य पढ़ा फिर मुझे लगा यह तो एक महत्वपुर्ण […]

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एक बार मेरी तबीयत खराब हो गई थी जिसके चलते मुझे Doctor के पास जाना
पड़ा। जब मैँ उसके कैबिन मेँ गया तो मेरी नजर सबसे पहले मेज पर रखे एक

Notice board पर पड़ी उसमेँ लिखा था- “मेरा समय अमुल्य है” मुझे थोड़ा अचम्भा हुआ और मैँ सोचनेँ लगा क्या इन्हीँ का समय कीमति है,
बाकि लोगोँ का नहीँ? पर इस बात को मैनेँ बार- बार सोँचा और दोबारा वो
वाक्य पढ़ा फिर मुझे लगा यह तो एक महत्वपुर्ण कथन है।
मुझे इसका अर्थ कुछ इस तरह समझ आया कि जो लोग अपना समय वाकई मुल्यवान
समझते हैँ, वे दुसरोँ का समय नष्ट नहीँ करना चाहते। आखिर यह एक छोटा सा
वाक्य उन लोगोँ के लिये एक Warning notice थी जो अपनेँ कीमति समय को नहीँ
समझते, जो समय की अहमियत नहीँ पहचानते साथ ही दुसरोँ का समय नष्ट करनेँ
मेँ भी किसी प्रकार से हिचकिचाहट का बोध नहीँ करते।
एक छोटा सा Calculation करते हैँ, एक वर्ष मेँ कुल 8760 घंटे होते हैँ,
अब थोड़ा रूकिये और सोचिये कि आप अपना समय कैसे बिताते हैँ। Means, कितना
Time Rest को, कितना Time खानेँ को और कितना Time अपनेँ मनोरँजन को देते
हैँ।
ये सब बातेँ एक कागज पर Note जरूर कीजिये। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आपके पास कितनी अधिक फुरसत है।
Regular के गप्पोँ मेँ Waste होनेँ वाले एक या दो घण्टोँ का समय काफी
मुल्यवान है और उसको अनेकोँ प्रकार से हम Use मेँ ला सकते हैँ।
हर Parents अपनेँ बच्चोँ को अच्छा एजुकेशन देना चाहते हैँ लेकिन कई
बच्चोँ के Parents एजुकेटेड नहीँ होते उसमेँ बच्चोँ की भी एक छोटी सी
Responsibility बनती है कि जो Time वो T.V. देखने या दोस्तोँ से चैटिँग
और गपशप मेँ अपना एक दो घण्टे Waste करते हैँ वो लोग अपनेँ घर मेँ जो पढ़े
लिखे नहीँ हैँ या अपनेँ आसपास जहाँ के लोग अशिक्षित है उन्हेँ चैटिँग और
गपशप से टाईम निकालकर शिक्षित बनानेँ का प्रयास करेँ। क्योँकि आज एक
सुनहरा समय है कुछ बदलनेँ का। याद रखिये व्यर्थ बिताया हूआ समय कभी वापिस
लौटकर नहीँ आता।
बाद मेँ जरूरत पड़नेँ पर आदत सुधर जायेगी ऐसा सोँचकर हम अपनेँ वर्तमान समय
को बिना सोचे समझे व्यर्थ गँवानेँ का जोखिम नहीँ उठा सकते। हमारे Life का
Time limited है और यह इतनी लंबी भी नहीँ कि हम इसे टालमटोल मेँ बिता
देँ।
सादा जीवन जीनेँ वाले सतर्क व्यक्ति के पास व्यर्थ के कामोँ के लिये समय
ही नहीँ होता। हम बेकार की Gossips मेँ Time waste क्योँ करेँ। अपनेँ Daily रूटिन के कामोँ के लिये एक Time
table बनाईये और ईमानदारी और दृढतापुर्वक पालन कीजिये।
आस्लर के शब्दोँ को मत भुलिये- “अभी से सतर्क न हुए तो बाद मेँ पछताना पड़ेगा”।
दान्ते ने भी कहा है- बीत रहा आज फिर वापस नहीँ लौटेगा।

उमर खैयाम जी के इन बातोँ को याद कीजिये-
“हमारा जीवन पक्षी केवल थोड़ी ही दुर तक उड़ सकता है।
इसनेँ पंख फैला दिये हैँ, देखो जल्दी से इसकी दिशा सोच लो”।

दोस्तोँ समय बड़ी तेजी से निकल रहा है, हमारे पास बस यही वर्तमान समय और
बस आज का दिन है।
एक बार किसी व्यक्ति नेँ जार्ज बर्नार्ड शा से पुछा-‘आप अपनी दाढ़ी साफ
क्योँ नहीँ करते?’ उन्होँने कहा-” इससे समय बर्बाद होता है। प्रतिदिन 4
मिनट बचाकर मैनेँ अब तक अपनी Life के 10 महीनेँ बचा लिये हैँ।
दोस्तोँ इसका मतलब यह नहीँ कि दाढ़ी बनाने वाले सर्वदा अपनेँ समय का
सदुपयोग ही करते हैँ।
यह एक ऐसे विद्वान का कथन है जो समय की कीमत को समझते थे और यथासंभव
उन्होँने अपने समय का एक मिनट भी व्यर्थ जाने नहीँ दिया। हमारे पास जो
अमुल्य समय है वही हमारी एक मात्र संपत्ति है। अंतरिक्ष मेँ हमारी गति 30
K.M./Sec. है। हमेँ भुतकाल की सभी चिँतायेँ छोड़कर अपनी सारी चेष्टायेँ अपनेँ तात्कालिक
कार्य को ही ठीक-ठीक पुरा करनेँ मेँ लगानी होगी तभी हमारी Life मेँ एक
ताजगी, उत्साह और आलोक की अनुभुति होगी और तब दिन दिन करके वर्ष बीतेगा
और प्रतिक्षण किया गया हमारा सुकर्म एकत्र होकर ज्ञान तथा सदाचरण का एक
विशाल भंडार बन जायेगा।
इसलिये दोस्तोँ समय के महत्व को समझिये।
ये वाक्य आपकी जिँदगी मेँ काफी बदलाव ला सकते हैँ।
आईये इन वाक्योँ को देखते हैँ-

यदि एक साल की कीमत समझनी हो तो उस छात्र से पुछिये जो वार्षिक परीक्षा
मेँ फैल हो गया हो।

यदि एक मिनट की कीमत समझनी हो तो उससे पुछिये जिसकी ट्रेन छुट गई हो।

यदि एक सेकण्ड की कीमत समझनी हो तो उससे पुछिये जो मरते-मरते बचा हो।

यदि एक मिली सेकण्ड की कीमत समझनी हो तो उससे पुछिये जिसे ओलंपिक मेँ
स्वर्ण पदक की जगह रजत मिला हो।
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जिँदगी का सबसे बड़ा आविष्कार https://www.hamarisafalta.com/2014/07/greatest-invention-of-life-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2014/07/greatest-invention-of-life-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Sat, 12 Jul 2014 04:12:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/07/12/greatest-invention-of-life-in-hindi/ Dear Readers आज का Topic आप सभी के लिए बहूत ही Important है। कुछ दिन पहले मेरे बड़े पापा श्री उत्तम साहू जी का स्वर्गवास हो गया जिस कारण मैँ कोई भी पोस्ट नहीँ कर पा रहा था, हम सबको उन्हेँ खोनेँ का बहूत दुख है। मेरे बड़े पापा के गुजरनेँ के बाद मेरा मन लगातार एक ही बात को दोहरा रहा था कि इस दुनिया मेँ जिसने भी जन्म लिया है उसकी मौत अटल है, चाहे वो एक आम […]

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Dear Readers आज का Topic आप सभी के लिए बहूत ही Important है।

कुछ दिन पहले मेरे बड़े पापा श्री उत्तम साहू जी का स्वर्गवास हो गया जिस कारण मैँ कोई भी पोस्ट नहीँ कर पा रहा था, हम सबको उन्हेँ खोनेँ का बहूत दुख है।

मेरे बड़े पापा के गुजरनेँ के बाद मेरा मन लगातार एक ही बात को दोहरा रहा था कि इस दुनिया मेँ जिसने भी जन्म लिया है उसकी मौत अटल है, चाहे वो एक आम किसान हो या कोई करोड़पति। इस दौरान मैनेँ कई बार Steve Jobs की वो  Speech  सुनी जो आज बहूत व्यक्तियोँ के जीवन मेँ बेहतरीन परिवर्तन ला रही है। Speech मेँ उन्होँने कहा है:-

“कोई मरना नहीँ चाहता यहाँ तक कि जो लोग स्वर्ग जाना चाहते हैँ वो भी.. फिर भी मौत वो मंजिल है जिसे हम सब Share करते हैँ। आजतक इससे कोई बचा नहीँ है और ऐसा ही होना चाहिये क्योँकि मौत ही इस जिँदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है, ये जिँदगी को बदलती है पुरान को हटाकर नये का रास्ता खोलती है। और इस समय नये हम सब हैँ पर ज्यादा कुछ नहीँ कुछ ही दिनोँ मेँ हम भी पुरानेँ हो जायेँगे और रास्ते से साफ हो जायेँगे।”

Friends सच मेँ मौत ही इस जिँदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है। कई जगहोँ पर आपनेँ पढ़ा या सुना होगा कि इस छोटी सी जिँदगी का क्या होगा!! और सच मेँ हमारी Life कितनी छोटी या कितनी बड़ी है इसका निर्धारण हम कभी भी नहीँ कर सकते।

आपकी जिँदगी अनमोल है, उससे भी बड़ी बात क्या आप अपनी Life को अनमोल जैसे शब्द का दर्जा दे रहे हैँ। क्या आप अपनेँ अंदर की शक्तियोँ का सही उपयोग कर रहैँ।

दोस्तोँ मरनेँ के बाद और कौन सी दुनिया होती है ये हम नहीँ जानते लेकिन किसी के मरनेँ के बाद इस दुनिया मेँ क्या होता है हम सबको पता है। मरनेँ के बाद लोगोँ के बहूत से Comments देखनेँ मेँ आते हैँ।

जैसे-

श्रीमान्……………. तो इस दुनिया से पार हो गये अब इसके बाकि के कर्जे तो बेचारे परिवार वालोँ को चुक्ता करना होगा..।

श्रीमान……………. तो मर गये अब उसकी बीवी को कोर्ट कचहरी के चक्कर काटनेँ पड़ रहे हैँ उसके बाल बच्चोँ का क्या होगा।

श्रीमान……………. की जान तो किडनी फैल होने से चली गई, चलो अच्छा हूआ शराब पीकर बहूत गाली गलौच करता था।

श्रीमान……………. की मौत Accident मेँ मर गया भगवान का सुकर है बहूत रिस्वत लेता था और कड़वी बातेँ बोलता था अच्छा हूआ मर गया

..।

Dear friends ऐसे हजारोँ Comments लोगोँ के मुँह से सुनने मेँ आते हैँ। पर मुझे पुरा विश्वास है कि आप मरनेँ के बाद किसी के मुँह से भी इस Type के Negative comments सुनना पसंद नहीँ करेँगे। और मुझे पुरा विश्वास है आपनेँ अपनी श्रध्दांजली पहले से ही तय कर रखी है यदि नहीँ की है तो नीचे यहाँ पर मैँ कुछ Line blank छोड़ता हूँ।

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आप खुद समय निकालिये और अभी से अपनीँ श्रध्दांजली तय कर लीजिये और ये जरूर लिखेँ कि यहाँ से जाने के बाद आपके प्रति लोगोँ का रवैया क्या होगा!!

ये बातेँ बहूत जरूरी हैँ इसलिये जरा सोचेँ कि क्या हम सब अभी उसी दिशा मेँ आगे बढ़ रहे हैँ जिस दिशा मेँ एक दिन यहाँ से जाने के बाद लोग याद करेँगे। क्या आप Really अपनेँ दिल का काम कर रहे हैँ, वो काम जिसमेँ आपको मजा आ रहा है। ये इसी Type की ऐसी बाते हैँ जिससे आगे चलकर आपको लोग याद करेँगे।

क्या आप उसी Sector मेँ आगे बढ़ रहे हैँ जिससे आपका Future एक बेस्ट Point के साथ Connect हो। क्या आपका वर्तमान काम आपके श्रध्दांजली वाले Point से मैच कर रहा है जैसा कि आप आगे कैसे याद किया जाना पसंद करेँगे तो बधाई हो आप सभी को क्योँकि बहूत कम लोग होते हैँ जिनके वर्तमान कार्य से अच्छे Future का निर्माण होता है और जिनके आज के काम से ही इस दुनिया से जाने के बाद अपना एक अलग नाम होता है।

Acting की दुनिया के बादशाह मेँ कई वो सितारे जो इस दुनिया को छोड़नेँ के बाद भी आज अपनी छाप यहाँ छोड़े हूये हैँ जिनमेँ कई महान हस्तियाँ शामिल हैँ- Mr. राजेश खन्ना, प्राण, दारा सिँह, अमरीश पुरी, Mr. यशराज चोपड़ा जिन्होँने कई Hit फिल्मेँ बनाई।

ऐसे कई चहेते जिनके नाम आज पुरे दुनिया भर मेँ फैले हैँ जिनके काम को आज पुरी दुनिया सराहती है।

SteveJobs नेँ उनके आगे की  Speech  मेँ कहा भी है-

इस Life मेँ आपका समय सीमित है इसलिये इसे किसी और की जिँदगी जीकर व्यर्थ मत कीजिये। बेकार की सोँच मेँ मत फसिये, अपनी जिँदगी को किसी और के हिसाब से मत चलाईये, औरोँ के विचारोँ के शोर मेँ अपनेँ अंदर की आवाज को अपनेँ अंदर की Intuition को मत डूबनेँ दीजिये।

Article के अंत मेँ यही कहना चाहूँगा इस Life के हर एक Movement को बेहतरीन तरीके से जीयेँ, वो काम करेँ जो आपको एक बड़ा नाम दे। लोग आपको मरनेँ के बाद भी याद करेँ, हमेशा आपके चाहने वालोँ को आपकी कमी महसुस हो और आप ऐसा काम करेँ कि आपका नाम आपके काम के बदौलत पुरे संसास भर मेँ जाना जाये।

इस Article से संबंधित एक बेहतरीन Quote-

यदि आप हर रोज ऐसा जीयेँ जैसे कि ये आपकी जिँदगी का आखिरी दिन है तो आप किसी न किसी दिन सही साबित हो जायेँगे।

आगे बढ़िये, जीतिये और अपना नाम रौशन करिये।

All The Best..

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Successful Speaker के 7 गुण https://www.hamarisafalta.com/2014/06/qualities-of-successful-speaker-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2014/06/qualities-of-successful-speaker-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 27 Jun 2014 08:07:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/06/27/qualities-of-successful-speaker-in-hindi/     आज की Generation मेँ एक Successful वक्ता ही एक Successful व्यक्ति की जगह ले पाता है, चाहे वो Network marketing मेँ हो चाहे वो किसी Business मेँ हो या चाहे वो आम आदमी ही क्योँ न हो। लेकिन ये बात अब पुरी तरह से साफ हो गई है कि एक Successful Speaker ही सही मायने मेँ एक Successful आदमी बन सकता है। आइये देखते हैँ एक सफल आदमी मेँ आखिर कौन सी वो 7 Qualities होनी चाहिये जो […]

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आज की Generation मेँ एक Successful वक्ता ही एक Successful व्यक्ति की जगह ले पाता है, चाहे वो Network marketing मेँ हो चाहे वो किसी Business मेँ हो या चाहे वो आम आदमी ही क्योँ न हो। लेकिन ये बात अब पुरी तरह से साफ हो गई है कि एक Successful Speaker ही सही मायने मेँ एक

Successful आदमी बन सकता है।

आइये देखते हैँ एक सफल आदमी मेँ आखिर कौन सी वो 7 Qualities होनी चाहिये जो उसे Successful Speaker का दर्जा दिला सके।

English के Word SPEAKER से ही इसकी बहूत अच्छे तरीके से व्याख्या की जा सकती है।

सफल वक्ता के 7 गुण-

1.) STIMULATING (उत्तेजित करनेँ वाला)-

Successful Speaker की First quality यह होनी चाहिये कि उसे सुनते ही मन गद्गगद् हो  उठे, उसकी बातेँ मन को नया आयाम देने वाली होँ। उसकी बातेँ मन मेँ उत्तेजना पैदा करनेँ वाली होँ और जो श्रोताओँ को प्रोत्साहित करे.. जिनकी बातेँ एकदम से सोचनेँ पर मजबुर कर देँ और जो जीवन निर्माण के नये नये स्वरूप हमारे सामनेँ लाते रहेँ।

2.) POSITIVE (सकारात्मक)– जिनके विचारोँ से हम जीत की ओर अपनेँ कदम बढ़ाते हैँ और उनके विचार हमेँ ऊँचाई की ओर ले जाते हैँ। निराशा से घिरे होनेँ पर

उनकी बातेँ उससे उभरनेँ मेँ हमारी मदद करते हैँ। यदि हम समस्याओँ से घिरे हो तो उनकी बातेँ Create हूए Problems को Solve करनेँ मेँ हमारी Help करते हैँ। जो हमेशा हर बात के उजले पहलु को हमारे सामनेँ रखता है, जो अपनेँ साथियोँ का हमेशा मनोबल बढ़ाता है और उन्हेँ नये लक्ष्य प्राप्त करनेँ के लिये प्रेरित करता है। जो न तो आपसे नकारात्मक बात करता है और आप यदि Negative Feel करते हैँ तो उसकी बातेँ आपको झुँझलाने नहीँ देती आप तुरंत अपनेँ Mind को Positive कर लेते हैँ।

3.) EFFECTIVITY (प्रभावशाली)– वक्ता के हर एक बात मेँ कोई न कोई विशेष भाव छिपा होना चाहिये जिससे कि श्रोता को उसकी बातेँ बहूत प्रभावित करेँ। वह मिलनसार बातोँ का प्रयोग करे और उसकी बातोँ के हर शब्द मेँ कोई विशेष बात छिपा होना चाहिये जिससे श्रोता प्रभावित हो सके और उसे लगे कि वाकई सामनेँ वाले नेँ क्या बात कही है यार!!

4.) AIMFUL (लक्ष्यवान)-

जिसकी बातोँ से अपना लक्ष्य साफ नजर आता है जो खुद भी बड़े लक्ष्योँ को पानेँ की बातेँ करते हैँ साथ ही दुसरे के लक्ष्य प्राप्ति के लिए बेहतर Guidelines देते हैँ। जो आपको योजनाओँ  के बारे मेँ अच्छे से बताये और उसकी बातेँ ऐसी प्रतीत होँ मानोँ आपका लक्ष्य आपके सामने है।

5.) KNOWLEDGEABLE (ज्ञानवान)– जिसकी बातोँ मेँ अपनेँ ज्ञान का अनुभव दिख रहा हो। अपनी Knowledgeable growth के लिये पहले से ही तैयारी कर लिया रहे कि क्या कहना चाहिये और क्या नहीँ। सुननेँ वाले को वह एक तरीके से ज्ञान का भण्डार देना चाहे। वह अपनेँ Sector के किसी भी Topic पर पुर्ण अधिकार और ज्ञान से अपनी बात सामने वालोँ तक पहूँचाये।

6.) ENTERTAINING (मनोरंजक)-

जिन्हेँ श्रोता लगातार घंटो भी सुनेँ तो वो बोर न हो। जो अपनेँ शब्दोँ से बार-बार हँसाते रहे, लोगोँ को बीच-बीच मेँ चकित कर दे और अपनेँ बातोँ मेँ Feelings को इतना बढ़ा दे कि रूलाने की क्षमता भी पैदा हो जाये और हँसना हँसाना और इमोशन के भाव से लोगोँ को बोर होने न दे और उनका मनोरंजन करते रहे।

7.) RATIONAL (विवेकशील, तर्कशील)-  जो कुछ भी कहनेँ से पहले पुरे तर्क के साथ यह पता लगाये कि आखिर श्रोता क्या सुनना पसंद करेँगे। कुछ भी कहनेँ से पहले ये सोचे कि ऐसा कहने से सामनेँ वाले को पसंद आयेगा कि नहीँ। कुछ भी कहनेँ से पहले वो खुद को तैयार कर ले। अपनेँ आपको परख ले और तब जाकर आगे बढ़े और पुरे होश मेँ आकर पुरे जोश मे अपनेँ विवेक के साथ अपनी बात कहे यकीनन सुननेँ वाला, वक्ता की बातोँ को लाजवाब कहेगा…

ये सातोँ Qualities अपनी Life मेँ Successful speaker के लिये बहूत Importance रखती है। एक वक्ता सिर्फ मँच और माइक के सामने ही अपनी बात नहीँ कहता बल्कि वो रोज एक पापा, एक मम्मी, एक बेटा, एक बेटी एक टीचर एक स्टुडेँट जैसे कई रूप मेँ हमारे सामनेँ देखनेँ को मिलती है। इसलिये इन सातोँ गुण को अपनेँ बोलचाल की भाषा मेँ उपयोग मेँ लाइये क्योँकि इन गुणोँ का कुछ हिस्सा ही आपको विशिष्ट बना सकता है।

इसलिये आज से ही इन गुणोँ को जीवन मेँ उतारिये और आप भी सफल वक्ता से सफल व्यक्ति बनिये।

All the best

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सफलता के सोपान- स्वामी विवेकानन्द Part-2 https://www.hamarisafalta.com/2014/06/safalta-ke-sopan-swami-vivekanand-bes.html https://www.hamarisafalta.com/2014/06/safalta-ke-sopan-swami-vivekanand-bes.html?noamp=mobile#respond Sun, 22 Jun 2014 04:28:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/06/22/safalta-ke-sopan-swami-vivekanand-bes/               सफलता के पाँच चरणोँ मेँ स्वामी विवेकानन्द जी के अनमोल विचारोँ का संग्रह- बल और शक्ति तुम जो कुछ सोचोगे, तुम वही हो जाओगे, यदि तुम अपने को दुर्बल समझोगे, तो तुम दुर्बल हो जाओगे। वीर्यवान सोचोगे तो वीर्यवान बन जाओगे। (स्वामी विवेकानंद जी) तुम जो कुछ बल या सहायता चाहो, सब तुम्हारे ही भीतर विद्यमान है। अतएव इस ज्ञानरूप शक्ति के सहारे तुम बल प्राप्त करो और अपने हाथोँ अपना भविष्य गढ़ […]

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सफलता के पाँच

चरणोँ मेँ स्वामी विवेकानन्द जी के अनमोल विचारोँ का संग्रह-

बल और शक्ति

  1. तुम जो कुछ सोचोगे, तुम वही हो जाओगे, यदि तुम अपने को दुर्बल समझोगे, तो तुम दुर्बल हो जाओगे। वीर्यवान सोचोगे तो वीर्यवान बन जाओगे। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. तुम जो कुछ बल या सहायता चाहो, सब तुम्हारे ही भीतर विद्यमान है। अतएव इस ज्ञानरूप शक्ति के सहारे तुम बल प्राप्त करो और अपने हाथोँ अपना भविष्य गढ़ डालो। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. यह एक बड़ा सत्य है कि बल ही जीवन है और दुर्बलता ही मरण। बल ही अनंत सुख है, अमर और शाश्वत जीवन है और दुर्बलता ही मौत। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. “उठो, जागो और सोओ मत। सारे अभाव और दु:ख नष्ट करनेँ की शक्ति तुम्ही मेँ है, इस बात पर विश्वास करने से ही वह शक्ति जाग उठेगी।” (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. किसी बात से मत डरो। तुम अद्भुत कार्य करोगे। जिस क्षण तुम डर जाओगे, उसी क्षण तुम बिल्कुल शक्तिहीन हो जाओगे। संसार मेँ दु:ख का मुख्य कारण भय ही है, यही सबसे बड़ा कुसंस्कार है, यह भय हमारे दु:खोँ का कारण है, और यह निर्भीकता है जिससे क्षण भर मेँ स्वर्ग प्राप्त होता है। अतएव, उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. अपनेँ दोष के लिये तुम किसी को उत्तरदायी न समझो, अपने ही पैरोँ पर खड़े होने का प्रयत्न करो, सब कामोँ के लिये अपनेँ को ही उत्तरदायी समझो। कहो कि जिन कष्टोँ को हम अभी झेल रहे हैँ, वे हमारे ही किये हुए कर्मोँ के फल हैँ। यदि यह मान लिया जाय, तो यह भी प्रमाणित हो जाता है कि वे फिर हमारे द्वारा नष्ट भी किये जा सकते हैँ। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. सीखनेँ का पहला पाठ यह है : निश्चय कर लो कि बाहरी किसी भी वस्तु पर तुम दोष न मढ़ोगे, उसे अभिशाप न दोगे। इसके विपरीत, मनुष्य बनोँ, उठ खड़े हो जाओ और दोष स्वयं अपने ऊपर मढ़ो। तुम अनुभव करोगे कि यह सर्वदा सत्य है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. मेरे युवक बन्धुओँ, तुम बलवान बनोँ- यह तुम्हारे लिए मेरा उपदेश है। गीता-पाठ करने की अपेक्षा तुम्हेँ फुटबाल खेलने से स्वर्ग-सुख अधिक सुलभ होगा। मैनेँ अत्यंत साहसपूर्वक ये बातेँ कही हैँ, और इनको कहना अत्यावश्यक है, कारण मैँ तुमको प्यार करता हूँ। मैँ जानता हूँ कि कंकड़ कहाँ चुभता है। मैनेँ कुछ अनुभव प्राप्त किया है। बलवान शरीर से अथवा मजबूत पुट्टोँ से तुम गीता को अधिक समझ सकोगे। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. हर बात को रहस्यमय बनाना और कुसंस्कार- ये सदा दुर्बलता के ही चिन्ह होते हैँ। ये अवनति और मौत के ही चिन्ह हैँ। इसलिए उनसे बचे रहो, बलवान बनो और अपनेँ पैरोँ पर खड़े हो जाओ। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. बच्चोँ, याद रखना कि कायर तथा दुर्बल व्यक्ति ही पापाचरण करते हैँ एवं झूठ बोलते हैँ। साहसी तथा शक्तिशाली व्यक्ति सदा ही नीतिपरायण होते हैँ। नीतिपरायण, साहसी तथा सहानुभुतिसम्पन्न बनने का प्रयास करो। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. निभीँक बनो, तथ्योँ का सामना तथ्योँ की भाँति करो। अशुभ के भय से विश्व मेँ इधर-उधर न भागो। अशुभ अशुभ है। उससे क्या? (स्वामी विवेकानंद जी)

सच्चा सुख

  1. सुख और दु:ख एक ही सिक्के के चित और पट हैँ। जिसे सुख चाहिये उसे दु:ख भी लेना होगा। हम लोग मुर्खतावश सोचते हैँ कि बिना कोई दुख के हमेँ केवल सुख ही सुख मिल जायेगा, और यह बात हममेँ ऐसी समा गयी है कि इन्द्रियोँ पर हम अधिकार ही नहीँ कर पाते। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. समस्त सांसारिक दुखोँ का कारण है, इन्द्रियोँ की दासता। इन्द्रियपरायण जीवन से अतीत होने की हमारी असमर्थता शारीरिक भागोँ के लिये उद्यम ही संसार मेँ सभी आतंकोँ तथा दु:खोँ का कारण है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. पराधीनता दैन्य है। स्वाधीनता ही सुख है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. सुख आदमी के सामनेँ आता है तो दुख का मुकुट पहनकर। जो उसका स्वागत करता है, उसे दुख का भी स्वागत करना चाहिए। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. अनियंत्रितऔर अनिर्दिष्ट मन हमेँ सदैव उत्तरोत्तर नीचे की ओर घसीटता रहेगा- हमेँ चीँथ डालेगा, हमेँ मार डालेगा; और नियंत्रित तथा निदिष्ट मन हमारी रक्षा करेगा, हमेँ मुक्त करेगा। इसलिये वह अवश्य नियंत्रित होना चाहिये और मनोविज्ञान सिखाता है कि इसे कैसे करना चाहिए. (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. सहनशीलता और क्षमाशीलता अपनानी पड़ेगी तथा जीवन-यात्रा मेँ मिल जुल कर चलना पड़ेगा, तभी उनका जीवन अत्यंत सुखपुर्ण होगा। (स्वामी विवेकानंद जी)

 

प्रेम और नि:स्वार्थता

1.आवश्यकता है केवल प्रेम, निश्छलता और धैर्य की। जीवन का अर्थ ही व्रिध्दि अर्थात विस्तार यानी प्रेम है।  इसलिये प्रेम ही जीवन है, यही जीवन का एकमात्र नियम है, और स्वार्थपरता ही म्रित्यु है। (स्वामी विवेकानंद जी)

  1. जिस मनुष्य का मनुष्य के लिये जी नहीँ दुखता वह अपने को मनुष्य कैसे कहता है?  (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. प्रेम कभी निष्फल नहीँ होता मेरे बच्चे, कल हो या परसोँ या युगोँ के बाद, पर सत्य की जय अवश्य होगी। प्रेम ही मैदान जीतेगा। क्या तुम अपने भाई- मनुष्य जाति- को प्यार करते हो? ईश्वर को कहाँ ढूँढ़ने चले हो- ये सब गरीब, दुखी, दुर्बल मनुष्य क्या ईश्वर नहीँ हैँ? इन्हीँ की पुजा क्योँ नहीँ करते? गंगा-तट पर कुआँ खोदने क्योँ जाते हो? प्रेम की असाध्य-साधिनी शक्ति पर विश्वास करो। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. यदि कोई मनुष्य स्वार्थी है, तो चाहे उसने संसार के सब मंदिरोँ के दर्शन क्योँ न किये होँ,  सारे तीर्थ क्योँ न गया हो और रंग भभूत रमाकर अपनी शक्ल चीता जैसी क्योँ न बना ली हो, शिव से वह बहूत दूर है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. सर्वत्र नि:स्वार्थता की मात्रा पर ही सफलता की मात्रा निर्भर रहती है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. नि:स्वार्थता अधिक फलदायी होती है केवल लोगोँ मेँ इसका  अभ्यास करने का धैर्य नहीँ होता। स्वास्थ्य की नजर से भी यह अधिक लाभदायक है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. सदा विस्तार करना ही जीवन है और संकोच म्रित्यु। जो अपना ही स्वार्थ देखता है, आरामतलब है, आलसी है उसके लिये नरक मेँ भी जगह नहीँ है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. क्या तुम्हारे पास प्रेम है? तब तो तुम सर्वशक्तिमान हो। क्या तुम सम्पूर्णत: निस्वार्थ हो? यदि हो! तो फिर तुम्हेँ कौन रोक सकता है?  (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. डरो मत मेरे बच्चोँ अनंत नक्षत्रखचित आकाश की ओर भयभीत नजरोँ से ऐसे मत ताको, जैसे कि वह हमेँ कुचल ही डालेगा। धीरज धरो। देखोगे कि कुछ ही घण्टोँ मेँ वह सबका सब तुम्हारे पैरोँ तले आ गया है। धीरज धरो, न धन से काम होता है; न नाम से, न यश काम आता है, न विद्या प्रेम ही से सब कुछ होता है। सचमुच जानवर जैसी हो जाती है। (स्वामी विवेकानंद जी)

स्वास्थ्य

  1. नियमित व्यायाम के बिना शरीर कभी ठीक नहीँ रहता है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. रोज सबेरे-शाम टहलो, शारीरिक परिश्रम करो- शरीर और मन साथ उन्नत होने चाहिये। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. शारीरिक दुर्बलता कम से कम हमारे एक तिहाई दु:खोँ का कारण है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. अशुध्द जल और अशुध्द भोजन रोग का घर है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. पहला लाभ है स्वास्थ्य। हममेँ से निन्यानबे प्रतिशत लोग ठीक से साँस भी नहीँ ले पाते हैँ। हम अपनेँ फेफड़ोँ को फुलाते नहीँ हैँ।….. नियमित श्वास लेने से शरीर शुध्द हो जाता है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. जीवात्मा की वासभुमि इस शरीर से ही कर्म की साधना होती है। जो इसे नरककुण्ड बना देते हैँ, वे अपराधी हैँ और जो इस शरीर की रक्षा मेँ प्रयत्नशील नहीँ होते, वे भी दोषी हैँ। (स्वामी विवेकानंद जी)

आहार

  1. हम जिन दुखोँ को भोग रहे हैँ, उनका अधिकाँश हमारे खाये हूए आहार से ही प्रसुत होता है। अधिक मात्रा मेँ तथा दुष्पाच्य भोजन के उपरान्त हम देखते हैँ कि मन को वश मेँ रखना कितना कठिन हो जाता है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. हमारे देश मेँ जिनके पास दो पैसा है, वे अपने बाल बच्चोँ को पुरी-मिठाई खिलायेँगे ही! भात- रोटी खिलाना उनके लिये अपमान है! इससे बाल बच्चे आलसी, निर्बुध्दि हो जाते हैँ तथा उनका पेट निकल आता है और शकल सचमुच जानवर जैसी हो जाती है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. प्रथम पुष्टिकर उत्तम भोजन से शरीर बलिष्ट करना होगा, तभी तो मन का बल बढ़ेगा। मन तो शरीर का ही सूक्ष्म अंश है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. भोजन ऐसा रहे कि परिणाम मेँ कम, पर पुष्टिकारक हो। पेट को ढेर सारे भात से ठूँस देना ही आलस्य का मूल है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. अगर स्वाद की इन्द्रिय को ढील दी, तो सभी इन्द्रियाँ बेलगाम दौड़ेँगी। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. बहूत चर्बी या तेल से पका हूआ भोजन अच्छा नहीँ। पूरी से रोटी अच्छी होती है। पूरी रोगियोँ का खाना है। ताजा शाक अधिक मात्रा मेँ खाना चाहिये और मिठाई कम। (स्वामी विवेकानंद जी)

सफलता के सोपान का पहला भाग पढ़नेँ के लिये यहाँ क्लिक कीजिये।

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हार न मानिये आगे बढ़िये और जीतिये.. https://www.hamarisafalta.com/2014/06/haar-na-maniye-aage-badhiye-aur-jeetiye.html https://www.hamarisafalta.com/2014/06/haar-na-maniye-aage-badhiye-aur-jeetiye.html?noamp=mobile#respond Mon, 16 Jun 2014 03:46:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/06/16/haar-na-maniye-aage-badhiye-aur-jeetiye/ Dear friends सफलता की इस Journey पर चलनेँ के लिये इस दुनिया मेँ तीन अलग-अलग Category के लोग पाये जाते हैँ। Success की सीढ़ियोँ पर कदम रखनेँ वाले तीनोँ लोग Diffirent types के होते हैँ। इसलिये इन तीनोँ को समझनेँ के लिये मैनेँ तीन Groups create किये हैँ। Low level का आदमी. Middle level का आदमी. High level का आदमी. Low level की Category वाला आदमी एक बार जब असफल होकर गिर जाता है तो दोबारा उठनेँ का प्रयास ही […]

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Dear friends सफलता की इस Journey पर चलनेँ के लिये इस दुनिया मेँ तीन अलग-अलग Category के लोग पाये जाते हैँ। Success की सीढ़ियोँ पर कदम रखनेँ वाले तीनोँ लोग Diffirent types के होते हैँ। इसलिये इन तीनोँ को समझनेँ के लिये मैनेँ तीन Groups create किये हैँ।

  1. Low level का आदमी.
  1. Middle level का आदमी.
  2. High level का आदमी.

Low level की Category वाला आदमी एक बार जब असफल होकर गिर जाता है तो दोबारा उठनेँ का प्रयास ही नहीँ करता, जमीन पर ही पड़ा रहता है और चोट लगे हूए घाव को सहलाता रहता है।

Middle level का आदमी जब असफल होकर गिरता है तो थोड़ा उठनेँ का प्रयास करता है, अपनेँ घुटनेँ के बल बैठकर रेँगने लगता है और कुछ दुर तो पुरे हिम्मत करके चलता है फिर अपनेँ मंजिल तक पहूँचनेँ से पहले ही इस डर के साथ अपनेँ कदम रोक लेता है कि कहीँ मैँ फिर गिर ना जाऊँ और ऐसी धारणा लिये ही वह उस दिशा को छोड़कर दुसरी दिशा ढुंढनेँ मेँ अपना पुरा जीवन बिता देता है।

लेकिन जब High level का आदमी गिरता है तो उसका उत्साह और साहस देखनेँ लायक होता है वह तुरंत उठ खड़ा होता है। अपनेँ गिरनेँ की वजह जाननेँ का प्रयास करता है, उससे प्रेरणा हासिल करता है, सबक सीखता है अपनेँ गिरनेँ की बात को तुरंत दिमाग से झटक देता है और अपनेँ Target को Follow करता है।

और अन्त मेँ ऊपर की तरफ बढ़नेँ लगता है और आखिर मेँ जीत उसी की होती है।

तो दोस्तोँ मैँ आपसे पुछना चाहूँगा कि आप इन तीनोँ मेँ कौन सी Category मेँ अपना नाम शामिल करवाना चाहेँगे।

दोस्तोँ ये तो आप सभी जानते हैँ कि असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी है और बिना कठिनाईयोँ, बिना मुसीबतोँ, बिना मुश्किलोँ और बिना असफल हूये आप कभी भी सफलता के बारे मेँ सोँच तक नहीँ सकते।

लेकिन सफल होनेँ के लिये भी एक छोटी सी Condition को आपको Follow करना होता है, वो ये कि आपको उस असफलता से सीख और सबक लेना होता है और जो गलती आपनेँ असफल होनेँ के दौरान दोहराई उस गलती को फिर से दोबारा Repeat नहीँ करना होता है। लेकिन मैनेँ स्वयं के साथ भी एक Practically feel किया है कि जब हम किसी चीज मेँ असफल होते हैँ तो हम इतनेँ Emotional हो जाते हैँ कि दुख हमारे आँखोँ के माध्यम से बाहर आ जाती है। दुखी होनेँ के चलते ही शायद हम अपनी गलतियोँ से कुछ सीख नहीँ पाते, अपनी गलतियोँ का सबक दुख के माध्यम से छुट जाता है और हम बाद मेँ सबक न सीखनेँ की वजह से दोबारा वही गलती दोहराते हैँ और हमारे पास रोने और हाथ मलनेँ कि सिवाये कुछ भी नहीँ बचता।

Friends हमेँ अपनेँ Emotions को खुद पर इतना भी हावी नहीँ होनेँ देना चाहिये कि सही और गलत का फर्क हम पहचान न सकेँ।

दोस्तोँ हर चीज के दो पहलु होते हैँ First Positivity(+ty) और दुसरा Negativity (-ty).

असफलता के नेगेटीविटी की आदत सबको इतनी ज्यादा हो गई है कि अब हम उसके Positivity को देखना ही नहीँ चाहते।

अगर हम असफल हुए हैँ हारे हैँ तो जरूर हममेँ कोई कमी थी जिसके बदौलत आज हम सफल नहीँ हैँ। तो हम अपनी असफलता से कुछ सबक सीखनेँ की बजाये, असफलता का कारण जाननेँ की बजाये, पछतावा लिये सिर पकड़कर बैठ जाते हैँ ये कहाँ कि बुध्दिमानी है!! लेकिन जो व्यक्ति अपनी असफलता मेँ भी Positive attitude बनाये रहता है और फिर नई शुरूआत करनेँ को तैयार रहता है यकीनन वो भले ही पहले कई बार असफल हो लेकिन अंत मेँ जीत उसकी पक्की है।

हम लोगोँ की फितरत बड़ी अजीब Type की होती है suppose आप Exam मेँ Top कर गये तो उसका क्रेडिट आप अकेले ही हासिल करना चाहेँगे। आपके मुँह से बार-बार ये शब्द बाहर निकलेँगे कि मैँ रात को बारह बजे तक पढ़ा करता और रोज 10 घंटे पढ़ा करता था वगैरा वगैरा…

लेकिन यदि आप Exam मेँ फैल हो गये तो अपनी असफलता का क्रैडिट खुद लेनेँ की बजाये दुसरोँ पर अपनीँ गलतियाँ थोपेँगे और आपके मुँह से ऐसे Type के शब्द बाहर निकलेँगे- क्या करेँ हमारा पढ़नेँ लायक माहौल नहीँ है। अरे यार! Papa दिन भर दुकान मेँ काम करवाते हैँ.. वगैरा…

तो Friends सफलता के लिये Credit लेना बनता है लेकिन असफलता के लिये दुसरोँ को क्रैडिट देना! ये कहाँ तक सही है ये तो साफ सुथरा  कोरा बहाना  है।

आप हार को जीत मेँ जरूर बदलेँगे अपनी गलतियोँ से सीखेँगे सबक लेँगे और दोबारा Repeat न करनेँ के लिये खुद से वादा करेँगे। अपनी गलतियोँ से आप जो भी सीखेँ उसे अपनी Life मेँ प्रैक्टीकली Use मेँ लाइये।

लोग कहते हैँ कि पीछे मुड़कर मत देखो लेकिन मैँ कहता हूँ कि आप पुरे साहस और जुनुन के साथ पीछे मुड़िये एक बार मुस्कुराइये और देखिये कि आपनेँ पीछे मेँ कितनी गलतियाँ की उसके बाद क्या करना है आप सब जानते ही हैँ.. उठो जागो और तब तक ना रूको जब तक कि जीत न जाओ…

Friends यदि आप अपनी असफलता से कुछ सीख रहे हैँ तो आप फायदे मेँ हैँ और असफलता आपके लिये बहूत ही  फायदेमंद है और मुझे पुरा यकीन है कि आप असफलता को फायदेमंद ही समझेँगे।

हार को जीत मेँ बदलनेँ के लिये खुद को जीत के लिये कसरत कराना या तैयारी करना बहूत जरूरी है।

Friends खुद को तैयार करनेँ के लिये बहूत जरूरी है अपनी कमजोरियोँ को जानना, जिस दिन आप अपनी कमजोरियोँ से डरेँगे नहीँ उस दिन आपमेँ एक गजब का Positive changes आयेगा और आप आम से बहूत खास बन जायेँगे। लेकिन Condition ये है कि आपको अपना अहंकार त्यागकर अपनी Weakness को निखारना होगा यदि आप अपनी कमियोँ के बारे मेँ नहीँ जानते तो आप अपनेँ करीबी से इस बारे मेँ Discuss कीजिये और पता लगाइये कि कि आप आम से खास कैसे बन सकते हैँ अगर आपके अंदर ऐसी कमजोरी है जिसके बदौलत आप सफल नहीँ हो पा रहे हैँ तो उसे आज से ही सुधारनेँ के लिये प्रयास कीजिये क्योँकि मैँ यकीन के साथ कहता हूँ कि वो आपकी आदत बनकर आपकी Life के साथ चिपक गई है इसलिये  कमजोरियोँ से डरनेँ  की बजाये उसमेँ सुधार करनेँ का प्रयास कीजिये जीत आपकी ही होगी।

दोस्तोँ यदि आप अपनी हार को भी एक जीत की नजर से देखते हैँ तो एक दिन जीत खुद बखुद आपके लिये अपना दरवाजा खोल देती है इसलिये जीत और हार के इस  Race मेँ हमेँशा Positive या उजले पहलुओँ को ही देखेँ। अगर आप Positive नजरिया विकसित कर लेँगे तो सारी चीजेँ अपनेँ आप ही आपके अनुकुल हो जायेँगी और सारी चीजेँ आपके लिये बखुबी बहूत अच्छा से काम करेँगी।

अब किस्मत के भरोसे रहना बंद कीजिये अपनेँ लगन और प्रैक्टीकल कामोँ को आगे आनेँ दीजिये। हमेशा अपना 100% बेस्ट देनेँ की कोशिश कीजिये और जीतनेँ के लिये आगे आइये। शुरू मेँ आपकी हार ही आपकी जीत Decide करेगी इसलिये हार को अपनी शक्ति बनाइये। उठ खड़े होइये

मंजिल आपके ही इंतजार मेँ है बस आप कदम बढ़ाइये और डटे रहिये बाकि आपको सिर्फ आगे बढ़ना है और फिर जीतना है।…

All the Best.

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आपकी सबसे बड़ी शक्ति- आत्मनियंत्रण https://www.hamarisafalta.com/2014/06/self-control-aatmaniyantran-bes.html https://www.hamarisafalta.com/2014/06/self-control-aatmaniyantran-bes.html?noamp=mobile#respond Sun, 08 Jun 2014 11:55:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/06/08/self-control-aatmaniyantran-bes/   Dear Readers, हर इंसान अपनेँ अंदर के Talent के बलबुते पर अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहता है और ये कितना सच है इसका अनुमान आप सब लगा सकते हैँ, क्योँकि आप सबमेँ Talent कुट-कुटकर भरी हूई है और इतना तो यकीन के साथ कहूँगा कि आप अपनेँ Talent को जंग लगने नहीँ दे रहे होँगे। Friends आपके इसी Talent के बदौलत ही आप अपनेँ Sector मेँ उन्नति करना चाहते हैँ और अपनेँ Interest के Field मेँ ही आगे बढ़ना […]

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Dear Readers, हर इंसान अपनेँ अंदर के Talent के बलबुते पर अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहता है और ये कितना सच है इसका अनुमान आप सब लगा सकते हैँ, क्योँकि आप सबमेँ Talent कुट-कुटकर भरी हूई है और इतना तो यकीन के साथ कहूँगा कि आप अपनेँ Talent को जंग लगने नहीँ दे रहे होँगे।

Friends आपके इसी Talent के बदौलत ही आप अपनेँ Sector मेँ उन्नति करना चाहते हैँ और अपनेँ Interest के Field मेँ ही आगे बढ़ना चाहते हैँ।

लेकिन आपके सपनोँ को हकीकत मेँ Convert होनेँ से रोकनेँ के लिये सफलता का सबसे बड़ा दुश्मन आपके रास्ते मेँ हथियार लिये खड़ा रहता है और वह दुश्मन इसी के इंतजार मेँ रहता है कि कब आप असफल होँ और कब आपके सपनेँ टुटे। उस दुश्मन को आप सब जानते हैँ उसका नाम है ‘मन का भटकाव’

दोस्तोँ आपका मन ही आपका सबसे अच्छा मित्र है पर आपके मन का भटकाव ही आपकी सफलता का सबसे बड़ा शत्रु है।

Simple words मेँ कहूँ तो आत्मनियंत्रण ही वो शक्ति है जिससे आप Success के सबसे बड़े दुश्मन से जीत हासिल कर सकते हैँ।

आत्मनियंत्रण Means अपनेँ आप कंट्रोल और अपनेँ आप पर Control मतलब अपनेँ मन पर कंट्रोल और मन पर Control मतलब अपनी आत्मा पर कंट्रोल। और जब आप अपनेँ आत्मा, अपनेँ मन पर नियंत्रण कर लेँगे उस दिन Success का ये दुश्मन आपके सामनेँ अपना सिर झुकाये आपके सपनोँ को साकार होते हुए देख रहा होगा।

आत्मनियंत्रण के लिये जरूरी है मन पर नियंत्रण-

Friends मन की फ्रीक्वेन्सी को नापना कितना मुश्किल है ये तो आप सब जानते ही हैँ। आपके मन की कल्पना ही आपकी सोँच है।

मन का नियंत्रण क्योँ आवश्यक है इसको समझनेँ से पहले आइये इन Examples को थोड़ा देखते हैँ।

** आप एक होटल पर गये, वहाँ आपने वेटर से कहा कि एक प्लेट समोसा लेकर आना। वेटर जैसे ही समोसा लेकर आ ही रहा होता है आपका मन समोसा को छोड़कर रसगुल्ला खानेँ को कहता है। और आप समोसा का Order cancel करवाकर रसगुल्ले आर्डर करवाते हैँ। जैसे ही वेटर रसगुल्ले लेनेँ गया आपकी नजर बगल की सीट पर बैठे एक प्लेट पर पड़ी जिसमेँ कचौड़ी रखी हूई थी। अब आपका मन रसगुल्ले को छोड़कर कचौड़ियाँ खाना चाहता है और आपनेँ वेटर से पिछले Order को भी अब Cancel करवा दिया तो जाहिर सी बात है कि आप जो खाना चाहते हैँ वो वेटर आप तक नहीँ पहूँचा पायेगा क्योँकि आपका मन Confuse है कि क्या खाया जाये।

** Second example स्टुडेँट्स के साथ ऐसा बहूत बार होता है कि वो प्लान तो बहूत बनाते हैँ कि मुझे इतनेँ Time से इतनेँ तक फलाना.. Subjects की स्टडी करनी है.. वगैरा वगैरा..

लेकिन जैसे ही वो Chemistry का बुक निकालता है अब 15 Mint. भी नहीँ हूये कि उसका मन अब Physics को पढ़ना चाहता और अब वह कैमिस्ट्री को छोड़कर Physics पढ़ना स्टार्ट कर देता है। कुछ देर बाद उसका एक दोस्त उसके पास आता है और कहता है क्या यार अभी तक Physics पढ़ रहे हो मैनेँ तो Maths के सारे Structure पढ़ लिये और Solve भी कर लिये। तो आखिरकार इसको सुनकर Physics पढ़ रहे स्टुडेँट का मन बेचैन हो जाता है और वह 15 Mint. ही फीजिक्स पढ़कर Maths का Book पकड़ लेता है..

So friends इन दोनोँ Examples से आप जान सकते हैँ कि Really मन को Control मेँ रखना क्योँ आवश्यक है। आत्मनियंत्रण मन की वो शक्ति है जिससे इंसान हर वो सुख हासिल कर सकता है जो वो करना चाहते है और यकीनन इसमेँ कोई भी Doubt वाली बात नहीँ है।

So friends, first thing तो आपको अपनेँ मन को वश मेँ रखनेँ के लिये  निरंतर  अभ्यास  करना चाहिये क्योँकि मन को वश मेँ करना आपकी लाइफ का सबसे बड़ा Exam है और इसे आसानी से वश मेँ नहीँ किया जा सकता इसके लिये आपको प्रयास करनी ही पड़ेगी। अपनेँ मन को हमेशा अपनेँ उद्देश्य की ओर केँद्रित कीजिये जिसके बदौलत आप अपनेँ फील्ड मेँ सफल होना चाहते हैँ। आपका मन उसी Sector मेँ होना चाहिये जिस क्षेत्र मेँ आप उन्नति की ओर अपना कदम बढ़ाना चाहते हैँ। अपनेँ लक्ष्य पर ही अपना ध्यान और अपना मन केँद्रित कीजिये क्योँकि लक्ष्य को पानेँ के लिये लोग आपको कई रास्ते बतायेँगे पर अपनेँ मन को सभी रास्तोँ पर लगानेँ के बजाये सिर्फ सही दिशा मेँ ही लगाकर मेहनत कीजिये। यकीनन आप सफल होँगे।

पुरे World मेँ  इंसान को ही इतनी Capacity दी गयी है कि वो अपनेँ मन को Control मेँ रख सकता है।

महाकवि गेटे नेँ कहा भी है कि जिस व्यक्ति के अंदर आत्मनियंत्रण की शक्ति होती है सफलताएँ स्वयं ही आगे बढ़कर उसके चरण चुमती हैँ।

Dear readers आत्मनियंत्रण के 4-5 भाग और भी हैँ जो जल्दी ही प्रकाशित किये जायेँगे।

Topic By-

Mr. Kalesh Chauhan.

Korba (C.G.)

Email– kaleshchauhan000@gmail.com

Thanks to Mr. Kalesh  Ji.. for Sharing this Very Interesting and Special Topic with हमारी सफलता

Note – आत्मनियंत्रण का अगला भाग जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा।

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हमारा अधिकार सिर्फ कर्म करनेँ पर है फल की चाहत पर नहीँ https://www.hamarisafalta.com/2014/05/hamara-adhikaar-sirf-karm-karne-par-hai.html https://www.hamarisafalta.com/2014/05/hamara-adhikaar-sirf-karm-karne-par-hai.html?noamp=mobile#respond Tue, 20 May 2014 12:45:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/05/20/hamara-adhikaar-sirf-karm-karne-par-hai/ Dear Readers, आज इस भाग दौड़ भरी Life मेँ हर इंसान अपनेँ आपको ऊँचा उठानेँ के लिये अपने कर्मोँ पर बहूत ज्यादा फोकस कर रहा है और अपनेँ काम को ही Point करते हूये मेहनत करके सफलता प्राप्त कर रहा है पर मैँ पुरी स्योरिटी के साथ नहीँ कह पाऊँगा कि कोई अच्छा कर्म कर रहा है या फिर बुरा। इंसान का अस्तित्व अपनेँ कर्म से ही है इसको मानना ही श्रेष्ठतम् है और ये कर्म ही तो है जिसके बदौलत आप सफल […]

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Dear Readers, आज इस भाग दौड़ भरी Life मेँ हर इंसान अपनेँ आपको ऊँचा उठानेँ के लिये अपने कर्मोँ पर बहूत ज्यादा फोकस कर रहा है और अपनेँ काम को ही Point करते हूये मेहनत करके सफलता प्राप्त कर रहा है पर मैँ पुरी स्योरिटी के साथ नहीँ कह पाऊँगा कि कोई अच्छा कर्म कर रहा है या फिर बुरा।

इंसान का अस्तित्व अपनेँ कर्म से ही है इसको मानना ही श्रेष्ठतम् है और ये कर्म ही तो है जिसके बदौलत आप सफल हैँ या फिर सफल होनेँ वाले हैँ।

गीता का ज्ञान हमेँ सीखाता है- कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन | मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सग्ङोऽस्त्वकर्मणि ||

इस Meaning, short and sweet शब्दोँ मेँ आप सभी जानते ही हैँ But हर बार ऐसा ही क्योँ होता है कि आप इसे Follow नहीँ कर पाते।

आप सबको पता है कि आपको सिर्फ अपनेँ काम पर Focus करना है, अपनेँ कर्म के प्रति सजग होना है और पुरी मेहनत के साथ अपनेँ काम को Complete करना है पर होता कुछ दुसरा ही है। But इतना Difference नहीँ होता आप बखुबी अपनेँ काम को दिल से इमानदारीपुर्वक, श्रेष्ठ भावना से पुरा करनेँ के लिये मेहनत करते हैँ लेकिन क्या कोई भी इंसान आज की Date मेँ उस Work के प्रति जो वह कर रहा है उसके लिये बेहतर Result की कामना नहीँ कर रहा। यकीनन लोग तो यही सोँचते हैँ कि कब उनके काम का फल उन्हेँ बेहतर से बेहतर रूप मेँ मिले।

Friends यदि आपको अपनेँ कर्म का फल चाहिये तो धैर्य से काम लेना होगा। 

मैँ मेरे छोटे भाई करन के साथ घटी एक छोटी सी Story share करना चाहूँगा।

मेरा भाई करन (मेरे चाचाजी का बेटा) बचपन मेँ घर के सामनेँ के मैदान मेँ एक मुंगफली का छोटा सा पौधा लगाया था। वह मुँगफली का बीज डालनेँ के बाद रोज उसमेँ समय पर पानी भी डालता। धीरे-धीरे पौधे मेँ फुल आ गये अब करन थोड़ा और भी उत्सुक हो गया कि कब बीज आयेँगे। वह उस समय मुझे बार-बार बोलता कि भैया कब इस पौधे मेँ मुंगफली फलेगी। मैँ उसे Regular समझाता कि छोटे अभी तु धैर्य रख और बस अपनेँ पौधे का खयाल रख उसे Timely पानी देता रह लेकिन वो बच्चा तो माननेँ वाला नहीँ था वो अब पानी तो डालता लेकिन चुपके से उस पौधे के जड़ को थोड़ा सा ऊपर खीँच कर देख लेता और फिर देखकर हल्का से जमीन मेँ दबा देता। एक दिन मैनेँ उसे ऐसा करते देख लिया, मैनेँ छोटेसाहब से कहा कि अब ऐसे मत करना यार Dont worry अब Direct एक हफ्ते बाद पौधे को जड़ से निकाल देना। छोटेसाहब करन जी नेँ मेरी बात मान ली। ठीक एक हफ्ते बाद उसनेँ पौधे को उखाड़ा तब मुँगफली के बाहर के छिलके तो मस्त निकले पर जब बीज से छिलकोँ को अलग किया तो सारे बीज सड़ चुके थे और वे खानेँ लायक भी नहीँ थे। उसनेँ मुझे यह सारी घटना बताई और मुझे यह समझ आ गया कि माजरा क्या है और मैनेँ उसे बीज के सड़नेँ का Reason बताते हूये कहा कि इसका कारण और कुछ नहीँ बल्कि अपनेँ धैर्य को खोना ही है। यदि वो बार-बार पौधोँ को निकालकर बीज Check नहीँ करता तो वह उसके मुंगफली का आनंद ले पाता और उसे अफसोस ना करना पड़ता।

Friends मेरे भाई करन की तरह अपनेँ फल को बार बार खोदनेँ की अपेक्षा, अपनेँ फल को पकनेँ न देनेँ की अपेक्षा, आप सिर्फ अपनेँ काम की ओर अपनेँ नजरेँ गड़ाईये, अपनेँ काम और कर्तव्य को Truthfully अच्छे से निभाईये।

Generally आज हमारे Students के साथ भी इस Type की घटनायेँ शामिल होती हैँ। कई Students योजनायेँ तो ढेरोँ तादात मेँ बनाते हैँ पर उन्हेँ Follow करना उनसे नहीँ बनता।

कर्म को पुरा करनेँ मेँ आपके Plans का भी बहूत बड़ा स्थान होता है। फल की चिँता मेँ अपनेँ कीमति समय को बर्बाद करनेँ की अपेक्षा आप SMARTLY अपनेँ Targets create कीजिये इससे आपके अंदर भी कई बेहतरीन Changes आयेँगे। SMARTLY DREAMS को मैँ उतना Detail करनेँ की अपेक्षा इस Topic पर एक छोटा सा Example आपके सामनेँ रखुँगा कि आप एक बड़ा लक्ष्य ही निर्धारित करेँ और कल की लालसा ना करते हूये बस अपनेँ काम मेँ ही लगे रहेँ।

STEPS को बढ़ाते जाइये-

Steps

1. मुझे Samsung का Android Smartphone का Handset लेना है।

2. मुझे Samsung का Android, smartphone(Model जो आप लेना चाहेँगे)।

3. मुझे 50000 रू. का ही Samsung का ही Android, smartphone(Model) लेना है।

4. मुझे 50000 रू. का दो स्मार्टफोन (With model no.)

मेरे और मेरे बीवी के लिये लेना है।

5. मुझे तीन माह के अंदर ही अपनेँ लिये और Wife के लिये वही सैमसँग का स्मार्टफोन लेना है।

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Dear friends Same process आप Exam प्रोसेस के लिये, खेती के लिये, अपनेँ Business के लिये. किसी भी चीज को जिसे आप Achieve करना चाहते हैँ उसके लिये इस Type से पुरा Clearly प्लान बनाकर सिर्फ अपनेँ काम पर ही फोकस कीजिये, अपनेँ इस योजना के अनुरूप ही अपना कर्म कीजिये।

Really आप यदि बिना Result के, बिना चिँता किये, बिना फल के बारे मेँ सोँचे, धैर्य के साथ अपनेँ काम को Honestly करेँगे तो Garanty के साथ कह सकता हूँ कि आपका फल यकीनन पक चुका होगा और आप उसे खा रहे होँगे।

Students अपनेँ Target को इस Type से Set कर सकते हैँ-

1. मुझे इस Year class 12th मेँ 95% लाना है और उतनेँ Marks तक अपनेँ Mind को भी Develope करना है ना कि रट्टा मारकर लाना है।

2. मुझे इस Year 95% Marks के साथ पुरे State मेँ First position पर आना है।

3. मुझे इस Year मेरे सारे Subjects को Exam के एक महीनेँ पहले से Minimum पाँच बार Revision करना है।

4. मुझे Physics, chemistry और Maths मेँ 100 Out of 100 पुरे Marks लानेँ हैँ।

5. मुझे इस बार Exam के दिन नहीँ पढ़ना है बल्कि साल भर अपनी इस योजना पर डटे रहना है।

6. मुझे इस वर्ष अपनेँ State के शिक्षामँत्री और C.M. के हाथोँ अपनेँ बेस्ट देने पर पुरूस्कार लेना ही है।

दोस्तोँ, इस Type के Dreams जब आप देखनेँ लगेँगे तो उसे पुरा करनेँ के लिये आप Automatic जुट जायेँगे और यदि By chance आप अपनेँ योजनाओँ को ठीक से Follow नहीँ कर रहे हैँ तो आप याद रखेँ कि आप किसी और को नहीँ वरन खुद को धोखा दे रहे हैँ, अपनेँ काम से जी चुराकर बहानेँ बनायेँगे तो ऐसा करनेँ पर किसी दुसरे का नहीँ बल्कि स्वयं का ही नुकसान है।

अब आप घाटे मेँ जीना चाहते हैँ या फायदे मेँ उसे मैँ आप पर छोड़ता हूँ।

एक छोटा सा वाक्य आदमी की जिँदगी बदल कर रख देता है और उसका एक छोटा सा उदाहरण है “कर्म ही पुजा है..” दोस्तोँ आज इतनेँ Pollution मेँ आप तो अगरबत्ती के धुयेँ से खुश नहीँ हैँ तो आप कैसे सोँच सकते हैँ कि जिस भगवान नेँ आपका निर्माण किया है वो अगरबत्ती के धुयेँ और हवन कुँड से खुश हो सकते हैँ। Friends भगवान का एक बेहतरीन संदेश हमनेँ ‘हमारी सफलता’ के साथ Share किया था और एक छोटा सा Information हमारी सफलता के साथ फिर से छोड़ा है कि ‘आप तब महान बनेँगे जब आप महापुरूषोँ के जैसे धैर्य रखकर कर्म करेँगे और आपका कर्म महापुरूषोँ जैसा तब होगा जब आप बिना फल की परवाह किये अपनेँ काम मेँ अपना 100% देँगे।

So my dear friends अभी कुछ भी नहीँ बिगड़ा है आप सफल होनेँ के लिये अपना Best दीजिये, फल को आराम से पकनेँ दीजिये बस आप स्वयं पर विश्वास रखकर पुरे धैर्य के साथ अपनेँ योजना के अनुरूप काम कीजिये देखते हैँ

कब तक फल नहीँ पकेगी। जान लीजिये कि आप सिर्फ अपना 100% Best दे सकते हैँ उसके बाद आप सिर्फ Wait कर सकते हैँ बाकि ये बात जानते ही तो हैँ कि “शब्र का फल मीठा नहीँ बहूत ही ज्यादा मीठा होता है (मेरे अंदाज मेँ…)”

Ok.. So आप अपनेँ काम को अच्छा से कीजिये, अपना बेस्ट दीजिये और बिना फल के लालच किये, पौधोँ को उखाड़नेँ और धनयात्रा जैसे यंत्रोँ को खरीदकर अपनेँ पैसे Waste करनेँ की अपेक्षा मेहनत कीजिये और धैर्य रखिये।

क्योँकि किसी महापुरूष नेँ हाल ही मेँ कहा है कि मेहनत रंग नहीँ लाती बल्कि सही दिशा मेँ ही मेहनत रंग लाती है।

इसलिये दोस्तोँ आज से ही पुरी ताकत के साथ अपनेँ कर्म को बेहतर बनानेँ मेँ लग जाइये और पुरी शक्ति को अलग अलग जगह पर लगानेँ की अपेक्षा अपनेँ योजनाओँ पर उसे लगाइये और निरंतर लक्ष्य को साधनेँ का प्रयास कीजिये।

SO ALL THE BEST….

अब तो Article पढ़नेँ के बाद उठ खड़े होना है और सबको दिखा देना है कि आप भी कर सकते हैँ, आप भी बन 

सकते हैँ और आप भी अपनेँ Dreams को SMARTLY पुरा कर सकते हैँ।


Thanks to Rajni ji Because she told me About this Topic.. Thank you So Much dear..

 

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पैरोँ की अंगुलियोँ से गढ़ रहे हैँ अपना भविष्य https://www.hamarisafalta.com/2014/05/true-inspirational-story-in-hindi-rea.html https://www.hamarisafalta.com/2014/05/true-inspirational-story-in-hindi-rea.html?noamp=mobile#respond Tue, 13 May 2014 00:14:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/05/13/true-inspirational-story-in-hindi-rea/   Dear friends यह एक सच्ची कहानी है उस लड़के की जो अभी करीब मेरे ही उम्र का है लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि वे अपना भविष्य अपनेँ पैरोँ की अंगुलियोँ से गढ़ रहे हैँ। दोस्तोँ अपनेँ हाथोँ से अपनेँ भविष्य को गढ़ना और अपनेँ भाग्य को सँवारना बहूत आसान है लेकिन राजेश जी अपना भविष्य अपनेँ पैरोँ से गढ़ रहे हैँ। राजेश का जन्म कोरबा छत्तीसगढ़ के पोड़ी विकासखंड के एक गाँव खम्हारमुड़ा मेँ हूआ था। राजेश के […]

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Dear friends यह एक सच्ची कहानी है उस लड़के की जो अभी करीब मेरे ही उम्र का है लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि वे अपना भविष्य अपनेँ पैरोँ की अंगुलियोँ से गढ़ रहे हैँ।

दोस्तोँ अपनेँ हाथोँ से अपनेँ भविष्य को गढ़ना और अपनेँ भाग्य को सँवारना बहूत आसान है लेकिन राजेश जी अपना भविष्य अपनेँ पैरोँ से गढ़ रहे हैँ।

राजेश का जन्म कोरबा छत्तीसगढ़ के पोड़ी विकासखंड के एक गाँव खम्हारमुड़ा मेँ हूआ था। राजेश के परिवार को उसके जन्म की खुशी तो बहूत थी लेकिन उन्हेँ इस बात का दुख भी था कि राजेश के जन्म से ही दोनोँ हाथ नहीँ थे और इस बात का ही उन्हे बहूत गम था।

घर के सभी सदस्य और गाँव वाले भी उसके हाथ को लेकर काफी परेशान थे। सबको यही चिँता खाये जा रही थी कि राजेश का Future कैसा होगा। जैसे-जैसे वक्त बीतते गये परेशानी और चिँतायेँ बढ़ती गयीँ. समय के साथ-साथ राजेश नेँ भी इसे नियति मान लिया और उसनेँ, उसके साथ किये गये कुदरत के इस अन्याय के साथ युध्द करनेँ की शुरूआत की।

अपनेँ विकलांगता को राजेश नेँ कभी भी अपनी कमजोरी नहीँ बननेँ दिया। बगैर हाथोँ के लिखना संभव नहीँ होता लेकिन राजेश  लिखना चाहते थे तो उन्होँनेँ अपनेँ पैरोँ से ही कलम (Pen) पकड़नेँ की ठान ली। Regular Practice से उन्होँने इसमेँ निपुणता हासिल कर ली। अब वे कागज पर सरपट अपनी कलम को दौड़ा सकते हैँ। ग्रामीण क्षेत्र मेँ जन्मेँ राजेश के पैरोँ की रफ्तार इतनी तेज है कि उन्हेँ अब हाथोँ की कमी मेहसुस नहीँ होती।

राजेश के मन मेँ सामान्य बच्चोँ की तरह साईकिल चलानेँ की हसरत भी कुलबुलाती थी, तो राजेश नेँ किसी तरह प्रैक्टिस करके अपनेँ कंधोँ से हैण्डल संभालकर साईकिल चलाना भी सीख लिया। राजेश की बढ़ती उम्र के साथ उनकी मनोबल और इच्छाशक्ति मेँ बढ़ोत्तरी हूई. राजेश नेँ गांव के ही प्राथमिक शाला मेँ शिक्षा ग्रहण किया बगैर हाथोँ के भी पैरोँ से लिखते देख लोग अचंभित होते थे.

राजेश नेँ Science के अद्भुत तकनीक मोबाईल और कम्प्युटर भी अपनेँ पैरोँ की उंगलियोँ से ही चलाना सीख लिया. अपनी कमजोरियोँ से हारनेँ के बजाये वह अपनेँ कर्मोँ मेँ विश्वास जताते रहे।

राजेश  स्वयं उत्साह से बताते हैँ कि अपनेँ लिये पहले मैनेँ बारहवीँ तक की शिक्षा अर्जित करनेँ का निश्चय किया जिसे हासिल भी कर लिया। इस बीच राज्य स्तरीय तैराकी प्रतियोगिता मेँ अपनेँ वर्ग मेँ  प्रथम स्थान प्राप्त किया, खाली समय मेँ कुछ पढ़ता हूँ, कम्प्यूटर, साईकिल हो या फिर मोबाईल सभी उपकरणोँ को मैँ पैरोँ से ही आपरेट करता हूँ। अन्य लोगोँ को देखकर एहसास जरूर होता है कि काश मेरे भी हाथ सलामत होते तो मैँ भी आज हाथ से परीक्षा लिखता, लेकिन जिस बात पर मेरा कोई जोर नहीँ उसके बारे मेँ अब सोँचकर क्या फायदा, जो है उसमेँ ही अपना सर्वश्रेष्ठ देनेँ का प्रयास करता हूँ। स्नातक तक की शिक्षा पुरी करनेँ के बाद शिक्षक बनकर बच्चोँ को पढ़ाना ही मेरा अगला लक्ष्य है। इतना कहकर एक मुस्कुराहट के साथ सहजता से राजेश नेँ कहा कि अब मुझे चलना चाहिये भाई मेरा इंतजार कर रहा होगा.**

राजेश की शारीरिक अवस्था को ध्यान मेँ रखकर College कमिटि नेँ उसे अपनेँ लिये एक राईटर दिये जानेँ की पेशकस भी की, लेकिन यहाँ भी अपनेँ जीवट व्यक्तित्व का परिचय देते हूये राजेश नेँ इस पेशकस को ठुकराकर अपनेँ पैरोँ से ही अपना भाग्य लिखना पसंद किया.

अभी राजेश जी की उम्र सिर्फ 19 वर्ष हो रही है और वे इस वर्ष बी.ए. First year का Exam दिला रहे थे।

जीवन की कठिनाईयोँ से निराश होकर पथ भटकने वाले युवाओँ के लिये राजेश एक मिसाल हैँ। एक ओर सब कुछ  होते हूये भी कुछ नहीँ कर पानेँ का अपराधबोध अपने मन मेँ लिये चल रहे लोग हैँ तो दूसरी ओर राजेश जिसके पास खोनेँ के लिये भले ही कुछ ना हो लेकिन अपनेँ लगन और अपनी द्रिढ़ इच्छा शक्ति के दम पर सब कुछ पानेँ की चाहत रखते हैँ।

..

दोस्तोँ आप चाहे कैसी भी और कितनी भी बुरी परिस्थिति से ही क्योँ न जुझ रहे होँ लेकिन यदि आपके अंदर आग है कुछ कर दिखानेँ की,   लगन  है अपनेँ मंजिलोँ को पानेँ की और आत्मविश्वास के साथ एक जुनुन है अपनेँ सपनोँ को साकार करनेँ की तो यकीनन आप हर बड़े से बड़े तुफान का हँसकर सामना कर सकते है बशर्ते आप हार न मानेँ और डटेँ रहेँ जब तक कि आपको अपनीँ मंजिल ना मिल जाये।

राजेश जी एक सच्चे मिसाल हैँ इस बात का।

……

“हमारी सफलता” राजेश जी के उज्जवल भविष्य की कामना करती है और यही दुआ करती है कि वे ऐसे ही आगे बढ़ते रहेँ और अपनेँ असली मुकाम तक पहूँचेँ। साथ ही अपनेँ परिवार, राज्य और अपनेँ देश का नाम रौशन करेँ।

धन्यवाद!

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बहानेँ बनाना छोड़िये, बर्बादी से नाता तोड़िये https://www.hamarisafalta.com/2014/05/bahane-banana-chhodiye-barbaadi-se.html https://www.hamarisafalta.com/2014/05/bahane-banana-chhodiye-barbaadi-se.html?noamp=mobile#respond Thu, 08 May 2014 18:34:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/05/08/bahane-banana-chhodiye-barbaadi-se/ Dear Friends आज के Title से ही आप समझ गये होँगे कि आज का हमारा Topic बहूत ही ज्यादा Interesting है लेकिन ये Article थोड़ा लंबा But हमारे Success के लिये बहूत ज्यादा Important है। इसलिये आप यदि एक बार मेँ इस Post को न पढ़ पायेँ तो कोई बात नहीँ इस Page को आप Bookmark मेँ Save कर लीजिये ताकि आप दोबारा इस बेहतरीन Article को पढ़ सकेँ। तो Start करते हैँ। Friends  सक्सेस  जो  होती  है  उसे  हम […]

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Dear Friends आज के Title से ही आप समझ गये होँगे कि आज का हमारा Topic बहूत ही ज्यादा Interesting है लेकिन ये Article थोड़ा लंबा But हमारे Success के लिये बहूत ज्यादा Important है। इसलिये आप यदि एक बार मेँ इस Post को न पढ़ पायेँ तो कोई बात नहीँ इस Page को आप

Bookmark मेँ Save कर लीजिये ताकि आप दोबारा इस बेहतरीन Article को पढ़ सकेँ।

तो Start करते हैँ।

Friends  सक्सेस  जो  होती  है  उसे  हम  लोगोँ  के  बीच  की  एक  बेहतरीन  कड़ी  मान सकते  हैँ। मैँ  आप सभी  Readers  से  Simple  words  मेँ  यही  कहूँगा  कि  आप  सब  Successful  बन सकते  हैँ  बशर्ते  आपको उन  लोगोँ  का  अध्ययन  करना  होगा, उन  लोगोँ  के  जीवन के बारे मेँ जानना होगा जो अभी सफलता की चरम सीमा  पर हैँ  या  कहूँ जो  सफल  हो  चुके  हैँ। खैर  ये काम थोड़ा मुश्किल है क्योँकि आज दुनिया मेँ करोड़ोँ Successful लोग हैँ और उन सब के जीवन के बारे  मेँ  जानना  तो बहूत मुश्किल है पर आप यदि सफल लोगोँ को हमसे और अपनेँ आपसे Compare करके देखेँगे तो एक बहूत बड़ा Difference आपको देखनेँ को मिलेगा। इस Difference को हम एक बीमारी के तर्ज पर बहानासाइटिस नाम देते है.. बहानासाइटिस Means बहाना करनेँ की बीमारी। एक ऐसी बीमारी जो Regular आदमी को दीमक की तरह खोखला बना दे रही है वह बीमारी जो आम आदमी पर रोज हावी होती जा रही है।

सफलता की सीढ़ियोँ पर चढ़नेँ वाला इंसान बहानोँ का सहारा कभी भी नहीँ लेता लेकिन जो इंसान बार-बार असफलता की ओर अपनेँ कदम बढ़ाता है वो कहीँ न कहीँ इस बीमारी के जाल मेँ फँसा हूआ है।

Friends यदि आप Successful लोगोँ के बारे मेँ Search करेँगे तो यह एक बात जरूर पायेँगे कि आज जो इंसान जितना ज्यादा सफल है वह उतनेँ ही कम बहानेँ बनाता है या बहानेँ ही नहीँ बनाता। लेकिन क्या आपनेँ एक बात Notice की है कि जो इंसान योजनाये तो हजारोँ की तादात मेँ बनाता है पर कहीँ नहीँ पहूँच पाता उसके पास बहानेँ तो पुरे थोक मेँ मौजुद होते हैँ और कई लोग तो ऐसे भी होते हैँ जिनके पास तो योजनायेँ भी नहीँ होतीँ कि आखिर उन्हेँ क्या करना है और कहाँ जाना है।

आप यदि कभी भी किसी असफल व्यक्ति से पुछते हैँ कि भैया आपके पास तो Full Time था, Full supporter थे आपकी पढ़ाई भी बहूत अच्छे School- college मेँ हूई पर आज आप अपनेँ Papa का ही Money waste कर रहे हैँ, कोई काम भी नहीँ कर रहे हैँ बस घर पर ही बैठे हैँ तो वो आदमी तुरंत ही आपको सफाई दे देगा कि उसनेँ अमुक काम क्योँ नहीँ किया और वह इस काम को क्योँ नहीँ कर सकता और ये भी उसके पास पुरे सफाई के साथ मौजुद होगा कि वह असफल क्योँ है!!

यदि आप बहाना बनानेँ की आदतोँ का, बहाना बनानेँ वाली इस बीमारी बहानासाइटिस का सही समय पर इलाज नहीँ करवायेँगे तो हो सकता है आप बहाने बनाने की जाल मेँ ही फँसे रहेँ और उससे निकल ही ना पायेँ। सफल लोगोँ को यदि आप देखेँगे तो आपको ये अविश्वसनीय लगे लेकिन ये सच है कि सफल लोग भी आपकी तरह ही बहानेँ बना सकते हैँ पर वे ऐसा नहीँ करते और ये सच है कि बहानेँ न बनानेँ के कारण ही आज वो सफल हैँ।

Successful बननेँ की इस भाग दौड़ भरी जिँदगी मेँ यदि आप सही दिशा मेँ आगे बढ़ना चाहते हैँ तो आपको सबसे पहले अपनेँ बहानोँ की अर्थी निकालनी पड़ेगी, अपनेँ बहानोँ को जलाना पड़ेगा क्योँकि बहानासाइटिस एक ऐसी भयानक बीमारी है जो इंसान को कभी भी सफल होनेँ नहीँ देती।

….

बहाना बनानेँ वाली बीमारी (बहानासाइटिस) के सबसे भयानक रूप-

(1.) दोस्त क्या करूँ मेरी तो तबीयत ही ठीक नहीँ रहती-

Dear friends आज असफलता के लिये कोई बहाना सबसे ज्यादा Use मेँ  लाया जाता है तो वह Related होता है सेहत से। जो व्यक्ति सेहत से Related बहानेँ बनाता है उसे मैँ सेहत का बहानासाइटिस नाम देता हूँ। अधिकतर लोग अपनी बीमारी को जाने बगैर ही अपनेँ मुँह से बार-बार ये वाक्य बाहर निकालते रहते हैँ कि मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीँ लग रही है। लेकिन कई बार आप ये वाक्य भी असफल लोगोँ के मुँह से सुनते होँगे कि क्या करूँ यार कुछ करना चाहता हूँ तो ये तबीयत खराब हो जाती है और मुझे यह एक बात समझ मेँ नहीँ आती कि आप इंसान हैँ या China Mobile जो आपकी तबीयत बार-बार खराब हो जा रही है। Friends बेहद सफल लोग भी इंसान ही हैँ और जाहिर सी बात है वो भी कभी न कभी बीमार पड़ते ही होँगे। सफल लोग कोई आठवेँ अजुबे मेँ तो नहीँ आते उनकी भी एक इंसानी दुनिया ही है लेकिन आपनेँ कभी ये तो नहीँ देखा होगा कि सफल लोग कभी सेहत के बहानासाइटिस से पीड़ित हैँ। स्वामी विवेकानंद जी आज यदि सेहत का बहाना बनाते हूये बैठे रहते तो क्या आज वो इतनेँ बड़े संत बनते क्या उनका नाम महापुरूषोँ की गिनती मेँ शामिल हो पाता बिल्कुल भी नहीँ।

स्वामी जी नेँ कभी भी बहानासाइटिस का Use अपनी लाइफ मेँ नहीँ किया। मैँ आपसे पुछता हूँ कि आप सफलता पाने के लिये स्वामी विवेकानंद जी के बताये हूये पथ पर चलते हैँ तो असफलता आप पर हावी क्योँ हो जाती है इसलिये क्योँकि आप बहानासाइटिस के जाल मेँ फँस गये हैँ लेकिन अब आपको इस बहानाबाजी से बाहर निकलना है कड़ी मेहनत करनी है और सही दिशा मेँ आगे बढ़ना है।

सेहत के बहानासाइटिस को अपनेँ पर हावी होनेँ से कैसे रोकेँ-

(1.) For example आपको सर्दी है और आप बार-बार सोँच रहे हैँ कि मुझे सर्दी है मुझे सर्दी है। घरवालोँ को भी बार-बार यही दोहरा रहे हैँ तो यकीनन आपकी एक छोटी सी सर्दी को बुखार मेँ Convert होना ही पड़ेगा। इसलिये सेहत के बहानासाइटिस से खुद को यदि छुड़वाना है तो किसी से और खुद से भी अपनेँ बुरी सेहत के बारे मेँ बात ही मत करिये। आप अपनेँ छोटे से बीमारी के बारे मेँ बात करते रहेँगे तो वह बीमारी उतनी ही बड़ी होती जायेगी, बिगड़ती जायेगी।

अपनेँ सेहत को लेकर कचर- कचर करते रहना एक बुरी आदत भी है इससे सामनेँ वाला आपको झेलनेँ लगता है। इससे लोग गलत प्रतिक्रिया देते हैँ, और बोर भी हो जाते हैँ। यदि आप सफलता के बारे मेँ सोँचते हैँ, सफल होनेँ के सपनेँ देखते हैँ तो आपको अपनेँ बुरी सेहत के बारे मेँ कभी भी चिँता    नहीँ करनीँ चाहिये। यदि आप अपनी बीमारी की आड़ मेँ सहानुभुति हासिल करना चाहते हैँ तो आप जान लीजिये कि आपको थोड़ी सहानुभुति तो मिल जायेगी लेकिन इस Type से हमेशा शिकायत करते रहनेँ से आपका सम्मान, आदर और आपके प्रति दुसरोँ का प्रेम घट जायेगा।

(2.) आपकी सेहत चाहे जैसी भी हो आपको हमेशा ईश्वर को Thank You कहना चाहिये क्योँकि आप इतनेँ सक्षम हैँ कि आप जरूर ही सफल हो सकते हैँ। वो लोग जो पोलियो से ग्रसित हैँ, विकलांग कंडिशन मेँ हैँ, जिनके हाथ पाँव नहीँ हैँ उनको एक बार सोँचिये वो लोग तो अपनी पुरी शक्ति के साथ मेहनत कर रहे हैँ और सफल हो रहे हैँ तो आप क्योँ नहीँ कर सकते व सफल नहीँ हो सकते।

(3.) यदि मैँ आपसे पुछुँ लोहे मेँ जंग क्योँ लगता है तो आपका जवाब होगा कि जब लोहा एक जगह पड़ा रहता है और जब उसका Use नहीँ होता तब जँग लगती है। Same यदि आप भी अपनेँ Future को लेकर बार-बार चिँता करते रहेँगे तो आपकी सफलता को भी जंग लग जायेगी आपका Mind शून्न हो जायेगा। So friends जंग लगने से कई गुना बेहतर है घिस जाना। इसलिये लाइफ के हर एक पल को भरपुर तरीके से खुलकर जीयेँ। यदि आप बार- बार चिँता करते रहेँगे तो Hospital का दरवाजा आपके लिये ही खुला है।

(4.) इन महान लोगोँ को थोड़ा देखिये-

** विल्मा रूडोल्फ को बचपन से पोलियो था लेकिन उन्होँनेँ अपनी बीमारी का बहाना नहीँ बनाया और नम्बर वन Runner का खिताब जीतीँ और वो एक स्वर्णपदक विजेता थीँ।

** लेखक वेदप्रकाश मिश्रा की आँखे नहीँ हैँ।

** वर्जिन एयरलाइंस के Chief रिचर्ड ब्रेन्सन को आँखोँ की कमजोरी और डिसलेक्सिक जैसी ढेरोँ बड़ी बीमारियाँ थीँ।

** राष्ट्रपति रूजवेल्ट के दोनोँ पैर अपंग थे काम नहीँ करते थे।

** डिज्नीलैँड बनाने के पहले वाल्ट डिज्नी का तीन बार नर्वस ब्रेकडाऊन हूआ था।

Friends इतनी बड़ी बीमारियोँ के बावजुद इन सफल लोगोँ नेँ कभी भी बहानोँ का सहारा नहीँ लिया तो आप क्योँ बहानोँ की चादर ओढ़े हूये हैँ क्योँ आपको सफल नहीँ होना है क्या!!

(2.) क्या करूँ Boss मेरी उम्र बहूत ही {कम/ज्यादा} है-

Friends अब Next बहाना जो सबसे ज्यादा Useful होता है वो है उम्र का बहानासाइटिस।

उम्र के बहानासाइटिस को भी आप दो Parts मेँ बड़े अच्छे से Divide कर सकते हैँ।

1.क्या करूँ मेरी उम्र बहूत ही कम है

2.क्या करूँ दोस्त मेरी उम्र बहूत ही ज्यादा हो गई है।

मैनेँ मेरे एक भैया से कहा अभी उनकी उम्र लगभग 24 वर्ष हो रही होगी। मैनेँ कहा भैया आज हम Education system मेँ चल रही गड़बड़ी और अपनेँ क्षेत्र मेँ हो रहे भ्रष्टाचार का रेस्क्यू आपरेशन करेँ !! तो उनका जवाब था क्या! मरेगा क्या अभी हम इतनेँ बड़े नहीँ हुये हैँ थोड़ा बड़ा तो हो जायेँ फिर ये सब चीज करेँगे, देख लेना।

लेकिन मैँ पुरा यकीन के साथ कह सकता हुँ कि यदि मैँ 10 साल बाद यही बात उनसे कहुँ तो उनका जवाब होगा अरे! 34-35 वर्ष हो गये ना अब नहीँ हो पायेगा घरवालोँ की जिम्मेदारी भी देखनी पड़ रही है, जब थोड़े उम्र मेँ कम थे तब हो जाता।

Friends लगभग-लगभग आपकी Life मेँ भी कहीँ न कहीँ अपनेँ उम्र का बहाना बनाते ही होँगे। बोलते होँगे कि उम्र कम है तो यह नहीँ कर सकता, उम्र ज्यादा है तो ये नहीँ कर सकता etc..

दोस्तोँ उम्र आपकी सफलता मेँ तभी बाधा बनती है जब आप खुद ऐसा सोँचते हैँ, उम्र का आपकी योग्यता से कोई भी Direct संबंध नहीँ होता ये इस बात पर Depend करता है कि आप अपना काम कितनी अच्छी तरह से कर सकते हैँ।

याद रखिये कि आपकी सोँच ही आपकी सफलता तय करती है।

उम्र के बहानासाइटिस को अपनेँ ऊपर हावी होनेँ से कैसे रोकेँ-

(1.) सफल लोगोँ की तरह सोँचने  का नजरिया विकसित कीजिये मतलब सफल लोग कभी भी ये नहीँ सोँचते कि अब तो टाइम निकल चुका ना यार, मुझे जो करना था उसे सालोँ पहले यदि Start किया रहता तो कितना अच्छा होता! यदि आप सोँचते हैँ कि Time निकल गया ना तो सचमुच समय आपके हाथोँ से निकल जायेगा और आप सिर्फ अवसर का Wait करते ही रह जायेँगे इसलिये आप भी सफल लोगोँ की तरह सोँचिये कि इतनेँ दिनोँ तक भले ही काम शुरू नहीँ किया लेकिन देर ही सही अब तो करनेँ जा रहा हूँ और यकीनन मुझे निश्चित तौर से सफलता मिलेगी अभी का समय ही तो मेरे लिये Golden Period है और इतनेँ अच्छे टाइम को मैँ हाथ से थोड़े जानेँ दुँगा।

(2.) अपनी वर्तमान उम्र के बारे मेँ हमेशा Positive सोँच रखिये और भविष्य मेँ वही काम करिये जो आप सचमुच करना चाहते हैँ। हमेशा यही सोँच रखिये कि मैँ अभी Young हूँ और उम्र चाहे कितनी भी हो जाये ये कभी भी मत सोँचिये कि बुढ़ा हो गया हूँ।

यदि आप इस टाइप से सोँचते रहेँगेँ तो यकीनन आपके अंदर रोज एक नया उत्साह पैदा होगा और आप अधिक Young भी दिखनेँ लगेँगे।

(3.) यदि आप सोँचते हैँ कि मैँ 60 वर्ष तक जीवित रहूँगा तो आप 70 वर्ष तक जीवित रहेँगे क्योँकि आप जितना सोँचते हैँ  असल मेँ जिँदगी उससे बहूत लम्बी होती है। इसलिये इस समय का भरपुर फायदा उठायेँ अपनी जिँदगी को खुलकर जीयेँ। जो काम भूतकाल मेँ नहीँ हो पाया उससे पछतानेँ की कोई जरूरत नहीँ क्योँकि अभी तो आप Really बहूत Young हैँ यार।

(4.) इन लोगोँ को याद कीजिये विश्व प्रसिध्द केँटुकी फ्राइड चिकन के मालिक जिन्होँने अपना रेस्तराँट 60 वर्ष की उम्र मेँ Start किया था इसलिये दोस्तोँ आपकी उम्र अब शायद ज्यादा नहीँ हूइ है।

याद करेँ Mr. सुहास गोपीनाथ जी को जिन्होँनेँ 15 वर्ष के उम्र मेँ ही अपनी कंपनी Start कर दी थी तो यकीनन आपकी उम्र अब कहाँ कम होगी।

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  1. क्या करेँ भाईसाहब हमारी तो किस्मत ही खराब है-

अब इस बहाना की दुहाई तो पता नहीँ भारत की 95% जनता देती है। कोई Business start किया तो वह Business चौपट हो गई तो आदमी ये थोड़े सोँचेगा कि मेरे मेँहनत मेँ कमी थी वो तो यह झठ से बोल देगा कि क्या करूँ मेरी तो किस्मत ही खराब थी। तो क्या किस्मत कोई गाड़ी का इंजन है जो खराब हो जायेगा। मैनेँ मेरे First article 2014 के 14 Special वादे मेँ किस्मत के बारे मेँ एक Point लिखा था लेकिन Sir Aamir khan की ये शायरी तो दिमाग मेँ ही बैठ  बैठ गई है और मैनेँ मोबाइल मेँ इसी शायरी को रिँगटोन रखा है ना-

बंदे हैँ हम उसके, हमपे किसका जोर

उम्मीदोँ के सूरज, निकले चारोँ ओर

इरादे हैँ फौलादी, हिम्मती हर कदम

अपनेँ हाथोँ किस्मत लिखनेँ, आज चले हैँ हम।

किस्मत के बहानासाइटिस से कैसे खुद को बचायेँ-

(1.) आप उन लोगोँ को देखिये जो आज सफल हैँ तब आपको दिख जायेगा कि उनकी सक्सेस का Secret कोई किस्मत नहीँ है बल्कि  उनकी सफलता अपनी तैयारी,योजना, अपनी सफलता को देखे जानेँ वाले नजरिये और सही दिशा मेँ कड़ी मेहनत का परिणाम  है।

(2.) मान लीजिये Mr. A कड़ी मेहनत कर रहे हैँ लेकिन अचानक फिसल गये तो Mr. A अपनी गलतियोँ से सीख लेँगे लेकिन Suppose Mr. B कड़ी मेहनत कर रहे हैँ और अचानक वो भी फिसल गये तो वो तुरंत हार मानकर अपनी किस्मत का रोना रोयेँगे और अपनी गलती से कुछ सीखनेँ के बजाये बहानेँ बनायेँगे।

तो Friends आप Mr. A बनना पसंद करेँगे कि Mr. B उसे मैँ आप पर छोड़ता हूँ।

(3.) दोस्तोँ अपनेँ खयालोँ मेँ भी कभी ये मत सोचिये कि आज से 2 वर्ष बाद बिना मेहनत किये मैँ पाँच चार पहिये वाली गाड़ी लुँगा और बिना मेहनत के ही मैँ अपनीँ किस्मत से करोड़पति बन जाऊँगा।

Friends किस्मत के सहारे रहनेँ के बजाये उन सिध्दांतोँ का पालन कीजिये जिससे आप Real मायनेँ मेँ Successful बन सकते हैँ।

आप स्वयं मेँ ऐसे गुण, ऐसे चरित्र और ऐसे संस्कारोँ का विकास कीजिये कि आप वाकई जीत जायेँ और एक विजेता की तरह अपना जीवन बितायेँ। बाकि As Your Wish.

(4.) अपनेँ उंगलिये मेँ अलग-अलग प्रकार के अंगुठियोँ का सहारा लेना छोड़िये, हवन कुँड पुजा पाठ मेँ लाखोँ रूपये खर्च करना बंद कर दीजिये Indirect रूप से अब किस्मत के भरोसे रहना बँद कर दीजिये। आप अपनी पुरी मेहनत मेँ जुट जाईये किस्मत को अपना काम करनेँ दीजिये, बस आप अपनी पुरी मेहनत सफल होनेँ मेँ लगा दीजिये और आप यकीनन सफल होँगे।

और यदि इस दुनिया मेँ किस्मत नाम की कोई चीज है तो किस्मत और भाग्य भी आपको जरूर सलाम करेगी।

(5.) दोस्तोँ अब्राहम लिँकन को याद कीजिये वे 15 बार चुनाव हारनेँ के बाद अमेरीका के राष्ट्रपति बनेँ थे यदि वो घर पर किस्मत के भरोसे बैठ जाते तो क्या वो कभी वहाँ इतनेँ Famous president बन पाते कतई नहीँ।

  1. क्या करूँ मेरे पास सफल व्यक्ति जितनी बुध्दि और गुण नहीँ है-

Friends कई लोगोँ का यह भी कहना होता है कि हमारे पास इनके जितनी बुध्दि नहीँ है नहीँ तो क्या हम भी सफल नहीँ हो जाते। और इस प्रकार हम अपनी लाइफ मेँ दो सबसे बड़ी गलतियाँ करते हैँ-

(1) हम अपनी बुध्दि को बहूत कम आँकते हैँ। और

(2) हम दुसरोँ की बुध्दि को बहूत ज्यादा आँकते हैँ।

Friends ये बात मायनेँ नहीँ रखती कि आपके अंदर कितनी बुध्दि है बल्कि यह जरूरी है कि आप अपनेँ बुध्दि का किस तरह से Use करते हैँ।

आपकी बुध्दि की Capacity से ज्यादा Important है वो नजरिया जो आपकी बुध्दि को सफलता की दिशा दिखा रही है।

“ज्ञान ही शक्ति है” इस बात को आप सब जानते हैँ लेकिन ज्ञान तब शक्ति बनती है जब आप इसका भरपुर Use करते हैँ और तभी जब इसका Positive और रचनात्मक Use होता है।

आइन्सटीन नेँ हमेँ एक बहूत ही अच्छी बात बताई है कि अपनेँ दिमाग को तथ्योँ या जानकारी का गोदाम बनानेँ से हमेशा बचिये बल्कि इससे ये ज्यादा जरूरी है कि आप अपनेँ दिमाग से सही तरीके से सोचनेँ का नजरिया विकसित कीजिये।

Friends आप यदि सोँचते हैँ कि सचिन तेँदुलकर मेँ जो हूनर है वो मुझमेँ नहीँ

लेकिन आपके अंदर जो टेलेँट है वो सचिन तेँदुलकर जी के पास नहीँ है।

सफल लोगोँ के भीतर जो Quality है वो आपके भीतर नहीँ है लेकिन आप ये क्योँ भुल जाते हैँ कि जो गुण आपके अंदर होँ जरुरी नहीँ कि वही उन महानायकोँ के अँदर भी हो।

So friends अपनी बुध्दि को कम आँकना बंद कीजिये अपनेँ अंदर की Quality को पहचानिये यदि आज आपनेँ बहाना बनाया, आज आपनेँ अपनी शक्ति को नहीँ पहचाना तो हो सकता है बहानासाइटिस नामक बीमारी आपकी सफलता का दरवाजा ही बंद कर दे।

यही बहानेँ ही आपके सपनोँ को तोड़कर रख देँगे आपके आत्मविश्वास को कम कर देँगे। बहानोँ के चलते कोई दुसरा बर्बाद नहीँ होगा, बल्कि आपकी जिँदगी ही नर्क बन जायेगी।

आप यदि बर्बाद होते हैँ तो दुसरोँ पर आरोप लगानेँ से पहले एक बार सोँच ही लीजियेगा क्योँकि आपकी बरबादी के लिये आप स्वयं ही जिम्मेदार होँगे।

इसलिये चुनाव मैँ आप पर छोड़ता हूँ कि–

आपको सफलता चाहिये कि कोरा बहाना।

आपको मान-सम्मान चाहिये कि कोरा बहाना

आपको अपनी खुद की पहचान चाहिये कि कोरा बहाना।

आपको सफलता की तरफ अपनेँ कदमोँ को बढ़ानेँ के लिये साहस और आत्मविश्वास चाहिये कि कोरा बहाना।

दोस्तोँ याद रखिये कि बहाना बर्बादी के  सिवाये और कुछ भी नहीँ है। आइन्स्टाइन और एडिसन को उनके टीचर मंदबुध्दि कहते थे पर उन्होँने तो कभी बहानोँ का सहारा नहीँ लिया

इसलिये आप भी बिना नखरा किये, बिना बहाना बनाये अपनेँ काम मेँ डँटे रहिये और हमेशा धैर्य बनाये रखिये सफलता आपके कदम जरूर चुमेगी।

 

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कहीँ जंग ना लग जाये आपके TALENT को https://www.hamarisafalta.com/2014/04/kahin-jang-na-lag-jaaye-apke-talent-ko.html https://www.hamarisafalta.com/2014/04/kahin-jang-na-lag-jaaye-apke-talent-ko.html?noamp=mobile#respond Sun, 27 Apr 2014 11:01:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/04/27/kahin-jang-na-lag-jaaye-apke-talent-ko/   Dear friends, आपनेँ एक चीज Notice जरूर की होगी कि पिछले कई वर्षोँ की तुलना मेँ अब हर Sector मेँ Competition बड़ी तेजी से बढ़ते जा रहे हैँ और ऐसी Conditions मेँ खुद को जानना, खुद को समझना और अपनेँ Talent को पहचानना बहूत ही ज्यादा जरूरी है। आज की Date की यदि बात की जाये तो यह कहना गलत नहीँ होगा कि कई लोग ऐसे भी हैँ जिन्होँने कोई खास स्किल सिखी हूई है लेकिन सीखनेँ के बाद […]

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Dear friends, आपनेँ एक चीज Notice जरूर की होगी कि पिछले कई वर्षोँ की तुलना मेँ अब हर Sector मेँ Competition बड़ी तेजी से बढ़ते जा रहे हैँ और ऐसी Conditions मेँ खुद को जानना, खुद को समझना और अपनेँ Talent को पहचानना बहूत ही ज्यादा जरूरी है।

आज की Date की यदि बात की जाये तो यह कहना गलत नहीँ होगा कि कई लोग ऐसे भी हैँ जिन्होँने कोई खास स्किल सिखी हूई है लेकिन सीखनेँ के बाद उसे मजबूत करना बंद कर दिये है और ऐसे मेँ उन्हेँ काफी नुकसान होता है।

यदि आपके अंदर Talent है, यदि आपके अंदर खुबी है कुछ कर दिखानेँ की लेकिन यदि आप उस Talent को Regular काम मेँ नहीँ ला रहे हैँ, उसका प्रैक्टिकली Use नहीँ कर रह हैँ तो मैँ यकीन के साथ कह सकता हूँ कि आपका Talent कमजोर पड़ जायेगा। इसलिये यह बहूत ही ज्यादा जरूरी है कि आपको जिस भी सेक्टर मेँ माहरत हासिल है उसे काम मेँ लाइये कभी भी खाली मत बैठिये। आपके मन मेँ कभी भी ये मत सोचिये कि जब जरूरत होगी, जब काम आयेगा तभी अपनी स्किल का Use करूँगा। यदि आप इसी सोँच के साथ चल रहे हैँ, सही समय का ही इँतजार कर रहे हैँ तो इस बात को याद रखिये कि आप अपनेँ स्किल को भूलते चले जायेँगे** Practically Use के जरिये ही आप अपनेँ स्किल्स को मजबूत रख पायेँगे। यदि आप प्रैक्टिकल करना बंद कर देँगे तो जाहिर है कि आप अपनी योग्यताओँ को भुलनेँ लगेँगे। So friends अपनी स्किल्स को मजबूत करनेँ का एक Best तरीका यह भी है कि आप अपनेँ सीनियर्स और Boss से अपनेँ फील्ड के बारे मेँ जानकारी लेते रहेँ और हमेशा कुछ न कुछ नया सीखनेँ की कोशिश करते रहेँ।

यदि आप अपनेँ Talent को और गहराई के साथ जाननेँ का प्रयास करेँगे तो आपको खुद-बखुद अपनेँ अंदर की कमियाँ दिखने लगेँगी और समय रहते आप अपनेँ अंदर की कमजोरियोँ को दुर कर लेँगे तो यकीनन आपको अपनेँ काम मेँ और भी ज्यादा माहरत हासिल हो जायेगी। इससे आपके उत्साह मेँ काफी बढ़ोत्तरी होगी और आपके अंदर गजब का आत्मविश्वास पैदा होगा।

आपको यह भी जानना होगा कि Talent एक दिन मेँ पैदा नहीँ होता इसे अपनेँ अंदर महसुस करनेँ व पैदा करनेँ के लिये कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। और अपनेँ अंदर के टैलेन्ट को वास्तविक रूप से कायम रखनेँ के लिये तो और भी कड़ी मेहनत   की आवश्यकता होती है। यदि आपनेँ अपनेँ स्किल को मजबुत नहीँ किया, उन्हेँ अपनेँ काम  मेँ  Use  नहीँ किया तो गारेन्टीड आप Confidence के साथ काम नहीँ कर पायेँगे So friends यदि आपको अपनेँ अंदर के Confidence level को ऊँचा उठाना है तो अपनेँ Talent को धुल खानेँ न देँ, जंग लगनेँ न देँ। अपनेँ काम से जी चुरानेँ के बजाये नई चुनौतियाँ अपनेँ हाथ मेँ लेनेँ की कोशिश कीजिये। याद रखिये कोशिश करनेँ के दौरान कई प्राब्लम आपके सामनेँ Create होँगी लेकिन समस्याओँ से मुँह फेरनेँ की बजाये, Problem से पीछा छुड़ानेँ के बजाये उनका सामना करनेँ का प्रयत्न कीजिये तभी आपको नये-नये रास्तोँ के बारे मेँ कई महत्वपुर्ण जानकारी मिलेँगी।

दोस्तोँ जब तक आप खुद अपनेँ Talent को नहीँ आजमायेँगे तो दुनिया वालोँ को कैसे पता चलेगा कि आप किस चीज मेँ मास्टर हैँ। दुनियावालोँ के सामनेँ अपनेँ टैलेँट को उजागर करनेँ के लिये आपको खुद अपनेँ Talent, अपनेँ Skills को मजबूत करना होगा।

इसलिये Friends आप सभी से एक Request है कि आप अपनेँ Talent को पहचानिये, Regular उसकी परिक्षा लीजिये, उसे परखिये। लगातार उसे कई गुना मजबूत करनेँ की कोशिश कीजिये और फिर क्या सक्सेस आपके साथ. आपके हाथोँ मेँ होगी। यकीन नहीँ तो बेझिझक आज़मा कर देख लीजिये।

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संदेह करेँगे तो नहीँ मिलेगी Success https://www.hamarisafalta.com/2014/04/sandeh-karenge-to-nahi-milegi-success.html https://www.hamarisafalta.com/2014/04/sandeh-karenge-to-nahi-milegi-success.html?noamp=mobile#respond Thu, 24 Apr 2014 19:31:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/04/24/sandeh-karenge-to-nahi-milegi-success/ Dear friends, Life मेँ सफलता प्राप्त करनेँ के लिये आज की Date मेँ हर इंसान प्रयत्नशील है, मेँहनत कर रहा है लेकिन संदेह के चलते इंसान के पुरे प्रयत्न पर पानी फिर जाता है। इंसान की उम्मीदेँ और उत्साह तब तक बढ़ती रहती है जब तक इंसान अपनेँ आप पर विश्वास किये हूये रहता है कि एक दिन वह सफल जरूर होगा। लेकिन जब इंसान संदेह के जाल मेँ फँस जाता है तो उसका विश्वास पुर्णत: टुटनेँ लगता है और उत्साह […]

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Dear friends, Life मेँ सफलता प्राप्त करनेँ के लिये आज की Date मेँ हर इंसान प्रयत्नशील है, मेँहनत कर रहा है लेकिन संदेह के चलते इंसान के पुरे प्रयत्न पर पानी फिर जाता है। इंसान की उम्मीदेँ और उत्साह तब तक बढ़ती रहती है जब तक इंसान अपनेँ आप पर विश्वास किये हूये रहता है कि एक दिन वह सफल जरूर होगा। लेकिन जब इंसान संदेह के जाल मेँ फँस जाता है तो उसका विश्वास पुर्णत: टुटनेँ लगता है और उत्साह एकदम से कम हो जाता है। इसी संदेह (जिसको मैँ सफलता की सबसे बड़ी बीमारी भी कहता हूँ।) के कारण इंसान अपनेँ सही समय को भाँप नहीँ पाता और सही Time के Waiting zone मेँ ही खोया रहता है और सिर्फ समय का इंतजार ही करता रह जाता है। संदेह से घिरे व्यक्ति को यही लगता है कि वह उचित अवसर आनेँ के बाद ही अपनेँ सपनोँ को साकार करेगा। जो व्यक्ति अपनी योग्यताओँ पर शक करते हैँ यकीनन हमेशा वे इसी Problem से घिरे रहते हैँ कि काम को शुरू किया जाये कि नहीँ। उन्हेँ हमेशा यही Feel होता है कि अभी सही समय नहीँ आया है और वे अपनेँ आपको ही धौखा देते रहते हैँ, अपनेँ कामोँ को टालते रहते हैँ और वे अपनी दिशा खोज नहीँ पाते और यदि दिशा मिल भी जाये तो वो तय नहीँ कर पाते कि उन्हेँ क्या करना है और इधर उधर भटकते रहते हैँ।

संदेह से पीछा छुड़ानेँ के लिये सबसे आसान तरीका यही है आप अपनेँ अंदर विश्वास पैदा कीजिये। मन मेँ विश्वास जगाइये कि आपनेँ जो भी काम शुरू किया है उसमेँ आप गारेन्टीड Successful होँगे और आपको सफलता जरूर मिलेगी।

अगर इंसान अपनेँ मन मेँ विश्वास रखकर सिर्फ यह सोँचे कि वह एक Best and best इंटरनेश्नल प्राइज् के लिये काम कर रहा है और जीत उसी की होगी तो यकीनन ही वह सफल होगा।

Friends विश्वास एक टानिक है जो इंसान की सारी शक्तियोँ को सक्रिय करके रखता है।

यदि कोई व्यक्ति Successful होनेँ के लिये मेहनत कर रहा है लेकिन अचानक जब वह कोशिश करना बंद कर देता है तो कहीँ न कहीँ वह संदेह की जाल मेँ फँस गया रहता है। दोस्तोँ इस बात को हमेशा याद रखेँ कि विश्वास के चलते आप हर मुश्किल का सामना करते हैँ और मुश्किल परिस्थितियोँ मेँ भी आगे बढ़ते रहते हैँ।

लेकिन संदेह से उल्टा मुश्किल परिस्थितियाँ Create होनेँ लग जाती हैँ।

मन मेँ बैठे संदेह को दुर करनेँ का एक तरीका यह भी है कि आप अपनेँ आपसे, खुद से Successful बनने सफल होनेँ और सफलता प्राप्त करनेँ के लिये मनोकामना करते रहेँ। जब तक आप खुद संदेह को मौका नहीँ देते तब तक वह आप पर बिल्कुल भी हावी नहीँ हो सकता।

Friends किसी भी चीज पर Doubt करनेँ के बजाये तुरँत फैसला लेनेँ की आदत डालेँ तभी आप तेजी से तरक्की कर पायेँगे। आपको अपनेँ मन की बात को सुनना और समझना होगा और यह भी तय करना होगा कि आपको जाना कहाँ है।

संदेह आपके कदमोँ को Success के रास्ते पर चलनेँ से रोककर ही रखेगी, संदेह के कारण आप सिर्फ बैठे ही रहेँगे और दुनिया आपसे बहूत आगे बढ़ जायेगी।

अपनेँ मन मेँ छिपे हूये डर को बाहर निकालिये और उस छिपे हूये डर को दूर फेँककर अपनेँ अंदर के विश्वास को पैदा कीजिये, अपनी असली ताकत को समझिये।

Friends संदेह पैदा होनेँ का Main reason है Negative thoughts means नकारात्मक सोँच। नकारात्मकता के चलते ही इंसान यह सोँचता है कि वह अपनेँ सफलता के काबिल नहीँ है इस तरह वह खुद पर ही Doubt करनेँ लग जाता है और यदि उसे जिँदगी मेँ थोड़ी सी ठोकर मिलती है तो वह हार मान लेता है। यदि आपको वाकई सफल होना  है तो जीत के साथ हार का भी मजा लीजिये। विफलता मिलने पर पुरी ताकत के साथ आगे बढ़नेँ की कोशिश कीजिये संदेह को अपनेँ आस पास भी आनेँ मत दीजिये।

मन मेँ सदैव विश्वास जगाइये कि आप आगे बढ़ सकते हैँ, आप आगे बढ़ेँगे, और आप आगे बढ़ रहे हैँ। आप काबिल थे, काबिल हैँ, और काबिल रहेँगे और आप कामयाब होँगे।

लेकिन एक पुरानी कहावत है कि निश्चय कर लेँ कि आप सही हैँ और आप आगे बढ़ रहे हैँ आगे बढ़ते जाइये लेकिन पुरा समय सोचनेँ और निश्चय करनेँ मेँ ही व्यतीत मत कर दीजिये।

शेक्सपियर नेँ लिखा था, ‘हमारे संदेह गद्दार हैँ। हम जो सफलता प्राप्त कर सकते हैँ, वह नहीँ कर पाते। क्योँकि हम संदेह मेँ पड़कर प्रयत्न ही नहीँ करते।’

इंसान का स्वभाव ही ऐसा होता है कि कोई काम शुरू करता है और थोड़ा सा भी संदेह होनेँ पर काम को रोक देता है और उत्साह पर पानी फिर जाता है। संदेह की बजाये इंसान को विश्वास को ज्यादा तरजीह देनी चाहिये।

So friends इस आर्टिकल को पढ़नेँ के बाद चुनाव आपके स्वयं का है कि आप संदेह को चुनेँगे या विश्वास को।

आशा है आप सही चुनाव ही करेँगे।

All The Best

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कहीँ सफलता आपकी शांति तो नहीँ छीन रही https://www.hamarisafalta.com/2014/04/kahin-safalta-aapki-shanti-to-nahi_7088.html https://www.hamarisafalta.com/2014/04/kahin-safalta-aapki-shanti-to-nahi_7088.html?noamp=mobile#respond Wed, 16 Apr 2014 23:34:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/04/16/kahin-safalta-aapki-shanti-to-nahi_7088/                                                            Friends Life मेँ हर इंसान यह चाहता है कि वह अपना मुकाम हासिल करे। यकीनन आप भी अपनेँ Goal को Achieve करना चाहते हैँ और अपना मुकाम हासिल करना चाहते हैँ। अपनेँ मुकाम को हासिल करनेँ के लिये आप सही दिशा मेँ कड़ी मेहनत करते हैँ और इसी मेहनत के बदौलत आप अपनेँ सपनोँ को साकार करते हैँ और सफलता प्राप्त करते हैँ। लेकिन Friends क्या आपनेँ एक बात Notice की है, I think आपनेँ Notice जरूर की होगी कि […]

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Friends Life मेँ हर इंसान यह चाहता है कि वह अपना मुकाम हासिल करे। यकीनन आप भी अपनेँ Goal को Achieve करना चाहते हैँ और अपना मुकाम हासिल करना चाहते हैँ। अपनेँ मुकाम को हासिल करनेँ के लिये आप सही दिशा मेँ कड़ी मेहनत करते हैँ और इसी मेहनत के बदौलत आप अपनेँ सपनोँ को साकार करते हैँ और सफलता प्राप्त करते हैँ।

लेकिन Friends क्या आपनेँ एक बात Notice की है, I think आपनेँ Notice जरूर की होगी कि सफल होनेँ के बाद लोग अपनेँ काम और निजी जीवन के साथ समझौता करना Start कर देते हैँ या लोग अपनेँ काम और निजी जीवन मेँ तालमेल बिठानेँ की कोशिश करते हैँ।

तालमेल से मेरा मतलब है लोग कभी अपनेँ काम को बहूत ही ज्यादा Importance देते हैँ तो कभी अपनेँ निजी जीवन पर ज्यादा ध्यान देनेँ लगते हैँ।

इंसान सफलता के इस तालमेल बिठानेँ की कोशिशोँ के बीच परेशान हो जाता है और निराश होनेँ लग जाता है। उसे लगता है कि वह तो उस समय बहूत खुश था जब उसे यह सफलता नहीँ मिली थी मतलब वह सफल नहीँ था तो ज्यादा खुश था। और इसी सोँच के साथ उसे यह मिली हूई सफलता एकदम से बुरी लगनेँ लगती है वह इस सफलता को बोझ समझनेँ लग जाता है और इसके बदौलत Success उसके हाथ से फिसल जाती है। और वह बस हाथ मलते हुए ही रह जाता है।

इस Type की घटना लाखोँ लोगोँ के साथ होती है और आखिरकार दुख इस बात की होती है कि लोग सफलता के साथ साथ शांति को महत्व क्योँ नहीँ देते।

Friends ज्यादातर वो लोग जो सफलता पानेँ के लिये आगे बढ़ रहे हैँ उनको इसके बारे मेँ पता ही नहीँ होता कि सफलता और शांति का साथ होना बहूत ही ज्यादा जरूरी है नहीँ तो आपकी सफलता का कोई अर्थ नहीँ निकलता।

आदमी को सफल होनेँ की चाह रखना स्वभाविक है लेकिन सफल होनेँ की चाह मेँ मन की शांति के साथ समझौता करना मुर्खता है। इसलिये सफलता और शाँति के साथ समझौता न करेँ।

अपनेँ काम मेँ इतना भी न डुब जायेँ, काम मेँ खुद को इतना न झोँक देँ कि काम मेँ मजा ही न आये।

जब तक काम मेँ मजा आयेगा तब तक आपको सफलता और शाँति मिलती रहेगी। यदि भौतिक सुख सुविधाओँ को ही आप सफलता का दर्जा देँगे या कहूँ देते हैँ तो शांति का खयाल अपनेँ मन से निकाल ही  देँ क्योँकि भौतिक सुख सुविधाओँ की चाहत मेँ आप सफल तो हो जायेँगे But आपकी शांति पीछे छूट जायेगी।

Friends आपको एक बार मेँ सिर्फ एक ही लक्ष्य बनाना चाहिये और उसे हासिल करनेँ के लिये अपनी पुरी ताकत लगा देनी चाहिये। अपनेँ Goal को हासिल कर लेनेँ के बाद आपको अपनी Successful होनेँ पर Enjoy feel करना चाहिये।

दोस्तोँ इस बात को हम क्योँ भुल जाते हैँ कि हम अपनेँ Life के लिये हैँ ना कि Life हमारे लिये है। आपको अपनेँ Life को सबसे ज्यादा Importance देना चाहिये न कि अपनेँ काम को। मैँ यह नहीँ कहता कि आप अपनेँ काम को प्राथमिकता न देँ मैँ कहता हूँ आप देँ लेकिन इतना भी नहीँ कि आपका मन तनावग्रस्त व अशांत हो जाये।

Friends ये एक बात मन मेँ हमेशा गाँठ बाँधकर रखेँ कि आप अपनेँ जीवन के लिये सफलता चाहते हैँ न कि सफलता के लिये अपना जीवन।

इसलिए अपनेँ जीवन के मुल्योँ को समझेँ, और Life के साथ कतई समझौता न करेँ।

आप दुनिया की नजरोँ मेँ एक महान आदमी हो सकते हैँ लेकिन Family और Friends के बीच आम इंसान बनकर रहना ही उचित है। अपनेँ आफिस के काम को आफिस मेँ निपटाकर घर पर Enjoy करना सीखिये तभी जीनेँ का मजा आयेगा।

जो व्यक्ति सिर्फ अपनेँ काम को ही अपनी जिँदगी बना लेता है वो व्यक्ति सफल तो हो सकता है लेकिन सुखी नहीँ हो सकता।

Life मेँ यदि आपको सुखी और शांत रहना है तो आपको अपनेँ जीवन मेँ संतुलन लाना होगा***

दोस्तोँ यदि आप अपनेँ काम से प्यार करते हैँ तो यकीनन ही आप अपनेँ काम को पुरे समर्पण भाव से करेँगे लेकिन आपको अपनेँ काम से जितना लगाव है उससे ज्यादा अपनी जिँदगी से लगाव रखना चाहिये क्योँकि इसी के चलते आप शाँति का अनुभव कर पायेँगे और आपके परिवार वालोँ को भी आप Time दे पायेँगे क्योँकि शांति ही इस दुनिया का सबसे बेहतरीन तौफा है इसलिये अपनेँ जिँदगी मेँ जितनी अहमियत आपकी सफलता की है उतनी ही आपकी शांति की है।

आशा है आप इस Article को पढ़नेँ के बाद अपनी सफलता मेँ शांति के महत्व को समझेँगे और अपनेँ जीवन मेँ सफलता और शांति के बीच के Balance को अच्छे से बनाकर अपनेँ उज्जवल भविष्य का निर्माण करेँगे।

                                   All The Best!

 

 

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सफलता के सोपान- स्वामी विवेकानन्द. https://www.hamarisafalta.com/2014/04/best-thoughts-of-swami-vivekanand-in.html https://www.hamarisafalta.com/2014/04/best-thoughts-of-swami-vivekanand-in.html?noamp=mobile#respond Sat, 12 Apr 2014 15:33:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/04/12/best-thoughts-of-swami-vivekanand-in/   सफलता के    छ: चरणोँ मेँ स्वामी विवेकानन्द जी के अनमोल विचारोँ का संग्रह- भाग्य- उठो, साहसी बनो, वीर्यवान होओ। सब उत्तरदायित्व अपने कन्धोँ पर लो। यह याद रखो कि तुम स्वयं अपनेँ भाग्य के निर्माता हो। तुम जो कुछ बल या सहायता चाहो, सब तुम्हारे ही भीतर विद्यमान है। अतएव इस ज्ञानरूप शक्ति के सहारे तुम बल प्राप्त करो और अपनेँ हाथोँ अपना भविष्य गढ़ डालो। (स्वामी विवेकानंद जी) स्वयं ही अपना उध्दार करो। भाई, दूसरा कोई तुम्हेँ मदद […]

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सफलता के    छ: चरणोँ मेँ स्वामी विवेकानन्द जी के अनमोल विचारोँ का संग्रह-

भाग्य-

  1. उठो, साहसी बनो, वीर्यवान होओ। सब उत्तरदायित्व अपने कन्धोँ पर लो। यह याद रखो कि तुम स्वयं अपनेँ भाग्य के निर्माता हो। तुम जो कुछ बल या सहायता चाहो, सब तुम्हारे ही भीतर विद्यमान है। अतएव इस ज्ञानरूप शक्ति के सहारे तुम बल प्राप्त करो और अपनेँ हाथोँ अपना भविष्य गढ़ डालो। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. स्वयं ही अपना उध्दार करो। भाई, दूसरा कोई तुम्हेँ मदद न पहूँचायेगा, क्योँकि तुम स्वयं ही अपने सबसे बड़े शत्रु हो और तुम स्वयं ही अपने सबसे बड़े मित्र हो। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. तुम स्वयं ही अपनेँ भाग्य के निर्माता हो। तुम अपनेँ ही कर्म से अच्छे और बुरे दोनोँ प्रकार के फल भोग रहे हो, तुम अपनेँ ही हाथोँ से अपनी आँखेँ मूँदकर कहते हो- अंधकार है। हाथ हटा लो- प्रकाश दीख पड़ेगा। तुम ज्योतिस्वरूप हो, तुम पहले से ही सिध्द हो। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. उठ खड़े हो और लड़ो। एक पग भी पीछे न रखो, यही भाव है….

जो भी आये, उससे लड़कर निपट लो। अंतरिक्ष से नक्षत्र भले ही हट जायेँ सारा संसार हमारे विरूध्द क्योँ न खड़ा हो जाये। मौत का अर्थ केवल वस्त्रोँ का परिवर्तन है। उससे क्या? अत: लड़ो! कायर होकर तुम कुछ भी लाभ नहीँ उठाते।… एक पग पीछे हटकर तुम किसी भी दुर्भाग्य को टाल नहीँ सकते। (स्वामी विवेकानंद जी)

शिक्षा..

  1. जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सकेँ, मनुष्य बन सकेँ, चरित्र गठन कर सकेँ और विचारोँ का सामंजस्य कर सकेँ, वही वास्तविक शिक्षा कहलाने योग्य है। (स्वामी विवेकानंद जी)

 

  1. जितने दिन जीना है, उतनेँ दिन सीखना है। पर यह एक बात अवश्य ध्यान मेँ रख लेने की है कि जो कुछ सीखना है, उसे अपने साँचे मेँ ढाल लेना है। अपने असल तत्व को सदा बचाकर फिर बाकी चीजेँ सीखनी होँगी! (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. सारी शिक्षा का ध्येय है मनुष्य का विकास। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. शिक्षा किसे कहते हैँ? क्या वह पठन-मात्र नहीँ। क्या वह नाना प्रकार का ज्ञानार्जन है? नहीँ, यह भी नहीँ। जिस संयम के द्वारा इच्छा-शक्ति का प्रवाह और विकास वश मेँ लाया जाता है और वह फलदायक होता है, वह शिक्षा कहलाती है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. जो शिक्षा साधारण व्यक्ति को जीवनसंग्राम मेँ समर्थ नहीँ बना सकती, जो मनुष्य मेँ चरित्र- बल, पर-हित भावना तथा सिँह के समान साहस नहीँ ला सकती, जिस शिक्षा के द्वारा जीवन मेँ अपनेँ पैरोँ पर खड़ा हूआ जाता है, वही शिक्षा है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. “मैँ धर्म को शिक्षा का अन्तरतम अंग समझता हूँ” ध्यान रखिये कि धर्म के विषय मेँ मैँ अपना अथवा किसी दूसरे की राय की बात नहीँ कहता। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. औरोँ से उत्तम बातेँ सीखकर उन्नत बनो। जो सीखना नहीँ चाहता, वह तो पहले ही मर चुका है। (स्वामी विवेकानंद जी)

सफलता

  1. डरो मत कितनी बार असफलता मिलेगी, यह न सोचो। चिन्ता न करो। काल अनंत है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. धैर्य के साथ लगे रहो। अब तक हम लोगोँ नेँ बड़ा ही अद्भुत कार्य किया है। वीरोँ, बढ़े चलो, निश्चित हम विजयी होँगे। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. साहसी होकर काम करो। धीरज और स्थिरता से काम करना- यही एक मार्ग है। आगे बढ़ो और याद रखो धीरज, साहस, पवित्रता और अनवरत कर्म।…. जब तक तुम पवित्र होकर अपनेँ उद्देश्य पर डटे रहोगे, तब तक तुम कभी निष्फल नहीँ होओगे।(स्वामी विवेकानंद जी)
  1. वीरता से आगे बढ़ो। एक दिन या एक साल मेँ सिद्दि की आशा न रखो। उच्चतम आदर्श पर डटे रहो। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. हर एक काम मेँ सफलता प्राप्त करनेँ से पहले सैकड़ोँ कठिनाईयोँ का सामना करना पड़ता है। जो उद्यम करते रहेँगे, वे आज या कल सफलता को देखेँगे। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. जिस पेड़ मेँ फल एवं छाया हो, उसी का आश्रय लेना चाहिये कदाचित फल न भी मिले, फिर भी उसकी छाया से तो कोई भी वंचित नहीँ रह सकता। अत: मूल बात यह है कि महान कार्य को इसी भावना से प्रारम्भ करना चाहिये। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. औरोँ से उत्तम बातेँ सीखकर उन्नत बनो। जो सीखना नहीँ चाहता, वह तो पहले ही मर चुका है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. धैर्यहीन व्यक्ति कभी भी सिध्द नहीँ हो सकता। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. मैनेँ अपने एक विशिष्ट विचार के लिये सारा जीवन उत्सर्ग किया है। भगवान मेरी सहायता करेगा, मैँ और किसी की सहायता नहीँ चाहता। सफलता प्राप्त करनेँ का यही एकमात्र रहस्य है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. अनन्त धैर्य, अनंत पवित्रता तथा अनंत अध्यवसाय-सत्कार्य मेँ सफलता के रहस्य हैँ। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. ये दुनिया कायरोँ के लिये नहीँ है। पलायन की चेष्टा मत करो। सफलता अथवा असफलता की चिन्ता मत करो। पूर्ण निष्काम संकल्प मेँ अपनेँ को लय कर दो और कर्तव्य करते चलो। समझ लो कि सिध्दि पानेँ के लिये जन्मी बुध्दि अपने आपको द्रिढ़संकल्प मेँ लय करके सतत कर्मरत रहती है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. प्रत्येक सफल मनुष्य के स्वभाव मेँ कहीँ न कहीँ विशाल सच्चरित्रता और सत्यनिष्ठा छिपी रहती है और उसी के कारण उसे जीवन मेँ इतनी सफलता मिलती है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. साहस न छोड़ो, यदि शुध्द अम्रित अप्राप्य हो तो कोई कारण नहीँ कि हम विश खा लेँ। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. आज्ञा-पालन, ध्येय के प्रति अनुराग तथा ध्येय को कार्यरत मेँ परिणत करनेँ के लिये सदा प्रस्तुत रहना। इन तीनोँ के रहनेँ पर कोई भी तुम्हे अपनेँ मार्ग से विचलित नहीँ कर सकता। (स्वामी विवेकानंद जी)

कर्तव्य-

  1. जब तुम कोई कर्म करो, तब अन्य किसी बात का विचार ही मत करो। उसे एक उपासना, बड़ी से बड़ी उपासना के रूप के रूप मेँ करो और उस समय उसमेँ अपना सारा तन-मन लगा दो। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. यदि तुम किसी मनुष्य की सहायता करना चाहते हो, तो इस बात की कभी चिन्ता न करो कि उसका व्यवहार तुम्हारे प्रति कैसा होना चाहिये। यदि तुम एक श्रेष्ठ एवं उत्तम कार्य करना चाहते हो, तो यह सोचनेँ का कष्ट मत करो कि उसका फल क्या होगा? (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है कि वह अपना आदर्श लेकर उसे चरितार्थ करनेँ का प्रयत्न करे। दूसरोँ के ऐसे आदर्शोँ को लेकर चलनेँ की अपेक्षा, जिनको वह पुरा ही नहीँ कर सकता, अपने ही आदर्श का अनुसरण करना सफलता का अधिक निश्चित मार्ग है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. भविष्य मेँ क्या होगा, इसी चिन्ता मेँ जो सर्वदा रहता है, उससे कोई कार्य नहीँ हो सकता। इसलिये जिस बात को तु सत्य समझता है, उसे अभी कर डाल; भविष्य मेँ क्या होगा, क्या नहीँ होगा इसकी चिन्ता करनेँ की क्या आवश्यकता? (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. जो जिस समय का कर्तव्य है, उसका पालन करना सबसे श्रेष्ठ मार्ग है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. जिस समय जिस काम के लिये प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय उसे करना चाहिये, नहीँ तो लोगोँ का विश्वास उठ जाता है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. शक्ति क्या कोई दूसरा देता है? वह तेरे भीतर ही मौजुद है। समय आनेँ पर वह स्वयं ही प्रकट होगी। तू काम मेँ लग जा, फिर देखना इतनी शक्ति आयेगी कि तू सँभाल न सकेगा। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. जो कुछ भी हमारा कर्तव्य है उसे करते रहेँ. अपना कन्धा सदैव काम से भिड़ाये रखेँ। तभी अवश्य हमेँ प्रकाश की उपलब्धि होगी। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. तुम लोगोँ से जितना हो सके, करो। जब नदी मेँ कुछ पानी नही रहेगा, तभी पार होँगे, ऐसा सोचकर बैठे मत रहो। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. जो यह समझते हैँ कि कार्यक्षेत्र मेँ उतरनेँ पर अवश्य सफलता मिलेगी, वे ही कार्य संपादन कर सकते हैँ। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. अत्यन्त निम्नतम कर्मोँ को भी तिरस्कार की नजरोँ से नहीँ देखना चाहिये। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. हमारा पहला कर्तव्य यह है कि अपनेँ प्रति घ्रिणा न करेँ क्योँकि आगे बढ़नेँ के लिये यह आवश्यक है कि पहले हम स्वयं मेँ विश्वास रखेँ और फिर ईश्वर मेँ। जिसे स्वयं पर विश्वास नहीँ उसे स्वयं पर विश्वास नहीँ हो सकता* (स्वामी विवेकानंद जी)

आत्मविश्वास

  1. आत्मविश्वास का आदर्श ही हमारी सबसे अधिक सहायता कर सकता है। यदि इस आत्मविश्वास का और भी विशाल रूप से प्रचार होता है और यह कार्यरूप मेँ परिणत हो जाता, तो मेरा द्रिढ़विश्वास है कि जगत् मेँ जितना दुख और अशुभ है, उसका अधिकांश गायब हो जाता। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. मनुष्य कितनी ही अवनति की अवस्था मेँ क्योँ न पहूँच जाये, एक समय ऐसा अवश्य आता है, जब वह उससे बेहद आर्त होकर ऊर्ध्वगामी मोड़ लेता है और अपने मेँ विश्वास करना सीखता है। किन्तु हम लोगोँ को इसे शुरू से ही जान लेना अच्छा है। हम आत्मविश्वास सीखनेँ के लिये इतनेँ कटु अनुभव क्योँ प्राप्त करेँ? (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. युवकोँ, अपनेँ रक्त मेँ उत्साह भरकर जागो। मत सोचो कि तुम गरीब हो, मत सोचो कि तुम्हारे मित्र नहीँ हैँ। अरे, क्या कभी तुमनेँ देखा है कि रूपया मनुष्य का निर्माण करता है? नहीँ, मनुष्य ही सदा रूपये का निर्माण करता है। यह संपूर्ण संसार मनुष्य की शक्ति से, उत्साह की शक्ति से, विश्वास की शक्ति से निर्मित हुआ है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. जो व्यक्ति अपनेँ प्रति घ्रिणा करनेँ लगा है, उसके पतन का द्वार खुल चुका है, और यही बात राष्ट्र के संबंध मेँ भी सत्य है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. श्रध्दा श्रध्दा! अपने आप पर श्रध्दा, परमात्मा मेँ श्रध्दा- यही महानता का एकमात्र रहस्य है यदि पुराणोँ मेँ कहे गये तैँतीस करोड़ देवताओँ के ऊपर और विदेशियोँ नेँ बीच बीच मेँ जिन देवताओँ को तुम्हारे बीच घुसा दिया है उन सब पर भी, यदि तूम्हारी श्रध्दा हो, और अपनेँ आप पर श्रध्दा न हो, तो तुम कदापि मोक्ष के अधिकारी नहीँ हो सकते। अपनेँ आप पर श्रध्दा करना सीखो! इसी आत्मश्रध्दा के बल से अपने पैरोँ पर खड़े होओ, और शक्तिशाली बनो। इस समय हमेँ इसी की आवश्यकता है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. अपनेँ पैरोँ आप खड़े हो जाओ, देर न करो, क्योँकि जीवन क्षणस्थायी है।… अपनी जाति, देश राष्ट्र और समग्र मानव समाज के कल्याण के लिये आत्मोत्सर्ग करना सीखो। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. मेरे वीरह्रदय युवकोँ, यह विश्वास रखो कि अनेक महान् कार्य करनेँ के लिये तुम सबका जन्म हुआ है। कुत्तोँ के भौँकने से न डरो, नहीँ, स्वर्ग के वज्र से भी न डरो। उठ खड़े हो जाओ। और कार्य करते चलो। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. एकमात्र इस श्रध्दा के भेद से ही मनुष्य मनुष्य मेँ अंतर पाया जाता है? इसका और दूसरा कारण नहीँ। यह श्रध्दा ही है, जो एक मनुष्य को बड़ा और दुसरे को कमजोर और छोटा बनाती है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. मानव जाति के समग्र इतिहास मे सभी महान स्त्री पुरूषोँ मेँ यदि कोई महान प्रेरणा सबसे अधिक सशक्त रही है तो वह है यही आत्मविश्वास से इस ज्ञान के साथ पैदा हुए थे कि महान बनेँगे और वे महान् बने भी। (स्वामी विवेकानंद जी)

विचारोँ की शक्ति

  1. एक विचार लो, उसी विचार को अपना जीवन बनाओ, उसी का चिन्तन करो, उसी का स्वप्न देखो और उसी मेँ जीवन बिताओ। तुम्हारा मस्तिष्क, स्नायु, शरीर के सभी अंग उसी के विचार से पुर्ण रहेँ। दुसरे सारे विचार छोड़ दो। यही सिध्द होनेँ का उपाय है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. ‘मैँ हीन हूँ’ ,

‘मैँ दीन हूँ’ ऐसा कहते-कहते मनुष्य वैसा ही हो जाता है। (स्वामी विवेकानंद जी)

  1. याद रखो कि जिस प्रकार तुम्हारे असत्-विचार और असत् कार्य शेरोँ की तरह तूम पर कुद पड़नेँ की ताक मेँ हैँ, उसी प्रकार तुम्हारे सत् विचार और सत्-कार्य भी हजारोँ देवताओँ की शक्ति लेकर सर्वदा तुम्हारी रक्षा के लिये तैयार हैँ। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. हम शुभ और अशुभ विचारोँ के उत्तराधिकारी हैँ। यदि हम अपनेँ को निर्मल बना लेँ और शुभ विचारोँ का निमित्त बना लेँ, तो ये हममेँ प्रवेश करेँगे। पवित्रात्मा व्यक्ति अशुभ विचारोँ को ग्रहण नहीँ कर सकता। अशुभ विचारोँ को पापी जनोँ के यहाँ सर्वोत्तम आश्रय मिलता है। वे बीजाणुओँ जैसे हैँ, जो उपर्युक्त क्षेत्र मिलनेँ पर ही अंकुरित होते और पनपते हैँ। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. कार्य अवश्य अच्छा है, पर वह भी तो विचार या चिन्तन से उत्पन्न होता है। शरीर के माध्यम से शक्ति की जो छोटी छोटी अभिव्यक्तियाँ होती हैँ, उन्हीँ को कार्य कहते हैँ। बिना विचार या चिँतन के कोई कार्य नहीँ हो सकता। अत: मस्तिष्क को ऊँचे ऊँचे विचारोँ, ऊँचे ऊँचे आदर्शोँ से भर लो, और उनको दिन-रात मन के सम्मुख रखो। ऐसा होनेँ पर इन्हीँ विचारोँ से बड़े बड़े कार्य होँगे। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. शरीर अपनेँ पीछे निहित विचारोँ द्वारा निर्मित होता है। (स्वामी विवेकानंद जी)
  1. विचार ही हमारी कार्य प्रव्रिति का नियामक है। मन को सर्वोच्च विचारोँ से भर लो. दिन पर दिन यही सब भाव सुनते रहो, मास पर मास इसी का चिंतन करो। पहले पहल सफलता न भी मिले पर कोई हानि नहीँ, यह असफलता तो बिल्कुल स्वाभाविक है। यह मानव जीवन का सौँदर्य है। इन असफलताओँ के बिना जीवन क्या होता? यदि जीवन मेँ इस असफलता को जय करने की चेष्टा न रहती, तो जीवन धारण करने का कोई प्रयोजन ही न रह जाता। उसके न रहनेँ पर जीवन का कवित्व कहाँ रहता? (स्वामी विवेकानंद जी)

 

—–सफलता के सोपान का दुसरा भाग पढ़नेँ के लिये यहाँ क्लिक कीजिये—-

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**.अभ्यास का अर्थ-

अभ्यास (Practice) का अर्थ है, एक ही प्रक्रिया को बार-बार, निरंतर

दोहराना और तब तक दोहराना जब तक कि आप अपनी त्रूटियोँ को दुर न कर लेँ और

उस प्रक्रिया मेँ सफल न हो जायेँ।

जिस कार्य हेतु आप सफल होना चाहते हैँ तो उस Success के लिये Practice का

होना Most important है। आज जितनेँ भी अभिनेता (Actors), अभिनेत्री

(Actress), Singers, Writter, साहित्यकार, Scientist, बड़े-बड़े आध्यात्मिक

पुरुष, योग गुरू, तपस्वी Etc.. हुये हैँ वे कहीँ न कहीँ अपनी Success के

लिये Practice को बहूत ही ज्यादा Importance देते हैँ।

Short Meaning यह है कि सांस्सारिक क्रिया से लेकर आध्यात्मिक क्रिया तक,

शारीरिक क्रिया से लेकर मानसिक क्रिया तक, अभ्यास (Practice) जो है

प्रत्येक व्यक्ति के Life मेँ सफलता प्राप्ति के लिये बहूत ही ज्यादा काम

आती है।

**. अभ्यास का महत्व-

जब अभ्यास की बात आती है तो सबके जुबान पर एक सुत्र सामनेँ आ ही जाती है कि-

“करत-करत अभ्यास के जणमति होत सुजान,

रसरि आवत जात ही सर पर पड़त निशान।”

कहनेँ का मतलब यह है कि Practice के Through कोई मुर्ख व्यक्ति भी

महापंडित की उपाधि एक दिन प्राप्त कर ही लेता है और यदि मुर्ख लगातार

अभ्यास करता रहेगा तो जल्द ही वो बुध्दिमान बन ही जायेगा।

जिस प्रकार से रस्सी के Through कुएँ से पानी निकाला जाता है तब उस कुयेँ

मेँ रस्सी के निशान की छाप छुट ही जाती है और ये क्योँ होता है जब रस्सी

के द्वारा कुएँ से बार बार पानीँ निकालनेँ का अभ्यास किया जाता है।

.

आइन्स्टाइन जिनको आज पुरी दुनिया अणुविज्ञान के रचयिता और महान गणितज्ञ

के नाम से सराहती है, जब वो बचपन मेँ पढ़नेँ के लिये जाते थे तब उनके

Professor उनसे कहते थे कि तु सात जनम मेँ भी कभी गणित नहीँ सीख सकता, तु मुर्ख है और मुर्ख ही रहेगा।

आइन्स्टाइन को  बात लग गयी और उन्होँने उसी दिन निश्चय किया कि वो अब

गणित की Practice मेँ दिन रात एक कर देँगे।

और पुरी दुनिया जानती है कि आज उनकी ये अभ्यास ये मेहनत कितनी रंग लाई।

.

Practice के कारण ही आज सचिन तेँदुलकर को God of cricket के नाम से जाना

जाता है। ऐसा तो नहीँ है कि सचिन पहले बिना Practice किये ही Ground मेँ

अपना जादु दिखाते थे।

Mr. अमिताभ बच्चन, लता मँगेश्कर, शिव खेड़ा, Etc.. जैसे महान हस्तियाँ भी

Practice करके ही अपना Live Performance best देते हैँ।

कोई भी Motivator speaker माइक के सामनेँ Stage मेँ जाकर कुछ भी

Presentation देता है तो उसके बेहतर ढंग से बोलनेँ का Secret और कुछ नहीँ

बल्कि सिर्फ उनकी Practice है।

ऐसा नहीँ कि Dance shows मेँ हम Live Performance देखते हैँ वो Dancers

बिना अभ्यास के ही आ जाते हैँ।

एक चिड़िया उड़नेँ से पहले सौ बार से भी ज्यादा Practice करती है, बचपन मेँ

हम चलनेँ के लिये न जानेँ कितनेँ बार अभ्यास किये होँगे।

एक बच्चा छोटे छोटे अक्षर लिखनेँ का अभ्यास करते करते एक पुरा ग्रंथ

तैयार कर लेता है।

अभ्यास के द्वारा ही आज Students बड़े-बड़े Competition exams fight कर पाते हैँ। Practice के द्वारा ही आज संसार भर के लोग सफलता की सीढ़ी चढ़ रहे हैँ।

एक बात पुरी तरह से साफ है कि आप जो भी कर रहे हैँ यदि उस काम को करऩेँ के लिये आपनेँ अभ्यासित नहीँ किया है तो भले ही आप सफल हो जायेँ लेकिन आपकी उस सफलता मेँ ढेरोँ गलतियाँ होँगी, और यदि अपनी त्रुटियोँ को आपको सुधारकर सफलता पाना है तब आप अभ्यास करना शुरु करेँ जिस कार्य को लेकर आप

सफल होना चाहते हैँ।

**.प्रतिदिन अभ्यास का परिणाम-

एक बार एक ज्ञानी गाँव घुमनेँ के लिये आया।

उसनेँ देखा कि एक गाँव का साधारण व्यक्ति अपनेँ कंधे पर एक गाय के बड़े

बछड़े को लादकर तालाब की ओर ले जा रहा है।

वह ज्ञानी उसका पीछा करनेँ लगा और देखा कि गाँव वाला उस बछड़े को नहला रहा

था और पानी पिला कर अपनेँ कंधे मेँ उठा लिया और घर के लिये निकल पड़ा।

ये देखकर वो ज्ञानी उसके पास जाकर पुछने लगा कि आप इस एक आदमी जितनेँ बड़े उस बछड़े को कैसे

उठा ले रहे हैँ आपको तकलीफ या दर्द नहीँ हो रही है क्या।

उस गाँव वाले ने कहा कि भैया इस बछड़े को मैँ तब से उठा रहा हूँ जब ये बहूत छोटा था।

और मुझे तो कभी भी ये अहसास नहीँ हुआ कि ये भारी हुआ है।

वो ज्ञानी व्यक्ति समझ गया कि ये सब उस आदमी के रोज के अभ्यास का नतीजा है।

**Benefit of our practice-

.अभ्यास के Through आप अपनेँ गुरू से भी श्रेष्ठ हो सकते हैँ।

. Practice आपकी एकाग्रता को भी बढ़ायेगी।

. Practice के जरिये ही आप अपनी आदत को बनाये रख सकते हैँ।

. अभ्यास के जरिये ही आप अपनेँ गुणोँ मेँ चार चाँद लगा सकते हैँ।

. Practice आपकी Self confidence को Improve करनेँ मेँ पुरी मदद करेगा।

.

 Practice ही आपकी पहचान को आगे लानेँ मेँ मदद करेगी…

SO यदि आपको सफल होना है तो अभ्यास करना मत छोड़ेँ।

regular practice से आपको Success के लिये एक बहूत बड़ा Scop मिलेगा।

इसलिये Practice को बरकरार रखेँ और निरँतर अभ्यास करते जायेँ याद रखेँ कि

पानी जब बहती है तो बहूत ही सुंदर दिखाई देती हे लेकिन ठहरे हुये पानी से

बदबु के सिवाय कुछ भी नहीँ मिलता। इसलिये Practice करेँ।

एक चीज याद रखेँ कि हमेशा Practicle exersise पर ही ज्यादा focus करेँ

कामयाबी जरूर आपका साथ निभायेगी

धन्यवाद!

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दोस्तोँ, हमेँ पता है कि आप सभी नेँ अपनेँ जीवन मेँ कुछ बड़ा Target ही निर्धारित किया होगा, आप कुछ बड़ा ही सोँच रहे होँगे और बड़े सपनेँ ही देख रहे होँगे।
कई बार आप कोई सपना देखते हैँ, उसे पुरा करनेँ मेँ जी-जान लगा देते हैँ, उस Dream को हकीकत मेँ Convert करनेँ का पुरा प्रयास करते हैँ लेकिन आप अकेले हो जाते हैँ। दुनिया मेँ कोई भी आपके साथ खड़ा

नहीँ होता।
जब हम कुछ करनेँ के लिये, अपनेँ मंजिलोँ को पानेँ के लिये निकलते हैँ और हमारे साथ कोई नहीँ होता। तो Generally आप या हम ऐसी Condition मेँ घबरा ही जाते हैँ लेकिन हमेँ ऐसी Condition से नहीँ घबराना चाहिये Because हर बार परिस्थितियाँ हमारे अनुकुल नहीँ होँगी और हमेँ अकेले ही चाहे कैसी भी परिस्थिति हो उसका डटकर सामना करना आना चाहिये।
इस बात को आप कभी झुठला नहीँ सकते कि हर वो महान काम जो आप करना चाहते हैँ, वो सपना जो आप खुली आँखोँ से देख रहे हैँ वो सब आप खुद के बुते पर ही पा सकते हैँ और यही सच्चाई है।
कई लोगोँ के मन मस्तिष्क मेँ एक Question बार-बार उभरकर सामनेँ आता ही रहता है कि “क्या मैँ अकेले खड़ा रह सकता हूँ? और क्या दुनिया वालोँ के बातोँ या कहेँ तानोँ का सामना कर सकता हूँ?”
श्रीमान् जान गार्डनर नेँ एक बहूत ही अच्छी बात कही है कि “अकेला इंसान क्या कुछ नहीँ कर सकता। सिर्फ अकेला व्यक्ति ही सब कुछ कर सकता है।”
अगर आपके अंदर कुछ कर दिखानेँ की काबिलियत है तो आपको दुसरोँ की आलोचना से परेशान होनेँ की जरूरत नहीँ है।
अक्सर लोगोँ का कहना होता है कि वह कुछ नहीँ कर पायेगा क्योँकि उसके साथ कोई नहीँ है। लोग ऐसी बातेँ ज्यादातर सामनेँ वाले को कमतर आंककर ही कहते है, लेकिन यह सच बात नहीँ है।
क्या आप अपनेँ आपको दुसरोँ से कमतर मानते हैँ, क्या आप स्वयं पर विश्वास नहीँ करते।
जब आप अकेले सपनेँ देख सकते हैँ, अपनेँ आप पर भरोसा कर सकते हैँ तो दुसरोँ के विचारोँ मेँ अपनेँ अंदर के विचारोँ को दबनेँ क्योँ देते हैँ।
आप कभी सामनेँ वाले को अपनेँ विचार, अपनेँ सपनेँ और अपना विश्वास प्रदान नहीँ कर सकते।
आपको अपनेँ सपनेँ अपनेँ पास रखने होँगे और आपको दुनिया को साबित करना होगा कि आप अकेले के दम पर ही दुनिया को जीत सकते हैँ।
यदि आप खुद के बुते पर सफल हो जाते हैँ तो दुनिया को भी आपकी बातोँ को सुनना, समझना और अपनाना पड़ता है। आपके सफल होते ही बुराई करनेँ वाले आलोचकोँ के मुँह बिल्कुल बंद हो जाते हैँ।
आप अपनेँ घर पर दरवाजा बंद करके सोये रहेँगे तो जाहिर सी बात है कि होली पर कोई भी आपको रंग लगानेँ के लिये नहीँ आयेगा। आपको बाहर निकलना ही पड़ेगा, अपनेँ सपनोँ के दरवाजोँ को खोलना ही पड़ेगा, आपको जागना ही पड़ेगा, भीड़ से बाहर निकलना ही पड़ेगा, मुसीबत का खुद आगे बढ़कर सामना करना ही पड़ेगा।
आप दुसरोँ के अनुसरण के चक्कर मेँ, संगति मेँ अपनी असली मकसद को और अपनी राह को भूल सकते हैँ।
जाहिर सी बात है आप दुसरोँ के सपनोँ को अपना नहीँ बना सकते, इसलिये आपको अपनेँ सपनोँ पर यकीन करना ही होगा।
अपनेँ सपनोँ पर यकीन करनेँ के लिये आपको एकांत मेँ चिँतन करना चाहिये कि आपकी असली ताकत क्या है, आपका असली मकसद क्या है और आप अपनी जिँदगी मेँ क्या हासिल करना चाहते हैँ और उसे कैसे हासिल कर सकते हैँ।
और इन प्रश्नोँ का उत्तर आपको अपनेँ अंदर से ही मिल सकता है। उत्तर पानेँ के लिये आपको स्वयं के लिये समय निकालना होगा और अपनी मन की बातोँ को सुनना होगा।
इतनेँ भीड़ भाड़ के कोलाहल मेँ रहनेँ के कारण हम अपनेँ मन की आवाज को सुनना भूल चुके हैँ। आप या हम अक्सर इसी के चलते ही लोगोँ के कहे मेँ आ जाते हैँ और अपनेँ लक्ष्य को भुला देते हैँ। लेकिन अब आपको ऐसा नहीँ करना है। आपको अपनेँ रास्ते खुद ही चुनना है, बनी बनाई राह को छोड़कर खुद ही अपनी राह बनानी है।
Most important बात कि हम सब साथ-साथ हैँ लेकिन हम सब अपनेँ अपनेँ दम पर ही आगे बढ़ते हैँ। इसलिये यह बहूत जरूरी है कि दुसरोँ की ताकत या मदद के सहारे रहने के बजाय खुद ही अपनी ताकत को विकसित कीजिये।

Friends यदि आपको रोज एक लाख रूपये दे दिये जायेँ और आपसे कहा जाये कि इसको आपको आज ही खतम करना है क्योँकि Next Day फिर से आपको एक लाख रूपये मिलेँगे। तो आप ज्यादा से ज्यादा उन रूपयोँ का फायदा दिन भर मेँ उठाना चाहेँगे क्योँकि आप भले ही एक रूपये उस दिन खर्च करेँ या एक लाख, अगले दिन आपको उतनेँ रूपये दोबारा मिल जायेँगे और यह प्रक्रिया आपके जीते तक चलेगी तो यह कितना सुखद होगा।
इसी तरह ही ईश्वर नेँ हमारे जिँदगी मेँ 24 घण्टोँ का Time निर्धारित कर दिया है और भगवान नेँ हमसे कहा है कि आज भले ही हम 24 घंटोँ का फायदा उठायेँ कि नहीँ कल फिर हमारे पास उतना ही समय आ जायेगा।
इसलिये दोस्तोँ इतनेँ कीमति समय को व्यर्थ की सोँच मेँ मत गवाओँ। अपनेँ आपको पहचानोँ, मन की आवाज को दबनेँ मत दो हमेशा यह सुननेँ की कोशिश करो कि आपका मन क्या चाहता है और जिस दिन आप अकेले ही सही अपनेँ मन की आवाज को सुनकर आगे बढ़ेँगे तो थोड़ी देर ही सही पर कामयाबी जरूर मिलेगी।
.
आप खुद अपनी ताकत हैँ,
आप खुद अपना सहारा हैँ,
आप खुद ही अपनेँ विचारोँ के स्वामी हैँ।
आप खुद ही अपनेँ किस्मत के रचनाकार और आप खुद ही अपनेँ जीवन का आधार हैँ।
.

                                                                            धन्यवाद!

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कर्तव्य पर नजर https://www.hamarisafalta.com/2014/03/kartavya-par-najar.html https://www.hamarisafalta.com/2014/03/kartavya-par-najar.html?noamp=mobile#respond Mon, 03 Mar 2014 06:36:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/03/03/kartavya-par-najar/                                               कर्तव्य > सफलता आज Competition का generation है, हर जगह दौड़ लगी है। कई व्यक्ति इस दौड़ मेँ बार-बार Winner बन रहे है, बार-बार Successful हो रहे हैँ। तो कई बार-बार हार रहे हैँ, बार-बार Fail हो रहे हैँ। लेकिन एक बात तय है कि वो Winner होँ या फिर Failure लेकिन एक बात तय है कि वो […]

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                                              कर्तव्य > सफलता

आज Competition का generation है, हर जगह दौड़ लगी है। कई व्यक्ति इस दौड़

मेँ बार-बार Winner बन रहे है, बार-बार Successful हो रहे हैँ। तो कई

बार-बार हार रहे हैँ, बार-बार Fail हो रहे हैँ। लेकिन एक बात तय है कि वो

Winner होँ या फिर Failure लेकिन एक बात तय है कि वो जीतेँ या हारेँ, सफल

होँ या असफल होँ, वो उस Race का हिस्सा जरूर बन रहे हैँ। और ये

Competition तब तक चलती रहेगी जब तक कि आप अपनेँ जीत का सही मतलब न समझ

लेँ और आप तब तक इस दौड़ का हिस्सा बनेँ रहेँगे जब तक कि आप अपनीँ जिँदगी

का सही मतलब ना समझ लेँ।

मुझे पता है कि आप सब अपनी Life को Set करना चाहते हैँ, सबका का Target

अपनेँ Goal को हासिल करना ही है। और यदि Inshort words मेँ कहुँ तो आप सब

Successful बनना चाहते हैँ।

Successful बननेँ के लिए हर आदमी दिन रात एक कर दे रहा है, अपनी पूरी

मेहनत Success पानेँ के लिए झोँक दे रहा है।



एक व्यक्ति जो बचपन से ही पढ़नेँ लिखनेँ मेँ होशियार था। उसनेँ अपनेँ जीवन

मेँ एक Goal निर्धारित किया था कि वह बड़ा होकर एक Teacher बनेगा। जैसे

जैसे वो बड़ा होते गया, उसनेँ Teacher के Post के लिये परीक्षायेँ दिलाईँ

और वह Pass हो गया। अब वह एक शिक्षक के पद मेँ कार्यरत हो गया।

कुछ महीनेँ बीत गये, सब Student उस Teacher की पढ़ाई से बहूत खुश थे।

कि अचानक उस Teacher मेँ ऐसा परिवर्तन आया कि अब वो Class room जानेँ के

बजाय Staff room मेँ ही बैठा रहता।

और यदि Class जाता भी तो सिर्फ कुर्सी ही तोड़ता, और Student लोगोँ को कुछ

पढ़ाता भी नहीँ, जिसके कारण सभी Students उस Teacher को मन ही मन भला-बुरा

कहनेँ लगे।

जब भी वह शिक्षक गलियोँ मेँ चलता तो Students उसके Parents से कहते कि वो

हमारे एक फालतू Teacher जा रहे हैँ। इनको पता नहीँ कौन शिक्षक बना दिया,

कुछ तो पढ़ाते नहीँ बस सिर्फ Chair मेँ ही बैठे रहते हैँ।

वो Teacher अब students के दिलोँ से निकल चुका था।


Goal बनाना कोई बड़ी बात नही है, बल्कि अपनेँ Goal को बड़ी सोच के साथ

हासिल करना बड़ी बात है।

मैनेँ बहुत Students से पुछा कि आपका लक्ष्य क्या है, उनका जवाब था- कि

कोई Doctor, teacher, collector, police etc…

तो मैनेँ उनसे कहा कि आपकी सोच बिल्कुल सही है लेकिन अपनेँ Target को

थोड़ा सही तरीका देँ और आप ये सोचेँ कि आपको-

Doctor नहीँ बल्कि World का Best doctor बनना है।

आप उस सोँच को थोड़ा और Clear कर देँ कि आपको Cancer specialist World का

best Doctor बनना है।

Same process आपके सारे Goals मेँ कीजिये कि

आपको Teacher नहीँ World का Best physics Teacher बनना है।

सभी Goals को इस तरीके से Define कीजिये।

Goal को इस तरीके से Define करनेँ का Purpose आपके Duty के प्रति

जागरुकता को बढ़ाना।


उस कहानी का सार यही है कि सफलता प्राप्त कर लेना बड़ी बात नहीँ लेकिन

सफलता के बाद अपनेँ Duty पर गौर देना बड़ी बात है।


आज आप जो चाहते थे वो मिल गया मतलब आप अपनेँ Goal तक पहुँचकर Successful

बन गये लेकिन For example-

आपनेँ MBBS करके Doctor की Degree हासिल कर ली लेकिन पहले मरीजोँ की सेहत

को और खराब कर उनसे मोटी रकम लेना आपकी सोँच है या आप डिग्री लेकर सफल

होकर सिर्फ Income genrate कर रहे हैँ।

Inshort Doctor की Duty मरीजोँ का सेहत खराब कर Income लेना है या फिर

उनके सेहत को ठीक करना है।

आप Teacher बन गये लेकिन Students आपको सिर्फ कुर्सी तोड़नेँ वाला, फालतु

की बातेँ करनेँ वाला कहते हैँ तो आपका Teacher बनकर Successful होना और

Students को सही राह न दिखाना, Successful न होनेँ के बराबर ही है।

आप एक Police officer बन गये लेकिन सिवाय भ्रष्टाचार के आप जनता की सेवा

नहीँ कर रहे हैँ तो आप सफल होकर भी अपनी Duty को निभा रहे हैँ।


मैँ आपके सामनेँ ऐसे कितनेँ उदाहरण दे सकता हूँ जो अभी Successful तो बन

गये हैँ लेकिन उनकी Duty capacity power zero है।

तो ऐसी सफलता का होना या न होना क्या मतलब का रखती है।


.

आज घर का एक बेटा बहूत बड़े Post मे है जैसे ही वो Office से घर आता है.

तो उसकी माँ उससे कहती है कि बेटा हाथ मुँह धो लो मैँ खाना लगा देती हूँ।

बेटा गुस्से मेँ माँ को बहूत गालियाँ देता है और बहूत कुछ सुना देता है।

Generally ऐसा बहुतोँ के साथ होता है।

जो माँ बचपन से आपको पालती आ रही है उसका अनादर क्या आपको शोभा देती है।

आप चाहे कितनेँ भी बड़े Post मेँ क्योँ न होँ लेकिन एक Parents की Duty और

एक अच्छे Child की Duty सबसे पहले Importance देती है।

आप Really मेँ तब Successful होँगे जब अपनेँ Duty के प्रति सजग होँगे।

मेरी नजर मेँ वह Successful नहीँ है जो अपनेँ Goal को achieve कर लिया

है. बल्कि मेरी नजर मेँ वो Successful है जो अपनी Duty को Honestly

Follow कर रहा है।



इस Article मेँ जितनेँ examples दिये गये हैँ ये सिर्फ उन्हीँ लोगोँ के

लिये नहीँ है बल्कि हर वो इँसान के लिये है जो Successful तो हो गये हैँ

लेकिन Successful होनेँ के बाद अपनेँ Duty को अच्छे से Follow नहीँ कर

रहे हैँ।

याद रखेँ कि आपका पहला कर्तव्य अपनेँ देश के लिये है उसके बाद दुनिया के लिये।

….

भारत के Public, peon, post man से लेकर Prime minister तक मैँ सबसे ये

कहना चाहूँगा कि सबसे पहला काम है अपनी Duty को देखना, अपनेँ कर्तव्य के

प्रति सजगता लाना।

कर्तव्य को ठीक से निभाने के बाद ही आप Successful कहलायेँगे।

मेरा मानना है कि सफलता तब तक छोटी रहेगी जब तक कि आप अपनेँ Duty की तरह

न निहार लेँ।

इसीलिए अपनेँ कर्तव्य पर नजरेँ गाड़ेँ तब जाकर ही आप Successful कहलायेँगे।

आपके परिवार वालोँ को आप जैसा संतान पानेँ पर कभी ये अफसोस न होना पड़े और

ईश्वर को भी कभी आपको बनाकर पछतावा न होनेँ पाये। इसीलिये ये सब तभी संभव

होँगे जब आप अपनी Duty को Honestly निभायेँगे उसके बाद ही आप सफलक

कहलायेँगे।…..

 

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मुझे खुश रखोगे तो तुम खुश रहोगे..Inspirational Hindi Article https://www.hamarisafalta.com/2014/01/mujhe-khush-rakhoge-to-tum-khush-rahoge.html https://www.hamarisafalta.com/2014/01/mujhe-khush-rakhoge-to-tum-khush-rahoge.html?noamp=mobile#respond Tue, 21 Jan 2014 06:09:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/01/21/mujhe-khush-rakhoge-to-tum-khush-rahoge/   दोस्तोँ 19 जनवरी को ज्योँ ही News paper पढ़ा, तो उसमेँ मैनेँ अपनेँ गुरू डॉ. उज्जवल पाटनी जी का एक लेख वहाँ पाया। मैँने जब उनके लेख को पढ़ा तो मेरे मन मेँ अजीब सी हलचल हूई और उतनेँ Time मैँ बहुत ही ज्यादा Emotional हो गया था। Friends आज डॉ. पाटनी जी के इस छोटे से लेख को आप जरूर पढ़ेँ। क्योँकि इस लेख को पढ़ते ही आपकी सोँच मेँ बहूत Changes आयेँगी। So आपका Time waste न करते […]

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दोस्तोँ 19 जनवरी को ज्योँ ही News paper पढ़ा, तो उसमेँ मैनेँ अपनेँ गुरू डॉ. उज्जवल पाटनी जी का एक लेख वहाँ पाया। मैँने जब उनके लेख को पढ़ा तो मेरे मन मेँ अजीब सी हलचल हूई और उतनेँ Time मैँ बहुत ही ज्यादा Emotional हो गया था।

Friends आज डॉ. पाटनी जी के इस छोटे से लेख को आप जरूर पढ़ेँ। क्योँकि इस लेख को पढ़ते ही आपकी सोँच मेँ बहूत Changes आयेँगी। So आपका Time waste न करते हुये, पढ़ते हैँ मेरे गुरूजी डा पाटनी जी के इस बेहतरीन लेख को।

प्रिय मनुष्य,

मैँने तुम्हेँ धरती पर भेजा है तो यह मेरी Responsibility है कि तुम्हेँ हर पल सुखी रखुँ। मेरी जिम्मेदारी है कि तुम्हारा परिवार स्वस्थ हो, हंसी-खुशी साथ रहेँ और आपस मेँ बहुत सारा प्रेम हो।

मैँ दो रूपोँ मेँ तुम्हारे साथ हमेशा रहता हूँ। मेरा पहला रूप है, तुम्हारे बिल्कुल पास रहनेँ वाले तुम्हारे बुढ़े माता-पिता। मेरा दुसरा रूप है, दुनिया के लाखोँ करोड़ोँ नन्हेँ बच्चे जिनमेँ तुम्हारी संतानेँ भी शामिल हैँ।

तुम तो जानते हो कि मेरे आशिर्वाद मेँ बहुत ताकत है। मैँ तुम्हारे माता-पिता के रूप मेँ तुम्हेँ आशिर्वाद देनेँ का मौका हर पल ताकता रहता हूँ, लेकिन तुम्हारे पास मेरे लिये वक्त ही नहीँ होता। मैँ तुम्हेँ जिंदगी की तकलीफोँ से जीतनेँ के लिये कुछ रास्ते सुझाना चाहता हूँ, लेकिन तुम मेरे सुझावोँ को पुरानेँ जमानेँ का मानकर मुझे सुनना ही नहीँ चाहते। मैँ हमेशा चाहता हूँ कि अपनी सारी शक्ति तुममेँ उड़ेल दूँ। पहले जब तुम माता-पिता के पैर दबाते थे या उनके पैर छुते थे तब मैँ यह आशिर्वाद तुम पर उड़ेल देता था। अब तुम्हारे पास वक्त ही नहीँ होता है। पैर छुनेँ की जगह अब दुर से ही ‘हाय’ बोलकर निकल जाते हो।

कई बार सोँचता हूँ कि माता-पिता के रूप मेँ तुम्हारे कमरे मेँ घुसूं लेकिन इंटरनेट, फेसबुक या चैटिँग के बीच मेँ कहीँ तुम्हेँ Disturb ना कर बैठूं, यह सोँचकर झिझकता हूँ। तुम जब बाहर नौकरी पर होते हो तो हफ्तोँ तुमसे बात नहीँ होती।

तुम्हारा मनीआर्डर आता है तो आँख से आंसु टपक जाते हैँ, क्योँकि तुम्हारी जगह तुम्हारा मनीआर्डर कैसे ले सकता है। मन बस यही कहता था कि दो लाइन तुम फोन से बतिया लो या दो-चार महीनेँ मेँ वक्त निकालकर आ जाओ तो जीनेँ का आनंद आ जाए।

फिर सोँचता हूँ कि तुम उन संतानोँ से तो अच्छे हो जो अपनेँ माता-पिता का तिरस्कार करते हैँ या उन्हेँ व्रिध्दाश्रम मेँ छोड़ देते हैँ। आज तुम्हेँ बताना चाहता हूँ कि मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, चर्च सब जगह मेरा निर्जीव स्वरूप है। मेरा जीवित स्वरूप तुम्हारे घर मेँ तुम्हारे माता-पिता हैँ। उनकी जिंदगी मेँ खुशियाँ भर दो, मैँ तुम्हारी झोली मेँ काशी, मथुरा, मक्का, मदीना सबका पुण्य लाकर डाल दुँगा।

मुझे खुश रखनेँ का एक और तरीका है। मुझे खुश करना है तो अपनेँ आस-पास के हर बच्चे को खुश रखो।

मुश्किल और कमी मेँ पड़े नन्हेँ बच्चोँ की तकलीफ दुर करो और आंसु पोँछो। जब भी ऐसे बच्चे देखकर तुम्हेँ मुस्कुरायेँ तो समझना कि मैँ मुस्कुरा रहा हूँ। ये कैसी विडंबना है कि अपनेँ बच्चे की आंख मेँ कतरा आंसु भी नहीँ देख सकते और दूसरे नन्हेँ बच्चोँ से ढेर सारा काम कराते हुये लोगोँ की आत्मा नहीँ कलपती।

भाग्य की चिंता मत करो क्योँकि मैँ ही भाग्यविधाता हूँ। तुम मुझे जितना खुश करोगे, मैँ तुम्हारे भाग्य मेँ उतनी ही खुशियाँ डालता चला जाऊंगा। यकीन न हो तो आजमा कर देख लो।

                                                                                                                             तुम्हारा दोस्त

                                                                                                                                    ईश्वर


Friends इस Article से हमेँ एक बहूत अच्छी बात और भी सीखनेँ को मिलती है कि भगवान सचमुच प्रार्थना से खुश नहीँ बल्कि प्रेम से खुश होते हैँ।

सफल होनेँ का मतलब यह नहीँ कि आप अपनी उन जिम्मेदारियोँ को ही भुल जायेँ जो आपके माता पिता के प्रति आपकी हैँ।

इंसानियत का भाव आदमी के अंदर हमेशा जिँदा रहना चाहिये, चाहे वो कितनेँ बड़े मुकाम पर भी क्योँ न पहूँच गया हो।

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B.M.D. बोझ मत डालेँ Inspiring Hindi Article https://www.hamarisafalta.com/2014/01/bmd-our-best-theory.html https://www.hamarisafalta.com/2014/01/bmd-our-best-theory.html?noamp=mobile#respond Fri, 17 Jan 2014 04:23:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/01/17/bmd-our-best-theory/ Hello Friends, आज का Generation पुरी तरह से Competition पर Based है, और इसके कारण कोई भी ऐसा आदमी नहीँ होगा जिसके अंदर तनाव न हो। आप चाहे कितनी भी बड़ी पोस्ट पर क्योँ न होँ, कितनेँ भी बड़े आदमी क्योँ न होँ लेकिन कहीँ न कहीँ कोई एक छोटा सा तनाव जरूर होगा। Friends आज हमारा Topic एक ऐसे Theory पर Based है जिसको अपनाकर आप अपनी Success मेँ आनेँ वाली उन छोटी छोटी बाधाओँ को जीत सकते हैँ […]

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Hello Friends,

आज का Generation पुरी तरह से Competition पर Based है, और इसके कारण कोई भी ऐसा आदमी नहीँ होगा जिसके अंदर तनाव न हो। आप चाहे कितनी भी बड़ी पोस्ट पर क्योँ न होँ, कितनेँ भी बड़े आदमी क्योँ न होँ लेकिन कहीँ न कहीँ कोई एक छोटा सा तनाव जरूर होगा।

Friends आज हमारा Topic एक ऐसे Theory पर Based है जिसको अपनाकर आप अपनी Success मेँ आनेँ वाली उन छोटी छोटी बाधाओँ को जीत सकते हैँ जो आपको Dipration मेँ ले जाते हैँ।

So Friends आज हम आपके लिये B.M.D. का सिध्दांत लेकर आये हैँ। आप सोँच रहे होँगे कि BMD क्या है। BMD means “बोझ मत डालेँ।”

(1.) आपनेँ अपनेँ Sir को Email किया, उन्होँने कोई Reply नहीँ दिया। आपनेँ मन पर बोझ डाल दिया।

(2.) दोस्त बाहर पढ़नेँ चले गये और आपको बताया नहीँ। आपनेँ मन मेँ बोझ ले लिया।

(3.) आप T.V. देख रहे थे, भैया नेँ Channel बदल दिया, आपनेँ दिमाग मेँ बोझ ले लिया।

(4.) आपके Friends नेँ Party मेँ आपको नहीँ बुलाया। आपनेँ दिमाग मेँ बोझ डाल दिया।

(5.) आपको Birthday मेँ कोई Gift नहीँ मिला आपनेँ बोझ ले लिया।

(6.) आपनेँ Toothpaste मांगा लेकिन गलती से मम्मी नेँ Face wash दे दिया, आपनेँ दिमाग मेँ बोझ ले लिया।

(7.) Office मेँ Computer ठीक से काम नहीँ कर रहा था, आपनेँ मन मेँ बोझ ले लिया।

(8.) आप College देर से पहुँचे, Professor नेँ थोड़ी सुना दी। आपनेँ मन मेँ बोझ ले लिया।

(9.) पत्नी नेँ नई साड़ी/सलवार खरीदी लेकिन आपको नहीँ बताया।

आपनेँ मन मेँ बोझ ले लिया।

(10.) आपनेँ अपनेँ Friend को Facebook पर Friend request भेजा, उसनेँ Accept नहीँ किया। आपनेँ दिमाग मेँ बोझ ले लिया।

(11.) खानेँ मेँ नमक कम थी, आपनेँ बोझ ले लिया।

(12.) आपकी Shirt प्रेस नहीँ थी। आपनेँ बोझ ले लिया।

(13.) आपनेँ Call किया लेकिन किसी नेँ फोन नहीँ उठाया। आपनेँ बोझ ले लिया।

(14.) आपको किसी नेँ मोटा/पतला बोल दिया। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(15.) आपने लिप्ट माँगा लेकिन नहीँ मिला। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(16.) आपनेँ Meeting रखी लेकिन कोई Time पर नहीँ पहुँचा। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(17.) आपनेँ Sir को प्रणाम बोला लेकिन कोई Responce न मिला। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(18.) शाम को खाना कम पड़ गया। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(19.) Annual function मेँ बुलाया लेकिन आगे Seat नहीँ मिली। आपनेँ दिमाग पर बोझ डाल दिया।

(20.) आपके Joke पर कोई नहीँ हँसे, आपनेँ मन पर बोझ ले लिया।

(21.) आपकी पति/पत्नि नेँ गाना नहीँ सुनाया। आपनेँ मन पर बोझ ले लिया

😡

Friends ऊपर लिखे बातेँ और इससे जुड़ी हजार बातेँ लगभग हर एक इंसान के साथ तो होती ही हैँ। और ऐसी घटनाये ही आगे चलकर तनाव मेँ Convert होती हैँ। यदि आदमी ऐसे छोटे छोटे बातोँ पर बोझ डालकर गुस्सा करनेँ लग जाये तो हमेशा वो तनाव की स्थिति मेँ ही बना रहेगा।

और ऐसा आज हर घर, हर परिवार मेँ देखनेँ को मिलता है। आज आदमी न चाहकर भी इसी छोटी छोटी बातोँ को लेकर तनाव मेँ ही रहता है। और यदि इसको जल्दी खत्म नहीँ किया गया तो ये एक दिन आदत मेँ अपना रूप Divert कर देती है।

इसलिये इस छोटी सी Problem को यदि बड़ा नहीँ करना है तो “बोझ मत डालेँ” (BMD) सिध्दांत को आज ही अपनेँ Life मेँ Set कीजियेगा।

Friends “जो हो गया सो हो गया. जो बीत गया सो बीत गया”, So अब आपको छोटी छोटी बातोँ को मन मेँ लादकर उबलते नहीँ रहना है। गुस्सा करके अपना Health खराब नहीँ करना है। यदि आप वाकई मेँ सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैँ और अपना संयम खोना नहीँ चाहते। तो आप अपनेँ Mind मेँ बोझ मत डालेँ। BMD theory को अपनेँ Life मेँ Use करते ही आप समझ जायेँगे कि सचमुच आपके तनाव घट रहे हैँ, और आप स्वयं को पहले से बहुत ही Better Feel करेँगे। आपको बहुत ही हल्का महसुस होगा।

इस Article को पढ़नेँ के बाद आप स्वयं से ये Promise जरूर कीजियेगा कि छोटी छोटी बातोँ पर गुस्सा करके स्वास्थ्य खराब करनेँ के बजाये अब से बोझ मत डालेँ (BMD) सिध्दांत का पालन कर अपनेँ तनाव को कम करेँगे। कुछ भी हो लेकिन दिमाग पर बोझ नहीँ डालना है।

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संगति Best Inspiring Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2014/01/sangati.html https://www.hamarisafalta.com/2014/01/sangati.html?noamp=mobile#respond Tue, 14 Jan 2014 11:30:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/01/14/sangati/ Hello दोस्तोँ, आशा है आप सब ठीक होँगे। आज इस Article मेँ हम ‘संगति’ के Topic पर थोड़ी चर्चा करेँगे And इस पोस्ट को पढ़नेँ के बाद आप स्वयं समझ जायेँगे कि कौन हैँ जो आपकी सफलता मेँ बाधक बनकर खड़े हैँ। और कौन हैँ जो आपको सही रास्ता दिखा सकते हैँ, So lets start.. Friends इस Life मेँ सफल होनेँ के लिये ये बात बहुत ही ज्यादा मायनेँ रखती है कि आपकी संगति कैसी है Means आप कैसे लोगोँ के साथ […]

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Hello दोस्तोँ, आशा है आप सब ठीक होँगे।

आज इस Article मेँ हम ‘संगति’ के Topic पर थोड़ी चर्चा करेँगे And इस पोस्ट को पढ़नेँ के बाद आप स्वयं समझ जायेँगे कि कौन हैँ जो आपकी सफलता मेँ बाधक बनकर खड़े हैँ। और कौन हैँ जो आपको सही रास्ता दिखा सकते हैँ, So lets start..

Friends इस Life मेँ सफल होनेँ के लिये ये बात बहुत ही ज्यादा मायनेँ रखती है कि आपकी संगति कैसी है Means आप कैसे लोगोँ के साथ रहते हैँ, किनके साथ घुमते-फिरते हैँ। हम या आप अपनेँ मम्मी-पापा, भाई-बहन को अपनीँ मर्जी के मुताबिक नहीँ चुन सकते, But इस Life मेँ आपके Friends कैसे हैँ, कौन हैँ? इसको Choose आप ही करते हैँ, चाहकर या न चाहकर भी।

आज हमनेँ कई व्यक्तियोँ के मुँह से एक बात सुनी है कि हम संगति के चलते ही इतनेँ बड़े मुकाम तक पहूँचे हैँ। और कई लोगोँ से ये बातेँ भी सुननेँ मेँ आईँ हैँ कि आज संगति के चलते ही हम सफल नहीँ हो पाये, असफल हो गये।

और इन नतीजोँ पर यदि गौर किया जाये तो एक बात पुरी तरह से साफ है कि आपके सफल और असफल होनेँ मेँ कहीँ न कहीँ संगति का विशेष स्थान जरूर होता है। इंसान जिन लोगोँ के साथ रहता है, धीरे-धीरे

उसके अंदर न चाहकर भी वैसे ही गुण पैदा हो जाते हैँ, चाहे वो गुण अच्छे होँ या बुरे।

कई लोग तो ऐसी बातेँ भी करते हैँ कि हमारा विश्वास इतना मजबुत है जिससे यदि हमारी संगति गलत भी हो पर उनके बुरे गुण हममेँ नहीँ आयेँगे, और वो सोँचते हैँ कि भले ही साथी बुरे होँ लेकिन अपना आचरण तो श्रेष्ठ ही बना रहेगा।

दोस्तोँ मुझे नहीँ लगता कि आप भी ऐसा सोँचते होँगे लेकिन यदि आप ऐसा सोँच रहे हैँ तो हमेँ लगता है कि आपकी सफलता की गाड़ी एकदम Slow ही चलेगी या हो सकता है कि गाड़ी रास्ते मेँ ही बंद पड़ जाये।

बहूत से किताबोँ मेँ आपनेँ पढ़ा ही होगा कि अच्छे आचरण और अच्छे स्वभाव वाले व्यक्ति पर गलत संगत का कोई Effect नहीँ पड़ता But हमेँ लगता है ये बातेँ शायद पुर्णत: सही नहीँ हैँ क्योँकि अच्छे आचरण भले हि आप मेँ होँ लेकिन बुरी संगति के चलते आपको पछताना पड़ सकता है।

यदि आपकी संगति बुरी है तो आप भी बुरी नजर से ही देखे जा सकते हैँ। किसी का मित्र चोर होगा तो भले ही उसनेँ चोरी न की हो But Future मेँ उस पर भी Doubt जरूर किया जायेगा। संगति का इंसान पर बहूत गहरा प्रभाव पड़ता है, यदि आप Positive thinking वाले हैँ लेकिन आपके Friend, Negative सोँच रखनेँ वाले हैँ, तो आगे चलकर आप भी धीरे धीर Negative सोँच रखनेँ वाले बन जायेँगे। यदि आपके दोस्त निराशावादी हैँ तो कल आप भी इसका शिकार हो सकते हैँ।

Friends, यदि आपको पंजाब जाना है तो आप पंजाब जानेँ वाले साथियोँ के साथ ही ट्रेन मेँ बैठेँगे तभी आप पंजाब पहूँचेँगे न कि उड़ीसा जानेँ वाले ट्रेन के साथियोँ के साथ जायेँगे। ठीक उसी प्रकार यदि आप अपनेँ मंजिलोँ को पाना चाहते हैँ, तो आपको उन लोगोँ का साथ चुनना होगा जो आपको अपनी मंजिलोँ को पहूँचानेँ मेँ आपकी मदद करेँ, आपका साथ देँ।

Friends यदि आपको अपनेँ मुकाम, अपनेँ मंजिल तक पहूँचना है तो इन साथियोँ का पुरी तरह से साथ छोड़ना होगा-

(1.) जो आपके Positive thinking को Negative feel करानेँ मेँ ही लगे रहते हैँ।
(2.) जो आपकी गलत आदतोँ पर टोकनेँ की बजाय उल्टा सराहना करते हैँ।
(3.) जो खुद गलत काम करते हैँ, साथ ही इस कार्य मेँ आपकी सहयोग भी मांगते हैँ।
(4.) जो अपनेँ मम्मी-पापा को Respect नहीँ देते, उनका अनादर करते हैँ।
(5.) जो दुसरोँ के बारे मेँ गलत बातेँ करते हैँ, अफवाहेँ फैलाते है और पीठ पीछे बुराई करते हैँ।
(6.) जो दुसरोँ को धोखा देते हैँ और आपसे वफादारी के वादे करते हैँ।
(7.) जो खुद तो बड़ा नहीँ सोँचते और आपकी बड़ी सोँच का मजाक उड़ाते हैँ।
(8.) जिसके लिये इंसानियत, संबंधोँ को कोई Value नहीँ, बल्कि जो सिर्फ पैसोँ को ही Value देता हो।
(9.) जो दुसरोँ की बातेँ कभी न सुनता हो बस अपनी मन मर्जी ही करे।
(10.) जो बार-बार बीते पुरानी गलतियोँ को दुहराकर आपको कमजोर बनाये।
(11.) जो जीवन मेँ अच्छी बात तो सोँचते नहीँ उल्टा अपशब्दोँ का प्रयोग करते रहते हैँ।
(12.) जो आवश्यकता के समय आपकी सही कार्य मेँ मदद करनेँ के बजाय पीठ दिखाकर भाग जाये।

Friends ऊपर बताए गये लोग किसी भी प्रकार के संबंध बनानेँ लायक नहीँ हैँ, आप एक Society मेँ रहनेँ वाले आम लोग ही हैँ न कि संत। यदि संत जैसे महान हैँ तो आप ऐसे लोगोँ को बदलनेँ की कोशिश कर सकते हैँ नहीँ तो इनको छोड़ना या इनसे दुरी बनाना ही बेहतर होगा।

यदि आपको सफल होना है तो ऐसे लोगोँ का चुनाव करना चाहिये जिन्होँने Life मेँ कुछ बड़ा Achieve किया है, जो आपको Success के बारे मेँ कुछ सिखा सकेँ। आप उन लोगोँ के साथ रहिये, उनसे संपर्क बनाइये जो आपको एक अच्छा और सफल इंसान बनानेँ के गुण आपसे Share करेँ। ऐसे लोगोँ से Contact रखेँ जो आपकी हौसला बढ़ायेँ, और आपको सही रास्ता बतायेँ। जीवन मेँ आगे बढ़नेँ के लिये एक Guidelines की जरूरत होती ही है So ऐसे Friends बनायेँ जो टांग खीँचनेँ की बजाय आपकी मदद करेँ न कि केँकड़ा की तरह बनेँ।

Friends यदि आपको अभी तक ऐसे लोगोँ से परिचय नहीँ हुआ जो आपको सही रास्ता बतायेँ तो आप रूकिये मत, घर मेँ बैठकर अवसर का Wait करनेँ के बजाय अपनेँ लक्ष्य की तरफ फोकस कीजिये, आपको कहाँ जाना है इस बारे मेँ Decide करिये And आपको मंजिल तक पहुँचानेँ मेँ कौन Guide कर सकता है उन्हेँ ढुंढिये, परिचय बनाइये क्योँकि किसी को अपनेँ लक्ष्य के बारे मेँ बताकर सुझाव माँगना, किसी की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाना, अपनी कोई समस्या बताना कोई शर्मिँदगी की बात नहीँ है। हजार लोगोँ मेँ कोई एक ही होगा जो आपकी मदद न करे या आपको कोई सुझाव न दे।

Friends अब आपकी Responsibility है कि आप कैसे लोगोँ के साथ रहना पसंद करेँगे।

जिन लोगोँ से आप दुर रहना चाहते हैँ, जो आपकी सफलता मेँ बाधा बन रहे हैँ उनका एक गंभीरतापुर्वक सोँचकर List बनाइये और जो Possible हैँ उन्हेँ छोड़नेँ की कोशिश कीजिये या उनसे सिर्फ काम से काम रखिये। And जो Successful बन चुके हैँ Positive thinking वाले हैँ, जो आपको सही दिशा के बारे मेँ बता सकेँ। उनसे जल्दी से जल्दी Friendship कीजिये और अच्छे संगति Choose करके अपनेँ आपको भी सफल बनाइये।

इस सिध्दांत को अपनाये कि “संगति वो है जो आपकी और दुसरोँ के सफलता की गति को बढ़ाए न कि गति को कम करे।”

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आत्मविश्वास Best Motivational Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2014/01/self-confidence.html https://www.hamarisafalta.com/2014/01/self-confidence.html?noamp=mobile#respond Sun, 12 Jan 2014 04:07:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/01/12/self-confidence/ Hello दोस्तोँ, आशा है आप सब ठीक होँगे। आज हमारा Topic आत्मविश्वास पर Based है। आज इस Post मेँ हम Self-Confidence के बारे मेँ थोड़ी चर्चा करेँगे। Friends, Successful बननेँ के लिये जो चीज सबसे ज्यादा जरूरी होती है वो है हमारा आत्मविश्वास। First thing आत्मविश्वास क्या है? ये प्रश्न बहुतोँ के मन मेँ उठ रहा होगा। आत्मविश्वास दो Main words आत्म और विश्वास से मिलकर बना है। आत्म Means स्वयं और विश्वास Means भरोसा। कहनेँ का सीधा मतलब आत्मविश्वास, हमारा, हमारे स्वयं […]

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Hello दोस्तोँ, आशा है आप सब ठीक होँगे।

आज हमारा Topic आत्मविश्वास पर Based है। आज इस Post मेँ हम Self-Confidence के बारे मेँ थोड़ी चर्चा करेँगे।

Friends, Successful बननेँ के लिये जो चीज सबसे ज्यादा जरूरी होती है वो है हमारा आत्मविश्वास।

First thing आत्मविश्वास क्या है? ये प्रश्न बहुतोँ के मन मेँ उठ रहा होगा।

आत्मविश्वास दो Main words आत्म और विश्वास से मिलकर बना है। आत्म Means स्वयं और विश्वास Means भरोसा। कहनेँ का सीधा मतलब आत्मविश्वास, हमारा, हमारे स्वयं पर होनेँ वाला पुरा भरोसा या विश्वास है।

आज एक आदमी शारीरिक व मानसिक दोनोँ रूप से अस्वस्थ होते हुये भी सफलता के रजिस्टर  मेँ अपना नाम दर्ज कर देता है और इसका Main Reason आत्मविश्वास ही होता है। Self confidence के चलते ही आज बड़े बड़े Leader महान कार्य करते हैँ। लिँकन जिनको पुरी दुनिया सलाम करती है 15 बार चुनाव हारनेँ के बाद राष्ट्रपति बनेँ और उनके सफलता का Secret और कुछ नहीँ सिर्फ आत्मविश्वास ही था। अपनेँ ऊपर विश्वास के चलते ही आज दिल्ली के वर्तमान C.M. Mr. अरविँद केजरीवाल मुख्यमंत्री बनेँ क्योँकि उन्हेँ पुरा विश्वास था कि वो C.M. जरूर बनेँगे

और देश को पुरा बदल देँगे। And आज पुरी दुनिया उनके काम को सराह रही है, उनके सफलता का Secret और कुछ नहीँ बल्कि सिर्फ Self confidence ही है।

इसमेँ कोई Doubt वाली बात नहीँ है कि सफलता पानेँ पर जिसे विश्वास होता है उसे सफलता जरूर मिलती है।

आत्मविश्वास वो शक्ति है जिससे सफलता की ऐसी गाथा लिखी जा सकती है जो अब तक नहीँ लिखी गई।

आत्मसंशय (Self-doubt)

Means अपनेँ आप पर, स्वयं पर शक करना, संदेह करना। आज एक शारीरिक व मानसिक रूप से Healthy व्यक्ति भी अपनेँ आप पर Doubt करके, अपनेँ आत्मविश्वास की कमी के कारण Success के रजिस्टर मेँ अपना नाम दर्ज करवानेँ से चुक जाता है। आज इसी आत्मसंशय की वजह से बहुत लोगोँ के जुबान पर एक बात सुननेँ मेँ आती है कि हमसे ये नहीँ होगा, हम नहीँ कर पायेँगे।

और अपनेँ इस स्वयं पर शक के कारण ही लोगोँ को सफलता नहीँ मिल पाती और Self doubt की वजह से ही असफल हो जाते हैँ। इसलिये दोस्तोँ इस Article को पढ़नेँ के बाद आप इस एक वाक्य “मुझसे ये नहीँ होगा, मैँ नहीँ कर सकता।” इसको अपनी Dictonary से निकाल ही दीजिये यही उचित है और इसके जगह मेँ एक नया वाक्य Use मेँ लाइये कि “मैँ जरूर कर सकता हूँ। कोई दुसरा कर सकता है, सफल हो सकता है तो मैँ क्योँ नहीँ हो सकता।”

आज ही अपनेँ अंदर के सोये हुये विश्वास को जगायेँ। मैँ नीचे कुछ बातेँ आपके सामनेँ रखुँगा जिसको पढ़नेँ के बाद आप मेँ बहूत Changes आयेँगी।


आत्मविश्वास और आत्मसंशय दोनोँ भाई हैँ लेकिन दोनोँ मेँ जमीन आसमान का अंतर है। कैसे देखिये-

(1.) आत्मविश्वास से सफलता आपके हाथ थामेगी और आत्मसंशय से सिर्फ असफलता आपके हाथ लगेगी।
(2.)
आत्मविश्वास से आप जो कुछ करना चाहते हैँ कर पायेँगे लेकिन आत्मसंशय से आप बस हाथ मलते रह जायेँगे।
(3.)
आत्मविश्वास से जीतनेँ का जुनुन पैदा होगा और आत्मसंदेह से हारनेँ का डर।
(4.)
आत्मविश्वास से आप अपनेँ मुँह से हमेशा I CAN शब्द को उपयोग मेँ लायेँगे और आत्मसंशय से आप I Can’t शब्द का Use करेँगे।
(5.)
आत्मविश्वास से आपकी सफलता मेँ आनेँ वाली बाधायेँ हटेँगी और आत्मसंशय से सफलताओँ मेँ बाधायेँ Create होँगी।
(6.)
आत्मसंशय से निराशा हाथ लगेगी और आत्मविश्वास से निराशा कोसोँ दुर रहेगी।
(7.)
आत्मविश्वास से आप चलते जायेँगे रूकेँगे नहीँ लेकिन आत्मसंशय से आप कदम बढ़ाकर पीछे हट जायेँगे या कदम तो बढ़ेँगे लेकिन पीछे की ओर।
(8.)
आत्मविश्वास से उत्साह पैदा होगा और आत्मसंशय से आप निरोत्साहित, हतोत्साहित होँगे।
(9.)
आत्मविश्वास से अपनेँ अंदर प्रसन्नता खुशी पैदा होगी, वहीँ आत्मसंशय से आप टुटनेँ लगेँगे, मुर्झा जायेँगे।
(10.)
आत्मविश्वास से Impossible को भी Possible कर पायेँगे लेकिन आत्मसंशय से Possible भी Impossible हो जायेगा।

Friends इन Points को पढ़नेँ के बाद चुनाव आपका है कि आप अपनेँ ऊपर विश्वास करके Successful बनेँगे कि अपनेँ ऊपर Doubt करके असफलता का दामन थामेँगे।

दोस्तोँ आत्मविश्वास को बरकरार रखेँ क्योँ इससे भले ही सफलता देरी मिले लेकिन इतना यकीन से कहता हूँ कि आप असफल तो नहीँ होँगे।

Self confidence को कमजोर होनेँ मत देँ क्योँकि यही आपको चुनौतियोँ से जुझनेँ की हिम्मत देगा आपको सफल बनायेगा। कोई आप पर विश्वास करे या न करे आप अपनेँ आप पर विश्वास करेँ कि हाँ मैँ जरूर सफल होऊँगा और मैँ अपनेँ Confidence को टुटनेँ नहीँ दुँगा।

इस सिध्दांत को अपनायेँ कि

आत्मविश्वास हमारी वो ताकत, वो शक्ति है जिससे पुरी दुनिया को जीता जा सकता है।”
..

आज स्वामी विवेकानंद जी का जन्मोत्सव दिवस है और युवा दिवस भी है उनके जन्मदिवस के अवसर पर स्वामी जी के एक बात को सभी युवाओँ से कहना चाहूँगा कि-

“Everything is Easy when we are Busy..
and Nothing is Easy when we are Lazy..”

दुनिया मेँ हर चीज आसान है, हर चीज संभव है लेकिन कब जब इंसान अपनेँ आप पर, स्वयं पर विश्वास करके उस काम मेँ व्यस्त हो जिसको करके वो सफलता पाना चाहता है और दुनिया मेँ कुछ भी संभव नहीँ जब इंसान हार मानकर बैठ जाये, और उठे नहीँ, निराश होकर आलसी बन जाये।
….So friends
आज उनके जन्मदिवस पर आप अपनेँ आपसे ये प्रोमिस करेँ कि आप ऊपर बताये इस कथन का पालन करेँगे और कभी हार नहीँ मानेँगे और डटे रहेँगे।


स्वामी जी के Article पढ़नेँ के लिये आप AKC पर जरूर Visit कीजियेगा। आपको विवेकानंद जी के Best quote (कथन), लेख वहाँ पर मिल जायेंगे।

इस Article को लिखनेँ मेँ रजनी जी नेँ मेरी बहुत मदद की है मैँ उनको धन्यवाद देना चाहूँगा साथ ही मैँ मेरी प्यारी माँ को भी धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होँनेँ मुझे Success के First Topic आत्मविश्वास के बारे मेँ लिखनेँ के लिये कहा और हमेशा मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया।
Thanks
माँ।

—-आत्मविश्वास बढ़ाने के 5 आसान तरीके Self-confidence Hindi Article—-

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सफलता की परिभाषा Motivational Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2014/01/defination-of-success-in-hindi.html https://www.hamarisafalta.com/2014/01/defination-of-success-in-hindi.html?noamp=mobile#respond Fri, 10 Jan 2014 07:19:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/01/10/defination-of-success-in-hindi/ Hello Friends, Hope You are Fine.. I think आप सभी को मेरा First article ‘2014 के 14 Special वादे‘ जरूर पसंद आयी होगी। आज हम इस Post मेँ Success के कुछ Definition देखेँगे, जो आप सभी के लिये बहूत ही Helpful साबित होँगी। हमारे Site का Main purpose आपको एक बेहतर और सफल इंसान बनाना है, आपको सफलता की सीढ़ी चढ़ाना है। So first thing हमेँ ये जानना जरूरी है कि सफलता क्या है, और हम अपनेँ Life को किस Unit के Through […]

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Hello Friends, Hope You are Fine..

I think आप सभी को मेरा First article 2014 के 14 Special वादे जरूर पसंद आयी होगी। आज हम इस Post मेँ Success के कुछ Definition देखेँगे, जो आप सभी के लिये बहूत ही Helpful साबित होँगी।

हमारे Site का Main purpose आपको एक बेहतर और सफल इंसान बनाना है, आपको सफलता की सीढ़ी चढ़ाना है। So first thing हमेँ ये जानना जरूरी है कि सफलता क्या है, और हम अपनेँ Life को किस Unit के Through सफल मान सकते हैँ? कुछ दिन पहले मैँ English grammar पढ़ रहा था And starting मेँ मैँने Words को थोड़ा देखा और मैनेँ एक अच्छी बात ये पाई कि कोई भी शब्द(Word), कई अक्षरोँ (Letters) से मिलकर बना होता है and बहूतोँ के सभी Letters एक नया Meaning जरूर Generate करते हैँ। For example- COMPUTER.

computer आठ Letters से मिलकर बना है और सभी Letter एक नया Meaning create करते हैँ। उसी Type से हमनेँ सफलता के लिये भी कुछ Meaning create किये हैँ जो आपको जरूर पसंद आयेगी।

‘सफलता’ चार Letters से मिलकर बनी है।

‘स’ means ‘सोँच।’
‘फ’ means ‘फैसला।’
‘ल’ means ‘लक्ष्य।’
‘ता’ means ‘तालीम।’

(1.) हमारे सोँचने का नजरिया ही हमारी सफलता को तय करता है।

(2.) आज हम जो हैँ, कल हम जो भी होँगे हमारे फैसले के चलते होँगे, So

हमारे फैसला करनेँ का तरीका ही हमारी सफलता तय करती है।

(3.) इस नियम को अपने Success के लिये अपनाना कि ‘लक्ष्य बिना, मंजिल

सूना।’ और हर दिन अपनेँ Goal को अपनेँ सामनेँ रखना Means उसके बारे मेँ

सोँचते सोँचते ही मेहनत करना। क्योँकि आगे चलकर आपका लक्ष्य ही आपको सही

दिशा तक पहुँचाती है और सफलता तय कराती है।

(4.) तालीम Means एक नई शिक्षा जो आपको Successful लोगोँ से लेनी है, और

उनके गुणोँ को अपनाना है। अपनी गलतियोँ, बुरी आदतोँ से शिक्षा

लेनी है और उन्हेँ Repeat न करके अपनेँ तालीम के Through सफलता तय करनी

है।

.

तो दोस्तोँ सफलता के चारोँ Letters के मतलब जाननेँ के बाद हम उसे इस

प्रकार Define कर सकते हैँ कि “हमेँ सफलता हमारी सोँच, हमारे फैसले,
हमारे लक्ष्य और एक नई तालीम के संयोग से मिलती है।”

सफलता की कुछ परिभाषा-

(1.) अपनेँ मुल्यवान लक्ष्य की निरंतर प्राप्ति का नाम ही सफलता है।

-(अर्ल नाइटिँगैल)

(2.) सफलता एक तरह का खुशनुमा एहसास है जो कि प्रेरणा, इच्छा, निराशा और

परिश्रम का परिणाम है।

(3.) सफलता Means सिर्फ असफल होना नहीँ, बल्कि सफलता का Real meaning

अपनेँ असली मकसद को पाना है अर्थात् पुरा खेल खत्म करना, पुरा युध्द

जीतना न कि छोटी मोटी लड़ाईयाँ जीतना।- (एडविन सी. ब्लिस)

(4.) अच्छी आदतोँ को निरँतर दोहराना और अच्छे आचरण को अपनाना और ये

प्रक्रिया तब तक करना जब तक आप एक सफल आदमी के जितना गुणी न बन जायेँ।

क्योँकि यही सफलता है।

(5.) सफलता की मात्रा कभी कम नहीँ होगी बशर्ते आप ये समझेँ कि देर से

मिली सफलता भी सफलता है। और असफलता के बाद मिली सफलता भी तो सफलता ही है।

(6.) रास्ते मेँ कितनी असफलताएँ मिलेँ, सफलता को ही अपना लक्ष्य बनाईये

क्योँकि असफलता से ही भले आपकी शुरूआत हो लेकिन अंत तो सफलता पर ही होगी।

क्योँकि पड़ाव कठिन होँगे तो मँजिल आसान होगी ही।

सफलता Means एक तरह का Enjoyment. आप उन कामोँ को कीजिये जिन्हेँ आप सचमुच एक बड़ा काम समझते हैँ, और वही एक बड़ा काम होगा जिसको करके आप Enjoyment feel करते हैँ।

3 Idiots movie मेँ एक Best बात कही गयी है कि काबिल बनेँ, कामयाबी झक मारकर पीछे आयेगी।

इसलिये सफलता का Simple and best परिभाषा है- जिसमेँ आपकी रूचि है उसी पर पुरा फोकस करके आगे बढ़ेँ आपको जरूर ही सफलता मिलेगी। सफलता का मतलब अपनेँ Main goal को पहचान कर आगे बढ़ना है।

हम Success के लिये एक बहूत Best सिध्दांत use मेँ लाते हैँ और आप भी लाइयेगा कि

“हम ये क्योँ नहीँ सोँचते कि हमेँ हर बार जीतना है,
बल्कि ये क्योँ सोँचते हैँ कि हमेँ जीतना है….”

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2014 के 14 Special वादे. Motivational Article in Hindi https://www.hamarisafalta.com/2014/01/2014-ke-14-special-promises.html https://www.hamarisafalta.com/2014/01/2014-ke-14-special-promises.html?noamp=mobile#respond Wed, 01 Jan 2014 11:56:00 +0000 http://www.hamarisafalta.org/2014/01/01/2014-ke-14-special-promises/   Hello Friends आप सभी Readers को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायेँ। Wish you a very Happy New Year to all of you.. आज हमनेँ 2014 मेँ कदम रख लिया है। और हमेँ इस वर्ष को बहूत ही बेहतरीन, खुशनुमा और बहूत ही ज्यादा सफल बनाना है, So इसके लिये आपको कुछ वादे करना है। Friends generally आज बहूत से लोगोँ के मुँह से एक बात सुननेँ मेँ आती है कि ‘वादे तो वादे होते हैँ।’ लेकिन यदि व्यक्ति अपनेँ […]

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Hello Friends आप सभी Readers को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायेँ। Wish you a very Happy New Year to all of you..

आज हमनेँ 2014 मेँ कदम रख लिया है। और हमेँ इस वर्ष को बहूत ही बेहतरीन, खुशनुमा और बहूत ही ज्यादा सफल बनाना है, So इसके लिये आपको कुछ वादे करना है।

Friends generally आज बहूत से लोगोँ के मुँह से एक बात सुननेँ मेँ आती है कि ‘वादे तो वादे होते हैँ।’ लेकिन यदि व्यक्ति अपनेँ द्वारा किये वादे पर खरा उतरे तो वह अवश्य Successful बनेँगा। और आज इस New year के अवसर पर आपको कुछ Promises करनेँ हैँ, दुसरोँ से नहीँ बल्कि स्वयं से। But यदि आपको Successful बनना है तो सिर्फ Promis ही नहीँ करना है बल्कि उन्हेँ निभाना भी है और इस New year को बीते सभी वर्षोँ से Best and Successful बनाना है। दोस्तोँ हमारी Life मेँ Responsibility की बहूत ही ज्यादा Value है। यदि देखा जाये तो कई लोग तो Responsibilities के चलते ही New year भी Celebrate नहीँ कर पाते। और I think ऐसा बहूतोँ के साथ होता है, और Responsibility (जिम्मेदारी), Duty (कर्तव्य) से बढ़कर और क्या चीज हो सकती है। So मैँ भी इस New year के मौके पर कुछ छोटी छोटी Responsibilities, Share करना चाहता हूँ या कहूँ तो मै आपके लिये अपने साथ कुछ जिम्मेँदारी लाया हूँ। ये जरुरी नहीँ कि सारी Responsibility आप पर लागु हो, जो आप पर लागु ना हो उन्हेँ आप बेझिझक छोड़ दीजिये But जो आप पर फिट बैठे आप पर लागु हो उसे Please अमल मेँ लाइये क्योँकि अमल करते ही आप समझ जायेँगे कि वाकई मेँ ये आपके लिये क्योँ जरूरी है..

1.)  अपनी एक बुरी आदत आज ही छोड़ेँ-  

आप HSC & AKC के Regular reader हैँ तो मैँ इतना तो Garanty से कह सकता हूँ कि आपकी अच्छी आदतेँ, दुसरोँ की तुलना मेँ बेहतर ही होगी। लेकिन आप यदि मानते हैँ कि आपके अंदर कोई भी बुरी आदत या कहेँ कोई गलत लत नहीँ है तो फिर आपको Special certificate के साथ पुरुस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिये। क्योँकि आजतक मैनेँ किसी ऐसे आदमी को नहीँ देखा जिसके अंदर एक भी गलत लत न हो। हाँ ये बात भी सही है कि मैँ आप Readers से नहीँ मिला, न ही मैँ आप मेँ से किसी को जानता हूँ। लेकिन इतना जरूर यकीन के साथ कह सकता हूँ कि आपके अंदर भी कहीँ न कहीँ कोई एक बुरी लत होगी ही। बुरी लत Means शराब पीना, सिगरेट पीना, पान गुटखा चबाना Etc.. का सेवन करना ही नहीँ है बल्कि बुरी लत Means ये भी तो हो सकते हैँ कि तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना, बिना गलती दुसरोँ पर आरोप लगाना, अपनी गलती न मानना, बिना कारण के झूठ बोलना, अपशब्दोँ का Use करना, दुसरोँ का मजाक उड़ाना, किसी को Respect न देना, देर रात तक जागना, सुबह जल्दी न उठना, खाते वक्त T.V. देखना.. Etc.. आदि चीजेँ भी तो गलत लत के Under ही आती हैँ। मैँ New year के खास मौके पर आप सभी से यही बात कहना चाहूँगा कि आप आज और अभी इस Article को पढ़नेँ के बाद अपनी Daily life और Daily रोटेट  पर होनेँ वाली बुरी लतोँ पर जरूर झाँककर देखेँगे। आप गौर से देखेँगे तब आपको अपनी कोई न कोई बुरी लत मिल ही जायेगी, लेकिन मैँ ये नहीँ कह रहा कि सारी बुरी आदतोँ को आप एक साथ आज ही छोड़ देँ। मैँ यदि कहूँ कि आपको सभी बुरी आदतेँ एक साथ छोड़नी है तो ये Indirect रूप से एक प्रवचन कहलायेगा और New year के मौके पर मैँ प्रवचन नहीँ दे रहा हूँ। मेरे कहनेँ का Short meaning सिर्फ इतना है कि आप इस वर्ष अपनी एक ही बुरी लत को छोड़ेँ ज्यादा नहीँ सिर्फ एक ही बुरी लत जो आपको सबसे बड़ी लगती हो Means ऐसी एक बुरी आदत को पहले छोड़ेँ जो आपके Success मेँ As a Resistance की तरह Work करता है। आपनेँ एक कहावत तो सुनी ही होगी कि ‘बूँद बूँद करके घड़ा भरता है।’ Same यदि आप आज अपनी एक गलत लत को छोड़ेँगे तो आपको पता चल जायेगा कि वाकई ऐसा करनेँ से आपका Result बेहतर आया। और धीरे धीरे आप स्वयं अपनी दुसरी गलत लतोँ को छोड़नेँ मेँ लग जायेँगे जिससे आपमेँ एक दिन अच्छे आदतोँ की ही खुबी रहेगी। मैनेँ इस कहावत का ठीक उल्टा करके देखा शायद आप इस कहावत को अच्छे से समझ जायेँ कि

‘ पानी से भरे घड़े मेँ जब हम छेद कर देँ तब बुँद बुँद करके घड़ा खाली हो जाता है।’ इसका मतलब भी Same है कि धीरे धीरे आप अपनी बुरी आदतोँ को अपनेँ अंदर से निकालते जायेँगे तो आपकी Life एक Best मोड़ ले लेगी। So दोनोँ कहावतोँ मेँ किसी भी कहावत को आप Choose करके अपनीँ बुरी आदत को छोड़ सकते हैँ। SO FRIENDS आपकी First जिम्मेदारी है कि आप इस New year अपनीँ एक गलत आदत को Bye Bye कह रहे हैँ…

2.) सफलता की गाथा लिखनेँ वाले हमारे शरीर के लिये अपना एक कदम-

आज हर कोई Successful बननेँ के लिये भागदौड़ कर रहा है। दिन रात एक करनेँ मेँ लगा है। अपनी पूरी मेहनत Success को प्राप्त करनेँ मेँ लगा दे रहा है। लेकिन एक बात हम भूल ही जाते हैँ कि हमारी सफलता और असफलता के बीच जो सबसे ज्यादा या कहेँ तो Completely कार्यरत रहता है वो है हमारा शरीर, हमारी Body. हमारे Life का Enjoyment खत्म ही हो जाता है जब हम बार बार Doctors के पास जानेँ लगते हैँ Means बार बार बीमार पड़ते हैँ। मेरा मतलब यह है कि यदि हमारे Body मेँ तकलीफेँ Generate होनेँ Start हो गये तो हमारी आधे से ज्यादा पूँजी इसी मेँ Waste हो जायेगी जिसके चलते हमारे Life का enjoyment,  zero power direction मेँ चला जायेगा। दोस्तोँ हमारे Body की Real value वही समझता है जो बीमारियोँ से जुझ रहा होता है और जिसनेँ बीमारियोँ के चलते ही अपनेँ शरीर का कोई विशिष्ट अंग गँवाया है। Health के लिये Prime minister या Post man की Success को नहीँ देखा जायेगा। So आपकी Responsibility है कि आप अपनेँ Health पर नजरे गड़ायेँ क्योँकि Success के रास्ते पर हमारे कदम तब बढ़ेँगे जब हमारा शरीर स्वस्थ अपनेँ Bad से उठेगा और घर से बाहर निकलेगा। So friends मैँ आपके लिये कुछ छोटी छोटी Promises लाया हूँ उनमेँ से आप किसी को भी Choose कर सकते हैँ जो आपको अच्छा लगे

1. रात को Time पर सोना।

 2. सुबह जल्दी उठना।

 3. सुबह शाम की हवा लाख रूपये की दवा इस Theory को Practical life मेँ उतारना।

 4. प्रतिदिन एक घंटा स्वामी रामदेव जी को देना।

 5. भुख से एक रोटी कम खाना।

 6. हप्ते मेँ तीन दिन व्यायाम जरूर करना।

 7. स्वास्थ्य संबंधी विशेष सलाहोँ का पालन करना।

 8. माँसाहार का त्याग करना। (Because सादा आहार शुध्द विचार)

 9. रोज आधा घण्टा ध्यान करना।

10. आयुर्वेदिक जड़ी बुटियोँ का भरपुर उपयोग करना।

11. ज्यादा से ज्यादा एक घंटा पैदल चलना।

12. आफिस मेँ लिफ्ट की जगह सीढ़ियोँ का Use करना। Etc…

इस साल अपनेँ आपसे ये ऐसे बहुत सारे वादे आप कर सकते हैँ जो आपके शरीर को

Healthy रखनेँ मेँ आपकी मदद करेँ।

आपनेँ एक बात Notice की होगी कि जब Computer के मेँ वाइरस आ जाता है तो

Generally system slow हो जाता है और हम ज्यादातर उसे Refresh करते हैँ

ताकि System की speed बढ़ जाये और कम्प्युटर फिर तेजी से कार्य करनेँ लगता

है। और इसी प्रकार जब हम बीमार पड़ते हैँ तब हमारे शरीर के कार्य करनेँ की

Speed बहूत ही कम हो जाती है और हमेँ Doctor की मदद लेनी पड़ती है। तो जब

हम Computer को Refresh करके उसकी गति बढ़ा सकते हैँ तो अपनेँ शरीर को

Refresh करके अपने Body को Healthy नहीँ बना सकते क्या?

इसलिये Doctor uncle को हजार लाख रूपये देनेँ के बजाय आप खुद अपनेँ आपको

ऊपर लिखे नियमोँ के Through refresh करेँ और Healthy होनेँ के लिये आपके

पास और भी बहूत सारे Tips होँगे, So आप अपनेँ तरीकोँ से अपनेँ सेहत का

ध्यान रखेँ।

क्योँकि मेरा मानना है कि ‘सेहत है तो सफलता है।’ 

                              

 3.) अपनेँ Parents को एक बेहतरीन उपहार भेँट करेँ-

New year मेँ Celebration तो सब जगह होती ही है। और इस मौके पर सभी

Friends लोग एक दुसरे को कई Gifts भी Share करते हैँ लेकिन इस वर्ष आपको

अपनेँ दोस्तोँ के अलावा अपनेँ माता पिता के बारे मेँ भी सोँचना है।

आप अभी जिस भी Post पर हैँ जहाँ भी हैँ अपनेँ Parents के दुआओँ के कारण

ही हैँ। याद रखिये कि यदि आप अपनेँ Parants की कदर नहीँ करेँगे तो दुनिया

भी आपकी कोई कदर नहीँ करेगी।

इस वर्ष आप उन्हेँ उनके पसँद की कोई बेहतरीन चीज दीजिये जैसे उन्हेँ

तीर्थ यात्रा पर जानेँ का मौका दीजिये, उन्हेँ भेँटवश कोई ऐसी चीज दीजिये

जो उन्हेँ जीवन भर याद रहे। उनके साथ अच्छे Time spend कीजिये। पिकनिक

जाईये।

Means कुछ ऐसा करिये कि बीते सब वर्षोँ से सबसे ज्यादा खुशी हो। और इसमेँ

कोई Doubt वाली बात ही नहीँ कि जब आप उन्हेँ मुस्कुराते हूये देखेँगे तो

सबसे ज्यादा खुशी आपको हो। So friends आपको ये वादा करना है कि आप अपनेँ

Parents के साथ हसेँगे मुस्कुरायेँगे उनको हसायेँगे क्योँ ये आपकी एक

छोटी सी Responsibility है।

4.) For parents, अपनेँ बच्चोँ के लिये अपना एक Personal टाईम टेबल निर्धारित करेँ-

दोस्तोँ, बहूत से बच्चोँ के मुँह से मैने सुना है कि उनके मम्मी या पापा

उन्हेँ Time नहीँ दे पाते।

इस New year मैँ Parents लोगोँ से कहना चाहूँगा कि आपकी First

responsibity अपनेँ बच्चोँ के लिये है इसलिये आप अभी से उन्हेँ अच्छे

संस्कार दीजिये क्योँ कि यही संस्कार चलकर सफलता मेँ Convert होते हैँ।

Parents ही अपनेँ बच्चोँ के सबसे Best friend होते हैँ वो ही उन्हेँ एक

सही रास्ता दिखाते हैँ। इसलिये ये जरुरी है कि पालक अपना ज्यादा से

ज्यादा Time अपनेँ बच्चोँ के साथ Spend करेँ। उनसे घुल मिलकर As a friend

की तरह रहेँ। आप अपनेँ विचार अपनेँ child से Share करेँ और बच्चे भी

अपनेँ विचार अपनेँ Parents के साथ बाँटे।

यदि ऐसा ही दोस्ताना माहौल दोनोँ के बीच रहा तो Life बहूत हद तक Change हो जायेगी।

So एक वादा आज करेँ कि parents को अपनेँ बच्चोँ की आवश्यकताओँ की पुर्ति

ही नहीँ करना है बल्कि As a friend उन्हेँ समझना है और बच्चोँ के लिये भी

यही बात लागु होती है कि आप भी अपनेँ माता पिता को अपना एक सच्चा दोस्त

मानेँ और अपनी Problems अपनी सोँच उनके साथ Share करेँ।           

 5.) दान करेँ महान बनेँ-

आपनेँ बागबान Movie देखी ही होगी, Mr. अमिताभ बच्चन एक दिन एक गरीब बच्चे

के पढ़ाई खर्च वहन किये रहते थे और इसका परिणाम उन्हेँ Last मेँ कितना

बेहतर मिलता है ये आप सब जानते ही हैँ। आज भारत मेँ ऐसे कई बच्चे अपनेँ

गरीबी के चलते School नहीँ जा पाते, तो आज इस वर्ष आप ये Promiss करेँ कि

आप किसी एक बच्चे के School का खर्च वहन करेँगे। यदि किसी गरीब बच्चे को

आप पैसे देँगे तो शायद वो खर्च कर दे, इसलिये आप उसे एक बेस्ट उपहार

स्वरुप उसे शिक्षा हेतु स्कुल मेँ Admit करवा दिजिये। वो बच्चा जिँदगी भर

आपके गुण गाता रहेगा।

6.) विरोध करना सीखेँ-

हम सब जानते ही हैँ कि गुस्सा करना सेहत के लिये बहूत हानिकारक है। और

गुस्सा संबँधोँ को नष्ट भी करता है। इसलिये इस बुरी लत को छोड़ना ही बेहतर

है। लेकिन आज New year के दिन यदि मैँ आपसे कहूँ कि गुस्सा करना एक अच्छी

बात है तो शायद आप एकदम से चौक ही जायेँगे।

हमारा देश आजाद हुआ इसका मुख्य कारण गुस्सा ही था। महात्मा गाँधी,

भगतसिँह, सरदार पटेल आदि देशभक्त यदि गुस्सा नहीँ करते चुप चाप अंग्रेजोँ

के जुल्म को सहते तो आज हमारा देश यूँ आजाद ना हूआ होता। तो मैँ ये नहीँ

कह रहा हूँ कि आप फालतु मेँ Angry man बन जायेँ।

ये बात आप सब जानते ही होँगे कि जुल्म करना पाप है और जुल्म को सहना उससे

भी बड़ा पाप है।

मेरे कहनेँ का Meaning है कि आज आदमी का Nature ऐसा हो गया है कि हमारे

Society मेँ कुछ भी घट रहा हो, कहीँ कैसा भी अन्याय या अत्याचार हो रहा

हो लेकिन हम या आप वहाँ से गुजरेँगे तो हमारी आँगे मुँदे हुये होँगे। और

शायद Indirect type से ये हमारे स्वार्थ भाव का Result है।

आज पुरा Competition का Generation चल रहा है। हर आदमी Success के पीछे

दौड़ रहा है वो दुसरे को रौँदकर आगे बढ़ जाना चाहता है। Generally रिश्वत

की बात सब जगह सुननेँ मेँ आ ही जाती है, और मैनेँ सोचा कि आदमी रिस्वत

क्योँ देता है तब मुझे ये बात नजर आयी कि आदमी अपनेँ काम को दुसरोँ से

पहले करानेँ के लिये रिश्वत या घुस देता है। वो खुद तो जहाँ पहूँचना

चाहता है पहूँच जाता है But उसके कारण कोई दुसरा योग्य वाला आदमी वहाँ

नहीँ पहूँच पाता।

तो इस रिश्वत के लिये हम स्वयं ही सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैँ।

Friends आज New year के मौके पर मैँ ये बात इसलिये आपके सामनेँ रख रहा

हूँ ताकि आप अपने आपसे एक Promiss करेँ कि इस वर्ष आपको हो रहे किसी

अन्याय या अत्याचार के खिलाफ तो अपना गुस्सा प्रदर्शन करना ही है और अपना

विरोध दर्ज कराना है। अपनेँ आपसे एक Promiss और करना है कि न तो आप

रिश्वत देँगे और न ही लेँगे। इस अत्याचार के खिलाफ अपना क्रोध प्रदर्शित

करेँगे।

हर आदमी लड़ाई करनेँ की Ability नहीँ रखता और न ही चाहता है कि वो किसी

लड़ाई झगड़े मे Involve हो। लेकिन एक बात का ध्यान रखेँ कि आज आपके किसी

पड़ोसी के साथ अन्याय हो रहा है, कल किसी रिश्तेदार के साथ होगा और यदि

आपनेँ इस अन्याय के खिलाफ गुस्सा नहीँ जताया तो यही शायद कल आपके साथ हो।

So friends इस Year आपको Angry man बनना है कब और क्योँ बनना है आप जान

ही गये होँगे और आपको इस वर्ष एक अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी ही है चाहे

वो एक Letter के Through ही क्योँ न हो। लेकिन आवाज उठानेँ से ये Proof

तो हो ही जायेगा कि आपके अंदर का इँसान अभी भी जिँदा है मरा नहीँ..

           

 7.) पौधे लगाइये, वातावरण बचाइये-

आज हर इँसान Nature के साथ खिलवाड़ कर रहा है। अपना पुरा सहयोग पर्यावरण

को सुधारनेँ के बजाय उसके Balance को बिगाड़नेँ मेँ लगा है। आज मोबाईल के

Radiation, कारखानोँ के. गाड़ी मोटर के धुयेँ, पानी का Wastage आदि बहुत

से ऐसी चीजेँ Nature को बहूत ही ज्यादा Effective बना रही हैँ। या कहेँ

तो पुरा बर्बाद करनेँ मेँ लगी हैँ।

पर्यावरण को संतुलित रखनेँ की Responsibility हम सरकार पर ही लाद देते

हैँ लेकिन हमेँ ऐसा नहीँ करना चाहिये। हमारी पुरी जिम्मेदारी है कि हम

इसको लेकर कुछ सोचेँ, कहीँ ऐसा न हो कि हमारी आनेँ वाली पीढ़ी ताजा हवा

खानेँ को मजबुर हो जायेँ, साफ पानी पीनेँ के लिये तरस जायेँ। अभी हम लोगो

के पास एक Special opportunity है कि हम अपनी भुल को सुधारेँ और ये

Responsibility लेँ कि हम पर्यावरण के साथ खिलवाड़ नहीँ करेँगे।

और इसके लिये इस New year आपको अपनेँ आपसे Promis करना होगा कि आप

वातावरण और पर्यावरण को शुध्द रखनेँ के लिये जगह जगह पेड़ लगायेँगे। पौधोँ

की बढ़ोत्तरी करेँगे जिससे हमारा पर्यावरण संतुलित रहे।

Friends मैँने एक ऐसी घटना देखी जिसे देखकर मैँ पुरा स्तब्ध रह गया

एक छोटा सा बच्चा एक पौधा हाथ मेँ लिये सड़क के किनारे जा रहा था और उसे

लगा रहा था। तभी उसके पिताजी वहाँ आये और उसे बोलनेँ लगे कि फालतु काम

मेँ अपना Time waste कर रहे हो जाओ चुप चाप जाकर पढ़ना। और वो बेचारा रोते

हुये वहाँ से चला गया।

कहीँ आप भी ऐसा तो नहीँ करते हैँ, पौधे लगाना पर्यावरण को सुरक्षित रखना

हर नागरिक का कर्तव्य है। आप इसे कभी भी फालतु का काम मत ही समझियेगा।

पौधे लगानेँ मेँ आप भी अपनी योगदान देँ यदि आपके पास उचित Time नहीँ तो

किसी एक सच्चे पर्यावरण प्रेमी को उचित राशि भेँट कर देँ ताकि इस वर्ष

आपके नाम का एक पौधा लग जाये जो लाखोँ लोगोँ की जिँदगी का प्रतीक हो।

मेरा मानना है कि एक पौधा कई लाख लोगोँ की जिँदगी के बराबर है।

इसलिये आप इस वर्ष अपने आपसे वादा करेँ कि आप एक पौधा लगायेँगे और उसकी

देखभाल अपनेँ बच्चे की तरह करेगे।

यकीन मानिये कि जब आपके नस्ल आपकी Next generation के बच्चोँ को पता

चलेगा कि ये पौधे आपनेँ लगाये हैँ तो उनकी खुशी की कोई सीमा नहीँ रहेगी।

So friends ये New year इस सिध्दांत को अपनाये पौधा लगायेँ और पर्यावरण बचायेँ।               

8.) सीखते चलिये- KBC का एक Diologue हमेशा दिल को छु जाता है कि ‘सीखना

बँद तो जीतना बंद’

इस वर्ष आपको ये वादे करनेँ हैँ कि आपकी उम्र चाहे कितनी भी क्योँ न हो

आप सीखना जारी रखेँगे क्योँकि सीखना बंद तो जीतना बंद।

एक बात आपनेँ सुनी ही होगी कि ‘सीखनेँ की कोई उम्र नहीँ, सीखनेँ की हर उम्र सही।’

So friend इस वर्ष आप वादा करेँ कि कुछ नया चीज जरूर सिखेँगे। For example-

अंग्रेजी बोलना सीखिये.

संगीत का कोई यंत्र बजाना सीखिये। कम्प्युटर चलाना सीखिये। दुसरोँ की

प्रशँसा करना सीखिये। खाना बनाना सीखिये। बाइक चलाना सीखिये। अच्छे

किताबेँ पढ़ना सीखिये। Etc..

आप इस वर्ष के लिये Promis कीजिये कि जो भी कुछ नया सीँखना चाहते हैँ, इस

वर्ष सीखेँगे और अच्छे से सीखेँगे।

9.) ऊपरवाले मालिक के लिये अपना विशेष Time-

बिना ऊपर वाले के मर्जी के बगैर एक पत्ता भी नहीँ हिल सकता, ये बात आप सब

जानते ही हैँ। तो इस New year आप Promis कीजिये कि आप भगवान के लिये आपकी

जो भी Responsibility हैँ आप निभायेँगे। ईश्वर नेँ आपको इतनी अच्छी Life

दी है, तो आप उनके लिये तो थोड़ा Time निकाल ही सकते हैँ। इसलिये इस वर्ष

ईश्वर के लिये अपनेँ कीमति समय मेँ चंद घंटे देँ। हफ्ते मेँ एक बार तो

मँदिर, मस्जिद, चर्च, गुरूद्वारे मेँ लगभग एक घंटे बितायेँ। आपको अंदर से

बहूत ताकत मिलेगी आपका मन हल्का हो जायेगा।

My friend ganesha की तरह भगवान को अपना दोस्त बनाइये और हर दिन दस मिनट

शांति से उनके साथ बिताईये, Problem शेयर कीजिये। दोस्तोँ को बताएंगे तो

शायद Lick हो जाये उससे अच्छा भगवान को बतायेँ लिक होनेँ की Possability

ही नहीँ रहेगी।

मेरा मानना है कि भगवान प्रार्थना का भुखा नहीँ प्रेम के भुखे हैँ। So

friends आप इस वर्ष नफरत भावना को निकालेँ और किसी असहाय की मदद करेँ,

प्रेम जतायेँ, और अपनेँ कर्ता धर्ता के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित करेँ।                    

10.) अपना चुनाव अपना वोट-

आप इस वर्ष एक अच्छे कामोँ की List बनाइये, आप कैसे लोगोँ से मिल रहे

हैँ, कैसे दोस्त बना रहे हैँ वो भी लिस्ट मेँ हो। आप इस वर्ष अपनेँ लिये

बेहतरीन कामोँ, अच्छे Friends, जो भी आप अच्छे आदतोँ को अपनाना चाहते हैँ

उनका चुनाव कीजिये और रात को सोते वक्त अपनेँ Daily life के कामोँ पर गौर

कीजिये कि आप अपनेँ चुनाव को ठीक से अपना रहे हैँ कि नहीँ, फिर रोज एक

डायरी मेँ अपनेँ लिये ही वोट कीजिये। आप पायेँगे साल भर मेँ आपके पास

अच्छी आदतोँ की भरमार होगी, शिकायत के लिये शब्द नहीँ रहेगा। लेकिन आपनेँ

अच्छा चुनाव किया हो और अपनेँ लिये रोज वोट कर रहे होँ तो।

So friends इस New year आप PROMIS करेँ कि आप अपनेँ लिये अच्छे चुनाव

करेँगे और अपनेँ लिये खुद वोट करेँगे, खुद की पीठ थपथपायेँ। ये वर्ष आपके

लिये सबसे best होगा।

11.) हर माह अच्छे और प्रेरणादायक किताबेँ पढ़ेँ-

Friends जब मैँ School मेँ था तब एक बात दीवार पर लिखी थी कि पुस्तकेँ

आदर्श मित्र के समान हैँ। और Ajab prem ki ghajab kahani मेँ कैटरीना जी

का एक Diologue मुझे बहुत अच्छा लगा कि किताबेँ हमारी Best friend होँती

हैँ ये न तो Demand करती हैँ और न ही Complain..

आप एक बात याद रखेँ कि भले ही आपनेँ कितनी भी Income कर ली हो लेकिन

ज्ञान अर्जित नहीँ किया तो वो पैसा किसी भी काम का नहीँ। आपका धन कभी

चोरी हो सकता है लेकिन ज्ञान Knowledge आपकी कभी खाली नहीँ जायेगी।

इसलिये आप इस वर्ष हर माह अच्छे से अच्छे Books पढ़ेँ और अपनी Knowledge

improve करेँ। Motivation एक Fire की तरह Work करता है यदि आप ईँधन नहीँ

देँगे तो शायद वो बूझ जाये।

So monthly motivated, knowledge बढ़ानेँ वाली अच्छी किताबेँ पढ़ेँ।          

12.) इस वर्ष अपनी किस्मत खुद लिखेँ –

आज Competition का Generation है, चाहे वो Business मेँ हो, चाहे वो किसी

Exam मेँ हो, चाहे वो Famous बननेँ मेँ हो। लेकिन हर तरफ एक प्रतियोगिता

तो चल ही रही है। आज कई Students अपनेँ Exam को Luck भाग्य या कहेँ

किस्मत के भरोसे छोड़ देते हैँ और मेहनत नहीँ करते जिसके कारण असफल हो

जाते हैँ, चंद Students ही अपनेँ तुक्कोँ के भरोसे पास हो जाते हैँ। ऐसा

Business या Successful बननेँ के बहूत Sectors मेँ देखनेँ को मिलता है।

लेकिन इस New year हमेँ किस्मत और भाग्य के भरोसे हाथ पर हाथ धरकर नहीँ बैठना है।

इस नये साल पर आप अपनेँ आपसे एक Promiss कीजिये कि आप इस वर्ष सही दिशा

मेँ अपनी पुरी मेहनत करेँगे और भाग्य को अपना काम करनेँ देँगे और आप अपना

काम करेँगे, किस्मत चमकनेँ का इंतजार नहीँ करेँगे।

हाल ही मैँ एक Exam दिलानेँ गया था वहाँ दीवार पर लिखी एक बात देखी जो

मुझे बहूत ही अच्छी लगी कि

“1. दो अक्षरोँ से मिलकर बनता है- ‘लक’

2. ढाई अक्षरोँ से- ‘भाग्य’

3. तीन अक्षरोँ से- ‘नसीब’

4. साढ़े तीन अक्षरोँ से-‘ किस्मत।’

लेकिन याद रखेँ कि ये चारोँ के चारोँ एक चार अक्षर के शब्द ‘मेँहनत’ के

सामनेँ बहूत ही छोटे हैँ।

So friends इस Year हमेँ सही दिशा मेँ मेहनत करनी है और अपनीँ किस्मत खुद

चमकाना है और बीते वर्षोँ की तरह किस्मत चमकनेँ का Wait नहीँ करना है।

Mr. आमिर खान sir नेँ अपनी एक नयी Movie Dhoom 3 मेँ एक बहुत ही अच्छी

बात शायरी के Through कही है जिसे आप सब जानते ही होँगे But मैँ फिर से

दोहराना चाहूँगा-

” बंदे हैँ हम उसके,

  हमपे किसका जोर।

  उम्मीदोँ के सुरज,

  निकले चारोँ ओर।

  इरादेँ हैँ फौलादी,

  हिम्मती हर कदम।

‘अपने हाथोँ किस्मत लिखनेँ आज चले हैँ हम।’

So दोस्तोँ इस वर्ष आपको ये Promiss करना है कि इस वर्ष आप अपनी किस्मत

खुद लिखेँगे न कि किस्मत के भरोसे रहेँगे।

13.) अपनेँ अंदर के डर को मारेँ-

Friends आप जानते हैँ कि किसी व्यक्ति के असफल होनेँ का एक सबसे बड़ा

Reason क्या होता है। यदि आप नहीँ जानते तो आज इस सच्चाई को जान लेँ कि

आदमी के असफल होनेँ एक सबसे बड़ा Reason है- आदमी का डर या भय।

हमारी Life मेँ हर व्यक्ति ‘Become a Successful man’ के List मेँ अपना

नाम Registor करवाना चाहता है लेकिन उसका नाम List मेँ आते आते रह जाता

है, वजह है हमारा डर।

यदि आज के दौर मेँ आप दुनिया के सामनेँ अपना Talent नहीँ दिखायेँगे तो आप

सचमुच कुयेँ के मेँढक बनकर रह जायेँगे।

आपके अंदर Talent है और यदि आप डर की वजह से अपनेँ सपनोँ को मार रहे हैँ,

लोगोँ के सामनेँ आनेँ से झिझक रहैँ हैँ तो आप सचमुच डरपोँक की उपाधि

हासिल करनेँ वाले हैँ।

आप Readers मेँ ज्यादातर लोग Office मेँ काम करते होँगे, और Office मेँ

Meetings भी होती होँगी। Meetings मेँ कई सारे Deals भी होते होँगे।

लेकिन मिटिँग मेँ पहला आदमी अपनी पहचान बेहतर ढंग से बना लेगा और दुसरा

आदमी चुपचाप अपनेँ Seat पर बैठे सिर्फ Presentation सुन रहा होगा। वजह

पहला आदमीँ बिना डरे सब के सामनेँ अपना प्रस्ताव रखनेँ का साहस करेगा।

बिना डरे अपनेँ Boss के सामनेँ बोलनेँ का साहस करेगा। और दुसरा ये सोँचते

हुए डरता रहेगा कि कहीँ उसके प्रस्ताव को ठुकरा तो न देँगे या उसके

प्रस्ताव का मजाक तो नहीँ बन जायेगा।

Generally ऐसा Office के बाहर भी होता है। भीड़ मेँ, Stages मेँ, Talent

shows मेँ, School college मेँ, Etc.. देखनेँ को मिलता है।

एक आदमी बाजी मार ले जाता है और दुसरा डर के मारे सिर्फ देखते रह जाता है।

इस डर को दुर करनेँ के लिये जगह जगह  Personality development के Courses

चलाये जा रहे है, ताकि लोग अपनेँ अँदर के डर को मारेँ और लोगोँ से पुरे

साहस के साथ खुलकर बात करेँ।

एक महापुरूष नेँ बहुत ही सराहनीय वाली बेहतरीन बात कही है कि

“मुझे ऐसे लोग बिल्कुल पसंद नहीँ जो डरकर लोगोँ के सामनेँ लोगोँ के

सामनेँ, भीड़ के सामनेँ बोलनेँ का साहस नहीँ करते। बल्कि मुझे ऐसे लोग

पसंद हैँ जो दिल खोलकर अपनी बात सामनेँ रखेँ, दिख खोलकर बोलेँ, बिना डरे

अपना प्रस्ताव सामनेँ रखेँ, बात करते वक्त न झिझकेँ, चाहेँ उनका

प्रस्ताव, उनकी बात उनका प्रश्न, गलत ही क्योँ न हो।”

So friends इस वर्ष आप अपनेँ आपसे ये Promiss करेँ कि आप Office meetings

हो, Seminars हो, Group discussion हो, Prantations हो, Stages

performance हो, School colleges हो,

चाहे कितनी भी तादात मेँ लोगोँ की भीड़ हो, चाहे कितनेँ बड़े लोगोँ के बीच

मेँ आप होँ, लेकिन बिना डरेँ पुरे ताकत पुरे साहस के साथ बोलनेँ का साहस

करेँगे और सबका दिल जीत ही लेँगे।

एक बात फिर से दोहराना चाहुँगा यदि आप भुल गये होँ तो कि

“डर के आगे जीत है” 

14.) खुद का चालीसा पढ़ेँ- 

Friend मैँने इस Point को अपनेँ मोबाइल पर सुना था और मुझे लगता है कि ये Point आपके लिये बहूत Best साबित होगा।

Friends बीते वर्षोँ आपनेँ एक बात Notice की ही होगी कि आपकी Personality को देखकर, Physical looks को देखकर, हमारी Capabilities को देखकर, हमारी Speciaslity को देखकर.. लोग जो हैँ रोज रोज हमारे अंदर थोड़ा थोड़ा कचरा भरते ही रहते हैँ। Means हमेँ Negative Feel करानेँ मेँ ही लगे रहते हैँ। और हम भी उनके नकारात्मक बातोँ को सुनकर अपनेँ आप पर अपनी काबिलियत पर Doubt  करना शुरू कर देते हैँ।

जिसके चलते हमारा self confidence, self respect कम हो जाता है। जिसके कारण हम अपनेँ जुबान पर I CAN की जगह I Can’t का Use करनेँ लग जाते हैँ। खुद को ही प्यार करना छोड़ देते हैँ। और यदि आप खुद को ही प्यार करना छोड़ देँगे तो आप कैसे Espect कर सकते हैँ कि दुनिया आपसे प्यार करेगी। आप स्वयं पर विश्वास नहीँ कर रहे हैँ तो आप कैसे दुसरोँ को विश्वास दिलायेँगे या लोग आप पर विश्वास करेँगे।

So दोस्तोँ इस वर्ष आपको अपनेँ से ये Promiss करनी है कि आप हर रोज अपनेँ खुद का चालीसा पढ़ेँगे।

खुद का चालीसा Means आप Qualities की एक बेहतरीन List बनाओ, अपनेँ आप पर प्यार जताओ और अपनेँ Goal, Target लक्ष्य को याद करो कि ये मेरा Target है ये मेरे Plans हैँ और कोई साथ दे या ना दे मैँ खुद अपनेँ साथ हूँ। And आप रोज अपनेँ आपसे कहो कि मैँ अपनेँ आपको वहाँ पहुँचा कर ही रहूँगा जहाँ मैँ जाना चाहता हूँ और दुनिया के Negativity का खुद पर असर नहीँ होनेँ दुँगा।

तो इस वर्ष आपको अपनेँ आपसे सबसे ज्यादा प्यार करनी है। Daily खुद के बारे मेँ एक Best comment करनी है। दोस्त मिले और बिछड़ गये, लोग आये और चले गये, कई मिले और चले गये लेकिन एक इंसान था जो शुरू से आपके साथ था और आपके आखिरी पल तक आपके साथ रहेगा, वो है आप खुद। So friends आप ये Promiss कीजिये कि आप खुद से प्यार करेँगे, अपनेँ आपको Self respect देँगे और अपनेँ आप पर 100% विश्वास करेँगे तभी बाहर के लोग आपसे प्यार करेँगे आप पर विश्वास करेँगे, और आपकी इज्जत करेँगे।

…..

कुछ अच्छी बातेँ इस वर्ष आपके जीवन मेँ एक नया परिवर्तन ला सकती हैँ

1.) प्रशंसा के माध्यम से आप किसी दुश्मन को भी मित्र बना सकते हैँ। संसार का सबसे बड़ा पुरूस्कार प्रशंसा को ही माना जाता है, इसलिये मेरा मानना है कि किसी की खामी निकालनेँ के बजाय प्रशंसा करना हजार गुना अच्छा है। प्रशंसा और प्रसन्नता मेँ गहरा संबंध है, प्रशंसा, प्रसन्नता पैदा करनेँ का Base कहा जाता है। So किसी की प्रशंसा Daily करनेँ की एक अच्छी आदत बनायेँ।

2. मेरी प्यारी दीदी नेँ जन्मदिवस के अवसर पर मुझे कुछ अच्छी बातेँ लिखकर दी थीँ जो मेरी जिँदगी का एक बड़ा हिस्सा बन गयीँ

a. जीवन मेँ हमेशा अच्छा सोँचना।

b. सफलता पानेँ के लिये हमेशा कोशिश करना।

c. किसी से विश्वासघात मत करना।

d. हमेशा समय का सदुपयोग करना।

e. कभी किसी को कठोर वचन मत बोलना।

f. अपनेँ लिये ही मत सोँचना।

g. अपनेँ से बड़ोँ का हमेशा सम्मान करना। etc..

.

हम सब कुछ खास पलोँ मेँ खास लोगोँ को Gifts भेँट करते ही हैँ लेकिन उपहार के साथ आप उन्हेँ कुछ अच्छी बातेँ भी लिखकर देँ ताकि जीवन भर वो बातेँ उनके Life को Best बनानेँ मेँ काम आयेँ।

3. जब मैँ School मेँ था तब मेरे एक प्रिय Teacher नेँ एक गानेँ के बोल को हम सबके सामनेँ बताया कि “बातेँ भुल जाती हैँ, यादेँ याद आती हैँ।” तब उस Time मैनेँ एक Point लिखा था कि यदि हम हमारी Life और एक कोरे किताब का Example लेकर देखेँ तो हमारे सामनेँ एक बेहतरीन बात सामनेँ आयेगी। हम कोरे किताब मेँ

कुछ न लिखेँ, और उसे मेज पर ज्योँ का त्योँ रख देँ तो वो ऐसी ही हमेशा के लिये पड़ी रहेगी जब तक हम उसके पन्नेँ पलटे ना। लेकिन हमारी जिन्दगी के पन्नोँ को ना चाहकर भी रोज समय द्वारा पलटा जा रहा है अब चुनाव हमारे स्वयं का है कि पन्नोँ को ऐसे ही पलटनेँ दिया जाये कि उसमेँ कुछ ऐसी यादेँ भरी जायेँ जिससे हमारी Life की किताब एक world best seller मेँ शामिल हो।

So friends आपको इस New year अच्छी से अच्छी और बेहतर से बेहतर यादेँ अपनी जिँदगी मेँ शामिल करनीँ है।

और अपनेँ Life को Best बनाना है।

….

4.) इस Year अपनेँ किसी दुश्मन को माफ कर देँ और अपनेँ गलती को सुधारनेँ का एक मौका देँ, क्योँकि माफ करना, गलती सुधारनेँ का मौका देना भी एक अच्छी आदत मेँ शामिल है।

So friends इस साल आप अपनेँ किसी एक दुश्मन को माफ कर देँ और अपनी दोस्ती जाहिर करेँ। Same process क्षमा मांगनेँ के लिये भी होता है।

आपनेँ यदि किसी के साथ विश्वासघात किया है, दिल दुखाया है तब आपको उससे क्षमा माँग लेना चाहिये क्योँकि इससे दुसरे को खुशी तो होगी ही साथ मेँ आपको भी अच्छा Feeling होगा। इसलिये दोस्तोँ इस वर्ष किसी एक गलती के लिये क्षमा मांगेँ और कोई एक गलती माफ करेँ।

Friends इस First post पर मैँ आपसे यही उम्मीद रखुँगा कि इस Article को पढ़नेँ के बाद कहीँ न कहीँ

आपनेँ Mind मेँ एक अजीब सी हलचल तो जरूर होगी And आपके जीवन मेँ एक बेहतरीन Changes आयेँगे।

मैँ Next post मेँ ‘हमारी सफलता’ के अच्छे Points आपके साथ Share करूँगा जो आपको एक successful man बननेँ मेँ पुरी मदद करेँगा।

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